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1. यह कि ओंकारेश्वर मंदिर ज्योतिलिंग की सेवा भूमि सर्वे नं. 306 रकबा 2.

242 हे की सेवा भूमि ग्राम खजुरिया में स्थित


है। मंदिर देव स्थान जिला खण्डवा पूनासा तहसील क्षेत्र अधिकारी में आता हैं। परन्तु सांवरे अनुविभागीय अधिकारी द्वारा अपने
क्षेत्र अधिकार से बाहर दिनांक 09/04/2001 जावक के 687 जिसमें प्रकरण के . का उल्लेख नहीं है। जो पुजारी नियुक्त्ति
प्रदीप कु मार पिता सदाशिवराव ओंकारेश्वर मंदिर खजुरिया कर दिया। मंदिर देव स्थान का नाम बदल दिया। जो यह पुजारी
नियुक्ति निरस्त करने योग्य हैं।
सांवेर अनुविभागीय अधिकारी ने ओंकारेश्वर मन्दिर देव स्थान ओंकारेश्वर पुनासा तहसील के खंडवा जिले में आता है यह क्षेत्र
अधिकार पुनासा तहसील के अनुविभागीय अधिकारी के अधिकार क्षेत्र का है ,
सांवेर अनुविभागीय अधिकारी के क्षेत्रमें आता ही नही है जिसके दस्तावेज राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है |

2. यह कि, खसरा नकल 1990-91 में ओकारेश्वर मंदिर पुजारी बसन्तराव पिता के शवराव निवासी बड़वाह का नाम दर्ज हैं
और इसी खसरा नकल में पुजारी का नाम कम करना बताया गया। जबकि दूसरी पुजारी नियुक्ति 09/04/2001 की गई हैं।
क्या 10 वर्ष तक यह पुजारी का पद रिक्त था। यह सब फर्जीवाड़ा है। जो यह पुजारी नियुक्ति निरस्त करने योग्य हैं , राजस्व
रिकॉर्ड में पुजारी का नाम कम करना वर्ष 1990-91 दर्शाया गया ओर यह फर्जी नियुक्ति 09/04/2001 को की गइ तो इस
बिच 10 वर्ष तक कोई पुजारी नही था यह देवस्थान मन्दिर 10 वर्ष किसने देखा , इस देव स्थान की 10 वर्ष तक किसने पूजा
की |

3. यह कि इसी सर्वे नं. 306, रकबा 2.242 हे खसरा नकल वर्ष 1998-99 में भी ओंकारेश्वर मंदिर प्रबंधक महोदय,
कलेक्टर दर्ज है। इसी सर्वे न रकबा की नकल 2022-23 की खसरा नकल ओंकारेश्वर प्रबंधक महोदय, कलेक्टर दर्ज हैं।
किसी भी नकल में ग्राम खजुरिया ओकारेश्वर मंदिर दर्ज नहीं हैं। जो नकल श्रीमान की सेवा में प्रस्तुत हैं | राज्य शाशन के किसी
भी अनुविभागीय अधिकारी को सर्वे न. के रिकॉर्ड अनुसार मन्दिर की सूचि के रिकॉर्ड अनुसार मन्दिर देव स्थान का नाम बदलने
का किसी भी कानून में नही लिखा है तो फिर यह देव स्थान ओंकारेश्वर मन्दिर ओंकारेश्वर को खजुरिया ओम्कारेश्वर मन्दिर
किया गया जो गलत है |

4. यह कि सांवरे अनुविभागीय अधिकारी से इस पुजारी नियुक्ति की नकल चाही गई। परन्तु सांवरे अनुविभागीय अधिकारी ने
दिनांक 18/05/2023 को लिखित में एक पत्र दिया गया कि ग्राम खजुरिया ओकारेश्वर मंदिर पुजारी प्रदीप कु मार की नियुक्ति
का सांवेर तहसील की दावरा पंजी तहसील में शेष उपलब्ध रिकॉर्ड की खोज की गई परन्तु इस नियुक्ति का सांवेर तहसील में
कोई नियुक्ति रिकॉर्ड नहीं है। इस पुजारी नियुक्ति के दस्तावेज की सर्टिफाईट नकल सांवेर अनुविभागीय अधिकारीं से मांग की गइ
तो उनके द्वारा इस पुजारी नियुक्ति का सांवेर तहसील में कोई रिकॉर्ड नही है | पुजारी नियुक्ति का रिकॉर्ड क्यों नही है , क्योकि
यह पुजारी नियुक्ति फर्जी की गइ इस वजह से इसका रिकॉर्ड सांवेर तहसील में इसका रिकॉर्ड उपलब्ध नही है ,
लिखित उत्तर सांवेर अनुविभागीय अधिकारी का दिनांक 18/05/2023 को दिया गया है जो पत्र की कापी रिकॉर्ड में उपलब्ध
है |
5. यह कि ओंकारेश्वर महादेव मंदिर ज्योतिलिंग देव स्थान ओंकारेश्वर जिला खण्डवा तहसील पुनासा के प्राचीन मंदिर में कोई
पुजारी की नियुक्ति नहीं होती हैं। इस मंदिर की देख-रेख, रख-रखाव, ट्रस्ट के सदस्य, अध्यक्ष पुनासा तहसील के अनुविभागीय
अधिकारी इस मंदिर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा मंदिर की देखरेख, रख-रखाव किया जाता हैं। मन्दिर के प्रष्ट एव क्षेत्र
के अनुविभागीय अधिकारी पुनासा तहसील के एवं मन्दिर ट्रस्ट के सदस्य एवं अध्यक्ष द्वारा मन्दिर की देख रेख रख रखाव की
जाती है इस प्राचीन मन्दिर देव स्थान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के मन्दिर की पुजारी नियुक्ति होती ही नही है शाषन द्वारा इस
मन्दिर में पुजारी नियुक्त है इसके बावजूद अपने क्षेत्र अधिकार से बाहर जाकर के सांवेर अनुविभागीय द्वारा पुजारी की नियुक्ति की
गइ ऐसा कोनसा पहाड टू ट गया था जो फर्जी काम करना पडा |
6. यह कि इन्दौर कलेक्टर कार्यालय के अपर कलेक्टर से हातोद तहसील के सम्पूर्ण मंदिर की सूची की मांग की गई थीं जो
धर्मश्य विभाग अपर कलेक्टर ने 17/04/2023 1 को मंदिर की सूची उपलब्ध कराई। इस सूची में ओंकारेश्वर मंदिर दर्ज हैं।
ओंकारेश्वर मंदिर जिला खण्डवा भूमि ग्राम खजुरिया में हैं। यह भी दर्ज हैं। इस सूची में मंदिर देव स्थान का ओंकारेश्वर
ज्योतिलिंग जिला खण्डवा रकबा 2.242 है. भी दर्ज हैं। जो सूची के नकल श्रीमान की सेवा में प्रस्तुत हैं। जब साषन कि मन्दिर
की सूचि में इसी सर्वे न. इसी रकबा न. 2.242 दर्ज है सर्वे न. 306 में ओंकारेश्वर मन्दिर दर्ज है तो सांवेर अनुविभागीय
महोदय द्वारा मन्दिर देव स्थान का नाम बदल दिया गया जो सांवेर अनुविभागीय अधिकारी के सीमा अधिकार में आता ही नही है
यह पुजारी नियुक्ति गलत की गई है जो निरस्त करने योग्य है |

7. यह कि, म.प्र. शासन भोपाल का आदेश की नकल सावरे अनुविभागीय अधिकारी द्वारा दिनांक 03/05/2023 को दी गई।
इस सर्कु लर आदेश में पुजारी की परीक्षा होती हैं। और आवेदक पुजारी की परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर ही पुजारी का प्रमाण पत्र
मान्य किया जाता हैं। परन्तु ऐसा नहीं हुआ यह नियुक्ति निरस्त करने योग्य हैं। इस शाषन के सरक्युलर आदेश में निर्देश दिए गये
की कोई भी अनुविभागीय अधिकारी अपने क्षेत्र अधिकार में ही पुजारी नियुक्ति की कार्यवही करेगा तो सांवेर अनुविभागीय द्वारा
शाषन के आदेश का पालन नही किया गया खंडवा जिले की पुनासा तहसील के ओंकारेश्वर मन्दिर को दखलअंदाज किया गया
और मन्दिर देव स्थान का नाम बदल कर खजुरिया देव स्थान मन्दिर ओंकारेश्वर कर दिया गया जो निरस्त करने योग्य है |

8. यह कि ग्राम पंचायत खजुरिया से भी इस पुजारी की नियुक्ति के संबंध में नकल प्राप्त की गई ग्राम पंचायत ने ओंकारेश्वर
महादेव मंदिर की अनुशंसा की गई जो दिनांक 19/03/2023 जावक के 945 प्रस्ताव के 330 ली गई। ग्राम पंचायत में
ओंकारेश्वर मंदिर देव स्थान का नाम बदलने की अनुशंसा नहीं गई जिसकी नकल श्रीमान की सेवा में प्रस्तुत हैं। जब ग्राम पंचायत
ने ओंकारेश्वर मन्दिर ओंकारेश्वर देव स्थान पर पुजारी नियुक्ति का ठहराव प्रस्ताव लिख कर दिया तो सांवेर अनुविभागीय
अधिकारी द्वारा मन्दिर देव स्थान ओंकरेश्वेर मन्दिर खजुरिया कर दिया गया यह किसके आदेश से किया गया और क्यों किया
गया ऐसा फ्राड काम करने की क्या आवश्यकता थी |

9. यह कि कार्यालय संकु ल प्राचार्य शासकीय भोज कन्या विद्यालय प्राचार्य धार के द्वारा जो जानकारी दी गई जिसका रिकॉर्ड
शासकीय संस्कृ त प्राथमिक विद्यालय का सम्पूर्ण रिकॉर्ड दिनाक 01/05/2018 को शासकीय भोज कन्या शाला को सोंपा
गया। जिस कारण भोज कन्या के प्राचार्य द्वारा जानकारी दी गई।
10. यह कि, प्रदीप कु मार ने सादे कागज पर शासकीय संस्कृ त प्राथमिक विद्यालय धार के आचार्य के नाम पुजारी प्रमाण पत्र
लेने के लिए आवेदन दिया। उसमें दिनाक भी अंकित नहीं हैं। आवेदन आवक पंजी में भी दर्ज नहीं हैं। जिसकी नकल श्रीमान की
सेवा में प्रस्तुत है | प्रदीप कु मार ने प्रमाण पत्र पाने के लिए सादे कागज पर आवेदन दिया कब दिया उसमे दिनांक का उल्लेख नही
है और यह आवेदन आवक पंजी में दर्ज नही है इस लिए यह सब फ्राड है |

11. यह कि, शासकीय संस्कृ त प्राथमिक विद्यालय धार के आचार्य ने शील हस्ताक्षर से दिनांक 12/05/1999 को पुजारी
का प्रमाण पत्र दिया गया। वह भी जावक पंजीयन में दर्ज नहीं हैं। और ये आचार्य थी ही नहीं। सारी जानकारी लिखित में श्रीमान के
सेवा में प्रस्तुत हैं। जब प्रमाण पत्र पुजारी को जारी किया गया वह आवक पंजी में दर्ज नही है शासकिय रिकॉर्ड में हर पत्र की
आवक जावक दर्ज किया जाता है परन्तु यह प्रमाण पत्र जावक पंजी में दर्ज नही है क्योकि यह प्रमाण पत्र फ्राड है इसलिए दर्ज
नही है |
12 . यह कि, शासकीय संस्कृ त प्राथमिक विद्यालय धार में संस्कृ त में जो पढाई होती थीं। उस पढ़ाई की 5 परीक्षा होती थीं
जिनके नाम इस प्रकार हैं। 1. बालबोध, 2. प्रारम्भ, 3. 1 प्रवेश, 4. परिचय, 5 कोविड । ये सभी परीक्षा वर्ष में 2 बार होती
थीं। जिसका लिखित उत्तर श्रीमान के सेवा में प्रस्तुत हैं। पुजारी की परीक्षा का नाम पूजा अर्चना हैं और यह पूजा अर्चना परीक्षा
शासकीय संस्कृ त प्राथमिक विद्यालय धार में नहीं होती थी।

13. यह कि पुजारी का प्रमाण पत्र जारी करने वाली सहायक शिक्षक सुमन शर्मा यह आचार्य नहीं थीं। ना ही कोई प्राचार्य थीं।
स्वयं इस सहायक शिक्षक सुमन शर्मा ने जिला शिक्षा अधिकारी धार को पत्र लिखा 10/02/2009 को जावक क्र. 23 उसमें
इसने स्वय सहायक शिक्षक सुमन शर्मा का पद नाम लिखकर हस्ताक्षर किये। जो लिखित जानकारी श्रीमान की सेवा में प्रस्तुत हैं।

14. यह कि दिनांक 12/05/1999 को पुजारी प्रमाण पत्र जारी करने वाली सहायक शिक्षक सुमन शर्मा सेवानिवृत्त हो गई हैं।
जो विकास खण्ड अधिकारी धार का आदेश दिनांक 31/05/2010 का जावक के 2944 धार के आदेश में भी पद नाम इस
सहायक शिक्षक सुमन शर्मा नाम अंकित हैं। जिसकी नकल श्रीमान की सेवा में प्रस्तुत हैं।

15. यह कि पुजारी का प्रमाण पत्र जारी करने वाली सहायक शिक्षक सुमन शर्मा की मृत्यु 20/01/2013 को हो चुकी हैं।
जावक क.44 धार नगर पालिका का प्रमाण पत्र की कापी श्रीमान की सेवा में प्रस्तुत हैं।

16. यह कि, पुजारी नियुक्ति के लिए पुजारी का पद रिक्त होता हैं। उसी क्षेत्र का तहसीलदार शासकीय संस्कृ त महाविद्यालय
प्राचार्य इन्दौर को मय फोटो सहित आवेदन अग्रशीत करते हैं। इसके पश्चात् प्राचार्य द्वारा पुजारी परीक्षा की कार्यवाही की जाती
हैं। एक विशेषज्ञों द्वारा परीक्षा ली जाती हैं। मौखिक परीक्षा जिसके 2 विषय होते हैं। 1. बाद्यय विषय, 2. आन्तरिक विषय। यदि
आवेदक परीक्षा में उत्तीर्ण आता है। तो प्राचार्य के हस्ताक्षर से पुजारी का प्रमाण जारी किया जाता है। सभी जवाब लिखित में
श्रीमान की सेवा में प्रस्तुत हैं।

17. यह कि पुजारी का परीक्षा नाम पूजा अर्चना परीक्षा हैं। जिसका आवेदन फॉर्मेट, दस्तावेज उपलब्ध हैं। यह आवेदन प्राचार्य
शासकीय संस्कृ त महाविद्यालय इन्दौर के द्वारा दिया गया है। यदि पुजारी का पद रिक्त हो तो पुजारी की परीक्षा संभाग लेवल पर
होती हैं। जिला लेवल पर नहीं होती हैं। इन्दौर संभाग की क्षेत्र सीमा में 8 जिले आते हैं। इन
सभी 8 जिलों की पुजारी की परीक्षा इन्दौर में ही होती हैं। धार जिला भी इन्दौर में आता
हैं जो लिखित जानकारी श्रीमान की सेवा में प्रस्तुत हैं।

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