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Rajasthan

राजस्थान राजस्थान

name
तिजारा
अतिशय क्षेत्र
address: श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र तिजारा (देहरा) जिला अलवर-30 1 41 1 ,

phone प्रबंधक- श्री गोपाल अरोड़ा, फोन : 2623 10, मो. 094140-14222, स. सूत्र: श्री नरेन्द्र कु मार जैन, अध्यक्षा - 0 94
1 4 0-1 3 164, श्री नरेश कु मार जैन-0941 44-27760
facilities: सुविधायुक्त 314, इनमें 3 वीआईपी, 45 डीलक्स, 1 1 4 अटेच एवं 200 साधारण कमरे हैं। 6 हॉल है। राजकीय गेस्ट
हाउस है। भोजनशाला नियमित एवं सशुल्क है। |

guidance : दिल्ली राजस्थान के बार्डर पर धारूहेड़ा से भिवाड़ी होते हुये तिजारा 38 किमी. है। दिल्ली-बहरोर से तिजारा-55 किमी. अलवर से
55 किमी. तथा मथुरा से 96 किमी. है। दिल्ली यहां से 1 1 3, भरतपुर 115 किमी. श्री महावीरजी-200 किमी (सीधी बस सेवा), जयपुर
151 किमी है।कोटा-तिजारा - 390 किमी.।।
kshetra details : क्षेत्र देहरा तिजारा के नाम से प्रख्यात है। सन् 1956 में सड़क खुदाई के समय भगवान चंदाप्रभु की मूर्ति प्रकट हुई थी।
वर्तमान में एक विशाल हॉल में ऊँ ची बेदी पर स्थापित है। धर्मशाला एव मंदिर एक विशाल के म्पस में है। मुख्य वेदी के सामने मान स्तम्भ है। भगवान के
प्रकट होने के स्थान पर चरण चिन्ह बने हुये हैं। सम्पूर्ण मंदिर का बाह्य शिल्प अनुपम है। मंदिरों की संख्या 3 है। पास में मंदिर के बाहर चंद्रवाटिका
निर्माण किया है जो मंदिर परिसर के बगल में है।विशाल परिसर आधुनिक धर्मशाला निर्मित हो गई है। सामने ऊँ चाई पर चंदाप्रभु की विशाल मूर्ति एवं दाये-
बाये चौबीसी का निर्माण हुआ है। प्रतिमा के सामने सुंदर उद्यान है। शहर से कु छ दर (5 किमी) पहाड़ पर प्राचीन दुर्ग है ।

other details
मेन मंदिर के बाहर अच्छा मार्के ट है।
| नवग्रह मंदिर : आ. बाहुबली महाराज की प्रेरणा से नवनिर्मित जिनालय का निर्माण, बायपाय रोड से तिजारा शहर के रास्ते में दर्शनीय रजत रथ भी
आकर्षक है। आवास एवं भोजन अभी उपलब्ध नहीं है। निर्माण कार्य जारी है। मैनेजर - श्री राव, मो. 09887 161 1 0 0, सम्पर्क : श्री
राजकु मार जैन, गुड़गांव-098108-22447
माँ पद्मावती धाम : मुनिश्री सौरभसागर जी महाराज द्वारा प्रेरित भिवाड़ी रोड पर स्थित है।सम्पर्क - 09166686975
| समीपवर्ती स्थल : अलवर ऐतिहासिक एवं प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है।

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विराटनगर (बैराट)
अतिशय क्षेत्र
address: श्री पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन नसियाँ, अ क्षेत्र, विराटनगर-3031 02, जि, जयपुर,

phone
प्रबंधक श्री अशोक जैन मो 9166543995, 98284-50909 स. सूत्र-श्री हरद्वारीलाल जैन-अध्यक्ष 9828023995, फोन : 01422-
234171 |
facilities: अटेच 4, सामान्य 2, हॉल 2 है। भोजन अनुरोध पर उपलब्ध है। क्षेत्र पर बाग, बगीचे, फव्वारे, तीन कु यें और विशाल परकोटा
guidance : जयपुर से उत्तर की ओर (शाहपुरा होते हुये) 85 किमी, तथा अलवर से 74 किमी. है। सरिस्का यहां से 27 किमी. है।
महावीर जी से सिकन्दरा राजगढ़ होते हुये 1 45 किमी, पहुंच सकते हैं। क्षेत्र रोड से विराटनगर के पिछवाड़े में 1 किमी. है। नगर के मध्य एवं बाहर
से रास्ता सीधा क्षेत्र तक जाता है। बसें बाहर के रास्ते पहुंचती है। श्री महावीर जी 250, पदमपुरा 1 30, तिजारा 1 1 0 किमी.
kshetra details : मंदिर 2 है। एक पुरातन जो विशाल गुम्बज के मध्य है। मंदिर के एक कोने पर पार्श्वनाथ की प्रतिमा स्थापित की गयी है।
मंदिर का विशाल द्वार फतेहपुर सीकरी की याद दिलाता है यहीं मुगलकालीन टकसाल का काम होता था। मुख्य मंदिर एक चौकोर ऊं ची कु र्सी पर बना हुआ
है-पीछे अरावली पर्वत की पहाड़ियां है। मंदिर के चारों
ओर आवला के सैकड़ों पेड़ लगे हैं। शहर में 2 भव्य एवं विशाल मंदिर है। पास में विशाल श्वेताम्बर मंदिर भी है। शहर में 2 मंजिल धर्मशाला है। आवास
व्यवस्था है।
विराटनगर महाभारत कालीन मत्स्य देश की राजधानी रही है। कीचक का बध एव अभिमन्यु एवं उत्तरा का विवाह यहीं हुआ था। | आ. शुभचंद स्वामी की
तपोभूमि एवं जैन मुनि बिमल सूरी जी की जन्मस्थली है। परकोटे में भट्टारकों के चरणचिन्ह विशाल छतरियों में स्थापित है। विराटनगर सर्वधर्म नगरी है। यहा
बौद्ध एव हिन्दु मदिर भी। प्रसिद्ध है। कु छ वर्षों से वीरान क्षेत्र अब एक पूर्ण विकसित क्षेत्र हो गया है। और यात्री शांत सौम्य एवं प्राकृ तिक वातावरण में यात्रा
का पूरा आनद ले सकते हैं यात्री यहां रूक कर सरिस्का पार्क का भ्रमण कर सकते है।
other details
समीपवर्ती स्थल :
राजगढ़ : अलवर की पुरानी राजधानी में गढ़ के अतिरिक्त हवेलिया रानाय है। उनके अवशेष आज भी शेष है। तिजारा से महावीर जी के रास्ते
में यह स्थान आता है।

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चूलगिरी (नियाजी)
अतिशय क्षेत्र
address: श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री पार्श्वनाथ चूलगिरी, आगरा रोड, जयपुर-3 0 2 0 0 3,

phone: 0 141-21 70 773, 51 7 1 1 0 0 प्रबंधक - श्री महेन्द्र कु मार शाह (941 31-57255), स.सूत्र : श्री संदीप
जैन 09829791917
facilities
देश-भूषण निलय में सुविधायुक्त 28 कमरे, सामान्य 16 एवं 2 हॉल है। भोजनशाला नियमित एवं सशुल्क है। |

guidance : जयपुर से 5 किमी. आगरा रोड पर पहाड़ी पर स्थित है। सिसोदिया गार्डन से 2 किमी. है। स्टेशन से क्षेत्र 1 1 किमी. है। सिंधी
के म्प बस स्टेण्ड से 10 किमी. है।सभी जगह से टैक्सी एवं ऑटोरिक्शा उपलब्ध है। कार एवं जीपें क्षेत्र तक जाती है। 400 फीट पहाड़ी पर तलहटी से
1008 सीढ़ियां चढ़ कर भी क्षेत्र पर पहुंच सकते हैं।
पदमपुरा-24, सांगानेर-20, आमेर-14, जग्गा बावड़ी- गलता रोड पर - 3 किमी
kshetra details : क्षेत्र पर मंदिर एक है। तलहटी में प्राचीन राणाजी की नसियां विशाल के म्पस में निर्मित है। नसियां में स्वर्ण कारीगरी का
अंकन आज भी दर्शनीय है। क्षेत्र सन् 1964 में आ. देश भूषण जी महाराज के प्रयासों एवं प्रेरणा से निर्मित हुआ है। शांत एवं सुरम्य वातावरण में
आस-पास का दृश्य नयनाभिराम है।
क्षेत्र पर मूलनायक पाश्र्वनाथ की साढ़े सात फीट प्रतिमा के अलावा महावीर भगवान की 21 फु ट प्रतिमा तथा गुफा में चौबीसी एवं रत्न प्रतिमाओं का
जिनालय है। विजय पताका महामंत्र क्षेत्र की विशेषता है।
other details: तलहटी से क्षेत्र पर पहुंचने के लिये सशुल्क वाहन की व्यवस्था है ।विजय पताका महामंत्र क्षेत्र की विशेषता है।

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चंद्रगिरी-बैनाड़
अतिशय क्षेत्र
address : श्री दिगम्बर जैन चंद्रप्रभु अतिशय क्षेत्र, चंद्रगिरी, ग्राम-बैनाड़, तह. आमेर,

phone: 0 1 423-234733, स. सूत्र : श्री छीतरमल पांड्या-खोरा (01 423-234802)


facilities: सुविधायुक्त 4 एवं सामान्य 10 कमरे तथा 2 हॉल है। भोजन अनुरोध पर सशुल्क है।
guidance:जयपुर से क्षेत्र झोंटवाड़ा होते हुये 1 5 किमी. है।
kshetra details: क्षेत्र पर मंदिरों की संख्या 2 है। मूलनायक चदाप्रभु की प्रतिमा के अलावा बाहुबली की मूर्ति स्थापित की गई है।

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संघीजी, सांगानेर
अतिशय क्षेत्र
address श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, संघीजी, सांगानेर, जि. -जयपुर,

phone : 0 1 41-273 0 390, 273 1982, श्री नरेन्द्र कु मार पांड्या, फोन : (0141-273 0 065, 098290-
17533) |

facilities: सुविधायुक्त 1 3, सामान्य 30 कमरे हैं। 2 हॉल है। भोजनशाला नियमित सशुल्क है।
guidance: स्टेशन सांगानेर एवं जयपुर है। जयपुर स्टेशन-15 किमी तथा सांगानेर 5 किमी. है। नारायण सर्कि ल से सांगानेर तक सिटी बस सेवा है।
यहां से 13 किमी है।जयपुर का हवाई अड्डा यहां से 2.5 किमी. है।
पदमपुरा-22, श्री महावीरजी-1 84,चूलगिरी-20 किमी.
kshetra details : क्षेत्र पर 8 मंदिर है। यहां आदिनाथ भगवान मंदिर प्राचीन भव्य एवं कलात्मक मंदिर है। इनके शिखर खुजराहो शैली में है।
सन् 1999 में मुनि सुधासागर जी महाराज द्वारा मंदिर के भूतल में विराजित रत्नों की मूर्तियों को प्रकट किया था। दर्शनों के बाद यथास्थान रख दी गई
है। लाखों लोगों ने दर्शन का लाभ लिया था। 12 फ्ले ट्स का वानप्रस्थ आश्रम बन चुका है।
समीपवर्ती स्थल : रेवासा (सीकर) - गोरिया मोड़ से 4 किमी.

other details
जयपुर-सीकर रोड पर सीकर से पहले पहाड़ी की तलहटी में श्री दिगम्बर जैन भव्योदय अतिशय क्षेत्र रैवासा जिला-सीकर में स्थित है। यहां भव्य आदिनाथ
जिनालय है तथा पास में नसियां है। भग–सुमति नाथ की भूगर्भ से प्राप्त प्रतिमा को सन् 1998 में स्थापित किया गया है। सन् 2001 में मुनि श्री
सुधासागर जी महाराज के सान्निध्य में 7 फु ट की पाश्र्वनाथ की सहस्त्रफणि प्रतिमा एवं चौबीसी स्थापित की गयी है। मंदिरों में खम्भों की गिनती नहीं हो
पाती यही अतिशय है। जयपुर-1 1 5 किमी., सीकर-16 किमी.।।

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पदमपुरा (बाड़ा)
अतिशय क्षेत्र
address : श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, पदमपुरा, जयपुर,

phone : 01 429-277225, प्रबंधक - श्री रमेशचन्द बिलाला - 996024-06263, श्री सुधीर जैन, अध्यक्ष - 09414050432
स. सूत्र : श्री ज्ञानचंद झांझरी (0141-2322108), मो.- 98290-13094)
facilities: सुविधायुक्त 80, सामान्य-1 50 कमरे तथा हॉल-2 है। एसी कमरे निर्मित हो रहे हैं। भोजनशाला नियमित सशुल्क है।

एलोपैथिक चिकित्सालय है।


guidance: सवाई माधोपुर-जयपुर रेलवे लाईन पर शिवदासपुरा स्टेशन है। अन्य स्टेशन सांगानेर एवं जयपुर है। शिवदासपुरा से क्षेत्र में किमी. है।यहा से
क्षेत्र का वाहन मिलता है।टोक–जयपुर रोड पर जयपर से 25 किमी. पर शिवदासपुरा कस्बे से टर्न लेते हुये 4 किमी. पर विशाल परिसर में क्षेत्र है। बस
स्टेण्ड क्षेत्र के बाहर है।
चूलगिरी-24, सांगानेर-22, मौजमाबाद (दूदू)-77 एवं जयपुर-34 किमी. है।।
kshetra details : गांव पदमपुरा बाड़ा में मूला जाट के मकान खोदते समय पदम प्रभु भगवान की प्रतिमा प्राप्त हुई थी जो अब नये परिसर
में मूलनायक के रूप में स्थापित कर दी गई है। गांव में पुराने स्थान पर चरण, छत्री एवं प्राचीन धर्मशाला आज भी मौजूद है।
| नवनिर्मित मंदिर गोलाकार, अपने ढंग का सम्पूर्ण भारत में विशिष्ट पहचान लिये है।नीचे बेसमेंट है और प्रथम तल पर विशाल हॉल में पदमप्रभु सहित
अन्य प्रतिमायें है। शिखर सहित मंदिर लगभग 140 फीट ऊँ चाई में है। मंदिर के म्पस में ही विशाल धर्मशाला के एक कोने में भोजनशाला है। मंदिर का गेट
विशाल है - बसें/कारें अंदर तक पहुंचती है।
other details: ऊँ ची कु र्सी पर होने से दर्शन हेतु व्हील चेयर की सुविधा है। - दशहरे के समय वार्षिक मेला विशाल स्तर पर आयोजित होता
है। - भूत-बाधा दूर करने के लिये क्षेत्र की बड़ी मान्यता है।
समीपवर्ती स्थल : मेंहदवास, सांखना, टोडारायसिंह, सुदर्शन शांतिनाथ क्षेत्र आवां बघेरा।।
। मेंहन्दवास - श्री चंद्रप्रभु दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, मेहन्दवास, टोंक जिला में टोंक–देवली मेन रोड पर स्थित है। टोंक से 11 किमी. तथा देवली से
56 किमी. है। मंदिर एवं धर्मशाला एक ही के म्पस में है। क्षेत्र का निरंतर विकास हो रहा है। टोंक से बसें एवं ऑटो साधन है। भोजन अनुरोध पर
उपलब्ध हो जाता है। फोन : 01 432-247489, 288606, स. सूत्र : श्री बाबूलाल जैन टोंक, मंत्री (01 432- 247489),
सांखना क्षेत्र- 14 किमी, आंवा-35, जयपुर-11 0
| सांखना - मेहन्दावास क्षेत्र से देवली रोड पर छानगांव से 7 किमी.पर श्री दिगम्बर जैन शांतिनाथ अतिशय क्षेत्र, सांखना (टोंक) है। एक मंदिर है।
शांतिनाथ मंदिर प्राचीन है और हाल में क्षेत्र का जीर्णोद्धार एवं विकास हुआ है। आवास सुविधा है। फोन : 0 1 432-288508, स. सूत्र : श्री
प्यारचद, छान (288205) आंवा-38, टोक-28, मेहन्दवास-14 किमी.

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नारेली (अजमेर)
ज्ञानोदय तीर्थ क्षेत्र

address : श्री दिगम्बर जैन ज्ञानोदय तीर्थ क्षेत्र, नारेली, जिला -अजमेर-30 50 24,

phone : 0 1 45-2671 0 1 0-11-12, प्रभारी : श्री सुखांत भैया, मो. 097842-061 10, 099280-91 1 1 0,
अध्यक्ष : श्री निहालचंद पहाड़िया, मो. 098290-70625
facilities: डिलक्स-24, सामान्य 15, हॉल 4, ए.सी. 44 एसी फ्ले ट 4 उपलब्ध एवं आधुनिक भोजनशाला मंदिर कै म्पस में सशुल्क है।
आर्यिका भवन, सत निवास, वृद्धाश्रम संचालित हैं। मंदिर एवं धर्मशाला भोजनालय एक ही के म्पस में है। |

guidance: क्षेत्र अजमेर से 10 किमी., ब्यावर–किशन बाईपास रोड पर स्थित है। क्षेत्र एक विशाल परिसर में है और दूर-५ दिखाई देता है। शहर
से सिटी बस, ऑटो/टेक्सी उप अजमेर-10, किशनगढ़-25, नसीराबाद-25, पुष्कर-25

kshetra details : क्षेत्र पर 30 मंदिर हैं। तलहटी में कायालय पास एक मदिर तथा आर. के . मार्बल्स किशनगढ़ द्वारा आदिनाथ जिनालय
विशाल परिसर में बन चुका है। फव्वारे एवं लाइट परिसर अन्य मदिरों एवं कलात्मक प्रतिमाओं के साथ दर्शनार्थ कु छ मदिर निर्मित हो गये हैं, कु छ का
निर्माण हो रहा है। सम्पूण दी। सुधा सागर जी महाराज की प्रेरणा एवं दिशा-निर्देश से विकसित हो रहा ज्ञानोदय तीर्थ का नाम आचार्य ज्ञानसागर जी के नाम
पर रखा गया है।
विशेष : पुष्कर में 2 जैन मंदिर तथा नसीराबाद में आचार्य ज्ञान सागर जी समाधिस्थल है।
समीपवर्ती स्थल : नरेना जैन तीर्थ, मौजमाबाद जैन तीर्थ, (47), पर्यटन स्थलों में किशनगढ़ फोर्ट(30), खर्बा फोर्ट (39), बडनोर
६ नरेना : नरेना जयपुर- अजमेर रोड पर दूदू से उत्तर की ओर 14 किमी. सांभर जाने वाले रोड पर है। प्राचीन समय में जैनियों का प्रमुख नगर रहा
है। सं. 1954 में खुदाई में 11 मूर्तियां निकली थी जो स्थानीय महावीर स्वामी मंदिर में स्थापित कर दी गई है। यहां मूर्तियों के अलावा अनेकों
पुरातात्विक सामग्री मिली है। सं. सूत्र - 01425-234 1 45, मो. 9414451886
मौजमाबाद : अजमेर-जयपुर रूट पर (अजमेर से 66 किमी. ) दूदू से 11 किमी. दक्षिण में है। यहां एक दिगम्बर जैन मंदिर है जहां अनेकों विशाल
मूर्तियों का संग्रह है। यहां प्राचीन पांडु लिपियों का विशाल भंडार है। फोन : 01469-2221 19, स. सूत्र - प्रवीण कु मार जैन 223261

other details:
दो भूमिगत भोयरे में अनेकों पद्मासन प्रतिमायें स्थापित है। | टोडाराय सिंह : बघेरा शांतिनाथ दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र से 18 एवं देवली से 35 किमी.
पर छोटे से कस्बे में 2 मंदिर है। मंदिर भव्य एवं कलात्मक है। शास्त्रों का भंडार है।जैनियों के काफी घर है।जैन भवन में आवास सुविधा है।स.सूत्र : 0
1 432- 232008
मालपुरा : अ. क्षेत्र बघेरा से 35 किमी. तथा के कड़ी से 41 किमी. तथा जयपुर से 85 किमी. पर आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर प्राचीन एवं दर्शनीय
है। यहां 8 मंदिर एवं 4 चैत्यालय है। क्षेत्रपाल की अधिक मान्यता के कारण जैन-जैनेतर काफी यात्री आते हैं। 2 हॉल है। फोन : 0 1 439-
225252, स. सूत्र : श्री प्रेमचंद जैन - 94144-39952
लूणंवा : विशाल के म्पस में मंदिर धर्मशाला है। भोजन सशुल्क उपलब्ध है। रूट-जयपुर-दूदू-चौमू-कालाहेरा-कालीपुरा-लूणवां या दूदू-नारायणा-फु लेवा-सांभर-
लूणवां। अजमेर से लगभग 1 35 किमी, जयपुर से 21 5 किमी.,स. सूत्र- 0 1 586-271 022
लाडनूं : जैन विश्व भारती संस्थान लाडनू ओसवालों का प्रसिद्ध संस्थान है। लूणवा से कु चामन, डीडवाना होकर लाडनूं पहुंचा जा सकता है। दिगम्बर मंदिर
में सरस्वती की मूर्ति आकर्षक एवं दर्शनीय है। आवास एवं भोजन सुविधा है।फोन : 01 581 - 2221 1 0
4 निमोला : श्री 1008 शान्तिनाथ दि. जैन अ क्षेत्र , ग्राम निमोला। जिला टोक-304007 फोन : 0 1 432-244871

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name
बघेरा
अतिशय क्षेत्र
address : श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बघेरा तह के कड़ी, जिला अजमेर,

phone
प्रबंधक श्री पारस बाकलीवाल, मो. 9950259258, स.सूत्र : श्री दिनेश कु मार चांदवाड़, 0 1 467281227
facilities: आवास व्यवस्था है। सामान्य कमरे -1 0 हैं। भोजन अनुरोध पर उपलब्ध है। धर्मशाला का जीर्णोद्धार हो रहा है।
guidance: देवली-अजमेर रोड पर के कड़ी से यह क्षेत्र 19 किमी. है। जयपुर-मालपुरा (टोंक) से आने वालों को मालपुरा से 55 किमी. है।
स्टेशन अजमेर है। चंवलेश्वर पाश्र्वनाथ-60, अजमेर-86, देवली-वाया के कड़ी-53 व कोटा-120 किमी. है। के कड़ी, मालपुरा एवं देवली से बसों का
साधन है।
kshetra details : क्षेत्र पर दो मंदिर आमने सामने हैं। बघेरा प्राचीन ऐतिहासिक कस्बा है। भूगर्भ से अनेकों प्रतिमायें निकली है और निकलती
रहती है। जो 20-22 सेमी से 3 मीटर तक है।शांतिनाथ मंदिर में अनेकों मूर्तियों के अलावा मूलनायक शांतिनाथ की साढ़े आठ फु ट की मध्य 11-
12 वीं सदी की मनोज्ञ मूर्ति है। अन्य कई मूर्तियां कलात्मक मूर्तिया एक कमरे में रखी है जिनमें कु छ खंडित है। इसी मंदिर के पिछवाड़े में धर्मशाला है।
आदिनाथ मंदिर इसके सामने ऊँ ची कु र्सी पर बना हुआ है। इस मंदिर में त्रिकाल चौबीसी का निर्माण हुआ है।
other details: ऐसे प्रमाण मिले हैं कि बघेरवाल जैनों का जन्म स्थली बघेरा है। बहुत से जैन एवं जैनेत्तर बंधु मनौती मनाने आते हैं। तालाब
के किनारे हिन्दु मदिर कलात्मक है। गांव के बाहर पार्श्वनाथ टेकरी है यहा शिलाओं में उत्कीर्ण 5 से 6 फु ट मूर्तियां है।इनके सामने प्राचीन नंदीश्वर जिनालय
है।

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name
आवां (दूनी)
अतिशय क्षेत्र

address : श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र १९" आवा, जि. टोंक,

phone: 0 1 434-238517/219 ००* श्री पवन धानोत्या, मंत्री -98292-85505, । जैन-अध्यक्ष-941 44-09606

facilities
सुविधायुक्त 1 5 तथा सामान्य 12 कमरे उपलब्ध है। भोजन अनुरोध पर उपलब्ध है।
guidance
"पान : जयपुर-कोटा (एनएच 12) पर टोंक से 48 किमा., देवली से 36 किमी, सरोली मोड़ से 12 किमी. है। बूंदी से अलोद, गोठड़ा होते
हुए क्षेत्र 55 किमी. है। क्षेत्र कस्बे से 1 किमी. पहले रोड से 1 किमी ऊँ ची टेकरी पर स्थित है। |

kshetra details
: क्षेत्र पर एक मंदिर है। गांव में प्राचीन 2 मंदिर है। क्षेत्र पर बने मंदिर में 11 फीट की शांतिनाथ, 7 फीट की आदिनाथ भगवान एवं 7 फीट की
सहस्त्रफणी पार्श्वनाथ प्रतिमायें ऊँ चे प्लेटफार्म पर विशाल हॉल में स्थापित की गयी है। हॉल का गेट भव्य एवं 25 फीट ऊँ चा है। हॉल के तीन तरफ त्रिकाल
चौबीसी का निर्माण किया गया है। हाल ही में मुनि श्री सुधासागर जी महाराज के सान्निध्य में पंचकल्याण प्रतिष्ठा की गई है।
| समीपवर्ती स्थल : बघेरा-60, चंवलेश्वर-1 0 0, बूदी-55, कोटा-1 28, सांखना-35 किमी.
other details: गांव में शांतिनाथ भगवान का प्राचीन एवं ऐतिहासिक मंदिर है। गांव में एक प्राचीन मंदिर और भी है।

जहाजपुर : श्री स्वस्तिधाम, दिग. जैन अ. क्षेत्र सन्मतिनगर, जहाजपुर (भीलवाड़ा), श्री महावीर जैन पोद्दार, फोन : 0935 2 5 0 3 1
72 एवं श्री महावीर जैन उपाध्यक्ष 09460577937, अनुरोध पर आवास एवं भोजन सुविधा उपलब्ध है। एन.एच. 12 पर देवली शहर से 18
किमी., कोटा से 100 किमी., भीलवाड़ा 90 किमी, भीलवाड़ा देवली मार्ग पर स्थित है। प्राचीन एक मंदिर है। नेमिनाथ स्वामी की मूर्ति के अलावा
कई अन्य प्रतिमायें हैं। नंदीश्वर दीप, पंचमेरू, गजदंत, सहस्त्र कू ट जिनालय स्थापित है।शीघ्र ही नवीन जिनालय का निर्माण होने जा रहा है। भूगर्भ से 8
बार मूर्तियां प्रकट हो चुकी है जो अपने आपमें एक चमत्कार है। महावीर जयंती के अवसर पर मुसलमान के घर से मुनि सुव्रत स्वामी की प्रतिमा प्रकट हुई
है। समीपवर्ती स्थल : चंवलेश्वर पार्श्वनाथ 35, बिजौलिया पार्श्वनाथ 70, आवां सुदर्शनोदय तीर्थ 55, नारेली तीर्थ (अजमेर) 1 50 किमी है।

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name

चवलेश्वर पाश्र्वनाथ
अतिशय क्षेत्र
address श्री दिग, जैन अ. क्षेत्र, चंवलेश्वर पाश्र्वनाथ,

phone :01 489-29 0 9 04, ब धक-गुलाब चन्द जैन - 941 45-951 06 स. सूत्र : श्री महावीर प्रसाद जैन -
09982617949
facilities: सामान्य सुविधाओं वाले 25 कमरे तथा एक से भोजन सशुल्क अनुरोध पर । |

guidance : कोटा-बिजौलिया-मांडलगढ़-काछोला होते हये / 76) 140, बिजौलिया-काछोला (महुआ होते हुये) 60 तथा देवली से 66
किमी. है। के कड़ी-60, बघेरा-78, बिजौलिया पार्श्वनाथ-76 (वाया मांडलगढ़), मांडलगढ़-41, खजूरी-20 किमी.
| kshetra details: क्षेत्र पर 3 मंदिर है। पहाड़ पर 2 एवं एक धर्मशाला में है। पहाड़ पर प्राचीन पाश्र्वनाथ की प्रतिमा स्थापित है। क्षेत्र
पहाड़ी पर होने से आसपास का दृश्य नयनाभिराम है। काले पत्थर पर चौबीसी बनी हुई है।
other details: रास्ता सुगम नहीं होने से दिन में पहुंचना उचित है।

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name
बिजौलिया पाश्र्वनाथ ।
अतिशय क्षेत्र
address : श्री दिगम्बर जैन पार्श्वनाथ अतिशय क्षेत्र, बिजौलिया,

phone: 0 1 489-292 1 0 1 , प्रबंधक-श्री श्रद्धालाल जैन - 094603-51 567, स. सूत्र : श्री लाभचंद पटवारी, बिजौलिया
मो. 09828267486, श्री नरेन्द्र भैय्या-0941 4 1 48290 | facilities: सुविधायुक्त कमरे 22, सामान्य 20 तथा हॉल-3 है।
भोजनशाला नियमित सशुल्क है। क्षेत्र के बाहर विशाल प्रांगण है जहा विशाल स्तर पर धार्मिक सामाजिक कार्यक्रम किये जाते हैं। |

guidance : स्टेशन-बूदी 45, बस स्टेण्ड 1, कोटा-चित्तौड़ हाइवे पर कोटा से 65 पर (मेन हाइवे से दायें टर्न 1 किमी.) बूदी से 45
तथा भीलवाड़ा से 85, चंवलेश्वर-65, चित्तौड-1 1 2, के शोरायपाटन-१७ १२यपुर-225 एवं जयपुर-251, चांदखेडी 21 5 किमी है।
कोटाचित्तौड़-बूदी से नियमित बस सेवायें है। |

kshetra details : क्षेत्र पर 9 मंदिर एवं 2 मान स्तंभ है। बिजार


सिक नगर है जो चारदीवारी में घिरा है। नगर से क्षेत्र 1 दि के तट पर नेशनल हाइवे 76 के नजदीक है। जहा
किमी. है। क्षेत्र रेवा नदी के तट पर नेशनल हाइवे 76 के विश्व का सबसे बड़ा विशाल शिलालेख है जिसमें 2 अनुसार पाश्र्वनाथ को कमठ के उपसर्ग
उपरांत के वलज्ञान यही प्राप्त था। क्षेत्र पर एक भव्य चौबीसी, विशाल समोशरण रव पाश्र्वनाथ के मंदिर के अलावा चार कोनों पर 4 5 पंचायतन शैली में है।
क्षेत्र रमणीक एवं दर्शनीय है।
तग उपरांत के वलज्ञान यहीं प्राप्त हुआ वाबासी, विशाल समोशरण रचना एवं मूलनायक
१ कोनों पर 4 देवरिया है। गर्भगृह रमणीक एवं दर्शनीय है। नगर में 3 मंदिर है। एक
धर्मशाला है।

other details: बिजौलिया क्षेत्र पर भट्टारक परम्परा थी । वार्षिक मेला विशाल स्तर पर चैत्र सुदी चतुर्थी पर आयोजित होता है। मुनि श्री
सुधासागर जी महाराज के चातुर्मास के समय क्षेत्र का चहुंमुखी विकास हुआ है। | समीपवर्ती स्थल : पर्यटन स्थल : मेनाल : बिजौलिया से चित्तौड़ रूट
पर 19 किमी. है।यहां गुप्तकालीन शिव मंदिर तथा आकर्षक वाटर फॉल है। बिजौलिया में गुप्तकालीन 3 शिव मंदिर है। मंदाकिनी कुं ड के पास उद्देश्वर
मंदिर, महाकाल एवं हजारेश्वर है।

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name
चित्तौड़
ऐतिहासिक/कला तीर्थ

address : श्री दिगम्बर जैन मंदिर एवं कीर्ति स्तंभ, चित्तौड़गढ़ फोर्ट,
phone
स.सूत्र: श्री महेन्द्र कु मार टोंग्या 94147-34938
facilities: चित्तौड़गढ़ स्टेशन के सामने सर्व सुविधायुक्त धर्मशाला है। भोजन सशुल्क उपलब्ध है। किले पर मंदिर के निकट श्वेताम्बर धर्मशाला है।
रेलवे स्टेशन रोड (फोन : 0 1 472-24 1971 , किला - फोन : श्री संजय जैन - 09252 1 44095, 242 1 62
| किले की तलहटी में सांवरिया क्षेत्र (हिन्दू) की सुविधायुक्त धर्मशाला है। किले में डाक बंगला है। चित्तौड़ पर्यटन क्षेत्र है-अनेकों होटल एवं लॉज उपलब्ध
है। स्टेशन के निकट आरटीडीसी होटल -पन्ना (0 1472-241 238) माहेश्वरी भोजनालय, होटल पदमिनी, पन्ना, विनायक पैलेस में शाकाहारी
भोजन उपलब्ध है। किले में प्रतिदिन शाम को लाईट एंड साउंड को दिखाया जाता है। सम्पर्क - होटल पन्ना - 241238 |

guidance : चित्तौड़गढ़ स्टेशन, अजमेर-खंडवा तथा उदयपुर-कोटा का प्रमुख स्टेशन है।सभी प्रमुख शहरों से बस सेवा उपलब्ध है। फोर्ट पर जाने के
लिये ऑटो मिलते हैं। स्टेशन से फोर्ट 7 किमी. है। मंदिर तक कार/बसे/ऑटो जा सकती है।
kshetra details: भारतीय इतिहास में चित्तौड़ का नाम अमर है।गढ़ का निर्माण वास्तुकला का अनुपम उदाहरण है। किला 16 किमी.लम्बा एवं
1 किमी.चौड़ा है।किले के 7 फाटक है और किले में अनेकों दर्शनीय स्थान है। किले पर एक जैन मंदिर तथा मान स्तंभ (कीर्ति स्तम्भ) है। शहर में 2
मंदिर तथा 2 चैत्यालय है। किला मंदिर का जीर्णोद्धार हो गया है जो कीर्ति स्तम्भ के समीप है। कीर्ति स्तम्भ सात मंजिला शिल्प कला का अनूठा उदाहरण
है। चारों कोनों पर भगवान आदिनाथ की 5 फू ट प्रतिमायें है। इसके निर्माता साह जीजा एवं उनके पुत्र पुण्य सिंह बघेरवाल जाति के (खटोड़) दिगम्बर जैन
थे। पास में श्वेताम्बर मंदिर धर्मशाला, दुर्ग के द्वार, राणा कुं भा के महल, म्यूजियम, विजय स्तम्भ, पदमिनी महल, जौहर स्थल मीरा मंदिर, गौमुख
सभी दर्शनीय हैं।
other details
समीपवर्ती स्थल : बस्सी -22 (लक्ष्मीनाथ एवं शिव मंदिर), बही पार्श्वनाथ मंदसौर-140, बमोत्तर शांतिनाथ (प्रतापगढ़)-160 उदयपुर-1 20,
बिजौलिया-1 1 2, रतलाम-375, रावतभाटा-1 10, कोटा-170, बून्दी-1 63, भीलवाड़ा-55 ।

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name

अणिन्दा पार्श्वनाथ
अतिशय क्षेत्र

address : श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र अणिन्दा पार्श्वनाथ, जिला उदयपुर,

phone : 02957-237682, 237611 प्रबंधक दीपक कु मार जैन, मो. 9950738047, स. सूत्र : श्री पूरणमल लोलावत
(2460881)

facilities: सुविधायुक्त 1 9 कमरे, सामान्य-40 तथा 3 हॉल है। भोजन सशुल्क उपलब्ध है। संत निवास - 12 कमरे । कु ल 105 कमरों
में डिलक्स, सुपर डिलक्स एवं एसी कमरों की सुविधा है। |

guidance : चित्तौड़-उदयपुर रूट (एनएच) पर उदयपुर से 40 किमी. पहले भटेवर गांव में टर्न लेकर वरड़दा होते हुये मोड़ी से 10 किमी.
अणिन्दा पार्श्वनाथ मंदिर है। देबारी से 20 किमी. है। एयरपोर्ट 20, चित्तौड़गढ़-90, उदयपुर-40, सालेड़ा-27, भिंडर-7, धरियावद-90,
बांसवाड़ा-140, उदयपुर से बस साधन उपलब्ध है। उदयपुर से आनेवालों को 20 किमी. पर अणिंदा पाश्र्वनाथ के लिए तीर की चौकी पर टर्न है।हाइवे
से 10 किमी.।। |

kshetra details : क्षेत्र पर 6 मंदिर है। मान स्तंभ 1, नंदीश्वर मंदिर एवं धर्मशाला एक विशाल के म्पस में है। मुनि श्री कुं थसागरजी महाराज
की प्रेरणा से निरंतर विकास हो रहा है।जन्म स्थली 2 किमी.। | पद्मावती सुमेरू पर्वत - कै लाश पर्वत-72 जिनालय, भरत सागर, पदम सरोवर
पार्श्वनाथ - उक्त सभी दर्शनीय है। क्षेत्र पर मेला - पौष दशम एवं ग्यारस को लगता है।

other details
समीपवर्ती स्थल : सालेड़ा-जमीन से खुदाई में प्राप्त 2 प्रतिमाओं का नई वेदी में स्थापित कर मुनि श्री सुधा सागर जी के सान्निध्य में हाल ही में पंच
कल्याण प्रतिष्ठा कराई गई है।

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name
ऋषभदेव के सरियाजी

address : श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र ऋषभदेव के सरियाजी, जिला-उदयपुर,

phone : 0 2907-230744, प्रबंधक-श्री प्रेमचन्द जैन, स. सूत्र : श्री पृथ्वीराज जैन मैनेजर, गुरुकु ल (0 2 9 0 7 - 2 3 0
1 4 1 ) मो. 99 8 2776 471, 096023-43641 |
facilities: (1) श्री ऋषभदेव दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र (के शरियाजी) वर्तमान में देवस्थान के अधीन संचालित है। इस संस्था के अधीन
अटेच 50, सामान्य 1 0 0 एवं हॉल 4 हैं। गेस्ट हाउस 4 हैं। भोजनशाला सशुल्क (प्राइवेट) तथा नियमित है। मंदिर एवं धर्मशाला अलग-अलग
के म्पस में है। स्टेशन ऋषभदेव रोड 12, उदयपुर 65, बस स्टेण्ड-30 0 मीटर।।
(2) गांव के बाहर रोड पर श्री दिगम्बर जैन भट्टारक यशकीर्ति गुरुकु ल ऋषभदेव संचालित है जहां मंदिर एवं धर्मशाला एक ही के म्पस में है। यहां
सुविधायुक्त 7, सामान्य 8 तथा हॉल-1 है। भोजन सशुल्क अनुरोध पर।।
(3) बस स्टेण्ड के पास ही नवनिर्मित श्वेताम्बर मंदिर एवं धर्मशाला का निर्माण हो चुका है। धर्मशाला सर्व सुविधायुक्त है। भोजनशाला नियमित है।फोन :
02907-2300 23 |

guidance क्षेत्र उदयपुर से अहमदाबाद रोड (1 किमी. अंदर) पर 65 किमी है।खेरवाड़ा 16 तथा डूंगरपुर-38 किमी. है।
अहमदाबाद-190, नागफणी पार्श्वनाथ-48, शांतिनाथ मंदिर पीपली-8,खैरवाड़ा, कै लाशगिरी 16 किमी.

kshetra details : क्षेत्र पर 4 मंदिर एवं 1 चैत्यालय है।गांव का नाम धुलेब है। व्यवहार में भगवान ऋषभदेव के बड़े बाबा मंदिर के कारण
क्षेत्र ऋषभदेव के नाम से जाना जाता है। मूर्ति पर के सर चढ़ाने से क्षेत्र

राजस्थान के शरियाजी के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां भगवान ऋषभदेव की अति प्राचीन प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित है। इस गर्भगृह के तीन ओर मंदिरों पर
52 शिखर है। मूर्ति चमत्कारिक होने के कारण जैन-अजैन-आदिवासी भगवान के सामने मनौती मनाते हैं। मुख्य मंदिर का द्वार विशाल एवं आकर्षक है।सम्पूर्ण
मंदिर कलात्मक है।
गुरुकु ल मंदिर में उन्नत शिखर वाला मूलनायक भगवान ऋषभदेव की मूर्ति के अलावा रत्नों की अनेक मूर्तियां है।

other details

समीपवर्ती स्थल :
खैरवाड़ा : उदयपुर से अहमदाबाद रोड पर (एन एच 8) के शरियाजी से खैरवाड़ा 16 किमी. है। रोड पर ही एक छोटी पहाड़ी पर कै लाशगिरी का
निर्माण किया है। यहां भगवान आदिनाथ की 1 3 फु ट की प्रतिमा स्थापित है। आवास व्यवस्था सामान्य है।फोन : 02907-22 0 0 09, 220
1 99
डूंगरपुर : उदयपुर से 100 किमी. खैरवाड़ा होते हुये प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है।खैरवाड़ा से 21 किमी. है। शहर के प्रारंभ में लेक एवं उदयविलास पैलेस
(जो अब होटल है) दर्शनीय है। रोड के किनारे श्रीनाथ टेम्पल है। जूना महल 4 किमी. है।
डूंगरपुर से देव सोमनाथ (26) जंगल के बीच के वल पत्थरों का बना शिव मंदिर है।बनेश्वर यहां से 70 किमी. है।यहां बनेश्वर महादेव का प्रसिद्ध मंदिर
है। यहां का मेला प्रसिद्ध है।
गलियाकोट–दाओदी बोहरा समाज का प्रसिद्ध स्थान डूंगरपुर से 50 किमी है।दरगाह के दर्शनों के लिये यात्री पूरे भारत से आते हैं।

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name
नागफणी-पार्श्वनाथ
अतिशय क्षेत्र

address श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, नागफणी, पो. मोदर, तह एवं जिला-डूंगरपुर,
phone : 02964-294044, प्रबंधक-श्री शिखरचन्द गंगवाल-09571 34 1 350, स. सूत्र : श्री धनपाल रतनलाल कोठारी -
02964-250418) अध्यक्ष–बिछीवाड़ा
facilities: : सुविधायुक्त 9 एवं सामान्य 16 कमरे हैं। हॉल-3 है। भोजनशाला अनुरोध पर। |

guidance : उदयपुर-अहमदाबाद रोड पर खैरवाड़ा से 12 किमी. पर बिछीवाड़ा कस्बा है। बस, जीप साधन उपलब्ध। यहां से 1 0 किमी. पर
क्षेत्र है। ऋषभदेव यहां से 46 किमी. है। क्षेत्र एक छोटी टेकरी पर है। जहां सीढ़ियां शुरू होती है, वहां गौमुख से कुं ड में पानी गिरता है।
kshetra details : क्षेत्र पर एक मंदिर है। मूलनायक प्रतिमा भगवान पाश्वनाथ की है जो धरणेन्द्र के शीर्ष पर भगवान की लघु प्रतिमा
विराजमान है। गर्भगृह के आगे मंडप है।सप्तफणी पाश्र्वनाथ के तीन फण खंडित है।यही प्रतिमा जैन जैनेतर जनता में श्रद्धा का के न्द्र है। क्षेत्र तपोवन जैसा है।
हरे-भरे वृक्षों के बीच रमणीक है। स्थान निर्जन है, ग्राम मोदर यहां से 2 किमी. है।चौबीसी, त्रिमूर्ति जिनालय निर्माणाधीन है।

other details
| कलिंजरा : श्री वाग्वर गोम्मटेश बाहुबली मंदिर, पो. कलिंजरा, जिला बांसवाड़ा ।
विशेष : खूणादरी बावलवाड़ा-55, शांतिनाथ कांच मंदिर-छाणी45, अंदेश्वर पार्श्वनाथ (बांसवाड़ा) 140, नौगामा नसियां-125, शामलाजी (गुजरात)
30, डूंगरपुर-35, अहमदाबाद-150, उदयपुर-1 1 5, तारंगा (गुजरात) 89, भिलोडा पार्श्वनाथ-47 किमी.

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name
अरनिया (अरथूना)
अतिशय क्षेत्र

address : श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र अरथूना, जिला-बांसवाड़ा,


phone : 02963-238204, प्रबंधक-श्रीवस्तुपाल शाह, मो. 941 32-14632, स. सूत्र : श्री संजय जैन (दोषी) 02963-
238285 अरथूना
facilities: : सुविधायुक्त 1 कमरा तथा हॉल एक है। भोजन सुविधा नहीं है।
guidance : क्षेत्र सागवाड़ा (डूंगरपुर) कालिंजारा रोड पर गढ़ी से 16 किमी. है। बांसवाड़ा-55 (वाया परतापुर-गढ़ी) है। उदयपुर-160 (वाया
पालोदा-गढ़ी) कालिजरा-40, नौगामा-30, दाहोद (गुजरात) 1 0 0 किमी. |

kshetra details : क्षेत्र पर एक मंदिर सुरम्य पहाड़ी पर स्थित है। बस्ती से 1 किमी. दूरी पर चट्टान पर अनेकों खड़गासन पद्मासन प्रतिमायें
खुदी हुई है। अरथूना प्राचीन ऐतिहासिक स्थल है। हिन्दु एवं जैन मंदिरो.के अवशेष है। यहां चंदा प्रभु का विशाल मंदिर है। पुरातत्व विभाग के अधीन खंडहर
है।

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name नौगामा-नलियाँ।
अतिशय क्षेत्र
address : श्री दिगम्बर नसियांजी नौगामा, जि. बांसवाड़ा,

phone 078 02968-22 0 0 35. स. सूत्र : 73 चंद गांधी (9414729317)

facilities: : सुविधायुक्त 2 कमरे, 2 हॉल है। भोजन सुविधा नहीं है।


guidance : क्षेत्र नौगामा, सागवाड़ा-गढी-कालिजरा रोड पर गढ़ी से 24 किमी. है। बांसवाड़ा से 24 किमी. है (वाया छींच), नसियां कस्बे से
डेढ़, दाहोद-90 किमी.।।
| पावागढ़ 1 50, बड़ौदा 100, उदयपुर 170, डूंगरपुर 97, अन्देश्वर पार्श्वनाथ 20 किमी. |
kshetra details : नौगामा में 2 मंदिर है। एक नौगामा में, दूसरा नसिया में ।नसियां क्षेत्र प्राचीन है और निर्वाण क्षेत्र वाग्वर सम्मेदशिखरजी की
रचना की गयी है जो आकर्षक है। कलात्मक फव्वारे एवं उद्यान से क्षेत्र रमणीक है। क्षेत्र एवं धर्मशाला एक ही के म्पस में है।
विशेष : नौगामा से कालिंजरा 13 किमी. है। यहां बावन डेरी मंदिर में बाहुबली की 1 5 फीट प्रतिमा मनोज्ञ एवं दर्शनीय है।

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name
अन्देश्वर-पाश्र्वनाथ

address : श्री दिग, जैन पार्श्वनाथ अतिशय क्षेत्र, अन्देश्वर, जिला-बांसवाड़ा,


phone: 02965-2740 30, 2753 1 1 प्रबंधक-श्री गुलाबचंद जैन-09929954073, स. सूत्र : श्री हरमुखलाल शेठ, मंत्री
(0941 410 2724) |
facilities : सुविधायुक्त कमरे 1 0, सामान्य 15 हॉल-2 है। भोजनशाला नियमित एवं सशुल्क है। क्षेत्र एवं धर्मशाला एक विशाल प्रांगण में है।
|
guidance: मुम्बई-रतलाम रेलवे लाईन पर दाहोद स्टेशन से 77 किमी. तथा बांसवाड़ा से 30 सागवाड़ा-गढ़ी, नौगामा होते हुये कलिंजरा से 07
किमी.पर स्थित है। | वागोल पाश्र्वनाथ-20, कु शलगढ़-20, पावागढ़-1 35, बड़ौदा-170, रतलाम-1 0 0, इंदौर-230, उदयपुर-208,
बांसवाड़ा-40 किमी.
kshetra details : बांसवाड़ा जिले में छोटी सी पहाड़ी पर क्षेत्र है। क्षेत्र पर 2 मंदिर है। दोनों पार्श्वनाथ मंदिर है। हाल ही में चौबीसी,
मानस्तंभ, कांच मंदिर का निर्माण हुआ है। मंदिर एवं धर्मशाला पास में है। पार्क बना हुआ है। जैन एवं जैनेतर लोगों की प्रतिमा में बड़ी आस्था है। चमत्कार
होते रहते हैं।

Other Details
समीपवर्ती स्थल : वागोल पार्श्वनाथ, वमोतर शांतिनाथ, त्रिमूर्ति, ध्रुवधाम (बांसवाड़ा)।
विशेष : अन्देश्वर पाश्र्वनाथ को के न्द्र बनाकर अरथूना, नौगमा, कलिंजरा, बांसवाड़ा की यात्रा उचित है। यहां से वागोल पार्श्वनाथ एवं
राजस्थान तीर्थद्वंदना बांसवाड़ा (ध्रुवधाम) तथा बमोतर शातिनाथ (प्रतापगढ़) पहुंचा जा सकता

| वागोल पाश्र्वनाथ : श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र ला पाश्र्वनाथ मंदिर, कु शलगढ़ से 5 किमी. है। अन्देश्वर पार्श्वनाथ हो 20 किमी. है। यहां पर मंदिर
एक है। सामान्य सुविधाये है। सम्पर्क सत्र हंसमुख लाल शेठ-02965-275258
| रत्नत्रय तीर्थ धुवधाम (बांसवाड़ा) :श्री ज्ञायक पारमार्थिक ट्रस्ट बांसवाड़ा द्वारा संचालित ध्रुवधाम तीर्थस्थल बांसवाड़ा से डू गरपुर रोड पर 7 किमी. है।
ग्राम कू पड़ा जिला बांसवाड़ा है। | यहां मूलनायक भगवान महावीर, वासपुज्य एवं पाश्र्वनाथ की प्रतिमायें स्थापित की गई है। पंच बालयति मंदिर एवं स्वाध्याय
भवन का निर्माण हो। चुका है। मंदिर के सामने 63 फीट ऊँ चा मानस्तंभ निर्मित है।
आ. अकलंक देव जैन न्याय महाविद्यालय संचालित है जहां छात्रों को जैन दर्शन का अध्ययन कराया जाता है। फोन एवं सम्पर्क सूत्र : पं. श्री राजकु मार
जैन, दर्शनाचार्य मो. 094141-0 3492, श्री महीपाल ज्ञायक (02962-255695), 094141-03475
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name
बमोतर शातिनाथ
address : श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, शांतिनाथ, पो. बमोत्तर (सिद्धपुर), जि. चित्तौड़,

phone: 01478-225826, प्रबंधक - श्री रमणीक लाल जैन, मो. 098289-43596, स. सूत्र : श्री आनंद प्रकाश जैन-अध्यक्ष,
मो. 094143-971 44, 222444
facilities : सुविधायें सामान्य है। सामान्य-12 कमरे हैं। भोजनशाला नहीं है। प्रतापगढ़ में (4 किमी) ठहरना उचित है। |
guidance :रेलवे स्टेशन मंदसौर 40 किमी. तथा प्रतापगढ़ से छोटी सादड़ी रोड पर 4 किमी. है। नंदनवन (धरियावद) 40, ऋषभदेव-150
(वाया सलुम्बर कल्याणपुर) अन्देश्वर पाश्र्वनाथ 1 50, उदयपुर-165, बही पाश्र्वनाथ (वाया मंदसौर-48), बांसवाड़ा-85, चित्तौड़-1 1 0 ,
कोटा-220 किमी.।।
kshetra-details : क्षेत्र पर एक मंदिर है। मंदिर एवं धर्मशाला एक के म्पस में है। गेट विशाल है। शांतिनाथ भगवान की डेढ़ मीटर प्रतिमा
चमत्कारी एवं मनोज्ञ है। मूलनायक अजितनाथ भगवान की प्रतिमा स्थापित है। प्रतापगढ़ जैन बाहुल्य ऐतिहासिक शहर है। दिगम्बरों के 7 एव श्वेताम्बरों के 9
भव्य व विशाल मंदिर है।
विशेष : प्रतापगढ़ में आम पापड, अन्य पापड़, जीरावण, हींग, लाग,
सेव प्रसिद्ध है।कांच पर सोने का कार्य भी उच्च कोटि का है।

Other-Details
समीपवर्ती स्थल : अभिनंदन साधना के न्द्र त्रिमूर्ति-शेषपुर मोड़

क्षेत्र श्री 105 सुप्रकाशमति माताजी की प्रेरणा से विकसित हुआ है।उदयपुर से सलम्बुर रोड पर सलुम्बर से 10 किमी. पर जतारा ग्राम से 2 किमी.
पहले रोड पर क्षेत्र स्थित है। क्षेत्र पर चंदाप्रभु, वासपुज्य एवं शांतिनाथ भगवान की खड़गासन प्रतिमायें एक ऊँ चे प्लेटफार्म पर स्थापित है।
उदयपुर-80, डूंगरपुर-55,आसपुर-17 किमी.। आवास एवं भोजन व्यवस्था नहीं है। फोन : प्रबंधक - श्री गोरधन-094149 25614, स. सूत्र
: श्री पूंजीलाल जैन (0941 49-25648, 09950 1-89507)

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बही पार्श्वनाथ (मंदौर) म.प्र.


अतिशय क्षेत्र
विशेष : बही पार्श्वनाथ (मंदसौर) क्षेत्र यद्यपि मध्य प्रदेश में है। किन्तु चित्तौड़ एवं कोटा एवं उदयपुर के नजदीक होने से क्षेत्र का विवरण राजस्थान के
साथ दिया गया है।
नाम एवं पता : णमोकार महामंत्र साधना के न्द्र, बही पार्श्वनाथ चौपाटी, मंदसौर-458664, फोन : 07424-24 1948, 241461 प्रबंधक
- श्री दाड़म चंद जैन (09753535790), स. सूत्र: श्री शांतीलाल बड़जात्या - अध्यक्ष (मो. 094259-23534) | सुविधायें
:सुविधायुक्त 1 3 एवं सामान्य 1 0 कमरे तथा 2 हॉल है। भोजनशाला नियमित, सशुल्क है। गेस्ट हाउस 6 बने हैं। अन्य फ्ले ट निर्माणाधीन है। |
मार्गदर्शन : चित्तौड़-नीमच-मंदसौर हाइवे पर मंदसौर से 13 किमी. पहले बही पार्श्वनाथ क्षेत्र रोड पर स्थित है। प्रतापगढ़-48, बमोतर शांतिनाथ-52,
देवगढ़-पर्यटन स्थल-50, नंदनवन धरियावद-70, पिपल्यामंडी स्टेशन-3, कोटा-234, चित्तौड़-1 06, नीमच-50 किमी. है।
| महत्व एवं दर्शन : क्षेत्र पर 2 मंदिर एवं एक समोशरण रचना है। मूल मंदिर पार्श्वनाथ की पहली मंजिल पर चौबीसी बनी है। कार्यालय के सामने
समोशरण मंदिर की भव्य रचना है। मंदिर के सामने मानस्तंभ है। संत निवास, स्कू ल, वृद्धाश्रम का निर्माण हो चुका है। अन्य कई निर्माण कार्य जारी है।
आ. कल्याण सागर की प्रेरणा से क्षेत्र का विकास हुआ है और मुख्य द्वार के पास इनका समाधि स्थल भी है।
विशेष : मंदसौर का पशुपतिनाथ मंदिर भारत में प्रसिद्ध है। मंदसौर में 12 दिगम्बर मंदिर है।

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कोटा
राजस्थान मध्यवर्ती शहर
चम्बल नदी के किनारे स्थित यह औद्योगिक नगर राजस्थान के विशेषतः हाडौती के प्रमुख नगरों का प्रवेशद्वार है।
हाडौती का यह प्रसिद्ध शहर आज कोटा डोरिया साड़ी, भारत के प्रमुख कोचिंग सेंटर तथा जैनियों के शहर के नाम से जाना जाता है। को शहर में छोटे-
बड़े 43 दिगम्बर जैन मंदिर, 8 श्वेताम्बर मंदिर है, जिनमें प्रमुख है दादाबाड़ी स्थित दिगम्बर जैन नसियां, आर के पुरम का मनिसवत स्वामी, रामपुरा
के प्राचीन (जैन गली) मंदिर, के शोराय पाटन रोड पर गिरधरपुरा मंदिर है। के शोराय पाटन रोड पर गिरधरपुरा में श्री कुं दकं द दिग, जैन आश्रम ट्रस्ट द्वारा
संचालित भगवान शीतलनाथ महावीर स्वामी का भव्य जिनालय है। परिसर में गुरुकु ल, भोजनालय तथा खुले में मुनि सुव्रत स्वामी के दर्शन है। आवास एवं
भोजन अनुरोध पर उपलब्ध है। | बारां रोड पर सरस्वती कॉलोनी में लघु किन्तु भव्य 2 मंजिला काँच मंदिर है। यहां संतों के लिए आवास श्री वर्धमान
सरवाड़िया ने अपने निजी
आवास में उपलब्ध करवाया है। स्टेशन क्षेत्र में सहस्त्रफणि पाश्र्वनाथ का नवीन सुंदर मंदिर स्थापित है। विज्ञान नगर मंदिर में सर्वसुविधायुक्त
आवास है। सम्पर्क : श्री राजमल पाटोदी, अध्यक्ष - 09414176474 एवं श्री पी.के .हरसोरा, मो. : 0941 34 0 0 1 40
| श्वेताम्बर मंदिरों में दादाबाड़ी में दान बाडी प्रमुख है जहां आवास व्यवस्था उपलब्ध है।
कोटा के प्रमुख पर्यटक स्थलों में है : सिटी पैलेस (गढ़), जगमंदिर (सन् 1740 में महारानी बृजकुं वर द्वारा निर्मित) उम्मेद भवन पैलेस (अब वेलकम
ग्रुप का थ्री स्टार होटल), कोटा बैराज, चम्बल गार्डन, ट्रेफिक गार्डन, अमर निवास, अभेड़ा महल, गरड़िया महादेव । | कोटा के आसपास प्रमुख
स्थानों में - रावतभाटा स्थित राणाप्रताप सागर बेराज, कोटा बेराज, दरा अभयारण्य, कै थुन (कोटा डोरिया), के शोरायपाटन का विष्णु मंदिर, गेपरनाथ,
बाडोली, जवाहर सागर डम
श्वेता हरसोरा, मोमल पाटोदी, अध्यक्ष मंदिर में सः
प्रमुख है। कोटा से 38 किमी. बूंदी शहर राजस्थान का प्रमुख पर्यटन स्थल
आवास : चम्बल टू रिस्ट बंगला, बड़ा बाग नयापुरा, का (0744-2327695), उम्मेद भवन पैलेस (हेरिटेज - फा 232526 प्रमुख होटल)
बृजराज भवन पैलेस (फोन : 2450523 मेनाल रेजिडेंसी प्रमुख है।
होटला में नवरंग, गोकु ल, सुखधाम कोठी (सभी नयापुरा में) | भोजनालय/रेस्टोरेंट में प्रमुख है - उम्मेद भवन पैलेस, मैना रेजिडेंसी, हरियाली,
माहेश्वरी (बूदी रोड)। स्टेशन पर अमर ढाबा, कस्तू रेस्टोरेंट।
| समीपवर्ती स्थल :कै थली–105, के शोरायपाटन-30, कै थून 16, बिजौलिया -67 किमी.

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कै थूली पार्श्वनाथ

नाम एवं पता : श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, कै थूली, भानपुरा, जिला-मंदसौर, फोन : 07459-22 1 568,स.सूत्र :
श्री त्रिलोक चंद सावला, रामगंजमंडी, अध्यक्ष - 9414193 194, प्रबंधक : श्री प्रेमचंद जैन मो.92 1 4728901 | सुविधायें : सामान्य-
6 कमरे हैं। भोजन अनुरोध पर उपलब्ध है। धर्मशाला एवं मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य जारी है। | मार्गदर्शन : कोटा-रतलाम रेल लाईन पर रामगंजमंडी स्टेशन
से क्षेत्र 16 किमी. है। खेराबाद से सड़क मार्ग से 14 किमी. तथा मध्य प्रदेश के सीमावर्ती कस्बे संधारा से 13 किमी. है। भानपुरा से नीमथूर होकर
क्षेत्र 13 किमी. है। भानपुरा-13, झालरापाटन-50, चांदखेड़ी-85, कोटा वाया रामगंजमंडी-1 05, झालावाड़-60, झालरापाटन-55 किमी. ।
महत्व एवं दर्शन : क्षेत्र पर एक मंदिर है। मंदिर पहाड़ की तलहटी में है। मध्य प्रदेश एवं राजस्थान की सीमा पर स्थित कै थूली क्षेत्र 1 1 0 0 वर्ष
प्राचीन है। भगवान पार्श्वनाथ की चतुर्थकालीन प्रतिमायें मौजूद है। संभावना यह है कि तलघर में तीर्थकरों की प्रतिमाएं होनी चाहिये। क्षेत्र पर अनेकों मनोहारी
प्रतिमायें हैं।
विशेष : बही पार्श्वनाथ से रूट है- नीमच सिंगोली-रावतभाटा, चेचट - मोड़क - खैराबाद - कै थूली ।

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झालरापाटन
मध्यवर्ती शहर
श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र शहर के मध्य में स्थित है। यह झालावाड़ (जिला मुख्यालय) से 8 किमी. है। झालरापाटन कोटा भोपाल/इंदौर
रूट पर कोटा से 92 किमी. है। । विशेषता : भगवान शांतिनाथ का विशाल मंदिर उन्नत शिखरवाला है। गर्भगृह में 12 फु ट की भगवान शांतिनाथ की
खड्गसन प्रतिमा है। द्वार पर दो विशाल श्वेत हाथी इसकी विशेषता है। मंदिर के तीन ओर बरामदों में 15 वेदिया है। नगर में 4 मंदिर और है।
जूनी नसियाँ : शहर के बाहर झालावाड़ एवं झालरापाटन के मध्य रोड से थोड़ा हटकर किले की तलहटी में बड़ी नसियां है।इसके सामने छोटी पहाड़ी पर
जूनी नसियां में अतिशय क्षेत्र पाश्र्वगिरी का निर्माण हो चुका है। यह रोड से 1 किमी. है। सड़क पक्की बन चुकी है। आवास व्यवस्था है। फोन :
07432-241 305 | सुविधायें : 14 कमरों एवं विशाल मंदिर का निर्माण हो चुका है। क्षेत्र का निरंतर विकास हो रहा है। स. सूत्र : डा. डी
के जैन-0941 42-56491
पर्यटक स्थल : झालरापाटन पर्यटक शहर है। प्रमुख पर्यटक स्थल -द्वारकाधीश मंदिर, अंधेरा बाग, सूर्य मंदिर (राजस्थान कोणार्क ), ताला चंद्रभागा नदी
(महादेव मंदिर) झालावाड़ झालरापाटन के मध्य आरटीडीसी का होटल चंद्रावती ठहरने के लिए अच्छा स्थान है। फोन . 07432234023
समीपवर्ती स्थल :झालावाड़, चांदखेड़ी (खानपुर)-35 किमी.।

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चाँदखेड़ी (खानपुर)
मध्यवर्ती शहर
नाम एवं पता : श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, चाँदखेड़ी, पो. खानपुर, जिला-झालावाड-3260 39, फोन : 07430-261 358,
261 61 6, प्रबंधक-श्री अविनेश जैन (मो. 09784895777), स. सूत्र : श्री अजय बाकलीवाल-कार्याध्यक्ष - 09950995258, श्री
लाभचंद जैन, सारोला (0941 4572069), कोटा कार्यालय - 0744-2361 641 , श्री गुलाबचन्द जैन-अध्यक्ष
सुविधायें : मंदिर एवं धर्मशाला - एक विशाल के म्पस में है। सुविधायुक्त 1 0 0 कमरे एवं सामान्य 1 0 0 तथा 10 हाल है। भोजनशाला नियमित
सशल्क है। मंदिर से 50 मीटर पर एक धर्मशाला बाहर भी है।

मार्गदर्शन : रामगंजमंडी स्टेशन -65, कोटा-1 20 (दोनों दिल्ली-मुम्बई रेल लाईन), सड़क मार्ग से कोटा बारां बपावर होकर 111, वाया
झालावाड़-1 20, अकलेरा (एनएच 1 2) 45 किमी. है। इंदौर, अलवर, जयपुर, झालावाड़, बारां से सीधी नियमित बस सेवा उपलब्ध है। श्री
महावीर जी वाया कोटा-350, झालावाड़ 35, बारां-48, झालरापाटन-42, इंदौर-225, अकलेरा-45, भोपाल-225, गुना-150 /खानपुर
कस्बे से (बस स्टेण्ड) क्षेत्र अटरू रोड पर स्थित है।
महत्व एवं दर्शन : जनश्रुति के अनुसार शेरगढ़ के बारापाटी से भगवान आदिनाथ की भव्य, अतिशययुक्त लाल पाषाण की साढ़े 6 फीट प्रतिमा, कोटा
राज्य के दीवान श्री किशनलाल भड़िया (बघेरवाल) द्वारा स्थापित की गई थी। प्रतिमा विशाल तलघर में स्थापित है। मंदिर एक नदी के किनारे सघन वृक्षों
के बीच है। शहर के बाहर क्षेत्र शांत एवं रमणीक है। तलघर के उपर भगवान महावीर की मूर्ति स्थापित की गई है जिस पर 55 जिन बिम्ब उत्कीर्ण है।
यहां पांच वेदियां, एक गंधकु टी और कई छोटी-छोटी वेदिया है। पूरे मंदिर में 900 से अधिक जिनबिम्ब प्रतिष्ठित है। मूल मंदिर के पृष्ठ भाग में सुंदर
समोशरण मंदिर है। इसके बगल में विशाल शिलालेख स्थापित किया गया है।
विशेष : मुनिपुंगवश्री सुधासागर महाराज द्वारा भूगर्भ से 24 मार्च 2002 को भगवान चंदाप्रभु, सिद्ध भगवान एवं पार्श्वनाथ की रत्नों की प्रतिमाओं को
निकाला गया था, जिन्हें 6 अप्रेल 2002 तक दर्शन पश्चात पुनः भूगर्भ में स्थापित कर दिया गया है। दर्शनार्थ लाखों यात्री यहां आये थे। विशाल
(प्रवचन) हाल का निर्माण हो चुका है तथा चौबीसी का निर्माण कार्य जारी है। क्षेत्र का निरंतर विकास हो रहा है। मूल मंदिर के सामने मानस्तंभ स्थापित
कर दिया गया है। | समीपवर्ती स्थल :शेरगढ़ किला-15 किमी, बारां-48 किमी ।
शेरगढ़ : पर्यटन स्थल है। यहां प्राचीन किला है। किले के पिछले भाग में नदी है जहां भगवान आदिनाथ की मूति प्राप्त हुई थी। यहां छतरी में चरण चिन्ह
तथा पहाड़ की चट्टान में छोटी-छोटी गुफाओं में तीर्थकर की मूर्तियां उके री हुई है।स्थान मनोरम है तथा एक पास में एक मस्जिद भी बनी है।
बारां : बारां जिला मुख्यालय है। कोटा-शिवपुरी रोड पर कोटा से 72 किमी. पर स्थित है। मध्यवर्ती शहर है। प्रमुख पर्यटन स्थल रामगढ़-36 किमी,
सीताबाड़ी, शाहबाद, शिवपुरी, झांसी, ग्वालियर।
शहर से 3 किमी. शिवपुरी रोड पर श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र स्थित है। आवास व्यवस्था है। भोजनशाला नहीं है।

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के शवरायपाटन

नाम एवं पता : श्री मुनिसुव्रत नाथ दिगम्बर जैन


"। के शवरायपाटन, जि. बुन्दी-3236 0 1 , फोन : 07438-०६,
महावीर राके श जैन 0 8 0 5 8 1 79347,स.सूत्र:श्री वैद 0 99289642 0 0 पाटन, श्री घनश्याम 09636475800 | सुविधायें :
आवास व्यवस्था में 10 कमरे हैं। हॉल एक है। सशुल्क अनुरोध पर उपलब्ध है। नई धर्मशाला का निर्माण जारी है। _ मार्गदर्शन : क्षेत्र कोटा-सवाई माधोपुर
रोड पर के शोराय पाटन र से तथा के शोरायपाटन स्टेशन से 4 किमी है। कोटा से क्षेत्र 30 किमी है। कोटा से वाया रंगपुर क्षेत्र 9 किमी. है लेकिन
चम्बल नदी नाव द्वारा पार करने पर किनारे पर क्षेत्र स्थित है। इसके पास ही के शवरायजी का उन्नत शिखर वाला मंदिर है। दोनों मंदिरों के शिखर चम्बल
नदी का विहंगम दृश्य प्रस्तुत करते हैं। सवाई माधोपुर (चमत्कारजी)-90, चंवलेश्वर (वाया बूदी) 1 50, बिजौलिया पार्श्वनाथ-95, श्रीमहावीर जी-
200 किमी. है। | महत्व एवं दर्शन : क्षेत्र पर एक मंदिर चम्बल नदी के किनारे ऊँ ची टेकरी पर बना हुआ है। क्षेत्र अत्यंत प्राचीन है। आ. नेमीचंद ने
आश्रम पट्टन के नाम से प्रसिद्ध इस स्थान पर वृहद द्रव्य संग्रह ग्रंथ की रचना की थी। क्षेत्र शहर के बाहर चम्बल किनारे पर हैं। | क्षेत्र पर भगवान
मुनिसुव्रत की मूलनायक प्रतिमा तलघर में स्थापित है। अनेकों ग्रंथों एवं काव्यों में इस प्रतिमा का वर्णन है। गर्भगृह 16 पिलर पर निर्मित है और मूल वेदी
पर शिखर का निर्माण कर दिया गया है।
विशेष : क्षेत्र पर रास्ता बस स्टेण्ड से होकर शहर के मध्य में है अतः बड़ी बसों को दिक्कत आती है। के शोरायपाटन - प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ भी है। कार्तिक
पूर्णिमा पर नदी किनारे विशाल मेला लगता है जिसमें हजारों यात्री चम्बल में स्नान करते हैं। हिन्दु मान्यता के अनसार राजा रन्तिदेव की जन्म-भूमि तथा
परशुराम ने तपस्या की थी।राजा हमीर ने यहां विशाल स्तर पर कोटिं यज्ञ किया था।
समीपवर्ती स्थल :इंद्रगढ़ नसियां-74, तलवास-96, बून्दी-45, खानपुर-1 55, सवाई माधोपुर 90 किमी.।। | इंद्रगढ़ : पर्यटन स्थल है। शहर
में 2 मंदिर है और शहर के बाहर मुनि सुधा सागर जी की प्रेरणा से टेकरी पर नसियां का जीर्णोद्धार हो रहा है।
बूंदी : अरावली पर्वत श्रेणियों की पहाड़ी में बसा बंदी, हाडौती का प्रमुख पर्यटक स्थल है। इसकी बसावट अद्भुत एवं आकर्षक है। यह प्रमुख पर्यटक स्थलों
में है - तारागढ़ फोर्ट (सर्वोच्च ऊं चाई पर) He चित्रशाला (भारत भर में प्रसिद्ध) नवलसागर, चौरासी खम्भों की छत,
जी की बावड़ी, जैत सागर (बोट सुविधा) सुखमहल प्रमुख हैं। वर्तमान में सिंचाई विभाग के अधीन गेस्ट हाउस है। । आवास : होटल वंदावती-जैत सागर
के किनारे- 04 2442322 स्टेशन 4 कोटा 38, जयपर 21 4 दिल्ली 470, आसपास पर्यटक स्थलों में रामेश्वर 17, तलवास 65,मेनाल-
60

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चमत्कारजी (सवाईमाधोपुर)
अतिशय क्षेत्र
नाम एवं पता : श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, चमत्कारजी, सवाई माधोपुर , फोन : 07462-23381 6 प्रबंधक - श्री दीपक कु मार सोगानी
फोन 0773738 1 5 18, 0960 21-0861 2 स. सूत्र : श्री लाडली प्रसाद बाकलीवाल मो. 094140-31 0 5 1 । |
सुविधायें : सर्व सुविधायुक्त 1 0 एवं सामान्य-8, हॉल 3 हैं। भोजन अनुरोध पर सशुल्क है। मंदिर एवं धर्मशाला एक ही के म्पस में है और सवाई
माधोपुर स्टेशन से शहर के मध्य मेन रोड पर क्षेत्र स्थित है। | मार्गदर्शन : रेलवे स्टेशन सवाई माधोपुर-3 किमी. है।बस स्टेण्ड 2 किमी. है। सभी
प्रमुख शहरों, जोधपुर, हावड़ा, इंदौर, जयपुर, दिल्ली, मुम्बई से सीधा जुड़ा है। रेलवे स्टेशन से तांगे, ऑटो उपलब्ध है। सवाई माधोपुर-5 किमी. है।
जयपुर-160, श्री महावीरजी-1 08, कोटा-1 1 0, पदमपुरा-140, के शोरायपाटन-90 किमी., रणथम्भौर किला एवं जैन मंदिर-15, टोंक-
90, चांदखेड़ी-235 किमी.।।
महत्व एवं दर्शन : राजा हमीर की राजधानी सवाई माधोपुर के पास ग्राम आलनपुर में भगवान आदिनाथ की स्फटिक मणि की अतिशय मूर्ति चमत्कारजी के
नाम से प्रसिद्ध है। प्रतिमा के कई अतिशय होने से क्षेत्र का नाम चमत्कारजी पड़ा । मुख्य मंदिर के प्रमुख द्वार पर लाल छतरी आकर्षक है। जहां से मूर्ति
प्रकट हुई थी (1 किमी.) वहां छतरी बनी हुई है। | सवाई माधोपुर में 8 भव्य जिनालय है जहां प्राचीन सैकड़ों मूर्तियां है। क्षेत्र से 15 किमी. दुर्ग में
20 0 0 वर्ष प्राचीन भगवान संभवनाथ की प्रतिमा के दर्शन होते हैं। प्रातः 6 बजे क्षेत्र से बस जाती है और दर्शन कराकर वापिस लौट जाती है। हाल
ही में मुनि सुधासागर जी महाराज की प्रेरणा से क्षेत्र एवं दुर्ग के मंदिर का विकास कार्य जारी है। सवाई माधोपुर में दीवानजी एवं कांच का मंदिर दर्शनीय है।
समीपवर्ती स्थल : रणथम्भौर : रणथम्भौर राष्ट्रीय नेशनल पार्क (बाघ परियोजना) विश्वविख्यात है। जहां देशी-विदेशी पर्यटक वर्षभर (जुलाई से सितम्बर बंद
) आते हैं। फोर्ट में संभवनाथ जैन मंदिर के अलावा प्रसिद्ध गणेश मंदिर एवं जोगी महल है। वन्य जीवों के स्वतंत्र विहार के लिए आदर्श स्थल है। इस
पार्क से 700 फु ट ऊँ चा रणथम्भौर का विशाल एवं ऐतिहासिक किला है। पार्क में भ्रमण में सफारी गाड़ी या कें टर से जाना होता है।समय प्रातः 6 से 1
0 एवं दोपहर 1.30 से सायं 5.30 |इसकी बुकिं ग आरटीडीसी के होटल विनायक से होती है। फोन नं : 07462-220808/22 1 333
ठहरने के लिए अनेकों होटलों के अलावा पार्क के अंदर आरटीडीसी
राजस्थान का झूमर बावड़ी (जयपुर राजाओं एवं अंग्रेजों के समय शिकारगृह) प्रमख है। फोन : 220495
अन्य है विनायक टू रिस्ट कॉम्प्लेक्स होटल, नाहरगढ़।
खंडार : जयपुर (228), सवाई माधोपुर (38), श्योपुर जाने वाले मार्ग पर स्थित है। कस्बे में 2 मंदिर तथा किले में गुफा मंदिर दर्शनीय है।
अनेकों मूर्तियां उत्कीर्ण है।फोन : 07468-241467
| टोंक नसियाँ :शहर टोंक के मध्य व्यस्ततम चौराहे के निकट दिग. जैन नसियाँ स्थित है। जो एनएच 12 से 2 किमी. है। विशाल परिसर में प्राचीन
एवं नवनिर्मित मंदिर में अनेकों प्राचीन मूर्तियाँ स्थापित है। इन मूर्तियों को चार मौके पर जमीन से निकाली गई है। 29.9.1953 को 26 प्रतिमायें,
पुनः 1 3 प्रतिमायें (अजमेर नसियां में स्थापित), पुनः किले में 3 प्रतिमायें तथा 11 नवम्बर 2008 को 23 प्रतिमायें प्राप्त हुई। इस प्रकार का
अतिशय अन्य कहीं सुनने में नहीं आया। सभी प्रतिमायें मनोज्ञ एवं आकर्षक है और अखंडित है। छोटे-छोटे नंदीश्वर जिनालय भूगर्भ से प्राप्त हुये हैं। आवास
एवं भोजन सुविधा उपलब्ध है। धर्मशाला एवं मंदिर एक ही परिसर में है। सम्पर्क - भगवान महावीर मार्ग, टोंक, मो. : 094140377 0 0 श्री
श्याम लाल जैन।

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श्रीमहावीर जी
अतिशय क्षेत्र
नाम एवं पता : श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी, तह. हिंडोन, जि. करौली, फोन : 07469-224323 (का.), स्वागत कक्ष
- 224439, 22441 0, प्रबंधक - श्री पी. सी. सेठी फोन : 0941 40-340 09 स. सूत्र : श्री महेन्द्र कु मार जी
09829499222 | सुविधायें : ऑन लाईन बुकिं ग सुविधायुक्त धर्मशालाओं (6) में 355 एवं सामान्य 55 एवं 55 हॉल हैं। मंदिर के म्पस में
धर्मशाला को कटला कहा जाता है। वर्धमान एवं सन्मति धर्मशाला में गाड़ी पार्कि ग, ए सी.एवं कू लर की व्यवस्था है। भोजनशाला नियमित, एवं अल्पाहारगृह
सशुल्क, यात्री निवास है। क्षेत्र पर ऐलोपेथिक, प्राकृ तिक एवं आयुर्वेदिक औषधालय संचालित है। विशाल पुस्तकालय है।
मार्गदर्शन : दिल्ली-मुम्बई रेल लाईन पर श्री महावीरजी स्टेशन से क्षेत्र 7 किमी. है। जयपुर-आगरा रोड पर सिकन्द्रा, दौसा.एवं महुआ सरा द्वारा तथा
सवाई माधोपुर से गंगापुर होते हुए श्री महावीर जी पहुंच सकते है। यहां सभी गाड़ियां रूकती है।
जयपुर-140, आगरा-1 65, हिंडौन-22, करौली-22, दिल्ली-262, चूलगिरी-1 35, मथुरा चौरासी-145 किमी., चमत्कारजी-1 08,
पदमपुरा-175, तिजारा-2 0 5, सोनागिरी-275,दिल्ली-262 किमी. | महत्व एवं दर्शन : क्षेत्र पर मंदिरों की संख्या 5 है। क्षेत्र पर प्रतिमा का
प्रकट होना सर्व विदित है। अतिशय के कारण जैन व जैनेतर लोगों के दर्शनों का तांता लगा रहता है। कटला के मध्य में मूल मंदिर ऊँ चे प्लेटफार्म पर
स्थित है। मंदिर के सम्मुख मान स्तंभ है और मंदिर का मुख्य द्वार विशाल है।
मूल भगवान महावीर की लाल पत्थर की पाषाण प्रतिमा है। गर्भगृह छोटा है किन्तु आसपास में अन्य वेदियों पर अनेकों मूर्तियां है। तलघर में (मुख्य मंदिर
के नीचे) ध्यान के न्द्र निर्मित हुआ है जहां अनेकों कीमती प्रतिमायें है। मुख्य मंदिर के पीछे भगवान के चरण छतरी है। श्री महावीर जी क्षेत्र का काफी
विकास हुआ है। क्षेत्र भारत के सर्वाधिक प्रसिद्ध अतिशय क्षेत्रों में है। महावीर जयंती एवं निर्वाण दिवस विशेष समारोह के साथ मनाया जाता है।
यहां कमला बाई जी का कांच का मंदिर एवं स्कू ल-कॉलेज, कृ ष्णा बाई आश्रम, शांतिवीर नगर (मंदिर एवं धर्मशाला) आदि कई संस्थायें कार्यरत है।
शांतिवीर नगर फोन नं. 07469-224482, 223382, प्रबंधक- श्री प्रकाश चन्द्र जैन मो. 0941 43-291 03 स सूत्र :राजकु मार
कोठारी मो. 0941 40-48432 | विशेष : श्री महावीर जी स्टेशन पर क्षेत्र की बस उपलब्ध रहती है। टेक्सी एवं तांगे भी उपलब्ध हो जाते हैं।
| - शांतिवीरनगर के पास में सिद्धार्थ होटल है जहां रेस्टोरेंट भी है। (07469-224664, 09829890877) | समीपवर्ती स्थल : करौली
जिला मुख्यालय से (22 किमी) कै लादेवी मंदिर, भरतपुर में के वलादेव घाना नेशनल पार्क - वर्ल्ड हेरिटेज तथा डीग महल (भरतपुर से 36 किमी.)
प्रमुख पर्यटन स्थल है।ये स्थान राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है। । भुसावर : श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर भुसावर, जि. भरतपुर-32 1 406, सं.
सूत्र : श्री विमल चंद जैन - 09667883816, मार्गदर्शन : जयपुर–भरतपुर मार्ग पर छोकरवाड़ा से 7 किमी., भरतपुर-60, आगरा-1 20,
महावीर जी -55, जयपुर-1 35, बयाना से 30, हिण्डौन-35, मंदिर का निर्माण जारी है। आदिनाथ भगवान की चमत्कारी मूर्ति स्थापित है।

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