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राजस्थान िा गौरव में अतीत , शौयय , शक्तत और बल दानों िा प्रतीि है। यह अपने
अद्भत
ु प्रािृतति सौंदयय -उच्च लशल्प ि ा से पररपूणय मिंहदरों , मह ो तथा रिं ग-बबरिं गे त्योहारों
एविं मे ों िे िारण दे श- ववदे श िे पययििों िे आिषयण िा प्रमुख िेंद्र रहा है । जहािं
राजस्थान िे िुछ भागों में घने जिंग ों से ढिे सरु म्य प्रािृतति स्थान एविं वन्य जीवों िे
सुरक्षा स्थ रणथिंभौर , सररस्िा और जयसमिंद जैसे स्थान है वहािं पुटिर , नाथद्वारा और
अजमेर जैसे तीथय स्थ हैं। धचत्तौड़गढ़ जय गढ़, रणथिंभौर तथा आमेर िे कि े , झी ों िी
नगरी उदयपुर और खूबसूरत तनयोक्जत नगर जयपरु से सहसा ही पययििों िो अपनी और
आिवषयत िरते हैं । यही िारण है कि भारत में आने वा ा हर तीसरा ववदे शी पययिि
राजस्थान जरूर आता है ।
राजस्थान में पययििों िा इततहास िाफी पुराना है । पर ववदे शी पययििों में लसििंदर ,चीनी
यात्री हे नसािंग और फाहृयान भी बैराठ िे बौद्ध ववहारों िा अव ोिन िरने राजस्थान आए थे।
प्रलसद्ध इततहासिार िॉ िायनबी, प्रलसद्ध इिाल यन भाषा शास्त्रीिे शीिे रा मेररया , महारानी
एल जाबेथ, वप्रिंस कफल प, रूस िे राटट्रध्यक्ष श्री खुश्चेव , बु गातनन, अमेररिा िे भूतपूवय
राटट्रपतत िी पत्नी श्रीमती िेनेिी तथा िई जाने-माने ववदे शी पययिि राजस्थान आते रहते हैं
।
राजस्थान िे प्रमख
ु पययिन स्थान
यों तो राजस्थान िी भूलम िा िोना िोना पययििों िो आिवषयत िरता है पर िुछ प्रमुख
पययिन स्थ ऐसे हैं, जहािं िुछ ऐततहालसि, प्रािृतति और िालमयि ववशेषताएिं हैं, जहािं
पययििों िा आिषयण और भी बढ़ जाता है। इन में अग्रल खखत उल् ेखनीय है -
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अजमेर पुटिर
हहिंद-ू मुक्स् म तीथों िा सिंगम अजमेर जयपुर से 135 कि ोमीिर दरू अराव ी पवयत िी
सुरम्य घािी में बसा शहर है । यहािं ख्वाजा मोइनद्द
ु ीन धचश्ती िी दरगाह है, तारागढ़ िा
सशतत दग
ु ,य सोनी जी िी नलसयािं, ढाई हदन िा झोपड़ा, आना सागर झी और प्रलसद्ध हहिंद ू
तीथय स्थान पुटिर है, जहािं िाततयि पूखणयमा पर ववशा मे ा ववदे शी पययििों िा प्रमुख
आिषयण िेंद्र बन जाता है।
अ वर
भरतपुर -िीग
राजस्थान िा पूवी द्वार भरतपुर अपने ऐततहालसि स्थ ों, िेव ादे व घना अभयारण्य, एि
राटट्रीय पािय पक्षी प्रेलमयों िा स्वगय है। भरतपुर से 35 कि ोमीिर उत्तर में हरे भरे बगीचों,
स्थापत्य ि ा िे उत्िृटि मह ों िी भव्य इमारतों, ऐततहालसि दग
ु य और रिं गीन फव्वारों िा
आिषयण िेंद्र िीग है । भरतपुर िे दक्षक्षण में बयाना िे ऐततहालसि स्थ तथा रूपवास िी
गुततिा ीन ववशा प्रततमाएिं दशयनीय है।
बीिानेर
यहािं पययििों िे प्रमुख आिषयण िेंद्र राजा जयलसिंह द्वारा तनलमयत हुई 37 बुजीय ववशा
कि ा और इसमें तनलमयत चिंद्र मह , फू मह , िणय मह , शीश मह , छत्तर मह आहद
अपनी ववलशटि स्थापत्य ि ा, पेंहििंग एविं दपयण िी अनूठी िारीगरी िे ल ए प्रलसद्ध हैं। खुदाई
ि ा िा उत्िृटि नमूना ा गढ़ पत्थरों से तनलमयत है । बीिानेर से 26 कि ोमीिर जोिपुर
मागय पर िरणी माता िा मिंहदर है। िवप मुतन िा तपोवन िो ायत िा ता ाब भी प्रलसद्ध
है ।
बूिंदी
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प्रलसद्ध इततहासिार िनय िॉि ने बूिंदी िे गढ़ एविं महह ाओिं िो सवोत्िृटि माना है , इसमें
छत मह , दीवाने आम और रिं ग मह िे बूिंदी धचत्र शै ी िे उत्िृटि नमूने हैं । इसिे
अततररतत फू सागर ,नव सागर, दे वपुर िे तनिि 84 खिंभों िी छतरी, जैत सागर एविं
सुख मह आहद उल् ेखनीय हैं।
जयपुर -आमेर
उदयपरु
उदयपुर सिंभाग िे और प्रमुख पययिन स्थ िो िुरावि िे पास गािंव जगत में अिंबबिा िा
जगत मिंहदर राजस्थान िा खजुराहो है । उदयपुर िे उत्तर में 48 कि ोमीिर दरू बनास नदी
पर वैटणवों िा प्रलसद्ध श्रीनाथ जी िा मिंहदर तथा मेवाड़ िे महाराणाओिं िे आराध्य दे व
एिल ग
िं जी िा मिंहदर , उदयपुर िे नाथद्वारा जाते समय बीच में प्रमुख मिंहदर है । लशल्प
ि ा िे अनप
ु म उदाहरण रणिपरु िा जैन मिंहदर, महाराणा प्रताप और अिबर िे बीच यद्ध
ु
स्थ ी हल्दीघािी और चेति घोड़े िी समाधि नाथद्वारा से 11 कि ोमीिर दरू है। ििंु भ गढ़
िा दग
ु य भी दशयनीय है।
धचत्तौड़गढ़
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और 2 मी चौड़ा फै ा हुआ है। दग
ु य िे चारों ओर 11. 5 कि ोमीिर िंबाई िा मजबूत एविं
ऊँचा परिोिा , प्रवेश िे साथ बिे द्वारों वा ा सपायिार रास्ता दग
ु य िी ववशा ता िो दशायते हैं
। यहािं िे ववजय स्तिंभ िीततय स्तिंभ ऐततहालसि गौरव िी महाराणा ििंु भा िी मह रानी
पतिनी िा ज मह जौहर ििंु ि जैन मिंहदर गोमुख भी भीमता मीरा मिंहदर िल िा मिंहदर
िाल िा मिंहदर बनवीर िी दीवार नौ खा खजाना और तोपखाना आहद पययिन रुधच िे स्थ
है
िोिा चिंब नदी िे किनारे बसा मध्ययुगीन भव्यता में आिुतनिता जो िी किरण िा सिंगम
िोिा हदल् ी मिंब
ु ई मागय पर क्स्थत पययिन िेंद्र था जा रहा है यहािं राज मह अमर तनवास
क्षेत्र तनवास बाग चिंब गाियन भीतररया ििंु ि और आिारलश ा िे अततररतत घर तथा रिं गबाड़ी
आहद पययिन भक्तत िे दशयनीय स्थान है िोिा से 80 कि ोमीिर दरू वविंध्याच िे स्वर में
घािी में िरा गया सेंचुरी अब ी मीणी िा मह भी वहािं दशयनीय है प्रताप सागर बािंि िी
ओर जाते समय बािो ी िा लशव मिंहदर स्थापत्य ि ा िा उत्िृटि नमूना है
माउिं ि आबू
अराव ी पवयत श्रिंख ा िी 1200 मीिर ऊिंची चोिी पर क्स्थत यह स्थान राजस्थान िा
एिमात्र हह स्िे शन है। राज्य िी सबसे ऊिंची चोिी गरु
ु - लशखर 1727 मीिर ऊिंची है ।
यहाँ दे वाड़ा िे जैन मिंहदर सिंगमरमर से बने वास्तु ि ा िे सुिंदर, सुसक्ज्जत एविं उत्िृटि
नमूने हैं । यहािं िी नतखी झी , िोि रॉि िेम एविं एविं बु रॉि , गौमुख , सन-सेि
पॉइिंि और अच गढ़ िे जैन मिंहदर दशयनीय पययिन स्थ हैं।
जोिपुर
मरुस्थ ी राजस्थान िा सबसे प्रमुख नगर जोिपुर भी अपने ऐततहालसि गौरव और भव्य
मह ों िी वास्तुि ा िे िारण पययििों िा िेंद्र बन गया है । यहािं पर दग
ु य जसविंत थड़ा ,
उम्मेद भवन, मिंिोर िा उद्यान और बा समिंद झी है ।
जोिपुर शहर से 65 कि ोमीिर दरू ओलसयािं में आठवीिं शताधदी िे सूयय मिंहदर और जैन
मिंहदर प्रमख
ु हैं । हरीहर िे मिंहदर में खजरु ाहो जैसी आिृततयािं लशल्प ि ा िी सजीवता िे
ल ए प्रलसद्ध हैं।
जैस मेर
1156 ईस्वी िे यादव विंश िे राजा जैस लसिंह द्वारा बसाया गया यह नगर थार मरुस्थ
में ि ा एविं प्रािृतति महत्व िा महत्वपूणय नगर है । यह 85 मीिर ऊिंची पहाड़ी पर बना 99
बुजीय दग
ु य पययििों िे आिषयण िा महत्वपूणय िेंद्र है । इसी दग
ु य में बने मोती मह , रिं ग
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मह , वव ास मह , आहद लशल्प तराशी और धचत्रिारी िे उत्िृटि नमूने हैं । जैस मेर िे
प्रलसद्ध सेठो िी पिवों िी हवे ी नाम से जानी जाने वा ी हवे ी में चार हवेल यािं हैं। इन
िे झरोखों, मेहराबों और खखड़कियों िा ि ात्मि लशल्प तराशी िे बेजोड़ नमूनों ने ववदे शी
पययििों िो बहुत आिवषयत किया है । यहािं िा नवतनलमयत राटट्रीय उद्यान भी महत्वपूणय है
। जैस मेर वपछ े 10 वषों िे िायािल्प से पययिन िी दृक्टि से ववश्व िे मानधचत्र पर छा
गया है।
बाड़मेर
बाड़मेर से गभग 37 कि ोमीिर िी दरू ी पर 12 वीिं शताधदी िे परु ातत्व महत्व िे किरािू
मिंहदर, बाड़मेर शहर से 5 कि ोमीिर दरू ी पर महाबार गािंव िी रे त िे ऊिंचे ऊिंचे स्वखणयम
िोंरों एविं ऐततहालसि ग्राम िानाना तथा ता ोतरा से िुछ दरू नािोड़ा जी जैन तीथय स्थ
आहद महत्वपूणय पययिन स्थ है । माचय में यहािं पर थार महोत्सव आयोक्जत किया जाता है।
क्जसमें ोि गीतों एविं ोि ि ािारों िा अद्भत
ु सिंगम एविं प्रततयोधगताओिं िा आयोजन होता
है ।
• धचत्तौड़गढ़ िा कि ा , धचत्तौड़गढ़
• ििंु भ गढ़ िा कि ा , ििंु भ गढ़
• रणथिंभौर , सवाई मािोपुर
• नाहरगढ़ दग
ु य ,जयपुर
• तारागढ़ ,अजमेर
• तारागढ़ फोिय ,बूिंदी
• जयगढ़ फोिय , जयपुर
• आमेर फोिय , जयपरु
• सोनार कि ा, जैस मेर
• ा कि ा, अ वर
• ोहागढ़, भरतपुर
• मेहरानगढ़, जोिपुर
• सोजत फोिय , सोजत लसिी
• मह
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• जय तनवास ेि पै ेस, उदयपुर
• मोती मह ,भरतपुर
• ििंु भा मह , धचत्तौड़गढ़
• पतिनी मह , धचत्तौड़गढ़
• उम्मेद भवन पै ेस , जोिपुर
• लस ीसेढ़ व सररस्िा पै ेस , अ वर
• जूनागढ व ा गढ़ िे मह , बीिानेर
• रामबाग पै ेस , जयपरु
• चिंद्र मह अथवा चिंद्र पै ेस, जयपुर
• नागौर पै ेस, नागौर लसिी
• जूना पै ेस, िुग
िं रपुर
• जग मिंहदर पै ेस , िोिा
• छत्र मह ,बिंद
ू ी
• लससोहदया रानी मह , जयपुर
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