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महह ा सशक्ततिरण दशा और हदशा

महह ा सशक्ततिरण उप क्धियािं एविं चुनौततयािं

अथवा

तया शक्तत और अधििार ही नारी मुक्तत में सक्षम है

मनुस्मनृ त का धचर पररधचत श्लोक यत्र नाययस्तु पूज्यिंते रमिंते तत्र दे वता इस बात का संकेत दे ता है
कक प्राचीन कालभारतीय महहलाओं का स्वखणचम काल थाAपुरुि प्रधान व्यवस्था के बावजूद महहलाओं
का समाज में सम्मान थाA प्रनतष्ट्ठा थी और उन्हें आगे ब़िने की पण
ू च स्वतंत्रता थी Aअपने
आध्याजत्मक ज्ञान और अगर प्रनतभा से os]समाज को यह बताने में सक्षम हुई] कक osपरु
ु िों से ककसी
भी स्तर पर कम नहीं है Aपरं तु मध्यकाल में जस्थनत इतनी सुखद नहीं थी A उनकी प्रगनत vo:)
रही बिहटश काल को सामाजजक राजनैनतक चेतना का असर हे लन की महहलाओं पर भी पडा Aलेककन
प्रगनत कोई खास नहीं हुई बिहटश काल की इसका कारण यह था कक बिहटश सरकार ने इस और कुछ
खास ध्यान नहीं हदया A

स्वतंत्रता के बाद सरकारों ] महहला संगठनों] महहला आयोग आहद के iz;klksa से महहलाओं के ललए
ववकास के द्वार खुले Aउनमें लशक्षा का प्रसार हुआ ] जजससे उनके आत्मववश्वास में ववृ द्ध हुईA

आज भी वे राजनीनत ]समाज सुधार]लशक्षा] पत्रकाररता] साहहत्य] उद्योग] ववज्ञान आहद ववलभन्न क्षेत्रों
में पुरुिों के साथ कंधे से कंधा लमलाकर चल रही है Aएक vksj rks ;g पररदृश्य बेहद उत्साहजनक है ]
परं तु दस
ू री ओर आज भी लाखों करोडों महहलाएं गरीबी] शोिण एवं उत्पीडन की लशकार है A दे श में
लाखों पररवार गरीबी में जी रहे हैं और गरीबी की सवाचधधक मार इन पररवारों की महहलाएं >sy रही है
A यही नहीं घरों से बाहर काम करने वाली महहलाओं का शोिण बराबर जारी है A os परु
ु िों के समान
कायच करने के बावजूद उनके बराबर नौकरी मजदरू ी नहीं पाती हैंA

यह सवचववहदत तथ्य है कक सबसे पहले स्त्री us ही पुरुि को घर बनाकर रहने की प्रेरणा दी] लेककन
आज उसी घर में स्त्री को शारीररक] मानलसक] भावनात्मक आहद ववलभन्न रूपों में घरे लू हहंसा का
लशकार होना

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पड रहा है Aपररणामस्वरूप स्त्री का अजस्तत्व ना केवल पररवार में बजल्क पररवार के बाहर भी कमजोर
हुआ है A यही नहीं ] घरे लू हहंसा पीडडता के साथ साथ उसके बच्चों पर भी गहरा मनोवैज्ञाननक प्रभाव
िालती है A इसका पररणाम यह होता है कक बच्चे असामाजजकता की ओर उन्मुख हो जाते हैं ]तयोंकक
पररवेश अपना असर छोडे बबना नहीं रहता A एक सवेक्षण में 50% महहलाओं द्वारा वैवाहहक जीवन
में ककसी न ककसी प्रकार की हहंसा की बात Lohdkj की गई Aऐसे मामूली कानूनी एजेंलसयों तक कम
ही पहुंच पाते हैं तयोंकक पनत पत्नी के बीच तकरार को ननजी मामला माना जाता है A

एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा प्रकालशत एक ररपोटच के अनुसार] भारत में 40% वववाहहत महहलाओं को
महज इस कारण प्रताडडत ककया जाता है कक उनका बनाया भोजन या उनके काम पसंद नहीं आएA
खुद महहलाओं की सोच में इन बातों का असर इतना ज्यादा है कक वे कई बार खद
ु हहंसा का समथचन
करने लगती हैंAलेककन इन यातनाओं का असर उनके मानलसक एवं शारीररक स्वास्थ्य पर पडता है A
समाज में आज भी सवाचधधक उत्पीडन ववधवाओं का हो रहा है Aयुवा ववधवाओं को अनेक प्रनतबंधों में
जीना होता है A frl पर यहद वह कामकाजी महहला है ] तो उसके चररत्र पर कीचड उछालने और ताने
दे ने में लोगों को जरा भी संकोच नहीं होताA ववधवा महहलाओं में बेसहारा महहलाओं को यहद
जीववकोपाजचन का साधन नहीं लमलता तो वे कई बार नैनतक ] अनैनतक कायच करने को वववश हो
जाती हैंA जो ऐसा नहीं कर पाती भी वेपरे शान होकर अतसर आत्महत्या का रास्ता अपना लेती हैंA
महहलाओं से छे डछाड] बलात्कार और कायाचलयों में कायचरत महहलाओं के अलावा अन्य महहलाओं के
यौन उत्पीडन की घटनाएं लगातार हो रही हैंA उच्चतम न्यायालय ने यौन उत्पीडन को गंभीरता से
लेते हुए कुछ समय पहले सरकार को ननदे श हदया था कक वह सरकारी व ननजी क्षेत्र में महहला यौन
उत्पीडन को रोकने के ललए उधचत कानून बनाएं A

सरकार ने महहलाओं का यौन उत्पीडन रोकने संबंधी कानून बनाने के अनतररतत महहला सशजततकरण
आंदोलन को सुदृ़ि करने के ललए संवैधाननक सुरक्षा के साथ साथ एक कारगर संस्थागत िांचा भी
खडा ककया है A महहलाओं और बच्चों के ववकास को आवश्यक गनत प्रदान करने के ललए 1985 में
मानव संसाधन ववकास मंत्रालय के अंतगचत महहला एवं बाल ववकास ववभाग का गठन ककया गयाA
यह ववभाग नोिल संगठन के रूप में अपनी भूलमका के अंतगचत योजनाएं] नीनतयां और कायचक्म
तैयार कर रहे ] सरकारी संगठनों के प्रयासों में समन्वय स्थावपत करता है A1992 में स्थावपत राष्ट्रीय
महहला आयोग को आवंहटत कायच एवं जजम्मेदाररयां काफी व्यापक हैंAमहहलाओं के अधधकारों की रक्षा
से संबंधधत तमाम पहलुओं और सशजततकरण प्रकक्या को ब़िावा दे ने के सभी प्रयासों को इसके दायरे
में लाया गया है A

आयोग कानून कानूनों की समीक्षा करता है A महहला अधधकारों के उल्लंघन और कायचस्थल पर यौन
शोिण जैसी व्यजततगत लशकायतों की जांच करता है तथा महहलाओं के अधधकारों के संरक्षण के ललए
सक्षम अधधकाररयों को उपयत
ुच त उपयत
ु त कदम उठाने के बारे में सझ
ु ाव दे ता है Aआयोग महहलाओं को
शीघ्र न्याय उपलदध कराने के काम को भी महत्व दे ता है तथा आयोग महहलाओं कोतथा पाररवाररक
झगडों में परामशच के ललए अतसर महहला अदालतें भी आयोजजत करता है A दे श में समाज कल्याण

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संबंधी गनतववधधयों को ब़िावा दे नेतथा महहलाओं बच्चों और ववकलांगों के कल्याण कायचक्मों को
स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से लागू करने के ललए 1953 में केंद्रीय समाज कल्याण बोिच का गठन
ककया गयाAयह आजाद भारत का पहला संगठन है ] जो महहलाओं और बच्चों के ववकास कायचक्मों को
लागू करने में जनµसहयोग प्राप्त करने के ललए गैरµसरकारी संगठनों की मदद ले रहा है A इसके
अनतररतत]उन महहलाओं के ललए जो ववलभन्न कारणों से अपने पररवारों के पास वापस जाना नहीं
चाहती हैं] उन्हें समग्र एवं एकीकृत सेवाएं उपलदध कराने के ललए 2001-2002 से महहला अधधकाररता
कायचक्म शुरू ककया गया हैAइस योजना के तहत व्यवहाररक प्रलशक्षण का प्रावधान शालमल है A

महहलाओं के ववकास एवं सशजततकरण के ललए स्वयं सहायता lewgksa के माध्यम से स्वयिं लसद्ध नाम
की संबंधधत पररयोजना चलाई जा रही है A इसके अलावा गरीब महहलाओं को हस्तलशल्प जैसी
गनतववधधयों के संचालन के ललए _.k सहायता उपलदध कराने के ललए 1993 में राष्ट्रीय महहला कोि
का भी गठन ककया गया है Aगरीब महहलाओं को रोजगार के परं परागत क्षेत्रों]जैसे µ कृवि] पशुपालन]
िेयरी]मछली पालन] हस्तलशल्प आहद में अद्यतन जानकारी और नवीन कौशल उपलदध कराने के
एक प्रयास के रूप में एसटीईih कायचक्म शरू
ु ककया गयाA यह योजना उन सरकारी संगठनों] राज्यों
ननगमों]सहकारी संस्थाओं] संघों और स्वैजच्छक संगठनों के माध्यम से कक्याजन्वत की जा रही
है Aइनसबकायचक्मों के अलावाअब तक की हर पंचविीय योजना में महहलाओं के ववकास को ववशेि
महत्व हदया गया है A इन योजनाओं में संसद और राज्य ववधानसभाओं में महहलाओं के ललए एक
नतहाई सीटें आरक्षक्षत कराना भी करना भी शालमल था] हालांकक अभी यह ववधेयक संसद में पाररत
होने का इंतजार कर रहा हैA

महहला सशजततकरण एवं ववकास के ललए ननसंदेह सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई गई Aएवं कई
तरह के प्रयास ककए गएA बावजूद इसके अभी भी ववचारों] संस्कारों में उन्हें यथेष्ट्ट समकक्षता प्राप्त
करने में दे र है Aइसका प्रमख
ु कारण यह है कक एक लंबे अरसे से उन्हें जो उपेक्षा झेलनी पड रही है ]
उसकी वजह से महहलाएं खद
ु भी अपने भीतर ekuksa दबी हुई है A इस जस्थनत से उतरने का उपाय यह
है कक स्त्री को कुछ ववशेि सुववधाएं दी जाएं ] जजससे सत्ता प्रनतष्ट्ठानों में उनकी भागीदारी सनु नजश्चत
हो सकेAइस हदशा में पहला प्रयास पूवच प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ककया था] जब संववधान संशोधन
करके पंचायती राज ववधेयक में जस्त्रयों के ललए 30% आरक्षण का प्रावधान ककया गयाAहालांकक यह
ववधेयक कई विों बाद कुछ संशोधनों के साथ पाररत हुआ]इस प्रकक्या की पूरी साथचकता के ललए

जरूरी है कक जस्त्रयों के ललए लोकसभा और ववधानसभाओं में भी आरक्षण का प्रावधान ककया जाएA

संववधान और कानून में बराबरी का दजाच हदए जाने के बावजूद नारी को अपनी मजु तत और राजनीनत
और समाज में उधचत स्थान पाने के ललए तब तक संघिच करना होगा] जब तक कक पुरुि प्रधान
समाज को यह एहसास नहीं कराया जाता कक स्त्री भी उन्हीं की तरह gkMekal से यत
ु त की बवु द्धमान
प्राणी है A शारीररक संरचना में कुछ एक प्राकृनतक अंतरों की वजह से उसकी कायच क्षमता और बौवद्धक
क्षमता पर सवाल नहीं उठाना चाहहए कक वह हर क्षेत्र में परु
ु ि की बराबरी करने में सक्षम नहीं
है Aहालांकक जस्त्रयों ने हर क्षेत्र में अपनी सक्षम और सफल उपजस्थनत दजच कराते हुए bl fpjdkfyd

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अवधारणा को खंि खंि करने की कोलशश जरूर की है ] लेककन अभी बहुत कुछ ककया जाना बाकी है A
स्त्री मजु तत आंदोलन के दौरान ववकलसत दे शों की जागरूक महहलाओं को पुरुि प्रधान समाज की इस
भावना के कारण खासी कहठनाई का सामना करना पडा है कक जस्त्रयां स्वभाव से कमजोर तथा Hkh:
होती है इसी वजह से ववकलसत दे शों में हर तरफ यह दे खा जाता है कक जस्त्रयों के जागरूक होने तथा
स्त्री मुजतत आंदोलन चलाने पर भी उच्च पदों पर उनकी संख्या बहुत कम है A

आजादी के बाद भारतीय महहलाओं ने अपने ववकास में काफी प्रगनत की है और भारतीय समाज के
ननमाचण में महती भलू मका अदा की है Aइसके बावजूद परु
ु ि प्रधान समाज की मानलसकता और स्त्री की
पूवच में दललतों जैसी जस्थनत ने अभी भी दयनीय जस्थनत बरकरार रखी है A यही नहीं ] मानलसक

ववकास की वतचमान अवस्था में लडककयों के पालन µ पोिण में भेदभाव बरता जाता है A कठोर
कानूनों के बावजद
ू आधुननक उपकरणों की सहायता से गभचस्थ लशशु के ललंग की पहचान करके]
कन्या भ्रूण हत्या की जा रही है और दहे ज रूपी दानव तो हर रोज न जाने ककतनी महहलाओं को
अपना लशकार बना रहा है A इस तरह की कुछ बातें ना लसफच महहलाओं के सशजततकरण की हदशा में
चल रहे प्रयासों को कमजोर कर रही हैं ] cfYd jk"Vª के भववष्ट्य ननमाचण की प्रकक्या में भी बाधा
उत्पन्न कर रही है A

वस्तुतः सशजततकरण का अलभप्राय ही सत्ता प्रनतष्ट्ठानों में महहलाओं की साझेदारी से है Aयह दख


ु की
बात है कक आज की लोकसभा और ववधानसभाओं में महहलाओं की सैलरी 20% से ज्यादा नहीं है
जबकक आबादी में उनकी संख्या करीब 50% है A हालांकक सवाल यह भी उठता है कक लोकसभा और

ववधानसभाओं में अलग से आरक्षण दे ना उनके उत्किच में ककतना सहायक होगाA यह सवचववहदत है कक
आरक्षण से लाभाधथचयों का सामुदानयक ववकास अवश्य हुआ] लेककन उन ds nk;js में भी कुछ समवृ द्ध
के टापू हो तैयार हो गए और यह संपन्न लोग अपने ही समुदाय से कटे हुए हैंA आरक्षण के माध्यम
से स्त्री सशजततकरण की अवधारणा ऊपर से आकिचक जरूर लगती है लेककन अभी तक के अनुभव
;gh crkrs gSa fd आरक्षण प्राप्त समुदायों में वास्तववक सुख कुछ एक को ही लमल सका है ]बाकी
लोग मनोवैज्ञाननक सुख का ही आनंद ले रही है A इसीललए आरक्षण दे दे ना स्त्री समुदाय की
सामाजजकµआधथचक जस्थनत में गुणात्मक पररवतचन का प्रमाण पत्र नहीं हो सकता है A

vr% आरक्षण को समस्या के समाधान के हधथयार के रूप में लेने की बजाए उसे मुख्यधारा में लेने
के उपाय ही समझना बेहतर है A ज्यादा अच्छा यह होगा कक जस्त्रयों को वस्तनु नष्ट्ठ तौर पर ऐसी
सुववधाएं दी जाए]जजनके सहारे व्यजततत्व का स्वेच्छा से ननमाचण कर सकेंA उनके स्वास्थ्य] लशक्षा
और आजीववका के ललए]यहद अधधक से अधधक सहायता लमली तो वे अपनी सज
ृ नशीलता से
क्ांनतकारी पररवतचन ला सकती हैं A अभी तो उनकी खद
ु की समस्या यह है तयोंकक व्यजततत्व पर
पुरुि वचचस्व के कारण d`f=e सामाजजक व्यजततत्व आरोवपत है ] उसी से osपूरी तरह अपने आप को
नहीं बचा रही है A आवश्यकता इस बात की है ] कक स्त्री उस eq[kkSVs को उतार Qsads ] जो उसे उसकी
इच्छा के ववरुद्ध पहनाया गया और बाद में जजसे वह स्वाभाववक समझने लगीAचीन में लोहे के जत
ू े
पहनाकर स्त्री के पांव छोटे कर हदए जाते थेA vFkkZr~ ववश्व के हर समाज में लोहे के सांचे में

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जकिकर स्त्री के व्यजततत्व को ckSuk बना हदया गया और स्त्री इसी ckSusपन को अपना xq.k समझने
लगीA इस मानलसकता से मुजतत की जरूरत है ] इस मानलसकता से मजु तत जरूरी है A तभी
सशजततकरण वास्तववक अथों में हदखेगाA आरक्षण से ज्यादा जरूरी यह है कक स्त्री अपने x<s हुए
cukoVh व्यजततत्व से अपने को मुतत कर सकेA उसे ऐसा पररवेश और ऐसी सहायता लमले] जजससे
उसका उत्थान सहजता से हो सकेA महहला सशजततकरण]अलभयान को वास्तववक साथचकता तभी लमल
सकती है A

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