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Mp's National Park
Mp's National Park
अभ्यारण्य का अर्थ है अभय+अरण्य अर्थात अभय घूम सके जानवर, ऐसा अरण्य या वन।
सरकार अथवा किसी अन्य संस्था द्वारा संरक्षित वन, पशु-विहार को अभ्यारण्य कहते है ।
नौरादे ही अभ्यारण्य –सागर
सागर जिले में स्थित नौरादे ही अभ्यारण्य प्रदे श का सबसे बड़ा अभ्यारण्य है । (1194.67 वर्ग
कि.मी.) यह सागर, दमोह, नरसिंहपुर और रायसेन जिले तक विस्त्तत है ।
सागर जिले में इसका मुख्यालय है । यहां पर अफ्रीकी चिते पुर्नवास किया जा रहा है , नौरादे ही
प्रदे श में चीतें से पुन: परिचित कराने हे तु संभावित स्थान है ।
इस अभ्यारण्य से होकर बहने वाली इस अभ्यारण्य से होकर बहने बामनेर नदी मगरमच्
छों
और उदविलाल का घर है ।
यहां पर क्रोकाइडल पाइंट तथा चेओला झील भी है ।
रालामण्
डल अभ्यारण्य –इंदौर
मध्यप्रदे श के इंदौर जिले में स्थित यह प्रदे श का सबसे छोटा अभ्यारण्य है ।
दे श का प्रथम लोमड़ी संरक्षित क्षेत्र 2017 में घोषित किया गया।म.प्र. का प्रथम वन्य जीव
जागरूकता केन्द्र।
म.प्र. का दस
ू रा ततिली घर।
ं उत्पादन केंद्र स्थापित।
बंबू सेटम नाम बॉस
बोरी वन्यजीव अभ्यारण्य –होशंगाबाद
म.प्र. के होशंगाबाद जिले के सतपड़
ु ा के घने जंगलों में स्थित बारे ी वन्यजीव अभ्यारण्य को
वैसे तो 1865 में ही वन्यजीव अभ्यारण्य का दर्जा मिल गया था, लेकिन स्वतंत्र भारत में
इसे 1975 में स्थिापित किया गया।
485.715 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में फैले बोरी अभ्यारण्य शुष्क पर्णपाती वक्ष ं के जंगलों
ृ ों और बॉस
में घिरा है ।
इसके उत्तर और पूर्व में सतपुड़ा राष्ट्रीय पार्क फैला है तथा पश्चिम में तवा नदी बहती है ।
सरदारपुर अभ्यारण्य –धार
1983 मे स्थापित
मुलत: खरमौर पक्षी के संरक्षण के लिए स्थापित
2005 से दध
ु राज, सुल्ताना बुलबल
ु , खड़, तीतर आदि का संरक्षण।
केरल निवासी प्रसिद्ध विशेषज्ञ सलीम अली ने सैलाना में मौजुद 89 पक्षी-प्रजातियों का उल्
लेख अपनी पुस्तक में किया।
सैलाना की एक अन्य विशेषता है - शुष्क पर्णपाती (कठियावाड़) गिर जंगलो का इकोजिर्यन
वक्ष
ृ ो की मौजद
ु गी।
करे रा अभ्यारण्य –शिवपुरी
सोन चिडिया संरक्षण के लिए 1981 में स्थापित ।
अन्य प्राणी भारतीय मल
ु त: उल्लू, सांभर, चिंकारा, चीतल, नीलगाय।
घाटीगांव –ग्वालीयर
सोन चिडि़या (द ग्रेट इंडियन पक्षी र्बड्स) के संरक्षण प्रदान किया गया है ।