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शौर्य विद्यार्थी

6डी
19905
हमारे प्रमुख राष्ट्रीय चिह्न

राष्ट्रीय चिह्न
इस खण्ड में आपको भारत की राष्ट्रीय पहचान के प्रतीकों का परिचय दिया गया है। यह प्रतीक
भारतीय पहचान और विरासत का मूलभूत हिस्सा हैं। विश्व भर में बसे विविध पृष्ठभूमियों के
भारतीय इन राष्ट्रीय प्रतीकों पर गर्व करते हैं क्योंकि वे प्रत्येक भारतीय के हृदय में गौरव और
देश भक्ति की भावना का संचार करते हैं।
राष्ट्रीय गीत
• वन्दे मातरम गीत बंकिम चन्द्र चटर्जी द्वारा संस्कृ त में रचा गया है; यह स्वतंत्रता की लड़ाई में लोगों के लिए प्ररेणा का स्रोत था। इसका स्थान
जन गण मन के बराबर है। 24 जनवरी, 1950 को राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने संविधान सभा में एक बयान दिया, "वंदे मातरम्, जो
भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में एक ऐतिहासिक भूमिका निभाई है, जन गण मन के साथ समान रूप से सम्मानित किया जाएगा और इसके साथ
बराबर का दर्जा होगा"|
• इसे पहली बार 1896 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्र में गाया गया था।
राष्ट्रीय पश
राजसी बाघ, तेंदुआ टाइग्रिस धारीदार जानवर है। इसकी मोटी पीली लोमचर्म का
कोट होता है जिस पर गहरी धारीदार पट्टियां होती हैं। लावण्‍यता, ताकत, फु र्तीलापन
और अपार शक्ति के कारण बाघ को भारत के राष्‍ट्रीय जानवर के रूप में गौरवान्वित
किया है।
ज्ञात आठ किस्‍मों की प्रजाति में से शाही बंगाल टाइगर (बाघ) उत्‍तर पूर्वी क्षेत्रों को
छोड़कर देश भर में पाया जाता है और पड़ोसी देशों में भी पाया जाता है, जैसे नेपाल,
भूटान और बांग्‍लादेश। भारत में बाघों की घटती जनसंख्‍या की जांच करने के लिए
अप्रैल 1973 में प्रोजेक्‍ट टाइगर (बाघ परियोजना) शुरू की गई। अब तक इस
परियोजना के अधीन 27 बाघ के आरक्षित क्षेत्रों की स्‍थापना की गई है जिनमें 37,
761 वर्ग कि.मी. क्षेत्र शामिल है।
राष्ट्रीय मुद्रा
भारतीय रुपए का प्रतीक चिन्ह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आदान-प्रदान तथा आर्थिक
संबलता को परिलक्षित कर रहा है। रुपए का चिन्ह भारत के लोकाचार का भी एक
रूपक है। यह रेखा हमारे राष्ट्रध्वज तथा बराबर के चिन्ह को प्रतिबिंबित करती है। भारत
सरकार ने 15 जुलाई 2010 को इस चिन्ह को स्वीकार कर लिया है।
यह चिन्ह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुम्बई के पोस्ट ग्रेजुएट डिजाइन
श्री डी. उदय कु मार ने बनाया है। इस चिन्ह को वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित एक
खुली प्रतियोगिता में प्राप्त हजारों डिजायनों में से चुना गया है।
राष्ट्रीय पक्षी

भारतीय मोर, पावों क्रिस्तातुस, भारत का राष्ट्रीय पक्षी एक रंगीन, हंस के आकार का पक्षी पंखे आकृ ति की पंखों की
कलगी, आँख के नीचे सफे द धब्बा और लंबी पतली गर्दन। इस प्रजाति का नर मादा से अधिक रंगीन होता है जिसका
चमकीला नीला सीना और गर्दन होती है और अति मनमोहक कांस्य हरा 200 लम्बे पंखों का गुच्छा होता है।
मादा भूरे रंग की होती है, नर से थोड़ा छोटा और इसमें पंखों का गुच्छा नहीं होता है। नर का दरबारी नाच पंखों को
घुमाना और पंखों को संवारना सुंदर दृश्य होता है।
राष्ट्रीय पुष्ट्प

कमल (निलम्‍बो नूसीपेरा गेर्टन) भारत का राष्‍ट्रीय फू ल है। यह पवित्र पुष्‍प है और इसका प्राचीन भारत की कला
और गाथाओं में विशेष स्‍थान है और यह अति प्राचीन काल से भारतीय संस्‍कृ ति का मांगलिक प्रतीक रहा है।

भारत पेड़ पौधों से भरा है। वर्तमान में उपलब्‍ध डाटा वनस्‍पति विविधता में इसका विश्‍व में दसवां और एशिया में
चौथा स्‍थान है। अब तक 70 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया गया उसमें से भारत के वनस्‍पति सर्वेक्षण
द्वारा 47,000 वनस्‍पति की प्रजातियों का वर्णन किया गया है।

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