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वन्यजीव संरक्षण अधिधियम, 1972

(Wildlife Protection Act, 1972)


भारतीय संसद िे 1972 में वन्यजीव (संरक्षण) अधिधियम बिाया, जो दे श में वन्यजीवों (विस्पधतयों और
जीवों) की सुरक्षा और सुरक्षा प्रदाि करता है । यह महत्वपूणण कािूि है और यूपीएससी पाठ्यक्रम के
पयाण वरण और पाररस्थिधतकी खंडों का एक अधभन्न अंग है ।

वन्यजीव संरक्षण अधिधियम, 1972

यह अधिधियम पयाण वरण और पाररस्थिधतक सुरक्षा सुधिधित करिे के धिए दे श के जंगिी जािवरों, पधक्षयों
और पौिों की प्रजाधतयों के संरक्षण का प्राविाि करता है । अन्य बातों के अिावा, अधिधियम कई पशु
प्रजाधतयों के धशकार पर प्रधतबंि िगाता है । अधिधियम में आस्खरी बार वर्ण 2006 में संशोिि धकया गया
िा। 2013 में राज्यसभा में एक संशोिि धविेयक पेश धकया गया िा और एक थिायी सधमधत को भेजा गया
िा, िेधकि इसे 2015 में वापस िे धिया गया िा।
वन्यजीव अधिधियम के धिए संवैिाधिक प्राविाि
भारत के संधविाि का अिुच्छेद 48ए राज्य को धिदे श दे ता है धक वह पयाण वरण की रक्षा और सुिार करे
और वन्य जीवि और विों की रक्षा करे । यह अिुच्छेद 1976 में 42वें संशोिि द्वारा संधविाि में जोडा गया
िा ।
अिुच्छेद 51A भारत के िोगों के धिए कुछ मौधिक कतणव्ों को िागू करता है । उिमें से एक है विों,
झीिों, िधदयों और वन्य जीवि सधहत प्राकृधतक पयाण वरण की रक्षा और सुिार करिा और जीधवत प्राधणयों
के प्रधत दया भाव रखिा।
भारत में वन्यजीव संरक्षण कािूि का इधतहास

 इस तरह का पहिा कािूि 1887 में धिधिश भारतीय सरकार द्वारा पाररत धकया गया िा, धजसे
वन्य पक्षी संरक्षण अधिधियम, 1887 कहा जाता है । इस कािूि में धिधदण ष्ट जंगिी पधक्षयों के कब्जे
और धबक्री पर रोक िगािे की मां ग की गई िी, जो प्रजिि सत्र के दौराि या तो मारे गए िे या
पकडे गए िे।
 1912 में एक दू सरा कािूि बिाया गया धजसे वन्य पक्षी और पशु संरक्षण अधिधियम कहा
गया। 1935 में इसमें संशोिि धकया गया जब वन्य पक्षी और पशु संरक्षण (संशोिि) अधिधियम
1935 पाररत धकया गया।
 धिधिश राज के दौराि, वन्यजीव संरक्षण को प्रािधमकता िहीं दी गई िी। 1960 में ही वन्यजीवों
के संरक्षण और कुछ प्रजाधतयों को धविुप्त होिे से बचािे का मुद्दा सामिे आया।

वन्यजीव संरक्षण अधिधियम की आवश्यकता


वन्यजीव 'जंगिों' का एक धहस्सा है और 1972 में संसद द्वारा इस कािूि को पाररत धकए जािे तक यह
राज्य का धवर्य िा। अब यह समवती सूची है । पयाण वरण धवशेर् रूप से वन्य जीवि के क्षेत्र में एक राष्टरव्ापी
कािूि के कारणों में धिम्नधिस्खत शाधमि हैं :
1. भारत धवधभन्न विस्पधतयों और जीवों का खजािा है । कई प्रजाधतयों की संख्या में तेजी से धगरावि
दे खी जा रही िी। उदाहरण के धिए, एडवडण धप्रचडण जी (एक प्रकृधतवादी) द्वारा यह उल्लेख धकया
गया िा धक 20वी ं शताब्दी के मोड पर, भारत िगभग 40000 बाघों का घर िा। िेधकि, 1972 में
एक जिगणिा िे धदखाया धक यह संख्या िगभग 1827 तक कम हो गई।
2. विस्पधतयों और जीवों में भारी कमी से पाररस्थिधतक असंतुिि हो सकता है , जो जिवायु और
पाररस्थिधतकी तंत्र के कई पहिुओं को प्रभाधवत करता है ।
3. इस संबंि में धिधिश काि के दौराि पाररत सबसे हाधिया अधिधियम वन्य पक्षी और पशु संरक्षण,
1935 िा। इसे उन्नत करिे की आवश्यकता िी क्ोंधक वन्यजीव उत्पादों के धशकाररयों और
व्ापाररयों को दी जािे वािी सजाएं उन्हें धमििे वािे भारी धवत्तीय िाभों के अिुपात में िहीं िीं।
4. इस अधिधियम के िागू होिे से पहिे भारत में केवि पााँ च राष्टरीय उद्याि िे।

वन्यजीव संरक्षण अधिधियम की मुख्य धवशेर्ताएं


यह अधिधियम जािवरों, पधक्षयों और पौिों की एक सूचीबद्ध प्रजाधतयों की सुरक्षा के धिए और दे श में
पाररस्थिधतक रूप से महत्वपूणण संरधक्षत क्षेत्रों के एक िेिवकण की थिापिा के धिए भी प्रदाि करता है ।

 अधिधियम वन्यजीव सिाहकार बोडों, वन्यजीव वाडण ि के गठि, उिकी शस्ियों और कतणव्ों
आधद को धिधदण ष्ट करिे का प्राविाि करता है ।
 इसिे भारत को वन्य जीवों और विस्पधतयों ( CITES ) की िुप्तप्राय प्रजाधतयों में अंतराण ष्टरीय
व्ापार पर कन्वेंशि का एक पक्ष बििे में मदद की।
 CITES िुप्तप्राय जािवरों और पौिों की रक्षा के उद्दे श्य से एक बहुपक्षीय संधि है ।
 इसे वाध ंगटि सम्मेिि के रूप में भी जािा जाता है और IUCN सदस्ों की बैठक
के पररणामस्वरूप इसे अपिाया गया िा ।
 पहिी बार दे श के िुप्तप्राय वन्यजीवों की एक व्ापक सूची तैयार की गई।
 अधिधियम िे िुप्तप्राय प्रजाधतयों के ध कार पर रोक िगा दी ।
 अिुसूधचत पशुओं को अधिधियम के प्राविािों के अिुसार व्ापार करिे से प्रधतबंधित धकया गया
है ।
 अधिधियम कुछ वन्यजीव प्रजाधतयों की धबक्री, हस्ां तरण और कब्जे के धिए िाइसेंस प्रदाि
करता है ।
 यह वन्यजीव अभयारण्ों, राष्टरीय उद्यािों आधद की थिापिा का प्राविाि करता है ।
 इसके प्राविािों िे केंद्रीय धिध़ियाघर प्राधिकरण के गठि का मागण प्रशस् धकया । यह भारत
में धचधडयाघरों की धिगरािी के धिए धजम्मेदार केंद्रीय धिकाय है । इसकी थिापिा 1992 में हुई िी।
 इस अधिधियम िे छह अिुसूधियों का धिमााण धकया धजसिे विस्पधतयों और जीवों के वगों को
अिग-अिग धडग्री की सुरक्षा प्रदाि की।
 अिुसूची I और अिुसूची II (भाग II) को पूणण संरक्षण प्राप्त है , और इि अिुसूधचयों के
तहत अपराि अधिकतम दं ड को आकधर्णत करते हैं ।
 अिुसूधचयों में ऐसी प्रजाधतयां भी शाधमि हैं धजिका धशकार धकया जा सकता है ।
 इस अधिधियम के प्राविािों के तहत एक वैिाधिक संगठि के रूप में राष्टरीय वन्यजीव बोडण का
गठि धकया गया िा ।
 यह एक सिाहकार बोडण है जो भारत में वन्यजीव संरक्षण के मुद्दों पर केंद्र सरकार को
सिाह दे ता है ।
 यह वन्य जीवि, राष्टरीय उद्यािों, अभयारण्ों आधद की पररयोजिाओं से संबंधित सभी
मामिों की समीक्षा और अिुमोदि करिे वािा शीर्ण धिकाय भी है ।
 बोडण का मुख्य कायण वन्यजीवों और विों के संरक्षण और धवकास को बढावा दे िा है ।
 इसकी अध्यक्षता प्रिािमंत्री करते हैं ।
 अधिधियम में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की थिापिा का भी प्राविाि है ।
 यह पयाण वरण, वि और जिवायु पररवतणि मंत्रािय का एक समग्र पयणवेक्षी और समन्वय
भाग के साि अधिधियम में दी गई क्षमताओं का प्रदशणि करिे वािा एक वैिाधिक धिकाय
है ।
 इसका जिादे श भारत में बाघ संरक्षण को मजबूत करिा है ।
 यह प्रोजेक्ट टाइगर को वैिाधिक अधिकार दे ता है धजसे 1973 में िॉन्च धकया गया िा
और इसिे िुप्तप्राय बाघ को धविुप्त होिे से बचाकर पुिरुद्धार के गारं िीकृत मागण पर
रखा है ।

वन्यजीव संरक्षण अधिधियम के तहत संरधक्षत क्षेत्र


अधिधियम के तहत पां च प्रकार के संरधक्षत क्षेत्र प्रदाि धकए गए हैं । उिका वणणि िीचे धकया गया है ।
1. अभयारण्य: "अभयारण् शरण का एक थिाि है जहााँ घायि, पररत्यि और प्रताधडत वन्यजीवों को
धबिा धकसी मािवीय हस्क्षे प के अपिे प्राकृधतक वातावरण में शां धत से रहिे की अिुमधत है ।"

1. वे प्राकृधतक रूप से पाए जािे वािे क्षेत्र हैं जहां िुप्तप्राय प्रजाधतयों को अवैि धशकार, धशकार
और धशकार से बचाया जाता है ।
2. यहााँ , जािवरों को व्ावसाधयक शोर्ण के धिए िहीं पािा जाता है ।
3. प्रजाधतयों को धकसी भी तरह की गडबडी से बचाया जाता है ।
4. अभयारण्ों के अंदर जािवरों को पकडिे या मारिे की अिुमधत िहीं है ।
5. एक वन्यजीव अभ्यारण् को राज्य सरकार द्वारा एक अधिसूचिा द्वारा घोधर्त धकया जाता
है । सीमाओं को राज्य धविािमंडि के एक प्रस्ाव द्वारा बदिा जा सकता है ।
6. िकडी की किाई, िघु वि उत्पादों को इकट्ठा करिे और धिजी स्वाधमत्व अधिकारों जैसी मािवीय
गधतधवधियों की अिुमधत तब तक दी जाती है जब तक वे जािवरों की भिाई में हस्क्षेप िहीं करते
हैं । सीधमत मािव गधतधवधि की अिुमधत है ।
7. वे आम जिता के धिए खुिे हैं । िेधकि िोगों को धबिा एस्कॉिण के जािे की इजाजत िहीं
है । अभयारण् की सीमाओं के भीतर कौि प्रवेश कर सकता है और/या धिवास कर सकता है ,
इस पर प्रधतबंि हैं । केवि िोक सेवकों (और उिके पररवार), वे व्स्ि धजिके पास अचि संपधत्त
है , आधद को अिुमधत है । अभयारण्ों से गुजरिे वािे राजमागों का उपयोग करिे वािे िोगों को
भी अंदर जािे की अिुमधत है ।
8. अभयारण्ों की सीमाएं आम तौर पर धिधित और पररभाधर्त िहीं होती हैं ।
9. जीवधवज्ञाधियों और शोिकताण ओं को अंदर जािे की अिुमधत है ताधक वे क्षेत्र और इसके धिवाधसयों
का अध्ययि कर सकें।
10. मुख्य वन्यजीव वार्ा ि (जो सभी अभयारण्यों को धियंधित, प्रबंधित और बिाए रखिे का
अधिकार है ) वन्यजीवों के अध्ययि, वैज्ञाधिक अिुसंिाि, फोिोग्राफी, धिवास करिे वािे
व्स्ियों के साि धकसी भी वैि व्वसाय के िेि-दे ि के धिए अभयारण् में प्रवेश या धिवास के
धिए व्स्ियों को अिुमधत दे सकता है । अंदर, और पयणिि।
11. अभयारण्ों को 'राष्टरीय उद्याि' की स्थिधत में उन्नत धकया जा सकता है ।
12. उदाहरण: भारतीय जंगिी गिा अभयारण् (कच्छ का रण, गुजरात); तधमििाडु में वेदान्ां गि
पक्षी अभयारण् (भारत में सबसे पुरािा पक्षी अभयारण्); डं डेिी वन्यजीव अभयारण् य
(किाण िक)।

2. राष्ट्रीय उद्याि: "राष्टरीय उद्याि वे क्षेत्र हैं जो सरकार द्वारा प्राकृधतक पयाण वरण के संरक्षण के धिए
धििाण ररत धकए जाते हैं ।"

1.
1.
1. एक वन्यजीव अभयारण् की तुििा में एक राष्टरीय उद्याि में अधिक प्रधतबंि हैं ।
2. राज्य सरकार अधिसूचिा द्वारा राष्टरीय उद्याि घोधर्त कर सकती है । राज्य
धविािमंडि द्वारा पाररत संकल्प के धबिा धकसी राष्टरीय उद्याि की सीमाओं में
कोई पररवतणि िहीं धकया जाएगा।
3. एक राष्टरीय उद्याि का मुख्य उद्दे श्य क्षेत्र के प्राकृधतक पयाण वरण और जैव
धवधविता संरक्षण की रक्षा करिा है ।
4. राष्टरीय उद्यािों में पररदृश्य, जीव और विस्पधत अपिी प्राकृधतक अवथिा में मौजूद
हैं ।
5. उिकी सीमाएं धिधित और पररभाधर्त हैं ।
6. यहां धकसी भी मािवीय गधतधवधि की अिुमधत िही ं है ।
7. यहां पशुिि की चराई और धिजी धकरायेदारी के अधिकारों की अिुमधत िहीं है ।
8. वन्यजीव अधिधियम की अिुसूधचयों में उस्ल्लस्खत प्रजाधतयों को धशकार करिे
या पकडिे की अिुमधत िहीं है ।
9. कोई भी व्स्ि धकसी राष्टरीय उद्याि से धकसी वन्यजीव को िष्ट, हिा या उसका
दोहि िहीं करे गा या धकसी जंगिी जािवर के आवास को िष्ट या क्षधत िहीं
पहुाँ चाएगा या धकसी राष्टरीय उद्याि के भीतर धकसी जंगिी जािवर को उसके
आवास से वंधचत िहीं करे गा।
10. उन्हें 'अभयारण्' की स्थिधत में डाउिग्रेड िहीं धकया जा सकता है ।
11. उदाहरण: किाण िक में बां दीपुर राष्टरीय उद्याि; जम्मू और कश्मीर में हे धमस
राष्टरीय उद्याि; असम में काजीरं गा राष्टरीय उद्याि। भारत में राष्टरीय उद्यािों की
सूची पर अधिक दे खें ।

3. संरक्षण ररजवा: राज्य सरकार थिािीय समुदायों से परामशण करिे के बाद एक क्षेत्र (धवशेर् रूप से
अभयारण्ों या पाकों से सिे हुए) को संरक्षण ररजवण के रूप में घोधर्त कर सकती है ।
4. सामुदाधयक आरधक्षत क्षेि: राज्य सरकार धकसी भी धिजी या सामुदाधयक भूधम को थिािीय समुदाय
या वन्य जीवि के संरक्षण के धिए स्वेच्छा से रहिे वािे व्स्ि से परामशण के बाद सामुदाधयक आरधक्षत
घोधर्त कर सकती है ।
5. बाघ अभ्यारण्य: ये क्षेत्र भारत में बाघों की सुरक्षा और संरक्षण के धिए आरधक्षत हैं । उन्हें राष्टरीय बाघ
संरक्षण प्राधिकरण की धसफाररशों पर घोधर्त धकया जाता है ।
सं ोधित वन्यजीव अधिधियम वन्यजीव अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यािों दोिों में वि उपज के
धकसी भी व्यावसाधयक दोहि की अिुमधत िही ं दे ता है , और स्थािीय समुदायों को केवि उिकी
वास्तधवक आवश्यकताओं के धिए वि उपज एकि करिे की अिुमधत है ।

वन्यजीव संरक्षण अधिधियम की अिु सूधचयां


वन्यजीव संरक्षण अधिधियम में छह अिुसूधचयां प्रदाि की गई हैं । िीचे दी गई ताधिका में उिकी चचाण की
गई है ।

अिुसूिी I अिुसूिी II

 इस अिुसूची में िुप्तप्राय प्रजाधतयों को  इस सूची के अंतगणत आिे वािे जािवरों


ाधमि धकया गया है । को भी उच्च सुरक्षा प्रदाि की जाती है ।
 इि प्रजाधतयों को कठोर सुरक्षा की  उिका व्ापार प्रधतबंधित है ।
आवश्यकता है और इसधिए कािूि के  मािव जीवि को खतरे में छोडकर उिका
उल्लंघि के धिए सबसे कठोर दं ड इस धशकार िहीं धकया जा सकता है ।
अिुसूची के तहत हैं ।
 उदाहरण: कोधहिूर (कीि), असधमया
 इस अिुसूची के तहत मािव जीवि के मकाक, बंगाि हिुमाि िंगूर, बडी
खतरे को छोडकर, पूरे भारत में भारतीय धसवेि, भारतीय िोमडी, बडी
प्रजाधतयों का धशकार करिे की मिाही कश्मीर उडिे वािी धगिहरी, कश्मीर
है । िोमडी, आधद।
 इस सूची में प्रजाधतयों को पूणण सुरक्षा
प्रदाि की जाती है ।
 इि जािवरों का व्ापार प्रधतबंधित है ।
 उदाहरण: बाघ, कृष्णमृग, धहमाियी
भू रा भािू, िो-एं ििडण धहरण, ब्लू व्हेि,
कॉमि डॉस्फ़िि, चीता, क्लाउडे ड
िे पडण , हॉिणधबल्स, इं धडयि गजेि, आधद।

अिुसूिी III और IV अिुसूिी वी

 यह सूची उि प्रजाधतयों के धिए है जो  इस अिुसूची में ऐसे जािवर शाधमि हैं


िु प्तप्राय िहीं हैं । धजिका धशकार धकया जा सकता है ।
 इसमें संरधक्षत प्रजाधतयां शाधमि हैं  उदाहरण: चूहे, चूहा, आम कौवा, फि
िे धकि धकसी भी उल्लंघि के धिए चमगादड आधद।
जु माण िा पहिे दो अिुसूधचयों की तुििा
में कम है ।
 उदाहरण: िकडबग्घा, धहमाियि चूहा,
साही, उडिे वािी िोमडी, मािाबार िर ी
िोड आधद।

अिुसूिी VI
 इस सूची में ऐसे पौिे शाधमि हैं धजन्हें खेती से प्रधतबंधित धकया गया है ।
 उदाहरण: धपचर प्ां ि, िीिा वंदा, िाि वंदा, कुठ आधद।

वन्यजीव संरक्षण अधिधियम, 1972 से संबंधित यूपीएससी प्रश् ि

वन्यजीव संरक्षण अधिधियम 1972 में धकतिी अिु सूधचयां हैं ?


अधिधियम के अंतगणत छह अिुसूधचयां हैं ।

धकस राज्य में वन्यजीव संरक्षण अधिधियम िागू िहीं है ?


अधिधियम पूरे भारत में िागू है ।

वन्य जीवों के संरक्षण के धिए सरकार द्वारा क्ा कदम उठाए गए हैं ?
सरकार िे 1972 में वन्यजीव (संरक्षण) अधिधियम बिाया, धजसिे भारत में वन्यजीवों की सुरक्षा के संबंि
में धियमों और धवधियमों का एक व्ापक सेि धििाण ररत धकया। इसिे राष्टरीय उद्यािों, वन्यजीव अभ्यारण्ों
आधद की थिापिा के धिए प्राविाि धििाण ररत धकए। प्रोजेक्ट िाइगर को िागू धकया जा रहा है धजसके
कारण बाघों की घिती आबादी में वृस्द्ध हुई है । दे श िे 2010 से 2014 तक बाघों की आबादी में 30% की
वृस्द्ध दे खी।

वन्य जीवि के धिए प्रमुख खतरे क्ा हैं ?


वन्य जीवि के धिए कुछ प्रमुख खतरे हैं :
आवास धविाश/क्षरण/धवखंडि
आवास संसाििों का अत्यधिक दोहि
धशकार अवैि
धशकार
जिवायु पररवतणि
प्रदू र्ण

प्रजाधतयों के धविुप्त होिे का पयाण वरण पर क्ा प्रभाव पडता है ?


इस ग्रह पर हर जीधवत चीज की पाररस्थिधतकी तंत्र और खाद्य श्ृंखिा में भूधमका है । धकसी एक प्रजाधत
के धविुप्त होिे से विों पर प्रभाव पडे गा, कुछ प्रजाधतयों के धिए भोजि की हाधि होगी, जािवरों की
दु धिया में बीमाररयों के फैििे का तरीका प्रभाधवत होगा, आधद।

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