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1773664 - पर्यावरण एवम पारिस्थितिकी
1773664 - पर्यावरण एवम पारिस्थितिकी
एवं
पयररस्थिस्िकी
मकसद RO/ARO
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ऄपरदयहयरी (Detritivores)
ये भी एक तरह से ऄपघटक ही हैं । ये भी ऄपरद ऄथाा त् मतृ काबा जनक पदाथों से ही ऄपना पोषण प्राप्त करते हैं । जकसान के जमत्र
कहे जाने वाले कं चएु को आसी वगा में रखते हैं ।
उजाा संघटक आसके ऄंतगा त सौर प्रकाश, सौर जवजकरण तथा ईसके जवजभन्न पक्षों को सजममजलत जकया जाता है । थथलीय
पाररजथथजतकी तंत्र थथलीय पाररजथथजतकी तंत्र थथलाकृजतक जवजवधता, जलवायवु ीय जवजवधता व ऄक्षांशीय जवथतार अजद कारकों
के कारण एक समान नहीं होता ।
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आसमें वन से लेकर घास के मैदान तथा मरुथथल से लेकर टुंड्रा प्रदेश तक का क्षेत्र सजममजलत है ।
जलीय पयररस्थिस्िकी िंत्र
ऐसा पाररजथथजतकी तंत्र जजसमें अवास का मख्ु य अधार जल हो, 'जलीय पाररजथथजतकी तंत्र' कहलाता है । जल में लवण की मात्रा
के अधार पर जलीय पाररतंत्र को मख्ु यतः तीन भागों में बााँटा जा सकता है-
ऄलवण जलीय पयररिंत्र: आस पाररतंत्र में लवण की मात्रा बहुत कम होती है, जो कभी भी 0.5 Parts per thousands (PPI) से
ऄजधक नहीं होती । आसमें झील, तालाब, नदी, झरने आत्याजद शाजमल हैं ।
समद्रु ी पयररिंत्रः 35 ppt या ईससे ऄजधक लवण की मात्रा वाले समिु ी जल में यह पाररतंत्र जवकजसत होता है ।
ग्वयरर्नवमख ु ी यय एश्चुऄरी पयररिंत्र: सामान्यत: यह ईपया क्त
ु वजणा त दो पाररतंत्रों के बीच का संिमण क्षेत्र होता है । ईदाहरण के
जलये-एश्चऄु री, मैंग्रोव अजद ।
अद्राभूस्म पयररिंत्र
अिा भूजमयााँ न तो गहरे जलीय तंत्र हैं और न थथलीय पाररतंत्र, बजकक ये वैसे दलदली या जल वाले क्षेत्र हैं, जहााँ सालभर या साल
के कुछ महीनों में प्राकृजतक या कृजत्रम रूप से शांत या बहता हुअ, मीठा या खारे पानी वाला समिु ी या गैर-समिु ी जल जमाव हो |
पाररजथथजतकी व्यवथथा बनाए रखते हुए ये पोषक तत्त्वों का पनु जना माा ण व जहरीले तत्त्वों को जनजष्िय करती है । आसजलये
अिा भूजमयों को 'प्रकृस्ि की स्कडर्नी' कहते हैं । भारत सरकार द्वारा 1985-86 में राष्रीय अिा भूजम संरक्षण काया िम चलाया गया ।
अद्राभूस्मयों पर रयमसर सम्मेलर्न, 1971
1971 में अिा भूजमयों के संरक्षण के जलये रामसर (कै जथपयन सागर के तट पर इरान में ऄवजथथत) में एक ऄंतर-सरकारी और
बहुपक्षीय सममेलन हुअ, जजसमें अिा भूजमयों और ईनके संसाधनों के संरक्षण और यजु क्तयक्त
ु ईपयोग के जलये राष्रीय कारावाइ और
ऄंतराा ष्रीय सहयोग की रूपरेखा तय की गइ । रामसर समझौते के ऄंतगा त भारत में 26 अिा भूजम क्षेत्र हैं । जवश्व अिा भूजम जदवस
प्रत्येक वषा 2 फरवरी को मनाया जाता है ।
मोंट्रेक्स ररकॉडा
रामसर सममेलन के तहत मोंरेक्स ररकॉडा ऄंतराा ष्रीय महत्त्व की अिाभूजमयों की सूजचयों पर ऐसे अिा भूजम थथलों का एक रजजथटर
है जहााँ तकनीकी जवकास, प्रदूषण या ऄन्य मानवीय हथतक्षेप के कारण पाररजथथजतकी थवरूप में नकारात्मक पररवता न अया है,
अने वाला है या अने की संभावना है । भारत के के वलादेव राष्रीय ईद्यान (राजथथान) एवं लोकटक झील (मजणपरु ) मोंरेक्स
ररकॉडा के ऄंतगा त सूचीबद् हैं ।
मैंग्रोव पयररिंत्र
ईष्ण और ईपोष्ण कजटबंधीय समिु तटीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले वक्षृ ों और झाजडयों के ऐसे समूह, जजनमें लवणीय जल को सहने
की ऄच्छी क्षमता होती है, मैंग्रोव कहे जाते हैं ।
मैंग्रोव वनों की पाररजथथजतकी ईत्पादकता (काबा जनक पदाथों के ईत्पादन की दर) घास व समिु ी पाररतंत्र से भी ऄजधक होती है ।
भारत में सदंु रवन मैग्रोव जवश्व का सबसे जवथततृ मैंग्रोव है । ओजडशा का भीतरकजणका मैंग्रोव भी काफी जवथततृ है । ये मैंग्रोव बहुत
सारे जीव-जन्तओ
ु ं के अवास और प्रजनन थथल हैं ।
प्रवयल स्भस्ि (Coral Reefs)
कीथटोर्न प्रजयस्ि
आकोटोर्न (Ecotone)
दो या दो से ऄजधक जभन्न पाररतंत्रों के बीच का संिमण क्षेत्र जहााँ जैव जवजवधता ऄपेक्षाकृत ऄजधक होती है, आकोटोन कहलाता है ।
ईदाहरण के जलये मैंग्रोव वन, एश्चरु ी |
कोर प्रभयव (Edge effect)
कोर प्रभाव एक पाररजथथजतकीय ऄवधारणा है, जहााँ दो पाररतंत्र अपस में जमलते हैं । वहााँ दोनों पाररतंत्रों के संसाधन एक ही जगह
पाए जाते हैं । आसजलये यहााँ जवजवधता एवं ईत्पादकता ऄजधक पाइ जाती है ।
जैव स्वस्वििय
"जैव जवजवधता जीवों के बीच पाइ जाने वाली जवजभन्नता है, जो प्रजाजतयों में, प्रजाजतयों के बीच और ईनकी जजटल पाररजथथजतक
तंत्रों की जवजवधता को भी सजममजलत करती है । "
जैव जवजवधता शब्द का सवा प्रथम प्रयोग वाकटर जी. रोज़ेन द्वारा जकया गया ।
ईच्च जैव जवजवधता वाले समदु ाय ऄजधक थथायी, ईत्पादक और जैजवक अिमणों के प्रजत ऄजधक प्रजतरोधी होते हैं ।
ऄमेजन ईष्ण कजटबंधीय वषाा वनों की जैव जवजवधता पथ्ृ वी पर सबसे ऄजधक है । ईष्ण कजटबंधीय क्षेत्र में ऄजधक सौर उजाा
ईपलब्ध होती है, जजससे पाररजथथजतकी ईत्पादकता और जैव जवजवधता में परोक्ष रूप से वजृ द् होती है । ईष्ण कजटबंधीय क्षेत्रों में
सूक्ष्म जीवों और कीट-पतंगों की ऄजधकता है, जजससे जकसी एक जाजत का प्रभावी होना संभव नहीं हो पाता । आसजलये जैव
जवजवधता का ज्यादा ह्रास नहीं हो पाता है । प्राकृजतक वास का जवनाश जैव जवजवधता के ह्रास के जलये सवाा जधक महत्त्वपूणा कारक है
।
जैव स्वस्वििय की प्रवणिय (Gradient of Biodiversity)
ऄक्षांशों में प्रायः ईच्च ऄक्षांश से जनमन ऄक्षांश की ओर तथा पवा तीय क्षेत्रों में उपर से नीचे की ओर अने पर प्रजाजतयों की संख्या
में ऄंतर जैव जवजवधता की प्रवणता कहलाती है । जनमन ऄक्षांश से ईच्च ऄक्षांश (भूमध्य रेखा से ध्रवु ों) की ओर एवं पवा तीय क्षेत्र में
उाँचाइ की ओर जाने पर जैव जवजवधता में कमी अती है ।
जैव जवजवधता का संरक्षण जैव जवजवधता के संरक्षण की दो जवजधयााँ हैं-थव-थथाने (आन जसटू) व बाहा-थथाने (एक्स जसटू)
थव-थियर्ने (आर्न-स्सटू ):-राष्रीय ईद्यान, वन्यजीव ऄभयारण्य, जैवमंडलीय अरजक्षत क्षेत्र, अरजक्षत वन, संरजक्षत वन, पजवत्र ईपवन
और झीलें ।
बयहय-थियर्ने (एक्स-स्सटू ):-जचजडयाघर, वनथपजत ईद्यान, जीन बैंक, बीज बैंक, जीन सफारी पाका, उतकीय संवद्ा न कें ि,
िायोजप्रजरवेशन ।
जैव जवजवधता और थथाजनक (Endemic) जाजतयों की ईपलब्धता से पररपूणा कुछ ऐसे क्षेत्र जो पाररजथथजतकीय दृजष्ट से काफी
ईत्पादक होते हैं, 'जैव स्वस्वििय हॉट-थपॉट' कहलाते हैं । जवश्व में आनकी संख्या 36 हैं । सवा प्रथम 1988 में नामा न मायसा ने आस
शब्द का प्रयोग जकया था ।
रयष्ट्ट्रीय ईद्ययर्न
आसमें जकसी भी प्रकार के ऄजधवास और मानवीय गजतजवजधयों की ऄनमु जत नहीं होती है । यहााँ तक की जानवरों को चराने या
जंगली ईत्पादों को आकट्ठा करने की मंजूरी भी नहीं है ।
राष्रीय ईद्यानों का गठन जवशेष प्रकार की शरणथथली के संरक्षण के जलये जकया जाता है ऄथाा त् आस जवशेष शरणथथली क्षेत्र में
रहने वाले सभी जीवों का संरक्षण समान रूप से जकया जाता है ।
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वन्यजीव ऄभययरण्य
जानवरों को चराने या लकडी अजद आकट्ठा करने एवं पया टन की ऄनमु जत तो होती है, परंतु कुछ ऄपवादों को छोडकर मनष्ु यों का
बसना प्रजतबंजधत होता है ।
वन्यजीव ऄभयारण्यों का गठन जकसी एक प्रजाजत ऄथवा कुछ जवजशष्ट प्रजाजतयों के संरक्षण के जलये जकया जाता है ऄथाा त् ये
स्वस्शष्ट प्रजयस्ि अियररि संरस्क्षि क्षेत्र होते हैं ।
वन्यजीव ऄभयारण्य और राष्रीय ईद्यान दोनों की घोषणा राज्य सरकार के वल अदेश/जनदेश देकर कर सकती है, जबजक सीमा में
पररवता न के जलये राज्य जवधानमंडल को एक संककप (Resolution) पाररत करना होता है ।
एक ऄभयारण्य को राष्रीय ईद्यान में पररवजता त जकया जा सकता है, पर एक राष्रीय ईद्यान को ऄभयारण्य घोजषत नहीं जकया जा
सकता ।
जैवमंडलीय अरस्क्षि क्षेत्र
आसके बाहरी क्षेत्र (Outer Zone) में मनष्ु यों को बसने और परंपरागत कायों को करने की ऄनमु जत होती है ।
भारत में जैव जवजवधता हॉट-थपॉट के चार क्षेत्रों का चयन जकया गया है । वे क्षेत्र हैं-
पजश्चमी घाट व श्ीलंका
आंडो-बमाा क्षेत्र
पूवी जहमालय
सडंु ालैंड (जनकोबार द्वीप समूह)
पस्वत्र ईपवर्न व पस्वत्र झीलें (Sacred Groves and Lakes)
थव-थथाने संरक्षण के ऄंतगा त भारत एवं कुछ ऄन्य एजशयाइ-ऄफ्रीकी देशों में पजवत्र वनों के रूप में जैव जवजवधता के संरक्षण की
परंपरागत काया नीजत प्रचजलत है । ये छोटे-छोटे वन होते हैं, जो धाजमा क पजवत्रता के कारण अजदवासी या ऄन्य समदु ायों के द्वारा
संरजक्षत हैं । पजवत्र वन भारत के कइ राज्यों में जथथत है, जैसे-कनाा टक, महाराष्र, मजणपरु , मेघालय अजद ।
स्सस्क्कम में खेस्चओपलरी झील को लोगों द्वारा पजवत्र माना जाता है, जजससे जलीय पौधों व जंतओ ु ं को संरक्षण जमलता है ।
जैवमंडलीय अरस्क्षि क्षेत्र (Blosphere Reserve)
प्राकृजतक और सांथकृजतक दृश्यभूजमयों का सजममजलत रूप जो वहृ द् थथलीय या जलीय पाररतंत्र को समाजहत करता है,
जैवमंडलीय अरजक्षत क्षेत्र कहलाता है । एक जैवमंडलीय अरजक्षत क्षेत्र में एक या एक से ऄजधक राष्रीय ईद्यान या वन्यजीव
ऄभयारण्य भी हो सकते हैं ।
पक्षी ऄभययरण्य (Bird Sanctuaries)
घाना पक्षी जवहार-भरतपरु (राजथथान)
रंगन जथटू पक्षी जवहार (मांड्या, कनाा टक)
वेदाधंगल पक्षी जवहार (कांचीपरु म, तजमलनाडु)
नीलापटू पक्षी जवहार-(नेकलौर, अंध्र प्रदेश)
सकु तानपरु पक्षी जवहार-(गरुु ग्राम, हररयाणा)
सलीम ऄली पक्षी जवहार-(चोराओ, मांडवी नदी के पास, गोवा)
कौजडन्या पक्षी जवहार-(जचिूर, अंध्र प्रदेश)
जचकका झील पक्षी जवहार-(परु ी के पास, ओजडशा)
कुमाराकॉम पक्षी जवहार या वेबनाद पक्षी जवहार-कोट्टायम (के रल)
फ्लयइ ऐशः कोयला दहन प्रजिया के पररणामथवरूप ईप ईत्पाद के रूप में राख (्लाइ ऐश) प्राप्त होती है । ताप जवद्यतु संयंत्रों से
बडी मात्रा में ्लाइ ऐश प्राप्त होती है, जो जल प्रदषू ण तथा वायु प्रदषू ण के साथ मानव में भी श्वसन संबंधी समथया पैदा कर सकती
है । हालााँजक वता मान में ्लाइ ऐश से सीमेंट, इटेंं व ऄन्य जनमाा ण सामजग्रयों का जनमाा ण कर आसका सदपु योग जकया जा रहा है ।
आसमें असेजनक, कोबाकट जैसी जवषैली धातएु ाँ भी होती हैं ।
गैसीय प्रदूषक ताप संयंत्र, मोटरवाहन आत्याजद के संचालन में इधन ं के रूप में पेरोल या डीजल का प्रयोग जकया जाता है, जो
कजणकीय पदाथों के साथ-साथ गैसीय प्रदूषकों के रूप में काबा न डाआऑक्साआड, नाआरोजन के ऑक्साआड आत्याजद का भी ईत्सजा न
करते हैं ।
भीिरी वययु प्रदूषण (Indoor Air Pollution)
भवन जनमाा ण के गलत तरीकों के कारण भवनों में वायु का संचार ठीक से नहीं हो पाता है, जजससे वायु प्रदूजषत होती है । दरऄसल
कमरे के ऄंदर के सामान, जैसे-फनीचर, कालीन, पेंट आत्याजद वाष्पशील काबा जनक यौजगक (Volatile Organic Compound-
voc) ईत्पन्न करते है । आसके ऄजतररक्त ऄथपतालों का कचरा भी हवा में रोगाणओ ु ं का प्रसार करता है ।
थिबर अिा संचयकताा होते है तथा गैस की धारा से एरोसोकस को हटाते हैं | थिबर सख ू े या गीले दोनों प्रकार के पदाथों से
जनजमा त हो सकते हैं । ईदाहरण के जलये सकफर डाआऑक्साआड की जनकासी के जलये ऄककलाआन घोल (Alkaline Solution) की
अवश्यकता होती है, क्योंजक यह सकफर डाआऑक्साआड को घल ु ा देता है । ईसी प्रकार स्सस्लकय जेल (Silica Gel) जलवाष्प
को हटा देता है ।
वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के जलये वाहनों में 'ईत्प्प्ररे क कन्वटार' (Catalytic Converter) का ईपयोग जकया
जाता है, जो नाआरोजन ऑक्साआड को नाआरोजन में बदल देता है, जजससे नाआरोजन ऑक्साआड के हाजनकारक प्रभाव कम हो
जाते हैं ।
रयष्ट्ट्रीय वययु गुणविय सूचकयंक
देश के बडे शहरी नगरों में ररयल टाआम अधार पर वायु गणु विा की जनगरानी करने और जरूरी कारा वाइ करने के जलये जन
जागरूकता में वजृ द् करने हेतु राष्रीय वायु गणु विा सूचकांक का शभु ारंभ जकया गया । आसमें छह वायु गणु विा सूचकांक श्ेजणयााँ हैं
। वायु गणु विा सूचकांक में अठ प्रदूषणकारी तत्त्वों (पीएम 10, पीएम 2.5, नाआरोजन डाआऑक्साआड, ओजोन, ऄमोजनया, सकफर
डाआऑक्साआड, काबा न मोनोऑक्साआड तथा लेड) पर जवचार जकया जाएगा ।
जल प्रदूषण जल में ऐसे ऄवांजछत पदाथों का जमल जाना, जो ईसे ईपयोग लायक नहीं रहने देते, 'जल प्रदूषण' कहलाता है ।
तापीय प्रदषू ण तापीय संयंत्र, नाजभकीय संयंत्र समेत ऄनेक ऄन्य औद्योजगक आकाआयााँ पानी का ईपयोग शीतलक (Coolant) के
रूप में करती हैं तथा ईपयोग के बाद गमा जल नजदयों, समिु या ऄन्य जकसी जलस्रोत में छोड देती हैं ।
इ-ऄपस्शष्ट (E-Waste)
इ-ऄपजशष्ट का जनमाा ण आलेजक्रकल एवं आलेक्रॉजनक ईपकरणों के ऄनपु यक्त ु एवं बेकार हो जाने से होता है । आनमें ऄनेक खतरनाक
रसायन एवं भारी धातएु ,ाँ जैसे-सीसा, कै डजमयम, बेररजलयम पाए जाते हैं, जो मानव थवाथथ्य के जलये खतरनाक हैं ।
जैव ईपचयर (Bioremediation)
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सक्ष्ू म जीव, जीवाण,ु कवक अजद का प्रयोग कर पयाा वरण संदूषकों को कम जवषाक्त पदाथों में ऄपघजटत करना जैव ईपचार
कहलाता है । आसके द्वारा जकसी जवशेष थथान पर पयाा वरणीय प्रदूषकों के हाजनकारक प्रभाव को समाप्त जकया जा सकता है ।
बायोवेंजटंग, जैव जछडकाव, बायोजथटमल ु ेशन, जैव संवद्ा न, बायोररएक्टर प्रमख
ु जैव ईपचार तकनीक हैं । ऑयलजैपर जीवाणु
अधाररत जैव ईपचार तकनीक है, जो तेल पंक तथा जबखरे तेल के ईपचार के जलये प्रयोग की जाती है ।
हररिगृह प्रभयव
ग्रीनहाउस प्रभाव वह प्रजिया है, जजसमें ग्रीनहाउस गैसें (जलवाष्प, काबा न डाइऑक्साआड, मीथेन, ओजोन, नाआरस ऑक्साआड
अजद) सूया से अने वाले लघु जवजकरणों को तो पथ्ृ वी पर अने देती हैं, जकं तु पथ्ृ वी से वापस लौटने वाले दीघा जवजकरणों
(Infrared) को ऄवशोजषत कर लेती हैं । आस प्रकार पथ्ृ वी की सतह पर उष्मा बनी रहती है । आन गैसों की बढ़ती मात्रा से
वायमु ंडलीय उष्मन की दर में वजृ द् हो रही है । जलवाष्य ग्रीनहाउस गैसों के प्रभाव में वजृ द् करने वाला सबसे प्रभावी कारक है ।
हालााँजक मानव जजनत कारकों में भूमंडलीय तापन हेतु काबा न डाआऑक्साआड सवाा जधक प्रभावी ग्रीनहाउस गैस है ।
हाआड्रो्लोरोकाबा न, पर्लूरोकाबा न । सकफर हैक्सा्लोराआड ऄन्य ग्रीनहाउस गैसें हैं । मीथेन का ईत्सजा न प्राकृजतक तथा
मानवजजनत (दलदली भूजम, धान के खेत, जानवरों की जगु ाली) दोनों रूपों से होता है ।
ग्लोबल वयस्मिंग
जवगत दशकों में पथ्ृ वी और वायमु ंडल के तापमान में ऄप्रत्याजशत वजृ द् दजा की गइ है । जजसका कारण ग्रीनहाउस गैसों व पयाा वरण
प्रदूषण को माना जाता है । वैजश्वक तापमान में हुइ आसी वजृ द् को 'ग्लोबल वाजमंग' कहा जाता है । जजससे समिु तल (Sea level) में
वजृ द्, वषाा के प्रारूप में पररवता न, ग्लेजशयर का जपघलना, प्रवाल जवरंजन अजद घटनाएं हो सकती हैं ।
भूमडं लीय तापन का प्रमख ु कारण काबा न डाआऑक्साआड में वजृ द् है ।
ऄम्लीय वषया
वायमु ंडल में सकफर डाआऑक्साआड, नाआरोजन के ऑक्साआड, क्लोरोन व ्लोरीन आत्याजद पदाथों के जमलने के कारण वषाा में
ऄमलीयता बढ़ जाती है । आससे वनथपजतयों की प्रकाश संश्लेषण जिया व संगरमरमर की आमारतों पर नकारात्मक प्रभाव पडता है ।
ओजोर्न परि
ओजोन परत समतापमंडल (थरेटोथफीयर) में मख्ु यतः 15 से 30 जक. मी. की उाँचाइ पर ऄवजथथत है, जो जक सूया से अने वाली
हाजनकारक पराबैंगनी (ऄकरा-वायलेट) जकरणों को ऄवशोजषत कर जीव समदु ायों जवशेषत: मानवों को त्वचा कैं सर व ऄन्य गंभीर
बीमाररयों से बचाती है । क्लोरो्लोरोकाबा न ओजोन परत के क्षरण के जलये प्रमख ु ईिरदायी गैस है । आसका प्रयोग रेफ्रीजरेटर,
एयर कं डीशनर, थप्रे अजद में होता है । आसके ऄलावा काबा न टेराक्लोराआड, जमथाआल ब्रोमाआड, जमथाआल क्लोरोफामा , हैलोन्स
अजद रसायन भी ओजोन परत के क्षरण हेतु जजममेदार हैं । 1987 में जनजमा त तथा 1989 से प्रभावी मॉजण्रयल प्रोटोकॉल ओजोन
परत संरक्षण से संबंजधत है । जवश्व ओजोन संरक्षण जदवस 16 जसतंबर को मनाया जाता है ।
समताप मंडल के ऄजतररक्त वायमु ंडल के जनचले थतर ऄथाा त् क्षोभमंडल में भी ओजोन पाइ जाती है । समतापमंडल की ओज़ोन
ऄच्छी कहलाती है, जबजक क्षोभमंडल की ओजोन बरु ी कहलाती है, क्योंजक यह वायु को प्रदूजषत करती है एवं थमॉग का जनमाा ण
करती है, जो श्वसन के जलये हाजनकारक होता है ।
थवच्छ स्वकयस यस्ु क्त (Clean Development Mechanism); क्योटो प्रोटोकॉल के तहत जवकजसत आस प्रणाली में
जवकासशील देशों में न्यूनतम काबा न ईत्सजा न वाली पररयोजनाओं में जनवेश कर जवकजसत देश काबा न िे जडट प्राप्त कर सकते हैं ।
कयबार्न क्रेस्डट: यह एक व्यापार योग्य प्रमाण पत्र या अज्ञा है, जो धारक को 1 टन काबा न डाआऑक्साआड या आसके वैजश्वक तापन
क्षमता के बराबर ऄन्य हररतगहृ गैसों के ईत्सजा न का ऄजधकार देता है ।
कयबार्न टैक्सः काबा न टैक्स जीवाश्म इ ंधनों के दहन से ईत्सजजा त हररतगहृ गैसों पर लगाया गया एक टैक्स है, जो एक शकु क के रूप
में हररतगहृ गैसों के प्रत्येक टन के ईत्सजा न पर लगता है ।
कयबार्न कै प्चररंगः वैजश्वक जलवायु पररवता न में कमी लाने हेतु काबा न डाआऑक्साआड (CO2) या काबा न के ऄन्य रूपों को ग्रहण कर
ईन्हें लंबे समय तक संगहृ ीत करके रखना काबा न ऄजधग्रहण या कै प्चररंग कहलाता है ।
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हररि जलवययु स्र्नस्ि (GCF): कॉप 16 कानकुन (मेजक्सको) में आसका प्रावधान जकया गया, जजससे जवकजसत देश 2020 तक
जवकासशील देशों को प्रजतवषा 100 जबजलयन डॉलर जलवायु पररवता न की चनु ौजतयों से जनपटने के जलये महु ैया कराएंगे ।
कयबार्न िुटस्प्रंटः फुटजप्रंट से तात्पया जकसी एक संथथा या व्यजक्त द्वारा जकये जाने वाले कुल काबा न ईत्सजा न से है ।
राष्रीय बाघ संरक्षण प्राजधकरण (NTCA) की ऄनशु ंसा पर राज्य जकसी क्षेत्र को टाआगर ररजवा के रूप में जचजन्हत करते हैं । बाघ की
कुल नौ प्रजाजतयााँ हैं । बंगाल टाआगर, कै जथपयन टाआगर (जवलप्तु ), जावा टाआगर (जवलप्तु ), बाली टाआगर (जवलप्तु ), समु ात्रा टाआगर,
दजक्षण चीन टाआगर, मलाया टाआगर, आंडो चीन टाआगर, साआबेररयाइ टाआगर ।
मानस, जसमलीपाल, सदंु रवन ऐसे जैवमंडल ररजवा हैं, जहााँ टाआगर ररजवा भी हैं ।
गंगा डॉजकफन (राष्रीय जलीय जीव) के वल थवच्छ जलीय अवास में जीजवत रह सकती है तथा भागलपरु में आसके संरक्षण हेतु
डॉजकफन ऄभयारण्य भी बनाया गया है ।
कें िीय मगरमच्छ प्रजनन एवं प्रबंधन प्रजशक्षण संथथान हैदराबाद में जथथत है ।
कहओं के संरक्षण हेतु भीतरकजणका ऄभयारण्य (ओजडशा) में कछुअ संरक्षण पररयोजना प्रारंभ हुइ । मूलतः प्रशांत महासागर में
पाए जाने वाले कछुए की प्रजाजत 'ओस्लव ररडले' ओजडशा के तटीय क्षेत्र में भी पाए जाते हैं ।
पयररस्थिस्िकी मयका (Eco Mark)
भारत सरकार ने 1991 में ईपभोक्ता जागरूकता बढ़ाने के जलये आकोमाका के रूप में पयाा वरण लेबजलंग योजना का शभु ारंभ जकया,
जजससे पयाा वरण के ऄनक
ु ू ल ईत्पादों को असानी से पहचान की जा सके ।
सौर उजाा (Solar Energy) सौर उजाा से जवद्यतु जनमाा ण की दो जवजधयााँ प्रचजलत हैं-
फोटोवोजकटक सेल पर सूया द्वारा ईत्सजजा त फोटॉन्स के पडने से सीधे जबजली पैदा होती है । यह सेल जसजलकॉन की
फोटोवोजकटक
आन्हें यूनेथको के Man and Biosphere (MAB) काया िम के तहत जैवमंडल ररजवा की जवश्वतंत्र सूची में शाजमल जकया है ।
नोट-1: ऄचानकमार-ऄमरकं टक मध्य प्रदेश व छिीसगढ़ में फै ला है ।
नोट-2: नीलजगरर, तजमलनाडु, के रल, कनाा टक में फै ला है ।
नोट-3; ऄगथत्यामलाइ तजमलनाडु एवं के रल में फै ला है ।
पणा पाती वन शीत ऊतु में पजियां ठंड से बचने के जलए जगर जाती ईिरी ऄमेंररका का पूवी भाग,
शीतोष्ण कजटबंधी वन
हैं, ये वक्षृ हैं-वयलर्नट, मैपल, ऐश, चेथटर्नट दजक्षण जचली जैसे शीतल
जलवायु प्रदेश ।
आन वनों में भालू, इगल, लोमडी अजद पाए जाते हैं
।
भूमध्य सागरीय आन वनों में वषाा जाडों के समय में होती है । काका, मध्य अक्षांसो में महाद्वीपों के
वन जैतून, पाआन अजद और आनमें रसदार फल जैसे- पजश्चमी भागों में ये वन पाये
ऄंगूर, नीबू, नारंगी व नाशपाती ऄजधक मात्रा में जमलते जाते हैं आस बायोम को
हैं | 'चैपरल' भी कहा जाता हैं |
ईष्ण कजटबंधीय घासभूजम छोटे और जवथतीणा घास मैदान, उाँची- उंची घास, कोलंजबया एवं वैनेजएु ला
जैसे- 'एलीफें ट घास' (3-4 मीटर उाँची)। (लानोज) ब्राजील (कैं पोस),
मध्य एवं पूवी ऄफ्रीका एवं
हाथी, जजराफ, जेब्रा अजद । मध्य ऄमेररका (सवाना)
घास पाररतंत्र
शीतोष्ण कजटबंधीय घासभूजम जवश्व के प्रमखु ऄन्न भंडार व दूध ईत्पादक थथल, ऄजेंटीना, ईरूग्वे (पंपास),
थटेपी बायोम का सवाा जधक जवकास रूस के चनोजेम दजक्षण ऄफ्रीका (वेकड),
मदृ ा में हुअ है । न्यूजीलैंड (कैं टरवरी),
ऑथरेजलया (डाईंस) यूराल
जसयार, लोमडी, खरगोश, कं गारू अजद । क्षेत्र (थटेपी), ई. ऄमेररका
(प्रेयरीज), हंगरी (पथु ताज)