You are on page 1of 46

VISIONIAS

www.visionias.in
ANSWERS & EXPLANATION
GENERAL STUDIES (P) TEST – 2965 (2020)

Q 1.C
 प्लेट वििततवनकी वसद्धांत के ाऄनुसधर पृथ्िी की सतह और ाअांतररक भधग वथथर एिां गवतहीन नहीं बवकक गवतशील हैं। मधनध
जधतध है कक दृढ़ प्लेटों के नीचे गवतशील चट्टधन चक्रीय रूप से गवत कर रही है।
 तप्त पदधथत (मैग्मध) ाउपर ाईठकर सतह पर पहांचतध है, प्रसधररत होतध है, धीरे -धीरे ठां डध होतध है और पुन: गहरधाइ में बैठ जधतध है।
ाआस चक्र कध बधरम्बधर दोहरधि होतध है, वजसे िैज्ञधवनक सांिहन प्रकोष्ठ (convection cell) कध चक्र यध सांिहन प्रिधह
(convective flow) कहते हैं। पृथ्िी के भीतर ाउष्मध दो मुख्य स्रोतों से ाईत्पन्न होती है: रे वडयोधमी क्षय और पृथ्िी के वनमधतण
के पश्चधत शेष बची ाऄिवशष्ट ाउष्मध।
 प्रधकृ वतक रूप से पधए जधने िधले रधसधयवनक तत्ि, सिधतवधक ाईकलेखनीय रूप से यूरेवनयम, थोररयम और पोटैवशयम, ाउष्मध के
रूप में ाउजधत मुक्त करते हैं जो धीरे -धीरे पृथ्िी की सतह की ओर थथधनधांतररत होती है। ाऄिवशष्ट ाउष्मध 4.6 वबवलयन िषत पूित
ब्रह्माधांडीय मलबे के एक्रणण और सांपीडन से पृथ्िी के वनमधतण के पश्चधत शेष बची गुुतत्िधकषतण ाउजधत है।

Q 2.B
 कधली मृदध सधमधन्य रूप से मृण्मय, गहरी और ाऄपधरगम्य होती है। यह नम होने पर फू ल जधती है और वचपवचपी हो जधती है
तथध सूखने पर वसकु ड़ जधती है। ाआस प्रकधर, शुष्क ाऊतु के दररधन ाआस मृदध में चरड़ी दरधरें विकवसत हो जधती हैं। ाऄताः, ाआसमें एक
प्रकधर की 'थि-जुतधाइ' िधली विशेषतध ाईत्पन्न हो जधती है। नमी के मांद ाऄिशोषण और नमी के क्षय की ाआस विशेषतध के कधरण
कधली मृदध में लांबी ाऄिवध तक नमी बनी रहती है। ाआसके कधरण फसलों, विशेष रूप से िषधतधीन फसलों को, शुष्क ाऊतु के
दररधन भी पोवषत होने में सहधयतध प्रधप्त होती है।

Q 3.C
 चांदरली रधष्ट्रीय ाईद्यधन महधरधष्ट्र रधज्य के सधांगली, सतधरध, कोकहधपुर और रत्नधवगरी वजलों में वथथत है। यह रधष्ट्रीय ाईद्यधन ाईत्तरी
पवश्चमी घधट की सह्यधकि शृऺांखलध के वशखर के सधथ-सधथ विथतृत है। यह काइ सदधनीरध (बधरहमधसी) जल धधरधओं, जल
गर्ततकधओं और िसांत सधगर जलधशय कध वनमधतण करतध है और ाईन्हें सांरक्षण प्रदधन करतध है। सांपण ू त चांदरली रधष्ट्रीय ाईद्यधन और
कोयनध िन्यजीि ाऄभयधरण्य सवहत सह्यधकि बधघ ाअरवक्षत क्षे्रण को रधष्ट्रीय बधघ सांरक्षण प्रधवधकरण द्वधरध बधघ पररयोजनध बधघ
ाअरवक्षत क्षे्रण घोवषत ककयध गयध है। यह ाईद्यधन िधरणध नदी और ाईसके जलधशय तथध सधथ ही काइ ाऄन्य ोोटी जलधधरधओं और
नकदयों से जल ाअपूर्तत प्रधप्त करतध है।
 बन्नेरघट्टध रधष्ट्रीय ाईद्यधन कनधतटक रधज्य के बेंगलुुत शहर से लगभग 22 ककलोमीटर दवक्षण में वथथत है। यह विश्ि के ाईन कु ो
थथधनों में से एक है जहधां िन्यजीिन को एक बड़े शहर के ाऄत्यवधक वनकट सांरवक्षत ककयध गयध है। बेंगलुुत बन्नेरघट्टध रधष्ट्रीय
ाईद्यधन कध विजन बेंगलुुत महधनगर के नधगररकों- विशेष रूप से बच्चों के वलए शहर के ाऄत्यांत वनकट एक जैविक मनोरां जन कें ि
(Biological Recreation Center) ाईपलब्ध करिधनध है, वजसे िनों के मध्य प्रवसद् चांपकधधम पहधवड़यों की घधटी में
बन्नेरघट्टध रधष्ट्रीय ाईद्यधन के भीतर थथधवपत ककयध गयध है। ाआस विजन को पूरध करने के वलए िषत 1972 में एक ोोटध वचवड़यधघर
थथधवपत ककयध गयध थध जो समय के सधथ िषत 2002 तक िततमधन रधष्ट्रीय पधकत के रूप में विकवसत हो गयध।
1 www.visionias.in ©Vision IAS
 कु िेमख
ु रधष्ट्रीय ाईद्यधन कनधतटक रधज्य के दवक्षण कन्नड़, ाईडु पी और वचक्कमगलुुत वजलों में वथथत एक रमणीय थथल है। यह
पवश्चमी घधट में वथथत है। यह थथधन तीन महत्िपूणत नकदयों तुग
ां ध, भिध और ने्रणिती के ाईद्गम के वलए जधनध जधतध है। तुांगध नदी

और भिध नदी पधकत लैंड्स से होकर मुक्त रूप से प्रिधवहत होती हैं। िहधां पधए जधने िधले जांतुओं में मधलधबधर वसिेट, जांगली कु त्ते,
थलॉथ वबयर और चीतल सवम्मवलत हैं।
 नधमेरी रधष्ट्रीय ाईद्यधन ाऄसम रधज्य के सोवनतपुर वजले में तेजपुर से लगभग 40 ककलोमीटर दूर पूिी वहमधलय की तलहटी में

वथथत है। नधमेरी में पवक्षयों की 300 से ाऄवधक प्रजधवतयधाँ पधाइ जधती हैं और ाआस प्रकधर यह पक्षी-प्रेवमयों के वलए थिगत के समधन
है। ाआस क्षे्रण से होकर वजयध-भरे ली और ाआसकी सहधयक नकदयधाँ ाऄथधतत् डीजी, डीनधाइ, डोाआगुुतांग, नधमेरी, वडकोरधाइ, खधरी ाअकद
प्रिधवहत होती हैं। यहधाँ पर सधांभर, कधकड़ (बधर्ककग वडयर), पधढ़ध (हॉग वडयर), जांगली सूाऄर और गरर के रूप में वशकधर ाअधधर
कध वनमधतण करने िधले जांतु बड़ी सांख्यध में पधए जधते हैं। बधघ और तेंदओं
ु के ाआस वशकधर ाअधधर में लगभग 3000 घरे लू मिेशी

भी सवम्मवलत हैं।

Q 4.D
 वनवश्चत जल धधरधओं के मधध्यम से होने िधले जल प्रिधह को ‘ाऄपिधह’ के रूप में जधनध जधतध है और ऐसी जल धधरधओं के जधल
को ‘ाऄपिधह तां्रण’ कहध जधतध है।
 ककसी क्षे्रण कध ाऄपिधह प्रवतरूप भूिैज्ञधवनक समयधिवध, शैलों की सांरचनध, थथलधकृ वत, ढधल, जलप्रिधह की मध्रणध और प्रिधह की

ाअिवधकतध कध पररणधम होतध है। ाआसवलए सभी विककप सही हैं।


 कु ो विवभन्न प्रकधर के ाऄपिधह प्रवतरूप ाआस प्रकधर हैं:
o िुमधकृ वतक ाऄथिध िृक्षधकधर (Dendritic): िृक्ष की शधखधओं के समधन ाऄपिधह प्रवतरूप को िुमधकृ वतक के रूप में जधनध
जधतध है। यह मांद ढलधन िधली भूवम के क्षे्रणों में वनर्तमत होतध है। वहमधलय की नकदयधाँ िुमधकृ वतक प्रवतरूप कध ाऄनुसरण
करती हैं।
o ाऄरीय (Radial): जब नकदयधां पितत से वनकलकर सभी कदशधओं में प्रिधवहत होती हैं, तो ाआस प्रकधर के ाऄपिधह प्रवतरूप को
ाऄरीय कहध जधतध है। ाऄमरकां टक पितत शृांखलध से वनकलने िधली नकदयधाँ ाऄपिधह प्रवतरूप के ाऄच्ोे ाईदधहरण हैं।

o जधलीनुमध (Trellis): जब नकदयों की प्रधथवमक सहधयक नकदयधाँ एक-दूसरे के समधनधांतर प्रिधवहत होती हैं और दूसरी
सहधयक नकदयधाँ ाईनसे समकोण पर वमलती हैं तो ाआस प्रकधर के प्रवतरूप को जधलीनुमध के नधम से जधनध जधतध है। वहमधलय
क्षे्रण के ाउपरी भधग में नकदयधां जधलीनुमध प्रवतरूप बनधती हैं।
o ाऄवभकें िी (Centripetal): जब नकदयधां सभी कदशधओं से प्रिधवहत होकर झील ाऄथिध गतत में ाऄपने जल को विसर्तजत करती
हैं, तो ाआस प्रकधर के प्रवतरूप को ाऄवभकें िी प्रवतरूप के रूप में जधनध जधतध है। ाईदधहरण के वलए, मवणपुर में लोकटक झील।

Q 5.C
 भधरत में िषतण के दो तां्रण विद्यमधन हैं।
o प्रथम तां्रण कध ाईद्भि बांगधल की खधड़ी में होतध है, वजससे ाईत्तर भधरत के मैदधनी भधगों में िषधत होती है।
o दूसरध तां्रण दवक्षण-पवश्चम मधनसून की ाऄरब सधगर धधरध है जो भधरत के पवश्चमी तट पर िषधत करती है।
 बांगधल की खधड़ी में ाईत्पन्न होने िधले ाईष्णकरटबांधीय ाऄिदधबों की बधरां बधरतध प्रत्येक िषत पररिर्ततत होती है। भधरत के ाउपर
ाईनके मधगत कध वनधधतरण ाऄांताःाईष्ण करटबांधीय ाऄवभसरण क्षे्रण (ITCZ), वजसे सधमधन्यताः मधनसून िोणी कहध जधतध है, की वथथवत

द्वधरध होतध है। मधनसून िोणी ITCZ कध एक भधग है तथध दवक्षणी और ाईत्तरी गोलधद्ों के पिन प्रवतरूप के मध्य ाऄवभसरण क्षे्रण
के समधन होतध है।

2 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

 चूांकक मधनसून िोणी कध ाऄक्ष दोलधयमधन होतध है, ाआसवलए विवभन्न िषों में ाआन ाऄिदधबों के मधगत, कदशध और िषधत की गहनतध
एिां मध्रणध में भी पररिततन ाअतध है। ाआसवलए कथन 1 सही है।
 ाआस प्रकधर िषधत कु ो कदनों के ाऄांतरधल में होती है तथध यह भधरत के पवश्चमी तट पर पवश्चम से पूित की ओर तथध ाईत्तर भधरतीय
मैदधन एिां प्रधयद्वीप के ाईत्तरी भधग पर दवक्षण-पूित से ाईत्तर-पवश्चम की ओर ह्रधसमधन प्रिृवत्त दशधतती है। ाआसवलए कथन 2 सही है।

Q 6.C
 कथन 1 सही है: भू-पपतटी में मोड़ ाईत्पन्न होने से िलन होतध है, लेककन दरधरें ाईत्पन्न होने से ्ांशन होतध है। जब पृथ्िी के
विशधल क्षे्रण यध खांड विखांवडत होकर ाउध्िधतधर रूप से विथथधवपत हो जधते हैं तब ्ांशोत्थ (ब्लॉक) पिततों कध वनमधतण होतध है।
 ्ांशोत्थ पिततों कध वनमधतण विशधल भू-पपतटीय खांडों के सांचलन से होतध है। जब भू-पपतटी में विद्यमधन बल ाआसे विपरीत कदशधओं
में खींच रहे हों (तनधि) तो वििततवनकी गवतविवध के कधरण ‘ाअधधर शैल’ (bedrock) दो भधगों में विभधवजत हो जधती है।
्ांवशत ककनधरे तीव्र ढलधन युक्त होते हैं।

 ्ांशोत्थ पितत कध वनमधतण तब होतध है जब दो वििततवनक प्लेटों के विपरीत कदशध में गवतशील होने से पृथ्िी की सतह पर दरधरें
ाईत्पन्न हो जधती हैं। जब समधनधांतर दरधरें यध ्ांश ाईत्पन्न होते हैं तब ाईनके मध्य की भूवम की पट्टी यध भू -खांड ाउपर की ओर ाईठ
जधते हैं वजससे ्ांशोत्थ पिततों कध वनमधतण होतध है। ाईदधहरण, रधाआनलैंड के ब्लैक फॉरे थट और िॉसजेस।

3 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

 ्ांशोत्थ पितत कध वनमधतण दो समधनधांतर ्ांशों के दोनों ओर की भू-पपतटी के धांसने के कधरण भी होतध है। ाआसवलए ्ांशोत्थ पितत
दो ्ांश घधरटयों के मध्य पधयध जध सकतध है। नीचे धांसे भधग को ग्रधबेन के नधम से जधनध जधतध है। ाईदधहरण के वलए, पूिी
ाऄफ्रीकी ्ांश घधरटयधाँ।
 कथन 2 सही है: रधाआनलैंड के ब्लैक फॉरे थट और िॉसज़ेस (फ्रधांस), महधन ाऄफ़्रीकी ्ांश घधटी तथध भधरत कध विध्य पितत ्ांशोत्थ
पिततों के सितशष्ठ
े ाईदधहरण हैं। सांयुक्त रधज्य ाऄमेररकध में मोनधडनोक पितत ाऄिवशष्ट पितत कध एक ाईदधहरण है।
 ्ांशोत्थ पिततों को ्ांश-खण्ड पितत (fault block mountains) भी कहध जधतध है क्योंकक ाआनकध वनमधतण तनधि और सांपीडन
बलों के पररणधमथिरूप ाईत्पन्न ्ांशन के कधरण होतध है। ्ांशोत्थ पितत के दोनों ओर ्ांश घधरटयों यध ग्रधबेन के ्ांश होते हैं।
ाईवत्थत ब्लॉकों को ाईत्खांड (हॉथटत) और नीचे धांसे ब्लॉकों को िोवणकध ्ांश (ग्रधबेन) कहध जधतध है।

Q 7.B
 थटेपी (शीतोष्ण महधद्वीपीय) जलिधयु
 थटेपी शुष्क घधस भूवमयधां हैं। ये शीतोष्ण जलिधयु में पधयी जधती हैं, जो ाईष्ण-करटबन्धों और ुुिीय क्षे्रणों के मध्य ाऄिवथथत है।
 शीतोष्ण क्षे्रणों में ठां डी शीत ाऊतु और ाईष्ण ग्रीष्म ाऊतु के सधथ तधपमधन में थपष्ट मरसमी पररिततन होते हैं।
 हधलधांकक िे पोु ाअ पिनों के क्षे्रण में ाऄिवथथत हैं, लेककन िे समुिी प्रभधि से कधफी दूर वथथत हैं ाआसवलए घधसभूवमयधां व्यधिहधररक
रूप से िृक्ष रवहत होती हैं।
 ाईत्तरी गोलधद्त में घधस भूवमयधां ाऄवत विथतृत और पूरी तरह से महधद्वीपीय होती हैं। ाआसवलए कथन 1 सही है।
o यूरेवशयध में ाआन्हें थटेपीज़ कहध जधतध है तथध ये कधले सधगर के ककनधरे से पूित की ओर रूस के विशधल मैदधन (ग्रेट रवशयन
प्लेन) में ाऄकटधाइ पिततों की तलहटी में 2,000 मील से ाऄवधक दूरी तक विथतृत हैं।
 दवक्षणी गोलधद्त में थटेपी प्रकधर की जलिधयु पर समुिी प्रभधि होतध है।
o यहधाँ थटेपी भूवमयों के तटीय भधग में प्रिधवहत गमत सधगरीय धधरधओं के कधरण िधर्तषक िषधत सदैि 20 ाआां च की औसत िषधत से
ाऄवधक होती है।
o वप्रटोररयध, दवक्षण ाऄफ्रीकध में 26 ाआां च िधर्तषक िषधत होती है। निांबर, कदसांबर, जनिरी और फरिरी सिधतवधक िषधत िधले
मधह हैं, जो दवक्षणी गोलधद्त की ग्रीष्म ाऊतु की ाऄिवध है। तीन महीनों (जून, जुलधाइ और ाऄगथत) में िषधत नहीं होती है। यह
सूखे की ाऄिवध होती है। मुतथथलों की वनकटिती घधस भूवमयों में शुष्क मरसम विशेष रूप से थपष्ट होतध है, ाईदधहरण के
वलए ऑथरेवलयध में। ाआसवलए कथन 2 सही नहीं है।
 वचनूक एक ाईष्ण, शुष्क पिन है जो मुख्यताः शीताऊतु में, सांयक्त
ु रधज्य ाऄमेररकध में रॉकी पितत की पूिी ढलधनों पर ाऄिरोवहत
होती है। ाआसवलए कथन 3 सही नहीं है।
 ाआसी प्रकधर की पिनें विश्व के ाऄन्य भधगों में भी प्रिधवहत होती हैं और सधमधन्य रूप से फॉन (foehns) के नधम से जधनी जधती
हैं।

4 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

o ये प्रेयरीज़ क्षे्रण में दवक्षण-पवश्चम कदशध से प्रिधवहत होती हैं और ाआनकध थथधनीय चरधगधहों पर ाईकलेखनीय प्रभधि पड़तध है।
यह वहमधच्ोधकदत चरधगधहों में वहम वपघलने कध कधरण बनती हैं और पररणधमथिरूप जधनिरों को खुले चरधगधहों में चरने
की सुविधध प्रधप्त होती है।
o ये िथतुत: शीत ाऊतु यध ाअरवम्भक िसांत ाऊतु में प्रशधांत तट की ओर से ाऄिदधबों के सधथ ाअती हैं और रॉकी पितत शृांखलधओं
पर ाअरोवहत होकर प्रेयरी क्षे्रण में ाऄिरोवहत हो जधती हैं।

Q 8.A

 रोवधकध (Bars), रोध (Barriers) और वथपट (Spits) तरां गों एिां धधरधओं की कक्रयध द्वधरध वनर्तमत वनक्षेपणधत्मक भू-ाअकृ वतयधाँ
हैं।
 समुिी ाऄपतट पर, (वनम्न ज्िधर रे खध की ाऄिवथथवत से समुि की ओर) तट के समधनधांतर समुि में वनर्तमत रे त और वशवगल के

कटक को ाऄपतटीय रोवधकध (off-shore bar) कहध जधतध है।


 रे त के ाऄवधक वनक्षेप होने से जल के ाउपर ाऄनधिृत ाऄपतटीय रोवधकध को रोध कहते है। ाऄपतटीय रोवधकध एिां रोध प्रधय: खधड़ी
के प्रिेश पर ाऄथिध नदी के मुहधने के सम्मुख वनर्तमत होते हैं। काइ बधर ये रोवधकधएां खधड़ी के शीषतथथल से सांलग्न होती हैं तो ाआन्हें
वथपट कहध जधतध है। वथपट मुखयभू
् वम/पहधवड़यों से सांलग्न होने से भी विकवसत हो सकते हैं।
 रोवधकध, रोध एिां वथपट धीरे -धीरे खधड़ी के मुहधने पर विथतधररत होते हैं वजससे खधड़ी कध समुि में खुलने िधलध द्वधर सांकीणत
होतध जधतध है और कधलधांतर में खधड़ी एक लैगून के रूप में विकवसत हो जधती है। लैगून धीरे -धीरे थथल से ाऄथिध समुि तट से
पिन द्वधरध लधए गए तलोट से भर जधतध है और ाआस प्रकधर लैगन
ू के थथधन पर विथतृत तटीय मैदधन विकवसत हो सकतध है।

Q 9.D
 कथन 1 और 2 सही हैं: भधरत में दो प्रमुख द्वीप समूह हैं वजनमें से एक बांगधल की खधड़ी में तथध दूसरध ाऄरब सधगर में ाऄिवथथत
है। बांगधल की खधड़ी के द्वीप समूहों में लगभग 572 द्वीप हैं। ये द्वीप 6°N-14°N और 92°E -94°E के मध्य ाऄिवथथत हैं। ाआन
द्वीपों के दो प्रमुख समूहों में ररची द्वीपसमूह और लेबीररथ द्वीप शधवमल हैं।
 ाआनमें से ाऄांडमधन ाईत्तर में और वनकोबधर दवक्षण में ाऄिवथथत है। ाऄांडमधन और वनकोबधर द्वीपसमूह दस वडग्री चैनल द्वधरध पृथक
होते हैं। ये द्वीपसमूह समुि जलमग्न पिततों के ाईवत्थत भधग हैं।

 कथन 3 सही है: कु ो ोोटे द्वीपों की ाईत्पवत्त ज्िधलधमुखी घटनधओं से सांबद् है। ाऄांडमधन सधगर में वथथत बैरेन द्वीप भधरत में
एकमध्रण सकक्रय ज्िधलधमुखी है। यह सुमध्रणध और बमधत के मध्य ाईत्तर-दवक्षण की ओर विथतधररत ज्िधलधमुखी चधप पर वथथत एक
ऐवतहधवसक रूप से सकक्रय ज्िधलधमुखी है।

5 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

 ाऄन्य सांबवां धत जधनकधरी:


o यह पहधड़ी शृांखलध कभी म्यधांमधर से ाआां डोनेवशयध तक विथतृत थी। ये सुांदर तरां गनुमध द्वीप सघन िषधत-ाअधधररत, ाअित और
सदधबहधर िनों तथध ाअकषतक िनथपवतयों एिां जन्तुओं की ाऄसांख्य ककथमों से ाअच्ोधकदत हैं।
o ाआनमें से ाऄवधकधांश द्वीप (लगभग 550) ाऄांडमधन समूह में हैं, वजनमें से 28 द्वीप ाऄवधिधवसत हैं। लघु वनकोबधर द्वीपसमूह में

लगभग 22 मुख्य द्वीप (10 ाऄवधिधवसत) सवम्मवलत हैं।


o ाआन द्वीपों में थितां्रणतध सांग्रधम के समय के ऐवतहधवसक रूप से महत्िपूणत विवशष्ट थथल शधवमल हैं जैसे कक सेकयुलर जेल,
नेतधजी सुभधष चांि बोस द्वीप, िधाआपर द्वीप, होपटधाईन और मधाईां ट हैररयट।

o ाऄांडमधन और वनकोबधर द्वीप समूह को विश्व के 218 थथधवनक पक्षी क्षे्रणों में से दो क्षे्रणों के रूप में घोवषत ककयध गयध
है। ाऄांडमधन िुड वपजन, ाऄांडमधन पांडुक और डु गोंग को क्रमशाः रधज्य पक्षी, रधज्य िृक्ष और रधज्य पशु घोवषत ककयध गयध है।
o ाआन द्वीपसमूहों पर दवक्षण-पवश्चम और ाईत्तर-पूित दोनों मधनसूनों कध ाऄत्यवधक प्रभधि पड़तध है।
o ाऄांडमधन के थथधवनक लोग: ग्रेट ाऄांडमधनी, जो सधमूवहक रूप से कम से कम 10 ाऄलग ाईप-समूहों और भधषधओं कध
प्रवतवनवधत्ि करते है; जधरिध: जांगल (रटलैण्ड जधरिध ); ओंगे; सेंटीनलीज (सभी समूहों में सिधतवधक पृथक्कृ त)।

o वनकोबधर द्वीप समूह के थथधवनक लोगों में दो मुख्य समूह सवम्मवलत हैं: काइ द्वीपों में वनिधस करने िधले वनकोबधरी; और
शोम्पेन, जो ग्रेट वनकोबधर के ाअांतररक भधग तक ही सीवमत हैं।
o पोटत ब्लेयर ाऄांडमधन और वनकोबधर द्वीपसमूह सांघ रधज्य क्षे्रण की रधजधधनी है।

Q 10.B
 भधरत में िषधत की एक विवशष्ट विशेषतध ाआसकी पररिर्तततध है। िषधत की पररिर्तततध को वनम्नवलवखत सू्रण की सहधयतध से
ाऄवभकवलत ककयध जधतध है:
C.V.= मधनक विचलन x 100/मधध्य, जहधाँ C.V. विचरण गुणधांक यध पररिर्तततध कध गुणधांक है।

 विचरण गुणधांक कध मधन िषधत के मधध्य मधन से विचलन को दशधततध है। कु ो थथधनों पर िधथतविक िषधत में 20-50 प्रवतशत कध
विचलन हो जधतध है। विचरण गुणधांक के मधन भधरत में िषधत पररिर्तततध को दशधतते हैं।
 25 प्रवतशत से कम पररिर्तततध पवश्चमी तट, पवश्चमी घधट, ाईत्तर-पूिी प्रधयद्वीप, गांगध के पूिी मैदधनों, ाईत्तर-पूिी भधरत,
ाईत्तरधखांड और वहमधचल प्रदेश तथध जम्मू और कश्मीर के दवक्षण-पवश्चमी भधग में पधाइ जधती है। ाआन क्षे्रणों में िधर्तषक िषधत 100
सेमी से ाऄवधक होती है।
 50 प्रवतशत से ाऄवधक की पररिर्तततध रधजथथधन के पवश्चमी भधग, जम्मू और कश्मीर के ाईत्तरी भधग और दक्कन पठधर के ाअांतररक
भधगों में पधाइ जधती है। ाआन क्षे्रणों में िधर्तषक िषधत 100 सेमी से कम होती है।
 भधरत के शेष भधगों (पांजधब के मैदधन सवहत) में पररिर्तततध 25-50 प्रवतशत तक है और ाआन क्षे्रणों में िधर्तषक िषधत 50-100 सेमी

के मध्य होती है। ाआसवलए सही ाईत्तर विककप (b) है।

Q 11.B
 दवक्षण-पवश्चम मॉनसून के वनिततन की ाऄिवध को थिच्ो ाअकधश और तधपमधन में िृवद् द्वधरध ाआां वगत ककयध जधतध है। भूवम ाऄभी
भी ाअित होती है। ाईच्च तधपमधन एिां ाअिततध की वथथवत के कधरण, मरसम की ाऄसह्य पररवथथवतयधां ाईत्पन्न हो जधती हैं। ाआसे ाअम

तरर पर 'ाऄक्टू बर हीट’ के रूप में जधनध जधतध है। ाआसवलए विककप (b) सही ाईत्तर है।
 ाऄक्टू बर के ाईत्तरधधत में, विशेष रूप से ाईत्तरी भधरत में पधरध तेजी से वगरने लगतध है। ाईत्तर भधरत में मधनसून के वनिततन के समय
मरसम शुष्क होतध है लेककन प्रधयद्वीपीय भधरत के पूिी भधग में यह समय िषधत से सांबद् होतध है। यहधाँ ाऄक्टू बर और निांबर िषत
के सिधतवधक िषधत िधले महीने होते हैं।

6 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

Q 12.B
 जल विज्ञधन सांबध
ां ी सूखध (Hydrological Drought): यह तब घरटत होतध है जब विवभन्न जल भांडधरों और जलधशयों, जैसे
जलभृतों, झीलों, जलधशयों ाअकद कध जलथतर ाआतनध कम हो जधए कक िषतण द्वधरध ाईसकी प्रवतपूर्तत न की जध सके । ाआसवलए
विककप (b) सही ाईत्तर है।
 मरसम विज्ञधन सांबध
ां ी सूखध (Meteorological Drought): यह ऐसी वथथवत है जब ाऄपयधतप्त िषधत की लांबी ाऄिवध के सधथ िषधत
कध सधमवयक और थथधवनक वितरण ाऄसमधन हो गयध हो।
 कृ वषगत सूखध (Agricultural Drought): ाआसे मृदध ाअिततध सूखे के रूप में भी जधनध जधतध है। ाआसके ाऄांतगतत मृदध में फसलों की
िृवद् के वलए ाअिश्यक ाअिततध की कमी हो जधती है, वजसके पररणधमथिरूप फसलें नष्ट हो जधती हैं। ाआसके ाऄवतररक्त, यकद
ककसी क्षे्रण के सकल फसली क्षे्रण कध 30 प्रवतशत से ाऄवधक भधग वसवचत क्षे्रण के ाऄांतगतत हो तो ाईस क्षे्रण को सूखध-प्रिण शेणी से
बधहर रखध जधतध है।
 पधररवथथवतक सूखध (Ecological Drought): जब जल की कमी से पधररवथथवतकी तां्रण की ाईत्पधदकतध कम हो जधती है और
ाआसके पररणधमथिरूप पधररवथथवतक तनधि ाईत्पन्न हो जधतध है वजससे पधररवथथवतकी तां्रण क्षवतग्रथत हो जधतध है।

Q 13.A
 भूिैज्ञधवनक कधल मधपक्रम, घटनधओं के विश्लेषण हेतु एक महत्िपूणत प्रणधली है। ककप भूिैज्ञधवनक समय की मूल ाआकधाइ है, वजसमें
एक ही प्रकधर की शैल प्रणधली वनर्तमत होती है। दो यध दो से ाऄवधक ककपों से वमलकर भूिैज्ञधवनक महधककप बनतध है। दो यध दो
से ाऄवधक महधककपों से एक ाआओन बनतध है जो भूिैज्ञधवनक समय कध सबसे बड़ध विभधजन है। कु ो ककपों को युगों में विभधवजत
ककयध जधतध है।
 ाइओन से कधल तक ाऄिरोही ाऄनुक्रम है- ाइओन (Eon) > महधककप (Era) > ककप (Period) > युग (Epoch) > कधल (Age) ।
ाआसवलए विककप (a) सही ाईत्तर है।
 हधल ही में, िैज्ञधवनकों द्वधरध होलोसीन युग में तीन नए कधल जोड़े गए हैं। होलोसीन युग वपोले वहम युग के ाऄांत के पश्चधत
11,700 िषत पूित ाअरम्भ हाअ थध। ाईस समय के पश्चधत से पृथ्िी की जलिधयु में पररिततन वनरां तर जधरी है।
 सबसे पहले, गमत समयधिवध (warm period) जो 11,700 से लगभग 8,300 िषत पूित तक विद्यमधन थी। िैज्ञधवनकों ने ाआस
कधल कध नधम ग्रीनलैंवडयन कधल रखध है। ाईसके पश्चधत पृथ्िी 8,300 से 4,200 िषत पूित तक क्रवमक रूप से शीतलन की ाऄिवध
से गुजरी और यह िततमधन में नॉथतवग्रवपयन कधल के रूप में जधनध जधतध है। होलोसीन कध ाऄांवतम कधल 4,200 िषत पूित एक
विश्िव्यधपी गांभीर सूखे के दररधन ाअरम्भ हाअ और ाआसे मेघधलय कधल कध नधम कदयध गयध है।

7 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

Q 14.A
 प्रिधवहत जल और पिनों द्वधरध ाऄपक्षय और ाऄपरदन की वनरां तर प्रकक्रयध के पररणधमथिरूप विच्ोेकदत पठधर कध वनमधतण होतध है
वजसमें ाईच्च और विथतृत पठधर धीरे -धीरे जीणत हो जधते हैं और ाआनके पृष्ठ ाईबड़-खधबड़ बन जधते हैं।
 शुष्क देशों में, नकदयों द्वधरध ाउध्िधतधर ाऄपक्षय (corrasion) और पिनों द्वधरध ाऄपघषतण (abrasion) के मधध्यम से पठधर तीव्र

कगधर िधले मेजनुमध थथलरूप में विच्ोेकदत हो जधतध है, वजन्हें मेसध और बुटी (Mesas and Buttes) कहध जधतध है। ये गहरे
खड्डों (कै वनयन) द्वधरध प्रवतच्ोेकदत होते हैं। बुटी कभी थथल के समतल, ाईभधर िधले क्षे्रणों के भधग हाअ करते थे, वजन्हें मेसध यध
पठधर के रूप में जधनध जधतध है। िधथति में मेसध और बुटी के मध्य एकमध्रण ाऄांतर ाईनके ाअकधर कध होतध है। ाऄवधकधांश
भूगोलविदों कध कहनध है कक बुटी ाऄपनी चरड़धाइ की तुलनध में ाऄवधक ाउाँचे होते हैं जबकक मेसध ाऄवधक विशधल और थोड़ध-सध कम
ाईभधर िधली थथलधकृ वत होती है। यह शुष्क और ाऄद्त शुष्क क्षे्रणों की एक सधमधन्य थथलधकृ वत है। ाईदधहरण के वलए, दवक्षण-
पवश्चमी सांयुक्त रधज्य ाऄमेररकध में। ाआसवलए विककप (a) सही ाईत्तर है।

o लोएस एक ाऄथतररत, भूिैज्ञधवनक दृवष्ट से हधल ही में वनक्षेवपत गधदयुक्त (silty) ाऄथिध दोमट सधमग्री है। ाआसकध रां ग
सधमधन्यताः पधण्डु (buff) यध पीलधपन वलए हए भूरध होतध है। ाआसे ाऄवधकधांशताः िधयु द्वधरध वनक्षेवपत ककयध जधतध है।
o टु यध शब्द कध प्रयोग ऐसे ज्िधलधमुखीय पिततों कध िणतन करने हेतु ककयध जधतध है वजनकी प्रमुख विशेष तध सपधट-शीषत और
ाऄत्यवधक खड़े ढलधन होते हैं। ककसी टु यध कध वनमधतण ककसी ाऄधोवहमधनी (subglacial) ज्िधलधमुखी विथफोट के
पररणधमथिरूप होतध है, वजसमें शीतल वहमधनी के कधरण लधिध शीघ्र ही ठां डध हो जधतध है।

Q 15.A
 शीताऊतु के दररधन ाईत्तर भधरत में ाऄत्यवधक ठां ड के तीन मुख्य कधरण हैं :
o महधद्वीपीयतध (Continentality)- समुि के समकधरी प्रभधि से दूर ाऄिवथथत होने के कधरण पांजधब, हररयधणध और
रधजथथधन जैसे रधज्यों में महधद्वीपीय जलिधयु पधाइ जधती है।
o वनकटिती वहमधलय पितत शृख
ां लधओं में वहमपधत से शीतलहर की वथथवत ाईत्पन्न होती है।
o फरिरी के ाअस-पधस कै वथपयन सधगर और तुकतमेवनथतधन से ाअने िधली शीत पिनें भधरत के ाईत्तर-पवश्चमी भधगों में तुषधर
और कोहरे के सधथ शीत लहर ाईत्पन्न करती हैं।
o ाआस क्षे्रण में पवश्चमी जेट धधरध के प्रिधह की समधवप्त के पश्चधत ाऄथधतत् जून के मधह के ाअस-पधस, 15 वडग्री ाईत्तरी ाऄक्षधांश पर
पूिी जेट धधरध कध ाअगमन होतध है। ाआस पूिी जेट धधरध को भधरत में मधनसून प्रथफोट के वलए ाईत्तरदधयी मधनध जधतध है।
यह शीताऊतु के दररधन ाईत्तर भधरत में ाऄत्यवधक ठां ड हेतु ककसी प्रकधर की भूवमकध नहीं वनभधती है।
 ाआसवलए विककप 1, 2 और 3 सही हैं।

8 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

Q 16.B
 कपधसी मेघ (Cumulus): यह ाअित ाईष्णकरटबांधीय क्षे्रणों की विवशष्ट, ाईध्ितगधमी सांिहनी धधरधओं से सांबद् गोलधकधर शीषत और
क्षैवतज ाअधधर िधलध ाउध्िधतधर मेघ है। ाआसकी िृहद श्िेत गोलधकधर सांहवत सूयत के प्रकधश में भूरे रां ग की कदखधाइ देती है लेककन
यह थिच्ो मरसम से सांबांवधत मेघ होतध है। ाआसवलए विककप (b) सही है।
 पक्षधभ मेघ (Cirrus): यह नीले ाअकधश में रे शेदधर और महीन तांतुओं की भधाँवत कदखधाइ देतध है। यह प्रधय: घोड़े की पूांो
(mares’ tails) के समधन प्रतीत होतध है। यह थिच्ो मरसम को ाआां वगत करतध है और प्रधय: दीवप्तमधन सूयधतथत कध दृश्य प्रथतुत
करतध है।
 िषधत थतरी मेघ (Nimbostratus): यह गहरे एिां धूसर रां ग कध मेघ होतध है जो थपष्ट रूप से थतररत होतध है और ाआसे 'िषधत मेघ'
के रूप में भी जधनध जधतध है। ाआसके कधरण ाऄनिरत िषधत, वहमपधत ाऄथिध सवहम िृवष्ट (थलीट) होती है।
 कपधसी-िषी मेघ (Cumulonimbus): यह िधथति में एक ाऄवत विकवसत पक्षधभ मेघ है जो 2,000 फीट के ाअधधर से 30,000
फीट तक की ाऄत्यवधक ाउध्िधतधर ाउांचधाइ तक विथतधररत होतध है। ाआसकी कधले और श्िेत रां ग की गोलधकधर सांरचनधएां काइ प्रकधर
के विलक्षण ाअकधर ग्रहण कर लेती हैं। ाआसकध फू लगोभी सदृश शीषत भधग प्रधय: एक वनहधाइ (anvil) के समधन विथतृत होतध है।
ाआसे प्रधय: ाईष्णकरटबांधीय क्षे्रणों में दोपहर के दररधन देखध जधतध है। ाआसे ‘गजतन मेघ’ के रूप में भी जधनध जधतध है तथध यह तवड़त
और गजतन के सधथ सांिहन िषधत लधतध है।

Q 17.C
 कथन 1 सही नहीं है: ाअग्नेय शैलों कध वनमधतण पृथ्िी के ाअांतररक भधग से वनकलने िधले मैग्मध और लधिध से होतध है और ाआन्हें
प्रधथवमक शैलों के रूप में जधनध जधतध है। मैग्मध के शीतलन और घनीभूत होने से ाअग्नेय शैलों कध वनमधतण होतध है। जब मैग्मध
ाऄपनी ाईध्ितगधमी गवत के दररधन ठां डध होकर ठोस बन जधतध है तो ाईसे ाअग्नेय शैल कहते हैं। शीतलन और घनीभूतीकरण की यह
प्रकक्रयध भू-पपतटी के ाअांतररक भधग में ाऄथिध पृथ्िी की सतह पर हो सकती है।

9 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

 कथन 2 सही है: ाअग्नेय शैलों को सांरचनध (बनधिट) के ाअधधर पर िगीकृ त ककयध जधतध है। ाआसकी सांरचनध कणों के ाअकधर एिां
विन्यधस ाऄथिध पदधथों की ाऄन्य भरवतक दशधओं पर वनभतर करती है। यकद वपघलध हाअ पदधथत ाऄत्यवधक गहरधाइ में धीरे -धीरे
शीतल होतध है तो ाआस प्रकधर वनर्तमत खवनज कण बहत बड़े ाअकधर के हो सकते हैं। ाअकवथमक शीतलन (पृष्ठ पर) होने से ोोटे
और वचकने कण बनते हैं। शीतलन की मध्यिती दशधओं के पररणधमथिरूप मध्यिती ाअकधर के कण ाअग्नेय शैलों कध वनमधतण
करते हैं।
 कथन 3 सही है: ग्रेनधाआट, गैब्रो, पेग्मधटधाआट, बेसधकट, ज्िधलधमुखीय ब्रेवशयध और टफ, ाअग्नेय शैलों के कु ो ाईदधहरण हैं।

Q 18.C
 हमधरे देश में वहमधलय क्षे्रण में मलबध ाऄिधधि (debris avalanches) और भूथखलन (landslides) प्रधय: ही घरटत होतध
रहतध है। ाआसके वलए काइ कधरण ाईत्तरदधयी हैं। वहमधलय वििततवनक रूप से सकक्रय है। वहमधलय ाऄवधकधांशताः ाऄिसधदी शैलों और
ाऄसांपीवडत एिां ाऄधत-सांगरठत वनक्षेपों से वनर्तमत है। यहधां ढलधनें ाऄत्यवधक तीव्र हैं।
 वहमधलय की तुलनध में तवमलनधडु , कनधतटक ि के रल के ककनधरे वथथत नीलवगरी और पवश्चमी तट के सधमधनधांतर विथतृत पवश्चमी
घधट वििततवनक रूप से ाऄपेक्षधकृ त वथथर है और ाऄवधकधांशत: ाऄत्यवधक दृढ़ शैलों से वनर्तमत हैं। हधलधांकक, कफर भी ाआन पहधवड़यों
में मलबध ाऄिधधि और भूथखलन घरटत होते हैं। यद्यवप यहधाँ िे वहमधलय वजतनध बधरां बधर नहीं होते क्योंकक:
o पवश्चमी घधट और नीलवगरी की ाऄनेक ढलधनें लगभग ाउध्िधतधर भृगुओं (cliffs) और कगधरों (escarpments) के सधथ
ाऄपेक्षधकृ त तीव्र हैं।
o तधपमधन में पररिततन और तधप पररसर के कधरण यधांव्रणक ाऄपक्षय सुथपष्ट है।
o यहधाँ ाऄकप समयधिवध में ाऄत्यवधक िषधत होती है।
 ाआसवलए मलबध ाऄिधधि और भूथखलन के सधथ ाआन थथधनों पर प्रधय: चट्टधनें लगभग सीधे नीचे वगरती हैं।

Q 19.C
 वहमधलयी और प्रधयद्वीपीय नकदयों के मध्य तुलनध:
o वहमधलय की नकदयों की ाईत्पवत्त वहमधलय की ाईच्च पितत शेवणयों से होती है जबकक प्रधयद्वीपीय नकदयधाँ प्रधयद्वीपीय पठधर से
वनकलती हैं।
o वहमधलय की नकदयों कध बेवसन और जलग्रहण क्षे्रण ाऄवधक विथतृत होतध है जबकक प्रधयद्वीपीय नकदयों कध बेवसन और
जलग्रहण क्षे्रण कम विथतृत होतध है।
o वहमधलय की नकदयधाँ गहरी ‘V’ाअकधर की घधरटयों से होकर प्रिधवहत होती हैं वजन्हें महधखड्ड (गॉजत) कहध जधतध है। ाआन
महधखड्डों कध वनमधतण वहमधलय के ाईत्थधन के सधथ-सधथ नकदयों के ाईध्िधतधर कटधि से हाअ है। ाआसके विपरीत, प्रधयद्वीपीय
नकदयधाँ तुलनधत्मक रूप से ाईथली घधरटयों में प्रिधवहत होती हैं। ये घधरटयधाँ न्यूनधवधक रूप से पूणत
त यध वनम्नीकृ त घधरटयधाँ हैं।
ाआन नकदयों की ाऄपरदनधत्मक गवतविवध नगण्य होती है।
o वहमधलय की नकदयधाँ प्रकृ वत में बधरहमधसी हैं, ाऄथधतत् ाआन नकदयों में िषतपयंत जल प्रिधवहत होतध है। ाआन नकदयों को मधनसून
और वहम के वपघलने, दोनों से जल प्रधप्त होतध है। जबकक प्रधयद्वीपीय नकदयों को के िल िषधत से ही जल प्रधप्त होतध है और
ाआन नकदयों में के िल िषधत ाऊतु में ही जल प्रिधवहत होतध है। ाआसवलए ये नकदयधाँ मरसमी ाऄथिध गैर -बधरहमधसी होती हैं।
ाआसवलए कथन 1 सही है।
o वहमधलयी नकदयधाँ युिध िवलत पिततों से होकर प्रिधवहत होती हैं और ाऄभी भी युिधिथथध में हैं, जबकक प्रधयद्वीपीय नकदयधाँ
विश्ि के सिधतवधक प्रधचीन पठधरों में से एक से होकर प्रिधवहत होती हैं और ये विकधसक्रम में प्ररढ़धिथथध तक पहाँच गाइ हैं।
ाआसवलए कथन 2 सही नहीं है।
o जब वहमधलय की नकदयधाँ मैदधनी भधगों में प्रिेश करती हैं तो जल प्रिधह की गवत में ाअकवथमक कमी ाअती है, वजससे विसपत
बनते हैं और ाईनकध नदीतल थथधनधांतररत होतध है। ाआसके विपरीत, प्रधयद्वीपीय नकदयों की वथथवत में, कठोर चट्टधनी सतह
और पठधरी क्षे्रण की गैर-जलोढ़ प्रकृ वत के कधरण विसपत के वनमधतण की सम्भधिनध बहत कम होती है। ाआस प्रकधर प्रधयद्वीपीय
पठधर की नकदयधाँ न्यूनधवधक रूप से सीधे मधगत पर प्रिधवहत होतीं हैं। ाआसवलए कथन 3 सही है।

10 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

Q 20.C
 दवक्षणी दोलन (Southern Oscillation) ाईष्णकरटबांधीय वहद-प्रशधांत क्षे्रण में िधयुमड
ां लीय दधब कध ाऄांतर-िधर्तषक पररिततन है।

ाआसवलए विककप (c) सही ाईत्तर है।


 यह एल नीनो/दवक्षणी दोलन (El Niño/Southern Oscillation: ENSO) नधमक एकल िृहद पैमधने पर युवग्मत ाऄांतरकक्रयध
कध िधयुमांडलीय घटक है। दवक्षणी दोलन सूचकधांक (Southern Oscillation Index: SOI) कध ाईपयोग करके एक वनवश्चत
समयवबदु पर दवक्षणी दोलन के चरण को समझध जध सकतध है। यह सूचकधांक पूिी दवक्षण प्रशधांत के िधयुमांडलीय दधब और
ऑथरेवलयध एिां ाआां डोनेवशयध के िधयुमांडलीय दधब के मध्य ाऄांतर की तुलनध करतध है।

Q 21.C
 ज्िधलधमुवखयों को ाईद्गधर की प्रकृ वत और धरधतल पर विकवसत ाअकृ वतयों के ाअधधर पर िगीकृ त ककयध गयध है। ज्िधलधमुखी के
प्रमुख प्रकधर वनम्नवलवखत हैं:
o शीकड ज्िधलधमुखी (Shield Volcanoes)

 बेसधकट प्रिधह को ोोड़कर, शीकड ज्िधलधमुखी पृथ्िी पर विद्यमधन सभी ज्िधलधमुवखयों में विशधलतम हैं। ाआसके
सिधतवधक प्रवसद् ाईदधहरण हिधाइ द्वीप के ज्िधलधमुखी हैं। ाआन ज्िधलधमुवखयों में से ाऄवधकधांशत: बेसधकट से वनर्तमत होते
हैं। बेसधकट एक प्रकधर कध लधिध है जो ाईद्गधर के समय ाऄत्यवधक तरल होतध है। ाआस कधरण से ये ज्िधलधमुखी तीव्र ढधल
िधले नहीं होते हैं। यकद ककसी प्रकधर से जल वनकधस नवलकध (vent) में पहाँच जधतध है तो ये विथफोटक हो जधते हैं;
ाऄन्यथध, ाआनकी विशेषतध कम विथफोटकतध होती है। ाआन ज्िधलधमुवखयों से लधिध फव्िधरे के रूप में बधहर ाअतध है तथध
वनकधस के शीषत पर शांकु कध वनमधतण करतध है और वसडर शांकु (cinder cone) के रूप विकवसत हो जधतध है। ाआसवलए

विककप (c) सही ाईत्तर है।


o वमवशत ज्िधलधमुखी (Composite Volcanoes)
 ाआन ज्िधलधमुवखयों से बेसधकट की तुलनध में ाऄपेक्षधकृ त ठां डे और ाऄवधक श्यधन (वचपवचपे) लधिध कध ाईद्गधर होतध है। ाआन
ज्िधलधमुवखयों में प्रधय: विथफोटक ाईद्गधर होतध है। ाआनसे लधिध के सधथ ाऄत्यवधक मध्रणध में ज्िलखण्डधवश्म
(pyroclastic) पदधथत और रधख धरधतल पर पहाँचती है। ये पदधथत वनकधस नवलकध के ाअस-पधस परतों के रूप में जमध
हो जधते हैं वजनके जमधि वमवशत ज्िधलधमुखी के रूप में कदखधाइ देते हैं।
o कधकडेरध (Caldera)
 ये पृथ्िी पर पधए जधने िधले ज्िधलधमुवखयों में सिधतवधक विथफोटक हैं। सधमधन्यत: ये ाआतने विथफोटक होते हैं कक जब
ाआनमें विथफोट होतध है तो ककसी भी ाउांची सांरचनध कध वनमधतण करने के बजधय ये थियां नीचे धांस जधते हैं। धांसे हए गतत
को कधकडेरध कहध जधतध है। ाआनकी विथफोटकतध से ज्ञधत होतध है कक लधिध की ाअपूर्तत करने िधले मैग्मध के भांडधर न
के िल विशधल हैं, बवकक वनकट भी वथथत हैं।
o बेसधकट प्रिधह क्षे्रण (Flood Basalt Provinces)
 ये ज्िधलधमुखी ाऄत्यवधक तरल लधिे कध ाईद्गधर करते हैं, जो ाऄवधक दूर तक प्रिधवहत होतध है। विश्ि के कु ो भधग
हजधरों िगत ककमी मोटे बेसधकट लधिध प्रिधह से ाऄच्ोधकदत हैं। लधिध प्रिधह काइ प्रिधहों की एक शृांखलध में हो सकतध है
वजनमें से कु ो प्रिधह 50 मीटर से भी ाऄवधक की मोटधाइ के हो सकते हैं। कोाइ एकल प्रिधह भी सैकड़ों ककमी तक
विथतृत हो सकतध है। िततमधन में महधरधष्ट्र के पठधर के ाऄवधकधांश भधग को किर करने िधलध भधरत कध दक्कन रैप
ाऄत्यवधक विशधल बेसधकट प्रिधह क्षे्रण है। यह मधनध जधतध है कक ाअरां वभक रैप की सांरचनध िततमधन की तुलनध में ाऄवधक
िृहद क्षे्रण को ाऄच्ोधकदत करती थी।
o मध्य महधसधगरीय कटक ज्िधलधमुखी (Mid-Ocean Ridge Volcanoes)
 ये ज्िधलधमुखी महधसधगरीय क्षे्रणों में पधए जधते हैं। मध्य-महधसधगरीय कटकों की सभी महधसधगरीय बेवसनों में विथतृत
70,000 ककमी से ाऄवधक लांबी एक शृांखलध है। ाआस कटक के मध्य भधग में प्रधयाः ही ाईद्गधर होतध रहतध है।

11 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

Q 22.A
 भूकांप के प्रकधर:
o सिधतवधक सधमधन्य प्रकधर के भूकांप वििततवनक भूकांप हैं। ये भूकांप ्ांशतल के ककनधरे शैलों के कफसलने के कधरण ाईत्पन्न होते
हैं।
o एक विशेष िगत के वििततवनक भूकांप को कभी-कभी ज्िधलधमुखीजन्य भूकांप के रूप में जधनध जधतध है। हधलधांकक, ये भूकांप
सकक्रय ज्िधलधमुवखयों के क्षे्रणों तक ही सीवमत हैं।
o गहन खनन गवतविवध के क्षे्रणों में, कभी-कभी भूवमगत खदधनों की ोतें ढह जधती हैं वजससे हकके झटके ाअते हैं। ाआन्हें वनपधत
भूकांप (collapse earthquakes) कहध जधतध है।
o रधसधयवनक ाऄथिध नधवभकीय ाईपकरणों के विथफोट के कधरण भी भूवम में कां पन हो सकतध है। ाआस प्रकधर के झटकों को
विथफोट भूकांप कहध जधतध है।
o विशधल जलधशयों के क्षे्रणों में ाअने िधले भूकांपों को जलधशय-प्रेररत भूकांप के रूप में जधनध जधतध है।
 सुनधमी भूकांप कध एक प्रभधि है न कक ाईसकध कधरण है।

Q 23.B
शुष्क एिां ाईष्ण मुतथथल बधलू के रटब्बों के वनमधतण के वलए ाईपयुक्त थथधन हैं। बधलू के रटब्बों के वनमधतण के ाअरां भ के वलए ाऄिरोध
भी समधन रूप से महत्िपूणत हैं। बधलू के रटब्बे विवभन्न प्रकधर के हो सकते हैं।

o ाऄधतचि
ां धकधर टीलों को बरखधन कहध जधतध है। ाआनकी भुजधएां पिन की कदशध के विपरीत होती हैं। ाआनकध वनमधतण िहधां होतध
है जहधां िधयु की कदशध वथथर और ाईसकी गवत मध्यम होती है। सधथ ही यहधाँ ाअधधररक सतह (वजस पर रे त प्रिधवहत हो रही
होती है) लगभग एकसमधन होती है। ाआसवलए कथन, 1 सही नहीं है।
o जहधां रे तीली सतह पर ाअांवशक रूप से िनथपवत पधाइ जधती है िहधां परिलवयक रटब्बों कध वनमधतण होतध है। ाआसकध ाऄथत है कक
यकद पिन की कदशध थथधयी रहे तो परिलवयक रटब्बे की ाअकृ वत बरखधन के विपरीत होती है।
o सीफ एक ाऄकप ाऄांतर के सधथ बरखधन के समधन होते हैं। सीफ में के िल एक भुजध होती है। ऐसध पिन की कदशध में पररिततन
के कधरण होतध है। सीफ की यह भुजध ाऄत्यवधक लांबी और ाउाँची हो सकती है। ाआसवलए कथन 2 सही है।
o जब रे त की ाअपूर्तत कम और िधयु की कदशध वथथर होती है तो ाऄनुदध्ै यत रटब्बों कध वनमधतण होतध है। ये ाऄत्यवधक लम्बधाइ और
कम ाउाँचधाइ के लांबे कटक के रूप में प्रतीत होते हैं। ाआसवलए कथन 3 सही है।
o ाऄनुप्रथथ रटब्बे पिन की कदशध के लांबित सांरेवखत होते हैं। ाआन रटब्बों के वनमधतण पिन की कदशध वथथर एिां रे त कध स्रोत
पिन की कदशध के समकोण पर होने पर होतध है। ये कम ाउाँचधाइ के सधथ ाऄवधक लांबे हो सकते हैं।
o प्रचुर मध्रणध में रे त होने पर प्रधय: वनयवमत ाअकधर िधले रटब्बे एक-दूसरे में विलीन हो जधते हैं और ाईनके विवशष्ट लक्षण
समधप्त हो जधते हैं।
o मुतथथल के ाऄवधकधांश रटब्बे थथधनधांतररत होते रहते हैं और ाईनमें से कु ो विशेष रूप से मधनि बवथतयों के वनकट वथथत हो
जधते हैं।
12 www.visionias.in ©Vision IAS
https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

Q 24.A

 जलग्रहण क्षे्रण भूवम कध िह क्षे्रण होतध है जहधाँ से िषधत कध जल एक्रण होकर नदी में पहाँचतध है। यह प्रधय: पहधवड़यों से वघरध होतध
है। जब जल धरधतल पर प्रिधवहत होतध है तो िह जलधधरधओं और मृदध में प्रिेश करतध है और ाऄांतताः नदी में पहाँच जधतध है।
ाआसमें से कु ो जल भूवमगत बनध रहतध है और कम िषधत के समय में धीरे -धीरे नदी को जलधपूर्तत करतध रहतध है।

Q 25.A
 पृथ्िी के भूगभत के सांबांध में जधनकधरी के स्रोतों को प्रत्यक्ष स्रोतों और ाऄप्रत्यक्ष स्रोतों में विभधवजत ककयध जधतध है:
o प्रत्यक्ष स्रोत
 पृथ्िी पर सिधतवधक सरलतध से ाईपलब्ध ठोस पदधथत धरधतलीय शैल यध खनन क्षे्रणों से प्रधप्त शैलें हैं। दवक्षण ाऄफ्रीकध में
सोने की खधनें 3-4 ककमी गहरी हैं।
 ज्िधलधमुखीय ाईद्गधर प्रत्यक्ष जधनकधरी प्रधप्त करने कध एक ाऄन्य स्रोत है। जब कभी ज्िधलधमुखी ाईद्गधर के दररधन वपघलध
हाअ पदधथत (लधिध) पृथ्िी की सतह पर ाअ जधतध है तो यह प्रयोगशधलध विश्लेषण के वलए ाईपलब्ध हो जधतध है।
o ाऄप्रत्यक्ष स्रोत
 खनन गवतविवधयधां हमें तधपमधन और दबधि के सांबांध में जधनकधरी प्रदधन करती हैं। पृथ्िी के धरधतल से गहरधाइ में
ाअांतररक भधग की ओर बढ़ने के सधथ तधपमधन और दबधि में िृवद् होती है।
 जधनकधरी कध एक ाऄन्य स्रोत ाईककधएाँ हैं जो कभी-कभी पृथ्िी तक पहांचती हैं। हधलधांकक यह ध्यधन रखध जधनध चधवहए
कक ाईककधओं के मधध्यम से विश्लेषण के वलए ाईपलब्ध पदधथत पृथ्िी के ाअांतररक भधग के नहीं होते हैं, लेककन ाईककधओं से
प्रधप्त पदधथत और ाईनकी सांरचनध पृथ्िी के पदधथों के सदृश ही होती है।
 ाऄन्य ाऄप्रत्यक्ष स्रोतों में गुुतत्िधकषतण, चुांबकीय क्षे्रण और भूकांपीय गवतविवधयधां (भूकांप) शधवमल हैं। भूकांपीय
गवतविवधयधां भूकांपीय तरां गों के ाअधधर पर पृथ्िी के ाअांतररक भधग की सांरचनध कध विश्लेषण करने में सहधयतध प्रदधन
करती हैं।

13 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

Q 26.D
 मृदध वनमधतण के प्रमुख कधरक जनक शैल (Parent Rock) की प्रकृ वत और जलिधयविक कधरक हैं। ाऄन्य कधरक थथलधकृ वत,
कधबतवनक पदधथों की भूवमकध और मृदध वनमधतण की सांरचनध में लगने िधलध समय है। ाआन सभी में एक थथधन से दूसरे थथधन पर
वभन्नतधएां होती हैं।
o जनक शैल : रां ग, सांरचनध, रधसधयवनक गुणधमत, खवनज सधमग्री ि पधरगम्यतध वनधधतररत करती है।
o जलिधयु: तधपमधन, िषधत, ाऄपक्षय और ह्यूमस वनमधतण की दर को प्रभधवित करती है।
o समय: मृदध पररच्ोेकदकध की मोटधाइ को वनधधतररत करतध है।
o िनथपवतजधत, प्रधवणजधत और सूक्ष्म जीि: ह्यूमस वनमधतण की दर को प्रभधवित करते हैं।
o ाईच्चधिच: तुांगतध और ढधल मृदध कध सांचय वनधधतररत करते हैं।

Q 27.B
 नीचे कदए गए मधनवच्रण से यह देखध जध सकतध है कक भधरत में वसधु की सहधयक नकदयों कध दवक्षण से ाईत्तर की ओर सही क्रम है-
o सतलुज
o ब्यधस
o रधिी
o वचनधब
o झेलम
 ाआसवलए विककप (b) सही ाईत्तर है।

Q 28.D
 गुुतत्िधकषतण बल (g) कध मधन सतह पर वभन्न-वभन्न ाऄक्षधांशों पर समधन नहीं है। यह ुुिों के वनकट ाऄवधक और भूमध्य रे खध पर
कम होतध है। ाआसकध कधरण ुुिों की तुलनध में भूमध्य रे खध की कें ि से दूरी कध ाऄवधक होनध है।
 गुुतत्िधकषतण कध मधन पदधथत के िव्यमधन के ाऄनुसधर भी पररिर्ततत होतध है। पृथ्िी के भीतर िव्यमधन कध ाऄसमधन वितरण भी
ाआस वभन्नतध को प्रभधवित करतध है। विवभन्न थथधनों पर गुुतत्िधकषतण मधन की वभन्नतध काइ ाऄन्य कधरकों से भी प्रभधवित होती है।
ये प्रेवक्षत मधन ाऄपेवक्षत मधन से वभन्न होते हैं। ाआस प्रकधर की वभन्नतध को गुुतत्िधकषतण विसांगवत (gravity anomaly) कहध
जधतध है। ाआसवलए विककप (d) सही ाईत्तर है।

14 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

Q 29.A
 तधपमधन की वथथवत के ाअधधर पर िधयुमांडल को पधांच ाऄलग-ाऄलग परतों: क्षोभमांडल, समतधप मांडल, मध्यमांडल, तधपमांडल और

बधह्यमांडल में विभधवजत ककयध गयध है।


 कथन 1 सही है: क्षोभमांडल िधयुमांडल की सबसे वनचली परत है। ाआसकी औसत ाउाँचधाइ 13 ककमी है और ुुिों के वनकट यह
लगभग 8 ककमी की ाउाँचधाइ तथध भूमध्य रे खध पर लगभग 18 ककमी की ाउाँचधाइ तक विथतृत है। क्षोभमांडल की मोटधाइ भूमध्य
रे खध पर सिधतवधक होती है क्योंकक प्रबल सांिहन धधरधओं द्वधरध ाउष्मध ाऄवधक ाउाँचधाआयों तक पहाँच जधती है। ाआस परत में धूलकण
और जलिधष्प विद्यमधन होते हैं। जलिधयु और मरसम में होने िधले सभी पररिततन ाआसी परत में घरटत होते हैं। ाआस परत में
प्रत्येक 165 मीटर की ाउांचधाइ पर तधपमधन 1°C की दर से घटतध है। यह सभी जैविक गवतविवधयों के वलए सिधतवधक महत्िपूणत
परत है।
 कथन 2 सही है: समतधप मांडल और क्षोभमांडल को पृथक करने िधले क्षे्रण को क्षोभसीमध के रूप में जधनध जधतध है। भूमध्य रे खध

पर क्षोभसीमध पर िधयु कध तधपमधन लगभग -80 वडग्री सेवकसयस और ुुिों पर लगभग -45 वडग्री सेवकसयस होतध है। यहधाँ
तधपमधन लगभग वथथर होने के कधरण ाआसे क्षोभसीमध कहध जधतध है। समतधपमांडल क्षोभसीमध के ाउपर 50 ककमी की ाउाँचधाइ तक
विथतृत है। समतधपमांडल की एक महत्िपूणत विशेषतध यह है कक ाआसमें ओजोन परत विद्यमधन है। यह परत परधबैंगनी विककरण
को ाऄिशोवषत कर लेती है और ाउजधत के तीव्र, हधवनकधरक तत्िों से पृथ्िी पर जीिन की रक्षध करती है।
 कथन 3 सही नहीं है: मध्यमांडल समतधपमांडल के ाउपर 80 ककमी की ाउाँचधाइ तक विथतृत है। ाआस परत में, पुन: ाउाँचधाइ में िृवद्

होने के सधथ तधपमधन कम होने लगतध है और 80 ककमी की ाउाँचधाइ तक -100° C तक पहाँच जधतध है। मध्यमांडल की ाउपरी
सीमध को मध्यसीमध के रूप में जधनध जधतध है।
 पृथ्िी के िधयुमांडल में तधपमांडल परत मध्यमांडल के ाउपर और बधह्यमांडल के नीचे वथथत है। ाआसमें विद्युत ाअिेवशत कण होते हैं
वजन्हें ाअयन के रूप में जधनध जधतध है और ाआसवलए यह ाअयनमांडल के रूप में ज्ञधत क्षे्रण कध एक भधग है (ाअयनमांडल में
मध्यमांडल के कु ो भधग और तधपमांडल एिां बधह्यमांडल सवम्मवलत हैं, यह सरर विककरण द्वधरध ाअयवनत होतध है)। पृथ्िी से प्रेवषत
रे वडयो तरां गें ाआस परत द्वधरध पृथ्िी पर िधपस परधिर्ततत हो जधती हैं। यहधाँ तधपमधन ाउाँचधाइ के सधथ बढ़ने लगतध है।
 तधपमांडल के ाउपर िधयुमांडल की ाउपर की परत को बधह्यमांडल के रूप में जधनध जधतध है। यह सिधतवधक ाउाँची परत है लेककन
ाआसके सांबांध में बहत कम जधनकधरी है। ाआस परत में विद्यमधन घटक ाऄत्यवधक विरल हैं और यह क्रमशाः बधह्य ाऄांतररक्ष में विलीन
हो जधती है।
 हधलधाँकक िधयुमांडल की सभी परतें हम पर प्रभधि डधलती हैं, लेककन भूगोलिेत्तधओं कध ाऄध्ययन क्षे्रण िधयुमांडल की पहली दो
परतों से ाऄवधक सांबांवधत है।

Q 30.C
 पदथथली (Pediplains): मुतथथलों में भूदश्ृ य कध क्रवमक विकधस मुख्य रूप से पेवडमेंट के वनमधतण और ाआसके विथतधर से सांबवां धत
है। पिततों के पधद पर मलबे सवहत यध मलबे रवहत मांद ढधल िधले चट्टधनी तल को पेवडमेंट कहध जधतध है। ाआस प्रकधर कध चट्टधनी
धरधतल जलधधरधओं के क्षैवतज ाऄपरदन और परत बधढ़ (sheet flooding) के सांयोजन द्वधरध पिततीय ाऄग्रभधग के ाऄपरदन से
वनर्तमत होतध है। ाऄपरदन भूसांहवत के तीव्र ढधल िधले सीमधन्त यध भूसांहवत पर वििततवनक रूप से वनयांव्रणत कटधिों के तीव्र ढधल
िधले पधश्वत पर ाअरां भ होतध है। तीव्र मांद ढधल के ाऄपरदन से पेवडमेंट कध वनमधतण होने के पश्चधत ाईसके पीोे एक भृगु यध मुक्त
पधश्वत बनध रहतध है। कटधि के कधरण ये मांद ढधल और मुक्त पधश्वत क्रवमक रूप से पीोे की ओर वखसकते रहते हैं। ाऄपरदन की ाआस
विवध को पृष्ठक्षरण (backwasting) के मधध्यम से ढधल की समधनधांतर वनिततन कक्रयध के रूप में सांदर्तभत ककयध जधतध है।
ाआसवलए ढधल के समधनधांतर वनिततन के मधध्यम से पेवडमेंट, पितत के ाऄग्रभधग को ाऄपरकदत करते हए ाअगे की ओर विथतधररत
होते हैं और धीरे -धीरे पितत कटकर ाआन्सेलबगत के रूप में शेष रह जधते हैं, जो पिततों के ाऄिवशष्ट रूप हैं। ाआस प्रकधर मुतथथलीय

क्षे्रणों में ाईच्च भूवमयधाँ ाअकृ वतविहीन मैदधनों में पररिर्ततत हो जधती हैं, वजन्हें पदथथली (पेवडप्लेन) कहध जधतध है। ाआसवलए युग्म 1
सही सुमवे लत नहीं है।

15 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

 डोलधाआन (Doline): चूनध पत्थर की सतह पर भूजल की घुलन कक्रयध द्वधरध ोोटे से लेकर मध्यम ाअकधर िधले गोलधकधर से लेकर
ाईप-गोलधकर ाईथले गतों कध वनमधतण होतध है वजन्हें विलयन रां ु (swallow holes) कहते हैं। घोल रां ु चूनध पत्थर/कधथटत क्षे्रणों
में बहतधयत रूप में पधए जधते हैं। घोल रां ु शीषत पर िृत्तीय और नीचे की ओर कीपधकधर ाअकृ वत के सधथ क्षे्रणीय विथतधर में कु ो
िगत मीटर क्षे्रण से लेकर हेक्टेयर वजतने तथध गहरधाइ में ाअधे मीटर से लेकर तीस मीटर ाऄथिध ाईससे ाऄवधक तक होते हैं। ाआनमें से
कु ो पूणत
त यध घुलन प्रकक्रयध (सॉकयूशन वसक) के मधध्यम से वनर्तमत होते हैं तथध कु ो ाऄन्य पहले घुलन प्रकक्रयध के रूप में वनर्तमत
होते हैं और यकद घोल रां ुों के नीचे कां दरधओं की ोतें घ्िथत हो जधएां तो ये विशधल वोि वनपधत रां ु (कोलैप्स वसक) के नधम से
जधने जधते हैं। काइ बधर घोल रां ु वमट्टी के ाअिरण से ढके होते हैं और ाईथले जल कुां ड (पूल) जैसे प्रतीत होते हैं। ाआस प्रकधर के कुां डों
पर कदम रखने िधलध कोाइ भी व्यवक्त ाईसी प्रकधर नीचे चलध जधएगध जैसे मुतथथल में रे त में तीव्र धांसधि (quicksands) में
होतध है। डोलधाआन शब्द कध ाईपयोग कभी-कभी वनपधत रां ुों को सांदर्तभत करने के वलए ककयध जधतध है। ाआसवलए युग्म 2 सही
सुमवे लत है।
 समप्रधय मैदधन (Peneplain): प्रिधही जल क्षे्रण के प्रधरां वभक ाऄिथथधओं में ाऄपरदन होतध है, वजसके कधरण जल प्रपधत और
सोपधनी प्रपधत जैसी ाऄवनयवमततधएाँ समधप्त हो जधती हैं। मध्य ाऄिथथध में जलधधरधएां ाऄपने तल कध धीमी गवत से कटधि करती
हैं और घधटी कध पधश्ित ाऄपरदन ाऄत्यवधक हो जधतध है। कधलधांतर में घधरटयों के पधश्ित की ढधल कम हो जधती है। ाआसी प्रकधर
ाऄपिधह बेवसनों के मध्य विभधजक तब तक वनम्नीकृ त होते हैं जब तक िे पूणतत: समतल नहीं हो जधते और ाऄांतत: वनम्न ाईच्चधिच
कध वनमधतण होतध है, वजसमें य्रण-त्रण ाऄिरोधी चट्टधनों के ाऄिशेष कदखधाइ देते हैं वजन्हें मोनैडनॉक कहते हैं। नदी ाऄपरदन के
पररणधमथिरूप वनर्तमत ाआस प्रकधर के मैदधन को समप्रधय मैदधन (पेवनप्लेन) कहध जधतध है। ाआसवलए युग्म 3 सही सुमवे लत नहीं है।

Q 31.B
 वहद महधसधगर की िततमधन प्रणधवलयधाँ मुख्य रूप से थथल भधगों और मधनसूनी पिनों द्वधरध वनयांव्रणत और रूपधांतररत होती हैं।
वहद महधसधगर भधरतीय ाईपमहधद्वीप, ाऄफ्रीकध और ऑथरेवलयध से वघरध हाअ है। यह ाऄिवथथवत महधसधगरीय धधरधओं की सुसग
ां त
प्रणधली के विकधस के वलए सिधतवधक ाऄनुकूल वथथवतयधां ाईत्पन्न नहीं करती है। ाईत्तर-पूित और दवक्षण-पवश्चम मधनसूनी पिनों के
कधरण ाईत्तरी वहद महधसधगर की धधरधओं के प्रिधह की कदशध कध िषत में दो बधर व्युत्क्रमण होतध है।
 ग्रीष्म में जून से लेकर ाऄक्टूबर तक, जब दवक्षण-पवश्चम मधनसूनी पिनें सशक्त होती हैं, दवक्षण-पवश्चम मधनसून प्रिधह के रूप में
धधरधएां दवक्षण-पवश्चम कदशध से प्रिधवहत होती हैं। यह वथथवत शीताऊतु में (कदसांबर से ाअरां भ होकर) तब विपरीत हो जधती है
जब ाईत्तर-पूित मधनसूनी पिनें धधरधओं को ाईत्तर-पूित मधनसूनी प्रिधह के रूप में प्रिधवहत करती हैं। ाईत्तरी वहद महधसधगर की
धधरधएां महधसधगरीय धधरधओं के पररसांचरण पर पिनों के प्रबल प्रभधि को सिधतवधक थपष्ट रूप से प्रदर्तशत करती हैं।

Q 32.A
 मधनसून विच्ोेद (Break in the Monsoon): दवक्षण-पवश्चम मधनसून ाऄिवध के दररधन कु ो कदनों तक िषधत होने के पश्चधत

यकद एक यध एक से ाऄवधक सप्तधह तक िषधत नहीं होती है तो ाआसे मधनसून विच्ोेद के रूप में जधनध जधतध है। ाआसवलए कथन 1
सही नहीं है।
 िषधताऊतु के दररधन ये शुष्क ाऄिवधयधां सधमधन्य वथथवत हैं। मधनसून के दररधन विवभन्न क्षे्रणों में होने िधलध विरधम वभन्न-वभन्न
कधरणों से होतध है:
o मधनसून गतत यध ITCZ में यकद िषधत लधने िधले तूफधन ाऄवधक प्रधयाः नहीं ाअते हैं तो ाईत्तरी भधरत में िषधत के कम होने की

सांभधिनध होती है। ाआसवलए कथन 2 सही है।


o पवश्चमी तट के ाउपर शुष्क ाऄिवधयधां ाईस समय से सांबद् हैं जब पिनें तट के समधनधांतर प्रिधवहत हो रही हों।
o मधनसून विच्ोेद के दररधन मधनसून िोणी वहमधलय की तलहटी के वनकट थथधनधांतररत हो जधती है ाऄथिध कभी-कभी
वबककु ल दृष्टव्य नहीं होती है।
 मध्य ाऄगथत विच्ोेद के वलए सिधतवधक प्रिण और लांबी ाऄिवध है। पररणधमथिरूप पूिोत्तर और दवक्षण भधरत के कु ो भधगों में
ाऄच्ोी िषधत होती है, जबकक शेष देश मुख्य रूप से शुष्क रहतध है।

16 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

Q 33.C
 भू-ाअकृ वतयों को विकवसत करने में गवतमधन भूजल द्वधरध पदधथों के भरवतक यध यधांव्रणक थथधनधांतरण की भूवमकध नगण्य होती है।
ाआसीवलए भूजल कक्रयध कध पररणधम सभी प्रकधर की चट्टधनों में नहीं देखध जध सकतध है।
 लेककन कै वकशयम कधबोनेट से समृद् चूनध पत्थर यध डोलोमधाआट जैसी चट्टधनों में भूपृष्ठीय जल के सधथ-सधथ भूजल घोलीकरण
और ाऄिक्षेपण की रधसधयवनक प्रकक्रयध के मधध्यम से विवभन्न प्रकधर की भू-ाअकृ वतयों को विकवसत करतध है। घोलीकरण और
ाऄिक्षेपण की ये दो प्रकक्रयधएाँ थितां्रण रूप से पधए जधने िधले ाऄथिध ाऄन्य चट्टधनों के सधथ ाऄांतर-सांथतररत (interbedded) चूनध
पत्थर यध डोलोमधाआट में सकक्रय होती हैं।
 एवियधरटक सधगर से सांलग्न बधककन में कधथटत क्षे्रण की चूनध पत्थर की चट्टधनों में विकवसत एक विवशष्ट प्रकधर थथलधकृ वत के
ाअधधर पर, ककसी भी चूनध पत्थर यध डोलधमधाआट क्षे्रण में घोलीकरण और ाऄिक्षेपण की प्रकक्रयधओं के मधध्यम से भूजल की कक्रयध
द्वधरध वनर्तमत ऐसी विवशष्ट भू-ाअकृ वतयों को कधथटत थथलधकृ वतयधाँ कहध जधतध है। ाआसवलए कथन 1 और 2 सही हैं।

Q 34.D
 1 और 2 दोनों कथन सही नहीं हैं: ज्िधलधमुखीय क्षे्रण में ज्िधलधमुखी की वनकधस नवलकध से िेग के सधथ ाईत्सर्तजत ठोस पदधथत
फै ले हए रहते हैं। ज्िधलधमुखीय धूल ाऄवत सूक्ष्म कण होते हैं वजन्हें ज्िधलधमुखी द्वधरध ाअकधश में ाआतनी ाउाँचधाइ तक ाईत्सर्तजत ककयध
जधतध है कक ाऄांतत: ये कण विरधमधिथथध में ाअने से पूित ाऄत्यवधक दूरी तक प्रसधररत हो जधते हैं। यह धूल ाऄथिध रधख 'ब्लैक स्नो'
के रूप में वगरती है और घरों एिां लोगों को ाऄपने नीचे दबध सकती है। बड़े खांवडत शैलों को सधमूवहक रूप से ज्िलखण्डधवश्म
(पधाआरोक्लधथट) कहध जधतध है और ाआसमें रधख (वसडर) यध लैवपली, थकोररयध, प्यूवमस और ज्िधलधमुखी बम सवम्मवलत होते हैं।

Q 35.A
 समुितल को वथथर मधनते हए, दो प्रकधर के तटों को तटीय भू-ाअकृ वतयों के विकधस की ाऄिधधरणध की व्यधख्यध करने िधलध मधनध
जधतध है: (i) ाईच्च, चट्टधनी तट (जलमग्न तट); (ii) वनम्न, चररस और मांद ढलधन िधले ाऄिसधदी तट (ाईभरे हए तट)।
 ाईच्च चट्टधनी तटों के सहधरे तट रे खध ाऄवनयवमत होती है तथध नकदयधाँ समुि के सधथ जलमग्न प्रतीत होती हैं। तट रे खध कध ाऄत्यवधक
ाऄिनमन होने से ककनधरे के थथल भधग जलमग्न हो जधते हैं और िहधां कफयोडत तट बनते हैं। पिततीय भधग सीधे ही जलमग्न हो जधते
हैं। प्रधरां भ में सधगरीय ककनधरों पर वनक्षेवपत थथलरूप नहीं होते हैं। ाऄपरकदत थथलरूपों की प्रमुखतध होती है।
 वनम्न ाऄिसधदी तटों के सधथ नकदयधाँ तटीय मैदधनों और डेकटधओं के वनमधतण द्वधरध ाऄपनध विथतधर करती हाइ प्रतीत होती हैं।
तटरे खध समतल कदखधाइ देती है वजसमें लैगन ू और ज्िधरीय खधवड़यों के रूप में एक ाअध थथधनों पर जल ने प्रिेश ककयध होतध है।
थथलीय भधग मांद ढधल के सधथ जल में समधवहत होतध है। तटों के सधथ कच्ो भूवमयों और दलदलों की बहलतध हो सकती है।
वनक्षेवपत थथलरूपों की प्रमुखतध होती है।
 हमधरे देश कध पवश्चमी तट ाईच्च, चट्टधनी वनिततन तट है। पवश्चमी तट में ाऄपरकदत थथलरूपों की प्रमुखतध है।
 भधरत कध पूिी तट वनम्न, ाऄिसधदी तट है। यहधाँ वनक्षेवपत थथलरूपों की प्रमुखतध है।
 ाआसवलए के िल कथन 1 सही है और कथन 2 सही नहीं है।

Q 36.B
 कथन 1 सही नहीं है: भूकांपीय घटनधओं कध मधपन झटकों के ाअयधम ाऄथिध तीव्रतध के ाअधधर पर ककयध जधतध है। ाअयधम के
पैमधने को ररक्टर थके ल के रूप में जधनध जधतध है। ाअयधम भूकांप के दररधन वनमुतक्त ाउजधत से सांबांवधत होतध है। तीव्रतध के पैमधने कध
नधम एक ाआतधलिी भूकांप िैज्ञधवनक मरके ली के नधम पर रखध गयध है। यह भूकांप की घटनध के कधरण हाइ प्रत्यक्ष क्षवत कध मधपन
करतध है। पृथ्िी की सतह पर भूकांप के प्रभधि को तीव्रतध कहध जधतध है। तीव्रतध पैमधने में कु ो महत्िपूणत ाऄनुकक्रयधओं की एक
शृांखलध शधवमल है जैसे कक लोगों कध जधगनध, फनीचर कध वहलनध, वचमनी को हाइ क्षवत और ाऄांतत: ‘कु ल हधवन’।
 कथन 2 सही है: वसद्धांतत:, ररक्टर पैमधने में कोाइ ाउपरी सीमध वनधधतररत नहीं है ककन्तु व्यिहधर में कभी भी 8.6 ाअयधम (यह
1960 के वचली भूकांप के वलए ररक्टर ाअयधम थध) से ाउपर पैमधने पर कोाइ भूकांप दजत नहीं ककयध गयध है। तीव्रतध (मरके ली)
पैमधने की सीमध 1-12 से है।

17 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

Q 37.D
 सधगरीय ाऄधथतल विथतधर कध वसद्धांत हैरी हैमांड हेस द्वधरध प्रथतुत ककयध गयध थध। सधगरीय ाऄधथतल विथतधर के वसद्धन्त के
ाऄनुसधर, महधसधगरीय कटकों के शीषत पर वनरां तर ज्िधलधमुखी ाईद्गधर से महधसधगरीय पपतटी में विभेदन हाअ और दोनों ओर
महधसधगरीय पपतटी को धके लते हए नयध लधिध ाईसमें प्रिेश कर गयध। ाआस प्रकधर मध्य-महधसधगरीय कटकों के वशखर के दोनों
ओर समदूरथथ चट्टधनें वनमधतण की ाऄिवध, रधसधयवनक सांरचनधओं और चुब
ां कीय गुणधमों के सांदभत में ाईकलेखनीय समधनतधएाँ
दशधतती हैं। ाआसवलए कथन 1 सही है।
 ाआस प्रकधर महधसधगरीय ाऄधथतल कध विथतधर हो रहध है। ाआसके ाऄवतररक्त, वशखर पर ज्िधलधमुखीय ाईद्गधर के कधरण धके लध
जधने िधलध महधसधगरीय तल महधसधगरीय गतों में धाँसने लगतध है और ाऄांतताः नष्ट हो जधतध है। ाआसवलए महधसधगरीय पपतटी एक
ही सधथ मध्य-महधसधगरीय कटकों पर वनर्तमत होती है और महधसधगरीय गतों में नष्ट हो जधती है। ाआस प्रकधर, महधसधगरीय

पपतटी की चट्टधनें महधद्वीपीय चट्टधनों की तुलनध में निीन हैं। ाआसके ाऄवतररक्त, गहरे गतों में भूकांप कध ाईद्गम गहरधाइ पर होतध है,
जबकक मध्य-महधसधगरीय कटक क्षे्रणों में भूकांप कध कें ि (foci) कम गहरधाइ पर होतध है। ाआसवलए कथन 2 और 3 सही हैं।

Q 38.C
 भधरत दवक्षण में तीन ओर से वहद महधसधगर से वघरध है तथध ाईत्तर में ाईच्च और ाऄविवच्ोन्न पिततीय शृांखलध से वघरध है।
 थथल भधग की तुलनध में, जल धीमी गवत से गमत यध ठां डध होतध है। थथल और समुि कध यह विभेदी तधपन भधरतीय ाईपमहधद्वीप
में और ाईसके वनकट विवभन्न मरसमों में वभन्न-वभन्न िधयु दधब क्षे्रण कध वनमधतण करतध है।
 िधयु दधब में ाऄांतर मधनसूनी पिनों की कदशध में पररिततन कध कधरण बनतध है।
 ाआसवलए दोनों कथन सही हैं।

18 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

Q 39.C
 ाऄगुलहधस धधरध दवक्षण-पवश्चम वहद महधसधगर की पवश्चमी सीमध की धधरध है। यह धधरध ाऄफ्रीकध के पूिी तट से होते हए दवक्षण
की ओर प्रिधवहत होती है। ाआसके ाईत्तरी ोोर पर जलस्रोत मोज़धवम्बक चैनल जलधितत (एडीज़) और पूिी मेडधगधथकर धधरध से
प्रधप्त होतध है, ककन्तु दवक्षण-पवश्चमी वहद महधसधगर ाईप-िलय (सब-जधयर) में पुनपतररसांचरण ाआसकध सबसे बड़ध जलस्रोत है।
ाआसवलए युग्म 1 सही सुमवे लत है।
 ाआरवमगर धधरध ाईत्तर ाऄटलधांरटक महधसधगर की धधरध है जो ाअाआसलैंड के दवक्षण-पवश्चम तट से पवश्चम की ओर प्रिधवहत होती है।
यह धधरध पूिी ाईत्तर ाऄटलधांरटक के ाऄपेक्षधकृ त गमत और लिणीय जल से बनी है वजसकी ाअपूर्तत ाईत्तर ाऄटलधांरटक प्रिधह द्वधरध
होती है। ाआरवमगर धधरध ाईत्तर ाऄटलधांरटक ाईपुुिीय िलय कध भधग है। ाआसवलए युग्म 2 सही सुमवे लत नहीं है।
 पेरू धधरध ाऄथधतत हम्बोकट धधरध ठां डी, कम लिणतध िधली महधसधगरीय धधरध है। यह धधरध दवक्षण ाऄमेररकध के पवश्चमी तट के
सधथ ाईत्तर की ओर प्रिधवहत होती है। ाआसवलए युग्म 3 सही सुमवे लत है।

Q 40.D

 कधरधकोरम रें ज (शृख


ां लध): यह पधककथतधन, भधरत और चीन की सीमधओं पर विथतृत एक विशधल पितत शृख
ां लध है, जो वगलवगत-
बधवकटथतधन (पधककथतधन), लद्दधख (भधरत), और वशनवजयधांग (चीन) के क्षे्रणों में वथथत है। ाआसे कृ ष्णधवगरी भी कहध जधतध है, जो
रधन्स-वहमधलय शृांखलध के सबसे ाईत्तरी भधग में वथथत है।

19 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

o यह वहमधलय कध ाईत्तरी-पूिी विथतधर है।

o ाआस शृांखलध में पधांच मील (8000 मीटर) से ाऄवधक ाउांचधाइ की काइ चोरटयधाँ ाऄिवथथत हैं वजनमें विश्व की दूसरी सबसे ाउांची

(8,611 मी./28,251 फीट) चोटी K2 (मधाईां ट गॉडविन ऑवथटन) और पृथ्िी की 8000 मीटर से ाउांची चरदह ाऄन्य चोरटयों

में से तीन – 8068 मीटर (26471 फीट) ाउांची गशेरबमत-I, 8047 मीटर (26402 फीट) ाउांची ब्रॉड पीक और 8035 मीटर

(26363 फीट) ाउांची गशेरबमत-II सम्मवलत हैं।

o यहधाँ विशधल मध्रणध में वहम विद्यमधन हैं। ाआन पिततों कध लगभग 28-50% भधग वहम से ाअच्ोधकदत है, जो वहमधलय के

के िल 8-12% के औसत से कहीं ाऄवधक है। 44 मील लांबध वसयधवचन ग्लेवशयर और 39 मील लांबध वबयधफो ग्लेवशयर

ाअकत रटक एिां ाऄांटधकत रटक क्षे्रण के बधहर विश्व के वद्वतीय और तृतीय सबसे लम्बे ग्लेवशयर हैं।
o लद्दधख शृख
ां लध: यह लेह के ाईत्तर में वथथत है और रधांस-वहमधलय शृांखलध कध महत्िपूणत भधग है। यह वतब्बत में कै लधश
शृख
ां लध में वमल जधती है। लेह के ाईत्तर-पूित में ाऄिवथथत महत्िपूणत दरे खधरदुग
ां -लध और वडगधर-लध हैं।

 ज़धथकर शृख
ां लध: यह 7000 िगत ककलोमीटर (2700 िगत मील) क्षे्रण में विथतृत है तथध ाआसकी ाउांचधाइ 3500 मीटर से 7000
मीटर के मध्य है। डोडध और कु र्तगयधख घधरटयों के दोनों ओर ाईत्तर-पवश्चम से दवक्षण-पूित की ओर ाउांची पितत शृांखलधएां विथतधररत
हैं। दवक्षण-पवश्चम में िृहत वहमधलय शृख
ां लध ाऄिवथथत है जो जधथकर को ककश्तिधड़ और चांबध बेवसन से पृथक करती है जबकक
ाईत्तर-पूित में जधथकर शृख
ां लध वथथत है जो जधथकर को लद्दधख से पृथक करती है। सांपूणत जधथकर क्षे्रण कध ाऄपिधह तां्रण जधथकर नदी
पर वनभतर करतध है। यह जधथकर शृांखलध को गहरे और सांकरे महधखड्ड (गधजत) के रूप में कधटती है।

 पीर पांजधल शृख


ां लध: यह ाअांतररक वहमधलय क्षे्रण के पिततों की शृांखलध है, जो पूि-त दवक्षणपूित (ESE) से पवश्चम-ाईत्तरपवश्चम

(WNW) की ओर भधरत के वहमधचल प्रदेश और जम्मू एिां कश्मीर रधज्यों तथध पधककथतधन-शधवसत कश्मीर तक विथतधररत है।

औसत ाउांचधाइ 1400 मीटर (4600 फीट) से 4100 मीटर (13500 फीट) के मध्य है।
o यह वनम्न वहमधलय की सबसे बड़ी शृख
ां लध है। सतलज नदी के वनकट यह वहमधलय से पृथक हो जधती है तथध एक ओर ब्यधस
ि रधिी और दूसरी ओर वचनधब के मध्य यह एक विभधजक के रूप में वथथत है। प्रवसद् मुरी और वगलवगत पितत भी ाआसी
शृांखलध में वथथत हैं।
o पितत शृांखलध के दूसरे ोोर पर कदयो-रटब्बध और ाआन्िधसन जैसी महत्िपूणत चोरटयधां वथथत हैं।
o कश्मीर कध वहल थटेशन गुलमगत भी ाआसी शृांखलध में ाऄिवथथत है।

 दरे :
o पीर पांजधल दरधत शीनगर के पवश्चम में वथथत है।
o बवनहधल दरधत कश्मीर घधटी के दवक्षणी ोोर पर वितथतध नदी के ाईद्गम स्रोत पर वथथत है। बवनहधल और कधजीगुांड दरे के
दोनों ओर वथथत हैं।

o वसन्थधन दरधत जम्मू और कश्मीर को ककश्तिधड़ से जोड़तध है।


o रोहतधांग दरधत पूिी पीर पांजधल शृख
ां लध कध पिततीय दरधत है। यह कु कलू घधटी में मनधली को लधहरल घधटी में वथथत कीलॉन्ग
को जोड़तध है।

Q 41.A
 चांिमध पृथ्िी कध एकमध्रण प्रधकृ वतक ाईपग्रह है। चांिमध की ाईत्पवत्त के सांबांध में ाऄनेक मत प्रथतुत ककए गए हैं।
 िषत 1838 में, सर जॉजत डधर्तिन ने मत प्रथतुत ककयध कक ाअरां भ में, पृथ्िी और चांिमध तीव्रतध से घूणतन कर रहे एक ही वपड थे।
सांपूणत वपड डांबल की ाअकृ वत के वपड के रूप में पररिर्ततत हो गयध और ाऄांततोगत्िध टू ट गयध। यह भी सुझधि कदयध गयध कक
चांिमध कध वनमधतण पृथ्िी से टू टकर हाअ और ाआस प्रकक्रयध ने वजस गतत कध वनमधतण ककयध ाईसी में ाअज प्रशधांत महधसधगर वथथत है।
ाआन व्यधख्यधओं की गांभीर सांिीक्षध हाइ। ाआसने 1970 के दशक में "द वबग थप्लैट" (the big splat) वसद्धांत की प्रथथधपनध कध मधगत

प्रशथत ककयध। ाआसवलए विककप (a) सही ाईत्तर है।

20 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

 ाआस वसद्धांत के ाऄनुसधर, मांगल ग्रह के समधन िव्यमधन कध वपड पृथ्िी से टकरधयध। ाआससे बड़ी मध्रणध में चट्टधनों के भधग टू टकर
ाऄन्तररक्ष में वबखर गए और पररक्रमध करने लगे, वजनके सांयुक्त होने से चांिमध कध वनमधतण हाअ। चांिमध कध ाऄवधकधांश भधग ाआस
सांघधतक के मेंटल से बनध। सांघधत के कोण ने पृथ्िी-चांिमध प्रणधली को ाईसकी िततमधन कोणीय गवत प्रदधन की।
 हधलधांकक, विगत कु ो िषों में ाआस वसद्धांत के सधथ भी समथयधएाँ ाईत्पन्न हाइ हैं। ाईदधहरण के वलए, खगोलविदों को सांघधतक की
रधसधयवनक सांरचनध कध कोाइ सधक्ष्य प्रधप्त नहीं हाअ है। ाआसके ाऄवतररक्त, मधपन से ज्ञधत होतध है कक चांिमध और पृथ्िी एक ही
पदधथत से वनर्तमत हैं।

Q 42.C
 पृथ्िी काइ सांकेंकित परतों से वनर्तमत है। बधहरी परत को भू-पपतटी (क्रथट) कहध जधतध है जो दो विवशष्ट भधगों से वमलकर बनी है
– महधद्वीपीय पपतटी और महधसधगरीय पपतटी। महधद्वीपीय पपतटी ाअग्नेय शैलों से वनर्तमत है और ाआसके मुख्य खवनज पदधथत
वसवलकॉन और एकयूवमनध हैं। ाआस प्रकधर, ाआसे सधमूवहक रूप से वसयधल कहध जधतध है। ाआसवलए युग्म 1 सही सुमवे लत नहीं है।
 महधसधगरीय पपतटी महधसधगर ाऄधथतल बनधने िधली ाऄपेक्षधकृ त सघन बेसधकटी शैलों कध ाऄविवच्ोन्न क्षे्रण है, वजसमें मुख्य रूप
से वसवलकध, लोहध और मैग्नीवशयम ाईपवथथत हैं। ाआस प्रकधर, ाआसे वसमध के रूप में जधनध जधतध है। ाआसवलए युग्म 2 सही सुमवे लत
नहीं है।
 पपतटी के नीचे की परत को प्रधिधर (मेंटल) कहध जधतध है। यह ऑवलिीन से समृद् ाऄत्यांत सघन शैलों से वनर्तमत है। ाअांतररक परत
क्रोड (कोर) है तथध मुख्य रूप से लोहे और कु ो वनकल से वनर्तमत है। ाआसे वनफे कहध जधतध है। ाआसवलए युग्म 3 और 4 सही
सुमवे लत हैं।

Q 43.D
 ज्िधलधमुखी ाईद्गधर के दररधन ाईत्सर्तजत लधिध ठां डध होने के पश्चधत् ाअग्नेय शैलों में विकवसत हो जधतध है। लधिध कध यह जमधि यध
तो धरधतल पर पहांच कर होतध है ाऄथिध धरधतल पर पहांचने से पूित ही भूपटल के नीचे शैल परतों में हो जधतध है। शैल परतों में
ठां डध होने िधलध लधिध विवभन्न रूप ग्रहण करतध है। ाआन रूपों को ाऄांतिेधी ाअकृ वतयों (intrusive forms) के रूप में िर्तणत ककयध
जधतध है। ये वनम्नवलवखत हैं:
o बैथोवलथ (Batholiths)
 यकद मैग्मध कध बड़ध वपड भू-पपतटी में ाऄत्यवधक गहरधाइ में ठां डध हो जधए तो यह विशधल गुब
ां द के ाअकधर में विकवसत हो
जधतध है। ये ाऄनधच्ोधदन प्रकक्रयधओं द्वधरध ाउपरी पदधथत के हट जधने पर ही धरधतल पर प्रकट होते हैं। ाआसवलए विककप
1 सही है।
o लैकोवलथ (Lacoliths)
 लैकोवलथ गुांबदनुमध विशधल ाऄांतिेधी चट्टधने हैं वजनकध तल समतल एिां एक पधाइपरूपी िधहक ाऄिनधवलकध के नीचे से
जुड़ध होतध है। लैकोवलथ की ाअकृ वत धरधतल पर पधए जधने िधले वमवशत ज्िधलधमुखी गुांबद के समधन होती है, ाआनमें
ाऄांतर के िल यह होतध है कक लैकोवलथ ाऄपेक्षधकृ त ाऄवधक गहरधाइ पर वथथत होते हैं। ाआसे लधिध कध थथधनीयकृ त स्रोत
मधनध जध सकतध है जो सतह पर पहांच जधतध है।
o लैपोवलथ, फै कोवलथ और वसल (Lapolith, Phacolith and Sills)
 ाउपर ाईठते हए लधिध कध कु ो भधग क्षैवतज कदशध में पधए जधने िधले कमजोर धरधतल में भी जध सकतध है। यह ाऄलग-
ाऄलग रूपों में जम जधतध है। यकद यह एक ाऄितल तश्तरी (saucer) के ाअकधर में जम जधए, तो ाआसे लैपोवलथ कहध
जधतध है। काइ बधर, ाऄांतिेधी ाअग्नेय चट्टधनों की मोड़दधर ाऄिथथध में ाऄपनवत (anticline) के ाउपर ि ाऄवभनवत
(synclines) के तल में लधिध कध जमधि पधयध जधतध है। ये तरां वगत (wavy) चट्टधनें एक वनवश्चत िधहक नली से मैग्मध
भांडधरों से जुड़ी होती हैं (जो क्रमशाः बैथोवलथ में विकवसत होते हैं)। ाआन्हें फै कोवलथ कहध जधतध है। ाऄांतिेधी ाअग्नेय
चट्टधनों कध क्षैवतज तल में एक चधदर के रूप में ठां डध होनध वसल यध शीट कहलधतध है। कम मोटधाइ के जमधि को शीट
कहध जधतध है जबकक ाऄवधक मोटधाइ के क्षैवतज जमधि को वसल कहध जधतध है। ाआसवलए विककप 2 और 3 सही हैं।

21 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

o डधाआक (Dykes)
 जब लधिध कध प्रिधह दरधरों में धरधतल के लगभग समकोण होतध है और यकद यह ाआसी ाऄिथथध में ठां डध हो जधतध है तो
एक दीिधर की भधांवत सांरचनध कध वनमधतण करतध है वजसे डधाआक कहध जधतध है।
 सतह पर पहांचने पर लधिध के ठां डध होने से बनी भू-ाअकृ वतयों को बवहिेधी भूाअकृ वतयधाँ कहध जधतध है। ाआनमें से कु ो
लधिध कध मेसध पठधर, लधिध पठधर, वसडर शांकु ाअकद हैं। ाआसवलए विककप 4 सही है।

Q 44.A
 भधरत ाईत्तर-पवश्चम में पधककथतधन और ाऄफगधवनथतधन, ाईत्तर में चीन (वतब्बत), नेपधल और भूटधन तथध पूित में म्यधांमधर और
बधांग्लधदेश के सधथ थथलीय सीमध सधझध करतध है। समुि के पधर दवक्षण में दो द्वीपीय रधष्ट्र शीलांकध और मधलदीि भधरत के
पड़ोसी हैं। भधरत शीलांकध से एक सांकीणत समुिी चैनल से पृथक होतध है जो पधक जलडमरूमध्य और मन्नधर की खधड़ी से वनर्तमत
है। िहीं मधलदीि, लक्षद्वीप के दवक्षण में वथथत है।
 देश कध नधम: सीमध की लम्बधाइ (ककमी में)
बधांग्लधदेश : 4,096.7
चीन : 3,488
पधककथतधन : 3,323
नेपधल : 1,751
म्यधांमधर : 1,643
भूटधन : 699
ाऄफ़गधवनथतधन : 106

Q 45.C
 कथन 1 और 2 दोनों सही हैं: पवश्चमी तटीय मैदधन मध्य में सांकीणत है एिां ाईत्तर और दवक्षण की ओर चरड़ध है। ाआन तटीय मैदधनों
से प्रिधवहत होने िधली नकदयों द्वधरध ककसी भी डेकटध कध वनमधतण नहीं ककयध जधतध है। पूिी तट पर भली-भधांवत विकवसत डेकटध हैं
जो बांगधल की खधड़ी के पूित की ओर प्रिधवहत होने िधली नकदयों द्वधरध वनर्तमत होते हैं। ाआनमें महधनदी, गोदधिरी, कृ ष्णध और
कधिेरी के डेकटध शधवमल हैं।
 डेकटध िे ाअितभवू मयधाँ हैं वजनकध वनमधतण नकदयों द्वधरध ाऄपनध जल और तलोट ककसी ाऄन्य जलीय स्रोत जैसे समुि, झील यध ककसी
ाऄन्य नदी में वनक्षेवपत करने से होतध है। हधलधाँकक यह दुलभ
त है परन्तु कु ो डेकटध भूवम में जल और तलोट वनक्षेवपत कर सकते हैं।
जैसे ही नदी ाऄपने मुहधने यध ाऄांवतम ोोर के वनकट पहांचती है, ाआसकी गवत धीमी हो जधती है। ाआसी कधरण से नदी के प्रिधह के
सधथ तलोट, ठोस पदधथत प्रिधवहत होकर नदी के तल पर सांवचत होने लगते हैं।

22 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

 पवश्चमी घधट की चट्टधनों की कठोर प्रकृ वत के कधरण पवश्चम में प्रिधवहत होने िधली नकदयों के मुहधने चरड़े नहीं हैं, ाआसवलए ये
नकदयधां ज्िधरनदमुख (Estuaries) कध वनमधतण करती हैं। दूसरी ओर पूिी नकदयधाँ प्रधयाः पहधड़ों और पितत शृांखलधओं को कधटकर
प्रिधवहत होती हैं और समुि में कम गवत से प्रिेश करती हैं। यह ाऄपने सधथ लधाइ गाइ सांवचत गधद और तलोट को समुि में प्रिेश
करने से पूित ही वनक्षेवपत करती हैं, ाआसवलए पूिी तट पर बहतधयत में डेकटध पधए जधते हैं।

Q 46.C
 महधसधगरीय िलय (gyre) िैवश्वक पिन प्रवतरूप और पृथ्िी के घूणतन से ाईत्पन्न बलों द्वधरध वनर्तमत िृत्तधकधर महधसधगरीय
धधरधओं की एक िृहद प्रणधली है। विश्ि के प्रमुख महधसधगरीय िलयों की गवत महधसधगरीय कन्िेयर बेकट के सांचधलन में
सहधयतध प्रदधन करती है। महधसधगरीय कन्िेयर बेकट सांपूणत ग्रह (पृथ्िी) के चधरों ओर महधसधगरीय जल को पररचधवलत करती
है।
 क्यूरोवशयो धधरध ाईत्तरी प्रशधांत के ाईपोष्णकरटबांधीय िलय (ज़धयर) की पवश्चमी सीमध की गमत धधरध है। ाआसवलए कथन 3 सही है।
 क्यूरोवशयो धधरध की ाईत्पवत्त कफलीपींस और तधाआिधन के पूिी तट के वनकट से होती है और यह जधपधन के ाईत्तर-पूित में प्रिधवहत
होती है, जहधां यह ाईत्तरी प्रशधांत धधरध के पूिी प्रिधह के सधथ वमल जधती है। ाआसवलए कथन 1 सही नहीं है।
 यह ाऄटलधांरटक महधसधगर में विद्यमधन गकफ थरीम के ाऄनुरूप है। ाआसकध गमत जल ाईत्तरी प्रशधांत प्रिधह के रूप में ुुिों की ओर
थथधनधांतररत होतध है जो शीतकधल में ाऄलधथकध के तट को वहमधच्ोधदन से मुक्त रखतध है। ाआसवलए कथन 2 सही है।

Q 47.D
 ोोटध नधगपुर कध पठधर ाईत्तर-पूित में भधरतीय प्रधयद्वीप के विथतधर कध प्रवतवनवधत्ि करतध है। ाआसके ाऄांतगतत 87 हजधर िगत ककमी
कध क्षे्रण सवम्मवलत है। ाआसमें झधरखांड रधज्य कध ाऄवधकधांश भधग तथध ओवडशध, पवश्चम बांगधल, वबहधर और ोत्तीसगढ़ के
वनकटिती क्षे्रण सवम्मवलत हैं। सोन नदी ाआस पठधर के ाईत्तर-पवश्चम में प्रिधवहत होती है और गांगध में वमल जधती है। पठधर की
समुि तल से औसत ाउांचधाइ 700 मीटर है। ाआसवलए कथन 1 सही नहीं है।
 पूिी घधट वजसे दवक्षण में महेंि पितत के नधम से भी जधनध जधतध है, भधरत के पूिी तट पर विथतृत एक विवच्ोन्न पितत शृांखलध है।
पूिी घधट ओवडशध, ाअांुप्रदेश, तेलग
ां धनध और तवमलनधडु जैसे रधज्यों और कनधतटक के भी कु ो भधगों तक विथतृत है। गोदधिरी,
महधनदी, कृ ष्णध और कधिेरी जैसी प्रधयद्वीपीय भधरत की चधर प्रमुख नकदयधाँ ाआसकध क्षरण और कटधि करती हैं। ाआसवलए कथन 2
सही नहीं है।

Q 48.D
 प्रिेशी सरर विककरण से गमत होने के पश्चधत, पृथ्िी वनकटिती िधयुमांडलीय परतों में दीघततरां ग के रूप में तधप कध सांचरण करती
है। पृथ्िी के सांपकत में ाअने िधली िधयु धीरे -धीरे गमत होती है और वनचली परतों के सांपकत में ाअने िधली ाउपरी परतें भी गमत हो
जधती हैं। ाआस प्रकक्रयध को चधलन (conduction) कहध जधतध है।
 कथन 1 सही है: ाऄसमधन तधप िधले दो वपडों के एक दूसरे के सांपकत में ाअने पर चधलन होतध है; ाऄपेक्षधकृ त गमत वपड से ठां डे वपड
की ओर ाउजधत कध प्रिधह होतध है। ाउष्मध थथधनधांतरण तब तक जधरी रहतध है जब तक कक दोनों वपडो कध तधपमधन एकसमधन नहीं
हो जधतध ाऄथिध सांपकत समधप्त नहीं हो जधतध है। िधयुमड
ां ल की सबसे वनचली परतें मुख्य रूप से चधलन की प्रकक्रयध के मधध्यम से
गमत होती हैं।
 कथन 2 सही है: गमत होने पर पृथ्िी के सांपकत में ाअने िधली िधयु धधरधओं के रूप में ाईध्िधत धर रूप से ाउपर ाईठती है और
िधयुमांडल में तधप कध सांचरण करती है। िधयुमांडल की लम्बित तधपन की यह प्रकक्रयध सांिहन (convection) कहलधती है।
सांिहन प्रकक्रयध द्वधरध ाउजधत कध थथधनधांतरण मुख्य रूप से क्षोभमांडल तक ही सीवमत होतध है।
 कथन 3 सही है: िधयु की क्षैवतज गवत के मधध्यम से होने िधलध तधप कध थथधनधांतरण ाऄवभिहन (advection) कहलधतध है। िधयु
की क्षैवतज गवत ाउध्िधतधर गवत की तुलनध में ाऄपेक्षधकृ त रूप से ाऄवधक महत्िपूणत है। मध्य ाऄक्षधांशों पर, दैवनक मरसम में
ाऄवधकधांश वभन्नतधएाँ के िल ाऄवभिहन के कधरण होती हैं। ग्रीष्माऊतु के दररधन विशेष रूप से ाईत्तर भधरत के ाईष्णकरटबांधीय क्षे्रणों
में 'लू' नधमक थथधनीय पिनें ाऄवभिहन प्रकक्रयध कध पररणधम हैं।

23 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

Q 49.D
 भधरतीय ाईपमहधद्वीप में ग्रीष्माऊतु के दररधन धरधतलीय िधयु दधब और पिनें:
o ग्रीष्मकधल के ाअरां भ होने पर जब सूयत ाईत्तरधयण वथथवत में ाअतध है तो ाईपमहधद्वीप के वनम्न और ाईच्च, दोनों ही थतरों पर
पिनों के पररसांचरण में व्युत्क्रमण हो जधतध है।
o जुलधाइ के मध्य तक धरधतल के वनकट वनम्न दबधि िधली पेटी वजसे ाऄांतर ाईष्ण-करटबांधीय ाऄवभसरण क्षे्रण (ITCZ) कहध
जधतध है, ाईत्तर की ओर वखसक कर लगभग 20°N और 25°N के मध्य वहमधलय के समधनधांतर ाऄिवथथत हो जधती है।
o ाआस समय तक भधरतीय क्षे्रण से पवश्चमी जेट धधरध की िधपसी हो जधती है।
o भूमध्यरे खीय िोणी (ITCZ) के ाईत्तर की ओर वखसकने और ाईत्तर भधरतीय मैदधन के ाउपर से पवश्चमी जेट धधरध की िधपसी
के मध्य ाऄांतसंबांध है।
o सधमधन्यत: यह मधनध जधतध है कक ाआन दोनों के मध्य कधरण और प्रभधि कध सांबांध है।
o वनम्न िधयुदधब कध क्षे्रण होने के कधरण ITCZ विवभन्न कदशधओं से पिनों के ाऄांतिधतह को ाअकर्तषत करतध है। भूमध्य रे खध पधर
करने के पश्चधत, दवक्षणी गोलधद्त से ाअने िधली सधमुकिक ाईष्णकरटबांधीय िधयुरधवश (mT) सधमधन्यत: दवक्षण-पवश्चमी कदशध
में वनम्न दबधि िधले क्षे्रण की ओर तेज़ी से बढ़ती है। ाआस ाअित िधयु धधरध को दवक्षण-पवश्चम मधनसून के रूप में जधनध जधतध
है। ाआसवलए सभी कथन सही हैं।

Q 50.B
 भूथखलन से वनपटने के वलए क्षे्रण-विवशष्ट ाईपधय ककए जधने चधवहए। ाईच्च भूथखलन सुभेद्यतध िधले क्षे्रणों में सड़क एिां बधांधों के
वनमधतण जैसी ाऄन्य विकधस सांबांधी गवतविवधयों पर प्रवतबांध, कृ वष को घधरटयों और मध्यम ढलधन िधले क्षे्रणों तक सीवमत तथध
बड़ी बवथतयों के विकधस पर वनयां्रणण थथधवपत ककयध जधनध चधवहए।
 भूथखलन रोकने सम्बन्धी ाईपयुक्त
त ाईपधयों के पूरक के रूप में जलप्रिधह कम करने के वलए बधाँध वनमधतण और िृहद थतर पर
िनीकरण कधयतक्रमों को बढ़धिध प्रदधन करने जैसे कु ो सकधरधत्मक कधयत ककए जधने चधवहए। पूिोत्तर पिततीय रधज्यों में सीढ़ीदधर
कृ वष को बढ़धिध कदयध जधनध चधवहए जहधाँ थथधनधांतररत कृ वष (कततन दहन प्रणधली/slash and burn) ाऄभी भी प्रचवलत है।
 झूम कृ वष को प्रधय: मृदध ाऄपरदन कध कधरण, भूथखलन, ाअकवथमक बधढ़ कध मधगत प्रशथत करने और ाईससे प्रधथवमक भूवम सांसधधन
नष्ट करने के वलए ाईत्तरदधयी मधनध जधतध है।

Q 51.D
 पृथ्िी की ाईत्पवत्त के सांबांध में विवभन्न दधशतवनकों ि िैज्ञधवनकों ने ाऄनेक पररककपनधएां प्रथतुत की हैं। एक प्रधरां वभक और लोकवप्रय
तकत जमतन दधशतवनक ाआमैनुाऄल कधांट कध थध, वजसे गवणतज्ञ लधप्लधस ने 1796 में सांशोवधत ककयध थध। ाआसे नीहधररकध पररककपनध
(Nebular Hypothesis) के रूप में जधनध जधतध है। ाआसवलए कथन 3 सही है।
 ाआस पररककपनध के ाऄनुसधर, ग्रहों कध वनमधतण धीमी गवत से घूणन
त करते हए युिध सूयत से सांबद् पदधथों के बधदलों से हाअ है।
ाआसवलए कथन 1 सही है। ाअगे चलकर िषत 1900 में चैम्बरलेन और मोकटन ने विचधर व्यक्त ककयध कक एक ्मणशील तधरध
सूयत के वनकट से गुजरध। ाआसके पररणधमथिरूप, तधरे के गुुतत्िधकषतण से सूयत-सतह से वसगधर के ाअकधर कध पदधथत वनकल कर
ाऄलग हो गयध। जब यह तधरध सूयत से दूर चलध गयध तो सूयत की सतह से बधहर वनकले ये पदधथत सूयत के चधरों ओर घूमने लगे और
धीरे -धीरे सांघवनत होकर ग्रहों के रूप में पररिर्ततत हो गए।
 नीहधररकध पररककपनध कध प्रयोग सरर मांडल की ाईत्पवत्त की व्यधख्यध करने हेतु ककयध जधतध है। ाआसवलए कथन 2 सही है।

Q 52.D
 कथन 1 सही नहीं है: मैंटल के ाउपरी भधग को दुबल
त तधमांडल (asthenosphere) कहध जधतध है। यह ठोस शैलों की िह परत
होती है वजसमें ाआतनध ाऄवधक दबधि और ाउष्मध होती है कक शैलें तरल की भधांवत बह सकती हैं। ाआसकध विथतधर 400 ककमी तक
मधनध जधतध है।
24 www.visionias.in ©Vision IAS
https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

 कथन 2 सही नहीं है: यह ज्िधलधमुखी ाईद्गधर के दररधन धरधतल पर पहांचने िधले लधिध कध मुख्य स्रोत है। ाआसकध घनत्ि भूपपतटी
की चट्टधनों से ाऄवधक (3.4 ग्रधम/घन सेंटीमीटर) है। भूपपतटी और मैंटल के ाउपरी भधग को सांयुक्त रूप से थथलमांडल कहध जधतध
है। दुबतलतधमांडल थथलमांडल कध भधग नहीं है।

*ध्यधन दें - भूगभतविज्ञधन के मेसोथफीयर को ्मिश िधयुमड


ां लीय मध्यमांडल (मेसोथफीयर) (जो सीधे समतधपमांडल के ाउपर
वथथत है) नहीं समझनध चधवहए। भूगभतविज्ञधन में, मेसोथफीयर मैंटल कध िह भधग है जो दुबल
त तधमांडल के नीचे वथथत है।
मेसोथफीयर की ाउपरी सीमध को भूकांपीय तरां गों के िेग में होने िधली तीव्र िृवद् द्वधरध पररभधवषत ककयध जधतध है।

Q 53.A
 कथन 1 सही है: शुष्क जलिधयु में, ाईच्च तधपमधन के कधरण िधष्पीकरण की मध्रणध प्रधप्त िषधत की मध्रणध से ाऄवधक होती है। ाआस
कधरण भूजल के वशकध कक्रयध द्वधरध सतह तक पहांचतध है और ाआस प्रकक्रयध में, मृदध पर लिण ोोड़ते हए जल िधवष्पत हो जधतध है।
ाआस प्रकधर के लिण मृदध पर पपड़ी बनधते हैं वजन्हें हधडतपन
ै (hardpans) के रूप में जधनध जधतध है।
 कथन 2 सही है: लिणतध से तीव्र जल जमधि होतध है वजसकध ाऄथत मृदध की सरां ुतध है और ाआसवलए जल धधरण क्षमतध में कमी
ाअ जधती है और दीघत ाऄिवध में मृदध ाऄपधरगम्य बन जधती है।
 कथन 3 सही नहीं है: ज्िरनदमुख ाअांवशक रूप से भूवम से वघरध जल वनकधय होतध है, जहधाँ समुि कध खधरध जल और भूवम कध
तधजध जल वमवशत हो सकते हैं। विश्ि भर के समुितटीय क्षे्रणों में ज्िरनदमुख वथथत हैं।
 महधसधगरों की सतह पर जल की लिणतध मुख्य रूप से िधष्पीकरण और िषधत पर वनभतर करती है।
 सतह की लिणतध तटीय क्षे्रणों में नकदयों से प्रधप्त तधज़े जल से और ुुिीय क्षे्रणों में वहम के जमने एिां वपघलने की प्रकक्रयध से भी
ाऄत्यवधक प्रभधवित होती है।
 पिनें भी जल को ाऄन्य क्षे्रणों में थथधनधांतररत करके ककसी क्षे्रण की लिणतध को प्रभधवित करती हैं।
 महधसधगरीय धधरधएां, लिणीय वभन्नतध में योगदधन देती हैं। जल की लिणतध, तधपमधन और घनत्ि से परथपर ाऄांतर-सांबांवधत है।
ाआसवलए तधपमधन यध घनत्ि में होने िधलध कोाइ भी पररिततन लिणतध को व्यधपक रूप से प्रभधवित करतध है।

Q 54.C
 नीचे दी गाइ सभी विशेषतधएां विषुित रे खीय जलिधयु से सांबवां धत हैं:
o भूमध्यरे खीय जलिधयु की सिधतवधक ाईत्कृ ष्ट विशेषतध यह है कक ाआसके तधपमधन में िषतपयंत एकरूपतध बनी रहती है।
o थपष्ट शीताऊतु कध ाऄभधि होतध है।
o मेघधच्ोधदन और भधरी िषधत दैवनक तधपमधन को मृद ु बनधने में सहधयक होते हैं, वजसके कधरण भूमध्य रे खध पर भी जलिधयु
ाऄसहनीय नहीं होती। ाआसके ाऄवतररक्त, वनयवमत थथलीय और समुिी पिनें िधथति में सम जलिधयु बनधए रखने में
सहधयतध करती हैं।
o दैवनक तथध िधर्तषक तधपमधन पररसर कम होतध है। भूमध्यरे खीय क्षे्रणों में ाईच्च तधपमधन और प्रचुर मध्रणध में िषधत समृद्
प्रकधर की िनथपवत ाऄथधतत् ाईष्णकरटबांधीय िषधत िनों की व्यधपक िृवद् में सहधयतध प्रदधन करती है।
25 www.visionias.in ©Vision IAS
https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

o विषुितरे खीय िनथपवत में सदधबहधर िृक्ष शधवमल होते हैं जो ाईष्णकरटबांधीय कठोर लकड़ी (कधष्ठ) ाईत्पधकदत करते हैं, जैसे
महोगनी, ाअबनूस, ाअकद। ाऄमेज़न के ाईष्णकरटबांधीय िषधत िनों को सेकिधस के रूप में भी जधनध जधतध है। ाआस प्रकधर की
िनथपवतयों में एकल प्रजधवतयों के िृक्ष ाऄत्यांत दुलभ
त होते हैं। यहधाँ की िनथपवतयों में ोोटे तधड़ के पेड़, वलयधनध यध बेंत जैसे
ाअरोही परधे (जो सैकड़ों फीट लांबे हो सकते हैं) और परजीिी ाऄवधपधदप एिां परजीिी परधे शधवमल होते हैं। िृक्षों के नीचे
विविध प्रकधर के फ़नत, ऑर्ककड और ललधांग ाईगते हैं। सिधतवधक लांबे िृक्ष 150 फीट से ाऄवधक ाउांचे होते हैं।

Q 55.B
 कथन 1 और 2 सही नहीं हैं: िृहत सांचलन के ाऄांतगतत िे सभी सांचलन शधवमल होते हैं वजनमें शैलों कध िृहत मलबध गुुतत्िधकषतण
के प्रत्यक्ष प्रभधि के कधरण ढधल के ाऄनुरूप थथधनधांतररत होतध है। ाआसकध ाऄथत है कक िधयु, जल यध बफत ाऄपने सधथ एक थथधन से
दूसरे थथधन तक मलबध नहीं ले जधते हैं, बवकक मलबध भी ाऄपने सधथ िधयु, जल यध बफत ले जध सकतध है। गुुतत्िधकषतण बल
ाअधधर शैल और ाऄपक्षय से ाईत्पन्न सभी पदधथों पर ाऄपनध प्रभधि ाअरोवपत करतध है। ाआसवलए ाऄपक्षय िृहत सांचलन की
पूिधतपक्ष
े ध नहीं है, हधलधांकक यह िृहत सांचलन में सहधयतध प्रदधन करतध है। िृहत सांचलन ाऄनपक्षवयत सधमवग्रयों की ाऄपेक्षध
ाऄपक्षवयत ढलधन पर ाऄवधक सकक्रय होतध है।
 िृहत सांचलन में गुुतत्िधकषतण शवक्त सहधयक होती तथध कोाइ भी भू-ाअकृ वतक कधरक जैसे प्रिधवहत जल, वहमधनी, िधयु, लहरें एिां
धधरधएाँ ाअकद िृहत सांचलन में सीधे रूप से सवम्मवलत नहीं होते हैं। ाआसकध ाऄथत है कक िृहत सांचलन ाऄपरदन के ाऄांतगतत शधवमल
नहीं होतध है, यद्यवप पदधथों कध सांचलन गुुतत्िधकषतण के कधरण एक थथधन से दूसरे थथधन तक होतध रहतध है। ढधल पर पदधथत
बधधक बलों के प्रवत ाऄपनध प्रवतरोध प्रथतुत करते हैं एिां तभी ाऄसफल होते हैं जब बल पदधथों के ाऄपरूपण प्रवतरोध से ाऄवधक
प्रभधिी होते हैं।
 कथन 3 सही है: ाऄसम्बद् कमज़ोर पदधथत, वोोले सांथतर िधली शैल,ें ्ांश, तीव्रतध से झुके हये सांथतर, खड़े भृगु यध तीव्र ढधल,
पयधतप्त िषधत, मूसलधधधर िषधत, िनथपवत कध ाऄभधि ाअकद िृहत सांचलन में सहधयक होते हैं।

Q 56.D
 कथन 1 सही नहीं है: िधयुमांडल की ाउपरी परत पर प्रधप्त होने िधली सरर ाउजधत में प्रवतिषत मधमूली पररिततन होतध है यह
पररिततन पृथ्िी एिां सूयत के मध्य की दूरी में ाऄांतर के कधरण होतध है। सूयत के चधरों ओर पररक्रमण के दररधन पृथ्िी 4 जुलधाइ को
सूयत से सबसे दूर होती है (152 वमवलयन ककमी)। पृथ्िी की ाआस वथथवत को ाऄपसरर (aphelion) कहध जधतध है। 3 जनिरी को
पृथ्िी सूयत के सबसे वनकट होती है (147 वमवलयन ककमी)। ाआस वथथवत को ाईपसरर (perihelion) कहध जधतध है। ाआसवलए पृथ्िी
द्वधरध प्रधप्त िधर्तषक सूयधततप 3 जनिरी को 4 जुलधाइ की ाऄपेक्षध ाऄवधक होतध है। हधलधाँकक सूयधततप की वभन्नतध कध प्रभधि ाऄन्य
कधरकों जैसे थथल और समुि कध वितरण तथध िधयुमांडलीय पररसांचरणीय के द्वधरध कम हो जधतध है।
 कथन 2 सही है: धरधतल पर प्रधप्त सूयधततप की मध्रणध में ाईष्णकरटबांध में लगभग 320 िधट/िगत मी. से लेकर ुुिों पर 70
िधट/िगत मी. तक वभन्नतध पधयी जधती है। सबसे ाऄवधक सूयधततप ाईपोष्ण करटबांधीय मुतथथलों पर प्रधप्त होतध है, जहधाँ
मेघधच्ोधदन बहत कम पधयध जधतध है। ाईष्ण करटबन्ध की ाऄपेक्षध विषुित िृत्त पर कम मध्रणध मे सूयधततप प्रधप्त होतध है।
 कथन 3 सही नहीं है: समधन्यताः एक ही ाऄक्षधांश पर वथथत महधद्वीपीय भधग पर ाऄवधक और महधसधगरीय भधग पर ाऄपेक्षधकृ त
कम मध्रणध में सूयधततप प्रधप्त होतध है। शीत ाऊतु में मध्य एिां ाईच्च ाऄक्षधांशों पर ग्रीष्म ाऊतु की ाऄपेक्षध कम मध्रणध में विककरण प्रधप्त
होतध है।

Q 57.D
 पिनें ाईपोष्ण करटबांधीय ाईच्च दधब िधली पेटी से पोु िध पिनों (िेथटलीज) के रूप में समशीतोष्ण वनम्न दधब िधली पेटी की ओर
प्रिधवहत होती हैं। कोररऑवलस बल के प्रभधि के कधरण ये पिनें ाईत्तरी गोलधद्त में दवक्षण पोु िध पिनों (सधाईथ िेथटलीज) और
दवक्षणी गोलधद्त में ाईत्तर-पोु िध पिनों (नधथत-िेथटलीज) के रूप में प्रिधवहत होती हैं।

26 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

 ये पिनें ाईत्तरी गोलधद्त में ाऄवधक पररिततनीय होती हैं। ककन्तु ये पिनें समशीतोष्ण करटबांध के पवश्चमी तटों पर गमत विषुित
रे खीय जल और पिनें ले जधने में महत्िपूणत भूवमकध वनभधती हैं। ाआस तधपन प्रभधि और ाऄन्य थथधनीय दधबधांतरों के कधरण
समशीतोष्ण क्षे्रणों में ाऄत्यवधक पररिततनशील जलिधयु विद्यमधन होती है वजसमें चक्रिधतों और प्रवतचक्रिधतों की ाऄवधकतध होती
है।
 दवक्षणी गोलधद्त में, 40 वडग्री दवक्षण से 60 वडग्री दवक्षण तक, जहधाँ महधसधगरों कध विथतधर ाऄवधक है पोु िध पिनें (िेथटलीज)
िषतपयंत ाऄवधक तीव्रतध के सधथ और वनयवमत रूप से प्रिधवहत होती हैं। ये पिनें महधद्वीपों के पवश्चमी तटों पर ाऄत्यवधक िषधत
करती हैं। यहधाँ ाअित मरसम और तूफधन की दशधएां व्यधप्त रहती हैं। ाआसवलए समुिी यधव्रणयों द्वधरध सधमधन्यताः पोु िध पिनों
(िेथटलीज) को ाऄक्षधांशों में ाआनकी प्रबलतध के ाऄनुसधर गरजतध चधलीसध, प्रचण्ड पचधसध और चीखती सधठध के रूप में सांदर्तभत
ककयध गयध है।

Q 58.D
 वनम्नवलवखत देश भूमध्यसधगर के सधथ ाऄपनी सीमध सधझध करते हैं: थपेन, फ़्रधांस, मोनधको, ाआटली, मधकटध, थलोिेवनयध,
क्रोएवशयध, बोवस्नयध और हजेगोविनध, मोंटेनेग्रो, ाऄकबधवनयध, ग्रीस, तुकी, सधाआप्रस, सीररयध, लेबनधन, ाआजरधयल, वमस्र, लीवबयध,
ट्यूनीवशयध, ाऄकजीररयध और मोरक्को।

Q 59.A
 सम्पूणत भधरत में मधनसूनी जलिधयु पधाइ जधती है, परन्तु यहधाँ मरसम सांबांधी विवभन्न कधरकों के सांयोजन के कधरण ाऄनेक क्षे्रणीय
विविधतधएां भी विद्यमधन हैं। ये विविधतधएाँ मधनसूनी जलिधयु के ाईपप्रकधरों कध प्रवतवनवधत्ि करती हैं। ाआसी ाअधधर पर जलिधयु
क्षे्रणों की पहचधन की जध सकती है। एक जलिधयु क्षे्रण में समधांगी जलिधयु वथथवत रहती है जो विवभन्न कधरकों के सांयोजन कध
पररणधम है। तधपमधन और िषधत िे दो महत्िपूणत तत्ि हैं वजन्हें जलिधयु िगीकरण की सभी प्रणधवलयों में वनणधतयक मधनध जधतध
है। जलिधयु िगीकरण की विवभन्न प्रणधवलयधां प्रचवलत हैं। कोपेन की प्रणधली के ाअधधर पर भधरत के प्रमुख जलिधयु -प्रकधर नीचे
प्रदर्तशत ककए गए हैं:

27 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

Q 60.B
 भधरत में पणतपधती िनों कध विथतधर सिधतवधक है। ाआन्हें मधनसून िन भी कहध जधतध है। ये 70–200 से.मी. िषधत िधले क्षे्रणों में

पधए जधते हैं। जल की ाईपलब्धतध के ाअधधर पर ाआन िनों को ाअित और शुष्क पणतपधती िनों में विभधवजत ककयध गयध है।
 ये िन ाईत्तर-पूिी रधज्यों और वहमधलय के वगरीपधदों, पवश्चमी घधट के पूिी ढधलों और ओवडशध में विथतृत हैं। सधगरन, सधल,
शीशम, हरधत, महाअ, ाअाँिलध, सेमल, िुफसुम और चांदन ाअकद ाआन िनों में पधाइ जधने िधली प्रमुख प्रजधवतयधां हैं।

 शुष्क पणतपधती िन, देश के 70 से 100 सेंटीमीटर िषधत िधले भधगों में विथतृत हैं। ाअित क्षे्रणों में ये ाअित पणतपधती और शुष्क क्षे्रणों
में कधाँटेदधर िनों के रूप में पधए जधते हैं। ये िन प्रधयद्वीपीय भधरत के ाऄवधक िषधत िधले भधगों में और ाईत्तर प्रदेश ि वबहधर के
मैदधनी भधगों में पधए जधते हैं। शुष्क ाऊतु प्रधरां भ होते ही ाआन िृक्षों की पवत्तयधां झड़ जधती हैं और घधस के मैदधन में पत्ती रवहत िृक्ष
खड़े रह जधते हैं। ाआन िनों में पधए जधने िधले मुख्य िृक्ष तेंद,ू पलधश, ाऄमलतधस, बेल, खैर और ऐक्सलिुड (Axlewood) ाआत्यधकद
हैं।

Q 61.B

 महधसधगरीय ाऄधथतल को चधर प्रमुख भधगों में बधाँटध जध सकतध है- (i) महधद्वीपीय शेकफ (ii) महधद्वीपीय ढधल (iii) गहरध समुिी
मैदधन तथध (iv) महधसधगरीय गभीर। ाआन भधगों के ाऄवतररक्त महधसधगरीय तली पर कु ो बड़े तथध ोोटे ाईच्चधिच सांबांधी लक्षण

पधए जधते हैं, जैस-े कटक, पहधवड़यधाँ, समुिी टीलध, वनमग्न द्वीप, खधाआयधाँ ि खड्ड ाअकद।
 महधद्वीपीय शेकफ: महधद्वीपीय शेकफ, प्रत्येक महधद्वीप कध विथतृत सीमधांत होतध है, वजसमें ाऄपेक्षधकृ त ाईथले समुि तथध खधवड़यधाँ
ाऄिवथथत होती हैं। यह महधसधगर कध सबसे ाईथलध भधग होतध है वजसकी औसत प्रिणतध 1 वडग्री यध ाईससे भी कम होती है।
 महधद्वीपीय ढधल: महधद्वीपीय ढधल महधसधगरीय बेवसनों और महधद्वीपीय शेकफ को जोड़ती है। ाआसकध प्रधरां भ ाईस थथल से होतध
है, जहधाँ महधद्वीपीय शेकफ कध तल तीव्र ढधल में पररिर्ततत हो जधतध है।
 महधद्वीपीय ाईत्थधन: महधद्वीपीय ाईत्थधन महधद्वीपीय ढलधन और वितलीय (abyssal) मैदधन के मध्य पधयध जधतध है। यह
महधद्वीपों और महधसधगर के सिधतवधक गहरे भधग के बीच की सीमध के ाऄांवतम चरण कध प्रवतवनवधत्ि करतध है। महधद्वीपीय ढलधन
के तल पर महधद्वीपीय ाईत्थधन पधयध जधतध है जो टनों सांवचत ाऄिसधद से वनर्तमत जलमग्न पहधड़ होतध है।
 वितलीय मैदधन: वितलीय मैदधन गहरी महधसधगरीय ाऄधथतली पर जल के नीचे वथथत मैदधन होतध है। यह सधमधन्यत: 3,000
मीटर और 6,000 मीटर की गहरधाइ पर पधयध जधतध है। यह महधद्वीपीय ाईत्थधन के पधद और मध्य महधसधगरीय कटक के बीच
वथथत होतध है।
 ाआसवलए सही क्रम 4-1-2-3 है।
28 www.visionias.in ©Vision IAS
https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

Q 62.D
 मधनसून िह धुरी है वजसके चतुर्कदक भधरत कध समथत कृ वष चक्र घूमतध है। यह भधरत की कृ वष ाअधधररत ाऄथतव्यिथथध में
महत्िपूणत भूवमकध कध वनितहन करतध है, क्योंकक देश में कु ल िषधत कध तीन-चरथधाइ से ाऄवधक दवक्षण-पवश्चम मधनसून के दररधन
प्रधप्त होतध है। ाआसकध थथधवनक वितरण भी ाऄसमधन है, जो 12 सेमी से लेकर 250 सेमी यध ाईससे ाऄवधक भी हो सकतध है।
o िषधत की पररिततनीयतध देश के कु ो भधगों में सूखध ाऄथिध बधढ़ कध कधरण बनती है। ाआसवलए विककप 2 सही है।
o मधनसून कध ाऄचधनक प्रथफोट देश के व्यधपक क्षे्रणों में मृदध ाऄपरदन की समथयध ाईत्पन्न कर देतध है। ग्रीष्म ाऊतु में होने िधली
भधरी िषधत से भी मृदध कध ाऄपरदन होतध है। ाआसवलए विककप 1 सही है।
o भधरत के 64 प्रवतशत लोग ाऄपनी ाअजीविकध के वलए कृ वष पर वनभतर हैं और भधरतीय कृ वष थियां दवक्षणी-पवश्चमी मधनसून
पर ाअधधररत है। मधनसूनी जलिधयु में क्षे्रणीय वभन्नतधएां विवभन्न प्रकधर की फसलें ाईगधने में सहधयक होती हैं।
o भधरत में कृ वष की समृवद् िषधत के सही समय पर होने तथध ाईसके पयधतप्त वितरण पर वनभतर करती है। यकद िषधत नहीं होती
तो कृ वष पर ाआसकध प्रवतकू ल प्रभधि पड़तध है, विशेष रूप से ाईन क्षे्रणों में जहधाँ वसचधाइ के सधधन विकवसत नहीं हैं।
o काइ बधर पूरे देश में यध ककसी विशेष भधग में िषधत ाऄत्यवधक विलांब से प्रधरां भ होती है और काइ बधर िषधत की समधवप्त
सधमधन्य समय से बहत पहले हो जधती है। ाआससे खड़ी फसलों को ाऄत्यवधक क्षवत होती है और शीतकधलीन फसलों की
बुिधाइ में करठनधाइ ाअती है। ाआसवलए विककप 3 सही है।

Q 63.D
 वनमग्न द्वीप: यह सपधट शीषत िधले समुिी टीले हैं। ाआन सपधट शीषों िधले जलमग्न पिततों के बनने की ाऄिथथधएाँ क्रवमक ाऄितलन
के सधक्ष्यों द्वधरध प्रदर्तशत होती हैं। ाआसवलए युग्म 1 सही सुमवे लत है।
 गतत : ये क्षे्रण महधसधगरों के सबसे गहरे भधग होते हैं। ये गतत ाऄपेक्षधकृ त खड़े ककनधरों िधले सांकीणत बेवसन होते हैं। ाऄपने चधरों ओर
की महधसधगरीय तली की ाऄपेक्षध ये 3 से 5 ककमी॰ तक गहरे होते हैं। ये महधद्वीपीय ढधल के ाअधधर तथध द्वीपीय चधपों के पधस
वथथत होते हैं एिां सकक्रय ज्िधलधमुखी तथध प्रबल भूकांप िधले क्षे्रणों से सांबांवधत होते हैं। ाआसवलए युग्म 3 सही सुमवे लत है।
 मध्य महधसगरीय कटक: मध्य महधसधगरीय कटक (MOR) एक समुिी ाऄधथतलीय पितत प्रणधली है, वजसकी रचनध प्लेट
वििततवनकी से होती है। ाअम तरर पर ाआसकी ाउाँचधाइ लगभग 2600 मीटर होती है और ककसी महधसधगरीय बेवसन के सबसे गहरे
भधग से यह लगभग 2 ककमी तक ाउांचध होतध है। यह विशेषतध िहधां पधाइ जधती है जहधाँ समुि ाऄधथतल कध प्रसधर, ाऄपसधरी प्लेट
की सीमधओं के सधथ होतध है। ककसी महधसधगरीय बेवसन में समुि ाऄधथतल के प्रसधर की दर, मध्य महधसधगरीय कटक के वशखर
की ाअकृ वत (morphology) और ाआसकी चरड़धाइ को वनधधतररत करती है। ाआसवलए युग्म 2 सही सुमवे लत है।

Q 64.D
 कथन 1 सही है: पूिी घधट ाऄविरत नहीं हैं और ये कम ाउांचधाइ िधली पहधवड़यों की शृांखलध महधनदी, गोदधिरी, कृ ष्णध, कधिेरी
जैसी नकदयों द्वधरध ाऄपरकदत है। ाआसकी कु ो महत्िपूणत शृांखलधओं में जिधदी पहधवड़यधां, पधलकोंडध शृांखलध, नकलधमकलध की
पहधवड़यधां और महेंिवगरी ाअकद पहधवड़यधां सम्मवलत हैं। पूिी और पवश्चमी घधट एक दूसरे से नीलवगरी पितत पर वमलते हैं।
 कथन 2 सही है: पूिी घधट की तुलनध में पवश्चमी घधट की पहधवड़यधां ाउांची और ाऄविरत हैं। ाईनकी औसत ाउांचधाइ लगभग 1500
मीटर है और यह ाउांचधाइ ाईत्तर से दवक्षण की ओर बढ़ती है। ‘ाऄनधाआमुडी’ (2695 मीटर) प्रधयद्वीपीय पठधर की सबसे ाउांची चोटी
है जो पवश्चमी घधट की ाऄन्नधमलधाइ पहधवड़यों में वथथत है। दूसरी सबसे ाईां ची चोटी नीलवगरी पितत में वथथत डोडधबेटध (2637
मी.) है। ाऄवधकधांश प्रधयद्वीपीय नकदयों कध ाईद्गम पवश्चमी घधट से होतध है।
 कथन 3 सही है: दवक्षणी पठधर पवश्चम में पवश्चमी घधट, पूित में पूिी घधट और ाईत्तर में सतपुड़ध, मैकधल शृांखलध एिां महधदेि
पहधड़ी से वघरध है। पवश्चमी घधटों को ाईनके विवभन्न थथधनीय नधमों से जधनध जधतध है, जैसे महधरधष्ट्र में सह्यधकि, कनधतटक में
नीलवगरी और तवमलनधडु में ाऄन्नधमलधाइ पितत और के रल में ाआलधयची पहधवड़यधाँ।

29 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

Q 65.C
 कथन 1 सही है: झेलम नदी कध ाईद्गम पवश्चमी जम्मू और कश्मीर रधज्य में ाऄिवथथत िेरीनधग झरने से होतध है। जम्मू कश्मीर की
रधजधधनी शीनगर झेलम नदी के तट पर ाऄिवथथत है।
 कथन 2 सही है: कश्मीर घधटी में झेलम ाऄभी भी ाऄपनी युिधिथथध में है तथधवप यह नदीय थथल रूप के विकधस में प्ररढ़धिथथध में
वनर्तमत होने िधली विवशष्ट ाअकृ वत विसपत कध वनमधतण करती है। यह नदी, पीरपांजधल शृांखलध के ाईत्तरी ढधल से ाईत्तर-पवश्चम की
ओर विसपत कध वनमधतण करते हए कश्मीर घधटी (शीनगर में िुलर झील से गुजरते हए, जो ाआसके प्रिधह को वनयांव्रणत करती है) से
प्रिधवहत होती है। यह कश्मीर घधटी में लधखों िषों पहले विद्यमधन एक ाअकदकधलीन झील से प्रधप्त तलोट के थथधनीय ाअधधर के
कधरण विसपत कध वनमधतण करती है।

Q 66.A
 ग्रीष्माऊतु में जेट थरीम और ाउपरी िधयु पररसांचरण: पूिी जेट थरीम दवक्षणी एवशयध और ाईत्तरी ाऄफ्रीकध के ाउपर ाईत्तरी गोलधद्त
की ग्रीष्म ाऊतु की एक विवशष्ट और प्रमुख विशेषतध है। पूिी जेट थरीम 5° और 20° N के मध्य पधाइ जधती है। यह 6 - 9
ककलोमीटर की ाउाँचधाइ पर प्रधयद्वीपीय भधरत में और ाईत्तरी ाऄफ्रीकी क्षे्रण में पूित से पवश्चम कदशध में प्रिधवहत होती है। ाआसके
पररणधमथिरूप ाउपरी िधयु पररसांचरण कध व्युत्क्रमण हो जधतध है उाईच्च दधब वनम्न दधब में पररिर्ततत हो जधतध है और मधनसून
कध शीघ्र ाअगमन होतध है।
 कथन 1 सही है: पूिी जेट थरीम भधरत में ाईष्णकरटबांधीय चक्रिधतों को भधरत में लधतध है। ये चक्रिधत भधरतीय ाईपमहधद्वीप में
िषधत के वितरण में महत्त्िपूणत भूवमकध वनभधते हैं। ाआन चक्रिधतों के मधगत भधरत में सिधतवधक िषधत िधले भधग हैं।
 कथन 2 सही नहीं है: जून में प्रधयद्वीपीय भधरत के दवक्षणी भधग पर पूिी जेट थरीम 90 ककमी प्रवत घांटध की गवत से प्रिधवहत
होती है। यह जेट थरीम ाऄगथत में 15°N ाऄक्षधांश पर तथध वसतांबर में 22° N ाऄक्षधांश पर ाऄिवथथत हो जधती है। ाउपरी िधयुमांडल
में पूिी जेट थरीम सधमधन्यताः 30° ाईत्तर ाऄक्षधांश से परे नहीं जधती। ाआसवलए दवक्षण-पवश्चम मधनसून ाऄिवध के दररधन ाईत्तर की
ओर पूिी जेट थरीम कध प्रभधि बढ़तध जधतध है।

Q 67.B
 ककत रे खध विषुित रे खध से 23.50 वडग्री ाईत्तर के कोण पर एक कधकपवनक रे खध है। ककत रे खध समधन्यताः भधरत के मध्य से गुजरती
है। यकद ाआस कधकपवनक रे खध को पृथ्िी के चधरों ओर विथतधररत ककयध जधए, तो यह भधरत सवहत 17 देशों से होकर गुजरती है।
 ककत रे खध भधरत के ाअठ रधज्यों: गुजरधत (जधसदन), रधजथथधन (कधवलजर), मध्य प्रदेश (शधजधपुर), ोत्तीसगढ़ (सोनहत),
झधरखांड (लोहधरदगध), पवश्चम बांगधल (कृ ष्णधनगर), व्रणपुरध (ाईदयपुर) और वमजोरम (चम्फाइ) से होकर ाआसी क्रम में गुजरती है।
 मधही नदी भधरत की एकमध्रण नदी है जो दो बधर ककत रे खध को कधटती है- पहली बधर मध्य प्रदेश में जहधाँ से यह रधजथथधन की
ओर प्रिधवहत होती है और दूसरी बधर रधजथथधन से गुजरधत में प्रिेश करते समय। व्रणपुरध में ाईदयपुर ककत रे खध के वनकटतम
वथथत शहर है।

Q 68.C
 भधरत में ग्रीष्माऊतु में ाअने िधले कु ो प्रवसद् थथधनीय तूफधन हैं:
o ाअम्र िषधत: ग्रीष्म ाऊतु की समधवप्त के कदनों में सधमधन्यताः के रल ि तटीय कनधतटक में पूित-मधनसूनी बरोधरें पड़ती हैं।
थथधनीय तरर पर ाआस तूफ़धनी िषधत को ाअम्र िषधत कहध जधतध है, क्योंकक यह ाअमों को जकदी पकने में सहधयतध करती है।
o फू लों िधली बरोधर (Blossom Shower): ाआस िषधत से के रल ि वनकटिती कहिध ाईत्पधदक क्षे्रणों में कहिध के फू ल वखलने
लगते हैं।
o कधल बैसधखी (Nor Westers): ाऄसम और पवश्चम बांगधल में बैसधख मधह में सांध्यध के समय चलने िधली ये भयांकर ि
विनधशकधरी िषधतयुक्त पिनें हैं। ाआनकी कु ख्यधत प्रकृ वत कध ाऄनुमधन ाआनके थथधनीय नधम कधल बैसधखी से लगधयध जध सकतध
है। वजसकध ाऄथत है- बैसधख मधह में होने िधली तबधही। चधय, पटसन ि चधिल के वलए ये पिनें ाऄच्ोी हैं। ाऄसम में ाआन
तूफधनों को ‘बधरदोली ोीड़ध’ कहध जधतध है।

30 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

o लू: ाईत्तरी मैदधन में पांजधब से वबहधर तक चलने िधली ये शुष्क, गमत ि पीड़धदधयक पिनें हैं। कदकली और पटनध के बीच
ाआनकी तीव्रतध ाऄवधक होती है।
o सरसों रबी की फसल है, ाआसवलए ग्रीष्माऊतु के तूफधन ाआसकी िृवद् में सहधयक नहीं होते हैं।
 ाआसवलए विककप (c) सही ाईत्तर है।

Q 69.C
 कथन 1 सही है: वजन महधद्वीपों से विषुित रे खध गुजरती है ाईनमें ऑथरेवलयध और ओसीवनयध, दवक्षण ाऄमेररकध, ाऄफ्रीकध और

एवशयध सवम्मवलत हैं। विश्ि के चधरों ओर खींची जधने िधली यह कधकपवनक रे खध 13 देशों को पधर करती है:
o ऑथरेवलयध और ओसीवनयध में ककररबधती;
o दवक्षण ाऄमेररकध में ाआक्वधडोर, कोलांवबयध और ब्रधजील;

o ाऄफ्रीकध में सधओ टोमे और वप्रवसपे, गैबॉन, कधांगो लोकतधांव्रणक गणतां्रण, कधांगो, के न्यध, युगधांडध और सोमधवलयध
o एवशयध में मधलदीि और ाआां डोनेवशयध।
 कथन 2 सही है: वलम्पोपो नदी दवक्षण ाऄफ्रीकध से वनकलती है और सधमधन्यत: मोजधवम्बक से होकर पूित की ओर वहद महधसधगर
तक बहती है। ाआसकी लांबधाइ 1750 ककमी है। यह दो बधर मकर रे खध को कधटती है।
 ाऄन्य सांबवां धत जधनकधरी: भधरत में मधही नदी दो बधर ककत रे खध को कधटती है। ाऄफ्रीकध में कधां गो नदी विषुित रे खध को दो बधर
कधटती है।

Q 70.C
 वहद महधसधगर क्षे्रण में शीतकधलीन मधनसून (पूिोत्तर मॉनसून) ाऄक्टू बर से ाऄप्रैल तक रहतध है। यह ग्रीष्मकधलीन मधनसून (िषधत
युक्त) की ाऄपेक्षध कम प्रवसद् है। यह शीतकधलीन शुष्क मधनसून पूिोत्तर से प्रिेश करतध है। ये पिनें मांगोवलयध और ाईत्तर-पवश्चमी
चीन के ाईपर प्रिधवहत होती हैं।
 शीतकधलीन मधनसून के कधरण ाऄवधक िषधत नहीं होती है, क्योंकक िे थथल से समुि की ओर प्रिधवहत होती हैं। ऐसध ाआसवलए है
क्योंकक:
o ाईनकी ाअिततध बहत कम होती है ;और
o थथल पर प्रवतचक्रिधती पररसांचरण के कधरण, ाईनसे िषधत होने की सांभधिनध कम हो जधती है।
 ाआसवलए भधरत के ाऄवधकधांश भधगों में शीतकधल में िषधत नहीं होती है।
 दूसरी ओर, वनम्न तधप सधमधन्य रूप से िधयुमांडल में विद्यमधन जल िधष्प के सांघनन में सहधयतध करतध है। लेककन वनम्न ाअिततध
की वथथवत में, जलिधष्प िषधत के वलए ाऄपयधतप्त होते हैं। तवमलनधडु में शीतकधलीन मधनसून के कधरण भधरी िषधत होती है। ाआसकध
कधरण यह है कक पिनें बांगधल की खधड़ी के ाउपर से होकर गुजरती हैं, वजससे िे ाआस प्रकक्रयध में नमी ग्रहण कर लेती हैं।

31 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

Q 71.C
 कथन 2 सही है: कोररऑवलस बल के कधरण, ाईत्तरी गोलधद्त में ाईप-ाईष्णकरटबांधीय ाईच्च दधब पट्टी से विषुितीय वनम्न दधब क्षे्रण

की ओर प्रिधवहत पिनें, ाईत्तर-पूिी व्यधपधररक पिनें (N-E Trade Winds) कहलधती हैं तथध दवक्षणी गोलधद्त में प्रिधवहत होने
िधली ाआसी प्रकधर की पिनें दवक्षण-पूिी व्यधपधररक पिनें (S-E Trade Winds) कहलधती हैं। ये व्यधपधररक पिनें सभी
भूमांडलीय पिनों (planetary winds) के मध्य सिधतवधक वनयवमत रूप से प्रिधवहत होती हैं। ये ाऄवधक बल के सधथ वनयत कदशध
में प्रिधवहत होती हैं ाआस कधरण ये पिनें खुले समुि में नरकधयन करने के दररधन ाईन पर वनभतर ाअरां वभक व्यधपधररयों के वलए
सहधयक थीं; ाआसवलए ाआनकध नधम 'व्यधपधररक पिनें' पड़ध। चूांकक ये पिनें ठां डे ाईप-ाईष्णकरटबांधीय ाऄक्षधांशों से गमत ाईष्णकरटबांधों

की ओर प्रिधवहत होती हैं ाआसवलए ाआनमें ाअिततध धधरण करने की ाईच्च क्षमतध होती है। ये खुले महधसधगरों से गुजरने के दररधन
ाऄवधक ाअिततध ग्रहण करती हैं और ाईष्णकरटबांधों के भीतर महधद्वीपों के पूिी तटों पर ाऄवधक िषधत लधती हैं।
 ये पिनें पवश्चमी तट पर ाऄपतटीय होती हैं, ाआसवलए ये क्षे्रण ाऄत्यवधक शुष्क होते हैं तथध ाआस प्रकधर विश्ि के व्यधपधररक पिनों
द्वधरध वनर्तमत गमत मुतथथलों जैसे कक सहधरध, कधलधहधरी, ाऄटधकधमध और विशधल ऑथरेवलयधाइ मुतथथलों कध वनमधतण होतध है।
 कथन 1 सही है: पिनें ाईप-ाईष्णकरटबांधीय ाईच्च दधब पेरटयों से ाईप-ुुिीय/शीतोष्ण वनम्न दधब पेरटयों की ओर पररिततनशील

पोु ाअ पिनों के रूप में प्रिधवहत होती हैं। कोररऑवलस बल के प्रभधि के ाऄांतगतत, ये ाईत्तरी गोलधद्त में दवक्षण-पोु िध पिन और
दवक्षणी गोलधद्त में ाईत्तर-पोु ाअ पिन बन जधती हैं। ये ाईत्तरी गोलधद्त में ाऄवधक पररिततनशील होती हैं। ककन्तु ये शीतोष्ण क्षे्रणों
के पवश्चमी तटों पर गमत विषुितीय जल धधरधओं और पिनों को प्रिधवहत करने में महत्िपूणत भूवमकध वनभधती हैं। ाआस तधपन
प्रभधि और ाऄन्य थथधनीय िधयुमड
ां लीय दधबधन्तर के कधरण शीतोष्ण क्षे्रणों में ाऄत्यवधक पररिततनशील जलिधयु की ाईत्पवत्त हाइ है,
वजसमें चक्रिधतों और प्रवतचक्रिधतों के सांचलन की ाऄवधकतध पधाइ जधती है।

Q 72.C
 विश्व की सबसे बड़ी नकदयों में से एक ब्रह्मापु्रण नदी कध ाईद्गम स्रोत कै लधश पितत शेणी में मधनसरोिर झील के वनकट चेमधयुांगडु ग
ां
(Chemayungdung) वहमनद से होतध है। यहधाँ से यह पूित कदशध में ाऄनुदध्ै यत रूप में प्रिधवहत होती हाइ दवक्षणी वतब्बत के शुष्क
ि समतल मैदधन में लगभग 1,200 ककलोमीटर की दूरी तय करती है ,जहधाँ ाआसे सधांग्पो (Tsangpo) के नधम से जधनध जधतध है
वजसकध ाऄथत है ‘शोधक’। वतब्बत की रधगोंसधांग्पो ाआसके दधवहने तट पर एक प्रमुख सहधयक नदी है। मध्य वहमधलय में नधमचध

बरिध (7,755 मीटर) के वनकट एक गहरे महधखड्ड कध वनमधतण करती हाइ यह एक प्रक्षुब्ध ि तीव्र प्रिधह िधली नदी के रूप में
बधहर वनकलती है। ाआसवलए कथन 1 सही है।
 वहमधलय के वगररपद में यह वसयधांग यध कदहधांग के नधम से वनकलती है। ाऄुतणधचल प्रदेश में सकदयध कथबे के पवश्चम में यह नदी
भधरत में प्रिेश करती है। दवक्षण-पवश्चम कदशध में प्रिधवहत होते हए ाआसके बधएाँ तट पर ाआसकी प्रमुख सहधयक नकदयधाँ कदबधांग यध
वसकधांग और लोवहत वमलती हैं और ाआसके पश्चधत यह नदी ब्रह्मापु्रण के नधम से जधनी जधती है। ाआसवलए कथन 2 सही नहीं है और
कथन 3 सही है।

 ाऄसम घधटी में 750 ककलोमीटर के प्रिधह में ब्रह्मापु्रण में ाऄसांख्य सहधयक नकदयधाँ ाअकर वमलती हैं। ाआसके बधएाँ तट की प्रमुख
सहधयक नकदयधां बूढ़ी कदहधांग और धनवसरी (दवक्षण) हैं, जबकक दधएाँ तट पर वमलने िधली महत्त्िपूणत सहधयक नकदयों में
सुबनवसरी कधमेंग, मधनस ि सांकोश हैं। सुबनवसरी एक पूिि
त ती नदी है वजसकध ाईद्गम वतब्बत में है। बह्मापु्रण नदी बधांग्लधदेश में
प्रिेश करती है और कफर दवक्षण कदशध में प्रिधवहत होती है। बधांग्लधदेश में तीथतध नदी ाआसके दधवहने ककनधरे पर वमलती है और
ाआसके बधद यह जमुनध कहलधती है। ाऄांत में यह नदी पद्मध के सधथ वमलकर बांगधल की खधड़ी में जधकर वगरती है।

Q 73.C

 कथन 1 सही है: प्रवतचक्रिधत, चक्रिधत की विपरीत प्रकृ वत के होते हैं, ाआनमें कें ि में ाईच्च दधब होतध है और समदधब रे खधओं के
मध्य ाऄवधक दूरी होती है। दधब प्रिणतध कम होती है तथध पिनों की गवत मांद होती है।
32 www.visionias.in ©Vision IAS
https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

 कथन 2 सही है: प्रवतचक्रिधत सधमधन्य रूप से ाऄच्ोे मरसम के सांकेतक होते हैं। ाआनकी विशेषतध थिच्ो ाअकधश और शधांत िधयु
होती है। तधपमधन ग्रीष्माऊतु में ाईच्च लेककन शीताऊतु में कम होतध है। शीताऊतु में वनचले िधयुमांडल के तीव्र शीतलन के
पररणधमथिरूप घने कोहरे की वथथवतयधाँ विकवसत हो सकती हैं। प्रवतचक्रिधत की वथथवत काइ कदनों ाऄथिध सप्तधहों तक बनी रह
सकती है और धीरे -धीरे शधांत हो जधती है।
 कथन 3 सही नहीं है: प्रवतचक्रिधत में िधयु बधहर की ओर प्रिधवहत होती है और ाईनमें विक्षेपण भी होते हैं, ककन्तु िे ाईत्तरी
गोलधद्त में दवक्षणधितत और दवक्षणी गोलधद्त में िधमधितत प्रिधवहत होते हैं।

Q 74.A
 होमुज
त जलसांवध ाइरधन, ओमधन और सांयुक्त ाऄरब ाऄमीरधत के मध्य ाऄिवथथत है तथध यह फधरस की खधड़ी को ओमधन और ाऄरब
सधगर की खधड़ी से जोड़ती है। यह फधरस की खधड़ी से खुले समुि (ाऄरब सधगर) के वलए एकमध्रण समुिी मधगत प्रदधन करती है।
ाआसवलए युग्म 1 सही सुमवे लत है।

 बधब ाऄल-मांदब
े जलसांवध ाऄरब प्रधयद्वीप में यमन और हॉनत ऑफ़ ाऄफ्रीकध भूभधग में वजबूती और ाआरीररयध जैसे देशों के मध्य
ाऄिवथथत है। यह लधल सधगर को ाऄदन और वहद महधसधगर की खधड़ी से जोड़ती है। ाआसवलए युग्म 2 सही सुमवे लत नहीं है।

 बॉथफोरस जलसांवध एवशयधाइ तुकी और यूरोपीय तुकी के मध्य ाऄिवथथत है। यह कधलध सधगर को मधमतरध सधगर से जोड़ती है।

33 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

 मैगलेन जलसांवध दवक्षणी वचली में ाऄिवथथत है जो ाईत्तर में दवक्षण ाऄमेररकध की मुख्य भूवम को दवक्षण में रटएरध डेल फ़ु एगो से
पृथक करती है और ाऄटलधांरटक एिां प्रशधांत महधसधगरों के मध्य एक प्रधकृ वतक मधगत है। ाआसवलए युग्म 4 सही सुमवे लत नहीं है।

Q 75.A
 भधरत की जलिधयु को वनयांव्रणत करने िधले ाऄनेक कधरक हैं वजन्हें मोटे तरर पर दो िगों में बधाँटध जध सकतध है -
o ाऄिवथथवत तथध ाईच्चधिच सांबांधी कधरक तथध
o िधयुदधब एिां पिन सांबांधी कधरक
 ाऄक्षधांश, ाऄिवथथवत और ाईच्चधिच से सांबांवधत कधरकों में से एक है
o ककत रे खध पूि-त पवश्चम कदशध में देश के मध्य भधग से गुजरती है। ाआस प्रकधर भधरत कध ाईत्तरी भधग शीतोष्ण करटबांध में और
ककत रे खध के दवक्षण कध भधग ाईष्ण करटबांध में ाऄिवथथत है। ाआसवलए कथन 1 सही है।
o ाईष्णकरटबांधीय क्षे्रण भूमध्य रे खध के वनकट होने के कधरण, यहधां िषत भर ाईच्च तधपमधन तथध कम दैवनक और िधर्तषक तधपधांतर
कध ाऄनुभि ककयध जधतध है। ाआसवलए कथन 2 सही है।
o ककत रे खध से ाईत्तर में वथथत भधग में भूमध्य रे खध से दूर होने के कधरण ाईच्च दैवनक तथध िधर्तषक तधपधांतर के सधथ विषम
जलिधयु पधयी जधती है।
o भधरत पूणत
त : ाईत्तरी एिां पूिी गोलधद्ों में ाऄिवथथत है। भधरत की मुख्य भूवम 8°4' 28" ाईत्तरी से 37°17' 53" ाईत्तरी
ाऄक्षधांशों तक विथतृत है।
o ककत रे खध, भूमध्य रे खध के 23°27′ ाईत्तर में ाऄिवथथत है। यह 23.5 वडग्री ाईत्तर ाऄक्षधांश को वनर्तमत करने िधलध िृत्त है, जहधां
सूयत 21 जून को दोपहर में लांबित वथथवत में होतध है, जो ाईत्तरी गोलधद्त में ग्रीष्माऊतु कध ाअरां वभक कधल है। ककत रे खध के
परे , ाईत्तरी भधरत में ाईत्तरी गोलधद्त की ग्रीष्मकधलीन सांक्रधांवत के समय सूयत लांबित वथथवत में नहीं होतध है। ाआसवलए कथन 3
सही नहीं है।
34 www.visionias.in ©Vision IAS
https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

Q 76.D
 जयपुर, भधरत के रधजथथधन रधज्य की रधजधधनी और सबसे बड़ध शहर है। यह 75.8° E देशधन्तर पर ाऄिवथथत है।
 भोपधल, भधरत के मध्य प्रदेश रधज्य की रधजधधनी है। यह 77° 25′ E देशधांतर पर ाऄिवथथत है।
 लखनाउ, भधरत के ाईत्तर प्रदेश रधज्य की रधजधधनी है। यह 80° 57′ E देशधांतर पर ाऄिवथथत है।
 रधयपुर, भधरत के ोत्तीसगढ़ रधज्य की रधजधधनी है। यह 81.63° E देशधन्तर पर ाऄिवथथत है।

Q 77.D
 भूकांपीय तरां गें मूल रूप से दो प्रकधर की होती हैं - भूगर्तभक तरां गें (body waves) और धरधतलीय तरां गें (surface waves)।
भूगर्तभक तरां गें ाईद्गम कें ि से ाउजधत के मुक्त होने के कधरण ाईत्पन्न होती हैं और पृथ्िी के ाअांतररक भधग से होते हए सभी कदशधओं
में सांचररत होती हैं। भूगर्तभक तरां गें दो प्रकधर की होती हैं। ाईन्हें P-तरां गें और S-तरां गें कहध जधतध है।
 P-तरां गें ाऄपेक्षधकृ त तीव्र गवत से सांचररत होती हैं और धरधतल पर सबसे पहले पहाँचती हैं। ाआन्हें 'प्रधथवमक तरां ग'ें भी कहध जधतध
है। P-तरां गें ध्िवन तरां गों के समधन होती हैं। ये तरां गे गैस, तरल और ठोस पदधथों से होकर गुजर सकती हैं। S-तरां गें धरधतल पर
कु ो समयधांतरधल के पश्चधत पहाँचती हैं। ाआन्हें ‘वद्वतीयक तरां ग’ें कहध जधतध है। S-तरां गों के सांबध
ां में एक महत्िपूणत तथ्य यह है कक
ये तरां गे के िल ठोस पदधथों से गुजर सकती हैं। ाआसवलए कथन 2 सही नहीं है।
 विवभन्न प्रकधर की भूकांपीय तरां गें वभन्न-वभन्न प्रणधली से सांचररत होती हैं। जब ये तरां गें सांचररत ाऄथिध प्रसधररत होती हैं, तब ये
शैलों के मधध्यम से में गुजरती हैं और ाईनमें कां पन ाईत्पन्न करती हैं। P-तरां गों में कां पन तरां ग की कदशध के समधनधांतर होतध है। ये
तरां गें सांचरण की कदशध में पदधथत पर दबधि डधलती हैं। ाआसके फलथिरूप, पदधथत के घनत्ि में ाऄांतर ाईत्पन्न होतध है वजससे प्रसधर
एिां सांकुचन सृवजत होतध है। S-तरां गों के कां पन की कदशध ाउध्िधतधर तल में तरां ग की कदशध के लांबित होती है। ाआसवलए ये वजस
पदधथत से गुजरती हैं ाईसमें ाईभधर और गतत बनधती हैं। ाआसवलए कथन 1 सही नहीं है।

Q 78.C
 िषतपयंत पृथ्िी क्रधांवतिृत्त के तल से 66.5 वडग्री पर झुके ाऄक्ष पर सूयत के चधरों ओर चक्कर लगधती है, वजससे मध्यधह्न सूयत की
ाअभधसी ाउाँचधाइ में पररिततन ाअतध है। सूयत प्रत्येक िषत के िल दो कदन भूमध्य रे खध पर लांबित होतध है। ये कदन सधमधन्यत: 21
मधचत और 21 वसतांबर होते हैं। ाआन दो कदनों को विषुि कहध जधतध है। ाआसवलए कथन 1 सही है।

35 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

 मधचत विषुि के पश्चधत सूयत ाईत्तरधयण होतध है और लगभग 21 जून को ककत रे खध पर लांबित होतध है। ाआसे जून ाऄथिध
ग्रीष्मकधलीन सांक्रधांवत के रूप में जधनध जधतध है। ाआस समय ाईत्तरी गोलधधत में सबसे लांबध कदन और सबसे ोोटी रधत होती है।
लगभग 22 कदसांबर तक सूयत मकर रे खध पर लांबित होतध है। यह शीतकधलीन सांक्रधांवत है। ाआस समय दवक्षणी गोलधधत में सबसे
लांबध कदन और सबसे ोोटी रधत होती है। ाआसवलए कथन 2 सही नहीं है।
 ककत रे खध और मकर रे खध (ाईष्णकरटबांधीय क्षे्रण) सूयत की लम्बित वथथवत की सीमध को वनधधतररत करते हैं, क्योंकक ाआनके बधहर
सूयत िषत में ककसी भी समय कभी भी लांबित नहीं होतध है। ाआसवलए कथन 3 सही नहीं है।

Q 79.C
 ाउजधत की वनमुतवक्त ्ांशों पर होती है। भू-पपतटी की शैलों में गहन दरधरें ही ्ांश हैं। ्ांश के दोनों तरफ की शैलें विपरीत कदशध में
गवत करती हैं। ाउपर के शैलखांड दबधि डधलते हैं तो घषतण ाईन्हें परथपर बधांधे रखतध है। हधलधाँकक, ककसी समय वबदु पर पृथक होने
की प्रिृवत्त के कधरण घषतण कध प्रभधि कम हो जधतध है। ाआसके पररणधमथिरूप शैलखांड विकृ त हो जधते हैं और ाऄांतताः िे ाअकवथमक
रूप से एक-दूसरे के विपरीत कदशध में सरक जधते हैं। ाआससे ाउजधत विमुक्त होती है और ाउजधत तरां गें सभी कदशधओं में सांचररत होती
हैं।
 िह थथधन जहधाँ ाउजधत विमुक्त होती है, िह भूकांप कध ाईद्गम कें ि (focus) कहलधतध है ाऄथिध िैकवकपक रूप से ाआसे ाऄिकें ि
(hypocentre) कहध जधतध है। ाउजधत तरां गें विवभन्न कदशधओं में सांचररत होती हईं पृथ्िी की सतह तक पहांच जधती हैं। ाआसवलए
कथन 1 सही है।
 पृथ्िी की सतह पर ाईद्गम कें ि के वनकटतम वथथत वबदु को ाऄवधकें ि (epicentre) कहते हैं। ाऄवधकें ि पर तरां गों कध सबसे पहले
ाऄनुभि होतध है। यह सीधे ाईद्गम कें ि के ाउपर वथथत वबदु होतध है। ाआसवलए कथन 2 सही है।

Q 80.A
 जलोढ़ मृदध ाईत्तरी मैदधन और नदी घधरटयों में व्यधपक रूप से पधाइ जधती है। यह मृदध देश के कु ल क्षे्रणफल के लगभग 40 प्रवतशत
भधग पर ाअच्ोधकदत है। ाआसवलए कथन 2 सही नहीं है।
 यह नकदयों और जलधधरधओं द्वधरध िधवहत एिां वनक्षेवपत मृदध है। रधजथथधन में एक सांकीणत गवलयधरे के मधध्यम से होती हाइ यह
मृदध गुजरधत के मैदधन तक विथतृत है। प्रधयद्वीपीय क्षे्रण में यह मृदध पूिी तट के डेकटधओं और नदी घधरटयों में पधाइ जधती है।
ाआसवलए कथन 1 सही है।
 जलोढ़ मृदध सांघटन में बलुाइ दोमट से लेकर वचकनी वमट्टी तक वभन्न-वभन्न प्रकृ वत की होती है। ाआस मृदध में सधमधन्यत: पोटधश की
ाऄवधकतध लेककन फॉथफोरस की कमी पधाइ जधती है।
 जलोढ़ मृदध कध रां ग हकके भूरे से धूसर तक वभन्न-वभन्न होतध है। ाआसकध रां ग वनक्षेपण की गहरधाइ, जलोढ़ के सांघटन और वनमधतण में
लगने िधली समयधिवध पर वनभतर करतध है। जलोढ़ मृदध पर गहन कृ वष की जधती है।
 कधली मृदध (न कक जलोढ़ मृदध) नम होने फू ल जधती है और वचपवचपी हो जधती है तथध सूखने पर वसकु ड़ जधती है। ाआसवलए
कथन 3 सही नहीं है।

36 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

Q 81.B
 कथन 1 सही नहीं है: जमतन मरसम विज्ञधनी ाऄकफ्रेड िेगनर ने िषत 1912 में महधद्वीपीय विथथधपन वसद्धांत के रूप में एक व्यधपक
तकत प्रथतुत ककयध। यह महधसधगरों तथध महधद्वीपों के वितरण से सांबांवधत थध। ाअथतर होम्स कध प्रधथवमक योगदधन ाईसके द्वधरध
प्रथतधवित एक वसद्धांत थध वजसके ाऄनुसधर सांिहन की प्रकक्रयध पृथ्िी के मेंटल में घरटत होती है। ाआस वसद्धांत के द्वधरध महधद्वीपीय
प्लेटों के ाऄवभसरण और ाऄपसरण की घटनध की व्यधख्यध की गाइ। ाईसने िषत 1950 में, िैज्ञधवनकों की महधसधगरीय शोध में भी
सहधयतध की। ाआससे सधगरीय ाऄधथतल विथतधर की पररघटनध सधितजवनक रूप से सधमने ाअाइ।
 कथन 2 सही है: िेगनर के ाऄनुसधर, सभी महधद्वीप एक महधद्वीपीय भूखांड के भधग थे और ाआनके चधरों ओऱ विशधल महधसधगर
थध। ाआस विशधल महधद्वीप को पैंवजयध (PANGAEA) कहध गयध, वजसकध ाऄथत थध सांपूणत पृथ्िी। विशधल महधसधगर को
पैंथधलधसध (PANTHALASSA) कहध गयध, वजसकध ाऄथत है जल ही जल। ाईसने तकत कदयध कक 200 वमवलयन िषत पूित ाआस
विशधल महधद्वीप पैंवजयध कध विभधजन हाअ। यह पहले दो बड़े महधद्वीपीय खांडों – लधरे वशयध तथध गोंडिधनधलैंड के रूप में क्रमशाः
ाईत्तरी तथध दवक्षणी भूखांडों में विभक्त हाअ। ाआसके पश्चधत, लधरे वशयध तथध गोंडिधनधलैंड विवभन्न ोोटे-ोोटे महधद्वीपों में
विभधवजत हए, जो ाअज भी विद्यमधन हैं।
 कथन 3 सही नहीं है: महधद्वीपीय विथथधपन वसद्धांत के ाऄनुसधर महधद्वीपों के विथथधपन के वलए ाईत्तरदधयी बलों में ुुिीय यध
पोलर फ्लीाआां ग बल तथध ज्िधरीय बल शधवमल हैं। पोलर फ्लीाआांग बल पृथ्िी के घूणन त से सांबांवधत है। ज्िधरीय बल सूयत और
चन्िमध के ाअकषतण के कधरण होतध है वजससे महधसधगरीय जल में ज्िधर ाईत्पन्न होतध है। हधलधाँकक ाऄवधकधांश विद्वधन् महधद्वीपीय
विथथधपन के वलए ाआन बलों को पूणतताः ाऄपयधतप्त मधनते हैं।
 ाअथतर होम्स सांिहनीय धधरध वसद्धांत से सांबांवधत है। ाईसने पृथ्िी के मेंटल क्षे्रण में विद्यमधन सांिहनीय धधरधओं की वििेचनध की।
ये धधरधएाँ रे वडयो-सकक्रय तत्िों के कधरण ाईत्पन्न होती हैं वजससे मेंटल िधले भधग में तधपीय ाऄांतर ाईत्पन्न होतध है।

Q 82.B
 सधमधन्यताः में ाउांचधाइ में िृवद् के सधथ तधपमधन में कमी ाअती है। ाआसे सधमधन्य ह्रधस दर (normal lapse rate) कहध जधतध है।
कभी-कभी यह वथथवत पररिर्ततत हो जधती है तथध सधमधन्य ह्रधस दर विपरीत हो जधती है। ाआसे तधपमधन कध व्युत्क्रमण
(Inversion of temperature) कहते हैं। व्युत्क्रमण सधमधन्यताः लघु ाऄिवध में घरटत होने िधली ककन्तु एक सधमधन्य प्रकक्रयध
होती है।
 कथन 1 सही नहीं है: शीताऊतु में मेघ विहीन ाअकधश िधली लांबी रधत तथध शधांत िधयु, व्युत्क्रमण के वलए एक ाअदशत वथथवत
होती है। कदन में प्रधप्त ाउष्मध रधव्रण के दररधन विकररत हो जधती है। प्रधत:कधल तक भूपृष्ठ ाऄपने ाउपर की िधयु से ाऄवधक ठां डध
होतध है। ुुिीय क्षे्रणों में िषत भर तधपमधन कध व्युत्क्रमण एक सधमधन्य घटनध है।
 कथन 2 सही है: भूपृष्ठीय व्युत्क्रमण िधयुमांडल के वनचले थतर में वथथरतध को बढ़धतध है। धुाअाँ तथध धूलकण व्युत्क्रमण थतर के
नीचे एकव्रणत होकर क्षैवतज रूप से विथतधररत हो जधते हैं तथध िधयुमांडल के वनचले थतर में भर जधते हैं। विशेषताः शीत ाऊतु के
दररधन, घनध कु हरध सधमधन्य घटनध है। यह व्युत्क्रमण कु ो ही घांटों तक रहतध है यह कदन में सूयधततप में िृवद् होने और पृथ्िी के
गमत होने पर समधप्त हो जधतध है।
 कथन 3 सही नहीं है: पहधवड़यों तथध पिततीय क्षे्रणों में िधयु ाऄपिधह के कधरण व्युत्क्रमण घरटत होतध है। पहधवड़यों तथध पिततों में
रधव्रण कधल में ाईत्पन्न ठां डी िधयु गुुतत्िीय प्रभधि के ाऄांतगतत प्रिधवहत होती है। भधरी तथध सघन होने के कधरण यह ठां डी िधयु
लगभग जल के समधन कधयत करती है तथध ढलधनों से नीचे ाईतरकर घधटी की तली में गमत िधयु के नीचे एकव्रणत हो जधती है। ाआसे
िधयु कध ाऄपिधह कहध जधतध है। यह पधले से होने िधली क्षवत से परधों की रक्षध करती है।

Q 83.C
 िधयुमांडल गैस, जल-िधष्प तथध धूलकणों से वनर्तमत है। िधयुमांडल की ाउपरी परतों में गैसों कध यह ाऄनुपधत ाआस प्रकधर पररिर्ततत
होतध है कक 120 ककमी की ाउांचधाइ पर ऑक्सीजन की मध्रणध लगभग नगण्य हो जधती है। ाआसी प्रकधर, कधबतन डधाआऑक्सधाआड तथध
जल-िधष्प पृथ्िी की सतह से के िल 90 ककमी की ाउांचधाइ तक पधए जधते हैं। ओजोन िधयुमांडल कध एक ाऄन्य महत्िपूणत घटक है
जो पृथ्िी की सतह से 10 से 50 ककमी की ाउांचधाइ के मध्य पधयध जधतध है। ओजोन एक कफ़कटर के रूप में कधयत करती है तथध सूयत
से वनकलने िधली परधबैंगनी ककरणों को ाऄिशोवषत कर ाईन्हें पृथ्िी की सतह पर पहाँचने से रोकती है। ाआसवलए कथन 1 सही है।

37 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

 ाऄकक्रय गैसें ाऄन्य पदधथों से बहत कम ाऄवभकक्रयध करती हैं। नोबल गैसें– हीवलयम, ऑगतन, वनऑन, जीनॉन, कक्रप्टॉन, रे डॉन
ाऄकक्रय गैसों के ाईदधहरण हैं। ाआसवलए कथन 2 सही है तथध कथन 3 सही नहीं है।

Q 84.C
 जेलप
े लध वतब्बत-भूटधन सीमध पर वथथत है।
 बोमवडलध ाऄुतणधचल प्रदेश में वथथत है।
 बूम लध भधरत-भूटधन सीमध पर वथथत है।
 ाआसवलए विककप (c) सही है।

Q 85.B
 िधयु में ाईपवथथत जल-िधष्प की िधथतविक मध्रणध को वनरपेक्ष ाअिततध कहध जधतध है, ाआसे ग्रधम प्रवत घन मीटर में व्यक्त ककयध
जधतध है। ककन्तु मरसम के ाऄध्ययन के दृवष्टकोण से सधपेवक्षक ाअिततध ाऄवधक महत्िपूणत है। यह जल-िधष्प की िधथतविक मध्रणध
तथध ककसी तधपमधन विशेष पर िधयु द्वधरध धधरण की जधने िधली जल-िधष्प की मध्रणध कध ाऄनुपधत है, ाआसे प्रवतशततध में
ाऄवभव्यक्त ककयध जधतध है।
 ठां डी िधयु की तुलनध में गमत िधयु ाऄवधक जल-िधष्प धधरण कर सकती है। ाआस प्रकधर यह ाऄपनी धधरण क्षमतध की ाअधी मध्रणध ही
धधरण करती है तो सधपेवक्षक ाअिततध 50% होगी। विषुितीय क्षे्रणों में प्रधताःकधल में 80% सधपेवक्षक ाअिततध कध होनध सधमधन्य है,

38 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

वजसकध ाऄथत है कक िधयु ाऄपनी धधरण क्षमतध कध 4/5 भधग धधरण ककए हए है। सधपेवक्षक ाअिततध के 100 प्रवतशत तक पहाँचने
पर िधयु पूणत
त ाःसांतप्त
ृ हो जधती है। िह िधयु कध तधपमधन ओसधांक होतध है। ाआससे ाऄवधक शीतलन जल-िधष्प को सांघवनत कर मेघों
यध िषधत में पररिर्ततत कर देगध। ाआस प्रकधर, यह थपष्ट है कक सधपेवक्षक ाअिततध के ाऄवधक होने पर िधयु ाअित होती है; जैसध कक
विषुितीय क्षे्रणों में दृवष्टगोचर होतध है। ाआसके वनम्न होने पर िधयु शुष्क होती है, जैसध कक मुतथथलों क्षे्रणों में दृवष्टगोचर होतध है।
मेघों कध वनमधतण तथध िषधत होने के वलए िधयु में सधपेवक्षक ाअिततध की मध्रणध 100% होने की ाअिश्यकतध होती है। ककन्तु ऐसध
होनध िधयु के के िल ाईसी क्षे्रण में ाअिश्यक होतध है जहधाँ मेघों कध वनमधतण होतध है ाऄथिध जहधाँ से िषधत सृवजत होती है।

Q 86.C
 एरधविकु लम रधष्ट्रीय ाईद्यधन भधरत में के रल के ाआडु क्की वजले में पवश्चमी घधट में ाऄिवथथत है। यह के रल कध प्रथम रधष्ट्रीय ाईद्यधन है।
एरधविकु लम रधष्ट्रीय ाईद्यधन एक UNESCO विश्व विरधसत थथल है।
 ाआस ाईद्यधन कध मुख्य भधग 2000 मीटर की ाउांचधाइ के सधथ एक ाईच्च ढलधन िधलध पहधड़ी पठधर है। ाआस भू-भधग में शोलध िन
सवहत ाऄवधक ाउांचधाइ िधली घधस भूवम विथतृत है। वहमधलय के दवक्षण में भधरत की सबसे ाउांची चोटी ाऄनधाइमुडी (2695 मीटर)
ाआसी ाईद्यधन में वथथत है। ाऄनेक बधरहमधसी जल-धधरधएाँ ाआस ाईद्यधन से गुजरती हैं। िे ाअपस में वमलकर पवश्चम में पेररयधर नदी
और पूित में कधिेरी नदी की सहधयक नकदयों कध वनमधतण करती हैं।

Q 87.B
 गमत शीतोष्ण पूिी समुि तटीय जलिधयु (चीन तुकय प्रकधर):
o मधनसून में वबनध ककसी प्रकधर की वभन्नतध के िषतपयतन्त चलने िधली तटीय व्यधपधररक पिनों से प्रभधवित होतध है।
 िषधत कध ाईवचत रूप से एकसमधन िधर्तषक वितरण।
o मध्य चीन के ाअांतररक भधगों को ोोड़कर (जहधाँ एक वभन्न प्रकधर कध शुष्क मरसम विद्यमधन होतध है) सांपूणत क्षे्रण में प्रत्येक
मधह िषधत होती है। िषधत ग्रीष्म ाऊतु में सांिहनीय स्रोतों से ाऄथिध पिततीय िषधत के रूप में होती है। िहीं शीत ाऊतु में भी
ाऄिदधबों के कधरण लम्बे समय तक िषधत होती है।
o ाआसे कभी-कभी खधड़ी प्रकधर की जलिधयु यध नटधल जलिधयु के रूप में भी सांदर्तभत ककयध जधतध है।
 ाआस प्रकधर की जलिधयु ाईष्णकरटबन्धीय क्षे्रण के परे ाईष्ण समशीतोष्ण देशधन्तरों में महधद्वीपों के पूिी ककनधरों पर पधयी जधती है,
जैसध कक नीचे वच्रण में दशधतयध गयध है।

39 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

Q 88.D
 ‘ाउाँचधाइ यध तुांगतध (Altitude)’ ाऄिवथथवत और ाईच्चधिच से सांबद् िह कधरक है जो ककसी क्षे्रण की जलिधयु को वनधधतररत करतध
है। तुांगतध वनम्नवलवखत प्रकधर से विविध िधयुमांडलीय मधपदांडों को प्रभधवित करती है:
o ाउांचधाइ के सधथ तधपमधन कम होतध है: क्षोभमांडल में तधपमधन ाउांचधाइ बढ़ने के सधथ-सधथ सधमधन्यताः 6.5o प्रवत ककलोमीटर
की औसत ह्रधस दर से कम होतध है।
o ाउांचधाइ बढ़ने के सधथ-सधथ िधयु के घनत्ि में कमी ाअती है। ाआसके दो कधरण हैं:
 ाऄवधक ाउांचधाइ पर, ाउपर से नीचे की ओर दबधि डधलने िधली िधयु की मध्रणध कम होती है
 पृथ्िी के कें ि से ाउांचधाइ बढ़ने पर गुुतत्िधकषतण बल कमज़ोर होने लगतध है। ाआसवलए ाऄपेक्षधकृ त ाऄवधक ाउांचधाइ पर िधयु
के ाऄणु ाऄवधक विथतधररत हो जधते हैं और घनत्ि कम हो जधतध है।
o विरल िधयु, ाऄथधतत् वनम्नतर घनत्ि के कधरण मैदधनों की ाऄपेक्षध पिततीय थथल ाऄवधक ठां डे होते हैं। ाईदधहरण के वलए, ाअगरध
तथध दधर्तजवलग समधन देशधांतर पर ाऄिवथथत हैं। ाअगरध में जनिरी कध तधपमधन 16oC होतध है जबकक दधर्तजवलग में 4oC
होतध है।
o ाउांचधाइ में िृवद् के सधथ-सधथ िधयु दधब कम होतध जधतध है: िधयुमांडल में ककसी भी ाउांचधाइ पर ककसी भी परत के िधयु दधब
को ककसी ाआकधाइ क्षे्रण के ाउपर िधयु के सम्पूणत भधर के रूप में व्यधख्यधवयत ककयध जधतध है। ाईच्च तुग
ां तध पर िधयु की ककसी
परत के ाउपर कम ाउांचे थतरों की परत की तुलनध में िधयु के ाऄपेक्षधकृ त कम ाऄणु विद्यमधन होते हैं।

Q 89.A
 वहमनद (Glaciers)
o पृथ्िी पर परत के रूप में वहम प्रिधह (महधद्वीपीय वहमनद ाऄथिध वगररपद वहमनद ककसी पितत की तलहटी में विथतृत वहम
की विशधल मध्रणध होती है) ाऄथिध पिततीय ढधलों से घधरटयों (पिततीय एिां घधटी वहमनद ) में रै वखक रूप में प्रिधवहत वहम
सांहवत को वहमनद कहते हैं।
o प्रिधवहत जल के विपरीत, वहमनद कध प्रिधह मांद होतध है। यह गवत एक कदन में कु ो सेंटीमीटर से लेकर कु ो मीटर तक
ाऄथिध ाईससे कम यध ाऄवधक हो सकती है। वहमनद गुुतत्िीय बल के कधरण गवतमधन होते हैं।
 ाऄपरकदत थथलरूप (Erosional lanforms)
o सकत (Cirques)
 यह वहमधनीकृ त पिततीय भधगों में सिधतवधक पधयध जधने िधलध कध थथलरूप है। सकत प्रधयाः वहमनदीय घधटी के शीषत पर
पधए जधते हैं। एकव्रणत वहम पिततीय क्षे्रणों से नीचे ाअते हए सकत को कधटती है। सकत गहरे , लम्बे तथध चरड़े गतत होते हैं।
ाआनके शीषत तथध दोनों ओर की दीिधरें तीव्र ढलधन युक्त ाऄथिध ाऄितवलत होती हैं।
40 www.visionias.in ©Vision IAS
https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

 हॉनत और वगररशृग
ां (Horns and Serrated Ridges)
o सकत के शीषत पर ाऄपरदन होने से हॉनत वनर्तमत होते हैं। यकद तीन यध ाऄवधक विकर्तणत वहमनद शीषत पर वनरां तर तब तक
ाऄपरदन करते रहें जब तक कक ाईनके तल ाअपस में वमल न जधएाँ, तो ाउांचे, नुकीले शीषत तथध ढलिधां पधश्वों िधले वशखरों कध

वनमधतण होतध है, वजन्हें हॉनत कहते हैं।

 वहमधनीकृ त घधरटयधाँ/गतत (Glaciated Valleys/Troughs)

o ये U ाअकधर की होती हैं वजनके तल चरड़े, ककनधरे वचकने एिां ढधल तीव्र होते हैं। घधरटयों में मलबध ाईपवथथत हो सकतध है
वजसकी ाअकृ वत वहमोढ़ जैसी होती है और यह दलदल के रूप में प्रतीत होती है। चट्टधनी धरधतल पर झील भी ाईभरी हाइ
होती है ाऄथिध ये झीलें घधटी में विद्यमधन वहमोढ़ मलबे से बनती हैं।

 वनक्षेवपत थथलरूप (Depositional landforms)

o वहमोढ़ (Moraines)

 वहमोढ़, वहमनद रटल के जमधि से वनर्तमत लांबी कटकें होते हैं। ाऄांतथथ वहमोढ़ (Terminal moraines), वहमनदों के

ाऄांवतम भधग में मलबे के वनक्षेप से वनर्तमत लांबे कटक हैं। पधर्तश्वक वहमोढ़ ( Lateral moraines) थथलधकृ वतयधां वहमनद
घधरटयों के समधनधांतर पधश्वों के सधथ वनर्तमत होती हैं।
o एथकर (Eskers)
 ग्रीष्म ाऊतु में वहमनदों के वपघलने से जल वहमतल के ाउपर प्रिधवहत होतध है ाऄथिध ककनधरों से ररसतध है यध वहम में
बने वोिों से नीचे प्रिधवहत होतध है। यह जल वहमनद के नीचे एकव्रणत होकर वहम के नीचे एक नदी धधरध के रूप में
प्रिधवहत होतध है। ऐसी नकदयधाँ नदी घधटी के ाउपर बफ़त के ककनधरों िधले तल में प्रिधवहत होती हैं (धरधतल को कधटकर
वनर्तमत घधटी में नहीं)। ऐसी जलधधरध ाऄपने सधथ गोलधश्म पिततीय चट्टधनी टुकड़े तथध कु ो मलबध प्रिधवहत करती है
जो वहमनद के नीचे बफ़त की घधटी में एकव्रणत हो जधते हैं तथध वहम के वपघलने के पश्चधत िक्रधकधर कटक के रूप में पधए
जधते हैं। ाआन्हें एथकर कहध जधतध है।
 वहमधनी धरत मैदधन (Outwash Plains)

o ये वहमधनी वगररपदीय मैदधनों में यध महधद्वीपीय वहमनदों से दूर वहमधनी जलोढ़ वनक्षेपों (वजनमें बजरी, चीकध वमट्टी, रे त
तथध मृवतकध के विथतृत समतल जलोढ़ पांख भी शधवमल हैं) से वनर्तमत होते हैं।
 िमवलन (Drumlins)
o ये वचकनी तथध ाऄांडधकधर कटक जैसे कदखने िधली सांरचनध होती है जो मुख्य रूप से वहमनद रटल से वनर्तमत होती है तथध
ाआसमें कु ो मध्रणध में बजरी तथध रे त शधवमल होती है। िमवलनों के लम्बे भधग वहमनद के प्रिधह की कदशध के समधनधांतर होते
हैं। ये ाअकधर में 1 ककमी लम्बे और 30 मीटर ाउांचे हो सकते हैं। िमवलन कध वहमनद सम्मुख भधग थटॉस (stoss) कहलधतध

है तथध यह पृच्ो (tail) भधगों की ाऄपेक्षध ाऄवधक तीक्ष्ण एिां तीव्र ढलधन िधलध होतध है।

Q 90.A
 ककसी नदी की जल धधरध ाऄपने प्रिधह के मधगत में ाऄनेक प्रकधर के थथलरूपों कध वनमधतण करती है। ककसी नदी की जल धधरध द्वधरध
वनर्तमत थथलरूपों को तीन ाऄिथथधओं में विभधवजत ककयध जध सकतध है।
o युिधिथथध
 ाआस ाऄिथथध में जल धधरधओं की सांख्यध कम होती है। ये नकदयधां ाईथले V-ाअकधर की घधटी कध वनमधतण करती हैं। ाआनमें
बधढ़ के मैदधन लगभग ाऄनुपवथथत होते हैं यध नदी के नजदीक साँकरे बधढ़ के मैदधन पधए जधते हैं। जल विभधजक
ाऄत्यवधक चरड़े, समतल तथध दलदल एिां झीलों से युक्त हो सकते हैं। ाआन ाउाँचे समतल धरधतलों पर नदी विसपत
वनर्तमत हो जधते हैं। ये विसपत ाऄांतताः ाउांचे धरधतलों में गभीरभूत हो जधते हैं। थथधनीय रूप से ाऄनधिृत चट्टधनी सांरचनध
के ाईपवथथत होने पर झरनों तथध वक्षवप्रकधओं कध वनमधतण हो सकतध है।
41 www.visionias.in ©Vision IAS
https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

o प्ररढ़धिथथध
 ाआस ाऄिथथध में नकदयों में ाऄवधक मध्रणध में जल होतध है। घधरटयधाँ ाऄभी भी V ाअकधर की होती हैं, ककन्तु गहरी होती हैं।
मुख्य धधरध के विथतृत होने से बधढ़ के मैदधनों कध वनमधतण होतध है वजनमें नकदयधां घधटी के भीतर ही विसपत बनधकर
प्रिधवहत होती हैं। युिध ाऄिथथध में वनर्तमत समतल, चरड़े एिां ाऄांतर नदीय दलदली क्षे्रण विलुप्त हो जधते हैं तथध
जलविभधजक थपष्ट हो जधते हैं। जलप्रपधत तथध वक्षवप्रकधएां लुप्त हो जधती हैं।
o िृद्धिथथध
 ाआस ाऄांवतम ाऄिथथध में सहधयक नकदयधां बहत कम और मांद ढधल िधली होती हैं। धधरधएाँ बधढ़ के विथतृत मदधनों में मुक्त
रूप से प्रिधवहत होते हए विसपत, प्रधकृ वतक बधांधों, गोखुर झीलों ाअकद कध वनमधतण करती हैं। विभधजक विथतृत और
समतल होते हैं, जो झीलों, दलदल भूवम से युक्त होती हैं। ाऄवधकधांश भू-दृश्य समुि तल के बरधबर यध ाआससे थोड़े ाउांचे
होते हैं।
 ाआसवलए विककप (a) सही ाईत्तर है।

Q 91.C
 सभी प्रकक्रयधएां जो भू-पपतटी को सांचवलत, ाईत्थधवपत यध वनर्तमत करती हैं, पटल विरूपण (diastrophism) के ाऄांतगतत ाअती हैं।
ाआनमें सम्मवलत हैं:
o तीक्ष्ण िलयन के मधध्यम से पितत वनमधतण तथध भू-पपतटी की लांबी और सांकीणत परट्टयों को प्रभधवित करने िधली ऑरोजेवनक
(orogenic) प्रकक्रयधएां;
o धरधतल के बड़े भधग के ाईत्थधन यध विकृ वत में सांलग्न एपीरोजेवनक (epeirogenic) प्रकक्रयधएां;
o ाऄपेक्षधकृ त ोोटे थथधनीय सांचलन के कधरण ाईत्पन्न भूकांप;
o पपतटी प्लेट के क्षैवतज सांचलन में प्लेट वििततवनकी की भूवमकध;
 ऑरोजेनी (पिततनी), पितत वनमधतण प्रकक्रयध है जबकक एपीरोजेनी (महधद्वीप रचनध) महधद्वीप वनमधतण प्रकक्रयध है। पिततनी प्रकक्रयध
में भू-पपतटी िलयन के रूप में तीक्ष्णतध से विकृ त हो जधती है। महधद्वीप रचनध के कधरण सधधधरण विकृ वत ाईत्पन्न हो सकती है।
ाआसवलए कथन 1 सही नहीं है।
 पिततनी और महधद्वीप रचनध दोनों ही ाऄांतजतवनत बलों (endogenic forces) के कधरण घरटत होते हैं। ाआसवलए ाईनके वलए
ाअिश्यक बल पृथ्िी के ाअांतररक भधगों से प्रधप्त होतध है। यह ाऄवधकतर रे वडयोधर्तमतध, घूणतन, ज्िधरीय घषतण और पृथ्िी के
वनमधतण की प्रधथवमक ाईष्मध से ाईत्पन्न होते हैं। ाआसवलए कथन 2 सही नहीं है।

Q 92.A
 मृदध ाऄपक्षय ाऄपकषत कध पररणधम है, यह िृवद् कध मधध्यम भी है। यह एक पररिततनशील और विकधसोन्मुख तत्त्ि है। यह
िैकवकपक रूप से ठां डी, ाईष्ण, शुष्क और ाअित हो सकती है। मृदध वनमधतण को पधांच मूल कधरक वनयांव्रणत करते हैं: (i) मूल पदधथत
(ii) थथलधकृ वत (iii) जलिधयु (iv) जैविक कक्रयधएां (v) समय।
 यकद मृदध ाऄत्यधवधक ठां डी यध ाऄत्यवधक शुष्क होती है तो जैविक कक्रयध मांद हो सकती है यध ुतक सकती है।
 बैक्टीररयल (जीिधणु) कक्रयधओं की गहनतध ठां डी और गमत जलिधयु की मृदधओं में ाऄांतर को दशधतती है।
 ठां डी जलिधयु में बैक्टीररयल िृवद् के मांद होने के कधरण ह्यूमस एकव्रणत हो जधतध है। ाईप-ाअकत रटक और टुांिध जलिधयु में वनम्न
बैक्टीररयल कक्रयधओं के कधरण ाऄनपघरटत (ाऄवियोवजत) जैविक पदधथों के सधथ पीट के सांथतर विकवसत हो जधते हैं। ाआसवलए
कथन 1 सही है।
 ाअित ाईष्णकरटबांधीय और भूमध्यरे खीय जलिधयु में बैक्टीररयल िृवद् और कक्रयधएाँ सघन होती हैं और मृत िनथपवत कध तेजी से
ाअक्सीकरण हो जधतध है, ाआसवलए मृदध में ह्यूमस की मध्रणध बहत कम हो जधती है। ाआसवलए कथन 2 सही नहीं है। ाआसके
ाऄवतररक्त, बैक्टीररयध और मृदध के ाऄन्य जीि िधयु से गैसीय नधाआरोजन को ग्रहण कर ाईसे रधसधयवनक रूप में पररिर्ततत कर देते
हैं, वजसकध परधों द्वधरध ाईपयोग ककयध जध सकतध है। ाआस प्रकक्रयध को नधाआरोजन वथथरीकरण के रूप में जधनध जधतध है।
42 www.visionias.in ©Vision IAS
https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

 िधनथपवतक ाअिरण और जीि, जो मूल पदधथों पर प्रधरां भ तथध बधद में भी विद्यमधन रहते हैं, मृदध में जैविक पदधथों, नमी धधरण
करने की क्षमतध, नधाआरोजन ाअकद को बढ़धने में सहधयतध करते हैं। मृत परधे मृदध को सूक्ष्म विभधवजत जैविक पदधथत ‘ह्यूमस’
प्रदधन करते हैं। कु ो कधबतवनक ाऄम्ल जो ह्यूवमकफ़के शन के दररधन बनते हैं, मृदध के मूल पदधथों के खवनजों के ाऄपघटन में
सहधयतध करते हैं।

Q 93.D
 महधद्वीपीय शेकफ ककसी महधद्वीप के हकके झुकधि कध ाऄपेक्षधकृ त सपधट विथतधर है, जो महधसधगरों द्वधरध ढकध रहतध है। समुि की
ओर शेकफ-ब्रेक पर शेकफ ाऄचधनक समधप्त हो जधतध है। यह िह सीमध है जो महधद्वीपीय ढलधन को शेकफ से पृथक करती है।
 महधद्वीपीय शेकफ मूकयिधन सांसधधनों से समृद् होती हैं, जैसे हधाआिोकधबतन (तेल, गैस ाअकद) तथध ाऄन्य खवनज। तेल और गैस
महधद्वीपीय शेकफ पर एक्रण होने िधले जैविक पदधथों से वनर्तमत होते हैं। समय के सधथ ये पदधथत पृथ्िी की विवभन्न परतों में दब
जधते हैं तथध ाईष्मध एिां दबधि के कधरण गैस और तेल में पररिर्ततत हो जधते हैं।
 प्लेसर वनक्षेप, तलोट प्रकक्रयधओं (sedimentary processes) के दररधन ककसी विशेष स्रोत शैल से गुुतत्िीय पृथक्करण द्वधरध
वनर्तमत मूकयिधन खवनजों कध एक सांचय है। भूवम पर खवनज चट्टधनों से प्रधप्त होते हैं और ाआन्हें नकदयों द्वधरध समुि में प्रिधवहत कर
कदयध जधतध है। ये खवनज नदी मधगों और समुि तटों पर वनक्षेवपत हो जधते हैं। शेकफ पर विद्यमधन महत्त्िपूणत खवनजों के
ाईदधहरण हैं- हीरे , क्रोमधाआट (क्रोवमयम ाऄयथक) वलमेनधाआट (टधाआटेवनयम ाऄयथक), मैगनेटधाआट (लरह ाऄयथक), प्लेरटनम और
सोनध।
 महधद्वीपीय शेकफ पर सधगरीय ाऄधथतल पर रहने िधले समुिी जीिों की सघनतध ाऄत्यवधक होती है, और िे मत्थयन के प्रमुख
थथल हैं।

Q 94.B
 ाईष्णकरटबांधीय चक्रिधत, गमत ाईष्णकरटबांधीय महधसधगरों में ाईत्पन्न और विकवसत होते हैं। ाआनकी ाईत्पवत्त और विकधस के वलए
ाऄनुकूल वथथवतयधाँ हैं:
o बृहद समुिी सतह, जहधां तधपमधन 27° C से ाऄवधक हो। ाआसवलए कथन 1 सही नहीं है।
o कोररऑवलस बल की ाईपवथथवत;
o ाउध्िधतधर पिनों की गवत में ाऄांतर कम होनध;
o पहले से विद्यमधन वनम्न-दधब क्षे्रण यध वनम्न थतर कध चक्रिधतीय पररसांचरण;
o समुि तल तां्रण पर ाउपरी ाऄपसरण।
 चक्रिधत जो प्रधय, 20°N ाऄक्षधांश से गुजरते हैं, ाईनकी कदशध ाऄवनवश्चत होती है और िे ाऄवधक विनधशकधरी होते हैं (चक्रिधत
कोररऑवलस बल की ाऄनुपवथथवत के कधरण भूमध्य रे खध के पधस ाईत्पन्न नहीं होते हैं) ाआसवलए कथन 3 सही नहीं है।
 एक विकवसत ाईष्ण करटबांधीय चक्रिधत की विशेषतध ाआसके कें ि के चधरों ओर प्रबल सर्तपल (Spiral) पिनों कध पररसांचरण होतध
है। चक्रिधत के ाआस क्षे्रण को चक्षु (Eye) कहध जधतध है। ाआस पररसांचरण प्रणधली कध व्यधस 150 और 250 ककमी के बीच होतध
है।
 चक्षु एक शधांत क्षे्रण होतध है जहधाँ पिनों कध ाऄितलन होतध है। चक्षु के चधरों ओर चक्षुवभवत्त होती है, जहधाँ िधयु कध प्रबल ि
सर्तपल रूप में ाअरोहण होतध है। यह ाअरोहण क्षोभसीमध की ाउाँचधाइ तक पहाँचतध है। ाआस क्षे्रण में पिनों कध िेग ाऄवधकतम होतध
है, जो 250 ककमी प्रवत घांटध तक हो जधतध है। ाआस क्षे्रण में मूसलधधधर िषधत होती है। ाआसवलए कथन 2 सही है।
 चक्षुवभवत्त से रे नबैंड विकवसत होते हैं और कपधसी एिां कपधसी-िषी मेघों की शृांखलध बधहरी क्षे्रण की ओर विथथधवपत हो सकती
है। बांगधल की खधड़ी, ाऄरब सधगर और वहन्द महधसधगर में ाआसकध व्यधस 600 और 1200 ककमी के बीच होतध है।
 यह पररसांचरण प्रणधली 300–500 ककमी प्रवतकदन की दर से धीरे -धीरे ाअगे बढ़ती है। चक्रिधत तूफधन तरां ग (तूफधन महोर्तम)
ाईत्पन्न करते हैं और वनम्न तटीय क्षे्रणों को जलप्लधवित कर देते हैं। ये तूफधन थथल पर धीरे -धीरे क्षीण होकर समधप्त हो जधते हैं।

43 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

Q 95.D

 पृथ्िी कध ाऄपने ाऄक्ष पर घूणन


त पिनों की कदशध को प्रभधवित करतध है। सन 1844 में एक फ्रधांसीसी भू-िैज्ञधवनक द्वधरध ाआसकध
वििरण प्रथतुत ककयध गयध और ाईसी के नधम पर ाआसे कोररऑवलस बल कहध जधतध है। यह बल ाईत्तरी गोलधद्त में पिन की कदशध
को ाऄपनी मूल कदशध से दधवहनी ओर तथध दवक्षणी गोलधद्त में बधईं ओर विक्षेवपत करतध है। पिन कध िेग ाऄवधक होने पर
विक्षेपण ाऄवधक होतध है। कोररऑवलस बल ाऄक्षधांश के कोण के सीधे समधनुपधत में बढ़तध है। यह ुुिों पर ाऄवधकतम होतध है और
विषुित िृत्त पर ाऄनुपवथथत होतध है। ाआसवलए कथन 3 सही है।

 कोररऑवलस बल, दधब प्रिणतध के समकोण पर कधयत करतध है। दधब प्रिणतध बल समदधब रे खध (समधन िधयुमांडलीय दधब िधले

वबन्दुओं को जोड़ने िधली रे खध) के समकोण पर होतध है। ाईच्च दधब प्रिणतध वजतनी ाऄवधक होती है , पिन के िेग और पिन कक

कदशध में ाईतनध ही ाऄवधक विक्षेपण होतध है। ाआन दोनों बलों के परथपर समकोण पर होने के कधरण, वनम्न दधब िधले क्षे्रणों में पिनें
ाआन्हीं के चधरों ओर प्रिधवहत होती हैं। विषुित रे खध पर कोररऑवलस बल शून्य होतध है और पिनें समदधब रे खधओं के समकोण
पर प्रिधवहत होती हैं। ाऄताः वनम्न दधब क्षे्रण और ाऄवधक गहन होने की बजधय सांतप्त
ृ हो जधतध है। यही कधरण है कक विषुित रे खध
के वनकट ाईष्णकरटबांधीय चक्रिधतों कध वनमधतण नहीं होतध है। ाआसवलए कथन 1 सही है।

 पिनों कध िेग और कदशध, पिन ाईत्पन्न करने िधले बलों कध पररणधम है। पृथ्िी की सतह से 2–3 ककमी की ाउाँचधाइ पर ाउपरी
िधयुमांडल में पिनें धरधतलीय घषतण के प्रभधि से मुक्त होती हैं और मुख्यताः दधब प्रिणतध तथध कोररऑवलस बल द्वधरध वनयांव्रणत
होती हैं। जब रे खधएां सीधी हों और घषतण कध प्रभधि न हो, तो दधब प्रिणतध बल कोररऑवलस बल द्वधरध सांतवु लत होतध है और
पररणधमथिरूप पिनें समदधब रे खध के समधनधांतर प्रिधवहत होती हैं। ाआन पिनों को भू-विक्षेपी पिनों के रूप में जधनध जधतध है।
ाआसवलए कथन 2 सही है।

Q 96.C
 प्रधकृ वतक ाअपदधओं कध िगीकरण:
o िधयुमांडलीय:
 बफीले तूफ़धन (वहम झांझधित/वब्लज़धडत)

 तवड़त झांझध

 तवड़त

 बिांडर

 ाईष्णकरटबांधीय चक्रिधत

 सूखध

 ओलधिृवष्ट

 पधलध, लू, शीत लहरें ाअकद।

o भरवमक:

 भूकम्प

 ज्िधलधमुखी

 भूथखलन

 वहमथखलन

 ाऄितलन

 मृदध ाऄपरदन

44 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

o जलीय:
 बधढ़
 ज्िधरीय लहरें
 सधगरीय तरां गे
 तूफधन महोर्तम
 सुनधमी
o जैविक:
 परधों और जधनिरों के समूह (रटड्डी दल ाअकद)।
 कीट सांक्रमण–फां फू द, बैक्टीररयल और िधयरल सांक्रमण, जैसे बडत फ़्लू, डेंगू ाअकद।

Q 97.B
 भधरत में मैंग्रोि िन, ाऄांडमधन और वनकोबधर द्वीपसमूह और पवश्चम बांगधल के सुद
ां रबन में ाऄत्यवधक विकवसत हए हैं। ाऄन्य

महत्त्िपूणत क्षे्रण महधनदी, गोदधिरी और कृ ष्णध डेकटध हैं। भधरत िन वथथवत ररपोटत 2017 के ाऄनुसधर रधज्यों के मैंग्रोि ाअच्ोधदन
ाआस प्रकधर हैं:
 ाअांुप्रदेश - 404 िगत ककमी

 गुजरधत - 1140 िगत ककमी


 महधरधष्ट्र - 304 िगत ककमी
 ओवडशध - 243 िगत ककमी

 पवश्चम बांगधल –2114 िगत ककमी


 ाऄांडमधन और वनकोबधर द्वीप समूह – 617 िगत ककमी

Q 98.B
 गांगध नदी ाईत्तर भधरत में प्रिधवहत होती है यह भधरत के ाईतरधखांड रधज्य से ाईद्गवमत होने के पश्चधत् बांग्लधदेश की कदशध में बहती
है। यह भधरत की सबसे बड़ी नदी है और वहमधलय पितत से बांगधल की खधड़ी तक लगभग 1569 मील (2,525 ककमी) तक
प्रिधवहत होती है।
 गांगध ाईत्तरधखांड, ाईत्तरप्रदेश, वबहधर, झधरखांड और पवश्चम बांगधल रधज्यों से होकर गुजरती है। गांगध हररद्वधर से मैदधनी क्षे्रणों में

प्रिेश करती है और पहले दवक्षण, कफर दवक्षण-पूित और कफर पूित में बहती हाइ भधगीरथी और हगली नधमक वितररकधओं में
विभधवजत हो जधती है। नदी की लम्बधाइ 2,525 ककमी है। ाआसमें ाईत्तरधखांड(110 ककमी), ाईत्तरप्रदेश (1450 ककमी), वबहधर
(445 ककमी) और पवश्चम बांगधल (520 ककमी) के ाऄवतररक्त झधरखांड कध क्षे्रण शधवमल है। झधरखांड कध शहर सधवहबगांज गांगध नदी
के तट पर वथथत है। के िल भधरत में गांगध नदी कध ाऄपिधह क्षे्रण 8.6 लधख िगत ककमी है।

Q 99.D
 समुिी तरां ग की गवत जल की गहरधाइ पर वनभतर करती है। तरां गें ाईथले जल में धीमी गवत से गमन करती हैं। जल वजतनध गहरध
होगध, तरां गें ाईतनी ही तीव्र गवत से गमन कर सकती हैं। िधथति में समुि की तरां गों की गवत सैकड़ों मील प्रवत घांटध तक पहांच

सकती है। ाआसके पररणधमथिरूप सुनधमी कध प्रभधि समुि के गहन जलीय क्षे्रणों में कम और तट के समीप ाऄवधक होतध है, जहधाँ िे
बड़े पैमधने पर विनधश करती हैं। ाआसवलए सुनधमी कध एक समुिी जहधज पर ाऄवधक प्रभधि नहीं पड़तध और गहन समुिी क्षे्रणों में
सुनधमी कध पतध लगधनध करठन है। ाआसवलए विककप 1 सही नहीं है।

45 www.visionias.in ©Vision IAS


https://t.me/UPSC_PDF www.upscpdf.com

 ऐसध ाआसवलए है क्योंकक गहरे जल में सुनधमी तरां गों की लांबधाइ (तरां ग-दैध्यत) ाऄवधक और ाउांचधाइ सीवमत होती है। ाआसवलए सुनधमी
तरां गें जहधज को के िल एक यध दो मीटर तक ही ाईपर ाईठधती हैं और प्रत्येक बधर ाउपर ाईठने और नीचे जधने में काइ वमनट लगते
हैं।
 ाआसके विपरीत, जब सुनधमी ाईथले जल में प्रिेश करती है तो ाआसकी तरां गों की लांबधाइ कम हो जधती है, लेककन ाऄिवध
ाऄपररिर्ततत रहती है वजससे तरां ग की ाउांचधाइ बढ़ जधती है। काइ बधर यह ाउांचधाइ 15 मीटर यध ाईससे भी ाऄवधक हो सकती है, जो
तट पर व्यधपक विनधश करती है। ाआसवलए ाआन्हें ाईथले जल की तरां गें कहध जधतध है। ाआसवलए विककप 2 सही नहीं है और विककप
3 सही है।

Q 100.D
 कृ वष भूवम और मधनि बसधिट के बधर-बधर जलप्लधिन से रधष्ट्रीय ाऄथतव्यिथथध और समधज पर गांभीर प्रभधि पड़ते हैं।
 बधढ़ें न के िल फसलों कध विनधश करती हैं बवकक ये सड़कों, रे ललधाआनों, पुलों और मधनि बवथतयों जैसी भरवतक ाऄिसांरचनध को
भी क्षवतग्रथत करती हैं। लधखों लोग बेघर हो जधते हैं और बधढ़ में ाईनके मिेशी भी बह जधते हैं। ाआसवलए विककप 1 सही है।
 बधढ़ प्रभधवित क्षे्रणों में हैजध, ाअां्रणशोध, हैपेटधाआरटस और ाऄन्य जल-जवनत बीमधररयधाँ प्रसधररत होती हैं। ाआसवलए विककप 2 सही
है।
 हधलधाँकक, बधढ़ के कु ो सकधरधत्मक प्रभधि भी होते हैं। बधढ़ खेतों में प्रत्येक िषत ाईपजधाउ वमट्टी जमध कर देती है। यह फसलों के
वलए ाऄत्यवधक लधभप्रद है। विश्व के सबसे बड़े नदी द्वीप मधजुली (ाऄसम) में ब्रह्मापु्रण की िधर्तषक बधढ़ के पश्चधत धधन की ाऄच्ोी
फसल ाआसकध ाईदधहरण है। ाआसवलए विककप 3 सही है।

Copyright © by Vision IAS


All rights are reserved. No part of this document may be reproduced, stored in a retrieval system or
transmitted in any form or by any means, electronic, mechanical, photocopying, recording or otherwise,
without prior permission of Vision IAS.

46 www.visionias.in ©Vision IAS

You might also like