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Chapter 3 - साना साना हाथ जोड़ि
1. ड़िलड़िलाते ड़सतारोों की रोशनी िें नहाया गों तोक ले खिका को ड़कस तरह सम्मोड़हत
कर रहा था?
उत्तर: झिलझिलाते तार ों की प्रकाश िें सिाझित गोंत क शिर ले खिका के िन िें एक सम्म िन
जगा रिा था। इस शिर का सभी कुछ अत्योंत सुोंदर था। इस सुोंदरता ने ले खिका पर ऐसा जादू
कर झदया था झक उसे सब कुछ स्थझगत और अथथ िीन लग रिा था। ले खिका क अपने भीतर-
बािर एक शून्य-सा व्याप्त ि ता झदि रिा था।
3. कभी श्वेत तो कभी रों गीन पताकाओों का फहराना ड़कन अलग-अलग अवसरोों की ओर
सोंकेत करता है ?
उत्तर: श्वेत पताकाएों झकसी बुखिस्ट के झनधन पर ििरायी जाती िैं । ये िोंत्र झलिी 108 पताकाएों
ििरायी जाती िैं और इन्हें उतारा निीों जाता। ये अपने आप नष्ट ि जाती िैं ।
रों गीन पताकाएों झकसी झवशे ष अवसर या शुभ कायथ पर ििरायी जाती िैं ।
5. लोोंग स्टॉक िें घूिते हुए चक्र को दे िकर ले खिका को पू रे भारत की आत्मा एक-सी
क्ोों ड़दिाई दी?
उत्तर: ल गों स्टॉक िें घूिते हुए चक्र क दे िकर ले खिका ने उसके बारे िें पूछा त झजते न नागे
ने बताया झक यि 'धिथ-चक्र' िै । इसे घुिाने पर सारे पाप धुल जाते िैं । झजतेन की यि बात सुनकर
ले खिका ने िन िें स चा झक पूरे भारत की आत्मा एक िी िै क् झों क िैदानी क्षेत्र ों िें गोंगा के झवषय
िें भी ऐसी िी धारणा ल ग ों के िन िें रिती िै । इतनी ज्यादा तकनीकी आधुझनकता आ जाने के
बावजू द भी सिाज के ल ग ों की आस्थाएाँ , झवश्वास, िान्यताएों और पाप-पुण्य की अवधारणाएाँ
एक सिान िैं ।
6. ड़जतने नागे की गाइड की भूड़िका के बारे िें ड़वचार करते हुए ड़लखिए ड़क एक कुशल
गाइड िें क्ा गुर् होते हैं ?
उत्तर: झजते न नागे ले खिका का डराइवर कि गाइड था। वि नेपाल से कुछ झदन पिले आया था
झजसे नेपाल और झसखिि की अच्छी जानकारी थी। वि क्षेत्र-से सुपररझचत था। उसिें प्रायः
गाइड ि ने के वे सभी गुण थे ज एक कुशल गाइड िें ि ते िैं ।
एक कुशल गाइड के झनम्नझलखित गुण ि ते िैं -
1) एक कुशल गाईड क अपने स्थान की पूणथ जानकारी ि नी चाझिए जै से विााँ की भौग झलक,
आझथथ क, िौसि तथा विााँ के ल ग ों के जीवन की भी वि नागे िें सम्यक रूप से थी।
2) वि गाइड ि ने के साथ-साथ वि डराइवर भी था। उसे कब किााँ जाना िै इसके झलए उसे
कुछ सलाि ले ने की आवश्यकता निीों ि ती िै ।
3) गाइड िें सैलाझनय ों क प्रभाझवत करने की र चक शै ली ि नी चाझिए ज उसिें थी। वि अपनी
िज़े दार बात ों से ले खिका क प्रभाझवत करता था; जै से-“िैडि, यि धिथ चक्र िै -प्रेअर व्हील,
इसक ग ल-ग ल घुिाने से व्यखि के जीवन के सिस्त पाप नष्ट ि जाते िैं ।”
10. सैलाड़नयोों को प्रकृड़त की अलौड़कक छटा का अनुभव करवाने िें ड़कन-ड़कन लोगोों
का योगदान होता है , उल्लेि करें ।
उत्तर: सैलाझनय ों क प्रकृझत की अलौझकक छटा का अनुभव कराने िें झनम्न ल ग ों का य गदान,
सरािनीय ि ता िै -
1) वे ल ग ज व्यवस्था िें सोंलग्न ि ते िैं ।
2) विााँ के स्थानीय गाइड ज उस क्षेत्र की सवथ था जानकारी रिते िैं और सैलान य ों क सभी
जगि का दौरा कराने ले जाते िैं ।
3) विााँ के स्थानीय ल ग ज विााँ पर भ्रिण करने आये ल ग ों से बात करते िैं , िदद करते िै तथा
उन्हें छ टी-छ टी चीज ों की जानकारी भी दे ते िैं ।
4) वे सिय गी यात्री ज यात्रा िें िस्ती भरा िािौल बनाए रिते िैं और कभी झनराश निीों ि ते
िैं । उत्साि से भरपूर ि ते िैं ।
13. प्रदू षर् के कारर् स्नोफॉल िें किी का ड़जक्र ड़कया गया है ? प्रदू षर् के और कौन-
कौन से दु ष्पररर्ाि सािने आए हैं , ड़लिें।
उत्तर: ले खिका क उम्मीद थी झक उसे लायुोंग िें बिथ दे िने क झिल जाएगी, ले झकन एक
झसििी व्यखि ने बताया झक प्रदू षण की वजि से स्न िॉल कि ि गया िै ; अतः उन्हें 500
िीटर ऊपर 'कटाओ' िें िी बिथ दे िने क झिल सकेगी। प्रदू षण के कारण पयाथ वरण िें अनेक
पररवतथ न आ रिे िैं । स्न िॉल की किी के कारण नझदय ों िें जल की िात्रा कि ि ती जा रिी िै ।
पररणाििरूप पीने य ग्य जल की किी सािने आ रिी िै । प्रदू षण के कारण वायु भी प्रदू झषत
ि रिी िै । बड़े नगर ों िें त सााँ स ले ने के झलए ताजा िवा का झिलना भी िुखिल ि रिा िै । सााँ स
सोंबोंधी र ग ों के साथ-साथ कैंसर तथा उच्च रिचाप की बीिाररयााँ बढ़ रिी िैं । ध्वझन प्रदू षण
िानझसक बीिाररयाों , बिरे पन जै से कई र ग ों का कारण बन रिा िै ।
14. 'कटाओ' पर ड़कसी भी दु कान का न होना उसके ड़लए वरदान है । इस कथन के पक्ष
िें अपनी राय व्यक्त कीड़जए?
उत्तर: 'कटाओ' क अपनी िच्छता और सुोंदरता के झलए िी भारत का "खिट् जरलैंड" किा
जाता िै । यि सुोंदरता आज तक इसीझलए बरकरार िै क् झों क यिााँ क ई दु कानव िकान आझद
निीों िै । यझद यिााँ पर भी दु कानें िुल जायेंगी, व्यवसायीकरण ि जाए त इस स्थान की सुोंदरता
नष्ट ि ती रिे गी, इसझलए कटाओों िें दु कान का न ि ना उसके झलए वरदान िै ।
िनुष्य सुोंदरता, िच्छ्ता क दे िकर प्रसन्न ि ता िै त िनुष्य िी सुोंदरता क झबगाड़ता िै । अपनी
झजम्मेदारी और कतथ व्य का पालन न कर प्रयुि चीज ों के अवझशष्ट क जिााँ -तिााँ िेंक कर
प्रकृझत क गोंदा करता िै । ‘कटाओ’ िें दु कान व िकान न ि ने के कारण विााँ पर
16. दे श की सीिा पर बैठे फौजी ड़कस तरह की कड़ठनाइयोों से जूिते हैं ? उनके प्रड़त
हिारा क्ा उत्तरदाड़यत्व होना चाड़हए?
उत्तर: दे श की सीिा पर,जिााँ का तापिान गझिथय ों िें भी -15 झडग्री सेलझसयस ि ता िै , उस
कड़कड़ाती िों ड िें ििारे दे श के फ़ौजी पिरा दे ते िैं जब झक िि ल ग विााँ पर एक सेकोंड भी
निीों रूक सकते त ििारे फ़ौजी सदी तथा गिी िें विीों रिकर दे श की रक्षा करते रिते िैं ताझक
िि चैन की नीोंद स सकें। ये जवान िर पल कझिनाइय ों का सािना करते िैं और अपनी जान
की परवाि झकये बगैर पर विााँ पर रिते िैं ।
ििें सदा उनकी सलािती की दु आ करनी चाझिए। उनके पररवारवाल ों के साथ ििेशा
सिानुभूझत, प्यार व सम्मान के साथ पेश आना चाझिए तथा जब भी जरूरत पड़े त उनकी िदद
करनी चाझिए।