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िवषय: िहदं ी, उपिवषय: पाठ- एवरे ट : मेरी िशखर यात्रा कक्षा: ९

एवरे ट : मेरी िशखर यात्रा प्र न अ यास


मौिखक
िन निलिखत प्र न के उ तर एक-दो पंिक्तय म दीिजए -
1. अिग्रम दल का नेत ृ व कौन कर रहा था?
उ तर अिग्रम दल का नेत ृ व प्रेमचंद कर रहा था।

2. लेिखका को सागरमाथा नाम क्य अ छा लगा?


उ तर लेिखका को सागरमाथा नाम अ छा लगा क्य िक सागर के पैर निदयाँ ह
तो सबसे ऊँची चोटी उसका माथा है और यह एक फूल की तरह िदखाई दे ता
है , जैसे माथा हो।

3. लेिखका को वज जैसा क्या लगा?


उ तर लेिखका को एक बड़े भारी बफ़र् का बड़ा फूल ( लूम) पवर्त िशखर पर लहराता
हुआ वज जैसा लगा।

4. िहम खलन से िकतने लोगो की म ृ यु हुई और िकतने लोग घायल हुए?


उ तर िहम खलन से एक की म ृ यु हुई और चार लोग घायल हुए।

5. म ृ यु के अवसाद दे खकर कनर्ल खु लर ने क्या कहा?


उ तर म ृ यु के अवसाद को दे खकर कनर्ल खु लर ने कहा िक एवरे ट जैसे महान
अिभयान म खतर को और कभी-कभी तो म ृ यु भी आदमी को सहज भाव से
वीकार करना चािहए।

6. सहायक की म ृ यु कैसे हुई?


उ तर जलवायु अनुकूल न होने के कारण रसोई सहायक की म ृ यु हुई।

7. कप- चार कहाँ और कब लगाया गया?


उ तर कप-चार 29 अप्रैल, 1984 को 7900 मीटर पर साउथ कोल म लगाया गया
था।

8. लेिखका ने शेरपा कुली को अपना पिरचय िकस तरह िदया?


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िवषय: िहदं ी, उपिवषय: पाठ- एवरे ट : मेरी िशखर यात्रा कक्षा: ९
उ तर लेिखका ने शेरपा कुली को अपना पिरचय यह कह कर िदया िक वह िब कुल
ही नौिसिखया है और एवरे ट उसका पहला अिभयान है ।

9. लेिखका की सफलता पर कनर्ल खु लर ने उसे िकन श द म बधाई दी?


उ तर लेिखका की सफलता पर बधाई दे ते हुए कनर्ल खु लर ने कहा, "म तु हारी
इस अनठ ू ी उपलि ध के िलए तु हारे माता-िपता को बधाई दे ना चाहूँगा दे श को
तुम पर गवर् है और अब तुम ऐसे संसार म जाओगी जो तु हारे अपने पीछे छोड़े
हुए संसार से एकदम िभ न होगा।

िलिखत

(क) िन निलिखत प्र न के उ तर (25-30) श द म िलिखए –


1. नजदीक से एवेरे ट को दे खकर लेिखका को कैसा लगा?
उ तर नजदीक से एवरे ट को दे खकर लेिखका भ चक्की रही गई। वह एवरे ट
हो से और नु से की ऊँचाइय से िघरी बफ़ीर्ली ढे ढ़ी-मेढ़ी नदी को िनहारती रही।

2. डॉ मीनू मेहता ने क्या जानकािरयां दीं?


उ तर डॉ मीनू मेहता अ मुिनयम सीिढ़य से अ थाई पुल का िनमार्ण, लट्ठ और
रि सय का उपयोग, बफर् की आड़ी -ितरछी दीवार पर रि सय को बाँधना और
अिग्रम दाल के अिभयांित्रक काय के बारे म जानकारी दी।

3. तेनिजंग ने लेिखका की तारीफ़ म क्या कहा?


उ तर तेनिजंग ने लेिखका की तारीफ़ म कहा िक वह एक पवर्तीय लड़की है । उसे
तो िशखर पर पहले ही प्रयास म पहुँच जाना चािहए।

4. लेिखका को िकनके साथ चढ़ाई करनी थी?


उ तर लेिखका को अपने दल तथा जय और मीनू के साथ चढ़ाई करनी थी। पर तु
वे लोग पीछे रह गए थे। उनके पास भारी बोझ था और वे िबना ऑक्सीजन के
आ रहे थे। इस कारण उनकी गित कम हो गई थी। उनकी ि थित दे खकर लेिखका
िचंितत थी।

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िवषय: िहदं ी, उपिवषय: पाठ- एवरे ट : मेरी िशखर यात्रा कक्षा: ९

5. लोपसांग ने तंबू का रा ता कैसे साफ़ िकया?


उ तर लोपसांगने अपनी ि वस छुरी की सहायता से तंबू का रा ता साफ़ िकया
क्य िक तंबू के रा ते एक बड़ा बफ़र् िपंड िगरने से िहमपंज
ु बन गया था और इससे
कप न ट हो गया था, लेिखका भी उसम दब गई थीं। इसिलए लोपसांग ने छुरी
से बफ़र् काटकर लेिखका को बाहर िनकाला।

6. साउथ कोल कप पहुँचकर लेिखका ने अगले िदन की मह वपूणर् चढ़ाई की


तैयारी कैसे शु की?
उ तर साउथ कोल कप पहुँचकर लेिखका ने अगले िदन की मह वपूणर् चढ़ाई की
तैयारी करने के िलए खाना, कुिकंग गैस, कुछ ऑक्सीजन िसिलंडर इकट्ठे िकए, दस
ू रे
सद य की मदद के िलए, थरमस को जूस व गरम चाय से भरने के िलए नीचे
जाने का िन चय िकया।

(ख) िन निलिखत प्र नो का उ तर (50-60 श द म) िलिखए –

1. उपनेता प्रेमचंद ने िकन ि थितय से अवगत कराया?


उ तर उपनेता प्रेमचंद ने अिभयान दल के सद य को पहली बड़ी बाधा खभ
ंु ु
िहमपात की ि थित से अवगत कराया। उ ह ने यह भी बताया िक उनके दल ने
कप-एक (6000 मीटर),जो िहमपात के ठीक ऊपर है , वहाँ तक का रा ता साफ़ कर
िदया। उ ह ने यह भी बताया िक पुल बना िदया गया है , रि सयाँ बाँध दी गई ह
तथा झंिडय से रा ते को िचि नत कर िदया गया है । इसके साथ-साथ बड़ी
किठनाइय का जायजा ले िलया गया है । उ ह ने यह भी बताया िक ग्लेिशयर बफ़र्
की नदी है और बफ़र् का िगरना जारी है । यिद िहमपात अिधक हो गया तो अभी
तक िकए गए सारे काम यथर् हो सकते ह।

2. िहमपात िकस तरह होता है और उससे क्या-क्या पिरवतर्न आते ह?


उ तर बफ़र् के खंडो का अ यवि थत ढं ग से िगरने को िहमपात कहा जाता है ।
िहमपात बफ़र् (ग्लेिशयर) की नदी होती है । ग्लेिशयर के बहने से अक्सर बफ़र् म
हलचल मच जाती है । इससे बफ़र् की बड़ी-बड़ी च़ट्टाने त काल िगर जाया करती

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िवषय: िहदं ी, उपिवषय: पाठ- एवरे ट : मेरी िशखर यात्रा कक्षा: ९
ह। अ य कारण से भी अचानक खतरनाक ि थित उ प न हो जाती है । इससे
धरातल पर बड़ी चौड़ी दरार पड़ जाती ह।

3. लेिखका के त बू म िगरे बफ़र् िपंड का वणर्न िकस तरह िकया गया?


उ तर लेिखका रात 12.30 बजे अपने त बू म गहरी नींद म सो रही थीं तभी एक
सख्त चीज़ लेिखका के िसर के िपछले िह से से टकराई और वह जाग गई। एक
लंबा बफ़र् िपंड हो से ग्लेिशयर से टूटकर कप के ऊपर आ िगरा था। उसम अनेक
िहमखंडो का पुंज था। वह अ यंत तेज़ गित के साथ और गजर्ना के साथ िगरा
था। इसने लेिखका के कप को न ट कर िदया था। इससे चोट तो सभी को लगी
पर म ृ यु िकसी की भी नहीं हुई।

4. लेिखका को दे खकर 'की' हक्का-बक्का क्य रह गया?


उ तर लेिखका को दे खकर 'की' हक्का बक्का रह गया क्य िक इतनी बफ़ीर्ली हवा
म नीचे उतरना जोिखम भरा था िफर भी लेिखका सबके िलए चाय व जस
ू लेने
नीचे उतर रही थी और उसे 'की' से भी िमलना था।

5. एवेरे ट पर चढ़ने के िलए िकतने कप बनाये गए? उनका वणर्न कीिजए।


उ तर एवरे ट पर चढ़ने के िलए कुल 6 कप बनाए गए थे।
1. बेस कप- यह मुख्य कप था।
2. कप-1 −यह कप 6000 मीटर की ऊँचाई पर बनाया गया। यह िहमपात के ठीक
ऊपर था। इसम सामान जमा था।
3. कप-2 −यह चढ़ाई के रा ते म था।
4. कप-3 −इसे हो से की बफ़ीर्ली सीधी ढ़लान पर लगाया गया था। यह रं गीन
नायलॉन से बना था। यहीं हो से ग्लेिशयर से टूटकर बफ़र् िपंड कप पर आ िगरा
था।
5. कप-4 −यह समुद्र तट से 7900 मीटर की ऊँचाई पर था। साउथ कोल थान
पर लगने के कारण साउथ कोल कप कहलाया।
6. िशखर कप − यह अंितम कप था। यह एवरे ट के ठीक नीचे ि थत था।

6. चढ़ाई के समय एवरे ट की चोटी की ि थित कैसी थी?

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िवषय: िहदं ी, उपिवषय: पाठ- एवरे ट : मेरी िशखर यात्रा कक्षा: ९

उ तर जब लेिखका एवरे ट की चोटी पर पहुँची तब वहाँ तेज़ हवा के कारण बफ़र्


उड़ रही थी। एवरे ट की चोटी शंकु के आकार की थी। वहाँ इतनी भी जगह नहीं
थी िक दो यिक्त एक साथ खड़े हो सक। चार ओर हज़ार मीटर लंबी सीधी
ढलान थी। लेिखका के सामने सरु क्षा का प्र न था। वहाँ फावड़े से बफ़र् की खद
ु ाई
की गई तािक वयं को सरु िक्षत कर ि थर िकया जा सके।

7. सि मिलत अिभयान म सहयोग एवं सहायता की भावना का पिरचय बचद्री के


िकस कायर् से िमलता है ।
उ तर जब बचद्री अपने दल के सद य के साथ साउथकोल कप पहुँची तो केवल
वह अपने िलए नहीं सोच रही थी बि क अपने दल के प्र येक सद य के िलए
सोच रही थी। लेिखका ने अपने सािथय के िलए जस
ू और चाय लेने के िलए तेज़
बफ़ीर्ली हवा म भी नीचे उतरकर जोिखम भरा काम िकया। इस यवहार से कायर्
म उसके सहयोग और सहायता की भावना का पिरचय िमलता है ।

िन निलिखत के आशय प ट कीिजए -

1. एवरे ट जैसे महान अिभयान म खतर को और कभी-कभी तो म ृ यु भी आदमी


को सहज भाव से वीकार करनी चािहए।
उ तर यह कथन अिभयान दल के नेता कनर्ल खु लर का है । इन श द का उ लेख
उ ह ने शेरपा कुली की म ृ यु के समाचार के बाद कहा था। उ ह ने सद य के
उ साहवधर्न करते हुए अिभयान के दौरान होने वाली दघ
ु ट
र् नाओं को वा तिवकता
से पिरिचत करना चाहा। एवरे ट की चढ़ाई कोई आसान काम नहीं है , यह जोिखम
भरा अिभयान होता है । यहाँ इतने खतरे ह िक कभी कभी म ृ यु भी हो सकती है ।
इसके िलए तैयार रहना चािहए िवचिलत नहीं होना चािहए।

2. सीधे धरातल पर दरार पड़ने का िवचार और इस दरार का गहरे -चौड़े िहम-


िवदर म बदल जाने का मात्र खयाल ही बहुत डरावना था। इससे भी यादा

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िवषय: िहदं ी, उपिवषय: पाठ- एवरे ट : मेरी िशखर यात्रा कक्षा: ९
भयानक इस बात की जानकारी थी िक हमारे संपूणर् प्रयास के दौरान िहमपात
लगभग एक दजर्न आरोिहय और कुिलय को प्रितिदन छूता रहे गा।
उ तर इस कथन का आशय है िक िहमपात के कारण बफ़र् के खंडो के दबाव से
कई बार धरती के धरातल पर दरार पड़ जाती है । यह दरार गहरी और चौड़ी होती
चली जाती है और िहम िवदर म बदल जाती है यह बहुत खतरनाक होते ह और
भी यादा खतरनाक बात तब होती है जब पता रहे िक पूरे प्रयास के बाद यह
भयंकर िहमपात पवर्तारोिहय व कुिलय को परे शान करता रहे गा ।

3. िबना उठे ही मने अपने थैले से दग


ु ार् माँ का िचत्र और हनुमान चालीसा िनकाला।
मने इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े म लपेटा, छोटी-सी पूजा-अचर्ना की और
इनको बफ़र् म दबा िदया। आनंद के इस क्षण म मुझे अपने माता-िपता का यान
आया।
उ तर लेिखका एवरे ट की चोटी पर पहुँचकर घट
ु न के बल बैठ कर बफ़र् पर अपना
माथा लगाया और चंुबन िकया। उसके बाद एक लाल कपड़े म माँ दग ु ार् का िचत्र
और हनुमान चालीसा को लपेटा और छोटी से पूजा करके बफ़र् म दबा िदया। इस
रोमांचक यात्रा के सफलता पर वह बहुत खश
ु थी और सुख के क्षण म उसने अपने
माता िपता को याद िकया। ।

भाषा अ यन

1. इस पाठ म प्रयुक्त िन निलिखत श द की याख्या पाठ का संदभर् दे कर


कीिजए − िनहारा है , धसकना, िखसकना, सागरमाथा, जायज़ा लेना, नौिसिखया
उ तर
1. िनहारा है − यह पाठ एवरे ट की चोटी को बचद्री पाल ने िनहारा है ।
2. धसकना-िखसकना − ये दोन श द िहम-खंडो के िगरने के संदभर् म आए ह।
3. सागरमाथा − नेपाली एवरे ट चोटी को सागरमाथा कहते ह।
4. जायज़ा लेना − यह श द प्रेमचंद ने कप के परीक्षण िनरीक्षण कर ि थित के
बारे म प्रयुक्त हुआ है ।
5. नौिसिखया − बचद्री पाल ने तेनिजंग को अपना पिरचय दे ते हुए यह श द
प्रयुक्त िकया है ।

पृ संख्या 6/8
िवषय: िहदं ी, उपिवषय: पाठ- एवरे ट : मेरी िशखर यात्रा कक्षा: ९

2. िन निलिखत पंिक्तय म उिचत िवराम िच न का प्रयोग कीिजए –


(क) उ ह ने कहा तम
ु एक पक्की पवर्तीय लड़की लगती हो तु ह तो िशखर पर
पहले ही प्रयास म पहुँच जाना चािहए

(ख) क्या तम
ु भयभीत थीं

(ग) तम
ु ने इतनी बड़ी जोिखम क्य ली बचद्री

उ तर

(क) उ ह ने कहा "तम


ु एक पक्की पवर्तीय लड़की लगती हो तु ह तो िशखर पर
पहले ही प्रयास म पहुँच जाना चािहए"।

(ख) क्या तुम भयभीत थीं?

(ग) तुमने इतनी बड़ी जोिखम क्य ली, बचद्री?

3. उदाहरण के अनुसार िवलोम श द बनाइए − उदाहरण : अनक


ु ू ल − प्रितकूल

उ तर

िनयिमत − अिनयिमत

आरोही − अवरोही

संद
ु र− असंद
ु र

िवख्यात − अिवख्यात

िनि चत − अिनि चत

पृ संख्या 7/8
िवषय: िहदं ी, उपिवषय: पाठ- एवरे ट : मेरी िशखर यात्रा कक्षा: ९

4. िन निलिखत श द म उपयुक्त उपसगर् लगाइए –

जैसे : पत्र
ु – सप
ु त्र

वास − प्रवास

यवि थत − अ यवि थत

कूल − प्रितकूल

गित − प्रगित

रोहण − आरोहण

रिक्षत − आरिक्षत

पृ संख्या 8/8

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