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DELHI PUBLIC SCHOOL HARNI


Academic Session 2021 – 2022

Class: VII Subject : िहंदी


Chapter: समययान
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मौिखक

क. प्रोफेसर यासीन की प्रस नता का क्या कारण था ?


उ तर: समययान के िनमार्ण की सफलता प्रोफेसर यासीन की प्रस नता का कारण था |
ख. समययान के बाहर का य दे खते ही प्रोफेसर अवाक क्य रह गए ?
उ तर: समययान के बाहर िसफ़र् रे त ही रे त थी- अंगोर की तरह दहकती हुई रे त | आगे-पीछे ,
दाएँ-बाएँ-िजधर भी ि ट जाती, रे त ही रे त नज़र आती | पेड़-पौधे तो दरू हरी घास का भी कहीं
कोई नामो-िनशान तक नहीं था | इसिलए प्रोफ़ेसर अवाक रह गए |
ग. प्रोफ़ेसर को ट्रांसिमट करके कहाँ ले जाया गया ?
उ तर: प्रोफ़ेसर को ट्रांसिमट करके यायालय ले जाया गया |
घ. वकील ने पयार्वरण से छे ड़छाड़ के क्या पिरणाम िगनाए ?
उ तर: वकील ने बताया िक पयार्वरण से छे ड़छाड़ के कारण वक्ष
ृ न ट हो चूके ह, ओज़ोन की
छतरी िवलीन हो गई है , समद्र
ु का जल तर बेतहाशा बढ़ गया है और आए िदन आँधी-तफ़
ू ान
आते रहते ह | उ ह जीिवत रहने के िलए कृित्रम ऑक्सीजन का सहारा लेना पड़ रहा है |

िलिखत

क. प्रोफ़ेसर यासीन की समयचक्र की यात्रा की तैयारी का वणर्न कीिजए |


उ तर: प्रोफ़ेसर यासीन ने वातावरणीय पिरवतर्न को यान रखते हुए िवशेष प्रकार की
विनिमर्त पोशाक पहनी िजससे वे अंतिरक्ष यात्री की भाँित लग रहे थे | समययान म पहुँचकर
उ ह ने कं यूटर चालू कर िदया िजससे उसका सतरं गा आवरण तेज़ी से घूमने लगा |
ख. अदालत का य कैसा था ?
उ तर: अदालत म सामने एक ऊँची कुरसी पर जज, अगल-बगल वकील और पीछे दशर्क थे |

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प्रोफ़ेसर मुलिज़म के कटघरे म खड़े थे | वहाँ मौजद


ू सभी यिक्त धूप की तरह पीली चमड़ीवाले
थे |
ग. आप लोग ने तो अपने वंशज के िलए जीते-जी कब्र तैयार कर दी – वकील ने ऐसा क्य
कहा ?
उ तर: प्रोफ़ेसर यासीन के समय के लोग ने पयार्वरण से छे ड़छाड़ और वक्ष
ृ का िवनाश िकया

ू ण, ऑक्सीजन की कमी और सय
था िजससे उनके वंशज को प्रदष ू र् की अ ट्रावायलेट िकरण से
बचने के िलए ज़मीन से दस फ़ीट नीचे अपना आवास बनाना पड़ा | इस कारण वकील ने ऐसा
कहा |
घ. प्रोफ़ेसर के मँुह से भय िमि त चीख क्य िनकली ?

उ तर: प्रोफ़ेसर को अपराधी मानते हुए अदालत म उ ह सज़ा-ए-मौत का हुक्म सन


ु ाया गया |
अपने शरीर को अणओ
ु ं-परमाणुओं के प म िवघिटत कर दे नेवाले भावी िव फोट के बारे म
सोचकर प्रोफ़ेसर के मँुह से भय िमि त चीख िनकल गई |
ड. इस व न ने प्रोफ़ेसर यासीन को क्या अहसास कराया ?
उ तर: इस व न ने प्रोफ़ेसर यासीन को अहसास कराया िक अभी हम समयचक्र नहीं बि क
अपने समय को दे खना है | अ यथा सारा संसार जीते-जी कब्र म दफ़न हो जाएगा |
च. हमारी प ृ वी चंद्रमा या सौरमंडल के अ य ग्रह से अलग है -कैसे ?
उ तर: सौरमंडल म केवल प ृ वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है िजसपर जीवन के िलए आव यक सभी
त व मौजूद ह | इसिलए हमारी प ृ वी चंद्रमा या सौरमंडल के अ य ग्रह से अलग है |
छ. यह पाठ हम क्या संदेश दे ता है ?
उ तर: यह पाठ हम हमारी वतर्मान जीवन-शैली और उनसे उपजी पयार्वरण संबंधी सम याओं
के प्रित सचेत करता है | यह हम सामािजक और पयार्वरणीय उ तरदािय व का िनवार्ह करने
का संदेश दे ता है |

आशय प ट कीिजए -
i. यह कारोलबाग 1900 का न होकर 2500 ईसवी का था और इन दोन के बीच जीवन और
म ृ यु िजतना ही फ़ासला था |
उ तर: लेखक समययान के वारा जहाँ पहुँचे, िन संदेह वह करोलबाग ही था लेिकन समय के
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फेर और पयार्वरणीय बदलाव के कारण म ृ यु के समान भयावह लग रहा था | जीवन का तो


वहाँ कोई नामो-िनशान ही न था |

ii. अभी हम समयचक्र नहीं बि क अपने समय को दे खना है |


उ तर: पाठ की यह पंिक्त मनु य को पयार्वरण की ओर जाग क करती है और संकेत दे ती है
िक समय की यात्रा जैसे िमशन पर यान दे ने की बजाय हम अपने समय की ज़ रत यानी
पयार्वरण संरक्षण की ओर यान दे ना है | इससे ही हमारा भिव य अ छा होगा |

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