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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij

Chapter 2 �ासा की ओर

प्र� 1.
थोड् ला के पहले के आ�खरी गाँ व प�ँ चने पर िभखमंगे के वे श म� होने के बावजू द लेखक को ठहरने के

e
िलए उिचत स्थान िमला जबिक दू सरी यात्रा के समय भद्र वे श भी उ�� उिचत स्थान नहीं िदला सका। �ों?
उ�र-

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इसका मु� कारण था-सं बंधों का मह�। ित�त म� इस माग� पर याित्रयों के िलए एक-जै सी �वस्थाएँ नही ं
थी ं। इसिलए वहाँ जान-पहचान के आधार पर ठहरने का उिचत स्थान िमल जाता था। िबना जान-पहचान
के यात्री को भटकना पड़ता था। दू सरे , ित�त के लोग शाम छः बजे के बाद छङ पीकर म� हो जाते थे ।

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तब वे याित्रयों की सुिवधा का �ान नहीं रखते थे ।

प्र� 2.

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उस समय के ित�त म� हिथयार का कानून न रहने के कारण याित्रयों को िकस प्रकारे का भय बना रहता
था?
In
उ�र-
उस समय ित�त म� हिथयार संबंधी कानून न होने से याित्रयों को हमेशा अपनी जान को खतरा बना रहता
था। लोग हिथयारों को लाठी-डं डे की तरह लेकर चलते थे । डाकू अपनी र�ा के िलए याित्रयों या लोगों को
पहले मार दे ते थे, तब दे खते थे िक उनके पास कुछ है भी या नहीं। इस तरह हमेशा जान जो�खम म� रहती
sh

थी।

प्र� 3.
लेखक लड् कोर के माग� म� अपने सािथयों से िकस कारण िपछड़ गया?
ka

उ�र-
लेखक ल�ोर के माग� म� अपने सािथयों से दो कारणों से िपछड़ गया

1. उसका घोड़ा ब�त सु� था।


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2. वह रा�ा भटककर एक-डे ढ़ मील गलत रा�े पर चला गया था। उसे वहाँ से वापस आना पड़ा।

प्र� 4.
लेखक ने शेकर िवहार म� सुमित को उनके यजमानों के पास जाने से रोका, परं तु दू सरी बार रोकने का
प्रयास �ों नहीं िकया?
उ�र-
लेखक जानता था िक शे कर िवाहर म� सुमित के यजमान रहते ह� । सु मित उनके पास जाकर बोध गया के
गंडों के नाम पर िकसी भी कपड़े का गंडा दे कर दि�णा वसू ला करते थे । इस काम म� वे ह�ा लगा दे ते,
इसिलए मना कर िदया।
प्र� 5.
अपनी यात्रा के दौरान लेखक को िकन किठनाइयों का सामना करना पड़ा?
उ�र-
अपनी ित�त-यात्रा के दौरान लेखक को िविभ� किठनाइयों का सामना करना पड़ा। एक बार वह भू लवश
रा�ा भटक गया। दू सरी बार, उसे ब�त ते ज धूप के कारण परे शान होना पड़ा।

प्र� 6.
प्र�ुत यात्रा-वृ �ां त के आधार पर बताइए िक उस समय का ित�ती समाज कैसा था?

e
उ�र-
इस यात्रा वृतां त से पता चलता है िक उस समय ित�ती समाज म� परदा प्रथा, छु आछूत जै सी बुराइयाँ न

ut
था। मिहलाएँ अजनबी लोगों को भी चाय बनाकर दे दे ती थी। िन� श्रे षी के िभखमंगों को छोड़कर कोई भी
िकसी के घर म� आ जा सकता था। पु �षवग� शाम के समय छक पीकर मदहोश रहते थे । वे गंडों पर
अगाध िव�ास रखते थे। समाज म� अं धिव�ास का बोलबाला था।

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प्र� 7.
‘म� अब पु�कों के भीतर था।’ नीचे िदए गए िवकलों म� से कौन-सा इस वा� का अथ� बतलाता है -
(क) लेखक पु�क� पढ़ने म� रम गया।

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(ख) लेखक पु�कों की शै ल्फ़ के भीतर चला गया।
In
(ग) लेखक के चारों ओर पु�क� ही थीं।
(घ) पु�क म� लेखक का प�रचय और िचत्र छपा था।
उ�र-
(क) लेखक पु�क� पढ़ने म� रम गया।
sh

प्र� 8.
सुमित के यजमान और अ� प�रिचत लोग लगभग हर गाँ व म� िमले। इस आधार पर आप सु मित के
���� की िकन िवशेषताओं का िचत्रण कर सकते ह� ?
उ�र-
ka

सुमित के यजमान और प�रिचतों के हर गाँ व म� िमलने से उनकी अने क िवशे षताओं का पता चलता है ;
जैसे-

सुमित िमलसार और हँ स–मुख ��� थे िजनकी जान-पहचान का दायरा िव�ृत था।


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• सुमित अपने यजमानों को बोध गया से लाए कपड़े के गंडे बनाकर िदया करते थे और उनसे दि�णा
लेते थे।
• सुमित लोगों की आस्था का अनु िचत लाभ उठाते थे पर इसकी खबर लोगों को नहीं लगने दे ते थे ।
• वे बौ� धम� म� गहरी आस्था रखते थे ।

प्र� 9.
हालाँ िक उस व� मेरा भेष ऐसा नहीं था िक उ�� कुछ भी ख़याल करना चािहए था।’-उ� कथन के
अनुसार हमारे आचार-�वहार के तरीके वे शभू षा के आधार पर तय होते ह� । आपकी समझ से यह उिचत
है अथवा अनु िचत, िवचार �� कर� ।
उ�र-
यह बात सच है िक हमारे आचार-�वहार के तरीके वे शभू षा के आधार पर तय होते ह� । हम अ�ा
पहनावा दे खकर िकसी को अपनाते ह� तो गंदे कपड़े दे खकर उसे दु �ारते ह� । लेखक िभखमंगों के वे श म�
यात्रा कर रहा था। इसिलए उसे यह अपे �ा नहीं थी िक शे कर िवहार का िभ�ु उसे स�ानपू व�क
अपनाएगा।

मेरे िवचार से वेशभूषा दे खकर �वहार करना पू री तरह ठीक नहीं है । अने क सं त-महा�ा और िभ�ु

e
साधारण व� पहनते ह� िकंतु वे उ� च�रत्र के इनसान होते ह� , पू � होते ह� । परं तु यह बात भी स� है िक
वेशभूषा से मनु� की पहचान होती है । हम पर पहला प्रभाव वे शभू षा के कारण ही पड़ता है । उसी के

ut
आधार पर हम भले-बुरे की पहचान करते ह� ।

प्र� 10.

tit
यात्रा-वृ�ां त के आधार पर ित�त की भौगोिलक �स्थित का श�-िचत्र प्र�ुत कर� । वहाँ की �स्थित आपके
रा�/ शहर से िकस प्रकार िभ� है ?
उ�र

s
यात्रा वृ�ां त से �ात होता है िक ित�त भारत और ने पाल से लगता �आ दे श है जहाँ कुछ समय तक आने -
जाने पर प्रितबंध था। यह स्थान समुद्र तल से काफ़ी ऊँचा है । यहाँ सत्रह-अठारह हजार फीट ऊँचे डाँ ड़े ह�
In
जो खतरनाक जगह� ह� । ये डाँ डे निदयों के मोड़ और पहाड़ी की चोिटयों के कारण ब�त ऊँचे -नीचे ह� । यहाँ
एक ओर हज़ारों बरफ़ से ढं के �ेत िशखर ह� तो दू सरी ओर भीटे ह� िजन पर ब�त कम बरफ़ रहती है । यहाँ
िवशाल मैदान भी ह� जो पहाड़ों से िघरे ह� । यहाँ के िविचत्र जलवायु म� सू य� की ओर मुँह करके चलने पर
माथा जलता है जबिक कंधा और पीठ बरफ़ की तरह ठं डे हो जाते ह� । यह �स्थित हमारे रा�/शहर से पू री
तरह िभ� है ।
sh

प्र� 11.
आपने भी िकसी स्थान की यात्रा अव� की होगी? यात्रा के दौरान �ए अनु भवों को िलखकर प्र�ुत कर� ।
उ�र-
ka

परी�ोपयोगी नहीं।

प्र� 12.
यात्रा-वृ�ां त ग� सािह� की एक िवधा है । आपकी इस पा�पु �क म� कौन-कौन सी िवधाएँ ह� ? प्र�ु त
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िवधा उनसे िकन मायनों म� अलग है ?


उ�र-
ि�ितज के पाठ और िवधाएँ इस प्रकार ह� -
पाठ – िवधा
दो बैलों की कथा – कहानी
�ासा की ओर – यात्रा वृ �ां त
उपभो�ावाद की सं�ृित – िनबंध
साँ वले सपनों की याद – सं�रण

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