Professional Documents
Culture Documents
03 बचेंद्री पाल
03 बचेंद्री पाल
NCERT Solutions
पश पाठ-03 बच ी पाल
िन न ल खत न के उ र एक-दो पंि य म दी जए -
1. अि म दल का नेतृ व कौन कर रहा था?
उ र:- अि म दल का नेतृ व पूव उपनेता ेमचंद कर रहे थे।
िन न ल खत न के उ र (50-60 श द म) ल खए -
16. उपनेता ेमचंद ने िकन थितय से अवगत कराया?
उ र:- उपनेता ेमचंद ने अिभयान दल के सद य को िन न थितय से अवगत कराया -
• पहली बड़ी बाधा खुंभु िहमपात क थित से अवगत कराया। उ ह ने यह भी बताया िक उनके दल ने कप - एक (6000 मीटर),
जो िहमपात के ठीक ऊपर है, वहाँ तक का रा ता साफ़ कर िदया।
• यह भी बताया िक पुल बना िदया गया है, र सयाँ बाँध दी गई ह तथा झंिडय से रा ते को िचि त कर िदया गया है।
• बड़ी किठनाइय का जायजा ले लया गया है।
• लेिशयर बफ़ क नदी है और बफ़ का िगरना जारी है। यिद िहमपात अ धक हो गया तो अभी तक िकए गए सारे काम यथ हो
सकते ह। हम रा ते खोलने का काम दोबारा भी करना पड़ सकता है।
18. ले खका के तंबू म िगरे बफ़ िपंड का वणन िकस तरह िकया गया है?
उ र:- ले खका के तंबू म िगरे बफ़ िपंड का वणन बहत भयानक एवं खतरनाक था। ले खका गहरी न द म सोई थी िक रात 12.30
बजे एक स त चीज़ ले खका के सर के िपछले िह से से टकराई और वह जाग गई। साथ ही एक जोरदार धमाका भी हआ। एक
लंबा बफ़ िपंड हो से लेिशयर से टू टकर कप के ऊपर आ िगरा था। उसम अनेक िहमखंडो का पुंज था। वह एक ए स ेस रेलगाड़ी
क तेज़ गित के साथ और भीषण गजना के साथ िगरा था। इसने ले खका के कप को न कर िदया था। इससे चोट तो सभी को लगी
पर मृ यु िकसी क भी नह हई।
22. स म लत अिभयान म सहयोग एवं सहायता क भावना का प रचय बच ी के िकस काय से िमलता है?
उ र:- ले खका के यवहार से सहयोग और सहायता का प रचय तब िमलता है जब वे अपने दल के दस
ू रे सद य को मदद करने के
लए एक थमस म जूस और दस
ू रे म चाय भरने के लए बफ ली हवा म तंबू से बाहर िनकली और नीचे उतरने लगी। जय ने उनके
यास को खतरनाक बताया तो बच ी ने जवाब िदया "म भी और क तरह पवतारोही हँ, इस लए इस दल म आई हँ। शारी रक प
से ठीक हँ इस लए मुझे अपने दल के सद य क मदद य नह करनी चािहए?" यह भावना उसक सहयोगी वृ को दशाती है।
िन न ल खत के आशय प क जए -
23. एवरे ट जैसे महान अिभयान म खतर को और कभी-कभी तो मृ यु भी आदमी को सहज भाव से वीकार करनी चािहए।
उ र:- यह कथन अिभयान दल के नेता कनल खु र का है। उ ह ने शेरपा कुली क मृ यु के समाचार के बाद कहा था। उ ह ने
सद य के उ साहवधन करते हए अिभयान के दौरान होने वाली दघ
ु टनाओं को वा तिवकता से प रिचत करना चाहा। एवरे ट क
चढ़ाई कोई आसान काम नह है, यह जो खम भरा अिभयान होता है। यिद ऐसा किठन काय करते कुए मृ यु भी हो जाए तो उसे
वाभािवक घटना के प म लेना चािहए। सच्चा पवतारोही इस सत्य के साथ ही अपना अिभयान ारंभ करता है।
24. सीधे धरातल पर दरार पड़ने का िवचार और इस दरार का गहरे-चौड़े िहम-िवदर म बदल जाने का मा खयाल ही बहत डरावना
25. िबना उठे ही मने अपने थैले से दगु ा माँ का िच और हनुमान चालीसा िनकाला। मने इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े म
लपेटा, छोटी-सी पूजा-अचना क और इनको बफ़ म दबा िदया। आनंद के इस ण म मुझे अपने माता-िपता का यान आया।
उ र:- ले खका जब एवरे ट क चोटी पर पहँचकर घुटन के बल बैठ कर बफ़ पर अपना माथा लगाया और चुंबन िकया। उसके बाद
एक लाल कपड़े म माँ दगु ा का िच और हनुमान चालीसा को लपेटा और छोटी से पूजा करके बफ़ म दबा िदया वह बहत खुश थी
और उसे अपने माता-िपता का मरण हो आया। इस िवजय म ले खाक ने भगवान और अपने माता िपता का बारी बारी से नमन
िकया । यह ले खका के लए अ यंत गौरव का ण था। उ ह आज भी एवरे ट पर चढ़ने वाली थम भारतीय मिहला के पम
पहचाना जाता है।
• भाषा अ ययन
26. इस पाठ म यु िन न ल खत श द क या या पाठ का संदभ देकर क जए - िनहारा है, धसकना, खसकना, सागरमाथा,
जायज़ा लेना, नौ स खया
उ र:- िनहारा है - एवरे ट क चोटी को बच ी पाल ने िनहारा है।
धसकना - खसकना - ये दोन श द िहम - खंडो के िगरने के संदभ म आए ह।
सागरमाथा - नेपाली एवरे ट चोटी को सागरमाथा कहते ह।
जायज़ा लेना - यह श द ेमचंद ने कप के परी ण िनरी ण कर थित के बारे म यु हआ है।
नौ स खया - बच ी पाल ने तेन जंग को अपना प रचय देते हए यह श द यु िकया है।