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अ ट लां ट स

एक रह यमयी ीप

िशवे सूयवंशी
कॉपीराइट © 2021 िशवे सूयवंशी

सवािधकार सुरि त

यह उप यास पूणतया का पिनक है। इसका कसी ि या घटना से कोई स ब ध नह है। इस कहानी का उ े य कसी
धम या सं दाय क भावना को आहत प च ं ाने का भी नह है। य द उप यास म कसी थान या घटना क जानकारी
दी गयी है तो वह मा उप यास को कौतूहल वधक व मनोरं जक बनाने के िलए क गयी है।

इस पु तक का कोई भी भाग लेखक क िलिखत अनुमित के िबना, पुन ाि णाली म पुन पा दत या सं हीत नह
कया जा सकता या इले ॉिनक, मैकेिनकल, फोटोकॉपी, रकॉ डग, या कसी भी प म अ यथा प से संचा रत नह
कया जा सकता है।
लेखक क कलम से

“अित सवनाशहेतु तोऽ य तं िववजयेत्”

अथात अित सवनाश का कारण है, इसिलये अित का सवथा प रहार कर।

तो दो त इ ह कथन के साथ, म िशवे सू य वं शी एक बार फर


अपनी अगली पु तक को ले क र आपके सम तु त ं। यह पु तक ‘ रं ग
आफ अटलां टस’ सीरीज क दूस री पु तक है।
दो त हम जब भी अटलां टस के बारे म सोचते ह, हमारी आँ ख के
सामने सागर म डू बी एक भ स यता नजर आने लगती है। अटलां टस
दे व ता क वह धरती िजसका िज सव थम ले टो ने अपनी पु तक
‘टाइिमयस’ और ‘ टयास’ म कया था। कहते ह अटलां टस का िव ान
आज के िव ान से हजार गु ना यादा बे ह तर था। पर एक दन धरती के
जोर से िहलने क वजह से पू री अटलां टस स यता कह सागर म समा
गई। तब से ले क र आज तक वै ािनक, आ कयोलॉिज ट उस स यता को
ढू ं ढ ने का य कर रहे ह।
ई र को ां ड के िनमाण के िलये 7 त व क आव यकता थी-
अि , जल, वायु , पृ वी, आकाश, विन और काश। इन 7 त व से ई र
ने ां ड का िनमाण कया। पर अभी भी ई र क सबसे अि तीय रचना
बाक थी और वह थी जीवन क उ पि ।
जीवन क उ पि के िलये ई र ने ‘ कण’ का िनमाण कया,
िजसे अं े जी म ‘गॉड-पा टकल’ या ‘िह स- बोसन’ कहा जाता है। इस
कण ने ां ड के हर जीव का िनमाण कया। या था यह कण?
िजसने अलग-अलग कार के अरब -खरब जीव क रचना क , िजसने
इ ह इतना अलग-अलग बनाया।
इस कथानक म जहां एक ओर ितिल म, जादू, चम कार और रह य
है, वह दूस री ओर िव ान क एक अ भु त दुिनया है, जो िबग-बग, लै क
होल, ने बु ला और डाक मै ट र जै से िस ां त को खोलती है। पौरािणक
कथा और िव ान के ताने बाने से बु ना आ एक अ भु त कथानक, जो
क अब आपके हाथ म है।
अगर यह पु तक आपको अ छी लगती है तो इसको रे टं ग दे ना मत
भू िलये गा। आपके कम स क ती ा म ...........................................
आपका दो त
िशवे सूयवंशी
◆ ◆ ◆
ा थन

आज से लगभग 20,000 वष पहले ीक देव ता पोसाइडन ने अपनी


पि लीटो के िलये धरती पर वग क थापना क , िजसे अटलां टस के
नाम से जाना गया।
धीरे - धीरे अटलां टस का िव ान इतना उ त हो गया क वहां के
लोग वयं को भगवान मानने लगे । िजसके फल व प उ ह ने दे व ता के
िव ही यु का ारं भ कर दया। पोसाइडन ने ु होकर पू री
अटलां टस स यता को समु म डु बो दया और लीटो को एक कृ ि म ीप
पर ितिल म बनाकर कै द कर दया। उस कृ ि म ीप के आसपास का े
बारामू डा ि कोण कहलाया।
पोसाइडन ने इस ितिल म क सु र ा का भार 6 इं य , स त व ,
12 रािशय , ां ड के खतरनाक जीव-ज तु , रोमन यो ा और ीक
दे वी-दे व ता को दया। 28 ार वाला यह ितिल म अब अभे था। यह
ितिल म अब िसफ शारी रक कु शलता और बु ि से ही तोड़ा जा सकता
था।
अटलां टस के बचे ए यो ा 20,000 वष तक इस ितिल म को
तोड़ने क कोिशश करते रहे, पर वह सफल नह हो पाये । आिखरकार हार
कर उ ह ने मनु य का सहारा िलया और पृ वी के सबसे बु ि जीवी
मनु य को ितिल म म वे श करा दया।
फर शु ई रह य से प रपू ण एक अ भु त माला-
1) या वह साधारण मनु य ितिल म पी मायाजाल को तोड़कर
लीटो को उस कै द से आजाद करा पाये ?
2) या था िहमालय के गभ म िछपे एक अनोखे िव ालय का
रह य, जहां पर वे द के ारा िश ा दी जाती थी?
3) कै लाश पवत क गु फा से िनकला वे द का ान या ओलं प स
पवत के ीक दे व ता पर भारी पड़ा?
4) या महािशव क अलौिलक शि यां , ां ड के हर िव ान से
उ त थी?
5) या स पू ण ां ड जगत का सार ‘ओऽम’ श द म िनिहत था?
6) या कण म ही ‘िबग-बग’ का िस ा त समाया था?
7) या ां ड क र ा के िलये कु छ नये सु प रहीरो का ज म आ,
िजनके पास भगवान और िव ान दोन क ही शि यां थ ?
तो दो त दे र कस बात क , आइये शु करते ह, पृ वी पर जीवन
क उ पि का राज खोलती एक ऐसी कहानी, जो आपको इं सान, भगवान
और िव ान म अं त र करना िसखाएगी। िजसका नाम हैः “अटलां टस- एक
रह यमय ीप”
◆ ◆ ◆
चैपटर-1
अटलां टस का इितहास

7 जनवरी 2002, सोमवार, 10:00, वॉ शंगटन डी.सी., अमे रका

या वेगा?" वीनस ने वेगा को टोकते ए कहा- “ये तुम मुझे


"ये ‘लाइ ेरी ऑफ कां ेस’ य लेकर आ गए? मुझे लगा तुम मुझे
घुमाने ले जा रहे हो।"
वे गा ने वीनस को एक बार मु कु रा कर दे खा और फर अपनी कार
को पा कग क तरफ घु मा दया।
“ए चु ली ‘ ोफे सर कै रल’ ने मु झे एक ोजे ट पर ले ख िलखने को
कहा है। " वे गा ने कार को अं ड र ाउं ड पा कग क ओर मोड़ते ए कहा-
“और उस स जे ट पर कु छ िलखने से पहले , मु झे उसके बारे म जानना भी
तो ज री है। इसीिलए म तु ह ले क र व ड क सबसे बड़ी लाइ े री आया
ं। यहां पर हर स जे ट पर कताब मौजू द है। "
“ओह!" वीनस ने गहरी सां स ले क र कहा- “ठीक है, म तु हारी हे प
कर दूंगी। पर इसके बाद तु ह शाम को पाट दे ने का वादा करना होगा।"
वीनस ने मु कु राकर वे गा को लै क मे ल कया।
“यस .... योर!” वे गा ने कार को पा कग म लगाते ए, कार के
इं ज न को बं द कर दया।
वीनस और वे गा कार से उतर कर बाहर आ गए।
वे गा ने इधर-उधर नजर मारी और फर वीनस को ले क र िल ट क
ओर बढ़ गया।
“वै से ोजे ट क थीम या है? " वीनस ने िल ट म कदम रखते ए
पू छा।
“अटलां टस का रह य!” वे गा ने कहा।
वे गा क बात सु न वीनस एकाएक हैरान हो गई- “ये कै सा टॉिपक
है? यह तो हमारे स जे ट से मै च नह खाता।"
“मु झे या पता यार?" वे गा ने रसे शन के लोर पर कदम रखते
ए कहा- “अब ोफे सर ने जो टॉिपक दया, मने वो ले िलया। अब उनसे
बहस करने का कोई मतलब भी तो नह था।"
“बात तो तु हारी ठीक है। " वीनस ने भी वे गा क बात पर अपनी
सहमित जताते ए कहा।
तब तक वे गा रसे शन पर प ंच गया।
वे गा ने अपनी जे ब से लाइ े री काड िनकाल कर कं यू ट र म अपनी
एं ी क ।
एं ी के बाद कं यू ट र ने उसे 4 िडिजट का एक डोर पासवड दे दया।
वे गा वह डोर पासवड ले लाइ े री के मे न डोर तक प ंच गया।
लाइ े री का मे न डोर कं यू ट राइ ड पासवड से लॉक था।
वे गा ने दरवाजे के बगल लगे क पै ड पर 4 अं क का पासवड डाला।
कां च का दरवाजा ह क सी आवाज करता आ, एक तरफ लाइड
होकर खु ल गया।
वे गा वीनस को ले लाइ े री के अं द र िव हो गया।
“तु म तो ऐसे यहां चल रहे हो, जै से क रोज-रोज यहां आते हो?“
वीनस ने वे गा को छे ड़ ते ए कहा।
“कु छ ऐसा ही समझ लो। वै से ह ते म 3 दन तो आता ही ं यहां
पर।" वे गा ने चलते चलते जवाब दया- “ऐ चु ली मु झे कताब पढ़ना
ब त ही अ छा लगता है। "
अब वे गा एक कं यू ट र मशीन के पास प ंच गया। उसने कं यू ट र पर
अटलां टस श द टाइप कया और सच का बटन दबा दया।
कं यू ट र ने एक से क ड म ही 1024 कताब के नाम वे गा के सामने
रख दये ।
कताब के नाम के बाद उनके ले ख क का नाम, काशन वष आ द
िडटे स िलखी थ ।
वे गा क नजर ते जी से कताब क िल ट पर घू म ने लग ।
दे ख ते - दे ख ते वे गा क नजर एक कताब के नाम पर क गय ।
कताब का नाम कसी दूस री भाषा म िलखा था। ले ख क का नाम भी समझ
नह आ रहा था। काशन वष क जगह सन् 1508 िलखा था।
वे गा कु छ दे र तक ले ख क के नाम को दे ख ता रहा।
फर वे गा ने उस कताब का हॉल नं ब र, रै क नं ब र और िडटे ल को
एक छोटे से नोटपै ड पर नोट कर िलया और कं यू ट र को बं द कर, वीनस
को ले एक दशा क ओर चल दया।
तीन-चार गिलयार को पार करने के बाद अब वे गा कताब क
एक अनू ठी दुिनया म था।
एक िवशालकाय हॉल म चार तरफ 50 फु ट ऊं ची-ऊं ची कताब
क रै क म कताब ही कताब भरी ई थ ।
वीनस आँ ख फाड़े उस कताब के सं सार को दे ख ने लगी।
“अमे जं ग ! इतनी सारी कताब ....... यह तो एक अलग ही दुिनया
लग रही है। " वीनस ने आ यच कत होकर कहा।
“लाइ े री ऑफ कां े स व ड क सबसे बड़ी लाइ े री है। " वे गा ने
मु कु राकर वीनस क ओर दे ख ते ए कहा- “यहां पर 100 िमिलयन
कताब ह और हर रोज लगभग 2,000 कताब बढ़ जाती ह। यह तो भला
मानो क यह हमारे शहर वॉ शं ग टन म ही है। नह तो हम ले ख िलखने के
िलए कसी और शहर म जाना पड़ता।"
बात करते - करते चलते ए वे गा ने पाँ च हॉल को पार कर िलया।
छठा हॉल अब उनके सामने था।
वे गा क नजर अब रै क पर पड़े नं ब र पर फरने लग । बामु ि कल
30 से कं ड म ही उसे रै क नं ब र 35 दखाई दे गयी।
वे गा क नजर अब कताब नं 0 823 पर गय । उसने आगे बढ़कर
उस रह यमई कताब को रै क से िनकाल िलया।
वह कताब लगभग 400 पृ क दख रही थी।
वे गा को कताब िनकालता दे ख उस हॉल का लाइ े रयन उनके
पास आ गया।
“यह कताब हम 7 दन के िलए इ यू करवाना है। " वे गा ने
लाइ े रयन से कहा।
लाइ े रयन ने उस कताब को यान से दे खा और फर बोला-
“सॉरी सर, .... यह कताब काफ ाचीन है .... इस े ड क कताब को
आप ले नह जा सकते । आपको इसको यह पढ़ना पड़े गा।"
वे गा ने लाइ े रयन क बात सु न अपनी नजर इधर-उधर घु मा ।
अब उसक नजर सामने कां च के बने साउं ड ू फ के िबन क ओर ग ।
के िबन को दे ख ते ए वे गा ने कहा- “ठीक है फर आप एक के िबन
खु ल वा दीिजए। म वह बै ठ कर यह कताब पढ़ ले ता ं। "
“सर ..... पर वो के िबन तो वी.आई.पी. रीडस के िलए है। आपको
यहां कॉमन ए रया म ही बै ठ कर, यह कताब पढ़नी होगी।
य क............।"
ले कन इससे पहले क लाइ े रयन कु छ और कह पाता। वे गा ने
अपने पस से िनकालकर एक काड लाइ े रयन के सामने लहराया।
वह काड दे ख कर लाइ े रयन खु श होते ए बोला- “सॉरी सर, आप
के िबन म कताब पढ़ सकते ह।"
यह कहकर लाइ े रयन ने एक के िबन खोल दया।
वे गा, वीनस को ले क र उस के िबन म आ गया।
के िबन म एक कां च क गोल टे ब ल पड़ी थी और उसके चारो तरफ
चार कु सयां लग थ ।
वे गा और वीनस एक-एक कु स ले क र आमने - सामने बै ठ गये ।
“वाह! मु झे तो पता ही नह था क म एक वी.आई.पी. के साथ चल
रही ं। " वीनस ने शोखी से अपनी आँ ख गोल-गोल नचाते ए कहा।
वे गा ने मु कु राकर वीनस को दे खा, पर बोला कु छ नह ।
अब वे गा क िनगाह उस कताब पर थ ।
वे गा ने उस कताब पर धीरे से हाथ मारा। कताब से थोड़ी सी धू ल
िनकलकर इधर-उधर िबखर गई।
“यह तो ऐसा लग रहा है क जै से इस कताब को कसी ने बरस से
खोला ही ना हो?" वीनस ने कताब को दे ख ते ए कहा- “अरे ! इस पर
िलखी भाषा भी ब त अजीब सी है ..... म तो यह पढ़ भी नह पा रही।"
“यह ‘एरकान’ भाषा है। " वे गा ने वीनस को दे ख ते ए कहा- “यह
अमे रका क सबसे ाचीन भाषा म से एक है। "
“तो फर तु म यह भाषा कै से पढ़ सकते हो?" वीनस ने अपनी आँ ख
को िसकोड़ते ए पू छा।
“मे रे बाबा ने िसखाई है मु झे यह भाषा।" वे गा ने कहा।
“वै से इस कताब का नाम या है? " वीनस ने कताब क ओर दे ख ते
ए पू छा।
“इस कताब का नाम है- ‘अटलां टस का इितहास’ और इसके ले ख क
का नाम है ‘कलाट’। इस कताब को उ ह ने सन् 1508 म िलखा था।"
“बाप रे ! यह तो लगभग 500 वष पु रानी कताब है। " वीनस ने
आ य भरे वर म कहा- “ फर तो म भी सु नूं गी, इस कताब क कहानी।"
“हां - हां ! य नह ? इसीिलए तो के िबन िलया है मने , िजससे
हमारी आवाज लाइ े री म ना गूं जे । " वे गा ने वीनस को दे ख ते ए कहा।
वीनस ने हां म िसर िहलाया और उ सु क ता से वे गा क ओर दे ख ने
लगी।
वीनस को अपनी तरफ दे ख ते ए पाकर वे गा ने कताब का पहला
प ा खोला और जोर-जोर से कहानी को पढ़ने लगा-
“अटलां टस िजसे दे व ता क धरती कहा जाता था। अटलां टस
एक ऐसा ीप िजसे ‘पृ वी का वग’ कहा जाता था। अटलां टस ीप का
आकार े फल क दृि से , आज के एिशया के कु ल े फल से भी बड़ा
था। इतना बड़ा महा ीप जहां का िव ान, आज के िव ान से भी ब त
यादा उ त था। अचानक एक दन वह पू रा का पू रा ीप समु म समा
गया। या था अटलां टस ीप का इितहास? कै से थे वहां के लोग? कै से
उनका िव ान इतना यादा उ त बना? और कस कारण से पू री स यता
समु म समा गई? यह आज भी रह य बना आ है। कसी को पू री तरह
से अटलां टस क जानकारी नह है। तो आइए आज हम जानते ह
अटलां टस के इितहास के बारे म।"
इतना कहकर वे गा ने एक नजर वीनस पर मारी और कताब का
प ा पलट कर फर पढ़ना शु कर दया- “लगभग 20,000 वष पहले
समु के दे व ता ‘पोसाइडन’ ने धरती पर वग बनाने क क पना क ।
इसके िलए उ ह एक िवशालकाय ीप और कु छ बु ि मान इं सान क
ज रत थी। इसके िलए ‘पोसाइडन’ ने सबसे बड़े ीप क तलाश शु क ।
तलाश करते - करते ‘पोसाइडन’ को एक ब त बड़ा ीप िमला। जो समु
के बीच चार तरफ से पहाड़ से िघरा आ था। उस ीप पर उस समय
12 अलग-अलग रा य आ करते थे । जहां पर अलग-अलग तरह क 12
जाितयां भी रहती थ । सभी रा य आपस म हमे शा वच व क लड़ाई
करते रहते थे । इस ीप पर ‘पोसाइडन’ को एक खू ब सू र त लड़क दखाई
दी। िजसका नाम ‘ लीटो’ था जो क अपने िपता ‘एवनार’ और माँ
‘लु िसपी’ के साथ रहती थी। ‘ लीटो’ का स दय िब कु ल दे िवय क तरह
था। ‘पोसाइडन’, ‘ लीटो’ को दे ख कर उस पर मोिहत हो गया।
‘पोसाइडन’ ने ‘ लीटो’ से शादी कर ली और उसे इन 12 रा य क दे वी
घोिषत कर दया। ‘पोसाइडन’ ने ‘ लीटो’ को उस ीप के िनमाण के
िलए, एक फु टबॉल के आकार का काला मोती दया। काला मोती म ां ड
क अपार शि यां समाई थ । वह ां ड के स त व ‘अि , जल, वायु ,
पृ वी, आकाश, विन और काश’ पर भी िनयं ण कर सकता था। अतः
काला मोती स त व क मदद से ां ड के हर एक न और िनज व
व तु का िनमाण कर सकने म स म था। परं तु उस काले मोती को िसफ
वही िनयं ि त कर सकता था, िजसके पास ‘पोसाइडन’ क दी ई
‘ितिल मी अं गू ठी’ हो। ‘पोसाइडन’ क यह ितिल मी अं गू ठी ‘ कण’ से
िन मत थी और कण ने ही ां ड के सभी सजीव जीव क रचना क
थी। इसी कण को ‘ई रीय कण’ के नाम से भी जाना जाता है।
पोसाइडन ने काले मोती को कं ोल करने के िलए, अपनी यह ितिल मी
अं गू ठी भी लीटो को दे दी। पोसाइडन क दी ई यही ितिल मी अं गू ठी
बाद म ‘ रं ग आफ अटलां टस’ के नाम से िस ई। लीटो ने इस
ितिल मी अं गू ठी क सहायता से काले मोती को िनयं ि त कर, उस ीप
पर एक िवशालकाय और भ स यता क रचना क । लीटो ने इस
स यता का आकार भी ितिल मी अं गू ठी के समान ही गोल बनाया। पू रे
ीप को पां च भाग म िवभ कया गया। पू व , पि म, उ र, दि ण और
क । क का भाग लीटो के महल के प म िवकिसत कया गया। जहां
पर पोसाइडन के एक भ मं दर का िनमाण आ। कहते ह क यह मं दर
इतना िवशालकाय था क उसक दीवार बादल के भी ऊपर तक जाती
थ । लीटो ने अटलां टस के पां च भाग म एक-एक िवशालकाय िपरािमड
क रचना भी कराई। ये िपरािमड उस समय ीप क सभी ऊजा क
ज रत को पू रा करते थे । इस ीप के हर भाग म, लोग क ज रत के
िहसाब से लाल और काले प थर से िवशालकाय भवन का िनमाण कया
गया। ीप पर क से बाहर क ओर तीन िवशालकाय ‘आउटर रं ग ’
बनाए गए। एक रं ग से दूस रे रं ग क दूरी 9 कलोमीटर क थी। इस 9
कलोमीटर के े म समु का पानी भरा गया। पहले और दूस रे रं ग को
10 भाग म िवभािजत कर उ ह 10 रा य का प दया गया, िजनम ीप
क 10 जाितय को जगह दी गयी। तीसरे और आिखरी रं ग म बाक क
बची दो जाितय ‘सामरा’ और ‘सीनोर’ को यो ा के प म
अटलां टस क सु र ा के िलए बसाया गया। बाद म लीटो के महल को
के मानकर एक सीधी रे खा म 8 चौड़े पु ल का िनमाण कया गया। ये पु ल
हर एक रा य से होकर जाते थे । इस पू रे ीप के नीचे काँ च क ूब म
समु के अं द र रा त का जाल बनाया गया। पू रे रा य का िनमाण इस
कार कया गया था क बड़े से बड़ा पानी का जहाज भी सीधे महल तक
प ंच सके । अपने उ त िव ान के कारण अटलां टस वािसय क औसत
उ 800 वष क होने लगी और उ ह ने पानी म भी साँ स ले ने क कला
सीख ली। इसिलए उनके रा य का ब त सा िह सा समु के अं द र भी
बनाया गया। पानी के अं द र एक थान से दूस रे थान पर जाने के िलए
काँ च के कै सू ल के समान छोटी-छोटी बोट बनाई गय , जो क समु क
लहर से ऊजा ा कर चलती थ । लीटो ने अलग-अलग जीव को
िमलाकर कु छ नये जीव क रचना क , िज ह ‘जलोथा’ का नाम दया
गया। ये सारे जलोथा आकार और कार म िभ -िभ कार के थे । ये
िविच जीव, जल और थल दोनो ही जगह पर जीिवत रह सकते थे । इस
भ सा ा य क थापना कर लीटो वहां आराम से रहने लगी। धीरे -
धीरे एक-एक कर लीटो ने पां च बार जु ड़ वा ब को ज म दया। लीटो
के इन 10 ब म एक भी लड़क नह थी। समय आने पर लीटो ने अपने
सबसे बड़े पु ‘एटलस’ को इस सा ा य का राजा बना दया। धीरे - धीरे
बाक के 9 पु ने भी अटलां टस के 9 अलग-अलग रा य को सं भाल
िलया। बाक बचे दो रा य ‘सामरा’ और ‘सीनोर’ के यो ा को लीटो
वयं िनयं ि त करती रही। बाद म एटलस के ही नाम पर उस ीप का
नाम ‘अटलां टस’ रखा गया। काले मोती क वजह से अटलां टस का
िव ान इतना उ त हो गया क ां ड के दूस रे ह से पर हवािसय का
भी पृ वी पर आना-जाना शु हो गया। एक बार पोसाइडन को कसी
बात पर लीटो के च र पर शक हो गया। उसने ोिधत होकर लीटो से
अपनी ितिल मी अं गू ठी छीन ली। लीटो ने िबना ितिल मी अं गू ठी के जै से
ही काला मोती को अपने हाथ म उठाया, वह प थर क बन गई। इसके
बाद पोसाइडन ने एक कृ ि म ीप का िनमाण कया और इस ीप का
नाम ‘अराका’ रखा। यह ीप पानी पर भी तै र सकता था। पोसाइडन ने
उस ीप पर एक िवशालकाय मानव आकृ ित वाले , पहाड़ व पी
ितिल म क रचना क और लीटो को काला मोती सिहत उस ितिल म म
डाल दया। इस तरह लीटो ितिल म म यु ग -यु ग तक के िलए कै द हो
गई। बाद म पोसाइडन ने गु से म आकर अपनी ितिल मी अं गू ठी भी उसी
पहाड़ पर कह फक दी। जब लीटो के पु एटलस को इस बात का पता
चला तो वह पोसाइडन के इस कृ य पर ब त गु सा आ। उसने
अटलां टस के 10 महायो ा को ितिल म तोड़कर काला मोती लाने को
भे जा। मगर सारे महायो ा ितिल म तक प ंच ने के पहले ही ‘अराका’ के
‘मायावन’ म मारे गए। फर तो जै से एक िसलिसला सा शु हो गया।
एटलस और उसके भाई हर वष नये यो ा का चु नाव करते और उ ह
ितिल म को तोड़ने के िलए भे ज दे ते , पर कोई सफल नह हो पा रहा था।
आिखरकार एटलस ने ‘ए रयन आकाशगं गा’ के महान ‘टाइटन यो ा ’
को उस ितिल म तोड़ने के िलए आमं ि त कया। िजससे गु सा होकर
पोसाइडन ने यह ाप दया क अब इस ितिल म म मनु य के अलावा
कोई भी अटलां टयन, टाइटन, दे व ता या दे व पु वे श नह कर सकता
और काला मोती को भी अब कोई दे व पु ी ही धारण कर सकती है।
पोसाइडन को पता था क एटलस क अगली सात पी ढ़य म अभी कोई
पु ी ज म नह ले ने वाली और रही बात मनु य क , तो उसे पता था क
मनु य के पास इतनी शि व बु ि नह है क वह ितिल म को तोड़ सक।
अब एटलस के पास कोई रा ता नह बचा था। अं त तः ोिधत होकर
एटलस ने पोसाइडन के ही िव यु का ऐलान कर दया। चूं क ए रयन
के टाइटन यो ा अब एटलस के साथ थे इसिलए यु ब त ही भयानक
आ। इस यु को ‘दे व यु ’ के नाम से जाना गया। इस यु म पोसाइडन
क तरफ से कु छ ीक दे व ता ने भी यु कया। जब पोसाइडन को लगा
क अब यह दे व पु धीरे - धीरे खतरनाक होते जा रहे ह तो पोसाइडन ने
अपनी सारी शि य को एकि त कर अटलां टस क पू री धरती को
िहलाकर लय ला दया। अटलां टस क धरती पर एक साथ हजार
वालामु खी फटे , भू कं प आये और फर अिव सनीय सु नामी। इस लय के
कारण पृ वी का जल तर 800 मीटर तक ऊपर आ गया। अं त तः पू री
अटलां टस क भ धरती धीरे - धीरे समु म समा गयी। एटलस सिहत
उसके सारे भाई इस यु म मारे गए। बची थी तो के वल एटलस क प ी
‘लीिडया’, जो क गभवती होने के कारण अपने माँ के घर ‘ए रयन
आकाशगं गा’ पर मौजू द थी। सब कु छ ख म होने के बाद जब लीिडया
अटलां टस प ंची तो वहां िसफ सामरा और सीनोर जाित के कु छ यो ा ही
बचे थे और बचा था तो बस अराका ीप .... जो पानी पर तै र ने क वजह
से इस खतरनाक दुघ टना से बच गया था। लीिडया अब सामरा और
सीनोर के साथ अराका पर रहने लगी। कु छ समय के प ात लीिडया ने
एक पु़ को ज म दया। सामरा और सीनोर दोनो जाितयां लीिडया को
दे वी क तरह पू ज ते थे । अब लीिडया को इं त जार था क उसके प रवार म
कसी लड़क का ज म हो, जो उस ितिल मी अं गू ठी को ढू ं ढ कर, काला
मोती को ा कर सके और अटलां टस रा य को दोबारा से थािपत कर
सके । धीरे - धीरे हजार वष बीत गए, पर एटलस क अगली सात पी ढ़य
म एक भी लड़क का ज म नह आ। आिखरकार वह शु भ बे ला आ ही
गयी। 13070 साल बाद एटलस के प रवार म एक लड़क का ज म आ।
िजसका नाम ‘ऐले ना’ रखा गया। बड़ी होने पर ऐले ना क शादी ‘ए रयन
आकाशगं गा’ के एक महान यो ा ‘आगस’ के साथ ई। अब फर शु आ
िसलिसला ितल मी अं गू ठी को ढू ं ढ ने और काला मोती को ा करने का।
समय धीरे - धीरे बीतता गया पर ऐले ना को ितिल मी अं गू ठी नह िमली।
कु छ समय बाद ऐले ना ने भी एक-एक कर 8 ब को ज म दया। िजनम
7 लड़के थे और एक आिखरी सबसे छोटी लड़क थी। लड़क का नाम
‘शलाका’ रखा गया। ‘शलाका’ बचपन से ही ब त ते ज थी। उधर समय के
साथ-साथ सामरा और सीनोर जाितय ने भी आपस म लड़ना शु कर
दया था, पर शलाका ने अपनी सू झ -बू झ से दोन को अ छे से कं ोल कर
िलया और अराका ीप के आधे - आधे िह से को दोनो म बां ट दया।
शलाका और उसके 7 भाइय ने कई आकाशगं गा से असीम ान अ जत
कया। ऐले ना को यह िव ास था क शलाका हर हाल म ितिल मी अं गू ठी
ढू ं ढ ले गी और अटलां टस क स यता क फर से रचना करे गी।"
इतना पढ़कर वे गा क गया और वीनस क ओर दे ख ने लगा।
“ या आ चु प य हो गए?" वीनस ने वे गा से पू छा।
“बस अटलां टस का इितहास यह तक था। इसके आगे दे वी शलाका
और उनके 7 यो ा भाइय क शि यां और ए रयन आकाशगं गा का िज
है बस। और उसको पढ़ने का कोई फायदा नह है य क मु झे उस पर ले ख
थोड़े ही िलखना है। " वे गा ने वीनस को समझाते ए कहा।
“पर जो भी कहो, अटलां टस का इितहास है ब त शानदार।"
वीनस ने कहानी क तारीफ करते ए कहा- “पर काश ये सब सच होता?"
“मतलब????" वे गा के चे ह रे पर उलझन के भाव आये ।
“मतलब ... ये तो एक फै टे सी फ शन या का पिनक कताब है ना
....?" वीनस ने कहा- “आज के समय म तो लोग पोसाइडन पर ही
िव ास नह करते , फर दे वी शलाका पर कै से िव ास करगे । हां ... पर
जो भी हो, ले ख क क क पना क उड़ान ब त अ छी है। "
यह कहकर वीनस खड़ी हो गयी।
“तु म मु य दरवाजे क तरफ चलो, म अभी आता ं। " यह कहकर
वे गा लाइ े रयन क तरफ मु ड़ गया।
वीनस ने एक नजर वे गा पर डाली और फर मु य दरवाजे क ओर
चल दी।
लाइ े रयन वे गा को अपनी तरफ आते दे ख खड़ा हो गया।
“मु झे यह कताब इ यू करवानी है। " वे गा ने लाइ े रयन क आँ ख
म आँ ख डालते ए कहा।
“पर सर ...... म आपको तो पहले ही कह चु का ं क .......।" वे गा
क आँ ख म दे ख ते ए लाइ े रयन अचानक चु प हो गया।
“ या कह चु के हो आप?" वे गा ने पू छा।
“आप यह कताब ले जा सकते ह।" अचानक से लाइ े रयन का सु र
बदल गया- “ कए म आपको यह कताब पै के ट म डाल कर दे ता ं
िजससे गे ट पर आपको कोई ॉ लम न हो।"
यह कहकर लाइ े रयन ने कताब को वे गा से ले क र 1 पै के ट म डाल
दया और पै के ट को सील कर, वे गा को वह पै के ट थमा दया।
वे गा वह पै के ट ले क र ते जी से वीनस क ओर चल दया।
वीनस ने वे गा के हाथ म थमा पै के ट तो दे खा और उससे कु छ पू छा
नह ।
दोन मु य ार से िनकलकर पा कग क ओर चल दए।
उधर लाइ े री म एक दूस रा आदमी लाइ े रयन के पास एक
कताब ले क र प ंचा।
“हैलो सर, मु झे यह कताब इ यू करवानी है। " उस इं सान ने
लाइ े रयन से कहा।
पर लाइ े रयन अभी भी जै से कह हवा म दे ख रहा था।
यह दे ख उस इं सान ने लाइ े रयन को धीरे से िहला दया।
उस आदमी के झकझोरते ही लाइ े रयन ऐसे हड़बड़ाया, मानो
सोते से जागा हो।
लाइ े रयन ने एक झटके से इधर-उधर दे खा, पर उसे वे गा कह
नजर नह आया।
लाइ े रयन ने अपने िसर को एक ह का सा झटका दया और पु नः
अपने काम पर लग गया।
◆ ◆ ◆
िपछली पु तक का सारांश

हैलो दो त ,
यह पु तक ‘ रं ग आफ अटलां टस’ सीरीज क दूस री पु तक है। या
आपने इस पु तक को पढ़ने के पहले इसका थम भाग पढ़ा है? अगर नह
.... तो इस पु तक का पू ण आन द उठाने के िलये कृ पया इसके पहले भाग
‘सन राइ जं ग - एक रह यमई जहाज’ को अव य पढ़।
अगर आप कसी कारणवश ‘सन राइ जं ग - एक रह यमई जहाज’
को नह पढ़ना चाहते तो आइये उस पु तक के सारां श को पढ़कर उसक
याद को ताजा कर ल-
माइकल अपनी पि मारथा और अपनी 13 वष य बे टी शै फाली के
साथ ‘सन राइ जं ग ’ नामक पानी के जहाज से यू याक से िसडनी जाने का
लान बनाता है य क माइकल के कॉले ज के समय के ोफे सर अलबट भी
उसी जहाज से िसडनी जाने वाले थे । चूं क शै फाली अपने जमन शे फ ड कु े
ू नो के िबना नह जाना चाहती थी, इसिलये माइकल जहाज के कै टे न से
ू नो को ले जाने के िलये िवशे ष अनु म ित ले ले ता है। अभी ये लोग बात कर
ही रहे होते ह क तभी ज म से अं धी शै फाली को सोते समय कु छ िविच
से सपने आते ह। उन सपन से शै फाली डरकर उठ जाती है। माइकल और
मारथा को आ य होता है क ज म से अं धी शै फाली को सपने कै से आ
सकते ह।
सन राइ जं ग यू याक बं द रगाह से अपने सफर पर चल पड़ता है।
सन राइ जं ग के डे क पर खड़ा ऐले स एक इटै िलयन लड़क टी को
दे ख ता है जो एक कताब पढ़ रही होती है। तभी टी के कॉले ज क
दो त लॉरे न उसे िमल जाती है। टी, लॉरे न के साथ बात करते ए वहां
से चली जाती है, पर उसक कताब वह छू ट जाती है, िजसे ऐले स उठा
ले ता है। उधर टी और लॉरे न एक दूस रे से अपनी पु रानी बात शे य र
करत ह। टी को पता चलता है क लॉरे न का वाय ड भी इसी
जहाज पर है। टी लॉरे न से उसक फोटो दखाने के िलये िजद करती
है। लॉरे न टी को अपने वाय ड क फोटो अगले दन दखाने का वादा
करती है। लॉरे न बताती है क वह इस जहाज पर ी स डां स ु प के साथ
आयी है, िजसक मु य डां स र जे िनथ के साथ वह उसके कमरे म रहती है।
शाम को ऐले स टी का म न बर पता करके उसक कताब
वापस करने जाता है और टी को िडनर पर चलने के िलये कहता है,
पर टी ऐले स म अपना इं े ट नह दखाती।
रात म िडनर के समय सन राइ जं ग का कै टे न सु य श सभी याि य
से अपने चालक दल का प रचय कराता है। इसके बाद जे िनथ और लॉरे न
का डां स शु हो जाता है। डां स ख म होने पर जे िनथ को वहां तौफ क
दखाई दे ता है। जे िनथ लॉरे न को बताती है क तौफ क ने एक बार एक
ए सीडट से उसक जान बचाई थी। वह लॉरे न से तौफ क का कमरा
न बर पता करने को कहती है। तभी उनके कमरे म जै क और जॉनी नाम के
2 बदमाश घु स जाते ह और जे िनथ से ब तमीजी करने लगते ह। यह दे ख
लॉरे न जहाज के क ान और िस यो रटी के आदिमय को बु ला ले ती है।
सु य श जै क और जॉनी को चे तावनी दे क र छोड़ दे ता है।
तभी सन राइ जं ग के कं ोल म म यू याक बं द रगाह से बताया
जाता है क उनके जहाज पर कु छ अपराधी भी घु स आये ह। सु य श को कहा
जाता है क अपराधी को वह वयं से ढू ं ढे और अगले टापे ज पर उसे
इं ट रपोल के हवाले कर द।
सु य श अिस टट कै टे न रोजर और िस यो रटी इं चाज लारा के साथ
िमलकर एक िनशाने बाजी क ितयोिगता का लान बनाता है। िजसम 28
ितयोगी भाग ले ते ह और तौफ क, लोथार और जै क मशः थम, ि तीय
और तृ तीय पु र कार जीतते ह। सु य श अब िसफ इ ह 28 ितयोिगय के
कमर को अपनी िस यो रटी के लोग को यू इयर वाले दन चे क करने
को कहता है।
उधर अलबट शै फाली का दमाग चे क करने के िलये शै फाली का
अलग-अलग तरह से टे ट ले ता है और शै फाली क ितभा से भािवत हो
जाता है। वह दूस री ओर जे िनथ अपने यार का इजहार तौफ क से करती
है।
अगले दन लॉरे न ऐले स को अपना वाय ड बनाकर टी से
िमलाती है, पर टी अपने ते ज सवाल से जान जाती है क ऐले स
लॉरे न का वाय ड नह है। उधर जॉनी, जै क से 10000 डॉलर क शत
लगा ले ता है क वह सबके सामने जे िनथ को कस करके दखाएगा। अपनी
शत को पू रा करने के िलये जॉनी जे न रे ट र म म काम करने वाले आथर
को कु छ पै से दे क र अपना काम करने के िलये मना ले ता है।
मगर जॉनी का पू रा लान जहाज के िस यो रटी इं चाज डन को
पता चल जाता है, वह सु य श को बता दे ता है क जॉनी यू इयर के दन
एक िमनट क लाइट ऑफ करवाकर कसी को कस करना चाहता है।
सु य श कहता है क लाइट को 30 से के ड म ही ऑन करवा दे ना। इससे
जॉनी बीच लान म पकड़ा जाये गा।
यू इयर के दन जहाज के कं ोल म म जहाज का से के ड अिस टट
कै टे न असलम, सभी को शराब िपलाकर यू ईयर से ली े ट करता है। उधर
जहाज के हॉल म जै से ही यू इयर पर लाइट ऑफ होती है, एक गोली क
आवाज सु नाई दे ती है और जब लाइट को जलाया जाता है तो टे ज पर
लॉरे न क लाश दखाई दे ती है, िजसके क माथे पर एक गोली लगी होती
है। हॉल से सु य श को एक रवा वर भी बरामद हो जाती है। सु य श को
लगता है क िजसने भी गोली चलाई होगी उसने ज र रवा वर को
माल से पकड़ रखा होगा। यह सोचकर सु य श सभी के माल जमा
करवाकर लै ब म चे क करने के िलये भे ज दे ता है। बाद म यान से दे ख ने
पर सु य श को लॉरे न के गले म पड़ा एक लॉके ट दखाई दे ता है, िजसम
रे िडयम लगा होता है। सु य श समझ जाता है क इसी रे िडयम को दे ख कर
काितल ने अं धे रे म गोली चलाई होगी। वह लॉरे न क लाश को टोर म
म रखवा दे ता है।
बाद म िस यो रटी वाले बताते ह क जब वो जै क का कमरा चे क
कर रहे थे तो उ ह बगल वाले कमरे से कु छ अजीब सी आवाज सु नाई द ।
सु य श उस म म जाकर चे क करता है तो पता चलता है क वो म
शै फाली का है और वह िविच सी आवाज ू नो के दरवाजा खु र चने क
वजह से आ रही थी। तभी शै फाली उसे काितल क कु छ आदत के बारे म
बताती है। सु य श भी शै फाली के तक सु न कर शै फाली से भािवत हो जाता
है। तभी एक िस यो रटी का आदमी आकर बताता है क कं ोल म म कोई
दरवाजा नह खोल रहा है। सु य श कं ोल म का इमजसी दरवाजा
खु ल वाता है। क ोल म के सभी सद य शराब के नशे म बे होश पड़े थे ।
तभी उ ह लो रडा से एक मै से ज िमलता है क उनका जहाज गलत दशा
म भटक कर बारामू डा ि कोण के खतरनाक े म प ंच गया है।
तभी जहाज के ऊपर से एक नीली रोशनी िबखे र ती उड़नत तरी
िनकलती है। िजसके बाद जहाज के सारे इले ािनक यं खराब हो जाते
ह। अभी सब लोग ठीक से समझ भी नह पाते ह क तभी सन राइ जं ग के
आगे एक िवशालकाय भं व र आ जाती है िजसम सन राइ जं ग फं स जाता है।
सु य श के अनु भ व और सू झ बू झ से चालक दल जहाज को भं व र से िनकालने
म सफल हो जाते ह। मगर भं व र से बचने के च र म सन राइ जं ग
बारामू डा ि कोण के े म और अं द र प ंच जाता है।
सु य श सही रा ते को पता करने के िलये रोजर को हेलीकॉ टर से
भे ज ता है, जहां एक रह यमय ीप को दे ख ते ए रोजर का हेलीकॉ टर
दुघ टना त हो जाता है। उधर सु य श के कपड़े एक लू हेल िभगो दे ती है,
िजससे डन को सु य श क पीठ पर बना एक सू य का टै टू दख जाता है।
उसी रात शै फाली के सोते समय कोई उसके पास एक सोने का िस ा छोड़
जाता है। अलबट बताता है क यह सोने का िस ा ाचीन लु शहर
अटलां टस का है, िजस पर वहां क दे वी और एक डॉि फन का िच
अं कत था। उसी समय शै फाली को फर सपने आते ह, िजसम उसे एक
रह यमय ीप और एक सु न हरा मानव दखाई दे ता है।
अगले दन असलम को वही रह यमय ीप दखाई दे ता है, पर
सु य श जहाज को उस ीप क ओर मोड़ने से मना कर दे ता है। सु य श लारा
को लै क थं ड र नामक एक जहाज क कहानी सु नाता है, जो 16 वष पहले
सन राइ जं ग क ही भां ित बारामू डा ि कोण म खो गया था। तभी लारा
और सु य श को एक परछाई, अपने कं धे पर कोई चीज उठाए, भागती
दखाई दे ती है। दोन उसका पीछा करते ह, पर वह परछाई पानी म कू द
जाती है। सु य श और लारा वहां डे क पर खड़े अलबट से पू छ ताछ करते है।
प र उससे कु छ खास पता नह चलता। सु य श को डे क क रे लं ग पर एक
फटा आ कपड़ा िमलता है, जो वह अपने पास रख ले ता है। तभी इन सभी
को टी क चीख सु नाई दे ती है। जब ये सब टी के कमरे म प ंच ते ह
तो इ ह एक खतरनाक हरा क ड़ा दखाई दे ता है, जो क वहां खड़े एक
गाड को मार दे ता है। तौफ क उस क ड़े को गोली मार दे ता है। अलबट
बताता है क उस क ड़े को इसके पहले साइबे रया म दे खा गया था। गाड
क लाश को भी टोर म म रखने के िलये भे ज दया जाता है। तभी गाड
क लाश को ले जाने वाले दोनो ि भागकर आते ह और बताते ह क
लॉरे न क लाश टोर म से गायब हो गयी है। सु य श सिहत सभी ि
जब भागकर टोर म प ंच ते ह, तो वहां लॉरे न क लाश के साथ अभी
मरे गाड क लाश को भी गायब पाते ह। सु य श ू नो को गायब ई लॉरे न
क लाश क जगह सुं घाता है, तो ू नो भागकर एक डे क पर आ जाता है,
जहां सु य श को एक माल िमलता है, जो शायद लाश गायब करने वाले
का था। उस माल पर अं े जी के ‘जे ’ या उदू के ‘लाम’ जै सी आकृ ित बनी
होती है। ब त दे र के वाद-िववाद के बाद भी सु य श को पता नह चलता
क वह माल कसका है? सु य श दोबारा टोर म म आकर ू नो को फर
वह जगह सुं घाकर पीछे क तरफ जाने का इशारा करता है। इस बार ू नो
जे िनथ के म के दरवाजे पर प ंच जाता है। दरवाजा खोलने पर जे िनथ के
कमरे का सारा सामान िबखरा आ दखाई दे ता है, ऐसा लगता है जै से
कसी ने कमरे क तलाशी ली हो। एक बार फर टोर म म जाकर सभी
गाड क लाश क जगह क जां च करते ह तो अलबट को एक िखड़क के
पास समु का पानी िगरा आ दखता है। ऐसा महसू स होता है क जै से
कोई िखड़क के ारा समु से आकर गाड क लाश ले गया हो?
उधर यू याक बं द रगाह पर राबट और ि मथ के पास एक ि
आकर, वयं को सन राइ जं ग का से के ड अिस टट कै टे न असलम बताता
है। वह कहता है क कोई उसे बे होश कर उसक जगह ले क र सन राइ जं ग
पर चला गया है। िजसके बाद इस के स को हल करने के िलये जे राड
सी.आई.ए के कािबल एजट ोम को इस िमशन पर भे ज दे ता है।
उधर सु य श को दूस री बार वही रह यमयी ीप दखाई दे ता है।
सु य श फर उस ीप पर नह जाने का िवचार करता है, पर लारा सु य श
को जबरद ती मनाकर 2 गाड के साथ उस ीप क ओर चल दे ता है, पर
पानी म मौजू द कोई रह यमय जीव लारा और दोन गाड को मार दे ता है।
दूस री ओर ोम को समु म वही रह यमय ीप दखाई दे ता है,
ोम हेलीकॉ टर से उस रह मय ीप के पीछे जाने क कोिशश करता है,
पर उसे वह ीप पानी पर घू म ता दखाई दे ता है। उस ीप पर उसे
पोसाइडन पवत के पास एक झोपड़ी हवा म उड़ती ई दखाई दे ती है।
इसके बाद उसका हेलीकॉ टर ीप से िनकली रह यमय तरं ग का िशकार
होकर हवा म लहराने लगता है। ोम हेलीकॉ टर को सु र ि त पानी पर
उतारने म सफल हो जाता है, वह अब हेलीकॉ टर को बोट बनाकर ीप
क ओर बढ़ने लगता है। तभी पीछे से आई एक िवशालकाय पानी क लहर
ोम क बोट को तोड़ दे ती है और ोम पानी म िगरकर बे होश हो जाता
है। बे होश होने से पहले वह दे ख ता है क वह कसी सु न हरे मानव के हाथ
म है।
सन राइ जं ग पर ऐले स को कु छ हरे क ड़े दखाई दे ते ह। वह ये
बात सु य श और डन को बता दे ता है। बाद म अलबट के साथ जब सभी
उसके कमरे म प ंच ते ह तो उ ह अलबट क पि मा रया अपनी जगह से
गायब दखाई दे ती है, िजसके बाद अलबट अ िवि सा हो जाता है।
सु य श और डन दोबारा ग त पर िनकलते ह तभी जॉनी सी ढ़य से आकर
उनके पास िगरता है और डे क पर जाकर लोथार को बचााने को कहता है।
सु य श डन के साथ जब डे क पर प ंच ता है तो उसे लोथार डे क क रे लं ग
पर खड़ा दखाई दे ता है। सु य श के मना करने के बाद भी लोथार एक ओर
इशारा करके पानी म कू द जाता है। जब सु य श क नजर उस दशा म
जाती है तो उसे वहां एक साया खड़ा आ दखाई दे ता है । सु य श उसे
पकड़ने क कोिशश करता है, पर वह साया भी पानी म कू द जाता है।
सु य श के हाथ म उस साये का फटा आ कॉलर आ जाता है, िजस पर
रोजर के नाम क ने म ले ट लगी होती है। दूस री तरफ डन पानी म िगरे
लोथार को बचाने क ब त कोिशश करता है, पर लोथार को पानी म
मौजू द कोई अं जान जीव ख च ले जाता है। बाद म जॉनी बताता है क
उसने लॉरे न क आ मा को दे खा था, जो क लोथार को अपनी ओर बु ला
रही थी।
अभी ये लोग डे क पर खड़े ही होते ह क तभी इ ह पानी पर दौड़ता
आ एक सु न हरा मानव दखाई दे ता है जो क एक दशा क ओर इशारा
करके गायब हो जाता है। सु य श जहाज को उसी दशा म मोड़ ले ता है।
सन राइ जं ग के डे क पर खड़े ऐले स को एक पहाड़ी तोता ऐमू
दखाई दे ता है, जो क जाने य सु य श को अपना दो त बताने लगता है।
सु य श इस बार सन राइ जं ग को ऐमू के आने वाली दशा म मोड़ दे ता है।
थॉमस अपनी लै ब म बै ठा, लॉरे न के क ल के समय जमा कये सभी
माल चे क कर रहा था। अचानक उसे लॉरे न के काितल का पता चल
जाता है। तभी लॉरे न का काितल वहां प ंच कर थॉमस को भी मार दे ता है
और लै ब से सारे सबू त िमटाने के िलये लै ब म आग लगा दे ता है।
उधर शै फाली को इस बार खु ली आँ ख से सपने दखाई दे ते ह,
िजसके बारे म सु न कर असलम घबरा जाता है। शै फाली असलम से ऐसे
सवाल करती है क सु य श को असलम पर शक हो जाता है। सु य श े ज लर
से इस बात क पु ि भी कर ले ता है क यू ईयर क रात असलम ने ही
सबको शराब िपलाई थी।
तभी पानी पर एक बार फर से वही रह यमयी ीप दखाई दे ता
है। सु य श को पता चलता है क सन राइ जं ग का सारा यू ल कसी ने
िबखे र दया है। सु य श तब भी सन राइ जं ग को उस ीप क ओर नह
मु ड़ वाता है।
आगे बढ़ने पर सन राइ जं ग को एक भयानक तू फान 3 तरफ से घे र
ले ता है, तू फान से बचने के िलये सु य श सन राइ जं ग को ीप क ओर
मु ड़ वा दे ता है। ीप क ओर जाता आ जहाज एक झटके से क जाता है।
सु य श पानी के नीचे 2 गोताखोर को जहाज के कने का कारण पता
लगाने के िलये भे ज ता है, पर कु छ ही दे र म दोन गोताखोर क लाश
पानी म नजर आती ह। सु य श इस कारण का पता लगाने के िलये वयं
पानी के नीचे जाने क बात करता है। मगर जै से ही सु य श मोटरबोट को
उतारकर पानी म जाने वाला होता है, अचानक कसी अं जान कारण से
सन राइ जं ग पानी म धं स ना शु हो जाता है। यह दे ख कर जहाज पर खड़े
कु छ या ी पानी म कू दकर उस बोट पर चढ़ जाते ह और सन राइ जं ग
पानी म डू ब जाता है। कु छ बचे याि य को ढू ं ढ ने के िलये जब बोट को
वापस उस े म लाया जाता है तो शै फाली और ू नो को छोड़कर कोई
जं दा या ी उ ह नह िमलता। तभी अचानक आ यजनक तरीके से पानी
पर तै र रही लाश पानी के अं द र समाने लगती ह। सु य श सिहत कु ल 12
लोग ही इस खतरनाक हादसे म जं दा बचकर उस रह यमय ीप पर
प ंच ने म कामयाब हो पाते ह। रात होने क वजह से कोई भी ीप के
अं द र दािखल नह होता और सभी वह समु कनारे सो जाते है।
अब उससे आगे ....................................
◆ ◆ ◆
चम कारी पेड़

7 जनवरी 2002, सोमवार, 10:30, रह यमयी ीप- अराका

एक नई सु ब ह हो चु क थी।
सभी के आँ ख क लाली बता रही थी क कोई भी रात म ठीक से
सो नह पाया था।
सागर क लहर क आवाज और पं िछय के चहचहाट कान म
मीठा रस घोल रही थी।
हवा भी खु श बू िलए ए थी।
मौसम काफ सु हाना था, पर फर भी सभी के चे ह रे पर उदासी क
एक रे खा दखायी दे रही थी और इसका कारण था सन राइ जं ग के डू ब
जाने का।
सभी िन य कम से फा रग होकर सु य श के पास एकि त हो गये ।
सु य श ने एक नजर वहां खड़े सभी लोग पर डाली और फर बोलना
शु कर दया- “दो त सन राइ जं ग का डू बना हमारी सबसे बड़ी
बद क मती थी। पर हम सबका बच जाना भी कसी चम कार से कम नह
है। इसिलए हम िह मत नह हारना चािहए। हम अभी भी लड़ते रहना
होगा ..... इस जं ग ल से , अपनी प रि थितय से , अपने अके ले प न से और
सबसे बढ़कर आने वाली मु सीबत से । वै से तो यहां मौजू द हर इं सान का
अपना ि व है िजससे वह अपनी मता के िहसाब से अपने जं द गी के
िडसीजन वयं ले ता है, पर म चाहता ं क अब हम यहां अपने सारे
िडसीजन वयं ना ल बि क एक टीम क तरह काम कर य क आप
जानते ह क इस ीप पर अने क खतरे हो सकते ह और हम एक टीम
बनकर ही इन खतर से लड़ पायगे । "
“म आपक बात से इ े फाक रखता ं कै टे न ।" अलबट ने आगे
बढ़कर अपनी बात कही- “वै से भी म पीछे घटी घटना के िलए यहां
मौजू द कसी को भी िज मे दार नह मानता, यहां तक क आपको भी नह ।
आपने जो कु छ भी कया, हम सभी लोग क भलाई के िलए ही कया। वह
सब समय का एक खराब च था जो क बीत गया। हम आपक
कािबिलयत पर कोई शक नह है, इसिलए म यह चाहता ं क अब भी
आप ही हमारी टीम का ने तृ व कर।"
अलबट क बात सु न वहां खड़े बाक सभी लोग ने भी हाँ म िसर
िहलाकर अलबट क बात का समथन कया।
यह दे ख पहले तो सु य श थोड़ा भावु क हो गया, पर इस घटना ने
उसम एक नयी शि का सं चार कर दया।
वह शि थी उन सभी लोग के िव ास क ।
सु य श ने एक नजर ीप के अं द र मारी और फर सबको दे ख ते ए
अपनी मु ी को बां ध कर सबक तरफ जोश से लहराया।
सभी ने सु य श का अनु श रण कर मु ी बां ध कर जोर से ंकार भरी।
अब सभी ीप के अं द र क ओर जाने को तै यार दख रहे थे ।
“तो सबसे पहले हम अपने पास मौजू द सभी चीज को एक बार
चे क कर ले ना चािहए, िजससे सही समय पर हम उिचत चीज का उपयोग
कर सक।" यह कहकर सु य श मोटरबोट क ओर बढ़ गया।
सभी सु य श के पीछे चल पड़े ।
सु य श ने मोटरबोट को एक बार दे खा।
उसके अं द र 3 ि व मं ग कॉ टयू म , ऑ सीजन िसले डर के साथ रख
दख जो क सु य श ने सन राइ जं ग के ोपे ल र चे क करने के िलए मं ग वाए
थे ।
मोटरबोट के अं द र और कु छ नह दख रहा था।
सु य श मोटरबोट के अं द र िव हो गया।
उसने मोटरबोट क जमीन पर लगे हैि डल को ख चकर उठा दया।
उतनी दूर का लकड़ी का वह िह सा ढ न क तरीके से खु ल गया
और अं द र रखा काफ सारा सामान दखाई दे ने लगा।
सु य श ने इशारे से डन को वह सारा सामान िनकालने को कहा।
बामु ि कल 10 िमनट म ही डन ने कु छ लोग क हे प ले क र
मोटरबोट का सारा सामान िनकालकर वह ीप के कनारे पर एक साफ
जगह दे ख कर रखवा दया।
अब सभी क नजर मोटरबोट से िनकले सामान पर थ ।
मोटरबोट म था- “ े श वाटर क लगभग 40 बोतल, ाई फू ड के
लगभग 100 पै के ट, फ ट-ऐड के 10 पै के ट, 1 क पास, 1 िस ल िमरर, 6
मजबू त पीठ पर ढोने वाले ै वे ल बै ग , 2 सी टयां , 2 पावरफु ल टाच, 2 बड़े
चाकू और आग जलाने के िलए 2 लाइटर।"
“यह मोटरबोट एक तरह क लाइफबोट थी, इसीिलए इसम ये सब
सामान उपि थत था। तो अब आप लोग ने दे ख ही िलया क हमारे पास
या- या है। " सु य श ने सबको बारी-बारी दे ख ते ए कहा- “अब हम इ ह
चीज से गु जारा करना पड़े गा।"
“कै टे न , मे रे काले बै ग म भी एक टाच और िस ल ले य र है। "
असलम ने अपने कं धे पर टं गे बै ग क ओर इशारा करते ए कहा।
“कै टे न या हम यह कनारे पर रहकर अपना बचाव करना
चािहए या फर इस ीप के जं ग ल म वे श करके वहां बचाव का कु छ
साधन ढू ं ढ ना चािहए।" जे िनथ ने सु य श से पू छा।
ले कन इससे पहले क सु य श कु छ जवाब दे पाता, तौफ क बीच म
ही बोल उठा- “हमारे पास खाने - पीने क चीज ब त ही सीिमत ह, अगर
हम थोड़ा-थोड़ा भी यू ज कर, तब भी 5 दन से यादा ये चीज नह
चलगी, ऐसे म सामान ख म होने के बाद भी हम ीप के अं द र तो जाना
ही पड़े गा, तो फर य ना हम अभी ही ीप के अं द र जाने का िडसीजन
ले ल।"
“तौफ क सही कह रहे ह।" ऐले स ने कहा- “वै से भी यह ीप ब त
बड़ा है, अगर हम सब कु छ ख म होने के बाद इस ीप को पार करने क
कोिशश कर तो पता नह हम अं द र खाने - पीने क चीज िमलगी भी क
नह । इसिलए म तौफ क के िवचार से पू ण तया सहमत ं। "
अब सभी ने तौफ क क बात पर सहमित जताई।
“तो फर ये ‘फाइनल’ रहा क हम इस ीप के अं द र जायगे । "
सु य श ने ‘थ स-अप’ करते ए कहा- “तो फर मे रे िहसाब से पहले
सबको कु छ खा-पी ले ना चािहए, फर ज रत के सारे सामान को इन 6
ै वे ल बै ग म भर लगे और लड़ कय और अलबट सर को छोड़कर बाक
सभी लोग बारी-बारी से इसे उठाकर चलते रहगे । "
सु य श क बात सभी को सही लगी, इसिलए कसी ने ऐतराज
जािहर नह कया।
अब सभी वह रे त पर जमीन म बै ठ गये ।
डन ने सभी को ाई फू ड का एक पै के ट और पानी क एक बॉटल
पकड़ा दी।
डन ने ाई फू ड का एक पै के ट फाड़कर ू नो को भी दे दया।
30 िमनट म सभी ने खाना खाकर ज रत का सभी सामान पै क कर
िलया और सु य श को दे ख , उठ कर खड़े हो गये ।
य क कसी ने रात म भी कु छ नह खाया था, इसिलए खाना
खाकर सभी म एक नयी फू त का सं चार हो गया।
सु य श ने आसमान क तरफ िसर उठाकर, हाथ जोड़कर ई र से
कु छ ाथना कया और जं ग ल क ओर चल दया।
अलबट, शै फाली, ऐले स, टी, तौफ क, जे िनथ, जै क , जॉनी,
डन, असलम, े ज लर और ू नो भी सु य श के पीछे - पीछे चल दये ।
ै वे ल बै ग इस समय तौफ क, डन, सु य श, जै क , असलम और
े ज लर के पास थे ।
अलबट ने एक सीटी को शै फाली के गले म टां ग ने के बाद, एक अपने
गले म पहन िलया।
तौफ क ने एक चाकू उठाकर अपने पास रख िलया। दूस रा चाकू
डन को दे दया।
मौसम इस समय िब कु ल साफ था। आसमान म सू य अपनी करण
िबखे र ता आ चमक रहा था।
ीप के अं द र क ओर िवशालकाय पे ड़ लहरा रहे थे ।
सु य श ने जं ग ल म घु स ने से पहले कनारे पर मौजू द कु छ पे ड़ से डं डे
तोड़ते ए कहा- “सभी लोग अपने हाथ म कु छ ना कु छ अव य ले ल।
य क जं ग ल घना लग रहा है। अगर कसी तरह का कोई जं ग ली जानवर
आ तो यह डं डे हमारे काम आ सकते ह।"
सु य श क बात सभी को सही लगी। अतः बाक लोग ने भी लकड़ी
के डं डे तोड़कर अपने हाथ म ले िलये ।
इसके बाद सभी ीप के अं द र क ओर चल दये ।
जं ग ल ब त ही घना था इसिलए सभी एक सीधी लाइन म एक के
पीछे एक चल रहे थे ।
जे िनथ, टी और शै फाली को बीच म कर दया गया।
सबसे आगे सु य श था। वह ब त सतकता के साथ अपने कदम बढ़ा
रहा था।
कु छ दूर चलने के बाद शै फाली को थोड़ी म ती सू झी। उसने अपने
गले म टं गी सीटी को एक बार जोर से बजा दया।
“ट ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ"
जं ग ल इतना शा त था क एक जोरदार आवाज पू रे जं ग ल म गूं ज
गयी।
सीटी क आवाज सु न , सभी हैरानी से शै फाली क तरफ दे ख ने लगे ।
“म तो बस चे क कर रही थी क जं ग ल म सीटी क आवाज गूं ज ती
कतनी जोर से है? " शै फाली ने शै तानी से मु कु राते ए कहा।
शै फाली क शै तानी दे ख सभी के चे ह रे पर मु कान आ गयी।
इधर तो सीटी क आवाज के कारण म ती चल रही थी, पर इसी
आवाज को सु न अराका ीप पर मौजू द ‘पोसाइडन क पहाड़ वाली मू त’
क आँ ख अचानक से लाल हो गय और एक ते ज हवा का झ का पहाड़ से
शै फाली क ओर बढ़ा।
चलती ई शै फाली के बाल हवा के झ के क वजह से हवा म
लहराये और उसे अपने कान म एक फु सफु साहट सी सु नाई दी-
“अराकाऽऽऽऽऽऽ!"
शै फाली यह सु न ब त हैरान हो गई- “कौन है? .... कौन है यहां ? "
शै फाली क आवाज सु न सभी पलटकर शै फाली को दे ख ने लगे ।
“ या आ शै फाली?" टी ने शै फाली का हाथ पकड़कर पू छा।
“पता नह , पर कसी ने मे रे कान म फु सफु साकर ‘अराका’ कहा।"
“अराका?" सभी ने समवे त वर म कहा।
“पर यहां तो हम लोग के िसवा कोई भी नह है। " जॉनी ने डर कर
इधर-उधर दे ख ते ए कहा।
“नह -नह कोई था मे रे पास ....।" शै फाली के श द म एक बार
फर रह य झलकने लगा- “और मु झे ऐसा लगा जै से क म उसे जानती
ं। "
“ या?" अब सु य श क भी आँ ख िसकु ड़ गय - “तु म इस ीप पर
कसी को कै से जान सकती हो?"
अब सभी क नजर इधर-उधर घू म ने लग , पर जब काफ दे र तक
उ ह कु छ नजर नह आया तो सभी फर से आगे बढ़ गये ।
सभी को चलते - चलते 1 घं टे हो गये थे । धीरे - धीरे जं ग ल घना होने
लगा था।
जं ग ल के अं द र से िचिड़य के चहचहाने क आवाज आ रही थ ।
कभी-कभी कु छ जानवर क आवाज भी उस म आकर िमल जाती
थ।
कु छ और आगे बढ़ने पर इ ह एक हरा-भरा बाग दखाई दया। बाग
म लगे वृ भी अजीब सी आकृ ित के थे और उस पर से ब के समान परं तु
नीले रं ग के फल लटक रहे थे ।
“यह तो ब त िविच पे ड़ लग रहा है। " अलबट ने पास जाकर पे ड़
को दे ख ते ए कहा- “ऐसे वृ के बारे म तो मने पढ़ा तक नह है। "
“आप सही कह रहे ह ोफे सर।" सु य श ने भी पे ड़ को दे ख ते ए
कहा- “मने भी कभी ऐसे पे ड़ और फल के बारे म नह सु ना और इनका
नीला रं ग भी कतना िविच है। "
“पर ड अं क ल!" शै फाली ने मासू िमयत भरे अं दाज म कहा- “मु झे
तो इन फल क खु श बू ब त अ छी लग रही है। खु श बू से तो यह फल
रसीले भी तीत हो रहे ह। या हम इ ह खाना चािहए?"
“नह शै फाली!" जे िनथ ने कहा- “हम िबना फल को चे क कए, इन
फल को नह खाना चािहए। इनका नीला रं ग दे ख कर लगता है क यह
जहरीले भी हो सकते ह।"
“तो फर य न एक फल तोड़कर हम ू नो को सुं घाएं ? " शै फाली ने
कहा- “अगर ू नो ने फल खा िलया। तो फर हम भी खा सकते ह।"
सभी को शै फाली का यह तक सही लगा।
एक फल जो नीचे तक लटक रहा था, जै क ने आगे बढ़कर उसे तोड़ने
क कोिशश क , पर जै से ही जै क का हाथ उस फल तक प ंचा, अचानक ही
आ यजनक तरीके से वो फल क डाल थोड़ा ऊपर क ओर उठ गयी।
“यह कै से हो सकता है? " डन ने हैरानी से पे ड़ को दे ख ते ए कहा-
“यह पे ड़ क डाल अपने आप ऊपर कै से हो गयी?"
“शायद यह पे ड़ ‘िममोसा पु िडका’ के पे ड़ के समान ‘शे म ला ट’ ह,
िजनको छू ने पर वह अपने आप म िसमट जाते ह।" अलबट ने अपनी
वन पित िव ान क जानकारी को सबसे साझा करते ए कहा।
अब कोई भी फल इतनी ऊं चाई पर नह लगा था क उसे जमीन पर
रह कर तोड़ा जा सके ।
“लगता है पे ड़ पर चढ़े िबना फल को नह तोड़ा जा सकता।"
असलम ने कहा।
“चढ़ना तो पड़े गा।“ इस बार अलबट ने कहा- “पर चढ़गे कै से ? दे ख
नह रहे, यह पे ड़ कतना सीधा है और इसक सबसे नीची डाल भी कम से
कम 12 फु ट ऊपर है। ऐसे म इस पे ड़ पर चढ़ना इतना सरल नह है। "
“म चढ़ सकता ं इस पे ड़ पर।" ऐले स ने आगे आते ए कहा- “मे रे
िलए यह ब त आसान है। "
यह कहकर ऐले स ने िबना कसी से पू छे , अपने जू ते उतारे और
एक पे ड़ के तने को छू कर पे ड़ क पकड़ का जायजा िलया।
इसके बाद ऐले स कसी ड बं द र क तरह तने को पकड़कर, पे ड़
पर चढ़ने लगा।
“बं द र कह का।" टी ने मु कु राते ए ऐले स पर कमट कया।
अनायास ही सभी के चे ह रे पर एक मु कान सी िखल गई।
थोड़ा ऊपर चढ़कर ऐले स ने आसपास के फल को दे खा।
अब ऐले स क नजर एक पास के फल पर गयी, जो क उससे
यादा दूर नह था।
एक दूस री शाख पर कू दने के बाद ऐले स ने उस फल क ओर हाथ
बढ़ाया।
सबक नजर ऐले स पर थ ।
तभी एकाएक ऐले स के पीछे क पे ड़ क एक डाली वतः गितमान
ई और वह रबर क तरीके से ते जी से आकर ऐले स क पीठ पर लगी-
“सटाक् "
“आहऽऽ!" पीठ पर लगी चोट के कारण ऐले स के मुं ह से एक ते ज
कराह िनकली और उसका हाथ डाल से छू ट गया।
ऐले स का शरीर हवा म लहराया और ते जी से जमीन क तरफ
गया।
ऐले स ने फु त से एक डाली पकड़ ली, नही तो वह सीधे जमीन पर
आ जाता।
यह घटना कसी क आँ ख से िछपी ना रह सक ।
“ऐले स तु रं त नीचे आ जाओ।" टी ने चीखकर कहा- “पे ड़ पर
कु छ खतरा है। "
ऐले स को कु छ समझ नह आया पर टी क आवाज सु न वह
पे ड़ से नीचे कू द गया।
“यह कै से सं भ व है, यह पे ड़ तो िब कु ल कसी सजीव क तरह
वहार कर रहा है और इसे दे ख कर मु झे नह लगता क हम लोग इस पे ड़
से एक भी फल तोड़ पायगे । " अलबट ने आ य से पे ड़ को दे ख ते ए कहा।
“अब तो 100 ितशत मु म कन है क हम इस ीप पर अभी ब त
से आ य और दे ख ने को िमलगे । " े ज लर ने कहा।
“अं क ल या म इस पे ड़ को छू सकती ं? " शै फाली ने सु य श क ओर
िसर घु माते ए कहा- “पता नह य मु झे इसे छू ने का मन कर रहा है। "
सु य श ने एक बार यान से शै फाली को दे खा और फर शै फाली का
हाथ पकड़ उसे पे ड़ तक ले ता गया। वै से तो शै फाली क यह बात ब त ही
नामल सी थी, परं तु पता नह य सु य श को इसम भी कु छ रह य सा
महसू स आ।
सु य श के हाथ के इशारे पर, शै फाली ने अपना हाथ आगे बढ़ाकर
पे ड़ को पश कर िलया।
शै फाली के पश करते ही अचानक पे ड़ म कु छ हलचल सी ई और
िबना कसी हवा के उस पे ड़ क डािलयां झू म ने लग ।
पे ड़ क यह हरकत दे ख सभी लोग डरकर पीछे हट गये । सु य श भी
शै फाली को ले क र दूर चला गया।
डािलय के झू म ने क पीड धीरे - धीरे ते ज होने लगी। िजसक वजह
से उस पर लगे फल टू ट -टू ट कर नीचे िगरने लगे ।
मा 30 से के ड म ही पे ड़ के नीचे फल का अ बार लग गया।
जब पे ड़ से सारे फल टू ट कर नीचे िगर गये तो पे ड़ वतः ही शां त हो
गया।
“ये सब या था?" जे िनथ ने आ य से फल के टू टे अं बार को दे ख ते
ए कहा।
“शायद यह कोई मायावी पे ड़ है। िजसके अं द र वयं क समझ भी
है। " तौफ क ने कहा।
“तु म ने पे ड़ को छू कर ऐसा या कया था?" सु य श ने शै फाली को
दे ख ते ए पू छा- “िजसक वजह से पे ड़ ने हरकत क ।"
“मने िसफ उसे छू कर फल को खाने क इ छा क थी बस ....
और मु झे कु छ नह पता?" शै फाली वयं भी आ य म थी।
कसी को समझ नह आया क ये सब कै से आ।
“ ोफे सर, आपको कु छ समझ म आया या?" डन अलबट से
मु खाितब होते ए पू छा।
अलबट ने एक गहरी साँ स भरी और डन से कहना शु कर दया-
“म वयं इस घटना से आ य म ं, मने कभी भी ऐसे कसी पे ड़ के बारे म
नह सु ना। हाँ , पर िह दू माइथालोजी म ‘पा रजात’ नामक एक ऐसे वृ
का वणन है, जो कसी क भी इ छा को पू ण करता था। मु झे यह पे ड़ भी
कु छ वै सा ही लग रहा है, य क जब हमने इसक इ छा के िव इसके
फल तोड़ने चाहे तो नह तोड़ पाये , पर जब शै फाली ने इससे ाथना क
तो इसने वयं ही अपने सारे फल हम दे दये । "
“पर .... शै फाली ने तो मन म ाथना क थी, शै फाली के मन क
बात इसे कै से समझ म आ गयी।" सु य श के श द म लॉिजक तो था।
“म यो रटी से तो कु छ नह कह सकता, पर ये भी हो सकता है क
यह पे ड़ मन क बात को समझ ले ता हो, आिखर हमारी सोच भी तो एक
ऊजा का ही प होती है। " अलबट ने कहा।
“अं क ल अब या हम इन फल को खा सकते ह?" शै फाली ने सबके
िवचार पर फु ल टॉप लगाते ए पू छा।
शै फाली क आवाज सु न सु य श ने एक फल ू नो के सामने रखा।
ू नो ने पहले फल को सूं घा और फर खा िलया।
थोड़ी दे र तक ू नो को दे ख ते रहने के बाद सु य श ने सबको फल खाने
क इजाजत दे दी।
फल का वाद ब त ही अनोखा था। उसम कोई बीज नह था और
रस भी ब त यादा था। सभी को वो फल ब त ही अ छा लगा।
फल खाकर सु य श ने फर सभी को आगे चलने का इशारा कया।
सभी उठकर चल दये । शै फाली ने कु छ आगे बढ़ने के बाद पीछे
पलटकर उस चम कारी पे ड़ को ‘बाय’ कया।
शै फाली के ऐसा करने पर पे ड़ क भी एक डाल जोर से िहली, ऐसा
लगा मानो उस पे ड़ ने भी शै फाली को बाय कया।
◆ ◆ ◆
चैपटर-2
सुनहरी ढाल

7 जनवरी 2002, सोमवार, 11:30, ांस अंटाक टक माउ टेन, अंटाक टका

टाक टका क धरती पर बफ क एक मोटी चादर िबछी थी।


अं जनवरी का महीना अंटाक टका का सबसे गम महीना था फर भी
उस े म कसी भी कार के जीव-ज तु और पेड़-पौधे का
नामोिनशान तक नह था।
आसमान इस समय िब कु ल साफ था और तापमान 0.3 िड ी
से ि सयस था।
ऐसे मौसम म 2 अमे रक ि ‘ ां स अं टाक टक के पहाड़ ’ के
पास ि ल मशीन से बफ म सु राख करने क कोिशश कर रहे थे ।
“तु हे या लगता है जे स, हमारी इस मशीन ने आज या खोजा
होगा?“ िव मर ने मे ट ल सच करने वाली मशीन के जलते ए इ डीके टर
को दे ख कर कहा।
“ज र यहां पर कोई पु राना खजाना दबा आ होगा?" जे स ने
मु कु राते ए िव मर पर कटा कया- “ फर इस खजाने को पाकर हम
करोड़पित बन जायगे । "
“हा.... हा ... हा ..... खजाना!“ िव मर भी जे स क बात सु न कर
जोर से हंसा- “पु राने टू टे - फू टे कू टर के अवशे ष के अलावा यहां आज तक
कु छ िमला है जो आज िमले गा। ये कोई िपकिनक मनाने क जगह तो है
नह । यहां पर हमारी-तु हारी तरह के कु छ खोजी द ते ही आते ह, अपने
‘ क कू टर’ से । उ ह म से कु छ दुघ टना का िशकार भी हो जाते ह। उसम
से ही होगा, कसी का कोई सामान, िजसका यह सच इ डीके टर हम
इ डीके शन दे रहा होगा।"
“सही कह रहा है भाई।" जे स ने अब उदास होते ए कहा- “चल
ि ल करता रह, जब थक जाना तो मु झे बता दे ना, आगे क खु दाई म कर
लूं गा।"
ले कन इससे पहले क िव मर और कु छ बोल पाता, ि ल मशीन
एक ‘खटाक’ क आवाज के साथ कसी चीज से टकराई।
यह आवाज सु न दोनो के चे ह रे पर मु कान आ गयी।
“ले भाई िमल गया ते रा खजाना।" िव मर ने ि ल छोड़कर खड़े
होते ए कहा- “अब तू ही िनकाल अपने इस खजाने को।"
जे स ने हंस कर िव मर क जगह ले ली और अपने ल स पहने
हाथ से उस जगह क बफ साफ करने लगा।
थोड़ी ही सफाई के बाद जे स क आँ ख आ य से िसकु ड़ गय ।
“य ... य ... ये या है? " जे स ने जमीन क ओर दे ख ते ए आ य
से कहा।
जे स क ऐसी आवाज सु न कर िव मर भी उस ग े म दे ख ने लगा।
ग े म एक सु न हरी अं जान सी धातु क बनी ई एक ढाल नजर आ
रही थी जो दे ख ने म कसी पु रातन यो ा क लग रही थी।
ढाल पर ै ग न क तरह के एक िविच जीव क उभरी ई आकृ ित
बनी थी।
“लग रहा है सच म खजाना िमल गया!" उस ढाल को दे ख कर जे स
ने रोमां च से कहा।
अब जे स और िव मर ते जी से उस जगह क बफ को साफ करने
लगे ।
ढाल अब पू री नजर आने लगी थी।
“यह कौन सी धातु हो सकती है? " जे स ने उस सु न हरी धातु को
दे ख ते ए पू छा।
“सोना तो नह है, पर है यह कोई ब मू य धातु । " िव मर ने उस
धातु को हाथ से टच करते ए कहा।
ढाल पर पड़ी पू री बफ अब हट गयी थी।
“चल िनकाल ज दी से इस खजाने को, अब स नह बचा मे रे
पास।" िव मर ने कहा।
जे स ने ढाल को एक हाथ से ख चा, पर वह ढाल उठना तो छोड़ो,
िहली तक नह ।
यह दे ख जे स ने दोनो हाथ का इ ते माल कया, पर पू री ताकत
लगाने के बाद भी वह उस ढाल को िहला तक नह पाया।
यह दे ख िव मर ने गु से से जे स को ध ा दया और वयं आकर
उस ढाल को उठाने क कोिशश करने लगा। पर ढाल िव मर से भी ना
िहली।
अब दोन ने िमलकर पू री ताकत लगायी, फर भी वह ढाल को
िहला नह पाये ।
“शायद यह ढाल बफ म यादा अं द र तक घु सी है, इसे िनकालने के
िलए, लगता है और बफ हटानी पड़े गी।" जे स ने कहा।
यह सु न िव मर ने दोबारा से ि ल मशीन अपने हाथ म ले ली और
उस थान के अगल-बगल क बफ हटानी शु कर दी।
थोड़ी दे र म ढाल के पास का लगभग 6 मीटर का ए रया दोनो ने
साफ कर िलया। पर अब उस जगह को दे ख उनक आँ ख फटी क फटी रह
गय , य क अब उस साफ कये 6 मीटर के दायरे म, उसी धातु क
सु न हरी दीवार दखाई दे रही थी।
एक ऐसी दीवार िजसम वह ढाल लगी ई थी और उस दीवार का
अं त कह नजर नह आ रहा था।
“ये है या?" जे स ने उस दीवार को दे ख ते ए कहा- “इसका तो
कह अं त ही नह दख रहा है। “
अब दोन क आँ ख रह य से फै ल गय । अब िव मर ने उस थान से
10 मीटर दूर ि ल करना शु कर दया।
थोड़ी दे र बाद वहां भी बफ के नीचे वही दीवार दखाई दी।
अब िव मर जै से पागल हो गया। उसने लगभग 500 मीटर के दायरे
म अलग-अलग जगह क बफ हटायी, पर सभी जगह से एक ही प रणाम
िनकला। हर जगह पर वह सु न हरी दीवार मौजू द थी।
िव मर अब थककर पू री तरह से चू र हो चु का था। इसिलये वह
जे स के पास आकर बै ठ गया।
“ या लगता है तु ह? ये चीज या हो सकती है? " िव मर ने जोर-
जोर से साँ स ले ते ए जे स से पू छा।
“शायद यह कोई पनडु बी या पानी का जहाज हो सकता है, जो क
यहां बफ म दबा है, या फर कोई एिलयन का पे स िशप या ....... ।"
कहते - कहते जे स ने अपनी बात को अधू रा छोड़ दया।
“या ....?" िव मर ने जे स क बात को पू रा करते ए कहा- “कोई
ऐसी स यता जो अभी तक दुिनया क नजर म आई ही ना हो।"
अब दोन क आँ ख म थोड़ा डर भी दखायी दे ने लगा।
“तो फर या हम इसक जानकारी अपने हेड ाटर भे ज दे ना
चािहए?" जे स ने िव मर से पू छा।
“अब अगर हम इस चीज से कोई पसनल फायदा नह हो सकता,
तो हेड ाटर बता दे ना ही ठीक रहेगा। कम से कम इस ोजे ट को ढू ं ढ ने
म हमारा नाम तो आये गा।" िव मर ने कहा- “मगर य द तु म कहो तो एक
कोिशश और करके दे ख ल, शायद कु छ हो ही जाए।"
“कै सी कोिशश?" जे स ने ना समझने वाले अं दाज म पू छा।
“दे ख भाई, चाहे यह कोई पनडु बी हो, चाहे एिलयन का पे श िशप
या फर कोई नयी स यता, इसका रा ता तो कह ना कह से होगा ही।
य ना हम इसके रा ते को ढू ं ढ ने क कोिशश कर। शायद हम सच म कोई
खजाना िमल जाए।" िव मर ने जे स को समझाते ए कहा।
िव मर क बात सु न जे स थोड़ी दे र सोचता रहा और फर उसने
हाँ म िसर िहलाते ए कहा- “ठीक है, हम अभी इस ोजे ट क जानकारी
कसी को नह दे ते और इस दूस री दुिनया का रा ता ढू ं ढ ने क कोिशश
करते ह। अगर हम अगले 5 दन म भी इसका रा ता नह खोज पाये तो
फर इसके बारे म सबको बता दगे । "
“डन।" िव मर ने थ स-अप करते ए कहा और एक बार फर
दुग ने उ साह से अलग दशा म खु दाई करने चल दया।
◆ ◆ ◆
मगरम छ मानव

7 जनवरी 2002, सोमवार, 14:30, अराका ीप, अटलां टक महासागर

चलते चलते सभी को 2 घं टे बीत चु के थे । पर अभी तक इन लोग


को ना तो कोई जं ग ली जानवर िमला था और ना ही मनु य के कसी
कार के पद िच ह।
चलते - चलते सभी को पे ड़ के एक झु र मु ट के बीच एक छोटी सी
झील दखाई दी।
झील के चार तरफ कु छ दूरी पर फल के ब त सारे पे ड़ दखाई दे
रहे थे ।
झील का पानी काफ साफ लग रहा था।
“ य ना हम अपनी खाली हो चु क बोतल म यहां से पानी भर
ल?" टी ने झील को दे ख ते ए कहा।
“ टी िब कु ल सही कह रही है, वै से भी 2 घं टे से चलते - चलते
सबका दम भी िनकल गया है, थोड़ी दे र क कर आराम भी कर ले ना
चािहए।" सु य श ने सभी को दे ख ते ए कहा।
सु य श के इतना कहते ही कु छ लोग झील के कनारे क िम ी के पास
बै ठ गये और कु छ झील क तरफ आगे बढ़ गये ।
“वाह! कतना साफ पानी है। " जे िनथ ने झील क ओर दे ख ते ए
कहा- “मे रा तो नहाने का मन करने लगा।"
यह कहकर जे िनथ झील के पानी क ओर बढ़ गयी।
“ठहरो!" अलबट क आवाज ने जे िनथ को रोक िलया- “यह झील
इतनी शानदार है, पर इसके आसपास कसी पशु - प ी के कदम के िनशान
मौजू द नह ह।"
अब सबका यान झील के पास क िम ी पर गया।
िम ी हर जगह से िब कु ल बराबर लग रही थी।
“बात तो आपक सही है ोफे सर।" सु य श ने भी िम ी पर नजर
मारते ए कहा- “ ीप पर इतना बड़ा जं ग ल है, तो इस जं ग ल म तो ब त
सारे जं ग ली जानवर भी ह गे और जानवर पानी पीने तो झील के कनारे
अव य आते ह गे । ऐसे म उनके कदम के िनशान तो िम ी पर होने चािहए
थे । "
“ऐसा कै से हो सकता है कै टे न ?" असलम ने भी सु य श क हां म हां
िमलाते ए कहा।
“ऐसा एक ही शत म हो सकता है। " शै फाली ने अपना ान का
प रचय दे ते ए कहा- “जब क इस झील के आसपास खतरा हो।"
खतरा श द सु न ते ही सबक िनगाह अपने आसपास घू म ने लग ।
पर आसपास कु छ ना पाकर जे िनथ ने अपने जू ते वह झील के
कनारे पर उतारे और अपनी ज स को फो ड कर थोड़ा ऊपर कर िलया।
इसके बाद वह झील के पानी क तरफ बढ़ गयी।
अब जे िनथ के पै र पं जो तक पानी के अं द र थे ।
जे िनथ ने एक बार फर से अपने आसपास नजर मारी और फर
पानी को अपनी अं जु ली म भरकर धीरे - धीरे पीने लगी।
“पानी का वाद काफ मीठा है। " जे िनथ ने सभी क ओर दे ख ते ए
कहा- “आप लोग भी पी सकते ह।"
सभी लोग जो अभी तक झील से थोड़ा दूर खड़े थे , झील क तरफ
आने लगे ।
अभी जे िनथ ने बामु ि कल 2 अं जु ली ही पानी िपया था, क अचानक
उसे झील के बीच से पानी म कु छ बु ल बु ले उठते दखाई दये ।
जे िनथ सिहत सभी आ य से उन बु ल बु ल को दे ख ने लगे ।
दे ख ते ही दे ख ते एक अजीब सा मगरम छ मानव झील से बाहर
िनकलने लगा।
सभी हत भ होकर उस िविच जीव को दे ख ने लगे ।
अचानक सु य श जोर से चीखा- “जे िनथ ज दी झील से बाहर
आओ।“"
सु य श क आवाज सु न जे िनथ जै से सपन से जागी हो, उसने तु रं त
झील से बाहर िनकलने क कोिशश क ।
परं तु तभी आ यजनक तरीके से झील का पानी बफ म बदल गया।
इसी के साथ जे िनथ के पै र भी पं ज तक बफ म फं स गये ।
“आह!" जे िनथ के मुं ह से कराह िनकल गयी- “मे रे पै र बफ म बु री
तरह से फं स गये ह, कोई मे री मदद करो?"
यह दे ख सु य श और तौफ क ते जी से जे िनथ क तरफ भागे ।
जे िनथ अपने पै र को बफ से िनकालने क भरसक कोिशश करने
लगी, पर वह र ी भर भी कामयाब नह हो पाई।
तौफ क अपने हाथ म चाकू िनकालकर बफ को काटने क कोिशश
करने लगा। पर तौफ क िजतनी बफ काटता उतनी ही बफ वापस उस
थान पर जम जाती।
उधर वह मगरम छ मानव अब पू रा का पू रा जमी ई झील से
बाहर िनकल आया।
भारी-भरकम पूं छ वाला वह मगरम छ मानव आ यजनक तरीके
से अपने दो पै र पर चल रहा था।
कद म 9 फु ट ऊं चे उस मगरम छ मानव का वजन कम से कम 800
कलो ाम तो ज र रहा होगा।
इतना भयानक रा स दे ख वहां खड़े कई लोग के मुं ह से चीख
िनकल गयी।
मगरम छ मानव क लाल-लाल आं ख अब जे िनथ क ओर थ ।
उसके मुं ह से गु राने जै सी अजीब सी आवाज िनकल रही थी। ऐसा
लग रहा था क जै से वह मगरम छ मानव अपने िशकार को दे ख कर ब त
खु श हो गया हो।
धीरे - धीरे वह अब जे िनथ क तरफ बढ़ने लगा।
“कै टे न , ज दी जे िनथ को बफ से िनकालो।" अलबट दूर से
िच लाया- “वह मगरम छ मानव आप लोग क ओर आ रहा है। "
तौफ क ने मगरम छ मानव पर एक नजर मारी और फर ते जी से
बफ तोड़ने क कोिशश करने लगा।
पर ऐसा लग रहा था क जै से वह बफ मायावी हो य क तौफ क
के इतनी कोिशश करने के बाद भी वह बफ जरा सा भी कम नह हो रही
थी।
सु य श भी अपने हाथ म पकड़ी लकड़ी का उपयोग कर बफ को
खु र चने क असफल कोिशश कर रहा था।
जे िनथ क िनगाह कभी मगरम छ मानव पर तो कभी बे त हाशा
बफ तोड़ने क कोिशश करते तौफ क पर पड़ रही थी।
जे िनथ अभी भी भयभीत नह थी, पर तौफ क के कट चु के हाथ से
रसते खू न को दे ख कर उसके चे ह रे पर पीड़ा के भाव थे ।
उधर कनारे पर खड़े लोग ने आसपास पड़े प थर और लकिड़य
को मगरम छ मानव पर मारना शु कर दया। वह लोग अपने मुं ह से ते ज
आवाज िनकालकर व शोर मचाकर मगरम छ मानव का यान अपनी
ओर आक षत करने लगे ।
पर मगरम छ मानव का यान िसफ और िसफ जे िनथ पर था।
“तौफ क भागो यहां से । " जे िनथ ने पीड़ा भरे वर म तौफ क को
वहां से जाने के िलए बोला- “मे रा बचना अब नामु म कन है, पर तु म तो
अपनी जान बचाओ। कै टे न आप भी जाइए यहां से । "
मगरम छ मानव अब कु छ ही दूरी पर रह गया था।
तौफ क ने एक नजर जे िनथ को दे खा पर कु छ बोला नह । वह पु नः
बफ को तोड़ने क कोिशश करने लगा।
उधर सु य श को जब जे िनथ को बचाने के िलए, कोई उपाय न दखा
तो वह अपने हाथ म लकड़ी ले क र जे िनथ व मगरम छ मानव के बीच
खड़ा हो गया। ऐसा लगा क जै से वह मगरम छ मानव से दो-दो हाथ
करना चाहता हो।
वै से तो दोनो के शरीर के अनु पात के िहसाब से यह कोई मु काबला
नह था, पर वह इं सान ही या जो मु सीबत से इतनी आसानी से हार
मान ले ।
मगरम छ मानव अब सु य श के काफ पास आ गया था।
सु य श ने अपना एक पै र पीछे कर िब कु ल आ मण करने के अं दाज
म अपनी पोिजशन ले ली। अब वह पू री तरह से उस जानवर से लड़ने के
िलए तै यार था।
तभी अचानक शां त खड़ी शै फाली के शरीर म हरकत ई और वह
अं दाज से चलती ई झील क ओर बढ़ी।
झील के कनारे पर प ंच कर शै फाली क गयी। अब उसका चे ह रा
मगरम छ मानव क तरफ था।
मगरम छ मानव क दूरी अब सु य श से िसफ एक कदम ही बची
थी।
मगरम छ मानव ने एक ते ज ंकार भरी और अपना दािहना हाथ
सु य श को मारने के िलए हवा म उठा िलया।
सभी के दल क धड़कन ते ज हो गय । कसी भी पल कु छ भी हो
सकता था।
तभी शै फाली के मुं ह से एक ते ज आवाज िनकली- “जलोथाऽऽऽऽ"
मगरम छ मानव यह आवाज सु न शै फाली क तरफ दे ख ने लगा।
शै फाली को दे ख अचानक मगरम छ मानव के चे ह रे पर भय के
भाव नजर आने लगे ।
शै फाली ने अब एक कदम मगरम छ मानव क ओर बढ़ा दया।
मगरम छ मानव भय से एक कदम पीछे हो गया।
शै फाली के एक कदम और आगे बढ़ाते ही मगरम छ मानव एक
कदम और पीछे हो गया।
शै फाली का आगे बढ़ना और मगरम छ मानव का पीछे जाना जारी
रहा।
थोड़ी दे र म ही वह मगरम छ मानव वापस उसी थान पर पानी
म समा गया, जहां से वह िनकला था।
कसी को कु छ समझ म तो नह आया पर मगरम छ मानव को
वापस पानी म घु स ता दे ख सबने राहत क साँ स ली।
सु य श वापस जे िनथ क ओर पलटा।
जे िनथ का पै र अभी भी बफ म फं सा आ था।
अब सभी लोग जे िनथ के पास प ंच गये ।
डन ने लाइटर जलाकर बफ को िपघलाने क कोिशश क , पर बफ
फर भी ना िपघली।
“यह तो कोई मायावी बफ लग रही है, जो ना कट रही है और ना
ही िपघल रही है। " अलबट ने बफ को दे ख ते ए कहा।
तभी शै फाली भी जे िनथ के पास आ गयी।
शै फाली ने जे िनथ को कराहते दे ख उसके पै र को अपने हाथ से
पकड़ िलया।
जे िनथ को शै फाली के हाथ काफ गम से महसू स ए।
बफ क ठ डक ने जे िनथ के मि त क को भी ि थर करना शु कर
दया था, पर शै फाली के गम हाथ से जे िनथ को ब त ही बे ह तर महसू स
आ।
शै फाली के हाथ क गम धीरे - धीरे बढ़ने लगी और इसी के साथ
िपघलने लगी जे िनथ के पै र के आसपास क बफ भी।
कु छ ही ण म जे िनथ के आसपास क सारी बफ िपघल गयी और
जे िनथ का पै र पानी से बाहर आ गया।
जे िनथ के पै र को बाहर आते दे ख तौफ क ने जे िनथ को गोद म
उठाया और उस मन स झील से बाहर आ गया।
झील के कनारे पर कु छ दूरी पर एक बड़ा सा प थर मौजू द था,
तौफ क ने जे िनथ को उस प थर पर बै ठा दया और उसके पै र के तलव
को अपनी हथे ली से रगड़ने लगा।
इस समय जे िनथ क आँ ख म तौफ क के िलए यार ही यार दख
रहा था।
ऐले स झील के पास से जे िनथ के जू ते उठा लाया।
“बाप रे ! हम लोग इस ीप को िजतना खतरनाक समझते थे , ये तो
उससे भी कह यादा खतरनाक है। " असलम ने कहा।
“ऐसा लग रहा है, जै से हम कसी पौरािणक दुिनया या फर उस
समयकाल म आ गये ह , जब पृ वी पर मायावी सं सार आ करता था।"
टी ने कहा।
“पहले चम कारी पे ड़ का िमलना और फर इस ‘जलोथा’ का
िमलना तो इसी तरफ इशारा करता है। " अलबट ने कहा।
“जलोथा से याद आया।" सु य श ने शै फाली क ओर नजर डालते ए
कहा- “ या तु म ने यह श द भी अपने सपने म सु ना था शै फाली?"
“नह .... मने यह श द सपने म नह सु ना, मु झे वयं नह पता क
यह श द उस समय मे रे दमाग म कै से आया। यह श द अचानक ही मे रे
मुं ह से िनकले । " शै फाली ने अपनी बात से सु य श का सं श य दूर करते ए
कहा।
“कै टे न हम लोग को पता है क शै फाली के अं द र कोई तो ऐसी
शि है जो समय-समय पर हमारी जान बचा रही है, पर इस ‘जलोथा’
श द को सु न कर वह मगरम छ मानव इतना भयभीत य हो गया।" इस
बार अलबट ने अपने िवचार कये ।
“शायद जलोथा कसी पौरािणक यो ा का नाम हो, िजससे वह
मगरम छ मानव डरता रहा हो और शै फाली के ारा वह श द पु कारे
जाने पर, मगरम छ मानव को उसी यो ा क याद आ गयी हो।“ सु य श ने
कहा- “ ोफे सर, वै से या आपने कभी भी ऐसे कसी जीव के बारे म पढ़ा
या सु ना है? जो इस तरह िवशालकाय और िविच हो।"
“ऐसे जीव के बारे म वतमान म तो शायद कसी जीव िव ानी ने
नह िलखा है। " अलबट ने सु य श को बताते ए कहा- “पर हां कु छ
पौरािणक कथा म ऐसे जीव के बारे म ज र िलखा है। ऐसे जीव आधा
जानवर और आधा इं सान होते थे । उनम कमाल क शि यां होती थ , पर
इं सान के पास कताब और कु छ गु फा व खं ड हर के िभ िच के
अलावा कोई सा य नह है। "
“पर ये पौरािणक कथा का जीव यहां इस ीप पर कै से आ
गया?" जै क ने अलबट को दे ख ते ए कहा।
“तु म हरे क ड़ के बारे म भू ल रहे हो जै क ।" कहते - कहते अलबट क
आँ ख गु से से लाल हो गय । शायद उ ह मा रया क याद आ गयी थी-
“हरे क ड़े भी पृ वी पर और कह नह पाये जाते । इ ह सब कारण से तो
यह ीप रह यमयी बन गया है। "
“आप सही कह रहे ह ोफे सर।" ऐले स ने कहा- “ यह थान है ही
रह यमयी।"
“पर ोफे सर।" जे िनथ बोल उठी- “वह पानी एकाएक बफ कै से बन
गयी? और वह भी ऐसी बफ िजसक सतह पतली होने के बाद भी वह टू ट
नह रही थी।"
“हो सकता है उस मगरम छ मानव के पास पानी को बफ म बदल
दे ने क शि हो।" इस बार े ज लर ने कहा।
“यह कै से सं भ व है? " जॉनी ने डरते ए कहा- “ऐसी कोई शि
नह होती।"
“हो सकता है। " अलबट ने जॉनी क बात का जवाब दया- “ य क
िजस कार मकड़ी अपने िशकार को पकड़ने के पहले जाल बु न ती है,
िजससे क उसका िशकार भाग ना सके । ठीक उसी कार से यह मगरम छ
मानव भी अपने िशकार को बफ म फं सा कर मारता हो।"
य क अब सबके पास सवाल ख म हो गये थे , इसिलये सभी सु य श
क तरफ दे ख ने लगे , पर अब कसी क िह मत दोबारा झील म उतरकर
अपनी बोतल भरने क नह बची थी।
सु य श के एक इशारे पर सभी फर से आगे बढ़ गये ।
◆ ◆ ◆
रह यमय बाज

7 जनवरी 2002, सोमवार, 15:30, वॉ शंगटन डी.सी., अमे रका

वे गा ने वीनस को लाइ े री से लौटते समय, उसक बताई जगह


पर माकट म छोड़ दया था।
वे गा ने अपनी कार अब अपने सोसाइटी के अं द र कर िलया।
कार को पा कग म खड़ा करके , उसने उस कताब के पै के ट को
हाथ म िलया और िल ट क ओर बढ़ गया।
वे गा ने िल ट का बटन दबाकर िल ट को बे स मट म बु ला
िलया।
बे स मट म इस समय िब कु ल स ाटा था।
िल ट का इं डीके टर अब िल ट को तीसरे लोर पर दखा रहा
था।
तभी वे गा को अपनी कार का सायरन बजता आ सु नाई दया
जो इस बात का सं के त था क कसी ने वे गा क कार के साथ कोई छे ड़ -
छाड़ क है।
शां त वातावरण म सायरन क ते ज आवाज एक अजीब सा खौफ
पै दा कर रही थी।
वे गा ने पलटकर अपनी कार को दे खा, पर उसे कु छ नजर नह
आया।
वे गा वापस अपनी कार क ओर चल दया।
कार के पास प ंच ने पर उसने दे खा क उसक कार पर एक
बड़ा सा बाज बै ठा आ है।
“यह इतना बड़ा बाज यहां अं ड र ाउं ड पा कग म कहां से
आया?" वे गा मन ही मन बड़बड़ाया।
उसने बाज को भगाने के िलए आसपास कोई चीज दे ख नी शु
कर दी, पर उसे आसपास ऐसा कु छ भी नजर नह आया िजससे क वह
उस बाज को भगा सके ।
यह दे ख वे गा ने अपने हाथ म पकड़ी कताब को ही बाज क
तरफ लहराया। उसका अनु मान था क बाज इससे भाग जाये गा।
पर ऐसा नह आ, बाज ने भागने क जगह अपने पं ज से उस
कताब को जोर से पकड़ िलया।
वे गा यह दे ख हैरान रह गया।
बाज अब भयानक तरीके से अपने पं ख को फड़फड़ा कर वे गा को
डराने क कोिशश करने लगा।
बाज अपनी पू री ताकत लगाकर वे गा के हाथ से कताब छीनने
क कोिशश करने लगा, पर वे गा ने भी कताब को नह छोड़ा।
तभी लगातार बज रही कार क आवाज सु न कर, एक
िस यो रटी गाड उधर आ गया।
इतने बड़े बाज को वे गा से लड़ते दे ख , गाड ने अपने हाथ म
पकड़ा डं डा, पीछे से पू री ताकत से बाज के िसर पर मार दया।
चूं क बाज क नजर वे गा क तरफ थ , इसिलए वह पीछे से
आये इस खतरे को भां प नह पाया।
डं डे क चोट ब त खतरनाक थी, बाज के हाथ से कताब
िनकलकर वे गा के हाथ म आ गयी और बाज उछलकर दूर जा िगरा।
एक पल को लगा क वह बाज इतनी भयानक चोट से मर गया,
मगर अगले ही पल वह उठकर, इस बार गाड क ओर झपटा।
गाड पू री तरह से सावधान था, उसने ते जी से झु क कर अपने
आप को बचाया, पर उसके हाथ म पकड़ा डं डा, जमीन पर िगर गया।
यह दे ख गाड ने इस बार होले टर म लगे रवा वर को
िनकालकर अपने हाथ म ले िलया।
उधर अपना िशकार हाथ ना आते दे ख , बाज फर पलटा और
कु छ दूर ककर गाड को घू र ने लगा।
गाड ने भी रवा वर बाज क ओर तान दी और बाज के अगले
ए शन का इं त जार करने लगा।
वे गा अवाक होकर इस पू री घटना को दे ख रहा था।
बाज ने इस बार ते जी से गाड क ओर उड़ान भरी।
घबराकर गाड ने गोली चला दी, पर उसी समय गोल-गोल
घू म कर बाज उस गोली से बच गया और सीधा गाड के हाथ पर आ मण
कर दया।
गाड ने रवा वर तो नह छोड़ी, पर दूस रे हाथ से उस बाज को
अपने शरीर से दूर हटाने क कोिशश करने लगा।
बाज ने गाड के हाथ को ल लु हान कर दया।
यह दे ख वे गा ने अपने पास पड़े गाड के डं डे को उठाया और दबे
पां व प ंच कर पू री ताकत से बे स बॉल क तरह से डं डे को हवा म
लहराया।
डं डा पू री ताकत से बाज के िसर पर लगा।
बाज लहराकर फर से जमीन पर िगर गया।
इस बार गाड ने कोई गलती नह क , और उस बाज के शरीर म
एक के बाद एक 3 गोली मार दी।
बाज एक बार जोर से तड़पा और उसके ाण पखे उड़ गये ।
तब तक गोली चलने क आवाज सु न कु छ और गाड भी उधर आ
गये ।
वे गा ने सारी बात िसले िसले वार तरीके से बाक गाड को सु ना
द।
वह सभी गाड उस गाड को ले क र तु रं त हॉि पटल क ओर चले
गये ।
वे गा ने भी एक बार फर से अपनी कार का लॉक चे क कया
और बाज क लाश पर एक नजर मारी।
फर वह कताब ले िल ट क ओर चल दया।
वे गा के जाते ही बाज क लाश से धुं आ िनकला और वह लाश
हवा म ऐसे गायब हो गयी, जै से वह वहां कभी थी ही नह ।
उधर वे गा िल ट से िनकलकर अपने कमरे म प ंच गया।
चूं क वे गा ने आज सु ब ह से कु छ नह खाया था, इसिलए उसने
ज खोलकर 2 िचके न सै डिवच िनकाले और उसे अवन म गम करने को
रख 5 िमनट का टाईमर लगा दया।
फर टे लीिवजन खोलकर, यू ज चै न ल लगाकर, वह कपड़े
बदलने लगा।
टे लीिवजन पर इस समय े कं ग यू ज चल रहा था। वे गा ने यह
दे ख टे लीिवजन का वो यू म थोड़ा बढ़ा दया।
“ े कं ग यू ज ! 23 दस बर को यू याक बं द रगाह से होकर
िसडनी जाने वाला पानी का जहाज ‘सन राइ जं ग ’ अपने 2700 याि य
और 500 ू मबस के साथ ‘बारामू डा ि कोण’ के रह यमय अं धे र म खो
गया। यह खतरनाक ि कोण एक बार फर इं सान के िलए जानले वा
सािबत आ है। या है ऐसा उस रह यमय े म जो लगातार मासू म
इं सान क जान ले रहा है। आइये आपको ले क र चलते ह, भौितक िव ान
के मश र वै ािनक और भू गोलशा ी ोफे सर वाटसन के पास और इनसे
जानने क कोिशश क करते ह बारामू डा ि कोण के कु छ वै ािनक त य।"
तभी अवन ने सीटी बजाकर सै डिवच के गम होने क
जानकारी दी।
वे गा का यान अवन क ओर गया, उसने टे लीिवजन को बं द कर
दया और कॉफ मशीन से एक कॉफ िनकालकर, सै डिवच के साथ सोफे
पर जाकर बै ठ गया।
वे गा के दमाग म सन राइ जं ग को ले क र ब त से याल आ रहे
थे , तभी उसक नजर सामने टे ब ल पर रखी कताब पर गयी।
अब वे गा सन राइ जं ग , बारामू डा ि कोण और अटलां टस क
किड़य को आपस म जोड़ने क कोिशश करने लगा।
वे गा को सोचते - सोचते 15 िमनट से भी यादा समय बीत गया।
यहां तक क कब उसक कॉफ और सै डिवच ख म हो गया,
उसे पता भी ना चला। वह तो बस अपने ही याल म गु म था।
तभी फोन क घं टी बजने से वे गा का यान भं ग आ।
वे गा ने सोफे से उठकर पहले ट यू पे प र से अपना हाथ प छा
और फर आगे बढ़कर फोन के ै डल को उठा िलया।
“हैलो वे गा!" दूस री तरफ से आने वाली आवाज वे गा के भाई
‘यु गाका’ क थी।
“हैलो भै या, कै से हो आप? आज ब त दन बाद फोन कया
आपने ? " वे गा ने खु श होते ए पू छा।
“हां .... आज मु झे सु ब ह से ही तु हारी याद आ रही थी, तो मने
सोचा क तु ह फोन ही कर लूं । .... तु म ठीक तो हो ना?" यु गाका क
आवाज म चं ता के भाव दख रहे थे ।
“हां . .. हां . .. म िब कु ल ठीक ं .... मु झे या होगा?" वे गा ने
बे प रवाह आवाज म कहा और जानबू झ कर बाज वाली घटना को यु गाका
को नह बताया।
“चलो ब त अ छी बात है, वै से भी अब तु हारी पढ़ाई के िसफ
2 साल और बचे ह। या लान कया है उसके आगे ? " यु गाका ने अपनापन
दखाते ए कहा।
“कु छ खास नह भै या, जै सा आप लोग चाहगे , वै सा ही क ं गा।
अगर आप कहगे तो अराका भी वापस आ जाऊं गा।" वे गा ने कहा।
“नह -नह ..... अराका वापस आने क ज रत नह है, यहां
ब त खतरा है तु हारे िलए। और वै से भी यहां अराका म रखा या है
जं ग ल के िसवा .... इसीिलए तो बाबा ने तु ह 8 साल क उ म ही
अमे रका िभजवा दया था .... अपनी पढ़ाई अ छे से पू री करो और वह
कोई अ छी सी नौकरी ढू ं ढ कर से ट ल हो जाओ .... और हां पै से क चं ता
िब कु ल मत करना ... आिखर तु म अराका के यु व राज हो।" यु गाका ने छोटे
भाई को यार जताते ए कहा।
“अ छा भाई ... ि काली दीदी कै सी ह?" वे गा ने पू छा।
“वह भी ब त अ छी है ... तु हे ब त याद करती है ... म उससे
बोल दूंगा तु हारे बारे म .... ।" यु गाका ने कहा।
“भाई एक बात पू छूं ? " वे गा ने अचानक टॉिपक चज करते ए
कहा।
“पू छो!" यु गाका भी वे गा को अचानक से सीरीयस होते दे ख
सोच म पड़ गया।
“भाई या बाबा ने आज तक ‘एरकान’ भाषा म कोई कताब
िलखी है या?" वे गा के श द म रह य ही रह य भरा दख रहा था।
वे गा क बात सु न कर, कु छ दे र तक यु गाका कु छ नह बोला।
“ कसने क तु म से ये सब बात?" यु गाका ने सवाल के जवाब दे ने
क जगह उ टा वे गा से सवाल ही कर िलया- “तु म ठीक तो हो ना वे गा?
कु छ ऐसा तो नह है जो तु म हमसे िछपाने क कोिशश कर रहे हो?"
“नह -नह भै या ... कु छ खास बात नह है, वो तो बस मने ऐसे
ही पू छ िलया था।" वे गा ने फर बात को िछपाया- “अ छा भै या, अभी
एक कॉले ज के ोजे ट पर काम करना है इसिलए अभी फोन रखता ं।
बाय-बाय भै या।"
“बाय-बाय!" यु गाका ने अनचाहे मन से वे गा को बाय कया।
वे गा ने ज दी से फोन को रख दया।
वे गा क नजर एक बार फर उस कताब क ओर गय ।
फर वह होठ ही होठ म बु द बु दाया- “भै या मु झ से झू ठ य
बोल रहे ह? य ये सारी चीज मु झ से िछपाना चाहते ह?"
फर वे गा ने अपने िसर को एक झटका दया और अपने काम
पर लग गया।
◆ ◆ ◆
भिव य के प थर

7 जनवरी 2002, सोमवार, 16:30, अराका ीप, अटलां टक महासागर

“कै टे न ।" अलबट ने कहा- “हम लोग को झील वाली जगह से


िनकले लगभग 2 घं टे हो गये ह। एक तो थकान भी लग रही है, दूस रा
शाम भी होने वाली है, ऐसे म हम कसी सु र ि त थान क भी तलाश
करनी होगी, य क ये जं ग ल अगर दन म इतना खतरनाक है, तो रात
को तो इसम कना और भी यादा मु ि कल हो जाये गा।"
“आप ठीक कह रहे ह ोफसर।" सु य श को अलबट क बात िब कु ल
सही लगी- “अभी अं धे रा होने म 1 घं टे शे ष ह, इतने समय म ही हम
कसी सु र ि त थान को ढू ं ढ ना होगा।"
“ या इस काम म ू नो हमारी कोई मदद कर सकता है? " शै फाली
ने कहा।
“यह कस कार से हमारी मदद कर पाये गा?" जे िनथ ने शै फाली से
पू छा।
यह सु न कर शै फाली ू नो के पास बै ठ गयी .... उसने धीरे से ू नो के
िसर को सहलाया और उसके कान के पास कु छ फु सफु सा कर कहा। उसके
कहे श द कसी और को सु नाई नह दये ।
शै फाली क बात सु न ू नो ने भ ककर शै फाली को अपनी भाषा म
कु छ कहा और फर सूं घ ते ए एक दशा म चल दये ।
कसी को कु छ समझ तो नह आया पर इस रह यमयी ीप म
सबसे यादा सभी को शै फाली पर ही भरोसा था। इसिलए िबना कोई
सवाल कए सभी ू नो के पीछे - पीछे चल पड़े ।
आगे - आगे चलता आ ू नो बीच-बीच म कु छ सूं घ ता और फर
अपना रा ता बदल दे ता।
ू नो एक जगह पर प ंच कर कु छ खु र चने लगा।
सभी ने जाकर जब उस थान को दे खा तो वह आ य से भर उठे ।
उस जगह पर जमीन म एक अधचं ाकार प थर लगा आ था।
यह प थर िब कु ल कसी माइल टोन क तरह तीत हो रहा था।
“कै टे न ।" ऐले स प थर पर नजर मारते ए बोला- “ये तो ब त
अजीब से प थर ह।"
अब सभी क नजर प थर पर थ ।
“यह तो माइल टोन क तरह से लग रहा है। " डन ने कहा।
अलबट अब बै ठ कर यान से उस प थर को दे ख ने लगा।
“अरे यहां आसपास ब त से ऐसे प थर ह।" टी ने चारो तरफ
नजर दौड़ाते ए कहा।
टी क आवाज सु न कर अब सभी लोग चारो तरफ दे ख ने लगे ।
वहां पर आसपास उसी कार के लगभग 11 और प थर थे ।
प थर पर कु छ रं ग -िबरं गी आकृ ितयां बन थ और कु छ कू ट भाषा
म िलखा भी आ था।
वह कू ट भाषा इनम से कसी क समझ म नह आयी।
“कै टे न ।" तौफ क ने कहा- “यह सभी प थर एक बराबर साइज के
है और इस पर कु छ िलखा आ भी है। इससे यह तो साफ हो गया क इस
ीप पर इं सान ह य क ये काम कोई जानवर नह कर सकता।"
“आप सही कह रहे हो तौफ क।" सु य श ने तौफ क क बात का
जवाब दया- “और यह भी योर है क जो इं सान इस ीप पर है, वह
स य भी है और समझदार भी है। "
अलबट अभी भी झु क कर प थर को यान से दे ख रहा था।
“कै टे न , सभी प थर पर आकृ ितयां तो अलग-अलग ह, पर इन
सभी प थर के बीच म बनी यह आग के गोले क आकृ ित सब म कॉमन
है। " अलबट ने सू म िनरी ण करते ए कहा।
तभी शै फाली क आवाज ने एक बार फर सबको आ य म डाल
दया- “कै टे न अं क ल, या इनम से कसी प थर पर एक िब छू जै सी
आकृ ित बनी ई है? "
शै फाली क आवाज सु न अब सभी उन प थर के िनशान को यान
से दे ख ने लगे ।
कु छ ही दे र म ऐले स क आवाज सु नाई दी- “यहां है वो प थर,
िजस पर िब छू जै सी आकृ ित बनी ई है। "
तभी शै फाली क आवाज पु नः गूं जी- “ऐले स भै या, या उस पर
एक काला गोला और एक रोमन तलवार भी बनी है? "
“हाँ है! " अब ऐले स क आवाज म िव मय था।
“आप सब एक-एक प थर के पास खड़े हो जाइये । म कु छ और
आकृ ितयां बताती ं। " शै फाली ने फर कहा।
शै फाली क आवाज सु न सभी लोग एक-एक प थर के पास खड़े हो
गये ।
ऐसा लग रहा था जै से शै फाली कोई लास टीचर हो और बाक
सारे लोग उसके टू ड ट।
“कै टे न अं क ल, आपके प थर पर एक शे र जै सी आकृ ित होगी, उसके
आसपास एक अं गू ठी भी बनी होगी।" शै फाली ने सु य श से कहा।
सु य श अपने प थर को दे ख कर अवाक रह गया। उसके प थर पर
वह सारी चीज बनी थ , जो शै फाली बता रही थी।
“पर शै फाली।" सु य श ने आ य भरे वर म पू छा- “तु ह कै से पता
क म कस प थर के पास खड़ा ं। "
पर जै से शै फाली ने सु य श क बात सु नी ही ना हो, वह अनवरत
बोलती जा रही थी।
“अलबट अं क ल आपके प थर पर एक मछली क आकृ ित बनी है,
िजसके आसपास कु छ आग के िच ह भी दख रहे ह गे आपको।"
“िब कु ल सही!" अ बट ने कहा।
धीरे - धीरे शै फाली ने सभी प थर के बारे म िब कु ल सही-सही बता
दया।
सब कु छ बताने के बाद शै फाली अपनी जगह पर ऐसे खड़ी हो गयी
जै से कसी ने उसे टे चू बोल दया हो।
“शै फाली-शै फाली!" अलबट ने पास आकर शै फाली को पकड़कर
झकझोरा- “ या आ तु ह ठीक तो हो ना?"
“हाँ ड अं क ल, म िब कु ल ठीक ं। " शै फाली ने शां त वर म कहा-
“मु झे कु छ नह आ।“
सभी प थर के पास से हटकर शै फाली के पास आ गये ।
सु य श ने शै फाली को वह एक साफ थान दे ख कर बै ठा दया।
अब शै फाली नामल दखने लगी थी, तभी ू नो पास आकर शै फाली
का हाथ चाटने लगा।
अलबट यार से शै फाली के िसर पर हाथ फे रने लगा।
“ये या रह य है शै फाली?" टी ने शै फाली के पास बै ठ ते ए
पू छा- “तु म इन सब आकृ ितय के बारे म कै से जानती हो?"
“मने ये सभी आकृ ितयां अपने सपने म दे ख थ ।" शै फाली ने
मासू िमयत से जवाब दया।
“पर तु ह यह कै से पता चला क कौन कस जगह खड़ा है? " जै क ने
सं दे ह भरी नजर से शै फाली को दे ख ते ए पू छा।
“मु झे नह पता क कौन कहां खड़ा था?" शै फाली ने उलझे - उलझे
वर म कहा- “पर मु झे ऐसा लगा जै से मे रे दमाग म ये सारी आकृ ितयां
अपने आप बन रही ह। मे रा मतलब क म िजस भी ि के बारे म बताने
चलती, उसक आकृ ित उस समय मे रे दमाग म वयं आ जा रही थी।"
शै फाली ने जो कु छ भी कहा, वो वहां खड़े कई लोग को डराने के
िलए काफ थी।
जै क और जॉनी तो इतना डर गये क वो अपने अगल-बगल दे ख ने
लगे ।
यह सु न अलबट ने गहरी साँ स ले ते ए कहा- “मु झे जाने य ऐसा
लग रहा है क इस ीप पर ब त कु छ रह यमयी है। यह ीप हम लोग
क सोच से भी यादा खतरनाक है। “
“आप सही कह रहे ह ोफे सर।" सु य श ने अलबट पर िनगाह मारते
ए कहा- “मु झे भी एहसास हो रहा है क इस ीप पर िव ान से अलग
हटकर कु छ है, जो हम लोग क समझ से बाहर है। "
तभी जे िनथ ने शै फाली से पू छा- “तु म इन प थर या इनक
आकृ ितय के बारे म कु छ और बता सकती हो शै फाली? या फर इस ीप
के बारे म ऐसा कु छ जो हम लोग नह जानते । "
“हाँ जे िनथ दीदी।" शै फाली ने अं दाजे से अपना चे ह रा जे िनथ क
ओर करते ए कहा- “पहली बात तो ये है क ये प थर हम हमारा भिव य
दखा रहे ह।"
“भिव य!" सभी के मुं ह से समवे त वर िनकला।
“हाँ भिव य।" शै फाली ने पु नः कहा- “आप लोग ने शायद गौर
नह कया क हम लोग भी 12 ह और यह प थर भी 12 ह।"
शै फाली के यह बोलते ही अब सभी का यान फर से प थर क
ओर गया।
उधर शै फाली का बोलना बद तू र जारी रहा- “यह प थर हमारे ही
िलए यहां पर लगाए गये ह। इन पर बनी आकृ ितयां भिव य म हम माग
दखाएं गी।“
“मगर इन प थर को दे ख कर तो यह लगता है क यह सै क ड़ वष
से यहां पर लगे ह।“ अलबट ने प थर क ि थित को दे ख ते ए कहा।
“मु झे ब त यादा नह पता ड अं क ल।" शै फाली ने दमाग पर
जोर डालते ए कहा- “पर मु झे इतना ज र लग रहा है क हमारा जहाज
वयं दुघ टना त नह आ। हम जान-बू झ कर यहां लाया गया है, बि क
ये समझ लीिजए क यहां आना हमारी िनयित थी और ये भी हो सकता है
क ये प थर यहां हमारा सै क ड़ साल से इं त जार कर रहे ह ।"
शै फाली का हर श द सभी के दमाग म िव फोट कर रहा था।
“अगर ये प थर हमारा भिव य ह तो या मे रे भिव य म सां प है?
य क मे रे प थर पर तो सां प बना है। " े ज लर ने घबराकर कहा।
“हो भी सकता है? " शै फाली ने े ज लर को जवाब दया- “मु झे तो
जो महसू स हो रहा है, मने आप लोग को बता दया।"
े ज लर अभी शै फाली से बात कर ही रहा था क अचानक एक पे ड़
से सरसराहट क आवाज सु नाई दी और इससे पहले क कोई कु छ समझ
पाता, अनाक डा क तरह का एक िवशालकाय अजगर पे ड़ से े ज लर के
ऊपर कू द पड़ा।
अजगर ने िबना समय दये े ज लर को अपनी कु डली म जकड़
िलया।
इतना िवशालकाय अजगर दे ख कर सभी के मुं ह से चीख िनकल
गयी।
“बाप रे ! इतना बड़ा अजगर .... ये तो अनाक डा का भी बाप लग
रहा है। " जै क का मुं ह दहशत के कारण सफे द हो गया।
े ज लर के मुं ह से लगातार चीख िनकल रह थ ।
कसी क समझ म नह आ रहा था क कै से े ज लर को बचाया
जाए?
“बचाओ कै टे न !" े ज लर पू री ताकत लगाकर चीखा।
अलबट ने शै फाली को तु रं त अपनी तरफ ख च िलया
सारे लोग े ज लर से थोड़ा दूर हट गये ।
तभी तौफ क ने असलम से ले य र गन मां गी।
असलम ने ज दी से अपने काले बै ग से गन िनकालकर, उसम िस ल
ले य र फट कर, तौफ क के हाथ म पकड़ा दी।
ले य र गन अब तौफ क के हाथ म थी। तौफ क ने अजगर के िसर
पर िनशाना साधा।
“ ठ सऽऽऽ“ क आवाज करता िस ल ले य र अजगर के मुं ह क ओर
झपटा।
पर जै से ही वह ले य र अजगर के मुं ह के पास प चा, अचानक से
अजगर का िसर अपनी जगह से िहला और ले य र उसके बगल से होता
आ, जमीन पर िगर गया।
अजगर को ले य र क गम का एहसास होते ही, उसने एक नजर
पहले ले य र पर मारी और फर तौफ क क ओर घू म कर उसे घू र ने लगा।
अब वह थोड़ा गु से म भी दखने लगा।
तभी तौफ क ने असलम से एक और ले य र मां ग कर उसे गन म
लोड कर िलया।
तौफ क ने दोबारा िनशाना साधा और फर फायर कर दया।
इस बार िनशाना िब कु ल सटीक था।
ले य र सीधा अजगर के मुं ह पर जाकर लगा।
अजगर के चे ह रे पर आग लग गयी। अब उसने अपनी कु डली और
कस ली।
‘कट् - कट् ’ क आवाज के साथ े ज लर क हि यां टू ट ने लग ।
अजगर अब अपना चे ह रा इधर-उधर पटकने लगा। अजगर ने गु से
क वजह से अपना पू रा शरीर अब ब त यादा कड़ा कर िलया।
े ज लर का िसर अब हवा म झू ल ने लगा।
“िह स-िह स!" अजगर अब ब त ते ज फुं फकारने लगा।
“कै टे न ।" अलबट ने सु य श क ओर दे ख ते ए कहा- “ े ज लर अब
मर चु का है। हम तु रं त यहां से चलना चािहए य क यह अजगर अब
अपने सािथय को पु कार रहा है। कु छ ही दे र म यहां पर और अजगर भी
आ जायगे । तब हमारा बचना भी मु ि कल हो जाये गा।"
सु य श ने अलबट क बात सु नी ज र, पर वह अब भी वह खड़ा
रहा।
“चिलए कै टे न ।" इस बार डन ने कहा- “ ोफे सर सही कह रहे ह
और वै से भी े ज लर अब मर चु का है। "
सु य श ने एक गहरी साँ स भरकर आिखरी बार े ज लर को दे खा और
फर बाक सबको ले क र वहां से िनकल गया।
उसके कान म अब भी े ज लर क चीख सु नाई दे रह थ ।
◆ ◆ ◆
चैपटर-3
अराका ीप क वणन

अ रचना राका ीप- अटलां टस क स यता का अंितम सा य, िजसक


वयं पोसाइडन ने अपने हाथ से क थी। िजसके ‘पोसाइडन
पवत’ के अंदर ‘ लीटो’ कह कै द है।
अराका ीप- िजस पर शलाका ने सामरा और सीनोर वािसय को
लाकर बसा दया।
अराका ीप- एक ऐसा कृ ि म ीप जो पानी पर भी तै र सकता है।
अने काने क िविच ता से भरा यह ीप ही बारामू डा ि कोण के रह य
का ोत है।
तो फर आइये दो त , इससे पहले क यह कथानक और आगे बढ़े ,
थोड़ा सा हम इस ीप क भौगोिलक ि थित के बारे म जान ले ते ह, इससे
आपको कथानक का सार समझने म सरलता होगी।
अराका ीप ि भु ज क आकृ ित वाला एक कृ ि म ीप है िजसक
तीन भु जाएं 20 कलोमीटर लं बी ह। यह ीप 200 कलोमीटर के े फल
म फै ला है।
अराका ीप के िपछले िह से के बीचोबीच के े म दे व ता
पोसाइडन क एक बै ठी ई आकृ ित के समान एक िवशालकाय पवत है
िजसे ‘पोसाइडन पवत’ के नाम से जाना जाता है।
इस पवत के सामने क तरफ एक अधचं ाकार आकृ ित म, 6
कलोमीटर क ि या म, एक काफ गहरी और 10 मीटर चौड़ी, पानी क
नहर है, िजसे ‘जलकवच’ कहा जाता है। पोसाइडन पवत के अं द र इस
ां ड का सबसे बड़ा ितिल म मौजू द है, िजसे ितिल मा कहते ह, िजसका
ार इस पवत पर ही कह मौजू द है।
इस ितिल मा के बां ई तरफ के 36 कलोमीटर े फल का िह सा
‘सामरा रा य’ और दां ई तरफ 36 कलोमीटर े फल का िह सा ‘सीनोर
रा य’ कहलाता है।
सामरा और सीनोर रा य को चारो ओर से एक अदृ य दीवार ने
घे र रखा है। इस अदृ य दीवार को िसफ सामरा या सीनोर वासी ही पार
कर सकते ह। अथात ना तो कोई बाहरी इं सान इन दोन रा य म वे ष
कर सकता है और ना ही बाहर से उसे अं द र क दुिनया दखाई दे गी।
अराका ीप क यह व था दोन रा य क सु र ा का एक भाग
है।
अराका ीप के बाक िह से को ‘मायावन’ के नाम से जाना जाता
है। इस ‘मायावन’ म पे ड़ -पौधे , जीव-ज तु , पहाड़, रे िग तान, दलदल,
बफ, झील, झरना, मै दान, वालामु खी व अ य ब त सी रह यमयी चीज
ह, जो खतर के प म चार तरफ फै ली ह।
आपक बे ह तर समझ के िलए अराका ीप का एक मानिच भी
आगे दया आ है, िजसम कु छ सं के त के मा यम से अराका ीप को
िचि हत कया गया है-
इससे यादा पहले से कु छ भी कहना कथानक को खराब करना
होगा। तो आइये दो त शु करते ह आगे क कहानी ...................।"
◆ ◆ ◆
सामरा रा य

7 जनवरी 2002, सोमवार, 17:00, सामरा रा य, अराका ीप

यु गाका वे गा से बात करने के बाद से ही उलझन म था।


“वे गा को बाबा क कताब के बारे म कसने बताया? या वे गा को
अराका ीप के बारे म सबकु छ पता चल गया? कह ऐसा तो नह क वे गा
हमसे कु छ िछपा रहा है? फर ... फर तो वह खतरे म भी हो सकता है।
लगता है बाबा से सब कु छ बताना ही पड़े गा।“ यु गाका मन ही मन बु द बु दा
रहा था- “पर बाबा ने तो कु छ दन तक िमलने से मना कया था ..... या
क ं ? ... या क ं ? .... नह -नह , मु झे कु छ भी करके बाबा से िमलना ही
होगा।"
यह सोच यु गाका अपने िब तर से उठकर खड़ा हो गया और
शयनक से बाहर िनकल गया
अब वह अपने महल के गिलयारे म था।
रा ते म खड़े सै िनक ने यु गाका को दे ख अपना िसर झु का िलया।
चलता आ यु गाका अब सामरा महल के ां ग ण म आ गया।
िवशालकाय ऊं ची-ऊं ची दीवार से िघरा आ सामरा महल िब कु ल अभे
दख रहा था।
चार तरफ ऊं ची-ऊं ची, कद-काठी वाले सै िनक सजगता से पहरा दे
रहे थे । महल के मु य ार पर लकड़ी का एक िवशालकाय ार लगा था।
यु गाका धीरे - धीरे चलता आ, उस ार तक प ंचा और धीरे से
ार को अपने दािहने हाथ से पश कया।
जाने या खास बात थी यु गाका के पश म क ार वतः ही जमीन
के अं द र समा गया।
कु छ ही दे र म ार अपने थान से गायब हो गया।
यु गाका के महल से बाहर िनकलते ही ार जमीन से िनकलकर
वापस अपनी जगह पर खड़ा हो गया।
ार के बाहर एक िवशालकाय चबू त रा बना था, िजस पर 20
सी ढ़यां बनी थ ।
यु गाका सी ढ़यां उतरकर कनारे पर आ गया। जहां पर ये सी ढ़यां
ख म हो रह थ , वहां से महल के बाहर क ओर लगभग 200 मीटर आगे
तक गहरा पानी भरा था, जो दे ख ने म एक छोटी झील के जै सा नजर आ
रहा था।
झील म ब त सी लकड़ी क बनी, हंस क श ल वाली छोटी-छोटी
नाव घू म रह थ , िजस पर कोई भी इं सान दखाई नह दे रहा था।
यु गाका ने जै से ही अपना कदम अं ितम सीढ़ी पर रखा, एक नाव
वतः ही यु गाका के समीप आ गयी।
यु गाका उस नाव म सवार हो गया। यु गाका के बै ठ ते ही नाव दूस रे
कनारे क ओर चल दी। झील के पानी के अं द र मछिलय क तरह के कु छ
िवशालकाय जीव तै र रहे थे ।
वह सभी जीव महल क सु र ा के िलए थे ।
कनारे पर प ंच कर यु गाका नाव से उतर गया। यु गाका के उतरते
ही नाव वापस झील क तरफ चली गयी।
यु गाका ने कु छ दे र इधर-उधर दे खा और फर एक ते ज सीटी क
आवाज अपने मुं ह से िनकाली।
तभी एक लकड़ी से बनी अजीब सी कार क तरह का कोई वाहन
यु गाका के सामने आ गया।
लकड़ी क उस कार के चार पिहय पर रबर जै सा कोई
िचपकाया गया था, मान उसे टायर का शे प दया गया हो। कार के अं द र
काफ मु लायमदार सीट लगी ई थ ।
पू री कार खू ब सू र त फू ल से सजी थी। कु ल िमलाकर वह लकड़ी क
कार कसी खू ब सू र त पु राने रथ के जै सी लग रही थी।
यु गाका उस कार का गे ट खोलकर उसम बै ठ गया। कार के अं द र न
तो कोई टे य रं ग हील था और न ही कसी तरह का मै के िन म उसम
दखाई दे रहा था।
“बाबा के पास जाना है। " यु गाका ने कहा।
यु गाका के बोलते ही कार चल पड़ी। वह कै से चल रही थी? उसे
कौन ाइव कर रहा था? कु छ समझ म नह आ रहा था?
कलाट का महल वहां से 3 कलोमीटर दूर था।
यु गाका आराम से आँ ख बं द करके लकड़ी क कार म ले ट गया।
कार बड़े ही िविच तरीके से चलती जा रही थी। जं ग ल म ना तो
कोई सड़क थी और ना ही आरामदायक रा ता, पर कार म बै ठे यु गाका को
िब कु ल भी झटके महसू स नह हो रहे थे ।
कार क पीड 40 कलोमीटर ित घं टा से कम नह थी य क
बामु ि कल 5 िमनट म ही कार ने यु गाका को कलाट महल प ंचा दया।
यु गाका ने एक नजर कलाट महल पर मारी और कार से उतरकर
नीचे आ गया।
यु गाका के उतरते ही कार वहां से चली गयी।
कलाट महल ब त ही भ था। महल के बीचोबीच सोने क
अनोखी िडजाइन म एक बड़ा सा गोल गु बद बना था। महल क छत हरे
रं ग के शीशे से बनी थी, िजसके पार कु छ भी नह दखाई दे रहा था।
महल के ां ग ण म लाल रं ग के खू ब सू र त फू ल क या रयां लग थ
और बीच म सं ग मरमर के प थर से बने चबू त रे पर एक शानदार हरा पे ड़
लगा था।
मु य ार के दोनो तरफ सीढ़ीयां बन थ ।
यु गाका बां ये तरफ क सीढ़ीयां चढ़कर मु य ार तक प ंच गया।
मु य ार कसी धातु का बना था। मु य ार के बगल एक छोटी
सी मशीन लगी थी, िजस पर यु गाका ने अपना हाथ कै न कर दया।
यु गाका के हाथ को कै न करते ही, मु य ार खु ल गया। यु गाका ने
एक नजर अं द र क ओर डाली और फर अं द र िव हो गया
सबसे पहले एक ब त बड़ा सा शानदार कमरा था, जो क पू रा
सफे द प थर से बना था। दीवार पर भी शानदार सोने क कारीगरी थी।
तभी यु गाका के सामने के ार से एक 4 फु ट का छोटा पे ड़ चलता
आ अं द र आया।
यु गाका के सामने प ंच वह पे ड़ धीरे से यु गाका के स मान म झु का
और फर पलटकर अं द र के ार क ओर चल दया।
यु गाका उस पे ड़ के पीछे - पीछे अं द र क ओर चल दया।
महल म एक भी इं सान नजर नह आ रहा था, मगर रा ते म
अलग-अलग कार के अने क पे ड़ कु छ ना कु छ काम करते ए नजर आ रहे
थे ।
चलते - चलते वह पे ड़ एक बड़े से ार के पास क गया और यु गाका
को अं द र क ओर जाने का इशारा कया।
यु गाका उस ार से अं द र क ओर िव हो गया।
वह एक ब त बड़ी सी योगशाला थी, िजसम ब त से पे ड़ काम
कर रहे थे । हर तरफ काँ च के बीकर और ला क म अने क रं ग के रसायन
भरे थे ।
एक छोटी मगर गोल टे ब ल के चारो ओर 3 बौने बै ठ कर कु छ योग
कर रहे थे । तीन बौन क ऊं चाई लगभग 3 फु ट के आसपास थी।
वह तीन दे ख ने म एक जै से ही लग रहे थे , बस उनक दाढ़ी के रं ग
अलग-अलग थे ।
सफे द दाढ़ी वाले का नाम ‘ करीट’, भू री दाढ़ी वाले का नाम
‘ रं जो’ और काली दाढ़ी वाले का नाम ‘ शं जो’ था।
यह तीनो बौने आपस म भाई थे , िजनम करीट सबसे बड़ा था,
जब क रं जो और शं जो जु ड़ वा थे । यह तीन बौने कलाट के वै ािनक थे ।
एक तरह से ये तीनो सामरा रा य के रीढ़ क ह ी थे । कलाट इन तीन को
‘शै तान ितकड़ी’ के नाम से पु कारता था।
यु गाका को दे ख वह तीनो आदर से खड़े हो गये ।
यु गाका ने उ ह बै ठ ने का इशारा कया। इशारा दे ख तीनो बै ठ गये
और फर से काम करने लगे ।
तभी यु गाका क नजर सामने लगी ऊं ची-ऊं ची मशीन क ओर
गयी।
उन मशीन के आगे एक 6 फु ट ऊं चा बू ढ़ा इं सान खड़ा था। िजसने
पु राने जमाने के जादूग र के समान पोशाक पहन रखी थी। उसके िसर के
और दाढ़ी के बाल िब कु ल सफे द थे । वह कलाट था, सामरा का महान
जादूग र वै ािनक, िजसे यु गाका और वे गा ‘बाबा’ कह कर स बोिधत करते
थे ।
यु गाका कलाट के पास प ंच गया।
यु गाका ने अपने दािहने हाथ से मु ी बं द कर अपने सीने से लगाया
और झु क कर कलाट को अिभवादन कया।
कलाट ने धीरे से िसर िहलाया और फर से अपने काम म लग गया।
यु गाका चु प चाप वहां खड़ा कलाट को मशीनो पर काम करते दे ख ता
रहा।
बीच-बीच म यु गाका को तीन बौनो क बहस भरी आवाज भी
सु नाई दे रही थी, शायद वह कसी योग के बारे म बात कर रहे थे ।
20 िमनट तक अनवरत काम करने के प ात कलाट ने अपना काय
बं द कर दया और यु गाका को अपने पीछे आने का इशारा कया।
यु गाका कलाट के पीछे - पीछे चल दया।
एक-एक कर तीन कमर को पारकर कलाट एक ऐसे कमरे म प ंचा
जो क शायद कलाट का शयनक था।
कमरे के एक कनारे कु छ बै ठ ने वाली आरामदायक कु सयां रख
थ।
कलाट के इशारे से 2 कु सयां अपने आप चलती आय और
यु गाका के पास आकर क गय ।
यु गाका और कलाट दोनो कु सय पर बै ठ गये ।
कलाट ने एक गहरी साँ स भरी और यु गाका से पू छा- "हाँ , अब
बताओ यु गाका ... मे रे पास आने का या कारण है? "
“बाबा आपके पास आने का कारण वे गा है। " यु गाका तो जै से
इं त जार ही कर रहा था, वह कलाट क ओर दे ख ते ए बोला- “पता नह
कसने उसे आपक कताब क जानकारी दे दी है। वह आपक कताब के
बारे म पू छ रहा था।"
“मे री कताब तो उसके हाथ नह लगे गी य क उसक सभी
ितिलिपयां आज से 500 वष पहले ही न क जा चु क ह।" कलाट ने
गं भीर भाव से कहा- “अब रही बात वे गा क ... तो हो सकता है क उसके
मन म कु छ उ सु क ता हो, अराका के बारे म जानने क , इसीिलए वह तु म से
कु छ पू छ ना चाह रहा हो।"
“हो सकता है बाबा ... पर पता नह य आज मु झे वे गा क बात
म रह य भरा दख रहा था? कु छ तो ऐसा था िजसे वह िछपाने क चे ा
कर रहा था।" यु गाका के श द म आ मीयता भरी थी।
कलाट यु गाका क बात सु न सोच म पड़ गया।
कु छ दे र तक सोचने के बाद कलाट ने एक गहरी साँ स भरी और
यु गाका से बोल उठा- “म जानता ं क वे गा को सीनोर जाित के लोग से
खतरा है। इसीिलए तु म ने वे गा को कभी अराका के कसी रह य के बारे म
नह बताया और 8 साल क उ म ही उसे अमे रका पढ़ने के िलए भे ज
दया। िपछले 14 साल से वे गा तु हारे िसवा कसी अराकावासी से िमला
तक नह है। फोन पर भी उसने िसफ तु म से , मु झ से और ि काली से ही
बात क है। इसिलए तु ह उसक सु र ा के िलए इतना चं ता करने क
ज रत नह है। वह अमे रका म एकदम सु र ि त है। ले कन अगर फर भी
तु हे कोई परे शानी महसू स हो रही हो तो ‘शै तान ितकड़ी’ से िमल लो।
शायद उनके पास तु हारी चं ता का कोई उपाय हो।"
यु गाका समझ गया क अव य ही उन बौन के पास ऐसा कु छ है जो
उसक सम या का िनवारण है, अतः उसने कलाट क ओर दे ख धीरे से
अपना िसर िहला दया।
यु गाका को िसर िहलाते दे ख कलाट ने वहां टे ब ल पर रखे एक घं टे
क ओर घू र कर दे खा। कलाट के घू र ते ही घं टा अपने आप हवा म उठकर
बजने लगा। शायद यह बौन को वहां बु लाने का कोई सं के त था।
घं टे क आवाज शां त वातावरण म ब त ते ज गूं जी।
कु छ ही दे र म तीन बौने कलाट के सामने खड़े थे ।
“ करीट।" कलाट ने सफे द दाढ़ी वाले बौने को स बोिधत करते ए
कहा- “यु गाका को वे गा क सु र ा क चं ता है, अगर तु हारे पास वे गा क
सु र ा के िलए कोई इले ािनक यं हो तो तु म उसे यु गाका को दे सकते
हो?"
कलाट क बात सु न करीट कु छ दे र तक सोचता रहा और फर बोल
उठा- “जोिडयाक वॉच! हां िसफ वही वे गा क िछपकर मदद कर सकती
है। "
“ये ‘जोिडयाक वॉच’ या है? " यु गाका ने भरी िनगाह से
करीट को दे ख ते ए पू छा।
“ कये , पहले दखाता ं फर बताता ं। " इतना कहकर करीट ने
रं जो क ओर दे खा।
रं जो करीट का इशारा समझ जोिडयाक वॉच ले ने चला गया।
कु छ ही दे र म जोिडयाक वॉच यु गाका के हाथ म थी।
“जोिडयाक वॉच हाथ म पहनने वाली माट वॉच है, िजस पर वे गा
समय भी दे ख सकता है और उसका वॉलपे प र भी चज कर सकता है। "
करीट ने यु गाका क ओर दे ख ते ए कहा।
“ये तो एक नामल माट वॉच लग रही है। इससे वे गा क सु र ा
कस कार होगी?" यु गाका अभी भी समझ नह पा रहा था।
“वे गा के िलए यह िसफ एक माट वॉच होगी, मगर इसक मदद से
आप कभी भी वे गा क लोके शन का पता लगा सकते हो।" करीट ने कहा-
“अब म आता ं इसक सबसे बड़ी खािसयत क तरफ। इस माट वॉच म
12 अलग-अलग कार के वॉलपे प र ह, जो 12 अलग-अलग रािशय का
ितिनिध व भी करते ह। वे गा को खतरे म दे ख यह वॉच माट तरीके से
वयं ए टीवे ट हो जाये गी और इसम उपि थत 12 रािशयां चु प चाप घड़ी
से िनकलकर वे गा क मदद करगी। पर यह बात वे गा जान नह पाये गा।"
करीट ने आिखरी बात मु कु राते ए कही।
“पर यह कस कार सं भ व है? " यु गाका ने जोिडयाक वॉच को
उलट-पलट कर दे ख ते ए कहा- “रािशयां , इस कार प कै से धारण कर
सकती ह?"
“हमने इस वॉच म ‘धरा त व’ के एक कण का इ ते माल कया है,
जो क इस वॉच के क म लगा है। इस कण म वयं का एक मि त क है
जो क कसी भी मु सीबत के समय इस माट वॉच से बाहर आ जाये गा
और जमीन म मौजू द सू म कण से िमलकर, इन 12 रािशय का प
धारण कर ले गा। मु सीबत से लड़ने के बाद यह कण वापस इस जोिडयाक
वॉच म समा जाये गा। यह कण इतना सू म है क यह कसी को भी दखाई
नह दे गा, िजसक वजह से वे गा कभी जान नह पाये गा क उसक मदद
कसने क ?"
“यह धरा शि आपको कहां से िमली, ये तो दे वी शलाका के एक
भाई ‘कै िल स’ के पास थी।" यु गाका क आँ ख म आ य दखा।
“यह पू ण ‘धरा शि ’ नह है, ये िसफ उसका एक अं श मा है।
इसका अिव कार रं जो व शं जो ने कया है। तभी यह िसफ 12 प ही
धारण कर सकती है। पू ण ‘धरा शि ’ अभी भी ‘दे व ता कै िल स’ के पास
ही है। " करीट ने कहा।
रं जो व शं जो अपनी तारीफ सु न कर ब त खु श हो गये ।
“वाह! अ भु त .... ।" यु गाका जोिडयाक वॉच क खािसयत दे ख कर
खु श हो गया और घु ट न के बल बै ठ कर करीट को गले से लगा िलया-
“ या शानदार अिव कार है! "
यु गाका का करीट को गले लगाते दे ख रं जो- शं जो भी मचलने लगे -
“मु झे भी गले लगना है .... मु झे भी गले लगना है। "
यु गाका ने मु कु राकर रं जो- शं जो को दे खा और उ ह भी पास आने
का इशारा कया।
दोन यह दे ख कर दौड़ कर यु गाका के गले लग गये ।
यह दे ख कलाट के चे ह रे पर मु कान उभर आयी।
◆ ◆ ◆
बक डकै ती का रह य

7 जनवरी 2002, सोमवार, 17:30, मायावन, अराका ीप

धीरे - धीरे आगे बढ़ते ए पू रा दन बीत चु का था। अब शाम का


धुं ध लका चारो ओर फै लने लगा था।
सु य श सिहत सभी के चे ह रे पर थकान साफ नजर आ रही थी। दन
भर सभी ने ाई ू ट िब कु ल यू ज नह कये थे । रा ते म उ ह जो कु छ
िमला था, सभी ने वह खाकर अपना गु जारा कया था।
“कै टे न !" डन बोल उठा- “शाम हो चु क है। कु छ दे र के बाद रात
का अं धे रा चारो ओर फै ल जाये गा। ऐसे म हम रात काटने के िलए कोई
सु र ि त जगह ढू ं ढ नी होगी।"
“सही कह रहे हो डन।" सु य श ने सभी के थके चे ह र पर िनगाह
मारते ए कहा- “पर चारो तरफ पे ड़ ही पे ड़ ह, इनके नीचे रात िबताना
खतरे से खाली नह होगा। हम कह खु ला आसमान चािहए होगा।"
“बात तो आप ठीक कह रहे ह कै टे न ।" जे िनथ ने सु य श को दे ख ते
ए कहा- “खु ले आसमान के अलावा हम पानी भी चािहए होगा। य क
सु ब ह उठ कर सभी को े श भी तो होना होगा।"
तभी शै फाली ने हवा म कु छ सूं घ ते ए कहा- “कै टे न अं क ल, मु झे
हवा म नमी का अहसास हो रहा है। यक नन हमारे बां यी तरफ कह पानी
का तालाब है। "
शै फाली क बात सु न सु य श ने सभी को उधर चलने का इशारा
कया।
बामु ि कल 100 कदम आगे चलते ही पानी का एक छोटा तालाब
दख गया।
तालाब का पानी साफ दख रहा था। उसके आस-पास जमीन पर
कु छ छोटे जानवर के पै र के िनशान भी बने थे , जो इस बात का ोतक थे
क वह तालाब पू री तरह से सु र ि त है।
फर भी सु य श ने सावधानी बरतते ए तालाब का पानी एक बार
ू नो को िपलाकर दे खा। ू नो को कसी भी कार क कोई सम या नह
दखी। अब सभी ने वह कने का लान कर िलया।
तालाब से कु छ दूरी पर एक बड़ी सी जगह दे ख सभी ने वहां सोने
का लान कया।
डन ने असलम, तौफ क और ऐले स क मदद से कु छ झािड़यां
और कु छ पे ड़ क जड़ तोड़कर उनसे झाड़ू बना िलये ।
उस झाड़ू क मदद से जै क और जॉनी ने उस जगह क जमीन को
साफ कर िलया।
“हम आग जलाने क व था भी करनी पड़े गी।" अलबट ने सभी
क तरफ दे ख ते ए कहा- “नह तो रात म जं ग ली जानवर भी यहां आ
सकते ह।"
“असलम तु म डन के साथ कु छ सू खी पि यां और लकिड़यां ले
आओ। तब तक म पानी क व था करता ं। " इतना कहकर सु य श खाली
बोतल इक ा करने लगा।
थोड़ी दे र के बाद सभी ने आग को जलाकर वह थान इतना साफ-
सु थ रा कर िलया था क अब वहां सोया जा सकता था।
आज चाँ द नी रात होने क वजह से चारो ओर चाँ द क रोशनी फै ली
ई थी।
सभी आग के चारो ओर एक गोले क श ल म बै ठ गये ।
सभी ने दन भर के बटोरे कु छ फल खाकर पानी पी िलया।
पे ट भरने के बाद अब सभी को थोड़ा रलै स महसू स हो रहा था।
“ ड अं क ल!" शै फाली ने अलबट के हाथ को छू ते ए कहा- “कु छ
बो रं ग -बो रं ग सा नह लग रहा आपको?"
शै फाली के श द को सु न कर सभी का यान शै फाली क तरफ हो
गया।
कसी को ना बोलते दे ख शै फाली फर से बोल उठी- “माना क हम
सब इस समय खतर के बीच ह, पर हमारे मुं ह लटका कर बै ठ ने से खतरे
तो नह कम हो जायगे । तो कम से कम अपनी बात ही सबसे शे य र करते
ह, कु छ तो मू ड ठीक होगा उससे । "
“शै फाली सही कह रही है। " जे िनथ ने शै फाली क हां म हां िमलाते
ए कहा- “चलो कोई गे म खे ल ते ह।"
इतना कहकर जे िनथ ने पास पड़ी एक लकड़ी से जमीन पर एक
गोला बनाया और उस गोले के बाहर 11 लक र ख च द । सभी यान से
जे िनथ को दे ख रहे थे ।
फर जे िनथ ने उन 11 लक र पर 11 तक न बर डाल दये और
अपने हाथ म पकड़ी उस पानी को बोतल को बीच म रख दया।
“मे रा नं ब र 1 है और फर मे रे बां ये बै ठे तौफ क का न बर 2 है,
इसी तरह ‘ लाक वाइज’ सबके न बर िलखे ह। अब म बॉटल घु माने जा
रही ं, बॉटल िजसके न बर पर के गी। उसे 1 िमनट तक अपने बारे म
कु छ ना कु छ बोलना पड़े गा। या सब तै यार ह?" जे िनथ ने बारी सबको
दे ख ते ए पू छा।
सभी ने सहमित म िसर िहला दये ।
इधर सभी गे म खे ल रहे थे , उधर उनसे कु छ दूरी पर पे ड़ के पीछे
खड़ा एक साया, इन सभी को दे ख कर मु कु रा रहा था। वह साया कसी
लड़क का था।
इधर जे िनथ ने बॉटल को जोर से नचा दया। बॉटल ने अलबट के
न बर क ओर इशारा कया।
यह सु न शै फाली खु श होकर तािलयां बजाने लगी- “हां - हां बताइये
ड अं क ल, आप कै सा महसू स कर रहे ह इस जं ग ल क आउ टं ग पर?"
एक पल के िलए अलबट ने ताली बजाती ई शै फाली को दे खा और
फर आग को दे ख ते ए कहना शु कर दया- “काफ अ छा और
एडवचरस महसू स कर रहा ं म। वै से मने तो ब त रात िबताय ह ऐसे
जं ग ल के बीच। ले कन फक बस इतना सा है क उन जं ग ल म म वयं
अपनी मज से जाता था, पर यहां मु झे िनयित ले आयी है। म हमे शा
िव ान को मानता रहा ं, पर आज इस ीप के हालात को दे ख कर
अचानक ई र पर भरोसा करने लगा ं। मु झे लगता है िव ान चाहे
िजतना ही ताकतवर य ना हो जाए, ले कन ई र के सामने आज भी
नग य है। ले कन मने अपनी जं द गी म कु ल िजतना सीखा है, उससे भी
यादा मु झे इस ीप पर एक दन म दे ख ने को िमला है। ऐसी नायाब और
अनोखी चीज को दे ख कर मु झे काफ अ छा महसू स हो रहा है। "
“अरे वाह ड अं क ल!" शै फाली ने िब कु ल ब े क तरह चहकते
ए कहा- “आप तो जं ग ल को पू रा इं वाय कर रहे ह .... वे री गु ड । पर ड
अं क ल अगर आपको समय म पीछे जाकर कु छ बदलने का मौका िमले तो
आप अपनी लाइफ म या बदलना चाहगे ? "
“अगर मु झे पा ट म जाकर कु छ बदलने का मौका िमले तो म पा ट
म ही अपनी िसगरे ट क लत को छोड़ना चा ंगा।" कहते - कहते अलबट क
आवाज थोड़ा भरा सी गयी और अलबट खामोश हो गया। शायद उसे
मा रया क याद आ गयी थी।
जे िनथ ने अलबट को खामोश होते दे ख फर से बॉटल को नचा
दया।
इस बार बॉटल सु य श के न बर पर जाकर क ।
“तो फर कै टे न अं क ल अब आप या कहना चाहगे ? " शै फाली ने
एक छोटी सी लकड़ी को माइक क तरीके से सु य श के मुं ह के पास ले जाते
ए कहा।
यह दे ख कर सु य श ने बोलना शु कर दया- “मे रे िलये ये सफर मे री
जं द गी का सबसे खतरनाक और यादगार सफर रहा। मने ब त सारे
अपन को खोया, इतनी मु ि कल दे ख , फर भी म पॉिज टव ं। अगर मु झे
पा ट म जाने का मौका िमले तो म यू ईयर क रात घटी हर घटना को
बदलना चा ंगा। अब अं त तः म यही क ंगा क ‘जो बीत गया उसे जाने
दो, जो बाक है उसे बचाने दो’।" सु य श ने अं त क लाइन शायराना अं दाज
म कहा।
सु य श को खामोश होते दे ख जे िनथ ने बॉटल को एक बार फर घु मा
दया।
इस बार बॉटल ऐले स के न बर पर गयी।
शै फाली क माइक पी लकड़ी अब ऐले स के हाथ म प ंच गयी
थी।
ऐले स कु छ दे र लकड़ी को पकड़े कु छ सोचता रहा, फर उसने
टी को दे खा और बोलना शु कर दया- “मने अपनी पू री जं द गी ब त
ही िस पल तरीके से गु जारी है, ले कन सन राइ जं ग पर आने के बाद मे री
जं द गी म एकाएक ब त से बदलाव आये । पहले म ब त डरता था। लोग
मु झे डराकर अपना काम िनकाल ले ते थे । "
बोलते - बोलते ऐले स क िनगाह जै क और जॉनी क ओर गयी।
अचानक से ऐले स के चे ह रे के भाव बदलने लगे । अब वह थोड़ा गु से म
नजर आने लगा।
“पर अब म कसी से नह डरता।" ऐले स को बोलना बद तू र
जारी रहा- “मु झे यह नह पता क कब इस जं ग ल म मे री जं द गी का अं त
हो जाए। इसिलए अब डरने का कोई मतलब भी नह बचता। दो त अगर
मु झे पा ट म जाकर कु छ बदलने का मौका िमले तो म अपने एक अपराध
को अपने पा ट से हटाना चा ंगा।"
ऐले स क बात सु न कर सभी आ य से भर उठे ।
अचानक से ही टी के चे ह रे के भाव ब त स त हो गये और जै क
व जॉनी के चे ह रे पर डर दखाई दे ने लगा।
जै क ने जॉनी क ओर दे खा पर बोला कु छ नह , शायद अब बोलने
का कोई मतलब भी नह था।
ऐले स ने एक ण ककर सभी पर नजर डाली। सभी उ सु क ता से
ऐले स को ही दे ख रहे थे ।
ऐले स ने टी का हाथ अपने हाथ म ले क र फर से बोलना शु
कर दया- “कै टे न म आप सबके सामने एक क फे शन करना चाहता ं। "
“कै सा क फे शन?" सु य श ने ऐले स को आ य से दे ख ते ए कहा।
“कै टे न म ब त सीधा-साधा आदमी ं। मगर िपछले साल मने
कसी के साथ िमलकर एक बक डकै ती को अं जाम दया। पर उस दन वहां
बक म एक आदमी भी सू ट के स ले क र पै सा जमा करवाने आया था। जो
अपना सू ट के स उस दन मे रे साथी को नह दे रहा था। मे रे साथी और उस
आदमी के बीच सू ट के स को ले क र ध ा-मु शु हो गयी। िजससे मे रे
साथी क गोली गलती से उस आदमी को लग गयी और वह आदमी वह
पर मर गया। यह दे ख हम ब त घबरा गये और लू ट का सामान ले क र वहां
से भाग िनकले । हालां क उस समय मे रे हाथ म खाली रवा वर थी और
उस आदमी के मडर म मे रा कोई हाथ नह था। फर भी कै मरे क फु टे ज
दे ख ने के बाद पु िलस ने मु झे ही इस गग का बॉस समझ िलया। अब म
दुिनया क नजर म लु टे रा और खू नी दोनो ही बन गया।"
यह सु न ते ही टी क आँ ख िब कु ल लाल हो गय ।
उसने धीरे से ऐले स के हाथ से अपना हाथ छु ड़ाया और चु प चाप
अपना इमोशन कं ोल करने लगी।
“तो या सन राइ जं ग पर भी तु हारे वो साथी तु म को डरा रहे
थे ? " डन ने ऐले स के चे ह रे क ओर दे ख ते ए पू छा- “नाम या है
तु हारे सािथय का?"
“मे रे उन सािथय के नाम ह- जै क और जॉनी।" ऐले स ने जै क और
जॉनी क तरफ गु से से दे ख ते ए कहा।
यह सु न जै क और जॉनी का िसर शम से झु क गया।
थोड़ी दे र तक कसी क समझ म नह आया क वह जै क और जॉनी
से या कह?
इस स ाटे को टी क आवाज ने तोड़ा। उसने ऐले स को
स बोिधत करते ए कहा- “ऐसी या मजबू री थी तु हारी? जो यह लोग
तु ह बक डकै ती करने के िलए मजबू र कर दये ? "
ऐले स ने एक गहरी साँ स भरी और फर िबना टी क तरफ
चे ह रा घु माये , बोल उठा- “दरअसल म एक चोर ं। म छोटी-मोटी
चो रयां करता रहता था। पर मै ने आज तक कसी को नह मारा। जब जै क
और जॉनी ने मु झे अपनी डकै ती म िमलाना चाहा, तो म इसी शत पर
तै यार आ था क हम कसी को मारगे नह । मु झे िव ास था क इस बक
डकै ती के बाद मु झे फर कभी चोरी क ज रत नह पड़े गी। पर उस मडर
के बाद मु झे ब त अफसोस आ। इसीिलये मने जै क और जॉनी से अपने
िह से का पै सा भी नह िलया। उस मडर के बाद अब मे रा नाम भी पु िलस
रकाड म आ जाना था। इसिलये मने हमे शा के िलये अमे रका छोड़ने का
िनणय िलया और सन राइ जं ग पर आ गया। पर हाय री मे री फू टी
क मत! ये जै क और जॉनी भी बद क मती से इसी िशप पर थे । मने इ ह
िशप पर दे ख ने के बाद, इनसे कभी भी ना िमलने का फै सला िलया। इ ह ने
भी कभी मु झ से बात नह क । शायद कभी भी यह रह य आप लोग के
सामने न आ पाता, पर मै ने जबसे टी को दे खा, अचानक मु झे ऐसा
लगा जै से मे रे जीने का मु झे नया उ े य िमल गया हो। पर पहले सन
राइ जं ग का ए सीडट और फर इन िविच घटना का घटना। .....
आज शै फाली क बात से ऐसा लगा क मु झे अपने िसर का बोझ ह का
कर ले ना चािहए। और सच क ं तो अब म अपने आप को ब त ह का
महसू स कर रहा ं। अब भले कोई मे री स ाई जानने के बाद मु झ से यार
करे या ना करे । अं त म म बस इतना कहना चा ंगा क म बु रा आदमी नह
ं। "
“बे श क आप बु रे आदमी नह ह ऐले स भै या।" शै फाली ने ऐले स
के दोनो हाथ को, अपने हाथ म ले क र यार से पकड़ते ए कहा- “हर
कसी के पास नह होता इतना साहस क इतनी दले री से सबके सामने
सच कह सके । कोई और भले ही आपके साथ ना हो, पर म तो हमे शा
आपके साथ र ंगी। आपक छोटी बहन बनकर।"
ऐले स शै फाली क बात सु न कर भाव-िवभोर हो गया। उसक
आँ ख से 2 बूं द आँ सू िनकलकर शै फाली के हाथ पर टपक गये ।
अब टी के चे ह रे के भाव भी नामल दखने लगे ।
टी ने ऐले स और शै फाली को एक साथ गले से लगाया और
बोली- “मै भी अब अपने ‘ऐलू ’ को कभी नह छोड़ूं गी।"
कहते - कहते टी का गला भी भर आया।
‘ऐलू ’ श द सु न कर सभी के चे ह रे पर मु कु राहट आ गयी। इस
इमोशन के बाद वहां का माहौल थोड़ा सा नामल हो गया।
थोड़ी दे र बाद टी को यह अहसास आ क वह कहां पर है? वह
धीरे से शमा कर ऐले स से अलग हो गयी।
तभी डन सु य श से बोल उठा- “कै टे न हो ना हो, पर यू याक से
आया अपराधी वाला मै से ज जै क , जॉनी और ऐले स के िलए ही रहा
होगा।"
“ठीक कहते हो डन। िजन अपरािधय के बारे म इं ट रपोल ने हम
सावधान कया था, ये यही ह गे । " सु य श ने कहा।
तभी जै क ने सु य श से मु खाितब होते ए कहा- “माफ चाहता ं
कै टे न । पर मे रा भी उस आदमी को मारने का कोई इरादा नह था, पर
शायद होनी को यही मं जू र था। ले कन म आपसे वादा करता ं क जब
तक आप लोग के साथ ं कोई गड़बड़ नह क ं गा और अगर हम वापस
अपनी स यता तक प ंच गये , तो बे श क आप हम इं ट रपोल के हवाले कर
सकते ह।"
“म भी अपने कये क सभी से माफ चाहता ं। " जॉनी ने भी अपने
थान पर बै ठे -बै ठे ही िसर झु काकर कहा।
अगर कोई और प रि थित होती तो शायद सु य श जै क और जॉनी
पर कोई और रए शन दखाता, पर इस समय के हालात ऐसे थे क सु य श
से कु छ कहते ना बना।
कु छ दे र तक वहां पर स ाटा छाया रहा और इससे पहले क जे िनथ
फर से बॉटल घु माती, सु य श बोल उठा- “रात काफ हो चु क है और हम
लोग दन भर के थके भी ह, इसिलए अब हम आराम करना चािहए।"
सच म सभी को बु री तरह से थकान लग रही थी। इसिलये सु य श
क बात सु न सभी वह आग के चारो तरफ िबखर कर सो गये ।
इन सबको सोता दे ख पे ड़ के पीछे िछपी वह आकृ ित भी वह पास
के एक पे ड़ पर चढ़कर बै ठ गयी।
ले कन उसक आँ ख अभी भी सबके ऊपर ही थी।
◆ ◆ ◆
दूसरी टी

8 जनवरी 2002, मंगलवार, 02:30, मायावन, अराका ीप

चाँ द नी रात थी। आसमान भी िब कु ल साफ था।


सभी आग के चारो तरफ गहरी न द म सो रहे थे ।
तभी अचानक एक खटके क आवाज सु न कर जे िनथ क न द खु ल
गयी। उसक नजर आवाज क दशा म गयी, पर उसे कु छ नजर नह
आया।
तभी वै सी ही खटके क आवाज दोबारा आयी। जे िनथ ने अपना
चे ह रा आवाज क दशा म घु माया।
जे िनथ को कु छ दूरी पर टी खड़ी नजर आयी।
जै से ही जे िनथ क नजर टी पर पड़ी, टी ने अपने मुं ह पर
उं गली रखते ए जे िनथ को चु प रहने का इशारा कया।
जे िनथ अब स पस के झू ले म झू ल ने लगी थी। उसे समझ नह आ
रहा था क टी ऐसा यूं कर रही ह?
तभी टी ने जे िनथ को अपने पास आने का इशारा कया और
पे ड़ के एक झु र मु ट क ओर चल दी।
जे िनथ पहले तो अचकचायी, फर उठकर चु प चाप टी के पीछे
चल दी। उसे लगा क शायद टी उसे कु छ दखाना चाह रही है।
अगर जे िनथ क नजर अपने आस-पास सोये लोग पर गयी होती,
तो उसे झटका लग जाना था य क उससे कु छ ही दूरी पर टी सो रही
थी।
उधर जे िनथ धीरे - धीरे अपने आगे चल रही टी के पीछे जा रही
थी।
इधर पता नह कै से सोयी ई टी जाग गयी।
उसने जे िनथ को पे ड़ क ओर जाते ए दे खा। उसे आ य आ क
जे िनथ इतनी रात गये पे ड़ क तरफ य जा रही है?
वह उठकर जे िनथ क तरफ भागी। कु छ ही पल म टी जे िनथ के
पीछे प ंच गयी।
“ या आ जे िनथ?" टी ने आगे जा रही जे िनथ को पीछे से
आवाज लगाते ए कहा- “तु म इतनी रात गये कहां जा रही हो?"
जे िनथ पीछे से आ रही आवाज को सु न पलट कर पीछे दे ख ने लगी।
अपने पीछे टी को खड़े दे ख वह आ य से भर उठी।
उसे समझ नह आया क उसके आगे चल रही टी अचानक
उसके पीछे कै से आ गयी?
जे िनथ ने पलटकर वापस आगे क ओर दे खा।
आगे दे ख ते ही जे िनथ क आँ ख फटी क फटी रह गय य क आगे
पे ड़ के झु र मु ट के पास एक और टी खड़ी उसे दे ख कर मु कु रा रही थी।
यह दे ख कर जे िनथ के दमाग ने काम करना बं द कर दया। वह
‘धड़ाम’ क आवाज के साथ वहां लहरा कर िगर गयी।
पीछे वाली टी ने जे िनथ को लहराकर िगरते दे खा, फर उसने
इधर-उधर नजर घु माकर दे खा, पर उसे कु छ नजर नह आया।
वह भागकर जे िनथ के पास प ंच गयी।
जे िनथ जमीन पर बे होश पड़ी थी। यह दे ख टी ने चीखकर
सबको जगा दया।
“कै टे न ... तौफ क ... उठो। दे खो इधर जे िनथ को या आ?"
टी क चीख सु न कर सभी जाग गये और भागकर टी के पास
प ंच गये ।
“ या आ?" सु य श ने जोर से कहा- “तु म लोग इतनी रात म इधर
या कर रही हो? और जे िनथ बे होश कै से हो गयी?"
“पता नह !" टी ने उलझे - उलझे वर म कहा- “म तो सो रही
थी। तभी अचानक से मे री न द खु ल गयी। मने दे खा क जे िनथ उन पे ड़
क ओर जा रही है। मु झे यह दे ख अजीब सा लगा। मने जे िनथ को पीछे से
आवाज दी। मे री आवाज सु न जे िनथ एकदम से डर गयी। पहले उसने इधर
पे ड़ क ओर दे खा और फर िगर कर बे होश हो गयी। मने भी सामने दे खा
पर मु झे कु छ नजर नह आया।"
यह कहकर टी शां त हो गयी। पर उसक िनगाह अभी भी बे होश
जे िनथ क ओर थ ।
तब तक तौफ क भागकर एक पानी क बॉटल ले आया और उस
बॉटल से पानी क कु छ बूं द ले क र जे िनथ के चे ह रे पर डाल ।
पानी क बूं द जे िनथ के चे ह रे पर पड़ते ही जे िनथ को होश आ गया।
एक से के ड तक तो जे िनथ सबको दे ख ती रही, फर उसे सारी
घटना याद आ गयी। वह एकदम से डरकर टी को दे ख ने लगी।
“ या आ जे िनथ?" तौफ क ने जे िनथ को सहारा दे ते ए कहा-
“तु म बे होश कै से हो गयी थी? और टी को दे ख कर तु म डर य रही
हो?"
जे िनथ ने एकबार सबके चे ह रे पर नजर मारी। सबको अपने पास
पाकर धीरे - धीरे वह नामल हो रही थी।
पहले जे िनथ ने शै फाली के हाथ म पकड़ी बॉटल से खू ब सारा पानी
अपने गले के नीचे उतारा और फर सामा य होते ए उ ह सारी बात बता
द।
“दो-दो टी!" सभी के मुं ह से एक साथ िनकला।
“ये कै से सं भ व है? “ तौफ क ने आ य से इधर-उधर दे ख ते ए
कहा- “ टी क श ल क दूस री लड़क इस ीप पर कहां से आयी?"
अब ब त से चे ह र पर डर के भाव भी दखने लगे थे ।
कु छ दे र तक कसी के मुं ह से बोल तक ना फू टा। सभी बस एक दूस रे
का चे ह रा दे ख रहे थे ।
“कै टे न , या आप तं -मं पर िव ास करते ह?" अलबट ने सु य श
क ओर दे ख ते ए पू छा।
“यह आप कै सी बात कर रह ह ोफे सर?" सु य श ने अजीब सी
नजर से अलबट को दे ख ते ए कहा- “आज के इस िव ान के दौर म तं -
मं क बात पर िव ास कौन करे गा? तं -मं का िज तो के वल
कताब म ही िमलता है। "
“कै टे न जादू और िव ान म ब त थोड़ा सा ही अं त र होता है। "
अलबट ने सबको समझाते ए कहा- “हम िजन चीज को समझ नह पाते
ह उसे जादू कहते ह, पर जब उसे समझ जाते है तो उसे ही िव ान का
नाम दे दे ते ह। जै से आज से 200 साल पहले अगर कोई कहता क मने
हजार कलोमीटर दूर बै ठे इं सान से बात कया तो हम उसे जादू कहते
और ज दी उसक बात पर िव ास नह करते , पर आज के समय म हम
मोबाइल के ारा ऐसा आसानी से कर सकते ह। तो मे रा ये कहना है क
इस ीप पर शायद वै सी ही कोई तकनीक है, जो हम समझ नह आ रही
है इसिलए हम चाह तो उसे जादू कह सकते ह। हो सकता है क इस ीप
पर रहने वाले लोग को जादू आता हो?"
“ये भी हो सकता है ड अं क ल।" शै फाली ने अलबट को दे ख ते ए
कहा- “ क इस ीप पर आज से सै क ड़ साल पहले का िव ान योग म
लाया जाता हो, िजससे क यहां के इं सान कसी का भी भे ष बना सकते
ह ?"
“एक बात तो प हो गयी कै टे न क इस ीप पर इं सान ह, मगर
वह जानबू झ कर हम दे ख कर िछप रहे ह। य ? ये नह पता और वह
का पिनक कहानी क तरह कसी का भी प बदलने म मािहर भी ह।"
डन ने अपने तक दे ते ए कहा।
“ले कन वह नकली टी जे िनथ को ले क र कहां जाना चाहती
थी?" तौफ क ने कहा।
“आप भू ल रहे ह कै टे न क उस दन लॉरे न भी लोथार को कह ले
जाना चाहती थी।" जॉनी ने कहा- “अब तो मु झे लगता है क इसी ीप से
िनकलकर कोई इं सान लॉरे न और रोजर का भे ष बनाकर हमारे िशप पर
दहशत फै ला रहा था।"
पहली बार सभी को जॉनी के श द म कोई ढं ग का लॉिजक दखाई
दया था।
“मु झे भी जॉनी क बात सही लग रही है। " सु य श ने कहा- “ले कन
अब हम इस ीप पर और सावधान रहना होगा।"
कसी के मुं ह से अब कोई श द नह िनकला।
“मे रे याल से अब हम वापस सो जाना चािहए।" सु य श ने इधर-
उधर दे ख ते ए कहा- “अभी रात का समय है और हम अभी दन म वापस
अपनी या ा शु करनी है। "
सु य श क बात सु न कर सभी वापस अपने सोने वाली जगह पर आ
गये ।
न द तो अब शायद ही कसी को आनी थी, पर वापस सभी ले ट गये
थे ।
उन पर नजर रखने वाली वह आकृ ित भी अब एक ओर को चल दी
थी।
◆ ◆ ◆
चैपटर-4
रह यमय दुिनया

8 जनवरी 2002, मंगलवार, 09:00, ांस अंटाक टक माउ टेन, अंटाक टका

स और िव मर िबना कसी को बताए आज फर िनयत


जे थान पर आ गये।
दोन ने आज ि ल मशीन के साथ-साथ मे ट ल काटने वाली ‘कटर
मशीन’ भी ले रखी थी। दोन के ही चे ह रे पर आज खु शी के भाव नजर आ
रहे थे । शायद उ ह िव ास था क आज कु छ ना कु छ तो उनके हाथ ज र
लगे गा।
िजस थान पर कल उ ह वह ढाल िमली थी, वहां पर उ ह ने एक
छोटा सा लै ग बना कर लगा दया था। उ हे पता था क रात म बफ
िगरने के बाद उस थान को अगले दन पहचान पाना मु ि कल हो जाता।
जे स और िव मर ने अपना ‘ क कू टर’ उस लै ग से कु छ दूरी पर
रोका और उतरकर लै ग के पास प ंच गये ।
िव मर ने एक नजर जे स पर डाली और फर ‘कटर मशीन’
िनकाल कर उस थान क बफ को साफ करने लगा।
थोड़ी ही मे ह नत के बाद िव मर ने ढाल के आसपास के े क बफ
साफ कर ली। अब वह ढाल साफ नजर आ रही थी।
“इस ढाल को काट कर िनकालने क कोिशश करो।" जे स ने
िव मर से कहा- “कम से कम कु छ तो हाथ लगे पहले । "
िव मर ने जे स क बात सु न कर धीरे से अपना िसर िहलाया और
फर कटर मशीन को टाट कर उस ढाल को नीचे क ओर से उस सु न हरी
दीवार से अलग करने क कोिशश करने लगा।
कटर मशीन के उस ढाल से टकराने पर ते ज चं गारी िनकल रही
थी, पर वह मे ट ल कट नह पा रहा था।
5 िमनट तक कटर मशीन चलाने के बाद िव मर समझ गया क ये
धातु कटर मशीन से नह कटे गी। हार कर िव मर ने कटर मशीन को एक
तरफ फका और अपने टू ल कट के बै ग से ‘ऐिसटलीन टाच’ िनकाल ली।
ऐिसटलीन टाच को ऑ सीजन िसले डर से अटै च करने के बाद
िव मर ने ऐिसटलीन टाच को ऑन कर दया। ऐिसटलीन टाच 3000
िड ी सटी े ट के तापमान से जल उठी।
िव मर ने ऐिसटलीन टाच से पहले आसपास के े क बफ को
िपघलाना शु कर दया।
थोड़ी ही दे र म ढाल के आसपास 5 मीटर ि या के े फल म
िव मर ने सारी बफ को िपघला दया।
अब िव मर ने ऐिसटलीन टाच का मुं ह ढाल के नीचे क तरफ कर
दया। इतने अिधक तापमान क वजह से पू री सु न हरी ढाल लाल रं ग क
नजर आने लगी, पर फर भी 10 िमनट क अपार मे ह नत के बाद भी वह
ढाल उस सु न हरी दीवार से अलग नह क जा सक ।
इतनी गम के कारण िव मर का पू रा चे ह रा भी पसीने से भर उठा।
आिखरकार िव मर थक कर बै ठ गया।
जे स क भी समझ म नह आ रहा था क ये कस कार क धातु है
जो 3000 िड ी सटी े ड पर भी नह िपघल रही है।
जे स क नजर अब उस ढाल पर बनी ै ग न क आकृ ित पर गयी जो
क पू री ढाल लाल हो जाने के बाद भी सु न हरा ही दख रही थी।
कु छ सोचने के बाद जे स ने धीरे से उस ै ग न क आकृ ित को हाथ से
छू कर दे खा। वह आकृ ित िब कु ल भी गम नह थी, जब क पू री ढाल गम के
कारण अभी भी जल रही थी।
कु छ सोच जे स ने उस ै ग न क आकृ ित को धीरे से अं द र क ओर
दबाया।
जे स के ारा उस आकृ ित को दबाते ही वह ढाल एकाएक घू म ने
लगी।
जे स यह दे ख डरकर पीछे हट गया। िव मर क भी िनगाह अब
उस ते जी से घू म रही ढाल पर थी।
अचानक वह ढाल नाचते ए वह पर जमीन म समा गयी।
जहां पर वह ढाल जमीन म समायी थी, अब वहां पर एक 5 फु ट
चौड़ाई का ग ा दखाई दे ने लगा।
जे स ने ग े म झां क कर दे खा। ग े म नीचे क तरफ जाती ई
सी ढ़यां दखाई दे ने लग ।
आ यजनक तरीके से वह सी ढ़यां ऐसे चमक रह थ , जै से उनम
सु न हरी लाइट लगी ह । सी ढ़य के अगल-बगल धु प अं धे रा था।
िव मर ने अपने टू ल बै ग से एक पावरफु ल टाच िनकाली और उसे
ऑन कर उसक रोशनी ग े म मारी, पर टाच क रोशनी भू से म ितनके के
समान लगी।
टाच क रोशनी 10 फु ट से यादा आगे नह जा रही थी।
“ या हम नीचे चलकर दे ख ना चािहए?" जे स ने िव मर क ओर
दे ख ते ए पू छा।
“अब जब इतनी मे ह नत क है, तो नीचे भी जाकर अव य दे ख गे । "
िव मर ने हामी भरते ए कहा।
“पर ये सी ढ़यां तो ब त यादा दख रह ह, इनका तो कह अं त
भी नह दख रहा है। " जे स ने सी ढ़य क ओर दे ख ते ए कहा- “शायद
ये हजार से भी यादा ह? पता नह जमीन से इतना नीचे ऑ सीजन भी
होगा क नह ?"
“एक काम करते ह। कु छ नीचे तक उतर कर दे ख ते ह, अगर हम
उतने नीचे तक कं फटबल नह ह गे तो वहां से वापस आ जायगे । " िव मर
ने जे स के सामने अपनी राय रखते ए कहा।
“ठीक है, तो म नीचे चलने को तै यार ं। " जे स ने भी िव मर क
राय पर अपनी सहमित जताते ए कहा।
फर या था दोनो ने अपने कं धे पर टू ल बै ग टां गा और हाथ म
टाच ले क र सी ढ़य पर उतर गये ।
अभी वह 6-7 सी ढ़यां ही उतर पाये थे क तभी उ ह एक ते ज हवा
का झ का महसू स आ। ऐसा लगा जै से कु छ उनके बगल से ते जी से िनकला
हो और इसी के साथ एक ते ज गड़गड़ाहट के साथ ढाल वाला रा ता ऊपर
से बं द हो गया।
“ये तो ऊपर वाला रा ता बं द हो गया?" जे स ने डरते ए कहा-
“अब हम वापस कै से जायगे ? “
“परे शान मत हो।" िव मर ने जे स का हौसला बढ़ाते ए कहा-
“अगर ऊपर से दरवाजा खोलने का तरीका था तो नीचे से भी ज र होगा।
पहले नीचे चलते ह, ऊपर क बाद म सोचगे । "
दोनो अब सावधानी से नीचे उतरने लगे । लगभग 800 सी ढ़यां
उतरने के बाद उ हे आगे सी ढ़यां ख म होती दख ।
यह दे ख दोन ने राहत क साँ स ली।
कु छ और आगे जाने पर अब इ ह आिखरी सीढ़ी िब कु ल साफ
दखने लगी थी।
“यह या? आिखरी सीढ़ी तो लाल रं ग म चमक रही है। " जे स ने
आिखरी सीढ़ी क ओर दे ख ते ए कहा।
िव मर को भी कु छ समझ म नह आया। अब दोन ज दी-ज दी
सी ढ़यां उतरने लगे ।
अगले 5 िमनट म ही दोन आिखरी सीढ़ी के पास प ंच गये । जे स
ने आिखरी सीढ़ी से पहले ही टाच को सामने क ओर मारा।
सामने लगभग 10 कदम आगे अं धे रे म एक दीवार थी।
कु छ सोच िव मर ने धीरे से अपना एक पै र लाल रं ग वाली सीढ़ी
पर रख दया।
िव मर के ऐसा करते ही लाल वाली सीढ़ी का रं ग हरा हो गया।
यह दे ख जे स ने भी अपना पै र हरे रं ग वाली सीढ़ी पर रख दया
और जे स के ऐसा करते ही उस हरी सीढ़ी को छोड़ बाक सभी सी ढ़य
का चमकना बं द हो गया।
अब पीछे कु छ भी नह दख रहा था क वो लोग कहां से आये थे ?
तभी उस पहाड़ म कह ‘खट् - खट् ’ क आवाज उभरी और इसके
साथ ही इनके सामने क दीवार सु न हरी रोशनी से जगमगा उठी।
उस दीवार म उसी सु न हरी धातु से बना एक दरवाजा लगा था,
िजसको काटने क इ ह ने कोिशश क थी। उस दरवाजे के बीचोबीच म
एक चाँ दी जै सी धातु से बना शे र का उभरा आ िसर लगा था। उस शे र
का मुं ह खु ला आ था और उस खु ले मुं ह से शे र क जीभ बाहर आ रही थी।
जे स और िव मर के सामने वह चमकता दरवाजा था और बाक
क दोनो साइड िब कु ल अं धे रा था।
“यह तो ब त िविच जगह लग रही है। िव मर ने जे स से कहा-
“लगता है सच म हमने कसी नयी दुिनया को खोज िलया है? "
“ या फायदा ऐसी नयी दुिनया का, िजसके बारे म अब हम कसी
को बता ही नह सकते । " जे स ने नकारा मक अं दाज म कहा।
“परे शान मत हो जे स। हमको यहां से िनकलने का रा ता ज र
िमल जाये गा।" िव मर ने फर जे स क िह मत बढ़ाते ए कहा- “पहले
यह सोचो क यहां से आगे बढ़ने का रा ता कधर है? "
यह सु न जे स ने आगे बढ़कर शे र क आँ ख को अं द र दबाने क
कोिशश क , पर वह अं द र नह दबी।
अब जे स कभी शे र के कान उमे ठ ता तो कभी उसक जीभ, पर शे र
के िसर का कोई भाग चलायमान नह था।
िव मर यान से जे स क यह ब जै सी हरकत दे ख कर मु कु रा
रहा था। तभी िव मर क िनगाह शे र के खु ले मुं ह के अं द र क ओर गयी।
िव मर ने जाने या सोचकर शे र के मुं ह के अं द र टाच मारकर दे खा।
िव मर को शे र के मुं ह के अं द र कोई लीवर सा दखाई दया। यह
दे ख िव मर ने शे र के मुं ह म हाथ डालकर उस लीवर को धीरे से िहलाने
क कोिशश क ।
िव मर के छे ड़ -छाड़ करने पर वह लीवर आगे क तरफ खं च गया
और तभी एक गड़गड़ाहट क आवाज के साथ, वह दरवाजा अं द र क ओर
खु ल गया।
जे स और िव मर उस दरवाजे को पार कर दूस री तरफ आ गये ।
दरवाजे के दूस री तरफ एक िवशालकाय कमरा था।
दे ख ने म वह कमरा कसी पु राने राजा के दरबार जै सा था।
कमरे के बीचोबीच एक गोल पानी का फ वारा लगा था। उस
फ वारे के बीच म एक िविच सी न ाशी कया आ एक धातु का खं भा
बना था। उस खं भे के ऊपर क आकृ ित एक 7 िसर वाले सप क थी,
िजसके सातो फन गोल आकृ ित म आपस म जु ड़े थे ।
हर सप के फन से पानी क फु हार िनकल रही थी, जो उस गोल
फ वारे म िगर रही थी। सप के उन फन पर एक छोटा सा चबू त रा बना
था, िजस पर एक असली कमल का फू ल रखा आ था।
गोल फ वारे के अं द र काफ मा ा म पानी भरा था िजसम नीले रं ग
क छोटी-छोटी सुं द र मछिलयां तै र रह थ ।
उस कमरे म दीवार से िचपके ए 7 कां च के ताबू त भी लगे थे ।
सभी ताबू त के बीच लगभग 10 मीटर क दूरी थी। हर एक ताबू त म
अलग-अलग रं ग का भरा था, िजसके बीच 7 पौरािणक यो ा के
िनज व शरीर भी उपि थत थे । हर एक यो ा लं बा- चौड़ा दख रहा था।
उनम से बीच वाले ताबू त के सामने एक 2 फु ट का, धातु का
पोिडयम बना था, िजस पर 3 छोटे - छोटे सु राख बने थे ।
कमरे क दीवार और छत पर उसी सु न हरी धातु से न ाशी क ई
थी। कमरे क छत पर एक उसी धातु से एक िच को उके रा गया था।
उस िच म पहाड़ के बीच बनी कसी घाटी के सीन को दशाया
गया था, िजसम सू य पहाड़ के बीच से िनकलता दखाई दे रहा था और
सू य क करण घाटी म पड़ रही थ ।
उस घाटी के आसमान पर एक इं धनु ष भी चमक रहा था।
कु ल िमलाकर कमरे का माहौल ब त ही रह यमयी दख रहा था।
जे स और िव मर कमरे म घू म ते ए पहले एक-एक कर सारी
चीज को दे ख ने लगे ।
कमरे म सबसे आ यजनक उ ह वही काँ च के ताबू त दखे ।
“िव मर!" जे स ने िव मर को सं बोिधत करते ए कहा- “ या ये
पौरािणक समय क ममी ह िज ह कसी व के अं द र सु र ि त रखा गया
है? "
“लग तो कु छ ऐसा ही रहा है, पर ताबू त म बं द हर व का रं ग
अलग-अलग य है? “ िव मर ने कहा।
“एक बात और अजीब सी है। " जे स ने कमरे म एक नजर दौड़ाते
ए कहा- “उस खं भे पर मौजू द सप के 7 िसर ह, यहां पर 7 ही ताबू त ह
और उन ताबू त म 7 ही रं ग का भरा है। तु ह यह अजीब सी
समानता दे ख कर या लग रहा है? "
“तु म ने छत क ओर यान नह दया।" िव मर ने छत क ओर
इशारा करते ए कहा- “वहां पर भी जो िच बना है, उसम सू य से 7 ही
करण िनकल रह ह और वहां बने इं धनु ष म भी 7 ही रं ग भरे ह। इसका
साफ मतलब है क 7 अं क का कु छ ना कु छ तो च र है? "
“इं धनु ष !" जे स इं धनु ष का नाम सु न कर फर से उन काँ च के
ताबू त क ओर दे ख ने लगा और फर चहक कर बोला- “िव मर, इन
ताबू त के अं द र भरा व का रं ग इं धनु ष के रं ग से मै च कर रहा है। जरा
यान से इन सारे ताबू त को दे खो, पहले ताबू त म बगनी रं ग का व है,
दूस रे म आसमानी, तीसरे म नीला, चौथे म हरा, पां च वे म पीला, छठे म
नारं गी और सातव म लाल रं ग का व भरा है, और इं धनु ष म भी यही
सारे रं ग पाये जाते ह।"
िव मर भी यह दे ख कर आ य से भर गया य क जे स का
ऑ जवशन िब कु ल सही था।
“अ छा, इस पू रे कमरे को दे ख कर यह भी महसू स हो रहा है जै से
क ये पू रा से ट अप कल ही लगाया गया हो।" जे स ने कहा- “पू रा कमरा
साफ-सु थ रा नजर आ रहा है, यहां तक क उन सप के ऊपर रखा कमल
का फू ल भी िब कु ल ताजा दख रहा है। "
कहते - कहते जे स उस फ वारे के पास आ गया और यान से उन
सप क आकृ ित वाले खं भे को दे ख ने लगा।
कु छ सोचकर जे स ने फ वारे के पानी म अपना कदम रख दया।
उसके पानी म कदम रखते ही पानी म मौजू द नीली मछिलयां भाग
कर दूस री साइड चल गय ।
जे स अब उस खं भे क ओर बढ़ा। उसने सप के एक फन को धीरे से
िहलाकर दे खा, पर कह कोई हरकत नह ई। जे स ने सप के मुं ह म भी
हाथ डालकर दे खा, मगर वहां भी कु छ नह था। कु छ सोचकर जे स ने सप
के िसर पर रखा कमल का फू ल हाथ म उठा िलया।
जे स के ारा फू ल उठाए जाते ही अचानक से फ वारे के पानी म
मौजू द नीली मछिलयां ब त ते जी से इधर-उधर भागने लग ।
यह दे ख कर जे स घबरा कर फ वारे से फू ल ले क र बाहर आ गया।
मछिलय के पानी म भागने क पीड अब और भी ते ज हो गयी।
“अरे यह या?" िव मर ने मछिलय को दे ख ते ए आ य से कहा-
“इन मछिलय का तो आकार भी बढ़ता जा रहा है। "
िव मर क बात सु न जे स भी हैरान रह गया य क मछिलय का
आकार सच म बढ़ रहा था और इसी के साथ कम होता जा रहा था फ वारे
का पानी भी।
ऐसा लग रहा था क मछिलयां फ वारे का पानी पीकर ही बड़ी हो
रह ह।
जे स और िव मर घबरा कर थोड़ा पीछे हट गये ।
कु छ ही दे र म न बू के आकार क मछिलयां फु टबॉल के आकार क
हो गय और धीरे - धीरे फ वारे का सारा पानी भी ख म हो गया।
जै से ही सारा पानी ख म आ, अचानक से उस सपाकार खं भे ने
ल टू क तरह से नाचना शु कर दया और नाचते - नाचते जमीन म
समाने लगा।
धीरे - धीरे वह पू रा का पू रा खं भा जमीन म समा गया और उसके
साथ ही उस ग े म सारी मछिलयां भी समा गय ।
अब जमीन से ह क गड़गड़ाहट क आवाज सु नाई दे ने लगी और
इसी के साथ उस खाली थान से एक बफ क िस ली बाहर िनकलती ई
दखाई दी।
धीरे - धीरे 6 फु ट क एक बफ क िस ली पू री बाहर आ गयी।
िस ली के बाहर िनकलते ही अचानक छत पर बने सू य से 7 रं ग क
करण िनकलकर उस बफ क िस ली पर पड़ने लग और इसी के साथ
िस ली क बफ िपघलने लगी।
बफ के अं द र एक ब त ही खू ब सू र त लड़क बं द थी जो बफ के
िपघलने के साथ-साथ सजीव होने लगी। वह लड़क कसी अ सरा क
मां िनद खू ब सू र त दख रही थी।
िहरन के समान काली आँ ख , अि के समान घुं घ राले सु न हरे बाल,
सीप से पतले ह ठ, गु लाब सा चे ह रा, सु राहीदार गदन, दूध सा चमकता
गोरा शरीर, सब कु छ उसक खू ब सू र ती को बयां कर रहे थे । उसके माथे
पर सु न हरा मगर छोटा सा मु कु ट था। उसने यो ा के समान सु न हरी
धातु क पोशाक भी पहन रखी थी। उसने हाथ म एक 6 फु ट क सु न हरी
धातु का ि शू ल पकड़ रखा था।
जे स और िव मर तो यह सीन दे ख डर कर भागने वाले थे , पर उस
लड़क का सौ दय ही ऐसा था जो क उनको वहां से हटने ही नह दे रहा
था।
दोन मं मु ध से उस यो ा अ सरा को िनहार रहे थे ।
कु छ ही दे र म बफ पू री तरह से िपघल गयी और वह अ सरा पू ण
सजीव हो गयी।
अब उस अ सरा क नजर जे स और िव मर पर गय । वह धीरे -
धीरे चलती ई उन दोन के सामने आ खड़ी ई।
“जे स और िव मर को शलाका का णाम।" उस अ सरा ने झु क कर
जे स और िव मर को अिभवादन कया।
अपना नाम शलाका के मुं ह से सु न कर जे स और िव मर के आ य
का ठकाना ना रहा। उ ह कु छ बोलते नह बन रहा था। ऐसा लग रहा था
क जै से उनके ह ठ उनके तालू से िचपक गये ह ।
“क.... क.... कौन हो आप?" ब त मु ि कल से िव मर ने डरते ए
शलाका से पू छा- “और हमारा नाम कै से जानती हो?"
“थोड़ी दे र इ मीनान रिखये , अभी सब बताऊं गी आप लोग को,
पहले जरा इन सबको तो जगा दूं। " इतना कहकर शलाका ने उन ताबू त
को दे खा जो क कमरे म खड़े थे ।
शलाका अब चलती ई बीच वाले ताबू त के पास रखे पोिडयम के
पास प ंच गयी। उसने एक बार सभी ताबू त क ओर दे खा और फर
पोिडयम के बीच बने तीन सु राख म अपना ि शू ल घु सा दया।
ि शू ल के घु साते ही हर ताबू त म जमीन क तरफ एक सु राख हो
गया और उस सु राख के मा यम से सारा रं गीन जमीन म समा गया।
जै से ही पू रा ताबू त से ख म आ, सारे यो ा जीिवत हो गये ।
यो ा के जीिवत होते ही सभी काँ च के ताबू त जमीन म समा गये ।
“सभी भाइय का सन् 2002 म वागत है। " शलाका ने झु क कर
सभी का अिभवादन कया।
आठ यो ा ने अपने हाथ से मु े बनाकर आपस म टकराये । अब
उनक िनगाह डरे - सहम जे स और िव मर क ओर थ ।
“हम 5000 वष के बाद आज जागे ह।" शलाका ने जे स और
िव मर क ओर दे ख ते ए कहा- “हम आपको सब बतायगे , पर अभी आप
लोग थोड़ा आराम कर और हम अपने कु छ ज री काम कर ले ने द। फर
हम आप को सब बतायगे । "
जे स और िव मर का पास तो बहस करने क िह मत भी नह थी
अतः उ ह ने शां ित से िसर िहला दया।
शलाका ने सहमित दे ख अपना ि शू ल हवा म लहराया। िजसक
वजह से हवा म एक दरवाजा उ प आ।
शलाका ने दोन का उस दरवाजे से अं द र जाने का इशारा कया।
जे स और िव मर ना चाहते ए भी उस दरवाजे के अं द र वे श कर
गये ।
दरवाजे के दूस री तरफ एक शानदार शयनक था िजसम खाने -
पीने के अलावा टॉयले ट भी मौजू द था। परं तु उस कमरे म कोई दरवाजा
नह था और उनके शयनक म घु स ते ही शलाका का बनाया ार भी
गायब हो गया था।
जे स और िव मर अब िब कु ल असहाय महसू स कर रहे थे । उनके
पास अब इं त जार करने के अलावा और कोई चारा भी नह था।
इसिलए दोन िब तर पर जाकर बै ठ गये और इं त जार करने लगे
शलाका के आने का।
◆ ◆ ◆
नयनतारा

8 जनवरी 2002, मंगलवार, 10:00, मायावन, अराका ीप

सु ब ह उठकर िन य काय से िनवृ त होने के बाद सभी ने ह का-


फु का फल का ना ता कया और फर से जं ग ल के अं द र क ओर चल
दये ।
इस समय सभी सावधानी से अपने कदम बढ़ा रहे थे । उ ह इस बात
का अहसास हो गया था क ीप ब त ही खतरनाक और िविच चीज से
भरा पड़ा है।
सबसे आगे सु य श चल रहा था, फर उसके पीछे अलबट था, उसके
पीछे ऐले स और टी, फर शै फाली और ू नो, फर जे िनथ और
तौफ क, फर असलम और डन और फर सबसे पीछे जै क और जॉनी।
जै क और जॉनी इसिलये सबसे पीछे थे िजससे खतरा महसू स होते
ही वह पीछे से भाग सक।
“पता नह कब ख म होगा यह जं ग ल?" जै क ने जॉनी से धीमी
आवाज म कहा- “परे शान हो गया ं चलते - चलते । "
“मु झ से तो िबना शराब के चला ही नह जा रहा है। " जॉनी ने रोनी
सू र त बनाते ए कहा- “पू रे 2 दन से शराब क एक बूं द भी नह गयी
हलक के नीचे । बे कार है इतने पै से का होना, जब क हम उसे योग म ही
ना ला सक।"
“तु झे शराब क पड़ी है। यहां मने कतने सपने सजाए थे क
ऑ े िलया जाकर बीच पर घू मूं गा, लड़ कय का डां स दे खूं गा..... पर हाय
री फू टी क मत .... सब बबाद हो गया ... डां स दे ख ने क छोड़ो अब तो
यहां हमारे खु द प े पहन कर जं ग ल म डां स करने क हालत आ गयी है। "
जै क क बात सु न जॉनी के चे ह रे पर मु कान आ गयी।
जॉनी को मु कु राता दे ख कर जै क को गु सा आ गया और वह बोल
उठा- “तू य मु कु रा रहा है मे री बात सु न कर?"
“बस तु झे प े पहन कर डां स करते ए इमै िजन कर रहा ं। स ी
म यार ब त खू ब सू र त लगे गा तू तो ऐसी ि थित म।" जॉनी ने मु कु राते
ए कहा।
जै क जॉनी क बात सु न कर भड़क उठा और एक घूं सा धीरे से जॉनी
क पीठ म जड़ते ए बोला- “अ छा होता क े ज लर क बजाय वह
अजगर तु झे मार दे ता।"
जॉनी घूं सा खाकर आगे भाग गया और सु य श से बोला- “कै टे न ,
य द े ज लर के प थर पर साँ प बना था तो उस पर अजगर ने हमला कर
दया। मे रे प थर पर तो बं द र बना था तो मु झ पर अब कं गकां ग हमला
करे गा या गो र ला?"
ना चाहते ए भी सु य श सिहत सभी के चे ह रे पर मु कान आ गयी।
“ऐसा कु छ भी नह है। " सु य श ने सबका डर कम करने के िलए
कहा- “ये िसफ एक इ े फाक भी हो सकता है। "
“म इसे इ े फाक मानने को तै यार नह ं कै टे न ।" अलबट ने सु य श
को दे ख ते ए कहा- “ य क हम सभी शै फाली के सपन के बारे म जानते
ह। उसक कही हर एक बात सच होती जा रही है। "
अलबट क बात सु न सभी अलबट और सु य श के पास आ गये ।
शै फाली अब इन सबसे पीछे हो गयी थी। तभी उसे अपने कान के
पास कु छ फु सफु साहट सी सु नाई दी जो क यक नन इनम से कसी क नह
थी- “नयनताराऽऽऽऽ!"
शै फाली यह सु न कर िवि मत हो गयी और िबना कसी से बोले एक
दशा क ओर चल दी।
उधर अलबट सबको समझा रहा था- “शायद शै फाली के पास छठी
इं य है। "
“छठी इं य!" डन ने आ य से पू छा- “पर ोफे सर, इं यां तो
पां च ही होती ह। ये छठी इं य या है? "
“कभी-कभी हम कसी बु री घटना के होने के पहले ही कु छ बु रा
अहसास होने लगता है या फर कसी अ छी घटना घटने के पहले ही
खु शी का अहसास होने लगता है। वै ािनक का मानना है क यह सब छठी
इं य के कारण होता है। " अलबट ने कहा- “यह छठी इं य सभी इं सान
म और जानवर म होती है, पर इं सान ब त कम मा ा म इसका योग
कर पाता है। हो सकता है क यही छठी इं य शै फाली म यादा मा ा म
हो और इसी वजह से वह भिव य दे ख ले ती हो।"
“शायद आप सही कह रहे ह ोफे सर।" सु य श ने भी अलबट क
बात पर अपनी सहमित जताते ए कहा- “मने सु ना है क पु राने समय म
यु होने के काफ दन पहले ही िग उस मै दान म जाकर बै ठ जाते थे
जहां यु होने वाला होता था। उ ह पता था क यु के बाद लाश िगरगी
और उ ह वहां खाने को िमले गा।"
अभी ये आपस म बात कर ही रहे थे क तभी इ ह अचानक कसी
ब े के रोने क आवाज सु नाई दी- “ऊवां .... ऊवां ऽ ऽऽऽ।"
“ये तो कसी ब े के रोने क आवाज है। " टी ने इधर-उधर
दे ख ते ए कहा।
“ब ा! और वह भी इस जं ग ल म?" सु य श के वर म आ य और
उलझन थी।
आवाज म ब त दद भरा था।
सभी पू री तरह से चौक ा होकर इस आवाज को सु न ने क कोिशश
करने लगे ।
अचानक सु य श को अपने ु प का याल आया।
सु य श ने यान से एक नजर सब पर डाली और जोर से चीख उठा-
“शै फाली .... शै फाली कहां है? "
तु रं त सबक िनगाह अपने आसपास घू म गय ।
ले कन ऊं चे - ऊं चे वृ और घने जं ग ल के िसवा उ ह अपने आसपास
कु छ ना दखाई दया।
“अभी-अभी तो वह मे रे साथ थी। इतनी ज दी कहां जा सकती है? "
जे िनथ ने आसपास िनगाह मारते ए कहा- “कह कोई जं ग ली जानवर ....
नह ...नह .... जानवर िबना आवाज कए उसे नह ले जा सकता। तो
फर ..... तो फर कहां गयी शै फाली?"
“शै फालीऽऽऽऽ ..... शै फालीऽऽऽऽ!" तौफ क ने मुं ह के दोन साइड
अपने हाथ लगाकर जोर से आवाज दी।
ले कन कह से कोई जवाब नह िमला। िसफ तौफ क क आवाज
घने जं ग ल म घू म कर ित विन उ प करती रही।
अलबट अपने गले म टं गी सीटी को जोर-जोर से बजाने लगा।
सभी लोग अलग-अलग होकर शै फाली को ढू ं ढ ने क कोिशश करने
लगे ।
“खबरदार! कोई भी ु प से बाहर नह जाये गा" सु य श ने चीखकर
सबको खबरदार कया- “सभी लोग एक साथ रहकर शै फाली को ढू ं ढ ने क
कोिशश करगे , य क एक साथ रहकर तो हम हर मु सीबत का सामना
कर सकते ह, पर अके ले रहकर कु छ नही कर सकते । इसिलये हम सभी को
एक साथ रहना होगा।"
“कै टे न , हम उस ब े के रोने क आवाज को भू ल रहे ह। िजसको
सु न कर हम शै फाली का यान आया था।" डन ने कु छ याद दलाते ए
कहा।
“ले कन इतने भयानक जं ग ल म कोई ब ा कहां से आ सकता है? "
ऐले स ने कहा- “अव य ही यह कोई मायाजाल है? दो त हम सावधान
रहना होगा।"
“ऊवां ऽ ऽऽऽ .... ऊवां ऽ ऽऽऽ .... ऊवां ऽ ऽऽऽऽ।"
तभी रोने क आवाज पु नः सु नाई दी।
इस बार आवाज थोड़ा प थी।
“इधर से .... इधर से आयी है वह आवाज।" अलबट ने एक दशा
क ओर इशारा करते ए कहा।
“कह यह शै फाली क आवाज तो नह ?" जै क ने अपने ह ठ पर
जु बान फराते ए कहा।
“नह ये शै फाली क आवाज नह है। “ ऐले स बोला- “यह कसी
छोटे ब े क आवाज है। "
“ या हम आवाज क दशा म चलना चािहए?" जॉनी ने डरते - डरते
कहा।
पर सु य श ने जॉनी क बात पर ना यान दे ते ए, इस बार ू नो को
इशारा कया। ू नो सु य श का इशारा समझ कर ते जी से आवाज क दशा
म भागा।
सभी लोग ू नो के पीछे - पीछे भागे ।
थोड़ा आगे बढ़ते ही इ ह पु नः वही आवाज सु नाई दी।
“ऊवां ऽ ऽऽऽ .... ऊवां ऽ ऽऽऽ .... ऊवां ऽ ऽऽऽऽ।"
इस बार आवाज िब कु ल साफ थी।
आवाज को सु न सभी के कदम म ते जी आ गयी। थोड़ा आगे बढ़ते
ही उ ह एक अजीब सा नजारा दखाई दया।
वह रोने क आवाज सामने लगे एक झाड़ीनु मा पे ड़ से आ रही थी
और शै फाली धीरे - धीरे िब कु ल स मोिहत अव था म उन झािड़य क ओर
बढ़ रही थी। उस झाड़ीनु मा पे ड़ पर िसतारे क आकृ ित िलये कु छ पीले रं ग
के रसीले फल लगे दखाई दे रहे थे ।
अब शै फाली पे ड़ से लगभग 10 कदम दूर रह गयी थी।
बाक सभी लोग क दूरी शै फाली से ब त यादा थी।
“शै फालीऽऽऽऽ ... शै फालीऽऽऽऽ क जाओ।" अलबट शै फाली को पे ड़
क तरफ बढ़ते दे ख जोर से िच लाया- “वहां पर खतरा है .... क जाओ।“
मगर शै फाली ने जै से अलबट क बात सु नी ही ना हो। वह िनरं त र
पे ड़ क ओर बढ़ रही थी।
पे ड़ क दूरी अब शै फाली से बामु ि कल 4 कदम ही बची थी। कोई
भी इतने कम समय म शै फाली को दौड़कर नह पकड़ सकता था।
अब उसे कोई रोक सकता था तो वह था के वल ू नो।
“ ू नो ... रोको शै फाली को।" सु य श ने ू नो को शै फाली क ओर
इशारा करते ए उसे रोकने को कहा।
इशारा समझ कर ू नो ब त ते जी से शै फाली क ओर भागा। कु छ
ही से के ड म वह शै फाली के पास था।
ू नो ने एक नजर गौर से शै फाली को दे खा और फर उस पे ड़ को
दे ख ने लगा, िजसम से अभी भी रोने क आवाज आ रही थी।
“ ू नो ... टॉप शै फाली।" डन ू नो को कते दे ख िच ला उठा।
ले कन ू नो ने एक बार फर शै फाली को दे खा और फर उसे रोकने
क बजाय ‘कूं -कूं ’ करता आ वह घास पर ऐसे पसर कर बै ठ गया, जै से
उसे शै फाली से कोई ले ना-दे ना ही ना हो।
“यह ू नो शै फाली को बचाने के बजाय वहां आराम य करने
लगा?" अलबट के वर उलझे - उलझे थे ।
तब तक शै फाली उस झाड़ीनु मा पे ड़ तक प ंच गयी।
पे ड़ से िनकलती वह रोती आवाज ते ज होती जा रही थी।
अब शै फाली तक कोई नह प ंच सकता था।
तभी अचानक उस झाड़ीनु मा पे ड़ ने अपनी झािड़य को इस कार
आगे बढ़ाया जै से वह झाड़ी नह उसके हाथ ह और शै फाली को अपनी
िगर त म ले िलया।
शै फाली उन झािड़य म उलझकर रह गयी।
“यह तो कोई आदमखोर पे ड़ लग रहा है? " सु य श ने धीरे - धीरे आगे
बढ़ते ए कहा- “पर इससे िनकलती यह आवाज बड़ी अजीब सी है। "
तब तक सभी भागते ए पे ड़ तक प ंच गये ।
“खबरदार!" सु य श ने सभी को सावधान करते ए कहा- “कोई पे ड़
के पास नह जाये गा। यह आदमखोर खू न चू स ने वाला पे ड़ भी हो सकता
है। जो भी इसके पास जाये गा, वो शै फाली को बचाने के बजाय वयं भी
उस खू नी पे ड़ का िशकार भी बन सकता है। इसिलये दूर से ही शै फाली को
बचाने क तरक ब सोचो।"
वह पे ड़ बड़ा ही आ यजनक था य क शै फाली को पकड़ने के
बाद, अब उसम से रोने के बजाय हंस ने क आवाज आने लगी थी।
ऐसा लग रहा था जै से कसी ब े को उसक पसं द का िखलौना िमल
गया हो और वह कलका रयां मारकर हंस रहा हो।
उस पे ड़ क यह हंसी जं ग ल म गूं ज कर एक अजीब सा खौफ पै दा कर
रही थी।
तभी डन और तौफ क ने अपने हाथ म चाकू िनकाल िलया और
वह धीरे - धीरे उस पे ड़ क ओर बढ़ने लगे ।
शै फाली अभी भी स मोिहत मु ा म थी। उसे शायद इस समय कसी
दद का अहसास भी नह हो रहा था।
इससे पहले क डन और तौफ क उस पे ड़ पर चाकू से हमला बोल
पाते , अचानक उन झािड़य म एक अजीब सी हरकत ई और उसम लगे
िसतारे के आकार के पीले फल, िविच लता के साथ हवा म झू म ने लगे ।
वातावरण म अब हंस ने क आवाज के साथ एक अजीब सी
िभनिभनाहट भी गूं ज ने लगी।
तौफ क व डन यह दे ख कर एक ण के िलये अपनी जगह पर क
गये ।
तभी उन िविच फल म से 2 फल हवा म उठकर लता सिहत
शै फाली क आँ ख के पास पहंच गये और इससे पहले क कोई और कु छ
समझ पाता, वह फल एक अजीब सी ‘िप ’ क आवाज के साथ हवा म
वतः ही फट गये ।
उन िविच फल के फटने से उसम से एक रस क धार िनकली और
शै फाली क आँ ख म पड़ गयी।
अब शै फाली अपनी आँ ख ते जी से रगड़ते ए दद से चीखने लगी-
“मे री आँ ख .... मे री आँ ख म ब त ते ज जलन हो रही है। "
शै फाली क चीख को सु न मानो पे ड़ को उस पर दया आ गयी
य क अब उसक िगर त ब त ढीली हो गयी।
पे ड़ क पकड़ ढीली होते ही शै फाली पे ड़ के पास नीचे क ओर िगर
गयी।
तौफ क ने यह दे ख तु रं त चाकू को नीचे फका और िबना अपनी जान
क परवाह कये , भागकर शै फाली को उठाकर पे ड़ से दूर चला गया।
सभी भागकर शै फाली के करीब आ गये ।
“तु म ठीक तो हो ना?" अलबट ने शै फाली के िसर पर हाथ फे रते
ए पू छा।
“ ड अं क ल, मे री आँ ख म ब त ते ज जलन हो रही है। " शै फाली ने
अलबट क आवाज और उसके पश को पहचान िलया।
“धीरे - धीरे अपनी आँ ख को खोलने क कोिशश करो। म तु हारी
आँ ख दे ख ने के बाद ही बता पाऊं गा क या परे शानी ई है। " अलबट के
श द म यार और दद क साफ झलक िमल रही थी।
अलबट के श द सु न शै फाली ने धीरे - धीरे अपनी आँ ख को खोलना
शु कर दया।
आँ ख खु ल ने के बाद शै फाली ने फर िमचिमचाकर अपनी आँ ख बं द
कर ली।
ले कन तु रं त ही शै फाली ने अपनी आँ ख दोबारा खोल दी। इसी के
साथ वह खु शी से चीख पड़ी- “ ड अं क ल ... ड अं क ल ... मे री आँ ख ठीक
हो गयी। म ... म अब दे ख सकती ं ... मु झे अब सबकु छ दखाई दे रहा
है। "
यह सु न सभी भौच े से खड़े रह गये ।
“ये ... ये कै से सं भ व है? " सु य श के वर म दुिनया भर का आ य
दख रहा था- “ज म से अं धे ि क आँ ख अपने आप कै से आ सकती
ह?"
उधर शै फाली अलबट के गले लगी ई ऐसे चारो तरफ का दृ य
दे ख ने लगी मानो वह एक पल म दुिनया क हर चीज दे ख ले ना चाहती
हो।
शै फाली के चे ह रे पर खु शी ही खु शी नजर आ रही थी।
अब ू नो भी शै फाली के पास आ गया था और यार से उसका हाथ
चाट रहा था।
शै फाली ने खु शी से बारी-बारी सबको दे खा और सूं घ कर सबका नाम
बताया। लगभग 10 िमनट तक यह खु शी का से ली े श न चलता रहा।
अब अलबट से ना रहा गया। वह धीरे - धीरे उस झाड़ीनु मा पे ड़ के
पास प ंच गया।
सभी का यान अब अलबट पर था। शै फाली भी पे ड़ के पास प ंच
गयी।
कु छ सोचकर शै फाली ने एक कदम आगे बढ़ाया। शै फाली को पास
आता दे ख पे ड़ क लताएं पु नः िहल , पर इस बार उसने शै फाली को नह
पकड़ा, बि क उसे यार से सहलाने लगी।
यह दे ख डरते - डरते अलबट ने भी अपना दािहना हाथ आगे बढ़ाया,
पर पे ड़ ने अलबट को भी कु छ नह कहा।
यह दे ख अलबट ने पे ड़ से 2 फल तोड़ िलये ।
“इस फल का या करगे ोफे सर?" डन ने अलबट से पू छा।
“मु झे भी अभी पता नह है। " अलबट ने एक गहरी साँ स ले ते ए
कहा- “पर अगर म कभी भी अपनी दुिनया म वापस प ंचा, तो सबको
यह फल ज र दखाऊं गा और बताऊं गा क कै से इस फल ने एक ज म से
अं धी लड़क क आँ ख सही कर द ।"
“ ोफे सर!" तौफ क ने आगे बढ़कर अलबट से पू छा- “ या आपने
ऐसे कसी पे ड़ का िज कह सु ना है? "
“नह !" अलबट ने जवाब दया- “मने ऐसे कसी पे ड़ का िज कह
नह सु ना। वै से ब े क तरह रोने वाला पे ड़ तो अ का म पाया जाता है,
िजसे ‘मै े क ’ कहते ह। मगर इस पौधे से तो हंस ने , रोने और िच लाने क
भी आवाज आ रह थ और ऐसा पे ड़ तो कभी नह सु ना जो कसी ज म से
अं धे ि को आँ ख दे सकता हो।"
“कै टे न !" इस बार असलम ने कहा- “मु झे तो लगता है क यहां
सबकु छ ‘अप े डे ड ’ है। मतलब हमारी दुिनया से 10 गु ना यादा ताकतवर
और िवकिसत।"
“तु म सही कह रहे हो असलम।" सु य श ने भी असलम क बात पर
हामी भरते ए कहा।
तभी शै फाली भी उन लोग के पास आ गयी।
“कै टे न ।" ऐले स ने सु य श को दे ख ते ए कहा- “एक बात समझ म
नह आयी क ू नो ने शै फाली को रोका य नह था? या उसे यह
अहसास हो गया था क यह पे ड़ शै फाली का कोई अिहत नह करे गा।"
“हो सकता है। " सु य श ने ू नो के िसर पर हाथ फे रते ए कहा-
“वै से पहले भी ू नो ने शै फाली क जान बचाई थी। वै से शै फाली तु म यह
बताओ क सबके पु कारने पर भी तु म क य नह रही थी?"
“अं क ल, उस समय जब आप सभी लोग आपस म बात कर रहे थे ,
तभी मे रे कान म एक अदृ य आवाज सु नाई दी थी। मु झे ऐसा लगा क
जै से कसी ने मे रे कान म ‘नयनतारा’ श द बोला था। उसके बाद का मु झे
कु छ याद नह है। इसके बाद मु झे होश तब आया, जब उस पे ड़ ने मे री
आँ ख म वह रसीला फल िनचोड़ दया था।" शै फाली ने कहा।
“नयनतारा!" सु य श ने बड़बड़ाते ए यह श द दोहराया- “यह तो
हंदी श द लग रहा है और ऐसा लग रहा है जै से मने इस श द को कह
सु ना हो?"
“ हंदी श द! और वह भी सु ना आ।" जे िनथ ने आ य से कहा-
“आपने यह श द कहां सु ना है कै टे न ? याद करने क कोिशश क रये । "
“नयनतारा ..... नयनतारा ....।" सु य श ने अपने दमाग पर जोर
डालना शु कर दया। अचानक वह खु शी से चीख उठा- “याद आया ...
यह श द मने अपने दादाजी क कहािनय म, अपने बचपन म सु ना था।
जब म छोटा था तो मे रे दादाजी मु झे ‘यित’ और ‘उड़ने वाले घोड़े ’ क
कहािनयां सु नाते थे , उसी एक कहानी म उ ह ने मु झे इस नयनतारा पे ड़ के
बारे म बताया था क यह पौधा ‘िहमालय’ क पहािड़य म पाया जाता
है, जो आँ ख क कसी भी तरह क परे शानी को जड़ से ख म कर सकता है
और इसीिलये इसका नाम नयनतारा रखा गया था य क हंदी म ‘नयन’
का मतलब ‘आँ ख ’ होती ह और ‘तारा’ का मतलब ‘ टार’ होता है। अब
अगर इस पौधे के फल के आकार पर यान दया जाये तो वह एक टार
क ही आकृ ित का है और उसम कसी क आँ ख को सही करने क मता
भी है। इस िहसाब से इस पौधे का नाम इसके काय को दे ख ते ए िब कु ल
फट बै ठ ता है। "
“अब यहां पर 2 बात िनकल कर आ रही ह कै टे न ।" टी ने
कहा- “न बर 1 क िहमालय क पौरािणक कथा का पौधा यहां पर कै से
आया? और दूस रा क शै फाली को बार-बार यह रह य कौन बता रहा है? "
काफ दे र सोचने के बाद भी कसी क कु छ समझ म नह आया,
अं त तः उ ह ने फर से आगे बढ़ने का िन य कया।
और सु य श का इशारा दे ख फर सब जं ग ल के अं द र क ओर चल
दये ।
◆ ◆ ◆
जोिडयाक वाॅच

8 जनवरी 2002, मंगलवार, 11:00, वॉ शंगटन डी.सी., अमे रका

वे गा अपने लै ट म बै ठा कं यू ट र पर काम कर रहा था, तभी उसके


मोबाइल क घं टी बज उठी।
वे गा ने एक बार अपने मोबाइल को दे खा। कॉल वीनस का था।
वीनस का कॉल दे ख वे गा के चे ह रे पर एक मु कु राहट आ गयी।
उसने रलै स होने के अं दाज से एक गहरी साँ स भरी और वीनस
का कॉल रसीव कर िलया।
“हाय वे गा! कै से हो?" दूस री तरफ से वीनस का मधु र वर फोन
पर गूं जा- “लाइ े री के बाद तो तु म ने मु झे याद ही नह कया। ऐसा या
िलख रहे हो अपने ोजे ट म िजसक वजह से तु ह अपने दो त क याद
ही नह आ रही है। "
“नह वीनस ... ऐसी कोई बात नह है। " वे गा ने सफाई दे ते ए
कहा- “म आज तु ह कॉल करने ही वाला था।"
“अरे वाह! पाट दे ने का इरादा है या?" वीनस ने खु श होते ए
कहा।
“पाट भी दगे पर आज नह बि क कल।" वे गा फोन को हाथ म ले ते
ए वह बे ड पर पसर गया- “ य क कल मे रा ज म दन है। "
“वाह ... वाह! कल ज म दन है तु हारा। फर तो पाट भी िवशे ष
होनी चािहए।" वीनस ने अपनी िडमां ड रखते ए कहा।
“हां - हां य नह ।" वे गा ने भी अपनी सहमित जताई- “बताओ
या लान कर कल का?"
“ऊं ऽऽऽऽऽ।" वीनस ने सोचते ए कहा- “कल ‘जॉज टाउन वाटर ं ट
पाक’ चलते ह, वहां पाट करने म मजा आये गा। वहां पर ब त सारे थीम
एक साथ िमल जायगे । "
“ओ. के . तो कल के िलये ‘जॉज टाउन वाटर ं ट पाक’ डन।" वे गा ने
पाट पर मोहर लगाते ए कहा।
“और कोई तो नह रहेगा ना पाट म?" वीनस ने शोखी िबखे र ते
ए कहा।
“हम दो के बीच म कसी तीसरे का या काम?" वे गा ने वीनस को
छे ड़ ते ए कहा।
ले कन इसके पहले क वीनस और कु छ बोल पाती वे गा के कमरे क
बे ल बज उठी।
“लगता है कोई आया है? चलो कल सु ब ह क पाट प । बाक बात
म बाद म क ं गा। बाय-बाय।" वे गा ने फोन को काटने वाले अं दाज म
कहा।
“बाय-बाय वे गा! कल पाक म िमलते ह।" इतना कहकर वीनस ने
फोन को काट दया।
फोन कटने के बाद वे गा बे ड से उतरकर दरवाजे क ओर बढ़ गया।
वे गा ने दरवाजा खोलकर बाहर दे खा।
बाहर एक कु रयर वाय खड़ा था।
“आपका कु रयर है। " कु रयर वाय ने वे गा को एक छोटा सा पै के ट
पकड़ाते ए कहा।
वे गा ने वह पै के ट अपने हाथ म पकड़ िलया।
कु रयर को दे क र कु रयर वाय वहां से चला गया।
वे गा क नजर अब हाथ म पकड़े पै के ट पर थी।
पै के ट पर भे ज ने वाले के नाम क जगह पर यु गाका िलखा था।
वे गा यह दे ख कर धीरे से मु कु रा दया।
“कोई भी भू ल जाए, पर भै या मे रा ज म दन कभी नह भू ल ते । लव
यू भाई!" यह कहते ए वे गा ने एक लाइं ग कस हवा म उछाला और
पै के ट के सु न हरे रै प र को फाड़ने लगा- “दे ख तो इस बार भाई ने या भे जा
है मे रे िलये ? "
सु न हरे रै प र के नीचे एक शानदार धातु का िड बा था, िजसम एक
चमचमाती ई गो डे न कलर क माट वॉच रखी थी।
“वाह!" वे गा अपनी खु शी का इजहार करते ए जोर से िच लाया-
“ या शानदार वॉच है! “
वे गा ने ‘जोिडयाक वॉच’ को ऑन कर िलया।
जोिडयाक वॉच का डायल, साधारण वॉच से थोड़ा सा यादा बड़ा
था और उसक न टच करने पर बदल रही थी।
वे गा ने ज दी-ज दी जोिडयाक वॉच के सारे वॉलपे प र को चे क कर
िलया।
घड़ी म 12 वॉलपे प र थे और हर एक वॉलपे प र एक रािश का
ितिनिध व कर रहा था।
चूं क वे गा क रािश ‘मकर’ थी इसिलये उसने ‘मकर’ रािश वाला
वॉलपे प र वॉच पर लगा िलया।
उस वॉलपे प र पर एक मगरम छ मानव बना था जो क कसी
यो ा क तरह एक हाथ म तलवार पकड़े था।
वे गा ने वॉलपे प र बदलने के बाद वॉच को अपनी कलाई पर बां ध
िलया।
◆ ◆ ◆
चैपटर-5
शलाका मं दर

8 जनवरी 2002, मंगलवार, 12:30, मायावन, अराका ीप

य अब िसर पर चढ़ आया था। पर कोई कने का नाम ही नह


सू ले रहा था। सभी िविच से पेड़-पौध को देखते ए आगे बढ़ रहे थे।
पीठ पर लदे बै ग को सभी आदमी बारी-बारी से उठा रहे थे ।
सु ब ह से दोपहर होने को आ गयी थी मगर कोई भी िविच घटना
नह घटी थी।
“लगता है इस जं ग ल का कह अं त नह है? " जॉनी ने अपने ह ठ
पर जीभ फराते ए कहा- “कह चलते - चलते ही ना मर जाएं । "
“मर जा!" जै क ने मजा ले ते ए कहा- “वै से भी अब ते री जं द गी म
रखा या है? "
“खोपड़ी मत चाट।" जॉनी अब थोड़ा झुं झ ला कर बोला- “एक तो
वै से ही शराब ना िमलने से मे रे तो िसर म दद भी होने लगा है, जी चाहता
है कसी प थर पर अपना िसर मार लूं । "
“ये आइिडया भी बु रा नह है। जा प थर मार कर फोड़ ले अपना
िसर।" जै क तो जै से जॉनी के पीछे ही पड़ गया था- “थोड़ा खू न िनकलते ही
तु झे शां ित िमल जाये गी।"
यह सु न ते ही जॉनी ने सच म रा ते म पड़ा एक प थर उठा िलया।
“अरे - अरे , या कर रहा है नशे ड़ी?" जै क ने जॉनी को प थर उठाते
दे ख चीख कर कहा- “म तो मजाक कर रहा था। तू इसे सच समझ बै ठा
या?"
“म कौन सा सी रयस ं। " जॉनी ने भी ‘ही-ही’ करते ए अपने
दाँ त चमकाये ।
यह कहकर जॉनी ने प थर को पास के एक पे ड़ पर जोर से मार
दया।
पे ड़ पर जहां प थर लगा था अचानक ऐले स क िनगाह उधर
गय ।
“यह तीर का िनशान कै सा?" ऐले स ने सबका यान पे ड़ पर उस
िनशान क ओर ले जाते ए कहा।
ऐले स के श द सु न अब सबक िनगाह उस पे ड़ पर गय । पे ड़ पर
सफे द रं ग से एक तीर का िनशान बना दखाई दे रहा था।
यह दे ख सभी पे ड़ के पास प ंच गये ।
वह सफे द तीर का िनशान बां यी तरफ जाने का इशारा कर रहा था।
उस तीर के िनशान के नीचे कु छ ना समझ म आने वाली कू ट भाषा म
िलखा भी था।
कू ट भाषा को दे ख सभी क िनगाह वतः शै फाली क ओर चली
गय ।
“ या तु म इन िनशान को भी जानती हो शै फाली?" सु य श ने
शै फाली क ओर दे ख ते ए पू छा।
“हां कै टे न अं क ल। म तीर के नीचे िलखी भाषा को पढ़ सकती ं। "
शै फाली ने पे ड़ क ओर दे ख ते ए कहा- “इस पर िलखा है- शलाका
मं दर!“
“शलाका मं दर!“ सभी ने मन ही मन बु द बु दाया।
“लगता है इस ीप पर रहने वाले लोग क दे वी का नाम शलाका
है। “ टी ने कहा- “और यह तीर बताता है क अव य ही आगे कह पर
दे वी शलाका का मं दर है। “
“ फर तो हम अव य ही उस दशा म चलना चािहए।“ अलबट ने
कहा- “शायद वहां पर कोई मनु य भी हम िमल जाए? और उसे इस ीप
से िनकलने का कोई रा ता भी पता हो?“
अलबट क बात सभी को सही लगी अतः वह सभी उस तीर क
दशा म चल दये ।
सभी सावधानीपू व क इधर-उधर दे ख ते ए अपने कदम बढ़ा रहे थे ।
“वो दे खो सामने । “ जे िनथ ने सभी को एक दशा क ओर इशारा
करते ए कहा- “वहां पर एक और तीर बना है। वह तीर भी िपछले वाले
तीर के जै सा ही है। "
जे िनथ क बात सु न कर सभी क िनगाह सामने बने तीर क ओर
गय ।
सभी लोग दूस रे बने तीर के िहसाब से फर से मु ड़ गये ।
ये सभी इस बात से बे ख बर थे क एक रह यमय साया काफ दे र से
इनका पीछा कर रहा था जो िन य ही यु गाका का था।
यु गाका के चलने से , उसके पै र से िब कु ल भी आवाज नही हो रही
थी।
रा ते म कई और तीर के िनशान िमले िजसका पीछा करते ए
सभी लोग एक िवशालकाय मं दर के पास प ंच गये ।
मं दर इतना िवशालकाय था क उसे पू रा घू म ने म 4 से 5 घं टे का
समय लग जाता।
मं दर सु न हरे प थर और धातु से बना था।
ऐसा लग रहा था जै से कसी िवशालकाय पहाड़ को काटकर वह
मं दर बनाया गया था।
दूर से दे ख ने पर मं दर क बनावट लगभग कसी हंद ू मं दर के
जै सी लग रही थी।
मं दर के मु य मं ड प के शीष पर नटराज का एक िच उके रा था।
मु य मं ड प के अगल-बगल 2 िवशाल आदमकद मू तयां लग थ ।
मं दर के िपछले िह से म 2 धातु के िवशालकाय खं भे बने थे ,
िजन पर िविच सी आकृ ितयां बन थ और अजीब सी भाषा म कु छ
िलखा आ था।
मं दर के मु य मं ड प म जाने के िलये लगभग 25 सी ढ़यां बन ई
थ।
“यह तो कोई हंद ू मं दर लग रहा है? " सु य श ने मं दर को दे ख ते ए
कहा- “और इसक बनावट से लग रहा है क यह सै क ड़ साल पु राना है।
इतना ाचीन और भ मं दर कसने इस जं ग ल म बनवाया होगा?"
सभी चम कृ त होकर इस भ मं दर को िनहार रहे थे ।
“तो या दे वी शलाका कोई हंद ू दे वी ह?" जे िनथ ने सु य श क ओर
दे ख ते ए पू छ िलया- “परं तु यह मं दर तो इं िडया से हजार कलोमीटर
दूर है। "
“इं िडया क स यता भी हजार साल पु रानी है, हो सकता है इस
ीप पर पहले कोई इं िडयन रहता हो?" अलबट ने कहा।
सु य श ने अपने जू त को सी ढ़य के नीचे ही उतारा और नं गे पै र ही
सी ढ़यां चढ़ने लगा। सु य श को ऐसा करते दे ख सभी ने अपने जू ते सी ढ़य
के नीचे ही उतार दये और सु य श के पीछे - पीछे चल पड़े ।
मं दर का मु य मं ड प काफ ऊं चा बना था। मु य मं ड प के बीच का
भाग, एक 10 मीटर ि या के घे रे म, 7 ऊं चे - ऊं चे खं भ से िघरा था। उन
सात खं भ पर एक-एक यो ा का िच बना था। हर यो ा अपने हाथ म
एक खतरनाक अ पकड़े ए था।
उन खं भ के बीचोबीच म एक प थर का चबू त रा बना था, िजस पर
एक 6 फु ट ऊं ची सं ग मरमर क कसी दे वी क ितमा लगी थी। उस
ितमा के चारो तरफ 7 फु ट ऊं चे गोलाकार आकृ ित म पे ड़ लगे थे , जो
चारो तरफ से ितमा के ऊपर झु के ए थे ।
पे ड़ के ऊपर झु के होने क वजह से उस ितमा का चे ह रा साफ
नजर नह आ रहा था।
शै फाली पहले घू म -घू म कर खं भे पर बने यो ा को दे ख ने लगी।
“ये कै से यो ा ह? और इन खं भ पर या िलखा है शै फाली?"
अलबट ने शै फाली क ओर दे ख ते ए पू छा।
“दे वी शलाका के 7 भाई ह। हर एक खं भा एक भाई का तीक है। "
शै फाली ने खं भ क ओर दे ख ते ए कहा- “और हर एक भाई के पास एक
त व क शि है। "
“पर यह तो 7 ह। हमने तो िसफ पं च त व के बारे म सु न रखा है,
यह बाक के 2 त व या ह?" सु य श ने शै फाली से पू छा।
“यह पहले भाई का खं भा है। इस भाई का नाम ‘इवान’ है, इसके
पास ‘अि ’ क शि यां ह।" शै फाली ने पहले खं भे क ओर दे ख ते ए
कहा।
सभी क नजर उस खं भे क ओर गयी, िजस पर इवान कोई अि
का हिथयार हाथ म पकड़े दखाई दे रहा था।
इसके बाद शै फाली दूस रे खं भे के पास जाकर खड़ी हो गयी और
सबके पास आने का इं त जार करने लगी।
सभी फर से शै फाली के पास आ गये ।
“यह दे वी शलाका का दूस रा भाई ‘ओ रयन’ है, इसके पास ‘वायु ’
क शि यां ह।" यह बोल शै फाली कसी गाइड क तरह तीसरे खं भे के
पास प ंच गयी।
“यह तीसरा भाई ‘डो र स’ है, इसके पास ‘जल’ क शि यां ह,
फ र चौथा भाई ‘कै िल स’ है, िजसके पास ‘पृ वी’ क शि यां ह, फर
पां च वे भाई का नाम ‘ने रस’ है, िजसके पास ‘आकाश’ क शि यां ह,
फर छठा भाई ‘डे फ ’ िजसके पास ‘ विन’ क शि यां ह और आिखर म
सातवां भाई ‘िनयो’ िजसके पास ‘ काश’ क शि यां ह।"
सभी मं मु ध से शै फाली के श द सु न ते ए खं भ को दे ख रहे थे ।
उधर मं दर के ार पर िछपा यु गाका भी आ य से शै फाली को
खं भ पर िलखी डीटे स को पढ़ते ए दे ख रहा था। उसे समझ म नह आ
रहा था क शै फाली ‘एरकान’ भाषा को कै से पढ़ सकती है? वो तो
‘अटलां टयन’ है ही नह ।"
“अ छा तो यहां पर ‘ विन’ और ‘ काश’ को 2 त व और माना
गया है। " सु य श ने कहा।
“इसका मतलब सामने चबू त रे पर खड़ी ितमा ज र शलाका क
होगी? िजसे सातो भाइय ने अपने बीच सु र ि त रखा है। " टी ने मं दर
के बीच म खड़ी ितमा को दे ख ते ए कहा।
अब सभी का यान उस ितमा क ओर गया। जो आधा पे ड़ से ढक
होने क वजह से नजर नह आ रही थी।
“कै टे न , जरा यान दीिजये । " डन ने कहा- “उस ितमा तक जाने
के रा ते म जमीन पर 7 वगाकार सफे द प थर ह। कह ये भी सात भाइय
के तीक तो नह ह?"
सु य श ने यान से उन प थर को दे खा और कु छ सोचने के बाद
पहले प थर पर कदम रख दया।
सु य श के पहले प थर पर पै र रखते ही पहला प थर बगनी रं ग से
चमकने लगा और इसी के साथ पहले भाई ‘इवान’ का खं भा भी बगनी रं ग
का हो गया।
इसी के साथ उस खं भे से एक बगनी रं ग क करण िनकली और
शलाका क ितमा को घे रे एक पे ड़ पर पड़ी। रोशनी के पड़ते ही ितमा
के पास लगा वह पे ड़ सीधा हो गया। उस पे ड़ पर अब बगनी रं ग के फू ल
दखाई दे ने लगे ।
यह दे ख कर असलम चीख उठा- “ क जाइये कै टे न । मु झे यहां पर
कोई खतरा दख रहा है? अब आप आगे मत ब ढ़ये । "
“असलम सर सही कह रहे ह कै टे न ।" डन ने भी असलम क बात
म अपनी सहमित जताई- “आप वापस आ जाइये । "
सबको िच लाते दे ख सु य श ने अपना कदम पीछे क तरफ करना
चाहा, सु य श का पै र प थर से उठा तो पर वह पीछे क तरफ नह गया।
यह दे ख सु य श ने थोड़ा और ताकत लगायी, पर नतीजा वही रहा।
सु य श पीछे ना जा सका।
“ ोफे सर, म पीछे नह आ पा रहा।" सु य श ने अलबट क ओर दे ख ते
ए कहा- “शायद यहां कोई ऐसी अदृ य ताकत है जो मु झे पीछे नह जाने
दे रही है। "
यह दे ख अलबट चीख कर बोला- “यह कसी कार का कोई
ितिल म है। यहां खतरा भी हो सकता है। "
यह सु न सु य श चु प चाप उसी प थर पर खड़ा हो गया।
“ ोफे सर, ये ितिल म या होता है? " ऐले स ने अलबट से पू छा।
“िव ान के योग को अित आधु िनक तरीके से मै के िन म के ारा
एक घटना म म बदल दया जाता है, जो एक जादू क तरह दखाई दे ने
लगता है। इस मै के िन म को डीकोड करने का एक ही तरीका होता है,
अगर कसी ने कोई गलत तरीका अपनाया तो वह ितिल म से बाहर नह
आ सकता। सं प ल श द म ये समझ लो क तु म अगर कसी कमरे म बं द
हो गये हो और उस कमरे के दरवाजे पर अगर कोई न बर वाला ताला
लगा है तो तु म िबना सही न बर को लगाये , ना तो ताला खोल सकते हो
और ना ही कमरे से बाहर आ सकते हो।"
अलबट ने इतने िस पल तरीके से समझाया क ऐले स तो या
जॉनी क भी सब समझ म आ गया।
यह सु न तौफ क ने सु य श को कहा- “कै टे न अगर आप वापस नह
आ सकते तो एक बार आगे जाने क कोिशश करके दे ख लीिजये । "
तौफ क क बात सु न सु य श ने अपना दािहना पै र आगे क ओर
बढ़ाया और दूस रे प थर पर रख दया।
तु रं त दूस रे प थर का रं ग आसमानी हो गया। इसी के साथ शलाका
के दूस रे भाई ‘ओ रयन’ का खं भा भी आसमानी हो गया और उससे
िनकली करण ने दूस रे पे ड़ को भी सीधा कर दया।
अब उस पे ड़ पर लगे फू ल भी आसमानी रं ग के हो गए।
दूस रे पे ड़ के सीधे होते ही शलाका क मू त का चे ह रा थोड़ा-थोड़ा
नजर आने लगा।
सु य श ने फर पीछे पलटने क कोिशश क , पर वो फर से पलट
नह पाया।
अब सु य श ने फै सला कर िलया था क उसे अब आगे ही बढ़ना है।
यह सोच सु य श ने एक साथ सभी प थर को पार कर िलया। सभी
साँ स रोके सु य श के हर कदम पर कु छ ना कु छ नया होते दे ख रहे थे ।
शलाका के भाइय के सभी खं भे अब अलग-अलग रं ग से रोशन हो
गये और इसी के साथ हट गये शलाका को घे रे , पे ड़ पी सभी पद।
अब सात पे ड़ पर भी अलग-अलग रं ग के फू ल िखल गये थे ।
परं तु सु य श क िनगाह अब िसफ और िसफ शलाका क ितमा पर
थी।
6 फु ट क शलाका क मू त सं ग मरमर के सफे द प थर से िन मत
थी। मू त के िसर पर एक सु न हरे रं ग का छोटा सा मु कु ट था। उसक आँ ख
कसी िहरनी के समान लं बी और चमक ली थ । उसके बाल अि के समान
हवा म लहरा रहे थे । उसने कसी भारतीय नारी के समान, लं बी सी साड़ी
अपने बदन पर लपे ट रखी थी। उसने अपने दोन हाथ को जोड़कर, उसम
एक फु टबाल के आकार का काले रं ग का एक मोती पकड़ रखा था।
सभी मं मु ध से सुं द रता क उस दे वी को िनहार रहे थे ।
तभी जै से अलबट को कु छ याद आया। उसने अपनी जे ब से
अटलां टस वाला सोने का िस ा िनकालकर अपने हाथ म ले िलया। उसम
बनी फोटो को अलबट ने मू त से िमलाकर दे खा।
“िब कु ल वही है। " अलबट मन ही मन बड़बड़ाया- “िस े पर दे वी
शलाका क ही फोटो बनी है। इसका मतलब हम इस समय अटलां टस म
ही ह।"
उधर सु य श शलाका का स दय दे ख ने म इतना म हो गया क उसे
आसपास का कु छ याद ही नह रह गया।
तभी सु य श को उस मू त क आँ ख म कु छ हरकत होती दखाई दी।
पता नह कतनी दे र तक सु य श उस मू त को दे ख ता रहा और फर उस
मू त क ओर बढ़ने लगा।
जै से ही सु य श के पां व उस गोल चबू त रे पर पड़े , अचानक सारे पे ड़
झू म कर दे वी शलाका पर फू ल क बा रश करने लगे ।
सभी साँ स रोके सु य श को दे ख रहे थे ।
सु य श शलाका क मू त के िब कु ल पास प ंच गया था।
सु य श को अब उस मू त से भीनी-भीनी सी खु श बू आती भी तीत
हो रही थी।
“ क जाइये कै टे न ।" अलबट ने ते ज आवाज म कहा।
इस बार सु य श ने िबना अलबट को दे खे ए अपना दािहना हाथ
उठाया, जो क इस बात का सं के त था क वह होश म है और बाक सभी
लोग को वह कने का इशारा कर रहा है।
सु य श का सं के त समझ अलबट शां त हो गया।
अब सभी साँ स रोके ए सु य श को दे ख रहे थे ।
पता नह इस समय य यु गाका क भी साँ स क ई थी।
सु य श ने धीरे से हाथ बढ़ाकर उस मू त को पश कर िलया। मू त
को पश करने पर उसे ऐसा महसू स आ, जै से वह प थर क मू त ना
होकर जीिवत कोई शरीर हो।
इस अजीब मु लायम से पश से घबराकर सु य श ने अपना दािहना
हाथ पीछे ख च िलया।
अचानक सात खं भ से एक साथ अलग-अलग रं ग क करण
िनकल और सु य श के शरीर से टकराकर गायब हो गय ।
इसी के साथ वहां से हजार कलोमीटर दूर , अं टाक टका के बफ म
दफन, शलाका महल म मौजू द , शलाका के चे ह रे पर एक भीनी सी मु कान
िबखर गयी और वह धीरे से बु द बु दाई- “मु झे तु हारा हजार साल से
इं त जार था। आिखर तु म आ ही गये ‘आयन’। अब ितिल मा को टू ट ने से
कोई भी नह रोक सकता।"
इधर रोशनी के पड़ते ही सु य श के शरीर को ते ज झटका लगा। इस
झटके क वजह से सु य श 2 कदम पीछे हो गया।
यह दे ख कर यु गाका के चे ह रे पर आ य के भाव आ गये और वह मन
ही मन बड़बड़ाया- “ये जं दा कै से बच गया?"
इधर सु य श के पीछे आते ही पु नः सभी पे ड़ दे वी शलाका क ओर
झु क गये और सब कु छ पहले क तरह सामा य हो गया।
यह दे ख ै ड न ने भागकर सु य श को अपनी ओर ख च िलया।
“ या कर रहे थे कै टे न ?" असलम ने सु य श क ओर दे ख ते ए कहा-
“ इस ीप पर कोई भी चीज सामा य नह है, ऐसे म कसी भी चीज को
छू ना खतरे से खाली नह है। "
“मे रे िहसाब से हम इस मं दर से बाहर चलना चािहए।" ऐले स ने
कहा- “मु झे तो यह मं दर भी ितिल मी लग रहा है। "
ऐले स क बात पर सभी ने सहमित जताई और सभी मं दर के ार
क ओर चल दये ।
उन सभी को बाहर िनकलता दे ख , यु गाका मं दर क सी ढ़यां उतरा
और भाग कर एक पे ड़ के पीछे िछप गया।
सभी मं दर के मु य ार से बाहर आ गये ।
“मने दे वी शलाका क ऐसी ही एक मू त को अपने सपने म दे खा था
और ऐमू भी एक डोरी के ारा इनके हाथ से बं धा था। फर इस दे वी ने
ऐमू क डोरी को अपने हाथ से छोड़ दया था, िजससे ऐमू वतं हो गया
था।" शै फाली ने कहा।
एक ण के िलये सबक आँ ख म ऐमू का याल आ गया।
“इसका मतलब है क हमारे िशप पर घट रही हर रह यमयी घटना
का िज मे दार ये ीप ही था।" जे िनथ ने कहा।
“शायद आप लोग सही कह रहे हो।" अलबट ने यह कहकर
अटलां टस का िस ा सु य श के हाथ म रख दया- “यह दे िखए कै टे न , इस
िस े पर भी दे वी शलाका का ही िच बना है। "
सु य श ने यान से िस े को दे खा और फर धीरे से िसर िहलाकर उसे
अलबट को वापस कर दया।
सु य श क आँ ख म तो बस शलाका का स दय बस गया था। वह
ब त कोिशश के बाद भी शलाका का चे ह रा अपनी आँ ख के आगे से हटा
नह पा रहा था।
“यहां पर मं दर तो है, पर एक भी इं सान यहां पर नह है। यह कै से
सं भ व हो सकता है? यहां के सारे लोग कह चले गये ह? या फर
जानबू झ कर हमसे िछप रह ह।" टी ने कहा।
“लगता है दे वी शलाका के स दय के जादू ने सबको गायब कर दया
यहां से । " ऐले स ने टी को िचढ़ाते ए कहा- “जो भी हो पर दे वी थ
ब त सुं द र। इतना खू ब सू र त चे ह रा भु लाए नह भू ल रहा।"
“अ छा जी! सुं द रता भु लाए नह भू ल रही तु ह।" टी ने गु से से
ऐले स को दे ख ते ए कहा- “िसर पर डं डा पड़ते ही सब कु छ भू ल
जाये गा।"
यह कहकर टी ने अपनी आँ ख नचाते ए ऐले स के िसर पर
धीरे से अपने हाथ म पकड़ी लकड़ी मार दी।
सभी के चे ह रे पर मु कान आ गयी।
जे िनथ को टी और ऐले स क जोड़ी ब त अ छी लग रही थी।
उसने एक नजर तौफ क को यार से दे खा, पर बोली कु छ नह ।
जे िनथ क आँ ख ने ही सबकु छ बोल दया था। तौफ क क नजर भी
जे िनथ से िमली, पर उसक आँ ख के भाव िब कु ल सपाट थे ।
जे िनथ जानती थी क तौफ क उससे यार तो करता है, पर वह
उतना इ स े िसव नह है।
चलते - चलते जे िनथ ने भी धीरे से तौफ क का हाथ पकड़ िलया।
सभी फर से अब आगे क ओर बढ़ गये ।
◆ ◆ ◆
रह यमय िपरािमड

आज से 7 दन पहले ..........................
1 जनवरी 2002, मंगलवार, 08:15, अटलां टक महासागर

“रोजर!" सु य श ने रोजर को सं बोिधत करते ए कहा- “तु म तु रं त


एक पायले ट के साथ इस हेलीकॉ टर से जाओ और दे खो, शायद आसपास
से जाता आ, कोई और िशप दखाई दे जाए या फर कोई और सु राग
िमल जाए। िजससे यह पता चल जाए क हम इस समय कस जगह पर
ह? और हां यह वॉक -टॉक से ट भी ले ते जाओ। इससे मे रे कां टे ट म रहना
और मु झे सारी सू च ना दे ते रहना।"
यह कहते ए सु य श ने जे स क से , वॉक -टॉक से ट ले क र, रोजर
को दे दया।
रोजर, सु य श से वॉक -टॉक से ट ले क र, पायले ट के साथ,
हेलीकॉ टर म वे श कर गया।
हेलीकॉ टर म बै ठ ने के साथ, रोजर ने एक नजर वहां खड़े सभी
लोग पर मारी और फर सु य श क तरफ दे ख ते ए, एक झटके से
‘थ बस् - अप’ क टाइल म अपना अं गू ठा, जोश के साथ झटका दे क र
उठाया और फर धीरे से पायले ट क ओर दे ख कर, उसे हेलीकॉ टर को
उड़ाने का इशारा कया।
थोड़ी ही दे र म, एक गड़गड़ाहट के साथ, हेलीकॉ टर रोजर को
ले क र आसमान म था।
रोजर क नजर आसमान म चारो ओर घू म रह थ । दूर -दूर तक
अथाह समुं द र के िसवा कु छ नजर नह आ रहा था।
“सर, मु झे नह लगता क इतने अथाह समुं द र म, हम ऐसी
खतरनाक जगह पर कोई दूस रा जहाज नजर भी आये गा।" हेलीकॉ टर के
पायले ट ने रोजर से कहा।
“पर कोिशश करके दे ख ने म या परे शानी है? " रोजर ने वॉक -
टॉक से ट को हाथ म नचाते ए जवाब दया- “तु म हेलीकॉ टर को
आसमान म थोड़ा और ऊं चा लो। म ऊं चाई से दूर बीन से दे ख ने क कोिशश
करता ं। शायद कु छ नजर आ ही जाए।"
“ठीक है सर।" यह कहकर पायले ट ने हेलीकॉ टर को थोड़ा और
ऊं चे कर िलया।
लगभग 15 िमनट तक रोजर समुं द र म चारो ओर दे ख ता रहा, पर
उसे लहर के िसवा कु छ भी नजर ना आया।
“थोड़ा और दे ख ते ह उसके बाद वापस चलते ह।" यह कहकर रोजर
ने पायले ट को बां यी तरफ हेलीका टर को मोड़ने का इशारा कया।
10 िमनट और बीत गये , फर भी कु छ नजर नह आया।
यह दे ख कर रोजर ने वॉक -टॉक से ट को ऑन करते ए कहा-
“हैलो-हैलो कै टन! या आप मे री आवाज सु न रहे ह? ओवर।"
“यस रोजर सर! हम आपक आवाज सु नाई दे रही है। ओवर!"
दूस री तरफ से असलम क आवाज सु नाई दी।
असलम क आवाज सु न रोजर थोड़ा सोच म पड़ गया।
तभी रोजर को सु य श क आवाज सु नाई दी- “यस रोजर! बताओ,
या कहना चाहते हो तु म ? ओवर!" अब शायद सु य श ने वॉक -टॉक से ट
असलम से ले िलया था।
रोजर ने सु य श क आवाज पहचान ली। वह बोला- “कै टन हम
लोग इस समय िशप से काफ दूर आ चु के ह। पर अभी दूर -दूर तक कु छ
नजर नह आ रहा है। लगता है क हम वा तव म भटक गए ह।"
पायले ट का भी पू रा यान िसफ और िसफ वॉक -टॉक से ट पर था।
रोजर का बोलना जारी रहा- “अब हम लोग और आगे बढ़ रहे ह
सर। हर तरफ िसफ समु क लहर ही नजर आ रही ह। नीला समु ......
पानी ही पानी।"
तभी दूर कह समुं द र म एक काला ध बा सा दखाई दया। रोजर
ने धीरे से पायले ट को हेलीकॉ टर को उस दशा क ओर मोड़ने का इशारा
करते ए कहा- “सर हम ब त दूर एक काला ध बा सा दखाई दे रहा है।
हम लोग अब उस दशा म बढ़ रहे ह। शायद वह कोई पानी का जहाज
हो।"
पायले ट ने हेलीकॉ टर अब उस दशा म मोड़ िलया।
थोड़ी दे र ककर रोजर ने फर कहा- “हम लोग गलत थे सर। वह
कोई जहाज नह , बि क कोई ीप है। अब हम लोग धीरे - धीरे उसके और
पास जा रहे ह। यह कोई छोटा सा, परं तु हरा-भरा ीप है। इसके आसपास
ह क सी धुं ध दखाई दे रही है। .................अब हम ीप के और पास
प ंच गए ह सर। अचानक कु छ गम बढ़ सी गई है। शायद यह ीप कु छ
यादा ही गम है। य क इस ीप से , समु क ठं डी लहर टकराकर, धुं ध
के प म आस पास फै ल रही ह, जो कोहरे के प म मु झे दूर से ही दखाई
दे रही ह।................. यहां एक िविच सी पहाड़ी भी है। दूर से दे ख ने
पर यह कोई ाऊन पहने ए मानव आकृ ित के समान तीत हो रही है
....... ऐसा लग रहा है जै से कोई यो ा इस ीप क रखवाली कर रहा
हो............. अब हम इस ीप के ऊपर उड़ान भर रहे ह सर। ....... यहां
कसी भी कार के जीवन का कोई िनशान नह है। हर तरफ एक अजीब
सा स ाटा छाया आ है। ीप के बीच म, एक साफ पानी क झील भी
दख रही है। दे ख ने म यह ीप काफ सुं द र लग रहा है सर। ..........
ऊं चाई से दे ख ने पर यह ीप एक ि भु ज क आकृ ित िलए ए दखाई दे
रहा है। ..... पर यह या सर? ....ओऽऽऽ नोऽऽऽ ...... यह कै से सं भ व है?
......."
तभी ीप के चारो तरफ फै ली धुं ध धीरे - धीरे हेलीकॉ टर को घे र ने
लगी और आसमान म एक गहरे लाल रं ग के बादल क टु क ड़ी उड़कर उस
धुं ध म समािहत हो गयी।
उस धुं ध का अ स पानी म पड़कर एक अजीब सा रं ग उ प कर
रहा था।
यह दे ख रोजर क आवाज अ यं त िव मय से भर गई। इतना िविच
नजारा दे ख रोजर क आँ ख म खौफ साफ नजर आने लगा।
“ या आ रोजर? या दख रहा है तु ह?" वॉक -टॉक पर सु य श
क घबरायी आवाज आयी।
“म समझ .....नह पा ......रहा ं सर! क म ......आपको कै से
बताऊं ? ..........म इस समय .....बड़ा अजीब सा ....महसू स कर रहा ं।
ऐसा लगता है जै से धुं ध ....... बड़ी ते जी से बढ़ गई है .....। आसमान का
रं ग ........ समझ म ....नह आ ....रहा है। ......पानी भी ......जै सा दखना
चािहए .......वै सा नह दख रहा है .....और ये या? ...... ये .... ये .....
यहां ये .....मु झे या दख रहा है .....सर ऐसा लग रहा है .....जै से क हम
......................।"
अभी रोजर इतना ही बोल पाया था क तभी ीप से िनकली एक
रह यमय तरं ग ने हेलीकॉ टर के मै के िन म को खराब कर दया।
“खट् ....खट् . .... खटाक।"
और इसी के साथ रोजर का स पक सु य श से टू ट गया।
“सर, हेलीकॉ टर के सारे कं ो स एकाएक खराब हो गये ह। शायद
इस े म भी िव ु त चु बक य तरं ग ह।" पायले ट ने चीख कर रोजर को
खतरे से आगाह कया।
हेलीकॉ टर अब कसी परकटे प ी क तरह हवा म लहराने लगा।
रोजर समझ गया क अब हेलीकॉ टर को ै श होने से कोई नह
बचा सकता।
रोजर क नजर अब ीप म फै ले जं ग ल पर गयी। घने जं ग ल के
आगे कु छ दूरी पर रोजर को एक रे िग तान जै सा े नजर आया।
“उस तरफ ..... हेलीकॉ टर को कै से भी उस रे िग तान म लड
कराने क कोिशश करो।" रोजर ने पायले ट को ीप के रे तीले िह से क
तरफ इशारा करते ए कहा- “अगर हमारा हेलीकॉ टर उधर िगरा तो
जं दा बचने क सं भावनाएं यादा ह।"
“म कोिशश कर रहा ं सर।" पायले ट ने चीख कर कहा और
हेलीकॉ टर को ते जी से नीचे करने लगा।
तभी एक धुं ध ने हेलीकॉ टर के पं खे को अपने घे रे म ले िलया और
पं खा नाचते - नाचते क गया।
हेलीकॉ टर सीधे नीचे िगरने लगा। पायले ट और रोजर दोन के ही
पास अपने को बचाने के िलये िब कु ल भी समय नह था।
रोजर क िनगाह अब िसफ और िसफ जमीन क ओर थ जो क
धीरे - धीरे उसके पास आती जा रही थी।
तभी हेलीकॉ टर ीप के ऊपर मौजू द कसी अदृ य दीवार से
टकराया।
हेलीकॉ टर से ब त ते ज चं गारी िनकली और इससे पहले क रोजर
कु छ समझ पाता, हेलीकॉ टर घने पे ड़ से टकराता आ जमीन पर आ
गया।
रोजर सीट सिहत हेलीकॉ टर से िनकलकर दूर जा िगरा। आवाज
इतनी भयानक थी क थोड़ी दे र तक तो रोजर को कु छ समझ ही नह
आया क वह कहां िगरा?
लगभग 5 िमनट के बाद रोजर थोड़ा चै त य हो गया।
रोजर ने सबसे पहले उठकर अपने शरीर को चे क कया, पर ई र
क कृ पा से रोजर को छोटी-मोटी खर च के िसवा यादा चोट नह आई
थी।
अब रोजर क िनगाह अपने आसपास गयी।
“ये या? हेलीकॉ टर तो रे िग तान के े म िगरा था, पर यहां तो
रे त का कह नामोिनशान तक नह है। ऐसा कै से हो सकता है? " रोजर मन
ही मन बड़बड़ाया।
तभी उसे ीप क अदृ य दीवार का याल आया।
“वह अदृ य दीवार कै सी थी? शायद उसी दीवार क वजह से यहां
रे िग तान नजर आ रहा था।" रोजर ने आसमान क ओर दे ख ते ए, अपने
मन म कहा।
तभी उसे हेलीकॉ टर का याल आया। रोजर ने अपनी नजर इधर-
उधर दौड़ा ।
रोजर को कु छ दूरी पर हेलीकॉ टर के अवशे ष पड़े दखाई दये ,
िजनसे धुं आ िनकल रहा था।
उसे तु रं त पायले ट का याल आया और यह याल आते ही रोजर ने
हेलीकॉ टर क ओर दौड़ लगा दी।
हेलीकॉ टर पे ड़ के एक झु र मु ट के बीच िगरा पड़ा था।
रोजर अभी हेलीकॉ टर से थोड़ा दूर ही था क तभी उसे
हेलीकॉ टर के पीछे कसी जानवर क पूं छ दखाई दी। यह दे ख रोजर
तु रं त क कर एक पे ड़ क ओट म हो गया।
अब रोजर क िनगाह हेलीकॉ टर क ओर थ ।
तभी उसे एक बड़ा सा शे र दखाई दया, जो अब हेलीकॉ टर के
अं द र क ओर जा रहा था।
रोजर के पास ऐसा कु छ भी नह था िजससे वह शे र से लड़ सकता।
इसिलये वह चु प चाप पे ड़ के पीछे खड़ा शे र को दे ख रहा था।
थोड़ी दे र बाद शे र पायले ट को मुं ह म पकड़ कर बाहर िनकलता
आ दखाई दया।
पायले ट का शरीर हवा म झू ल रहा था। रोजर समझ गया क
पायले ट अब जीिवत नह है।
शे र पायले ट के शरीर को मुं ह म दबाए एक दशा क ओर चल
दया।
शे र को पायले ट क लाश ले जाते दे ख रोजर को काफ आ य आ
इसिलये रोजर दबे पां व शे र के पीछे - पीछे चल दया।
कु छ आगे जाने के बाद रोजर को पे ड़ के झु र मु ट के पीछे एक
इमारत दखाई दी। जं ग ल म इमारत दे ख कर रोजर को हैरानी ई।
शे र उस इमारत क तरफ ही जा रहा था। थोड़ी ही दे र म ऊं चे - ऊं चे
पे ड़ पीछे छू ट गये । अब वह इमारत िब कु ल साफ नजर आने लगी थी।
वह िपरािमड थे और वह भी एक नह बि क 4
वह िपरािमड भी कसी धातु के बने नजर आ रहे थे ।
“ये जं ग ल म िपरािमड कहां से आ गये ? और ये शे र .... ये शे र उन
िपरािमड क तरफ य जा रहा है? " रोजर मन ही मन बु द बु दाया।
शे र अब िपरािमड क सी ढ़यां चढ़ने लगा था।
रोजर के ये सब कु छ ब त रह यमयी लग रहा था।
कु छ ही दे र म शे र िपरािमड के दरवाजे तक प ंच गया।
शे र ने पायले ट क लाश वह दरवाजे पर रख दी।
इसके बाद शे र ने एक जोर क दहाड़ मारी, फर पलट कर सी ढ़य
से उतरा और एक दशा क ओर चल दया।
रोजर कु छ दे र तक सोचता रहा क वह शे र के पीछे जाए या फर
िपरािमड के रह य को दे खे । िपरािमड तो अपनी जगह से िहलना नह था,
इसिलये रोजर ने शे र के पीछे जाने का फै सला कर िलया।
तब तक शे र कु छ आगे तक जा चु का था। रोजर पे ड़ के ओट ले ते ए
शे र का पीछा करने लगा।
चलते - चलते जं ग ल का े ख म होने लगा और पहाड़ी े शु हो
गया। मौसम म भी अब ठं डक का अहसास होने लगा था।
तभी रोजर को एक पहाड़ से झरना िगरता आ दखाई दया।
शे र उस झरने के पास जाकर क गया। शे र ने कने के बाद एक
नजर चारो ओर मारी और फर ना जाने या कया, क शे र का शरीर
धीरे - धीरे इं सान म बदल गया।
अब शे र क जगह एक लं बा-चौड़ा इं सान खड़ा दखाई दे ने लगा।
रोजर यह दे ख कर पू री तरह से घबरा गया। रोजर का दल अब
ब त ते ज ‘धक-धक’ करने लगा।
रोजर के दे ख ते ही दे ख ते , वह इं सान झरने के अं द र वे श कर गया।
शायद झरने के अं द र कोई रा ता था।
रोजर काफ दे र तक वहां खड़ा कु छ सोचता रहा। ब त दे र सोचने
के बाद अब रोजर ने झरने के अं द र जाने का िनणय कर िलया।
रोजर ने एक नजर चारो ओर मारी और धीरे - धीरे चलता आ
झरने तक प ंच गया। झरने के दूस री तरफ कु छ भी दखाई नह दे रहा
था।
रोजर ने अपना एक हाथ झरने के अं द र डाला, उसे महसू स आ क
झरने के अं द र कोई रा ता िछपा है। यह सोच रोजर झरने के अं द र वे श
कर गया।
झरने के दूस री तरफ एक गु फा थी। गु फा काशमान थी। रोशनी
गु फा म कहां से आ रही थी, यह पता नह चल पा रहा था।
रोजर सधे कदम से गु फा के अं द र क ओर चल दया। गु फा अं द र से
काफ चौड़ी थी।
कु छ आगे जाने के बाद रोजर को गु फा म सामने क ओर 3 रा ते
दखाई दये ।
रोजर को समझ नह आया क वह सं ह मानव कस दशा म गया
था। अतः वह अं दाजे से बीच वाले रा ते क ओर चल दया।
बीच वाला रा ता आगे जाकर सं क रा हो गया।
5 िमनट तक उस रा ते पर चलने के बाद रोजर को पहाड़ म एक
दरवाजा बना दखाई दया।
रोजर ने सतकता के साथ उस दरवाजे के अं द र कदम रखा। वह
रा ता एक िवशालकाय कमरे म खु ल रहा था।
यह कमरा अ यं त िवशालकाय और खू ब सू र त था। दीवार पर
सु न हरी धातु क पत चढ़ी थी और उस पत पर िभ -िभ कार के र
सजे थे । कमरे के बीच म एक सु न हरी धातु का शानदार पलं ग रखा था।
एक नजर म यह कसी रानी का शयनक नजर आ रहा था।
रोजर ये सब दे ख कर हत भ रह गया।
तभी रोजर को कसी के कदम क आहट सु नाई दी। आहट सु न ते ही
रोजर एक बड़े से लकड़ी के सं द ूक म िछप गया।
सं द ूक म एक छोटा सा सु राख था, िजससे रोजर को बाहर का सब
कु छ दखाई दे रहा था।
कमरे म आने वाले 2 लोग थे । पहली एक खू ब सू र त सी लड़क थी,
िजसने रािनय क वे श भू षा धारण कर रखी थी। उसके हाथ म जादूग र
क तरह एक लकड़ी का दं ड था। उस दं ड के ऊपरी कोने पर एक नीले रं ग
का कोई र लगा था।
दूस रा इं सान ऊपर से नीचे तक काले व पहने ए था। उसके िसर
पर एक भी बाल नह था। उसने भी अपने हाथ म एक सप के समान मु ड़ी
ई, लं बी सी छड़ी ले रखी थी।
“तु ह अब सामरा रा य म जाने क तै यारी शु करनी चािहये
‘आकृ ित’, मे री योितष गणना के अनु सार ‘ितिल मा’ को टू ट ने म अब
यादा दन शे ष नह ह। तब तक तु ह सामरा वािसय को अपने अिधकार
म ले ना ही होगा।" मकोटा ने कहा।
“पर आप ही तो कहते ह, क सामरावासी दमाग से अ यं त चतु र
ह। ऐसे म म उ ह ‘दे वी शलाका’ बनकर कै से बे व कू फ बना पाऊं गी। जब क
मे रे पास तो दे वी जै सी कोई शि भी नह है। ऐसे म सामरावासी मु झे
तु रं त पहचान जायगे । " आकृ ित ने मकोटा को दे ख ते ए कहा।
“तु हारा चे ह रा दे वी शलाका से िब कु ल िमलता है और मने तु ह
अपना ‘नीलदं ड ’ भी दे दया है। ऐसे म कोई भी तु ह पहचान नह
पाये गा। वै से भी म सदै व तु म पर अपनी गु शि य से नजर रखे र ंगा
और समय आने पर तु हारी र ा भी क ं गा।" मकोटा ने आकृ ित को
सां वना दे ते ए कहा।
“ठीक है म तै यार ं। आप जब कहगे म सामरा रा य चली जाऊं गी।
वै से ऐमू का कु छ पता चला या? वह 2 दन से गायब है, पता नह कहां
चला गया।" आकृ ित ने कहा।
“ऐमू का अभी कु छ नह पता। जै से ही कु छ पता चले गा, म तु ह
बता दूंगा। अ छा अब म चलता ं, कसी चीज क ज रत हो तो मु झे बता
दे ना।" यह कहकर मकोटा कमरे से बाहर िनकल गया।
मकोटा के बाहर िनकलते ही आकृ ित ने कमरे का ार बं द करके
अपने नीलदं ड को वह दीवार पर टां ग दया और आराम से आकर अपने
िब तर पर ले ट गयी।
इधर सं द ूक म िछपे रोजर को मकोटा और आकृ ित क कोई भी बात
समझ म नह आयी। वह तो परे शान था क अब वहां से भागे कै से ?
तभी रोजर को आकृ ित क आवाज सु नाई दी- “अब सं द ूक से बाहर
आ जाओ रोजर, मकोटा यहां से चला गया है। "
रोजर, आकृ ित क यह बात सु न आ य से भर गया। एक ण के
िलये रोजर ने कु छ सोचा और फर सं द ूक से िनकलकर बाहर आ गया।
अब रोजर क नजर आकृ ित पर थी।
आकृ ित ने रोजर को पास रखी एक कु स क ओर बै ठ ने का इशारा
कया।
रोजर वहां रखी कु स पर बै ठ गया और सवािलया िनगाह से
आकृ ित क ओर दे ख ने लगा।
आकृ ित के चे ह रे पर मु कु राहट के भाव थे । उसने रोजर से अब
बोलने का इशारा कया।
रोजर तो जै से सवाल के बोझ से दबा आ था। आकृ ित का इशारा
िमलते ही उसने बोलना शु कर दया।
“आप कौन हो? मकोटा कौन है? म इस समय पर कस जगह पर
ं? और आप मे रा नाम कै से जानती हो?" रोजर ने एक साथ असं य
सवाल पू छ डाले ।
आकृ ित ने एक गहरी साँ स भरी और फर बोलना शु कर दया-
“मे रा नाम आकृ ित है, म इं िडया से ं। म इस े के पास से , एक बार एक
पानी के जहाज से जा रही थी। तभी मे रा जहाज मकोटा ने अपनी शै तानी
शि य से डु बो दया। सारे लोग मारे गये , िसफ म और मे रा तोता ऐमू ही
इस हादसे म बच पाये । मु झे पकड़कर मकोटा ने इस ीप पर कै द कर
दया। बाद म मु झे पता चला क मे रा चे ह रा इस ीप क दे वी शलाका से
िमलता है। इसीिलये मकोटा ने मु झे बचाया था।"
इतना कहकर आकृ ित एक ण के िलये क और फर बोलना शु
कर दया- “िजस ीप पर तु म खड़े हो, इसका नाम अराका है। यह ीप
अटलां टस का अवशे ष है। इस ीप पर दो जाितयां रहती ह। एक का
नाम सामरा है और दूस रे का सीनोर। तु म इस समय सीनोर रा य म खड़े
हो। मकोटा इस ीप का एक खतरनाक मां ि क है, जो अं धे रे के दे व ता
‘जै ग न’ क पू जा करता है। इस ीप क दे वी का नाम शलाका है, जो
िपछले 5000 वष से कह गायब ह? शलाका क सारी शि यां एक काला
मोती म है जो क इसी ीप पर मौजू द ‘ितिल मा’ म है। मकोटा मे री
सहायता से वह काला मोती ा करना चाहता है। "
इतना कहकर आकृ ित खामोश हो गयी।
“तु म मे रा नाम कै से जानती हो?" रोजर के श द म उलझन के भाव
नजर आये ।
“मकोटा ने मु झे काफ शि यां दे रख ह, िजसम से कु छ का
इ ते माल म कभी-कभी अपने िलये भी कर ले ती ं। उनम से ही एक शि
का इ ते माल करने पर मु झे तु म हेलीकॉ टर म दखाई दये । मे री ही
शि य से तु म उस दुघ टना से बच पाये हो।" आकृ ित ने कहा।
“आसमान म वह धुं ध और ीप के ऊपर वह दीवार कै सी थी?"
रोजर ने पू छा।
“वह धुं ध और अदृ य दीवार, इस ीप क सु र ा के िलये है। उस
अदृ य दीवार क वजह से कसी को भी सामरा और सीनोर ीप आसमान
से दखाई नह दे ते । यहां तक क कोई बाहरी ि जमीन के रा ते से
सामरा और सीनोर रा य म दािखल भी नह हो सकता।" आकृ ित ने
समझाया।
“सीनोर ीप पर वह िपरािमड कै सा है? और वह शे र से इं सान म
बदल जाने वाला मानव कौन था? उसने मे रे पायले ट क लाश उस
िपरािमड के बाहर य रखी?" रोजर ने एक बार फर क बौछार
कर दी।
“वह िपरािमड अं धे रे के दे व ता ‘जै ग न’ का पू जा थल है। वहां जै ग न
मृ त इं सान पर कोई योग करता है। िजसका पता मु झे नह है। इसीिलये
मकोटा हर इं सान क लाश को िपरािमड के बाहर रखवा दे ता है, िजसे
बाद म जै ग न अपने से व क ‘ग जालो’ के ारा िपरािमड के अं द र मं ग वा
ले ता है और वह शे र बना इं सान सीनोर का राजकु मार ‘लु फासा’ है,
िजसके पास कसी भी जानवर म बदल जाने क शि है। “ आकृ ित ने
कहा।
“अब आिखरी । तु हारे पास इतनी शि यां है, फर तु म ने मु झे
य बचाया? मु झ से तु हारा या काम हो सकता है? " रोजर ने आिखरी
सवाल कया।
“ ं ..... ये सवाल सही पू छा तु म ने । " आकृ ित ने रोजर क तारीफ
करते ए कहा- “दरअसल बात ये है क मे रे पास िजतनी भी शि यां ह,
वो सब मकोटा क दी ई ह। म उन शि य का योग तो कर सकती ं,
पर इस थान से मकोटा क इ छा के िबना कह जा नह सकती। मु झे ये
मकोटा के ारा पता चल गया है क तु हारे सन राइ जं ग म कु छ ऐसे लोग
ह, जो क इस ीप पर मौजू द ितिल मा को तोड़ पाने म स म ह, पर वह
इस ीप पर आना नह चाहते । तो तु ह उ ह भटकाकर इस ीप पर लाना
पड़े गा।"
“ये कै से सं भ व है? अभी तु ह ने कहा क सामरा और सीनोर रा य
एक अदृ य दीवार से िघरा है, िजसके आरपार जाना मनु य के बस क
बात नह , तो म भला इस दीवार को जमीन के रा ते से कै से पार कर
पाऊं गा? और फर सन राइ जं ग तक कै से प ंचुं गा?" रोजर ने अपनी
परे शानी को आकृ ित के सामने रखा।
“वो तु म मे रे ऊपर छोड़ दो।" आकृ ित ने कहा- “म मकोटा क
शि य से तु ह एक ‘ऊजा मानव’ म बदल दूंगी। ऐसी ि थित म तु म कु छ
बोल नह पाओगे पर तु म म ीप से बाहर जाकर पानी पर दौड़ने क
शि यां आ जायगी। ऐसे म तु म सन राइ जं ग तक आसानी से प ंच
जाओगे । तु ह सु य श को दे ख कर ीप क दशा क ओर इशारा करना है।
ऐसा करने पर सु य श सन राइ जं ग को इस ीप क दशा म मोड़ दे गा और
पास आने पर हम उसे इस ीप पर ले ते आयगे । "
“तु म कै टे न सु य श को कै से जानती हो?" रोजर के श द उलझन से
भरे थे ।
यह सु न आकृ ित के चे ह रे पर एक रह य भरी मु कान आ गयी,
पर उसने कहा कु छ नह ।
रोजर समझ गया क आकृ ित उसे बताना नह चाहती इसिलये
उसने यादा जोर नह दया। रोजर समझ गया क इस ीप को िजतना
साधारण वो समझ रहा था, उतना साधारण ये ीप है नह ।
रोजर को सोचते दे ख आकृ ित ने फर कहा- “दे खो रोजर, यहां पर
म भी कै दी ं और तु म भी। यहां तक क इस े से सन राइ जं ग भी अब
बाहर नह िनकल सकता और हम सभी के बचने का एक ही तरीका है क
यह ितिल मा टू ट जाये । ितिल मा के टू ट ते ही हम सभी आजाद हो जायगे ।
यहां तक क बारामू डा ि कोण का े भी हमे शा-हमे शा के िलये मु हो
जाये गा। तो अब यादा सोचो नह , बस हां कर दो।"
यह सु न रोजर ने हां म िसर िहला दया।
“ठीक है फर तु म अभी आराम करो, समय आने पर म तु ह बता
दूंगी।" यह कहकर आकृ ित रोजर को एक दूस रे कमरे म ले गयी और
आराम करने को बोल वहां से चली गयी।
इस समय रोजर काफ थकान महसू स कर रहा था इसिलये वह बे ड
पर ले ट कर सो गया।
◆ ◆ ◆
चैपटर-6
आदमखोर पेड़

8 जनवरी 2002, मंगलवार, 16:30, मायावन, अराका ीप

लते-चलते काफ समय बीत गया था। सभी एक साथ चल रहे


च थे।
जं ग ल म कोई रा ता ना बना होने के कारण सभी अपने हाथ म
पकड़ी लकड़ी से , झािड़य को हटाते ए आगे बढ़ रहे थे ।
“पता नह ये ीप इतना िविच य है? और पू री पृ वी पर ऐसे
पे ड़ और जानवर य नह पाये जाते ? " अलबट ने कहा।
“मु झे लगता है क इन िविच ता के पीछे कोई ना कोई कारण तो
ज र है? " तौफ क ने कहा- “पता नह य मु झे ये सारी चीज ने चु र ल नह
लग रही ह। ऐसा लगता है क जै से कसी ने यह सब कु छ बनाकर यहां रख
दया हो?"
“ऐसी चीज तो िसफ ई र ही बना सकता है, मनु य के तो बस म
नह है ऐसी चीज को बना पाना।" जे िनथ ने कहा।
“ई र या है? या कोई बताये गा?" अलबट ने एक िब कु ल
िविच कर दया।
कसी क भी समझ म नह आया क अलबट या कहना चाह रहा
है। इसिलये सभी चु प रहे।
अलबट ने सबको शां त दे ख वयं से ही ई र क प रभाषा बताना
शु कर दया- “ई र वो है, िजसने हमको बनाया, यािन क अगर हमम
इतना ान आ जाये क हम कसी जीव का िनमाण करने लग, तो लोग
हमारी भी तु ल ना ई र से करने लगगे । पर मु झे ये लगता है क इस ीप
क चीज ई र ने नह , बि क हमारी ही तरह के कसी मनु य ने अपने
ान और िव ान से क है। य क ई र ारा िन मत हर व तु और जीव,
कु छ िस ां त पर काम करते है, पर यहां क हर व तु और जीव ई र के
िस ां त से अलग दख रही है। जै से क पे ड़ का वयं हरकत करना,
उनका इं सान क फ लं स का समझ जाना, जीव के अं द र पानी को बफ म
बदल दे ने क ताकत आ द।"
मगर इससे पहले क कोई अलबट से कु छ पू छ पाता क तभी
वातावरण म एक आवाज गूं जी- “दो त िमल गया .... दो त िमल गया ....
ऐमू का दो त िमल गया।"
ऐमू क आवाज सु न सभी क दृि आसमान क ओर गयी। ऐमू
सु य श के िसर के ऊपर हवा म गोल-गोल उड़ रहा था।
“यह ऐमू इस ीप पर कै से आ गया?" असलम ने सु य श क ओर
दे ख ते ए कहा- “यह तो िशप के डू बने के काफ पहले ही गायब हो गया
था।"
ऐमू अब सु य श के हाथ पर आकर बै ठ गया- “अब ऐमू को छोड़ के
मत जाना दो त। तु म बार-बार ऐमू को छोड़ के चले जाते हो।"
डन ऐमू को दे ख गु से से भर उठा- “म आज इस ऐमू के ब े को
मारकर सारा क सा ही ख म कर दे ता ं। इसी के बताए रा ते पर चलने
क वजह से हमारा िशप डू ब गया। यही है सारे मु सीबत क जड़।"
पर इससे पहले क डन कु छ कर पाता, सु य श ने हाथ के इशारे से
उसे रोक दया।
अब सु य श क िनगाह पु नः ऐमू पर थ ।
“तु म मु झे बार-बार दो त य कहते हो?" सु य श ने ऐमू को दे ख ते
ए पू छा।
“ य क म ऐमू और तु म ऐमू के दो त।" ऐमू ने सु य श को दे ख ते ए
भोले प न से कहा।
“अ छा ठीक है, तु म दो त ही हो।" सु य श ने मु कु राते ए कहा-
“पर तु म इस ीप पर कै से आये ? "
“आक ने बोला, आ के पास जाओ। म आ गया।" ऐमू ने कहा।
ऐमू क बात सु न सबके चे ह रे पर आ य के भाव आ गये ।
“कौन ‘आ ’? कौन ‘आक ’?" सु य श ने आ यच कत होते ए
पू छा।
“आ क आक । तु म आ । म आ का दो त।" ऐमू ने इस बार
सु य श क आँ ख म झां क ते ए कहा।
“पर म तो सु य श ं। " सु य श ने कहा- “म आक को नह जानता।“
“तु म सब जानते .... तु म ऐमू के दो त।" यह कहकर ऐमू फर से
हवा म अपने पं ख फड़फड़ाकर उड़ने लगा।
अब सु य श क नजर अपने आसपास खड़े सभी लोग पर गयी।
“मु झे लगता है क ये ऐमू कसी गलतफहमी म है। यह मु झे अपना
मािलक समझ रहा है। " सु य श ने इस बार अलबट क ओर दे ख ते ए कहा।
“आप सही कह रहे हो कै टे न ।" अलबट ने कहा- “मु झे भी कु छ ऐसा
ही लगता है। "
“पर जो भी है कै टे न अं क ल, मु झे लगता है क यह ऐमू आगे
चलकर हमारे ब त काम आने वाला है। " शै फाली ने कहा।
“सही कहा शै फाली ने । " सु य श ने ऐमू को दे ख ते ए कहा- “अभी
ऐमू से आगे हम और भी चीज पता चल सकती ह।"
“पर जाने य मु झे इस ऐमू से ब त डर लग रहा है। " जॉनी ने ऐमू
को घू र ते ए कहा।
“जो डर गया ... वो मर गया .... ऐमू नह डरा .... ऐमू बच गया।"
ऐमू ने जॉनी को िचढ़ाते ए कहा।
ऐमू क बात सु न कर सभी के चे ह रे पर मु कान आ गयी।
सभी अब सामा य सी बात करते ए फर से आगे क ओर बढ़ गये ।
पर ऐसे म भी कु छ लोग को इस सफर से कोई खास परे शानी नह हो रही
थी।
जै से अलबट हर पे ड़ और पि य को यान से दे ख ता आ चल रहा
था। उसके िलये इस सफर म इतना कु छ था, िजतना क उसने अपनी पू री
जं द गी म नह दे खा था।
ऐले स और टी को भी इस सफर म अब कोई परे शानी महसू स
नह हो रही थी। वो दोनो एक दूस रे को छे ड़ ते ए पू रे सफर पर इं वाय
कर रहे थे ।
“ऐले स!" टी ने ऐले स क ओर दे ख ते ए शरारत भरे अं दाज
म कहा- “ या तु ह जं ग ल पसं द ह?"
“िब कु ल!” ऐले स ने जवाब दया- “मु झे तो यह जं ग ल ब त पसं द
आ रहा है। मे रा तो मन यह बसने का कर रहा है। शहर के धू ल और धुं ए
से हटकर व छ वातावरण म रहना।"
“हां ठीक कहा।" टी ने हंस कर कहा- “तु हारे म कु छ गु ण भी
जं ग ली जै से ह। जै से पे ड़ पर चढ़ना। बं द र से खू ब पटरी खाये गी तु हारी,
इसी खू बी क वजह से । और हां यह पर कसी जं ग ली लड़क से शादी
करके से ट ल भी हो जाना।"
“एक िमनट अपने नाखू न दखाना।" ऐले स ने बड़ा सी रयस होकर
टी से कहा।
टी ने अपने दोन हाथ को ऐले स के आगे फै लाकर ना समझते
ए कहा- “नाखू न य ?"
ऐले स क नजर टी के लं बे और खू ब सू र त गु लाबी नाखू न पर
गय ।
“नाखू न तो तु हारे भी जं ग ली के जै से ह।" इस बार ऐले स ने
टी का मजाक उड़ाया- “पर चे ह रा जं ग ली के जै सा नह है। पर तु म
चं ता ना करो, कु छ दन जं ग ल म रहने के बाद तु म जं ग ली जै सी लगने
लगोगी, फर म तु ही से शादी करके इस जं ग ल म से ट ल हो जाऊं गा।"
सभी चु प चाप चलते ए ऐले स और टी क बात का मजा
ले क र मु कु रा रहे थे ।
धीरे - धीरे छोटे पे ड़ ख म होने लगे और अब उसक जगह बड़े और
िवशालकाय पे ड़ का िसलिसला शु हो गया।
टी ने एक नजर उन घने पे ड़ पर मारी और फर बोल उठी-
“ऐले स या तु म इस पे ड़ पर घर बना सकते हो? मु झे ी हाउस ब त
अ छे लगते ह।"
कहते - कहते टी एक घने पे ड़ के पास प ंच गयी।
सु य श क नजर एक ण के िलये टी पर पड़ । उसे टी के
पीछे वाली पे ड़ क जड़ धीरे - धीरे िहलती नजर आयी।
सु य श को तु रं त खतरे का अहसास आ और वह टी क ओर
भागा।
कसी को कु छ समझ म नह आया क या आ?
सु य श ने टी का हाथ पकड़कर अपनी ओर ख चा।
टी को एक झटका लगा और वह बाक खड़े लोग क तरफ
जमीन पर िगर गयी।
मगर सु य श टी को ख चने के च र म पे ड़ के और पास प ंच
गया।
अचानक उस पे ड़ क एक जड़ म हरकत ई और वह ते जी से सु य श
के दां ये पै र म िलपट गयी।
“आदमखोर पे ड़ !" अलबट जोर से चीखा- “ये सब आदमखोर पे ड़
ह। इनसे बच कर रहो।"
अलबट क आवाज सु न ते ही सभी उन आदमखोर पे ड़ से दूर हो
गये ।
टी को ऐले स ने सहारा दे क र दूर कर िलया।
पे ड़ क पकड़ सु य श के पै र पर ब त ते ज थी। सु य श छू टने क
भरसक कोिशश कर रहा था।
अब पे ड़ क कु छ शाखा ने भी सु य श को पू री तरह से जकड़
िलया। वह शाखाएं धीरे - धीरे अब सु य श का खू न चू स ने लग ।
सु य श को अपने शरीर पर सु इ यां चु भ ने जै सा अहसास होने लगा।
वह दद से कराह उठा- “आहऽऽऽऽ!"
यह दे ख तौफ क और डन चाकू िनकालकर उस पे ड़ क ओर बढ़ने
लगे ।
“ क जाओ।" तभी सु य श क आवाज गूं जी- “मे रे पास कोई नह
आये गा। अगर मु झे बचाने कोई आये गा, तो यह पे ड़ उसे भी अपना िशकार
बना ले गा। आहऽऽऽऽऽ।"
सु य श क आवाज सु न तौफ क और डन अपनी जगह पर क गये ।
“छोड़ दे गं दे पे ड़ , ऐमू के दो त को छोड़ दे । " यह कहकर ऐमू अपनी
च च से पे ड़ क डाल पर हार करने लगा। परं तु भला ऐमू क च च से पे ड़
पर या असर पड़ने वाला था।
तभी ू नो ते जी से आगे बढ़ा और सु य श के शरीर से िलपटी, पे ड़ क
डाल को अपने दां त से नोचने क कोिशश करने लगा।
मगर पे ड़ क पकड़ इतनी स त थी क ू नो भी कु छ नह कर पा
रहा था।
असलम ने तु रं त िस ल ले य र गन िनकालकर, उसम एक ले य र
फट कया और वह गन तौफ क के हाथ म पकड़ा दी।
तौफ क ने िनशाना लगाकर पे ड़ पर फायर कर दया। पर जै से ही
ले य र पे ड़ के पास प ंचा, पे ड़ क एक डाली हरकत म आयी और वह
पास आ रहे िस ल ले य र से जोर से टकरायी।
िस ल ले य र एक झटके से दूर जाकर िगरा।
अब तौफ क ने एक नजर असलम और डन पर मारी। जै से वह
पू छ ने क कोिशश कर रहा हो क अब या करना है?
उधर सु य श क चीख बढ़ती जा रह थ ।
अब असलम के पास आिखरी ले य र बचा था।
डन ने धीरे से इशारा कर असलम से वह आिखरी ले य र भी दे ने
को कहा।
असलम ने आिखरी ले य र भी तौफ क के हाथ पर रख दी।
तौफ क ने तु रं त आिखरी ले य र को अपने गन म लोड कया और
पे ड़ पर िनशाना लगा कर फायर कर दया।
पर पु नः वही घटना ई। पे ड़ क डाल ने भी पु न रावृ ित करते ए
इस ले य र को भी दूर उछाल दया।
तौफ क ने िस ल ले य र ख म होते दे ख गु से से गन को ही पे ड़ पर
ख च कर मार दया, पर खाली गन से पे ड़ का या होने वाला था।
तभी अलबट ने पास पड़ी कु छ लकिड़य को लाइटर से जला िलया
और सु य श को बचाते ए, उसे एक-एक कर पे ड़ क ओर फकने लगे ।
पर पता नह य उस आग से पे ड़ पर कोई फक नह पड़ रहा था।
अब कसी के भी पास कोई ऐसा उपाय नह सू झ रहा था िजसके
ारा सु य श को बचाया जा सके ।
इस बार शै फाली भी कु छ नह कर पा रही थी। वह बे ब स सी नम
आँ ख से सु य श को िनहार रही थी।
उधर ू नो और ऐमू के यास भी िनरथक लग रहे थे ।
अचानक ‘चर-चर’ क आवाज के साथ सु य श क शट पीठ के पास
से फट गयी।
िजसके कारण सु य श क पीठ पर बना सु न हरे रं ग का सू य का टै टू
चमकने लगा।
यु गाका भी दूर से इस पू रे घटना म को दे ख रहा था। सु य श के
चमकते टै टू को दे ख यु गाका क आँ ख आ य से िसकु ड़ गय ।
सु य श क चीख अब बढ़ती जा रह थ ।
ू नो तब तक गु से से पे ड़ क छाल को काफ जगह से न च चु का
था, पर पे ड़ क डाल जाने य ू नो और ऐमू को कु छ नह कर रही थी।
सू य क करण उन घने पे ड़ के बीच से कह -कह पर छनकर आ
रही थ ।
तभी सू य क एक पतली करण सु य श क पीठ पर बने उस सु न हरे
टै टू पर जा पड़ी।
सू य क करण पड़ते ही टै टू क चमक और बढ़ गयी। अब टै टू ब त
ते ज सु न हरी करण िबखे र ने लगा।
सभी यह नजारा दे ख आ य से भर उठे ।
सु य श के टै टू से एक सु न हरी करण िनकली और उस पे ड़ को अपने
घे रे म ले िलया।
सु न हरी करण के घे रे म आते ही पे ड़ क पकड़ सु य श पर ढीली पड़
गयी।
यह दे ख अलबट जोर से िच लाया- “कै टे न , भागो वहां से , आप पे ड़
क पकड़ से छू ट गये हो।"
सु य श लगभग िनढाल हो चु का था, परं तु अलबट क आवाज ने जै से
उसके शरीर म र का नया सं चार कर दया हो। सु य श तु रं त उठकर पे ड़
क पकड़ से दूर हो गया।
उसके साथ ू नो और ऐमू भी पे ड़ के पास से हट गये ।
सु न हरी रोशनी ने अभी भी पे ड़ को जकड़ा आ था। तभी ‘भ ’ क
आवाज के साथ उस पे ड़ म आग लग गयी।
आदमखोर पे ड़ अब ‘धू - धू ’ करके जल उठा।
सु य श ने यह पू री घटना नह दे खी थी। उसे नह पता था क पे ड़ म
आग कै से लग गयी।
जब सु य श थोड़ा सा बे ह तर दखा तो अलबट ने उसे सारी बात बता
द।
सभी क नजर अब सु य श क पीठ पर बने टै टू पर थ । गोल आग
फकता आ सू य वाला टै टू सु य श क पीठ पर अभी भी चमक रहा था।
“कै टे न , यह आपक पीठ पर बना टै टू सु न हरा कै से हो गया?" डन
ने सु य श से पू छा- “यह तो काले रं ग का था।"
“सु न हरा!“ सु य श ने आ य से कहा- “ले कन मे रा टै टू तो काले रं ग
का ही है। "
“ या बात कर रहे ह कै टे न ?" अलबट ने आ य से कहा- “आपक
पीठ पर लगभग 8 इं च डायामीटर का सु न हरा टै टू ही बना है। आपके कहे
अनु सार अगर यह काले रं ग का था तो सु न हरा कै से हो गया?"
यह बात कसी क समझ म नह आयी।
तभी शै फाली बोल उठी- “मु झे ऐसा लगता है क िजस समय आपने
दे वी शलाका क मू त को पश कया था, उस समय उन सात खं भ से
अलग-अलग रं ग क करण िनकलकर आप पर पड़ी थ । शायद उसी के
भाव से आपका टै टू सु न हरा बन गया है। "
“तु म कह यह तो नह कहना चाहती शै फाली?“ टी ने कहा-
“ क दे वी ने अपनी कु छ शि यां कै टे न के टै टू म डाल दी ह? इसी वजह से
इस टै टू ने कै टे न के ाण क र ा क है। "
“हो भी सकता है। " अलबट ने कहा- “पर जो भी है, अब तो यह
योर है क यह सु न हरा टै टू अपने अं द र कु छ शि यां तो अव य रखे है। "
“एक बात और ोफे सर, वह पे ड़ ू नो और ऐमू को कु छ नह कर
रहा था।" ऐले स ने कहा।
“हो सकता है क यहां के पे ड़ जानवर को कु छ ना कहते ह ?"
अलबट ने अपने िवचार कये ।
उधर पे ड़ म लगी आग ने , आ यजनक तरीके से िसफ उसी पे ड़ को
जलाया, जो सु य श को पकड़े था। उस पे ड़ के जलने के बाद वह आग भी
गायब हो गयी।
तौफ क ने अपना जै के ट उतारकर सु य श को पहना दया।
अब सभी फर से आगे क ओर बढ़ गये ।
◆ ◆ ◆
सुनहरे मानव का रह य

आज से 3 दन पहले ..........................
5 जनवरी 2002, शिनवार, 12:15, सीनोर रा य, अराका ीप

रोजर आकृ ित के दये ए कमरे म िपछले 4 दन से बोर हो रहा


था।
आकृ ित ने अभी तक उसे कोई काम भी नह बताया था। आकृ ित ना
तो उसे कमरे से िनकलने दे रही थी और ना ही कोई काम बता रही थी।
आकृ ित बस पू रे दन भर म एक बार उससे िमलने आती थी और
वह भी िसफ 5 िमनट के िलये ।
आज रोजर ने सोच रखा था क वह आकृ ित से कहेगा क या तो
काम बता दो या फर उसे बाहर जाने दो।
तभी दरवाजे क आवाज ने रोजर क सोच पर िवराम लगाया।
आने वाली आकृ ित ही थी।
इससे पहले क रोजर आकृ ित को कु छ बोल पाता, वह वयं ही
रोजर से बोल पड़ी- “रोजर तै यार हो जाओ, अब सन राइ जं ग पर जाने के
िलये । “
रोजर यह सु न कर ब त खु श हो गया। वह फौरन िब तर से उठा
और एकदम चाक चौबं द नजर आने लगा।
ले कन इससे पहले क आकृ ित कु छ कर पाती, तभी कमरे के
दरवाजे से एक चू हा और िब ली भागते ए अं द र िव ए।
आकृ ित यह दे ख कर क कर चू हा और िब ली को दे ख ने लगी।
आकृ ित क ती िनगाह दोन जानवर पर थ ।
िब ली चू हे के पीछे पड़ी थी, पर वह चू हे को पकड़ नह पा रही
थी। चू हे ने भागते ए एक राउं ड रोजर का मारा और फर िब ली से
बचते ए वापस दरवाजे से बाहर क ओर भाग गया।
िब ली भी चू हे के पीछे - पीछे बाहर िनकल गयी।
आकृ ित ने फर से एक नजर रोजर पर मारी।
रोजर ने भी आकृ ित को दे ख अपने दािहने हाथ के अं गू ठे को
‘थ बस-अप’ क तरीके से ऊपर उठाया, जो क रोजर के रे डी होने का
सं के त था।
आकृ ित ने रोजर को दे खा और अपना ‘नीलदं ड ’ उठाकर रोजर क
ओर लहराया।
नीलदं ड से सु न हरे रं ग क करण िनकल और उन करण ने रोजर
के शरीर को अपने घे रे म ले िलया। रोजर ने डर के कारण अपनी आँ ख बं द
कर ल ।
अचानक रोजर का शरीर धीरे - धीरे प थर म त दील होने लगा।
रोजर ने जब आँ ख खोली तब तक उसके शरीर का गदन तक का
िह सा प थर म त दील हो चु का था।
रोजर को कु छ समझ नह आया। उसने आकृ ित क ओर नजर उठा
कर दे खा। तब तक वह पू रा प थर का बन चु का था।
आकृ ित ने जब रोजर को पू रा प थर का बनते दे खा तो फर से अपने
नीलदं ड को उठाकर रोजर क ओर घु माया।
इस बार रोजर के शरीर से एक सु न हरा काशपुं ज िनकल कर
बाहर आ गया। वह काशपुं ज कसी सु न हरे मानव क तरह ते ज चमक
िबखे र रहा था।
“अब तु म सु न हरे मानव के प म प रव तत हो चु के हो। ये एक
कार का ऊजा प है, इस प म तु म कसी चीज को पश कर सकते हो,
उसे उठा सकते हो और अपने हाव भाव कर सकते हो, मगर इस प
म तु म कसी से बात नह कर सकते । ऊजा के इस प म तु ह ीप क
अदृ य दीवार भी नह रोक पाये गी और तु म पानी पर दौड़ सकते हो या
फर पानी म साँ स ले सकते हो। तु हारा शरीर यहां मे रे पास सु र ि त है।
तु हारे पास िसफ 8 घं टे का समय है। 8 घं टे से यादा तु म इस ऊजा प म
नह रह सकते । 8 घं टा पू रा होते ही तु हारा ऊजा प वतः ही तु हारे
शरीर म वापस आ जाये गा। इसिलये याद रहे तु ह अपना काम इस 8 घं टे
म ही पू रा करना पड़े गा। या तु म अब तै यार हो यहां से जाने के िलये ? "
आकृ ित ने रोजर को सारी बात अ छे से समझा द ।
रोजर ने धीरे से सहमित से अपना िसर िहलाया और उस कमरे से
िनकलकर उस गु फा के रा ते से ीप के बाहर क ओर चल पड़ा।
रोजर ीप क अदृ य दीवार को पारकर जै से ही समु के कनारे
प ंचा, उसे पू रा ीप पानी म नाचता आ दखाई दया।
“ओ माई गॉड ...... यह ीप तो ..... यह ीप तो पानी म घू म रहा
है ..... ऐसा कै से स भव है? लगता है यह ीप अभी और ब त से अं जान
खतर से भरा है। " रोजर मन ही मन बड़बड़ाया।
तभी रोजर को आसमान पर उड़ता आ एक हेलीकॉ टर दखाई
दया।
रोजर को तु रं त अपने हेलीकॉ टर के साथ आ हादसा याद आ
गया। रोजर को लगा क अब यह हेलीकॉ टर भी दुघ टना त हो जाये गा,
पर तभी उसे वह हेलीकॉ टर ीप से दूर जाता आ दखाई दया।
यह दे ख रोजर ने राहत क साँ स ली।
तभी रोजर को हवा म उड़ती ई एक झोपड़ी दखाई दी- “ये म
या दे ख रहा ं, यह झोपड़ी हवा म कै से उड़ रही है? "
वह झोपड़ी हवा म उड़ती ई पोसाइडन क मू त के पास जाकर
गायब हो गयी।
तभी रोजर को ीप क धरती पर कु छ वाइ े श न होते दखे - “बाप
रे .... यह तो पू री धरती कां प रही है। अब या होने वाला है? " रोजर
बड़बड़ाया।
तभी ीप के कनारे से ब त ते ज तरं ग िनकल और समु म दूर
तक चली गय । अभी रोजर इन तरं ग के बारे म सोच ही रहा था क तभी
वै सी ही तरं ग पू रे आसमान म भी फै ल गय ।
रोजर को अब वह हेलीकॉ टर हवा म लहराते ए दखाई दया।
रोजर समझ गया क अब वह हेलीकॉ टर ै श होने वाला है।
हेलीकॉ टर का चालक हेलीकॉ टर को नीचे उतारने क कोिशश कर
रहा था। हेलीकॉ टर आसमान म कसी परकटे प ी क तरह डोल रहा
था।
थोड़ी दे र के बाद उस हेलीकॉ टर के चालक ने हेलीकॉ टर का बै ल स
बनाकर उसे पानी पर उतार िलया।
रोजर क आँ ख म चालक के िलये शं सा के भाव उभरे ।
रोजर अब पानी पर चलता आ उस हेलीकॉ टर क ओर बढ़ने
लगा।
तभी रोजर को पानी क सतह पर बहती ई एक बू ढ़ी मिहला
दखाई दी- “यह कै से सं भ व है? यह मिहला पानी पर कै से तै र रही है?
नह ... नह ये तो बे होश है ... या फर शायद जं दा ही नह है, पर यह
इस मिहला के आसपास का पानी हरा य दख रहा है? .... ओ माई गॉड
... ये तो मे ढ क के जै से हरे रं ग के क ड़े ह, पर यह इस मिहला को उठाकर
कहां ले जा रहे ह?"
वह मिहला अलबट क पि मा रया थी।
तभी गु लु प क आवाज के साथ मा रया का शरीर पानी म डू ब गया।
“अरे , वह मिहला कहां गयी? कह वह क ड़े उस मिहला को पानी
म तो नह ख च ले गये । " यह सोच रोजर ने पानी म डु बक लगायी।
पानी के अं द र का दृ य दे ख ते ही रोजर के दमाग ने काम करना ही
बं द कर दया। पानी के नीचे नीली रोशनी िबखे र ती एक बड़ी सी
उड़नत तरी तै र रही थी। उड़नत तरी का आकार िब कु ल गोल था। उसम
सै क ड़ दरवाजे बने दखाई दे रहे थे ।
उ ह म से एक दरवाजा खु ला आ था और वह हरे क ड़े मा रया
को ले क र उसी दरवाजे से अं द र जा रहे थे ।
रोजर ने घबराकर अपना िसर पानी के बाहर िनकाल िलया। तभी
उसे पीछे क ओर से कसी बोट के इं ज न क आवाज सु नाई दी।
रोजर ने पीछे पलट कर दे खा, यह वही हेलीकॉ टर था, जो अब
ीप क ओर बढ़ रहा था।
रोजर को एक पल के िलये समझ नह आया क वह या करे ? वह
उड़नत तरी के पीछे जाये या फर उस बोट के ।
रोजर ने तु रं त फै सला ले िलया क वह बोट क ओर जाये गा। शायद
यह उसका अपनी दुिनया के ित लालच था।
यह सोच रोजर तु रं त पानी के बाहर आ गया और लहर पर खड़ा
होकर बोट को दे ख ने लगा। चूं क इस समय बोट ीप क ओर बढ़ रही थी
इसिलये रोजर ने बोट क ओर दौड़ लगा दी।
रोजर क पीड ब त यादा थी। धीरे - धीरे बोट पास आती जा रही
थी।
तभी रोजर को बोट के पीछे एक िवशालकाय हेल मछली दखाई
दी। उस हेल ने िबना कसी तरह क आवाज कये ए, पानी म एक
जबरद त गोता लगाया, िजससे समु का पानी बोट के पीछे लगभग 50
फु ट तक ऊपर उठ गया।
रोजर के पास उस बोट के चालक को आगाह करने का भी समय
नह था। इसिलये उसने अपने भागने क पीड और ते ज कर दी।
उधर बोट पर मौजू द ोम क िनगाह अब उस सु न हरे मानव क
ओर थ ।
तभी ोम को अचानक से लगा क उसक बोट के पीछे कु छ है।
जै से ही वह पीछे पलटा उसे अपने पीछे समु क लहर लगभग 50
फु ट ऊपर तक उठी ई दखाई द ।
“ओ माइ गॉड! ...... यह समु क लहर इतना ऊं चे कै से उठ गई, ये
तो मे री बोट पर िगरने वाली है। "
ोम ने घड़ी के से के डव िह से म अपनी बोट से पानी म ज प
लगा दी।
तभी उसक बोट के पीछे उठी लहर, ब त ते जी से उसक बोट पर
आकर िगरी।
एक ब त ते ज आवाज के साथ ोम क बोट पू री तरह टू ट कर
िबखर गयी।
ोम अब पू रा का पू रा समु के अं द र था।
एक से के ड के िलए उसक आं ख समु म खु ल गई और उसने समु
के अं द र जो दृ य दे खा, वह उसक तो या? उसके सात पु त को च काने
के िलए काफ थी।
पानी के अं द र एक उड़नत तरी नाच रही थी।
और इसी के साथ ोम पर बे होशी छाती चली गई।
रोजर ने ोम को बे होश होते दे ख उसे अपने हाथ म थाम िलया।
अब उसने सोच िलया था क वह ोम को बचाकर ही रहेगा।
रोजर ने ोम को अपने हाथ म ले ीप क ओर दौड़ लगा दी।
तभी ‘ज ऽऽऽऽऽऽ‘ क ते ज आवाज करती वह उड़नत तरी, पानी के
अं द र से िनकली और उड़कर ीप के पास प ंच कर गायब हो गयी।
उड़नत तरी के इतनी ते ज नाचकर पानी म िनकलने से पानी म एक
िवशालकाय भं व र बन गयी।
यह भं व र दे ख रोजर समझ गया क उस रात सन राइ जं ग के ऊपर
से यही उड़नत तरी िनकली होगी और इसी के वजह से पानी म भं व र बनी
होगी, िजसम क सन राइ जं ग फं स गया था।
रोजर ने भं व र से बचने के िलये एक लं बा रा ता चु ना और ोम को
ले क र ीप क ओर चल दया।
लगभग 25 िमनट के अं द र रोजर ने ोम को ीप क दूस री दशा
म ले जाकर समु कनारे िलटा दया।
रोजर काफ दे र तक ोम को दे ख ता रहा और फर वहां से उठकर
पु नः लहर पर दौड़ने लगा।
आकृ ित के पास से िनकले , रोजर को लगभग 3 घं टे हो गये थे ।
रोजर के पास अभी भी 6 घं टे का व था।
पर इतने बड़े समु म वह सन राइ जं ग को ढू ं ढे कै से ? यह भी बड़ा
था। य क रोजर को तो यह भी नह पता था क सन राइ जं ग है
कस दशा म?
तभी रोजर को उन हरे क ड़ का यान आया- “वह हरे क ड़े कै से
थे ? और वह बू ढ़ी मिहला .... हो ना हो वह मिहला ज र सन राइ जं ग क
ही होगी ... मु झे उसी दशा म चलना चािहये िजधर से वह क ड़े आ रहे
थे । “
यह सोचकर रोजर ने उस दशा क ओर दौड़ लगा दी।
रोजर को दौड़ते ए लगभग 2:30 घं टे बीत गये , पर सन राइ जं ग
कह नजर नह आ रहा था।
तभी रोजर को पानी क एक लहर ते जी से अपनी ओर आती
दखाई दी। रोजर यह दे ख कर वह लहर पर खड़ा हो गया- “ या यह
कसी तरह का खतरा है? जो मे री ओर आ रहा है। "
कु छ ही दे र म पानी क वह लहर ते जी से रोजर के बगल से
िनकली। लहर क पीड ब त यादा थी फर भी रोजर को सब कु छ
साफ-साफ दखाई दे गया।
वह ऑ टोपस क तरह का कोई िवशालकाय जलीय जीव था,
िजसक एक भु जा म उसने लोथार को पकड़ रखा था।
उस जीव क पीड इतनी यादा थी क रोजर के िलये उसका पीछा
कर पाना असं भ व था।
से के ड से भी कम समय म वह जीव रोजर क आँ ख से ओझल हो
गया।
रोजर आ य से खड़ा बस दे ख ता रह गया।
“अब तो प ा हो गया क सन राइ जं ग इसी दशा म है। " रोजर
मन ही मन बड़बड़ाया और फर पू री ताकत से उस दशा म दौड़ लगा दी।
कु छ ही दे र म रोजर को सन राइ जं ग नजर आने लगा।
लगभग 8 घं टे होने वाले थे । रोजर को पता था क उसके पास समय
ब त कम है। इसिलये वह ते जी से दौड़ रहा था और इतनी ही ते जी से दौड़
रहा था रोजर का दमाग भी।
जाने य रोजर को आकृ ित पर भरोसा नह हो पाया था। उसे लग
रहा था क आकृ ित ज र कु छ ना कु छ झू ठ बोल रही थी। रोजर के पास
कोई चारा नह था, आकृ ित क बात मानने के िसवा, पर उसने सोच िलया
था क वह कै टे न सु य श को सही राह ही दखाएगा, भले ही आकृ ित उसे
इसक सजा ही य ना दे दे । य क सन राइ जं ग क िज मे दारी उसक
भी थी और वह नह चाहता था क इतने खतरनाक ीप पर सन राइ जं ग
प ंचे ।
बहरहाल उसक सोच पर िवराम लग गया य क तभी सन
राइ जं ग से िस ल ले य र आसमान म फके जाने लगे । रोजर समझ गया
क सन राइ जं ग के लोग ने उसे दे ख िलया है।
वह ले य र ते जी से आसमान म जाकर फट रहे थे । ऐसा लग रहा था
जै से बीच समु म ‘दीपावली’ या ‘बै ताइल डे ’ मनाया जा रहा हो।
अब रोजर सन राइ जं ग के काफ पास प ंच गया था।
रोजर को सन राइ जं ग क डे क पर कु छ लोग खड़े दखाई दे ने लगे ।
अब रोजर सन राइ जं ग के िब कु ल नीचे प ंच गया। उसे डे क पर
खड़े सु य श, असलम, डन सिहत िशप के ब त से लोग दखाई दे गये ।
एक पल के िलये सबको इतने पास पाकर रोजर जै से सब कु छ भू ल
गया।
ण भर के िलए मानो समय क सा गया।
डे क पर खड़े सभी लोग स मोिहत अव था म िव के उस आठव
आ य को दे ख रहे थे । कसी के मुं ह से कोई श द नह िनकल रहा था।
रोजर क िनगाह अब लगातार सु य श पर थ । उसके चे ह रे के भाव
तो नह दख रहे थे , ले कन यक नन उसके चे ह रे पर खु शी भरी मु कु राहट
थी।
अ छा ही आ क रोजर के शरीर से इतनी ते ज रोशनी िनकल रही
थी, वरना उसक श ल दे ख कर ना जाने कतने या ी बे होश होकर िगर
जाते और सबसे यादा अचं भा तो सु य श को होता।
अचानक जै से रोजर को कु छ याद आया। उसने पहले सु य श क ओर
दे खा और फर अपने सीधे हाथ क तजनी उं गली से एक दशा म इशारा
कया।
और इससे पहले क रोजर कोई और इशारा कर पाता, रोशनी का
एक ते ज झमाका आ और एक पल के िलए रोजर क आं ख बं द हो ग ।
जब उसक आं ख खु ल तो वह आकृ ित के सामने उसके कमरे म था।
रोजर का ऊजा प अब गायब था और रोजर का शरीर भी प थर
से फर सामा य बन गया था।
सन राइ जं ग को याद कर रोजर क आँ ख से 2 बूं द आँ सू िनकल
गये , िजसे उसने तु रं त प छ िलया।
“ या रहा?“ आकृ ित ने रोजर से पू छा- “काम आ या नह ?"
“मने तो अपनी तरफ से कै टे न सु य श को ीप क ओर आने का
इशारा कर दया, अब बाक उसके ऊपर है क वह मे री बात मानता है या
नह ।" रोजर ने साफ झू ठ बोलते ए कहा।
“ब त अ छे .... तु म ने अपना काम ईमानदारी से कया है, ज दी
ही म तु ह यहां से छोड़ दूंगी।" आकृ ित ने कहा और कमरे से बाहर
िनकलने लगी, तभी रोजर ने आकृ ित को रोक िलया।
“ या म आपसे कु छ कर सकता ं? " रोजर ने पू छा।
यह सु न आकृ ित पलटकर वापस कमरे म आ गयी और रोजर क
ओर दे ख ते ए बोली- “कहो.... या पू छ ना चाहते हो?"
“मने दे खा, ये ीप पानी पर घू म रहा था, ऐसा कै से सं भ व है? "
रोजर ने पू छा।
“यह एक साधारण ीप नह है। यह दे व ता के ारा िन मत ीप
है। इसिलये यह पानी पर तै र सकता है। " आकृ ित ने जवाब दया।
“पानी पर तै र ना एक बात होती है, पर यह ीप गोल-गोल घू म
रहा था। ऐसा लग रहा था क जै से कोई इसे चला रहा हो? इसके अलावा
मने इस ीप से कु छ तरं ग भी िनकलती ई दे ख ह जो यह सािबत करत
ह क ज र इस ीप का िनयं ण कसी के पास है। " रोजर के म दम
था य क शायद आकृ ित के पास भी इस बात का कोई जवाब नह था।
आकृ ित कु छ दे र खामोश रही और फर बोली- “इस बात का जवाब
मे रे पास भी नह है। शायद दे व ता ने इस ीप क र ा के िलये , इसका
िनयं ण कसी के हाथ म दे रखा हो?"
“यह उड़ने वाली झोपड़ी का या रह य है? " रोजर ने तु रं त अगले
सवाल का गोला दाग दया।
“वह उड़ने वाली झोपड़ी ितिल मा म वे श करने का ार है। उस
झोपड़ी म हम घु स तो अपनी मज से सकते ह, पर िनकल नह सकते । वह
झोपड़ी इं सान को सीधा ितिल मा म ले जाती है। िजसे तोड़ कर ही कोई
इं सान बाहर िनकल सकता है। " आकृ ित ने रोजर को दे ख ते ए कहा- “पर
मानना पड़े गा तु ह, एक दन बाहर िनकलते ही ब त कु छ दे ख िलया
तु म ने ? .... और कोई पू छ ना है या म जाऊं ?"
“एक सवाल और ...।" िज ी रोजर ने मु कु राते ए एक सवाल
और कर दया- “वह उड़नत तरी कसक है और उसम मौजू द हरे क ड़े
मृ त लोग को कहां ले जाते ह?"
“वह उड़नत तरी ‘बु ह’ क रासायिनक योगशाला है। वह हरे
क ड़े भी वह के िनवासी ह और उन लाश पर कु छ योग कर रहे ह।
इसका रह य िपरािमड से ही पता चल सकता है। य क बु ह के लोग
का दे व ता भी ‘जै ग न’ ही है। इससे यादा मु झे उन हरे क ड़ के बारे म
कु छ नह पता।" आकृ ित ने कहा।
“बु ह!" रोजर यह सु न कर हैरान हो गया- “तो या वह हरे
क ड़े ‘एिलयन’ ह?"
“हां ! कु छ ऐसा ही समझ लो।" आकृ ित ने कहा।
रोजर के पास फलहाल कोई नह बचा था। उसने जानबू झ कर
ोम वाली घटना आकृ ित को नह बताई।
आकृ ित रोजर को शां त होते दे ख वापस मु ड़ी और कमरे से बाहर
िनकल गयी।
रोजर ने आकृ ित के जाने के बाद एक गहरी साँ स भरी और वहां रखे
फल क ले ट से एक फल िनकालकर खाने लगा। उसने सोच िलया था क
इस ीप का पू रा रह य जानकर ही रहेगा।
◆ ◆ ◆
शलाका महल

8 जनवरी 2002, मंगलवार, 18:30, मायावन, अराका ीप

चलते - चलते फर शाम गहराने लगी थी। पर जं ग ल म कोई भी


ऐसी जगह कसी को नह दखी थी, जहां पर रात िबतायी जा सके ।
“अब हम या करगे कै टे न ?" असलम ने सु य श से कहा- “हम अभी
तक रात गु जारने के िलये कोई जगह नह िमली है और अं धे रा होने म कु छ
ही िमनट अब बचा है। "
“सामने बड़े - बड़े पे ड़ ह, िजसक वजह से आगे का दृ य यादा नजर
नह आ रहा है, थोड़ा और आगे दे ख ते ह, अगर इन पे ड़ के पीछे भी कोई
जगह ना दखी तो हम आज रात पे ड़ पर िबतानी पड़े गी।" सु य श ने कहा।
पे ड़ पर रात िबताने का सु न जै क और जॉनी के शरीर म झु र झु री
सी उठी, पर उ ह ने बोला कु छ नह ।
तभी ऊं चे पे ड़ का िसलिसला ख म हो गया और उ ह कु छ दूरी पर
खं ड हर से नजर आये ।
“अरे वाह!" ऐले स ने खु शी से कलकारी मारते ए कहा- “िमल
गयी रात िबताने क जगह। रात िबताने के िलये ये खं ड हर िब कु ल सही
ह।"
“कोई भागकर वहां नह जाये गा।" अलबट ने चीखकर कहा- “पहले
हम वह जगह चे क कर ले ने दो।"
अलबट क आवाज सु न भागता आ ऐले स अपनी जगह पर क
गया।
सभी अब खं ड हर के अं द र प ंच गये । खं ड हर काफ ाचीन लग रहे
थे । खं ड हर के बाहर एक कुं आ भी बना था, िजस पर एक धातु क बा टी
र सी से बं धी ई रखी थी।
तौफ क ने बा टी को कुं ए म डाल, पानी िनकाल कर दे खा। पानी
िब कु ल साफ और पीने यो य था।
“लगता है आज से हजार साल पहले यहां कोई रहता था?" जे िनथ
ने खं ड हर क दीवार को दे ख ते ए कहा- “खं ड हर क दीवार काफ पु रानी
लग रह ह।"
अब सभी खं ड हर के अं द र क ओर चल दये ।
“यह खं ड हर ब त बड़े ह, शायद यह पहले कसी का महल रहे
ह गे ? " टी ने कहा।
“कह ये दे वी शलाका का महल तो नह ?" शै फाली ने एक खं भे को
छू ते ए कहा- “ य क यान से दे िखए, हर दीवार पर कु छ वै सी ही
आधी-अधू री आकृ ितयां ह, जै सी हम दे वी शलाका के महल म दख थ ?"
“कहां ह आकृ ितयां ? " डन ने आ य से इधर-उधर दे ख ते ए कहा-
“मु झे तो आकृ ितयां कह नजर नह आ रह ह?"
“आपको सामने दीवार पर कोई आकृ ित नह दख रही या?"
शै फाली ने डन से आ य से पू छा।
“नह !" डन ने सं ि उ र दया।
अब सभी क नजर सामने क दीवार पर थी, पर कसी को भी
सामने कु छ भी नजर नह आया। सामने क दीवार पर िसफ धू ल और
िम ी दखाई दे रही थी।
यह दे ख शै फाली आगे बढ़ी और उसने अपने दािहने हाथ से सामने
क दीवार पर लगी िम ी को हाथ से प छ दया।
िम ी के पीछे नटराज क त वीर थी, जो व के साथ आधी खराब
हो गयी थी।
“ये कै से हो सकता है? " जॉनी ने डरते ए शै फाली क ओर दे खा-
“दीवार के पीछे िछपी आकृ ित शै फाली को कै से नजर आ गयी?"
“मु झे लगता है क शै फाली क आँ ख जादुई तरीके से सही ह,
इसिलये इसक आँ ख म कोई शि आ गयी है? " अलबट ने शै फाली क
आँ ख क ओर दे ख ते ए कहा।
सभी को अलबट क बात म दम दखाई दया।
तभी शै फाली दूस री दीवार क ओर दे ख ते ए आ य से भर उठी-
“ये कै से सं भ व है? "
शै फाली क बात सु न सभी का यान उस दीवार क ओर गया, पर
िपछली बार क तरह इस बार भी कसी को कु छ नह दखाई दया।
सु य श को ये स पस रास ना आया इसिलये उसने आगे बढ़कर उस
दीवार से भी िम ी को साफ कर दया।
पर िम ी साफ करते ही इस बार हैरान होने क बारी सबक थी,
य क उस दीवार पर वही सू य क आकृ ित बनी थी, जो क सु य श क
पीठ पर टै टू के प म मौजू द थी।
अब मानो सबके दमाग ने काम करना ही बं द कर दया। काफ दे र
तक कसी के मुं ह से कोई बोल नह फू टा।
“कै टे न !" आिखरकार डन बोल उठा- “आप तो कह रहे थे क यह
टै टू का िनशान आपके दादाजी के हाथ पर बना था, जो आपको अ छा
लगा और आपने इस टै टू को अपनी पीठ पर बनवा िलया। पर आपके
दादाजी तो इं िडया म रहते थे , फर िब कु ल उसी तरह का िनशान यहां
इस रह यमय ीप पर कै से मौजू द है? "
“मु झे लगता था क यह िनशान साधारण है, पर अब मु झे याद आ
गया क बचपन म जब म अपने दादाजी के साथ अपने कु लदे व ता के मं दर
जाता था, तो मने यह िनशान वहां भी बना दे खा था।" सु य श ने बचपन क
बात को याद करते ए कहा- “दरअसल हम लोग सू य वं शी राजपू त ह,
मु झे लगता है क यह िनशान हमारे कु ल का तीक है। अब यह िनशान
यहां कहां से आया, ये मु झे भी नह पता?"
“कै टे न , ले कन एक बात तो योर है क दे वी शलाका का जु ड़ाव
भारतीय सं कृ ित से कु छ यादा ही था।" अलबट ने एक बार फर खं ड हर
के दे ख ते ए कहा।
“शै फाली।" जे िनथ ने शै फाली को दे ख ते ए कहा- “जरा एक बार
यान से पू रे खं ड हर को दे खो। शायद तु हे कु छ और रह यमयी चीज िमल
जाए?"
शै फाली अब यान से खं ड हर क दीवार और छत को दे ख ने लगी।
सभी शै फाली के पीछे थे ।
एक दीवार के पास जाकर शै फाली क गयी और दीवार को यान
से दे ख ते ए बोली- “इस दीवार पर दे वी शलाका क त वीर है। "
दे वी शलाका का नाम सु न ते ही सु य श क आँ ख के सामने दे वी
शलाका का ितिब ब उभर आया। वह एक ण का और फर सामने क
दीवार पर लगी िम ी को साफ करने लगा।
जै से ही सु य श ने दे वी शलाका क मू त को पश कया, वहां से
हजार कलोमीटर दूर , अं टाक टका के बफ म मौजू द , शलाका के चे ह रे पर
एक गु लाबी मु कान िबखर गयी। शलाका ने अपनी आँ ख को बं द कया
और धीरे से हवा म फूं क मारते ए बु द बु दाई- “आयन!"
इधर अचानक सु य श को एक झटका सा महसू स आ। उसे ऐसा
लगा जै से कसी ने उसके कान के पास ‘आयन’ पु कारा हो।
सु य श को झटका लगते दे ख अलबट ने पू छ िलया- “ या आ
कै टे न ? आपको कु छ महसू स आ या?"
“हां ोफे सर, मु झे ऐसा लगा जै से क कसी ने मे रे कान के पास
‘आयन’ कहकर पु कारा।" सु य श ने चारो ओर दे ख ते ए कहा।
“यह नाम भी इं िडयन ही लग रहा है। “ टी ने कहा- “यहां कु छ
ना कु छ तो ऐसा ज र है? जो यहां है तो, पर हम नजर नह आ रहा।"
“तु हारा यह कहने का मतलब है, क यहां पर कोई अदृ य शि
मौजू द है? " ऐले स ने टी को दे ख ते ए कहा।
“कभी शै फाली के कान म, तो कभी कै टे न के कान म यह अजीब
सी आवाज सु नाई दे ना, यह सािबत करता है, क अव य ही कोई ऐसी
शि यहां है, जो या तो अदृ य है या फर कसी जगह से लगातार हम पर
नजर रखे है। " टी के श द म िव ास क झलक दख रही थी।
तभी ऐमू उड़कर एक दरवाजे के बीच लगे घं टे के आसपास मं ड राते
ए जोर-जोर से िच लाया- “घं टा बजाओगे , सब जान जाओगे ..... घं टा
बजाओगे , सब जान जाओगे । "
सु य श ने एक पल को कु छ सोचा और फर आगे जाकर दरवाजे पर
लगे घं टे को बजा दया- “टन् ऽ ऽऽऽऽऽऽऽऽ"
घं टे क आवाज जोर से पू रे खं ड हर म गूं जी।
अचानक से उन खं ड हर क जमीन और छत कां प ने लगी।
“भू कं प ..... ये भू कं प के ल ण ह।" जै क जोर से िच लाया।
तभी उस कमरे क जमीन, एक जगह से अं द र क ओर धं स गयी
और इससे पहले क कोई कु छ समझ पाता, उस जगह से जमीन के नीचे से
एक ले ट फाम ऊपर आता दखाई दया। उस ले ट फाम के ऊपर एक
सु न हरे रं ग क धातु का सं हासन रखा आ था। जो कसी पौरािणक स ाट
का नजर आ रहा था।
उस सं हासन के बीचोबीच एक िवशालकाय ‘िहमालयन यित’ का
िच बना था, जो अपने हाथ म एक गदा जै सा अ िलये ए था। बाक
उस सं हासन के चारो तरफ बफ क घाटी के सुं द र िच , फू ल और पौधे
बने ए थे ।
सं हासन के जमीन से िनकलते ही जमीन का िहलना बं द हो गया।
सभी मं मु ध से उस चम कारी सं हासन को दे ख रहे थे ।
“कोई अभी इसे छु एगा नह , यह भी उन िविच घटना का
िह सा हो सकता है। " अलबट ने सबको िहदायत दे ते ए कहा।
तभी ऐमू जाकर उस सं हासन के ऊपर बै ठ गया।
कोई भी िविच घटना ना घटते दे ख सु य श भी आगे बढ़कर उस
सं हासन पर बै ठ गया।
जै से ही सु य श सं हासन पर बै ठा, उसका शरीर बे जान होकर उसी
सं हासन पर ढु ल क गया।
यह दे ख सभी घबरा गये । अलबट भागकर सु य श का शरीर चे क
करने लगा।
सु य श के शरीर म कोई हरकत नह हो रही थी।
अलबट ने सु य श के शरीर को िहलाया, पर सु य श का शरीर िब कु ल
बे जान सा लग रहा था। अलबट ने घबराकर सु य श क नाक के पास अपना
हाथ लगाया और फर उसक न ज चे क करने लगा।
“कै टे न ! अब इस दुिनया म नह ह।" अलबट के श द कसी बम के
धमाके क तरह से पू रे कमरे म गूं जे । िजसने भी सु ना वह सदम से वह बै ठ
गया।
“यह कै से हो सकता है? कोई सं हासन पर बै ठ ने से भला कै से मर
सकता है? " तौफ क क आँ ख म दुिनया भर का आ य दख रहा था।
“आप सब परे शान मत होइये , कै टे न अं क ल अभी मरे नह ह।"
शै फाली ने कहा- “म उनके शरीर से जु ड़ी जीवन क डोर को प दे ख रही
ं। इसका मतलब उनका सू म शरीर यहां पर नह है, परं तु उनक मौत
नह ई है। वो कसी रह यमयी या ा पर ह। वो ज दी ही अपने शरीर म
वापस लौटगे । हम यहां बै ठ कर उनक वापसी का इं त जार करना चािहये । "
शै फाली के श द सु न सभी शै फाली को दे ख ने लगे । कसी क समझ
म तो कु छ नह आ रहा था, पर शै फाली क बात को झु ठ लाना कसी के
बस क बात नह थी। इसिलये सभी चु प चाप से उस सं हासन के चारो
ओर बै ठ कर सं हासन को दे ख ने लगे ।
◆ ◆ ◆
चैपटर-7
कै लाश रह य

आज से 5020 वष पहले, वेदालय, कै लाश पवत, िहमालय

हासन पर बैठते ही सुयश को अपना शरीर हवा म उड़ता


सं आ महसूस आ। ऐसा लगा जैसे उसके शरीर से आ मा ही िनकल
गयी हो। उसका सू म शरीर हवा म ब त ती गितमान था।
गाढ़े अं ध कार के बाद सु य श को िभ -िभ कार क रोशिनय से
गु ज रना पड़ा।
कु छ रोशनी इतनी ते ज थ क सु य श क आँ ख ही बं द हो गय । जब
सु य श क आँ ख खु ल तो उसने अपना शरीर बफ के पहाड़ पर उड़ते ए
पाया।
“ या म मर चु का ं? या .....या फर कसी रह यमयी शि के
भाव म ं? " सु य श अपने मन ही मन म बड़बड़ाया- “यह तो ब त ही
िविच और सु ख द अनु भू ित है। "
थोड़ी दे र उड़ने के बाद सु य श को नीचे जमीन पर पानी क 2 झील
दखाई द । एक का आकार सू य के समान गोल था, तो दूस री का आकार
चं मा के समान था।
तभी सु य श को सामने एक िवशालकाय बफ का पवत दखाई दया,
जो चौमु खी आकार का लग रहा था।
उस पवत से 4 न दयां िनकलती ई दखाई दे रह थ ।
उस पवत को पहचान कर सु य श ने ृ ा से अपने शीश झु का िलये ।
वह कै लाश पवत था। दे व के दे व , महादे व का िनवास थान- कै लाश।
शु चाँ दी के समान चारो ओर बफ िबखरी ई थी। ब त ही
मनोरम, शु और अक पनीय वातावरण था। तभी सु य श को अपना शरीर
वह बफ पर उतरता आ महसू स आ।
सु य श ने उतरते ही सबसे पहले अपने म तक को कै लाश से पश
कर ‘ऊँ नमः िशवाय’ का मं जाप कया और फर चारो ओर यान से
दे ख ने लगा।
तभी सू य क एक करण बादल क ओट से िनकलकर कै लाश पवत
पर एक थान पर िगरी। वह थान सोने के समान चमक उठा।
सु य श यह दे ख कर आ यच कत होकर उस थान क ओर चल
दया। सु य श जब उस थान पर प ंचा तो उसे वहां कु छ दखाई नह
दया।
“यहां तो कु छ भी नह है, फर अभी वो सु न हरी रोशनी सी कै सी
दखाई दी थी मु झे ? " सु य श आ य म पड़ गया।
तभी उस थान पर एक दरवाजा खु ला और उसम से 2 लोग
िनकलकर बाहर आ गये ।
उन 2 लोग पर नजर पड़ते ही सु य श का मुं ह खु ला का खु ला रह
गया। उनम से एक दे वी शलाका थी और दूस रा ....... दूस रा वह वयं
था।“
“असं भ व! ...... यह तो म ं .... म दे वी शलाका के साथ या कर
रहा ं? .... और .... और यह कौन सा समयकाल है? हे ई र .... यह
कै सा रह य है? " सु य श को कु छ समझ म नह आ रहा था।
सु य श उन दोन के सामने ही खड़ा था, पर उसे ऐसा लगा जै से क
उन दोन को वह दख ही ना रहा हो।
“आयन ... तु म समझने क कोिशश करो, मे रा तु हारा कोई मे ल
नह है? " शलाका ने कहा- “तु म िसफ अपनी पढ़ाई पर यान दो, िजसके
िलये तु म ‘वे दालय’ आये हो। यहां पर मे रे पढ़ाई करने का कु छ कारण है?
जो म तु ह अभी नह बता सकती और वै से भी तु म एक साधारण मनु य
हो और तु हारी उ िसफ 150 वष है, जब क म एक दे व पु ी ं, मे री उ
कम से कम 2000 वष है। अगर मने तु म से शादी क तो 150 वष के बाद
या होगा? तु म मे रे पास नह होगे . ..."
“तो म या क ं शलाका?" आयन ने शलाका क आँ ख म दे ख ते ए
कहा- “तु म ने पहले तो नह बताया था क तु म एक दे व पु ी हो, अब तो
मु झे तु म से यार हो चु का। म अब तु हारे िबना अपने जीवन क क पना
भी नह कर सकता। अब रही बात उ क तो म अपनी उ भी बढ़ा लूं गा।
तु म शायद ‘ कलश’ के बारे म भू ल रही हो, िजसके बारे म हम गु
‘नीलाभ’ ने बताया था। कलश ा कर हम दोन ही अमर हो सकते
ह।"
शलाका और आयन बात करते - करते सु य श के िब कु ल पास आ गये
और इससे पहले क सु य श उनके रा ते से हट पाता, शलाका सु य श के
शरीर के ऐसे आरपार हो गयी जै से वह वहां हो ही ना।
सु य श ने पलटकर दोन को दे खा और फर उनक बात सु न ते ए
उनके पीछे - पीछे चल दया।
“ कलश ा करोगे ? " शलाका ने आयन पर कटाछ करते ए
कहा- “तु ह पता भी है क कलश कहां है? "
“हां , मु झे पता चल गया है। कलश, लोक म है। एक बार
जब म ‘हंस मु ा’ मोती ढू ं ढ ने के िलये लोक म गया था, तो मने दूर से
उसक एक झलक दे खी थी।" आयन ने कहा।
“दूर से दे ख ने और कलश को ा करने म जमीन और आसमान
का अं त र है आयन। कलश को ा करना ब त ही मु ि कल है। पर हां
म तु म से वादा करती ं क अगर तु म ने कलश ा कर िलया तो म
अव य तु म से शादी कर लूं गी, पर तु म को भी मु झ से एक वादा करना होगा
क कलश पाने क कोिशश, तु म वे दालय से अपनी पढ़ाई पू री करने के
बाद ही करोगे । " शलाका ने आयन क ओर हाथ बढ़ाते ए कहा।
“ठीक है वादा रहा।" आयन ने शलाका का हाथ थामते ए कहा।
“तो फर फटाफट, अब आज क ितयोिगता पर यान दो।"
शलाका ने आयन को याद दलाते ए कहा- “आज हम ‘धे नु का’ नामक
‘गाय’ से ‘ वणदु ध’ लाना है। या लगता है तु ह कहां होगी धे नु का?"
“ ंऽ ऽऽऽ सोचना पड़े गा ..... ‘म यलोक’ म पानी है, वहां पर गाय
का या काम? लोक म भी नह .... रा सलोक, नागलोक, मायालोक,
िहमलोक म भी नह हो सकती. ..... पाताललोक, सं ह लोक म भी नह
......" आयन ते जी से सोच रहा था।
तभी एक बफ पर दौड़ने वाली रथनु मा गाड़ी उसी ार से कट
ई, िजसे 4 रिडयर ख च रहे थे । उस पर एक लड़का और एक लड़क
सवार थे ।
वह इतनी ते जी से आयन और शलाका के पास से िनकले क दोन
वह बफ पर िगर गये ।
“लो सोचते रहो तु म , उधर ा और िशव या ‘शि लोक’ क
ओर जा रहे ह।" शलाका ने उठकर धीरे से बफ झाड़ते ए कहा- “अगर
वहां उ ह धे नु का िमल गयी तो आज क ितयोिगता वह जीत जायगे और
हमारे न बर तु हारे यार के च र म कम हो जायगे । "
आयन धीरे से खड़ा आ, पर वह अब भी सोच रहा था- “नह -नह
धे नु का शि लोक म नह हो सकती .... े त लोक और य लोक म भी नह ।
अब बचा न लोक, भू लोक, लोक और दे व लोक ......... दे व लोक
.............. ज र धे नु का दे व लोक म होगी। हम दे व लोक चलना चािहये । "
दे व लोक का नाम सु न कर शलाका के भी चे ह रे पर एक चमक आ
गयी।
“सही कहा तु म ने ... वह दे व लोक म ही होगी।" शलाका ने जोर से
चीखकर कहा।
तभी उस रह यमयी दरवाजे से एक उड़ने वाला वाहन िनकला,
िजसे 2 हंस उड़ा रहे थे । इस वाहन पर भी 1 लड़का और एक लड़क बै ठे
ए थे ।
“ब त-ब त ध यवाद .... हम धे नु का का पता बताने के िलये । " उस
वाहन पर बै ठे लड़के ने िच लाकर कहा और अपने वाहन को उड़ाकर
कै लाश पवत के ऊपर क ओर चल दया।
“और िच लाओ ते ज से .... िव म और वा िण ने सब सु न िलया।
और वो गये हमसे आगे । " आयन ने शलाका पर नकली गु सा दखाते ए
कहा- “अब चलो ज दी से ... नह तो वो दोन प ंच भी जायगे दे व लोक।"
सु य श इस मायावी सं सार क कसी भी चीज को समझ नह पा रहा
था, परं तु उसे इस अतीत के दृ य को दे ख कर ब त अ छा महसू स हो रहा
था।
तभी शलाका ने हवा म अपना हाथ घु माया, तु रं त पता नह कहां से
2 सफे द घोड़ का रथ वहां आ गया। उन घोड़ के पं ख भी थे ।
शलाका और आयन उस रथ पर सवार हो गये ।
उनको जाता दे ख सु य श भी उनके रथ पर सवार हो गया।
घोड़ ने पं ख फड़फड़ाते ए हवा म उड़ान भरी। वह रथ कै लाश क
ऊं चाइय क ओर बढ़ा। शलाका के रथ क गित ब त ते ज थी।
कु छ ही दे र म उनके रथ ने िव म और वा िण के रथ को पीछे छोड़
दया।
आयन ने अपने दोनो कान के पास अपने हाथ के पं ज को फै लाते
ए, अपनी जीभ िनकालकर वा िण को िचढ़ाया।
वा िण ने भी जीभ िनकालकर आयन को िचढ़ा दया।
कु छ ही दे र म शलाका का रथ कै लाश पवत के ऊपर प ंच गया।
आयन और शलाका के साथ सु य श भी ते जी से रथ से नीचे उतर
आया।
सु य श को पवत के ऊपर कु छ भी िविच नजर नह आया। तभी
आयन ने एक जगह प ंच कर जमीन पर पड़ी बफ को धीरे से थपथपाते
ए कु छ कहा।
आयन के ऐसा करते ही उस थान क बफ एक तरफ िखसक गयी
और उसक जगह जमीन क तरफ जाने वाली कु छ सी ढ़यां नजर आने
लग ।
आयन, शलाका और सु य श के वे श करते ही जमीन का वह िह सा
फर से बराबर हो गया। लगभग 20 से 25 सी ढ़यां उतरने के बाद उ ह
दीवार म एक कां च का कै सू ल नु मा दरवाजा दखाई दया, जो कसी
िल ट के जै सा दख रहा था।
उसम तीन सवार हो गये । उनके सवार होते ही वह कै सू ल ब त
ते जी से नीचे जाने लगा।
कु छ ही से के ड म वह कै सू ल नु मा िल ट नीचे प ंच गयी।
तीन िल ट से बाहर आ गये । सामने क दुिनया दे ख सु य श के होश
उड़ गये । सु य श को लग रहा था क दे व लोक कसी पौरािणक कथा के
समान कोई थान होगा, पर वहां का तो नजारा ही अलग था।
लग रहा था क वहां कोई दूस रा सू य उग गया हो। हर तरफ काश
ही काश दख रहा था। ऊं ची-ऊं ची शानदार भ इमारत, हर तरफ
साफ-सु थ रा वातावरण, सुं द र उ ान, झरने और जगह-जगह लगे ए
फ वारे सु य श को एक िवकिसत शहर क तरह लग रहे थे । हवा म कु छ
अजीब तरह के वाहन उड़ रहे थे । िजन पर सवार हो ‘दे व मानव’ घू म रहे
थे ।
“बाप रे .... इतने बड़े शहर म आयन, धे नु का को कै से ढू ं ढे गा?"
सु य श मन ही मन बड़बड़ाया।
तभी िव म और वा िण भी वहां प ंच गये । उ ह ने एक नजर वहां
खड़े आयन और शलाका पर मारी। वा िण ने नाक िसकोड़कर आयन को
िचढ़ाया और फर उनके बगल से िनकलते ए शहर क ओर चल दये ।
“अब या करना है आयन? वो दोन फर हमसे आगे िनकल गये । "
शलाका ने आयन से कहा।
तभी सु य श क िनगाह आसमान क ओर गय । जहां एक बड़ा सा
बाज एक छोटे से तोते को मारने के िलये उसके पीछे पड़ा था।
“लगता है उस तोते क जान खतरे म है। " आयन ने कहा।
“अरे इधर हम ितयोिगता म हार रहे ह और तु ह एक प ी क
चं ता लगी है। " शलाका ने कहा।
“अगर हम ितयोिगता नह जीतगे तो यादा से यादा या हो
जाये गा?" आयन ने उस तोते क ओर दे ख ते ए कहा- “पर अगर हम उस
प ी क जान नह बचायगे तो वह मर जाये गा।"
यह कहकर आयन उस दशा म बढ़ गया, िजधर वह प ी िगर रहा
था।
शलाका ने एक ण के िलये भागते ए आयन को दे खा और फर
ह ठ ही ह ठ म बु द बु दायी- “यही तो वजह है तु म से यार करने क । ....
य क तु म दूस र का दद भी महसू स कर सकते हो और ऐसा ि ही
‘ कण’ का सही उ रािधकारी होगा।"
शलाका के चे ह रे पर आयन के िलये ढे र सारा यार नजर आ रहा
था।
सु य श ने शलाका के श द को सु ना और उसके चे ह रे के भाव को भी
पहचान गया।
शलाका ने भी अब सु य श के पीछे दौड़ लगा दी।
अपनी जान बचाने के िलये वह तोता, एक पाक म मौजू द , आधी
बनी गाय क मू त के मुं ह म िछप गया।
बाज उस मू त के मुं ह म अपना पं जा डालकर उस तोते को पकड़ने
क कोिशश कर रहा था। तभी आयन वहां प ंच गया।
उसने पास म पड़ा एक लकड़ी का डं डा उठाया और जोर से
िच लाकर बाज को डराने लगा।
बाज आयन को दे ख डर गया और वहां से उड़कर गायब हो गया।
आयन ने गाय क मू त के मुं ह म हाथ डालकर उस तोते को बाहर
िनकाल िलया। वह एक छोटा सा पहाड़ी तोते का ब ा था।
तभी शलाका और सु य श भी उस जगह पर प ंच गये ।
सु य श क नजर जै से ही उस तोते पर गयी, वह हैरान रह गया। वह
तोता ऐमू था। एक पल म ही सु य श को समझ म आ गया क य ऐमू ,
सु य श को अपना दो त बोल रहा था।
उस तोते ने न ह आँ ख से आयन को दे खा।
आयन ने उसके िसर पर हाथ फे रा और धीरे से उसे ऊपर उछाल
दया। उस तोते ने आसमान म अपने पं ख फड़फड़ाये और फर आकर
आयन के कं धे पर बै ठ गया।
यह दे ख शलाका मु कु रा उठी- “लगता है यह तु ह अपना दो त
मानने लगा है और अब यह तु हारे ही साथ रहना चाहता है। "
“अरे वाह! ये तो और भी अ छी बात है। ऐसे मु झे भी एक दो त
िमल जाये गा।" आयन ने कहा- “पर इसका नाम या रखूं ? "
तभी सु य श ने आयन के कान म धीरे से फु सफु सा कर कहा- “ऐमू ! "
और आयन बोल उठा- “ऐमू नाम कै सा रहेगा?"
“ऐमू .... ये कै सा नाम है? और ऐसा नाम तु हारे दमाग म आया
कै से ? " शलाका ने आयन से पू छा।
“पता नह ....... पर मु झे ऐसा लगा जै से यह नाम कसी ने मे रे
कान म फु सफु साया हो।" आयन ने अजीब सी आवाज म कहा।
यह सु न सु य श हैरान रह गया- “ या मे री आवाज आयन को सु नाई
दी है? तो या ऐमू का नाम मने रखा था?"
“अब अगर दो ती हो गयी हो, तो जरा आज क ितयोिगता पर
भी यान दे लीिजए आयन जी।" शलाका ने यार भरे अं दाज म आयन को
छे ड़ा।
“हां - हां ... य नह .... मने कब मना कया?" आयन ने हंस कर
कहा- “तो पहले हम धे नु का ढू ं ढ नी थी, िजससे वणदु ध ले ना है। "
तभी ऐमू आयन के हाथ से उड़कर उस आधी बनी गाय क मू त के
िसर पर बै ठ कर जोर-जोर से बोलने लगा- “टऽऽ टऽऽ टऽऽऽ!"
आयन क िनगाह ऐमू क ओर गयी और इसी के साथ वह खु शी से
चीख उठा- “अरे ये भी तो हो सकती है धे नु का?"
“ये और धे नु का .... अरे आयन ... यह तो प थर क बनी आधी गाय
है, इससे हम वणदु ध कै से िमले गा? कु छ तो दमाग का इ ते माल करो?"
शलाका ने कहा।
पर आयन ने तो जै से शलाका क बात सु नी ही नह । वह अपनी
नजर ते जी से इधर-उधर घु मा रहा था।
उस पाक के कु छ िह से म सु न हरी घास लगी थी और वहां पर
कागज के कु छ टु क ड़े फटे ए पड़े थे ।
इसके अलावा वहां ऐसा कु छ भी नह था, िजससे कु छ असाधारण
महसू स हो। पर जाने य आयन को वहां कु छ तो अटपटा सा महसू स हो
रहा था?
“आयन, समय बे कार मत करो कसी दूस री जगह चलो, यहां
धे नु का नह है। " शलाका ने फर से आयन को समझाने क कोिशश क ।
पर आयन ने शलाका क एक ना सु नी।
तभी ऐमू उछलकर उस गाय क मू त के मुं ह म बै ठ गया और फर
से िच लाने लगा- “टऽऽ टऽऽ टऽऽऽ!"
आयन क नजर फर एक बार ऐमू क ओर गय और कु छ सोचकर
आयन ने गाय के मू त के खु ले मुं ह म हाथ डाल दया।
आयन के हाथ, कसी धातु क चीज से पश ए। उसने टटोलकर
उस चीज को िनकाल िलया।
वह एक छे नी और हथौड़ी थे । िजसे दे ख कर आयन खु श हो गया।
उसने तु रं त छे नी और हथौड़ी उठाई और गाय क आधी बनी मू त
को तराशने लगा।
अब शलाका भी यान से आयन को दे ख रही थी। सु य श का भी
सारा यान आयन क ओर ही आ गया।
आयन के हाथ छे नी और हथौडी पर कसी सधे ए मू तकार क
तरह ते जी से चल रहे थे ।
लगभग आधे घ ट म ही गाय क पू री मू त आयन ने तराश दी। जै से
ही आयन ने गाय के थन को तराशा, तु रं त एक चम का रक तरीके से गाय
सजीव हो गयी।
यह दे ख शलाका ने दौड़कर आयन को अपने गले से लगा िलया-
“तु हारे जै सा दमाग वाला पू री पृ वी पर दूस रा नह िमले गा। सच म तु म
ब त अ छे हो।"
“अरे बस करो ... बस करो ... अभी काम पू रा नह आ है। " आयन
ने शलाका को अपने से अलग करते ए कहा।
शलाका यह सु न आ य म पड़ गयी।
“अरे , अब इसम या बचा है। इसका दूध िनकालो और गु नीलाभ
के पास चलकर उ ह बता दे ते ह क हम जीत गये । " शलाका ने खु शी का
पु र जोर दशन करते ए कहा।
आयन ने धे नु का के थन को हाथ लगाकर दूध िनकालने क कोिशश
क , पर दूध नह िनकला।
“दे ख िलया .... दूध नह िनकला।" आयन ने इधर-उधर दे ख ते ए
कहा- “हम इसके बछड़े को ढू ं ढ ना होगा। िबना बछड़े के ये दूध नह दे गी।"
अब तो शलाका के साथ सु य श क भी नजर चारो ओर घू म ने लग ।
पर वहां दूर -दूर तक बछड़े का नामोिनशान नह था।
“अगर धे नु का यहां है तो बछड़े को भी यह कह होना चािहये । पर
कहां है वह बछड़ा?" आयन ब त ते जी से सोच रहा था।
तभी आयन क नजर उन फटे पड़े कागज के टु क ड़ क ओर गई।
उसने आगे बढ़कर कु छ टु क ड़ को उठाकर दे खा और फर खु श होता
आ बोला- “शलाका, इन सारे टु क ड़ को इक ा करके मु झे दो।"
शलाका ने अपने हाथ को हवा म िहलाया। सारे टु क ड़े हवा म
उठकर आयन के हाथ म आ गये ।
“थोड़ा ब त हाथ भी योग म लाया करो। हर समय जादू का
योग करना ठीक नह होता।" आयन ने कहा।
शलाका ने आयन को दे ख मु कु राहट िबखे र ते ए कहा- “कोिशश
क ं गी।"
आयन अब सभी फटे कागज के टु क ड़ो को ‘िज सा पजल’ क तरह
से जोड़ने बै ठ गया।
उन कागज के टु क ड़ पर एक बछड़े क त वीर ही बनी थी।
जै से ही आयन ने आिखरी टु क ड़ा जोड़ा, बछड़ा सजीव हो गया और
‘बां - बां ‘ क आवाज करता गाय क ओर दौड़ा। बछड़ा अब गाय के थन से
मुं ह लगाकर दूध पीने लगा।
शलाका बछड़े को हटाने के िलये धे नु का क ओर बढ़ी, पर आयन ने
शलाका का हाथ पकड़कर उसे रोक िलया।
शलाका ने आ य भरी नजर से आयन को दे खा, पर आयन यार
भरी नजर से बछड़े को दूध पीते दे ख रहा था।
“उसे मत रोको, दूध पीना बछड़े का अिधकार है। हम अपनी
ितयोिगता क खाितर कसी ब े से उसका अिधकार नह छीन सकते । "
आयन के श द म जै से जादू था।
शलाका, आयन के पास आकर उसके कं धे पर िसर रखकर खड़ी हो
गयी। शलाका ने अपना हाथ अभी भी आयन के हाथ से नह छु ड़ाया था।
वह खु श थी, इस पल के िलये .... आयन के िलये .... और उसक इन
असीम भावना के िलये ।
सु य श भी सब कु छ दे ख और समझ रहा था।
थोड़ी दे र म बछड़ा तृ होकर गाय से दूर हट गया। तब आयन ने
अपनी कमर पर बं धे एक छोटे से बतन को धे नु का के थन के नीचे लगाकर
दूध िनकाला।
पर वह दूध सफे द था।
“ये या? ये तो वणदु ध नह है। " आयन ने आ य से कहा-
“इसका मतलब अभी कह कु छ कमी है। अभी धे नु का का दूध साधारण है
.... इसे कसी ना कसी कार से वण म बदलना होगा? ..... पर कै से ? "
तभी आयन क नजर सामने कु छ दूरी म लगी सु न हरी घास पर
गयी। आयन यह दे ख मु कु रा उठा।
वह उठकर उस सु न हरी घास के पास गया और कु छ घास को हाथ
से तोड़ िलया।
फर वो धे नु का के पास आ गया और उसने सु न हरी घास को धे नु का
को िखला दया।
धे नु का ने आयन के हाथ म पकड़ी सारी घास को खा िलया।
अब आयन ने फर एक बार बतन म धे नु का का दूध िनकालने क
कोिशश क । अब धे नु का के थन से सु न हरे रं ग का दूध िनकलने लगा था।
कु छ ही दे र म आयन का सारा बतन भर गया।
शलाका के चे ह रे पर एक यार भरी मु कान थी।
आयन ने बतन का ढ न ठीक से बं द कया और उठकर खड़ा हो
गया।
शलाका ने अब आयन का हाथ थाम िलया और दोनो वापस चल
पड़े । ऐमू भी आकर आयन के कं धे पर बै ठ गया।
कु छ ही दे र म वह वापस कै लाश पवत के िशखर पर आ गये । वहां
से वह अपने उड़ने वाले घोड़े के रथ पर बै ठ कर वापस उस थान पर आ
गये , जहां से वह बफ के दरवाजे से िनकले थे ।
सु य श अभी भी दोन के साथ था।
शलाका ने हाथ िहलाकर रथ को गायब कर दया और आयन का
हाथ पकड़कर दरवाजे के अं द र क ओर चल दी।
इससे पहले क वह दरवाजा गायब होता, सु य श भी सरककर उस
दरवाजे से अं द र क ओर चला गया।
अं द र एक ब त िवशालकाय बफ का मै दान था। कु छ दूरी पर एक
ऊं ची सी इमारत बनी थी। िजस पर बड़े - बड़े धातु के अ र म िलखा था-
“वे दालय"
सभी वे दालय क ओर चल दये । ले कन इससे पहले क आयन और
शलाका वे दालय म वे श कर पाते , तभी वे दालय से एक लड़क भागती
ई आयी और आयन को अपनी बां ह म भर िलया।
उसे दे ख शलाका ने धीरे से आयन का हाथ छोड़ दया।
“मु झे पता था क आज क ितयोिगता भी तु म ही जीतोगे । “
आकृ ित ने आयन से दूर हटते ए कहा- “हां थोड़ा सा दे र ज र लगाई
आज तु म ने , पर अगर म आज तु हारे साथ होती तो कम से कम आधा घं टा
पहले तु म ये ितयोिगता जीत जाते और..... और ये तोता कहां से ले आये ?
मे रे िलये है या?“
“िपनाक, शारं गा, कौ तु भ , धनु षा, धरा और मयू र वापस आये क
नह ?" आयन ने आकृ ित क बात का जवाब ना दे क र, उससे सवाल ही कर
िलया।
“अभी कोई वापस नह लौटा और तु ह सबक चं ता रहती है, मे री
छोड़कर।"
कहकर आकृ ित ने मुं ह बनाकर शलाका को दे खा और फर आयन का
हाथ पकड़कर वे दालय के अं द र क ओर चल दी।
शलाका, आयन का हाथ पकड़े आकृ ित को जाते ए दे ख रही थी।
उसे आकृ ित का इस कार आयन का हाथ पकड़ना िब कु ल भी
अ छा नह लग रहा था।
फर धीरे - धीरे शलाका भी बु झे मन से वे दालय के अं द र क ओर
चल दी।
तभी सु य श को अपना शरीर वापस खं च ता नजर आया।
वह वापस आ रहा था, रोशनी को पार करके , ान का भं डार
भरके , एक बार फर वतमान म जीने के िलये या फर कसी क याद म
बे चै न होकर जं ग ल म भटकने के िलये ।
◆ ◆ ◆
समय-या ा का रह य

8 जनवरी 2002, मंगलवार, 19:15, मायावन, अराका ीप

सभी सं हासन के इद-िगद बै ठे थे । सबक िनगाह सं हासन पर पड़े


सु य श के शरीर पर थी।
ऐमू भी दुखी िनगाह से सु य श क ओर दे ख रहा था।
तभी सभी को सु य श क कराह सु नाई दी। भागकर सभी ने सु य श
को घे र िलया।
दूस री कराह के साथ सु य श ने अपनी आँ ख खोल दी।
“कै टे न । आप ठीक तो ह ना?" अलबट ने सु य श से पू छा।
सु य श ने एक नजर वहां बै ठे सभी लोग पर डाली और फर धीरे से
अपना िसर िहलाकर हामी भरी।
सु य श को व थ दे ख कर सबक जान म जान आयी।
शै फाली ने सु य श को एक पानी क बोतल पकड़ा दी। सु य श ने एक
ही साँ स म पू री बोतल खाली कर दी। अब वह थोड़ा चै त य नजर आने
लगा।
सु य श को अपना पू रा बदन टू ट ता आ सा महसू स हो रहा था।
तभी सु य श क िनगाह वहां बै ठे ऐमू पर पड़ी।
सु य श ने यार से ऐमू को अपने हाथ म उठा िलया- “अब तु हारा
दो त तु ह छोड़ कर कह नह जाये गा। तु म ऐमू और म ऐमू का दो त।"
ऐमू यह सु न कर ब त खु श हो गया, वह फर अपने पं ख फै लाकर
जोर-जोर से बोलने लगा- “दो त आ गया .... दो त आ गया ... ऐमू का
दो त आ गया।"
“आक कै सी है? " सु य श ने ऐमू से पू छा।
“आक अ छी है ... आ भी अ छा है. ... और ऐमू भी अ छा है। "
ऐमू ने कहा।
सु य श समझ गया क ऐमू आकृ ित को ‘आक ’ और आयन को ‘आ ’
कह रहा था।
फर कु छ सोच कर सु य श ने ऐमू से पू छा- “और शलाका कै सी है? "
शलाका का नाम सु न कर एक पल के िलये ऐमू कु छ नह बोला और
थोड़ा बे चै न नजर आने लगा। सु य श समझ गया क ऐमू शलाका के बारे म
कोई बात नह करना चाहता।
सु य श अब सं हासन से उतर कर सभी लोग के पास आ गया। तभी
एक गड़गड़ाहट के साथ सं हासन वापस जमीन म समा गया और उस
जगह क जमीन वापस बराबर हो गयी।
अब उस थान को दे ख कर महसू स ही नह हो रहा था क कु छ दे र
पहले वहां पर जमीन से कोई सं हासन भी िनकला था।
उधर कसी को कु छ समझ नह आ रहा था क अचानक से सु य श
ऐमू से य बात करने लगा। जब आिखरकार डन से ना रहा गया तो वह
बोल उठा- “कै टे न , आपको सं हासन पर बै ठ ते ही या हो गया था?"
सु य श ने वहां बै ठे सभी लोग पर नजर डाली और शु से अं त तक
क सारी कहानी, सभी को सु ना दी।
पू री कहानी सु न कर सबके चे ह रे पर आ य के भाव आ गये ।
“कै टे न , यहां पर तो आपका शरीर िब कु ल िनज व हो गया था।"
असलम ने कहा- “हम तो लगा क शायद आप इस दुिनया म नह रहे। यह
तो शै फाली ने हम आपके जीिवत होने के बारे म बताया।"
“तो म इस दुिनया म वै से भी कहां था? मु झे लगता है क यह कसी
तरीके का ‘टाइम-ि लप’ या ‘समय या ा’ थी। िजसम मने अनिगनत
आ यजनक चीज दे ख ।" सु य श ने कहा।
“कै टे न , आपने तो ब त लं बी कहानी सु ना दी।" तौफ क ने सु य श से
कहा- “आपने उस समय या ा म कु ल कतना समय िबताया?"
“म वहां पर लगभग 4 घं टे के आसपास रहा था।" सु य श ने तौफ क
से कहा।
“पर कै टे न , यहां पर तो आप बस 10 िमनट ही िनज व रहे ह।"
ऐले स ने कहा- “10 िमनट म आप 4 घं टे क या ा कै से कर सकते ह?“
“शायद समय या ा म समय ब त ते ज चलता हो।" अलबट ने
कहा।
“इस कहानी को सु न ने के बाद अब इस ीप पर, कसी भी चीज पर
आ य करने का कोई मतलब नह बनता।" टी ने कहा- “हम तो
इस ब त ही साधारण सा ीप समझ रहे थे , पर यहां तो एक के बाद एक
रह य खु ल ते ही जा रहे ह।"
“तो या यह ीप कै टन के पू व ज म से स ब ध रखता है? " जे िनथ
ने उलझे - उलझे वर म पू छा।
“कै टे न या आप बता सकते ह? क िजस समय म आपने समय-
या ा क , उसका समय काल या था? मे रा मतलब क वह कस सदी का
समय दख रहा था। आप अं दाजे से कु छ बता सकते ह या?" अलबट ने
जे िनथ के सवाल को काटकर एक नया सु य श से पू छ िलया।
“मु झे कह भी िलखा आ तो कु छ दखाई नह दया, पर दे ख ने से
वह समय काल हजार साल पु राना लग रहा था।" सु य श ने कहा।
“पर कै टे न , अगर आपने उस समय काल म ऐमू को भी दे खा था तो
यादा से यादा उस समय काल को 20 वष से यादा पु राना नह होना
चािहये य क एक तोते क उ लगभग 20 वष क ही होती है। " असलम
ने कहा।
“पर मे री उ तो इस समय 34 वष क है। " सु य श ने दमाग लगाते
ए कहा- “ फर यह मे रे पू व ज म क घटना कै से हो सकती है? "
“कह िजस कलश का िज शलाका से आपने कया था, वह
आपको उस ज म म ा तो नह हो गया था?" जे िनथ ने कहा।
“ऐसा कै से सं भ व है अगर वह कलश मु झे पू व ज म म ा हो
जाता तो मे रा दूस रा ज म कै से सं भ व होता? य क म तो तब अमर हो
चु का होता।" सु य श के श द म गहरी चं ता के भाव थे ।
“यह भी तो हो सकता है क यह आपके पू व ज म क घटना ना हो
और आयन कोई और इं सान हो?" डन ने कहा।
आयन के दूस रा इं सान होने क बात सु न , शलाका को याद कर
सु य श का दल बै ठ गया, पर तु रं त ही एक याल आते ही वह बोल उठा-
“अगर आयन दूस रा इं सान होता तो यह सं हासन मु झे आयन के
समयकाल म य ले जाता? और फर मु झे चलते ए एक हवा म आवाज
भी सु नाई दी थी, िजसम मु झे आयन पु कारा गया था। और .... और वह
शलाका क मू त से मे रे टै टू को ही शि यां य िमल ? और मे रा टै टू यहां
क दीवार पर कै से अं कत है? "
सु य श क बात तो सही थी, इसिलये थोड़ी दे र तक कोई कु छ ना
बोला।
फलहाल वहां और कु छ खतरनाक नह था इसिलये सभी वापस
खं ड हर म कने के िलये जगह ढू ं ढ ने लगे ।
“खं ड हर के कु छ भाग क छत अभी भी सही है। हम यह कह
अपना डे रा डाल ले ना चािहये । " अलबट ने कहा।
“वो जगह सही रहेगी।" सु य श एक ओर इशारा करते ए बोला-
“वह जगह तीन तरफ से िघरी है, वहां पर खतरा कम रहेगा।"
कहकर सु य श उस थान पर आकर खड़ा हो गया।
कु छ लोग ने पे ड़ क टहिनय से झाड़ू बनाकर उस थान को साफ
कर िलया।
“कै टे न , आपक कहानी म कलश का िज आया, आपको या
लगता है क इस दुिनया म कोई ऐसी चीज हो सकती है जो कसी भी
इं सान को अमर व दान कर सकती हो।" तौफ क ने सु य श से पू छा।
पर इससे पहले क सु य श इस बात का कोई जवाब दे पाता, बीच म
ही अलबट बोल उठा- “िम टर तौफ क, आपके का म 2 तरह से
जवाब दे ना चा ंगा। कई भाषा के धम ं थ म अलग-अलग नाम से
अमृ त का िज कया गया है, िजसे पीने के बाद इं सान हर कार के रोग
से मु होकर अमर हो जाता है। पर अगर यही सवाल का जवाब म
आपको िव ान के तरीके से समझाऊं तो आप ये समझ ल क अभी ज र
हमने अमृ त जै से कसी त व का अिव कार नह कया है, पर हम 200 वष
के अं द र ऐसी दवा का अिव कार अव य कर लगे , िजसे पीने के बाद हम
सभी रोग से मु होकर अमर हो जायगे । पर यह यान रहे क हम रोग
से मु हो जायगे और बीमारी से नह मरगे , पर कसी भी कार क
दुघ टना हमारी जान ले सके गी। वै से दुिनया म अभी भी ऐसे कई वै ािनक
ह जो इं सान के शरीर के अं ग कटने के बाद, उसके दोबारा उग सकने वाले
िवषय पर भी शोध कर रहे ह।"
“वै से कु छ भी किहये कै टे न , आपका वे दालय ब त ही शानदार
िव ा का क लग रहा है, सु न कर ही मजा आ गया।" शै फाली ने अपने
िवचार को करते ये कहा- “काश म भी उसम पढ़ सकती।"
“मु झे तो लगता है क तु म वे दालय से भी खतरनाक कू ल म पढ़ी
हो।" जॉनी ने शै फाली को घू र ते ए कहा- “ य क तु म से यादा
रह यमयी हमारे बीच कोई नह है? "
शै फाली ने जॉनी को घू र कर दे खा, पर कु छ कहा नह ।
“कै टे न आप ने इतने सारे लोक के नाम बताए, पर आप गये िसफ
दे व लोक म ही थे , आपको या लगता है क इतने सारे लोक या हो सकते
ह?" ऐले स ने पू छा।
“पता नह । पर मु झे लगता है क यह सारे लोक के नाम शायद वहां
उपि थत रा य के नाम ह या फर ितयोिगता के िलये कृ ि म बनाए
गये कु छ थान ह , िजसको ितयोिगता के िहसाब से िडजाइन कया
जाता हो? पर जो भी है, वह थान ब त ही अ भु त था।"
“वै से ोफे सर।" जे िनथ ने अलबट क ओर दे ख ते ए कहा- “आपका
इस सं हासन के बारे म या याल है? या ये समय या ा कराने वाली
कोई ाचीन मशीन है? "
“अभी तक तो समय या ा हम वै ािनक के िलये एक सपना ही है,
पर मु झे लगता है क पहले का िव ान आज के िव ान से ब त यादा
िवकिसत था, इसिलये यह सं हासन एक समय या ा क मशीन हो भी
सकती है। " अलबट ने कहा- “ले कन मु झे यह नह पता क इस सं हासन
पी मशीन म टाइम कै से से ट करते ह गे ? "
“मे रे िहसाब से रात काफ हो चु क है इसिलये अब हम सोना
चािहये । " सु य श ने थके अं दाज म अं ग ड़ाई ले ते ए कहा।
वै से भी अब सभी के पास सवाल ख म हो गये थे । इसिलये सभी
सोने क तै या रयां करने लगे ।
जो कु छ भी उनके पास था, वह खा-पीकर वो लोग वह जमीन पर
सो गये ।
◆ ◆ ◆
डर क रात

9 जनवरी 2002, बुधवार, 03:15, मायावन, अराका ीप

दन भर का सफर और थकान क वजह से सभी ब त गहरी न द म


थे ।
इस समय यु गाका क नजर वहां ले टे ए डन पर थी। उसने वह
जमीन पर पड़ी ई थोड़ी सी िम ी उठाई और कु छ बु द बु दाते ये उस
िम ी को फूं क मारकर हवा म उड़ा दया।
अब डन के कु छ दूरी पर उगे एक पौधे म ह क सी हरकत ई
और वह लं बी होकर डन के िसर के पास प ंच गयी।
पौधे ने डन के बाल पर कु छ कया और फर छोटी होकर वापस
अपनी जगह पर प ंच गयी।
सोते ए डन को तभी एक खटके क आवाज सु नाई दी।
आवाज को सु न कर डन जग गया। उसने उठकर अपने आसपास
नजर मारी।
आसपास नजर मारते ही उसके र गटे खड़े हो गये ।
वह िब कु ल अके ला सोया था। उसके आसपास इस समय कोई नह
था।
“यह सारे लोग कहां चले गये ? उ ह ने जाते समय मु झे जगाया य
नह ?“ डन मन ही मन बु द बु दाया।
अब वह उठकर खड़ा हो गया। वह हैरान था क सारे लोग इतनी
रात कहां चले गये ?
धीरे - धीरे उस पर घबराहट हावी होती जा रही थी।
तभी उसे अं धे रे म झािड़य के पास खड़ा आ कोई दखाई दया।
झािड़य के पास खड़े उस इं सान क पीठ डन क ओर थी।
“कौन है वहां ? " डन ने अपनी जे ब से चाकू िनकाल कर गजदार
आवाज म पू छा।
पर ना तो वह इं सान मु ड़ा और ना ही उसने कोई जवाब दया।
अब डन से रहा न गया और वह धीरे - धीरे चलता आ, उस इं सान
के पीछे प ंच गया।
उस साये का चे ह रा अभी भी दूस री ओर था। उसे शायद पीछे आने
वाले डन का अहसास भी नह था।
तभी उस साये के मुं ह से कु छ श द िनकले - “ज दी करो, ब त भू ख
लगी है। "
डन समझ गया क उस साये के साथ और भी कोई है। अब वह
साये के थोड़ा और भी करीब प ंच गया।
तभी डन क नजर उस साये के सामने बै ठे एक और साये पर गयी,
िजसके हाथ म कोई चमकती ई चीज थी।
चूं क उस थान पर काफ अं धे रा था इसिलये सारी चीज िब कु ल
साफ दखाई नह दे रह थ । यान से दे ख ने पर डन के सामने जो
नजारा आया, वह उसक ह कं पा दे ने के िलये काफ था।
नीचे तौफ क क लाश पड़ी थी और नीचे बै ठे साये के हाथ म एक
चाकू चमक रहा था, िजससे वह तौफ क के शरीर का मां स काट कर
िनकाल रहा था।
अचानक दोनो साये डन क ओर मु ड़ गये ।
उन दोन साये पर नजर पड़ते ही डन क आँ ख दहशत के मारे
फै ल गय , य क नीचे बै ठा साया लॉरे न का और ऊपर खड़ा साया लोथार
का था।
लोथार, डन को अपनी ओर दे ख ते ए पाकर बोल उठा- “अरे
वाह! या मोटा िशकार हाथ लगा है, पहले इसी को खाकर अपनी भू ख
िमटाते ह।"
यह दे ख डन पू री ताकत से पलटकर भागा। लॉरे न और लोथार
उसके पीछे थे ।
डन को भागते समय अपने पै र ब त भारी से लग रहे थे ।
भागता-भागता वह एक पे ड़ के पीछे िछप गया।
अपनी साँ स क आवाज को दबाने के िलये डन ने अपने दोन
हाथ से अपने मुं ह को बं द कर िलया।
तभी उसके चे ह रे पर एक बूं द , उस पे ड़ से टपक , िजसके नीचे वह
खड़ा था।
उस बूं द का अहसास होते ही डन ने हाथ से उस बूं द को प छा।
तभी उसे अपने हाथ पर खू न लगा नजर आया।
घबराकर डन ने पे ड़ के ऊपर क ओर दे खा। पे ड़ के ऊपर दे ख ते ही
उसक साँ स उसके गले म ही फं स गयी।
य क पे ड़ के ऊपर टी, जे िनथ, सु य श और ऐले स क लाश
झू ल रह थ । उ ह के कटे ए हाथ पै र से खू न टपक रहा था।
डन पू री ताकत लगा कर वहां से भागा।
डन का दल अब धाड़-धाड़ बज रहा था। उसे अब अपने बचने क
सं भावना िब कु ल भी नह दख रही थी।
डन अब अं जानी दशा म पागल क तरह भाग रहा था।
तभी उसका पै र कसी चीज से टकरा गया और वह लड़खड़ाकर
िगर गया।
िगरने के बाद डन ने यान से उस चीज को दे खा, िजससे उसका
पै र टकराया था।
वह भी एक लाश थी जो क पे ट के बल जमीन पर िगरी पड़ी थी।
पहले तो डन ने वहां से भागना चाहा, पर ना जाने या सोच
उसने लाश को पलटकर दे खा।
लाश के चे ह रे पर नजर पड़ते ही उसके बचे खु चे होश भी गु म हो
गये य क यह लाश उसक वयं क थी।
डन को एक झटका लगा और वह उठकर बै ठ गया।
वह यह सब सपना दे ख रहा था।
उसक नजर तु रं त अपने अगल-बगल पड़ी। तौफ क, जे िनथ,
टी, असलम, ऐले स, सु य श सिहत सभी अपनी जगह पर सो रहे थे ।
डन ने एक राहत क साँ स ली। उसका पू रा शरीर पसीने से तर था
और उसक साँ स ध कनी के समान चल रह थ ।
डन को ऐसा लग रहा था क अगर एक पल उसक न द और नह
खु ल ती तो शायद दहशत के कारण वह सपने म ही मर जाता।
डन का गला पू रा सू खा आ था।
डन ने एक नजर अपनी पानी क बोतल पर मारी। बोतल म पानी
िब कु ल ख म था।
डन ने दूस री बोतल ना िनकालते ए इसी बोतल म पानी भरकर
पीने का सोचा।
रात अभी आधी बीती थी। अब वह खं ड हर से बाहर िनकलकर कुं ए
के पास आ गया।
चाँ द नी रात थी। चाँ द क रोशनी चारो ओर चमक रही थी।
डन ने एक नजर कुं ए क जगत पर रखी बा टी पर मारी और
फर बा टी को कुं ए क ओर लटकाकर, र सी धीरे - धीरे छोड़ने लगा।
थोड़ी दे र बाद बा टी ने पानी क सतह को पश कया। डन ने
एक-दो बार बा टी को ख चकर छोड़ा।
पानी भरने के बाद डन ने बा टी को ख चना शु कर दया।
थोड़ी ही दे र म बा टी ऊपर प ंच गयी, पर बा टी पर नजर पड़ते
ही डन के मुं ह से चीख िनकल गयी।
बा टी म रोजर का िसर तै र रहा था।
यह दे ख डन के मुं ह से एक ते ज चीख िनकली- नह ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ।"
इसी के साथ डन का शरीर हवा म लहराया और बे होश होकर
जमीन पर िगर गया।
डन के हाथ से र सी भी छू ट गयी और बा टी वापस र सी सिहत
कुं ए म चली गयी। चूं क र सी के आिखरी िसरे पर एक बड़ा सा प थर
बं धा था, इसिलये बा टी के पानी म िगरने के बावजू द भी पू री र सी कुं ए
म नह गयी।
उधर डन क चीख सु न कर सभी लोग जाग गये ।
सु य श क नजर अपने आसपास घू मी।
“ डन गायब है। " सु य श ने कहा- “यह उसी क चीख थी।"
सभी का मन एक अं जानी आशं का से भर उठा।
सु य श उठ कर बाहर क ओर भागा। तभी सु य श क नजर कुं ए के
पास बे होश पड़े डन क ओर गयी।
“ डन यहां है। " सु य श ने चीखकर सभी को उधर बु ला िलया।
डन को बे होश दे ख असलम ने कुं ए से बा टी ख च, उसके पानी के
छ टे डन के चे ह रे पर मारे ।
अब डन को होश आ गया, पर बा टी पर नजर पड़ते ही वह डर
के मारे चीखने लगा।
तौफ क ने डन को सहारा दया और ऐले स ने डन को अपनी
बोतल से थोड़ा पानी िपलाया।
अब डन थोड़ा सा बे ह तर दख रहा था। सु य श के पू छ ने पर डन
ने पू री कहानी सु ना दी।
पू री कहानी सु न अलबट ने बा टी पर नजर मारी, िजसम एक
ना रयल का खोल पड़ा था। यह दे ख अलबट ने एक गहरी साँ स भरते ए
कहा- “ चं ता क कोई बात नह है। िपछले कु छ दन क घटना ने डन
के दमाग पर गहरा असर डाला है। इसी क वजह से इसने पहले बु रा
सपना दे खा और फर सपने से जागकर जब पानी ले ने आया तो डर क
वजह से इस ना रयल के खोल को रोजर का िसर समझ िलया। चूं क
ना रयल के खोल पर आँ ख , नाक और मुं ह जै से िनशान होते ह इसिलये
डन के डर को वा तिवकता का आकार िमल गया। ये ऐसी कोई बड़ी
बात नह है। डर क वजह से अ सर लोग के साथ ऐसा होता है। "
अलबट क बात सु न सबने राहत क साँ स ली और फर खं ड हर के
अं द र क ओर चल दये ।
पर डन को अभी भी थोड़ा डर महसू स हो रहा था।
लगभग सु ब ह होने वाली थी और डन के इस अहसास के कारण
अब कसी को न द भी नह आ रही थी। फर भी सभी अपनी जगह पर
ले ट गये ।
उधर यु गाका क आँ ख म भी एक चमक सी दखाई दे रही थी। वह
भी एक पे ड़ पर चढ़कर ले ट गया।
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चैपटर-8
मकोटा महल

आज से 10 दन पहले ..........................
29 दस बर 2001, शिनवार, 11:00, सीनोर रा य, अराका ीप

फासा सीनोर महल के एक कमरे म सनूरा के साथ बैठा था।


लु “हम कल ही तो मां ि क से िमल कर आये थे , तब आज
उ ह ने फर से इतनी ज दी य हम लोग को बु ला िलया? कु छ तो
परे शानी ज र है? ” लु फासा ने सनू रा को दे ख ते ए कहा।
लु फासा और सनू रा मकोटा को मां ि क कहकर स बोिधत करते थे ।
“आप सही कह रहे ह यु व राज।" सनू रा ने अपनी िब ली जै सी आँ ख
से लु फासा को दे ख ते ए कहा- “मां ि क िबना कसी ज री काय के हम
ऐसे तो नह बु लायगे । कह ये दे वी शलाका से स बि धत बात तो नह है?
कल मने दे वी शलाका को मां ि क के साथ आकाश माग से जाते ए दे खा
था।"
“सनू रा! एक बात पू छूं ? " लु फासा ने कु स से खड़े होकर कमरे म
टहलते ए सनू रा से पू छा।
“जी पू िछये । " सनू रा क आँ ख म वाचक िच ह नजर आने लगा।
“ या तु ह सच म लगता है क वह लड़क दे वी शलाका है? "
लु फासा ने शं कत वर म पू छा- “जाने य मु झे वह दे वी शलाका नह
लगती। ऐसा लग रहा है जै से वह कोई दूस री लड़क है? और दे वी शलाका
बनने का अिभनय कर रही है। "
“पर उनका प रचय तो मां ि क ने ही कराया था। या आपको
मां ि क पर भी शक है? " सनू रा ने लु फासा से पू छा।
“दे खो सनू रा, तु म िपछले 600 वष से सीनोर रा य क से नापित
हो। पू रे सीनोर रा य क सु र ा का भार तु हारे ऊपर है। तु म म
रह यमयी शि यां ह। तु म हमारे रा य के ित िव ासपा भी हो। तु म ने
दे खा क हम कतनी शां ित से इस ीप पर रह रहे थे । पर जब से मां ि क
ने हमारे रा य क हर व था म परामश दे ना शु कया है, तब से
अचानक से सीनोर रा य का िलया ही बदल गया। मां ि क ने हमारे
रा य म िपरािमड का िनमाण कराया और बु ह के दे व ता जै ग न के साथ
िमलकर पता नह कस कार के योग कर रहे ह? जाने य मु झे यह
सब ठीक नह लगता? उधर दे वी शलाका को िपछले 5000 वष से कसी
ने नह दे खा था, पर मां ि क ने 10 वष पहले इस लड़क को दे वी शलाका
बनाकर हमारे सम उपि थत कर दया। शु -शु म मु झे कु छ भी अजीब
नह लगा था, पर अब जाने य मु झे वो लड़क दे वी शलाका नह लगती?
शायद वह कोई ब िपया है? तु हारा इस बारे म या िवचार है? "
“दे िखये यु व राज, आपक बात िब कु ल सही है, मु झे भी मां ि क के
याकलाप अ छे नह लगते ह, पर मां ि क के पास ब त सी िवल ण
शि यां ह, िजनका सामना हमम से कोई नह कर सकता। माना क
आपके पास ‘इ छाधारी शि ’ है, िजससे आप अपने आप को कसी भी
जीव म प रव तत कर सकते ह और आपक इस शि के बारे म मे रे ,
मां ि क और आपक बहन के अलावा और कोई नह जानता। पर इतनी
शि यां पया नह ह। इसिलये हम चाह कर भी मां ि क का िवरोध नह
कर सकते । अब रही बात उस लड़क के दे वी शलाका होने या ना होने क ।
तो हम िछप कर उसक गितिविधय पर नजर रखत ह और पता करने क
कोिशश करते ह क वह सच म दे वी शलाका है या नह । इसके आगे क
बात समय और प रि थितय के िहसाब से फर िवचार कर लगे ।
फलहाल अभी हम मां ि क के पास चलना ही पड़े गा। दे ख तो आिखर
उ ह ने हम बु लाया य है? "
सनू रा क बात लु फासा को सही लग , इसिलये वह भी मकोटा से
िमलने के िलये उठकर खड़ा हो गया।
लु फासा और सनू रा दोन ही सीनोर महल से िनकलकर बाहर आ
गये ।
बाहर आकर लु फासा एक बड़े से भे िड़ये म प रव तत हो गया और
सनू रा ने िब ली का प धारण कर िलया।
अब दोन दौड़कर कु लां चे भरते ए मकोटा महल क ओर चल
दये ।
रा ते म ब त से अ य जं ग ली जानवर िमले जो क दोन को दे ख
रा ते से हट गये ।
15 िमनट के अं द र दोन मकोटा महल प ंच गये ।
मकोटा महल ब त ही िवशालकाय था। महल के बीचोबीच म एक
ब त बड़ी भे िड़या मानव क मू त लगी थी, िजसने अपने दोनो हाथ म
फरसे जै सा अ पकड़ रखा था।
महल के अं द र जाने के िलये िसफ एक पतला रा ता था। मु य ार
के अगल-बगल 2 स घ के समान धातु क सं र चना बनी थी, जो दे ख ने म
अजीब सी रह यमयी तीत हो रही थी।
मू त के सामने महल क छत पर एक काले रं ग का बड़ा सा गोल
प थर रखा था, िजसका कोई औिच य समझ म नह आ रहा था।
लु फासा और सनू रा जै से ही महल के अं द र वे श कये , मु य ार
अपने आप ही खु ल गया। शायद मकोटा अं द र से महल के ार पर नजर
रख रहा था।
लु फासा और सनू रा महल के अं द र प ंच गये । महल म जगह-जगह
पर काले भे िड़ये घू म रहे थे । शायद वह मकोटा के सु र ाकम थे ।
लु फासा उन भे िड़य से पहले से ही प रिचत था। इसिलये वह सीधे
एक बड़े कमरे म दािखल हो गया।
उस कमरे म ही मकोटा उनक ती ा कर रहा था।
मकोटा ऊपर से नीचे तक काले व पहने ए था। उसने अब भी
अपने हाथ म सपदं ड पकड़ रखा था।
दोन ने झु क कर मकोटा का अिभवादन कया।
मकोटा ने दोन को सामने रखी कु सय पर बै ठ ने का इशारा कया।
लु फासा और सनू रा सामने रखी कु सय पर बै ठ गये ।
“आज मने तु म लोग को एक खास काम से बु लाया है। " मकोटा ने
िबना समय गं वाये बोलना शु कर दया- “हम पू ण अराका पर राज करने
के िलये दे व ता जै ग न क आव यकता है। दे व ता जै ग न और बु ह के
वासी हमारा साथ दे ने के िलये पू ण प से तै यार ह, पर बदले म उ ह
हमसे एक मदद क आव यकता है। "
“मदद! कै सी मदद?" लु फासा ने मकोटा से पू छा।
“दे खो लु फासा, तु म जानते हो क बु ह पर हरे क ड़ का
सा ा य है। जै ग न उ ह के दे व ता है और महान काली शि य के वामी
भी। इस समय जै ग न ‘ ां ड क उ पि ’ पर कोई योग कर रहे ह,
िजसके िलये , उ ह कु छ दन के िलये रोज एक मृ त मानव शरीर क ज रत
है। हम उनक यही आव यकता को कु छ दन के िलये पू रा करना पड़े गा।"
मकोटा ने लु फासा के चे ह रे के भाव को दे ख ते ए कहा।
मकोटा के श द सु न सनू रा क आँ ख जल उठ , पर तु रं त ही उसने
अपने चे ह रे के भाव को सामा य कर िलया।
मकोटा के श द लु फासा के भी दल म उथल-पु थ ल पै दा कर रहे थे ।
यह दे ख सनू रा बीच म ही बोल उठी- “पर मां ि क, हम लोग रोज एक
मानव शरीर कहां से लायगे ? इस े म तो कोई मानव नह आता और
हम मनु य के सं सार म जाकर भी कोई मृ त मानव नह ला सकते य क
वै से भी हम अराकावासी, दे वी शलाका के कहे अनु सार िबना बात के कसी
मानव का र नह बहाते । "
“मु झे नह पता कहां से करगे ? तु म सीनोर क से नापित हो। ये
सोचना तु हारा काम है। " मकोटा ने सनू रा पर थोड़ा गु सा दखाते ए
कहा- “िपछले स ाह एक बोट गलती से भटककर इस े म आ गयी थी।
उसम 5 ि सवार थे , जो उस दुघ टना म मारे गये थे । हम अगले 5 दन
तक तो उन 5 इं सान को जै ग न के हवाले कर दगे , पर उस के बाद क
लाश का इं त जाम आप लोग को ही करना होगा। हां अगर इस काम के
िलये आपको बु ह के हरे क ड़ क मदद क ज रत हो तो आप उनसे
सहायता ले सकते हो और अब रही बात इं सानो का मारने क तो यह काम
हरे क ड़े कर दगे । आपको बस उस लाश को िपरािमड म रख कर आना
होगा। और दे वी शलाका तो अब वै से भी हम लोग के साथ ह, तो आप
लोग को या परे शानी है? कु छ और पू छ ना है आप लोग को?"
इतना कहकर मकोटा खामोश हो गया और लु फासा और सनू रा क
तरफ दे ख ने लगा।
मकोटा क बात समा होने के बाद लु फासा ने सनू रा क ओर दे खा।
सनू रा ने धीरे से पलक झपकाकर लु फासा को आ त रहने का इशारा
कया।
यह दे ख लु फासा ने धीरे से िसर िहलाकर मकोटा को अपनी सहमित
दे दी।
तभी एक काला भे िड़या उस कमरे म दािखल आ। उसके मुं ह म
एक कागज का टु क ड़ा दबा था। उस कागज के टु क ड़े म लगभग 20 हरे रं ग
के बटन जै से टीकर िचपके थे ।
मकोटा ने उस कागज के टु क ड़े को भे िड़ये से ले क र लु फासा क ओर
बढ़ाते ए कहा- “यह हरे रं ग के टीकर को गले पर िचपकाने पर तु म बु
ह क भाषा को बोल सकोगे और इन हरे क ड़ से बात भी कर सकते
हो।"
लु फासा ने वह कागज का टु क ड़ा मकोटा के हाथ से ले िलया और
सनू रा को ले मकोटा महल से िनकल पड़ा। पर इस समय लु फासा के चे ह रे
पर थोड़ी बे ब सी के भाव थे ।
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िपरािमड का राज

आज से 8 दन पहले ..........................
1 जनवरी 2002, मंगलवार, 01:30, सीनोर रा य, अराका ीप

मकोटा से िमले आज लु फासा को 3 दन बीत गया था। इन 3 दन


म 3 इं सान क लाश लु फासा िपरािमड म प ंचा चु का था। अब 2 ही लाश
उनके पास बची थ । जो 1 और 2 तारीख को लु फासा िपरािमड म प ंचा
दे ता, पर उसके बाद या?
लु फासा ने मकोटा क धमक को महसू स कर िलया था। वह जानता
था क अगर उसने मानव शरीर क व था नह क तो मकोटा का कहर
सबसे पहले उसके ऊपर ही िगरे गा।
इस बात को ले क र लु फासा ब त ही यादा परे शान था। िजस
मकोटा ने उसको वाब दखाये थे , वही मकोटा आज उसके िलये ही गले
क ह ी बनता जा रहा था।
लु फासा अभी अपने कमरे म इसी उधे ड़ बु न म डू बा था क तभी
अचानक ने से एक ‘बीप-बीप’ क आवाज ने उसका यान भं ग कर दया।
लु फासा का यान सामने क ओर लगी एक न क ओर गया,
िजस पर लाल रं ग के बं द ु सा कु छ चमक रहा था।
यह दे ख लु फासा क आँ ख खु शी से चमक उठ ।
“यह तो शायद कोई पानी का जहाज है जो शायद रा ता भटककर
हमारी सीमा म आ गया है। “ लु फासा न क ओर दे ख ते ए मन ही मन
बड़बड़ाया- “लगता है दे वी शलाका ने हमारी सु न ली।"
लु फासा ने अपने कमरे म मौजू द एक अलमारी का खोला और उसम
से मकोटा के ारा दया आ कागज को टु क ड़ा िनकाल िलया।
उस कागज के टु क ड़े म 20 टीकर िचपके ए थे । लु फासा ने उनम
से एक टीकर को अपने गले पर िचपका िलया। अब वह हरे क ड़ को
िनयं ि त कर सकता था।
इसके बाद लु फासा तु रं त अपने कमरे से िनकला और महल क छत
पर आ गया।
छत पर प ंच कर लु फासा ने एक बाज का प धारण कया और
वहां से समु के कनारे क ओर उड़ चला।
थोड़ी ही दे र म लु फासा समु के कनारे प ंच गया।
लु फासा ने अपने गले पर िचपके हरे रं ग के टीकर को धीरे से
दबाकर अपने गले से एक िविच सी आवाज िनकाली।
कु छ ही दे र म पानी के अं द र से एक उड़नत तरी िनकली। जो नीले
रं ग क रोशनी िबखे र रही थी। अब वह उड़नत तरी पानी पर तै र रही
थी।
उड़नत तरी का एक दरवाजा खु ला और उसम से एक 6 फु ट का हरे
रं ग का क ड़ा िनकला। यह क ड़ा दे ख ने म बाक क ड़ के जै सा ही था,
परं तु आकार म कसी इं सान के बराबर का दख रहा था।
वह हरे रं ग का क ड़ा अपने 2 पै र से पानी पर चलता आ लु फासा
के पास प ंचा।
लु फासा कु छ दे र तक उस क ड़े को दे ख ता रहा य क उसने भी
आज तक इतना बड़ा हरा क ड़ा नह दे खा था। फर उस क ड़े को उ ह क
भाषा म उस जहाज के बारे म बताने लगा।
जब लु फासा ने जहाज क पू री जानकारी दे दी तो वह क ड़ा वापस
उड़नत तरी के अं द र चला गया। उड़नत तरी का ार अब बं द हो गया।
लगभग 2 िमनट के अं द र ही उड़नत तरी ने हवा म ते ज आवाज के
साथ उड़ान भरी।
कु छ ही दे र म वह उड़नत तरी सन राइ जं ग के पास प ंच गयी
और एक ते ज आवाज के साथ िव ु त चु बक य तरं ग छोड़ती ई सन
राइ जं ग के ऊपर से िनकली।
उसके ऊपर से िनकलते ही सन राइ जं ग के सारे इले ािनक यं
खराब हो गये ।
अब वह उड़नत तरी सन राइ जं ग से कु छ आगे समु के अं द र समा
गयी।
पानी के अं द र प ंच कर वह उड़नत तरी ब त ते ज गित से पानी के
अं द र नाचने लगी।
उसके नाचने क गित इतनी ते ज थी क समु का पानी उस थान
पर एक भं व र के प म प रव तत हो गया।
थोड़ी ही दे र म उस भं व र ने िवशाल आकार ले क र सन राइ जं ग को
अपनी िगर त म ले िलया।
सन राइ जं ग अब भं व र धारा के बीच फं सता जा रहा था।
तभी उड़नत तरी वापस पानी से िनकलकर अराका ीप क ओर
बढ़ गयी। लु फासा अभी भी उसी थान पर खड़ा था।
लु फासा के दे ख ते ही दे ख ते उड़नत तरी वापस पानी म समा गयी।
लु फासा को सन राइ जं ग का इस तरह से भटकाना अ छा नह लगा
था, पर वह मजबू र था। वह मकोटा के िव नह जा सकता था।
लु फासा अब उदास मन से पै द ल ही महल क ओर चल दया।
चलते - चलते वह सोचता भी जा रहा था- “पता नह जै ग न इं सान
के मृ त शरीर के साथ कौन सा योग कर रहा है? और यह मां ि क भी
सीनोर वासी होकर भी ीप के िनयम का उ लं घ न कर रहे ह। य ना
िछपकर िपरािमड के अं द र जाकर दे खा जाये क आिखर कौन सा योग
कर रहे ह वहां पर? पर अगर मां ि क को इस बारे म पता चल गया तो?
.... तो फर या होगा? ... पर उ ह पता कै से चले गा? म वयं तो उ ह
बताऊं गा नह ... और म तो कोई भी प धारण कर सकता ं, मु झे कोई
पहचान कै से पाये गा?"
यह याल दमाग म आते ही लु फासा ने फर से बाज का प धारण
कर िलया और िपरािमड क ओर उड़ चला।
काफ दे र उड़ने के बाद लु फासा को िपरािमड दखाई दे ने लगे ।
लु फासा सबसे पहले वाले िपरािमड क छत पर उतर गया। छत पर
कसी भी कार का कोई रोशनदान या िखड़क नह थी।
“यह या? इसम ऊपर से तो अं द र क ओर जा पाना असं भ व है।
कोई और रा ता ढू ं ढ ता ं। "
पर चारो ओर से गहन िनरी ण करने के बाद भी लु फासा को
िपरािमड के अं द र घु स ने का कोई रा ता नजर नह आया।
तभी लु फासा को िपरािमड क ओर आता आ मकोटा दखाई
दया।
मकोटा को दे ख लु फासा ने म खी का प धारण कर िलया।
मकोटा ने िपरािमड के दरवाजे के पास प ंच कर अपने दोन तरफ
दे खा और फर अपने हाथ म पकड़े सपदं ड को दरवाजे से पश करा दया।
िपरािमड का दरवाजा एक गड़गड़ाहट के साथ खु ल गया।
मकोटा के साथ लु फासा भी म खी बनकर िपरािमड के अं द र वे श
कर गया।
अं द र से िपरािमड ब त ही आधु िनक अं त र यान क तरह से दख
रहा था। िपरािमड क दीवार से ते ज रोशनी फू ट रही थी।
एक छोटी सी गै ल री के बाद एक ब त ही िवशालकाय कमरा था।
िजसे दे ख कर लु फासा हैरान रह गया य क उस कमरे म एक लगभग
500 फु ट ऊं चा, एक आँ ख और चार हाथ वाला एक दै य, धातु क जं जीर
म बं धा था, िजसके शरीर से हजार पतले - पतले पाइप जु ड़े ए थे । उस
दै य क 2 स घ भी थ ।
उस पाइप का दूस रा िशरा छोटे - छोटे काँ च के लोब से जु ड़ा आ था
और हर उस लोब म एक इं सानी मृ त शरीर दखाई दे रहा था।
अब उस दै य को उन मानव शरीर से या दया जा रहा था, यह
लु फासा क समझ म नह आया।
उस पू रे कमरे म असं य मशीन लगी ई थ , िजन पर अजीब
तरीके से कु छ सं के त दखाई दे रहे थे और हजार क सं या म हरे क ड़े
उन मशीन पर काम कर रहे थे ।
मकोटा वहां खड़ा उस दै य को दे ख रहा था।
तभी दूर से एक ‘भे िड़या मानव’ चलता आ आया। िजसका िसर
भे िड़ये का और शरीर इं सान का दख रहा था। लु फासा समझ गया क
इसी भे िड़या मानव क मू त त भ के प म मकोटा महल के ऊपर लगी
थी।
मकोटा के पास आकर उस भे िड़या मानव ने झु क कर अिभवादन
कया।
“जै ग न कब तक होश म आ जाये गा वु फा?" मकोटा ने वु फा को
दे ख ते ए पू छा।
“कु छ कह नह सकता मािलक? म अपनी तरफ से पू री कोिशश कर
रहा ं। " वु फा ने कहा।
तभी वु फा क िनगाह मकोटा के पास उड़ रही म खी पर गयी।
उसने अपने दोन हाथ को ताली बजाने के अं दाज म म खी बने लु फासा
पर मार दया।
एक से के ड म ही लु फासा मारा गया।
वु फा म खी को वह फक मकोटा से बात करने लगा।
म खी का शरीर तभी धुं आ बनकर हवा म िवलीन हो गया।
उधर िपरािमड क छत पर लु फासा इं सानी शरीर म कट हो गया।
उसने जोर से एक गहरी साँ स ली।
“बे कार म ही एक प न हो गया। अब म कभी म खी नह बन
पाऊं गा।" लु फासा ने अफसोस कट कया- “पर ये जै ग न तो बे होश है, तो
मां ि क ने हमसे झू ठ य बोला? वो जै ग न को य होश म लाना चाहते
ह? और ... और मु झे तो िपरािमड पर भी अिधकार मां ि क का ही लग
रहा था। और ये वु फा कौन है? ...... कु छ तो ऐसा ज र चल रहा है,
मां ि क के दमाग म? .... जो अ य त खतरनाक है। .... अब मु झे या
करना चािहये ? ..... मे रे िहसाब से मु झे अभी मानव शरीर का बं ध करना
चािहये और सभी पर िछप कर नजर रखनी चािहये । अब म उिचत समय
आने पर ही कु छ क ं गा।"
तभी आसमान म एक जोर क गड़गड़ाहट ई और इससे पहले क
लु फासा कु छ समझ पाता, एक हेलीकॉ टर जोर क आवाज करता आ
िपरािमड से कु छ दूरी पर आकर िगरा।
लु फासा बाज का प धारण कर उस हेलीकॉ टर क ओर उड़ चला।
लु फासा को कु छ दूरी पर हेलीकॉ टर के अवशे ष पड़े दखाई दये ,
िजनसे धुं आ िनकल रहा था।
लु फासा ने जमीन पर उतरते ही एक बड़े से शे र का प धारण कर
िलया और उस हेलीकॉ टर क ओर चल पड़ा।
हेलीकॉ टर पे ड़ के एक झु र मु ट के बीच िगरा पड़ा था।
लु फासा ने झां क कर उस हेलीकॉ टर म दे खा।
हेलीकॉ टर म उसका पायले ट मरा आ पड़ा था, जो बे चारा इस
दुघ टना का िशकार हो गया था।
लु फासा ने अपने पं जे से पायले ट क सीट बे ट को हटाया और उसे
अपने मुं ह म पकड़कर बाहर िनकल गया।
पायले ट का शरीर हवा म झू ल रहा था।
लु फासा, पायले ट के शरीर को मुं ह म दबाए िपरािमड क ओर चल
दया।
थोड़ी ही दे र म िपरािमड दखाई दे ने लगे ।
कु छ ही दे र म लु फासा िपरािमड क सी ढ़यां चढ़ने लगा।
लु फासा ने िपरािमड के दरवाजे पर प ंच कर, पायले ट क लाश वह
दरवाजे पर रख दी। इसके बाद लु फासा ने एक जोर क दहाड़ मारी और
फर पलटकर सी ढ़य से उतर, अपने महल क ओर चल दया।
◆ ◆ ◆
लाश का सच

आज से 6 दन पहले ..........................
3 जनवरी 2002, गु वार, 00:15, सन राइ जंग

लु फासा और सनू रा एक छोटी सी बोट से सन राइ जं ग के साथ-


साथ चल रहे थे । बोट म एक हरा क ड़ा भी था।
“पहले म ऊपर जाता ं और पू रे जहाज को दे ख कर आता ं। उसके
बाद सोचगे क आगे या करना है? " लु फासा यह कहकर बाज बनकर सन
राइ जं ग के एक डे क पर प ंच गया।
दे र रात होने क वजह से उस समय उस डे क पर कोई नह था।
लु फासा ने फर इं सानी आकृ ित धारण कर ली, िजससे अगर कोई
उसे दे ख ले तो उसे अटपटा ना महसू स हो।
लु फासा दरवाजे के रा ते से अं द र आ गया। सामने एक गै ल री जा
रही थी। लु फासा उस गै ल री म आगे क ओर चल दया।
3-4 गिलय को पार करने के बाद जै से ही वह आगे बढ़ने चला, उसे
सामने के मोड़ से कसी के आने क आवाज सु नाई दी।
लु फासा तु रं त बगल म मौजू द एक दरवाजे के अं द र चला गया। वह
कमरा अं द र से बाक जहाज क अपे ा थोड़ा ठं डा था।
वह कमरा कसी टोर म क भां ित तीत हो रहा था।
तभी लु फासा के नाक से एक अजीब सी गं ध टकरायी, जो अ छी तो
हरिगज ना थी।
लु फासा ने उस गं ध क दशा म दे खा। उसे पॉलीिथन म बं द कसी
लड़क क लाश दखाई दी।
नामल कं डीशन म तो लु फासा उधर नह जाता, पर अभी वह इस
जहाज पर लाश ही तो ले ने आया था।
लु फासा ने पहले कमरे पर एक नजर मारी और सामने दख रही,
िखड़क को खोल दया।
ठं डी हवा का एक झ का उसके चे ह रे से टकराया।
बाहर दूर -दूर तक अं धे रा दखाई दे रहा था। उसने तु रं त अपनी
कमर पर बं धा एक लाल रं ग का कपड़ा उस िखड़क पर पहचान के िलये
बां ध दया।
“शायद यह वह कमरा है जहां पर लाश रखी जाती ह।" लु फासा
बु द बु दाया- “ क मत से म िब कु ल सही जगह पर प ंचा ं। पर सनू रा तो
बोट के साथ दूस री दशा म है"
फर लु फासा ने वहां मौजू द एक कालीन म लॉरे न क लाश लपे टी
और उसे कं धे पर उठाकर िजस दशा से आया था, उसी दशा म चल
दया।
लु फासा दबे कदम से चलने क कोिशश कर रहा था।
तभी गै ल री के दूस रे कनारे पर, 2 इं सान दखाई दये । लु फासा यह
दे ख क गया।
तभी उसे एक कड़कदार आवाज सु नाई दी- “कौन है वहां ? क
जाओ .... क जाओ, वरना गोली मार दूंगा।"
यह आवाज सु न ते ही लु फासा ते जी से एक दशा क ओर भागा।
उसको भागते दे ख लारा व सु य श ते जी से उस साये के पीछे भागे ।
“म कहता ं क जाओ।" लारा के दहाड़ते ए श द से पू री गै ल री
थरा सी गयी- “वरना म गोली चला दूंगा।"
लारा क दूस री धमक से भी लु फासा क गित म कोई अं त र नह
आया। वह अभी भी िनरं त र भागता जा रहा था।
लु फासा क पीड इतनी ते ज थी क पीछे से आ रहे लारा को गोली
चलाने का भी समय नह िमल पा रहा था।
तभी लु फासा को सामने सी ढ़यां दखाई दी। वह ते जी से सी ढ़य
को पार कर सामने लगे दरवाजे से बाहर िनकल गया।
दरवाजे के दूस री ओर एक डे क था। वहां पर एक बू ढ़ा आदमी खड़ा
िसगरे ट पी रहा था, जो क अलबट था।
लु फासा को भागते दे ख अलबट लु फासा क ओर लपका, िजसक
वजह से अलबट क िसगरे ट वह िगर गयी।
पर इससे पहले क अलबट लु फासा को पकड़ पाता, लु फासा ने डे क
क रे लं ग पर चढ़कर लॉरे न क लाश के साथ ही पानी म छलां ग लगा दी।
‘छपाक’ क ते ज आवाज के साथ लु फासा पानी म िगरा। इतनी
ऊं चाई से कू दने के बाद भी लु फासा ने लॉरे न क लाश को नह छोड़ा था।
लु फासा ने पानी म एक ते ज डु बक लगायी और पानी के अं द र ही
अं द र जहाज के दूस री ओर िनकल गया। जहां सनू रा अपनी बोट िलये
उसका इं त जार कर रही थी।
सनू रा ने लु फासा को अपनी बोट पर ख च िलया।
“ये लाश कहां से िमल गयी?" सनू रा ने लु फासा से पू छा।
“मे री क मत से वह एक कमरे म रखी थी।" लु फासा ने साँ स को
िनयं ि त करते ए कहा- “पर मने उस कमरे क िखड़क पर, पहचान के
िलये अपना लाल रं ग का कपड़ा लगा दया है। तु ह बोट को उस दशा म
ले ना पड़े गा।"
यह कहकर लु फासा ने सनू रा को एक दशा क ओर इशारा कया।
सनू रा ने बोट को उस दशा म मोड़ िलया।
सनू रा अपनी बोट को सन राइ जं ग से िचपका कर चला रही थी,
िजससे कसी क नजर बोट पर ना पड़े ।
कु छ ही दे र म सनू रा बोट को ले क र दूस री तरफ आ गयी।
लु फासा को ऊपर ऊं चाई पर लहराता आ अपना लाल कपड़ा
दखाई दे गया।
उसने सनू रा को बोट उधर ले चलने का इशारा कया।
सनू रा ने िखड़क के नीचे बोट को ले िलया। उसने बोट क पीड
सन राइ जं ग क पीड के बराबर से ट कर दी।
लु फासा ने उस हरे क ड़े को अपने पं ज म पकड़ा और बाज बन कर
जहाज क िखड़क क ओर उड़ चला।
कु छ ही दे र म लु फासा ऊपर प ंच गया। लु फासा ने फर इं सानी
प धारण कर िलया।
चूं क लु फासा का शरीर समु के पानी से अभी भी भीगा था।
इसिलये िखड़क के नीचे उसके कपड़ से कु छ पानी िनकलकर िबखर गया।
टोर म म प ंच कर लु फासा ने हरे क ड़े को टोर म के दरवाजे
के बाहर क ओर उछाल दया और वयं आकर टोर म म िछपकर बै ठ
गया। उसे पता था क हरा क ड़ा अभी कसी ना कसी को अपना िशकार
ज र बनाये गा और मरने वाले क लाश इसी टोर म म रखी जाये गी।
तभी टोर म का दरवाजा धीरे से आवाज करता आ खु ल गया
और उसम से एक साया अं द र आ गया।
उस साये को दे ख लु फासा एक बॉ स के पीछे िछप गया, पर
लु फासा क नजर अभी भी उस साये पर थी।
उस साये ने पहले उस जगह को दे खा, जहां लॉरे न क लाश रखी ई
थी, पर वहां लाश को ना पाकर वह साया एकाएक घबरा गया और टोर
म का िपछला दरवाजा खोलकर उधर से भाग गया।
उस साये के याकलाप लु फासा को समझ नह आये , पर उसने इस
पर यान नह दया।
लु फासा को वहां बै ठे -बै ठे लगभग 45 िमनट बीत गये । अब लु फासा
थोड़ा परे शान होने लगा था।
तभी दोबारा से टोर म का दरवाजा खु ला और 2 गाड, पै के ट म
बं द एक लाश को ले क र आये ।
“ या आफत है यार।" एक गाड ने दूस रे गाड से कहा- “लाश ढोने
का काम हमारे िज मे है। छीSS..... ये भी कोई काम है? "
“सही कह रहा है यार।" दूस रे गाड ने कहा।
उस मृ त गाड क लाश को उ ह ने एक टे ब ल पर िलटा दया।
तभी उनक नजर लॉरे न क लाश वाली जगह पर गयी।
“अरे लॉरे न क लाश कहां गयी?" एक गाड ने कहा- “वह तो यह
रखी थी।"
यह दे ख दोनो ही गाड ब त यादा घबरा गये और उस मृ त गाड
क लाश को वह छोड़कर कै टे न को बताने के िलये वहां से भाग गये ।
लु फासा ने यह दे ख उस मृ त गाड क लाश को उठाया और उसे पानी
म फक दया। िजसे सनू रा ने उठाकर बोट पर रख िलया।
इसके बाद लु फासा िखड़क पर चढ़ गया और िखड़क के दूस री ओर
लटककर िखड़क को बं द भी कर दया।
फर उसने वह से पानी म छलां ग लगाई और जाकर बोट म बै ठ
गया।
लु फासा ने सनू रा को बोट वहां से हटाने को बोल दया।
सनू रा ने अपनी बोट क पीड को िब कु ल धीमा कर िलया।
सन राइ जं ग उसके बगल से होता आ आगे िनकल गया।
कु छ ही दे र म लु फासा और सनू रा अराका पर प ंच गये । उ ह ने
इन दोन लाश को भी िपरािमड के बाहर रख दया।
इसके बाद थके कदम से दोन अपने महल क ओर बढ़ गये ।
◆ ◆ ◆
इ छाधारी लुफासा

आज से 5 दन पहले ..........................
4 जनवरी 2002, शु वार, 15:00, अराका ीप

अराका ीप के आसमान पर एक बाज काफ ऊं चाई पर उड़ रहा


था। उसक ते ज िनगाह अराका ीप के सामने मौजू द सन राइ जं ग नामक
पानी के जहाज पर थी।
जहाज के ऊपर से एक मोटरबोट को पानी म उतारा जा रहा था।
कु छ ही दे र म मोटरबोट म 3 लोग सवार होकर अराका क ओर
बढ़ने लगे ।
यह दे ख बाज बने लु फासा ने आसमान से एक ते ज डाइव मारी और
ते जी से समु क ओर आने लगा।
समु के पास प ंच कर लु फासा ने पानी म डु बक मारी और एक
छोटी मछली बन पानी म तै र ने लगा।
धीरे - धीरे मोटरबोट लु फासा के पास आ रही थी।
लु फासा ने पानी म एक गहरी डु बक मारी औै र अब एक
िवशालकाय ऑ टोपस का प ले िलया।
लु फासा ने पास आ रही बोट को नीचे से 2 हाथ से पकड़ िलया।
बोट को एक झटका लगा और बोट क गई। लु फासा ने बोट को
ताकत लगाते दे ख अपने 2 और हाथ का योग कर दया।
अब पानी म ब त ते ज हलचल सी होने लगी।
लु फासा ने बोट को इतनी ताकत से पकड़ रखा था क बोट आगे
जाना तो छोड़ो, वह घू म भी नह पा रही थी।
लु फासा बोट को यादा ताकत लगाते दे ख कर गु सा गया। अब वह
पू री ताकत से बोट को पकड़ ीप क ओर चल पड़ा।
लु फासा जब ीप के पास प ंचा तो उसे पानी के अं द र हरे क ड़ का
एक ब त बड़ा झु ड नजर आया।
यह दे ख लु फासा ने अपने शरीर को एक जगह पर रोक दया,
िजससे बोट को एक ब त ही भयं क र झटका लगा।
अचानक लगे इस ते ज झटके से दोन गाड उछलकर समु म जा
िगरे ।
मोटर बोट अब क गयी थी।
तभी पानी म िगरे दोन गाड पर हरे क ड़ ने हमला कर दया और
उ ह पानी के अं द र ही अं द र घसीट कर उड़नत तरी क ओर बढ़े ।
अब लु फासा ने एक िवशालकाय हरे क ड़े का प िलया और बोट के
िब कु ल पास आकर लारा को पानी के अं द र से घू र कर दे खा।
लारा वॉक -टॉक से ट पर सु य श से बात कर रहा था।
“कै टन मोटरबोट पु नः क गयी है .....। पर मे रे दोन गाड झटका
लगने क वजह से समु म िगर गए ह ....... म भी ब त मु ि कल से
िगरते - िगरते बचा ं। ...... सर वह दोन गाड मु झे पानी म नजर नह आ
रहे ह ....... पर .....यह .... या? ..... ये पानी म .....हरा रं ग .... नह
...नह ...... यह ....कै से .....हो सकता है? ये दोन आं ख ...... खटाक .....
।"
जै से ही लारा क नजर हरा क ड़ा बने लु फासा क आँ ख पर गयी।
लु फासा ने पानी के नीचे से लारा को बोट को एक जोरदार ट र मारी,
िजसके कारण लारा क बोट पानी म डू ब गयी।
लारा के पानी म िगरते ही हरे क ड़ ने लारा को चीखने भर का भी
मौका नह दया और लारा को ख चकर उड़नत तरी क ओर बढ़ गये ।
लु फासा अब अपने महल म वापस आ गया, पर अब हर घटना के
बाद वह िवचिलत होने लगा था।
जै से तै से लु फासा ने अपनी रात िबताई।
अगले दन लु फासा ने सु ब ह ही सु ब ह सनू रा को बु ला िलया।
इस समय सनू रा लु फासा के सामने एक कु स पर बै ठी थी।
लु फासा ने सबसे पहले सनू रा को िपरािमड के अं द र घटने वाली
घटना के बारे म सबकु छ बता दया।
िपरािमड क घटना सु न सनू रा हैरान रह गयी।
“इसका मतलब हमारा सोचना सही था।" सनू रा ने लु फासा को
दे ख ते ए कहा- “मां ि क कु छ ना कु छ तो गड़बड़ अव य कर रहे ह? मु झे
लगता है क अब हम पहले एक बार दे वी शलाका को भी जां च ले ना
चािहये । उससे हम और स यता का पता चल जाये गा।"
“तु म सही कह रही हो, अब हम दे वी शलाका बनी उस यु व ती का
भी रह य पता लगाना होगा।" लु फासा ने कहा और उठकर खड़ा हो गया।
कु छ ही दे र म वह दोनो उसी गु फा म प ंच गये , जहां से 3 रा ते
जाते थे ।
“हम बां ये वाले रा ते पर चलना होगा, सीधा वाला रा ता दे वी
शलाका के कमरे तक जाता है, जब क ये बां या वाला रा ता, उनके महल
के बाहर क ओर जाता है। " लु फासा ने सनू रा से कहा और सनू रा को ले क र
बां ये वाले रा ते क ओर मु ड़ गया।
कु छ ही दे र म वह आकृ ित के महल के सामने बने एक पे ड़ के
झु र मु ट के बीच थे ।
“अब हम अपना प प रव तत कर ले ना चािहये । " लु फासा ने कहा-
“तु म िसफ िब ली का प धारण कर सकती हो, इसिलये म चू हा बन
जाता ं। पर यान रहे, गलती से कह मु झे मार मत दे ना, नह तो म फर
जीवन म कभी चू हा नह बन पाऊं गा।"
“अरे मु झे पता है इस बारे म। म भला आपको य मा ं गी।" सनू रा
ने मु कु राकर कहा और फर ह ठ ही ह ठ म कु छ बु द बु दाया।
कु छ ही दे र म सनू रा िब ली बन गयी।
लु फासा ने भी चू हे का प धारण कर िलया।
अब लु फासा चू हा बनकर आकृ ित के कमरे क ओर भागा। सनू रा भी
उसके पीछे - पीछे थी।
कमरे म आकृ ित रोजर को कु छ समझा रही थी।
लु फासा और सनू रा भागते ए कमरे म िव ए।
आकृ ित यह दे ख कर, रोजर को समझाना छोड़, चू हा और िब ली को
दे ख ने लगी।
िब ली चू हे के पीछे पड़ी थी, पर वह चू हे को पकड़ नह पा रही
थी। चू हे ने भागते ए एक राउं ड रोजर का मारा और फर िब ली से
बचते ए वापस दरवाजे से बाहर क ओर भाग गया।
िब ली भी चू हे के पीछे - पीछे बाहर िनकल गयी।
आकृ ित के कमरे से िनकलकर चू हा, िब ली दूर पे ड़ के झु र मु ट क
ओर भागे ।
पे ड़ के बीच प ंच कर लु फासा और सनू रा फर से इं सानी प म आ
गये ।
“दे वी शलाका के पास खड़ा, वह इं सान कौन था? और वह अदृ य
दीवार के रहते सीनोर पर आया कहां से ? " लु फासा के श द म आ य
भरा था।
“और वह दे वी शलाका के पास या कर रहा था?" सनू रा ने भी
आ य कया।
“मु झे तो लगता है क दे वी शलाका, मां ि क से भी कु छ िछपा रह
ह? य क मु झे नह लगता क मां ि क को उस इं सान के बारे म कु छ भी
पता होगा?" लु फासा ने कहा- “ या हम मां ि क को उस इं सान के बारे म
बता दे ना चािहये ? "
“नह ... कभी नह ।" सनू रा ने कहा- “अगर दे वी शलाका और
मां ि क दोनो ही हमसे कु छ िछपा रहे ह, तो हम भी उनको कु छ नह
बताना चािहये और उन दोन पर नजर रखते ए ऐसे वहार करना
चािहये , जै से क हम कु छ पता ही ना हो। फर भिव य म जै सा उिचत
लगे गा, वै सा ही करगे । "
“ठीक है। फर म अभी जाकर जरा सन राइ जं ग को दे ख लूं । य क
मने कु छ हरे क ड़ को सन राइ जं ग से लाश लाने भे जा था। तब तक तु म
िजस तरह सं भ व हो, दे वी शलाका और मां ि क पर नजर रखो और कोई
भी रह यमयी चीज दे ख ते ही मु झे सू िचत करो।" लु फासा ने कहा।
सनू रा ने िसर िहलाकर लु फासा क बात का समथन कया।
लु फासा ने अब बाज का प धारण कया और सन राइ जं ग क ओर
चल पड़ा।
ीप से कु छ आगे जाते ही लु फासा को हरे क ड़े , एक बू ढ़ी ी को
ले क र उड़नत तरी क ओर जाते दखाई दये ।
वह ी मा रया थी। अलबट क पि मा रया।
तभी एक गड़गड़ाहट क आवाज ने लु फासा का यान आसमान क
ओर कर दया।
लु फासा को आसमान पर उड़ता आ एक हेलीकॉ टर दखाई दया।
लु फासा क नजर अब क ड़ को छोड़ आसमान क ओर थ । तभी
उसे वह हेलीकॉ टर ीप से दूर जाता आ दखाई दया।
लु फासा कु छ दे र तक हेलीकॉ टर को दे ख ता रहा। तभी लु फासा को
ीप के कनारे से ब त ते ज तरं ग िनकलती दखा द , जो समु म दूर
तक चली गय ।
“मु झे अराका के बारे म लगभग सब कु छ पता है, पर म आज तक
यह नह समझ पाया क इस ीप को पानी पर चलाता कौन है? और ीप
से जो तरं ग िनकलती ह, उसे कौन छोड़ता है? " लु फासा मन ही मन
बु द बु दाया- “हो सकता है, यह भी मां ि क का कोई मायाजाल हो?"
लु फासा का अब वह हेलीकॉ टर हवा म लहराते ए दखाई दया।
लु फासा समझ गया क अब वह हेलीकॉ टर ै श होने वाला है।
हेलीकॉ टर का चालक हेलीकॉ टर को नीचे उतारने क कोिशश कर
रहा था। हेलीकॉ टर आसमान म कसी परकटे प ी क तरह डोल रहा
था।
थोड़ी दे र के बाद उस हेलीकॉ टर के चालक ने हेलीकॉ टर का बै ल स
बनाकर उसे पानी पर उतार िलया।
लु फासा अभी भी बाज के प म आसमान म था और उसक तीखी
िनगाह हेलीकॉ टर क ओर थ ।
लु फासा के दे ख ते ही दे ख ते वह हेलीकॉ टर एक बोट म प रव तत
हो गयी।
अब वह बोट अराका ीप क ओर बढ़ने लगी।
यह दे ख लु फासा ने अपने दाँ त को भ चा और आसमान से पानी म
एक डु बक मारी।
डु बक मारते ही लु फासा ने अपने आप को एक िवशालकाय हेल
मछली म प रव तत कर िलया।
अब वह उस बोट के िब कु ल पीछे था।
लु फासा ने िबना कोई आवाज कये पानी म एक जबरद त गोता
लगाया, िजससे समु का पानी बोट के पीछे लगभग 50 फु ट तक ऊपर उठ
गया और इतनी ऊं चाई से वह पू रा पानी एक लहर बनकर, ब त ते जी से
बोट पर आकर िगरा।
ते ज आवाज के साथ ोम क बोट पू री तरह टू ट कर िबखर गयी।
तभी लु फासा को कु छ हरे क ड़े ोम क ओर बढ़ते दखाई दये ।
लु फासा समझ गया क अब हरे क ड़े ोम को िनपटा दगे । इसिलये
वह अब सन राइ जं ग क ओर बढ़ने लगा।
अब उसे सन राइ जं ग दखाई दे ने लगा था।
तभी उसे सन राइ जं ग क डे क पर कु छ लोग खड़े ए दखाई दये ।
अचानक से उन लोग ने पानी म गोिलयां चलानी शु कर द ।
“तड़ ... तड़ ..... तड़ ..... तड़ ..... तड़ .....।"
गोिलय क आवाज उस शां त वातावरण म ब त दूर तक गूं ज रह
थ।
लु फासा क नजर गोिलय क दशा म गयी। उसने दे खा क शाक
का एक झु ड सन राइ जं ग क ओर बढ़ रहा था और सन राइ जं ग के डे क
पर खड़े कु छ लोग उन शाक पर गोिलयां चला रहे थे ।
लु फासा ने तु रं त हेल क जगह एक िवशालकाय ऑ टोपस का प
िलया और पानी के नीचे ही नीचे सन राइ जं ग क ओर बढ़ने लगा।
कु छ ही दे र म लु फासा को पानी के अं द र इधर-उधर गोिलयां आती
दखाई दे ने लग ।
लु फासा के आसपास शाक का झु ढ बढ़ता जा रहा था। शायद कु छ
शाक को गोिलयां भी लग गयी थ , य क लु फासा को पानी म िबखरा
कु छ खू न भी दख रहा था।
अ छा आ क लु फासा ने इतने िवशालकाय जीव का प िलया था,
नह तो इन शाक ने लु फासा को िमनट म चट् कर जाना था।
तभी लु फासा को पानी म िगरा एक इं सान दखाई दया, जो क
लोथार था।
सभी शाक अब घे रा बनाकर, ते जी से लोथार क ओर बढ़ने लग ।
यह दे ख लु फासा बीच म आ गया। चूं क लु फासा ऑ टोपस बना
पानी क गहराई म था। इसिलये सन राइ जं ग के लोग को वह दखाई
नह दे रहा था।
पर पानी म मौजू द शाक को वह िवशालकाय ऑ टोपस दखाई दे
गया था। इसिलये वह लोथार से 15 फु ट क दूरी पर ही क गय ।
यह दे ख कर सन राइ जं ग पर खड़े लोग ने र सी के ारा लोथार को
ख चना शु कर दया।
लोथार अब ते जी से सन राइ जं ग क ओर जाने लगा।
लु फासा ने यह दे ख ऑ टोपस के 2 हाथ से लोथार के दोन पै र
पकड़ िलये िजसक वजह से र सी एक जोरदार झटके से खं च ना बं द हो
गई।
अचानक लोथार को पानी के नीचे कसी िवशाल जीव के होने का
अहसास आ। लोथार के चे ह रे के भाव दहशत म प रव तत हो गए।
सन राइ जं ग पर खड़े लोग को भी यह एहसास हो गया था क
पानी के नीचे कु छ तो है, शाक अपने आप नह क थ ।
ले कन इससे पहले क कोई कु छ समझ पाता, लु फासा ने पू री ताकत
से लोथार को पानी के अं द र ख चा।
‘गु लु प ’ क आवाज के साथ लोथार पानी म समा गया।
चूं क लोथार ने र सी छू ट जाने के डर से , अपने हाथ म कसकर
फं सा रखी थी, इसिलए वह र सी भी ते जी से पानी म खं च ती चली गई।
अब ऑ टोपस बना लु फासा लोथार को पकड़ अराका ीप क ओर
चल दया।
◆ ◆ ◆
चैपटर-9
ूनो के पंख

9 जनवरी 2002, बुधवार, 09:30, मायावन, अराका ीप

त म डन के डरावने सपने ने कसी को भी ठीक से सोने नह


रा दया। इसिलये सुबह सभी के उठने म थोड़ा देर हो गया था।
सभी ने े श होकर थोड़ा-थोड़ा खाना खा िलया था।
शै फाली चलती ई डन के पास प ंच कर बोली- “ डन अं क ल,
अब आप कै सा महसू स कर रहे ह?"
“अब बे ह तर महसू स कर रहा ं। " डन ने मु कु राते ए कहा-
“कल रात सच म म काफ डर गया था। म अपनी पू री जं द गी म इतना
कभी नह डरा।"
“कोई बात नह अं क ल ... वै से भी यह जं ग ल इतना िविच है क
यहां पर कोई भी आदमी डर सकता है। " शै फाली ने कहा- “वै से अं क ल,
जब आप रात म उठ गये थे , तो आपने कसी को जगाया य नह ?"
“म कसी को परे शान नह करना चाहता था।" डन ने शै फाली का
शु या अदा करते ए कहा- “पर मु झ से इतनी बात करने के िलये
ध यवाद। तु म से बात करके मु झे थोड़ा अ छा महसू स हो रहा है। "
“ या सब लोग तै यार ह आगे चलने के िलये ? " सु य श ने सभी को
दे ख ते ए पू छा।
“यस कै टे न ।" सभी के मुं ह से समवे त वर िनकला।
“कै टे न ।" तौफ क ने जमीन से खड़े होते ए कहा- “म आप लोग
को एक सु झाव दे ना चाहता ं। "
यह सु न कर सभी तौफ क क ओर दे ख ने लगे ।
“कै टे न , मने यह यान दया है क ू नो नयनतारा पे ड़ के पास
शै फाली को बचाने के बजाय वहां आराम से बै ठ गया था। शायद उसे पता
था क वह पे ड़ शै फाली को कोई नु क सान नह प ंचाये गा। उस समय ू नो
पे ड़ के काफ पास भी था, पर पे ड़ ने उसे कु छ नह कहा। ठीक वै से ही जब
आपको उस आदमखोर पे ड़ ने अपनी िगर त ले िलया था, तब भी ू नो
उस पे ड़ को काट रहा था, पर उस पे ड़ ने भी ू नो को कु छ नह कहा। तो
मे रा ये कहने का मतलब है क ू नो यहां के खतरे को भली-भां ित पहचान
रहा है और यहां के पे ड़ भी ू नो को नु क सान नह प ंचा रहे ह। तो य
ना हम जं ग ल म चलते समय ू नो को सबसे आगे रख। ू नो जहां भी
खतरा दे खे गा, हम उस दशा म ले ही नह जाये गा।"
“म िम टर तौफ क क बात से पू ण प से सहमत ं। " अलबट ने
तौफ क क बात का समथन करते ए कहा।
बाक सभी को भी तौफ क क बात सही लग । इसिलये अब चलते
समय ू नो को आगे कर िलया गया।
सभी फर से जं ग ल क ओर चल दये ।
ू नो धीरे - धीरे सूं घ कर आगे बढ़ रहा था। कभी-कभी वह कु छ
सूं घ कर अपना रा ता भी बदल दे ता।
इस तरह सभी लोग ू नो के पीछे सतकता से चल रहे थे ।
यु गाका पे ड़ के पीछे िछपता आ, बे आ वाज उनका पीछा कर रहा
था।
जब भी ू नो खतरा सूं घ कर रा ता बदलता यु गाका के चे ह रे पर
गु से के भाव आ जाते । शायद वह नह चाहता था क ू नो सबको बचाता
चले ।
धीरे - धीरे छोटे पे ड़ पीछे छू ट गये । अब रा ते म ऊं चे दे व दार सरीखे
वृ दखाई दे ने लगे थे ।
ू नो ने एक नजर उन पे ड़ पर मारी और उन पे ड़ के बीच बने
पगडं डी वाले रा ते पर चल दया।
मौसम शां त था। आज यादा हवा भी नह चल रही थी। फर भी
मौसम म गम तीत नह हो रही थी।
इन सभी का पीछा कर रहे यु गाका क नजर, इस समय उन दे व दार
सरीखे वृ क ओर थी।
अचानक यु गाका के ह ठ गोल ए और उसम से एक अजीब सी
सरसराहट िनकली। जो वातावरण म गूं ज गयी।
चूं क वह सरसराहट पे ड़ क विन जै सी तीत हो रही थी,
इसिलये कसी का भी यान उधर नह गया।
तभी दे व दार के वृ भी ठीक उसी तरह सरसराने लगे जै सी विन
यु गाका के मुं ह से िनकली थी। अब वह वृ िहलने भी लगे थे ।
उन दे व दार सरीखे वृ पर बे र के समान छोटे फल लगे थे ।
“हवा तो चल भी नह रही है, फर यह वृ अचानक कै से िहलने
लगे ? " अलबट ने दे व दार के वृ क ओर दे ख ते ए कहा।
“कह कोई नया खतरा तो नह ?" सु य श ने सबको सावधान करते
ए कहा।
तभी ऐमू िवचिलत होकर जोर-जोर से अपने पं ख फड़फड़ाने लगा।
अब ू नो के कान भी खड़े हो गये । वह बार-बार अपने कान उठाकर
कु छ सु न ने क कोिशश करने लगा।
तभी एक दे व दार के वृ से एक बे र पी फल टू टा और ू नो के िसर
पर आकर िगर गया।
फल के िसर पर लगते ही ू नो ‘कूं -कूं ’ करता आ, वह जमीन पर
िगर पड़ा।
यह दे ख शै फाली भागकर ू नो के पास प ंच गयी।
ू नो का कराहना अब बढ़ता जा रहा था। कसी क समझ म नह
आया क या आ?
सभी आ य से इधर-उधर दे ख रहे थे ।
“मने इनम से कसी पे ड़ से एक बे र के समान फल को ू नो के िसर
के ऊपर िगरते दे खा था।" टी ने सभी को बताया।
तभी सु य श क नजर कु छ दूर पड़े उस बे र जै से फल क ओर गयी।
सु य श ने उसे उठाने के िलये अपना हाथ आगे बढ़ाया, पर अलबट ने उसे
िसर िहलाकर उठाने से रोक दया।
ू नो का तड़पना अभी भी जारी था।
ू नो क यह हालत दे ख कर शै फाली क आँ ख से अब झर-झर आँ सू
बह रहे थे ।
तभी अचानक ू नो के पीठ क खाल ‘चट् - चट् ’ क आवाज करके
फटना शु हो गयी।
यह दे ख सु य श ने ू नो के पास बै ठी शै फाली को ते जी से पीछे ख च
िलया।
अब वहां बै ठे सभी लोग डरकर ू नो से दूर हो गये ।
तभी ू नो क फटी ई खाल से 2 िवशालकाय पं ख िनकलने लगे ।
अब शै फाली भी रोना छोड़कर यान से इस पू री घटना को दे ख ने लगी थी।
कु छ ही दे र म ू नो के पं ख पू ण िवकिसत हो गये । अब ू नो ने
कराहना बं द कर दया।
ू नो उठकर अब शै फाली को घू र ने लगा। उसे इस कार हंस क
भाव से घू र ते दे ख डन ने शै फाली को अपने पीछे कर, अपनी जे ब से चाकू
िनकाल िलया।
ऐमू भी ू नो को इस कार बदलते दे ख घबराकर सु य श के कं धे पर
आ बै ठा।
सभी क नजर ू नो पर थ । कसी भी पल कु छ भी हो सकता था।
तभी ू नो जोर से गु राया और अपने पं ख फड़फड़ाकर आसमान म
उड़कर सबक नजर से ओझल हो गया।
सभी के चे ह रे पर घोर आ य के भाव आ गये , िसवाय यु गाका को
छोड़कर। यु गाका क आँ ख म अब एक रह यमयी मु कान थी।
ू नो के गायब हो जाने का सबसे बड़ा सदमा शै फाली को लगा। वह
यह झटका नह झे ल पायी और जोर-जोर से रोने लगी।
सु य श और अलबट शै फाली को चु प कराने लगे ।
तभी ऐमू सु य श के कं धे से उड़ा और शै फाली के पास जाकर जोर-
जोर से हंस ने लगा- “हाऽऽऽ हाऽऽऽऽ हाऽऽऽ! सभी ऐमू को उ लू बनाते थे ,
पर अब कु ा उ लू बन गया। .... कु ा उ लू बन गया .... उ लू बनकर
उड़ गया। ऐमू बच गया .... ऐमू का दो त बच गया।"
यह सु न ते ही शै फाली को ब त ते ज गु सा आया।
शै फाली ने ऐमू को घू र कर दे खा और उसके ऊपर झपट पड़ी- “म
इस गं दे तोते को जान से मार डालूं गी। इसके सारे पं ख न च लूं गी।"
ऐमू यह दे ख कर सु य श क ओर भागा- “ऐमू के दो त ... ऐमू को
बचाओ ... यह गं दे कु े वाली गं दी लड़क ऐमू को मार डाले गी।"
सु य श ने तु रं त आगे बढ़कर शै फाली को रोक िलया।
उसने झु क कर शै फाली के आँ सू प छे और उसक आँ ख म आँ ख
डालकर शै फाली को समझाना शु कर दया- “दे खो बे टा, शां त हो जाओ।
यह जं ग ल है ही इतनी िविच ता से भरा क हम यहां चाहकर भी कु छ
नह कर सकते । दे खो उस दन े ज लर भी मारा गया, पर हम कु छ नह
कर पाये ? आज ू नो के साथ जो भी आ, वह भी हमारी क पना से परे
था। शायद एक दन हम सब इस जं ग ल म मारे जाय। इसिलये जो चला
गया, उस पर अफसोस करने से कु छ नह होगा। और इस ऐमू क बात का
बु रा मत मानो, य क है तो यह भी ू नो क तरह का जीव ही। इसिलये
तु म इसे माफ ........... ।"
तभी सु य श शै फाली को समझाते ए अचानक से चु प हो गया और
शै फाली क नीली-नीली आँ ख म दे ख ने लगा।
उसे इस तरह से दे ख ते पाकर शै फाली भी आ य म पड़ गयी।
“ या आ कै टे न ? आप अचानक बोलते - बोलते चु प य हो गये ? "
तौफ क ने सु य श से पू छा।
“जरा मे री आँ ख म दे खो तौफ क। तु ह या नजर आ रहा है? "
सु य श ने तौफ क से सवाल के बदले सवाल ही कर िलया।
सु य श के अचानक इस तरह िवषय बदलने पर सभी को आ य आ
और वह सब सु य श क आँ ख म दे ख ने लगे ।
“आप अपनी आँ ख म या दखाना चाहते ह कै टे न ? मु झे कु छ
समझ नह आ रहा?" तौफ क ने उलझे - उलझे श द म कहा।
“तु ह इस समय मे री आँ ख म या दखाई दे रहा है? म िसफ यही
पू छ रहा ं तु म से । " सु य श ने स पस ये ट करते ए कहा।
“ य क म आपके सामने खड़ा ं इसिलये मु झे आपक आँ ख म म
वयं दखाई दे रहा ं। " तौफ क ने सपाट वर म कहा।
“अब जरा शै फाली क आँ ख म दे खो। उसक आँ ख म आपको या
दखाई दे रहा है? " सु य श ने अपने श द को रह य क चाशनी म लपे ट
कर कहा।
तौफ क ने शै फाली क आँ ख म झां का और हैरानी से भर गया-
“यह या? शै फाली क आँ ख म तो ऐमू क त वीर नजर आ रही है। "
तौफ क के श द सु न सभी के साथ-साथ शै फाली भी आ य से भर
उठी।
अब सभी बारी-बारी शै फाली क आँ ख म झां क ने लगे ।
यह दे ख शै फाली ने अपनी आँ ख को जोर से रगड़ा और एक बार
बं द करके फर से खोला।
अब शै फाली क आँ ख सामा य हो गय ।
“ ोफे सर, आपको या लगता है क या आ था शै फाली क आँ ख
को?" असलम ने अलबट से पू छा- “ य क ऐसी िविच कला के बारे म
तो हमने सु ना भी नही?"
“िब कु ल िव ास के साथ तो म भी कु छ नह कह सकता, पर म
आपको आँ ख क योरी के बारे म अव य बता सकता ं। " अलबट ने
शै फाली क ओर दे ख ते ए कहा- “दरअसल हम जब कोई व तु दे ख ते ह
तो हमारे आँ ख क रे टना से एक तरं गे िनकलकर उस व तु पर पड़ती ह
और बाद म यही तरं ग लौटकर हमारी आँ ख म वापस आ जाती ह। वापस
आयी तरं ग को आँ ख , मि त क तक भे ज दे ता है और मि त क उसे डीकोड
कर जान जाता है क हमने या चीज दे खी। कै मरे क फोटो ाफ भी कु छ
ऐसे ही िस ा त पर काय करती है। चूं क शै फाली क आँ ख भी चम कारी
तरीके से आयी थ , शायद तभी से इसक आँ ख म यह गु ण आ गया हो।
इसिलये मु झे लगता है क जब शै फाली ने घू र कर ऐमू को दे खा, उसी समय
शै फाली क आँ ख म ऐमू क त वीर छप गयी होगी।"
अलबट के श द कु छ खास कसी क समझ म नह आये , पर उनक
बात पर कसी ने कोई सवाल नह कया।
“ऐसी ही कु छ शि यां सां प म भी पायी जाती ह।" जॉनी ने शै फाली
को दे ख ते ए कहा- “मने ऐसा कई कताब म पढ़ा है। "
“आप कताब कब से पढ़ने लगे ? " जे िनथ ने मुं ह बनाते ए कहा।
“म पहले कताब पढ़ता था।" जॉनी ने अजीब से अं दाज म जे िनथ
को जवाब दया।
“बक लू ट ने के पहले यह कताब पढ़ते रहे ह गे । " टी का भी
जॉनी के ित गु सा बाहर आया।
“बहस करने का कोई फायदा नह है। " सु य श ने सबको शां त कराने
के अं दाज म कहा- “यह पे ड़ भी रह यमयी ह, इसिलये पहले हम यहां से
हट जाना चािहये । "
सभी फर से आगे बढ़ने लगे ।
◆ ◆ ◆
हंस का हमला

9 जनवरी 2002, बुधवार, 11:00, जाजटाउन वॉटर ं ट पाक, वांिशगटन डी.सी.

आज वे गा का ज म दन था।
सु ब ह से ही वे गा ब त खु श था। कल वे गा को यु गाका क तरफ से
जोिडयाक वॉच िग ट म जो िमली थी।
वे गा ने लाल रं ग क टी शट पर काले रं ग क ले द र क जै के ट पहन
रखी थी।
कपड़े पहनने के बाद वे गा ने अपने आप को शीशे म िनहारा और
कार क चाबी ले गे ट क ओर बढ़ा। तभी उसे जोिडयाक वॉच का याल
आया।
वह वापस पलटकर अं द र आया और जोिडयाक वॉच को बॉ स से
िनकालकर अपने दािहने हाथ पर पहन िलया।
कु छ ही दे र म वह कार पर सवार हो वीनस से िमलने जा रहा था।
आज मौसम ब त सु हाना था। वे गा ने कार म फु ल पीड म यू िजक
चला रखा था।
वीनस ने ‘जॉज टाउन वॉटर ं ट पाक’ के गे ट पर ही वे गा से िमलने
को कहा था।
कु छ ही दे र म वे गा ने कार को पाक क पा कग म लगा दया और
कार को लॉक कर उसक चाबी को उं गिलय म नचाता, सीटी बजाता पाक
के मु य दरवाजे क ओर चल दया।
कु छ दूरी से ही वे गा ने वीनस को गे ट पर खड़े ए दे ख िलया था।
वीनस ने भी गु लाबी रं ग क ब त सुं द र सी े स पहन रखी थी।
“ या बाऽऽऽत है बथडे वाय!" वीनस ने वे गा क तारीफ करते ए
कहा- “आज तो िब कु ल कहर ही ढा रहे हो।"
वे गा वीनस क बात को सु न कर धीरे से मु कु रा दया और वीनस
का हाथ पकड़ अं द र क ओर चल दया।
“तो कहां से शु कया जाये ? " वे गा ने वीनस क ओर दे ख ते ए
पू छा।
“पहले ‘पोटोमै क नदी’ क ओर चलते ह। आज मौसम ब त अ छा
है। ‘कायक’ चलाने म मजा आ जाये गा।" वीनस ने कहा।
‘कायक’ एक कार क ब त पतली वॉटर ा ट बोट होती है ,
िजसे च पू से चलाया जाता है । इस च पू को पै ड ल कहते ह।
“ठीक है। " वे गा ने वीनस क बात पर अपनी सहमित जताई।
दोनो पोटोमै क नदी के पास प ंच गये ।
वहां से दोन एक-एक ‘कायक’ ले क र पानी म उतर गये ।
धीरे - धीरे दोन क ‘कायक’ नदी के बीच म प ंच गयी।
पोटोमै क नदी का वह िह सा इस मौसम म ‘पं छी िवहार’ के िलये
जाना जाता था। इस मौसम म ब त से ‘टुं ा हंस ’ सु द ूर थल से यहां
िवहार करने आते थे ।
आज भी ब त से हंस नदी के चारो ओर ‘कलरव’ कर रहे थे ।
वे गा और वीनस यह नजारा दे ख कर ब त खु श हो गये ।
“ कतना सुं द र नजारा है। " वीनस ने कहा- “हंस के जोड़े , पं ख को
ओढ़े , नीले पानी म कतने खू ब सू र त लग रहे ह।"
“अरे वाह! तु म तो किवता करने लगी।" वे गा ने मु कु राते ए कहा-
“वै से ये ‘टुं ा हंस ’ ह, ये ब त ही शां त और सुं द र प ी होते ह। ये पानी म
िसर डालकर अपना भोजन ढू ं ढ ते ह।"
“अ छा! तु ह तो ब त पता है इन पं ि य के बारे म।" वीनस ने
कहा।
“सब कताब का ान है। तु म ने तो दे खा ही है लाइ े री म।" वे गा
ने वीनस को याद दलाते ए कहा।
तभी एक अके ला हंस का घू म ता आ वे गा क ‘कायक’ के पास आ
गया।
वे गा े त से हंस क खू ब सू र ती को िनहारने लगा।
तभी अचानक उस हंस क आँ ख के भाव प रव तत हो गये और
उसने अपनी च च से वे गा पर हमला कर दया।
वे गा इस अं जान पल के िलये तै यार नह था, वह हड़बड़ाकर पीछे
झु का।
िजसक वजह से वे गा का बै ल स पू री तरह से िबगड़ गया और वे गा
पोटोमै क नदी के पानी म िगर गया।
यह दे ख वीनस चीख उठी।
वे गा पानी के अं द र पू रा डू ब गया।
चूं क वे गा एक अटलां टयन था इसिलये वह पानी के अं द र भी साँ स
ले ना जानता था, पर यह बात वह वीनस से शे य र नह करना चाहता था।
इसिलये उसने अपना िसर पानी के बाहर िनकाला।
वे गा अपनी कायक से थोड़ा सा आगे आ गया था। वीनस भी अब
उससे कु छ दूरी पर थी।
वे गा पर हमला करने वाला उस हंस ने जै से ही वे गा को पानी से
बाहर िसर िनकालते दे खा, उसने फर से अपनी च च से वे गा पर हमला
कया।
यह दे ख वे गा ने पानी म एक डु बक मारी और पानी के अं द र ही
अं द र तै र कर कु छ आगे फर पानी से अपना िसर िनकाला।
हंस पानी पर बै ठ कर अपनी नजर इधर-उधर घु मा रहा था। उसने
जै से ही वे गा को दे खा, वह अपने पं ख फड़फड़ाता आ वे गा क दशा म आ
गया।
वे गा जानता था क ‘टुं ा हंस ’ के पं ख म ब त ताकत होती है,
अगर उस हंस का पं ख भी वे गा से टकरा जाता तो वे गा क हि यां टू ट
जानी थ ।
वे गा ने 2 से 3 बार अलग-अलग जगह बदल कर पानी से िनकलने
क कोिशश क , पर हर बार वह हंस वे गा को दे ख उसक ओर दौड़ पड़ता।
वे गा को समझ नह आ रहा था क हंस को या हो गया? और वह
एकदम से ऐसे य वहार करने लगा?
नदी म बो टं ग कर रहे ब त से लोग का यान, अब उ ह क ओर
था।
िविच बात यह थी क वह हंस वे गा के अलावा और कसी पर नह
झपट रहा था।
यह दे ख वे गा ने अब थोड़ी दे र पानी के नीचे रहना ही उिचत
समझा।
अब वे गा पानी क सतह से थोड़ा नीचे - नीचे तै र ने लगा, इस तरह
से उसे पानी के ऊपर का सारा नजारा साफ दख रहा था।
तभी हंस ने अपना िसर पानी के नीचे डाला और इससे पहले क
वे गा कु छ समझ पाता, वे गा के कं धे को अपनी च च से ज मी कर दया।
वे गा के कं धे से खू न क एक पतली लक र िनकल कर नदी के पानी
म िमलने लगी।
तभी वे गा क जोिडयाक वॉच से एक न हा सा कण िनकलकर वहां
के पानी म िमल गया और दे ख ते ही दे ख ते वह कण एक नीले रं ग के के कड़े
म बदल गया। नीला के कड़ा कसर रािश का तीक था।
चूं क वे गा का यान उस हंस क ओर था, इसिलये वे गा इस घटना
को दे ख नह पाया। वह अभी भी आ य से उस हंस को दे ख रहा था, जो
क पानी क सतह पर बै ठ कर वे गा को ही घू र रहा था।
तभी उस हंस ने पानी म अपनी च च दोबारा डाली, वे गा तो पानी
के अं द र एक डाइव मारकर बच गया, पर वह हंस इस बार नह बच
सका। नीले के कड़े ने हंस क च च को ते जी से पकड़ िलया।
हंस दद से कराह उठा, उसने अपने पं ज से के कड़े को हटाने क
ब त कोिशश क , पर उस नीले के कड़े ने हंस क च च को नह छोड़ा।
यह दे ख हंस ने अपने पं ख फड़फड़ाये और के कड़े सिहत आसमान म
उड़ गया।
वे गा ने यह दे ख कर राहत क साँ स ली और अपनी कायक के पास
पानी से बाहर िनकल गया।
वे गा को सही दे ख वीनस के चे ह रे पर खु शी के भाव उभरे ।
“लगता है तु म ने कभी कसी हंस नी को छे ड़ दया था, जो यह हंस
पागल होकर तु म से बदला ले ने आया था?" वीनस ने हंस ते ए वे गा को
छे ड़ा।
“मने तु ह कब छे ड़ा?" वे गा ने वीनस को आँ ख मारते ए कहा।
“मु झे छे ड़ ने क सोचना भी नह ।" वीनस ने वे गा को यार भरी
चे तावनी दी।
तभी छपाक क आवाज के साथ नीला के कड़ा आसमान से पानी म
िगरा।
“लो आ गया तु हारा भाई, तु ह बचाकर अपने घर म।" वीनस ने
पानी म के कड़े को िगरते दे ख कहा- “ म आसमान क सै र भी कर
आया।"
वे गा का आधा शरीर अभी भी पानी के अं द र था। तभी कु छ दूरी पर
वे गा को पानी म हलचल होती दखाई दी।
एक से के ड से भी कम समय म वे गा ने पानी से िनकली शाक क
पूं छ दे ख ली। उसने जोर से चीखकर वीनस को खतरे से आगाह कया-
“वीनस ... भागो यहां से ... शाक आ रही है यहां पर।"
तभी बाक बो टं ग कर रहे लोग को भी उस शाक क पूं छ दखाई दे
गयी।
शाक को दे ख सब तरफ अफरा तफरी मच गयी।
वे गा पानी से छलां ग लगा कर तु रं त अपनी कायक म बै ठा और
कायक को ते जी से कनारे क ओर ले क र जाने लगा।
वीनस ने भी अपनी कायक को कनारे क तरफ चलाना शु कर
दया।
वे गा के कं धे से अभी भी खू न क बूं द पानी म िगर रह थ ।
तभी शाक ने अपना शरीर पानी के बाहर िनकाला, वह एक ‘बु ल
शाक’ थी। शायद वह एक ‘फ मे ल बु ल शाक’ थी, य क उसक लं बाई
11 फु ट के पास दख रही थी।
उस शाक ने दूर से वे गा को दे खा और उसक ओर झपटी।
“शायद यह ‘बु ल शाक’ समु के रा ते नदी म आयी है, कनारा तो
अभी काफ दूर है। कै से बचूं म इस शाक से ? " वे गा बड़बड़ाते ये ते जी से
अपना दमाग चला रहा था।
शाक अब वे गा के िब कु ल नजदीक आ गयी थी।
तभी पानी म िगरे के कड़ा दूस री रािश ‘मीन’ म प रव तत होकर
एक ‘टाइगर शाक’ म बदल गया।
उधर बु ल शाक ने वे गा के कायक को एक ते ज ट र मारी।
वे गा क कायक पू री क पू री हवा म उछल गयी। वे गा ने कायक के
उछलते ही पानी म छलां ग लगा दी और एक शि शाली डाइव पानी के
अं द र मारी।
पोटोमै क नदी के अं द र पानी का बहाव यादा ते ज था।
पानी को काटते ए वे गा का शरीर नदी क तली क ओर जाने
लगा।
बु ल शाक भी वे गा के पीछे - पीछे लपक ।
पानी क तली म जाकर वे गा ने अपने चारो ओर नजर दौड़ा , पर
पानी म प थर के िसवा उसे ऐसा कु छ नजर नह आया िजससे वह इस
बु ल शाक से बच पाता।
अब वे गा को मुं ह फाड़े वह बु ल शाक अपनी ओर आती ई दखाई
दी।
ले कन इससे पहले क वे गा अपने बचाव म कु छ और सोच पाता,
वे गा और बु ल शाक के बीच टाइगर शाक आ गयी।
टाइगर शाक साइज म बु ल शाक से भी यादा बड़ी थी।
टाइगर शाक को दे ख कर बु ल शाक घबरा गयी, पर इससे पहले क
वह भाग पाती, टाइगर शाक ने बु ल शाक पर आ मण कर दया।
वे गा ने टाइगर शाक को दे ख भगवान को ध यवाद दया और तु रं त
पानी से अपना िसर िनकालकर कनारे क ओर तै र ने लगा।
उसे डर था क कह बु ल शाक को मारकर टाइगर शाक उसके पीछे
ना पड़ जाये ।
वीनस ने वे गा को तै र कर कनारे क तरफ आते दे ख िलया था, वह
अब िच ला कर वे गा को ज दी आने को कह रही थी।
नदी के पानी के अं द र घमासान यु हो रहा था िजसक वजह से
पानी काफ उछल रहा था।
थोड़ी ही दे र म वे गा कनारे पर प ंच गया। वे गा को सलामत दे ख
वीनस उसके गले से लग गयी।
कनारे पर खड़े सभी लोग ने ताली बजाकर वे गा का वागत कया
और करते भी य ना आिखर उसने मौत को जो मात दी थी, य क
कसी ने भी टाइगर शाक को नह दे खा था।
उधर टाइगर शाक ने बु ल शाक को मार दया और फर से एक छोटे
कण म प रव तत होकर पाने से बाहर आ गयी।
वह एक कण इतना न हा था क वै से भी कसी को नजर नह आना
था।
वह कण वापस वे गा क जोिडयाक वॉच म समा गया था।
उधर कनारे पर खड़े एक आदमी ने वे गा को एक तौिलया
पकड़ाकर च जं ग म क ओर जाने का इशारा कया।
वे गा दूस रे कपड़े तो लाया नह था, पर च जं ग म म जाकर उसने
ायर म अपनी ज स, टी शट और अं ड र गामट को सु खा कर फर से पहन
िलया।
भीगी ई जै के ट को उसने ऐसे ही एक पै के ट म रख िलया।
वे गा अब बाहर िनकलकर वीनस के पास आ गया।
तभी एक इं सान फ ट एड कट ले क र वहां आ गया। उसने वे गा के
कं धे क े सं ग कर दी।
“बाल-बाल बचे आज तु म ।" वीनस ने कहा- “एक साथ 2-2 खतरे
म थे तु म ।"
“पानी ब त ठं डा था। चलो चलकर कॉफ पीते ह।" वे गा ने यादा
बात ना करते ए टॉिपक को बदल दया।
वीनस ने एक बार अजीब सी िनगाह से वे गा को दे खा और फर
वे गा के साथ कॉफ शॉप क ओर चल दी।
कॉफ शॉप के अं द र यादा भीड़ नह थी, फर भी दोन कॉफ का
आडर दे क र बाहर रखी टे ब ल के पास बै ठ गये ।
थोड़ी ही दे र म वे ट र उनक बताई कॉफ उ ह सव करके चला गया।
“तु ह या लगता है वे गा? अचानक से यह हंस और बु ल शाक ने
तु म पर हमला य कर दया?" वीनस ने कॉफ का घूं ट भरते ए वे गा से
पू छा।
“टुं ा हंस वै से तो काफ शां त होता है, पर वह अपने साथी को
खतरे म दे ख कर ब त उ हो जाता है। " वे गा ने वीनस क आँ ख म दे ख ते
ए कहा- “मने दे खा वो हंस अके ला था। हो सकता है क मे रे जै से दखने
वाले कसी इं सान क वजह से उसका साथी मर गया हो और मु झ पर वो
हंस , वही इं सान समझकर हमला कर दया हो। अब रही बात बु ल शाक
क , तो यह नदी आगे जाकर समु से िमलती है। िजसक वजह से अ सर
इस नदी म समु से शाक आ ही जाती ह। मने कई बार यू ज म दे खा था
क बु ल शाक को पोटोमै क नदी म पहले भी दे खा गया है। हो सकता है क
मे रे कं धे से बहते खू न क गं ध सूं घ कर बु ल शाक यहां आ गयी हो?"
“शायद तु म ठीक कह रहे हो।" वीनस ने यार जताते ए कहा-
“पर अगर आज तु ह कु छ हो जाता तो म तो जीते जी ही मर जाती।"
“इतना यार करती हो मु झ से ? " वे गा ने वीनस को यार से दे ख ते
ए कहा।
“अरे नह रे .... तु हारे मरने के बाद मु झे इतनी बड़ी-बड़ी पाट
कौन दे गा और इस इं जायमट के िबना जं दा रहने का या मतलब है? "
वीनस ने टॉिपक चज कर वे गा को छे ड़ा।
“अ छा तो तु म मे रे से नह बि क मे री पा टय से यार करती हो।"
वे गा ने वीनस का कान पकड़ कर जोर से ख चा।
वे गा और वीनस क न क-झ क से , इतने बड़ी दुघ टना के बाद भी
माहौल फर से एक बार खु श नु मा हो गया।
कॉफ ख म कर वे गा ने कॉफ का पे म ट कया और वीनस को ले क र
एक दशा क ओर चल दया।
◆ ◆ ◆
ितिल मा का िनमाण

आज से 4 दन पहले ..........................
5 जनवरी 2002, शिनवार, 14:00, सामरा रा य का समु तट, अराका ीप

ोम को होश आ गया।
सू र ज िब कु ल िसर पर चमक रहा था। ोम ने एक बार अपनी
आँ ख खोल , फर ते ज रोशनी क वजह से वापस बं द कर ली।
ोम ने पहले अपनी आँ ख को दोन हाथ से रगड़ा और फर धीरे -
धीरे उसे खोल दया।
वह इस समय समु के कनारे पानी पर पड़ा था।
लहर बार-बार आकर उसके शरीर को चू म रह थ , िजसक वजह
से उसके कपड़े अभी भी गीले थे ।
समु क लहर के उसके शरीर पर टकराने क वजह से उसके
कपड़ म काफ यादा रे त लगी ई थी।
ोम धीरे से खड़ा आ और अपने शरीर पर लगी रे त को अपने
हाथ से झाड़कर साफ करने लगा।
कपड़े पर लगी रे त साफ करके ोम ने पहले एक नजर समु क
लहर पर मारी और फर उस रह यमय ीप पर मौजू द जं ग ल क ओर
दे खा।
ोम ने एक गहरी साँ स ली और फर अपने सफर के बारे म याद
करना शु कर दया क कै से कसी ने असलम को मारकर झरने म फक
दया था। फर कु छ दन बाद असलम ने यू याक बं द रगाह पर आकर
ि मथ के सामने अपने बारे म बताया, िजसक वजह से ोम हेलीकॉ टर
के ारा बारामू डा ि कोण के रह यमय े म प ंचा। फर जब धुं ध ने
उसका हेलीकॉ टर खराब कर दया, तो उसने हेलीकॉ टर को पानी पर
उतारकर बोट बना िलया। तभी उसे एक सु न हरी रोशनी दखाई दी। जब
उसका यान रोशनी क ओर था, तभी पीछे से समु क लहर अचाानक
ऊपर उठ और उसक बोट पर आकर िगर गय । बोट टू ट गयी, पर ोम
ने समय रहते पानी म छलां ग लगा कर अपनी जान बचा ली। पानी म
गोता लगाते ही उसे पानी के अं द र एक चमक ली रोशनी िबखे र ती
उड़नत तरी दखाई दी। यह दे ख उस पर बे होशी सी छा गयी।
बे होश होने के पहले उसने िसफ इतना दे खा क वह एक सु न हरे
मानव के हाथ म है।
“बड़ा ही अजीब और रह यमयी े है यह तो।" ोम मन ही मन
बु द बु दाया- “पता नह कौन था वह सु न हरा मानव? िजसने मु झे बचाया।
यह तो अ छा आ क म इस ीप के पास था, वरना मु झे समुं द र क
लहर म खो जाना था।"
अब ोम क नजर अपनी अपनी बे ट म फं से एक बै ग क ओर
गयी। उसने बै ग से सारा सामान िनकालकर वह जमीन पर िबखे र दया
और उसे चे क करने लगा।
बै ग म ज रत का वह सारा सामान था जो दुघ टना के पहले ही
ोम ने अपने पास रख िलया था।
बै ग म एक वॉटर ू फ रवॅा वर, उसक कु छ गोिलयां , एक धारदार
बड़ा चाकू , एक लाइटर, एक शि शाली पिसल टाच, पतली मगर बे ह द
मजबू त नायलोन क र सी, एक छोटा क पास, एक छोटी मगर
शि शाली दूर बीन, एक नोटबु क और एक बॉल पे न था।
ोम ने सबकु छ चे क करने के बाद वापस अपने बै ग म डाल िलया।
ोम ने खड़े होकर एक बार फर उस रह यमयी ीप क ओर
दे खा। अब उसके दाँ त गु से से भं च गये ।
“अब म इस रह यमयी ीप का रह य जानकर ही र ंगा।" ोम
मन ही मन बु द बु दाया और उठकर जं ग ल क ओर चल दया।
ोम को जं ग ल काफ घना दखाई दे रहा था।
ोम के पै र के नीचे से अब रे त ख म होने लगी थी। घास और
झािड़यां उसके पै र के नीचे आने लगी थ ।
तभी अचानक ोम कसी अदृ य चीज से जोर से टकरा कर िगर
गया।
“ये या था?" ोम ने अपनी नजर को इधर-उधर दौड़ाकर दे खा,
पर उसे अपने आस-पास कोई चीज दखाई नह दी।
ोम उठकर खड़ा आ और उसने फर अपने कदम को बढ़ाकर
जं ग ल के अं द र जाना चाहा, पर इस बार ोम सतक था।
ोम का शरीर फर कसी अदृ य व तु से टकराया। चूं क इस बार
ोम सतक था इसिलये इस बार वह िगरा नह ।
ोम ने तु रं त अपने बै ग से चाकू िनकालकर अपने दािहने हाथ म ले
िलया।
इस बार ोम ने खु द आगे ना बढ़कर अपना बां या हाथ आगे
बढ़ाकर दे खा। उसका हाथ कसी अदृ य दीवार से टकराया।
ोम ने उस दीवार को टटोलकर दे खा, वह अदृ य दीवार उसे
कसी स त धातु क बनी दखाई दी।
ोम को समझ नह आया क यह कौन सी धातु है, जो इस कदर
पारदश है क उसके आर-पार क हर व तु िब कु ल साफ दखाई दे रही
है।
ोम ने चाकू क मू ठ से उस अदृ य दीवार पर एक चोट करके
दे खा। कोई आवाज तो नह ई पर ोम का हाथ ज र इस वार से
झनझना उठा।
इस बार ोम ने थोड़ा और आगे बढ़कर जं ग ल म घु स ने क कोिशश
क , पर वहां भी वह अदृ य दीवार थी।
आधे घं टे के अं द र ोम ने ब त सी जगह से जं ग ल म वे श करने
क कोिशश क । मगर सब थ गया, अदृ य दीवार हर जगह मौजू द थी।
“यह कै सी दीवार है, ऐसी दीवार म बारे म तो मै ने कभी सु ना भी
नह । पता नह कौन सी टे ोलॉजी का योग करके इस दीवार को बनाया
है? " ोम मन ही मन बु द बु दाया- “ऐसे तो म जं ग ल म घु स ही नह
पाऊं गा। अगर म जं ग ल म वे श नह कर पाया तो म खाऊं गा-पीयूं गा
या?"
लगभग 2 घं टे क मे ह नत के बाद ोम समझ गया क जं ग ल के
अं द र घु स ने का कोई रा ता नह है।
इसिलये उसने अब अपना ल य प रव तत कर दया।
उसने एक बड़ी सी लकड़ी के नीचे अपने चाकू को बां ध कर मछिलय
का िशकार करना शु कर दया।
ोम ने आग जलाकर कु छ मछिलय को पका िलया। खाने क
सम या तो हल हो गयी थी, अब बची थी पीने क सम या। तो ोम ने
दे खा क कु छ ना रयल के पे ड़ समु कनारे पर भी थे ।
ोम ने ना रयल को तोड़ उसका पानी भी िलया।
दन समा हो गया। ोम ने वह समु के कनारे पर आग
जलाकर रात िबताई।
अब ोम क यही रोज क दनचया बन चु क थी। वह रोज पहले
कु छ दे र तक उस जं ग ल म अं द र घु स ने का रा ता ढू ं ढ ता, फर मछिलय का
िशकार करके उ ह पकाकर खाता।
धीरे - धीरे ऐसे करते ए दन बीतने लगे । आज ोम को होश आये
4 दन बीत चु के थे ।
ोम एक प थर पर बै ठ कर अपने चाकू पर धार लगा रहा था क
तभी उसे समु के पानी म एक लू हेल दखाई दी।
“यह कै से पॉिसबल है? लू हेल तो समु के गहरे पानी म रहती
है। यह इस ीप के इतने कनारे तक कै से आ गयी? कसी भी ीप के
कनारे पर तो काफ कम पानी होता है। ऐे से म लू हेल इतने कम पानी
म कै से तै र सकती है? "
यह िवचार दमाग म आते ही ोम ने अपने बै ग को चे क कया
और तु रं त पानी म छलां ग लगा दी।
ोम पानी के अं द र ही अं द र तै र रहा था।
थोड़ी ही दे र म पानी के अं द र ीप क जमीन दखाई दे ना बं द हो
गयी।
“यह कै से सं भ व है? यह ीप क जमीन इतनी ज दी कै से ख म हो
गयी?"
अब ोम एक बार पानी के ऊपर आया और अपने फे फड़ म जोर
क हवा भरकर, उसने दोबारा डाइव मार दी।
अब वह कम से कम 25 िमनट तक पानी के अं द र रह सकता था।
पानी के अं द र अब कह भी ोम को लू हेल नह दखाई दे रही
थी।
ोम धीरे - धीरे पानी के नीचे और नीचे जा रहा था। समु का
पानी अं द र से साफ था, इसिलये अं द र का नजारा िब कु ल साफ दखाई दे
रहा था।
तभी नीचे का नजारा दे ख कर ोम हैरान रह गया य क वह ीप
समु क तली से जु ड़ा आ नह था। वह पानी पर तै र रहा था।
“यह कै से सं भ व है? यह ीप तो पानी पर तै र रहा है। और .... और
नीचे से दे ख ने पर यह ीप कसी िवशालकाय पानी के जहाज के जै सा लग
रहा है। थोड़ा और पास चलकर दे ख ता ं। "
यह सोचकर ोम ने थोड़ा और पास जाकर नीचे से ीप क सतह
को दे खा। नीचे से ीप क सतह कसी सु न हरी धातु क बनी दख रही थी।
“यह तो कसी धातु का बना कोई कृ ि म ीप लग रहा है। इतने
िवशालकाय कृ ि म ीप को कसने बनाया होगा? मु झे तो यह कोई
‘एिलयन’ क टे ोलोजी दख रही है? मनु य अभी इतना िवकिसत नह
आ क इस कार क कोई रचना कर सके ? कह यह एिलयन का कोई
ब त बड़ा पे श िशप तो नह ?"
ोम के दमाग म ऐसे ही अजीब-अजीब से िवचार आ रहे थे ।
तभी ोम को उस लू हेल का याल आया। उसने चारो तरफ
नजर दौड़ा कर दे खा, पर लू हेल उसे कह दखाई नह दी।
ोम को पानी के नीचे आये ए 10 िमनट बीत चु के थे ।
ोम अभी इसी उलझन म फं सा था क तभी ीप के एक िनचले
िह से से , एक काँ च क लगभग 10 फु ट लं बी, आदमकद कै सू ल नु मा ू ब
गोली क र तार से िनकली और पानी म कह जाकर गायब हो गयी।
सब कु छ इतनी ते जी से आ क ोम दे ख ही नह पाया क उस
ू ब म या था?
ोम ते जी से तै र कर उस जगह प ंच गया, जहां से वह काँ च क
ू ब िनकली थी।
ीप म उस जगह पर एक दरवाजा दखाई दे रहा था, जो क धीरे -
धीरे बं द हो रहा था।
ोम िबना समय गं वाए उस रा ते म िव हो गया। ोम के
अं द र घु स ते ही वह दरवाजा वतः ही बं द हो गया।
ये एक ब त चौड़ी सु रं ग थी, िजसम पानी भरा आ था। ोम
लगातार तै र ते ए आगे बढ़ रहा था।
लगभग 10 िमनट तक तै र ने के बाद ोम को पानी म वही लू
हेल खड़ी ई दखाई दी। ऐसा लग रहा था जै से लू हेल वहां सो रही
हो। ऊपर पानी क सतह पर उजाला भी दख रहा था।
एक बार तो ोम लू हेल को वहां दे ख कर डर सा गया, पर फर
वह लू हेल से थोड़ी दूरी बनाकर पानी क सतह पर िनकला।
बाहर का नजारा दे ख कर वह पू री तरह से हैरान रह गया। वह एक
ब त बड़ा िवशालकाय कमरा था। उसे दे ख कर ऐसा लग रहा था क जै से
कसी पहाड़ को अं द र से खोखला करके उस कमरे को बनाया गया हो या
फर वह कोई िवशालकाय िपरािमड हो।
उस कमरे म कनारे - कनारे प थर से लोर बनाया गया था। एक
नजर म वह कोई ब त बड़ा ि व मं ग पू ल जै सा नजर आ रहा था। कमरे म
चारो तरफ सु रं ग जै से कई रा ते बने थे ।
वह एक कनारे पर लू हेल सो रही थी।
“यह जगह तो कसी इं सान ारा बनायी गयी लग रही है या फर
एिलयन ारा?"
ोम धीरे से पानी से बाहर िनकला और चलता आ उस लू हेल
के चे ह रे के पास प ंच गया। लू हेल िब कु ल भी िहल नह रही थी।
थोड़ा और पास जाने पर ोम को उस लू हेल का पे ट एक जगह
से कटा आ दखाई दया। जहां पर एक दरवाजा लगा आ था।
“यह या? यह तो नकली हेल है .... नह नह शायद यह कोई
पनडु बी है जो लू हेल क श ल म है। पर यह तो िब कु ल सजीव जै सी
दख रही है। अब तो योर हो गया क यह पृ वी क टे ोलोजी नह है।
शायद यह कोई एिलयन का ‘सब टे श न’ है, जो वह इं सान क नजर से
िछपाने के िलये इस कार बना कर रखे ह। पर ... पर यहां पर म साँ स ले
पा रहा ं। यािन क यहां पर पया ऑ सीजन है और ऐसा तभी हो
सकता है, जब क यहां रहने वाला भी साँ स ले ने म ऑ सीजन का ही
योग करता हो। तो फर या एिलयन भी ऑ सीजन ले ते ह?"
ऐसा लगा जै से क ोम के दमाग म क लाइ े री खु ल गयी
हो।
अब ोम का यान उन सु रं ग क ओर गया। कु छ दे र सोचने के
बाद ोम एक सु रं ग म दािखल हो गया।
वह सु रं ग िजस जगह िनकली, उसे दे ख कर ोम हैरान रह गया।
वह यू याक शहर क डमी लग रहा था और वहां मौजू द ब त से
लोग टे चू ऑफ़ िलबट का िनमाण कर रहे थे ।
ोम कु छ दे र सोचता रहा और फर पास से जा रही एक लड़क
को रोककर पू छा- “यह कौन सी जगह है? "
लड़क ने ोम को ऊपर से नीचे तक दे खा और फर बोली- “ या
तु म अपना ो ाम िडलीट कर बै ठे हो?"
ोम को कु छ समझ म नह आया, पर उसने धीरे से हां म िसर
िहला दया।
“तो जाकर उस मशीन से अपने को रीबू ट कर लो।" इतना कहकर
उस लड़क ने ोम को एक मशीन क तरफ इशारा कया और आगे बढ़
गयी।
“ ो ाम, िडलीट, रीबू ट ... या बोल गयी वह लड़क ? कह ...
कह म कसी कं यू ट र ो ाम म तो नह आ गया।" अब ोम क िनगाह
उस मशीन क ओर थ , िजसक तरफ उस लड़क ने इशारा कया था।
ोम चलते ए उस मशीन के पास प ंच गया। मशीन पर काफ
बटन लगे ए थे ।
कु छ सोचने के बाद ोम ने एक बटन को दबा दया। उस बटन के
दबाते ही सामने लगी न रोशन हो गयी और उसम लगभग 18 साल
क उ वाले एक लड़के क फोटो दखाई दी।
“कै पर आपका यू याक िसटी ो ाम म वागत करता है। म
आपक कस कार मदद कर सकता ं? " मशीन से आवाज आयी।
“म इस शहर के बारे म जानना चाहता ं? " ोम ने कहा।
“ये ‘ितिल मा ोजे ट 3.2‘ का यू याक शहर है, यहां पर टे चू
ऑफ़ िलबट का िनमाण कया जा रहा है। "
“ये ‘ितिल मा ोजे ट या है? " ोम ने दोबारा पू छा।
“माफ क िजये गा, मगर इस का जवाब दे ने के िलये मु झे आपका
िस यो रटी कोड जानना होगा।" कै पर ने कहा।
“अ छा वो छोड़ो। ये बताओ क तु म कौन हो?" ोम ने को
बदलते ए पू छा।
“मे रा नाम कै पर है, म इस ितिल मा के सारे कं यू ट र का
सं चाालन करता ं। " कै पर ने कहा।
“ या यहां पर मौजू द सभी इं सान रोबोट ह?" ोम ने पू छा।
“नह । यह सब ितिल मा ो ाम का िह सा ह। ो ाम के ख म
होते ही यह सब भी गायब हो जायगे । " कै पर ने कहा।
“तु हारा िनमाण कसने कया?" ोम ने पू छा।
“मे रा िनमाण कसी ने नह कया। मने अपना िनमाण वयं कया
है। " कै पर ने कहा- “और आपके पू छ ने क अविध अब समा होती
है। "
इतना कहने के बाद उस मशीन पर लगी न ऑफ हो गयी।
ोम िसफ इतना समझ पाया क यह ीप कसी दूस रे ह के वासी
का अ ा है, जहां क तकनीक ब त यादा िवकिसत है और यह लोग
कसी ितिल मा नाम के ोजे ट का िनमाण कर रहे ह।
उस थान से बाहर िनकलने का कोई रा ता नह दख रहा था,
इसिलये ोम उस सु रं ग के रा ते लू हेल वाले रा ते पर प ंच गया।
यहां से िनकलने का रा ता ढू ं ढ ने के िलये ोम अब सु रं ग के दूस रे
रा ते म िव हो गया।
दूस री जगह एक ऐसे थान पर जाकर खु ली, जो इस ह का
वातावरण ही नह लग रहा था।
पू रा वातावरण लाल रं ग से िन मत था। वहां पर एक लगभग 500
फु ट ऊं ची मू त का िनमाण चल रहा था। वह मू त कसी िवशाल यो ा क
लग रही थी, िजसके 7 िसर थे और हर एक िसर कसी जानवर का था।
“बाप रे . ......... ये कौन सा यो ा है, इसका एक िसर शे र का, एक
घोड़े का, एक बं द र, एक हाथी, एक गाय, एक ग ण और एक मगरम छ
का है। ऐसे यो ा का तो वणन भी नह सु ना कसी कताब म। मु झे यह
जगह ब त यादा खतरनाक दख रही है। मु झे तु रं त यहां से बाहर
िनकलने का रा ता ढू ं ढ ना होगा।"
ोम उस जगह से भी िनकलकर वापस सु रं ग म आ गया और सु रं ग
के एक नये रा ते पर चल दया।
वह रा ता एक महल म िनकल रहा था।
महल के बीचोबीच एक शानदार पानी का फ वारा चल रहा था।
उस फ वारे के चारो ओर ब त से कमरे बने थे , पर वहां पर कोई भी नजर
नह आ रहा था।
ोम ने ज दी-ज दी झां क कर अलग-अलग कमर म दे ख ना शु
कर दया।
कोई कमरा बे ड म जै सा लग रहा था, तो कोई कचन जै सा। एक
कमरे म तो कताब ही कताब भरी ई थ ।
वहां दे ख कर साफ पता चल रहा था क इस े म कोई एक ही
आदमी रहता है और वो भी इस समय यहां से कह गया है।
एक कमरे म जै से ोम ने झां का, वह हैरान रह गया। उस कमरे म
चारो तरफ न ही न लगी थी। हर न पर अलग वीिडयो चलती
दख रही थी। अिधकतर वीिडयो जं ग ल के थे ।
ऐसा लग रहा था क कसी जं ग ल म हजार वीिडयो कै मरे लगे ए
ह।
एक तरफ ोम को वह दृ य भी दखाई दये , िजसे अभी वह दे ख
कर आया था।
तभी ोम क नजर एक वीिडयो पर जाकर अटक गयी, उस
वीिडयो म कु छ इं सान जं ग ल म जाते ए दखाई दे रहे थे ।
“कह ये सन राइ जं ग के लोग तो नह य क सभी के कपड़े गं दे
दख रहे ह और िजस कार ये चल रहे ह, उससे साफ दख रहा है क ये
लोग इस जं ग ल से अं जान ह।"
चूं क उस वीिडयो से आवाज नह आ रही थी, इसिलये ोम यह
नह जान पाया क वह या बात कर रहे ह?
तभी ोम को एक कनारे रखी ई एक आदमकद मशीन दखाई
दी। उस मशीन पर एक छोटा सा ले ट फाम बना था। उसके िसर वाली
जगह पर कोई कै मरे जै सी चीज िब कु ल कसी बाथ म के शावर क तरह
लग रही थी। उस मशीन पर ब त से अलग-अलग रं ग के बटन भी लगे थे ।
ोम उस मशीन के ले ट फाम पर चढ़कर उसे यान से दे ख ने लगा।
दे ख ते - दे ख ते ोम ने उस मशीन पर लगे एक नीले बटन को दबा
दया।
बटन को दबाते ही ऊपर लगे कै मरे जै से यं से एक नीले रं ग क
ते ज रोशनी िनकलकर ोम के ऊपर िगरी।
उस रोशनी के िगरते ही ोम को अपना शरीर लाख टु क ड़ म
बं ट ता आ सा महसू स आ। उसे ऐसा लगा जै से उसका शरीर कसी अं धे
कु एं म िगर रहा हो।
◆ ◆ ◆
चैपटर-10
असलम का रह य

9 जनवरी 2002, बुधवार, 12:30, मायावन, अराका ीप

लते-चलते दोपहर का समय हो गया था। सुयश ने एक नजर


च अपने सािथय पर डाली। ऐले स और टी को छोड़कर सभी के
चेहरे उतरे ए लग रहे थे।
े ज लर क मौत के बाद अब 11 लोग बचे थे । सु य श भी आदमखोर
पे ड़ से मरते - मरते बचा था।
इस समय सभी छोटे - छोटे पौध वाले थान से गु ज र रहे थे ।
“ये कै टे न हमको जं ग ल म घसीटे जा रहा है। आिखर हम तलाश
कसक है? " जॉनी ने धीरे से जै क के कान म फु सफु सा कर कहा।
“कै टे न हम नह घसीट रहा बे व कू फ।" जै क ने भी धीमे वर म
कहा- “हम खु द उसके पीछे - पीछे चल रहे ह और हम इं सान क तलाश है।
शायद इस जं ग ल के दूस री ओर कोई कबीला हो? और हम वहां से कसी
तरह क मदद िमल जाए?"
“आ दवासी कबीला!" जॉनी यह सु न कर खु श हो गया- “ फर तो
वहां पर शराब भी िमल जाये गी। सु ना है कबीले वाल के पास ब त अलग
तरह क शराब होती है। "
“अबे नशे ड़ी।" जै क ने झुं झ लाते ए कहा- “यहां सबक जान पर
बन आयी है और तु झे शराब क चं ता हो रही है। "
“मु झे कहां चं ता ......।" कु छ कहते - कहते जॉनी अचानक कसी
आवाज को सु न चु प हो गया।
जॉनी ने मुं ह पर उं गली रखकर जै क को भी चु प रहने का इशारा
कया।
“खड़-खड़-खड़" तभी एक आवाज पु नः आयी।
अब सभी का यान आवाज क दशा क ओर गया।
“यह तो सू खी पि य के कु चलने क आवाज है। " शै फाली ने धीरे से
कहा।
तभी सब को सामने से आता आ एक भयानक जं ग ली सु अ र दखाई
दया।
जं ग ली सु अ र के नु क ले और लं बे दाँ त उसके मुं ह से बाहर िनकले ए
थे । वह सु अ र साइज म काफ बड़ा था। उसके दाँ त क धार ब त ते ज
नजर आ रही थी।
“कोई भागना नह ।" अलबट ने धीमे वर म कहा- “सभी अपनी
जगह पर रह और िहलने डु लने क कोिशश ना कर।"
अलबट क आवाज सु न कर सभी िबना िहले डु ले शां त भाव से
अपनी जगह खड़े हो गये ।
ऐमू क नजर भी सु अ र पर थ , पर ऐमू ने कोई रए शन नह
दखाया। कसी के भी शरीर म तो कोई हरकत नह हो रही थी, पर सभी
के दल ब त ते जी से धड़क रहे थे ।
धीरे - धीरे वह जं ग ली सु अ र उनके पास आता जा रहा था।
तौफ क और डन ने चाकू िनकालकर अपने हाथ म ले िलया था।
तभी डर क वजह से असलम के हाथ से उसका काला ले द र बै ग
छू टकर जमीन पर िगर गया।
खटके क आवाज सु न अब उस जं ग ली सु अ र का यान पू री तरह से
असलम पर हो गया।
सु अ र ने असलम को दे ख ते ए एक ते ज आवाज अपने मुं ह से
िनकाली और दौड़ते ए असलम क ओर झपटा।
एक से के ड से भी कम समय असलम को खतरे का अहसास हो
गया। वह ते जी से एक दशा क ओर भागा।
सु अ र असलम को भागते दे ख ते जी से उसके पीछे दौड़ा।
अब सु अ र के मुं ह से गु से भरी फुं फकार िनकल रही थी।
असलम जान छु ड़ा कर भाग रहा था।
तभी असलम के रा ते म एक प थर आ गया।
असलम भागते - भागते उस प थर से जोर से टकराया और हवा म
उछलकर एक क चड़ जै से तालाब म िगर गया।
सु अ र क चड़ दे ख कर क गया। अब वह असलम को दे ख ते ए
अपने अगले 2 पै र को बारी-बारी से जमीन पर रगड़ने लगा।
सु अ र को दे ख कर ऐसा लग रहा था जै से क वह असलम पर अपना
रोष कट कर रहा हो।
सु अ र कु छ दे र तक असलम को ऐसे दे ख ता रहा, फर धीरे - धीरे वह
जं ग ल के अं द र क ओर चला गया।
बाक सभी लोग जो अब तक बु त बने यह नजारा दे ख रहे थे , सु अ र
को जाते दे ख भाग कर असलम क ओर आ गये ।
डन ने आगे बढ़कर असलम का ले द र बै ग उठाकर अपने गले म
टां ग िलया।
कु छ ही ण म सभी असलम के पास थे ।
असलम डर क वजह से अभी भी क चड़ म था।
“बाहर आ जाओ असलम। सु अ र अब चला गया है। " सु य श ने
क चड़ म िगरे पड़े असलम को दे ख कर कहा।
“खतरा ... खतरा .... खतरा।" तभी ऐमू असलम के ऊपर उड़ता
आ जोर से िच लाया।
सभी हैरानी से ऐमू क ओर दे ख ने लगे । असलम क भी िनगाह
अपने चारो ओर घू मी, पर उसे आस-पास कु छ नजर नह आया।
अब असलम ने उस क चड़ से िनकलने क कोिशश क । मगर
असलम के पै र अब क चड़ म बु री तरह से फं स गये ।
“कै टे न .... मे रे पै र ....।" असलम ने चीख कर कहा- “मे रे पै र इस
क चड़ म पू री तरह से फं स गये ह। म बाहर नह िनकल पा रहा ं। "
यह सु न ते ही अलबट क िनगाह क चड़ म चारो ओर घू म , उसे कु छ
दूरी पर क चड़ से िनकलते कु छ बु ल बु ले दखाई दये ।
इससे पहले क असलम को बचाने के िलये कोई और क चड़ म
उतरता, अलबट चीख कर बोला- “क चड़ म कोई मत जाना, यह क चड़
नह खतरनाक दलदल है। जो इसम असलम को बचाने के िलये उतरे गा,
वह वयं भी इस दलदल म फं स जाये गा।"
अलबट क बात सु न कर सभी दलदल से थोड़ा पीछे हट गये ।
असलम अलबट क बात सु न कर एकदम से डर गया। वह ते जी से
अपने हाथ पै र िहलाकर दलदल से बाहर िनकलने क कोिशश करने लगा।
ऐसा करने क कोिशश म असलम अब दलदल म धं स ना शु हो
गया।
“असलम िहलने - डु लने क कोिशश मत करो।" असलम को िहलते
दे ख अलबट चीख कर बोला- “िजतना िहलने - डु लने क कोिशश करोगे ,
उतना ते जी से दलदल म समाओगे । िब कु ल शां त रहने क कोिशश करो।
हम तु ह बचाने के िलये कोिशश करते ह। हम तु ह कु छ होने नह दगे । "
“र सी ....।“ डन िच लाया- “हम र सी चािहये , िबना र सी हम
असलम को नह बचा पायगे । "
“यहां पर र सी कहां से िमले गी?" सु य श ने अपना दमाग लगाते
ए कहा- “पे ड़ क जड़ ढू ं ढो ..... उसी से र सी बनाई जा सकती है। ज दी
करो।"
तु रं त सभी र सी क तलाश म इधर-उधर घू म ने लगे ।
परं तु वह अजीब सी जगह थी, उसके आस-पास कोई भी ऐसा घना
पे ड़ नह था, िजससे र सी बनाई जा सके ।
उधर टी, शै फाली और जे िनथ लकिड़य क मदद से असलम को
िनकालने क कोिशश करने लगे , पर असलम क दूरी कनारे से यादा
होने के कारण वह लकिड़य को असलम को नह पकड़ा पा रहे थे ।
यह दे ख जे िनथ ने कु छ मोटी-मोटी लकिड़यां असलम के आस-पास
फकनी शु कर द ।
‘डू बते को ितनके का सहारा’ यह कहावत आज च रताथ हो रही थी
य क असलम जे िनथ के ारा फक गयी उन लकिड़य को हाथ म पकड़
उनसे बचने क असफल कोिशश कर रहा था।
पर यह कोिशश नाकाफ थी।
सु य श भी ते जी से दमाग लगा रहा था, पर आसपास ऐसा कु छ भी
नह था, िजससे वह लोग असलम को बचा सक।
ऐमू असलम के िसर के ऊपर उड़ता आ चीख रहा था।
अब तक असलम कमर तक दलदल म धं स चु का था।
“कै टे न ....।" ऐले स ने सु झाव दे ते ए कहा- “ य ना हम अपने
कपड़ क र सी बनाकर असलम को बचाने क कोिशश कर?"
“कोई फायदा नह ?" अलबट ने आह भरते ए कहा- “यह दलदल
है। दलदल का खं चाव नीचे क ओर इतना यादा होता है क हम कपड़े
तो या असली र सी से भी असलम को नह ख च पायगे । "
“मतलब!" टी ने आ य से पू छा- “ फर या असलम को बचाने
का कोई रा ता नह है हमारे पास?"
“नह ।" अलबट ने अफसोस जािहर करते ए कहा- “दलदल क
सामने क साइड से कसी को ख चने के िलये , एक क ख चने के बराबर
ताकत क ज रत होती है। हां अगर दलदल के ऊपर क तरफ से ि को
ख चा जाए। तो उसे आसानी से िनकाला जा सकता है, पर इस दलदल के
ऊपर क तरफ ना तो कोई पे ड़ है और ना ही हमारे पास दलदल के ऊपर
जाने का कोई साधन। इसिलये अब असलम को बचा पाना िब कु ल
असं भ व है। "
तब तक डन, जै क , जॉनी और तौफ क भी थक हार कर लौट आये
थे । उ ह भी आसपास कोई ऐसी चीज नह िमली, िजसके ारा असलम को
बचाया जा सके ।
असलम अब सीने तक दलदल म धं स चु का था।
अब उसे भी इस बात का अहसास हो चु का था क उसका बचना
नामु म कन है। इसिलये वह भी िनराश नजर से सभी को दे ख रहा था।
सु य श ने कु छ ना होते दे ख गु से म अपना मु ा जमीन पर मारा।
असलम को अपने सामने मरते दे ख उसे ब त ते ज गु सा आ गया था, पर
अब गु सा करने से कु छ होने वाला नह था।
“कै टे न !" असलम ने िनराशा भरी नजर से सु य श क ओर दे ख ते
ए कहा- “मु झे पता है क अब मे रा बचना नामु म कन है इसिलये म
आपको कु छ राज क बात बताना चाहता ं। "
असलम के रह य भरे श द को सु न कर अब सबका यान पू रा का
पू रा असलम क बात पर आ गया।
“राज क बात?" सु य श ने उलझे - उलझे श द म कहा- “तु म या
कहना चाहते हो असलम?"
“पहली राज क बात यह है क मे रा नाम असलम नह ‘िसले टर
िडको टा’ है। " असलम ने यह बोलकर एकदम से धमाका कर दया।
“तो ... तो ... असलम कहां है? " सु य श के श द म आ य का भाव
नजर आया।
“मे रे पास समय कम है कै टे न ।" िसले टर ने अफसोस भरे वर म
कहा- “इसिलये म चाहता ं क पहले आप लोग मे री पू री बात सु न ल। म
यह बोझ अपने िसर पर ले क र नह मरना चाहता।"
इस बार सभी को शां त दे ख कर असलम ने फर बोलना शु कर
दया- “मे रा नाम िसले टर िडको टा है। मे रे िपता का नाम िविलयम
िडको टा था। मे रे िपता आज से 16 साल पहले ‘ लै क थं ड र’ नामक एक
पु त गाली पानी के जहाज से इस दशा म आये थे । उनका जहाज भी
बारामू डा ि कोण क इन गहराइय म खो गया था। कसी तरह वह
अपनी जान बचाकर इस ीप पर प ंचे । इस ीप पर उनके साथ ब त सी
िविच घटनाएं घट । उ ह ने इस ीप पर एक ब त बड़ा खजाना भी
दे खा। बाद म कसी तरह बचकर वह अपनी स यता तक प ंच गये ।
उ ह ने स य दुिनया म अध िवि होने का नाटक कया और अपने इस
पू रे सफर क कहानी को डायरी म िलख िलया। जब वो मु झ से िमले तो
उ ह ने अपनी कु छ याद और अपनी डायरी को मे रे सु पु द कर दया। मने
जब इस डायरी को पढ़ा तो मु झे भी इस ीप पर आने क इ छा ई। मगर
छोटी बोट से यहां तक प ंच ना मु ि कल था और वै से भी सरकार ने इस
े को िनिष घोिषत कर रखा था। इसिलये मु झे एक लान बनाना
पड़ा।"
“कै सा लान?" डन से रहा ना गया और वह पू छ बै ठा।
“मने सन राइ जं ग के से के ड अिस टट क टे न असलम को जहाज के
यू याक से चलने वाले दन बे होश करके एक झरने म फक दया और
असलम बनकर इस जहाज पर आ गया और फर यू ईयर क रात
चालाक से रोजर और बाक के चालक दल को बे होश कर सन राइ जं ग
को जान-बू झ कर बारामू डा ि कोण क गलत दशा म मोड़ दया।"
“कमीने ... ते रा मर जाना ही अ छा है। " जॉनी ने िसले टर को
गाली दे ते ए गु से म कहा- “ते रे कारण ही हम सब पर मु सीबत टू ट पड़ ।
तू एक-दो नह बि क 3000 लोग का ह यारा है। "
सु य श ने जै से जॉनी क बात पर यान ही ना दया हो।
“ या लॉरे न का मडर तु म ने कया था?" सु य श के श द िब कु ल
शां त थे ।
“नह कै टे न ... मने कोई मडर नह कया है। " िसले टर के वर
ब त सं य त थे - “म तो बस सन राइ जं ग को गलत दशा म मोड़ने का
अपराधी ं। "
अब तक िसले टर गले तक दलदल म धं स गया था।
“तु हारे िपता क डायरी कहां पर है? " सु य श ने अगला सवाल
कया।
“वह मे रे काले ले द र बै ग म है। " िसले टर ने आँ ख से डन के गले
म लटके बै ग क ओर इशारा कया।
सु य श क िनगाह एक बार डन के गले म लटके बै ग क ओर गयी
फर पलटकर वापस िसले टर पर आ गयी।
“कु छ और ऐसा है, जो तु म कहना चाहते हो?" सु य श ने दलदल का
ले व ल िसले टर के मुं ह क ओर जाते ए दे ख कर कहा।
“हां , िशप का यू ल मने ही िबखे र दया था, िजससे आप लोग इस
ीप पर आने को मजबू र हो जाय। अं त तः म अपने कये क आप सभी से
माफ मां ग ता ं। म जानता ं क मे रा अपराध माफ के कािबल नह है।
पर यक न मािनये कै टे न , मु झे नह पता था क मे री इतनी छोटी सी
गलती के कारण पू रा का पू रा सन राइ जं ग डू ब जाये गा। आिखरी बात यह
है कै टे न क अगर हो सके तो इस रह यमय ीप का राज पू री दुिनया के
सामने ज र .... लाना ... यही सबके ित ... आिखरी ृ ां ज िल
..............।" बाक के श द िसले टर के मुं ह म ही रह गये । दलदल क
क चड़ उसके गले म चली गयी थी।
शै फाली ने यह दे ख अपना मुं ह फे र िलया।
मरते व िसले टर क आँ ख म आँ सू थे और उसके चे ह रे पर ढे र
सारा पछतावा था।
अब िसले टर पू रा का पू रा दलदल म समा गया था।
िजस जगह पर िसले टर उस दलदल म समाया, उस जगह पर अब
कु छ बु ल बु ले उठ रहे थे ।
कु छ दूरी पर िछपे ए यु गाका के चे ह रे पर अब सं तु ि के भाव थे ।
“अब 10 बचे ह।" यु गाका मन ही मन बु द बु दाया और सभी पर फर
से नजर रखने लगा।
◆ ◆ ◆
डायरी का राज

9 जनवरी 2002, बुधवार, 13:30, मायावन, अराका ीप

सु य श क नजर अब िसले टर के काले बै ग पर थी।


सु य श ने डन से िसले टर का बै ग मां गा। डन ने बै ग सु य श के
हवाले कर दया।
सु य श ने आसपास नजर दौड़ायी। सु य श को कु छ दूरी पर एक साफ
े दखाई दया।
सु य श उधर आकर एक बड़े से प थर पर बै ठ गया।
सभी लोग सु य श के चारो ओर बै ठ गये । सभी के दल म िविलयम
िडको टा क डायरी को ले क र उ सु क ता थी। वह जानना चाहते थे क
डायरी म आिखर िलखा या है?
सु य श ने अब िसले टर का काला बै ग खोलकर, उसम रखा सारा
सामान वह प थर पर िबखे र दया।
सभी क उ सु क ता भरी िनगाह बै ग से िबखरे सामान पर थी।
उस बै ग म एक डायरी, एक पु राना न शा, एक छोटा सा गले म
पहनने वाला लॉके ट व एक पे न रखा था।
सु य श ने पहले लॉके ट को उठा कर दे खा। लॉके ट एक सु न हरी धातु
क जं जीर से बना था, िजसके बीच म एक काले रं ग का गोल मोती लगा
था।
“कै टे न अं क ल!" शै फाली ने कहा- “इस लॉके ट का मोती िब कु ल
वै सा ही है, जै सा क दे वी शलाका के हाथ म पकड़ा मोती था।"
सु य श ने धीरे से अपना िसर िहलाकर अपनी सहमित दी।
पता नह ऐसा उस मोती म या था क जे िनथ लगातार उस मोती
को दे खे जा रही थी।
सु य श ने एक नजर लॉके ट को घू र ते ए जे िनथ पर डाली और कु छ
सोच उसे जे िनथ क ओर बढ़ा दया।
जे िनथ ने उस लॉके ट को सु य श के हाथ से ले िलया।
जे िनथ अभी भी िब कु ल स मोिहत तरीके से उस लॉके ट को दे ख
रही थी।
अचानक वह लॉके ट आ यजनक तरीके से हवा म उछला और खु द
बा खु द जे िनथ के गले म जाकर बं ध गया।
यह घटना दे ख , सब आ य से कभी जे िनथ को तो कभी उसके गले
म बं धे लॉके ट को दे ख ने लगे ।
जे िनथ भी अब स मोहन से बाहर आ गयी थी।
“यह या था ोफे सर?" सु य श ने आ य से अलबट क ओर दे ख ते
ए कहा- “ या यह लॉके ट चम कारी था? और अगर हां तो इसने जे िनथ
को ही य चु ना?"
“दे िखये कै टे न । इस ीप पर ब त अजीब-अजीब सी घटनाएं घट
रही ह।" अलबट ने अपने िवचार करते ए कहा- “मु झे तो यह
घटना भी उसी िविच घटना का िह सा लग रही है। जै सा क शै फाली
ने उन प थर पर बनी िविच आकृ ितय को दे ख कर कहा था क हमारा
इस ीप पर आना हमारी िनयित थी। तो उस िहसाब से मु झे लगता है क
शायद हम सब कसी बड़ी चम का रक घटना का िह सा ह या बनने जा
रहे ह और हम वयं यहां नह आये ह, बि क हम यहां लाया गया है।
िसले टर तो मा एक कारक था हम यहां लाने के िलये । अगर आप यान
से दे ख तो धीरे - धीरे हम सभी के साथ कु छ ना कु छ चम का रक घट रहा
है। पहले शै फाली क शि य का जागना, फर कै टे न के टै टू म शि य
का समा जाना और अब जे िनथ के साथ भी कु छ ऐसा ही चम का रक
होना। यह सब बात यह बताती ह क शायद हमारे कसी ज म क
घटनाएं इस े से जु ड़ी ह। हमारा सन राइ जं ग क दुघ टना म जं दा
बचना एक इ े फाक नह है। िसफ वही लोग जं दा बचे ह, जो कसी ना
कसी प से इस ीप से अ य प से जु ड़े ह।"
“इसका मतलब मु झ म भी कु छ चम का रक शि यां है? " जॉनी ने
खु श होकर बोला।
“ऐसा ज री नह है। " जे िनथ ने जॉनी क ओर दे ख ते ए कहा-
“कु छ लोग मर भी तो रहे ह।"
जॉनी, जे िनथ का कटा समझ गया। उसने गु से से अपने दाँ त
पीसे , मगर जे िनथ को कोई जवाब नह दया।
“तु ह इस लॉके ट को पहनने के बाद या महसू स आ जे िनथ?"
टी ने जे िनथ क ओर दे ख ते ए पू छा।
“म इस लॉके ट को दे ख कर पहले स मोिहत सी हो गयी थी।" जे िनथ
ने लॉके ट के मोती को छू ते ए कहा- “पर मु झे ऐसा नह लगा क मे रा इस
लॉके ट से कोई भी पु राना सं बं ध है? ना ही इसको पहनने के बाद मु झे कु छ
भी अलग सा महसू स आ?"
“पर कै टे न .... यह चम कारी लॉके ट िसले टर के पास कहां से
आया?" डन ने कहा।
अब सबका यान फर से काले बै ग से िनकले बाक सामान पर
गया।
अब सु य श ने वह पु राना न शा खोल िलया।
न शे म कु छ प थर, पहाड़, न दयां , झरने और कु छ आड़ी-टे ढ़ी
रे खाएं बनी थ ।
“इसको समझने म समय लगे गा।" सु य श ने न शे को वापस गोल
लपे ट ते ए कहा- “हम पहले डायरी पर यान दे ना होगा। उसम ज र
कु छ काम क बात ह गी।"
सु य श ने अब डायरी को उठा िलया।
पहला प ा खोलते ही उ ह खू ब सू र त अ र म िविलयम िडको टा
िलखा आ दखाई दया।
सभी उ सु क ता से सु य श के डायरी पढ़ने का इं त जार कर रहे थे ।
आिखरकार सु य श ने ते ज आवाज म डायरी पढ़ना शु कर दया।
“मे रा नाम िविलयम िडको टा है। म आपको एक ऐसे रह यमय
ीप के बारे म बताने जा रहा ं, िजसका अनु भ व मने वयं कया है। 13
दस बर 1984 क ठं ड भरी रात थी। म लै क थं ड र नामक पु त गाली
जहाज से यू याक से यू ो रको जा रहा था। रात का समय था। म जहाज
के डे क पर खड़ा अपनी दुिनया म कु छ सोच रहा था। तभी मु झे दूर कह
आसमान म िस ल ले य र उड़ते दखाई दये । मने तु रं त डे क पर खड़े
लोग का यान िस ल ले य र क ओर करवाया। हम लगा क ज र कोई
दूस रा पानी का जहाज वहां मु सीबत मे है। मने तु रं त इस बात क सू च ना
एक गाड के मा यम से अपने िशप के कै टे न को िभजवा दी। कु छ ही दे र म
कै टे न सिहत ब त सारे लोग डे क पर आ गये । िस ल ले य र अभी भी
आसमान म फके जा रहे थे । मने जहाज के कै टे न को जहाज को उस दशा
म ले जाने को कहा। पहले तो जहाज का कै टे न जहाज को उस दशा म
मोड़ने को तै यार नह आ। पर बाद म याि य क िजद के कारण कै टे न
को सभी क बात माननी पड़ी। लै क थं ड र िस ल ले य र क दशा म आगे
बढ़ गया। थोड़ी दे र म िस ल ले य र दखने बं द हो गये । हम अं दाजे से
समु म काफ आगे तक आ गये , पर फर भी हम कसी भी िशप के डू बने
का कोई िनशान ा नह आ? तभी अचानक मौसम काफ खराब हो
गया और समु क लहर ऊं ची-ऊच उठने लगी। लै क थं ड र कसी ितनके
क तरह समु क लहर पर डोल रहा था। तभी एक जोरदार झटके से
िशप के सारे कं ोल खराब हो गये । अब लै क थं ड र रा ता भटक चु का था।
हम वापसी के िलये कोई रा ता समझ नह आ रहा था। तभी जाने कहां से
एक िवशालकाय लू हेल मछली आ गयी और उसने िशप पर ट र
मारना शु कर दया। लू हेल से बचने के िलये कै टे न ने लै क थं ड र को
एक अं जान दशा म मु ड़ वा दया। लू हेल से अब हमारा पीछा छू ट चु का
था। हम पु नः आगे बढ़े । अभी हम सब डे क पर ही थे क तभी एक नीली
रोशनी िबखे र ती उड़नत तरी, आसमान से गोल-गोल नाचती ई हमारे
जहाज से कु छ आगे आकर पानी म िगरी। िजस थान पर वह उड़नत तरी
पानी म िगरी थी, उस थान पर समु द म एक िवशालकाय भं व र बन गयी।
भं व र क िवशालता और उसका ती वे ग दे ख कर कै टे न ने लै क थं ड र को
दूस री दशा म मोड़ िलया। कु छ आगे जाने पर लै क थं ड र अचानक समु
म अपने आप क गया। कै मरे ारा पानी के नीचे दे ख ने पर हम एक
िवशालकाय ‘ लीिसयोसारस’ (एक िवलु ाय समु ी डाइनोसोर) लै क
थं ड र को पकड़े ए दखाई दया। कै टे न ने लीिसयोसारस पर तारपीडो
से हमला कर दया। लीिसयोसारस ने डरकर िशप को छोड़ दया और
अपनी बड़ी-बड़ी आँ ख से िशप को घू र ता आ समु क गहराइय म
गायब हो गया। लै क थं ड र को फर से आगे बढ़ा िलया गया। उसी रात
िशप पर सफर कर रहे 400 याि य म से 275 या ी िशप से अपने आप
गायब हो गये । ब त ढू ं ढ ने पर भी उन याि य का कु छ पता नह चला।
िशप पर अब कु ल 125 या ी बचे थे । सु ब ह हम एक ीप दखाई दया जो
अजीब सी ि भु ज जै सी आकृ ित वाला था। लै क थं ड र को उस ीप क ओर
मोड़ िलया गया। हम ीप पर प ंच ने वाले ही थे क तभी अचानक
लीिसयोसारस ने पु नः लै क थं ड र पर आ मण कर दया। इस बार का
उसका आ मण ब त खतरनाक था। उसने अपनी अजगर के समान
िवशालकाय पूं छ से पू रे लै क थं ड र को लपे ट िलया। लीिसयोसारस क
ताकत के सामने लै क थं ड र कु छ भी नह था। आिखरकार उस समु ी
मा सटर ने लै क थं ड र को तोड़ डाला। िशप म सवार कु छ बचे या ी पानी
म छलां ग लगाकर ीप क ओर बढ़ने लगे और अं त तः कु ल 28 या ी उस
ीप पर बचकर प ंच ने म सफल हो गये । उ ह लोग म म और मे रा
दो त िग फोड भी था। यहां से शु होता है उस रह यमय ीप का एक
भयानक सफर। इस सफर म आती ह खतरनाक मु सीबत जै से दलदल,
जं ग ली गडा, गो र ला, पागल हाथी, भयानक शे र , िवशालकाय म छर,
खतरनाक बीमा रयां , जहरीली मकिड़यां , खू नी चमगादड़, ते जाबी बा रश
और ना जाने कतनी ऐसी भयानक मु सीबत, िज ह ने 24 याि य को मौत
के घाट उतार दया। बाक बचे 4 लोग कसी तरह बचते - बचाते पहाड़ म
शरण ले ते ह। इन बचे ए 4 लोग म म और िग फोड भी शािमल थे ।
तभी हम पर एक िवशालकाय आग उगलने वाली ै ग न म हमला बोल
दया। ै ग न से घबराकर म और िग फोड एक पहाड़ी गु फा म घु स गए।
ै ग न ने एक बड़ी सी च ान लु ढ़ काकर गु फा का ार बं द कर दया। अब
मे रे और िग फोड के बाहर िनकलने के सभी रा ते बं द हो चु के थे । हम
दोनो गु फा म बु री तरह से फं स चु के थे । 2 घं टे बाद हम ऐसा महसू स आ
क जै से गु फा म कह से ताजी हवा आ रही है। हम दोनो अं दाजे से अं धे रे म
टटोलते ए गु फा के अं द र क ओर चल दये । काफ दे र तक चलने के बाद
हम दूर गु फा म कह रोशनी सी तीत ई। हम अं दाज से लड़खड़ाते ए
उस दशा म चल दये । कई जगह पर हम गु फा म प थर से टकराये । हम
ब त सी चोट आ गय थ । लगभग एक घं टे तक उस अं धे री गु फा म चलने
के बाद हम उस रोशनी वाले थान तक प ंच गये । वह गु फा के दूस री ओर
का ार था। गु फा से िनकलने पर हमने अपने आप को एक खू ब सू र त घाटी
म पाया। चारो तरफ पहाड़ से िघरी यह घाटी दे ख ने म काफ सुं द र लग
रही थी। कई जगह से पहाड़ से पानी के झरने िगर रहे थे । हमने घाटी के
अं द र जाने के िलये पहाड़ से उतरना शु कर दया। पहाड़ से उतरने के
बाद हम एक बाग म प ंचे । बाग म सै क ड़ फल से लदे पे ड़ थे । हमने पे ड़
से फल तोड़कर खाये और झरने का पानी पीया। हमम एक नयी ताकत का
सं चार हो चु का था। रात होने वाली थी इसिलये हम वह एक पे ड़ पर
चढ़कर सो गये । सु ब ह कु छ अजीब सी आवाज सु न कर हम दोन क न द
खु ल गयी। हम एक थान पर जमीन से िनकलते ए कु छ इं सान दखाई
दये । जो उस थान पर मौजू द एक दे वी क मू त के आगे नाच गा रहे थे ।
रात म अं धे रा होने क वजह से हम थान पर मौजू द दे वी क मू त को
नह दे ख पाये थे । तभी पू री घाटी म एक ब त ही सु गं िधत खु श बू फै ल
गयी। यह िविच सु गं ध सूं घ कर हम दोनो बे होश हो गये । होश म आने पर
हमने अपने आप को एक िवशालकाय मं दर म खं भे से बं धा आ पाया।
मं दर म एक िवशालकाय दे वी क ितमा थी, िजनके गले म एक लॉके ट
चमक रहा था। दे वी के पै र के पास हीरे , जवाहरात, र , आभू ष ण असं य
मा ा म िबखरे पड़े ए थे । उन र क चमक इतनी यादा ते ज थी क
शु म वहां पर आँ ख खोलकर रख पाना भी मु ि कल लग रहा था। हमने
कताब म भी कभी इतने बड़े खजाने के बारे म नह सु न रखा था। तभी
मे री नजर दे वी के पै र के पास रखी एक लाल रं ग क िज द वाली पु रानी
सी कताब पर पड़ी। वह पु रानी कताब एक र जिड़त थाली म रखी थी,
जो उसके िवशे ष होने क कहानी कह रही थी। हमारे आसपास कु छ जं ग ली
कबीले के लोग अजीब से धारदार हिथयार ले क र खड़े थे । हम हैरानी से
कभी मू त क सुं द रता तो कभी उस खजाने को िनहार रहे थे । तभी उन
जं ग िलय म से एक ने हम खं भे से खोलकर दे वी के चरण म झु क ने का
इशारा कया। मने और िग फोड दोन ने दे वी के चरण म झु क कर णाम
कया। मने झु क कर णाम करते समय धीरे से उन जं ग िलय से नजर
बचाकर एक छोटा सा हीरा अपने हाथ म िछपा िलया। अब वह जं ग ली,
दे वी क पू जा करने लगे । तभी मं दर के बाहर से कह से शोर क आवाज
सु नाई दी। कई जं ग ली यह आवाज सु न बाहर क ओर भागे । यह दे ख उनम
से एक जं ग ली हमारे पास आया और फर से हमारे हाथ उस खं भे के साथ
बां ध दया। हमारे हाथ बां ध ने के बाद वह भी मं दर से बाहर क ओर भाग
गया। अब मं दर म म और िग फोड ही अके ले बचे थे । यह दे ख मने अपने
हाथ म थम हीरे से अपनी हाथ म बं धी र सी को काटने लगा। लगभग 10
िमनट के अथक प र म के बाद मने अपने हाथ क र सी को काटकर वयं
को आजाद करा िलया। फर मने िग फोड के हाथ क र सी काटी, िजसम
यादा समय नह लगा। हम दोनो दे वी क मू त के पास प ंचे । मे री नजर
दे वी क मू त के गले म पहने लॉके ट पर थी। म ते जी से उस मू त के ऊपर
चढ़ा और दे वी के गले म पड़ा लॉके ट िनकालकर अपनी जे ब म रख िलया।
िग फोड ने वह लाल िज द वाली पौरािणक कताब उठा ली। अब हम
दोन सावधानी से मं दर के बाहर िनकले । बाहर हम कु छ हरे क ड़े उन
जं ग िलय को दौड़ाते ए नजर आये । ऐसे मे ढ क जै से िविच क ड़े हमने
अपनी जं द गी म कभी नह दे खे थे । हम दोन सबक नजर बचाकर जं ग ल
क ओर भाग गये । काफ दूर आने के बाद हमने राहत क साँ स ली। शाम
फर से गहराने लगी थी, इसिलये हमने पे ड़ के फल खाकर गु जारा कर
िलया। हम दोन वह पे ड़ के नीचे एक साफ सु थ री जगह दे ख कर वह सो
गये । रात म अजीब सी ढम-ढम क आवाज सु न कर हमारी न द खु ल गयी।
हम समझ गये क जं ग ली रात के अं धे रे म हम ढू ं ढ रहे ह और वह आस-
पास ही ह। िग फोड तु रं त लाल कताब को कमर म फं साकर वह एक पे ड़
पर चढ़ गया। चूं क पे ड़ सपाट था और म इतनी ते जी से पे ड़ पर नह चढ़
सकता था। इसिलये म वहां से पहाड़ क ओर भाग गया। इस तरह हम
दोन दो त अलग-अलग हो गये । मने भागकर एक पहाड़ी गु फा म शरण
ली। मु झे नह पता चला क उसके बाद िग फोड का या आ? गु फा म
अं धे रा होने क वजह से हाथ को हाथ सु झाई नह दे रहा था। अगर कु छ
चमक रहा था तो वह था मे रे गले म पड़ा दे वी का लॉके ट। तभी मे री नजर
अं धे रे म गु फा के अं द र चमक रहे 2 जु ग नु पर पड़ी, जो धीरे - धीरे मे रे
पास आ रहे थे । पास आने पर म समझ गया क वह जु ग नू नह बि क
कसी जानवर क आँ ख ह। कसी िवशालकाय जानवर का अहसास होते
ही मे रे र गटे खड़े हो गये । धीरे - धीरे वह िवशालकाय आकृ ित मे रे िब कु ल
समीप आ गयी। उधर गु फा के बाहर से जं ग िलय क आवाज आने के
कारण म गु फा से बाहर भी नह जा सकता था। अब उस िवशालकाय
जानवर क साँ स भी मु झे अपने शरीर पर महसू स होने लगी थी। धीरे - धीरे
आती गु र -गु र क आवाज से मु झे ये अहसास हो गया क वह एक पहाड़ी
जं ग ली भालू था। भालू बे ह द पास आ गया था और मे रे गले म पड़े उस
चमकते लॉके ट को दे ख रहा था। तभी उस लॉके ट क चमक एकाएक बढ़
सी गयी। भालू हैरान होकर दो कदम पीछे हो गया। मे रे िलये यह ब त
अ छा मौका था, मने अपनी पू री ताकत से गु फा के अं द र क ओर दौड़
लगा दी। लॉके ट से िनकली रोशनी मे रा मागदशन कर रही थी। म भागते -
भागते थककर चू र हो गया, परं तु उस गु फा का दूस रा िसरा मु झे नह
िमला। गनीमत यही थी क पता नह कहां से मु झे ऑ सीजन िमल रही
थी। कु छ दे र आराम करने के बाद म पु नः आगे क ओर चल दया। घड़ी
पास म ना होने क वजह से मु झे समय का अहसास नह हो पा रहा था।
जाने कतने घं टे म इसी तरह से चलता रहा। यास, भू ख और थकान से म
पू री तरह से थककर चू र हो गया था। अं त तः ब त दूर मु झे एक रोशनी सी
दखाई दी। रोशनी दे ख मु झ म नयी ताकत का सं चार हो गया। वै से मे रे
शरीर म जान तो नह बची थी, फर भी म रोशनी को दे ख आगे बढ़ता
रहा। आिखरकार म गु फा के मु हाने तक प ंच गया। वह शायद ीप का
कोई दूस रा कनारा था य क समु अब मे रे सामने था। सबसे पहले मने
वहां लगे पे ड़ से पे ट भरकर फल खाये और एक तालाब का पानी पीया।
फर वह एक पे ड़ पर चढ़कर सो गया। थकान और पे ट भर जाने के कारण
म कतनी दे र तक सोता रहा, मु झे नह पता चला। जब म जागा तो सू य
िनकल रहा था। शायद म 24 घं टे तक सोया था। ले कन म अब अपने आप
को काफ े श महसू स कर रहा था। अब मु झे यहां से िनकलने के बारे म
सोचना था। पर कै से ...? िबना बोट के म समु म यादा दूर तक जा भी
नह सकता था। पर यहां बोट कहां से िमलती? धीरे - धीरे उस जगह पर
रहते ए मु झे कई दन बीत गये , पर मु झे उस ीप से िनकलने का कोई
रा ता नह िमला। भला यही था क ीप के उस कनारे पर कसी भी
कार क मु सीबत नह थी। म रोज पे ड़ के फल खाता और तालाब का
पानी पी रहा था। म उस ीप क जं द गी से बोर होने लगा। एक दन मने
एक बोट बनाने का सोचा। फर या था मने वहां लगे बां स के पे ड़ से कु छ
बां स तोड़ िलये और जं ग ली बे ल व पे ड़ क जड़ से सबको आपस म बां ध
िलया। इसी तरह मने 2 लकड़ी के च पू बना िलये । अब म लकड़ी के उस
बे ड़े पर बै ठ कर समु म कु छ दूर तक जाने लगा। अब म नु क ले काँ ट को
छोटी-छोटी लकिड़य म िपरो कर उसे तीर और भाले का प दे ने लगा
और मछिलय का िशकार करने लगा। मछिलय को क ा खाना मे रे िलये
ब त मु ि कल था, पर मु झे आग जलाना अभी आया नह था। इसिलये
क ी मछिलय से ही काम चलाना पड़ रहा था। कु छ दन और बीत गये ।
अब मे री बोट भी थोड़ी और बड़ी हो गयी थी। मने कु छ जड़ को पे ड़ क
छाल से बां ध कर 10-12 टोक रयां भी बना ली। अब म समु म खाना भी
ले क र जाने को तै यार था। अब परे शानी िसफ पानी क रह गयी थी।
य क समु म यादा से यादा दन जं दा रहने के िलये पानी का होना
सबसे यादा ज री था। फलहाल इसका मे रे पास कोई उपाय नह था।
फर दन बीतने लगे । मु झे ीप के उस कनारे पर रहते ए 55 दन बीत
गये । आिखरकार एक दन मु झे प थर से आग जलाना भी आ गया। फर
तो मु झे मजा ही आ गया। अब म मछिलय को पकड़ कर उ ह पका कर
भी खाने लगा। जब 2 दन और बीत गये तो अचानक से मे रे दमाग म
िम ी के घड़े बनाने का लान आया। मने 1 दन के अं द र 20 बड़े - बड़े मटके
बना िलये और उ ह आग म पकाकर प ा भी कर िलया। अब समु म
पानी क सम या भी ख म हो गयी थी। अब फाइनली मने इस ीप से
िनजात पाने का सोचा। अब मने कु छ और बां स तोड़कर अपने बे ड़े को बड़ा
बनाया। फर 12 टोक रय म खाने के फल और 20 मटक म तालाब का
साफ पानी भरके उन सबको पे ड़ क जड़ से अ छी तरह से बां ध कर
िनकल पड़ा उस िवशालकाय समु म एक अं त हीन सफर पर। धीरे - धीरे
समु म दन बीतने लगे । शाक, बड़ी मछिलयां और तू फान, ना जाने
कतनी ऐसी मु सीबत का सामना करते ए मु झे 25 दन बीत गये । मे रे
पास अब सारा खाना ख म हो गया था। पानी भी िसफ एक मटक म ही
बचा था। 2 दन बाद वो भी ख म हो गया। 2 दन के बाद मे रे शरीर म
इतनी भी जान नह बची थी क म उठकर खड़ा भी हो सकूं । आिखर म
बे होश होकर अपने बे ड़े पर िगर गया। मु झे जब होश आया तो मने अपने
आपको अं जान जहाज पर पाया। उस जहाज के लोग को रात के अं धे रे म
मे रे गले म पड़े लॉके ट क रोशनी दखाई दी थी। िजसके बाद उ ह ने मु झे
जहाज पर ख च िलया था। उ ह ने मु झ से मे रे बारे म पू छा, पर मने
िवि होने का नाटक कर उ ह कु छ नह बताया। जहाज वाल ने
अमे रका प ंच कर मु झे पु िलस के हवाले कर दया। बाद म पु िलस ने मे रा
फोटो समाचार प म कािशत करवा दया। इस तरह मे रे घरवाले मु झे
वहां ले ने आ प ंचे । जब पु िलस को यह पता चला क म लै क थं ड र पर
था, तो उ होने मु झ से जहाज के बारे म पू छ ने क ब त कोिशश क , पर म
पहले के समान ही पागल क तरह ए टं ग करता रहा और मने उ ह कु छ
नह बताया। धीरे - धीरे समय बीतता गया। मने अपने पू रे सफर को
कलमब कर अपनी डायरी म िलख िलया। उसके बाद मने अपनी याद के
सहारे उस ीप का एक न शा भी बनाया। मे रा लड़का िसले टर अभी
छोटा है। मने यह सोच रखा है क जब वह बड़ा हो जाये गा तो म ये सारी
चीज उसके सु पु द कर दूंगा।"
इतना पढ़कर सु य श शां त हो गया और बारी-बारी सबका चे ह रा
दे ख ने लगा। कु छ दे र के िलये वहां पर एक स ाटा सा छा गया।
इस स ाटे को तोड़ा अलबट क आवाज ने - “ लै क थं ड र और सन
राइ जं ग क कहानी म ब त सी चीज कॉमन ह। जै से उड़नत तरी का
दखना, भं व र का बनना, लू हेल का दखना, जहाज से याि य का
गायब होना, ीप पर भयानक मु सीबत का सामना करना, हरे क ड़े का
दखना, दे वी का मं दर िमलना आ द। जब क लै क थं ड र आज से 16 साल
पहले इस ीप पर आया था और हम 16 साल बाद यहां आये ह। इसका
मतलब यहां जो भी घटनाएं घटती ह यह सब कसी के ारा एट क
जाती ह।"
“ ोफे सर।" डन ने कहा- “जो भी हो, पर इस डायरी के मा यम से
हम हमारे कई सवाल के जवाब िमल गये । जै से सन राइ जं ग के सामने
भं व र कै से बनी? जहाज से गायब हो रहे लोग को हरे क ड़े ही ले जा रहे
थे और शायद सन राइ जं ग को भी पानी के नीचे से लीिसयोसारस ने ही
तोड़ा हो।"
“सही कहा डन .... ।" सु य श ने डन क बात का समथन कया।
“पर कै टे न कु छ बात और भी ह, जो हमारे िलये आगे खतरा बन
सकती ह।" तौफ क ने कहा- “जै से लीिसयोसारस और ै ग न टाइप के
दै याकार जीव भी हमारे आसपास ह और यह जं ग ल भी भयानक जं ग ली
जानवर से भरा पड़ा है। अब रही बात इस ीप पर रहने वाले जं ग ली
लोग क तो वो भी कसी कार से हमारे दो त क े णी म नह आते । "
“इसका मतलब हम िजन जं ग िलय को अपनी जं द गी समझकर ढू ं ढ
रहे ह, वह हमारे िलये मौत भी सािबत हो सकते ह।" जॉनी ने डर से
कां प ते ए कहा।
“कै टे न ... हम हरे क ड़ को भी नह भू ल ना चािहये । जब वह 16
साल पहले इस ीप पर थे तो आज तो उनक सं या लाख म भी हो
सकती है। " टी ने अपने िवचार कये ।
“मे रे िहसाब से कै टे न ... हम अब जं ग ल म भागने क जगह कोई
एक सु र ि त थान दे ख कर वहां अपना डे रा जमा ले ना चािहये । कम से
कम कु छ दन और जं दा तो रहगे । " जै क ने कहा।
“दे िखये आप सबके िवचार अपनी जगह िब कु ल सही ह।" सु य श ने
सबको समझाते ए कहा- “पर इस कहानी म ब त सी पािज टव चीज भी
ह। जै से जं ग ल के लोग ने कसी को मारा नह था और इस कार क
चम कारी दे वी क पू जा करने वाले बे व कू फ नह हो सकते । हम उ ह
समझा सकते ह और यह भी हो सकता है क िपछले 16 साल म वह खु द
भी स य बन गये ह और सबसे बड़ी बात यह है क इस जं ग ल म कोई तो
ऐसा भाग है, जहां पर कोई खतरा नह है और वहां से हम भी िविलयम
क तरह से इस ीप से िनकल सकते ह।"
सु य श क बात सभी को सही लगी। इसिलये अब कसी ने कोई
सवाल नह कया और सभी आगे क ओर बढ़ गये ।
◆ ◆ ◆
चैपटर-11
अ भुत तकनीक

आज से 3 दन पहले ..........................
6 जनवरी 2002, रिववार, 16:30, सामरा रा य, अराका ीप

गाका, ि काली के साथ सामरा महल क छत पर टहल रहा


यु था।
“दे खो ि काली।" यु गाका ने ि काली को दे ख ते ए कहा- “तु म
जानती हो क अराका पर सामरा और सीनोर दोन ही रहते ह और हमारे
बीच क ित पधा, हजार साल पहले ही दु मनी म प रव तत हो गयी
थी। अब हम रहते तो एक ही ीप पर ह, पर दोन ही जाितय के ल य
िब कु ल अलग-अलग ह। जहां सीनोर जाित के लोग मकोटा के जाल म
फं सकर, अपनी ताकत बढ़ाने के िलये , अं धे री शि के दे व ता जै ग न को
जगाने म लगे ह। वह पर सामरा जाित के लोग ितिल मा को तोड़कर,
दे वी लीटो को मु कराकर, काला मोती से शि ा करना चाहते ह।
अब दे व ता पोसाईडन के ाप के अनु सार कोई मनु य ही ितिल मा म
वे श कर उसे तोड़ सकता है। ितिल मा को तोड़ने वाला मनु य मि त क
से ब त शि शाली होगा। दे व ता पोसाईडन नह चाहते थे क हर तु छ
मानव ितिल मा म वे श करे । इसिलये उ ह ने ितिल मा के पहले
मायावन का िनमाण कया। ितिल मा का रा ता मायावन से होकर जाता
है। चूं क ितिल मा मायावन से 100 गु ना यादा खतरनाक है इसिलये
ितिल मा म वे श करने के पहले हर मनु य को मायावन क परी ा को
पार करना आव यक है। अब जो भी जहाज इस े म फं स कर आ जाता
है, हमारी कोिशश उनके याि य को ितिल मा म भे ज ने क रहती है,
जब क सीनोर के लोग उसको मारकर उसक लाश को अं धे रे के दे व ता
जै ग न को जगाने के िलये योग करते ह।"
“भाई, फर तो लु फासा का अब कु छ करना पड़े गा?" ि काली ने
यु गाका को दे ख ते ए कहा- “वह मकोटा के जाल म फं सकर लगातार
लाश को िपरािमड म भे ज रहा है। यहां तक क वह अपनी शि य का
भी खु ल कर दशन कर रहा है। अगर वह ऐसे ही हरे क ड़ के ारा लोग
का मारता रहा तो ितिल मा तक तो कोई प ंच ही नह पाये गा और अगर
ितिल मा नह टू टा तो ना तो दे वी लीटो को कभी मु ि िमले गी और ना
ही हम कभी शि शाली हो पायगे । तो भाई, फर इससे पहले क लु फासा
सन राइ जं ग के सारे लोग को मारकर िपरािमड म भे जे , हम उन सारे
मनु य को बचाकर मायावन तक लाना ही होगा।"
यु गाका, ि काली क बात सु न कर िवचिलत हो गया और छत पर
इधर-उधर टहलने लगा।
“म जानता ं ि काली क तु म या कहना चाहती हो, पर तु म
जानती हो क हम लु फासा िजतने शि शाली नह है और हम अभी
लु फासा का सामना नह कर सकते । य क तु हारे पास िसफ प बदलने
क शि है और मे रे पास प बदलने के अलावा िसफ वृ को कं ोल करने
क शि यां ह। जब क लु फासा के पास इ छाधारी शि है। वह इस शि
से कसी भी जानवर का प धारण कर सकता है। इसके अलावा हम दे वी
शलाका के ारा बनाए गये िनयम के िहसाब से यु करते है, जब क
लु फासा कसी िनयम को नह मानता। इसिलये हम जब तक बाबा का
आदे श नह िमल जाता, तब तक हम सीधे - सीधे लु फासा से यु नह कर
सकते और तु म ने दे खा क कल हम रोजर और लॉरे न बन कर िशप पर
गये भी थे , पर या हम लोथार को वहां से ला पाये । एक बार फर
लु फासा जीत गया। यहां तक क म तो तौफ क क गोिलय से घायल भी
हो गया था। ये तो कहो बाबा ने समय रहते मे री जान बचा ली। नह तो
मे रा तो अं त ही हो गया था। अब यह साफ हो गया है क हम सन
राइ जं ग के सारे लोग को एक साथ मायावन नह ला सकते । इसिलये हम
लु फासा के अगले कदम का इं त जार करना पड़े गा और उसके िहसाब से ही
कोई लान करना पड़े गा।"
ले कन इससे पहले क ि काली कोई और जवाब दे पाती, यु गाका
को आसमान म कु छ काले बादल अराका ीप से िनकलकर कह और जाते
ए दखाई दये ।
“ये तो मकोटा के ितिल मी बादल ह और इनका योग वो तभी
करता है, जब उसे कु छ बड़ा करना होता है। कह वह सन राइ जं ग को
डु बाकर सारे याि य को एक साथ मारने क तो नह सोच रहा? ज र
ऐसा ही है ... ि काली ... तु रं त मे रे साथ चलो।" यु गाका चीखकर बोला
और ते जी से महल क छत पर बने एक कमरे क ओर भागा।
ि काली भी उसके पीछे थी।
यु गाका कमरे म िव हो गया।
कमरा काफ बड़ा था। कमरे म सबकु छ लकड़ी से ही बना आ था।
कमरे क दीवार और छत भी लकड़ी क ही थी।
कमरे म ब त से अजीब-अजीब तरह के लकड़ी के उड़ने वाले वाहन
भी रखे थे ।
उनम से कु छ वाहन हेलीकॉ टर, कु छ ोन क भां ित के थे , फक
िसफ इतना था क वह सब वाहन लकड़ी के बने थे और उनके ऊपर क
ओर कसी पारदश ऊजा क छत लगी थी।
यु गाका और ि काली एक वाहन म बै ठ गये । वह वाहन छोटा, परं तु
आकार म गोल एक ोन क भां ित था। िजसके ऊपर लकड़ी के 4 छोटे -
छोटे पं खे लगे ए थे । वाहन के अं द र 2 आरामदायक सीट भी थ और
ब त से रं ग -िबरं गे बटन भी लगे थे ।
वाहन म बै ठ ने के बाद यु गाका ने कमरे के छत क ओर दे खा।
यु गाका के दे ख ते ही लकड़ी क छत सरक कर एक कनारे हो गयी।
यु गाका ने लकड़ी के ोन को एक दशा क ओर इशारा कया और
वह ोन ते जी से उड़कर उस दशा म चल दया, िजधर वो काले बादल
गये थे ।
कु छ दे र उड़ने के बाद उ ह सन राइ जं ग दखना शु हो गया।
वह काले बादल अभी सन राइ जं ग से कु छ दूरी पर थे ।
“के मो लाज।" यु गाका ने ोन के अं द र बै ठे -बै ठे ही बोला। यु गाका
के यह बोलते ही ोन का रं ग आसमान के रं ग से इस कदर मै च हो गया क
ब त यान से दे ख ने पर ही अब ोन दख रहा था। एक तरीके से वह
अदृ य हो गया था।
तभी सन राइ जं ग को एक झटका लगा और वह मु ड़ ना शु हो
गया।
बादल ब त ते जी से सन राइ जं ग क ओर बढ़ने लगे । अब तो
घनघोर काले बादल के बीच कड़कती ई िबजली भी सभी को साफ दख
रही थी।
बादल के गरजने का शोर भी थोड़ा-थोड़ा सु नाई दे ने लगा था।
सन राइ जं ग क पीड अब बढ़ने लगी थी। थोड़ी ही दे र म वह फु ल
पीड पर आ गया, पर काले बादल उसका कसी भू त क तरीके से पीछा
कर रहे थे ।
काले बादल ने अब सन राइ जं ग को कसी बू म रग क तरह घे र ना
शु कर दया।
यु गाका और ि काली को अं धे रा हो जाने क वजह से अब आसमान
से साफ दखाई नह दे रहा था। इसिलये यु गाका ने अपने लकड़ी के ोन
को सन राइ जं ग से थोड़ा दूर आकर पानी क लहर पर उतार िलया।
ना जाने कौन सी तकनीक थी। अब ोन का रं ग पानी के रं ग से
िमलने लगा था।
पारदश ऊजा के कारण हवा और बा रश क बूं दे ोन के अं द र नह
आ रही थी।
तभी सामने अराका ीप नजर आने लगा।
अब हवाएं भी ब त ते ज हो चु क थ । समु क लहर सै क ड़ फु ट
ऊपर उछल रह थ ।
रह-रहकर अजीब सी लै श लाइट िबखे र ती िबजली बादल म कड़क
रही थी।
घने काले बादल क वजह से चार ओर घोर अं ध कार हो गया था।
अब िशप ते जी से अराका ीप क ओर बढ़ने लगा।
बादल िशप के काफ पास आ गए थे ।
हवा म ऊं चे - ऊं चे उछलती समु क लहर से इतना भयानक शोर
हो रहा था, मानो आज लय िनि त हो।
कु छ दे र म सन राइ जं ग से लाइफ बो स को पानी म उतारा जाने
लगा।
अराका शनैः -शनैः पास आता जा रहा था।
बादल अब िशप के ऊपर तक आ गये थे । िबजली क ते ज चमक व
गड़गड़ाहट दूर तक सु नाई दे रही थी।
सन राइ जं ग लहर का सामना नह कर पा रहा था। वह कसी
कागज के जहाज क भां ित लहर पर डोल रहा था।
तभी यु गाका क ते ज िनगाह ने समु क लहर के बीच एक
िवशालकाय ऑ टोपस को दे खा।
“सावधान रहना ि काली, लु फासा िवशालकाय ऑ टोपस का प
ले क र आ चु का है। हम अब पानी के नीचे जाना होगा।" इतना कहकर
यु गाका ने ोन म लगा नीले रं ग का बटन दबा दया।
ोन एक झटके से पानी के अं द र आ गया।
तभी ऑ टोपस ने पानी के नीचे से अपनी िवशालकाय भु जा से
सन राइ जं ग को पकड़ िलया। सन राइ जं ग को एक ते ज झटका लगा, पर
वह ऑ टोपस के हाथ से फसल गया।
इस बार ऑ टोपस ने अपनी सभी भु जा से सन राइ जं ग को जोर
से पकड़ िलया। सन राइ जं ग को इस बार और ते ज झटका लगा।
अब ऑ टोपस ने अपने शरीर से एक गाढ़े काले रं ग का सन
राइ जं ग के ोपे ल र के पास लगे कै मरे पर उगल दया, िजससे सन
राइ जं ग के ू मबर को बाहर का दृ य ना दखाई दे ।
उधर लहर के ऊपर हवा म और ते जी आ गयी िजससे िशप
लहर पर उछल सा रहा था।
ह क -ह क बूं दे भी िगरना शु हो ग थ ।
काले भयानक बादल पू रे िशप के ऊपर छा गये थे ।
बादल ब त जोर से गरजकर पू रे आसमान को कं पाए दे रहे थे ।
तभी आसमान से एक िबजली कड़क कर यु गाका के ोन के पास जा िगरी।
यु गाका का ोन लहराया। यु गाका बाल-बाल बचा था। समु क
लहर ने अब िवकराल प ले िलया था।
तभी यु गाका को पानी के अं द र उड़नत तरी आती ई दखाई दी।
उड़नत तरी पानी के काफ नीचे चल रही थी इसिलये उसक हलचल
ऊपर महसू स नह हो रही थी।
इसी के साथ उड़नत तरी से हजार हरे क ड़ ने िनकलना शु कर
दया।
तभी यु गाका को 2 गोताखोर पानी म आते दखाई दये , जो क सन
राइ जं ग के ोपे ल र क ओर जा रहे थे ।
कु छ हरे क ड़े यह दे ख उनक ओर लपके और इससे पहले क दोन
गोताखोर कु छ समझ पाते हरे क ड़ ने उन दोनो को कई जगह पर काट
िलया।
दोनो गोताखोर क लाश पानी म तै र ने लगी।
हरे क ड़ को सब तरफ फै लते दे ख यु गाका ने अपने ोन को सन
राइ जं ग से थोड़ा दूर कर िलया।
अब ऑ टोपस ने सन राइ जं ग को पानी के अं द र ख चना शु कर
दया।
ब त से लोग पानी पर तै र ने क कोिशश कर रहे थे ।
तभी यु गाका को एक मोटरबोट सन राइ जं ग से दूर जाती ई
दखाई दी। चूं क हरे क ड़ क वजह से यु गाका सन राइ जं ग के पास कु छ
नह कर पा रहा था। इसिलये वह मोटरबोट के पीछे - पीछे पानी के अं द र
ही अं द र चल पड़ा।
अब िशप टू ट कर बड़ी ते जी से पानी म समाने लगा।
मौत का ऐसा भयानक तां ड व शायद ही कसी ने दे खा हो।
बादल भी उनक मौत पर जोर-जोर से चीख रहे थे ।
कु छ ही ण म भयानक आवाज करता आ सन राइ जं ग पानी के
अं द र समा गया।
तभी एक भयानक धमाका समु के अं द र आ। लग रहा था क
आग िशप के यू ल टक तक प ंच गयी थी।
इस भयानक धमाके क वजह से ऑ टोपस का शरीर िचथड़े - िचथड़े
होकर पानी म िबखर गया। लु फासा का एक प और मारा गया था।
“ब त अ छा!" यु गाका यह दे ख कर खु शी से झू म उठा- “एक प
और ख म आ लु फासा का।"
यु गाका क नजर फर से उस थान पर गय , जहां लहर क सतह
पर लाश का अं बार दखाई दे रहा था।
हरे क ड़े इस समय पानी के अं द र डू बे जहाज से लाश ख चकर
उड़नत तरी के अं द र ले जा रहे थे ।
थोड़ी दे र म मोटर बोट के लोग वापस वहां जाने लगे , जहां सन
राइ जं ग डू बा था। शायद उ ह कसी जं दा ि क तलाश थी।
यु गाका थोड़ा सा दूरी बनाकर मोटरबोट पर नजर रख रहा था।
तभी मोटरबोट के लोग ने बोट पर कसी को चढ़ाया, जो क दूरी
अिधक होने क कारण यु गाका व ि काली को दखाई नह दया।
हरे क ड़ ने तब तक पानी के अं द र क सभी लाश को उड़नत तरी
के अं द र प ंचा दया था और अब वो सब लहर पर तै र रही लाश क
ओर झपटे ।
‘गु लु प -गु लु प ’ क आवाज के साथ सभी लाश पानी म खं च ने लग ।
मोटर बोट अब टाट होकर ते जी से ीप क ओर जाने लगी।
यु गाका ने अपना ोन उस मोटरबोट और हरे क ड़ के बीच कर
िलया।
यह दे ख हरे क ड़ ने गु से म यु गाका के ोन पर हमला कर दया।
“बे ड़ा गक।" यु गाका ने गु से से झ लाकर कहा- “ये तो अब हमारे
पीछे पड़ गये । "
यु गाका के ोन से इतने क ड़े िचपक गये , क िव ड न से बाहर
कु छ नजर ही नह आ रहा था। यु गाका के पास कोई ऐसा हिथयार नह
था, िजससे क वह उन क ड़ को मार सकता।
हरे क ड़ ने अब ोन को पानी म ख चना शु कर दया।
“इससे पहले क लु फासा फर से प बदलकर आये या फर ये हरे
क ड़े हम ख चकर उड़नत तरी तक हम ले जाएं , हम अपने बचाव का कोई
उपाय तो दे ख ना ही पड़े गा।" यु गाका के चे ह रे पर थोड़ी सी घबराहट नजर
आने लगी।
यह दे ख ि काली का हाथ गु से से हवा म लहराया।
इसी के साथ समु का पानी आ यजनक प से नु क ले भाल म
बदल गया और सारे हरे क ड़ के शरीर म जाकर धं स गया।
अब उनके ोन पर एक भी हरा क ड़ा नह बचा था।
यह दे ख आसपास के सारे हरे क ड़े वहां से भाग खड़े ए। यु गाका
और ि काली भी इस घटना से हैरान हो गये ।
“ये .... ये .... कै से कया तु म ने ? " यु गाका ने आ य से कहा।
“म....मु झे भी नह पता, मने तो बस गु से म ऐसे ही हाथ िहलाया
था, पर यह पानी बफ कै से बना, यह मु झे नह पता?" ि काली ने उलझे -
उलझे वर म कहा।
“लगता है कोई ना कोई शि तु हारे अं द र भी है, पर इसका तु ह
वयं ान नह है। बाबा से इसके बारे म पू छ ना पड़े गा।" यु गाका ने
ि काली क ओर दे ख ते ए कहा।
उधर मौके का फायदा उठाकर, वह मोटरबोट अराका तक प ंच
गयी थी।
तब तक हरे क ड़ ने लहर पर तै र रही बाक बची लाश को भी
पानी म ख च िलया था।
अब वहां के रहने का कोई फायदा नह था। इसिलये यु गाका और
ि काली भी वहां से अराका क ओर चल दये ।
◆ ◆ ◆
वृ शि

9 जनवरी 2002, बुधवार, 15:15, मायावन, अराका ीप

असलम के मरने के बाद अब सु य श क टीम म के वल 10 लोग बचे


थे ।
जहां एक तरफ सु य श सिहत सभी थोड़ा उदास दख रहे थे , वह
उनका पीछा कर रहे यु गाका क आँ ख म खु शी के भाव थे ।
“तौफ क!" जे िनथ ने तौफ क का हाथ थामते ए कहा- “यहां ीप
पर हम साधारण जं द गी तो जी नह रहे ह। ना ही तु हारे कोई दु मन
यहां पर ह, फर भी यहां पर तु म मु झ से दूर य रहते हो?"
“दे खो जे िनथ म वै सा इं सान नह ं जै सा तु ह पसं द है। " तौफ क ने
ब त सी रयस अं दाज म कहा- “हर समय दल क मत सु ना करो, कभी-
कभी दमाग भी लगा िलया करो।"
“म तु हारी इस बात का मतलब नह समझी।" जे िनथ ने उलझे -
उलझे भाव से कहा- “दे खो तु म पहेिलयां मत बु झाओ। तु म मु झे सीधे - सीधे
बताओ क तु म या कहना चाहते हो?"
“दे खो जे िनथ म पहले तु म से यार नह करता था, पर अब करने
लगा ं। पर पता नह य मु झे महसू स होता है क हम तु म इस जं द गी म
कभी िमल नह पायगे । " तौफ क ने िनराशावादी ि क तरह कहा।
यह सु न कर जे िनथ का दल टू ट सा गया।
“ऐसा कह के मे रा दल य दुखा रहे हो तौफ क?.... म जानती ं
क तु म अपने यार का इजहार नह कर सकते । तु म दूस र से थोड़ा अलग
हो, पर इस तरह से मत बोलो।" इतना कहकर जे िनथ क आँ ख से आँ सू
िनकलने लगे ।
तभी जे िनथ के गले म टं गे उस दे वी के लॉके ट से कु छ चमक िनकली
और उसने जे िनथ के आँ सु को सोख िलया। पर यह घटना कोई दे ख नह
पाया।
उधर चलते - चलते ऐले स के जू ते के फ ते खु ल गये । ऐले स जू ते के
फ ते बां ध ने के िलये उस जगह पर बै ठ गया और अपने जू ते के फ ते बां ध ने
लगा।
कसी ने ऐले स को कते नह दे खा, वह सभी आपस म बात करते
आगे बढ़ते जा रहे थे ।
ऐले स ने एक नजर आगे जाते ए सभी लोग पर मारी, पर उसने
कसी को रोका नह । उसे लगा क वह अभी जू ते के फ ते बां ध कर दौड़कर
उन लोग के पास प ंच जाये गा।
ऐले स जू ते के फ ते बां ध कर जै से ही आगे बढ़ने चला, उसे पास के
एक पे ड़ के पीछे से कु छ खटके क आवाज आयी और एक इं सानी साया
दखाई दया।
जं ग ल म इं सानी साया दे ख कर ऐले स के मन मे उ सु क ता जागी,
वह धीरे - धीरे उस पे ड़ क ओर बढ़ा, िजधर से वह आवाज आयी थी।
पर ऐले स ने एक गलती क , उसने कसी को भी कने के िलये
आवाज नह लगाई।
ऐले स ने पे ड़ के पीछे झां क कर दे खा, पर उसे कु छ दखाई नह
दया।
“वह इं सानी साया कहां गया? अभी तो यह पर था।" ऐले स मन
ही मन बड़बड़ाया।
तभी ऐले स को अपने पीछे एक सरसराहट का अहसास आ।
ऐले स एक झटके से पलट गया। उसे अपने पीछे यु गाका खड़ा
दखाई दया, पर इससे पहले क ऐले स यु गाका से कु छ पू छ पाता या
फर अपने सािथय को इस अं जाने खतरे से आगाह कर पाता, यु गाका के
हाथ से एक गाढ़े हरे रं ग का धुं आ िनकलने लगा।
ऐले स हैरानी से धुं ए को दे ख ने लगा। तभी ऐले स को अपना िसर
नाचता आ सा महसू स आ और वह बे होश होकर यु गाका के हाथ म
झू ल गया।
यु गाका ने ऐले स को धीरे से वह पे ड़ के नीचे िलटाया और वयं
यु गाका बनकर, भागकर सु य श क टीम म शािमल हो गया।
कसी को भी यह पता नह चल पाया क ऐले स बदल चु का है।
यु गाका ने ऐले स का प तो धारण कर िलया, पर परे शानी अब
उसक आवाज क थी य क यु गाका म कसी का भी प बदलने का नर
तो था, पर वह अपनी आवाज नह बदल सकता था।
और यु गाका को पता था क कोई ना कोई उससे कु छ ना कु छ तो
पू छे गा ही? फर वह कब तक नह बोले गा?
तभी चलते ए सभी को कु छ पौधे दखाई दये । यह पौधे दे ख ने म
छोटे थे । इन पर सू र जमु खी के समान कु छ फू ल और रसभरी के समान कु छ
फल लगे दखाई दये ।
कु छ िततिलयां और भ रे उस पौधे के पास मं ड रा रहे थे , परं तु जै से
ही कोई भ रा या िततली उस फू ल के पास जाने क कोिशश कर रहा था,
वै से ही वह फू ल अपनी पं खु िड़य को बं द कर ले ता था और जै से िततली या
भ रा उस फू ल से दूर हो जाता था, वह फू ल पु नः िखल जाता था।
इस कार फू ल के िखलने और बं द होने पर एक अजीब सी विन
उ प हो रही थी और इस विन को सु न उस पौधे पर लगा रसभरी के
समान फल हर बार अलग-अलग रं ग म प रव तत हो जा रहा था।
उस पौधे को दे ख कर ऐसा लग रहा था क जै से वह फू ल नह
चाहता क कोई भ रा या िततली उसम उपि थत मकरं द को ले सके ।
सभी इस िविच पौधे को दे ख वह क गये ।
“बड़ा ही िविच पौधा लग रहा है। " अलबट ने पौधे को दे ख ते ए
कहा।
“ऐसा लगता है जै से क इस ीप के हर पौधे म जीवन है और ये
खु द क अपनी समझ भी रखते ह।" जे िनथ ने कहा।
अभी ये लोग इस कार से पौधे को दे ख ही रहे थे क तभी आसमान
से एक उड़ती ई िचिड़या आयी और उस पौधे से एक फल को तोड़कर
आसमान म उड़ गयी।
“लगता है यह फल साधारण है, नह तो वह िचिड़या इस कार
फल को नह ले जाती।" सु य श ने कहा।
यह दे ख यु गाका के मन म तु रं त एक याल आया। वह धीरे से आगे
बढ़ा और उसने पौधे से एक फल तोड़कर खा िलया।
फल को खाते ही यु गाका जानबू झ कर जमीन पर िगर गया और
अपना गला पकड़कर खां स ने क ए टं ग करने लगा।
यह दे ख सभी डर गये ।
टी लपककर ऐले स बने यु गाका के पास आ गयी।
“ या आ ऐले स?" टी ने अपनी पानी क बोतल को यु गाका
के मुं ह से लगाते ए कहा- “लग रहा फल अटक गया। .... लो पानी पी
लो।"
यु गाका ने टी के हाथ से पानी पीया। अब उसका खां स ना बं द हो
गया था।
यह दे ख सभी ने राहत क साँ स ली।
टी भी ऐले स को खड़ा होते दे ख मु कु रा कर बोली- “जं ग ली
बनने को कहा था। जं ग ली क तरह खाने को नह पगलू । "
टी क बात सु न सभी मु कु रा दये ।
अब यु गाका ने बोलने क ए टं ग करते ए फर से अपना गला
पकड़ िलया।
“कु छ तो परे शानी ई है ऐले स के गले के साथ।" सु य श ने सभी को
आगाह करते ए कहा- “कोई भी इस पौधे के फल को नह खाएगा।"
यु गाका ने इशारे से सभी को बताया क उसके गले से आवाज नह
िनकल रही है।
अलबट ने टाच क रोशनी से यु गाका के मुं ह म झां क कर दे खा।
अलबट को कोई परे शानी समझ म नह आयी।
“मु झे लगता है क यह भी कोई आवाज छीन ले ने वाला िविच
पौधा है? " अलबट ने कहा।
“अब म बात कससे क ं गी?" टी क आँ ख से अब झर-झर आँ सू
बहने लगे - “सॉरी ऐले स .... मने तु हारा मजाक उड़ाया।"
यह कहकर टी ने यु गाका को कसकर झकझोरा।
यु गाका एकटक टी को दे ख रहा था, उसे समझ नह आ रहा था
क अगर ऐले स उसक जगह होता तो कै से वहार करता?
तभी ऐमू चीखता आ यु गाका के िसर पर जाकर उड़ने लगा-
“दो त नह ... दो त नह .... ये ऐमू का दो त नह ।"
चूं क ऐमू कु छ समय पहले शै फाली और ू नो के िलये भी ‘गं दी
लड़क ’ और ‘गं दा कु ा’ जै से श द का योग कर रहा था इसिलये ऐमू
क बात पर शै फाली को छोड़ कसी ने भी यान नह दया।
शै फाली क ते ज िनगाह अब ऐले स बने यु गाका पर ग , अचानक
शै फाली क आँ ख के भाव बदले । अब उसके चे ह रे पर गु सा था, पर उसने
कसी को कु छ महसू स नह होने दया।
“चु प हो जाओ टी ... इस जं ग ल म सभी को कु छ ना कु छ
परे शानी हो ही रही है। कम से कम ऐले स तु हारे साथ तो है। उनके बारे
म सोचो जो अब हमारे साथ नह ह।" अलबट ने टी को दलासा दे ते
ए कहा।
सु य श ने भी टी के कं धे पर हाथ रखकर उसे शां त रहने का
इशारा कया।
अब टी का रोना कम हो गया था, पर उसने यु गाका के हाथ को
अभी भी नह छोड़ा था।
उधर यु गाका का हाथ पहली बार कसी इं सान ने पकड़ा था,
इसिलये उसे ब त ही अजीब सा महसू स हो रहा था।
तभी शै फाली ने धीरे से पास पड़ा, लकड़ी का मोटा डं डा उठाया
और यु गाका के िसर के पीछे प ंच गयी और इससे पहले क कोई कु छ
समझ पाता, शै फाली ने वह डं डा जोर से यु गाका के िसर पर मार दया।
एक ते ज सी आवाज ई और यु गाका वह िगरकर बे होश हो गया।
“यह तु म ने या कया?" टी ने ना समझने वाले भाव से शै फाली
को घू रा।
“यह ऐले स भै या नह है टी दीदी।" शै फाली ने कहा- “यह
कोई ब िपया है, जो ऐले स भै या बनकर हमारे साथ चल रहा था।
कै टे न अं क ल .... इससे पहले क यह होश म आये , आप इसे तु रं त कसी
चीज से बां ध दीिजये । "
शै फाली क बात सु न सभी नीचे पड़े ऐले स को दे ख ने लगे ।
“यह तु म या कह रही हो शै फाली?" जै क ने कहा- “इसका चे ह रा
तो िब कु ल ऐले स से िमल रहा है। कह तु म गलत तो नह हो?"
“अगर आपको लगता है क म गलत बोल रही ं, तो जरा दे र क
जाइये । अभी इसके होश म आते ही आपको सब पता चल जाये गा।"
शै फाली ने नाराज होते ए कहा।
“नह -नह .... मे रा यह कहने का मतलब नह था। म तो बस वै से
ही कं फम कर रहा था।" जै क ने घबराकर कहा।
तभी डन पास लगे एक पे ड़ क जड़ को चाकू से काटकर ले आया।
दे ख ने म वह जड़ काफ मजबू त लग रही थी। डन ने उसी जड़ से
यु गाका के हाथ उसके शरीर के पीछे करके बां ध दये ।
“अगर यह ऐले स नह है तो ऐले स कहां है? " टी ने यु गाका
क ओर दे ख ते ए कहा।
“कु छ कह नह सकते .... अब तो इसके होश म आने पर ही सब
कु छ पता चले गा।" शै फाली ने कहा।
तभी सु य श ने एक बोतल का पानी यु गाका के िसर पर डाल दया।
िसर पर पानी पड़ते ही यु गाका होश म आ गया। होश म आते ही
उसने अपने बं धे हाथ को दे खा और चीख कर बोला- “मे रे िसर पर कसने
चोट क .... ज दी बताओ नह तो एक-एक को यह मार दूंगा।"
“बं धा तू खु द है और हम मारने क बात कर रहा है। " जॉनी ने हंस ते
ए कहा।
“लगता है पहले ते री मौत आयी है। " यु गाका ने कहा।
तभी आ यजनक तरीके से यु गाका के हाथ पर बं धी जड़ अपने
आप ही खु ल गयी।
यु गाका को इतनी आसानी से अपने हाथ खोलते दे ख सभी हैरान हो
गये ।
यु गाका अब थोड़ा हंस क नजर आने लगा था। यह दे ख तौफ क और
डन ने अपने हाथ म चाकू िनकाल िलया।
अब सभी सतक हो गये थे । कसी भी पल कु छ भी हो सकता था।
सभी बस यु गाका के अगले कदम का इं त जार कर रहे थे ।
यु गाका अब अपने असली प म आ गया था।
उसने गु से से एक पे ड़ क ओर दे खा। तु रं त उस पे ड़ क डाली िहली
और उसने जॉनी को अपनी िगर त म ले िलया।
पे ड़ क डाली जॉनी के शरीर से िलपट गयी और उसने जॉनी को
ऊपर हवा म उठा िलया।
यह दे ख ऐमू डर के मारे आसमान म उड़कर भाग गया।
तभी तौफ क ने पू री ताकत से चाकू को यु गाका क ओर उछाल
दया।
िनशाना तो िब कु ल सटीक था, पर उसी समय यु गाका और चाकू के
बीच एक पे ड़ क डाल आ गयी।
चाकू पे ड़ क डाल म धं स गया।
यु गाका ने अब घू र कर तौफ क क ओर दे खा। तभी जमीन से पे ड़ क
एक जड़ िनकली और तौफ क के चारो ओर िलपट कर उसे जमीन से इस
कदर िचपका दया क अब तौफ क िहल भी नह सकता था।
“ठहरो ...!“ शै फाली ने यु गाका क ओर दे ख कर िच लाकर कहा-
“मने मारा था तु हारे िसर पर डं डा .... जो कहना हो मु झे कहो .... बाक
सबको छोड़ दो।"
तभी एक पे ड़ क डािलयां िब कु ल कसी रा स के हाथ क तरह से
नीचे आय और शै फाली के शरीर को अपनी िगर त म ले हवा म टां ग
दया।
“ क जाओ .... ।" अलबट यह दे ख कर चीखा- “उस ब ी को छोड़
दो। वह अभी छोटी है। जो कु छ कहना है, हम लोग को कहो।"
“ठीक है .... सबको एक साथ समझाता ं। " इतना कहकर यु गाका
ने अपना हाथ हवा म िहलाया।
यु गाका के ऐसा करते ही वहां मौजू द सभी पे ड़ और पौधे आ ामक
अं दाज म वहां खड़े सभी लोग से िलपट गये ।
तभी एक पे ड़ ने हवा म ही एक बड़ी सी कु स का प िलया और
उस पे ड़ क जड़ ने , यु गाका को हवा म उठाकर, उस कु स पर बै ठा दया।
यह दे ख कर सब समझ गये क इस यो ा से लड़ने का कोई मतलब
नह है।
“आप हो कौन?" सु य श ने दमाग लगाते ए पू छा- “मे रा नाम
यु गाका है। म इस ीप का यु व राज ं। मे रे पास वृ शि है। इस िलये
यहां के सारे पे ड़ मे रा कहना मानते ह।"
“हम आपसे लड़ना नह चाहते । शै फाली ने भी गलती से आपके िसर
पर वार कर दया था।" सु य श ने साफ झू ठ बोलते ए कहा।
“तु म मनु य क झू ठ बोलने क आदत जाये गी नह ।" यु गाका ने
गु से म ही जवाब दया- “अगर उस लड़क ने मु झे गलती से मारा तो तु म
लोग ने मु झे बां धा यो?"
इधर सभी को यु गाका ने असहाय कर दया था, उधर पोसाइडन
पवत क मू त क आँ ख शै फाली को हवा म लटके दे ख लाल हो गयी। वहां
से एक अं जान ऊजा शै फाली क ओर बढ़ी और हवा म लटक शै फाली से
आकर टकरायी।
उस ऊजा के टकराते ही शै फाली को एक ते ज झटका लगा और
उसके बाल हवा म लहराये ।
“आपने हम मनु य य बोला? या आप मनु य नह हो?" सु य श ने
फर यु गाका को बात म फं साया।
“नह .... म मनु य नह ं। म अटलां टयन ं और अटलां टयन
मनु य से े होता है। " यु गाका के श द म घमं ड साफ नजर आ रहा था।
“तो फर तु ह मनु य क मदद क आव यकता य है? " इस बार
शै फाली ने बीच म बोलते ए कहा।
यु गाका शै फाली के श द सु न कर हड़बड़ा सा गया- “ कसने कहा क
मु झे मनु य क मदद चािहये ? "
“ य दे वी लीटो को वतं नह कराना या?" शै फाली के श द
अब रह य से भरे थे ।
शै फाली के श द यु गाका को छोड़ कसी क भी समझ म नह आ रहे
थे ।
“त....तु ह कै से पता?" यु गाका के श द म पू रे जहान का आ य
था।
“तु ह या लगता है क इस जं ग ल के सारे पे ड़ तु हारा कहना
मानते ह?" शै फाली ने यु गाका क बात को काटते ए, धीरे से हवा म
इशारा कया।
सभी पे ड़ ने शै फाली सिहत सभी लोग को नीचे उतार दया।
“य.... ये कै से कया तु म ने .... म... मे रा मतलब है क आपने ? "
अचानक से यु गाका के अं द र शै फाली के िलये रे स पे ट के भाव आ गये ।
तभी शै फाली का हाथ पु नः हवा म लहराया और यु गाका क कु स
बने सभी पे ड़ ने यु गाका का साथ छोड़ दया।
शान से कु स पर बै ठा यु गाका ‘धड़ाम’ से जमीन पर आकर िगरा।
यु गाका ने हवा म हाथ िहलाया, पर कसी भी पे ड़ ने यु गाका क
बात नह मानी।
“मने तु ह जानबू झ कर मारा था।" तभी शै फाली ने गु से से कहा-
“ य क म तु ह पहचान गयी थी। तु म नयनतारा पे ड़ क दृि को िमत
नह कर सकते । "
“आप कौन हो? और आप इन पे ड़ के बारे म इतना कै से जानती
हो?" यु गाका ने आदर भरे वर म पू छा।
“म तो एक साधारण सी लड़क ं। मु झे भी नह पता क म ये सब
कै से जानती ं? " अचानक से शै फाली फर से नामल लगने लगी- “पर अब
तु ह बताना पड़े गा क ऐले स भै या कहां है? "
“मने ऐले स को यहां से कु छ दूर पहले बे होश करके एक पे ड़ के
कनारे छोड़ दया था। हम वो वह िमल जाये गा।" यु गाका ने कहा।
“मु झे आपसे अभी ब त कु छ पू छ ना है? " सु य श ने यु गाका को दे ख ते
ए कहा- “पर पहले हम ऐले स को अपने साथ ले ना होगा, कह वह
कसी मु सीबत म ना फं स जाए।"
सभी ने सु य श क बात पर अपनी सहमित जताई।
पर जै से ही यु गाका आगे बढ़ने चला, उसके हाथ म बं धे एक र ट
बड पर लगा लाल रं ग का र जोर से चमकने लगा। उसे चमकता दे ख
यु गाका िवचिलत हो गया।
“म आप लोग से माफ मां ग ता ं, पर मु झे कु छ ज री काम से
तु रं त यहां से जाना पड़े गा, मगर म आपसे वादा करता ं क ज दी ही
आप लोग से वापस आकर िमलूं गा, फर आप जो कु छ पू छ गे , वो सब म
बताऊं गा। और हां यहां से 3 दन क पै द ल दूरी पर आपको पोसाइडन
पवत िमले गा, वह से आपको वापस जाने का माग भी िमल जाये गा।"
यु गाका ने सभी से माफ मां ग ते ए कहा।
वापस जाने के माग के बारे म सु न कर सभी के चे ह रे िखल उठे ।
सु य श को महसू स हो गया क यु गाका को वा तव म ही कु छ ज री
काम है, इसिलये उसने कहा- “ठीक है आप जा सकते हो, पर ऐले स को
जहां छोड़ा था वह थान हम बता दो।"
यु गाका ने ज दी से ऐले स के बारे म उ ह बताया और वहां से
दौड़ते ए जं ग ल म गायब हो गया।
कु छ ही दे र म सभी यु गाका के बताए थान पर प ंच गये , पर उ ह
वहां कोई नजर नह आया।
यह दे ख जै क बोला- “कह वह जं ग ली हम बे व कू फ तो नह बना
गया?"
“नह ... वह झू ठ नह बोले गा।" शै फाली ने कहा।
“तो बे होश ऐले स इतनी ज दी कहां चला गया?" टी ने ं धे
गले से कहा- “कह वह कसी दूस रे खतरे म तो नह पड़ गया?"
“मु झे लगता है क यु गाका ज दी ही हमसे आकर वापस िमले गा
और वही बताएगा क ऐले स इस समय कहां होगा? य क तु म लोग ने
दे खा क उसके पास कतनी जादुई शि यां थ ।" जे िनथ ने कहा।
“शि यां तो हमारी शै फाली म भी कम नह ह, बस इसे कु छ याद
नह आ रहा।" अलबट ने शै फाली को यार से दे ख ते ए कहा।
“सही कह रहे ह आप ोफे सर।" सु य श ने भी शै फाली क तारीफ
क - “अगर शै फाली हमारे साथ ना होती तो हम लोग कब का इस जं ग ल
म मारे गये होते ? "
“मे रे याल से अब हम ज द से ज द पोसाइडन पवत पर प ंच ना
चािहये । " डन ने कहा- “वह से हम िनकलने का माग िमले गा और तब
तक यु गाका भी आकर हम सब कु छ बता ही दे गा।"
डन क बात सु न कर टी को छोड़ सभी के चे ह रे पर मु कु राहट
आ गयी। टी अभी भी ऐले स के िलये चं ितत नजर आ रही थी।
सभी फर से आगे क ओर बढ़ गये , पर इस बार सभी के कदम म
उ साह दख रहा था।
◆ ◆ ◆
िहमालयन यित

9 जनवरी 2002, बुधवार, 15:30, ांस अंटाक टक माउ टेन, अंटाक टका

जे स और िव मर को शलाका के दये कमरे म रहते ए आज एक


दन बीत गया था, पर ना तो शलाका उनसे िमलने आयी थी और ना ही
उन दोन को अपने पास बु लाया था।
जे स और िव मर एक कमरे म बं द ऊब रहे थे । पर उ ह यह भी
समझ म नह आ रहा था क आिखर दे वी शलाका से स पक कै से कर?
उस कमरे म ना तो कोई दरवाजा था और ना ही कोई िखड़क ?
आिखर वह बाहर जाय तो जाय कै से ?
“यार जे स!" हम लोग यहां या सोच कर आये थे क खजाना
िमले गा? पर यहां कु छ िमलना तो छोड़ो, हम यहां खु द ही कै द हो गये । "
िव मर ने िनराश होते ए कहा।
“नकारा मक मत सोचो दो त।" जे स ने िव मर का हौसला बढ़ाते
ए कहा- “वह तो दे वी ह और पता नह कतने समय से यहां सो रही थ ।
अब इतने बाद अगर वो उठी ह तो ब त से काम बाक ह गे । दे वी पहले
उसको पू रा करगी, फर समय िनकालकर हम लोग से िमलगी। वै से वह
हमसे काफ खु श ह। हम तो जो मागगे , उसे वह पू रा करगी। तू चं ता मत
कर, हमारा खजाना िमलना तो प ा है। "
“पता नह य ? पर मु झे तो थोड़ी टशन हो रही है। " िव मर ने
कहा- “अगर वह सच म हमसे इतना खु श थ , तो उसी समय य नह
खजाना दे क र हम वापस भे ज दया? और मान िलया क उनके पास ब त
काम ह गे िजसक वजह से वह हमसे नह िमल पा रही ह, तो कम से कम
ऐसे कमरे म रखत , जहां कु छ िखड़क व दरवाजे तो होते । उ ह ने तो हम
ऐसे कमरे म बं द कर दया है, जै से हम उनके मे ह मान ना होकर कोई कै दी
ह ?"
िव मर क बात म दम था, इसिलये जे स ने इस बार कोई िवरोध
नह कया।
जे स भी अब बै ठे -बै ठे थक गया था। इसिलये वह उठकर कमरे म
ही टहलने लगा।
टहलते - टहलते जे स क िनगाह एक दीवार पर िचपके दरवाजे के
टीकर पर गयी। टीकर दे ख कर उसे थोड़ा सा अजीब लगा। इसिलये वह
दीवार के पास जाकर टीकर को दे ख ने लगा।
वह एक साधारण टीकर ही था। यान से दे ख ने पर जे स को उस
टीकर के दरवाजे पर एक उभरा आ लाल रं ग का बटन दखाई दया।
जे स ने धीरे से उस बटन को दबा दया।
बटन दबाने पर उसका रं ग बदल कर लाल से हरा हो गया, पर कह
से कोई आवाज नह आयी। तभी जे स को टीकर दे ख ते ए एक अजीब
सा अहसास आ।
एक बार फर जे स ने टीकर को छू ना चाहा, पर टीकर पर हाथ
लगाते ही जे स को अपना हाथ दरवाजे के पार होता दखाई दया।
जे स ने एक बार िव मर क ओर दे खा। िव मर कु स पर आँ ख बं द
कये ए बै ठा था।
जे स ने वापस टीकर क ओर दे खा और धीरे से अपना एक हाथ
टीकर के अं द र कर दया।
दूस री ओर खाली थान दे ख जे स पू रा का पू रा उस टीकर म घु स
गया।
जे स के सामने एक गै ल री सी दखाई दी। िजसम ह का उजाला
था।
जे स उस गै ल री म आगे बढ़ गया।
थोड़ा चलने के बाद जे स को हर तरफ दरवाजे ही दरवाजे दखने
लगे ।
जे स ने घू म कर चारो ओर के दरवाज को दे खा, पर पलटने पर वह
खु द भू ल गया क वह कस दरवाजे से यहां आया था।
अब जे स घबरा गया। काफ दे र तक उसने अं दाजा लगाने क
सोची, पर उसे कु छ समझ नह आया।
अं त तः वह एक दरवाजे से बाहर िनकल गया।
वह रा ता एक बफ क गु फा म िनकला था। एक बार तो जे स खु श
हो गया क उसने बाहर िनकलने का रा ता खोज िलया, पर सामने का
नजारा दे ख वह चकरा गया य क उसे अपने अगल-बगल चारो तरफ
बफ के पहाड़ दखाई दे रहे थे ।
“यह म कहां आ प ंचा? यह अं टाक टका नह है। अं टाक टका का
एक-एक च पा म पहचानता ं, वहां इतने पहाड़ नह ह और ... और वहां
क बफ क रं ग इतना सफे द नह है। .... पर म 10 कदम के अं द र
अं टाक टका से इतना दूर कै से आ सकता ं? ” जे स मन ही मन बु द बु दाया।
जे स गु फा से िनकल कर बाहर आ गया। तभी उसे अपने सामने एक
30 इं च लं बा पै र का िनशान बफ पर बना दखाई दया।
“हे भगवान ... ये कस दै य के पै र के िनशान ह बफ पर?" जे स
के चे ह रे पर आ य ही आ य दख रहा था- “ये म कहां आ गया? मु झे
तु रं त वापस जाना होगा।"
इतना सोचकर जे स जै से ही वापस जाने के िलये घू मा, उसे अपने
पीछे क गु फा गायब दखाई दी।
“अब ये गु फा कहां गायब हो गयी?" गु फा को गायब दे ख जे स डर
गया- “अब म वापस कै से जाऊं गा?"
जे स ने अपने आप को एक मै दान म खड़े पाया। उसे समझ म नह
आया क अब वो कहां जाये ? तभी आसमान से बफ िगरना शु हो गयी।
पहले ही जे स को ठं ड लगने लगी थी और अब उस अनचाही बफ ने
जे स का शरीर गलाना भी शु कर दया।
अब जे स के पास और कोई चारा नह था, उन िवशालकाय कदम
का पीछा करने के अलावा। कु छ सोच जे स उन कदम के िनशान के पीछे
चल पड़ा।
थोड़ा आगे जाने पर उसे वो कदम के िनशान एक गु फा क ओर
जाते ए दखाई दये ।
आसपास कु छ और ना होने क वजह से जे स भी उस गु फा क ओर
चल दया।
जे स ने बाहर से ही धीरे से झां क कर गु फा म दे खा।
जे स को गु फा म कोई दखाई नह दया। गु फा के छत क ओर एक
गोल सा सु राख था, िजसम से होकर बफ ने गु फा म एक छोटा सा पहाड़
बना दया था।
वह गु फा आगे जाकर सु रं ग म बदलती दख रही थी।
आसमान से िगरती बफ से बचने के िलये जे स उस गु फा के एक
कनारे खड़ा हो गया।
जे स को वहां खड़े ए अभी यादा दे र नह आ था क अचानक
जे स को गु फा के अं द र का बफ का टीला िहलता आ सा दखाई दया।
यह दे ख जे स डरकर वह दीवार से िचपक गया।
अब वह बफ ते जी से िहली और उसम से एक 12 फु ट का िवशाल
यित िनकल आया।
यित को दे ख जे स ब त डर गया और वह गु फा से चीखकर बाहर
क ओर भागा।
यित क नजर भी जे स क ओर गयी। वह भी जे स के पीछे भागा।
मु ि कल से 5 से के ड म ही यित ने जे स को अपने हाथ म पकड़ िलया।
यित ने एक बार यान से जे स क ओर दे खा। जे स ने डर के मारे
अपनी आँ ख बं द कर ली। उसे लगा क यित अब उसे खाने जा रहा है।
जे स के मुं ह से एक ते ज चीख भी िनकल गयी।
तभी जे स को अपना शरीर हवा म झू ल ता आ महसू स आ। जे स
ने एक झटके से अपने आँ ख खोली। उसने दे खा क यित हवा म ऊं चे - ऊं चे
कू दता आ कसी दशा म जा रहा है और वह यित के हाथ म है।
बस इससे यादा जे स कु छ नह दे ख पाया य क अब वह बे होश
हो चु का था।
ऊं ची छलां ग लगाता आ वह यित एक िवशालकाय पवत के पास
प ंच गया। पवत पर एक बफ से लदा आ घर बना था।
घर बफ से इतना यादा ढका था क यही नह पता चल रहा था
क वह घर कस चीज से बना है।
उस घर का दरवाजा छोटा था। यह दे ख यित का आकार अपने आप
छोटा होने लगा।
अब यित का आकार इं सान के बराबर हो गया और वह जे स को
ले क र उस घर म दािखल हो गया। पता नह यित कस कार चल रहा था
क उसके पै र से र ी भर भी आवाज नह हो रही थी।
2 कमरे पारकर यित एक बड़े से हॉल म प ंचा।
उस हॉल के बीचोबीच एक काले रं ग के प थर से िन मत िशव लं ग
बना था। िजसके पास एक सफे द दाढ़ी वाला बू ढ़ा बै ठा भगवान िशव क
पू जा कर रहा था। यह ित बत का एक िभ ु क नीमा था।
यित ने धीरे से िशव लं ग को िसर झु काया और सामने क ओर
चु प चाप बै ठ कर नीमा क पू जा ख म होने का इं त जार करने लगा।
लगभग 10 िमनट के बाद नीमा ने अपनी पू जा ख म करके अपनी
आँ ख खोली।
आँ ख खोलते ही नीमा क नजर यित और उसके पास बे होश पड़े
जे स क ओर गयी।
“यह कौन है हनु का?" नीमा ने यित क ओर दे ख ते ए पू छा।
“मु झे भी नह पता। मु झे ये महादे व क ‘योग-गु फा’ म िमला था।"
हनु का ने कहा- “मु झे श ल से ये िवदे शी दखाई दया, इसिलये इसे म
आपके पास ले आया।"
“गु व शि के कट होने का समय आ रहा है। हो सकता है ये
वही चु राने के िलये यहां आया हो।" नीमा ने कहा- “आप इसे ा और
िशव या को स प दो। वही दे ख गे क इसका आगे या करना है? "
“जी धमगु !" इतना कहकर हनु का जे स को ले वहां से बाहर
िनकल गया।
◆ ◆ ◆
चैपटर-12
अटलां टस वृ

9 जनवरी 2002, बुधवार, 15:45, सामरा रा य, अराका ीप

योम लगातार कसी अंधे कुं ए म िगरता आ सा तीत हो रहा


व् था। कु छ देर तक ऐसे िगरते रहने के बाद ोम को अपना शरीर
कसी धरातल से छू ता आ तीत आ।
ोम ने अपनी आँ ख को खोला।
वह इस समय एक घने जं ग ल म घास पर पड़ा आ था।
“ये म कहां आ गया?" ोम याद करते ए बड़बड़ाया- “म तो ीप
के नीचे के थान पर कसी िव ान क दुिनया म था। वहां पर मै ने एक
मशीन का बटन दबाया था, तभी मु झे अपना शरीर खं ड मे िवभ होता
आ महसू स आ। िजसके फल व प म यहां प ंच गया। या .... या वो
मशीन ां स िमट मशीन थी? पर उसे मशीन ने मु झे कहां भे ज दया?"
ोम ने एक नजर अपने आसपास के थान पर मारी।
वह एक ब त ही खू ब सू र त परं तु छोटी सी घाटी म था। चारो ओर
ह रयाली थी।
खू ब सू र त पहाड़ के बीच सुं द र फल और फू ल वाली घाटी रं ग -
िबरं गे फू ल से िब कु ल वग के समान महसू स हो रही थी।
वहां लगे सभी पे ड़ -पौधे ोम के िलये नये थे । इससे पहले उसने
ऐसे फल और फू ल के पौधे अपनी जं द गी म कभी नह दे खे थे ।
ोम अभी जं ग ल क खू ब सू र ती का नजारा ले ही रहा था क तभी
उसे कु छ ‘धम-धम’ क आवाज सु नाई दी।
आवाज सु न ते ही ोम समझ गया क कोई िवशालकाय जीव उधर
आ रहा है।
वह तु रं त एक पास के पे ड़ पर चढ़ कर बै ठ गया।
ोम क नजर अब आवाज क दशा क ओर थी, जो क अब पास
आती जा रही थी।
कु छ ही दे र म ोम को एक तरफ से एक मदम त हाथी आता आ
दखाई दया।
उस हाथी क चाल से पता चल रहा था क वह कु छ दन पहले ही
वय क आ है। य क वह पू री म ती म उछलता-कू दता दखाई दे रहा
था।
हाथी के दाँ त लं बे और चमक ले थे । हाथी अपनी म तानी चाल से
कु छ छोटे - छोटे पे ड़ को उखाड़ता चल रहा था।
हाथी को दे ख ोम ने अपने आप को एक मोटी टहनी के पीछे िछपा
िलया, िजससे हाथी क नजर उस पर ना पड़े ।
झू म ता आ हाथी अचानक एक पे ड़ को उखाड़ते - उखाड़ते क गया।
अब हाथी यान से उस पे ड़ पर लगे फल को दे ख ने लगा।
हाथी को ऐसा करते दे ख ोम को थोड़ा आ य आ। वह भी यान
से उस पे ड़ के फल को दे ख ने लगा।
उस पे ड़ पर छोटे - छोटे आँ व ले के जै से लाल और हरे फल लगे थे ।
कु छ दे र तक दे ख ते रहने के बाद हाथी ने एक लाल फल को खा
िलया।
फल को खाते ही हाथी का आकार आ यजनक तरीके से एक चू हे के
बराबर हो गया।
ोम आँ ख फाड़े उस दृ य को दे ख रहा था।
चू हे के आकार म आकर हाथी काफ खु श हो गया। अब वह
चं घाड़ते ए वहां से चला गया।
“अरे बाप रे .... यह तो ब त ही िविच जगह है। " ोम ने अपने
मन मे सोचा- “ऐसे फल के बारे म तो मै ने कभी सु ना भी नह .... यह
फल तो कसी भी जीव के जीनोम को बदलने क मता रखता है। "
यह सोच ोम अब पे ड़ से उतरकर उस िविच वृ के पास आ
गया और उसके फल को यान से दे ख ने लगा।
ोम को दे ख ने म वो फल िब कु ल साधरण से ही लगे ।
“इन लाल फल को खाकर वह हाथी छोटा आ था। पर यह हरे
फल से या होता है? कह ये हरे फल वापस जीव को सामा य आकार म
तो नह लाते । ज र ऐसा ही होगा। पर इस हरे फल को चे क कै से क ं ? म
वयं पर तो इसका योग कर नह सकता। चलो कु छ फल जे ब म रख
ले ता ं, बाद म इसका योग करके दे खूं गा कह पर?"
यह सोचकर ोम ने कु छ लाल और कु छ हरे फल, पे ड़ से तोड़कर
अपनी जे ब म डाल िलये ।
“अब मु झे सबसे पहले पता करना चािहये क म ं कहां पर?" यह
सोचकर ोम ने अपने बै ग से दूर बीन को िनकाल कर अपनी आँ ख पर
चढ़ा िलया और घाटी पर एक नजर डाली, पर उसे दूर -दूर तक कु छ नजर
नह आया।
“यहां से तो मनु य के जीवन के कोई अवशे ष नजर नह आ रहे,
फर मु झे बताये गा कौन? क म इस समय कहां पर ं? मु झे पहाड़ पर
चढ़कर दे ख ना चािहये । शायद वहां से कु छ नजर आ जाये । "
यह सोचकर ोम एक पास वाले पहाड़ पर चढ़ना शु हो गया।
1 घं टे के अथक प र म के बाद ोम उस पहाड़ क चोटी पर प ंच
गया।
पहाड़ पर उसे एक िवशालकाय वृ दखाई दया। उस वृ क
ऊं चाई कम से कम 100 फट से कम नह थी।
उस वृ पर हजार शाखाएं थ और हर शाखा पर ब त यादा
पि यां लग थ । वह पे ड़ इतना घना था क पे ड़ के नीचे सू य क रोशनी
भी नह आ रही थी।
उस पे ड़ का तना 12 फट चौड़ा था। दूर से दे ख ने पर वह पे ड़ कसी
िवशालकाय दै य क भां ित तीत हो रहा था।
उस पे ड़ पर एक भी फल और फू ल नह लगे थे ।
ोम ने उस पे ड़ को हाथ लगाकर दे खा। पे ड़ को छू ते ही अचानक
उसे अपने मि त क म ब त शां ित महसू स ई।
ोम को एक अतीि य शि का अहसास आ, इसिलसे जाने य
ृ ावश ोम ने पे ड़ को हाथ जोड़कर णाम कर िलया।
धीरे - धीरे शाम होने वाली थी और ोम को भू ख और यास भी
लग रही थी, इसिलये ोम ने एक बार फर दूर बीन को आँ ख से लगाकर
घाटी क दूस री ओर दे ख ना शु कर दया।
घाटी के दूस री ओर ब त दूरी पर उसे कोई चमकती ई चीज
दखाई दी। ोम ने दूर बीन को एडजे ट करके दे खा।
“अरे यह तो कोई धातु क िवशाल मू त लग रही है। मु झे उस दशा
म ही चलना चािहये । शायद वहां पर कोई इं सान िमल जाये । "
यह सोच ोम धीरे - धीरे पहाड़ से उतरने लगा। ोम के पलटते ही
उस वृ से रोशनी क एक करण िनकली और ोम के शरीर म समा
गयी, पर ोम इस दृ य को दे ख नह पाया।
◆ ◆ ◆
साग रका

9 जनवरी 2002, बुधवार, 16:20, कलाट महल, अराका ीप

इस समय यु गाका कलाट महल म कलाट के सामने बै ठा था।


“ या आ बाबा? आपने इमजसी बटन य दबाया? ऐसी या
त काल ज रत पड़ गयी? सब ठीक तो है ना?" यु गाका ने एक नजर कलाट
पर डालते ए पू छा।
“मु झे भी कु छ यादा पता नह है बे टा। पर मु झे लग रहा है क कोई
बाहरी इं सान सामरा रा य के अं द र दािखल आ है य क कु छ दे र पहले
अटलां टस वृ को, कसी के छू ने के सं के त मु झे ा ए ह।" कलाट ने
गं भीर होकर कहा।
“ऐसा कै से हो सकता है? हमारी अदृ य दीवार को कोई बाहरी
शि भे द नह सकती। फर भला कोई अं द र कै से आ सकता है? और
बाहरी कसी इं सान को अटलां टस वृ के बारे म कै से पता चले गा?"
यु गाका के श द म आ य के भाव नजर आने लगे ।
“यु गाका तु म तो जानते हो क तु हारी वृ ा शि का आधार वही
अटलां टस वृ है। हम िगने - चु ने सामरा वािसय के अलावा उस वृ क
जानकारी तो सीनोर वािसय को भी नह है। फर कोई भला उसके बारे म
कै से जान सकता है। बस यही तो मे री चं ता का कारण है। लगता है हम
अटलां टस वृ तक चलना पड़े गा।" कलाट ये कहकर खड़ा होने लगा।
“बाबा, मु झे भी आपसे कु छ बात बतानी है? " यु गाका ने कलाट को
खड़ा होते दे ख कहा।
यु गाका क बात सु न कलाट वापस अपनी कु स पर बै ठ गया और
यु गाका क ओर दे ख ने लगा।
“बाबा कु छ दन पहले सन राइ जं ग नामक एक पानी का जहाज
कु छ इं सान को ले क र इस े म आया था, िजसे लु फासा ने अपनी
शि य से तोड़कर अिधकतर इं सान को मार डाला, परं तु 12 इं सान
कसी कार बचकर मायावन म िव हो गये ह। वह एक के बाद एक
बाधा को पार करते जा रहे ह। उनम से कु छ मानव के पास तो असीिमत
शि यां भी ह।" यु गाका ने अपने भावना को द शत करते ए कहा।
“मानव के पास शि यां ? कै सी शि यां ह उनके पास?" कलाट ने
आ य से भरते ए यु गाका से पू छा।
“एक इं सान क पीठ पर ‘पं च शू ल ’ पर छपी सू य क आकृ ित बनी
है। उसने दे वी शलाका क मू त को भी छु आ, फर भी वो जं दा बच गया।"
यु गाका ने कहा।
“पं च शू ल वाली सू य क आकृ ित? और .... और .... उसे दे वी शलाका
क मू त को छू कर भी कु छ नह आ? ..... असं भ व! .... ये नह हो
सकता।" कलाट भी यह बात सु न कर घबरा गया।
“ऐसा मे री आँ ख के सामने ही आ है बाबा। म आपसे झू ठ नह
बोल रहा।" यु गाका ने कलाट को यक न दलाते ए कहा- “और दूस री
लड़क तो अभी मा 13-14 वष क ही लग रही है, पर वह मायावन के
बारे म सबकु छ जानती है, उसने .... उसने तो आज मे री वृ ा शि भी
मु झ से छीन ली थी।"
“ याऽऽऽऽऽऽ?" यु गाका के श द सु न कलाट के आ य का ठकाना
ना रहा- “तु म ने मु झे इस बारे म पहले य नह बताया? मु झे लगता है
वह घड़ी आने वाली है िजसका अराकावािसय को हजार वष से इं त जार
है। महाशि ने अराका पर अपने कदम को रख दया है। अब ‘साग रका’
को फर से खोलना पड़े गा।"
“कौन महाशि बाबा? और ... और ये साग रका या है? " यु गाका
के िलये कलाट का हर श द एक रह य के समान था।
“बताता ं, सब बताता ं ... पर पहले सू य के अ त होने के पहले
हम अटलां टस वृ तक प ंच ना होगा।" कलाट ने कहा।
“ठीक है बाबा तो पहले अटलां टस वृ तक प ंच ने क ही व था
करते ह। आप मे रे साथ महल क छत पर चिलये । " इतना कहकर यु गाका
कलाट महल के छत क ओर भागा।
कलाट यु गाका के पीछे था।
यु गाका ने महल क छत पर प ंच कर एक अजीब सी सीटी बजाई,
कु छ दे र बाद उसे हवा म उड़कर वही लकड़ी का ोन आता दखाई दया।
ोन महल क छत पर उतर गया। कलाट और यु गाका दोन ही
ोन म बै ठ गये ।
यु गाका के इशारे पर अब वह ोन अटलां टस वृ क ओर उड़
चला।
“ या अब आप बतायगे बाबा क महाशि कौन है? " यु गाका ने
कलाट से पू छा।
“आज से 20000 वष पहले जब पोसाइडन ने लीटो को कै द करने
के िलये अराका ीप के िनमाण के बारे म सोचा, तो उसके दमाग म
पहला यह आया क ीप क सं र चना कस कार क बनाई जाये ?
इसिलये ितिल मा और मायावन के िनमाण के िलये पोसाइडन ने कै पर
और महाशि मै ा का चु नाव कया। ये दोनो उस समय के सबसे सफल
िनमाणकता थे । पोसाइडन चाहता था क मायावन म िविच जीव और
वृ का सं सार हो, इस मायावन को इतनी आसानी से कोई ना पार कर
पाये और अगर कोई इसे पार करने क कोिशश करे तो कै पर उस इं सान
क शि य को दे ख कर तु रं त ऐसे ितिल म का िनमाण करे , िजसको
तोड़ना उस इं सान क शि य से परे हो। इस कार मै ा ने ‘वृ ा शि ’
और ‘जीव शि ’ को िमलाकर इस मायावन का िनमाण कया और कै पर
ने ितिल मा का िनमाण कया। इस िनमाण के कु छ समय बाद पता नह
कन अं जान कारण से महाशि मै ा ने पोसाइडन के िव ही काय
करना ारं भ कर दया। िजसके बाद पोसाइडन और मै ा क शि य के
बीच टकराव शु हो गया और फर 18000 वष पहले महाशि मै ा कह
लु हो गयी? उसके बाद से उसका आज तक कु छ पता नह चला?"
“कह वह छोटी लड़क ही तो मै ा नह ?" यु गाका ने हैरानी से
पू छा।
“कु छ कह नह सकते । हो भी सकता है। इसीिलये तो ‘साग रका’
खोलने चल रहे ह।" कलाट ने कहा।
“ये साग रका या है बाबा?" यु गाका ने फर कलाट से पू छा।
“जब दे व ता ने पृ वी का िनमाण काय शु कया, तो 7 त व क
रचना क और उन 7 त व क रचना का इितहास सु र ि त रखने के
िलये 7 चम कारी पु तक का िनमाण कया। इस कार धरती, आकाश,
वायु , अि , जल, काश और विन के इितहास के िलये मशः भू िमका,
िनहा रका, वे िगका, अि का, साग रका, कािशका और विनका नामक
पु तक क रचना क और यह सभी पु तक पृ वी के अलग-अलग भाग म
िछपा दी गय । इनम से मु झे साग रका पु तक क जानकारी है। वह एक
चम कारी पु तक है और भू त काल के अलावा कु छ भिव य भी दखाती है।
उस पु तक के , भिव य के प को, पु तक क इ छा के बगै र कोई नह
खोल सकता। िपछली बार जब म उस पु तक के पास गया था, तो उसके
आिखरी प े पर िलखा था क जब मायावन म महाशि के अि त व का
अहसास हो जाये तो उस पु तक का अगला प ा खु ले गा।"
अब इससे पहले क यु गाका कोई और पू छ पाता, ोन
अटलां टस वृ के पास प ंच गया।
ोन से उतरकर कलाट और यु गाका अटलां टस वृ के पास प ंच
गये । दोन ने ही पहले वृ को णाम कया।
“हे महावृ या आज आपके पास कोई अं जान ि आया था?"
कलाट ने वृ से पू छा।
“एक ऐसा ि आया था, जो सामरा का नह था, पर फर भी
मु झे वो अपना सा लगा।" वृ से आवाज आयी।
“म कु छ समझा नह महावृ ? वो सामरा का नह था फर भी
अपना लगा, ऐसा कै से हो सकता है? " कलाट ने ना समझने वाले अं दाज म
कहा।
“ठीक उसी कार जै से ि काली ........।" कु छ कहते - कहते वृ शां त
हो गया।
“म आपके कथन को समझ गया महावृ । अगर आपको ऐसा
महसू स आ है तो फर मु झे कोई आपि नह है। " कलाट ने कहा।
पर यु गाका को महावृ क ये बात समझ नह आय । उसे समझ
नह आया क महावृ ने ि काली का नाम य िलया?
“परे शान मत हो कलाट, खु िशयां अराका पर कदम रख चु क ह,
मने उसे महसू स कया है। तु म तो बस अब ‘दूस रे दे व यु ’ क तै यारी
करो।" वृ ने कहा।
“ या दे व यु िनकट आ चु का है महावृ ?" कलाट ने पू छा।
“प रि थितयां बननी शु हो चु क ह, ये दे व यु िपछले से भी बड़ा
होगा। पर दे व ता क शि तु हारे साथ है। इसिलये तु म िब कु ल भी
परे शान मत हो। तु म तो अभी बस खु िशय क तै यारी करो।" वृ ने कहा।
“जी महावृ ... जै सी आपक आ ा।" कलाट ने कहा- “हे महावृ
म साग रका का अगला पृ पलटना चाहता ं। "
“ठीक है ... यह उिचत समय भी है, तु म साग रका का अगला पृ
पलट सकते हो।" वृ के इतना कहते ही उस वृ पर 2 सोने के से ब
दखाई दे ने लगे ।
कलाट और यु गाका ने एक-एक फल को खा िलया।
फल को खाते ही दोन का शरीर एक ऊजा के काशपुं ज के प म
प रव तत हो गया और रोशनी क ते जी से उड़कर समु म समा गया।
समु म ते जी से या ा करता वह काशपुं ज कु छ ही से के ड म समु
के अं द र डू बे अटलां टस तक प ंच गया। अटलां टस ीप के अवशे ष चारो
ओर िबखरे दखाई दे रहे थे ।
दोन काशपुं ज वहां मौजू द पोसाइडन के मं दर म वे श कर गये ।
पोसाइडन के मं दर म वे श करते ही यु गाका और कलाट दोनो
अपने वा तिवक प म आ गये ।
मं दर अं द र से ब त िवशालकाय था। चारो ओर पानी ही पानी
भरा था। ब त से जलीय जं तु वहां तै र रहे थे ।
मं दर म पोसाइडन क एक िवशालकाय ितमा लगी थी, िजसके
नीचे एक शे र क मू त भी थी।
कलाट ने शे र क मू त को पकड़कर घु मा दया। अब शे र का मुं ह
पोसाइडन क ओर हो गया था। तभी एक गड़गड़ाहट के साथ पोसाइडन
क मू त के पीछे , एक ार सा खु ल गया।
कलाट और यु गाका उस ार म िव हो गये ।
वह एक 20 फु ट लं बा- चौड़ा कमरा था, िजसक दीवार पर
अजीब-अजीब से जलीय जं तु क उभरी ई आकृ ितयां बन थ ।
उस कमरे म पानी का नामो-िनशान भी नह था।
कमरे के बीचोबीच म एक खं भे पर एक मोटी सी ाचीन कताब
रखी थी। उस कताब के कवर पर उभरा आ, एक सु न हरी धातु का ‘सी-
हास’ बना था।
वह कताब काफ मोटी दख रही थी।
कलाट ने यु गाका को उस कताब को ना छू ने का इशारा कया और
अपने व म िछपे एक मछली क खाल जै से द तान को अपने दोन
हाथ म पहन िलया।
अब कलाट ने कताब को णाम कर उसके प को खोल दया।
कताब के खोलते ही उस कताब से पानी क कु छ बूं द िनकलकर
कलाट के सामने हवा म फै ल गय । इसी के साथ वह पानी, हवा म कु छ
श द को िलखने लगा। जो क इस कार थे -
“स लोक से आयी शि , कण से बना ि काल,
दे व यु कण-कण म होगा, जब टू टे गा मायाजाल"
यह पं ि यां दे ख कर कलाट मु कु रा दया, पर यु गाका क कु छ भी
समझ म नह आया।
उसने कलाट क ओर दे खा, पर कलाट ने इशारे से उसे सबकु छ बाद
म बताने को कहा।
पं ि य को दे ख कलाट ने फर से साग रका को दे ख हाथ जोड़ा।
उसके हाथ जोड़ते ही साग रका से िनकलने वाला वह जल, फर से
साग रका म समा गया और इसी के साथ वह कताब वतः बं द हो गयी।
अब कलाट, यु गाका को ले क र वापस पोसाइडन के मं दर म आ
गया। कलाट के गु थान से िनकलते ही गु थान वापस से बं द हो गया
और शे र क मू त अपने यथा थान आ गयी।
कलाट और यु गाका जै से ही पोसाइडन के मं दर से बाहर आये , वह
फर से काशपुं ज म बदल गये और सामरा रा य क ओर चल दये ।
◆ ◆ ◆
जलपरी क मू त

9 जनवरी 2002, बुधवार, 17:30, मायावन, अराका ीप

“कै टे न ... शाम होने वाली है। हम रात गु जारने के िलये फर से


कोई सु र ि त थान दे ख ना होगा।" अलबट ने सु य श को दे ख ते ए कहा।
“कु छ दूरी पर मु झे पे ड़ ख म होते दख रहे ह। शायद वहां पर कोई
सु र ि त जगह हो?" सु य श ने अलबट को एक दशा क ओर इशारा करते
ए कहा।
“कै टे न , ऐमू फर गायब हो गया।" डन ने कहा- “जब यु गाका ने
हम पर हमला कया था, तब तक वह हमारे साथ था। उसके बाद से
उसका कु छ पता नह है? "
“मु झे ऐसा लगा जै से ऐमू यु गाका से ब त यादा घबरा गया था।"
जे िनथ ने कहा।
तभी ऊं चे पे ड़ का िसलिसला ख म हो गया। अब सामने दूर -दूर
तक मै दानी े था, जहां पर एक भी पे ड़ नजर नह आ रहे थे ।
तभी तौफ क ने कहा- “कै टे न .... वहां कु छ दूरी पर जमीन पर
कोई इमारत जै सी नजर आ रही है। हम उस तरफ ही चलना चािहये । "
सभी क नजर तौफ क क बताई दशा क ओर घू म गयी।
सभी उस दशा क ओर चल दये ।
कु छ दे र के बाद वह जगह साफ नजर आने लगी।
“यह तो सं ग मरमर प थर से बनी कोई जगह दखाई दे रही है। "
शै फाली ने कहा
लगभग 5 िमनट म ही सभी उस थान पर प ंच गये ।
वह एक सफे द सं ग मरमर प थर से बनी, एक पाक जै सी जगह थी।
इस जगह पर कसी भी कार क कोई छत नह थी।
पाक के बीचोबीच एक सुं द र और साफ पानी का तालाब था, िजसके
चारो ओर उसम उतरने के िलये सी ढ़यां बन थ । उस तालाब के बीच म
पानी का एक िविच फ वारा लगा था।
उसे िविच इसिलये कहा य क उस फ वारे म एक ‘सप लड़क ’
क मू त लगी थी।
उस लड़क के शरीर के नीचे का भाग एक सप का था और कमर से
ऊपर का भाग एक लड़क का था। लड़क के बाल क जगह सै क ड़ सप
िनकले थे और हर सप के मुं ह से पानी क एक धार फ वारे क श ल म
िनकल रही थी।
“मे डू सा!" अलबट ने उस मू त को दे ख ते ही कहा- “ये ीक
कहािनय का पा ‘मे डू सा’ है। यह 3 ‘गारगन’ बहन म से एक थी।"
“ या इसक कहानी हम सु नाएं गे ोफे सर?" जे िनथ ने अलबट से
र े ट करते ए कहा।
“ज र सु नाऊं गा, पर पहले एक बार इस पू री जगह को ठीक से दे ख
िलया जाये क यह जगह रात गु जारने लायक है भी क नह ?" अलबट ने
जे िनथ से कहा।
जे िनथ ने धीरे से िसर िहलाकर अपनी हामी भर दी।
अब सभी बाक क जगह को दे ख ने लगे ।
उस पाक के एक दूस रे े म खू ब सू र त जलपरी क मू त बनी थी,
िजसका कमर से नीचे का िह सा एक मछली जै सा था और कमर के ऊपर
का िह सा एक लड़क का था।
उस जलपरी ने अपने हाथ म एक मटक पकड़ी ई थी। मटक का
मुं ह नीचे क ओर था। नीचे क ओर प थर से बनी एक नाली के जै सी
सं र चना बनी थी, जो वहां से घु मावदार रा ते क श ल म, कु छ दूर बने
एक ै ग न क मू त के मुं ह तक जा रही थी।
कु ल िमलाकर ब त ही रह यमयी वातावरण था।
तभी सू य क आिखरी करण ने भी आसमान से अलिवदा कहा और
शाम हो गयी।
सू य क आिखरी करण के जाते ही अचानक उस े म कसी वा
यं का एक मीठा सं गीत सा बजने लगा।
सं गीत को सु न सभी आ य से इधर-उधर दे ख ने लगे , पर उ ह यह
समझ नह आया क यह सं गीत कहां से सु नाई दे रहा है। वह आवाज चारो
ओर गूं ज रही थी और सभी के कान को ब त भली लग रही थी।
तभी जलपरी के मटके से एक गु लाबी रं ग का व िनकलना शु हो
गया।
“यह सब या हो रहा है? " टी ने कहा- “लगता है यह कोई
ितिल मी जगह है? "
“कोई भी यहां क कसी भी चीज को छु एगा नह ।" सु य श ने सभी
को चे तावनी दे दी।
उधर जलपरी के मटके से िनकला गु लाबी व, अब नािलय से होता
आ, ै ग न के मुं ह म जाने लगा।
एक बार दे ख ने पर यह महसू स हो रहा था क वह जलपरी ैगन
को शबत िपला रही है।
पर यह नह पता चल रहा था क जलपरी क मटक म वह व आ
कहां से रहा है? और ै ग न के मुं ह के बाद जा कहां रहा है?
तभी उस पू रे े म एक खु श बू सी फै ल गयी। उस खु श बू म अजीब
सा नशा महसू स हो रहा था।
“यह अजीब सी खु श बू कस चीज क है? " जे िनथ ने कहा।
“यह तो शराब जै सी खु श बू है। " जॉनी ने वातावरण म बसी गं ध को
सूं घ ते ए कहा- “पर यह खु श बू आ कहां से रही है? "
अब जॉनी क नजर जलपरी क मटक से िनकलते गु लाबी रं ग के
व पर पड़ी।
जॉनी धीरे - धीरे चलता आ, जलपरी क मू त के पास प ंच गया
और खड़ा होकर उस व को सूं घ ने लगा।
वह िविच सी खु श बू उस गु लाबी व से ही आ रही थी।
“ओए नशे ड़ी।" जै क ने जॉनी को िचढ़ाते ए कहा- “वहां या सूं घ
रहा है? वह कोई शराब नह है। “
जॉनी ने तो जै क क बात का कोई जवाब दया और ना ही बु रा
माना। उसे तो बस अब वह गु लाबी व ही आक षत कर रहा था।
जॉनी ने उस व को अपने चु लू म उठाकर दे खा और फर धीरे से
उसे पी िलया।
“अरे वाह! लॉटरी लग गयी ..... ये तो शराब ही है। " जॉनी खु शी से
चीखकर नाचने लगा।
उसका नाच दे ख कर सभी के चे ह रे पर मु कु राहट आ गयी।
जॉनी अब ज दी-ज दी एक बोतल से पानी फककर उसम शराब
भरने लगा।
“कोई और उस शराब को हाथ भी नह लगाये गा।" तौफ क ने
चे तावनी दे ते ए कहा- “यह कसी कार का मायाजाल भी हो सकता है?
नह तो इस जं ग ल म इतना सुं द र सं ग मरमर का पाक कहां से आ गया?"
उधर जॉनी लगातार शराब पीता जा रहा था। ऐसा लग रहा था क
जै से वह ज म-ज म का यासा हो।
तभी टी जॉनी को दे ख कर चीख उठी- “ईऽऽऽऽऽऽऽऽऽ"
टी क चीख सु न कर सभी का यान जॉनी क ओर गया।
उसे दे ख कर सभी आ य से भर गये य क जॉनी के शरीर पर
ब त ते जी से बाल िनकल रहे थे ।
टी क चीख सु न और सभी को अपनी ओर दे ख ता पाकर, जॉनी
क नजर वयं पर गयी।
उसके हाथ और पै र पर ते जी से बाल िनकल रहे थे । अपने म हो रहे
इस बदलाव को दे ख अब जॉनी भी चीखने लगा।
एक ण म ही उसका पू रा नशा काफू र हो गया।
“कै टे न .... बचाओऽऽऽऽ .... मु झे ये या हो रहा है? " जॉनी सु य श
क ओर भागा।
सु य श को भी कु छ समझ म नह आ रहा था क वह या करे ?
असहाय सी अव था म वह जॉनी को दे ख रहा था।
“मु झे बचा लो।" अब जॉनी शै फाली के पास जाकर िगड़िगड़ाने
लगा- “तु म कु छ भी कर सकती हो .... मु झे बचा लो।"
शै फाली भी िसफ जॉनी को दे ख रही थी, उसके पास भी जॉनी के
िलये कोई उपाय नह था।
अब जॉनी के चे ह रे पर भी बाल िनकलने लगे और उसक आवाज
भी धीरे - धीरे बदलने लगी।
कोई अं जान खतरा दे ख डन और तौफ क ने अपने हाथ म चाकू
िनकाल िलया।
डन और तौफ क के हाथ म चाकू दे ख जॉनी डर कर एक तरफ
खड़ा हो गया।
उसका बदलना अब भी जारी था।
कु छ ही दे र म जॉनी एक पू ण िवकिसत गो र ला म प रव तत हो
गया।
यह दे ख जै क भी अब जॉनी से दूर हो गया। सभी डरी-डरी नजर से
उस गो र ले को दे ख रहे थे ।
तभी गो र ला ने अपने मुं ह से ब त ते ज ‘ख -ख ’ क आवाज
िनकाली और उछलकर उस पाक से बाहर आ गया।
जब तक सभी उसे दे ख ने के िलये बाहर िनकले , तब तक वह
गो र ला अजीब सी आवाज िनकालता और उछलता आ जं ग ल क ओर
भाग गया।
जै क को जॉनी के गो र ला बनने पर िब कु ल भी अफसोस नह
आ, वह तो मन ही मन खु श था य क अब इस जं ग ल से िनकलने के
बाद सारी दौलत जै क क हो जानी थी।
मगर जै क के चे ह रे के भाव टी ने साफ पहचान िलये । टी के
चे ह रे पर अब जै क के िलये नफरत के भाव नजर आये ।
ऐले स और जॉनी के गायब होने के बाद अब वह लोग कु ल 8 बचे
थे ।
सच पू छो तो जॉनी के गायब होने का अफसोस सु य श के अलावा
कसी को नह आ था।
“कै टे न .... इस घटना के बाद या हम अब भी इस जगह पर रात
गु जारनी चािहये ? " डन ने सु य श से पू छा।
“आसपास कोई और जगह इतनी साफ सु थ री नह है और वै से भी
अगर हम इस जगह क कसी व तु का इ ते माल ना कर तो मु झे नह
लगता क इस जगह पर कने म कोई परे शानी है? " सु य श ने कहा- “वै से
आपका इस बारे म या कहना है ोफे सर?"
“म आपक बात से पू री तरह से सहमत ं कै टे न ।" अलबट ने कहा-
“अगर जॉनी भी ज दबाजी नह करता तो वह भी अब तक हमारे पास
होता। इस जगह पर सफाई और पानी दोनो उपल ध ह, हम यहां क
सकते ह।"
फर या था, उसी जगह पर एक कनारे बै ठ कर सभी खाना खाने
लगे ।
“ ोफे सर आप हम ‘मे डू सा’ क कहानी सु नाने वाले थे । " जे िनथ ने
अलबट को याद दलाते ए कहा।
अलबट ने धीरे से िसर िहलाया और कहानी सु नाना शु कर दया-
“मे डू सा के िपता का नाम ‘फो कस’ और माँ का नाम ‘सीटो’ था। फो कस
को जल का दे व ता कहा जाता था। उसके हाथ के कड़े क तरह थे और शरीर
का िनचला िह सा कसी िवशाल सप क तरह था। शायद वह जलीय
दै य क जाित का था। मे डू सा क माँ सीटो ै ग न प रवार से थी। बाद म
फो कस और सीटो ने ब त से वं श क थापना क । जै से ‘गागन वं श ’,
िज ह हम नागवं श कह सकते ह। गागन वं श म सीटो क 3 पु ि यां ।
‘ थे नो, यू रे ल और मे डू सा’। इसम मे डू सा सबसे छोटी थी। मे डू सा क दोन
बहन अमर थ । मे डू सा पहले ब त खू ब सू र त थी। मे डू सा ने आजीवन कुं आरे
रहने का त िलया और कौमाय क दे वी एथे ना क पु जा रन बन गयी।
एक दन समु के दे व ता पोसाइडन क नजर मे डू सा पर पड़ी और मे डू सा
के स दय से आस होकर पोसाइडन ने दे वी एथे ना के मं दर म ही मे डू सा
के साथ बला कार कया। िजससे ु होकर दे वी एथे ना ने मे डू सा को ाप
दे क र सप म प रव तत कर दया। एथे ना के इस ाप का भाव मे डू सा क
दोन बहन पर भी आ। वह भी मे डू सा क ही तरह सप म प रव तत हो
गय । इस ाप के भाव से मे डू सा और उसक तीन बहन क आँ ख म
ऐसी शि आ गयी क अब जो भी उनक आँ ख म दे ख ता वह प थर का
बन जाता। बाद म ‘जीयू ष ’ के पु ‘प सयस’ ने एथे ना क दी ई ‘शी ड’
से मे डू सा के अ स को दे ख कर उसका िसर काट दया। उस समय मे डू सा,
पोसाइडन के ब े क माँ बनने वाली थी। मे डू सा का िसर कटने के बाद
उसका खू न समु म जाकर िमल गया, िजससे पं ख वाले घोड़े ‘पे गासस’
का ज म आ और सु न हरी तलवार के साथ एक यो ा ‘ ाइसोर’ का ज म
आ। उधर फो कस और सीटो ने कु छ और वं श को ज म दया, िजनम
‘हे पराइडस’ जो क एक अ सरा थी और ‘लै ड न’ जो क एक 100 िसर
वाला हाइ ा ै ग न था। लै ड न एक खतरनाक यो ा था, जो क
हे पराइडस के ‘सोने के से ब ’ के बाग म उस वृ क र ा करता था। बाद
म जीयू ष के दूस रे पु ‘हेरा लस’ ने लै ड न को सोने के से ब क खाितर मार
दया था। इस तरह फो कस और सीटो को मू ल तः ‘नागवं श ’ और
‘ ै ग नवं श ’ का जनक माना गया है। पृ वी पर पाया जाने वाला हर
‘मा सटर’ इसी वं श से उ प आ है। "
इतना कहकर अलबट चु प हो गया।
“बाप रे .... बड़ा खतरनाक था मे डू सा का प रवार।" टी ने एक
गहरी साँ स छोड़ते ए कहा- “पर एक बात समझ म नह आयी क एथे ना
के मं दर म मे डू सा क तो गलती ही नह थी, फर एथे ना ने पोसाइडन के
बजाय मे डू सा को य ाप दया?"
“यह हमे शा से ीक माइथालोजी म िववाद का िवषय रहा है।
यादातर लोग का यही मानना है क एथे ना ने उस समय गलत कया
था।" अलबट ने कहा।
“तो या मे डू सा के माँ , बाप, भाई, बहन ने कभी पोसाइडन से
बदला ले ने के बारे म नह सोचा?" जे िनथ ने अलबट ने पू छा।
“इस बारे म कु छ कह नह सकता य क कसी भी कताब म ऐसा
कोई िज कया नह गया है। " अलबट ने कहा- “पर जो भी हो, मु झे भी
लगता है क मे डू सा कभी गलत नह थी, पर माइथोलॉजी म उसे हमे शा
एक शै तान क तरह द शत कया गया है जो मे रे िहसाब से पू ण तया
गलत है। "
सभी ने एक नजर मे डू सा क मू त पर डाली और दे र रात हो जाने
के कारण सोने के िलये चल दये ।
◆ ◆ ◆
महाशि मै ा

10 जनवरी 2002, गु वार, 02:15, मायावन, अराका ीप

सु य श सिहत सभी लोग गहरी न द म सो रहे थे । उस पाक म बज


रही वह धु न भी अब बं द हो चु क थी।
रात का स ाटा चार ओर पसरा आ था।
तभी अचानक मे डू सा क मू त से िनकलता फ वारा अपने आप बं द
हो गया और इसी के साथ मे डू सा क मू त क पलके भी झपकने लग ।
कु छ ही दे र म मे डू सा मू त से सजीव म बदल गयी। वह धीरे - धीरे
चलती ई उस तालाब से बाहर िनकली।
उसक नजर अब वहां सो रहे सभी लोग पर फरने लगी। कु छ ही
दे र म मे डू सा क आँ ख शै फाली पर जाकर क गय ।
मे डू सा अभी-अभी तालाब से िनकली थी, पर उसके शरीर पर एक
भी पानी क बूं द नह दख रही थी। उसके िसर पर बाल क जगह िनकले
साँ प अपनी जीभ िनकालकर एक अजीब सा भय उ प कर रहे थे ।
मे डू सा अब शै फाली क ओर बढ़ने लगी। कु छ ही दे र म वह शै फाली
के पास थी।
मे डू सा ने अब धीरे से बै ठ कर शै फाली के बाल पर 3 बार हाथ फे रा
और वापस तालाब क ओर चल दी।
कु छ ही दे र म मे डू सा वापस तालाब म वापस प ंच गई। उसके
पु रानी ि थित म खड़े होते ही वह फर से प थर म त दील हो गयी और
उसके बाल से वापस फ वारे िनकलने लगे ।
सोती ई शै फाली अब करवट बदलने लगी। शायद वह कोई सपना
दे ख रही थी।
तो आइये सीधे चलते ह शै फाली के सपन म ..........................
आसमान म ऊं चाई पर काफ हवा थी। सफे द बादल के गु छे
अलग-अलग आकृ ित म हवा म बह रहे थे ।
पर सफे द बादल क एक टु क ड़ी अपनी जगह पर ि थर थी। वह
एक कार के कृ ि म बादल थे , पर वो बादल अके ले नह थे । उनके साथ 2
शरीर भी थे , जो क दूध से सफे द प थर के महल के बाहर खड़े थे ।
दोन दे ख ने म कसी दे वी-दे व ता क तरह सुं द र दख रहे थे । दोन ने
ही िब कु ल सफे द रं ग क े स भी पहन रखी थी।
“जमीन से इतनी ऊपर बादल म तु ह कै सा महसू स हो रहा है
मै ा?" कै पर ने मै ा से पू छा।
“िब कु ल सपन सरीखा।" मै ा ने कै पर का हाथ अपने हाथ म
ले ते ए कहा- “मने जै सी क पना क थी, तु म ने उससे भी खू ब सू र त महल
का िनमाण कया है कै पर। म कतनी खु श क मत ं जो मु झे तु हारे जै सा
जीवनसाथी िमला, जो मे री हर छोटी से छोटी चीज का भी याल रखता
है। या तु म मु झे जीवन भर ऐसे ही यार करते रहोगे ? "
“म तो िब कु ल खाली-खाली सा था, तु म ने आकर मे रे जं द गी को
खु िशय से भर दया। ई र करे हमारा यह साथ हजार साल तक चले
और म तु ह यूं ही यार करता र ं। "
कै पर के श द म जाने कै सा नशा सा था क मै ा कै पर के यार
म खोती जा रही थी।
तभी मै ा को दूर से उड़कर आता एक िवशालकाय ै ग न दखाई
दया।
“लो आ गया कबाब म ह ी।" कै पर ने ै ग न को दे ख मुं ह बनाते
ए कहा- “कब तक वापस लौटोगी?"
“काम ब त यादा नह है। चं ता मत करो, ज दी ही लौट आऊं गी
तु हारे पास। आिखर मे रा भी मन कहां लगे गा तु हारे िबना।" मै ा ने
मु कु राते ए कै पर से कहा।
“ठीक है, पर ज दी लौटना।" कै पर ने मै ा के गले लगाते ए
कहा- “और अपना याल रखना।"
मै ा ने धीरे से िसर िहलाया और फर कै पर से दूर हटते ए जोर
से आवाज लगाई- “ गो!"
और इसी के साथ मै ा आसमान क ऊं चाइय से कू द गयी।
वह हवा म ते जी से नीचे क ओर जा रही थी। तभी गो उड़ते ए,
मै ा के शरीर के नीचे आ गया।
मै ा अब गो पर बै ठ चु क थी और गो ते जी से आसमान से नीचे
जा रहा था।
थोड़ी ही दे र म नीचे गहरा समु दखाई दे ने लगा।
कु छ ही दे र म गो समु क सतह को छू ने वाला था। तभी मै ा के
शरीर म कु छ अजीब से बदलाव आने लगे ।
उसक सफे द दूिधया े स अब समु के रं ग क एक शरीर से िचपक
पोशाक बन गयी। िजस पर मछली के समान िविभ श क बनी दखाई
दे ने लग । मै ा के बाल क जगह भी समु ी ताज नजर आने लगा था,
िजस पर 2 मु ड़ी ई स घ भी िनकल आयी थी।
अब वह दूर से दे ख ने पर कोई समु ी जीव ही नजर आ रही थी।
तभी जोर क ‘छपाक’ क आवाज के साथ गो ने पानी म डु बक
मारी।
चूं क गो एक ै ग न और हाइ ा का िमला-जु ला व प था।
इसिलये पानी म डु बक मारने के बाद भी गो क पीड म कोई प रवतन
नह आया था।
वह ब त ते जी के साथ समु क गहराई म जा रहा था।
10 िमनट के बाद मै ा को समु क तली नजर आने लगी। अब
गो क दशा थोड़ी सी बदल गयी। अब वह समु क गहराई म अं द र
तै र ने लगा।
हर तरफ पानी ही पानी दख रहा था। अजीब-अजीब से जलीय
ज तु पानी म घू म रहे थे ।
मै ा को कसी भी जगह गो को गाइड करने क ज रत नह दख
रही थी, ऐसा लग रहा था क मानो गो को पता हो क उसे कहां जाना
है।
तभी समु क तली म कसी भ स यता के डू बने के अवशे ष
दखाई दे ने लगे । पानी के अं द र एक गोल आकृ ित वाली स यता जो शायद
अपने समय म ब त िवकिसत रही हो।
कह पानी म डू बा आ िपरािमड दख रहा था, तो कह कसी
िवशाल मं दर के अवशे ष दख रहे थे ।
मगर गो कह क नह रहा था। रा ते म पड़ने वाले िवशाल जीव
भी गो को दे ख कर अपना रा ता बदल दे रहे थे ।
तभी समु म एक जगह पर, जमीन म एक बड़ी सी दरार दखाई
दी। उसे दे ख कर ऐसा लग रहा था क जै से समु के अं द र आये कसी
िवशालकाय भू कं प ने वहां क जमीन फाड़ दी हो।
वहां पर जमीन के अं द र जाने के िलये एक ब त बड़ा सा रा ता बन
गया था।
पानी म ते जी से तै र ता आ गो उस दरार से जमीन के अं द र चला
गया।
अं द र ब त अं ध कार था। तभी मै ा के हाथ म जाने कहां से एक
सू य के समान चमकता आ गोला आ गया।
उसक ते ज रोशनी से उस पू रे े म उजाला हो गया।
वह एक जमीन के अं द र जाने वाली ब त बड़ी सु रं ग थी।
काफ दे र तक उसी पीड म तै र ते रहने के बाद आिखरकार वह
सु रं ग ख म हो गई।
अब एक काफ बड़ा सा े समु म उस जगह पर दखाई दे ने
लगा।
तभी मै ा को कु छ दूर समु म एक रोशनी सी दखाई दी। मै ा के
इशारे पर गो उस दशा म चल पड़ा।
कु छ दे र म उस चमक का कारण समझ म आने लगा।
समु के अं द र वह एक सोने का महल था। समु क इतनी गहराई
म इतना िवशालकाय सोने का महल कसने बनवाया होगा? इसका तो खै र
पता नह चला, पर उस वण महल क भ ता दे ख ने लायक थी।
तभी कु छ अजीब जीव पर सवार कु छ मगरम छ मानव दखाई
दये , जो शरीर से तो इं सान जै से थे , पर चे ह रे से मगरम छ जै से लग रहे
थे ।
उ होने मै ा को दे ख ते ही अपने हाथ म पकड़े अ से , मै ा पर
हमला कर दया।
पर मै ा को बचाव करने क कोई ज रत नह थी, उनके िलये गो
ही काफ था। गो ने अपनी िवशालकाय पूं छ से सभी मगरम छ मानव
को पानी म दूर उछाल दया।
मै ा फर से वण महल क ओर बढ़ने लगी, पर मै ा जै से ही महल
के ार पर प ंची। एक िवशालकाय जलदै य ने मै ा को अपनी मु ी म
पकड़ िलया।
वह जलदै य एक 2 िसर वाला ब त बड़ा अजगर था, िजसके हाथ
और पै र भी थे ।
“कराका के होते ए तु म इस तरह से वण महल म वे श नह कर
सकती मू ख लड़क ।" कराका ने जोर से गजते ए कहा।
कराका ने मै ा को खाने के िलये अपना एक मुं ह जोर से फाड़ा।
तभी मै ा के हाथ म दोबारा वही सू य के समान गोला कट आ, जो मै ा
के हाथ से िनकल कर कराका के खु ले मुं ह म वे श कर गया।
कराका के मुं ह म घु स कर वह गोला ते जी से अपना आकार बढ़ाने
लगा। अब कराका के मु ह से चीख िनकलने लगी। उसने मै ा को हाथ से
फक दया और एक दशा म भाग गया।
अब मै ा ने वण महल म वे श कया। अजीब सी बात थी, वण
महल म िब कु ल भी पानी नह था।
महल म घु स ते ही मै ा को सामने एक ऊजा के लोब म एक ि शू ल
क भां ित एक ‘पं च शू ल ’ दखाई दया।
उस पं च शू ल के बीच म एक सू य क गोलाकार आकृ ित बनी थी।
मै ा ने अपना हाथ हवा म लहराया। अब उसके हाथ म एक
तलवार दखाई दी।
मै ा ने अपनी तलवार का वार पू रे जोर से उस ऊजा के लोब पर
कया। पर इस वार से उस ऊजा लोब पर कोई असर नह आ।
अब मै ा के हाथ म एक कु हाड़ा कट आ, पर उसके भी हार से
ऊजा लोब पर कु छ भी असर नह आ।
इस बार मै ा के हाथ म फर से सू य के समान गोला कट आ।
मै ा ने वह सू य का गोला उस ऊजा लोब पर मार दया।
इस बार उस सू य के गोले से आग क लहर िनकलकर उस ऊजा
लोब को गम करने लग । जब ऊजा लोब आग क तरह धधकने लगा तो
मै ा के हाथ म एक सफे द रं ग का च लोब दखाई दया।
मै ा ने चं लोब भी उस ओर उछाल दया। चं लोब ने दूस री
ओर से उस ऊजा लोब पर बफ क बौछार कर दी।
अब ऊजा लोब एक तरफ से सू य क आग उगलती गम से गम हो
रहा था, तो वह दूस री ओर चं मा क बफ उसे ठं डा कर रही थी।
थोड़ी दे र के बाद उस ऊजा लोब म दरार दखने लग ।
अब मै ा ने अपनी हाथ म पकड़ी तलवार पू री ताकत से उस ऊजा
लोब पर मार दी।
मै ा के इस वार से ऊजा लोब टू ट कर िबखर गया।
लोब के िबखरते ही सू य और चं गोले गायब हो गये । मै ा ने अब
आगे बढ़कर उस पं च शू ल को उठा िलया।
पं च शू ल को उठाते ही मै ा को अपने शरीर म िबजली सी दौड़ती
ई महसू स ई।
“मै ाऽऽऽऽऽ!" और इसी के साथ शै फाली चीखकर उठकर बै ठ गयी।
शै फाली क चीख सु न कर सभी जाग गये ।
शै फाली का पू रा शरीर पसीने से सराबोर था।
“ या आ शै फाली?" अलबट ने भागकर आते ए कहा- “ या तु म
फर से कोई सपना दे ख रही थी?“
शै फाली ने धीरे से अपना िसर हां म िहलाया।
टी ने पानी क बोतल िनकालकर शै फाली को पकड़ा दी।
शै फाली का पू रा गला सू ख गया था, इसिलये वह एक साँ स म ही पू रा
पानी पी गयी।
फर शै फाली ने सबको अपने सपने क पू री कहानी सु ना दी।
“अब यह मै ा और कै पर कौन ह?" जे िनथ ने कहा- “इस ीप क
कहानी तो उलझती ही जा रही है। रोज नये - नये पा का पता चल रहा
है। "
“अगर यह सपना शै फाली ने दे खा है, तो हम इसे झु ठ ला नह
सकते । " अलबट ने शै फाली क ओर दे ख ते ए कहा- “अब ये नह पता क
ये घटना कब घटे गी?"
“आप ये कै से कह रहे है ोफे सर, क यह घटना घटने वाली है? "
सु य श ने दमाग लगाते ए अलबट से पू छा- “मु झे तो यह घटना भी मे री
वे दालय वाली घटना क तरह ही बीते ए समय क घटना लग रही है। "
“आप एक बात भू ल रहे ह कै टे न क शै फाली ने आज तक िजतनी
भी घटनाएं अपने सपने म दे ख ह, वो सभी भिव य म घटने वाली
घटनाएं थ ।" अलबट ने पु नः सु य श से कहा।
“आपक बात सही है ोफे सर, पर पता नह य मु झे यह घटना
बीते ए समय क लग रही है। य क आज के समय म ै ग न और हाइ ा
का अि त व मु झे थोड़ा सही नह लग रहा है। " सु य श ने सभी क ओर
बारी-बारी से दे ख ते ए कहा।
कसी के पास कोई जवाब नह था, इसिलये सभी फर से सोने के
िलये चल दये ।
इस सपने का जवाब वहां मौजू द िसफ एक के पास ही था, िजसने
शै फाली को यह सपने दखाए ही थे । और वह थी- “मे डू साऽऽऽऽऽऽऽ"
◆ ◆ ◆
चैपटर-13
समय-च

10 जनवरी 2002, गु वार, 03:15, मायावन, अराका ीप

फाली के सपने के बाद सभी फर से सो चुके थे, पर पता नह


शै य जेिनथ को ब त बेचैनी सी महसूस हो रही थी।
उसे अपने घर क ब त याद आ रही थी। उसका मन कर रहा था
क वह तौफ क के पास ही चली जाए, पर इतनी रात को उधर जाना भी
ठीक नह था।
जे िनथ ने ब त करवट बदल , पर उसे न द नह आयी। आिखरकार
उसने टहलने का लान बनाया।
यह सोच जे िनथ उठकर खड़ी हो गयी। उसने एक नजर वहां सो रहे
सभी लोग पर मारी, फर धीरे से उन सो रहे लोग से कु छ दूर जाकर
टहलने लगी।
वह समझ नह पा रही थी क उसे इतनी बे चै नी य हो रही है।
उसे ऐसा महसू स हो रहा था क कु छ बु रा होने जा रहा है।
तभी अचानक जे िनथ के गले म पड़े लॉके ट का वह काला मोती
काशमान हो गया, पर उसक रोशनी इतनी कम थी क जे िनथ उसे दे ख
नह पायी।
“हाय जे िनथ!" जे िनथ को अपने दमाग म एक आवाज सी आती
ई महसू स ई।
“कौन?" जे िनथ इस आवाज को सु न हैरानी से बोल उठी- “कौन हो
तु म ?"
“पहले शां त हो जाओ और कु छ बोलने क कोिशश मत करो। वरना
वहां सो रहे सारे लोग उठ जायगे और म तु म से बात नह कर पाऊं गा।
तु हे जो कु छ पू छ ना है, वह अपने मन म सोचो। म तु हारे मन क बात
सु न सकता ं। " जे िनथ के दमाग म फर से आवाज आयी।
जे िनथ यह बात सु न कर घबरा गयी। पर इस बार उसने अपने मुं ह
से कोई आवाज नह िनकाली।
“कौन हो तु म ? और मु झ से कै से बात कर रहे हो?" जे िनथ ने अपने
मन म सोचा।
“वे री गु ड ! तु म इसी कार मु झ से बात कर सकती हो।" जे िनथ के
दमाग म पु नः आवाज गूं जी- “म ‘समयच ’ ं। म तु हारे गले म पड़े
लॉके ट म रहता ं। "
जे िनथ ने घबराकर अपने लॉके ट क ओर दे खा। जे िनथ के दे ख ते ही
लॉके ट का मोती पु नः काशमान हो उठा। इस बार जे िनथ को यह साफ
दखाई दया।
“तु म मु झ से या चाहते हो?" जे िनथ ने अब चहलकदमी करते ए
कहा।
“म तु हारी मदद करना चाहता ं। " समयच ने कहा।
“मे री मदद ... पर मु झे कसी मदद क ज रत नह है। " जे िनथ ने
कहा- “और तु म मे री मदद कस कार कर सकते हो?"
“तु ह वयं नह पता है क इस समय तु ह मदद क ज रत है और
म तु हारी मदद हर कार से कर सकता ं। " समयच ने कहा।
“म तु हारी पहेिलय को समझ नह पा रही ं समयच ।" जे िनथ
ने कहा- “ या तु म खु ल कर मु झे कु छ समझाओगे क तु म कौन हो? और
तु म या कहना चाहते हो?"
“ठीक है, म तु ह शु से समझाता ं। " समयच ने कहा- “पृ वी से
1.2 िमिलयन काशवष दूर एक और आकाशगं गा है, िजसे ‘ए रयन’
आकाशगं गा कहते ह, उस आकाशगं गा के एक ह का नाम है-
‘डे फानो’।"
“एक िमनट ... एक िमनट!" जे िनथ ने समयच को बीच म ही
टोकते ए पू छा- “ये 1.2 िमिलयन काशवष कतना आ? जरा
समझाओगे य क मु झे िव ान क इतनी जानकारी नह है? "
“ काश 1 से के ड म 30 लाख कलोमीटर क दूरी तय करता है।
वही काश 1 वष म कु ल िजतनी दूरी तय करता है, उसे 1 काशवष
कहते ह और डे फानो यहां से 12 लाख काशवष दूर है। " समयच ने
कहा।
“बाप रे ! इतना यादा।" जे िनथ के िवचार म आ य साफ झलक
रहा था।
“हां । इसका मतलब इतनी दूरी को तय करने के िलये , काश क
गित से चलकर भी 12 लाख वष का समय लगे गा।" समयच ने जे िनथ
को समझाया- “अ छा अब आगे सु नो। डे फानो के राजा ‘िगरोट’ ने दूस री
आकाशगं गा के लोग से स पक करने का िवचार कया, पर यह दूरी यादा
होने के कारण स भव नह था। ले क न िगरोट वयं एक वै ािनक थे
इसिलये उ ह ने मे रा यािन ‘समयच ’ का िनमाण कया, जो क ‘ लै क
होल’ और ‘ने बू ला’ क िस ां तो से बना था। म समय को रोककर कसी को
भी एक आकाशगं गा से दूस री आकाशगं गा म से के ड से भी कम समय म
प ंचा सकता था। जै से ही यह खबर दूस रे ह के लोग को पता चली,
उ ह ने मु झ को पाने के िलये डे फानो पर हमले करने शु कर दये । िगरोट
को पता था क एक ना एक दन वह लोग अव य कामयाब हो जाते और
मु झे पाते ही अं त र म िवनाश करना शु कर दे ते । इससे बचने के िलये
उ ह ने मे रे अं द र कु छ बदलाव कये और मु झे वयं का मि त क दान कर
दया। अब अगर म कसी के हाथ म आ भी जाता तो वह मे रा योग मे री
इ छा के िबना नह कर सकता था। एक दन कई ह ने एक साथ
िमलकर डे फानो पर आ मण कर दया और राजा िगरोट को मार दया।
राजा िगरोट ने मरने से पहले मु झे एक छोटे से काले मोती म कै द कर
दूस री आकाशगं गा म फक दया। म आज से 20 वष पहले पृ वी के इस
अराका ीप पर आकर िगरा। मु झे जं ग िलय ने अपनी दे वी का र समझ
एक लॉके ट के प म उनके गले म डाल दया।"
“अ छा तो ये मे रे गले म समयच है। " जे िनथ ने अपने गले के
लॉके ट को हाथ से छू ते ए मन म सोचा- “पर तु हारा नाम या है? "
“मे रा नाम? ..... म तो समयच ही ं। " समयच ने थोड़ा
गड़बड़ाते ए कहा।
“समय को िनयं ि त करना तु हारा काय है, पर ये तु हारा नाम
नह हो सकता।" जे िनथ ने अपने मन म कहा।
“ फर .... फर तु ह कोई अ छा सा मे रा नाम य नह रख
दे ती?" समयच ने जे िनथ को सु झाया।
“ ं ......... तु हारा नाम .... तु हारा नाम ...... चूं क तु म न से
बने हो, इसिलये आज से म तु हारा नाम ‘न ा’ रखती ं। " जे िनथ ने
कहा- “कै सा लगा तु ह तु हारा नया नाम?"
“ब त ही अ छा .... इससे अ छा नाम मे रे िलये कोई हो भी नह
सकता था।" न ा ने खु श होते ए कहा।
“तो फर आज से तु म मे रे दो त।" जे िनथ ने न ा से पू छा।
“दो त?" .... न ा ने आ य से कहा- “तु म सच म मु झे अपना
दो त बनाना चाहती हो?"
“ य ? ..... तु ह आ य य हो रहा है? " जे िनथ ने न ा से
पू छा।
“कु छ नह ..... पर म िपछले 20 वष से इं सान के बीच ं और
उनक फ लं स पर अ ययन भी कर रहा ं। " न ा ने कहा- “अिधकतर
मनु य लालची ह, जो अपने मतलब क खाितर कसी भी र ते पर वार
करने से नह िहच कचाते । आज के समय म अगर कसी भी इं सान को कोई
सु प र पावर दे ने क बात करो, तो वह उसे अपना गु लाम बना कर ही
रखना चाहगे , पर तु हारी सोच दूस र से काफ अलग है। लगता है मने
तु ह चु न कर कोई गलती नह क । मु झे तु हारा दो त बनने म खु शी
महसू स होगी।"
“अरे वाह! अब तो म जं ग ल म भी अके लापन महसू स नह क ं गी।"
जे िनथ ने खु श होते ए कहा- “अ छा ये बताओ तु म कर या- या सकते
हो? आई मीन तु हारी पावस या ह?"
“म अभी आधा-अधू रा ं और ते जी से खु द को िवकिसत कर रहा
ं। " न ा ने कहा।
“आधा-अधू रा मतलब?" जे िनथ ने ना समझने वाले भाव से कहा।
“मतलब म अं त र म तु ह कसी भी एक थान से दूस रे थान पर
ले जा सकता ं, ले कन पृ वी पर वातावरण होने क वजह से म ऐसा
अभी नह कर सकता।" न ा ने अपनी िवशे ष ताएं बताते ए कहा- “म
तु ह कसी भी ि के बीते ए एक साल के समयकाल म ले चल सकता
ं, बस वह ि या उसक फोटो तु हारे सामने होनी चािहये । और हां ये
याद रहे क उस समयकाल म तु म कोई प रवतन नह कर सकती। भिव य
को दे ख ने क शि अभी म िवकिसत करने क कोिशश कर रहा ं। बाक
कु छ छोटी-मोटी शि यां ह, जो म तु ह समय आने पर बताऊं गा।"
“ठीक है, मे रे िलये इतना ही काफ है क मु झे एक दो त िमल
गया।" जे िनथ ने ये बोलते ए सो रहे तौफ क क ओर दे खा- “नह तो
यहां पर तो कु छ लोग साथ रहकर भी नह ह।"
“जे िनथ तु म म भावनाएं ब त यादा ह और यादा भावनाएं हमे शा
दुख ही प ंचाती ह। इसिलये पहले तु ह अपनी भावना को िनयं ि त
करने क ज रत है। " न ा ने कहा।
“म तु हारे कहने का मतलब नह समझी न ा?" जे िनथ ने कहा।
“जे िनथ म तु हारे दल और दमाग दोन से जु ड़ा ं। तु म जो
महसू स करोगी, वो मु झे अपने आप महसू स हो जाये गा। मु झे पता है क
इस समय तु म तौफ क के बारे म बात कर रही हो। पर म एक बात कहना
चाहता ं क तु म तौफ क को िजतनी ज दी भू ल जाओ, उतना ही अ छा
है। " न ा के श द म रह य भरा था।
“तु म ऐसा य कह रहे हो न ा? या कोई ऐसी बात है जो तु म
मु झे बताना नह चाहते ? " जे िनथ ने न ा को जोर दे ते ए कहा।
“अभी तु हारा, तु हारी भावना पर िनयं ण नह है, इसिलये
कु छ चीज का ना जानना ही तु हारे िलये अ छा है। " न ा के हर श द
जे िनथ के रह यमयी लग रहे थे ।
“दे खो न ा, तु म ने मु झे दो त कहा है, म नह चाहती क मे रा
दो त मु झ से कु छ िछपाए, अगर तु ह कु छ ऐसा पता है जो मे रे िलये सही
नह है? तो तु ह मु झे वो बताना पड़े गा।" जे िनथ अब िजद पर उतर आयी।
“ठीक है। म तु ह सब बता दूंगा, पर तु ह मु झ से वादा करना पड़े गा
क तु म अपनी भावना को िनयं ण म रखोगी।" न ा ने हिथयार
डालते ए कहा।
“ठीक है म वादा करती ं क म अपनी भावना को िनयं ण म
रखूं गी।" जे िनथ ने वादा करते ए कहा।
“तो फर ठीक है, म अभी समय को रोककर तु ह ऐसी चीज
दखाता ं, जो क मु झे लगता है क तु हारा जानना ब त ज री है। "
न ा के इतना कहते ही आसपास का समय क गया, जो जहां था वह
पर क गया।
जे िनथ क आँ ख के सामने अब कु छ दृ य नजर आने लगे ।
दृ य-1
“सर, मने दे श के ग ार को अपने हिथयार नह बे चे ह। आप मे री
बात का यक न क रये । " तौफ क ने कनल लु ई स के सामने िगड़िगड़ाते ये
कहा।
“म जानता ं क तु म ने कु छ नह कया?" कनल लु ई स ने हंस ते ए
कहा- “ य क दु मन को हिथयार मने बे चे ह।"
“ याऽऽऽऽ?" यह सु न तौफ क का चे ह रा खु ला का खु ला रह गया-
“इसका मतलब आप मु झे झू ठे इ जाम म फं सा रहे ह।"
“अगर तु म पहले ही मे रे साथ िमल जाते तो यह नौबत नह आती,
पर तु ह भी तो ईमानदारी के क ड़े ने काटा था। अब भु ग तो ईमानदारी क
सजा।" कनल लु ई स ने हंस ते ए कहा- “ ां स क कोट कम से कम
आजीवन करावास क सजा तो तु ह ज र दे गी।"
यह कहकर कनल लु ई स ने अपने बगल रखी घं टी पर अपनी उं गली
मारी।
तु रं त ही 4 आम के जवान अं द र आये और तौफ क को ले जाने लगे ।
“अगर म बच गया तो तु ह छोड़ूं गा नह कनल।" तौफ क ने जाते -
जाते गु राकर कहा।
दृ य-2
“चूं क मे ज र तौफ क पर जु म पू री तरीके से सािबत नह हो पाया,
इसिलये ये कोट जनरल यू क स को इस के स म और छानबीन करने का
आदे श दे ती है। तब तक के िलये मे ज र तौफ क को उनके पद से हटाया
जाता है और उनके सारे तमगे आम म जमा करवाए जाते ह।"
इतना कहकर ‘ यू न ल आ स आम स द पे रस’ के ‘जज’ अपने
थान से खड़े हो गये ।
दृ य-3
“तु म दुखी मत हो तौफ क, दे ख ले ना एक दन ये फै सला तु हारे हक
म ही आये गा।" लॉरे न ने तौफ क क आँ ख म झां क ते ए कहा।
“मे री जं द गी पू री तरह बबाद हो गयी लॉरे न । मे रा नाम, मे रा
तबा, मे रे मे ड ल सब कु छ छीन िलये गये मु झ से । म कसम खाता ं क उस
कनल लु ई स को बबाद कर दूंगा। पर जब तक म ऐसा कर नह ले ता म
तु म से शादी नह कर सकता।" तौफ क क आँ ख म वालामु खी नजर आ
रहा था।
“पर अब तु म ये सब करोगे कै से ? कनल तु म से पहले से ही सतक हो
चु का है। वह अब इतनी आसानी से तु हारे हाथ नह लगने वाला।" लॉरे न
ने सोचते ए कहा।
“वह सब तु म मु झ पर छोड़ दो। मु झे पता है क उसक लड़क
जे िनथ ां स क मश र डां स र है और वह अपना ी स डां स ु प चलाती
है। कनल ने एक बार शराब के नश म मु झ से ये राज क बात बता दी थी,
जो क मु झे याद थी। म जे िनथ के ारा ही कनल से बदला लूं गा।" तौफ क
के श द से आग िनकल रहे थे - “तु म बस ये बताओ क तु म मे रा साथ
दोगी या नह ?"
“तौफ क म कॉले ज के समय से तु ह जानती ं। तु हारे अलावा मे रा
इस दुिनया म कोई है भी नह , फर म तु हारा साथ य नह दूंगी? तु म
बस ये बताओ क मु झे करना या है? " लॉरे न ने तौफ क क ओर यार से
दे ख ते ए पू छा।
“मने सब पता कर िलया है। कु छ दन बाद जे िनथ अपने डां स ु प
के साथ सन राइ जं ग नामक जहाज से िसडनी जाने वाली है। तु ह पहले
उसके डां स ु प म अपनी जगह बनाकर उसक बे ट ड बनना होगा।
बाक आगे का काम म समय आने पर तु ह बता दूंगा।" तौफ क ने लॉरे न
को समझाते ए कहा।
“पर अगर वो सन राइ जं ग पर जाने वाली है तो उसके ु प म तो
जगह ही खाली नह होगी, फर भला म उसके ु प म कै से घु स पाऊं गी?"
लॉरे न क बात म दम था।
“मने आज ही उसक एक मु य डां स र पर कार चढ़ाकर उसे मार
दया। अब उसके पास एक मु य डां स र क जगह खाली है, तु म आज ही
अपना बायो-डाटा जे िनथ के पास भे ज दो, इस समय वह तु ह तु रं त
से ले ट कर ले गी।" तौफ क ने अपने श द को चबाते ए कहा।
“ याऽऽऽऽऽ? तु म ने अपना बदला ले ने के िलये एक क ल कर दया।"
लॉरे न क आँ ख म दुिनया भर का आ य दख रहा था।
“म अपना बदला ले ने के िलये कसी भी हद तक जा सकता ं और
तु ह इतना सोचने क ज रत नह है, आम म आज तक मने हजार लोग
को मारा होगा, उसम भी कु छ ना कु छ लोग िनद ष रहे ही ह गे । " इस
समय तौफ क के चे ह रे पर अजीब से भाव थे ।
“आम क बात अलग है तौफ क, पर वो डां स र तो ‘िसिवलयन’ थी
और उसका कोई दोष भी नह था।" लॉरे न ने तौफ क को समझाने क
कोिशश क - “मे री मानो तो अभी भी समय है, भू ल जाओ बदला ले ने के
बारे म।"
“भू ल जाऊं ? अपनी सारी बे इ ती को भू ल जाऊं ? अपनी पू री
जं द गी भर िजस ईमानदारी को कमाया था, उस पर लगा दाग भू ल जाऊं ?
अपने जू िनयस के सामने , मने जो अपने मे ड ल वापस कये उसको भू ल
जाऊं ? नह लॉरे न .... तु म मे रा साथ दो या ना दो .... म ये सब नह भू ल
सकता।" तौफ क का चे ह रा पू री तरह से धधकने लगा था।
“म तु म से जी जान से यार करती ं तौफ क और म हर अ छे - बु रे
कदम पर तु हारे साथ ं। " लॉरे न ने भी अपने दाँ त कसते ए कहा।
दृ य-4
“एक बार फर से तु ह ज म दन क ब त-ब त मु बारकबाद
लॉरे न ।" जे िनथ ने लॉरे न को दे ख ते ए कहा- “अब म घर चलती ं, काफ
दे र हो गयी है इस समय।"
इतना कहकर जे िनथ लॉरे न के लै ट से बाहर आ गयी। उसने अपनी
कार पा कग से िनकाली और उसम बै ठ कर हाइवे क ओर चल दी।
शाम का समय था। हर तरफ कोहरा ही कोहरा फै ला था।
कोहरे के कारण कु छ दूर आगे क कार भी नजर नह आ रही थी।
जे िनथ क कार क पीड भी हाईवे पर होने क वजह से ब त
यादा थी।
यकायक जे िनथ क कार का 1 टायर ‘ फ स ऽऽऽऽऽऽ‘ क आवाज के
साथ पं च र हो गया।
जे िनथ ने कसी तरह पीड को कं ोल करके कार को एक साइड म
लगाया और उतरकर धीरे से टे प नी िनकाली।
मगर टे प नी भी कमब त पं च र िनकली। गु से क अिधकता के
कारण जे िनथ ने ’डै म इट’ कहते ए कार को एक ठोकर जड़ दी।
अब वह सड़क के एक कनारे खड़े होकर, कसी से िल ट ले ने का
इं त जार कर रही थी। हालां क जे िनथ क कार रोड के काफ कनारे खड़ी
ई थी। फर भी जे िनथ ने बै क लाइट व इं िडके टर को जलता आ छोड़
दया था। िजससे पीछे से आने वाली कार को उसक कार दखाई दे जाए।
अब जे िनथ क नजर पीछे से आने वाली हर कार पर थी। उसने
अपना माल िनकालकर अपने हाथ म ले िलया था, िजसे िहला-िहला कर
वह पीछे से आ रही कार को कने का इशारा कर रही थी।
पर इतने खराब मौसम म कोई कना नह चाह रहा था। पीछे से
आती सारी कार ‘सां य -सां य ’ क आवाज करती ई, उसके बगल से िनकल
रही थ ।
तभी दूर से एक बड़ी सी लारी आती ई दखाई दी। ले कन इससे
पहले क जे िनथ कु छ समझ पाती, वह लारी एकाएक रोड पर लहराई
और ’धड़ाऽऽम’ क आवाज करते ए, जे िनथ क कार को ठोकर मारते
ए, जे िनथ क तरफ झपटी। जे िनथ ने उससे बचने क ब त कोिशश क ।
ले कन बचते - बचते भी आिखरकार उससे टकरा ही गई।
जे िनथ क आं ख के सामने एकाएक अं ध कार सा छा गया और वो
बे होश हो गयी।
तभी लारी का दरवाजा खोलकर तौफ क उतरा। उसने एक बार
जे िनथ क न ज चे क क और फोन िनकालकर लॉरे न को फोन कया।
थोड़ी ही दे र म लॉरे न कार के साथ वहां आ गयी। उसने अपनी कार
तौफ क के हवाले क और लारी को ाइव करते ए वहां से चली गयी।
जे िनथ के िसर से खू न िनकल रहा था। तौफ क ने जे िनथ के माथे पर
अपना माल कसकर बां धा और जे िनथ को कार म डालकर हॉि पटल क
ओर चल दया।
दृ य-5
जे िनथ क आँ ख खु ली तो उसने अपने आपको हॉि पटल के एक बे ड
पर पाया।
उसके िसर से प ी बं धी ई थी। उसका शरीर भी जगह-जगह से
ज मी था।
तभी दरवाजा खोलकर एक नस अं द र आई। आते ही उसने जे िनथ से
उसका हाल-चाल पू छा और बताया, क उसे इस तरह से ज मी हालत म
वहां एक आदमी ले क र आया था। अगर वह समय पर उसे वहां नह लाता,
तो उसका बचना नामु म कन था।
जे िनथ के पू छ ने पर नस ने बताया क वह आदमी अभी बाहर से
उसक दवा ले ने गया है।
अभी जे िनथ नस से बात कर ही रही थी, क तभी दरवाजे से
तौफ क आता दखाई दया।
उसके चे ह रे पर ब त स त भाव थे । जे िनथ के पू छ ने पर उसने
अपना नाम मे ज र तौफ क बताया। फर तौफ क ने जे िनथ से उसके घर का
फोन नं ब र मां गा।
जे िनथ ने तौफ क को लॉरे न का फोन नं ब र दे दया।
कु छ ही दे र म लॉरे न हाि पटल आ गयी।
तौफ क ने लॉरे न को जे िनथ क दे ख भाल करने को कहा और
हॉि पटल से चला गया।
दृ य-6
“अरे यार! हम इतनी दे र से आपस म बात कर रह ह।" टी ने
ह के से अपने माथे पर चपत लगाते ए कहा- “पर मने तु म से अभी तक
यह नह पू छा, क तु हारे उस वॉय ड का या आ? जो कॉले ज म
तु म को चु प के -चु प के ले ट र िलखा करता था।"
“छोड़ो यार!" लॉरे न ने थोड़ा दुखी वर म कहा- “तु म ने भी या
याद दला दया?"
“ या आ? वो तु झे छोड़कर भाग गया या?" टी ने मजा कया
अं दाज म बोला।
“भाग कर कहां जाएगा?" लॉरे न ने गहरी साँ स भरते ए जवाब
दया- “है तो अभी भी मे रे साथ, और वो भी इसी िशप पर।"
“इसी िशप पर!" टी ने हवा म हाथ नचाते ए शायराना
अं दाज म कहा- “अरे वाह! और ये तू सबसे बाद म बता रही है। अ छा
छोड़! ये बता, तू उससे मु झे कब िमलवा रही है। "
“ या खाक िमलवा रही ं! " लॉरे न क आवाज म अभी भी दुख
भरा था- “उसने इस िशप पर, मु झ से तक से तो िमलने से मना कर रखा
है, फर तु झे उससे कै से िमलवाऊं ?"
“ये या बात ई?" टी ने चहककर कहा- “अरे वो ते रा
वॉय ड है, या कोई जासू स ! जो वह तु झ से भी नह िमलना चाहता।"
“वह कह रहा था क उसके कु छ दु मन भी इसी िशप पर ह, जो
कह मु झे उससे िमलते दे ख कर मे रे पीछे ना पड़ जाएं । " लॉरे न ने कहा-
“इसिलए उसने िशप पर मु झ से िमलने से मना कर रखा है। "
“अ छा िमलवाना छोड़ो। उसक कोई फोटो तो मु झे दखा सकती
हो। आिखर म भी तो दे खूं , कौन है वह सू र मा जो मे री सहेली के रात क
न द उड़ाए है। " टी ने लॉरे न के चे ह रे के पास, हवा म हाथ िहलाते ए
कु छ मजा कया अं दाज म कहा।
“हां फोटो तो दखा सकती ं। " लॉरे न ने वीकृ ित से िसर िहलाते
ए कहा- “मगर एक शत है, तु म और कसी से कु छ नह बताओगी?"
“अरे यार! मे रा इस िशप पर और कोई जानने वाला है ही नह ।
फर भला म कसे बताऊं गी। ले कन अगर तू नह मानती है, तो ले . .... म
ॉिमस करती ं। " टी ने बाकायदा चु ट क से गला पकड़ते ए ॉिमस
करने वाले अं दाज म कहा- “ क कसी से भी नह बताऊं गी।"
“ फर ठीक है। म तु ह कल उसक फोटो ज र दखाऊं गी।" लॉरे न
ने हामी भरते ए कहा।
फर लॉरे न टी से उसके बारे म पू छ ती रही। काफ दे र तक बै ठे
रहने के बाद लॉरे न उठी और टी को ‘बाय’ करती ई, रे टोरट के
दरवाजे से बाहर िनकल गयी।
फर टी भी वहां से चली गयी।
तौफ क जो क उनक टे ब ल के पास क टे ब ल पर बै ठा था और
ब त दे र से खू नी नजर से , लगातार उन पर और उनक बात पर नजर
रखे था। वह भी उठकर रे टोरट के बाहर िनकल गया।
दृ य-7
“ या ज रत थी टी को अपने वाय ड के बारे म बताने क ?"
तौफ क के श द म नाराजगी साफ झलक रही थी।
“अरे यार, वो मे री कॉले ज क ड थी। उसका तु हारे बदले से या
ले ना-दे ना?" लॉरे न ने भी इस बार नाराज होते ए कहा- “और वो तो
जे िनथ को जानती भी नह है, फर तु ह उससे या खतरा है? "
“म कु छ नह जानता। जब तक मे रा काम पू रा नह हो जाता, तु म
मे री फोटो भी कसी को नह दखाओगी।" तौफ क ने गु से से आडर
दनदनाया।
“ठीक है म टी को सं भाल लूं गी। तु ह चं ता करने क कोई
ज रत नह है। " लॉरे न ने कहा और उठकर वहां से चल दी।
दृ य-8
“मने एक दूस रे इं सान ऐले स को टी को अपना वाय ड
कहकर िमला दया। अब तो खु श हो।" लॉरे न ने तौफ क को मनाते ए
कहा।
“ ं! " तौफ क ने हामी भरी।
“िसफ ं ...? कु छ तो बोलो तौफ क?" लॉरे न ने कहा- “वै से मने भी
आज तु ह जे िनथ के हाथ म हाथ डाले दे खा। सच बोलूं तो पता नह य
ब त गु सा आया मु झे । जी कया तु हारा मुं ह न च लूं । "
“मे रा मुं ह न चने का य कया? जे िनथ का मुं ह भी तो नोच सकती
थी।" तौफ क ने लॉरे न पर कटा कया।
“उसका य न चूं , वह तो अब मे री अ छी ड बन गयी है। कभी-
कभी सोचती ं क ये नाटक अब यह पर ख म कर दूं। और तु हारी मे री
जो फोटो मे रे पास है, उसको उसे दखा दूं" लॉरे न ने भी तौफ क के कटा
का जवाब दे ते ए कहा।
“मे री फोटो? मे री तु हारी कौन सी फोटो है? " तौफ क ने अजीब सी
नजर से लॉरे न को दे ख ते ए पू छा।
“एक है कॉले ज के टाइम क । जब तु म मु झ से पहली बार िमलने
कॉले ज आये थे । काफ पु रानी है, पर िब कु ल साफ है। मने आज तक बचा
कर रखी है वह फोटो।" लॉरे न ने कहा।
“पागल हो गयी हो या? वो फोटो आज तक बचा कर रखी है और
उसे ले क र तु म सन राइ जं ग पर भी आ गयी। म यहां इतनी मे ह नत से
अपने काम पर लगा ं और तु म मे रे काम पर पानी फे रने म लगी हो।
अगर वह फोटो जे िनथ के हाथ लग गयी तो .... मे रे साथ-साथ तु म भी
जे ल क च पीसोगी। वै से वो फोटो रखी कहां पर है? " तौफ क ने
िब कु ल ह थे से उखड़ते ए कहा
“इतना हाइपर य हो गये तु म एकदम? ... म पागल ं जो तु हारे
साथ लगी ई ं। तु ह तो मे री क ही नह है। इससे अ छा तो म तु हारे
लान म शािमल होती ही नह और नह लगे गी फोटो जे िनथ के हाथ ...
उसे मने अपनी अलमारी म रखा है और जे िनथ मे री अलमारी खोलकर
नह दे ख ती है। " अब लॉरे न भी गु सा हो गयी।
यह दे ख तौफ क थोड़ा नामल दखने लगा- “आई एम वे री सॉरी ...
मु झे तु म पर हाइपर नह होना चािहये था। तु म तो जानती हो क इस
समय मे रा दमाग सही नह चल रहा।"
यह दे ख लॉरे न भी अब नामल हो गयी- “इ स ओ.के . मने भी गु से
म तु ह जाने या कह दया। म भी तु म से माफ मां ग ती ं। अ छा अब ये
बताओ क तु म मु झे इस बार यू इयर म या दे रहे हो?"
“मने अभी सोचा नह है। म दे ख ता ं क इस यू इयर म तु ह या
दे सकता ं? " तौफ क ने कहा और उठकर वहां से चला गया।
दृ य-9
“आज 31 तारीख है तौफ क। आज तो सन राइ जं ग पर बड़ी पाट
का आयोजन कया गया है। पर तु हारे िबना सारी पाट बे कार।" लॉरे न ने
तौफ क से कहा।
“मे रे रहते म तु हारी पाट बे कार तो नह जाने दूंगा। तु म चं ता ना
करो, कु छ सर ाइज है तु हारे िलये ? " तौफ क ने लॉरे न को दे ख ते ए
कहा।
“कै सा सर ाइज!" लॉरे न ने खु श होते ए कहा।
“ए चु ली जॉनी ने अपने दो त से शत लगायी है यू इयर क रात
अं धे रे म जे िनथ को कस करने के िलये । " तौफ क ने मु कु राते ए कहा।
“इतनी िह मत कै से ई उसक ?" लॉरे न ने गु से से कहा।
“अरे छोड़ो ना यार उनक ।" तौफ क ने झ लाकर कहा- “म सोच
रहा ं क म भी यही काम तु हारे साथ क ं ।"
“हाऊ रोमां टक तौफ क! .... पर यह कै से सं भ व है? वहां तो अं धे रा
रहेगा। तु म इतने अं धे रे म मु झे दे खोगे कै से ? कह गलती से तु म ने जे िनथ
को कस कर िलया तो? ना बाबा ना ... ये तो मु झे िब कु ल भी मं जू र नह
है। "
“अरे कु छ नह होगा तु म टशन मत लो, मे रे पास इसका भी उपाय
है। " यह कहकर तौफ क ने अपनी जे ब से एक लॉके ट िनकालते ए कहा-
“यह तु हारे िलये है। इसके पे ड ट म रे िडयम लगा आ है जो अं धे रे म भी
चमकता है। तु म इसे डां स से पहले पहन ले ना, इसके ारा अं धे रा होने पर
भी म तु ह पहचान लूं गा।"
“वाह .... सो नाइस ऑफ यू । " इतना कहकर लॉरे न ने वह लॉके ट
अपने पस म डाल िलया और पस से एक नीले रं ग का चे क दार माल
िनकालकर तौफ क को दे ते ए कहा- “ये माल तु हारे िलये ... इस पर
मने उदू से ‘लाम’ अ र को काढ़ रखा है जो क मे रे नाम का पहला अ र
है। यह हमे शा तु ह मे री याद दलाता रहेगा।"
तौफ क ने माल को दे खा और अपने जे ब म रख िलया।
इतना कहकर दोन उठे और अपने - अपने रा ते चल दये ।
दृ य-10
इस समय हॉल के हर कोने म लाउड पीकर लगे होने के कारण पू रे
हॉल म म यम सं गीत गूं ज रहा था।
सभी क आं ख , जै से इस यादगार ल हे को कै मरे क मा नं द शू ट कर
रह थ ।
सभी क िनगाह अपने - अपने ल य पर थ ।
जै से डां स करती ई, जे िनथ क िनगाह रह-रह कर तौफ क क ओर
जा रह थ । उसने सोच रखा था क जै से ही 12:00 बजे लाइट ऑफ
होगी। उसे भागकर तौफ क के पास प ंच ना है। जे िनथ, तौफ क के साथ
ही यू ईयर से िल े ट करना चाहती थी।
तौफ क क िनगाह टे ज पर खड़ी लॉरे न क ओर थ और लॉरे न
बार-बार तौफ क को दे ख रही थी।
लॉरे न के गले म तौफ क का दया आ लॉके ट चमक रहा था।
उधर जॉनी ने जै क को पहले ही बता दया था, क लाइट ऑफ होते
ही वह जे िनथ क ओर जाएगा और उसे कस करके दखाएगा।
जॉनी का यह सोचना था क 1 िमनट के अं धे रे म वह जे िनथ को
कस करके वापस आ जाएगा। इसिलए वह टे ज के पास खड़ा था और
उसक िनगाह लगातार जे िनथ क ओर थ ।
जै क , जॉनी का यह कारनामा दे ख ना चाहता था, इसिलए उसने
अपनी जे ब म अं धे रे म दे ख सकने वाला च मा डाल रखा था। उसक
िनगाह, जॉनी पर व एक हाथ अपनी जे ब म था।
फलहाल हर आदमी का ल य िनि त था।
पाट जोर से चल रही थी। घड़ी क सु ई यां भी टक- टक करती ई
अपने ल य क ओर बढ़ रह थ ।
और आिखरकार वह समय भी आ गया। जब घड़ी क तीन सु इ यां
एकाकार होने के िलए मचल उठ ।
“15....14.... 13....12.....11....“ उ टी िगनती शु हो चु क थी-
“5.....4.....3.....2............1“
जै से ही तीन सु इ य ने एक-दूस रे को अपने आ लं ग न म िलया। तु रं त
पू रे हॉल क लाइट ऑफ हो गयी।
हर तरफ शोर शराबे का माहौल था।
जॉनी लाइट के ऑफ होते ही टे ज क ओर भागा। ले कन उसे यह
नह पता था, क जे िनथ लाइट के ऑफ होते ही तौफ क क तरफ जा चु क
है।
अं धे रा होते दे ख , जै क ने तु रं त आं ख पर च मा लगा िलया। च मा
लगाते ही उसे जे िनथ टे ज से गायब दखी।
उधर जॉनी भाग कर, लॉरे न को जे िनथ समझ, उसके पास प ंच
गया।
यह दे ख के जै क के मुं ह से एक ही श द िनकला- “अब तू मरा
जॉनी।"
न ा क वजह से दूस री जे िनथ भी सबकु छ साफ-साफ दे ख रही
थी। उसका बदन पसीने से पू री तरह भरा आ था और ह ठ ह के -ह के
कां प रहे थे । गु सा और नफरत क लहर उसके पू रे शरीर म िबजली
बनकर दौड़ रही थी।
इसी के साथ तौफ क और जै क ने अपनी जे ब से रवा वर िनकाल
ली। जै क के हाथ म इस समय रबर के ल स दखाई दे रहे थे , जब क
तौफ क ने रवा वर को अपने माल से पकड़ रखा था।
दोनो क ही नजर एक ही जगह पर थी, पर उनके िनशाने अलग-
अलग थे ।
जहां तौफ क के िनशाने पर अं धे रे म चमकता वह लॉके ट था, वह
जै क के िनशाने पर जॉनी था य क वह बक से लू टा आ पू रा पै सा
हड़पना चाहता था।
तभी पू रे हॉल म एक फॅ ायर क आवाज गूं जी- “धां य ऽऽऽऽऽऽ।"
अजीब सी क मत थी क दोन गोिलयां एक साथ चल । तौफ क के
ारा चलायी गयी गोली तो िनशाने पर लगी, पर जै क के ारा चलाई
गयी गोली टे ज पर पीछे जाकर लकड़ी म धं स गयी।
जै क ने गोली चलाने के बाद अपनी रवा वर वह पर फक दी।
जब क तौफ क ने रवा वर क नाल से िनकलते धुं ए को उड़ाया
और फर रवा वर को अपनी जे ब म डाल िलया।
दृ य-11
जे िनथ डारथी के कमरे से बाहर िनकलकर डे क क ओर चल दी।
जे िनथ ने गलती से डारथी के कमरे का दरवाजा खु ला छोड़ दया
था। तौफ क िछपकर यह सब दे ख रहा था।
जे िनथ के जाते ही वह धीरे से डारथी के कमरे म घु स गया। क मत
से डारथी इस समय बाथ म म थी।
तौफ क को जे िनथ का पस वह बे ड पर पड़ा आ दखाई दया।
तौफ क को पता था क जे िनथ के म क चाबी जे िनथ के पस म है, उसने
जे िनथ के पस से जे िनथ के म क चाबी िनकाली और चु प चाप पस को
बं द कर बाहर आ गया।
तौफ क ने एक नजर गै ल री म मारी और फर धीरे से चाबी को
जे िनथ के म के क -होल म लगाकर जे िनथ के म का दरवाजा खोल
दया।
तौफ क क नजर अब ते जी से हर अलमारी को उलझने म लग
गय ।
“लॉरे न ने कहा था क उसने मे री और उसक फोटो को अलमारी म
ही रखा है। " तौफ क मन ही मन बु द बु दाया।
पर आधा घं टे के बाद भी जब तौफ क को फोटो नह िमली तो उसने
अपनी जे ब से च िसगरे ट िनकाली और वह सोफे पर बै ठ कर पीने लगा।
अभी उसने आधी िसगरे ट ही पी थी क तभी उसे लगा क कह वह
फोटो लॉरे न क जे ब म ही तो नह थी। यह सोच तौफ क ने घबराकर
अपनी िसगरे ट बु झाई और अपने जे ब से िनकालकर एक े अपने पू रे
शरीर पर कया। इस े के भाव से तौफ क के शरीर क गं ध िछप गयी।
अब वह ते जी से कमरे से िनकलकर टोर म क ओर भागा।
टोर म का दरवाजा खु ला आ था।
तौफ क ने टोर म के दरवाजे को अं द र क ओर ध ा दया।
दरवाजा धीरे से आवाज करता आ खु ल गया।
तौफ क टोर म म दािखल हो गया।
तौफ क ने पहले उसे जगह को दे खा, जहां लॉरे न क लाश रखी गयी
थी, पर वहां लाश को ना पाकर तौफ क घबरा गया और वह टोर म का
िपछला दरवाजा खोलकर उधर से बाहर िनकल गया।
तभी तौफ क को दूस रे डे क पर खड़ा एक सु र ा गाड दखाई दया।
सु र ा गाड को दे ख तौफ क वह रखे म के पीछे िछप गया। िछपते
व तौफ क क जे ब म रखा लॉरे न का दया आ नीला चे क दार माल
वह िगर गया, िजसे तौफ क दे ख नह पाया।
सु र ा गाड के जाते ही तौफ क ने 2 खं भ के पास गिणत के 8 का
िनशान बनाया और वहां से िनकल गया।
तौफ क ने डन के मुं ह से ू नो क बात सु न ली थी। उसे लगा क
कह कै टे न उसका पीछा ू नो से ना करवाये ।
अब तौफ क एक गै ल री से िनकलकर जा रहा था क तभी टी के
म से आती आवाज ने उसके कदम को उधर मोड़ दया।
टी के कमरे से एक हरा क ड़ा उछलता आ बाहर िनकलने क
कोिशश कर रहा था, िजसे तौफ क ने एक गाड के हाथ से रवा वर
छीनकर मार दया।
दृ य-12
तौफ क िबना आवाज कये लै ब म िव हो गया।
थॉमस अपनी लै ब म बै ठा आ था। उसके बगल म माल का एक
ढे र लगा था।
वह बार-बार अलग-अलग माल उठाता और उस पर कोई
के िमकल डालकर माल को चे क कर रहा था।
अचानक एक माल पर के िमकल डालते ही उसक आं ख चमक
उठ ।
माल पर कु छ छोटे - छोटे कण अब चमकने लगे थे ।
“िनि त ही यह बा द के कण ह।" थॉमस मन ही मन बड़बड़ाया-
“इसका मतलब है क िजसने भी हॉल म लॉरे न को गोली मारी, यह माल
उसी का है और उसने रवा वर को माल से पकड़ रखा था।"
माल का एक िह सा रवा वर क नाल क वजह से थोड़ा जल भी
गया था, जो अब थॉमस को साफ दख रहा था।
माल से अभी भी सं द ल क खु श बू आ रही थी।
थॉमस ने तु रं त माल को उठाकर उसे पीछे पलटा। माल के पीछे
क ओर तौफ क का नाम और उसका म नं ब र पड़ा था।
थॉमस ने मन ही मन तौफ क का नाम दोहराया।
“खाना खाने नह चलना है या सर?" पीछे से उसके अिस टट
पीटर ने आवाज लगाई- “सभी लोग लं च के िलए जा चु के ह, बस हम ही
लोग बाक बचे ह।"
“2 िमनट क जाओ पीटर। ........ या फर ऐसा करो क तु म खाने
के िलए चलो, म बस थोड़ी ही दे र म आ रहा ं। " थॉमस ने पीटर से कहा।
“ओ.के . सर।" कहकर पीटर म से बाहर िनकल गया, शायद उसे
ते ज भू ख लगी थी।
“मु झे तु रं त कै टे न को काितल का नाम बता दे ना चािहए।" थॉमस
मन ही मन बड़बड़ाया।
यह सोचकर वह फोन क ओर बढ़ गया।
थॉमस को फोन क ओर बढ़ते दे ख तौफ क ने वहां रखे दूस रे फोन
का रसीवर उठा िलया।
थॉमस ने जै से ही फोन को उठाकर अपने कान से लगाया, उसे फोन
पर तौफ क खरखराती आवाज सु नाई दी- “तु झे अपनी जं द गी यारी नह
है या? जो मे रे बारे म कै टन को बताने जा रहा है। "
एकदम से फोन पर आयी आवाज ने थॉमस को च का दया। वह
एक पल म समझ गया क इस फोन के पै र लल म लगे कसी फोन पर
तौफ क मौजू द है और वह उसे भली भां ित दे ख रहा है।
यह अहसास ही उसे एक पल के िलए कं पा गया।
थॉमस ने तु रं त आसपास के सभी फोन पर नजर मारी। उसक
िनगाह एक दशा म जाकर ठहर गई।
एक खं भे के पास अं धे रे म खड़ा, उसे तौफ क नजर आया। जो उसी
क तरफ दे ख रहा था।
तौफ क के सीधे हाथ म रसीवर था, जो वह अपने कान पर लगाये
था।
“कौन हो तु म ?" थॉमस ने िह मत करते ए जोर से पू छा और फर
रसीवर को धीरे से ै डल पर रख दया।
“अभी-अभी तु म ने मे रा नाम माल पर से पढ़ा तो है, फर भी भू ल
गए।" तौफ क क गु राती ई आवाज वातावरण म गूं जी।
“तो या तु म ......?"
“मे रा नाम ले ने क कोिशश मत करो।" तौफ क ने थॉमस के श द
को बीच म ही काटते ए, उसे चु प करा दया- “ य क मे रे िहसाब से
हवा के भी कान होते ह और म नह चाहता क मे री आवाज, मे रा नाम
अभी कसी तक प ंचे । "
“ या चाहते हो तु म ?" थॉमस के श द म भय साफ नजर आ रहा
था।
“अजीब पागल हो तु म ......।" तौफ क के वर म खतरनाक भाव
आ गये - “अब जब तु म ने मे रा नाम ‘जान’ िलया है, तो अब म भी तु हारी
‘जान’ ही लूं गा।"
“तु म ..... तु म मु झे नह मार सकते । " थॉमस ने िगड़िगड़ाते ए
कहा।
थॉमस क आँ ख अब अं धे रे म भी तौफ क के हाथ म थमे रवा वर
क प दे ख रह थ ।
और इससे पहले क थॉमस अपने बचाव म कु छ कर पाता, एक
‘िपट् ’ क आवाज ई और एक गोली उसके गले म सु राख कर गई।
थॉमस कसी कटे पे ड़ क तरह धड़ाम से फश पर िगर गया। उसक
आं ख म आ य के भाव थे । शायद मरते दम तक उसे अपनी मौत पर
िव ास नह था।
तौफ क ने रवा वर क नाल से िनकलते ए धुं ए को फूं क मारकर
हवा म उड़ाया और फर रवा वर क नाल पर लगा साइलसर हटाकर,
दोन ही चीज अपनी जे ब के हवाले कर ल ।
अब तौफ क माल के ढे र के पास प ंच गया।
उसने अपनी जे ब म हाथ डालकर एक लाईटर िनकाल िलया।
‘खटाक’ क आवाज के साथ लाइटर ऑन ई और उससे िनकलती
ई लौ ने तु रं त ही माल के ग र को अपने घे रे म ले िलया।
तौफ क ने एक-दो जलते ए माल थॉमस के ऊपर व कु छ माल
कमरे म इधर-उधर फक दये ।
धीरे - धीरे पू रे कमरे ने आग पकड़ ली।
कु छ वलनशील रसायन को भी आग ने अपने घे रे म ले िलया।
तौफ क अब सधे कदम से म के बाहर िनकला और एक दशा म
चल दया।
कु छ आगे जाने पर उसक पीड एकाएक ते ज हो गई। अब वह ते जी
से िच ला रहा था- “आग ..... आग ..... लै ब म आग लग गई ...... गाड
..... गाड ..ज दी सीजफायर लाओ।"
उसके िच लाते ही ब त से लोग का यान उस ओर आक षत हो
गया।
तब तक लै ब से काला धु आं िनकलने लगा था।
ब त से लोग लै ब से धुं आ िनकलते दे ख वहां पर एकि त हो गए।
कु छ लोग ने शीशे तोड़कर आग बु झाने के यं िनकाल िलए। वह
िसले डर हाथ म ले क र लै ब म घु स गए।
आग अभी इतनी यादा नह फै ली थी क उसे बु झाया न जा सके ।
धीरे - धीरे गा स ने आग पर काबू पा िलया।
तौफ क भी अब भीड़ म शािमल हो गया था।
आग पर कं ोल होते दे खा उसके चे ह रे पर एक दबी-दबी सी
मु कान आ गयी।
इसी के साथ न ा ने का आ समय फर से चालू कर दया
और जे िनथ के सामने दखने वाले दृ य हवा म िवलोप हो गये ।
इसी के साथ जे िनथ वहां पर लहराकर िगर गयी।
उसके िगरने क आवाज काफ ते ज थी, िजसे सु न कर अलबट क
आँ ख खु ल गयी। उसने दूर जे िनथ को पड़ा दे खा तो सबको उठा दया।
सभी भागकर जे िनथ के पास आ गये ।
“ या आ जे िनथ?" तौफ क ने जे िनथ का हाथ पकड़ते ए पू छा।
तौफ क के हाथ पकड़ते जे िनथ को ब त ते ज गु सा आया, तभी उसे
अपने मि त क म न ा क आवाज सु नाई दी- “अपनी भावना पर
िनयं ण करो दो त ... तु म ने मु झ से वादा कया था।"
यह सु न जे िनथ ने अपने गु से को अं द र दबाया, पर तौफ क का हाथ
अपने हाथ से धीरे से छु ड़ाते ए कहा- “कु छ नह आ मु झे ... बस थोड़ी
सी बे चै नी हो रही थी इसिलये टहलने आ गयी थी। टहलते - टहलते च र
आ गया था बस।"
यह सु न कर सबने राहत क साँ स ली।
“ब त अ छे दो त ... अ छा कं ोल कया तु म ने । " न ा ने कहा-
“थोड़ा सा ठहर जाओ, व आने पर इस तौफ क से भी िनपट लगे , बस
तु म अपने होश को सं भाले रखो।"
“म अब ठीक ं। " जे िनथ ने अपने मन म न ा से कहा- “और
ब त-ब त ध यवाद मु झे आइना दखाने के िलये । "
इतना कहकर जे िनथ उठी और टी के साथ वापस सोने वाले
थान क ओर चल दी।
◆ ◆ ◆
चैपटर-14
िहमलोक

10 जनवरी 2002, गु वार, 10:25, ांस अंटाक टक माउ टेन, अंटाक टका

मर इस समय ब त परे शान था। कल से जे स कु छ पता


िव नह चल रहा था। इस वजह से वह काफ घबराया आ था।
“इस कमरे म कह भी कोई दरवाजा नह है, फर जे स अचानक से
कमरे से कहां चला गया? कह सच म ही तो दे वी शलाका उसे नह पकड़
ले गय ?" िव मर के दमाग म अजीब-अजीब से याल आ रहे थे ।
अभी िव मर यह सब सोच ही रहा था क तभी उसे हवा म एक
ार बनता दखाई दया जो क इस बात का ोतक था क शलाका आ
रही है।
हवा के ार से शलाका ने कमरे म वे श कया। इस समय उसने
ब त ही माडन सी काले रं ग क ि कन टाइट े स पहन रखी थी। इस े स
म अगर कोई उसे दे ख ता तो मान ही नह सकता था क यह कोई दे वी है।
हर समय क तरह ि शू ल अब भी शलाका के हाथ म था।
शलाका ने एक नजर कमरे म बै ठे िव मर पर मारी और बोल उठी-
“जे स कहां है? “
“म ...मु झे नह पता ....।" िव मर ने डरते ए कहा- “जे स कल
से कह गायब है। मु झे लगा उसे आप कह ले गय ह?"
शलाका क आँ ख सोचने वाली मु ा म िसकु ड़ गयी। उसने एक नजर
पू रे कमरे पर मारी।
अब उसक नजर दरवाजे वाले टीकर पर जाकर िचपक गयी।
“इसका मतलब जे स ने गु ार का योग कया है। " शलाका मन
ही मन बड़बड़ायी।
“आपने कु छ कहा या?" िव मर ने शलाका को बड़बड़ाते दे ख कर
पू छा।
“नह ... मने कु छ नह कहा और म जे स को ले क र कह नह
गयी?, वो वयं ही गु ार का योग करके यहां से बाहर गया है। "
शलाका ने िव मर क ओर दे ख ते ए कहा- “म उसको लाने जा रही ं,
तब तक तु म इसी कमरे म रहो और यान रहे, यहां के कसी सामान से
छे ड़ -छाड़ करने क कोिशश मत करना, वरना तु म भी गायब हो जाओगे । "
िव मर ने हां म िसर िहलाया।
शलाका अब चलकर उस टीकर वाले दरवाजे के पास प ंची और
टीकर पर मौजू द लाल बटन को दबा दया। बटन हरे रं ग का हो गया।
िव मर आँ ख फाड़े उस दृ य को दे ख रहा था।
शलाका उस गु ार म वे श कर गयी। कु छ आगे चलने पर उसे
चारो ओर दरवाजे ही दरवाजे नजर आये । यह दे ख शलाका क नजर सभी
दरवाज पर फरने लगी।
कु छ दे र दे ख ने के बाद उसक नजर एक दरवाजे पर टक गयी।
शलाका धीरे से आगे बढ़ी और उस ार म वे श कर गयी।
वह रा ता एक बफ क गु फा म िनकला था। शलाका उस गु फा से
बाहर िनकली। उसे अपने अगल-बगल चारो तरफ बफ के पहाड़ दखाई दे
रहे थे ।
यह थान दे ख कर शलाका क पु रानी याद ताजा हो गय । जब वो
5000 वष पहले यहां वे दालय म पढ़ती थी।
शलाका के चे ह रे पर एक भीनी सी मु कान िबखर गयी।
शलाका ने अपने आसपास दे खा, पर उसे जीवन के कोई भी ल ण
वहां दखाई नह दये ।
“यहां इतना स ाटा य है, 5000 वष पहले तो यह जगह पू री
तरह से जीवन से प रपू ण थी। इतने वष म तो इस जगह को और
िवकिसत हो जाना चािहये था, पर यह तो िब कु ल वीरान दखाई दे रही
है। ऐसी वीरान जगह पर तो जे स को ढू ं ढ पाना मु ि कल होगा। ..... मु झे
ा और िशव या क मदद ले नी होगी, वह िहमलोक के बारे म सबकु छ
जानते ह। उ ह अव य पता होगा क जे स कहां है? "
यह सोचकर शलाका ने अपने ि शू ल को हवा म उछाला। हवा म
उछालते ही ि शू ल कह गायब हो गया। अब शलाका ने अपने दोन हाथ
क मु यां बं द कर, दोनो हाथ के अं गू ठे को अपने मि त क के दोनो तरफ
लगाया और अपने मन म ‘िशव या व ा ’ दोहराना शु कर दया।
हवा म मानिसक तरं गे फै लना शु हो गय ।
कु छ ही दे र म शलाका को 4 रिडयर एक ले ज गाड़ी को ख चते
उधर आते दखाई दये ।
ले ज आकर शलाका के पास क गयी। शलाका के ले ज म बै ठ ते ही
रिडयर उसे ले क र एक अं जान दशा क ओर चल दये ।
रा ते भर शलाका िहमालय म ए अने क बदलाव को दे ख ती जा
रही थी।
लगभग 15 िमनट के बाद रिडयर बफ से ढक एक गु फा के पास
प ंच गये ।
रिडयर एक ण को के और फर गु फा म वे श कर गये । अब
रिडयर गु फा म दौड़ रहे थे ।
गु फा म बीच-बीच म ऊपर क ओर सु राख बने थे , जहां से थोड़ी-
थोड़ी बफ िगर कर गु फा म आ रही थी।
कु छ दे र के बाद शलाका को गु फा के आगे एक िवशालकाय ग ा
दखाई दया, िजसके चारो ओर, नीचे क तरफ जाता आ एक 10 फट
चौड़ा रा ता बना था।
ग े क गहराई का अं त नह दख रहा था।
रिडयर उसी रा ते पर दौड़ते ए नीचे क ओर जाने लगे ।
वह रा ता इतना खतरनाक था क शायद कोई मानव उसे दे ख कर
उसम जाने क सोचता भी नह , पर शलाका तो कई बार इस रा ते से आ-
जा चु क थी। इसिलये वह आराम से ले ज म बै ठी ई थी।
ग े म थोड़ा नीचे जाने के बाद अब उजाला नजर आने लगा था, पर
यह उजाला कहां से आ रहा था, यह नह पता चल रहा था।
लगभग 500 मीटर का सफर उस ग े म तय करने के बाद अब
रिडयर क गये ।
शलाका को वहां दीवार म एक ार दखाई दया। शलाका ने उस
ार को खोला और अब उसके सामने था- िहमलोक।
वही िहमलोक िजसक रचना वे दालय के समय म महागु नीलाभ
ने क थी। वही िहमलोक िजस पर ा और िशव या को शासन करने के
िलये चु ना गया था।
शलाका के सामने एक बफ से ढक ई दुिनया थी, जहां पर चारो
ओर बफ क िवशालकाय दे व ता क मू तयां थािपत थ ।
तभी शलाका को सामने खड़े ा और िशव या दखाई दये ।
शलाका खु श होकर बारी-बारी दोन के गले लग गयी।
“पू रे 5000 वष बीत गये ह तु म से िमले । " िशव या ने शलाका को
िनहारते ए कहा- “मु झे तो लगा था क शायद अब तु म जीिवत भी नह
हो।"
“शायद अब तक जीिवत नह बचती, पर कसी के इं त जार ने इतने
वष तक मु झे जीिवत रखा। .... अरे हां म दरअसल कसी दूस रे काम से
यहां आयी ं .... मु झे एक जे स नाम के मनु य क तलाश है, जो गलती से
िहमालय पर आ प ंचा है। " शलाका ने बात को बदलते ए कहा।
“एक िवदे शी मनु य हमने पकड़ा तो है, जो क हमारी सीमा म घू म
रहा था। हो सकता है क वही जे स हो?" ा ने कहा।
“उसने नीले रं ग क टी शट और काली ज स पहनी ई है। " शलाका
ने जे स का िलया दोन को बताया।
“हां फर तो वही है ... जे स हमारे ही पास है .... हम लगा क वह
गु व शि चु राने आया है, इसिलये हमने उसे कै दखाने म डाल दया।"
िशव या ने कहा।
“गु व शि !" शलाका ने आ य से कहा- “ या कल गु व शि
कट होने वाली है? "
“हां ... तु म तो जानती हो क गु व शि हर साल एक िवशे ष
न म सू य दय क पहली करण के साथ बफ से िनकलती है, िजसक
हम पू जा भी करते ह और सू या त क आिखरी करण के साथ वापस बफ
म समा जाती है। " िशव या ने शलाका को याद दलाते ए कहा।
“हां - हां .... मु झे सब याद है ... म कु छ भी नह भू ली .... ना गु व
शि और ना ही आयन को ................।" शलाका ने एक गहरी साँ स
भरते ए कहा।
“चलो फर हमारे महल चलो ... इतने दन बाद आयी हो तो एक
दन तो रहना ही पड़े गा हमारे साथ .... और वै से भी कल तु म पू जा म भी
भाग ले सकती हो।" ा ने शलाका पर जोर डालते ए कहा।
यह सु न शलाका थोड़ा सोच म पड़ गयी।
उसे सोच म पड़े दे ख िशव या भी बोल उठी- “अरे चलो ना यार ...
तु हारा जे स तो वै से भी िमल गया है, अब तु ह परे शानी ही या है? "
“ठीक है चलती ं ....।" कु छ सोचकर शलाका ने मु कु राते ए
कहा- “अ छा ये बता क बाक के लोग कै से ह?"
“बाक सब तो ठीक ह, परं तु धरा और मयू र थोड़े से परे शान ह।"
िशव या ने कहा- “दरअसल कु छ समय पहले उसक धरा शि का एक
कण चोरी हो गया है, िजसे वो ढू ं ढ नह पा रहे ह।"
ऐसा कै से हो सकता है? “ शलाका ने आ य से पू छा- “पृ वी पर
अगर कह भी वह धरा शि का कण योग म लाया जाये तो वह धरा
और मयू र को पता चल जाये गा, फर वो उसे ा कर सकते ह।"
“धरा शि का योग अभी अमे रका के एक शहर वा शं ग टन म
कल ही 2 बार कया गया, िजससे उ ह यह तो पता चल गया क वह
शि इस समय अमे रका म है, धरा और मयू र अमे रका प ंच भी चु के ह।
अब बस उ ह इं त जार है उस शि के अगली बार योग होने का। जै से ही
इस बार कसी ने उसका योग कया, वह पकड़ा जाये गा। .... पर छोड़ ना
यार उनक बात को .... वो दोन आसानी से उस शि को ा कर लगे ।
चल हम लोग चलते ह, कल के उ सव क तै या रयां करते ह।"
िशव या यह कहकर शलाका को ख चकर महल क ओर चल दी।
◆ ◆ ◆
च वात

10 जनवरी 2002, गु वार, 14:00, मायावन, अराका ीप

रात म शै फाली और जे िनथ क वजह से सभी दे र से सोये थे ,


इसिलये सभी के उठने म काफ दे र हो गया था।
चूं क उस पाक वाली जगह पर एक खू ब सू र त सा तालाब भी था,
िजसम साफ पानी भरा था। इसिलये सभी ने उस जगह पर आधा दन
यादा रहने का िवचार कया।
बारी-बारी सभी ले डीज और ज स ने वहां पर खू ब नहाया और
अपने कपड़ को साफ कया।
इतने दन बाद नहा कर सभी को ब त े श महसू स हो रहा था।
अब सभी फर से आगे क ओर बढ़ गये ।
जे िनथ का दमाग बु री तरह से तौफ क पर खराब था। इसिलये वह
तौफ क से यादा बात नह कर रही थी। तौफ क ने जे िनथ के इस बदलाव
को महसू स कर िलया था, पर उसे इसका कारण नह पता चला।
अब िसफ 8 लोग ही बचे थे , पर जोड़े पू री तरह से टू ट गये थे ।
टी से ऐले स अलग हो गया था और जै क से जॉनी। जे िनथ और
तौफ क का र ता भी अब नह बचा था, इसिलये सभी अब थोड़ा कम
बात कर रहे थे ।
“अरे दो त दूस र से बात मत करो, पर मु झे तो इस तरह से बोर ना
करो।" न ा ने जे िनथ के मन म कहा- “कु छ तो बोलो?"
“हम तो सु ब ह से ढलकर, शाम हो गये ,
इस कमब त इ क से बदनाम हो गये । "
जे िनथ ने शायराना अं दाज म, अं े जी म न ा को किवता सु नाई।
“वाह-वाह दो त या बात कही है? ” न ा ने कहा- “आप ब त
ते जी से उबर रहे हो अपने दुख से । ... ब त खू ब .... शानदार।"
“थै यू यू वे री मच!" जे िनथ ने मन म कहा- “अब तु म भी कु छ
सु नाओ न ा?"
“पृ वी पर आकर हम भी इं सान हो गये ,
तु झ म िसमटकर 2 ह एक जान हो गये । "
न ा ने भी जे िनथ के िलये एक किवता मार दी।
“ब त ही खू ब सू र त न ा ... मान गये तु ह .... तु म भी ब त ते जी
से सीख रहे हो पृ वी क भाषा।" जे िनथ ने खु श होते ए न ा से कहा।
भले ही तौफ क का राज जे िनथ को पता चल गया था, मगर न ा
क बात ने जे िनथ को अब िब कु ल सं भाल िलया था। जे िनथ को जं द गी
का यह नया अं दाज ब त पसं द आ रहा था।
तभी चलते ए उनक रा ते म एक फू ल क घाटी आ गई।
ब त ही खू ब सू र त फू ल के पौधे चारो ओर लगे थे । चारो ओर खु श बू
िबखरी ई थी।
सभी को ये घाटी ब त अ छी लग रही थी।
डन ने आगे चलते ए एक गु लाबी रं ग के फू ल को तोड़कर अपने
हाथ म ले िलया। उस फू ल क खु श बू भी ब त अ छी थी।
तभी कह से एक भ रा उड़ता आ आया और डन के आसपास
मं ड राने लगा।
उसके पं ख क ते ज ‘भ -भ ’ क आवाज ब त अजीब सी लग
रही थी।
यह दे ख डन ने अपनी जगह बदल कर उस भ र से बचने क
कोिशश क , पर भ रा भी डन के पीछे - पीछे दूस री जगह पर प ंच गया।
डन ने फर जगह बदल ली, पर शायद वह भ रा भी िज ी था,
वह डन के पीछे ही पड़ गया। डन िजधर जा रहा था, भ रा उधर आ
जा रहा था।
“ डन अं क ल शायद वह भ रा आपके नह बि क आपके हाथ म
मौजू द फू ल के पीछे पड़ा है। " शै फाली ने डन से कहा- “आप उस फू ल को
फक दीिजये । "
डन को शै फाली का लॉिजक सही लगा, इसिलये उसने अपने हाथ
म पकड़े गु लाबी फू ल को वह जमीन पर फक दया।
पर फू ल का गु लाबी रं ग और महक अभी भी डन के हाथ पर लगी
थी। इसिलये भ रा फू ल को फकने के बाद भी डन के पीछे लगा रहा।
अब डन को उस भ रे क आवाज थोड़ा इ रटे टं ग लगने लगी। वह
बार-बार भ रे को अपने हाथ से भगाने क कोिशश कर रहा था।
पर उस भ रे ने भी शायद डन को परे शान करने क कसम खा
रखी थी, वह अभी भी डन के पीछे लगा था।
इस बार डन ने भ रे को भगाने क कोिशश नह क और उसे
थोड़ा और अपने पास आने दया। जै से ही वह भ रा इस बार डन के पास
आया, डन ने िनशाना साधकर अपने हाथ का वार उस भ रे के ऊपर कर
दया।
इस बार िनशाना िब कु ल ठीक था। डन का हाथ ते जी से भ रे को
लगा और वह वह एक धू ल वाली जगह पर घायल होकर िगर गया।
भ रे के भनभनाने क आवाज अब और ते ज हो गयी थी। अब वह
जमीन पर िगरकर जोर से तड़पते ए धू ल म लोट रहा था।
भ रे के जमीन म तड़पने क वजह से जमीन पर कु छ गोल-गोल सी
लक र बनने लग ।
अब थोड़ी-थोड़ी सी धू ल भी जमीन से उठने लगी।
कु छ ही दे र म भ रे वाली जगह पर छोटा सा धू ल का गु बार बन
गया।
सभी क नजर उस भ रे क ओर थी। सभी को भ रे को दे ख कर
कसी नये खतरे का अहसास हो गया था।
धीरे - धीरे भ रे का छटपटाना बं द हो गया, पर आ यजनक तरीके
से धू ल का गु बार अभी भी कम नह आ था।
“ये धू ल का गु बार य कम नह हो रहा?" टी ने कहा- “ या
यह भ रा भी कसी कार के चम कार का िह सा है? "
टी क बात सु न कर, तौफ क ने धू ल के गु बार को थोड़ी दे र तक
दे खा और अपना पै र जमीन पर ते जी से पटका।
तौफ क के पै र पटकने से धू ल के कु छ और कण जमीन से उठकर
हवा म क गये ।
“इन कण पर गु वाकषण का िनयम य नह काम कर रहा?"
अलबट ने उन धू ल कण को दे ख ते ए कहा।
यह दे ख सु य श ने जमीन पर बै ठ कर एक जोर क फूं क उन धू ल कण
पर मारी।
सु य श के ऐसा करते ही सारे धू ल कण भ रे के जमीन पर बनाये गोल
सी रे खा के ऊपर हवा म गोल-गोल तै र ने लगे ।
भ रे का शरीर भी उस हवा म गोल-गोल नाचने लगा।
यह दे ख कर सु य श, तौफ क सिहत सभी लोग पीछे हट गये ।
धू ल के कण से बना वह गु बार अब हवा म ऊपर उठने लगा। उसक
गित और आकार भी अब लगातार बढ़ते जा रहे थे ।
धीरे - धीरे हवा का वह गोल दायरा एक च वात म प रव तत हो
गया। अब सभी फू ल के पौधे उसक ओर खं च ने लगे ।
तभी डन क िनगाह अपने फके उस फू ल क ओर गयी, िजससे यह
पू रा घटना म शु आ था।
इतनी ते ज हवा के होने के बाद भी वह फू ल अपनी जगह पर पड़ा
था।
च वात अब और िवकराल होता जा रहा था।
डन ने कु छ सोचने के बाद झु क कर उस फू ल को जमीन से उठा
िलया। डन का अं दाजा था क फू ल को उठाने से यह पू रा घटना म बं द
हो जाये गा, पर आ उसका िब कु ल उलट।
डन के फू ल उठाते ही वह च वात ते जी से डन क ओर झपटा
और इससे पहले क कोई कु छ समझ पाता, डन का शरीर च वात के घे रे
म फं स गया था।
कसी के पास डन को बचाने का ना तो व था और ना ही
तरीका।
च वात ने अब ब त िवशाल प धारण कर िलया था। इसी के
साथ च वात हवा म उठा और डन सिहत आसमान म उड़कर गायब हो
गया।
सभी ह ा-ब ा से वहां खड़े च वात को जाते दे ख ते रह गये ।
“ये या था ोफे सर?" सु य श ने अलबट से पू छा- “ऐसी कसी चीज
के बारे म या आपने कह सु न रखा है? "
“नह कै टे न .... ऐसी कसी चीज का जवाब िव ान के पास तो
नह िमले गा।" अलबट ने आह भरते ए कहा- “एक छोटे से फू ल और भ रे
से इतनी बड़ी परे शानी का पै दा हो जाना तो कसी भी दमाग म नह आ
सकता था।"
“आिखर हमने अपने एक और साथी को खो दया।" तौफ क ने दुख
भरे वर म कहा।
“न ा।" जे िनथ ने न ा से पू छा- “ या तु म बता सकते हो क ये
चीज या थी?“
“ये चीज एक मायाजाल थी।" न ा ने कहा।
“ये मायाजाल या होता है? " जे िनथ ने फर से पू छा- “और हां ,
लीज आसान भाषा म समझाना। मु झे िव ान क यादा जानकारी नह
है। "
“हमारे आसपास 2 ां ड ह, एक वह जो हम आसमान म दखाई
दे ता है और एक वह जो हमारे आसपास के वातावरण म मौजू द है। "
न ा ने कहा- “हम पहले ां ड के बारे म तो अब ब त कु छ जानने लगे
ह, परं तु हम अपने आसपास मौजू द ां ड के बारे म कु छ नह जानते और
हमारे आसपास मौजू द ां ड ही हमारे जीवन का आधार है। इसिलये म
तु ह आसपास के ां ड के बारे म बताता ं। दरअसल हमारे ां ड म
मौजू द हर चीज कण से िमलकर बनी है और िव ान जानने वाले लोग
को पता है क हर कण इले ान, ोटान और यू ान से िमलकर बना है।
िजसम इले ान िनगे टव और ोटान पाजी टव होता है और यह दोन ही
कण नािभक म बै ठे यू ान के च र लगाते ह। यािन क साधारण भाषा म
समझ तो वह छोटा सा कण भी अं द र से खोखला है और यू ान के
गु वीय बल के कारण उसके च र लगा रहा है। अब अगर तु म बाहर के
ां ड को दे खो तो वो भी तो ऐसा ही है। चं मा पृ वी के च र लगा रहा
है। पृ वी सू य के चारो ओर च र लगा रही है। हमारी यह छोटी सी
आकाशगं गा कसी दूस री आकाशगं गा के च र लगा रही है। ठीक उसी
कार अगर हम यू ान को करोड़ गु ना छोटा कर, तो उसम भी एक
ां ड दखाई दे गा और उस ां ड का सबसे छोटा कण है, िजसे हम
कण, िह स बोसन या अ य नाम से जानते ह। इसी कण ने हर
जीव, हर त व को उ प कया है और सभी म अपने जीवन जीने के िलये
िविभ कार क मताएं भी दी ह। जै से बाहरी दुिनया का ां ड आपस
म टकराकर एक नये ां ड को ज म दे ता है, ठीक उसी कार कण का
ां ड भी आपस म टकराकर कु छ नये ‘इ यू ज न’ को ज म दे ता है। हम
इस ‘इ यू ज न’ को ही मायाजाल कहते ह। इस मायाजाल पर हमारे
भौितक िनयम का कोई भाव नह पड़ता और ऐसा ही एक मायाजाल
तु ह थोड़ी दे र पहले दखाई दया है। "
इतना कहकर न ा चु प हो गया। उसने जे िनथ क भावना को
महसू स कया तो पता चला क उसक बात जे िनथ को िसफ 12 ितशत
ही समझ म आय ह। यह दे ख वह हंस दया।
“तु म परे शान मत हो जे िनथ, म धीरे - धीरे तु ह पू री िव ान क
जानकारी दे दूंगा।" न ा ने शां त जे िनथ को दे ख कहा।
जे िनथ ने धीरे से अपना िसर िहलाया और सभी के साथ आगे क
ओर चल दी।
◆ ◆ ◆
गु व शि

10 जनवरी 2002, गु वार, 16:00, सीनोर रा य, अराका ीप

लु फासा और सनू रा इस समय मकोटा महल म मकोटा के पास बै ठे


ए थे ।
“मने आज तु ह कु छ ज री काम करने के िलये बु लाया है लु फासा।"
मकोटा ने लु फासा क ओर दे ख ते ए कहा।
“जी बताइये मां ि क।" लु फासा ने गहरी िनगाह से मकोटा क ओर
दे ख ते ए कहा।
“दरअसल हम अराका पर राज करने के िलये जै ग न क शि य क
आव यकता है, पर इसके िलये पहले हम जै ग न को एक शि ा करके
दे ना होगा।" मकोटा ने कहा।
“कै सी शि ?" लु फासा ने मकोटा से पू छा।
“गु व शि !" मकोटा ने कहा।
“गु व शि ? ... ये शि या करती है मां ि क?" लु फासा के
श द म य ता झलक रही थी।
“हर ह के अं द र एक गु वाकषण शि होती है, िजसक वजह से
उस ह पर मौजू द सभी िनज व और सजीव चीज उस ह क धरती से
जु ड़े रहते ह। यह गु व शि िजसके पास रहेगी, उस पर उस ह के
गु वाकषण का कोई भाव नह पड़े गा। ऐसी ि थित म वह ि
िव ान के िनयम को तोड़कर एक अजे य शि म प रव तत हो जाये गा।"
मकोटा ने कहा।
“पर ऐसी शि धरती पर िमले गी कहां ? " सनू रा ने बीच म बोलते
ए कहा।
मकोटा ने इस बार सनू रा क ओर दे खा और फर बोला- “यहां से
पू व दशा क ओर एक िवशालकाय पवत है, िजसका नाम िहमालय है। हर
वष िहमालय म वह शि 1 दन के िलये कट होती है और वह िवशे ष
दन कल ही है। इसिलये तु ह आज ही िहमालय के िलये िनकलना होगा।"
“पर मां ि क ... ऐसी िविच शि मु झे ऐसे ही तो िमल नह
जाये गी। उसक सु र ा म भी कु छ ना कु छ तो ज र होगा।" लु फासा ने
कहा- “ या आप मु झे उसक सु र ा के बारे म कु छ बता सकते ह?"
“उसक सु र ा वहां के बफ म रहने वाले कु छ साधारण इं सान ही
करते ह, इसिलये उसको लाने म तु ह यादा परे शानी नह होगी।"
मकोटा ने लु फासा को समझाया।
“ फर ठीक है, म आज ही गु व शि को लाने के िलये चला
जाऊं गा। पर मां ि क या म जान सकता ं क जै ग न यह शि ले क र या
करने वाला है? "
“जै ग न का एक महाशि शाली यो ा एक बार एक यु म धरा
शि से टकराते ए जमीन पर िगर गया। जै ग न लाख कोिशश के बाद
भी उसे जमीन से उठा नह पा रहा, तभी उसे गु व शि के बारे म पता
चला। दरअसल गु व शि , धरा शि क काट है और उसके ारा उस
यो ा को जगाया जा सकता है। इसिलये जै ग न ने यह महान काय करने के
िलये हम चु ना है। " मकोटा ने कहा।
मकोटा क बात सु न कर लु फासा एक पल म ही समझ गया क
मकोटा सरासर झू ठ बोल रहा है, य क उसने पहले ही जै ग न को
िपरािमड म बे होश हालत म दे ख िलया था। लु फासा जान गया क गु व
शि का उपयोग जै ग न के महायो ा को जगाने के िलये नह , बि क वयं
जै ग न को जगाने के िलये होना था।
ले कन इस समय लु फासा के पास और कोई चारा नह था, इसिलये
वह गु व शि लाने को तै यार हो गया।
तभी मकोटा ने लु फासा को एक दशा यं दे ते ए कहा- “यह एक
दशा यं है, ये तु ह गु व शि के थान तक रा ता दखाये गा।"
मकोटा ने कु छ दे र तक जब लु फासा और सनू रा को और कोई
ना पू छ ते ए दे खा तो उ ह वहां से जाने का इशारा कर दया।
मकोटा का इशारा पाकर लु फासा और सनू रा वहां से चल दये ।
◆ ◆ ◆
ाचीन िशव मं दर

11 जनवरी 2002, शु वार, 05:30, िहमलोक, िहमालय पवत

अगले दन शलाका नहा-धोकर े श हो गयी थी।


िशव या ने शलाका के िलये भारतीय प रधान भे ज दये थे । भारतीय
व और फू ल के ृं गार म शलाका ब त खू ब सू र त नजर आ रही थी।
थोड़ी दे र म िशव या शलाका को ले ने के िलये आ गयी। दोन बाहर
िनकले तो शलाका ने दे खा क जे स भी भारतीय प रवे श म तै यार होकर
बाहर ा के साथ खड़ा था।
बाहर लगभग 20 लोग और थे , उसम से कु छ ा ण और कु छ फू ल
क टोक रयां उठाये से व क और से िवकाएं थ । ा ण के हाथ म पू जा का
सामान था।
सभी ने सफे द रं ग के व पहन रखे थे ।
एक िवशालकाय ले ज भी बाहर खड़ा था।
िशव या और शलाका को बाहर िनकलते दे ख सभी उस बड़े ले ज पर
खड़े हो गये । इस बड़े ले ज को 6 बफ पर चलने वाले घोड़े ख च रहे थे ।
ा , िशव या और शलाका रिडयर वाले छोटे ले ज पर बै ठ गये ।
जे स भी उसी ले ज पर सवार हो गया।
दोन ही ले ज बफ के रा ते पर चल दये ।
जे स को यह सब कु छ ब त अलग और अ छा लग रहा था। उसे तो
सबकु छ एक सपने क तरह महसू स हो रहा था।
“ या म कु छ चीज आपसे पू छ सकता ं? " जे स ने शलाका क ओर
दे ख ते ए पू छा।
“हां - हां पू छो जे स।" शलाका ने अनु म ित दे ते ए कहा।
“यह गु व शि है या? मे रा मतलब है क इस शि का ज म कै से
आ?" जे स ने उ सु क ता दखाते ए पू छा।
ले कन इससे पहले क शलाका इस बात का कोई जवाब दे ती,
िशव या बीच म ही बोल पड़ी- “िह दू पौरािणक कथा के अनु सार जब
भगीरथ ने अपने पू व ज को मु ि दलाने के िलये दे वी गं गा का आ वान
कया, तो सबसे बड़ी सम या यह थी क गं गा के वे ग को पृ वी नह
सं भाल पाती, िजसक वजह से गं गा पाताल म चली जात । भगीरथ ने
अपनी यह सम या महादे व को कही। महादे व गं गा के वे ग को अपनी
जटा म रोकने के िलये तै यार हो गये , पर महादे व जानते थे क गं गा के
वे ग को सं भालना इतना भी आसान ना था। इसके िलये महादे व ने पहले
गं गा से उनका एक बूं द अं श मां गा और उस अं श को चं मा के ते ज से गु व
शि म प रव तत कर गु वाकषण से मु कर दया। दे वी गं गा क वह
थम बूं द का अं श ही गु व शि है, जो आज भी िहमालय के गभ म बसे
िशव मं दर म रखी है। यह बूं द िजस पर िगरे गी, उसम कसी भी ह के
गु वाकषण से मु होने क शि यां आ जायगी।"
“अगर यह बूं द कसी पर िगरे तो या यह समा हो जाये गी?"
िज ासु जे स ने फर से सवाल कया।
“अगर यह बूं द कसी यो य ि पर िगरती है, तो उस ि म
शि यां आने के बाद एक नयी बूं द इस िडिबया म आ जाये गी, पर अगर
गलती से भी यह बूं द कसी अयो य ि पर िगरी तो यह बूं द सदा-सदा
के िलये न हो जाये गी।"
“तो या आज तक यह बूं द कसी पर िगरी है? " जे स ने पू छा।
“हां .... ये बूं द महाशि शाली हनु का पर िगरी है। " िशव या ने कहा-
“हनु का वही ह जो कल आपको पकड़ कर लाये थे । "
जे स िशव या क बात सु न कर चम कृ त हो गया।
तभी वह सभी लोग एक छोटे से पहाड़ पर प ंच गये । पहाड़ के ऊपर
काफ समतल े भी था।
सभी लोग वहां रथ से उतरकर जमीन के पास खड़े हो गये थे ।
इस समय चारो ओर उजाला फै ल गया था, पर सू य क अभी पहली
करण नह आयी थी।
ा ण ने तब तक वहां पर पू जा क तै या रयां शु कर द । उ ह ने
एक खाली थान पर रोली, अ त और फू ल से 2 वाि तक व ओऽम क
आकृ ित बना दी।
चारो ओर बफ क सफे द चादर िबछी ई थी। ब त ही मनोरम और
शु वातावरण था। सू य दे व के आने के पहले अ ण ने चारो ओर अपनी
द छटा िबखे र दी थी।
आिखरकार वह मं ग लमयी बे ला आ गयी। सू य दे व क पहली रि म
अपनी द योित िलये ए उस पिव वातावरण म िव ई।
सू य क पहली करण दे ख ा ण ने शं ख , घं टे , डम और मृ दं ग क
विन करनी शु कर दी।
जै से ही सू य क पहली करण ने बफ पर बनी उस ओऽम क आकृ ित
को छु आ, एक गड़गड़ाहट के साथ जमीन के अं द र से एक िवशालकाय सोने
का िशव-मं दर कट होना शु हो गया।
चारो ओर से सभी ने िशव तां ड व तो पढ़ना शु कर दया।
ृ ावश शलाका और जे स के हाथ भी जु ड़ गये ।
इतने शु वातावरण म इस कार क विन सभी को वशीभू त कर
रही थी।
कु छ ही दे र म महादे व का वह पिव मं दर बफ से पू रा बाहर आ
गया।
तब तक िशव तां ड व तो के 17 ोक भी पू रे हो गये ।
शलाका, िशव या और ा को ले क र मं दर म वे श कर गयी।
मं दर के बीच म एक गोलाकार पीठम् के बीच महादे व का एक
िशव लं ग िवराजमान था। िशव लं ग के ऊपर नागराज वासु क का फन एक
छ क तरह से महादे व पर छाया आ था। उस िशव लं ग के ऊपर एक
छे द क ई सोने क एक मटक म जल क धारा िनरं त र िशव लं ग पर िगर
रही थी।
उस सोने क मटक के ऊपर ढ न क तरह से एक सोने क िडिबया
रखी ई थी, िजसम उपि थत थी गु व शि ।
सभी लोग ने िविधवत भगवान िशव क उपासना क और उसके
बाद मं दर से बाहर आ गये ।
ले कन इससे पहले क कोई कु छ कह पाता, अचानक एक जोर क
आं धी चलने लगी।
“अरे ये आँ धी कै सी?" ा ने कहा- “मौसम तो िब कु ल साफ है। "
तभी िशव या क नजर आसमान म उड़कर उधर आते एक िवशाल
ग ड़ पर पड़ी।
“अरे ये िवशाल ग ड़ कै सा है? " िशव या ने कहा- “कह ये कोई
माया तो नह ?"
अब सभी क नजर उस ग ड़ पर थ ।
“कह ये दे व ता के ारा भे जा गया कोई जीव तो नह जो आज इस
िवशे ष मौके पर महादे व के दशन के िलये आया है। " ा ने कहा।
धीरे - धीरे उड़ता आ ग ड़ उनके पास आकर जमीन पर उतर गया।
ा ने सभी को हाथ के इशारे से कु छ भी गलत करने से रोक रखा
था।
वह ग ड़ और कोई नह वरन लु फासा था। जो क िहमालय क दूरी
अराका से यादा होने के कारण ग ड़ बनकर आया था।
लु फासा ने एक नजर वहां खड़े सभी लोग पर मारी। शलाका पर
नजर पड़ते ही लु फासा बु री तरह से हैरान रह गया।
“ये ... इस लड़क का चे ह रा तो िब कु ल दे वी शलाका जै सा है ... कौन
हो सकती है ये ? कह ये भी तो अराका पर रहने वाली लड़क क तरह
ब िपया तो नह ... ज र ऐसा ही होगा। नह तो दे वी शलाका यहां पर
कहां से आयगी? और वै से भी इस लड़क के व थानीय लग रहे ह।"
लु फासा ने यह सोच अपना यान शलाका से हटाकर मं दर क ओर कर
िलया।
चूं क वहां खड़े कसी भी ि ने लु फासा के िलये ितरोध उ प
नह कया था, इसिलये लु फासा भी अभी तक शां त था।
ा क नजर यान से अभी भी ग ड़ को दे ख रह थ ।
अब लु फासा चलता आ मं दर के ार तक जा प ंचा। उसक नजर
मं दर के अं द र क ओर गयी।
कु छ ही दे र म लु फासा ने सोने क मटक पर रखी उस िडिबया को
दे ख िलया, िजसम क गु व शि मौजू द थी।
लु फासा ने एकाएक म छर का प धारण कर िलया और मं दर के
अं द र िव हो गया।
“अरे यह ग ड़ कहां गायब हो गया?" ा ने ग ड़ को गायब होते
दे ख आ य से कहा।
सभी क िनगाह मं दर के बाहर चारो ओर फरने लगी।
“कह वह कोई शै तानी शि तो नह थी, जो गु व शि ले ने आयी
हो?" िशव या ने कहा- “ ा गु व शि पर यान दो। वह ज र उधर
ही होगा।"
िशव या क बात सु न ा मं दर के अं द र क ओर आ गया। गु व
शि अब भी अपने थान पर रखी थी। उसे दे ख ा ने चै न क साँ स
ली।
तभी लु फासा ने चील का प धारण कया और गु व शि वाली
िडिबया को उठाकर बाहर क ओर भागा।
ा जब तक बाहर िनकला, लु फासा काफ आगे प ंच गया था।
तभी ा के दािहने हाथ से नीले रं ग क ऊजा का एक जाल
िनकला और वह िबजली क ते जी से जाकर चील के आगे आ गया।
वह जाल एक मानिसक तरं ग का बना था, िजसे लु फासा िब कु ल भी
समझ नह पाया। वह ते जी से जाल से टकराया और जमीन पर िगर पड़ा।
लु फासा के िगरते सोने क िडिबया उसके चील पी पं ज से िनकलकर
दूर िगर गयी।
“िशव या गु व शि उस चील के पास िगरी है, तु रं त उसे उठाओ,
म इस शै तानी शि को सं भालता ं। " ा ने चीखकर िशव या को
सावधान कया।
तब तक लु फासा सं भ ल चु का था। अब उसक नजर ा के नीले से
चमक रहे हाथ क ओर थी। लु फासा ने मानिसक शि को कभी दे खा तक
नह था, इसिलये वह ये िविच शि दे ख कर थोड़ा घबराया दख रहा
था।
इस बार ा ने अपने दोन हाथ को ताली बजाने वाली टाइल से
हवा म जोर से लहराया।
ा के दोन हाथ से नीले रं ग के मानिसक तरं ग से बने िवशाल
हाथ िनकले और चील बने लु फासा क ओर बढ़े ।
लु फासा एक ण म ही समझ गया क खतरा दोन तरफ से है।
इसिलये उसने उछलकर वयं को बचाया अगर वह वयं को नह बचाता
तो दोन हाथ के बीच उसके एक और प क चटनी बन जानी थी।
ा के दोन मानिसक हाथ गजना करते ए आपस म टकराये ।
लु फासा उस वार से तो बच गया, पर दोन हाथ के टकराने से जो ऊजा
पै दा ई उसके भाव से नह बच पाया।
चील बना लु फासा इस बार बु री तरह से ज मी हो गया था।
शलाका इस पू रे यु का मजा ले रही थी। उसे पता था क ा और
िशव या हर हाल म यह यु जीत जायगे ।
लु फासा समझ गया क चील प म ा से बचना मु ि कल है।
इसिलये उसने एक बार फर सोने क िडिबया पर नजर मारी, जो क
उससे कु छ दूरी पर िगरी पड़ी थी और िशव या लु फासा को दे ख ते ए उस
िडिबया क ओर बढ़ रही थी।
लु फासा एक बार फर से िडिबया क ओर झपटा। इस बार उसक
एक नजर ा पर भी थी। लु फासा को िडिबया पर फर से झपटते दे ख
ा ने इस बार लु फासा पर मानिसक तरं ग से बने तीर क बौछार कर
दी।
चूं क इस बार लु फासा का पू रा यान ा पर था, इसिलये लु फासा
कलाबाजी खाते ए हर तीर से बच गया।
पर इस तीर से और ा से बचने के च र म लु फासा का यान
िशव या क ओर नह गया।
अब िशव या के दोन हाथ मानिसक तरं गो से नीले हो गये । इससे
पहले क लु फासा का यान िशव या क ओर जाता, िशव या ने दोन
हाथ से मानिसक तरं ग का एक हथौड़ा बनाया और उसे ख चकर चील
बने लु फासा पर मार दया।
लु फासा उस हथौड़े म पू री तरह से िपस गया और चील बना उसका
वह प धु आं बनकर गायब हो गया।
चूं क चील से पहले लु फासा म छर के प म था, इसिलये वह म छर
के ही प म फर से िशव मं दर के अं द र कट आ।
“बाप रे ... मां ि क तो कह रहे थे क यहां पर साधारण लोग ह गे ,
पर गु व शि क सु र ा का भार तो ब त ही खतरनाक लोग के हाथ
म है। अभी वह लोग मु झे मरा समझ रहे ह, यही मौका है उन पर टू ट
पड़ने का।"
इतना सोच म छर बना लु फासा उसी प म मं दर के बाहर आ गया।
उधर ा और िशव या बफ म चील क लाश ढू ं ढ रहे थे ।
लु फासा क नजर एक बार वहां खड़े सभी लोग पर गयी और फर
कु छ दूर िगरी पड़ी उस सोने क िडिबया क ओर गयी, जो अब भी वहां
बफ पर पड़ी थी।
अचानक लु फासा ने एक िवशाल आग उगलते ै ग न का प ले िलया।
कसी क भी समझ म नह आया क यह ै ग न अचानक यहां कहां से आ
गया?
इससे पहले क कोई कु छ और समझ पाता, ै ग न बने लु फासा ने
अपने मुं ह से जोर क आग िनकाली, पर इस बार उसका ल य वहां मौजू द
कोई ि बि क वह बफ का पहाड़ था।
इतनी ते ज अि क वजह से बफ के पहाड़ का एक िह सा टू ट कर वहां
मौजू द सभी लोग पर िगरने लगा। यहां तक क वह िशव मं दर भी अब
बफ क चपे ट म आने वाला था।
यह दे ख िशव या और ा ने अपनी पू री मानिसक शि य को
एक कर दोनो क सि मिलत शि से मानिसक ऊजा का एक िवशाल
अ गोला तै यार कया, िजसके नीचे मं दर और सभी लोग िछप गये ।
बफ का एक िवशाल भाग टू ट कर सभी पर िगरा, पर मानिसक
शि य से ढके होने के कारण ना तो कोई ि मरा और ना ही मं दर के
मं ड प या वज को कोई नु क सान प ंचा।
थोड़ी ही दे र म ा और िशव या ने उस अ गोले पर पड़ी सारी
बफ को हटाकर बाहर आ गये ।
पर तब तक लु फासा गु व शि वाली सोने क िडिबया उठा हवा म
उड़ गया था।
“हे ई र, अब या होगा?" िशव या ने डरते ए ा क ओर
दे खा- “गु व शि तो गलत हाथ म चली गई। अब अगर हम इसे लाकर
शाम होने के पहले इस मं दर म नह रखते ह तो हम महादे व के कोप का
भाजन बनना पड़े गा।"
“इतनी ज दी हम उस शै तान को ढू ं ढ कर गु व शि कै से वापस ला
पायगे ? " ा के भी श द म अब चं ता साफ झलक रही थी- “धमगु
.... अब धमगु नीमा ही हम इस मु सीबत से बचा सकते ह।"
िशव या ने भी सहमित म िसर िहलाया।
ा ने आँ ख बं द कर मानिसक तरं ग से धमगु नीमा से स पक
थािपत कया और वहां क पू ण घटना क जानकारी दे दी।
“अब आप ही हम इस मु सीबत से बाहर िनकाल सकते ह धमगु ।"
ा ने नीमा से कहा।
“तु म परे शान मत हो ा ।" नीमा ने ा को आ ासन दे ते ए
कहा- “हनु का के पास भी गु वा शि है। वह अपनी शि से पृ वी के
कसी भी कोने से गु वा शि को ढू ं ढ सकता है और वही एक ऐसा है
िजसे कोई नह हरा सकता। वह शाम ढलने के पहले गु वा शि वापस
अव य ले आये गा। तब तक तु म लोग वह िशव मं दर के पास रहो। ये
यान रहे क जब तक मं दर बफ के बाहर है, तब तक तु म लोग को वह
रहना है। "
“ठीक है धमगु ।" यह कहकर ा ने स पक काट दया और सबको
सारी बात बताकर वह बै ठ गया।
ा को बै ठ ते दे ख सभी अब उस थान पर बै ठ गये ।
तभी कह दूर बफ पर एक धमाका सा आ और िबजली क गित से
आसमान म उड़कर जाता आ हनु का दखाई दया।
अब सभी को इं त जार था, हनु का के लौटने का।
◆ ◆ ◆
ावली

दो त जै सा क आप दे ख रहे ह क यह कथानक ब त ते जी से
बढ़ता जा रहा है और हर पे ज पर आपके दमाग एक नया खड़ा करता
जा रहा है। क सं या अब इतनी यादा हो चु क है क अब वह
मि त क म एकि त नह हो पा रहे ह। तो य न इन सारे को एक
जगह पर एकि त कर ल-
1) या वे गा अराका ीप के बारे म सबकु छ जानता था?
2) ‘अटलां टस का इितहास’ नामक कताब ‘लाइ े री ऑफ कां े स ’
म कै से प ची? या इसके ले ख क वे गा के बाबा कलाट ही थे ? या इस
कताब से और भी राज आगे खु ले ?
3) या वे गा को स मोहन आता था?
4) शै फाली के ारा बजायी गयी सीटी से पोसाइडन पवत क मू त
क आँ ख लाल कै से हो गय ? शै फाली के कान म फु सफु सा कर बार-बार
बोलने वाली आवाज कसक थी?
5) िविच पे ड़ ने शै फाली को अपने आप सारे नीले फल कै से दे
दये ?
6) ां स अं टाक टक के पहाड़ म दबा शलाका का महल असल म
या था?
7) पानी से िनकलने वाला मगरम छ मानव कौन था? शै फाली के
‘जलोथा’ कहने पर वह डर कर वापस य चला गया?
8) वे गा पर आ मण करने वाला वह बाज कौन था? वह वे गा से
वह कताब य छीनना चाहता था?
9) जमीन पर वह िविच आकृ ितय वाले प थर कै से थे ? या वह
सच म भिव य के बारे म बता रहे थे ?
10) अराका ीप का िनमाण कसने कया था? और वह पानी पर
अपने आप कै से चलता था?
11) या सु य श क पीठ पर बना सू य क आकृ ित वाला टै टू बस एक
नामल टै टू है? शलाका क मू त छू ने पर सु य श के टै टू म कस कार क
शि ने वे श कया था? शलाका महल क दीवार पर सु य श के टै टू वाली
आकृ ित कै से बनी थी?
12) दूस री टी बनकर जे िनथ के अपहरण क कोिशश करने
वाली लड़क कौन थी?
13) अटलां टस के िस े का या रह य था? उसे शै फाली के पास
कौन छोड़ गया था?
14) या दे वी शलाका के भाइय के पास भी स शि थी?
15) शलाका 5000 वष से अपने भाइय के साथ य शीतिन ा म
थी?
16) नयनतारा पे ड़ का या रह य था?
17) वे गा क जोिडयाक वॉच का या रह य था? या सच म
उसका अिव कार रं जो- शं जो ने कया था? या फर वह धरा और मयू र
क धराशि का कमाल था।
18) शलाका मं दर म िमलने वाली शलाका क मू त का या रह य
था? मू त को छू ने पर यु गाका ने सु य श के मरने क क पना य क ?
19) लु फासा क इ छाधारी शि का या रह य था?
20) सीनोर रा य म मकोटा ने िपरािमड य बनवाया था?
21) मकोटा के ारा आकृ ित को दये ‘नीलदं ड ’ म या िवशे ष ताएं
थ?
22) आकृ ित का चे ह रा शलाका से कै से िमलने लगा? वह िपछले
5000 वष से जं दा कै से है?
23) ऐमू के अमर व का या राज है?
24) जै ग न का से व क ग जालो का या राज है? सीनोर रा य म
उसक मू त य लगी है?
25) या सनू रा क शि य का राज एक रह यमय िब ली है?
26) अराका ीप से िनकलने वाली ‘िव ु त चु बक य तरं ग ’ का
या रह य था?
27) उड़ने वाली झोपड़ी का या रह य था?
28) सु य श का शलाका क मू त का छू ने पर शलाका को कै से पता
चल जाता था?
29) शलाका महल म मौजू द वह सं हासन या हनु का का था? और
वह समय या ा कस कार कराता था?
30) वे दालय कस कार का िव ालय था? उसम पढ़ाई कस
कार कराई जाती थी?
31) कै लाश पवत के पास ि थत 15 लोक का रह य या था? उसे
कसने और य बनाया था? आज के समय म वह िव ालय य बं द हो
गया?
32) आयन कौन था? अगर वह सु य श था तो या सु य श का
पु न ज म आ है?
33) कलश के अमर व का या रह य था?
34) ा -िशव या, िव म-वा णी, धरा-मयू र या वे दालय म
मौजू द अ य जोड़े कौन थे ?
35) स त व या कण म कौन सी शि यां समाय थ ?
36) या कै लाश पवत के पास समय ते ज चलता था?
37) वु फा कौन था? या उसम भी शै तानी शि यां थ ?
38) उड़नत तरी के अं द र मौजू द 6 फु ट का हरा क ड़ा बाक क ड़
से अलग य था? वह इं सान क तरह कै से चल रहा था?
39) मकोटा के सपदं ड का या रह य था?
40) शै फाली क आँ ख म सप क तरह ऐमू क त वीर कै से उभर
रही थी?
41) वे गा पर आ टुं ा हंस और बु ल शाक का हमला या साधारण
हमला था?
42) या वे गा को अपनी जोिडयाक वॉच का रह य पता चल
पाया?
43) ोम को जो जगह पानी के नीचे दखाई दी, वह जगह या
थी?
44) ितिल मा ोजे ट या था? उसका िनयं ण करने वाला कै पर
या सच म एक कं यू ट र ो ाम मा ही था?
45) ोम के सामने काँ च के कै सू ल नु मा ू ब म बै ठ कर समु म
जाने वाला ि कौन था?
46) नकली लू हेल का िनमाण कसने कया था? या यह वही
हेल थी, िजसने सन राइ जं ग के समय म सु य श पर पानी उछाला था?
47) ितिल मा के ोजे ट ‘ टे चू ऑफ िलबट ’ और ‘सात िसर वाले
यो ा’ का या रह य था?
48) या अराका ीप के गु थान म ां स िमट मशीन लगी थी?
िजसने ोम को सामरा रा य म ां स िमट कर दया था?
49) न ा क शि य का या रह य था?
50) िविलयम िडको टा के दो त िग फोड का या आ? वह लाल
कताब या थी? िजसे िग फोड दे वी क मं दर से ले क र भागा था?
51) ि काली को सन राइ जं ग के डू बते समय अचानक से बफ क
शि यां कै से िमल गय ? जो क उसे वयं भी नह पता थ ।
52) शै फाली ने यु गाका क वृ शि कै से छीन ली? और शै फाली
के पास शि यां अपने आप कै से बढ़ती जा रह थ ?
53) हनु का कौन है? उसके पास गु व शि कै से आयी?
54) सामरा रा य पर ि थत अटलां टस वृ का या रह य है?
उसने कस कार यु गाका को वृ ा शि दी?
55) अटलां टस वृ से िनकलकर जो रोशनी ोम के अं द र समायी,
वह कै सी थी?
56) महाशि मै ा कौन है? और कलाट को उसका हजार वष से
इं त जार य है?
57) मै ा पं च शू ल ा करने के बाद पोसाइडन के िव ही य
काम करने लगी?
58) साग रका, वे िगका, अि का आ द चम कारी पु तक का या
रह य था?
59) साग रका क किवताएं या भिव य बताती थ ?
60) मे डू सा क मू त का या रह य था? वह रात म सजीव होकर
शै फाली को मै ा के सपने य दखा रही थी?
61) मै ा क सवारी गो का या रह य था? वह ै ग न और हाइ ा
दोन म कै से प रव तत हो जाता था?
62) समु क तली के दरार म बना वह वण महल कसका था?
िजसम से मै ा ने पं च शू ल ा कया था।
63) 2 िसर वाला जलदै य कराका कौन था?
64) मै ा क शि य का ोत या था?
65) अं टाक टका म बने शलाका महल के कमरे म मौजू द उस
टीकर वाले दरवाजे का या रह य था?
66) ा और िशव या क घातक मानिसक शि य का या राज
था?
67) डन और जॉनी को ले जाने वाला वह मायाजाल कै सा था?
68) गु व शि के हर वष जमीन के नीचे से कट होने के पीछे
का या रह य था?
69) या हनु का समय रहते गु व शि को वापस ला सका?
70) या सु य श के साथ बचे बाक सद य मायावन को पार करके
ितिल मा तक प ंच सके ?
71) या मायावन अब और यादा खतरनाक हो गया था?
ऐसे ही ना जाने कतने सवाल ह गे जो आपके दमाग म घू म रहे
ह ग।
तो दो त इन सारे अनसु ल झे सवाल के जवाब पे ज क कमी के
कारण, हम इस उप यास म नह दे पा रहे ह। तो इं त जार क िजए हमारे
इस उप यास के अगले भाग का िजसका नाम है-
“मायावन- एक रह यमय जं ग ल”
िजसम हम आपको ले चलगे , इस पृ वी के सबसे खतरनाक भू भाग
म, जहां पर िछपी ितिल मी मौत बे स ी से अपने िशकार का इं त जार कर
रही है। ...................
इस उप यास के बारे म अपनी अमू य सु झाव हम अव य भे ज ।
मेल आई डी:
shivendra.suryavanshi2@gmail.com

फे सबुक पेजः
@shivendrasuryavanshitheauthor

◆ ◆ ◆
लेखक के बारे म
िशवे सूयवंशी

दो त इ धनुष के रं ग क मांिनद होती है एक लेखक क रचनाएं। िजस कार इ धनुष म सात रं ग होते ह, ठीक उसी
कार लेखक क रचना म भी सात रं ग पाये जाते ह। हर रं ग अपने आप म एक अलग पहचान रखता है। एक
उ तरीय लेख िलखने के िलए सबसे पहले एक स मोहक कथानक क आव यकता होती है, फर इसके एक एक पा को
मनका समझकर माला म िपरोया जाता है, िजससे पाठक को हर एक पा के जीवंत दशन हो सके । फर क पना के
असीम सागर म डु बक लगाकर मोितय क तरह एक एक श द को चुनकर उनके भाव को अिभ करना पड़ता है।
तब कह जाकर तैयार होती है एक लेखक क रचना।

दो त मेरा नाम िशवे सूयवंशी है। आपके िलए शायद यह लेखक व इसक लेखनी नयी है। पर यह कलम आज से
लगभग 25 वष पहले से िनरं तर रात क त हाइय म कोरे कागज पर एक अनकही द तक देती चली आ रही है। यह
अनकही द तक “ रं ग ऑफ़ अटलां टस“ नामक एक कथा ृंखला का प लेकर अब आपके सम है। यह मेरा वादा है क
इस कथा ृंखला क हर एक पु तक अपने आप म अि तीय होगी। इस ृंखला क दूसरी पु तक “अटलां टस" आपके हाथ
म है। इस ृंखला क बाक पु तक ज दी ही कं डल पर कािशत ह गी।

तो दो त मेरा नाम आपके िलए नया ज र है, पर मेरी लेखनी आपको नयी नह लगेगी।

"दूसर को बनाने म तमाम उ गुजारी है,


पंख नये ह पर अब मेरे उड़ने क बारी है“

दो त इस कताब को िलखने म ब त समय और मेहनत लगी है। इसे पढ़कर कृ पया “ र ू“ के मा यम से अपने िवचार
ज र क रयेगा।

इस ृंखला क अ य पु तक के नाम नीचे दये ए ह जो क ज द से ज द आपके हाथ म ह ग

1) मायावन
2) ितिल मा
3) काला मोती
4) देवयु

इस उप यास के बारे म अपनी अमू य सुझाव हम अव य भेज।

मेल आई डी: shivendra.suryavanshi2@gmail.com


फे सबुक पेजः @shivendrasuryavanshitheauthor

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