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पाठ - 3 ‘ एवरे स्ट मेरी शिखर यात्रा ’

WORKSHEET
Topic पाठ - 3 ‘ एवरे स्ट मेरी शिखर यात्रा ’ Worksheet No 4 (JULY)
Class IX Subject HINDI
Name Date 18/7/20

प्रश्न अभ्यास
मौखखक

ननम्नशिखखत प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्ततयों में दीक्िए-


प्रश्न 1.अग्रिम दि का नेतत्ृ व कौन कर रहा था?
उत्तर-अग्रिम दल का नेतत्ृ व प्रेमचंद कर रहे थे।

प्रश्न 2.िेखखका को सागरमाथा तयों अच्छा िगा?


उत्तर- लेखिका को ‘सागरमाथा’ नाम इसललए अच्छा लगा क्योंकक सागरमाथा का अथथ है- सागर
का माथा और एवरेस्ट संसार की सबसे ऊँची चोटी है।

प्रश्न 3.िेखखका को ध्वि िैसा तया िगा?


उत्तर- बर्थ का एक बड़ा भारी र्ूल (प्लूम) लेखिका को ध्वज जैसा लगा।

प्रश्न 4.हहमस्खिन से ककतने िोगों की मत्ृ यु हुई और ककतने घायि हुए?


उत्तर- हहमस्िलन से दो व्यक्क्तयों की मत्ृ यु हुई और चार लोग घायल हुए।

प्रश्न 5.मत्ृ यु के अवसाद को दे खकर कननि खल्


ु िर ने तया कहा?
उत्तर- मत्ृ यु के अवसाद को दे िकर कनथल िुल्लर ने कहा कक ऐसे साहलसक अलभयानों में होने
वाली मत्ृ यु को सहज भाव से स्वीकार करना चाहहए।

प्रश्न 6.रसोई सहायक की मत्ृ यु कैसे हुई?


उत्तर- जलवायु अनुकूल न होने के कारण रसोई सहायक की मत्ृ यु हो गई थी ।
प्रश्न 7.कैं प-चार कहााँ और कब िगाया गया?
उत्तर- कैं प-चार 7900 मीटर ऊँची ‘साउथ कोल’ नामक जगह पर 29 अप्रैल को लगाया गया था।

प्रश्न 8.िेखखका ने तेनक्िंग को अपना पररचय ककस तरह हदया?


उत्तर-लेखिका ने तेनक्जंग को अपना पररचय दे ते हुए कहा कक वह नौलसखिया है और एवरे स्ट
उसका पहला अलभयान है।

प्रश्न 9.िेखखका की सफिता पर कननि खल्


ु िर ने उसे ककन िब्दों में बधाई दी?
उत्तर- लेखिका की सर्लता पर कनथल िल्
ु लर ने कहा- मैं तुम्हारी इस अनूठी उपलक्धि के ललए
तम्
ु हारे माता-पपता को बिाई देना चाहूँगा। दे श को तम
ु पर गवथ है और अब तम
ु ऐसे संसार में
वापस जाओगी, जो तम्
ु हारे अपने पीछे छोड़े हुए संसार से एकदम लभन्न होगा।

ननम्नशिखखत प्रश्नों के उत्तर 25-30 िब्दों में शिखखए -


प्रश्न 1- नज़दीक से एवरेस्ट को दे खकर िेखखका को कैसा िगा?
उत्तर- नज़दीक से एवरे स्ट को दे िकर लेखिका भौंचक्की रह गई थीं। लेखिका को वहाँ से एवरेस्ट
और अन्य श्रेखणयाँ हदि रहीं थीं। वह ऊँची चोहटयों से घघरी टे ढी मेढी नदी को घनहार रही थीं।
उसे यह दृश्य हैरान करने वाला लग रहा था।

प्रश्न 2- डॉ. मीनू मेहता ने तया िानकाररयााँ दीं?


उत्तर- डॉ. मीनू मेहता ने कई महत्वपूणथ जानकाररयाँ दीं। उन्होंने अल्युलमघनयम की सीहढयों से
अस्थाई पुल बनाना, लट्ठों और रक्स्सयों का उपयोग, बर्थ की आड़ी-घतरछी दीवारों पर रक्स्सयों
को बाँिना और अग्रिम दल के अलभयांत्रिकी कायों के बारे में पवस्तार से बताया।
प्रश्न 3- तेनक्िंग ने िेखखका की तारीफ में तया कहा?
उत्तर- तेनक्जंग ने बताया कक उन्हें एवरे स्ट पर पवजय प्राप्त करने के ललए सात बार चढाई करनी
पड़ी थी। उन्होंने कहा कक लेखिका एक पवथतीय लड़की हैं इसललए उन्हें यह सर्लता एक बार में
ही लमल जानी चाहहए।
प्रश्न 4- िेखखका को ककनके साथ चढाई करनी थी?
उत्तर- लेखिका को की, जय और मीनू के साथ चढाई करनी थी।
प्रश्न 5- िोपसांग ने तंबू का रास्ता कैसे साफ ककया?
उत्तर- लोपसांग ने तंबू का रास्ता सार् करने के ललए क्स्वस नाइर् से काटना शरु
ु ककया। कर्र
उन्होंने बड़े-बड़े बर्थ के टुकड़ों को हटाया। उसके बाद उन्होंने बर्थ की िद
ु ाई की ताकक बचें द्री को
घनकाला जा सके और वे सर्ल भी हुए।
प्रश्न 6- साउथ कोि कैं प पहुाँचकर िेखखका ने अगिे हदन की महत्वपूर्न चढाई की तैयारी कैसे
िुरु की?
उत्तर- लेखिका ने िाना, कुककं ग गैस तथा कुछ ऑक्सीजन लसललंडर इकट्ठे ककए। उन्होंने चाय के
ललए पानी गरम ककया। एक थरमस में जूस भी भर ललया।

ननम्नशिखखत प्रश्नों के उत्तर 50-60 िब्दों में शिखखए-


प्रश्न 1- उपनेता प्रेमचंद ने ककन क्स्थनतयों से अवगत कराया?
उत्तर- उपनेता प्रेमचंद ने सबको िुंभु हहमपात की क्स्थघत से अवगत कराया। उन्होंने बताया कक
उनके दल ने कैं प-एक तक का रास्ता सार् कर हदया था। उन्होंने बताया कक पुल बनाकर,
रक्स्सयाँ बाँिकर और झंडडयों से रास्ते पर घनशान लगाकर, सभी बड़ी कहठनाइयों का जायजा ले
ललया गया था। उन्होंने ये भी बताया कक हहमपात में अघनयलमत और अघनक्श्चत बदलाव हो
सकता था क्जससे रास्ता िोलने का काम दोबारा करना पड़ सकता था।

प्रश्न 2- हहमपात ककस तरह होता है और उससे तया-तया पररवतनन आते हैं?
उत्तर- बर्थ के टुकड़ों का अव्यवक्स्थत ढं ग से ग्रगरना हहमपात कहलाता है। ग्लेलशयर के बहने से
अक्सर बर्थ में हलचल हो जाती है , क्जससे बर्थ की बड़ी-बड़ी चट्टानें अचानक ग्रगर जाती हैं।
हहमपात से पवथतारोही को गंभीर चोट लग सकती है या उसकी मत्ृ यु भी हो सकती है। हहमपात
से रास्ता ख़राब हो सकता है क्जससे पवथतारोही कई हदन तक र्ँसे रह सकते हैं। मौसम भी
अचानक से िराब हो जाता है।
प्रश्न 3- िेखखका के तंबू में ग्रगरे बफन पपंड का वर्नन ककस तरह ककया गया है ?
उत्तर- बर्थ का पपंड लेखिका के कैं प के ऊपर ग्रगरा था। एक लंबा बर्थ का पपंड उनके कैं प के ठीक
ऊपर ल्होत्से ग्लेलशयर से टूटकर नीचे आ ग्रगरा था और उसका एक बहुत बड़ा बर्थ का टुकड़ा
बन गया था। हहमिंडों, बर्थ के टुकड़ों तथा जमी हुई बर्थ के इस पवशालकाय टुकड़े ने, एक
एक्सप्रेस रे लगाड़ी की तेज़ गघत और भयानक आवाज़ के साथ, सीिी ढलान से नीचे आते हुए
कैं प को पूरी तरह नष्ट कर हदया। वास्तव में हर व्यक्क्त को चोट लगी थी। यह एक आश्यचथ था
कक ककसी की मत्ृ यु नहीं हुई थी। लेखिका की नींद जब टूटी तो उन्हें लगा कक उनका लसर ककसी
भारी चीज से टकरा गया था।
प्रश्न 4- की िेखखका को दे खकर हतका-बतका तयों रह गया?
उत्तर- की को लेखिका की हहम्मत पर आश्चयथ हो रहा था। लेखिका को अभी ऊपर की चढाई
करनी थी लेककन वह थकान की परवाह ककये त्रबना अन्य साग्रथयों की तलाश में नीचे आ गई
थीं। लेखिका ने सबके ललए चाय भी बनाई थी। इसललए की हक्का बक्का था।
प्रश्न 5- एवरेस्ट पर चढने के शिए कुि ककतने कैं प बनाए गए उनका वर्नन कीक्िए।
उत्तर- एवरेस्ट पर चढने के ललए कुल 6 कैं प बनाए गये थे जो घनम्नललखित हैं:
बेस कैं प- यह मख्
ु य कैं प था।
कैं प 1- यह समद्र
ु से 4000 मी की ऊँचाई पर था। इसमें सामान इकट्ठा ककये गये थे।
कैं प 2- यह चढाई के रास्ते में था।
कैं प 3- यह ल्होत्से की सीिी ढलान पर था। यहीं पर हहमपपंड लेखिका के तंबू पर ग्रगरा था।
कैं प 4- यह समद्र
ु तट से 7900 मी की ऊँचाई पर था। इस कैं प को साउथ कोल में लगाया गया
था।
शिखर कैं प- यह एवरे स्ट के ठीक नीचे था।
प्रश्न 6- चढाई के समय एवरे स्ट की चोटी की क्स्थनत कैसी थी?
उत्तर- चारों तरर् बर्ीली हवाएँ चल रही थीं। एवरे स्ट की चोटी की नोक पर इतनी जगह नहीं थी
कक दो व्यक्क्त साथ-साथ िड़े हो सकें। चारों तरफ़ हजारों मीटर लंबी सीिी ढलान को दे िते हुए
उन सभी के सामने प्रश्न अब सरु क्षा का था। उन्होंने पहले बर्थ के र्ावड़े से बर्थ की िद
ु ाई कर
अपने आपको सुरक्षक्षत रूप से िड़ा रहने लायक जगह बनाई।

प्रश्न 7- सक्म्मशित अशियान में सहयोग एवं सहायता की िावना का पररचय बचें द्री के ककस
कायन से शमिता है?
उत्तर- बचें द्री पाल ने कई कायों में अपनी सहयोग एवं सहायता की भावना का पररचय हदया है।
वे अपने साग्रथयों के ललए िाना और चाय बनाती हैं। वह क्जतना हो सके सामान ढोती हैं। वह
दघ
ु थटना के बाद भी घबराती नहीं हैं और दस
ू रों का हौसला बढाती हैं। अन्य पवथतारोहहयों के लाि
कहने पर भी वह बीच में से ही वापस आने से सार् मना कर दे ती हैं।

ननम्नशिखखत के आिय स्पष्ट कीक्िए-


प्रश्न 1- एवरेस्ट िैसे महान अशियान में खतरों को और किी-किी तो मत्ृ यु िी आदमी को
सहि िाव से स्वीकार करना चाहहए।
उत्तर- एवरेस्ट जैसे महान अलभयान का मौका अग्रिकतर लोगों को बड़ी मेहनत के बाद भी जीवन
में एक बार ही लमलता है। यह अलभयान ितरों से भरा होता है। इसमें जान जाने का पूरा अंदेशा
रहता है। ऐसे में अगर कोई घबरा जाए तो कर्र वह इस अलभयान को पूरा करने की हहम्मत िो
दे गा। एवरेस्ट की चढाई का अथथ है सीिे मौत के मह
ँु में कदम रिना।
प्रश्न 2- सीधे धराति पर दरार पड़ने का पवचार और इस दरार का गहरे चौड़े हहम पवदर में
बदि िाने का मात्र ख़्याि ही बहुत डरावना था। इससे िी ज्यादा ियानक इस बात की
िानकारी थी कक हमारे संपर्
ू न प्रयास के दौरान हहमपात िगिग एक दिनन आरोहहयों और
कुशियों को प्रनतहदन छूता रहे गा।
उत्तर- एवरेस्ट पर चढाई के दौरान कई बार ज़मीन पर दरार पड़ती है और वह दरार चौड़े पवदर
में बदल जाती है। यह बहुत ही ितरनाक और जानलेवा सात्रबत हो सकता है। प्रघतहदन
पवथतारोहहयों के दल के ककतने ही लोग हहमपात के लशकार होकर या तो जख्मी हो जाते हैं या
अपनी जान से हाथ िो बैठते हैं। यह सब कार्ी डरावना होता है। पूरे सर्र के दौरान बचेंद्री
पाल और उनके साग्रथयों को ना जाने ऐसे ककतनी कहठनाइयों का सामना करना था।

प्रश्न 3- बबना उठे ही मैंने अपने थैिे से दग


ु ान मााँ का ग्रचत्र और हनुमान चािीसा ननकािा। मैने
इनको अपने साथ िाए िाि कपड़े में िपेटा, छोटी सी पूिा अचनना की और इनको बफन में गाड़
हदया। आनंद के इस क्षर् में मुझे अपने माता पपता का ध्यान आया।
उत्तर- एवरेस्ट पर पवजय के बारे में सोचकर ही रोंगटे िड़े हो जाते हैं। यह एक रोमांचकारी और
अभूतपूवथ अनुभव होता होगा; ऐसा अनुभव क्जसको दोहराना नामुमककन है। ऐसे में पवथतारोही के
ललए अपनी भावनाओं पर काबू रिना बहुत मक्ु श्कल होता होगा। वह अलग-अलग तरीके से
अपनी िश
ु ी जाहहर करता होगा। लेखिका ने अपने आराध्य की पज ू ा करके और अपने माता-पपता
को याद करके उस पवजय का जश्न मनाया।

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