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कक्षा आठवीं पाठ 1 से 10 प्रश्नोत्तर

एक- दो वाक्यों वाले प्रश्नोत्तर


निम्ि प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में नलखें:-
पाठ 1 निम्मत करिे वालों की िार ििीं िोती
(क) कवि के अनसु ार वकन लोगों की हार नहीं होती ?
उत्तर- कवि के अनसु ार वहम्मत करने िालों की हार नहीं होती।
(ख) नन्हीं चींटी की क्या विशेषता है ?
उत्तर- नन्ही चींटी दीिार पर चढ़ते हुए बार-बार विसलने पर भी हार नहीं मानती और अंत में अपनी वहम्मत से दीिार
पर चढ़ ही जाती है।
(ग) गोताखोर वसन्धु में डुबवकयााँ क्यों लगाता है ?
उत्तर- गोताखोर मोती वनकालने के वलए वसन्धु में डुबवकयााँ लगाता है।
(घ) वहम्मत करने िालों को असिलता को वकस रूप में स्िीकार करना चावहए ?
उत्तर - वहम्मत करने िोलों को असिलता को चनु ौती के रूप में स्िीकार करना चावहए।
पाठ 2 नपज िं रे का शेर
(क) महापदम नंद के दरबार में वकस देश के दतू आए थे?
उत्तर - महापदम नन्द के दरबार में रोम देश के दतू आए थे।
(ख) रोम के राजदतू मगध सम्राट के वलए क्या लाए थे?
उत्तर - रोम के राजदतू मगध के सम्राट के वलए वपंजरे में एक शेर लेकर आए थे।
(ग) सम्राट महापदम नन्द के मंत्री का क्या नाम था?
उत्तर- सम्राट महापदम नन्द के मंत्री का नाम शकटार था।
(घ) शेर वकस धातु का बना हुआ था?
उत्तर- शेर सीसा धातु का बना हुआ था।
(ङ) शेर को वपंजरे से वनकालने िाला वकशोर बडा होकर वकस नाम से प्रवसद्ध हुआ?
उत्तर – िह वकशोर बडा होकर चंद्रगप्तु मौयय के नाम से प्रवसद्ध हुआ।
(च) वपंजरा वकस धातु से बना था?
उत्तर- वपंजरा लोहा धातु से बना था।
पाठ 3 मैट्रो रेल का सिु ािा सफ़र
प्र. (क) गरुु जी ने बच्चों को क्या िचन वदया था?
उत्तर: गरुु जी ने बच्चों को प्रथम आने पर मैट्रो रे ल के सहु ािने सिर का उपहार देने का िचन वदया था।
प्र. (ख) कै से पता चलता है वक यह बच्चे पजं ाब से आये हैं?
उत्तर: बच्चों के ट्रैक सटू पर छपे 'पंजाब' से पता चलता है वक यह बच्चे पंजाब से आये हैं।
प्र. (ग) मैट्रो रे ल की पटरी कहााँ-कहााँ वबछाई जाती है?
उत्तर: मैट्रो रे ल की पटरी ज़मीन पर, सडक पर पल ु बनाकर तथा ज़मीन के नीचे सरु ं ग खोदकर वबछाई जाती है।
प्र. (घ) वलफ्ट का प्रयोग वकन लोगों के वलए वकया जाता है?
उत्तर: वलफ्ट का प्रयोग िृद्धों, बीमारों और अपावहज लोगों के वलए वकया जाता है।
प्र. (ड.) स्टेशन पहुचाँ ने पर बच्चे क्या देखकर हैरान हुए?
उत्तर: स्टेशन पहुचाँ ने पर बच्चे स्टेशन की साि-सिाई ि सजािट को देखकर हैरान हुए।
प्र. (च) स्टेशन पर यावत्रयों की सरु क्षा जााँच कै से की जाती है?
उत्तर: स्टेशन पर यावत्रयों की सरु क्षा जााँच के वलए एक विशेष यत्रं लगाया जाता है, जो वकसी भी विस्िोटक सामग्री के
पास आते ही अपने आप विशेष ध्िवन वनकालने लगता है। इसके अवतररक्त सरु क्षा के वलए सरु क्षाकमी भी लगे होते हैं।
प्र. (छ) स्िचावलत प्रिेश द्वार वकस प्रकार कायय करता है?
उत्तर: एक यात्री के वलए एक टोकन यात्रा के वलए वदया जाता है। इस टोकन को मशीन के पास लाने से स्िचावलत प्रिेश
द्वार खल ु जाता है और यात्री इसमें से वनकल जाता है।
प्र. (ज) स्माटय काडय का क्या उपयोग है?
उत्तर: स्माटय काडय प्रवतवदन यात्रा करने िाले यावत्रयों के वलए होता है। इसे यात्री द्वारा मशीन के पास लाने से उनकी यात्रा
के अनसु ार अपने आप ही वकराया कट जाता है। इससे समय की बचत भी होती है।
प्र. (झ) पययटन-काडय द्वारा वकतने वदन तक यात्रा कर सकते हैं?
उत्तर: पययटन-काडय द्वारा एक से तीन वदन तक असीवमत यात्रा कर सकते हैं।
प्र. (ञ) गाडी की प्रतीक्षा करते समय कौन से रंग की पट्टी से आगे नहीं जाना चावहए?
उत्तर: गाडी की प्रतीक्षा करते समय पीले रंग की पट्टी से आगे नहीं जाना चावहए।
प्र. (त) प्लेटिामय पर हमें क्या-क्या नहीं करना चावहए?
उत्तर: प्लेटिॉमय पर हमें पीली पट्टी को पार नहीं करना चावहए। रे ल की पटरी पर कभी भी नहीं जाना चावहए। प्लेटिामय
पर थक ू ना नहीं चावहए, गंदगी नहीं िै लानी चावहए और कोई िस्तु खानी पीनी नहीं चावहए।
प्र. (थ) मैट्रो गाडी की वखडवकयााँ क्यों नहीं खल ु ती?
उत्तर: मैट्रो गाडी के परू ी तरह से िातानक ु ू वलत होने की िजह से इसकी वखडवकयााँ नहीं खल ु ती।
प्र. (द) इलेक्ट्रॉवनक सचू ना पट्ट पर क्या सचू नाएाँ दी जाती हैं?
उत्तर: इलेक्ट्रॉवनक सचू ना पट्ट पर लगातार आने िाले स्टेशनों की सचू नाएाँ दी जाती हैं।
पाठ 4 राखी की चुिौती
(क) लता कहााँ पर िूली नहीं समाती?
उत्तर-लता िन में िूली नहीं समाती।
(ख) राखी का त्योहार वकस वदन होता है?
उत्तर-राखी का त्योहार श्रािण मास की पवू णयमा को होता है ।
(ग) इस कविता में आई बहन का भाई कहााँ गया है?
उत्तर- भारत माता को स्ितंत्र करिाने के वलए जेलखाने गया है ।
(घ) बहन वकस को बधाई देती है?
उत्तर- वजन बहनों को भाई वमले हैं, बहन उन बहनों को बधाई देती है।
(ङ) ‘मझु े गिय है वकंतु राखी है सनू ी’ का भाि बताएाँ ।
उत्तर - आज राखी का त्योहार है। बहन का भाई उसके पास नहीं है लेवकन बहन को गिय है वक उसका भाई देश
स्ितंत्र करिाने के वलए जेलखाने गया है।
(च) यह कविता स्ितंत्रता से पहले वलखी गई या है बाद में ?
उत्तर- यह कविता (राखी की चनु ौती) स्ितत्रं ता से पहले वलखी गई है।
पाठ 5 शायद यिी जीवि िै
लेवखका ने आाँगन में क्या देखा?
उत्तर – लेवखका ने बैंगन के पौधे के बीच एक घोंसला देखा । उस घोंसले में लाल रंग के छोटे-छोटे चार अंडे थे ।
(ख) वचवडया का रंग-रूप कै सा था?
उत्तर- वचवडया छोटी-सी चचं ल, जैतनू ी हरी वजसके नीचे के अगं सिे द, जगं जैसे रंग की वशखा, दमु में दो सईु की तरह
नकु ीले पर, जो तनकर खडे रहते थे।
(ग) वचवडया के वकतने बच्चे थे?
उत्तर- वचवडया के चार बच्चे थे।
(घ) बच्चे भोजन की मााँग वकस प्रकार करते थे?
उत्तर- बच्चे अपनी खल ु ी चोंच बार-बार ऊपर की ओर उठाकर भोजन की मााँग करते थे।
(ड) घोंसला नीचे वमट्टी में कै से वगर गया?
उत्तर- वजन दो पत्तों के बीच घोंसला बना था, उन में से एक पत्ते के टूट जाने के कारण घोंसला नीचे वमट्टी में वगर गया।
(च) लेवखका ने घोंसले को ऊपर की टहनी पर बााँधने का वनश्चय क्यों वकया?
उत्तर- लेवखका को डर था वक कहीं वबल्ली हमला न कर दे। इसवलए लेवखका ने घोंसले को ऊपर की टहनी पर बााँधने
का वनश्चय वकया ।
(छ) बच्चे अपनी मााँ से संपकय कै से स्थावपत करते थे?
उत्तर- बच्चे घोंसले से माँहु बाहर वनकालकर चीं-चीं कर मााँ से संपकय स्थावपत करते थे।
(ज) तीन बच्चे मक्तु हो गये थे परन्तु चौथा बच्चा क्यों नहीं मक्त
ु हो पाया?
उत्तर- छोटा होने के कारण चौथा बच्चा मक्त ु नहीं हो पाया।
(झ) लेवखका चौथे बच्चे के भी उड जाने पर उदास क्यों हो गई?
उत्तर- लेवखका को महससू हुआ वक उसकी बेटी भी एक वचवडया के बच्चों जैसी है, जो एक वदन शादी कर इस घोंसले
(घर) में से कहीं दरू उड (चली) जाएगी ।
(ञ) ‘जीिन पररितयन शील है।‘ इस तथ्य के बारे में आप कोई उदाहरण वलखो।
उत्तर- जीिन सदा एक जैसा नहीं रहता। इसका एक स्पष्ट उदाहरण है,।जैसे जीिन में आने िाली मवु ककलें व्यवक्त को
वनराश के र देती हैं । लेवकन जब हम धैयय और सझू बझू से उस मवु ककल को आसान बना देते हैं तो हम खश ु हो जाते हैं ।
इस तरह हम कह सकते हैं वक हमारा जीिन पररितयनशील है ।
पाठ 6 िीलगगि का िीलू
(क) नीलू का परू ा नाम क्या था?
उत्तर- नीलू का परू ा नाम अवनल शमाय था।
(ख) बचपन से ही उसकी रुवच फ्लाईगं में क्यों हो गई?
उत्तर- अवनल शमाय के वपता हरर प्रकाश शमाय िायु सेना में साजेंण्ट थे। इसवलए बचपन से ही उसकी रुवच फ्लाइगं में होना
स्िाभाविक थी।
(ग) उडते हुए िाययु ान को देखकर िह मन ही मन क्या सोचता?
उत्तर– अवनल शमाय सोचता वक एक न एक वदन िह भी विमान उडाकर अपने देश का झडं ा आसमान में िहरा देगा।
(घ) उसने पायलट का प्रवशक्षण कहााँ से वलया?
उत्तर- अवनल शमाय ने पायलट का प्रवशक्षण वबदर से वलया ।
(ङ) उसने वकन-वकन क्षेत्रों में देश की सेिा की?
उत्तर– अवनल शमाय ने नक्सली इलाके , गुजरात के दलदलीय क्षेत्र, गणतंत्र वदिस की परे ड, बाढ़, सीमा सरु क्षा,और
पायलट परीक्षण में सेिा की ।
(च) उसे वकस प्रकार के कायों में रुवच थी?
उत्तर– अवनल शमाय की ऐसे कायों में रुवच थी जो चनु ौतीपणू य हों।
(छ) 12 निंबर 2000 को भारतीय तटरक्षक बल ने पवश्चमी सीमा पर क्या देखा?
उत्तर-12 निंबर 2000 को भारतीय तटरक्षक बल ने पवश्चमी सीमा पर पावकस्तानी मछुआरों की वकवकतयााँ देखीं जो वक
भारतीय सीमा में दावखल होने को थीं।
(ज) पावकस्तानी मछुआरों ने वकसे अपना वनशाना बनाया?
उत्तर- पावकस्तानी मछुआरों ने अवनल शमाय के हैलीकॉप्टर को वमसाइल से वनशाना बनाया।
(झ) 26 निम्बर 2009 को ऐसी ही घसु पैठ कहााँ हुई?
उत्तर - 26 निम्बर 2009 को ऐसी ही घसु पैठ मंबु ई में हुई ।
पाठ 7 िवयवु कों के प्रनत
(क) इस (नियिु कों के प्रवत) कविता के कवि का नाम वलखें।
उत्तर– ‘नियिु कों के प्रवत’ कविता के कवि का नाम मैवथलीशरण गप्तु है।
(ख) यह कविता वकन्हें सबं ोवधत की गई है?
उत्तर- यह कविता (नियुिकों के प्रवत) नियिु कों को संबोवधत की गई है।
(ग) ‘जो कुछ पढ़ो तमु कायय में भी साथ ही पररणत करो’। इस काव्य पंवक्त का अथय वलखें।
उत्तर- मैवथलीशरण गप्तु नियुिकों को कहते हैं वक जो ज्ञान आप पढ़कर हावसल करें , उस ज्ञान का प्रयोग अपनी वजंदगी
में करें ।
(घ) नियिु कों के सम्मख ु कौन-से दो पथ हैं? उन्हें वकस पथ का चनु ाि करना चावहए?
उत्तर– नियिु कों के सामने असंयम और संयम दो पथ हैं। उन्हें दसू रे पथ अथायत संयम का चनु ाि करना चावहए। क्योंवक
पहला रास्ता गलत है और दसू रा रास्ता सही है।
पाठ 8 प्रेरणा
(क) लडके और उसकी बहन का क्या नाम था?
उत्तर- लडके का नाम मनीष और उसकी बहन का नाम सीमा था।
(ख) मनीष क्या बेचकर अपना जीिन बसर कर रहा था?
उत्तर- मनीष गब्ु बारे बेचकर अपना जीिन बसर कर रहा था।
(ग) गब्ु बारे बेचने के पीछे मनीष ने अपनी क्या वििशता बतायी?
उत्तर- मनीष ने बताया वक उसके वपता की मृत्यु हो चक ु ी है इसवलए अपने पररिार का पालन-पोषण करने के वलए उसे
गब्ु बारे बेचने पडते हैं।
(घ) ‘पढ़ोगे’ पछ ू ने पर उसने क्या उत्तर वदया?
उत्तर- ‘पढ़ोगे’ पछ ू ने पर उसने ‘न’ में वसर वहला वदया।
(ङ) बच्चों को वकस संस्था के अन्तगयत पढ़ाने के वलए ले जाया गया?
उत्तर- बच्चों को 'प्रेरणा सहायता सोसाइटी' के अन्तगयत पढ़ाने के वलए ले जाया गया।
(च) मनीष और सीमा क्या बनना चाहते थे?
उत्तर- मनीष पवु लस इस्ं पैक्टर बनना चाहता था और सीमा अध्यावपका बनना चाहती थी।
पाठ 9 मि के जीते जीत
(क) जीिन में मवु ककलों से पार कौन लोग जा पाते हैं?
उत्तर- जीिन में मवु ककलों से पार िही जा पाते हैं जो मवु ककलों के आगे घटु ने नहीं टेकते, उनका दृढ़ता से सामना करते हैं।
(ख) राजा जनक के दरबार में अष्टािक्र को देखकर सभी क्यों हाँसने लगे?
उत्तर- अष्टािक्र जन्म से ही आठ जगह से टेढ़े थे। जब िे राजा जनक के दरबार में गये तो उनके टेढ़े - मेढ़े शरीर को
देखकर सभी हाँसने लगे।
(ग) राजा जनक तथा दरबारी अष्टािक्र के सामने क्यों नतमस्तक हुए?
उत्तर- राजा जनक तथा उसके दरबारी अष्टािक्र की विद्वता के सामने नतमस्तक हुए।
(घ) सरू दास ने वकस की आराधना में काव्य रचना की?
उत्तर- सरू दास ने श्री कृ ष्ण की आराधना में काव्य रचना की।
(ङ) जायसी के प्रवसद्ध महाकाव्य का नाम वलखें।
उत्तर- जायसी के प्रवसद्ध महाकाव्य का नाम‘पद्माित’है।
(च) रामानन्द सागर द्वारा टेलीविज़न पर प्रसाररत प्रख्यात धारािावहक ‘रामायण’ में संगीत मुख्य रूप से वकसने वदया?
उत्तर- रामानन्द सागर द्वारा टेलीविज़न पर प्रसाररत प्रख्यात धारािावहक ‘रामायण’ में संगीत मख्ु य रूप से स्िगीय रविन्द्र
जैन ने वदया।
(छ) वबजली के बल्ब का आविष्कार वकसने वकया?
उत्तर- वबजली के बल्ब का आविष्कार थामस अल्िा एडीसन ने वकया ।
(ज) ब्रेल वलवप का आविष्कार वकसने वकया?
उत्तर- ब्रेल वलवप का आविष्कार लईु ब्रेल ने वकया ।
(झ) महाराजा रणजीत वसंह ने वकतनी आयु में लाहौर पर अवधकार कर वलया था?
उत्तर- महाराजा रणजीत वसंह ने उन्नीस िषय की आयु में लाहौर पर अवधकार कर वलया था।
(ञ) बाबा आम्टे को भारत सरकार ने समाज सेिा के वलए पद्मश्री तथा पद्मभषू ण का सम्मान कब वदया?
उत्तर- बाबा आम्टे को भारत सरकार ने समाज सेिा के वलए 1971 में पद्मश्री तथा 1986 में पद्मभषू ण सम्मान वदया।
पाठ 10 रब्बा मींि दे-पािी दे
(क) इस कविता में ईश्वर से क्या प्राथयना की गई है?
उत्तर – इस कविता में ईश्वर से बाररश के वलए प्राथयना की गई है।
(ख) ‘खेतों में सोना’ का क्या अथय है?
उत्तर- ‘खेतों में सोना’ का अथय है- सोने जैसी कीमती िसल।
(ग) पानी के वबना मिेशी और खेतों पर क्या प्रभाि पडता है?
उत्तर– पानी के वबना मिेशी मर जाते हैं और िसलें सख ू जाती हैं।
(घ) इस कविता में देश के प्रत्येक नागररक को क्या सीख दी गई है?
उत्तर - इस कविता में देश के प्रत्येक नागररक को सीख दी गई है वक पानी को नष्ट, प्रदवू षत या व्यथय नहीं करना चावहए।
(ङ) पानी का स्िभाि कै सा है?
उत्तर- पानी का अपना कोई रंग नहीं है। वजस रंग में िह वमल जाता है िैसा ही हो जाता है।

चार -पााँच वाक्यों वाले प्रश्न


निम्ि प्रश्नों के उत्तर चार या पााँच वाक्यों में नलखें:-
पाठ 1 निम्मत करिे वालों की िार ििीं िोती
(i) ‘चढ़कर वगरना, वगरकर चढ़ना न अखरता है’ यह पंवक्त कवि ने वकसके वलए कही और क्यों?
उत्तर - यह पंवक्त कवि ने चींटी के वलए कही है क्योंवक चींटी दीिार पर चढ़ते हुए बार-बार विसलने पर भी हार नहीं
मानती और अंत में िह अपनी वहम्मत से दीिार पर चढ़ ही जाती है ।
(ii) गोताखोर को सागर से मोती वनकालने के वलए क्या-क्या करना पडता है ?
उत्तर- गोताखोर को सागर से मोती वनकालने के वलए बार-बार डुबवकयााँ लगनी पडती हैं। कई बार उसे खाली हाथ भी
बाहर आना पडता है, परन्तु िह वहम्मत नहीं छोडता । अंत में िह मोती वनकाल ही लाता है ।
पाठ 2 नपिंजरे का शेर
(क) रोम के राजदतू ने वपंजरे के शेर को बाहर वनकालने की क्या शते बतायीं?
उत्तर- रोम के राजदतू ने वपंजरे के शेर को बाहर वनकालने के वलए यह शते बतायीं वक न तो वपंजरा खोलना है और न ही
इसे काटना है। इसे खोले या तोडे बगैर ही शेर को वपजं रे से बाहर वनकालना है।
(ख) वपंजरे के चारों और आग लगती देख सभा में सन्नाटा क्यों छा गया?
उत्तर- सभा में सन्नाटा इसवलए छा गया क्योंवक सभी लोग जानना चाहते थे, वक यह वकशोर वपंजरे के चारों ओर आग
लगाने से शेर कै से वपंजरे से बाहर वनकालेगा? यवद यह वकशोर शेर को वपजं रे से बाहर न वनकाल पाया तो इसे मृत्य-ु दडं
दे वदया जाएगा।
(घ) चद्रं गप्तु ने वपजं रे के शेर को कै से बाहर वनकाला?
उत्तर- चंद्रगप्तु ने वपजं रे के शेर को पहले पानी में डुबोने के वलए कहा। विर उसने नौकरों से कहकर वपंजरे के चारों तरि
आग लगिा दी। आग लगने से सीसा धातु से बनी शेर की मवू तय वपघलने लगी और धीरे -धीरे धरती पर िै ल गई । इस
तरह चद्रं गप्तु ने वपजं रे के शेर को वपजं रा तोडे वबना बाहर वनकाला ।
पाठ 3 मैट्रो रेल का सुिािा सफ़र
प्र. (क) मैट्रो स्टेशन आम स्टेशन से वकस प्रकार वभन्न है?
उत्तर: आम स्टेशन प्रायः ज़मीन पर ही होते हैं, लेवकन मैट्रो स्टेशन पररवस्थवत और सवु िधा के अनसु ार ज़मीन पर, ज़मीन
के ऊपर तथा ज़मीन के नीचे बना होता है। मैट्रो स्टेशन पर संगमरमर का िशय और अत्याधवु नक वबजली के उपकरण लगे
होते हैं जो आम स्टेशनों पर नहीं वमलते।
प्र. (ख) टोकन, स्माटय काडय और पययटक काडय में क्या अतं र हैं?
उत्तर: टोकन
(1) यह एक यात्रा के वलए प्रवत यात्री वदया जाता है
(2) टोकन मशीन के वनकट लाने से प्रिेश द्वार खल ु जाता है।
स्माटय काडय
(1) यह प्रवतवदन यात्रा करने िाले यावत्रयों को वदया जाता है।
(2) इस काडय को मशीन के पास लाने से यात्रा के अनसु ार वकराया अपने आप कट जाता है।
पययटक काडय
(1) यह एक से तीन वदन तक की मैट्रो रे ल की यात्रा के वलए वदया जाता है।
(2) यह असीवमत यात्रा के वलए वदया जाता है।
प्र. (ग) मैट्रो रे ल के स्िचावलत द्वार से जाने और वनकलने में वकन वकन बातों का ध्यान रखना चावहए?
उत्तर: मैट्रो रे ल के स्िचावलत द्वार से जाने और वनकलने में वनम्नवलवखत बातों का ध्यान रखना चावहए-
(1) द्वार खल ु ते ही तरु ं त गाडी में चढ़ जाना चावहए।
(2) द्वार खल ु ते ही तरु ं त गाडी से वनकल जाना चावहए।
(3) द्वार के बंद होने की वस्थवत में न चढ़ना चावहए और न ही उतरना चावहए।
प्र. (घ) भवू मगत प्लेटिामय से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: भवू मगत प्लेटिामय भवू म के अंदर सरु ं ग खोदकर बनाया जाता है। भवू म के अंदर ही पटरी बनाई जाती है, वजस पर
मैट्रो रे लें चलती हैं। भवू मगत प्लेटिामय में िे सारी सवु िधाएाँ उपलब्ध होती हैं जो सामान्य प्लेटिामय पर उपलब्ध होती
हैं।
पाठ 4 राखी की चुिौती
(क) ‘राखी की चनु ौती’ कविता का सार वलखें।
उत्तर- यह कविता सभु द्राकुमारी चौहान द्वारा वलखी गई है। आज राखी का त्योहार है। बहनें बहुत खश ु हैं । बहन
उन बहनों को बधाई देती है वजनको उनके भाई वमले हैं लेवकन उस बहन का भाई उसके पास नहीं है। िह भारत माता को
दकु मनों के चंगल ु से स्ितंत्र करिाने के वलए जेलखाने गया है। राखी का त्योहार होने पर भी बहन को इस बात का गिय है
वक उसका भाई देश सेिा में लगा हुआ है। िह बहन देश के नौजिानों को चनु ौती देती है वक देश के वलए बंदी बनो और
देश आज़ाद करिाओ।
(ख) इस कविता में बहन ने पराधीन देश के भाइयों को क्या सदं श े वदया है?
उत्तर- राखी की चनु ौती कविता में बहन पराधीन देश के भाइयों को संदश े देती है वक यह राखी रे शम सी कोमल नहीं है।
यह लोहे की हथकडी है। इस हथकडी को पहनो, बंदी बनो और भारत देश के स्ितंत्रता संग्राम में कूद जाओ ।
पाठ 5 शायद यिी जीवि िै
(क) वचवडया, घोंसला, अंडे, बच्चे, इनके द्वारा जीिन की पररितयनशीलता उद्भावसत होती है। क्या आपको मानि जीिन
में भी ऐसी ही पररितयनशीलता वदखाई देती है। कोई दो उदाहरण देकर समझायें।
उत्तर– 1. उम्र के साथ-साथ मानि शरीर में भी पररितयन होता रहता है। बचपन में कोमल, यिु ािस्था में मज़बतू और
िृद्धािस्था में शरीर कमज़ोर हो जाता है।
2. सिलता और असिलता जीिन का वहस्सा है। मेहनत करने से असिलता को सिलता में बदला जा सकता है।
(ख) वचवडया के बच्चों की प्रत्येक गवतविवध पक्षी जगत की स्िभािगत विशेषता को प्रकट करती है। वकसी एक गवतविवध
को ध्यान से देख कर वलखें।
उत्तर- खतरे का आभास होते ही मााँ जोर-जोर से शोर करती है। बच्चे घोंसले से माँहु बाहर वनकालकर चीं-चीं कर मााँ से
सपं कय स्थावपत करते हैं। वचवडया वकसी को सामने पाकर सीधा बैठने की बजाय अन्य शाखाओ ं से होते हुए घोंसले तक
पहुचाँ ती है । ये गवतविवधयााँ पक्षी जगत की स्िभाितगत विशेषता को प्रकट करती है।
पाठ 6 िीलगगि का िीलू
(क) वकन-वकन घटनाओ ं से पता चलता है वक अवनल शमाय असाधारण प्रवतभा के स्िामी थे?
उत्तर- जब अवनल शमाय की बडी बहन को स्कूल में दावखल करिाया गया तो अवनल शमाय ने भी स्कूल जाने की वज़द्द
पकड ली। चार साल की आयु में अवनल शमाय स्कूल में दावखल हो गये। िे मेघािी छात्र थे। उन्होंने 14 िषय की आयु में
ही मैवट्रक की परीक्षा पास की। िे वजतने अंकों का अनमु ान लगाते थे, उनके हमेशा उतने ही अंक आते थे। 1987
सी.डी.एस. की परीक्षा में चंडीगढ़ से सिल होने िाले िे अके ले यिु क थे। इन बातों से पता चलता है वक अवनल शमाय
असाधारण प्रवतभा के स्िामी थे।
(ख) वकस घटना से पता चलता है वक उनमें परू ा आत्मविश्वास था?
उत्तर- अवनल शमाय के बी.एस.सी. की परीक्षा में,गवणत में से 100 में से 71अकं आए। अवनल शमाय ने अपनी मााँ को
बताया वक उनका अनमु ान था वक इस बार 91अंक होने चावहए थे। जब दोबारा मल्ू यांकन करिाया गया तो उनके अंक
91ही वनकले। इस घटना से पता चलता है वक अवनल शमाय में परू ा आत्मविश्वास था।
पाठ 8 प्रेरणा
(क) लेवखका ने बच्चों को पढ़ाई का क्या महत्ि समझाया?
उत्तर- लेवखका ने बच्चों को पढ़ाई का महत्ि समझाते हुए कहा वक अगर नहीं पढ़ोगे तो उनका बचपन, जिानी, बढ़ु ापे
का सारा समय इसी तरह वनकल जाएगा । नौकरी, एक घर, अच्छे कपडे, यह के िल पढ़-वलखकर ही संभि हो सकता
है। वकस्मत बनाना अपने हाथ में होता है और सपने देखोगे नहीं तो साकार कै से होंगे?
(ख) मनीष का चररत्र वचत्रण करें ।
उत्तर- मनीष की आयु सात-आठ िषय है। िह एक मेहनती और स्िावभमानी लडका है। अपने वपता के न रहने पर िह
अपने पररिार का पालन-पोषण गब्ु बारे बेचकर कर रहा है। िह अपनी माता और अपनी बहन के प्रवत अपनी वज़म्मेदारी
को अच्छे से समझता है। बडा होकर िह इस्ं पैक्टर बनना चाहता है।
(ग) ‘भीख मााँगना अपराध है।’
‘सपने देखो और उन्हें सच करके वदखाओ।’
‘वशक्षा ही िह सीढ़ी है वजस पर चढ़कर मंवज़ल पाई जा सकती है’
इन तीनों सत्रू िाक्यों पर अपने विचार वलखें।
उत्तर- उत्तर- भीख मााँगना सचमचु एक बहुत बडा अपराध भी है। हमें मेहनत करके धन कमाना चावहए ।
गरीब व्यवक्त भी सपने देखने का अवधकारी होता है। लेवखका ने जब मनीष को पढ़ने का महत्त्ि समझाया तो उसने पढ़
वलख कर पवु लस इन्स्पेक्टर बनने का सपना अपने मन में पाल वलया।
िास्ति में वशक्षा ही एक ऐसी सीढ़ी है वजस पर चढ़कर कोई भी व्यवक्त अपनी मंवजल को पा सकता है। अतः प्रत्येक
मनष्ु य को अपने जीिन में भीख न मााँगकर, पढ़ वलख कर और परुु षाथय करके अपने जीिन को सधु ारना चावहए।
पाठ 9 मि के जीते जीत
(क) राजा जनक के दरबार में अष्टािक्र को देखकर जब सभी हाँसने लगे तो अष्टािक्र ने क्या कहा?
उत्तर- अष्टािक्र ने कहा,” गन्ने के टेढ़े-मेढ़े होने से उसकी वमठास में कमी नहीं आती। िूल की पंखडु ी के टेढ़े होने से
उसकी खुशबू खत्म नहीं हो जाती और नदी की धारा के टेढ़े होने से उसका जल दवू षत नहीं हो जाता।
(ख) शेरशाह क्यों लवजजत हुआ और उसने जायसी को क्यों सम्मान वदया?
उत्तर- जायसी एक आाँख और एक कान से रवहत थे। एक बार जब शेरशाह ने उसका उपहास उडाया तो उन्होंने कहा,
“मोवह का हाँसवस के कोहरवहं ?” अथायत तमु मझु पर हाँसे हो अथिा उस कुम्हार (ईश्वर, वजसने मझु े बनाया है) पर ? यह
सनु कर शेरशाह बहुत लवजजत हुआ और उसने उन्हें बहुत सम्मान वदया।
(ग) थामस एडीसन के ध्िवन संबंधी आविष्कारों से लोग क्यों आश्चययचवकत हो जाते थे?
उत्तर- थामस एडीसन सनु ने की लगभग शवक्त खो चक ु े थे। उनके ध्िवन से सबं वं धत आविष्कार देखकर लोग आश्चययचवकत
होते थे वक जो व्यवक्त परू ी तरह स्ियं सनु नहीं सकता। िह वकस प्रकार ध्िवन के हर पहलू को भली-भााँवत समझ लेता है।
(घ) लईु ब्रेल द्वारा नेत्रहीनों के पढ़ने के वलए बनाई वलवप की क्या विशेषता है?
उत्तर- लुई ब्रेल ने नेत्रहीनों के वलए एक ऐसी वलवप का आविष्कार वकया वजससे नेत्रहीन पढ़ने में समथय हो सके । यह वलवप
कागज़ पर उभरे वचह्न होते हैं वजन्हें स्पशय कर िे पढ़ते हैं।
(ङ) बाबा आम्टे का समाज सेिा में क्या योगदान रहा?
उत्तर- बाबा आम्टे ने अपनी सारी उम्र कुष्ठ रोवगयों की सेिा में वबता दी। िडोरा के वनकट आनंदिन आश्रम में इन्हीं की
प्रेरणा ि अथक प्रयासों से अनेक कुष्ठ रोगी भीख मााँगना छोड श्रम करके पसीने की कमाई करने में समथय हुए।
(च) भारतीय वस्पनर चंद्रशेखर का वक्रके ट में क्या योगदान रहा?
उत्तर- चंद्रशेखर अपने पोवलयोग्रस्त हाथ से बडी अच्छी गेंदबाजी करते। उन्होंने भारतीय टीम की ओर से 58 टेस्ट मैच
खेले और 7199 रन देकर 242 विके ट वलये। भारत सरकार द्वारा उन्हें अजयनु परु स्कार से निाज़ा जा चक ु ा है।
(छ) राणा सांगा और महाराजा रणजीत वसंह की िीरता के विषय में आप क्या जानते हैं।
उत्तर- राणा सांगा ने बचपन में एक आाँख और बाद में यद्ध ु ों में एक हाथ और पैर भी खो वदया। लेवकन इसका उनकी
िीरता और साहस पर कोई असर नहीं पडा। अपने विरोवधयों के दााँत खट्टे वकये। उसी तरह महाराजा रणजीत वसहं की
भी एक आाँख चेचक के कारण खराब हो गई थी और उन्होंने भी िीरता पिू यक अपने दकु मनों को परास्त वकया ।
(ज) भाग्य संिरता नहीं, संिारना पडता है- इन पंवक्तयों में लेखक क्या कहना चाहता है?
उत्तर- वदल में कुछ कर गुज़रने की तमन्ना हो तो हमें बहुत सारी मसु ीबतों का सामना भी करना पडेगा। हमने मसु ीबतों के
आगे घटु ने नहीं टेकने । मसु ीबतों का दृढ़ता, आत्मविश्वास और एकाग्रता से सामना करना है। तभी हमारा भाग्य संिर
सकता है क्योंवक ईश्वर भी उन्हीं की सहायता करते हैं जो अपनी सहायता खदु करते हैं।
पाठ 10 रब्बा मींि दे-पािी दे
(क) ‘पानी से------------- सुहानी दे’। कविता की इन पाँवक्तयों की सप्रसंग व्याख्या करें ।
प्रसंग- प्रस्ततु पंवक्तयां हमारी वहदं ी की पाठ्य-पस्ु तक ‘आओ वहदं ी सीखें-8’ में से ली गई हैं। कविता का नाम ‘रब्बा मींह
दे-पानी दे’ है। कवि का नाम ‘विनोद शमाय’ है। इन पाँवक्तयों में पानी का महत्ि बताया है और प्रत्येक नागररक को पानी
बचाने की सीख दी गई है।
व्याख्या- कवि कहते हैं वक पानी ही है वजससे चारों और हररयाली होती है और खेतों में अच्छी िसल होती है। वकसान
खश ु हाल होते हैं। पानी के वबना मिेशी मर जाते हैं। िन और बूटे सख ू जाते हैं। हमें पानी नष्ट, प्रदवू षत या व्यथय नहीं करना
चावहए। हे परमात्मा! मेरे देश के प्रत्येक नागररक को ऐसी अच्छी सीख दो।
(ख) जीिन में पानी की आिकयकता क्यों है? कविता के आधार पर उत्तर दें।
उत्तर– पानी से ही खेतों में सोने जैसी िसल पैदा होती है। चारों ओर हररयाली होती है। वबना पानी के मिेशी मर जाते हैं।
िसलें सख ू जाती हैं। धरती पर पानी न हो तो जीिन संभि नहीं।
(ग) दसू रों के द:ु ख में हम उनकी क्या सहायता कर सकते हैं ?
उत्तर- वजस तरह पानी का अपना कोई रंग नहीं होता। िह वजस रंग में वमलता है िैसा ही हो जाता है। उसी तरह हमें भी
दसू रों के द:ु ख को अपना द:ु ख समझना चावहए और द:ु ख को दरू करने का प्रयत्न करना चावहए।
(घ) जहााँ पानी की अवधकता बाढ़ की वस्थवत पैदा करती है िहीं पानी की कमी सूखे की वस्थवत पैदा करती है। इन दोनों
वस्थवतयों में मानि तथा प्रकृ वत प्रभावित होती है। इन दोनों वस्थवतयों में मानि तथा प्रकृ वत पर पडने िाले प्रभाि पर पााँच-
पााँच िाक्य वलखें ।
उत्तर– बाढ़ की वस्थवत में पडने िाले प्रभाि:- िसलें खराब जाती हैं। वजससे अनाज की कमी हो जाती है। मानि जीिन
पर संकट पैदा हो जाता है। तरह-तरह की बीमाररयााँ िै ल जाती हैं। बाढ़ से जल दवू षत हो जाता है तथा मानि को बाढ़
िाले स्थान से पलायन करना पडता है।
सख ू े के कारण पडने िाले प्रभािः-
िन नष्ट हो जाते हैं। जानिर मरने लगते हैं। धरती की उपजाऊ शवक्त कमज़ोर हो जाती है। सख ू ा पडने पर पानी गहरा
चला जाता है। मानि को सख ू े िाले स्थान से पलायन करना पडता है।
तैयारकताय :
डॉ समु न सचदेिा ,वहदं ी वमस्ट्रेस
स. ह. स. म. ह. र. मलोट

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