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केन्द्रीय विद्यालय संगठन : भोपाल संभाग

पूिव परिषदीय पिीक्षा - प्रथम सत्र ( 2021 – 22 )


विषय – व ं दी ‘अ’ ( कोड 002 )
कक्षा – दसिीं
वनर्ाव रित समय - 90 वमनट अवर्कतम अंक – 40
सामान्य वनदे श –
 इस प्रश्नपत्र में तीन खंड ैं : खंड– क, खंड– ख, खंड– ग |
 खंड – क कुल 20 प्रश्न पूछे गए ैं , वदए गए वनदे शों का पालन किते हुए केिल 10 प्रश्नों के ी उत्ति
दीविए |
 खंड – ख कुल 20 प्रश्न पूछे गए ैं , वदए गए वनदे शों का पालन किते हुए केिल 16 प्रश्नों के ी उत्ति
दीविए |
 खंड – ग कुल 14 प्रश्न पूछे गए ैं | सभी प्रश्न अवनिायव ैं |
 स ी उत्ति िाले गोले को भली प्रकाि से केिल नीली या काली स्या ी िाले बॉल पॉइं ट पेन से ी
ओ.एम.आि. शीट में भिें |

खंड – क
( अपवठत गद्यांश )
नीचे दो अपवठत गद्यां श वदए गए ैं | वकसी एक गद्यांश को ध्यान पूिवक पविए औि
उस पि आर्ारित प्रश्नों के स ी विकल्प चुनकि वलखखए –

भगिान र्न्वं तरि का िन्मोत्सि कावतवक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी वतवथ को मनाया िाता ै
| समुद्रमंथन के समय भगिान र्न्वंतरि का प्राकट्य माना िाता ै | दे ि-दानिों द्वािा क्षीिसागि का
मंथन किते समय भगिान र्न्वं तरि संसाि के समस्त िोगों की औषवर्यों को कलश में भिकि प्रकट
हुए थे | उस वदन त्रयोदशी वतवथ थी | इसवलए उक्त वतवथ में संपूर्व भाित में तथा अन्य दे शों में भगिान
र्न्वं तरि का ियंती म ोत्सि मनाया िाता ै | विशे षकि आयुिेद के विद्वान औि िैद्य तथा िैद्य समाि
की ओि से सिवत्र भगिान र्न्वं तरि की प्रवतमा स्थावपत की िाती ै औि उनका पूिन वकया िाता ै
| क्ोंवक भगिान र्न्वंतरि प्रावर्यों को िोग मुक्त किने के वलए भि-भेषिािताि के रूप में प्रकट
हुए थे | विस प्रकाि दे िी लक्ष्मी सागि मंथन से उत्पन्न हुई थी उसी प्रकाि भगिान र्न्वंतरि भी अमृत
कलश के साथ सागि मंथन से उत्पन्न हुए थे | दे िी लक्ष्मी र्न की दे िी ै पिं तु उनकी कृपा प्राप्त
किने के वलए आपको स्वास्थ्य औि लं बी आयु भी चाव ए | य ी कािर् ै दीपािली के दो वदन प ले
से ी यानी र्नते िस से ी दीपमालाएँ सिने लगती ै । भगिान र्न्वंतरि से स्वास्थ्य औि से तमंद
बनाए िखने े तु प्राथवना किें ।

1. भगिान र्न्वं तरि का िन्म उत्सि कब मनाया िाता ै ?


(a) कावतव क मास के कृष्णपक्ष की अमािस्या वतवथ को
(b) कावतव क मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी वतवथ को
(c) कावतव क मास के शु क्लपक्ष की पूवर्व मा वतवथ को
(d) आविन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी वतवथ को
2. भगिान र्न्वं तरि का प्राकट्य कैसे हुआ था ?

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(a) समुद्रमंथन के समय
(b) कावलयदमन के समय
(c) वशि के विषपान के समय
(d) इनमें से कोई न ीं
3. सागि मंथन के समय अमृत कलश ले कि कौन उत्पन्न हुआ था ?
(a) दे िी लक्ष्मी
(b) शे षनाग
(c) भगिान र्न्वं तरि
(d) भगिान वशि
4. भगिान र्न्वं तरि की पूिा वकसवलए की िाती ै ?
(a) र्न-दौलत के वलए
(b) स्वास्थ्य औि से तमंदी के वलए
(c) िोग मुखक्त औि लं बी आयु के वलए
(d) उपिोक्त सभी
5. दे िी लक्ष्मी को वकस की दे िी माना िाता ै ?
(a) विद्या की
(b) र्न की
(c) स्वास्थ्य की
(d) तीनों की
अथिा

िस्तुतः क्रोर् एक नकािात्मक भाि ै | इस ति के नकािात्मक भाि से मनुष्य के रिश्ों


में दिाि पड़ िाती ै | य सच ै वक क्रोर् का प्रािं भ चा े मूखवता से ी क्ों न हुआ ो पि उसका
अंत पश्चाताप से ोता ै | म सब कुछ िानते हुए भी इससे स्वयं को दू ि न ीं िख पाते | यवद म
इस पि पूिा वनयंत्रर् न ीं कि सकते ैं तो भी इसे िचनात्मक बनाकि इससे ोने िाली बीमारियों
औि ावनयों से तो बच सकते ैं | यवद वकसी पि क्रोर् आए तो उसी क्षर् उस व्यखक्त की ास्यास्पद
तस्वीि मन में बना लें या वकसी चुटकुले का पात्र ी उसे बना दें औि पेन तथा डायिी ले कि कुछ
भी वलखने बैठ िाएँ | कुछ न बने तो आड़ी वतिछी िे खाएँ ी खींच लें | र्ीिे -र्ीिे कलात्मकता निि
आएगी | विचािों को कविता या ले ख में ढालने का प्रयत्न किें | इससे आप अपने िीिन की लं बी
दौड़ में अवर्क सुखी औि स्वस्थ ि सकते ैं |

6. रिश्ो में दिाि डालने िाले भािों में से एक भाि क्ा ै ?


(a) प्रेम
(b) क्रोर्
(c) मूखवता
(d) इष्याव
7. मािे द्वािा वकए गए क्रोर् का अंत कैसे ोता ै ?
(a) इष्याव से
(b) प्याि से
(c) पश्चाताप से
(d) तीनों से
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8. क्रोर् कौन-सा भाि ै ?
(a) सकािात्मक
(b) ास्यास्पद
(c) नकािात्मकता
(d) तटस्थ
9. क्रोर् को िचनात्मक बनाकि म वकस से बच सकते ैं ?
(a) इससे ोने िाली बीमारियों औि ावनयों से
(b) अवर्क स्वस्थ औि सुखी बनने से
(c) क्रोर् पि वनयंत्रर् किने औि पश्चाताप से
(d) इन तीनों से
10. ‘नकािात्मक’ का विपिीताथव क क्ा ै ?
(a) व्यि ाि
(b) सकािात्मक
(c) िचनात्मक
(d) भािनात्मक

( अपवठत काव्यां श )
नीचे दो अपवठत काव्यां श वदए गए ैं | वकसी एक काव्यां श को ध्यान पूिवक
पविए औि उस पि आर्ारित प्रश्नों के स ी विकल्प चुनकि वलखखए –
कैसा कोला ल, कैसा को िाम मचा
ै शोि डालता कौन, आि सीमाओं पि ?
य कौन ठी िो आि उठाना चा ि ा
व म मंवडत प्र िी अपनी शू द्र भुिाओं पि ?
मैं भाित माँ अपने आँ गन में बैठ सुनाती हँ लोिी
वनि नन्ीं-मुन्नी फसलों को स लाती हँ
िीिन के मीठे मादक गीत सुनाती हँ
पतझड़ में भी मर्ु ऋतु लाने को आतु ि हँ
िे तीले टीलों पि मर्ुमास बुलाती हँ
भाखड़ा बनाती हँ नंगल, चंबल के साथ साि सिाती हँ
अपनी अमिाई में कोयल बन गाती हँ |
11. पद्यां श में ‘ ठी’ शब्द वकसके वलए प्रयुक्त हुआ ै ?
(a) वमत्रों के वलए
(b) शत्रु के वलए
(c)पिवत के वलए
(d) नदी के वलए
12. ‘व म मंवडत प्र िी’ वकसे क ा गया ै?
(a) गंगा को
(b) व मालय को
(c)भाितीय सेनाओं को
(d) तीनों को
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13. भाखड़ा बाँ र् क ाँ ै ?
(a) भुिनेिि में
(b) गुििात में
(c)व माचल प्रदे श (नंगल) में
(d) उत्तिाखंड में
14. भाित माता पतझड़ में भी कौन-सी ऋतु लाना चा ती ै ?
(a) ग्रीष्म
(b) शिद
(c)िसंत
(d) ‘क’ औि ‘ख’ दोनों
15. काव्यां श की भाषा कौन-सी ै ?
(a) मागर्ी
(b) ब्रिबोली
(c)मैवथली
(d) खड़ी बोली व ं दी

अथिा

मैं बिा ी िा ि ा हँ , पि तु म्हें भूला न ीं हँ


चल ि ा हँ , क्ोंवक चलने से थकािट दू ि ोती
चा ता तो था वक रुक लूँ पािव में क्षर्-भि तु म्हािे
वकंतु अगवर्त स्वि बुलाते ैं मुझे बाँ ें पसािे
अनसुनी किना उन्ें भािी प्रिंचन कापुरुषता
मुँ वदखाने योग्य िखेगी न मुझको स्वाथव पिता
इसवलए ी आि युग की दे ली को लां घकि मैं
पथ नया अपना ि ा हँ –
पि तु म्हें भूला न ीं हँ |
आि शोषक-शोवषतों में ो गया िग का विभािन
अखस्थयों की नींि पि अकड़ खड़ा प्रसाद का तन |

16. कवि की चा क्ा थी ?


(a) चलते ि ना
(b) अपनी वप्रयतमा के पािव में रुकना
(c)नई िा बनाना
(d) थककि विश्राम किना
17. कवि क्ों चल ि ा ै ?
(a) उसे नई िा बनानी ै
(b) मंविल पि पहुँ चाना ै
(c)चलने से थकािट दू ि ोती ै
(d) उसे विश्राम किना ै

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18. कवि ने शोषक वकसे क ा ै ?
(a) मिदू िों को
(b) पूँिीपवतयों को
(c)वकसानों को
(d) तीनो को
19. िग का विभािन वकस-वकस में ो गया ै ?
(a) वकसानों औि मिदू िों में
(b) पूँिीपवतयों औि िमीदािों में
(c)शोषक औि शोवषतों में
(d) तीनों में
20. कवि कौन-से पथ अपनाने की बात कि ि ा ै ?
(a) पुिाना पथ
(b) मध्य पथ
(c)नया पथ
(d) क औि ग दोनों

खंड – ख
(व्याि ारिक व्याकिर्)
वनदे शानुसाि वकन्ीं चाि प्रश्नों के उत्ति दीविए –
21. वनम्नवलखखत िाक् में से संयुक्त िाक् ै –
(a) यवद आप न ीं िानते ो तो मत बोवलए |
(b) सिेिा ोते ी म ात्मा उठ गए |
(c)मैं विद्यालय िाऊँगा औि पिाई करू ँ गा |
(d) इनमें से कोई भी न ीं |
22. विस िाक् में एक उपिाक् मुख्य तथा शेष उपिाक् आवश्रत ों ,उसे वकस प्रकाि का िाक्
क ा िाता ै ?
(a) सिल िाक्
(b) संयुक्त िाक्
(c)वमश्र िाक्
(d) इनमें से कोई न ीं
23. िो विद्याथी अपना समय गँिाते ैं , िे एक वदन बहुत पछताते ैं |िे खां वकत उपिाक् का भेद
ोगा
(a) संज्ञा उपिाक्
(b) विशे षर् उपिाक्
(c)वक्रयाविशे षर् उपिाक्
(d) प्रर्ान िाक्
24. ‘मेिी आँ खें सुब खुलीं औि मैं ट लने चला गया |’ इस िाक् का सिल िाक् ोगा –
(a) मेिी आँ खें सुब खुलीं, इसवलए ट लने चला गया |
(b) मेिी आँ खें सुब खुलते ी मैं ट लने चला गया |
(c)मेिी आँ खें सुब खुलीं औि मैं ट लने चला गया |
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(d) िै से ी मेिी आँ खें खुली मैं ट लने ना िा सका |
25. वनम्नवलखखत िाक्ों में से सिल िाक् ै -
(a) सूयोदय ोने पि पक्षी बोलने लगे |
(b) सूयोदय हुआ औि पक्षी बोलने लगे |
(c)सूयोदय हुआ न ीं वक पक्षी बोलने लगे |
(d) इनमें से कोई न ीं |

वनदे शानुसाि वकन्ीं चाि प्रश्नों के उत्ति दीविए -


26. अध्यापक क ानी सुनाता ै | िाच्य का कौन-सा भेद ै ?
(a) कतृव िाच्य
(b) कमविाच्य
(c)भाििाच्य
(d) इनमें से कोई न ीं
27. बीमािी के कािर् उससे उठा न ीं िाता | िाच्य का कौन-सा भेद ै ?
(a) कतृव िाच्य
(b) भाििाच्य
(c) कमविाच्य
(d) इनमें से कोई न ीं
28. वनम्न में से कमविाच्य िाला िाक् कौन-सा ै ?
(a) आि मैच खेला िाएगा
(b) किीम पतं ग उड़ा ि ा ै |
(c) बच्चा खूब िोया |
(d) इनमें से कोई न ीं |
29. ‘सुंदि ने मर्ुि गीत गाया’ | िाक् को कमविाच्य में बदवलए |
(a) सुंदि द्वािा मर्ुि गीत गाया गया |
(b) सुंदि मर्ुि गीत गाता ै |
(c) सुंदि द्वािा मर्ुि गीत गाया िाएगा |
(d) सुंदि मर्ुि गीत गाएगा |
30. ‘मीिा से अब नाचा न ीं िाता’ | िाक् का िाच्य भेद ै |
(a) भाििाच्य
(b) कमविाच्य
(c) कतृव िाच्य
(d) इनमें से कोई न ीं

वनदे शानुसाि वकन्ीं चाि प्रश्नों के उत्ति दीविए –


31. िीना पत्र वलखती ै | िाक् में िे खां वकत पद का पद परिचय दीविए |
(a) व्यखक्तिाचक संज्ञा, एकिचन, पुखलंग, कमवकािक
(b) व्यखक्तिाचक संज्ञा, एकिचन, स्त्रीवलं ग, कमवकािक
(c) िावतिाचक संज्ञा, एकिचन पुखलंग, कमवकािक
(d) व्यखक्तिाचक संज्ञा, एकिचन, पुखलंग, कताव कािक
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32. ि अचानक चला गया | िाक् में िे खां वकत पद का पद परिचय ोगा |
(a) गुर्िाचक विशेषर्
(b) भाििाचक संज्ञा
(c) वक्रयाविशे षर्
(d) वक्रया
33. मैं प्रवतवदन व्यायाम किता हँ | िाक् में िे खां वकत पद का पद परिचय ोगा |
(a) पुरुषिाचक सिवनाम, उत्तमपुरुष, एकिचन, कताव कािक
(b) पुरुषिाचक सिवनाम, उत्तमपुरुष, एकिचन, कमवकािक
(c) पुरुषिाचक सिवनाम, अन्यपुरुष, एकिचन, कताव कािक
(d) पुरुषिाचक सिवनाम, उत्तमपुरुष, बहुिचन, कताव कािक
34. अनावमका ँ स ि ी ै | िे खां वकत पद का पद परिचय दीविए |
(a) अकमवक वक्रया, एकिचन, स्त्रीवलं ग, ितवमान काल
(b) सकमवक वक्रया, एकिचन, स्त्रीवलं ग, ितवमान काल
(c) अकमवक वक्रया, बहुिचन, स्त्रीवलं ग, ितवमान काल
(d) अकमवक वक्रया, एकिचन, स्त्रीवलं ग, भविष्य काल
35. िो न व मालय घूमने िा ि ा ै | िाक् में िे खां वकत पद का पद परिचय दीविए|
(a) िावतिाचक संज्ञा, एकिचन, पुखलंग, कताव कािक
(b) व्यखक्तिाचक संज्ञा, एकिचन, पुखलंग, कताव कािक
(c) िावतिाचक संज्ञा, एकिचन, पुखलंग, कमवकािक
(d) िावतिाचक संज्ञा, एकिचन, पुखलंग, किर्कािक

वनदे शानुसाि वकन्ीं चाि प्रश्नों के उत्ति दीविए –


36. ‘िे नृपबालक कालबस बोलत तोव न सँभाि |
र्नु ी सम वत्रपुिारिर्नु वबवदत सकल संसाि ||’ काव्य पंखक्त में वनव त िस ै –
(a) भयानक िस
(b) ास्य िस
(c) शां त िस
(d) िौद्र िस
37. संचािी भािों की संख्या वकतनी ै ?
(a) 23
(b) 33
(c) 43
(d) 13
38. ‘एक ओि अिगिव ं लखख एक ओि मृगिाय | विकल बटो ी बीच ी पियो मूिछा खाय ||’काव्य
पंखक्त में वनव त िस ै –
(a) भयानक िस
(b) शां त िस
(c) िीि िस
(d) करुर् िस
39. ‘िु गुप्सा’ वकस िस का स्थायी भाि ै ?

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(a) करुर् िस का
(b) शां त िस का
(c) िीि िस का
(d) िीभत्स िस का
40. ‘सिकंडे िै से ाथ – पाँ ि औि मटके िै से पेट |
वपचके-वपचके गाल दोउ मुँ तो इं वडया गेट ||’ काव्य पंखक्त में वनव त िस ै –
(a) ास्य िस
(b) करुर् िस
(c) िीि िस
(d) अद् भुत िस

खंड – ग
( पाठ्य पुस्तक )
वनम्नवलखखत गद्यांश को पिकि पूछे गए प्रश्नों के स ी विकल्प चुनकि वलखखए –

अब ालदाि सा ब को बात कुछ- कुछ समझ में आई। एक चश्मेिाला ै विसका नाम कैप्टन ै । उसे
नेतािी की बगैि चश्मेिाली मूवतव बुिी लगती ै । बखि आ त किती ै । मानो चश्मे के बगैि नेतािी को
असुविर्ा ो ि ी ो। इसवलए ि अपनी छोटी सी दु कान में उपलब्ध वगने-चुने फ्रेमों में से एक नेतािी की
मूवतव पि वफट कि दे ता ै । ले वकन िब कोई ग्रा क आता ै औि उसे िैसे ी फ्रेम की दिकाि ोती ै िै सा
मूवतव पि लगा ै तो कैप्टन चश्मेिाला मूवतव पि लगा फ्रेम- संभितः नेतािी से क्षमा माँ गते हुए लाकि ग्रा क
को दे दे ता ै औि बाद में नेतािी को दू सिा फ्रेम लौटा दे ता ै । िा ! भाई खूब! क्ा आइवडया ै ।

ले वकन भाई ! एक बात अभी भी समझ में न ीं आई। ालदाि सा ब ने पानिाले से वफि पूछा - नेतािी का
ओरििनल चश्मा क ाँ गया?

41. चश्मे िाले का नाम कैप्टन क्ों ै ?


(a) ि प ले सेना में था
(b) ि नेतािी का वमत्र था
(c) ि एक दे श भक्त था
(d) उसका नाम ी कैप्टन था
42. नेतािी की मूवतव पि चश्मा क्ों न ीं था ?
(a) मूवतव काि को चश्मा बनाने से मना वकया गया था
(b) मूवतव काि चश्मा बनाना भूल गया ोगा
(c) मूवतव काि चश्मा बनाना न ीं चा ता था
(d) उपिोक्त में से कोई न ीं
43. नेतािी की मूवतव कैप्टन को आ त कब किती थी ?
(a) िब ि कस्बे से गुििता था
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(b) िब मूवतव के पास कोई खड़ा ि ता था
(c) िब कोई नेतािी की मूवतव को ाि न ीं प नाता था
(d) िब मूवतव पि चश्मा न ीं ोता था
44. ालदाि सा ब को कौन-सी बात वफि भी समझ न ीं आई ?
(a) मूवतव काि का ओरििनल चश्मा क ाँ गया ?
(b) मूवतव का ओरििनल चश्मा क ाँ गया ?
(c) ओरििनल नेतािी क ाँ चले गए ?
(d) उपिोक्त सभी
45. चाश्मािाला, नेतािी से क्षमा क्ों माँ गता था ?
(a) ि नेतािी के साथ काम न ीं कि पाया इसवलए
(b) ि दे श की आिादी के काम न ीं आया इसवलए
(c) ि मूवतव पि लगा चश्मा ग्रा क को दे ता था इसवलए
(d) उनकी मूवतव टू ट गई थी इसवलए

वनम्नवलखखत प्रश्नों को पिकि स ी विकल्प छाँ टकि वलखखए -


46. भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पि क्ा वकया ?
(a) अपनी पुत्रिर्ू को शोक मनाने के वलए क ा
(b) अपनी पुत्रिर्ू को उत्सि मनाने के वलए क ा
(c) अपनी पुत्रिर्ू को िोने के वलए क ा
(d) अपनी पुत्रिर्ू को घि न ीं छोड़ने के वलए क ा
47. बालगोवबन भगत की कद – काठी कैसी थी ?
(a) सां िले िं ग के थे
(b) कद में ऊँचे थे
(c) लं बी दािी या िटािू ट न ीं थी
(d) उम्र साठ से अवर्क न ीं थी

वनम्नवलखखत काव्यां श को पिकि पूछे गए प्रश्नों के स ी विकल्प चुनकि वलखखए –


रि ैं िािनीवत पवि आए।
समुझी बात क त मर्ुकि के, समाचाि सब पाए।
इक अवत चतु ि हुते पव लैं ी, अब गुरु ग्रंथ पिाए।
बिी बुखि िानी िो उनकी, िोग संदेश पठाए |
ऊर्ौ भले लोग आगे के, पि व त डोलत र्ाए।
अब अपनै मन फेि पाइ ैं , चलत िु हुते चुिाए।
ते क्ौं अनीवत किैं आपुन, िे औि अनीवत छु ड़ाए।
िाि र्िम तौ य ै ‘सूि’, िो प्रिा न िाव ं सताए।
48. गोवपयाँ प ले के लोगों की क्ा विशे षता बता ि ी ै ?
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(a) प ले के लोग िािनीवत न ीं पिते थे
(b) प ले के लोग िािनीवत पिते थे
(c) प ले के लोग आिश्यकता आने पि खुद वमलने आते थे
(d) प ले के लोग वकसी से प्रेम न ीं किते थे
49. गोवपयों ने क्ों क ा वक कृष्ण ने िािनीवत पि ली ै ?
(a) क्ोंवक कृष्ण ने प्रेम की िग योग संदेश भेिा ै
(b) क्ोंवक कृष्ण अब िाि किने िागे ै
(c) क्ोंवक अब कृष्ण गोवपयों की पििा कि ि े ैं
(d) क्ोंवक उिि की बातें गोवपयों को अच्छी लग ि ी ै
50. गोवपयों ने िाि र्मव के बािे में क्ा क ा ै ?
(a) िािा कभी वकसी से प्रेम न ीं कि सकता
(b) िािा का य र्मव ोता ै वक ि कभी वकसी को िािनीवत न ीं पढाए
(c) िािा को िािनीवत से दू ि ि ना चाव ए
(d) िािा का र्मव ोता ै वक ि अपनी प्रिा को न सताए
51. इन पंखक्तयों में गोवपयों ने मर्ुकि वकसे क ा ै ?
(a) कृष्ण को
(b) खुद को
(c) उिि को
(d) उपिोक्त सभी को
52. प्रस्तुत पंखक्तयाँ वकस गीत से ली गई ै ?
(a) कृष्ण गीत से
(b) भ्रमि गीत से
(c) उिि गीत से
(d) सूिदास गीत से
निम्ननिखित प्रश्नों कन पढ़कर सही निकल्प छ ाँटकर निखिए -
53. लक्ष्मर् ने र्नुष के टू ट िाने पि कौन-सा तकव वदया ?
(a) र्नुष मािे थे
(b) र्नुष को तोड़ने में आनंद वमल ि ा था
(c) मने बचपन में बहुत र्नुष तोड़ें थे
(d) उपिोक्त में से कोई न ीं
54. ‘कोवट कुवलस सम बचनु तु म्हािा’ य कथन वकसने वकसे क ा ?
(a) पिशु िाम ने लक्ष्मर् को
(b) िाम ने लक्ष्मर् को
(c) लक्ष्मर् ने पिशु िाम को
(d) वििावमत्र ने पिशु िाम को
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