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ितदश -प 2022-23

िवषय िहं दी (आधार)


(िवषय कोड -302)
क ा- बारहवी ं
िनधा रत समय -3 घंटे अिधकतम अंक – 80

सामा और आव क िनदश-
 इस प म दो खंड ह- खंड 'अ' और 'ब'। कुल 13 ह।
 खंड 'अ' म 45 व ुपरक पूछे गए ह, िजनम से केवल 40 ों के उ र दे ने ह।
 खंड 'ब' म वणना क पूछे गए ह। ों के उिचत आं त रक िवक िदए गए ह ।
 ों के उ र िदए गए िनदशों का पालन करते ए दीिजए।
 दोनों खंडों के ों के उ र दे ना अिनवाय है ।
 यथासं भव दोनों खंडों के ों के उ र मशः िल खए।

खंड 'अ' (व ुपरक )


अपिठत ग ां श
1. िन िल खत ग ां श को ानपूवक पढ़कर सवािधक उपयु उ र वाले (1x10=10)
िवक को चुनकर िल खए: -
(शैि क िनिहताथ :- सािह क ि कोण, िव े षण मता, व ु परक यो ता
तथा िनणय मता का उ यन करते ह।)
उपवास और सं यम ये आ ह ा के साधन नही ं ह । भोजन का असली ाद
उसी को िमलता है जो कुछ िदन िबना खाए भी रह सकता है । ' ेन भुं जीथा:',
जीवन का भोग ाग के साथ करो, यह केवल परमाथ का ही उपदे श नहीं है , ोंिक
संयम से भोग करने पर जीवन म जो आनं द ा होता है , वह िनरा भोगी बनकर
भोगने से नही ं िमल पाता िज़ंदगी की दो सू रत ह । एक तो यह िक आदमी बड़े -से-बड़े
मकसद के िलए कोिशश करे , जगमगाती ई जीत पर पंजा डालने के िलए हाथ
बढ़ाए, और अगर असफलताएँ कदम-कदम पर जोश की रोशनी के साथ अं िधयाली
का जाल बुन रही हों, तब भी वह पीछे को पाँ व न हटाए। दू सरी सूरत यह है िक उन
गरीब आ ाओं का हमजोली बन जाए जो न तो ब त अिधक सुख पाती ह और न
िज ब त अिधक दु ख पाने का ही संयोग है, ोंिक वे आ ाएँ ऐसी गोधूिल म
बसती ह जहाँ न तो जीत हँ सती है और न कभी हार के रोने की आवाज़ सु नाई पड़ती
है । इस गोधूिलं वाली दु िनया के लोग बंधे ए घाट का पानी पीते ह, वे िज़ंदगी के साथ
जुआ नहीं खेल सकते। और कौन कहता है िक पूरी िज़ंदगी को दाँ व पर लगा दे ने म
कोई आनं द नहीं है ?
जनमत की उपे ा करके जीने वाला आदमी दु िनया की असली ताकत
होता है और मनु ता को काश भी उसी आदमी से िमलता है । िज़ंदगी से, अं त म,
हम उतना ही पाते ह िजतनी िक उसमे पूँजी लगाते ह। यह पूँजी लगाना िज़ं दगी के
संकटों का सामना करना है, उसके उस प े को उलट कर पढना है िजसके सभी
अ र फूलों से ही नहीं, कुछ अं गारों से भी िलखे गए ह। िज़ंदगी का भे द कुछ उसे ही
मालूम है जो यह जानकार चलता है की िज़ंदगी कभी भी ख़ न होने वाली चीज़ है ।
अरे ! ओ जीवन के साधकों! अगर िकनारे की मरी सीिपयों से ही तु संतोष
हो जाए तो समु के अं तराल म िछपे ए मौ क - कोष को कौन बाहर लाएगा ?
दु िनया म िजतने भी मज़े िबखे रे गए ह उनम तु ारा भी िह ा है । वह चीज़ भी
तु ारी हो सकती है िजसे तुम अपनी प ँच के परे मान कर लौटे जा रहे हो ।
कामना का अं चल छोटा मत करो, िज़ंदगी के फल को दोनों हाथों से दबाकर िनचोड़ो,
रस की िनझरी तु ारे बहाए भी बह सकती है ।
(i) ' ेन भुंजीथा:' कथन से लेखक के की िकस िवशे षता
का बोध होता है?
(क) प रवजन
(ख) प रवतन
(ग) परावतन
(घ) ावतन

(ii) मंिज़ल पर प ँचने का स ा आनंद उसे िमलता है, िजसने उसे -


(क) आन की आन म ा कर िलया हो
(ख) पाने के िलए भरसक यास िकया हो
(ग) हाथ बढ़ा कर मु ी म कर िलया हो
(घ) स ाई से अपने सपनों म बसा िलया हो

(iii) 'गोधूिल' श का ता य है-


(क) गोधेनु
(ख) सं ावे ला
(ग) गगन धूिल
(घ) गोद ली क ा

(iv) 'गोधूिल वाली दु िनया के लोगों से अिभ ाय है -


(क) िववशता और अभाव म जीने वाले
(ख) जीवन को दाँ व पर लगाने वाले
(ग) गायों के खुरों से धूिल उड़ाने वाले
(घ) ि ितज म लािलमा फैलाने वाले

(v) जीवन म असफलताएँ िमलने पर भी साहसी मनु ा करता है ?


(क) िबना डरे आगे बढ़ता है ोंिक डर के आगे जीत है
(ख) पराजय से िनबटने के िलए फूँक-फूँककर कदम आगे रखता है
(ग) अपने िम बंधुओ ं से सलाह और मदद के िवषय म िवचार करता है
(घ) असफलता का कारण ढू ँ ढकर पुनः आगे बढ़ने का यास करता है

(vi) आप कैसे पहचानगे िक कोई साहस की िज़ं दगी जी रहा है?


(क) जनमत की परवाह करने वाला
(ख) िनडर और िनशंक जीने वाला
(ग) श ु के छ े छु ड़ाने वाला
(घ) भागीरथी य करने वाला

(vii) िन िल खत कथनों पर िवचार कीिजए-


(I) ेक प र थित का सामना करने के िलए सदै व तैयार रहना चािहए।
(II) मनु अपने ढ़ मंत व किठन प र म से सव ा की ओर
अ सर रहता है
(III) िवपि सदै व समथ के सम ही आती है , िजससे वह पार उतर
सके।

उप रिल खत कथनों म से कौन-सा / कौन-से सही है / ह?


(क) केवल I
(ख) केवल III
(ग) I और II
(घ) II और III

(viii) 'िज़ं दगी को दाँ व पर लगा दे ने' म कोई आनंद नही ं है? लेखक इससे
िस करना चाहते ह िक िज़ं दगी-
(क) रं गमं च के कलाकारों के समान तीत करनी चािहए।
(ख) म सकारा क प र थितयाँ ही आनं द दान करती ह।
(ग) म ितकूलता का अनुभव जीवनोपयोगी होता है ।
(घ) केवल दु खद थितयों का सामना करवाती है।

(ix) िकन यों को सुख का ाद अिधक िमलता है?


(क) जो अ िधक सुख ा करते ह
(ख) जो सुख-दु ख से दू र होते ह
(ग) जो पहले दु ख झेलते ह
(घ) जो सुख को अ लोगों से साझा करते ह

(x) िन िल खत कथन कारण को ानपूवक पिढ़ए उसके बाद िदए गए


िवक ों म से कोई एक सही िवक चुनकर िल खए -
कथन (A) : ‘िज़ंदगी के फल को दोनों हाथों से दबाकर िनचोड़ो, रस की िनझरी
तु ारे बहाए भी बह सकती है’ ।
कारण ( R) : िज़ंदगी पी फल का रसा ादन करने के िलए दोनों हाथों से
म करना होगा ।

(क) कथन (A) तथा कारण(R) दोनों सही ह तथा कारण कथन की सही
ा ा करता है ।
(ख) कथन (A) गलत है लेिकन कारण(R) सही है।
(ग) कथन (A) तथा कारण(R) दोनों गलत ह।
(घ) कथन (A) सही है लेिकन कारण(R) उसकी गलत ा ा करता है ।
(1x5=5)
िन िल खत प ांशों म से िकसी एक प ांश से संबंिधत ों के उ र सही
2. िवक -चयन ारा दीिजए-
(शैि क िनिहताथ :- सािह क ि कोण, िव े षण मता, व ु परक यो ता
तथा िनणय मता का उ यन करते ह।)

िचिड़या को लाख समझाओ


िक िपंजड़े के बाहर
धरती बड़ी है , िनमम है,
वहाँ हवा म उसे
बाहर जाने का टोटा है
यहाँ चु ा मोटा है ।
बाहर बहे िलये का डर है
यहाँ िनभय कंठ र है।
िफर भी िचिड़या मु का गाना गाएगी,
अपने िज की गंध तक नही ं िमलेगी।
यूँ तो बाहर समु है , नदी है, झरना है ,
पर पानी के िलए भटकना है,
यहाँ कटोरी म भरा जल गटकना है ।
मारे जाने की आशंका से भरे होने पर भी
िपं जड़े से िजतना अं ग िनकल सकेगा िनकालेगी,
हर सू ज़ोर लगाएगी
और िपंजरा टू ट जाने या खुल जाने पर उड़ जाएगी।

(i) िपंजड़े के भीतर िचिड़या को ा- ा सुिवधाएँ उपल ह?


(क) खाने की तं ता, स ान और ेह
(ख) नीर, कनक, आवास और सुर ा
(ग) ार ,पुर ार , भोजन और हवा
(घ) िनि तता, िनभयता, िनयम और नीरसता

(ii) बाहर सुखों का अभाव और ाणों का संकट होने पर भी िचिड़या मु ही


ों चाहती है?
(क) वह अपने प रवार से िमलना चाहती है ।
(ख) वह आज़ाद जीवन जीना पसं द करती है ।
(ग) वह जीवन से मु चाहती है ।
(घ) वह लंबी उड़ान भरना चाहती है ।

(iii) िचिड़या के सम धरती को िनमम बताने का मं त है-


(क) भयावह थित उ करना
(ख) छोटे जीव के ित दया भाव
(ग) बहे िलये से बचाव की ेरणा
(घ) जीवनोपयोगी व ुएँ जुटाने का संघष दशाना

(iv) प ांश का मूल ितपा ा है?


(क) िपंजरे म प ी रखने वालों को सही राह िदखाना
(ख) िपंजड़े के भीतर और बाहर की दु िनया िदखाना
(ग) िपंजरे के प ी की उड़ान और दद से प रिचत कराना
(घ) िपंजरे के प ी के मा म से तं ता का मह बताना

(v) किव के संबंध म इनम से सही है िक वह-


(क) कृित के ित सचे त ह
(ख) िचिड़या की सुर ा चाहते ह
(ग) आज़ादी के समथक ह
(घ) अ -जल की उपयोिगता बताते ह
अथवा
ह ज लेते जगह म एक ही,
एक ही पौधा उ है पालता
रात म उन पर चमकता चाँ द भी,
एक ही-सी चाँ दनी है डालता।
मेह उन पर है बरसता एक-सा,
एक सी उन पर हवाएँ ह बही
पर सदा ही यह िदखाता है हम,
ढं ग उनके एक से होते नहीं।

छे दकर काँटा िकसी की उं गिलयाँ,


फाड़ दे ता है िकसी का वर वसन
ार-डूबी िततिलयों का पर कतर,
भँवर का है भे द दे ता ाम तन।

फूल लेकर िततिलयों को गोद म


भँवर को अपना अनूठा रस िपला,
िनज सु गंधों और िनराले ढं ग से
है सदा दे ता कली का जी खला।

है खटकता एक सबकी आँ ख म
दू सरा है सोहता सु र शीश पर,
िकस तरह कुल की बड़ाई काम दे
जो िकसी म हो बड़ न की कसर।

(i) ु त का ां श िकससे संबंिधत है?


(क) फूल और िततिलयों से
(ख) फूल और पौधे से
(ग) पौधे और चाँ दनी से
(घ) बड़ न की पहचान से

(ii) िन िल खत कथनों पर िवचार कीिजए-


(I) सद्गुणों के कारण ही मानुस ेम का पा बनता है ।
(II) प रवेशगत समानता सदै व अ व था को ज दे ती है ।
(III) भौगोिलक प र थितयाँ ाकृितक िभ ता का कारण ह।
उप रिल खत कथनों म से कौन-सा / कौन-से सही है/ ह?
(क) केवल I
(ख) केवल III
(ग) I और II
(घ) II और III

(iii) इस का ां श से हम ा सीख िमलती है?


(क) मनु के कम उसे िस िदलाते ह।
(ख) समान प रवेश म रहते ए मनु समान आदर पाते ह।
(ग) िकसी भी कुल म ज लेने से ही मनु बड़ा हो सकता है ।
(घ) समान पालन-पोषण होने पर अलग यों के भाव समान होते ह।
(iv) 'फाड़ दे ता है िकसी का वर वसन' म 'वसन' श का अथ है-
(क) सन
(ख) व
(ग) वास
(घ) वासना
(v) किवतानुसार फूल िन म से कौन-सा काय नही ं करता?
(क) भँ वरों को अपना रस िपलाता है ।
(ख) िततिलयों को अपनी गोद म खलाता है ।
(ग) फल बनकर पशु-पि यों और मनु ों का पेट भरता है (1x5=5)
(घ) सुरों के शीश पर सोहता है ।

िन िल खत ों के उ र दे ने के िलए उपयु िवक का चयन कीिजए-


(शैि क िनिहताथ :- जनसं चार मा मों के त ों से प रिचत होते ह।)
(i) मुि त मा मों के लेखन म सहज वाह के िलए ज़ री है--
(क) तारत ता
3. (ख) उपल ता
(ग) एकरे खीयता
(घ) सा ता

(ii) सं बंिधत घटना के बाइट व ािफक ारा खबर को संपूणता से पेश


करना कहलाता है-
(क) एं कर िवजुअल
(ख) एं कर बाइट
(ग) एं कर पैकेज
(घ) डाई एं कर

(iii) छह ककार के िलए उिचत म का चयन कीिजए-


(क) ा, कौन, कहाँ , कब, ों, कैसे
(ख) िकसने, कब, ों, कैसे, कहाँ, िकधर
(ग) कैसे, िकससे, कब, ों, िकतना, कौन
(घ) ों, कैसे, कब, कहाँ , िकससे , िकसने

(iv) कॉलम 'क' का कॉलम 'ख' से उिचत िमलान कीिजए-


कॉलम 'क' कॉलम 'ख'
(i) बीट रपोटर (i) िनवेशक
(ii) फीचर (ii) संवाददाता
(iii) कारोबार (iii) घुटने टे कना
(iv) खेल (iv) कथा क
(क) (i)-(iii), (ii)-(iv), (iii)-(i), (iv)-(ii)
(ख) (i)-(ii), (ii)-(iv), (iii)-(i), (iv)-(iii)
(ग) (i)-(iv), (ii)-(iii), (iii)-(ii), (iv)-(i)
(घ) (i)-(ii), (ii)-(i), (iii)-(iv), (iv)-(iii)

(v) िवशेष लेखन के िलए सबसे ज री बात है-


(क) चील-उड़ान और श -िववे क
(ख) िग - ि और प ा इरादा
(ग) श ावली और उपल याँ
(घ) भावशीलता और बु म ा
(1x5=5)

िन िल खत का ां श को ानपूवक पढ़कर पूछे गए ों के सही उ र वाले


िवक चुिनए-
(शैि क िनिहताथ :- सािह क ि कोण, िव े षण मता, व ु परक यो ता
तथा िनणय मता का उ यन करते ह।)
4.
ात नभ था ब त नीला शंख जैसे
भोर का नभ
राख से लीपा आ चौका
(अभी गीला पड़ा है )
ब त काली िसल ज़रा से लाल केसर से
िक जैसे धुल गई हो
ेट पर या लाल खिड़या चाक
मल दी हो िकसी ने
नील जल म या िकसी की
गौर िझलिमल दे ह
जैसे िहल रही हो।
और...
जादू टू टता है इस उषा का अब
सूय दय हो रहा है ।

(i) नील जल म िकसी की गौर, िझलिमल दे ह जैसे िहल रही हो' म कौन-सा
भाव है?
(क) तरलता का
(ख) िनमलता का
(ग) उ लता का
(घ) सहजता का

(ii) नीले नभ म उदय होता आ सूय िकसके जै सा तीत हो रहा है?


(क) शंख जैसा
(ख) गौरवण य सुंदरी जैसा
(ग) िसं दूर जैसा
(घ) नीले जल जैसा

(iii) इस का ां श म किव ने उषा का कौन-सा िच उप थत िकया है?


(क) छायािच
(ख) रे खािच
(ग) श िच
(घ) िभि िच

(iv) अलंकार की ि से कौन-सा िवक सही है?


(क) ब त नीला शंख जैसे उपमा अलंकार
(ख) जादू टू टता है इस उषा का अब उ े ा अलंकार
(ग) सूय दय हो रहा है पक अलंकार
(घ) गौर िझलिमल दे ह जैसे िहल रही हो अ ो अलंकार

(v) किव ारा भोर को राख का लीपा आ चौ ंका कहना ितपािदत


करता है िक भोर का नभ –

(क) अपनी आभा से चम ृ त कर रहा है । (1x5=5)


(ख)रात के समान गम हवा फैला रहा है ।
(ग)सफ़ेद व नीले वण का अद् भु त िम ण है ।
(घ) नए प रवतन व आयामों का तीक है ।

िन िल खत ग ां श को पढ़कर िदए गए ों के सही उ र वाले िवक को


चुिनए-
(शैि क िनिहताथ :- सािह क ि कोण, िव े षण मता, व ु परक यो ता
तथा िनणय मता का उ यन करते ह।)
5. कािलदास सौंदय के बा आवरण को भेदकर उसके भीतर तक प ँच सकते थे,
दु ख हो िक सुख, वे अपना भाव-रस उस अनास कृिषवल की भाँ ित खी ंच लेते थे,
जो िनदिलत ई ुदंड से रस िनकाल लेता है । कािलदास महान थे, ोंिक वे अनास
रह सके थे। कुछ इसी ेणी की अनास आधुिनक िहं दी किव सुिम ानंदन पंत म
है । किववर रवीं नाथ म यह अनास थी। एक जगह उ ोंने िलखा- 'राजो ान का
िसंह ार िकतना ही अ भेदी ों न हो, उसकी िश कला िकतनी ही सुं दर ों न
हो, वह यह नही ं कहता िक हम म आकर ही सारा रा ा समा हो गया। असल
गंत थान उसे अित म करने के बाद ही है, यही बताना उसका कत है ।' फूल
हो या पेड़, वह अपने-आप म समा नहीं है । वह िकसी अ व ु को िदखाने के
िलए उठी ई अँ गुली है । वह इशारा है ।

(i) कािलदास की सौ ंदय- ि कैसी थी?


(क) थूल और बाहरी
(ख) सू और संपूण
(ग) आस और आडं बरों
(घ) अित म और अ भे दी

(ii) कौन-से गुण के कारण कािलदास, सुिम ानंदन पंत और रवी ं नाथ टै गोर
किवताओं के साथ ाय कर पाए?
(क) गंत ता
(ख) िनदलीयता
(ग) कृिषवलता
(घ) तट थता

(iii) फूलों और पेड़ों से हम जीवन की-------------- की ेरणा िमलती है--


(क) िनरं तरता
(ख) भावपू णता
(ग) समापनता
(घ) अित मणता
(iv) िन िल खत कथन कारण को ानपूवक पिढ़ए उसके बाद िदए गए
िवक ों म से कोई एक सही िवक चुनकर िल खए -
कथन (A) : पु या पेड़ अपने सौंदय से यह बताते ह िक यह सौंदय अं ितम
नही ं है।
कारण ( R) : भारतीय िश कला िवशेष प से िस है । िविभ
किवयों ने इस बात की पुि की है। ।
(क) कथन (A) तथा कारण(R) दोनों सही ह तथा कारण कथन की सही
ा ा करता है ।
(ख) कथन (A) गलत है लेिकन कारण(R) सही है।
(ग) कथन (A) तथा कारण(R) दोनों गलत ह।
(घ) कथन (A) सही है लेिकन कारण(R) उसकी गलत ा ा करता है ।

(v) ग ां श के आधार पर िन िल खत कथनों पर िवचार कीिजए-


(I) कला की कोई सीमा नही ं होती।
(II) िशरीष के वृ को कालजयी अवधूत के समान कहा गया है ।
(III) कािलदास की समानता आधुिनक काल के किवयों के साथ िदखाई
गई है । (1x10=10)
उप रिल खत कथनों म से कौन-सा / कौन-से सही है / ह?
(क) केवल I
(ख) केवल III
(ग) I और II
(घ) I और III

िन िल खत ों के उ र हेतु िनदशानुसार सही िवक का चयन कीिजए-


(शैि क िनिहताथ :- सािह क ि कोण, िव े षण मता, व ु परक यो ता
तथा िनणय मता का उ यन करते ह।)

(i) ‘िस र वेिडं ग' कहानी की मू ल संवेदना आप िकसे मानगे-


6. (क) पा ा सं ृ ित का भाव
(ख) हािशए पर धकेले जाते मानवीय मू
(ग) पीढ़ी अं तराल
(घ) िस र वे िडं ग के प रणाम

(ii) 'िस र वेिडं ग' पाठ म 'जो आ होगा' वा का अथ है-


(क) पा ा िवचारधारा के संदभ म
(ख) प रवार की संरचना के संदभ म
(ग) िकशन दा की मृ ु के संदभ म
(घ) यशोधर बाबू की िनयु के संदभ म

(iii) दादा को ज ी ों लगाना चाहते थे?


(क) काम ज ी समा करने के िलए
(ख) दू सरी फसल के िलए
(ग) गुड़ की ादा कीमत के िलए
(घ) खेत म पानी दे ने के िलए

(iv) 'जूझ' उप ास मूलतः िकस भाषा म िलखा गया है?


(क) िहं दी
(ख) अं ेज़ी
(ग) मराठी
(घ) गुजराती

(v) लेखक आनंद यादव की माँ के अनुसार पढ़ाई की बात करने पर लेखक का
िपता कैसे गुराता है?
(क) कु े के समान
(ख) शेर के समान
(ग) जंगली सूअर के समान
(घ) चीते के समान
(vi) िसंधु घाटी की स ता के संबंध म कौन सा कथन सही नही ं है?
(क) िसं धु घाटी की स ता ाचीनतम स ता थी ।
(ख) िसं धु घाटी की स ता आडं बरहीन स ता थी।
(ग) िसं धु घाटी की स ता छोटी होते ए भी महान थी।
(घ) िसं धु घाटी की स ता म राजतं थािपत नही ं था।

(vii) िन िल खत कथनों पर िवचार कीिजए-


(i) महाकुंड ूप म उ र और दि ण से सीिढ़याँ उतरती ह।
(ii) मोहनजोदड़ो स ता म सूत की कताई, बुनाई और रं गाई भी होती थी।
(iii) िसं धु घाटी स ता म जल िनकासी की व था अ ं त बुरी थी।
(iv) मोहनजोदड़ो से िमला नरे श के िसर का मुकुट ब त छोटा था।

उप रिल खत कथनों म से कौन-सा / कौन-से सही है / ह?


(क) केवल I
(ख) केवल III
(ग) I,II और III
(घ) I,II और IV

(viii) राखालदास बनज कौन थे?


(क) िश क
(ख) िभ ुक
(ग) पुरात वे ा
(घ) ापारी

(ix) जू झ' कहानी लेखक की िकस वृ ि को उद् घािटत करती है?


(क) किवता करने की वृि
(ख) पढ़ने की वृि
(ग) लेखन की वृि
(घ) संघषमयी वृि

(x) िकशोर दा के रटायर होने पर यशोधर बाबू उनकी सहायता ों नही ं कर


पाए थे?
(क) यशोधर बाबू की प ी िकशन दा से नाराज़ थी।
(ख) यशोधर बाबू का अपना प रवार था, िजसे वे नाराज़ नही ं करना चाहते थे।
(ग) यशोधर बाबू के घर म िकशन दा के िलए थान का अभाव था।
(घ) िकशन दा को यशोधर बाबू ने अपने घर म थान दे ना चाहा था, िजसे िकशन दा ने
ीकार नही ं िकया।

खंड 'ब' -(वणना क )


7. िदए गए चार अ ािशत िवषयों म से िकसी एक िवषय पर लगभग 120 श ों (6x1=6)
म रचना क लेख िल खए –
(शैि क िनिहताथ :- लेखन कौशल, सृजना कता तथा अिभ को
अवसर िमलता है ।)
(क) लोकतं म मीिडया की भू िमका
(ख) िदया और तूफ़ान : मानव जीवन का स
(ग) झरोखे से बाहर
(घ) आज़ादी का अमृत महो व: िणम 75 साल (3×2=6)

िक ी दो ों के उ र लगभग 60 श ों म दीिजए-
(शैि क िनिहताथ :- लेखन कौशल तथा सािह क िवधाओं के ावहा रक,
8.
सृजना क तथा औपचा रक पों की अिभ व समझ िवकिसत होती
है ।)
(क) 'कहानीकार ारा कहानी के संगों या पा ों के मानिसक ं ों के िववरण के
ों की नाटकीय ुित म काफ़ी सम ा आती है ।' इस कथन के संदभ म
ना पां तरण की िक ी ं तीन चुनौितयों का उ ेख कीिजए।
(ख) रे िडयो मा म है । यह िन के मा म से ही सं ेषण करता है। इसिलए
नाटक म िन सं केतों का िविश मह है । रे िडयो नाटक म िन संकेतों की (4×2=8)
मह ा करते ए कोई तीन िबंदु अव िल खए।
(ग) रट॔ त या कुटे व को बुरी लत ों कहा गया है? नए और अ ािशत िवषयों पर
लेखन ारा इस लत से कैसे बचा जा सकता है?

िन िल खत तीन म से िक ी दो ों के उ र लगभग 80 श ों म िल खए-


9. (शैि क िनिहताथ :- लेखन कौशल के ावहा रक, सृजना क तथा
औपचा रक पों की अिभ व समझ िवकिसत होती है ।) (3×2=6)
(क) समाचार लेखन की एक िवशेष शैली होती है । इस शैली का नाम बताते ए
समाचार लेखन की इस शैली को कीिजए।
(ख) बीट रपोिटग और िवशेषीकृत रपोिटग के अं तर को कीिजए।
(ग) फीचर ा है? फीचर को प रभािषत करते ए अ े फीचर की िक ी तीन
िवशेषताओं का उ ेख कीिजए।

का खंड पर आधा रत िन िल खत तीन ों म से िक ी ं दो ों के उ र


10. लगभग 60 श ों म िल खए-
(शैि क िनिहताथ :- सािह की समझ, आलोचना क ि तथा सृजन की (2×2=4)
संभावनाओं को गित िमलती है ।)
(क) 'आ प रचय' किवता म किव ने अपने जीवन म िकन पर र िवरोधी बातों का
सामंज िबठाने की बात की है ?
(ख) 'रस का अ यपा ' से किव ने रचनाकम की िकन िवशेषताओं की ओर इं िगत
िकया है ?
(ग) 'िव व-रव से छोटे ही ह शोभा पाते ' पं म 'िव व' से ा ता य है? 'छोटे ही
ह शोभा पाते' ऐसा ों कहा गया है ? (3x2=6)

का खंड पर आधा रत तीन ों म से िक ी दो ों के उ र लगभग 40


श ों म िल खए-
11.
(शैि क िनिहताथ :- सािह की समझ, आलोचना क ि तथा सृजन की
संभावनाओं को गित िमलती है ।)
(क) 'पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे ह'-ब ों का उड़ान से कैसा संबंध है?
(ख) बात और भाषा पर र जुड़े होते है िकंतु कभी-कभी भाषा के च र म सीधी
बात भी टे ढ़ी हो जाती है कैसे?
(ग) किवतावली के छं दों के आधार पर कर िक तु लसीदास को अपने यु ग की
आिथक िवषमता की अ ी समझ है । (2x2=4)

ग खंड पर आधा रत िन िल खत तीन ों म से िक ी ं दो ों के उ र


लगभग 60 श ों म िल खए-
(शैि क िनिहताथ :- सािह की समझ, आलोचना क ि तथा सृजन की
12. संभावनाओं को गित िमलती है ।)
(क) बाजार िकसी का िलंग, जाित, धम, े नहीं दे खता, बस दे खता है िसफ़ उसकी
यश को, और इस प म वह एक कार से सामािजक समता की भी
रचना कर रहा है ।आप इस कथन से कहाँ तक सहमत ह? करके िल खए।
(ख) कहानी के िकस-िकस मोड़ पर लु न के जीवन म ा- ा प रवतन आए?

(ग) जाित- था भारतीय समाज म बेरोजगारी और भुखमरी का भी एक कारण कैसे


बनती जा रही है ? ा यह थित आज भी है ? कीिजए।
ग खंड पर आधा रत िन िल खत तीन ों म से िक ी दो ों के उ र
लगभग 40 श ों म िल खए-
(शैि क िनिहताथ :- सािह की समझ, आलोचना क ि तथा सृजन की
संभावनाओं को गित िमलती है ।)
13.
(क) लेखक ने िशरीष को कालजयी अवधूत (सं ासी) की तरह ों माना है?
(ख) लोगों ने लड़कों की टोली को मढक-मडली नाम िकस आधार पर िदया?
यह टोली अपने आप को इं सेना कहकर ों बुलाती थी?
(ग) भ नअ ी है, यह कहना किठन होगा, ोंिक उसम दु गुणों का अभाव नहीं।
ले खका ने ऐसा ों कहा होगा?

*******
ितदश प 2022-23
िवषय- िहं दी (आधार)
क ा -12

अंक योजना
िनधा रत समय -- 3 घंटे अिधकतम अंक—80
सामा िनदश :-
 अंक योजना का उ े मू ां कन को अिधकािधक व ु िन बनाना है ।
 खंड- अ म िदए गए व ु परक ों के उ रों का मू ांकन िनिद अंक योजना के आधार पर ही िकया
जाए
 खंड -ब म वणना क ों के अंक योजना म िदए गए उ र िबंदु अंितम नही ं ह। ये सुझावा क एवं
सांकेितक ह।
 यिद परी ाथ इन सांकेितक िबंदुओ ं से िभ , िक ु उपयु उ र दे तो उसे अंक िदए जाएँ ।
 मू ां कन काय िनजी ा ा के अनुसार नही ं, ब अंक-योजना म िनिद िनदशानु सार ही िकया
जाए।

खंड --अ व ुपरक ों के उ र


म सं ा उ र अंक
िवभाजन
1. (i) (क) प रवजन 1
(ii) (ख) पाने के िलए भरसक यास िकया हो 1
(iii) (ख) सं ावे ला 1
(iv) (क) िववशता और अभाव म जीने वाले 1

(v) (घ) असफलता का कारण ढू ँ ढकर पुनः आगे बढ़ने का यास करता है 1
(vi) (ख) िनडर और िनशंक जीने वाला 1

(vii) (ग) I और II 1

(viii (ग) म ितकूलता का अनु भव जीवनोपयोगी होता है। 1


)
(ix) (ग) जो पहले दु ख झेलते ह 1

(x) (क) कथन (A) तथा कारण(R) दोनों सही ह तथा कारण 1
कथन की सही ा ा करता है।

2. (i) (ख) नीर, कनक, आवास और सुर ा 1

(ii) (ख) वह आज़ाद जीवन जीना पसं द करती है । 1

(iii) (क) भयावह थित उ करना 1


(iv) (घ) िपं जरे के प ी के मा म से तं ता का मह बताना 1

(v) (ग) आज़ादी के समथक ह 1


अथवा
(i) (घ) बड़ न की पहचान से 1

(ii) (क) केवल I 1

(iii) (क) मनु के कम उसे िस िदलाते ह। 1


(iv) (ख) व 1
(v) (ग) फल बनकर पशु-पि यों और मनु ों का पेट भरता है 1

3. (i) (क) तारत ता 1


(ii) (ग) एं कर पैकेज 1
(iii) (क) ा, कौन, कहाँ, कब, ों, कैसे 1
(iv) (ख) (i)-(ii), (ii)-(iv), (iii)-(i), (iv)-(iii) 1
(v) (ख) िग - ि और प ा इरादा 1
4. (i) (ख) िनमलता का 1
(ii) (ख) गौरवण य सुंदरी जैसा 1
(iii) (ग) श िच 1
(iv) (क) ब त नीला शंख जैसे उपमा 1
अलंकार
(v) (ग)सफ़ेद व नीले वण का अद् भु त िम ण है । 1

5. (i) (ख) सू और संपूण 1


(ii) (घ) तट थता 1
(iii) (क) िनरं तरता 1
(iv) (घ) कथन (A) सही है लेिकन कारण(R) उसकी गलत 1
ा ा करता है ।

(v) (घ) I और III 1

6. (i) (ग) पीढ़ी अं तराल 1


(ii) (ग) िकशन दा की मृ ु के संदभ म 1
(iii) (ग) गुड़ की ादा कीमत के िलए 1
(iv) (ग) मराठी 1
(v) (ग) जंगली सूअर के समान 1
(vi) (घ) िसंधु घाटी की स ता म राजतं थािपत नहीं था। 1
(vii) (घ) I,II और IV 1
(viii (ग) पुरात वे ा 1
)
(ix) (घ) संघषमयी वृि 1
(x) (ख) यशोधर बाबू का अपना प रवार था, िजसे वे नाराज नही ं करना 1
चाहते थे।
खंड 'ब' -(वणना क )
7. िकसी एक िवषय पर लगभग 120 श ों म रचना क लेख (6x1=6)
िल खए:- आरं भ —1 अंक
िवषयव ु --3 अंक
ुित -- 1 अंक
भाषा -- 1 अंक
8. (क) ना पांतरण की चुनौितयां :- (3×2=6)
 पा ों के मनोभावों की
 मानिसक ं के ों की
 पा ों की सोच के ु तीकरण की
उदाहरण के िलए ईदगाह कहानी का वह िह ा जहाँ हािमद इस
ं द म है िक ा खरीदे , ा ना खरीदे
(ख) रे िडयो नाटक म िन संकेतों की मह ा
 मंच नाटक लेखन, िफ़ की पटकथा और रे िडयो नाटक
लेखन म काफी समानता
 रे िडयो म िन भावों व संवादों के ज़ रये ही का माहौल
पैदा िकया जाना
 इसिलए संवाद व िन सबसे मह पूण होना
 की जगह कट/िह ा िलखा जाना
 ों को िन -संकेतों से िदखाया जाना
(ग) रटं त का अथ है-दू सरों के ारा तैयार साम ी को याद करके
ों- का- ों ु त कर दे ने की आदत।
लत कहे जाने के कारण-
 असली अ ास का मौका ना िमलना
 भावों की मौिलकता समा हो जाना
 िचं तन-श ीण होना
 सोचने की मता म कमी होना
• दू सरों के िलखे पर आि त होना
अ ािशत िवषयों पर लेखन ारा इस लत से बचा जा सकता
है ोंिक इससे अिभ की मता िवकिसत होती है । नए
िवषयों पर िवचार अिभ से मानिसक और आ क िवकास
होता है ।
9. (क) समाचार लेखन की एक िवशेष शैली का नाम 'उलटा िपरािमड (4×2=8)
शैली' है, िजसम ाइमै िब ु ल आ खर म आता है । इसे
उ ा िपरािमड इसिलए कहा जाता है ोंिक इसम सबसे
मह पू ण त या सूचना सबसे पहले दी जाती है और त ात
उससे कम मह पूण और िफर सबसे कम मह पू ण समाचार
िलए जाते ह। इसम इं टो, बॉडी और समापन समाचार ु ित के
तीन चरण होते ह।
(ख)  बीट रपोटर को संवाददाता और िवशेषीकृत रपोटर को
िवशेष संवाददाता कहते ह।
 बीट रपोटर को अपने े की जानकारी और उसम
िदलच ी होना ही पया है । उसे केवल सामा खबर ही
िलखनी पड़ती ह जबिक िवशेषीकृत रपोटर को अपने
िवषय- े की घटनाओं, मु ों व सम ाओं का बारीक
िव े षण करके उसका अथ भी करना होता है ।
 बीट की रपोिटग के िलए संवाददाता म उस े के बारे म
जानकारी और िदलच ी का होना पया है लेिकन
िवशेषीकृत रपोिटग म सामा खबरों से आगे बढ़कर उस
िवशेष े या िवषय से जु ड़ी घटनाओं मु ों और सम ाओं
का बारीकी से िव े षण करना आव क है ।
 बीट रपोिटग और िवशेषीकृत रपोिटग से संबंिधत उदाहरण
भी िदए जा सकते ह।
(ग) फीचर एक सु व थत सृजना क और आ क लेखन है िजसका
उ े पाठकों को सूचना दे ने, िशि त करने के साथ-साथ मु
प से उनका मनोरं जन करना होता है ।
फीचर समाचार की तरह पाठकों को ता ािलक घटना म से
अवगत नही ं कराता।
समाचारों से िवपरीत फीचर म लेखक के पास अपनी राय या
ि कोण और भावनाएँ जािहर करने का अवसर होता है ।
फीचर लेखन कथा क शैली म िकया जाता है ।
10. (क)  किव का सांसा रक किठनाइयों से जू झने पर भी इस जीवन (3×2=6)
से ार करना।
 संसार और िवपरीत प र थितयों की परवाह ना करना
 उसे संसार का अपूण लगना
 अपने सपनों का अलग ही संसार िलए िफरना
(ख)  रचना कम का अ यपा कभी खाली नही ं होता।
 रचना कम अिवनाशी और कालजयी ।
 किव की रचनाएँ हमे शा अमर रहती ह ।पाठकों को अ ा
संदेश और जीवन म सही माग िदखाती ह।
 बार-बार पढ़े जाने पर भी किवता का रस समा ना होना।
 इ ी ं िवशेषताओं के कारण रचना कम को रस का अ यपा
कहना
(ग)  'िव व-रव' से किव का ता य ांित से है।
 ांित गरीब लोगों या आम जनता म जोश भर दे ती है ।
 गरीब और आम जनता ही शोषण का िशकार होती है ।
 समाज म ांित इ ी ं से आरं भ होती है, इसीिलए यही ांित
के जनक होते ह।
 ांित का आगाज होते ही ये नए और सु नहरे भिव के
सपने संजोने लगते ह, िजसकी चमक इनके चेहरे पर
ि गोचर होना।
 इसीिलए छोटे ही ांित (िव व- रव) के समय शोभा पाते
ह।
11. (क)  ब ों को पतं ग का ब त ि य होना (2×2=4)
 आकाश म उड़ती पतं ग दे खकर ब ों के मन का उड़ान
भरना
 पतं ग की भाँ ित बालमन का ऊँचाइयों को छूने की चाह
 आसमान से पार जाने की चाह
 पतं ग की उड़ान का ब ों के रं ग-िबरं गे सपने के समान होना
 बालकों का मन चंचल होना
(ख)  बात भाव है और भाषा उसे कट करने का मा म।
 बात और भाषा म चोली-दामन का साथ
 कभी-कभी भाषा के च र म सीधी बात भी टे ढ़ी होना।
 मनु का श ों के चम ार म उलझकर इस गलतफहमी
का िशकार होना िक किठन और नए श ों के योग से
अिधक भावशाली ढं ग से बात कही जाती है ।
 भाव को भाषा का साधन बना ले ना।
 भाव की अपे ा भाषा पर अिधक ान िदए जाने के कारण
भाव की गहराई समा होना।
(ग) तुलसीदास को अपने युग की आिथक िवषमता की अ ी समझ
थी ोंिक ‘किवतावली’ म उनके ारा-
 समकालीन समाज का यथाथ िच ण
 समाज के िविभ वग का िच ण
 गरीबी के कारण लोगों ारा अपनी संतान तक बेच दे ने का
वणन
 द र ता पी रावण का हाहाकार िदखाना
 िकसानों की हीन दशा का मािमक वणन
12. (क) उिचत ीकरण पर उिचत अंक िदए जाएँ (3x2=6)
हम इस कथन से पूणतः सहमत ह ोंिक -
 बाजार िकसी का िलंग, जाित, धम और े नही ं दे खता
िसफ़ ाहक की य-श दे खता है ।
 उसे इस बात से कोई मतलब नही ं िक खरीदार औरत है या
मद, िहं दू है या मु सलमान,उसकी जाित ा है या वह िकस
े -िवशेष से है ।
 यहाँ हर ाहक है ।
 आज जबिक जीवन के हर े म भेदभाव है ऐसे म बाज़ार
हर एक को समान मानता है ।
 बाजार का काम है व ुओ ं का िव य,उसे तो ाहक चािहए
िफर चाहे वह कोई भी हो।
इस कार यह सामािजक समता की भी रचना कर रहा है
(ख) कहानी के आरं भ म लु न के माता-िपता का चल बसना और
सास ारा पालन-पोषण िकया जाना।
कहानी के म म दं गल जीतकर उसका मश र पहलवान बन
जाना, सुख-सुिवधा के सब सामान पास होना, दो जवान बेटों
का िपता बन जाना पर प ी का ग िसधारना।
कहानी के अंत म है जे से दोनों बेटों की मृ ु और यं भी है जे
का िशकार होकर संसार से चला जाना।
(ग)  जाित- था के बंधन के कारण मनु को अपना पेशा बदलने
की तं ता नही ं होती।
 इसी कारण उसे भूखों मरने तक की नौबत आ जाती है।
 जाित- था पैतृक पेशा अपनाने पर ज़ोर दे ती है, भले ही वह
इस पेशे म पारं गत ना हो।
 जाित- था को पेशे िवशेष से बाँ धकर रखती है, जो
समाज म बेरोज़गारी और भुखमरी का कारण बनता है ।
आज समाज की थित म प रवतन आ रहा है । आज को
अपना पेशा चुनने और बदलने का अिधकार है ।
13. (क)  सं ासी की तरह ही सुख-दु ख की परवाह ना करना (2x2=4)
 जीवन की अजे यता के मं की घोषणा करना
 बाहर की गम ,धूप,बा रश से भािवत ना होना
 धैय के साथ ितकूल प र थितयों म अजेय जीवन तीत
करना
 भावनाओं की भीषण गम म भी अजे य रहना
(ख)  गाँ व के लोगों का िकशोर लड़कों की उछल-कूद से िचढ़ना
 उनकी वजह से होने वाले सड़क के कीचड़ से िचढ़ना
 इं सेना कहे जाने के कारण
 भगवान इं से वषा की िवनती करना
 यं को इं की सेना के सैिनक मानना
(ग) भ न भोली-भाली,बु मान, सेवाभाव वाली थी िकंतु उसकी
भ म कुछ दु गुण भी थे,
जै से- पैसों को भंडार घर की मटकी म छु पाकर रखना
ले खका से बेवजह तक-िवतक करना
ले खका से झूठ बोलना
शा ों म िलखी बातों की ा ा अपने अनुसार करना

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