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SUMMER ASSIGNMENT
2023-24
Grade: 10
Subject: Hindi
प्रश्न 1 ननम्नलिखित गदयांश को ध्यनपर्
ू कव पढ़कर पछ
ू े गए प्रश्नों के उत्तर के सही वर्कल्प
चनु नए -
(अ) सबसे उच्च जीर्न मयनर् जीर्न मयनय गय है । बुदधि के कयरण नहीां, बुदधि तो पशु
के भी हहस्से में आई है ककन्तु वर्र्ेक से सस
ु ज्जजत केर्ि मयनर् जीर्न है । वर्र्ेक की
आर्श्कतय इसी श्रेष्टतय की रक्षय के लिए कदयधचत आर्श्क थी। सत् की आरयिनय
भज्तत है और भज्तत ‘लसर हथेिी पर िेकर चिने कय सौदय है ’ अथर्य र्ह हरर कय
मयगव है , ज्जसमें कयरतय की गज
ुां यइश नहीां है । ज्जसमें हयर नयम की कोई चीज़ नहीां
है । र्ह तो मर कर जीने कय मांत्र है । सत् और अहहांसय कय मयगव ज्जतनय सीिय है
उतनय ही तांग भी, ियाँडे की ियर पर चिने के समयन है । नट ज्जस डोर पर सयर्ियनी
से नज़र रिकर चि सकतय है , सत् और अहहांसय की डोर उससे भी पतिी है । ज़रय
चूके कक नीचे धगरे । इस चूक की सांभयर्नय इतनी अधिक होती है कक इस मयगव पर
चिनय असांभर् होतय है । पि-पि सयिनय से ही सत् के दशवन होते हैं। िेककन सत्
के सांपण
ू व दशवन तो इस दे ह से असांभर् हैं। उसकी केर्ि कल्पनय ही की जय सकती है ।
क्षणभांगुर दे ह दर्यरय शयश्र्त िमव कय सयक्षयत्कयर सांभर् नहीां होतय। अत: अांत में श्रदिय
के उपोग की आर्श्कतय तो रह ही जयती है । इसी से अहहांसय ज्जज्ञयसु के पल्िे
पडी। ज्जज्ञयसु के सयमने ह सर्यि पैदय हुआ कक अपने मयगव में आने र्यिे सांकटों को
सहे य उसके ननलमत्त जो नयश करनय पडे, र्ह करतय जयए और आगे बढ़े । उसने दे िय
कक नयश करते चिने पर र्ह आगे नहीां बढ़तय, दर-कय-दर पर ही रह जयतय है। सांकट
सहकर आगे तो बढ़तय है ।
(i) कयरतय की गज
ुां यइश ककसमें नहीां है ?
(क) सत् में (ि) असत् में
(ग) अहहांसय में (घ) िमव में
ब प्रनतभय ककसी की मोहतयज नहीां होती। इसके आगे सयरी समस्यएाँ बौनी हैं। िेककन
समस्य एक प्रनतभय को िुद दस
ू री प्रनतभय से होती है। बहुमुिी प्रनतभय कय होनय,
अपने भीतर एक प्रनतभय की बजय दस ू री प्रनतभय को िडय करनय है । इससे हमयरय
नुकसयन होतय है । ककतनय और कैसे?
मन की दनु नय की एक वर्शेर्ज्ञय कहती हैं कक बहुमुिी होनय आसयन है , बजयए एक
ियस वर्र् के वर्शेर्ज्ञ होने की ति
ु नय में। बहुमि
ु ी िोक स्पियव से घबरयते हैं। कई
वर्र्ों पर उनकी पकड इसलिए होती है तोंकक र्े एक में स्पियव होने पर दस
ू रे की
ओर भयगते हैं र्े आिोचनय से भी डरते हैं और अपने कयम में तयरीफ ही तयरीफ सुननय
चयहते हैं। बहुमि ु ी िोगों से सबसे महयन मयने जयने र्यिे मयइकि एांजेिो से िेकर
अपने हयाँ रर्ीांद्रनयथ टै गोर जैसे कई िोग हैं। िेककन आज ऐसे िोगों की पूछ-परि
कम होती है । ऐसे िोग प्रनतभयशयिी आज भी मयने जयते हैं िेककन असफि होने की
आशय उनके लिए अधिक है । आज र्े िोग ‘वर्ांची लसांड्रोम’ से पीड़डत मयने जयते हैं,
ज्जनकी पकड दो-तीन य इससे जयदय क्षेत्रों में हो िेककन हर क्षेत्र में उनसे बेहतर
उम्मीदर्यर मौजूद हों। बहुमि
ु ी प्रनतभय र्यिे िोगों के भीतर कई कयमों को सयकयर
करने की इच्छय बहुत तीव्र होती है ज्जसकी उत्सक ु तय उन्हें एक से दस
ू रे क्षेत्र में हयथ
आज़मयने की बयध् करती है। समस्य तब होती है , जब ह हयथ आजमयनय दिि
करने जैसय हो जयतय है र्े नय इिर के रहते है नय उिर के।
(i) बहमुिी प्रनतभय तय है ? प्रनतभय से समस्य कब, कैसे हो जयती है ?
ु
(ii) बहमुिी प्रनतभय र्यिों की ककन कलमों की ओर सांकेत है ?
ु
(iii) बहमुिी प्रनतभयधगों की पकड ककन क्षेत्रों में होती है और उनकी असफितय की
ु
सांभयर्नय तों है ?
(iv) ऐसे िोगों कय स्र्भयर् कैसय होतय है और र्े प्रयः सफि तों नहीां हो पयते ?
(v) आश स्पष्ट कीज्जए: "प्रनतभय ककसी की मोहतयज नहीां होती।"
पदबांि
(1) ततयाँरय कय यचनय भरय चेहरय उसकी आाँिों में तैर जयतय।- रे ियांककत में पदबांि
कय भेद है
(क) सर्वनयम (ि) कक्रय
(ग) वर्शेर्ण (घ) सांज्ञय
(2) आभय पररश्रमी और होलशयर िडकी है। रे ियांककत में पदबांि कय भेद है
(क) सांज्ञय (ि) सर्वनयम
(ग) वर्शेर्ण (घ) कक्रय
(3) सयमने के मकयन में रहने र्यिय िडकय अच्छय नहीां है । रे ियांककत में पदबांि कय
भेद है -
(क) सर्वनयम (ि) सांज्ञय
(ग) कक्रय (घ) वर्शेर्ण
(4) फूिों पर भाँर्रे मांडरय रहे हैं। रे ियांककत में पदबांि कय भेद है -
(क) कक्रयवर्शेर्ण (ि) कक्रय
(ग) वर्शेर्ण (घ) वर्शेर्ण
(5) ननरां तर बहतय जि पवर्त्र होतय है। रे ियांककत में पदबांि कय भेद है -
(क) सर्वनयम पदबांि (ि) वर्शेर्ण पदबांि
(ग) सांज्ञय पदबांि (घ) कक्रयवर्शेर्ण पदबांि
(6) ताँतयरय की तिर्यर एक वर्िक्षण रहस् थी।' इस र्यत में से सांज्ञय पदबांि
छयाँहटए।
(क) तिर्यर एक (ि) ताँतयरय की तिर्यर
(ग) रहस् थी (घ) वर्िक्षण रहस्
(7) 'कबूतर परे शयनी में इिर-उिर फडफडय रहे थे।" रे ियांककत पदबांि कय प्रकयर है -
(क) सर्वनयम पदबांि (ि) कक्रय पदबांि
(ग) कक्रयवर्शेर्ण पदबांि (घ) वर्शेर्ण पदबांि
(8) बढ़ती हुई आबयहदों ने समांदर को पीछे सरकयनय शुरू कर हदय है । रे ियांककत
पदबांि कय प्रकयर है -
(क) वर्शेर्ण पदबांि (ि) सर्वनयम पदबांि
(ग) कक्रय पदबांि (घ) सांज्ञय पदबांि
रचनय के आियर पर र्यत भेद
प्रश्न 1 - 'मैं जैसय चयह रहय थय, र्ैसय ही सब कुछ होतय जय रहय थय।' र्यत कय भेद
है -
(क) सरि र्यत (ि) लमश्र र्यत
(ग) सांुतत र्यत (घ) प्रश्नर्यचक र्यत
प्रश्न 2 - 'जैसे ही घांटी बजी, र्ैसे ही सभी छयत्र बयहर आ गए।' र्यत कय सांुतत
र्यत में रूपयांतरण है -
(क) घांटी बजी सभी छयत्र बयहर आ गए।
(ि) तोंकक घांटी बजी थी इसलिए सभी छयत्र बयहर आ गए।
(ग) घांटी बजी और सभी छयत्र बयहर आ गए।
(घ) इन में से कोई नहीां
प्रश्न 3 - 'तोंकक अधिकयररों की लमिीभगत थी, इसलिए हरे पेड कयटे जय रहे थे।'
र्यत कय सरि रूप है -
(क) अधिकयररों की लमिीभगत थी तभी हरे पेड कयटे जय रहे थे।
(ि) हरे पेड कयटे जय रहे थेतोंकक अधिकयररों की लमिीभगत थी।
(ग) अधिकयररों लमिे हुए होने के कयरण हरे पेड कयटे जय रहे थे।
(घ) अधिकयररों की लमिीभगत से हरे पेड कयटे जय रहे थे।
प्रश्न 4 - 'इसी जगह पर कभी मांहदर हुआ करतय थय।' र्यत कय लमश्र र्यत
रूपयांतरण होगय-
(क) जगह र्ही है जहयाँ कभी मांहदर हुआ करतय थय।
(ि) ही र्ह जगह है , जहयाँ पर कभी मांहदर हुआ करतय थय।
(ग) इसी जगह पर कभी मांहदर कय ननमयवण हुआ करतय थय।
(घ) इसी जगह पर कभी मांहदर में पूजय की जयती थी।
प्रश्न 5 - 'गयाँर् में एक ऐसय कुआाँ थय ज्जसके चयरों ओर ककयररयाँ थी।' र्यत कय
सांुतत र्यत रूपयांतरण होगय-
(क) गयाँर् में कुआाँ थय ज्जसके चयरों ओर ककसी ने सन्
ु दर ककयररयाँ बनय दी थी।
(ि) एक ऐसय कुआाँ थय ज्जसके चयरों ओर ककयररयाँ थी।
(ग) गयाँर् में एक ऐसय कुआाँ भी थय ज्जसके चयरों ओर ककयररयाँ बनयई गई थी।
(घ) गयाँर् में एक कुआाँ थय और उसके चयरों ओर ककयररयाँ थी।
प्रश्न 6 - 'टीबी के ज्जस मरीज ने दर्य कय परू य कोसव ककय थय। र्ह स्र्स्थ हो
गय।' र्यत सांुतत र्यत रूपयांतरण होगय-
(क) टीबी के मरीज ने दर्य कय पूरय कोसव ककय और र्ह स्र्स्थ हो गय।
(ि) टीबी के ज्जस मरीज ने दर्य कय पूरय कोसव ककय थय उसे अस्पतयि से छुट्टी
हो गई।
(ग) टीबी के मरीज ने पूरी दर्य िी थी व्ह जल्द ही स्र्स्थ हो गय।
(घ) टीबी के ज्जस मरीज को दर्य सम पर दी जय रही थी। र्ह स्र्स्थ हो गय।
प्रश्न 7 - 'हद आप घर आएाँ तो आपसे बयत हो।' र्यत सांत
ु त र्यत रूपयांतरण
होगय-
(क) तोंकक आप घर आएाँ इसलिए आपसे बयत हो।
(ि) आप घर आएाँ हो तो आपसे बयत हो रही है ।
(ग) आप घर आएाँ और बयत कीज्जए।
(घ) आप घर आएाँगे तो हम आपसे बयत करें गे।
प्रश्न 8 - ' टीबी के मरीज ने दर्य कय पूरय कोसव ककय और र्ह स्र्स्थ हो गय।'
र्यत सांबधां ित है -
(क) सांत
ु त र्यत से (ि) सरि र्यत से
(ग) लमश्र र्यत से (घ) प्रश्न र्यत से
प्रश्न 9 - 'वर्दयि में पढ़यई बांद हो गई और हम घर िौट आए। ' र्यत कय लमश्र
र्यत रूपयांतरण है -
(क) तोंकक वर्दयि में पढ़यई बांद हो गई थी तभी हम घर िौट आए।
(ि) जब वर्दयि में पढ़यई बांद हो गई तब हम घर िौट आए।
(ग) जैसे ही वर्दयि में पढ़यई बांद होनी थी हमें घर िौट कर आनय थय।
(घ) उपरोतत कोई नहीां
प्रश्न 10 - 'र्े मेरे वपतय जी हैं और कुसी पर बैठे हैं।' र्यत कय लमश्र र्यत
रूपयांतरण होगय-
(क) मेरे वपतय जी र्े हैं जो कुसी पर बैठे हैं।
(ि) कुसी पर बैठे हुए मेरे वपतय जी हैं ।
(ग) मेरे वपतय जी को कुसी पर बैठनय अच्छय िगतय है ।
(घ) कुसी पर बैठे रहनय वपतय जी कय स्र्भयर् है।
समास
2.(क) आप सुशीिय/सश
ु ीि हैं। आप वर्दयि की फुटबॉि टीम के कप्तयन हैं। रयज
स्तर पर आपकी टीम ने ट्रॉफी जीती है। इसकी जयनकयरी दे ते हुए प्रियनयचययव को
िगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिएI
(ि) आप ननखिि/अखििय हैं। दरू दशवन केंद्र के ननदे शक को ककसी वर्शेर् कयवक्रम
की सरयहनय करते हुए िगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए ।
3. (क) कोई कांपनी बयज़यर में नय 'जोमैट्री बॉतस' उतयरनय चयहती है। कांपनी की
ओर से एक वर्ज्ञयपन िगभग 60 शब्दों में तैयर कीज्जए ।
(ि) प्रदर्
ू ण पर रोकथयम िगयने के लिए भयरत सरकयर के पयवर्रण मांत्रयि की
ओर से एक वर्ज्ञयपन िगभग 60 शब्दों में तैयर कीज्जए ।
(ग) िोगों में सयमयज्जक दरू ी बनयए रिने और मयस्क कय प्रोग करने के लिए प्रेररत
करने र्यिय एक वर्ज्ञयपन िगभग 60 शब्दों में स्र्यस्् मांत्रयि की ओर से तैयर
कीज्जए।