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केंद्रीम विद्मारम सॊगठन, अहभदाफाद सॊबाग

KENDRIYA VIDYALAYA SANGATHAN, AHMEDABAD REGION

प्री-फोर्ड ऩयीऺा - 2023-24


PRE-BOARD EXAMINATION 2023-24

SUBJECT: हहन्दी ऩाठ्मक्रभ ‘अ’ (कोड़-002) M.M.: 80


CLASS: X TIME: 3 Hours

साभान्म ननदे श / GENERAL INSTRUCTIONS:

1. इस प्रश्न ऩत्र भें 2 खॊड हैं -खॊड ‘अ’ औय खॊड ‘फ’। खॊड – अ भें वस्तुऩयक / फहुववकल्ऩी औय खॊड
- फ भें वणणनात्भक प्रश्न ददए गए हैं ।
2. प्रश्न ऩत्र के दोनों खॊडों भें प्रश्नों की सॊख्मा 17 है औय सबी प्रश्न अननवामण हैं ।
3. मथासॊबव सबी प्रश्नों के उत्तय क्रभानुसाय लरखखए।
4. खॊड ‘अ‘ भें कुर 10 प्रश्न हैं ,जजनभें उऩप्रश्नों की सॊख्मा 44 है । ददए गए ननदे शों का ऩारन कयते
हुए 40 प्रश्नों के उत्तय दे ना अननवामण है ।
5. खॊड ‘फ‘ भें कुर 7 प्रश्न हैं । सबी प्रश्नों के साथ उनके ववकल्ऩ बी ददए गए हैं | ननदे शानुसाय
ववकल्ऩ का ध्मान यखते हुए सबी प्रश्नों के उत्तय दीजजए ।

खॊर् – अ (िस्तुऩयक/फहुविकल्ऩी प्रश्न)

प्रश्न सॊ. प्रश्न अॊक


प्रश्न 1. ननम्नलरखखत गद्माॊश ऩय आधारयत फहुविकल्ऩी प्रश्नों के सिाडधधक उऩमुक्त विकल्ऩ 1x5=5
चन
ु कय लरखखए –
‘ववनम्रता’ भानव का स्वाबाववक गुण है | आडम्फय जीवन को जदिर फनाता है |
अहॊ काय, आडॊफय आदद तुच्छ ववचायों के कुप्रबाव से भनुष्म अफ कुत्रत्रभ फन यहा है |
सयर, सहज औय सादा जीवन हभे प्रकृनत से जोड़ता है | सॊसाय भें ककसी बी दे श भें
भहान व्मजततमों का अबाव नहीॊ यहा है | ऐसे व्मजतत सॊसाय भें फहुत कभ है जो जन्भ
से ही प्रलसद्ध हुए हो | अधधकाॊश रोगों को मह ख्मानत उनके चरयत्रफर औय अथक
ऩरयश्रभ से ही प्राप्त होती है | कहा बी गमा है कक ऻान बी ववनम्रता से शोबा दे ता है |

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भनुष्म भें ववनम, सयरता, उदायता, सदहष्णुता आदद चारयत्रत्रक गुणों का होना आवश्मक
है | इन गुणों का प्रबाव जीवन ऩय ऩड़ता है | सादा औय सादगीऩूणण जीवन ही भन औय
तन को स्वस्थ यखता है | जीवन भें सादगी राने के लरए दो फातें ववशेष रूऩ से कयणीम
है – ऩहरा, कदिन ऩरयजस्थमों भें धैमण न छोड़ना, दस
ू या अऩनी आवश्मकताओॊ को
न्मूनतभ फनाना | हभायी वास्तववक आवश्मकताएॉ फहुत कभ होती है , ककन्तु अऩनी
आवश्मकताओॊ को हभ स्वमॊ फढाते है जो फाद भें हभाये जीवन को ववषभ फना दे ती है |
अत् सादा जीवन व्मतीत कयना चादहए औय अऩने ववचायों को उच्च फनाए यखना चादहए
|

(1) “आडम्फय जीवन को जदिर फनाता है |” कथन ऩढ़कय सही ववकल्ऩ का चुनाव कीजजए -

कथन
(i) आडॊफय से जीवन भें गनतशीरता आती है ।
(ii) जीवन-व्मवहाय भें सुगभता का अनुबव होता है ।
(iii) फाहयी प्रदशणन से जीवन भें अजस्थयता आती है ।
(iv) जीवन भें कृत्रत्रभता आती है ।
विकल्ऩ
(क) कथन ii सही है ।
(ख) कथन iii गरत है ।
(ग) कथन iii व iv दोनों सही हैं ।
(घ) केवर कथन i सही है ।
(2) ‘ऻान बी ववनम्रता से शोबा दे ता है ’ – ऩॊजतत का आशम है -

(क) ऻानी व्मजतत हभेशा नतभस्तक यहकय फात कयता है ।

(ख) ववनम्रता से ऻानवान व्मजतत का सम्भान फढ़ता है ।

(ग) अऻानी के साथ वाद-वववाद कयने ऻानी व्मजतत की प्रनतष्िा फढ़ती है ।

(घ) ववनम्रता से अहॊ काय भें ववृ द्ध होती है ।

(3) कथन (A) औय कायण (R) को ऩढ़कय उऩमुतत ववकल्ऩ चनु नए –

कथन (A) अधधकाॊश रोगों को मह ख्मानत उनके चरयत्रफर औय अथक ऩरयश्रभ से


ही प्राप्त होती है ।
कायण (R) तमोंकक मह दोनों वैकजल्ऩक है , ककसी बी एक की आवश्मकता है ।
(क) कथन (A) सही, ककन्तु कायण (R) गरत है ।
(ख) कथन (A) सही है औय कायण (R) कथन (A) की सही व्माख्मा है ।

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(ग) कथन (A) औय कायण (R) दोनों गरत है ।
(घ) कथन (A) गरत है औय कायण (R) सही है ।
(4) हभाया जीवन ववषभ कैसे फन जाता है ?

(क) ननयॊ तय सॊघषण की जस्थनत यहने के कायण ।


(ख) हभायी अननमॊत्रत्रत आवश्मकताओॊ के फढ़ने के कायण ।
(ग) आवश्मकताओॊ को न्मन
ू तभ यखने के कायण ।
(घ) कदिन ऩरयश्रभ कयने ऩय बी उऩरजधध न लभरने के कायण ।
(5) गदमाॊश भें कैसे जीवन की प्रेयणा दी गई है ?
(क) आडॊफयमुतत एवॊ ऩरयश्रभी
(ख) प्रदशणनऩूणण एवॊ बौनतकवादी
(ग) सादगीऩूणण एवॊ सयर, सहज
(घ) वैबवऩूणण एवॊ प्रबावशारी
प्रश्न 2. ननम्नलरखखत ऩद्माॊश ऩय आधारयत फहुविकल्ऩी प्रश्नों के सिाडधधक उऩमुक्त विकल्ऩ 1x5=5
चन
ु कय लरखखए –
रक्ष्म तक ऩहुॉचे त्रफना, ऩथ भें ऩधथक ववश्राभ कैसा ?
रक्ष्म है अनत दयू , दग
ु भ
ण भागण बी हभ जानते हैं।
ककॊतु ऩथ के कॊिकों को हभ सुभन ही भानते हैं |
जफ गनत का नाभ जीवन, मह अकार ववयाभ कैसा ?
धनुष से जो छुिता है फाण कफ भागण भें िहयता,
दे खते ही दे खते वह रक्ष्म का ही वेध कयता।
रक्ष्म प्रेरयत फाण हैं हभ, िहयने का काभ कैसा ?
फस वही है ऩधथक जो ऩथ ऩय ननयॊ तय अग्रसय हो,
हो सदा गनतशीर जजसका रक्ष्म प्रनतऺण ननकितय हो।
हाय फैिे जो डगय भें , ऩधथक उसका नाभ कैसा ?
फार यवव की स्वणण ककयणें ननलभष भें बू ऩय ऩहुॉचतीॊ,
कालरभा का नाश कयतीॊ, ज्मोनत जगभग जगत धयती,
ज्मोनत के हभ ऩज
ुॊ , कपय हभको तभ से बीनत कैसी ?
(1) इस कववता के केंद्रीम बाव हे तु ददए गए कथनों को ऩढ़कय सफसे सही ववकल्ऩ चनु नए –
कथन
(i) रक्ष्म प्राजप्त का भागण दग
ु भ
ण होने ऩय बी ननयॊ तय अग्रसय होना ही हभाया
कतणव्म है ।
(ii) ऩथ की फाधाओॊ को स्वीकाय कयते हुए आगे फढ़ना ।
(iii) ऩधथक को भागण की कदिनाइमों के प्रनत धचॊनतत होना चादहए ।

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(iv) रक्ष्म ननजश्चत न कय ऩहरे भागण का चन
ु ाव कयना चादहए ।
ववकल्ऩ

(क) कथन ii सही है ।


(ख) कथन iii सही है ।
(ग) कथन iv व iii सही है ।
(घ) कथन i व ii सही है ।
(2) रक्ष्म तक ऩहुॉचने का भागण कैसा होता हैं ?
(क) सयर |
(ख) सॊकिों से बया हुआ |
(ग) ऩधथक के अनरू ु ऩ |
(घ) उऩमत
ुण त भें से कोई नहीॊ |
(3) ‘ऩधथक’ की तुरना ककसके साथ की गई है ?
(क) उऩवन के सुभनों से |
(ख) अकार ववयाभ कयने वारे व्मजतत से |
(ग) रक्ष्म प्रेरयत फाण से |
(घ) आकाश भें चभकने वारे ताये से |
(4) ‘ननलभष’ का अथण है -
(क) अॊधकाय
(ख) ऺण
(ग) प्रकाश
(घ) ववरम्फ
(5) कथन (A) औय कायण (R) ऩढ़कय उऩमत
ु त ववकल्ऩ चनु नए –
कथन (A) गनतशीरता भॊजिर तक ऩहुॉचने भें सहामक होती है ।
कायण (R) कक्रमाशीरता से भागण के अवयोध आसान हो जाते है ।
(क) कथन (A) गरत है , ककन्तु कायण (R) सही है ।
(ख) कथन (A) औय कायण (R) दोनों ही गरत है ।
(ग) कथन (A) औय कायण (R) दोनों ही सही है ।
(घ) कथन (A) सही औय कायण (R) गरत है ।
प्रश्न 3. ननदे शानुसाय ‘यचना के आधाय ऩय िाक्म बेद’ ऩय आधारयत ऩाॉच फहुविकल्ऩी प्रश्नों भें 1x4=4
से ककन्हीॊ चाय प्रश्नों के उत्तय दीजिए –

(1) ननम्नलरखखत वातमों भें से सॊमत


ु त वातम छाॉदिए -
(क) वे अतसय भाॉ की स्भनृ त भें डूफ जाते थे ।

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(ख) वह कौन सा भनुष्म है , जजसने भहाप्रताऩी याजा बोज का नाभ नहीॊ सुना हो ।
(ग) वे ददन माद आते हैं जफ हभ एक ऩारयवारयक रयश्ते भें फॉधे थे ।
(घ) भैंने उसे सभझामा औय वह भान गई ।

(2) ननम्नलरखखत वातमों भें से लभश्र वातम छाॉदिए :


(क) वे आजकर स्वतॊत्र रेखन कय यहे हैं।
(ख) सॊऩूणण प्रजा अफ शाॊनतनतऩूवक
ण एक दस
ू ये से व्मवहाय कयती है ।
(ग) जीवन का सन्दे श है कक ननयॊ तय कभण कयते यहो ।
(घ) चोय घय भें घुसा औय चोयी कयके चरा गमा।

(3) वह कहानी साधायण नहीॊ, फजल्क फहुत योचक थीॊ | - सयर वातम भें फदलरए |
(क) वह कहानी साधायण नहीॊ थी, वह तो फहुत योचक थी |
(ख) वह कहानी साधायण नहीॊ है तमोंकक वह फहुत योचक है |
(ग) वह कहानी साधायण न होकय फहुत योचक थी |
(घ) वह कहानी साधायण औय योचक दोनों हैं |
(4) ननम्नलरखखत वातमों भें से सॊमुतत वातम ऩहचानकय नीचे ददए गए सफसे सही ववकल्ऩ
को चनु नए-
कथन
(i) ककयामा सभम ऩय दो अथवा भकान खारी कय दो ।
(ii) अनन्मा जफ छोिी थी, तफ फहुत शयायत कयती थी।
(iii) याजीव प्रनतददन ववद्मारम जाता है औय भन रगाकय ऩढ़ाई कयता है
(iv) अजम औय प्रकाश दोनों अच्छे लभत्र हैं।
ववकल्ऩ
(क) कथन (i) सही है
(ख) कथन (i) व (iii) सही है
(ग) कथन (iii) सही है
(घ) कथन (iii) व (iv) सही है

(5) कारभ 1 को कारभ 2 के साथ सभ


ु ेलरत कीजजए औय सही ववकल्ऩ चनु नए-
कारभ 1 कारभ 2

(1) वह ऩढ़ने की कोलशश कयता था रेककन उसे (i)सयर वातम


माद नहीॊ यहता था |

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(2) ववद्मारम के साभने फड़ा भैदान है | (ii) सॊमुतत वातम

(3) भैं जैसे ही फाहय ननकारा फारयश शुरू हो गई । (iii) लभश्र वातम

विकल्ऩ
(क) (1) – (i) (2) - (ii) (3) - (iii)
(ख) (1) – (iii) (2) - (ii) (3) - (i)
(ग) (1) – (i) (2) - (ii) (3) - (iii)
(घ) (1) – (ii) (2) - (i) (3) - (iii)
प्रश्न 4. ननदे शानुसाय ‘िाच्म’ ऩय आधारयत ऩाॉच फहुविकल्ऩी प्रश्नों भें से ककन्हीॊ चाय प्रश्नों के 1x4=4
उत्तय दीजिए-

(1) कारभ 1 को कारभ 2 के साथ सुभेलरत कीजजए औय सही ववकल्ऩ चनु नए-
कारभ 1 कारभ 2

(1) फच्चा सो यहा है । (i) कतव


ण ृ ाच्म

(2) चरो, अफ चरा जाए । (ii) कभणवाच्म

(3) सभ
ु न द्वाया भैच जीत लरमा गमा । (iii) बाववाच्म

ववकल्ऩ
(क) (1) – (ii) (2) - (iii) (3) - (i)
(ख) (1) – (iii) (2) - (ii) (3) - (i)
(ग) (1) – (ii) (2) - (i) (3) - (iii)
(घ) (1) – (i) (2) - (iii) (3) - (ii)

(2) कौन-सा वातम कभणवाच्म का उदाहयण है :


(क) भोहन ऩत्र लरखता है ।
(ख) भोहन ने ऩत्र लरखा ।
(ग) ऩत्र लरखा गमा ।
(घ) भोहन ऩत्र लरखेगा ।

(3) कतव
णृ ाच्म कहते हैं :
(क) जहाॉ कताण अप्रधान होता है ।
(ख) जहाॉ बाव प्रधान होता है ।

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(ग) जहाॉ कताण ऩद प्रधान होता है ।
(घ) जहाॉ कभण प्रधान होता है ।

(4) ‘वद्ध
ृ इॊसान से चरा नहीॊ जाता’ – कतव
ण ृ ाच्म भें फदलरए |
(क) वद्ध
ृ इॊसान द्वाया चरा नहीॊ जाता |
(ख) वद्ध
ृ इॊसान चर नहीॊ सकता |
(ग) वद्ध
ृ इॊसान से चरा नहीॊ जाता |
(घ) इॊसान वद्ध
ृ है अत् उससे चरा नहीॊ जाता |
(5) ककसान खेतों भें कीिनाशक दवाइमों का नछड़काव कयते हैं – इसभें कौन सा वाच्म है ?
(क) कभण वाच्म
(ख) बाव वाच्म
(ग) कतव
णृ ाच्म
(घ) तीनों सही है
प्रश्न 5. ननदे शानुसाय ‘ऩद ऩरयचम’ ऩय आधारयत ऩाॉच फहुविकल्ऩी प्रश्नों भें से ककन्हीॊ चाय प्रश्नों 1x4=4
के उत्तय दीजिए-

(1) जो अऩने वचन का ऩारन नहीॊ कयता, वह ववश्वास के मोग्म नहीॊ है ।


(क) सवणनाभ, सॊफॊधवाचक, ऩजु ल्रॊग, फहुवचन, कभण कायक
(ख) सवणनाभ, ननजवाचक, ऩजु ल्रॊग, एकवचन, अन्म ऩरु
ु ष, कभण कायक
(ग) सवणनाभ, सॊफॊधवाचक, ऩुजल्रॊग, एकवचन, कताणकायक
(घ) सवणनाभ, प्रश्नवाचक, ऩुजल्रॊग, एकवचन, अन्म ऩुरुष

(2) उस छात्र ने ननधणन छात्र को ऩुस्तक दी ।- ये खाॊककत शधद का ऩद ऩरयचम दीजजए ।


(क) सॊऻा, जानतवाचक सॊऻा, एकवचन, ऩुजल्रॊग, कताणकायक ।
(ख) सॊऻा, जानतवाचक सॊऻा, फहुवचन, स्त्रीलरॊग, कयणकायक ।
(ग) सॊऻा, जानतवाचक सॊऻा, एकवचन, ऩजु ल्रॊग, कताणकायक ।
(घ) सॊऻा, जानतवाचक सॊऻा, एकवचन, स्त्रीलरॊग, कभणकायक ।
(3) सुफह अचानक आकाश भें फादर धगय आए औय भौसभ सुहावना हो गमा । - ये खाॊककत
शधद का ऩद-ऩरयचम दीजजए ।
(क) ववशेषण, गुणवाचक, ऩुजल्रॊग, एकवचन ।
(ख) कक्रमा ववशेषण, यीनतवाचक, ‘धगय आए’ कक्रमा की ववशेषता
(ग) कक्रमा ववशेषण, स्थानवाचक, ‘धगय आए’ कक्रमा की ववशेषता
(घ) सावणनालभक ववशेषण, एकवचन, स्त्रीलरॊग

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(4) ‘वह फाजाय गमा औय अनाज खयीदकय रामा । ये खाॊककत शधद का ऩद ऩरयचम दीजजए
(क) अव्मम, सभुच्चमफोधक, दो वातमों को जोड़ता हैं
(ख) अव्मम, व्मधधकयण, दो वातमों को जोड़ता हैं
(ग) अव्मम, सभच्
ु चमफोधक, दो शधदों को जोड़ता हैं
(घ) अव्मम, सॊफॊधफोधक, दो वातमों को जोड़ता हैं

(5) वऩताजी घय ऩय हैं | - ये खाॊककत का ऩद-ऩरयचम होगा;


(क) व्मजततवाचक सॊऻा, ऩुजल्रॊग, फहुवचन, कताण कायक
(ख) जानतवाचक सॊऻा, ऩुजल्रॊग, एकवचन, अधधकयण कायक
(ग) व्मजततवाचक सॊऻा, स्त्रीलरॊग, एकवचन, अधधकयण कायक
(घ) बाववाचक सॊऻा, ऩजु ल्रॊग, एकवचन, कभण कायक
प्रश्न 6. ननदे शानस
ु ाय ‘अरॊकाय’ ऩय आधारयत ऩाॉच फहुविकल्ऩी प्रश्नों भें से ककन्हीॊ चाय प्रश्नों के 1x4=4
उत्तय दीजिए-

(1) ऩद्मावती सफ सखी फुराई ।


जनु पुरवायी सफै चरी आई । -अरॊकाय का नाभ ऩहचाननए |
(क) उत्प्रेऺा
(ख) अनतशमोजतत
(ग) श्रेष
(घ) भानवीकयण

(2) ‘छुअत िूि यघुऩनत न दोषु, भुनन त्रफनु काज करयअ कत योषु| -अरॊकाय का नाभ
ऩहचाननए |
(क) उत्प्रेऺा
(ख) भानवीकयण
(ग) अनतशमोजतत
(घ) श्रेष
(3) ‘है वसुॊधया त्रफखेय दे ती भोती सफके सोने ऩय। यवव फिोय रेता है उसको सदा सवेया होने
ऩय।’ -अरॊकाय का नाभ ऩहचाननए |
(क) उत्प्रेऺा
(ख) अनतशमोजतत
(ग) श्रेष
(घ) भानवीकयण
(4) ‘यदहभन ऩानी याखखए त्रफन ऩानी सफ सन
ू ,

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ऩानी गए न ऊफये भोती, भानुष, चन
ू || -अरॊकाय का नाभ ऩहचाननए |
(क) श्रेष अरॊकाय
(ख) अनतशमोजतत अरॊकाय
(ग) भानवीकयण अरॊकाय
(घ) उऩभा अरॊकाय

(5) जहाॉ ककसी ववषम मा वस्तु का इतना फढ़ा-चढ़ाकय वणणन ककमा जाए कक रोक-सीभा का
उल्रॊघन हो जाए, वहाॉ कौन-सा अरॊकाय होता है ?
(क) उत्प्रेऺा अरॊकाय
(ख) अनतशमोजतत अरॊकाय
(ग) भानवीकयण अरॊकाय
(घ) उऩभा अरॊकाय
प्रश्न 7. ननम्नलरखखत ऩहठत गद्माॊश ऩय आधारयत फहुविकल्ऩी प्रश्नों के सिाडधधक उऩमक्
ु त 1x5=5
विकल्ऩ चन
ु कय लरखखए-
ऩॊद्रह ददन फाद कपय उसी कस्फे से गुजये । कस्फे भें घुसने से ऩहरे ही खमार आमा कक
कस्फे की रृदम स्थरी भें सुबाष की प्रनतभा अवश्म ही प्रनतष्िावऩत होगी, रेककन सुबाष
की आॉखों ऩय चश्भा नहीॊ होगा ...तमोंकक भास्िय फनाना बूर गमा ...औय कैप्िन भय
गमा। सोचा, आज वहाॉ रुकेंगे नहीॊ, ऩान बी नहीॊ खाएॉगे, भूनतण की तयप दे खेंगे बी नहीॊ,
सीधे ननकर जाएॉगे। ड्राइवय से कह ददमा, चौयाहे ऩय रुकना नहीॊ, आज फहुत काभ है ,
ऩान आगे कहीॊ खा रें गे। रेककन आदत से भजफूय आॉखें चौयाहा आते ही भूनतण की तयप
उि गईं। कुछ ऐसा दे खा कक चीखे, 'योको!' जीऩ स्ऩीड भें थी, ड्राइवय ने जोय से ब्रेक
भाये । यास्ता चरते रोग दे खने रगे। जीऩ रुकते-न-रुकते हारदाय साहफ जीऩ से कूदकय
तेज-तेज कदभों से भनू तण की तयप रऩके औय उसके िीक साभने जाकय अिें शन भें खड़े
हो गए।
(1) कस्फे से कौन गुिया ?
क- कैप्िन
ख- ड्राइॊग भास्िय
ग- हारदाय साहफ
घ- दक
ु ानदाय
(2) सुबाष की प्रनतभा कहाॉ जस्थत है ?
क- गरी भें

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ख- चौयाहे ऩय
ग- पुिऩाथ ऩय
घ- सड़क ककनाये

(3) हारदाय साहफ ककस आदत से भिफूय थे?


क- ऩान खाने की
ख- ड्राइववॊग कयने की
ग- चश्भा रगाने की
घ- भूनतण को दे खने की

(4) हारदाय साहफ तेि क़दभों से भनू तड की तयप क्मों रऩके?


क- कैप्िन को खड़ा दे खकय
ख- चश्भा न दे खकय
ग- सयकॊडे का रगा चश्भा दे खकय
घ- फच्चों को दे खकय

(5) ऩाठ औय रेखक का सही मुग्भ कौन सा है ?


(क) सॊस्कृनत - मतीॊद्र लभश्र
ख- नौफतखाने भें इफादत - बदॊ त आनॊद कौसल्मामन
ग नेताजी का चश्भा - स्वमॊ प्रकाश
घ रखनवी अॊदाज - मशऩार
प्रश्न 8. गद्म ऩाठों के आधाय ऩय ननम्नलरखखत दो फहुविकल्ऩी प्रश्नों के सिाडधधक उऩमक्
ु त 1x2=2
विकल्ऩ चन
ु कय लरखखए-
(1) बगत जी की फहू उन्हें छोड़कय तमों नहीॊ जाना चाहती थी?
(क) साभाजजक भमाणदा के कायण
(ख) सॊऩजत्त के रोब भें
(ग) ऩनत से प्माय होने के कायण
(घ) ससुय की धचॊता के कायण
(2) सॊस्कृनत औय सभ्मता भें तमा अॊतय है ?
(क) सॊस्कृनत सक्ष्
ू भ है जफकक सभ्मता स्थर
ू है |
(ख) सॊस्कृनत फाहयी आवयण है जफकक सभ्मता आतॊरयक है |
(ग) सॊस्कृनत असीलभत है जफकक सभ्मता सीलभत है |

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(घ) सॊस्कृनत गौण है जफकक सभ्मता प्रभुख है |

प्रश्न 9. ननम्नलरखखत ऩहठत ऩद्माॊश ऩय आधारयत फहुविकल्ऩी प्रश्नों के सिाडधधक उऩमुक्त 1x5=5
विकल्ऩ चन
ु कय लरखखए –
दे खख कुिारु सयासन फाना | भैं कछु कहा सदहत अलबभाना ||
बगृ ुसुत सभुखझ जनेउ त्रफरोकी | जो कछु कहहु सहौं रयस योकी ||
सुय भदहसुय हरयजन अरु गाई | हभये कुर इन्ह ऩय सुयाई ||
फधें ऩाऩु अऩकीयनत हायें |
भायतहू ऩा ऩरयअ तुम्हायें ||
कोदि कुलरस सभ फचनु तुम्हाया | धमथण धयहु धनु फान कुिाया ||
(1) उऩमत
ुण त अॊश ककसने, ककससे कहा है औय उसभें कौन सा बाव नछऩा है ?
(क) याभ ने ऩयशुयाभ से – ववनम्रता का बाव
(ख) ऩयशुयाभ ने याभ से – प्रेभ का बाव
(ग) रक्ष्भण ने ऩयशयु ाभ से – व्मॊग्म का बाव
(घ) ऩयशयु ाभ ने रक्ष्भण से – क्रोध का बाव

(2) ककस कायण से रक्ष्भण क्रोध को योककय ऩयशुयाभ के वचनों को सहन कय यहे थे ?
(क) ऩयशुयाभ ने ऩयशु औय धनुष-फाण धायण कय यखा था |
(ख) ऩयशुयाभ ने मऻोऩवीत (जनेऊ) धायण कय यखा था |
(ग) ऩयशुयाभ ऺत्रत्रमों के सफसे फड़े शत्रु थे |
(घ) ऩयशुयाभ ने सहस्रफाहु की बुजाओॊ को बी काि डारा था |

(3) उऩमत
ुण त अॊश ककस भूरग्रॊथ से सॊकलरत है ?
(क) सयू सागय के भ्रभयगीत से
(ख) भहाबायत के गीता से
(ग) याभचरयतभानस के फारकाॊड से
(घ) याभामण के अमोध्मा काॊड से

(4) रक्ष्भण का कुर सुय, ब्राह्भण, बतत औय गाम ऩय अऩनी वीयता तमों नहीॊ प्रदलशणत
कयता?
(क) इनको भाय ऩाना सफके वश की फात नहीॊ है |
(ख) इन रोगों ऩय केवर कामयों को ही हधथमाय उिाने की अनुभनत है |
(ग) इनको भायने से ऩाऩ तथा हायने से अऩमश लभरता है |
(घ) रक्ष्भण के ऩूवज
ण ों ने इनको अबम यखने का वचन ददमा था |

(5) उऩमत
ुण त यचना ककस बाषा भें उद्धृत है ?

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(क) भैधथरी
(ख) अवधी
(ग) ब्रज
(घ) फन्
ु दे री
प्रश्न 10 ऩद्म ऩाठों के आधाय ऩय ननम्नलरखखत दो ु त 1x2=2
फहुविकल्ऩी प्रश्नों के सिाडधधक उऩमक्
विकल्ऩ चन
ु कय लरखखए –
(1) उद्धव कृष्ण का कौन-सा सॊदेश रेकय आए थे?
(क) प्रेभ-सॊदेश
(ख) अनुयाग-सॊदेश
(ग) मोग-सॊदेश
(घ) इनभें से कोई नहीॊ
(2) ‘सीवन’ को उधेड़ने का अथण तमा है ?
(क) आत्भकथा लरखना
(ख) ददर को िे स ऩहुॉचाना
(ग) भन भें नछऩी ऩयु ानी फातों को कपय से माद कयना
(घ) दध
ू का दध
ू ऩानी का ऩानी कय दे ना
खॊर् – ख (िर्डनात्भक प्रश्न)
प्रश्न 11 गद्म ऩािों के आधाय ऩय ननम्नलरखखत चाय प्रश्नों भें से ककन्ही तीन प्रश्नों के उत्तय 2x3=6
रगबग 25-30 शधदों भें लरखखए-

(क) ऩाि भें आए ककन प्रसॊगों के आधाय ऩय आऩ कह सकते हैं कक त्रफजस्भल्रा खाॉ लभरी-
जुरी सॊस्कृनत के प्रतीक थे ।

(ख) न्मूिन से बी अधधक ऻान यखने वारे औय उन्नत जीवन शैरी अऩनाने वारे को सॊस्कृत
कहें गे मा सभ्म औय तमों ?

(ग) रखनवी अॊदाि’ ऩाि भें ननदहत सॊदेश स्ऩष्ि कीजजए ।

(घ) ‘एक कहानी मह बी’ के आधाय ऩय स्वाधीनता आॊदोरन के ऩरयदृश्म का धचत्रण कयते हुए
उसभें भन्नू जी की बूलभका को ये खाॊककत कीजजए।
प्रश्न 12 ऩद्म ऩािों के आधाय ऩय ननम्नलरखखत चाय प्रश्नों भें से ककन्ही तीन प्रश्नों के उत्तय 2x3=6
रगबग 25-30 शधदों भें लरखखए-

(क) उद्धव ऻानी थे, नीनत की फातें जानते थे कपय बी गोवऩमों के ऩास ऐसी कौन-सी शजतत
थी जो उनके वातचातुमण भें भुखरयत हो उिी ?

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(ख) कवव ने जो सुख का स्वप्न दे खा था उसे कववता भें ककस रूऩ भें अलबव्मतत ककमा है ?
‘आत्भकथ्म’ कववता के आधाय ऩय स्ऩष्ि कीजजए |

(ग) अि नहीॊ यही है ’ कववता के आधाय ऩय पागुन भें उभड़े प्राकृनतक सौंदमण का वणणन अऩने
शधदों भें कीजजए।

(घ) सॊगतकाय ककन-ककन रूऩों भें भख्


ु म गामक-गानमकाओॊ की भदद कयते हैं ?
प्रश्न 13 ऩयू क ऩाठ्मऩस्
ु तक के ऩािों ऩय आधारयत ननम्नलरखखत तीन प्रश्नों भें से ककन्ही दो प्रश्नों 2×4=8
के उत्तय रगबग 50-60 शधदों भें लरखखए-

(क) ‘भाता का अॉचर’ ऩाि भें भाता-वऩता का फच्चे के प्रनत जो वात्सल्म व्मतत हुआ है , उसे
अऩने शधदों भें लरखखए ।

(ख) कबी श्वेत तो कबी यॊ गीन ऩताकाओॊ का पहयाना ककन अरग-अरग अवसयों की ओय
सॊकेत कयता है ? ‘साना-साना हाथ जोडड़’ के आधाय ऩय लरखखए |

(ग) दहयोलशभा की घिना ववऻान का बमानकतभ दरु


ु ऩमोग है । आऩकी दृजष्ि भें ववऻान का
दरु
ु ऩमोग कहाॉ-कहाॉ ककस तयह से हो यहा है ?
प्रश्न 14 ननम्नलरखखत तीन ववषमों भें से ककसी एक ववषम ऩय रगबग 120 शधदों भें सायगलबणत 1x6=6
अनुच्छे द लरखखए –

(क) फढ़ती फेयोिगायी : एक ज्वरॊत सभस्मा


सॊकेत त्रफन्द ु –
 बूलभका
 सभस्मा का स्वरूऩ औय प्रकाय
 कायण एवॊ दष्ु ऩरयणाभ
 सभाधान के उऩाम
(ख) कयत-कयत अभ्मास के जड़भनत होत सज
ु ान
सॊकेत त्रफन्द ु –
 अभ्मास की आवश्मकता
 अभ्मास न कयने से हानन
 अभ्मास का वयदान
(ग) साइफय मुग, साइफय िगी : सावधाननमाॉ एवॊ सुयऺा के उऩाम
सॊकेत त्रफन्द ु –
 फढ़ते ऑनराइन कामण
 साइफय िगी की फढ़ती घिनाएॉ
 सावधाननमाॉ

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 फचने के उऩाम

प्रश्न 15 सावणजननक स्थरों ऩय फढ़ते हुए धम्र


ू ऩान तथा उसके कायण सॊबाववत योगों की ओय सॊकेत 1x5=5
कयते हुए ककसी दै ननक सभाचाय ऩत्र के सॊऩादक को रगबग 100 शधदों भें ऩत्र लरखखए |

अथिा
आऩके लभत्र के वऩता सयहद ऩय दश्ु भनों से रड़ते हुए शहीद हो गए हैं | अऩनी बावनाएॉ
व्मतत कयते हुए लभत्र को रगबग 100 शधदों भें ऩत्र लरखखए |
प्रश्न 16 आऩ ववस्भम/ववस्भमा है । आऩ फी.लरफ. का कोसण कय चक
ु े है | आऩको ददल्री नगय 1x5=5
ननगभ के सावणजननक ऩुस्तकारम भें सहामक ऩस्
ु तकारमाध्मऺ के लरए आवेदन कयना है
| इसके लरए आऩ अऩना एक सॊक्षऺप्त स्ववत्ृ त (फामोडािा) तैमाय कीजजए |

अथिा
आऩ कोभर/कभरेश है | आऩने एक रोकवप्रम कॊऩनी से ऑनराइन िी.वी. ख़यीदा था,
जजसभें एक सप्ताह फाद तकनीकी खयाफी आ गई | अत् उसे िीक कयवाने मा फदरवाने
रे लरए कॊऩनी के भैनेजय को ई-भेर कीजजए |
प्रश्न 17 ऩमाणवयण ववबाग की ओय से जर-सॊयऺण का आग्रह कयते हुए रगबग 40 शधदों भें 1x4=4
ववऻाऩन तैमाय कीजजए |

अथिा
अऩने लभत्र को कक्रसभस की फधाई दे ते हुए शब
ु काभना सन्दे श लरखखए |

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