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1. इस प्रश्न ऩत्र भें 2 खॊड हैं -खॊड ‘अ’ औय खॊड ‘फ’। खॊड – अ भें वस्तुऩयक / फहुववकल्ऩी औय खॊड
- फ भें वणणनात्भक प्रश्न ददए गए हैं ।
2. प्रश्न ऩत्र के दोनों खॊडों भें प्रश्नों की सॊख्मा 17 है औय सबी प्रश्न अननवामण हैं ।
3. मथासॊबव सबी प्रश्नों के उत्तय क्रभानुसाय लरखखए।
4. खॊड ‘अ‘ भें कुर 10 प्रश्न हैं ,जजनभें उऩप्रश्नों की सॊख्मा 44 है । ददए गए ननदे शों का ऩारन कयते
हुए 40 प्रश्नों के उत्तय दे ना अननवामण है ।
5. खॊड ‘फ‘ भें कुर 7 प्रश्न हैं । सबी प्रश्नों के साथ उनके ववकल्ऩ बी ददए गए हैं | ननदे शानुसाय
ववकल्ऩ का ध्मान यखते हुए सबी प्रश्नों के उत्तय दीजजए ।
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भनुष्म भें ववनम, सयरता, उदायता, सदहष्णुता आदद चारयत्रत्रक गुणों का होना आवश्मक
है | इन गुणों का प्रबाव जीवन ऩय ऩड़ता है | सादा औय सादगीऩूणण जीवन ही भन औय
तन को स्वस्थ यखता है | जीवन भें सादगी राने के लरए दो फातें ववशेष रूऩ से कयणीम
है – ऩहरा, कदिन ऩरयजस्थमों भें धैमण न छोड़ना, दस
ू या अऩनी आवश्मकताओॊ को
न्मूनतभ फनाना | हभायी वास्तववक आवश्मकताएॉ फहुत कभ होती है , ककन्तु अऩनी
आवश्मकताओॊ को हभ स्वमॊ फढाते है जो फाद भें हभाये जीवन को ववषभ फना दे ती है |
अत् सादा जीवन व्मतीत कयना चादहए औय अऩने ववचायों को उच्च फनाए यखना चादहए
|
(1) “आडम्फय जीवन को जदिर फनाता है |” कथन ऩढ़कय सही ववकल्ऩ का चुनाव कीजजए -
कथन
(i) आडॊफय से जीवन भें गनतशीरता आती है ।
(ii) जीवन-व्मवहाय भें सुगभता का अनुबव होता है ।
(iii) फाहयी प्रदशणन से जीवन भें अजस्थयता आती है ।
(iv) जीवन भें कृत्रत्रभता आती है ।
विकल्ऩ
(क) कथन ii सही है ।
(ख) कथन iii गरत है ।
(ग) कथन iii व iv दोनों सही हैं ।
(घ) केवर कथन i सही है ।
(2) ‘ऻान बी ववनम्रता से शोबा दे ता है ’ – ऩॊजतत का आशम है -
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(ग) कथन (A) औय कायण (R) दोनों गरत है ।
(घ) कथन (A) गरत है औय कायण (R) सही है ।
(4) हभाया जीवन ववषभ कैसे फन जाता है ?
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(iv) रक्ष्म ननजश्चत न कय ऩहरे भागण का चन
ु ाव कयना चादहए ।
ववकल्ऩ
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(ख) वह कौन सा भनुष्म है , जजसने भहाप्रताऩी याजा बोज का नाभ नहीॊ सुना हो ।
(ग) वे ददन माद आते हैं जफ हभ एक ऩारयवारयक रयश्ते भें फॉधे थे ।
(घ) भैंने उसे सभझामा औय वह भान गई ।
(3) वह कहानी साधायण नहीॊ, फजल्क फहुत योचक थीॊ | - सयर वातम भें फदलरए |
(क) वह कहानी साधायण नहीॊ थी, वह तो फहुत योचक थी |
(ख) वह कहानी साधायण नहीॊ है तमोंकक वह फहुत योचक है |
(ग) वह कहानी साधायण न होकय फहुत योचक थी |
(घ) वह कहानी साधायण औय योचक दोनों हैं |
(4) ननम्नलरखखत वातमों भें से सॊमुतत वातम ऩहचानकय नीचे ददए गए सफसे सही ववकल्ऩ
को चनु नए-
कथन
(i) ककयामा सभम ऩय दो अथवा भकान खारी कय दो ।
(ii) अनन्मा जफ छोिी थी, तफ फहुत शयायत कयती थी।
(iii) याजीव प्रनतददन ववद्मारम जाता है औय भन रगाकय ऩढ़ाई कयता है
(iv) अजम औय प्रकाश दोनों अच्छे लभत्र हैं।
ववकल्ऩ
(क) कथन (i) सही है
(ख) कथन (i) व (iii) सही है
(ग) कथन (iii) सही है
(घ) कथन (iii) व (iv) सही है
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(2) ववद्मारम के साभने फड़ा भैदान है | (ii) सॊमुतत वातम
(3) भैं जैसे ही फाहय ननकारा फारयश शुरू हो गई । (iii) लभश्र वातम
विकल्ऩ
(क) (1) – (i) (2) - (ii) (3) - (iii)
(ख) (1) – (iii) (2) - (ii) (3) - (i)
(ग) (1) – (i) (2) - (ii) (3) - (iii)
(घ) (1) – (ii) (2) - (i) (3) - (iii)
प्रश्न 4. ननदे शानुसाय ‘िाच्म’ ऩय आधारयत ऩाॉच फहुविकल्ऩी प्रश्नों भें से ककन्हीॊ चाय प्रश्नों के 1x4=4
उत्तय दीजिए-
(1) कारभ 1 को कारभ 2 के साथ सुभेलरत कीजजए औय सही ववकल्ऩ चनु नए-
कारभ 1 कारभ 2
(3) सभ
ु न द्वाया भैच जीत लरमा गमा । (iii) बाववाच्म
ववकल्ऩ
(क) (1) – (ii) (2) - (iii) (3) - (i)
(ख) (1) – (iii) (2) - (ii) (3) - (i)
(ग) (1) – (ii) (2) - (i) (3) - (iii)
(घ) (1) – (i) (2) - (iii) (3) - (ii)
(3) कतव
णृ ाच्म कहते हैं :
(क) जहाॉ कताण अप्रधान होता है ।
(ख) जहाॉ बाव प्रधान होता है ।
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(ग) जहाॉ कताण ऩद प्रधान होता है ।
(घ) जहाॉ कभण प्रधान होता है ।
(4) ‘वद्ध
ृ इॊसान से चरा नहीॊ जाता’ – कतव
ण ृ ाच्म भें फदलरए |
(क) वद्ध
ृ इॊसान द्वाया चरा नहीॊ जाता |
(ख) वद्ध
ृ इॊसान चर नहीॊ सकता |
(ग) वद्ध
ृ इॊसान से चरा नहीॊ जाता |
(घ) इॊसान वद्ध
ृ है अत् उससे चरा नहीॊ जाता |
(5) ककसान खेतों भें कीिनाशक दवाइमों का नछड़काव कयते हैं – इसभें कौन सा वाच्म है ?
(क) कभण वाच्म
(ख) बाव वाच्म
(ग) कतव
णृ ाच्म
(घ) तीनों सही है
प्रश्न 5. ननदे शानुसाय ‘ऩद ऩरयचम’ ऩय आधारयत ऩाॉच फहुविकल्ऩी प्रश्नों भें से ककन्हीॊ चाय प्रश्नों 1x4=4
के उत्तय दीजिए-
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(4) ‘वह फाजाय गमा औय अनाज खयीदकय रामा । ये खाॊककत शधद का ऩद ऩरयचम दीजजए
(क) अव्मम, सभुच्चमफोधक, दो वातमों को जोड़ता हैं
(ख) अव्मम, व्मधधकयण, दो वातमों को जोड़ता हैं
(ग) अव्मम, सभच्
ु चमफोधक, दो शधदों को जोड़ता हैं
(घ) अव्मम, सॊफॊधफोधक, दो वातमों को जोड़ता हैं
(2) ‘छुअत िूि यघुऩनत न दोषु, भुनन त्रफनु काज करयअ कत योषु| -अरॊकाय का नाभ
ऩहचाननए |
(क) उत्प्रेऺा
(ख) भानवीकयण
(ग) अनतशमोजतत
(घ) श्रेष
(3) ‘है वसुॊधया त्रफखेय दे ती भोती सफके सोने ऩय। यवव फिोय रेता है उसको सदा सवेया होने
ऩय।’ -अरॊकाय का नाभ ऩहचाननए |
(क) उत्प्रेऺा
(ख) अनतशमोजतत
(ग) श्रेष
(घ) भानवीकयण
(4) ‘यदहभन ऩानी याखखए त्रफन ऩानी सफ सन
ू ,
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ऩानी गए न ऊफये भोती, भानुष, चन
ू || -अरॊकाय का नाभ ऩहचाननए |
(क) श्रेष अरॊकाय
(ख) अनतशमोजतत अरॊकाय
(ग) भानवीकयण अरॊकाय
(घ) उऩभा अरॊकाय
(5) जहाॉ ककसी ववषम मा वस्तु का इतना फढ़ा-चढ़ाकय वणणन ककमा जाए कक रोक-सीभा का
उल्रॊघन हो जाए, वहाॉ कौन-सा अरॊकाय होता है ?
(क) उत्प्रेऺा अरॊकाय
(ख) अनतशमोजतत अरॊकाय
(ग) भानवीकयण अरॊकाय
(घ) उऩभा अरॊकाय
प्रश्न 7. ननम्नलरखखत ऩहठत गद्माॊश ऩय आधारयत फहुविकल्ऩी प्रश्नों के सिाडधधक उऩमक्
ु त 1x5=5
विकल्ऩ चन
ु कय लरखखए-
ऩॊद्रह ददन फाद कपय उसी कस्फे से गुजये । कस्फे भें घुसने से ऩहरे ही खमार आमा कक
कस्फे की रृदम स्थरी भें सुबाष की प्रनतभा अवश्म ही प्रनतष्िावऩत होगी, रेककन सुबाष
की आॉखों ऩय चश्भा नहीॊ होगा ...तमोंकक भास्िय फनाना बूर गमा ...औय कैप्िन भय
गमा। सोचा, आज वहाॉ रुकेंगे नहीॊ, ऩान बी नहीॊ खाएॉगे, भूनतण की तयप दे खेंगे बी नहीॊ,
सीधे ननकर जाएॉगे। ड्राइवय से कह ददमा, चौयाहे ऩय रुकना नहीॊ, आज फहुत काभ है ,
ऩान आगे कहीॊ खा रें गे। रेककन आदत से भजफूय आॉखें चौयाहा आते ही भूनतण की तयप
उि गईं। कुछ ऐसा दे खा कक चीखे, 'योको!' जीऩ स्ऩीड भें थी, ड्राइवय ने जोय से ब्रेक
भाये । यास्ता चरते रोग दे खने रगे। जीऩ रुकते-न-रुकते हारदाय साहफ जीऩ से कूदकय
तेज-तेज कदभों से भनू तण की तयप रऩके औय उसके िीक साभने जाकय अिें शन भें खड़े
हो गए।
(1) कस्फे से कौन गुिया ?
क- कैप्िन
ख- ड्राइॊग भास्िय
ग- हारदाय साहफ
घ- दक
ु ानदाय
(2) सुबाष की प्रनतभा कहाॉ जस्थत है ?
क- गरी भें
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ख- चौयाहे ऩय
ग- पुिऩाथ ऩय
घ- सड़क ककनाये
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(घ) सॊस्कृनत गौण है जफकक सभ्मता प्रभुख है |
प्रश्न 9. ननम्नलरखखत ऩहठत ऩद्माॊश ऩय आधारयत फहुविकल्ऩी प्रश्नों के सिाडधधक उऩमुक्त 1x5=5
विकल्ऩ चन
ु कय लरखखए –
दे खख कुिारु सयासन फाना | भैं कछु कहा सदहत अलबभाना ||
बगृ ुसुत सभुखझ जनेउ त्रफरोकी | जो कछु कहहु सहौं रयस योकी ||
सुय भदहसुय हरयजन अरु गाई | हभये कुर इन्ह ऩय सुयाई ||
फधें ऩाऩु अऩकीयनत हायें |
भायतहू ऩा ऩरयअ तुम्हायें ||
कोदि कुलरस सभ फचनु तुम्हाया | धमथण धयहु धनु फान कुिाया ||
(1) उऩमत
ुण त अॊश ककसने, ककससे कहा है औय उसभें कौन सा बाव नछऩा है ?
(क) याभ ने ऩयशुयाभ से – ववनम्रता का बाव
(ख) ऩयशुयाभ ने याभ से – प्रेभ का बाव
(ग) रक्ष्भण ने ऩयशयु ाभ से – व्मॊग्म का बाव
(घ) ऩयशयु ाभ ने रक्ष्भण से – क्रोध का बाव
(2) ककस कायण से रक्ष्भण क्रोध को योककय ऩयशुयाभ के वचनों को सहन कय यहे थे ?
(क) ऩयशुयाभ ने ऩयशु औय धनुष-फाण धायण कय यखा था |
(ख) ऩयशुयाभ ने मऻोऩवीत (जनेऊ) धायण कय यखा था |
(ग) ऩयशुयाभ ऺत्रत्रमों के सफसे फड़े शत्रु थे |
(घ) ऩयशुयाभ ने सहस्रफाहु की बुजाओॊ को बी काि डारा था |
(3) उऩमत
ुण त अॊश ककस भूरग्रॊथ से सॊकलरत है ?
(क) सयू सागय के भ्रभयगीत से
(ख) भहाबायत के गीता से
(ग) याभचरयतभानस के फारकाॊड से
(घ) याभामण के अमोध्मा काॊड से
(4) रक्ष्भण का कुर सुय, ब्राह्भण, बतत औय गाम ऩय अऩनी वीयता तमों नहीॊ प्रदलशणत
कयता?
(क) इनको भाय ऩाना सफके वश की फात नहीॊ है |
(ख) इन रोगों ऩय केवर कामयों को ही हधथमाय उिाने की अनुभनत है |
(ग) इनको भायने से ऩाऩ तथा हायने से अऩमश लभरता है |
(घ) रक्ष्भण के ऩूवज
ण ों ने इनको अबम यखने का वचन ददमा था |
(5) उऩमत
ुण त यचना ककस बाषा भें उद्धृत है ?
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(क) भैधथरी
(ख) अवधी
(ग) ब्रज
(घ) फन्
ु दे री
प्रश्न 10 ऩद्म ऩाठों के आधाय ऩय ननम्नलरखखत दो ु त 1x2=2
फहुविकल्ऩी प्रश्नों के सिाडधधक उऩमक्
विकल्ऩ चन
ु कय लरखखए –
(1) उद्धव कृष्ण का कौन-सा सॊदेश रेकय आए थे?
(क) प्रेभ-सॊदेश
(ख) अनुयाग-सॊदेश
(ग) मोग-सॊदेश
(घ) इनभें से कोई नहीॊ
(2) ‘सीवन’ को उधेड़ने का अथण तमा है ?
(क) आत्भकथा लरखना
(ख) ददर को िे स ऩहुॉचाना
(ग) भन भें नछऩी ऩयु ानी फातों को कपय से माद कयना
(घ) दध
ू का दध
ू ऩानी का ऩानी कय दे ना
खॊर् – ख (िर्डनात्भक प्रश्न)
प्रश्न 11 गद्म ऩािों के आधाय ऩय ननम्नलरखखत चाय प्रश्नों भें से ककन्ही तीन प्रश्नों के उत्तय 2x3=6
रगबग 25-30 शधदों भें लरखखए-
(क) ऩाि भें आए ककन प्रसॊगों के आधाय ऩय आऩ कह सकते हैं कक त्रफजस्भल्रा खाॉ लभरी-
जुरी सॊस्कृनत के प्रतीक थे ।
(ख) न्मूिन से बी अधधक ऻान यखने वारे औय उन्नत जीवन शैरी अऩनाने वारे को सॊस्कृत
कहें गे मा सभ्म औय तमों ?
(घ) ‘एक कहानी मह बी’ के आधाय ऩय स्वाधीनता आॊदोरन के ऩरयदृश्म का धचत्रण कयते हुए
उसभें भन्नू जी की बूलभका को ये खाॊककत कीजजए।
प्रश्न 12 ऩद्म ऩािों के आधाय ऩय ननम्नलरखखत चाय प्रश्नों भें से ककन्ही तीन प्रश्नों के उत्तय 2x3=6
रगबग 25-30 शधदों भें लरखखए-
(क) उद्धव ऻानी थे, नीनत की फातें जानते थे कपय बी गोवऩमों के ऩास ऐसी कौन-सी शजतत
थी जो उनके वातचातुमण भें भुखरयत हो उिी ?
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(ख) कवव ने जो सुख का स्वप्न दे खा था उसे कववता भें ककस रूऩ भें अलबव्मतत ककमा है ?
‘आत्भकथ्म’ कववता के आधाय ऩय स्ऩष्ि कीजजए |
(ग) अि नहीॊ यही है ’ कववता के आधाय ऩय पागुन भें उभड़े प्राकृनतक सौंदमण का वणणन अऩने
शधदों भें कीजजए।
(क) ‘भाता का अॉचर’ ऩाि भें भाता-वऩता का फच्चे के प्रनत जो वात्सल्म व्मतत हुआ है , उसे
अऩने शधदों भें लरखखए ।
(ख) कबी श्वेत तो कबी यॊ गीन ऩताकाओॊ का पहयाना ककन अरग-अरग अवसयों की ओय
सॊकेत कयता है ? ‘साना-साना हाथ जोडड़’ के आधाय ऩय लरखखए |
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फचने के उऩाम
अथिा
आऩके लभत्र के वऩता सयहद ऩय दश्ु भनों से रड़ते हुए शहीद हो गए हैं | अऩनी बावनाएॉ
व्मतत कयते हुए लभत्र को रगबग 100 शधदों भें ऩत्र लरखखए |
प्रश्न 16 आऩ ववस्भम/ववस्भमा है । आऩ फी.लरफ. का कोसण कय चक
ु े है | आऩको ददल्री नगय 1x5=5
ननगभ के सावणजननक ऩुस्तकारम भें सहामक ऩस्
ु तकारमाध्मऺ के लरए आवेदन कयना है
| इसके लरए आऩ अऩना एक सॊक्षऺप्त स्ववत्ृ त (फामोडािा) तैमाय कीजजए |
अथिा
आऩ कोभर/कभरेश है | आऩने एक रोकवप्रम कॊऩनी से ऑनराइन िी.वी. ख़यीदा था,
जजसभें एक सप्ताह फाद तकनीकी खयाफी आ गई | अत् उसे िीक कयवाने मा फदरवाने
रे लरए कॊऩनी के भैनेजय को ई-भेर कीजजए |
प्रश्न 17 ऩमाणवयण ववबाग की ओय से जर-सॊयऺण का आग्रह कयते हुए रगबग 40 शधदों भें 1x4=4
ववऻाऩन तैमाय कीजजए |
अथिा
अऩने लभत्र को कक्रसभस की फधाई दे ते हुए शब
ु काभना सन्दे श लरखखए |
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