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सामान्य ननदे शः
(5) भूलमाॊकन कामण ननजी व्माख्मा के अनुसाय नह ॊ, फल्लक अॊक मोजना के ननदे शानुसाय ह
ककमा जाए।
खंड-अ
ii) क) गय फी
v) d) क, ख औय घ
iii) b) क औय घ
iv) घ) इन सफ भें
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03. ऩदबंधों ऩर आधाररत प्रश्न (ऩााँच में से ककन्हहं चार) 1x4=4
i) ग) किमा ऩदफॊध
v) ख) सवणनाभ ऩदफॊध
04. वाक्य भेद ऩर आधाररत प्रश्न (ऩााँच में से ककन्हहं चार) 1X4=4
i) ख) सॊमुक्त वाक्म
ii) ख) जैसे जैसे कारे फादर उभड़ ऩड़े वैसे वैसे तेज़ वषाण होने रगी
v) घ) फड़े बाई ऩढाई भरखाई भें तेज़ नह ॊ थे कपय बी उनके भन भें भ्रातस्
ृ नेह बया
हुआ था।
i) ग) भद
ृ ब
ु ाषी – फहुब्रीदह सभास
iii) ख) a औय c
v) घ) द्ववगु सभास
ii) ख) खश
ु ी का दठकाना न यहना – फहुत अधधक खश
ु होना
v) ग) ऩाऩड़ फेरना
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07. ऩदयांश ऩर आधाररत बहुववकल्ऩी प्रश्नः 1X5=5
iii) ग) भातब
ृ ूभभ के
v) ग) फभरदान का
i) ख) वे हभाये ऩूवज
ण ों की उऩरल्धधमों औय गरनतमों की माद ददराती हैं
iv) c) ख औय ग
11. गदय भाग ऩर आधाररत तीन में से ककन्हहं दो प्रश्नों के उत्तर- 3X2=6
क) रूदढमाॉ सचभुच भनुष्म को स्वतॊत्र रूऩ से जीने नह ॊ दे तीॊ। वे फेडड़माॉ फनकय न आगे
फढने दे ती हैं न ह स्वतॊत्र रूऩ से जीने दे ती हैं। तताॉया औय वाभीयो एक दस
ू ये से प्रेभ
कयते थे। गाॉव का ननमभ था कक वैवादहक सॊफॊध के भरए दोनों को एक ह गाॉव का
होना चादहए। रूदढ ह थी जो उनके प्रेभ भें फाधक फन गई। रूदढ के कायण ह उन्हें
जान गॉवानी ऩड़ी। ऐसी रूदढमों को फदरना आवश्मक ह नह ॊ अननवामण बी है । ऐसी
रूदढमों को फदरने के भरए सफसे ऩहरे हभें अऩनी सोच फदरनी होगी। जो रूदढमाॉ
सभम औय औय सभाज के भरए उऩमुक्त नह ॊ उन्हें पेंक दे ना होगा।
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ख) 26 जनवय 1931 के ददन कोरकाता भें अॊग्रेज़ी शासन के खखराफ़ चराए गए
आॊदोरन भें स्त्री सभाज की बूभभका भहत्त्वऩूणण थी। इस आॊदोरन भें ल्स्त्रमों ने फढ-
चढकय बाग भरमा था। ल्स्त्रमाॉ अऩनी ओय से जुरूस फनाकय भानूभेंि की ओय चर
ऩड़ीॊ। जफ सुबाष फाफू को धगयफ़ताय ककमा गमा था तफ ल्स्त्रमों ने स्वमॊ भानूभेंि ऩय
चढकय झॊडा पहयामा औय घोषणा ऩढने रगीॊ। ववभर प्रनतबा के नेतत्ृ व भें रारफाज़ाय
की ओय चर ऩड़ीॊ। इस आॊदोरन भें ल्स्त्रमों ने ऩुभरस की रादठमाॉ बी खाईं। इस ददन
कुर भभराकय 105 ल्स्त्रमाॉ धगयफ़ताय होकय जेर गईं।
12. ऩदय भाग ऩर आधाररत तीन में से ककन्हहं दो प्रश्नों के उत्तर- 3X2=6
ख) कवव इस गीत भें बगवान से प्राथणना कय यहे हैं कक वे उसे भुसीफतों से न फचाएॉ
ऩयॊ तु उसे इतनी शल्क्त दें कक वह अऩनी भुसीफतों का साभना स्वमॊ कय सकें। कवव मह
बी प्राथणना कय यहे हैं कक जफ इस सॊसाय भें कोई साथी न भभरे तफ उसके फर औय
ऩौरुष ह उसके साथी फनें। कवव चाहता है कक बगवान उसका बाय कभ कयके साॊत्वना
न दें ऩयॊ तु इतनी शल्क्त दे कक वह अऩना बाय स्वमॊ उठा सके।
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13. सहऩाि ऩर आधाररत तीन में से ककन्हहं दो प्रश्नों के उत्तर- 3X2=6
ग) ‘बख
ू न दे खती दार-बात, प्माय न दे खता जात-ऩात’ – िोऩी औय इफ़्पन की दाद
का रयश्ता इस कथन को शत-प्रनतशत साथणक फनाता है । दाद कट्िय भुसरभान थी।
िोऩी कट्िय दहॊद।ू एक फहत्तय सार की थी औय दस
ू या आठ सार का। उन दोनों के
रयश्ते भें न धभण ने कोई फाधा ऩहुॉचाई न उम्र ने। दोनों एक अिूि रयश्ते से फॊधे थे।
दोनों अऩने-अऩने घयों भें अधयू े थे। दोनों प्माय के प्मासे थे। दोनों ने एक दस
ू ये की
प्मास फुझा द ।
ववषमवस्तु - 3 अॊक
बाषा - 1 अॊक
प्रस्तत
ु ी - 1 अॊक
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15. ककसी एक ववषय ऩर ऩत्र- 5x1=5
ववषमवस्तु - 2 अॊक
बाषा - 1 अॊक
प्रस्तुती - 1 अॊक
ववषमवस्तु - 2 अॊक
प्रस्तुती - 1 अॊक
बाषा - 1 अॊक
ववषमवस्तु - 1 अॊक
प्रस्तुती - 1 अॊक
बाषा - 1 अॊक
औऩचारयकताएॉ - 1 अॊक
ववषमवस्तु - 2 अॊक
प्रस्तुती - 1 अॊक
बाषा - 1 अॊक
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