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COMMON PRE-BOARD EXAMINATION 2022-23

Subject: HINDI – 085


अंक योजना

सामान्य ननदे शः

(1) इस अॊक मोजना का उद्दे श्म भल


ू माॊकन को अधधकाधधक वस्तनु नष्ठ फनाना है । इस
प्रश्नऩत्र भें वस्तऩ
ु यक एवॊ वणणनात्भक प्रश्न हैं। अत् मोजना भें ददए गए वणणनात्भक
प्रश्नों के अॊक बफॊद ु अॊनतभ नह ॊ हैं। मे सुझावात्भक एवॊ साॊकेनतक हैं।

(2) ु ॊ से भबन्न, ककॊतु उऩमुक्त उत्तय दें , तो उन्हें अॊक


मदद ऩय ऺाथी इन साॊकेनतक बफॊदओ
ददए जाएॉ।

(3) सभान त्रदु िमों के भरए स्थान-स्थान ऩय अॊक न कािे जाएॉ।

(4) भूलमाॊकन भें 0 से 100 प्रनतशत अॊकों का ऩैभाना स्वीकामण है ।

(5) भूलमाॊकन कामण ननजी व्माख्मा के अनुसाय नह ॊ, फल्लक अॊक मोजना के ननदे शानुसाय ह
ककमा जाए।

खंड-अ

01. अऩठित गदयांश- 1X5=5

i) ग) महाॉ ववववध धभों के रोग भभर-जर


ु कय यहते हैं

ii) क) गय फी

iii) ख) ऩरयवतणनों की गनत धीभी है

iv) घ) कथन (A) औय कायण (R) दोनों सह हैं

v) d) क, ख औय घ

02. अऩठित गदयांश- 1X5=5

i) ख) ऩाठ्मऩुस्तकों का फोझ औय ऩय ऺा का तनाव कभ कयना

ii) घ) भशऺाववद् प्रो. मशऩार

iii) b) क औय घ

iv) घ) इन सफ भें

v) क) कथन (A) कायण (R) दोनों सह हैं

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03. ऩदबंधों ऩर आधाररत प्रश्न (ऩााँच में से ककन्हहं चार) 1x4=4

i) ग) किमा ऩदफॊध

ii) ग) सॊऻा ऩदफॊध

iii) क) फगीचे भें खखरे हुए सुॊदय

iv) ग) तताॉया का माचना बया चेहया

v) ख) सवणनाभ ऩदफॊध

04. वाक्य भेद ऩर आधाररत प्रश्न (ऩााँच में से ककन्हहं चार) 1X4=4

i) ख) सॊमुक्त वाक्म

ii) ख) जैसे जैसे कारे फादर उभड़ ऩड़े वैसे वैसे तेज़ वषाण होने रगी

iii) ग) भभश्र वाक्म

iv) घ) तेज़ फारयश के कायण कोई बी ट्रे न सभम ऩय नह ॊ ऩहुॉची।

v) घ) फड़े बाई ऩढाई भरखाई भें तेज़ नह ॊ थे कपय बी उनके भन भें भ्रातस्
ृ नेह बया
हुआ था।

05. समास ऩर आधाररत प्रश्न (ऩााँच में से ककन्हहं चार) 1X4=4

i) ग) भद
ृ ब
ु ाषी – फहुब्रीदह सभास

ii) ख) धचककत्सा के भरए आरम

iii) ख) a औय c

iv) क) ऩुरुषों भें उत्तभ है जो

v) घ) द्ववगु सभास

06. मुहावरों ऩर आधाररत प्रश्न (छः में से चार) 1X4=4

i) क) आड़े हाथों रेना

ii) ख) खश
ु ी का दठकाना न यहना – फहुत अधधक खश
ु होना

iii) घ) ल्जगय के िुकड़े-िुकड़े होना

iv) ख) जरे ऩय नभक निड़कना

v) ग) ऩाऩड़ फेरना

vi) घ) फाि जोहना

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07. ऩदयांश ऩर आधाररत बहुववकल्ऩी प्रश्नः 1X5=5

i) क) दे श के भरए फभरदान होने का अवसय

ii) ख) दे श के भरए जान दे ने के भरए तैमाय न होना

iii) ग) भातब
ृ ूभभ के

iv) घ) धयती की भान-भमाणदा के भरए भय-भभिने की

v) ग) फभरदान का

08. काव्यखंड से बहुववकल्ऩी प्रश्नः 1X2=2

i) ख) वे हभाये ऩूवज
ण ों की उऩरल्धधमों औय गरनतमों की माद ददराती हैं

ii) घ) ककसी भहान व्मल्क्त के रृदम से ननकरनेवार उच्च आकाॊऺाओॊ से

09. गदयांश ऩर आधाररत बहुववकल्ऩी प्रश्नः 1X5=5

i) ग) व्मावहारयक फातों को ह आदशों के रूऩ भें रोगों के साभने यखते थे

ii) क) गाॊधीजी के आदशण ह सभाज के साभने आए

iii) घ) केवर अऩने राब-हानन की धचॊता कयते हैं

iv) c) ख औय ग

v) क) कथन (A) सह है कायण (R) गरत है

10. गदयखंड से बहुववकल्ऩी प्रश्नः 1X2=2

i) घ) उन्होंने अनजाने भें कफूतयों का एक अॊडा तोड़ ददमा था

ii) ख) वतणभान भशऺा प्रणार

खण्ड – ब (वर्णनात्मक प्रश्न)

11. गदय भाग ऩर आधाररत तीन में से ककन्हहं दो प्रश्नों के उत्तर- 3X2=6

क) रूदढमाॉ सचभुच भनुष्म को स्वतॊत्र रूऩ से जीने नह ॊ दे तीॊ। वे फेडड़माॉ फनकय न आगे
फढने दे ती हैं न ह स्वतॊत्र रूऩ से जीने दे ती हैं। तताॉया औय वाभीयो एक दस
ू ये से प्रेभ
कयते थे। गाॉव का ननमभ था कक वैवादहक सॊफॊध के भरए दोनों को एक ह गाॉव का
होना चादहए। रूदढ ह थी जो उनके प्रेभ भें फाधक फन गई। रूदढ के कायण ह उन्हें
जान गॉवानी ऩड़ी। ऐसी रूदढमों को फदरना आवश्मक ह नह ॊ अननवामण बी है । ऐसी
रूदढमों को फदरने के भरए सफसे ऩहरे हभें अऩनी सोच फदरनी होगी। जो रूदढमाॉ
सभम औय औय सभाज के भरए उऩमुक्त नह ॊ उन्हें पेंक दे ना होगा।

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ख) 26 जनवय 1931 के ददन कोरकाता भें अॊग्रेज़ी शासन के खखराफ़ चराए गए
आॊदोरन भें स्त्री सभाज की बूभभका भहत्त्वऩूणण थी। इस आॊदोरन भें ल्स्त्रमों ने फढ-
चढकय बाग भरमा था। ल्स्त्रमाॉ अऩनी ओय से जुरूस फनाकय भानूभेंि की ओय चर
ऩड़ीॊ। जफ सुबाष फाफू को धगयफ़ताय ककमा गमा था तफ ल्स्त्रमों ने स्वमॊ भानूभेंि ऩय
चढकय झॊडा पहयामा औय घोषणा ऩढने रगीॊ। ववभर प्रनतबा के नेतत्ृ व भें रारफाज़ाय
की ओय चर ऩड़ीॊ। इस आॊदोरन भें ल्स्त्रमों ने ऩुभरस की रादठमाॉ बी खाईं। इस ददन
कुर भभराकय 105 ल्स्त्रमाॉ धगयफ़ताय होकय जेर गईं।

ग) वज़ीय अर सचभुच एक जाॉफाज़ भसऩाह था। वह दहम्भती औय ददरेय आदभी था।


जफ उससे अवध की नवाफी िीनी गई तफ उसने अॊग्रेज़ों का जभकय ववयोध ककमा।
गवनणय जनयर से फर
ु ाए जाने ऩय बी उसने साफ़ भना कय ददमा। वकीर का कत्र
कयने के फाद गोयखऩयु के जॊगरों भें बिकता यहा। वह ननड़य होकय कनणर काभरॊज के
खेभे भें घुस गमा जो उसे ऩकड़ने के भरए ऩूय पौज के साथ तैमाय फैठा था। मह तो
ऐसा था जैसे शेय के भॉह
ु भें हाथ डारना। उसने कनणर से ह कायतूस हाभसर ककए औय
उसे भायने की बी धभकी द थी। इन घिनाओॊ से ऩता चरता है कक वज़ीय अर एक
जाॉफाज़ भसऩाह था।

12. ऩदय भाग ऩर आधाररत तीन में से ककन्हहं दो प्रश्नों के उत्तर- 3X2=6

क) इस ऩॊल्क्त के द्वाया कवव ने ववश्व फॊधत्ु व की बावना ऩय फर ददमा है । उनका


कहना है कक भनुष्म दे श, प्राॊत, धभण, जानत आदद सॊकीणणताओॊ को बूरकय सॊसाय के
सबी रोगों को अऩना बाई-फॊधु भान रे तथा भानव-भात्र की सेवा कये । जफ हभ अऩने
आऩसी बेदबावों को बूरकय सभस्त भानव जानत को अऩना भान रे तथा उनका दख

ददण दयू कयने का प्रमास कयें तबी सॊसाय भें भानवता का ववकास होगा।

ख) कवव इस गीत भें बगवान से प्राथणना कय यहे हैं कक वे उसे भुसीफतों से न फचाएॉ
ऩयॊ तु उसे इतनी शल्क्त दें कक वह अऩनी भुसीफतों का साभना स्वमॊ कय सकें। कवव मह
बी प्राथणना कय यहे हैं कक जफ इस सॊसाय भें कोई साथी न भभरे तफ उसके फर औय
ऩौरुष ह उसके साथी फनें। कवव चाहता है कक बगवान उसका बाय कभ कयके साॊत्वना
न दें ऩयॊ तु इतनी शल्क्त दे कक वह अऩना बाय स्वमॊ उठा सके।

ग) फारयश होते ह सॊऩण


ू ण ऩहाड़ी दृश्म फदर जाता है । ववशार ऩवणत आॉखों से ओझर हो
जाता है । ऩहाड़ी झयनों की आवाज़ भात्र सन
ु ाई दे ती है । इन साये ऩरयवतणनों को दे खकय
ऐसा रगता है जैसे इॊद्र दे वता अऩना इॊद्रजार ददखा यहे हैं ।

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13. सहऩाि ऩर आधाररत तीन में से ककन्हहं दो प्रश्नों के उत्तर- 3X2=6

क) ‘हरयहय काका ऩाठ धन की रोरुऩता तथा रोगों के स्वाथण ऩय प्रकाश डारता है ।


आज की भतरफी दनु नमा भें रयश्ते-नाते का कोई भतरफ नह ।ॊ सुख-दख
ु भें साथ दे ने
वारे रयश्ते ह होते हैं ऩयॊ तु आजकर रोग इतने स्वाथी हो गए हैं कक अऩने स्वाथण-
भसद्धध के भरए कुि बी कयने को तैमाय हो जाते हैं। धन के रारच भें ऩड़कय एक-
दस
ू ये की जान के ऩीिे ऩड़ जाते हैं। ‘हरयहय काका’ ऩाठ भें बी मह दे खने को भभरता
है । हरयहय काका के तीनों बाई खन
ू के रयश्ते के कायण उनका सम्भान नह ॊ कयते
फल्लक ज़भीन हड़ऩने के भरए अऩने ह बाई को जान से भायने की धभकी दे ते हैं।
सचभुच इस भतरफी दनु नमा भें न बाई है न फॊध।ु

ख) सचभुच फच्चों का भन फहुत कोभर होता है । वे प्माय व प्रोत्साहन के बूखे यहते


हैं। भाय-ऩीि एवॊ कठोय व्मवहाय से उनका फारभन कॊु दठत हो जाता है । ऩी.ि . प्रीतभचॊद
चौथी कऺा के फच्चों को फ़ायसी का शधद रूऩ माद कयने को ददमा। जफ फच्चे वह नह ॊ
कय ऩाए तो उन्होंने फच्चों को भुगाण फनने की कड़ी सज़ा द । उनके इस व्मवहाय से
फच्चों के भन भें एक डय-सा सभा गमा था। फ़ायसी की घॊि फजते ह उनका ददर धक-
धक कयने रगता था। जफ तक हे ड़भास्िय मा अन्म अध्मऩक ऩढाने न आते तफ तक
वे बमबीत ह यहते।

ग) ‘बख
ू न दे खती दार-बात, प्माय न दे खता जात-ऩात’ – िोऩी औय इफ़्पन की दाद
का रयश्ता इस कथन को शत-प्रनतशत साथणक फनाता है । दाद कट्िय भुसरभान थी।
िोऩी कट्िय दहॊद।ू एक फहत्तय सार की थी औय दस
ू या आठ सार का। उन दोनों के
रयश्ते भें न धभण ने कोई फाधा ऩहुॉचाई न उम्र ने। दोनों एक अिूि रयश्ते से फॊधे थे।
दोनों अऩने-अऩने घयों भें अधयू े थे। दोनों प्माय के प्मासे थे। दोनों ने एक दस
ू ये की
प्मास फुझा द ।

14. ककसी एक ववषय ऩर ऱगभग 100 शब्दों में अनुच्छे द- 5x1=5

ववषमवस्तु - 3 अॊक

बाषा - 1 अॊक

प्रस्तत
ु ी - 1 अॊक

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15. ककसी एक ववषय ऩर ऩत्र- 5x1=5

आयॊ ब व अॊत की औऩचारयकताएॉ - 1 अॊक

ववषमवस्तु - 2 अॊक

बाषा - 1 अॊक

प्रस्तुती - 1 अॊक

16. ककसी एक ववषय ऩर ऱगभग 80 शब्दों में सूचना- 4x1=4

ववषमवस्तु - 2 अॊक

प्रस्तुती - 1 अॊक

बाषा - 1 अॊक

17. ककसी एक ववषय ऩर ववज्ञाऩन- 3x1=3

ववषमवस्तु - 1 अॊक

प्रस्तुती - 1 अॊक

बाषा - 1 अॊक

18. ऱघुकथा अथवा ईमेऱ ऱगभग 100 शब्दों में - 5x1=5

औऩचारयकताएॉ - 1 अॊक

ववषमवस्तु - 2 अॊक

प्रस्तुती - 1 अॊक

बाषा - 1 अॊक

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