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MS HINDI COURSE A Set B
MS HINDI COURSE A Set B
2. विम्नविखखत पद्यंश पर आधयररत बहुविकल्पी प्रश्ननं के सियावधक उपयुक्त विकल्प चुिकर विखखए- 5
(क) (D) तुम्हयरी विश्चि आँ खें, तयरनं-सी चमकती हैं मेरे अकेिेपि की रयत के आकयश में।
(ख) (A) िु कीिे पत्थरनं जैसी ।
(ग) (C) कथि (A) और कयरण (R) दनिनं सही हैं ।
(घ) (B) वपतय की छययय से बयहर भी िड़की आत्मविभार और खुश है ।
(ड़) (D) ये सभी
3 विदे शयिु सयर 'रचिय के आधयर पर ियक्य भेद पर आधयररत पयँच बहुविकल्पी प्रश्ननं में से वकन्ही चयर 4
प्रश्ननं के उत्तर दीवजए।
(क) (A) वमश्र ियक्य
(ख) (B) संयुक्त ियक्य
(ग) (B) सरि ियक्य
(घ) (C) केिि 3 सही है
(ड़) (C) 1- ii, 2-i, 3-i i i
4 निर्दे शािु सार 'वाच्य' पर आधाररत पााँ च बहुनवकल्पी प्रश्नों में से नकन्ही चार प्रश्नों के उत्तर र्दीनिए-
(क) (C) 1- iii, 2-i, 3-ii
(ख) (D) िे तयजी िे दे श के विए अपिय सब कुछ त्ययग वदयय।
(ग) (C) हमें धनखय वदयय जय रहय है ।
(घ) (A) ददा के कयरण उससे खड़य ही िही ं हुआ गयय ।
(ड़) (D) दु कयिदयर िे उवचत मूल्य वियय ।
5. विदे शयिु सयर 'पद पररचय' पर आधयररत पयँच बहुविकल्पी प्रश्ननं में से वकन्ही ं चयर प्रश्ननं के उत्तर 4
दीवजए-
(क) (B) विशेषण, सयिा ियवमक, एकिचि, स्त्रीविंग, 'भयषय' विशेष्य
(ख) (A) संज्ञय, व्यखक्तियचक, पु खलंग, एकिचि, कमाकयरक।
(ग) (C) संज्ञय, जयवतियचक, एकिचि, पु खलंग, कतयाकयरक,'हनतय है ' वियय कय कतया ।
(घ) (C) वियय, अकमाक, बहुिचि, स्त्रीविंग, भूतकयि ।
(ड़) (C) अकमाक वियय, एकिचि, पु खलंग, भूतकयि, कतताियच्य ।
6. विदे शयिु सयर 'अिंकयर' पर आधयररत पयँच बहुविकल्पी प्रश्ननं में से वकन्ही ं चयर प्रश्ननं के उत्तर दीवजए- 4
(क) (A) श्लेष
(ख) (B) उत्प्रेक्षय
(ग) (C) मयििीकरण
(घ) (D) अवतश्यनखक्त
(ड़) (D) अवतश्यनखक्त
7. विम्नविखखत पवित गद्यंश पर आधयररत बहुविकल्पी प्रश्ननं के सियावधक उपयुक्त विकल्प चुिकर विखखए 5
(क) (A) अपिनं के हयथनं विश्वयसघयत के कयरण
8. गद् पयिनं के आधयर पर विम्नविखखत दन बहुविकल्पी प्रश्ननं के सियावधक उपयुक्त विकल्प चुिकर 2
विखखए-
(क) (C) संस्कतत मयिि
(ख) (A) प्रिे श द्वयर के ऊपर मंगि ध्ववि बजयिे कय थथयि
9. विम्नविखखत पवित पद्यंश पर आधयररत बहुविकल्पी प्रश्ननं के सियावधक उपयुक्त विकल्प चुिकर 5
विखखए-
(क) (B) चट्टयि जैसय भयरी
(ख) (A)संगतकयर की
(ग) (D)ये सभी
(घ) (C)मुख्य गययक की
(ड़) (D) ये सभी
10. पद्म पाठनों के आधार पर निम्ननिखित र्दन बहुनवकल्पी प्रश्नों के सवाा नधक उपयुक्त नवकल्प चुिकर निखिए- 2
12 पद्य पाठनों के आधार पर निम्ननिखित चार प्रश्नों में से नकन्हीों तीि प्रश्नों के उत्तर िगभग 25-30 शब्नों में 6
निखिए-
(क) फयगुि के प्रभयि से पेड़नं की डयविययँ पत्तनं और फूिनं से िद गई हैं। पत्तनं की हररययिी के
कयरण डयविययँ कही ं हरी हन गई हैं और कही ं िए पत्तनं (पलि) की ियविमय के कयरण ियि हन
गई हैं , उि पर फूिनं के खखि जयिे के कयरण िगतय है वक उिके गिे में सुगंवधत फूिनं की
मयिय पड़ी हुई है ।
(ि) जब वशशु अपिे िन्हे-िन्हे ििनवदत दयँतनं कन वदखयते हुए मुस्कुरयतय है, तब उसकी िह मुसकयि
इतिी प्ययरी हनती है वक मरणयसन्न व्यखक्त भी उसे दे खकर अपिे सयरे दु ुः ख-ददा भूिकर प्रसन्नतय से
झूम उितय है । इस प्रकयर वशशु की मुसकयि मततप्रयय व्यखक्त में भी प्रयणनं कय संचयर कर दे ती है ।
(ग) कवि अपिे वमिनं कन कहतय है वक तुमिे मेरे जीिि कय उपहयस उड़यकर खूब आिं द वियय है । यवद मैं
आत्मकथय विखूँगय तन तुम्हें। अपिी इस कमजनरी कय भी बनध हन जयएगय।
(घ) स्वयंिर थथि पर वशि-धिु ष तनड़िे ियिे परशुरयम िे यह कह कर धमकययय वक वजसिे वशि-धिु ष तनड़य
है िह सहस्रबयहु के समयि मेरय प्रबि शिु है । उिकय शिु उिके समक्ष उपखथथत हन जयए अन्यथय िहयँ उपखथथत
सभी रयजय मयरे जयएं गे ।
13. पू रक पयठ्यपु स्तक के पयिनं पर आधयररत विम्नविखखत तीि प्रश्ननं में से वकन्ही ं दन प्रश्ननं के उत्तर िगभग 50-60 8
शब्नं में विखखए-
(क) 'मयतय कय अं चि' पयि में वजस विद्यिय कय िणाि है िहयँ अध्ययपक बच्चनं की वपटयई करके, उन्हें शयरीररक
दं ड दे कर अिु शयसि में रखते थे। आज के विद्यियनं में शयरीररक दं ड दे िय िवजात है । आजकि विद्यवथायनं कन
समझय-बु झय कर अिु शयसि में रखय जयतय है विद्यिय में परयमशादयतय की वियुखक्त की जयती है । परयमशादयतय
शैवक्षक मयगा दशाि दे कर छयिनं कन आत्म-समययनजि तथय सयमयवजक समययनजि में सहययतय प्रदयि करते हैं ।
आज के विद्यियनं में जन अिु शयसि व्यिथथय है िह पु रयिे तरीके से अवधक अच्छी है।
(ि) 'कटयओ' पर वकसी दु कयि कय ि हनिय उसके विए िरदयि है क्यनंवक यवद िहयँ पर भी दु कयिें
खुि जयएँ गी तन उस थथयि कय व्यिसययीकरण हन जयएगय। ऐसे में शययद िहयँ कय प्रयकतवतक सौन्दया
िष्ट हन जयएगय। अभी िहयँ आिे -जयिे ियिे िनगनं की संख्यय सीवमत है । दु कयिें खुििे पर आिे ियिे
पयाटक यहयँ गं दगी फैियएँ गे । ियहिनं के आियगमि से यहयँ के तयपमयि और प्रदू षण में भी ित खद्ध
हनगी। इस थथयि और अन्य पयाटि थथिनं की सुंदरतय कन बियए रखिे में युिय ियगररक महत्त्वपू णा
यनगदयि दे सकते हैं । िे इि थथिनं की स्वच्छतय कय विशेष ध्ययि रखें, ितक्षनं कन ि कयटें , सयिा जविक
ियहिनं कय प्रयनग करें , िवदयनं एिं अन्य जि स्रनतनं कन दू वषत ि करें एिं प्रयकतवतक संसयधिनं कय
संरक्षण करें । सयथ ही िनगनं कन पययािरण संरक्षण के प्रवत जयगरूक करें ।
(ग) पयि के अिगा त वहरनवशमय के वबस्फनट की चचया हुई है वजसमें विज्ञयि कय दु रुपयनग बु री तरह से वकयय गयय
है । रे वडयनधमी पदयथा की वकरणनं िे िहयँ के पत्थर कन भी बु री तरह से झुिसय वदयय थय। आदमी तन भयप बिकर
ही उड़ गयय हनगय। आज आतंकियदी संसयर में वकसी भी जगह विस्फनट कर दे ते हैं । अियिश्यक िै ज्ञयविक
खनज और उत्पयद कन रनककर हम विज्ञयि के दु रुपयनग कन कम कर सकते हैं ।
14 अध्यापक स्ववववेक से मल
ू याांकन करें | 6
15 अध्यापक स्ववववेक से मल
ू याांकन करें | 5
16 अध्यापक स्ववववेक से मल
ू याांकन करें | 5
17 अध्यापक स्ववववेक से मल
ू याांकन करें | 4