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प्रतिदर्श प्रश्न पत्र (2023-24)

कक्षा – दसव ीं
त ींद -अ (कोड 002)

तिर्ाशरिि समय: 3 घीं टे पू र्ाांक: 80

सामान्य तिदे र् :

1. इस प्रश्नपत्र में दो खंड हैं - खंड 'क' और ‘ख’। खं ड क में वस्तु परक / बहुववकल्पी और खं ड-ख में वस्तुविष्ठ
वर्णिात्मक प्रश्न वदए गए हैं ।
2. प्रश्नपत्र के दोिों खं डों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अविवार्ण हैं ।
3. र्थासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमािु सार विखखए।
4. खं ड 'क' में कुि 10 प्रश्न हैं वनिमें उपप्रश्नों की संख्या 44 हैं । वदए गए विददेश ों ों का पािि करेे हुए 40 उपप्रश्नों
के उत्तर दे िा अविवार्ण है ।
5. खं ड 'ख' में कुि 7 प्रश्न हैं सभी प्रश्नों के साथ उिके ववकल्प भी वदए गए हैं । विददेश ों ािु सार ववकल्प का ध्याि
रखेे हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीवनए।

खींड-अ (बहुतवकल्प / वस्तुपिक प्रश्न)


(1×5=5)
प्रश्न 1. तिम्नतिखखि गद्ाींर् पि आर्ारिि बहुतवकल्प /वस्तुपिक प्रश्नोीं के उत्ति सवाशतर्क उपयुक्त तवकल्प
चुिकि तिखखए।

हमारे दे ों में वहं दी विल्ों के गीे अपिे आरं भ से ही आम दों ण क के सुख -दु ख के साथी रहे हैं । वेणमाि समर्
में वहं दी विल्ों के गीेों िे आम नि के हृदर् में िोकगीेों सी आत्मीर् नगह बिा िी है । वनस ेरह से एक नमािे
में िोकगीे निमािस के सुख-दु ख आकां क्षा उल्लास और उम्मीद को स्वर दे ेे थे आन विल्ी गीे उसी भू वमका
को विभा रहे हैं । इेिा ही िहीं दे ों की ववववधेा को एकेा के सूत्र में बााँ धिे में वहं दी विल्ों का र्ोगदाि सभी
स्वीकार करेे हैं । वहं दी भाषा की ों ब्द संपदा को समृ द्ध करिे का नो काम रानभाषा ववभाग ेत्सम ों ब्दों की
सहार्ेा से कर रहा है वही कार्ण विल्ी गीे और डार्िॉग विखिे वािे ववववध क्षे त्रीर् भाषाओं के मे ि से करेे हुए
वदखाई पड़ रहे हैं । र्ह गािे नि-नि के गीे इसी कारर् बि सके क्ोंवक इिमें रानिीवे के उेार-चढाव की
अिु गूंनों के साथ दे हाेी कस्बार्ी और िए बिे ों हरों का दे ों न नीवि दों ण ि भी आत्मसाे वकर्ा नाेा रहा है । भारे
की वनस गंगा-नमु िी संस्कृवे का मवहमामं डि बहुधा होेा है उसकी गूंन भी इि गीेों में वमिेी है । आनादी की
िड़ाई के दौराि विखे प्रदीप के गीे हों र्ा स्वाधीिेा प्राखि साथ ही होिे वािे दे ों के ववभानि की ववभीवषका सभी
को भी इि गीेों में बहुे संवेदिों ीि रूप से व्यक्त वकर्ा गर्ा है ।

वहं दी विल्ी गीेों के इस संसार में वहं दी-उदू ण का 'झगड़ा' भी कभी पिप िहीं सका। प्रदीप िीरन नै से ों ािदार
वहं दी कववर्ों इं दीवर ेथा ों ैिेंद्र नै से श्रे ष्ठ गीेकारों और सावहर कैफी मनरूह नै से मों हूर ों ार्रों को वहं दी वसिे मा
में हमे ों ा एक ही वबरादरी का मािा नाेा रहा है । र्ह वसिे मा की इस दु विर्ा की ही खावसर्े है वक एक ेरफ
गीेकार सावहर िे 'कहााँ हैं कहााँ हैं /मु हावफन खु दी के/ वनन्हें िान है वहं द पर/ वो कहााँ हैं ' विखा ेो दू सरी ेरफ
उन्होंिे ही 'संसार से भागे वफरेे हो/ भगवाि को ेुम क्ा पाओगे !/ र्े भोग भी एक ेपस्या है / ेुम प्यार के मारे
क्ा नािोगे / अपमाि रचवर्ेा का होगा/ रचिा को अगर ठु करा ओगे!' नै सी पंखक्तर्ााँ भी रची हैं । परववेणर्ों में
गुिनार ऐसे गीेकार हैं वनन्होंिे उदू ण वहं दी पंनाबी रानस्थािी के साथ पुरवबर्ा बोविर्ों में मि को मोह िे िे वािे

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गीेों की रचिा की है । बंवदिी के 'मोरा गोरा अंग िइिे मोहे श्याम रं ग दइदे ' ‘कनरारे -कनरारे ेेरे कारे -कारे
िर्िा!’ 'र्ारा वसिी वसिी राे का ढििा' और 'चप्पा चप्पा चरखा चिे ' नै से गीेों को रचकर उन्होंिे भारे की साझा
संस्कृवे को मू वेणमाि कर वदर्ा है । वस्तु ेः भारे में बििे वािी वफल्ों में आिे वािे गीे उसे ववश्व-वसिे मा में एक
अिग पहचाि दे ेे हैं । र्े गीे सही मार्िे में भारेीर् संस्कृवे की खू बसूरेी को अवभव्यक्त करेे हैं ।

1. त ीं द तिल्म ग िोीं औि िोकग िोीं में क्या समाििा ै ?


A. र्े िोगों के रीवे-ररवानों उिकी िािसाओं उिकी सोच और कल्पिाओं को स्वर दे ेे हैं ।
B. र्े िोगों के नीवि के अिु भवों आमोद प्रमोद ववचारों और दों ण ि को स्वर दे ेे हैं ।
C. र्े िोगों के आिं द उिके ों ोक उिके हषण और उिकी आों ाओं को स्वर दे ेे हैं ।
D. र्े िोगों के नीवि के र्थाथण और कठोरेाओं में व ं दा रहिे की चाह को स्वर दे ेे हैं ।

2. त ीं द भाषा क र्ब्द सींपदा को समृद्ध कििे का काम तिल्म ग िोीं िे तकस प्रकाि तकया?
A. रानभाषा ववभाग से प्रेरर्ा पाकर
B. वववभन्न क्षे त्रीर् भाषाओं के मेि से
C. क्षे त्रीर् भाषाओं की वफल्ों को प्रोत्सावहे करके
D. ववदे ों ी भाषाओं की वफल्ों को हेोत्सावहे करके

3. कथि (A) औि कािर् (R) को पढ़कि उपयुक्त तवकल्प चुतिए:


कथि (A) : वहं दी वफल्ों के गािे नि नि के गीे बि गए हैं |
कारर् (R) : इि गीेों में रानिीवे की अिु गूंनों के साथ दे हाेी कस्बार्ी और िए बिे ों हरों का नीवि
दों ण ि भी आत्मसाे वकर्ा नाेा रहा है ।
A. कथि (A) गिे है वकंेु कारर् (R) सही है ।
B. कथि (A) और कारर् (R) दोिों ही गिे हैं ।
C. कथि (A) सही है और कारर् (R) कथि (A) की सही व्याख्या है ।
D. कथि (A) सही है वकंेु कारर् (R) कथि (A) की सही व्याख्या िहीं है ।

4. ‘त ीं द तिल्म ग िोीं के इस सींसाि में त ीं द -उदू श का 'झगडा' भ कभ पिप ि ीं सका।‘ उपयुशक्त


कथि के पक्ष में तिम्नतिखखि िकों पि तवचाि क तिए।
1. र्हााँ सभी गीेकारों को एक ही बंधुत्व वगण का मािा नाेा है ।
2. र्े गीेकार सभी भाषाओं में समाि रूप से गीे विखेे हैं ।
3. इि गीेकारों में वैमिस्य व प्रवेस्पधाण का भाव िहीं है ।
A. 1 सही है ।
B. 2 सही है ।
C. 3 सही है ।
D. 1 और 2 सही है ।

5. उपयुशक्त गद्ाींर् में त ीं द तिल्म ग िोीं क तकस तवर्ेषिा पि सवाशतर्क बि तदया गया ै ?
A. र्े गीे किात्मक श्रे ष्ठेा व सवणधमण समभाव को अवभव्यक्त करेे हैं ।
B. र्े गीे सां प्रदावर्क सद्भाव को अवभव्यक्त करेे हैं ।
C. र्े गीे पारस्पररक प्रेम व सद्भाव को अवभव्यक्त करेे हैं ।
D. र्े गीे हमारी ेह ीब की खूबसूरेी को अवभव्यक्त करेे हैं ।

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(1×5=5)
प्रश्न 2. तिम्नतिखखि काव्ाींर् पि आर्ारिि बहुतवकल्प /वस्तूपिक प्रश्नोीं के उत्ति सवाशतर्क उपयुक्त तवकल्प
चुिकि तिखखए।

हम धरेी के बेटे बड़े कमे रे हैं ।


भरी थकि में सोेे वफर भी —
उठेे बड़े सवेरे हैं ।।

धरेी की सेवा करेे हैं


कभी ि मे हिे से डरेे हैं
िू हो चाहे ठण्ड सर्ािी
चाहे झर-झर बरसे पािी
र्े ेो मौसम हैं हमिे
ेूिािों के मुाँ ह फेरे हैं ।

खे े िगे हैं अपिे घर से


हमको गरन िहीं दफ़्तर से
दू र ों हर से रहिे वािे
सीधे-सादे भोिे-भािे
रखवािे अपिे खे ेों के
वनिमें बीन वबखे रे हैं ।

हाथों में िे कर हि-हाँ वसर्ा


गाेे िई िसि के रवसर्ा
धरेी को साड़ी पहिाेे
दू र-दू र ेक भू ख वमटाेे
मु ट्ठी पर दािों को रखकर
कहेे हैं बहुेेरे हैं

हम धरेी के बेटे बड़े कमे रे हैं ।


भरी थकि में सोेे वफर भी —
उठेे बड़े सवेरे हैं ।।

1. ‘ म र्िि के बे टे बडे कमेिे ैं !’ में कमेिे से आर्य ै -


A. पररश्रमी।
B. काम के ।
C. वकसाि ।
D. म दू र ।

2. कतव िे तकसािोीं को 'िसिोीं का ितसया' क ा ै क्योींतक वे -


A. फसिों को उगाेे हैं ।
B. फसिों को काटेे है ।
C. फसिों से प्रेम करेे हैं ।
D. फसिों को बेचेे हैं ।

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3. तकसाि 'र्िि क सेवा' _____________________कििे ैं l
A. खे ेों में फसि उगाकर
B. सदी गमी बरसाे सहकर
C. वबिा ववश्राम पररश्रम कर
D. खे ेों के पास घर बिाकर

4. कथि (A) औि कािर् (R) पि तवचाि कििे हुए स तवकल्प चुतिए:


(A) हमारे घर खे ेों के पास खस्थे होेे हैं ।
(R) हमारे घर ों हरों से दू र होेे हैं ।

A. कथि (A) सही है वकंेु कारर् (R) गिे है ।


B. कथि (A) गिे है वकंेु कारर् (R) सही है ।
C. कथि (A) व (R) सही हैं और कथि (A) (R) की सही व्याख्या है ।
D. कथि (A) व (R) सही हैं और कथि (A) (R) की सही व्याख्या िहीं है ।

5. ' म तकसािोीं िे र्िि को िसिोीं के आविर् से ढक तदया ै ।' तिम्नतिखखि तकस पीं खक्त का य
आर्य ै —
A. ेूफािों के मुाँ ह फेरे हैं
B. रखवािे अपिे खे ेों के
C. धरेी को साड़ी पहिाेे
D. दू र-दू र ेक भू ख वमटाेे

प्रश्न 3. तिदे र्ािु साि िचिा के आर्ाि पि वाक्य भेद पि आर्ारिि पााँच बहुतवकल्प य प्रश्नोीं में से तकन्ह चाि
के उत्ति द तिए।
(1×4 =4)

1. ‘िसूिि औि बिूिि िे गािा गाया क्योींतक इस से अम रुद्द ि को खुर् तमिि ै ।‘ सिि वाक्य
में तिखखए –
A. रसूिि और बेूिि के गार्ि से अमीरुद्दीि को खु ों ी वमिेी है ।
B. रसूिि और बेूिि नै से ही गाेी हैं अमीरुद्दीि को खु ों ी वमिेी है ।
C. रसूिि और बेूिि गाेी हैं और अमीरुद्दीि को खु ों ी वमिेी है ।
D. रसूिि और बेूिि के गीेों से अमीरुद्दीि को खु ों ी वमिेी है ।

2. ‘दू सि बाि िब ािदाि सा ब उर्ि से गु ज़िे िो उन्हें मूतिश में कुछ अीं िि तदखाई तदया।‘ इस
तमतिि वाक्य को सींयुक्त वाक्य में बदतिए।
A. नै से ही दू सरी बार हािदार साहब उधर से गु रे उन्हें मू वेण में कुछ अंेर वदखाई वदर्ा।
B. दू सरी बार उधर से गुनरेे समर् हािदार साहब को मू वेण में कुछ अंेर वदखाई वदर्ा।
C. दू सरी बार हािदार साहब उधर से गुनरे और उिको मू वेण में कुछ अंेर वदखाई वदर्ा।
D. नब भी हािदार साहब उधर से गुनरेे हैं मू वेण में अंेर वदखार्ी दे ेा है ।

3. तमि वाक्य का उदा िर् ै :


A. अनमे र से पहिे वपेा नी इं दौर में थे ।
B. हुड़दं ग ेो इेिा मचार्ा वक कॉिे न वािों को थडण इर्र भी खोििा पड़ा।
C. हमिे हुड़दं ग मचार्ा और कॉिे न वािों िे थडण इर्र खोि वदर्ा।
D. हमारे हुड़दं ग मचािे के कारर् कॉिे न वािों को थडण इर्र भी खोििा पड़ा।

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4. तिम्नतिखखि वाक्योीं में सींयुक्त वाक्य प चािकि ि चे तदए गए तवकल्पोीं में से सवाशतर्क स
तवकल्प चुतिये।
1. असिि ोिे पि र्ोक कििा व्थश ै ।
2. मै एक तदि अमेरिका िाऊाँग िथा अपिा र्ेष ि वि व ीं तबिाऊाँग ।
3. िैसे िमेर् आया, वै से मो ि चि तदया।
4. तवद्ाथी परििम ै , िो अवश्य सिि ोगा।
A. 1 और 2 सही है ।
B. 2 और 3 सही है ।
C. 1 और 4 सही है ।
D. 2 और 4 सही है ।

5. सूच 1 को सूच 2 से सुमेतिि क तिए औि स तवकल्प का चयि क तिए ?


सूच 1 सूच 2
1. सुरेों के आ नािे से सब प्रसन्न हो गए। i. वमश्र वाक्
2. मैं र्ुवा थी और ों ीिा अग्रवाि की नोों ीिी बाेों िे रगों में बहेे खू ि को ii. सरि वाक्
िावे में बदि वदर्ा था।
3. कुछ िोग इसविए दाि करेे हैं वक उिका िाम हो। iii. संर्ुक्त वाक्

A. 1 i 2 ii 3 iii
B. 1 ii 2 iii 3 i
C. 1 i 2 iii 3 ii
D. 1 ii 2 i 3 iii

प्रश्न 4. तिदे र्ािु साि ‘वाच्य’ पि आर्ारिि पााँच बहुतवकल्प य प्रश्नोीं में से तकन्ह चाि के उत्ति द तिए।
(1×4 =4)
1. बािगोतबि भगि कब ि को ‘सा ब’ माििे थे। (कमश वाच्य में बदतिए)
A. बािगोवबि भगे द्वारा कबीर को ‘साहब’ मािा नाेा था।
B. बािगोवबि भगे द्वारा कबीर को ‘साहब’ मािा नाेा है ।
C. बािगोवबि भगे कबीर को ‘साहब’ मािेे हैं ।
D. बािगोवबि भगे से कबीर को ‘साहब’ मािा नाेा है ।

2. भोि में िोगोीं से बािगोतबि भगि का ग ि ि ीं सुिा गया। वाक्य में वाच्य ै —
A. कमण वाच्य
B. भाव वाच्य
C. केृण वाच्य
D. केृण और कमण वाच्य दोिों

3. ‘र्ाि के पाि -भिे खेिोीं में बच्चे उछि ि े ैं ।‘ उदा िर् ै --


A. भाव वाच्य
B. केृण वाच्य
C. कमण वाच्य
D. ववचार वाच्य

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4. तिम्नतिखखि वाक्योीं में भाव वाच्य का उदा िर् ै :
1. मािा ि तमठाई बिा सकि ैं ।
2. मुझसे बै ठा ि ीं िािा।
3. भगवाि द्वािा माि िक्षा क िाि ै।
4. गतमशयोीं में छि पि सोया िािा ै ।
A. 1 और 2 सही है ।
B. 2 और 3 सही है ।
C. 1 और 4 सही है ।
D. 2 और 4 सही है ।

5. सूच 1 को सूच 2 से सुमेतिि क तिए औि स तवकल्प का चयि क तिए ?


सूच 1 सूच 2
1. गवमण र्ों में िोग खू ब िहाेे हैं । i. भाव वाच्य
2. गोपाि से पत्र विखा नाेा है । ii. केृण वाच्य
3. धूप में चिा िहीं नाेा। iii. कमण वाच्य
तवकल्प
A. 1. i 2. ii 3. iii
B. 1.ii 2. iii 3. i
C. 1. i 2. iii 3.ii
D. 1. ii 2. i 3. Iii

प्रश्न 5. तिदे र्ािु साि ‘पद परिचय’ पि आर्ारिि पााँच बहुतवकल्प य प्रश्नोीं में से तकन्ह चाि के उत्ति द तिए।
(1×4 =4)
1. म दे िादू ि घू मिे गए। -- िे खाींतकि पद का परिचय ै ?
A. संज्ञा प्रथम पुरुष पुखल्लं ग बहुवचि केाण
B. सवणिाम प्रथम पुरुष पुखल्लं ग बहुवचि केाण
C. सवणिाम प्रथम पुरुष पुखल्लं ग एक वचि केाण
D. सवणिावमक ववों ेषर् प्रथम पुरुष पुखल्लं ग बहुवचि केाण

2. र्तर् दसव ीं कक्षा में पढ़ि ै । -- िे खाींतकि पद का परिचय ै ?

A. ववों े षर् संख्यावाचक स्त्रीविंग एकवचि ‘कक्षा’ ववों े ष्य


B. वक्रर्ाववों े षर् पररमार्वाचक ‘पढिा’ वक्रर्ा
C. ववों े षर् गुर्वाचक स्त्रीविं ग एकवचि ‘कक्षा’ ववों े ष्य
D. ववों े षर् संख्यावाचक स्त्रीविंग बहुवचि ‘कक्षा’ ववों े ष्य

3. व स्कूि से अभ -अभ आया ै । -- िे खाींतकि पद का परिचय ै ?


A. संज्ञा नावेवाचक एकवचि पुखल्लं ग करर् कारक
B. संज्ञा व्यखक्तवाचक एकवचि पुखल्लं ग अपादाि कारक
C. संज्ञा नावेवाचक बहुवचि पुखल्लं ग अपादाि कारक
D. संज्ञा नावेवाचक एकवचि पुखल्लं ग अपादाि कारक

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4. व मेि बाि पि बहुि ाँ सा। -- िे खाींतकि पद का परिचय ै ?
A. पररमार्वाचक वक्रर्ाववों े षर् हाँ सिा वक्रर्ा का ववों े षर्
B. ववों े षर् संख्यावाचक स्त्रीविंग एकवचि ‘हाँ सिा’ ववों े ष्य
C. ववों े षर् पररमार् वाचक स्त्रीविं ग एकवचि ‘हाँ सिा’ ववों ेष्य
D. ववों े षर् पररमार् वाचक पुखल्लं ग एकवचि ‘हाँ सिा’ ववों ेष्य

5. योग्य तपिा क सींिाि भ योग्य ोि ै ।-- िे खाींतकि पद का परिचय ै ?

A. संज्ञा नावेवाचक स्त्रीविं ग एकवचि


B. संज्ञा व्यखक्तवाचक स्त्रीविं ग एकवचि
C. संज्ञा नावेवाचक पुखल्लं ग एकवचि
D. ववों े षर् गुर्वाचक स्त्रीविं ग एकवचि ‘वपेा’ ववों े ष्य

प्रश्न 6. तिदे र्ािु साि ‘अिींकाि’ पि आर्ारिि पााँच बहुतवकल्प य प्रश्नोीं में से तकन्ह चाि के उत्ति द तिए।
(1×4 =4)
1. ‘सुिि िोग िागि ै ऐसौ, ज्ौ ीं करुई ककि ' में अिींकाि ै -
A. उत्प्रेक्षा
B. श्लेष
C. र्मक
D. अिु प्रास

2. ‘प्र ति-िद में पााँउ ि बोियो’ िे खाींतकि में अिींकाि ै -


A. उपमा
B. रूपक
C. र्मक
D. अिु प्रास

3. ‘उस काि मािे क्रोर् के, िि कााँपिे उसका िगा। मािो वा के िोि से, सोिा हुआ सागि िगा।’
में अिींकाि ै -

A. उत्प्रेक्षा
B. रूपक
C. श्लेष
D. उपमा

4. तिम्नतिखखि में उपमा अिींकाि ै -

A. बादि गरनो!-
B. घेर घेर घोर गगि धाराधर ओ!
C. िविे िविे कािे घुाँघरािे
D. बाि कल्पिा के-से पािे

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5. ‘अवतर् आर्ाि आस आवि क ’ में अिींकाि ै -
A. उपमा
B. रूपक
C. र्मक
D. अिु प्रास
प्रश्न 7. तिम्नतिखखि पतठि गद्ाींर् पि आर्ारिि बहुतवकल्प य प्रश्नोीं के सवाशतर्क उपयुक्त तवकल्प चुिकि
तिखखए-
(1×5 =5)

नीप कस्बा छोड़कर आगे बढ गई ेब भी हािदार साहब उस मू वेण के बारे में ही सोचेे रहे और अंे में इस
विष्कषण पर पहुाँ चे वक कुि वमिाकर कस्बे के िागररकों का र्ह प्रर्ास सराहिीर् ही कहा नािा चावहए। महत्त्व मू वेण
के रं ग-रूप र्ा कद का िहीं उस भाविा का है वरिा ेो दे ों भखक्त भी आनकि मनाक की ची होेी ना रही है ।
दू सरी बार नब हािदार साहब उधर से गुनरे ेो उन्हें मू वेण में कुछ अंेर वदखाई वदर्ा। ध्याि से दे खा ेो पार्ा वक
चश्मा दू सरा है । पहिे मोटे फ्रेमवािा चौकोर चश्मा था अब ेार के फ्रेमवािा गोि चश्मा है । हािदार साहब का
कौेूहि और बढा। वाह भई क्ा आइवडर्ा है । मूवेण कपड़े िहीं बदि सकेी िे वकि चश्मा ेो बदि ही सकेी है ।

1. ‘ि प कस्बा छोडकि आगे बढ़ गई’ अथाशि


A. नीप कस्बे में वबिा रुके आगे बढ गई।
B. नीप कस्बे में रुक कर आगे बढ गई।
C. नीप कस्बे में रुक गई।
D. नीप कस्बे में िहीं गई।

2. ािदाि सा ब तकसके तवषय में सोचिे ि े ?


A. िे ेानी के बारे में
B. मू वेण के बारे में
C. चौराहे के बारे में
D. कस्बे के बारे में

3. ‘वििा िो दे र्भखक्त भ आिकि मिाक क च ज़ ोि िा ि ै ।‘ से आर्य ै ...


A. आनकि दे ों भक्त होिा संभव िहीं है ।
B. आनकि दे ों भक्त होिा हास्यास्पद हो गर्ा है ।
C. आनकि सभी दे ों भक्त हो गए हैं ।
D. आनकि दे ों भखक्त की प्रासंवगकेा िहीं है ।

4. दू सि बाि िब ािदाि सा ब उर्ि से गु ििे िो उन्हें मूतिश में क्या अीं िि तदखाई तदया?

A. मू वेण पर कोई चश्मा िहीं था।


B. मू वेण पर पुरािा चश्मा था।
C. मू वेण पर एक िर्ा चश्मा था।
D. मू वेण क्षवेग्रस्त थी।

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5. ‘िे िाि का चश्मा’ पाठ..
A. दे ों भखक्त के भाव पर व्यं ग्य करेा है ।
B. दे ों भखक्त की प्रासंवगकेा पर सवाि उठाेा है ।
C. दे ों भखक्त के महत्व को स्थावपे करेा है ।
D. दे ों भखक्त के प्रवे उम्मीद नगाेा है ।

प्रश्न 8. ‘तक्षतिि’ के गद् पाठोीं के आर्ाि तिम्नतिखखि दो बहुतवकल्प य प्रश्नोीं के सवाशतर्क उपयुक्त तवकल्प
चुिकि तिखखए-
(1×2=2)
1. 'बािगोतवि भगि के ि वि से में क्या प्रे िर्ा तमिि ै?
A. आडं बर से दू र रहकर ईश्वर भखक्त करिे की
B. कृवष आधाररे नीवि व्येीे करिे की
C. सामावनक रूवढर्ों का समथण ि करिे की
D. पूना-पाठ और र्ज्ञ आवद करिे की

2. अम िउद्द ि को िसूििबाई औि बािूििबाई के घिवािा िास्ता क्योीं पसींद था?


A. संगीे के प्रवे असीम रुवच के कारर्।
B. संगीे के प्रवे अरुवच के कारर्।
C. वह छोटा रास्ता था।
D. वह रास्ता साफ-सुथरा था।

प्रश्न 9. तिम्नतिखखि पतठि पद्ाींर् पि आर्ारिि बहुतवकल्प य प्रश्नोीं के सवाशतर्क उपयुक्त तवकल्प चुिकि
तिखखए—
(1×5 =5)
तब तस िखि बोिे मृदु बाि । अ ो मुि सु म ाभट माि ॥
पु ति पु ति मोत दे खाव कुठारु। च ि उडावि िूाँतक प ारू ॥
इ ााँ कुम्हडबतिया कोउ िा ीं। िे िििि दे खख रि िा ीं ॥
दे खख कुठारु सिासि बािा। मैं कछु क ा सत ि अतभमािा ॥
भृगुसुि समुतझ ििे उ तविोक । िो कछु क हु स रिस िोक ॥
सुि मत सुि रििि अरु गाई। मिे कुि इन्ह पि ि सुिाई ॥
बर्े पापु अपक िति ािें । माििहाँ पा परिअ िुम्हािे ॥

1. पिर्ुिाम बाि-बाि अपिा कुठाि तकसे औि क्योीं तदखा ि े ैं ?

A. राम को भर्भीे करिे के विए


B. िक्ष्मर् को भर्भीे करिे के विए
C. ववश्वावमत्र को भर्भीे करिे के विए
D. महारान निक को भर्भीे करिे के विए

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2. तिम्नतिखखि पीं खक्तयोीं में से तकस पीं खक्त से िक्ष्मर् क र्खक्तर्ाि ोिे का पिा चििा ै :
A. वबहवस िखिु बोिे मृ दु बािी। अहो मु िीसु महाभट मािी।।
B. पुवि पुवि मोवह दे खाव कुठारु। चहे उड़ावि फूाँवक पहारू।।
C. दे खख कुठारु सरासि बािा। मैं कछु कहा सवहे अवभमािा।।
D. इहााँ कुम्हड़बवेर्ा कोउ िाहीं। ने ेरनिी दे खख मरर नाहीं ।।

3. िघु कुि में तकि-तकि के प्रति अपि व ििा का प्रदर्शि ि ीं तकया िािा ै ?

A. दे वेा ब्राह्मर् ईश्वर भक्त और गार् पर


B. खस्त्रर्ों बच्ों ईश्वर भक्त और गार् पर
C. दे वेा राना वीर र्ोद्धा और खस्त्रर्ों पर
D. खस्त्रर्ों बच्ों राना और गार् पर

4. ‘तब तस िखि बोिे मृदु बाि । अ ो मुि सु म ाभट माि ‘ य कथि_______________का उदा िर्
ै।
A. व्यं ग्य का
B. हास्य का
C. क्रोध का
D. वैराग्य का

5. उपयुशक्त पद्ाींर् में िक्ष्मर् के चरित्र क कौि स तवर्ेषिा उिागि ोि ै?

A. वीरेा
B. धैर्ण
C. वों ष्टेा
D. वविम्रेा

प्रश्न 10. पाठ्यपुस्तक में तिर्ाशरिि कतविाओीं के आर्ाि पि तिम्नतिखखि दो प्रश्नोीं के सवाशतर्क उपयुक्त तवकल्प
चुिकि तिखखए —
(1×2=2)
1. ‘दीं िुरिि मुस्काि’ कतविा में कतव को तर्र्ु का र्ू ि-र्ू सरिि र्ि ि प्रि ि ोिा ै ?
A. स्नाि करवािे र्ोग्य।
B. वस्त्र-आभूषर् से सनािे र्ोग्य।
C. खखिे हुए सुंदर कमि के समाि।
D. वमट्टी से सिे हुए पौधे के समाि।

2. सींगिकाि पाठ के अिु साि सींगिकाि क मुख्य तवर्ेषिा क्या ोि ै?

A. उसकी मािवीर्ेा
B. उसकी किात्मक श्रे ष्ठेा
C. उसकी प्रवेभा प्रदों ण ि की आकां क्षा
D. उसकी आत्म मु ग्धेा

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खींड-ब (वर्शिात्मक प्रश्न)

प्रश्न 11. गद् पाठोीं के आर्ाि पि तिम्नतिखखि 4 प्रश्नोीं में से तकन्ह ि ि प्रश्नोीं के उत्ति िगभग 25-30 र्ब्दोीं में
तिखखए:
(2×3=6)
1. क्ा आपको िवाब साहब का व्यवहार सामान्य िगा? क्ों? र्ुखक्तर्ुक्त उत्तर दीवनए।
2. महािगरों की ‘फ्लै ट-कल्चर’ और िे खखका मन्नू भं डारी के ‘पड़ोस-कल्चर’ में क्ा अंेर वदखाई दे ेा है ?
ववचार करेे हुए विखखए।
3. ‘मं गि ध्ववि’ का क्ा अवभप्रार् है ? वबखिल्लाह खाि को ‘ों हिाई की मं गि ध्ववि का िार्क’ क्ों कहा गर्ा
है ? स्पष्ट कीवनए।
4. सच्े अथों में ‘संस्कृे व्यखक्त’ वकसे कहा नाेा है ? संस्कृवे पाठ के आधार पर ेकण सवहे विखखए।

प्रश्न 12. तिर्ाशरिि कतविाओीं के आर्ाि पि तिम्नतिखखि 4 प्रश्नोीं में से तकन्ह ि ि प्रश्नोीं के उत्ति िगभग 25-
30 र्ब्दोीं में तिखखए:
(2×3=6)
1. गोवपर्ों िे श्री कृष्ण के प्रवे अपिे एकविष्ठ प्रेम को वकि उदाहर्ों के द्वारा स्पष्ट वकर्ा है ?
2. ‘साहस और ों खक्त के साथ वविम्रेा हो ेो बेहेर है ।‘ इस कथि पर ‘राम िक्ष्मर् परों ु राम संवाद’ पाठ के
आधार पर अपिे ववचार व्यक्त कीवनए।
3. आत्मकथा सुिािे के संदभण में ‘अभी समर् भी िहीं’ कवव ऐसा क्ों कहेा है ?
4. फसि ‘हाथों के स्पों ण की गररमा और मवहमा’ वकस प्रकार है ? ववचार कीवनए।

प्रश्न 13. पू िक पाठ्यपुस्तक के पाठोीं पि आर्ारिि तिम्नतिखखि 3 प्रश्नोीं में से तकन्ह दो के उत्ति िगभग 50-
60 र्ब्दोीं में तिखखए—
(4×2=8)
1. ‘माेा का प्रेम वपेा के प्रेम की अपेक्षा अवधक गहि होेा है ।‘ ‘माेा के अंचि’ पाठ के आधार पर पर
ववचार कीवनए।
2. ‘मैं क्ों विखेा हूाँ ’ प्रश्न के उत्तर में िे खक क्ा कारर् बेाेा है ?
3. ‘मे हिेकों बादों ाहों का ों हर’ वकस ों हर को कहा गर्ा है और क्ों?

प्रश्न 14. तिम्नतिखखि ि ि तवषयोीं में से तकस एक तवषय पि 120 र्ब्दोीं में एक अिुच्छेद तिखखए —
(6×1=6)
1. स्विींत्रिा का अमृि म ोत्सव
अमृ े महोत्सव का अथण इस महोत्सव में होिे वािे समारोह इस महोत्सव का महत्व
2. भाग्य औि पु रुषाथश
आिस्य मिु ष्य का सबसे बड़ा ों त्रु है भाग्यवादी व्यखक्त उदासीि रहेा है पररश्रमी व्यखक्त अपिे भाग्य को
बदि िे ेा है
3. पवश ि य स्थि क यात्रा
प्राकृवेक सौंदर्ण र्ात्रा वर्णि सां कृवेक महत्व

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प्रश्न 15. तकस एक तवषय पि िगभग 100 र्ब्दोीं में पत्र तिखखए:
(5×1=5)

आपका िाम तदर्ा/दक्ष है । आपकी आर्ु मेदाि करिे र्ोग्य हो गई है । आपिे मेदाेा पहचाि पत्र बिवािे
के विए गरुर् ऐप के द्वारा आवे दि कर वदर्ा है । वकन्तु काफी समर् के बाद भी आपका मेदाेा पहचाि पत्र आपको
िहीं वमिा। मिदािा प चाि पत्र के तवििर् में दे ि की वों कार्े करेे हुए अपिे क्षे त्र के ब . एि. ओ. (ब्लॉक
िेवि ऑतिसि) को िगभग 100 ों ब्दों में पत्र विखखए।

अथवा

आपका िाम तदर्ा/दक्ष है। आप अपिे आसपास अिे क अवों वक्षे प्रौढो को दे खेे हैं और उन्हें साक्षर बिािे हे ेु
कुछ प्रर्ास करेे हैं । इस ववषर् में नािकारी दे ेे हुए िगभग 100 ों ब्दों में अपिे वमत्र मािव को पत्र विखखए।

प्रश्न 16. आपका िाम सुिीेा/सुरेों है । आप राने न्द्र िगर के विवासी हैं । दै विक समाचार पत्र से पेा चिा है वक
स्थािीर् रानकीर् माध्यवमक ववद्यािर् में पुस्तकािर् अध्यक्ष का पद ररक्त है । आप उक्त पद की र्ोग्येा (बी. विब.
/पुस्तकािर् ववज्ञाि में स्नाेक) को धारर् करेे हैं । उक्त ररक्त पद हे ेु रानकीर् माध्यवमक ववद्यािर् के ववद्यािर्
प्रमु ख को भे निे हे ेु िगभग 80 ों ब्दों में अपिा एक संवक्षि स्ववृत्त विखखए।
(5×1=5)
अथवा

आपका िाम सुिीेा/सुरेों है । आप राने न्द्र िगर के विवासी हैं । वपछिे कुछ वदिों से आपके क्षे त्र में ववद् र्ुे आपूवेण
अव्यवखस्थे है। अपिे क्षे त्र में अविर्वमे ववद् र्ुे आपूवेण की ओर ध्याि आकवषण े करेे हुए राज्य ववद् र्ुे आपूवेण
विगम के महाविदे ों क के िाम िगभग 80 ों ब्दों में एक वों कार्ेी ई-मे ि विखखए।

प्रश्न 17. आप अपिा पुरािा िाटण फोि बेचिा चाहेे हैं उससे संबंवधे एक आकषण क ववज्ञापि िगभग 40 ों ब्दों में
विखखए।
(4×1=4)
अथवा

आप वीर्ा/ववकास हैं । आपके छोटी बहि िे ववद्यािर् की वावषण क परीक्षा में पूरे ववद्यािर् में प्रथम स्थाि प्राि वकर्ा
है । उसे बधाई दे ेे हुए 40 ों ब्दों में एक संदेों विखखए।

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अंक योजना - प्रतिदर्श प्रश्नपत्र (2023-24)
ह द
ं ी (अ) कोड संख्या 002
कक्षा – दसवीं
पूर्ाांक:80
सामान्य तनदेर् :
(1) इस अंक योजना का उद्देश्य मूलयांकन को अतिकातिक वस्िुतनष्ठ बनाना ।ै इस प्रश्नपत्र में वस्िुपरक
एवं वर्शनात्मक प्रश्न ।ैं अि: अंक योजना में ददए गए वर्शनात्मक प्रश्नों के उत्तर-हबंद ु अंतिम न ीं
।ैं ये सुझावात्मक एवं सांकेतिक ।ैं
(2) यदद परीक्षार्थी इन सांकेतिक हबंदओं
ु से तिन्न, ककं िु उपयुक्त उत्तर दें, िो उन् ें अंक ददए जाएँ।
(3) समान त्रुटियों के तिए स्र्थान-स्र्थान पर अंक न कािे जाएँ।
(4) गुर्वत्तापूर्,
श सिीक उत्तर पर र्ि-प्रतिर्ि अंक देने में दकसी प्रकार का संकोच न दकया जाए।
(5) मूलयांकन में 0 से 100 प्रतिर्ि अंकों का पैमाना स्वीकायश ।ै
(6) मूलयांकन कायश तनजी व्याख्या के अनुसार न ीं, बतलक अंक योजना के तनदेर्ानुसार ी दकया जाए।

खंड - अ
प्रश्न 1 अपटिि गद्ांर् पर आिाटरि बहुतवकलपी प्रश्न (1×5=5)
क. C. ये िोगों के आनंद उनके र्ोक,उनके र्श और उनकी आर्ाओं को स्वर देिे ।ैं
ख. B. तवतवि क्षेत्रीय िार्ाओं के मेि से
ग. C. कर्थन (A)स ी ै और कारर् (R) कर्थन (A) की स ी व्याख्या ।ै
घ. A. 1 स ी ।ै
ङ. D. ये गीि मारी ि ज़ीब की खूबसूरिी को अतिव्यक्त करिे ।ैं

प्रश्न 2 अपटिि काव्यांर् पर आिाटरि बहुतवकलपी प्रश्न (1×5=5)


क. A. म िरिी के बहुि पटरश्रमी बेिे ।ैं
ख. C. दकसान फसिों को प्रेम करिे ।ैं
ग. A. खेिों में फसि उगाकर
घ. D. कर्थन (A) व (R) स ी ैं और कर्थन (A), (R) की स ी व्याख्या न ीं ।ै
ङ. C. िरिी को साडी प नािे

प्रश्न 3 रचना के आिार पर वाक्य िेद पर आिाटरि 5 बहुतवकलपीय प्रश्नों में से दकन् ी 4 के उत्तर दीतजए।
(1x4=4)
क. A. रसूिन और बिूिन के गायन से अमीरुद्दीन को खुर्ी तमििी ।ै
ख. C. दूसरी बार ािदार सा ब उिर से गुजरे और उनको मूर्िश में कु छ अंिर ददखाई ददया।
ग. B. हुडदंग िो इिना मचाया दक कॉिेज वािों को र्थडश इयर िी खोिना पडा।
घ. D. 2 और 4 स ी ।ै
ङ. B. 1 ii, 2 iii, 3 iii

प्रश्न 4 'वाच्य' पर आिाटरि पाँच बहुतवकलपीय प्रश्नों में से दकन् ीं चार प्रश्नों के उत्तर दीतजए-
(1x4=4)
क. A. बािगोतबन िगि द्वारा कबीर को ‘सा ब’ माना जािा र्था।
ख. B. िाव वाच्य
ग. B. कितश वाच्य
घ. D. 2 और 4 स ी ।ै
ङ. B. 1 ii, 2. iii, 3. i

1|Page
प्रश्न 5 ‘पद पटरचय’ पर आिाटरि पाँच बहुतवकलपीय प्रश्नों में से दकन् ीं चार प्रश्नों के उत्तर दीतजए-
(1x4=4)
क. B. सवशनाम, प्रर्थम पुरुर्, पुहलिंग, बहुवचन, किाश
ख. A. तवर्ेर्र्, संख्यावाचक, स्त्रीहिंग, एकवचन, कक्षा तवर्ेष्य
ग. D. संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुहलिंग, अपादान कारक
घ. A. पटरमार्वाचक दियातवर्ेर्र्, स
ँ ना दिया का तवर्ेर्र्
ङ. A. संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीहिंग, एकवचन

प्रश्न 6 ‘अिंकार’ पर आिाटरि पाँच बहुतवकलपीय प्रश्नों में से दकन् ीं चार प्रश्नों के उत्तर दीतजए-
(1x4=4)
क. A. उत्प्रेक्षा
ख. B. रूपक
ग. A. उत्प्रेक्षा
घ. D. बाि कलपना के -से पािे
ङ. D. अनुप्रास

प्रश्न 7 पटिि गद्ांर् पर आिाटरि बहुतवकलपीय प्रश्नों के सवाशतिक उपयुक्त तवकलप चुनकर तितखए-
(1×5 =5)
क. A. जीप कस्बे में तबना रुके आगे बढ़ गई।
ख. B. मूर्िश के बारे में
ग. B. आजकि देर्िक्त ोना ास्यास्पद ो गया ।ै
घ. C. मूर्िश पर एक नया चश्मा र्था।
ङ. D. देर्ितक्त के प्रति उम्मीद जगािा ।ै

प्रश्न 8 'तक्षतिज' के गद् पािों के आिार तनम्नतितखि दो बहुतवकलपीय प्रश्नों के सवाशतिक उपयुक्त
तवकलप चुनकर तितखए- (1x2=2)
क. A. आडंबर से दूर र कर ईश्वर ितक्त करने की
ख. A. संगीि के प्रति असीम रुतच के कारर्।

प्रश्न 9 पटिि पद्ांर् पर आिाटरि बहुतवकलपीय प्रश्नों के सवाशतिक उपयुक्त तवकलप चुनकर तितखए-
(1x5=5)
क. B. िक्ष्मर् को ियिीि करने के तिए
ख. D. इ ाँ कु म् डबतिया कोउ ना ीं। जे िरजनी देतख मटर जा ीं ।।
ग. A. देविा, ब्राह्मर्, ईश्वर िक्त और गाय पर
घ. A. व्यंग्य का
ङ. A. वीरिा

प्रश्न 10 पाठ्यपुस्िक में तनिाशटरि कतविाओं के आिार पर तनम्नतितखि दो प्रश्नों के सवाशतिक उपयुक्त
तवकलप चुनकर तितखए– (1×2 =2)
क. C. तखिे हुए सुंदर कमि के समान ।
ख. A. उसकी मानवीयिा

2|Page
खंड - ब (वर्शनात्मक प्रश्न)

प्रश्न 11 गद् पािों के आिार पर तनम्नतितखि 4 प्रश्नों में से दकन् ी िीन प्रश्नों के उत्तर िगिग 25-
30 र्ब्दों में तितखए:
(2x3=6)
क.
 न ीं।
 नवाब सा ब द्वारा िेखक की उपेक्षा
 खीरा छीिने, कािने, नमक-तमचश बुरकने आदद प्रदिया
ख.
 फ्िैि कलचर में अके िापन, परस्पर अिगाव, कत तत्रम जीवन जबदक
 िेतखका मन्नू िंडारी के पडोस कलचर में पारस्पटरक सद्भाव, पाटरवाटरक संबंि, स ज
जीवन
ग.
 र् नाई र्ुि/मंगि का वािावरर् का सतजन करने वािा वाद्
 तबतस्मलिा खान सवशश्रेष्ठ र् नाई वादक
 र् नाई, बनारस और बाबा तवश्वनार्थ के प्रति अिू ि आस्र्था
 तनरं िर टरयाज़, स ज और ददखावे से दूर
घ.
 अपनी बुति िर्था योग्यिा के बि पर कु छ नया करने की क्षमिा
 न्यूिन जैसे वैज्ञातनकों का उदा रर्

प्रश्न 12 तनिाशटरि कतविाओं के आिार पर तनम्नतितखि 4 प्रश्नों में से दकन् ी िीन प्रश्नों के उत्तर िगिग
25-30 र्ब्दों में तितखए:
(2x3=6)
क.
 स्वयं को ाटरि पक्षी व श्रीकत ष्र् को िकडी की िाँति बिाया ।ै ाटरि पक्षी की िांति
ी वे श्रीकत ष्र् के प्रति पूर्श समपशर्
 वे श्रीकत ष्र् को किी अपने आप से अिग न ीं ोने देना चा िी।
ख.
 व दकसी पटरतस्र्थति में ार न ीं मानेगा
 दूसरों को आदर करना तसखािी ै
 तवनम्र व्यतक्त तवपरीि पटरतस्र्थतियों को आसानी से संिाि पािा ै पाि में आए राम और
िक्ष्मर् के व्यतक्तत्व के उदा रर् से स्पष्ट करें ।
ग.
 कतव अपने मन में दबे हुए कष्टों को याद करके दु:खी न ीं ोना चा िा ,ै
 उसका जीवन संघर्ों से िरा पडा ।ै
 कतव अपने अिावग्रस्ि जीवन के दुुःखों को खुद िक तसतमि रखना चा िे ।ै
 तर्क्षार्थी अपने मिानुसार तिखेंगे
घ.
 दकसानों द्वारा तनरं िर पटरश्रम और देखिाि के फिस्वरूप फसिों का ि ि ाना।

3|Page
प्रश्न 13 पूरक पाठ्यपुस्िक के पािों पर आिाटरि तनम्नतितखि 3 प्रश्नों में से दकन् ी दो के उत्तर
िगिग 50 र्ब्दों में तितखए-
(4x2=8)
क.
 मािा से बच्चे का ममत्व का टरश्िा ोिा ।ै
 िोिानार्थ का अपने तपिा से अपार स्ने के बावजूद तवपदा आने पर अपनी माँ की
गोद में जाकर तछपना
 माँ के आँचि में बच्चा स्वयं को सुरतक्षि म सूस करिा ।ै
ख.
 अपनी आंिटरक तववर्िा के कारर्
 उसकी अनुिूति उसे तिखने के तिए प्रेटरि करिी ै
 स्वयं को जानने के तिए
ग.
 गंिोक
 मे निी िोग
 अपनी प्रकत ति और संस्कत ति से प्रेम करने वािे िोग
 कटिनाईयों और जोतखमों के बावजूद र् र को खुबसूरि बनाने के तिए पटरश्रम

प्रश्न 14 दकसी एक तवर्य पर संकेि-हबंदओं


ु के आिार पर िगिग 120 र्ब्दों में अनुच्छे द तितखए -
(6x1=6)
तवर्यवस्िु- 3 अंक
िार्ा- 1 अंक
प्रस्िुति- 2 अंक

प्रश्न 15 दकसी एक तवर्य पर िगिग 100 र्ब्दों में पत्र तितखए:-

(5x1=5)
आरं ि व अंि की औपचाटरकिाएँ - 1 अंक
तवर्यवस्िु- 2 अंक
िार्ा- 1 अंक
प्रस्िुति- 1 अंक

प्रश्न 16 दकसी एक तवर्य पर िगिग 100 र्ब्दों में स्ववतत्त / ई-मेि तितखए:-

(5x1=5)
आरं ि व अंि की औपचाटरकिाएँ - 1 अंक
तवर्यवस्िु- 2 अंक
िार्ा- 1 अंक
प्रस्िुति- 1 अंक

प्रश्न 17 दकसी एक तवर्य पर िगिग 40 र्ब्दों में तवज्ञापन अर्थवा संदेर् िेखन
(4x1=4)
तवर्यवस्िु- 1 अंक
प्रस्िुति- 1 अंक
िार्ा - 1 अंक

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