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MS 10hin 01
MS 10hin 01
उ तर संकेत/ANS-KEY
ी-बोड पर ा/PB-1 : 2023-2024
ह द /HINDI
CLASS : X कुल अंक/Maximum Marks : 80
1. उ तर (5×1=5) 2. उ तर (5×1=5)
अ- (i)कथन और कारण दोन ठ क ह। अ- (iii) कथन ठ क कं तु कारण गलत है।
आ- (iii) उसे बाहर संकट से बचाने के लए आ- (i) धनी यि त
इ- (ii) प थर को काटकर इ- (iv) स य और अ हंसा के मं से
ई- (iii) नए साधन वक सत करके ई- (i) भारत दे श क जनता
उ- (ii) च क व छं दता उ- (ii) दांडी या ा
3. वा य भेद उ र (4×1=4) 4. वा य उ र (4×1=4)
अ- (ii) केवल (ख) अ- (i) कम धान है, कता उपि थत है
आ- (iii) (क)-(ii) (ख)–(iii) (ग)-(i) आ- (iii) वा य म ‘से, के वारा’ का योग
इ- (ii) (क)-जैसे वैसे (ख) और इ- (iii) (क) कतवाृ य ख) भाववा य
ई- (iv) कथन (क) म वा य और कथन ई- (i) बोलने का वषय
(ख) संयु त वा य है। उ- (ii) कतवाृ य
उ- (iii) परं तु
5. पद प रचय उ र (4×1=4) 6. अलंकार उ र (4×1=4)
अ- (iii) या वशेषण
आ- (iii) (क)–(c) / (ख)–(a) / (ग)–(b) अ- (i) कथन और कारण दोन स य ह
इ- (iv) सकमक या, ी लंग, एकवचन, वतमान आ- (i) मानवीकरण अलंकार म
काल, कतवा ृ य
ई- (ii) कथन और कारण दोन सह ह। इ- (iv) (क)–(b) / (ख)–(c) / (ग)–(a)
उ- (ii) सं ा, जा तवाचक, एकवचन, पुि लंग, ई- (iii) पानी गए न उबरै , मोती-मानष
ु -चून।
कताकारक
उ- (ii) उपमेय म उपमान का आरोप
7. प ठत ग यांश (5X1=5) 8. प ठत ग य पाठ से (2X1=2)
(अ) (ii) वयं वि म ला खाँ
(आ) (iii) बालाजी के मं दर (अ) (ii) कथन और कारण दोन नवाब साहब के
(इ) (ii) रसलू न और बतूलन के संगीत को सुनकर वारा द शत कया गया।
(ई) (iii) गायन शै लय के
(आ) (i) उनके अ य धक सरलता के कारण
(उ) (iv) कथन और कारण दोन स य ह
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(ख) इस आ मक य म ले खका के पता ने रसोई को ‘भ टयारखाना’ कहकर इस लए संबो धत कया है य क
उसके पता को मानना था क रसोई म काम करने से लड़ कयाँ चू हे -चौके तक सी मत रह जाती ह। उनक
नैस गक तभा उसी चू हे म जलकर न ट हो जाती है अथात ् वह पुि पत-प ल वत नह ं हो पाती ह।
(ग) बि म ला खाँ को द ु नया उनक शहनाई के कारण जानती है , लग
ुं ी के कारण नह ं। वे खुदा से हमेशा सरु का
वरदान माँगते रहे ह। उ ह लगता है क अभी वे सरु को बरतने के मामले म पूण नह ं हो पाए ह। य द खद
ु ा
ने उ ह ऐसा सरु और कला न द होती तो वे स ध न हो पाते। फटे सुर को ठ क करना असंभव है पर फटे
कपड़े आज नह ं तो कल सल ह जाएँगे।
(घ) वा त वक अथ म 'सं कृत यि त' उसे कहा जा सकता है िजसम अपनी बु ध तथा यो यता के बल पर कुछ
नया करने क मता हो। िजस यि त म ऐसी बु ध तथा यो यता िजतनी अ धक मा ा म होगी वह यि त
उतना ह अ धक सं कृत होगा। जैसे- यूटन, यट
ू न ने गु वाकषण के स धांत का आ व कार कया। वह
सं कृत मानव था। आज भौ तक व ान के व या थय को इस वषय पर यट
ू न से अ धक स य कह सकते
ह, पर तु सं कृत नह ं कह सकते।
2
• बाग़-बगीच म चार ओर ह रयाल छा गयी है |
• क व को कृ त के स दय से आँख हटाना मुि कल लग रहा है|
13- माता से ब चे का मम व का र ता होता है। वह चाहे अपने पता से कतना ेम करता हो या पता अपने ब चे
(क)
को कतना भी ेम दे ता हो पर जो आ मीय सुख माँ क छाया म ा त होता है वह पता से ा त नह ं होता।
भोलानाथ का अपने पता से अपार नेह था पर जब उस पर वपदा आई तो उसे जो शां त व ेम क छाया
अपनी माँ क गोद म जाकर मल वह शायद उसे पता से ा त नह ं हो पाती। माँ के आँचल म ब चा वयं
को सरु त महसूस करता है । लेखक ने इस लए पता पु के ेम को दशाते हुए भी इस कहानी का नाम माँ का
आँचल रखा है ।
(ख) आज क पीढ़ वारा कृ त के साथ बहुत खलवाड़ कया जा रहा है । हम लोग आज वन
को काट लर ख म कर रहे ह। रा ता बनाने के लए पहाड को काट रहे ह, वहाँ के पेड़-पौध
को न ट कर रहे ह। फै ट रय के गंदे पानी को न दय म बहा रहे ह िजससे पीने का जल भी
द ू षत हो रहा है।
इसे रोकने के लए हम लोग न न उपाय कर सकते ह -
1) व ृ को न ह काटे न ह काटने दे ।
2) सब लोग अपने आस-पास व ृ ारोपण कर।
3) पॉ लथीन का योग कम से कम कर।
4) वाहन का योग कम से कम कर।
5) घर के कचरे को यथा थान डाले।
(ग) हरो शमा तो व ान के द ु पयोग का वलंत उदाहरण है ह पर हम मनु य वारा व ान का और भी द ु पयोग
कया जा रहा है । आज हर दे श परमाणु अ को बनाने म लगा हुआ है जो आने वाले भ व य के लए सबसे
बड़ा खतरा है । इस व ान क दे न के वारा आज हम अंग यारोपण कर सकते ह। एक यि त के खराब अंग
के थान पर दस
ू रे यि त के वारा दान म दए गए अंग का यारोपण कया जाता है । पर तु आज इस दे न
का द ु पयोग कर हम मानव अंगो का यापार करने लगे ह। व ान ने कं यट
ू र का आ व कार कया उसके प चात ्
उसने इंटरनेट का आ व कार कया ये उसने मानव के काय के बोझ को कम करने के लए कया। हम मनु य
ने इन दोन का द ु पयोग कर वायरस व साइबर ाइम को ज म दया है । व ान ने या ा को सुगम बनाने के
लए हवाई जहाज़, गा ड़य आ द का नमाण कया पर तु हमने इनसे अपने ह वातावरण को द ू षत कर दया
है। ऐसे कतने ह अन गनत उदाहरण ह िजससे हम व ान का द ु पयोग कर महा वनाश क ओर बढ़ रहे ह।