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अंक योजना - तदश नप (2023-24)

हंद (अ) कोड सं या 002


क ा – दसवीं पण
ू ाक:80
सामा य नदश :
(1) इस अंक योजना का उ दे य मू यांकन को अ धका धक व तु न ठ बनाना है । इस नप म
व तप
ु रक एवं वणना मक न ह। अत: अंक योजना म दए गए वणना मक न के उ र- बंद ु
अं तम नह ं ह। ये सुझावा मक एवं सांके तक ह।
(2) य द पर ु ं से भ न, कंतु उपयु त उ र द, तो उ ह अंक दए जाएँ।
ाथ इन सांके तक बंदओ
(3) समान ु टय के लए थान- थान पर अंक न काटे जाएँ।
(4) गुणव ापूण, सट क उ र पर शत- तशत अंक दे ने म कसी कार का संकोच न कया जाए।
(5) मू यांकन म 0 से 100 तशत अंक का पैमाना वीकाय है।
(6) मू यांकन काय नजी या या के अनस
ु ार नह ं, बि क अंक योजना के नदशानस
ु ार ह कया
जाए।

खंड - अ
न 1 अप ठत ग यांश पर आधा रत बहु वक पी न (1×5=5)
क. C. ये जनमानस के सख
ु -दख
ु , आकां ा, उ लास और उ मीद को वर दे ते ह।
ख. B. व वध े ीय भाषाओं के मेल से
ग. C. कथन (A) सह है और कारण ® कथन (A) क सह या या है।
घ. D. 1 और 2 सह है।
ङ. D. ये गीत भारतीय सं कृ त को अ भ य त करते ह।

न 2 अप ठत का यांश पर आधा रत बहु वक पी न (1×5=5)


क. A. हम धरती के बहुत प र मी बेटे ह।
ख. C. कसान फसल से म
े करते ह।
ग. A. िबना िव ाम प र म कर
घ. D. कथन (A) व (R) सह ह और कथन (A), (R) क सह या या नह ं है ।
ङ. C. धरती को साड़ी पहनाते

न 3 रचना के आधार पर वा य भेद पर आधा रत 5 बहु वक पीय न म से क ह 4 के


उ र द िजए। (1x4=4)
क. A. रसूलन और बतल
ू न के गायन से अमी द न को खश
ु ी मलती है ।
ख. C. दस
ू र बार हालदार साहब उधर से गुजरे और उनको मू त म कुछ अंतर दखाई दया।

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ग. B. हुड़दं ग तो इतना मचाया क कॉलेज वाल को थड इयर भी खोलना पड़ा।
घ. D. 2 और 4 सह है ।
ङ. B. 1 ii, 2 iii, 3 iii

न 4 'वा य' पर आधा रत पाँच बहु वक पीय न म से क ह ं चार न के उ र द िजए-


(1x4=4)
क. A. बालगो बन भगत वारा कबीर को ‘साहब’ माना जाता था।
ख. B. भाव वा य
ग. B. कत ृ वा य
घ. D. 2 और 4 सह है।
ङ. B. 1 ii, 2. iii, 3. i

न 5 ‘पद प रचय’ पर आधा रत पाँच बहु वक पीय न म से क ह ं चार न के उ र द िजए-


(1x4=4)

क. B. सवनाम, थम पु ष, पिु लंग, बहुवचन, कता


ख. A. वशेषण, सं यावाचक, ी लंग, एकवचन, क ा वशे य
ग. D. सं ा, जा तवाचक, एकवचन, पुि लंग, अपादान कारक
घ. A. प रमाणवाचक या वशेषण, हँसना या का वशेषण
ङ. A. सं ा, जा तवाचक, ी लंग, एकवचन

न 6 ‘अलंकार’ पर आधा रत पाँच बहु वक पीय न म से क ह ं चार न के उ र द िजए-


(1x4=4)
क. A. उ े ा
ख. D. मानवीकरण

ग. A. उ े ा

घ. D.िच कूट जनु अचल अहे री।

ङ D. ेष

न 7 प ठत ग यांश पर आधा रत बहु वक पीय न के सवा धक उपयु त वक प चन


ु कर
ल खए-

(1×5 =5)

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क. A. जीप क बे से आगे क ओर बढ़ गई।

ख. B. मू त के बारे म

ग. B. आजकल दे शभ त होना हा या पद हो गया है ।

घ. C. मू त पर एक नया च मा था।

ङ. D. दे शभि त के त उ मीद जगाता है ।

न 8 ' तज' के ग य पाठ के आधार न न ल खत दो बहु वक पीय न के सवा धक उपयु त


वक प चन
ु कर ल खए- (1x2=2)
क. A. आडंबर से दरू रहकर ई वर भि त करने क
ख. A. संगीत के त असीम च के कारण।

न 9 प ठत प यांश पर आधा रत बहु वक पीय न के सवा धक उपयु त वक प चन


ु कर
ल खए- (1x5=5)
क. B. ल मण को भयभीत करने के लए
ख. D. इहाँ कु हड़ब तया कोउ नाह ं। जे तरजनी दे ख म र जाह ं ।।
ग. A. दे वता, ा मण, ई वर भ त और गाय पर
घ. A. यं य का
ङ. A. वीरता

न 10 पा यपु तक म नधा रत क वताओं के आधार पर न न ल खत दो न के सवा धक

ु कर ल खए–(1×2 =2)
उपयु त वक प चन

क. C. खले हुए सुंदर कमल के समान ।


ख. A. उसक मानवीयता

खंड - ब (वणना मक न)
न 11 ग य पाठ के आधार पर न न ल खत 4 न म से क ह तीन न के उ र लगभग
25-30 श द म ल खए:
(2x3=6)

क. नह ं।
नवाब साहब वारा लेखक क उपे ा
खीरा छ लने, काटने, नमक- मच बरु कने आ द या

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और बना सेवन कए ह उसके वाद से त ृ त हो संतु ट हो जाने का दखावा
ख. लैट क चर म अकेलापन, पर पर अलगाव, कृ म जीवन जब क
ले खका म नू भंडार के पड़ोस क चर म पार प रक स भाव, पा रवा रक संबध
ं , सहज
जीवन
ग. मांग लक अवसर पर वातावरण म प व ता और आनंद भरने के लए व भ न
कार के वा य यं वारा बनाई जाने वाल व न, मंगल व न कहलाती है।
रा य पव ह या धा मक उ सव सभी अवसर पर शहनाई वादन कया करते थे।
अंतररा य तर पर शहनाई वादन म स ध।
बि म लाह खान सव े ठ शहनाई वादक
शहनाई, बनारस और बाबा व वनाथ के त अटूट आ था
नरं तर रयाज़, सहज और दखावे से दरू
घ. अपनी बु ध तथा यो यता के बल पर कुछ नया करने क मता
यूटन जैसे वै ा नक का उदाहरण
न 12 नधा रत क वताओं के आधार पर न न ल खत 4 न म से क ह तीन न के उ र
लगभग 25-30 श द म ल खए:
(2x3=6)
क. वयं को हा रल प ी व ीकृ ण को लकड़ी क भाँ त बताया है । हा रल प ी क भां त ह वे
ीकृ ण के त पूण समपण
गड़
ु से चपट चीं टय के समान
मन, कम और वचन से ीकृ ण के त सम पत
वे ीकृ ण को कभी अपने आप से अलग नह ं होने दे ना चाहती।
ख. वह कसी प रि थ त म हार नह ं मानेगा
साहस और शि त यि त को अहं कार बनाती है जब क इनके साथ वन ता का समावेश
यि त को सदाचार और यवहार से मधुर बनाता है ।
दस
ू र को आदर करना सखाती है
वन यि त वपर त प रि थ तय को आसानी से संभाल पाता है पाठ म आए राम और ल मण
ल मण और परशुराम के यि त व के उदाहरण से प ट कर।

ग. किव अपने मन म दबे हए क को याद करके द:ु खी नह होना चाहता है,


उसका जीवन सघं ष से भरा पड़ा है।
किव अपने अभाव त जीवन के दःु ख को खदु तक िसिमत रखना चाहते है।
श ाथ अपने मतानस
ु ार लखगे

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घ. कसान वारा नरं तर प र म और दे खभाल के फल व प फसल का लहलहाना।
न 13 पूरक पा यपु तक के पाठ पर आधा रत न न ल खत 3 न म से क ह दो के उ र
लगभग 50 श द म ल खए-
(4x2=8)
क. माता से ब चे का मम व का र ता होता है ।
भोलानाथ का अपने पता से अपार नेह के बावजद
ू वपदा आने पर अपनी माँ क गोद म
जाकर छपना
माँ के आँचल म ब चा वयं को सुर त महसस
ू करता है ।
ख. अपनी आंत रक ववशता के कारण
उसक अनभ
ु ू त उसे लखने के लए े रत करती है
वयं को जानने के लए
ग. गंतोक
मेहनती लोग
अपनी कृ त और सं कृ त से ेम करने वाले लोग
क ठनाईय और जो खम के बावजूद शहर को खब
ु सूरत बनाने के लए प र म
न 14 कसी एक वषय पर संकेत- बंदओ
ु ं के आधार पर लगभग 120 श द म अनु छे द ल खए -
(6x1=6)
वषयव त-ु 3 अंक
भाषा- 1 अंक
तु त- 2 अंक
न 15 कसी एक वषय पर लगभग 100 श द म प ल खए:-
(5x1=5)
आरं भ व अंत क औपचा रकताएँ - 1 अंक
वषयव त-ु 2 अंक
भाषा- 1 अंक
तु त- 1 अंक
न 16 कसी एक वषय पर लगभग 100 श द म वव ृ / ई-मेल ल खए:-
(5x1=5)
आरं भ व अंत क औपचा रकताएँ - 1 अंक
वषयव त-ु 2 अंक
भाषा- 1 अंक
तु त- 1 अंक

न 17 कसी एक वषय पर लगभग 40 श द म व ापन अथवा संदेश लेखन


(4x1=4)

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वषयव त-ु 1 अंक
तु त- 1 अंक
भाषा - 1 अंक

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