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ननदे श :-1. कृपया जााँच कर लें कक इस प्रश्न पत्र में महित पष्ृ ठ 6 और कल प्रश्न 17 िैं |
2. कृपया प्रश्न का उत्तर ललखना शरू करने से पिले, प्रश्न का क्रमांक अवश्य ललखें ।
पष्ृ ठ 1 / 6
मानसरोवर की बेटी, बहत िददाख में आत है ,
पवित श्रेण काट-काटकर, घाटी रुचचकर बनात है ,
श ति धारा लसंध नदी की, पाककस्तान चिी िात ,
वि
ू र से र्नकिी झेिम है , कि-कि करत बि खात ।
झेिम तट श्र नगर सह
ु ावन, कश्म र की वादी का,
खड्डों में गाता चचनाब नद, गाना र्नत आजादी का।
दहम पवित की चंचि बेटी, राव बहत है आत ,
व्यास उमडत , अंग मोडत सतिुि में आ लमि िात ।
लसंध नदी की बहनेिी, सतिुि उतरी मैदानों में ,
इसके िि से भाग्य िागता, धरत और ककसानों में
(क) भारत की नददयाँ कैस हैं?
उत्तर- भारत की नहदयााँ पर्वत्र िैं |
(ख) नददयाँ घाटी को रुचचकर कैसे बनात हैं?
उत्तर- पवित श्रेर् काट-काटकर नहदयााँ घाटी को रुर्चकर बनात िैं|
(ग) काव्यांश में राव को ककसकी बेटी कहा गया है?
उत्तर- कावयांश में राव को हिमालय की बेटी किा गया िै|
(घ) कवव ककसके भाग्य को िगाने की बात कर रहा है?
उत्तर- कर्व धरत और ककसानों के भाग्य को जगाने की बात कर रिा िै|
(ङ) ‘पवित’ शब्द का पयाियवाच शब्द लिखखए|
उत्तर- ‘पवित’ शब्द का पयाियवाच शब्द ‘र्गरर’ िै|
खंङ ‘ख’- वयाकरर् (25 अंक)
प्रश्न3. ननम्नललखखत वाक्यों में अथि के आधार पर वाक्य भेद बताइए | (1x3=3)
(क) मोहन अपना काम नहीं कर रहा है | = ननषेधवाचक
(ख) कि तुम कहाँ िा रहे हो? = प्रश्नवाचक
(ग) सभ छात्र बैठ िाओ | = अज्ञावाचक
प्रश्न4. ननम्नललखखत समस्त पदों के र्वग्रि करके समास का भेद ललखखए | (1x3=3)
(क) रािपुत्र = रािा का पुत्र (तत्पुरुष) (ख) रात - ददन = रात और ददन (दवंदव समास) (ग) चंद्रशेखर =
चंद्रमा है लशखर पर जिसके (बहुव्र दह)
प्रश्न5. ननम्नललखखत वाक्यों में सिी र्वराम र्चह्न लगाकर वाक्य दोबारा ललखखए | (1x3=3)
(क) आप कौन हैं?
(ख) राधा पुस्तक पढ़त हैं |
(ग) रामधारी लसंह ‘हदनकर’ महाकवव हैं |
प्रश्न6. रे खांककत पदों में कक्रया के भेद बताइए । (1x4=4)
(क) मोहन पत्र लिख रहा है | (सकमिक कक्रया)
(ख) पंडडत ि रामायण पढ़ते हैं | (सकमिक कक्रया)
पष्ृ ठ 2 / 6
(ग) वपताि दफ्तर िा रहे हैं | (अकमिक कक्रया)
(घ) रोहन सो रहा है | (अकमिक कक्रया)
प्र्शश्न7.ननम्नललखखत शब्दों के दो-दो पयाियवाच शब्द ललखखए। (1x4=4)
(क) हवा = वायु , सम र (ख) माता = माँ, िनन (ग) यव
ु क = यव
ु ा , िवान (घ) कमि = पंकि, ििि
प्रश्न8. ननम्नललखखत मिावरों के अथि ललखकर वाक्य ननमािर् कीस्जए| (1x4=4)
(क) आँखें चरु ाना = अनदे खा करना (ख) उल्टी गंगा बहाना = ववपरीत काम करना (ग) आसमान टूट
पडना = अक्समात बहुत ववपवियाँ आना (घ ) कोरा िवाब दे ना = साफ़ इनकार करना
प्रश्न9. ननम्नललखखत लोकोस्क्तयों के अथि ललखकर वाक्य ननमािर् कीस्जए | (1x4=4)
(क) आगे कुआँ, प छे खाई = चारों ओर से संकट से र्घरा होना|
(ख) ऊँट के मुहँ में ि रा = आवश्यकता से कम दे ना
(ग) एक पंथ दो काि = एक काम से दोहरा िाभ
(घ) छोटा मुहँ बड बात = अपन योग्यता से बढ़कर बात करना
प्रश्न 10.पहठत गदयांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तरों के उर्चत र्वकल्प चनकर ललखखए | (1x7=7)
बच्चे खखिौने दे खकर पुिककत हो उठते । वे पैसे िाकर खखिौने का मोिभाव करने िगते। पूछते – “इछका
दाम क्या है ? औि इछका? औि इछका?” खखिौनेवािा बच्चों को दे खता और उनकी नन्हीं-नन्हीं उँ गलियों से
पैसे िे िेता और बच्चों की इच्छानुसार उन्हें खखिौने दे दे ता। खखिौने िेकर कफर बच्चे उछिने-कूदने िगते
और तब कफर खखिौनेवािा उस प्रकार गाकर कहता-“बच्चों को बहिानेवािा, खखिौनेवािा" । सागर की दहिोर
की भाँर्त उसका यह मादक गान गिी भर के मकानों में इस ओर से उस ओर तक, िहराता हुआ पहुँचता
और खखिौनेवािा आगे बढ़ िाता।
(i) बच्चे पि
ु ककत क्यों हो उठते थे ?
(क) खखलौने दे खकर (ख) बाजार िाकर (ग) पढ़ाई दे खकर (घ) वपताि को दे खकर
(ii) बच्चे खखिौनों का मोि-भाव ककससे करते थे ?
(क) सामान से (ख) पैसों से (ग) लमठाई से (घ) ककताबों से
(iii) बच्चे खखिौने िेकर क्या करते थे ?
(क) खेिने िगते (ख) रोने िगते (ग) चचल्िाते (घ) उछलने-कूदने लगते
(iv) खखिौने वािा खखिौने कैसे बेचता था?
(क) चुप रहकर (ख) चचल्िाकर (ग) गाकर (घ) कहान सुनकर
(v) खखिौने वािा गाकर क्या कहता था ?
(क) बच्चों को बिलानेवाला (ख) बच्चों को रुिानेवािा (ग) बच्चों को हँसानेवािा (घ) लमठाईवािा
(vi) उपयक्
ुि त गदयांश के पाठ का नाम लिखखए|
(क) खखिौनेवािा (ख) लमठाईवाला (ग) बाँसुरीवािा (घ) चारपाईवािा
पष्ृ ठ 3 / 6
(vii) उपयक्
ुि त गदयांश के िेखक का नाम लिखखए|
(क) रामधारी लसंह ददनकर (ख) भवान प्रसाद वाजपेय (ग) प्रेमचंद (घ) ियशंकर प्रसाद
प्रश्न11. न चे हदए गए पदयांश को पढ़कर उस पर आधाररत प्रश्नों के उत्तर ललखखए | (1x7=7)
िागो बंस वारे ििना!
िागो मोरे प्यारे !
रिन ब त , भोर भयो है, घर-घर खुिे ककं वारे ।
गोप दही मथत, सुर्नयत हैं कंगना के झनकारे ॥
उठो िािि ! भोर भयो है , सुर-नर ठाढ़े दवारे ।
ग्वाि-बाि सब करत कुिाहि, िय-िय सबद उचारै ॥
माखन-रोटी हाथ मँह िीन , गउवन के रखवारे ।
म रा के प्रभु चगरधर नागर, सरण आयाँ को तारै ॥
(1) उपयक्
ुि त पंजक्तयों में कृष्णा को कौन िगाने का प्रयास कर रहा है ?
(क) गोवपयाँ (ख) माता यशोदा (ग) नंद बाबा (घ) राधा
(2) उपयक्
ुि त पदों में ककस समय का चचत्रण ककया गया है ?
(क) संध्या का (ख) दोपहर का (ग) भोर का (घ) रात्रत्र का
(3) गोवपयाँ क्या कर रहीं हैं?
(क) दिी मथ रिीं िैं | (ख) सो रहीं हैं | (ग) बातें कर रहीं हैं | (घ) कुछ नहीं कर रहीं |
(4) हाथ में माखन-रोटी िेकर कौन खडा था?
(क) गोवपयाँ (ख) म रा (ग) ग्वाले (घ) लभखारी
(5) म रा अपने प्रभु ककन्हें मानत है ?
(क) श्र राम (ख) लशव (ग) िक्ष्म (घ) श्र कृष्र्
(6) उपयक्
ुि त पदयांश में ‘तारै ’ शब्द से क्या तात्पयि है ?
(क) सूरि (ख) उदधार (ग) र्नराशा (घ) प्रेम
(7) उपयक्
ुि त पदयांश के रचचयता कौन हैं?
(क) सुलमत्रानंदन पंत (ख) म राबाई (ग) सवेश्वरदयाि सक्सेना (घ) प्रेमचंद
प्रश्न12. ननम्नललखखत प्रश्नों में से ककनिीं चार प्रश्नों के उत्तर र्वस्तार से दीस्जए । (4x2=8)
(क) खानपान के मामिे में स्थान यता का क्या अथि है ?
उिर- यहाँ स्थान यता का अथि ककस ववशेष प्रांत के िोकवप्रय व्यंिन से है। िैसे बंबई की पाव भाि ददल्िी
के छोिे कुिचे, मथुरा के पेडे और आगरा के पेठे, नमकीन आदद। िेककन खानपान के बदिते नए रूप के
कारण अब इनकी िोकवप्रयता कम होत िा रही है।
(ख) िािी के बडे घर में पहुँचने पर मोर के बच्चों का ककस प्रकार स्वागत हुआ?
उिर- मोर और मोरन को िब िािी के बडे घर में पहुँचाया गया तो दोनों का स्वागत ऐसे ककया गया िैसे
नववधू के आगमन पर ककया िाता है । िक्का कबूतर नाचना छोड उनके चारों ओर घूम-घूमकर गुटरगँू- गुटरगँू
करने िगा, बडे खरगोश गंभ र रूप से उनका र्नरीक्षण करने िगे, छोटे खरगोश उनके चारों ओर उछिकूद
मचाने िगे और तोते एक आँख बंद करके उनका परीक्षण करने िगे।
(ग) दोपहर का दटकफ़न ववलभन्न प्रदे शों को कैसे िोड दे ता है?
पष्ृ ठ 4 / 6
उिर- दोपहर के समय मध्यमवगीय स्कूिों में िंच के समय सभ बच्चे िो अिग-अिग राज्यों से आए होते
हैं, वो एकसाथ अपने घर के दटकफनों को एक साथ खोिकर सब लमिकर खाना खाते हैं। तो इस तरह कई
राज्यों के व्यंिनों की खुशबू आपस में लमिकर लमचश्रत रूप से सभ प्रदे शों को िोडत है।
(घ) न चे दी गई पंजक्त का आशय अपने शब्दों में लिखखए – ‘माखन – रोटी हाथ मँह लिन , गउवन के रखवारे |’
उिर- गायों की रखवािी करने वािे और तम्
ु हारे लमत्र ग्वािबािों ने रोटी और मक्खन लिया हुआ है । वे तम्
ु हारी
प्रत क्षा कर रहे हैं।
पष्ृ ठ 5 / 6
प्रस्तुत करण – 1 अंक
ववषय वस्तु – 2 अंक
व्याकरखणक ज्ञान की शुदधता- 2 अंक
पष्ृ ठ 6 / 6