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❖ कक्षा – कायण :
१) सष
ु मा – िोभा ५) सवणस्व – सब कुछ
४) गररमा – महहमा
२ ) कवव ने मातभ
ृ शू म की शमट्टी को ककसके समान बताया है ?
३ ) मातभ
ृ शू म की तल
ु ना कल्पवक्ष
ृ से क्यों की गई है ?
उत्तर) मातभ
ृ ूशम की तुलना कल्पवक्ष
ृ से की गई है क्योंकक कल्पवक्ष
ृ भ मातभ
ृ ूशम की तरह सभ
मनोकामनाओीं को पूरा करता है |
प्र०3. तनम्नशलखखत प्रश्नों के उत्तर शलखखए – ( should be done in the notebook )
२) अपन मातभ
ृ ूशम से कवव का क्या नाता है ?
३) मातभ
ृ ूशम की तुलना ककन -ककन प्राकृततक उपदानों से की गई है ?
उत्तर) मातभ
ृ ूशम की तुलना स्वगण – लोक, कल्पवक्ष
ृ और नींदन वन से की गई है |
४) मातभ
ृ शू म की िोभा न्यारी क्यों है ?
उत्तर) मातभ
ृ ूशम की िोभा न्यारी है क्योंकक यहााँ की हररयाली सबका मन मोह लेत है । यहााँ के
पवणत य स्र्ल बहुत सींद
ु र हैं। यहााँ पर ि तल जल की नहदयााँ बहत हैं। इसकी सींद
ु रता के सामने
स्वगण लोक की सुींदरता फीकी लगत है।
कक्षा – कायण :
प्र०1. िब्दार्ण
ख) राजकुमारी ककस एक शिल्प का चुनाव करने में स्वयीं को असमर्ण क्यों समझ रही र् ?
उत्तर – राजकुमारी स्वयीं को ककस एक शिल्प का चुनाव करने में असमर्ण समझ रही र् क्योंकक
त नों शिल्प ववलक्षण प्रततभा के धन र्े |
उत्तर ) जब त सरा शिल्प कक्ष में गया तो अचानक उसकी निर बगल में रखे प तल के गमले
पर पड़ जजसमें गुलाब का पौधा उगा र्ा | उसने गुलाब का फूल तोड़ा और उसकी पींखुडड़यों को
तोड़-तोड़कर फिण पर धगराने लगा| टूटते फूलों की पींखुडड़यों को दे खकर राजकुमारी के चेहरे के
भाव पढ़कर उसने राजकुमारी को पहचान शलया |
व्याकरण ( Grammar )
ववलोम िब्द
१ ) ववकास x नाि
२ ) यि x अपयि
३ ) बद
ु धधमान x बद
ु धधहीन
४ ) पाप x पुण्य
५ ) धरा x गगन
६ ) तरल x ठोस
७ ) जहटल x सरल
८ ) असींभव x सींभव
९ ) उदार x अनुदार
* भाषा - भाषा वह साधन है जजसके दवारा भावों और ववचारों का आदान प्रदान होता है |
भाषा
मौखखक शलखखत
जैसे – रे डडयो ,दरू दिणन, कहान सुनना, आपस में बातच त करना आहद |
*शलखखत - शलखखत भाषा दवारा हम पढ़कर तर्ा शलखकर अपने भावों तर्ा ववचारों का आदान प्रदान
करते है |
वणण व्यवस्र्ा
*भाषा वाक्यों से ,वाक्य पदों से, पद िब्दों से तर्ा िब्द ध्वतनयों से बनते हैं |
*भाषा की सबसे छोटी ध्वतन जजसके टुकड़े नहीीं हो सकते ‘वणण’ कहते हैं |
*वणणमाला के भेद
२) स्वर २) व्यींजन
वणणमाला
स्वर -
अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ अीं अः ऑ
व्यींजन –
क ख ग घ ड.
च छ ज झ ञ
ट ठ ड ढ़ ण ड़ ढ़
त र् द ध न
प फ ब भ म ि फ़
य र ल व
ि ष स ह
स्वर के भेद
ह्रस्व दीघण
( अ,इ,उ,ऋ ) (आ,ई,ऊ,ए,ऐ,ओ,औ)
*क्ष – क + ष + अ
*र – त + र + अ
*श्र – ि + र + अ
*ज्ञ – ज + र + अ
*आगत स्वर –
हहन्दी में कुछ अींग्रेज भाषा के िब्द भ प्रयोग ककए जाते हैं | इन िब्दों के सही उच्चारण
के शलए (ऑ ) ध्वतन को िाशमल ककया जाता है |
*अनस्
ु वार –
अनुस्वार का धचन्ह ( ं ) होता है| इसका प्रयोग स्वर, व्यींजनों के ऊपर बबन्द ु (dot ) के रूप
में करते हैं |
*अनन
ु ाशसक – अनन
ु ाशसक का धचह्न ( ं ) होता है | इसका प्रयोग स्वर और व्यींजन के
ऊपर चन्रबबन्द ु ( ं ) के रूप में करते हैं |
जब कोई स्वर रहहत (without ) व्यींजन ककस स्वर सहहत (with ) व्यींजन से जड़
ु ता है तो
वह सींयुक्त व्यींजन कहलाता है |
* दववत्व व्यींजन –
अभ्यास -१
१ ) अल्पप्राण व्यींजन
उत्तर - य ,र ,ल ,व
२ ) आगत स्वर
३ ) सींयक्
ु त व्यींजन वाले िब्द
५ ) अनुनाशसक िब्द
अभ्यास -२
९ ) भाषा के िद
ु ध रूप का ज्ञान व्याकरण से होता है |
१० ) शलखने के ढीं ग को शलवप कहते हैं |
अभ्यास -३
१ ) चाचा
उत्तर – च + आ + च + आ
२ ) हदवस
उत्तर – द + इ + व + अ + स + अ
३ ) मैदान
उत्तर – म + ऐ + द + आ + न + अ
४ ) कहान
उत्तर – क + अ + ह् + आ + न + ई
५ ) रक्षक
उत्तर – र + अ + क + ष + अ + क +अ
६ ) आहट
उत्तर – आ + ह् + अ + ट् + अ
७. ) सप्ताह
उत्तर – स + अ + प + त +आ + ह् + अ
८. ) चुनौत
उत्तर - च + उ + न + औ + त + ई
अभ्यास – ४
१ ) स + औ + भ + आ + ग + य + अ
उत्तर – सौभाग्य
२ ) म + औ + स + अ + म + अ
उत्तर – मौसम
३ ) स + व + आ + ग + अ + त + अ
उत्तर – स्वागत
४ ) द + ई + प + अ + क + अ
उत्तर – दीपक
५ ) उ + च + च + आ + र + अ + ण + अ
उत्तर – उच्चारण
६ ) क + ओ + य + अ + ल + अ
उत्तर – कोयल
७.) व + य + अ + व + अ + ह् + आ + र + अ
उत्तर – व्यवहार
८.) व + इ + ज + ञ + आ + न +अ
उत्तर – ववज्ञान
अनुच्छे द
अपहठत गदयाींि
अ) उपयक्
ुण त गदयाींि का उधचत ि षणक शलखखए |
आ) प्रदष
ू ण ककतने प्रकार का होता है ?
इ) प्रदष
ू ण रोकने के शलए हमें क्या करना चाहहए ?
ई) ‘समस्या’ का वाक्य में प्रयोग कीजजए |
उ) हदए गए िब्दों के ववलोम िब्द शलखखए – १) प्रत्यक्ष- २) उत्पतत-