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दी एशियन स्कूल, बहरीन

अप्रैल २०२२ -२३


कक्षा – आठव ीं

❖ लक्ष्य हहींदी पाठमाला – पाठ-१ मेरी मातभ


ृ ूशम , पाठ -६ अींततम परीक्षा
❖ व्याकरण – वणण ववचार , ववलोम िब्द
❖ रचना – अनच्
ु छे द , अपहठत गदयाींि

पाठ १ – मेरी मातभ


ृ ूशम (कववता)

❖ कक्षा – कायण :

प्र०1. िब्द – अर्ण

१) सष
ु मा – िोभा ५) सवणस्व – सब कुछ

२) वींदन – अशभनींदन ६) समपणण – त्याग

३) सम्मुख – सामने ७) अशभलाषा – इच्छा

४) गररमा – महहमा

प्र०2. मौखखक प्रश्न – ( should be done in the textbook )

१) कववता में कवव ने ककसका वींदन ककया है ?

उत्तर) कववता में कवव ने मातभ


ृ ूशम का वींदन ककया है |

२ ) कवव ने मातभ
ृ शू म की शमट्टी को ककसके समान बताया है ?

उत्तर) कवव ने मातभ


ृ ूशम की शमट्टी को रोली के समान बताया है |

३ ) मातभ
ृ शू म की तल
ु ना कल्पवक्ष
ृ से क्यों की गई है ?

उत्तर) मातभ
ृ ूशम की तुलना कल्पवक्ष
ृ से की गई है क्योंकक कल्पवक्ष
ृ भ मातभ
ृ ूशम की तरह सभ
मनोकामनाओीं को पूरा करता है |
प्र०3. तनम्नशलखखत प्रश्नों के उत्तर शलखखए – ( should be done in the notebook )

१) कववता में कवव ने मातभ


ृ ूशम का वींदन क्यों ककया है ?

उत्तर) कववता में कवव ने मातभ


ृ शू म का वींदन इसशलए ककया है क्योंकक यह हमारी सभ
मनोकामनाओीं को पूरा करत है । हमारी मातभ
ृ ूशम अन्न -जल दे कर हमारा पालन-पोषण करत
है। वह हमारे शलए अनेक प्रकार के कष्ट सहत है ।

२) अपन मातभ
ृ ूशम से कवव का क्या नाता है ?

उत्तर) कवव अपन मातभ


ृ ूशम को अपन मााँ मानता है | मााँ – बेटे का जो नाता होता है , वही
नाता कवव का मातभ
ृ ूशम के सार् है | जजस प्रकार मााँ अपने बच्चे का पालन – पोषण करत है
उस प्रकार अपन मातभ
ृ ूशम के आाँचल में पलकर ही हम बड़े होते हैं |

३) मातभ
ृ ूशम की तुलना ककन -ककन प्राकृततक उपदानों से की गई है ?

उत्तर) मातभ
ृ ूशम की तुलना स्वगण – लोक, कल्पवक्ष
ृ और नींदन वन से की गई है |

४) मातभ
ृ शू म की िोभा न्यारी क्यों है ?

उत्तर) मातभ
ृ ूशम की िोभा न्यारी है क्योंकक यहााँ की हररयाली सबका मन मोह लेत है । यहााँ के
पवणत य स्र्ल बहुत सींद
ु र हैं। यहााँ पर ि तल जल की नहदयााँ बहत हैं। इसकी सींद
ु रता के सामने
स्वगण लोक की सुींदरता फीकी लगत है।

प्र०) आप अपन मातभ


ृ ूशम ( भारत ) के प्रतत कैसा अनुभव करते हैं ? अपने ववचार शलखकर
बताइए |(पााँच -छह वाक्य )

पाठ ६ - अींततम परीक्षा

कक्षा – कायण :

प्र०1. िब्दार्ण

१) शिल्प - शिल्पकार ६) ववलक्षण- अदभुत

२) दातयत्व – जिम्मेदारी ७) ववस्मय - हैरान

३) प्रववष्ट – प्रवेि ८ ) सींवेदनि ल – भावुक


४) युजक्त - उपाय ९ ) कक्ष – कमरा

५) आक्रोि – गुस्सा १०) तनधन – मत्ृ यु

प्र०2. मौखखक प्रश्न –( should be done in the textbook )

क) महाराज यिोधर ने राजकुमारी को ककस कायण का दातयत्व सौंपा और क्यों ?

उत्तर- ) महाराज यिोधर ने राजकुमारी को नए राजशिल्प के चन


ु ाव का दातयत्व सौंपा क्योंकक
वह बहुत बुदधधमान तर्ा गुणवत र् | उसे कला की बारीककयों की परख र् |

ख) राजकुमारी ककस एक शिल्प का चुनाव करने में स्वयीं को असमर्ण क्यों समझ रही र् ?

उत्तर – राजकुमारी स्वयीं को ककस एक शिल्प का चुनाव करने में असमर्ण समझ रही र् क्योंकक
त नों शिल्प ववलक्षण प्रततभा के धन र्े |

ग) कक्ष में पहुाँचने पर पहले और दस


ू रे शिल्प को क्या परे िान हुई ?

उत्तर) कक्ष में पहुाँचने के बाद पहले और दस


ू रे शिल्प को त न एक जैस राजकुमाररयों में से
असली राजकुमारी पहचानने में परे िान हुई |

प्र०3. प्रश्नों के उत्तर शलखखए-(should be done in the notebook)

१ ) अींततम परीक्षा के शलए क्या ितण रख गई?

उत्तर ) अींततम परीक्षा के शलए यह ितण रख गई कक राजशिल्प गुणाकर दवारा बनाई गई दो


मूततणयों के सार् राजकुमारी भ मूततणयों जैसे वस्राभूषण पहनकर उन मूततणयों के सार् खड़ होंग |
उन त नों में से चार हार् दरू खड़े रहकर जो यह बता दे गा कक असली राजकुमारी कौन है , वही
राजशिल्प के पद का दातयत्व सींभालेगा | यहद उत्तर गलत होगा तो उसे दीं ड शमलेगा | यहद वह
स्वयीं हार स्व कार कर लेता है तो न उसे दीं ड शमलेगा न ही राजशिल्प का पद |

२ ) त नों शिल्प क्या बनाकर लाए र्े ?

उत्तर ) पहले शिल्प ने गल


ु दान में सजे फूलों की अनक
ु ृ तत तैयार की | दस
ू रे शिल्प ने एक वद
ृ ध
की मूततण बनाई तर्ा त सरे शिल्प ने महाराज यिोधर को हू- ब -हू पत्र्र में उतार हदया र्ा |

३ ) त सरे शिल्प ने असली राजकुमारी को मूततणयों में से कैसे पहचाना?

उत्तर ) जब त सरा शिल्प कक्ष में गया तो अचानक उसकी निर बगल में रखे प तल के गमले
पर पड़ जजसमें गुलाब का पौधा उगा र्ा | उसने गुलाब का फूल तोड़ा और उसकी पींखुडड़यों को
तोड़-तोड़कर फिण पर धगराने लगा| टूटते फूलों की पींखुडड़यों को दे खकर राजकुमारी के चेहरे के
भाव पढ़कर उसने राजकुमारी को पहचान शलया |

४) एक कलाकार की क्या पहचान होत है ?

उत्तर) कलाकार का मन भावुक और सींवेदनि ल होता है | प्रकृतत को कष्ट होते दे खकर वे दख



और क्रोधधत हो जाते हैं एवीं उनके मन के भाव चेहरे पर हदख जाते हैं |

प्र०4 . वाक्य बनाइए-

१) युजक्त – वपताज ने समस्या के समाधान के शलए एक युजक्त सुझाई |

२) हैरान – परीक्षा में मेरे कम अींक दे खकर मााँ को है रान हुई |

व्याकरण ( Grammar )

ववलोम िब्द

१ ) ववकास x नाि

२ ) यि x अपयि

३ ) बद
ु धधमान x बद
ु धधहीन

४ ) पाप x पुण्य

५ ) धरा x गगन

६ ) तरल x ठोस

७ ) जहटल x सरल

८ ) असींभव x सींभव

९ ) उदार x अनुदार

१०) याचक x दान


वणण ववचार (भाषा)

* भाषा - भाषा वह साधन है जजसके दवारा भावों और ववचारों का आदान प्रदान होता है |

भाषा

मौखखक शलखखत

*मौखखक – मौखखक भाषा दवारा हम सन


ु कर तर्ा बोलकर अपने ववचारों का आदान प्रदान करते हैं |

जैसे – रे डडयो ,दरू दिणन, कहान सुनना, आपस में बातच त करना आहद |

*शलखखत - शलखखत भाषा दवारा हम पढ़कर तर्ा शलखकर अपने भावों तर्ा ववचारों का आदान प्रदान
करते है |

जैसे – समाचार पर ,पुस्तकें ,ई -मेल आहद |

वणण व्यवस्र्ा

*भाषा वाक्यों से ,वाक्य पदों से, पद िब्दों से तर्ा िब्द ध्वतनयों से बनते हैं |

*ध्वतन को वणण भ कहते हैं |

*भाषा की सबसे छोटी ध्वतन जजसके टुकड़े नहीीं हो सकते ‘वणण’ कहते हैं |

*वणों के व्यवजस्र्त समूह को वणणमाला कहते है |

*वणणमाला के भेद
२) स्वर २) व्यींजन

वणणमाला

स्वर -
अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ अीं अः ऑ
व्यींजन –
क ख ग घ ड.

च छ ज झ ञ

ट ठ ड ढ़ ण ड़ ढ़

त र् द ध न

प फ ब भ म ि फ़

य र ल व

ि ष स ह

क्ष र ज्ञ श्र

स्वर के भेद

ह्रस्व दीघण

( अ,इ,उ,ऋ ) (आ,ई,ऊ,ए,ऐ,ओ,औ)

१ ) हहन्दी में ११ स्वर हैं |


२ ) ‘अ’ का उच्चारण स्वरों के बबना नहीीं होता |
३ ) प्रत्येक व्यींजन के उच्चारण में ‘अ’ का योगदान होता है |
४ ) व्यींजन के न चे लग रे खा को हलींत( ् ) कहते हैं |
५ ) क्ष, र, ज्ञ, श्र सींयुक्त व्यींजन या अक्षर हैं |

*क्ष – क + ष + अ

*र – त + र + अ

*श्र – ि + र + अ

*ज्ञ – ज + र + अ

*उच्चारण के आधार पर व्यींजन के दो भेद हैं |

१ ) अल्पववराम – पहला, त सरा, पााँचवा वणण तर्ा य ,र, ल, व


२ ) महाप्राण – दस
ू रा, चौर्ा वणण तर्ा ि, ष, स, ह

*आगत स्वर –

हहन्दी में कुछ अींग्रेज भाषा के िब्द भ प्रयोग ककए जाते हैं | इन िब्दों के सही उच्चारण
के शलए (ऑ ) ध्वतन को िाशमल ककया जाता है |

जैसे – हॉल ,बॉल

*अनस्
ु वार –

अनुस्वार का धचन्ह ( ं ) होता है| इसका प्रयोग स्वर, व्यींजनों के ऊपर बबन्द ु (dot ) के रूप
में करते हैं |

जैसे – पींखा ,सुींदर

*अनन
ु ाशसक – अनन
ु ाशसक का धचह्न ( ं ) होता है | इसका प्रयोग स्वर और व्यींजन के
ऊपर चन्रबबन्द ु ( ं ) के रूप में करते हैं |

जैसे – चााँद , आाँख

*सींयुक्त व्यींजन या सींयुक्त वणण –

जब कोई स्वर रहहत (without ) व्यींजन ककस स्वर सहहत (with ) व्यींजन से जड़
ु ता है तो
वह सींयुक्त व्यींजन कहलाता है |

जैसे – हहन्दी , भजक्त

* दववत्व व्यींजन –

अब एक व्यींजन दो बार आए तो उसे दववत्व व्यींजन कहते हैं |

जैसे – बच्चा , पत्ता

अभ्यास -१

*दो – दो उदाहरण शलखखए –

१ ) अल्पप्राण व्यींजन

उत्तर - य ,र ,ल ,व
२ ) आगत स्वर

उत्तर – मॉल , फुटबॉल

३ ) सींयक्
ु त व्यींजन वाले िब्द

उत्तर ) भजक्त , बुदधध

४ ) दववत्व व्यींजन वाले िब्द

उत्तर ) कच्चा ,पक्का

५ ) अनुनाशसक िब्द

उत्तर ) चााँद , सााँप

६ ) अनुस्वार वाले िब्द

उत्तर ) अींग , सुींदर

अभ्यास -२

*खाली स्र्ान भरो –

१ ) मनुष्य अपने ववचारों का आदान प्रदान भाषा दवारा करता है |

२ ) वणों के व्यवजस्र्त समूह को वणणमाला कहते हैं |

३ ) हहन्दी में ११ स्वर हैं |

४ ) भाषा की सबसे छोटी इकाई वणण है |

५ ) भारत की राजभाषा हहन्दी है |

६ ) हहन्दी की शलवप दे वनागरी है |

७ ) भारत में हहन्दी हदवस १४ शसतींबर को मनाया जाता है |

८ ) शमर को शलखा पर भाषा का शलखखत रूप है |

९ ) भाषा के िद
ु ध रूप का ज्ञान व्याकरण से होता है |
१० ) शलखने के ढीं ग को शलवप कहते हैं |

११) इ , उ हृस्व स्वर हैं |

१२ ) अनुस्वार का धचन्ह ्ीं होता है |

अभ्यास -३

*वणण ववच्छे द शलखखए –

१ ) चाचा

उत्तर – च + आ + च + आ

२ ) हदवस

उत्तर – द + इ + व + अ + स + अ

३ ) मैदान

उत्तर – म + ऐ + द + आ + न + अ

४ ) कहान

उत्तर – क + अ + ह् + आ + न + ई

५ ) रक्षक

उत्तर – र + अ + क + ष + अ + क +अ

६ ) आहट

उत्तर – आ + ह् + अ + ट् + अ

७. ) सप्ताह

उत्तर – स + अ + प + त +आ + ह् + अ

८. ) चुनौत

उत्तर - च + उ + न + औ + त + ई
अभ्यास – ४

*तनम्नशलखखत वणों को जोड़कर िब्द बनाइए |

१ ) स + औ + भ + आ + ग + य + अ

उत्तर – सौभाग्य

२ ) म + औ + स + अ + म + अ

उत्तर – मौसम

३ ) स + व + आ + ग + अ + त + अ

उत्तर – स्वागत

४ ) द + ई + प + अ + क + अ

उत्तर – दीपक

५ ) उ + च + च + आ + र + अ + ण + अ

उत्तर – उच्चारण

६ ) क + ओ + य + अ + ल + अ

उत्तर – कोयल

७.) व + य + अ + व + अ + ह् + आ + र + अ

उत्तर – व्यवहार

८.) व + इ + ज + ञ + आ + न +अ

उत्तर – ववज्ञान

अनुच्छे द

भारत -अनेकता में एकता

“हहन्द दे ि के तनवास सभ जन एक हैं ,

रीं ग-रुप , वेि -भाषा चाहे अनेक हैं |”


हमारे दे ि में अलग-अलग जातत और धमण को मानने वाले लोग रहते हैं , जजनके खान – पान ,
भाषा , रहन-सहन , आचार- ववचार , रीतत- ररवाजों आहद में काफी अींतर है , लेककन कफर भ यहााँ
सभ लोग शमलजल
ु कर प्रेम और भाईचारे के सार् रहते हैं और यही भारत को ववश्व के अन्य
दे िों से अलग बनाता है | यहााँ हहींदी, मराठी, बींगाली, पींजाब , तेलुग,ु तशमल, मलयालम, उदण ,ू
अींग्रेि आहद भाषाएाँ बोली जात हैं इसके बावजद
ू भ लोग एक दस
ू रे को समझते हैं और प्रेम भाव
से रहते हैं | हमारे दे ि के हर राज्य में अलग-अलग त्योहार और साींस्कृततक कायणक्रमों का आयोजन
ककया जाता है और इनमें सभ धमों और भाषाओीं के लोग बढ़ – चढ़ कर भाग लेते हैं , यही दे ि
की अनेकता में एकता का प्रत क है | भारत की आिादी से पहले अींग्रेजों ने भारत में ‘फूट डालो
और राज करो’ की न तत अपनाई , लेककन भारत यों ने एकजुट होकर दे ि को आिाद करवाने के
शलए लड़ाई लड़ और दे ि को आिाद कराने में सफल हुए | राष्रीय एकता से एक-दस
ू रे के प्रतत
सम्मान और प्रेम की भावना ववकशसत होत है तर्ा मुजश्कलों से लड़ने की हहम्मत शमलत है |

अपहठत गदयाींि

प्र०) हदए गए अपहठत गदयाींि को पढ़कर तनम्नशलखखत प्रश्नों के उत्तर शलखखए |

आधुतनक मानव – सभ्यता के ववकास के सार् – सार् ही प्रदष


ू ण की समस्या उत्पन्न हुई और
तनरीं तर बढ़त जा रही है | मनुष्य के कक्रयाकलाप प्रदष
ू ण को बढ़ा रहे हैं | प्रदष
ू ण मुख्यतः चार
प्रकार का होता है – जल- प्रदष
ू ण, वायु- प्रदष
ू ण, मद
ृ ा- प्रदष
ू ण और ध्वतन- प्रदष
ू ण | प्रदष
ू ण मानव
के शलए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से घातक हैं | इससे पव
ू ण कक प्रदष
ू ण की समस्या भयींकर रूप
धारण कर ले , मनुष्य को इसे रोकने के शलए अपन आदतों में सुधार करना होगा | वनों के
ववनाि को रोकने के शलए अत्यधधक पेड़ लगाने होंगे | पेरोल, ड जल आहद से चलने वाले वाहन
का प्रयोग आवश्यकता पड़ने पर ही ककया जाना चाहहए |

अ) उपयक्
ुण त गदयाींि का उधचत ि षणक शलखखए |
आ) प्रदष
ू ण ककतने प्रकार का होता है ?
इ) प्रदष
ू ण रोकने के शलए हमें क्या करना चाहहए ?
ई) ‘समस्या’ का वाक्य में प्रयोग कीजजए |
उ) हदए गए िब्दों के ववलोम िब्द शलखखए – १) प्रत्यक्ष- २) उत्पतत-

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