You are on page 1of 9

Downloaded from www.studiestoday.

com

वि -वि् , षा— िं लां - 60

र ा ं /र ं – ं - ं - ं प
ं र 0 ( पठ ा् – प्
् ा ा ो ) ले या पठ
ा ा
ो ी

रन 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 लां
ं् ा
रन

ल 5 5 5 5 10 5 5 10 4 6 60

रात

1
2
3

Downloaded from www.studiestoday.com


Downloaded from www.studiestoday.com

विष् = ह द
ं ी

कषा = आठिीं

सम् =2:30 घ्टे र्न-पर पू्ांक =60

आि््क ननदे श:---

1. सभी र्न अननिा्य ं।


2. इस र्नपर मं चार ख्ड ं।
3. ्था संभि र््ेक ख्ड के उ्तर रमश: दीजिए।
ख्ड - क
(अपहठत बोध )

1 . नन्न्लणखत गदयांश क पढ़कर नीच ददए गए र्नं क सही ववक्प चन


ु कर उ्तर
्लणखए :-

1×5=5

रकृनत का संतुलन बबगाड़न की ददशा मं हम वपछल द तीन स वषं क द रान इतना


अधधक बढ़ चक
ु हं कक अब पीछ हटना असंभव सा लगता ह। जजस गनत स हम वव्भ्न
षरं मं राकृनतक संतुलन बबगाडत हं ,इस मं क ई ्यावहाररकता नहीं रतीत ह ती,्यंकक
हमारी अथा ्यव्थाएं और दननक आव्यकताएँ इस गनत क साथ जुड़ सी गई हं।्या हमं
ञात नहीं कक जजस हम आहार समझ रह हं ,वह व्तुत: हमारा दननक ववष ह ज सामुदहक
आ्मह्या की ददशा मं हमं ्लए जा रहा ह। जंगलंक ही ल ल । यह एक रकट त्य ह कक
वव्भ्न दशं की वन-संपज्त अ्यंत तीर गनत स षीि ह ती जा रही ह। भारत क वव्भ्न
रदशं,ववशषकर पूवाा्चल क रा्यं ,तराई ,उ्तररदश ,दहमाचल रदश ,क्मीर आदद क
जंगल भारी सं्या मं काट जा रह हं,खब
ू अ्छी तरह यह जानत हुए भी कक जंगलं क
काटन का मतलब ह गा-भू्म क अरषषत करना,बाढ़ं क बढ़ावा दना और म सम क बदलन
मं सहायक बनना।

1. उपर ्त गदयांश का उपयु्त शीषाक चनु नए ?

(क)आकाश असंतुलन (ख)हवा संतुलन (ग)राकृनतक असंतुलन (घ)भू्म असंतुलन

Downloaded from www.studiestoday.com


Downloaded from www.studiestoday.com

2. राकृनतक असंतुलन ककतन वषं क द रान बबगड़ा ह?

(क)आठ-दस-स वषं मं (ख)एक-द स वषं मं (ग)आठ-न स वषं मं (घ)द -तीन स वषं


मं

3. वव्भ्न दशं की क न सी संपज्त तीर गनत स षीि ह ती जा रही ह?

(क)खत (ख)वन (ग)फ़सल (घ)प ध

4. जंगलं क काटन का अथा ककसक अनारषषत करना ह?

(क)आकाश क (ख)पाताल क (ग)भ्ू म क (घ)बादलं क

5. जंगलं क काटन स ककसक बढ़ावा ्मलता ह?

(क)बाढ़ं क (ख)तूफान क (ग)सुनामी क (घ)लहरं क

र्न-2 नन्न्लणखत प्यांश क पढ़कर नीच ददए गए र्नं क सही ववक्प चन


ु कर उ्तर
्लणखए 1×5=5

मं बढ़ा ही जा रहा हूँ,पर त् ू ा नहीं हूँ ।


ु हं भल

चल रहा हूँ, ्यंकक चलन स थकावट दरू ह ती ,

चाहता त था कक क लँ ू पा्व मं षि –भर तु्हार

ककंतु अगणित ्वर बुलात हं मुझ बाँहं पसार ,

अनसुनी करना उ्हं भारी रवंचन का पु षता,

मँह
ु ददखान य ्य रखगी न मुझक ्वाथापरता।

इस्लए ही आज यग
ु की दहली क लाँघकर मं-
पथ नया अपना रहा हूँ-
पर त् ू ा नहीं हूँ ।
ु हं भल
आज श षक –श वषतं मं ह गया जग का ववभाजन
अज्थयं की नींव पर अकड़ खड़ा रासाद का तन ।

Downloaded from www.studiestoday.com


Downloaded from www.studiestoday.com

1-कवव ्यं चलता ह?

(क) ्यंकक चलन स थकावट दरू ह ती ह । (ख) इसस उसका काम बनता ह
(ग) इसस वह समाज –सवा करता ह । (घ) इनमं स क ई नहीं ।

2-कवव क क न अपनी ओर बुलात हं ?

(क)अगणित ्वर (ख) ल ग (ग) दख


ु ी (घ) रवंधचत
3-जग क ववभाजन का ्या आधार ह?

(क)श षक-श वषतं मं (ख) उ्च-नीच मं


(ग धनी-ननधान मं (घ) अ्छ-बुर मं

4 ेजगै श्द का पयाायवाची ह—

(क)बतान (ख) संसार (ग) जगना (घ) भागना


5 कवव आज ककसक लाँघकर नया पथ अपना रहा ह ?

सीमाओं क (ख) नददयं क (ग) यग


ु की दहली (घ) पहाड़ं क :-

ख्ड –ख रचना्मक लेखन

र्न-3 . अपन वव्यालय क रधानाचाया क वव्यालय छ डन का रमाि-पर माँगत हुए


राथाना पर ्लणखए । 5

अथवा

आप अपना ज्मददन धम
ू धाम स मना रह हं। अपन ्मर क भी उसमं शा्मल ह न हतु पर
्लणखए ।

र्न-4 नन्न्लणखत ववषयं मं स ककसी एक ववषय पर ननबंध ्लणखए :-- 5

(क) रा्रीय पवा – गित्र ददवस


(ख) क््यूटर का मह््व
(ग) रदष
ू ि – एक सम्या
( घ) रं गं का ्य हार – ह ली

Downloaded from www.studiestoday.com


Downloaded from www.studiestoday.com

खंड-ग ््ाकर्

र्न-5 ननदे शानस


ु ार उ्तर दीजजए-

(i) . दाता , इक र्यय स बनन वाल द -द श्द ्लणखए । 1×2=2

(ii) उपसगा अलग कीजजए:-- 1×2=2

अ्भमान , सधचर ।

(iii) नन्न्लणखत वा्यं मं स कारक छांटकर कारक का नाम ्लणखए :-- 1×2=2

(क)कषा मं छार चप
ु चाप पढ़ रह थ ।

(ख)पड़ स प्ता धगरा ।

(iv) नन्न्लणखत मह
ु ावरं का रय ग करत हुए वा्य बनाइए :-- 1×2=2

आँखं स ओझल ह ना , डींगं हाँकना ।

(v) नन्न्लणखत श्दं क द -द पयाायवाची ्लणखए :--- 1×2=2

ददवस ,मया ।

ख्ड = घ (पा्् पु्तक ि पूरक पा्् पु्तक )

र.6 नन्न्लणखत ग्यांश क पदढ़ए तथा पूछ गए र्नं क उ्तर दीजजए- (1+2+2=5)

ेव सभी सजीव हं,साँस ल रह हं,शत-रनतशत ब ल रह हं , अठह्तर मद


ु ाा इ्सान
जि्दा ह गए ,उनक ब लत ,बातं करत दख ।ै दश की पहली सवाक (ब लती ) कफ्म
ेआलम आराै क प ्टरं पर ववञापन की य पंज्तयाँ ्लखी हुई थीं। 14 माचा, 1931 की
वह ऐनतहा्सक तारीख भारतीय ्सनमा मं बड़ बदलाव का ददन था ।इसी ददन पहली बार
भारत क ्सनमा न ब लना सीखा था । हालाँकक वह द र ऐसा था जब मूक ्सनमा
ल कवरयता क ्शखर पर था ।

1-लखक और पाठ का नाम बताइए । 1


2-ेआलम आराै कफ्म क प ्टरं पर ्या ्लखा था ? 2
3-भारतीय ्सनमा की ऐनतहा्सक तारीख ्या थी और इस ददन
्या बदलाव आया था ?

Downloaded from www.studiestoday.com


Downloaded from www.studiestoday.com

र्न-7 नन्न्लणखत ग्यांश क ्यानपूवक


ा पदढ़ए तथा उस पर आधाररत र्नं क उ्तर
संषप मं ्लणखए: 1+2+2=5

मया ,कबदह बढ़गी च टी?

ू वपयत भई , यह अजहूँ ह छ टी ।
ककती बार म दह, दध

तू ज कहनत बल की बनी ्यं हव,ह लांबी –म टी ।

काढ़त –गुहत ्हवावत जह,नाधगनी सी भुई ल टी ।

काँचं दध
ू वपयावत पधच-पधच ,दत न माखन –र टी ।

सूर धचरजीव द उभया ,हरर-हलधर की ज टी ।

(क)कवव और कववता का नाम ्लणखए ।

(ख)इस पद मं क न, ककस स ्या पूछ रहा ह?

(ग)माता यश दा कृ्ि क ्या दती थी और बालक ्या चाहता था

र्न-8 . नन्न्लणखत र्नं र्नं क उ्तर संषप मं दीजजए :-- 2x5=10

(क)ओस की बँूद र ध और घि
ृ ा स ्यं काँप उठी?
(ख)बाज जिंदगी भर आकाश मं ही उड़ता रहा ,कफर घायल ह न क बाद भी वह उड़ना ्यं
चाहता था?

(ग)गवरइया और गवरा क बीच ककस बात पर बहस हुई और गवरइया क अपनी इ्छा पूरी
करन का अवसर कस ्मला ?

(घ)साइककल आ्द लन स पुडुक टई की मदहलाओं क जीवन मं क न –क न स बदलाव आए


हं?

(ड)बबलवासी जी न पयं का रबंध कहाँ स और कस ककया था ?

Downloaded from www.studiestoday.com


Downloaded from www.studiestoday.com

र.9 कायरता क साथ सुख भ गना अथवा वीरता क साथ दःु ख भ गना आप ककस रकार क
जीवन क पसंद करत हं ? 4
अथवा
घर क सामा्य काम हं या ननजी काम, र्यक ्यज्त क अपनी य ्यता क अनु प उ्हं
काम करना आव्यक ्यं ह? विान कीजजए।

10.भारत की ख ज क आधार पर नन्न्लणखत मं स कक्हीं तीन र्नं क उ्तर दीजजए।

(क)भारत मं पदाा रथा कब और कस शु हुई ? 2×3=6

(ख)18वीं शता्दी मं भारत पर अधधकार क दावदार क न-क न थ?

(ग)अमीर खस
ु र क न था ?उसकी र्सवि का ्या कारि था ?

(घ)अजंता –एल रा की गुफाओं क बार मं बताइए ।

Downloaded from www.studiestoday.com


Downloaded from www.studiestoday.com

विष् = ह द
ं ी

कषा = आठिीं

सम् =2:30 घ्टे पू्ांक =60

अंक य जना वउ्तर माला

ख्ड =क

उ्तर 1.1 (ग) 2. (घ) 3.(ख) 4.(ग) 5.(क) 1×5=5

र्न-2

1-कवव ्यं चलता ह? (ग) इसस वह समाज –सवा करता ह ।

2-कवव क क न अपनी ओर बुलात हं ?

(क)अगणित ्वर
3-जग क ववभाजन का ्या आधार ह?
(क)श षक-श वषतं मं
4 ेजगै श्द का पयाायवाची ह— (ख) संसार

5 कवव आज ककसक लाँघकर नया पथ अपना रहा ह ?

(ग) युग की दहली

ख्ड =ख

र्न-3 अ्यापक ्ववववक स अंक दं ग |

र्न-4 अ्यापक ्ववववक स अंक दं ग |

खंड-ग

र्न-5 ननदे शानस


ु ार उ्तर दीजजए-

(i) दाता=कमादाता, 1×2=2

Downloaded from www.studiestoday.com


Downloaded from www.studiestoday.com

इक=धा्माक,ननतक

(ii). उपसगा =अ्भ , स 1×2=2

(iii).(क)मं =अधधकरि कारक (ख)स=अपादान कारक 1×2=2

(iv). वव्याधथायं ्वारा ्लख सही वा्यं मं अंक ददय जाएँ । 1×2=2

(v). ददवस=ददन,वार मया=माता,जननी 1×2=2

ख्ड =ग (पा्् पु्तक ि पूरक पा्् पु्तक)

र्न-6 अ्यापक ्ववववक स अंक दं ग |

र्न-7 अ्यापक ्ववववक स अंक दं ग |

र्न-8 अ्यापक ्ववववक स अंक दं ग |

र्न-9 अ्यापक ्ववववक स अंक दं ग |

र्न-10 अ्यापक ्ववववक स अंक दं ग |

Downloaded from www.studiestoday.com

You might also like