You are on page 1of 53

Dr.R. B.

PATIL MAHESH PU COLLEGE


PRIYADARSHINI COLONY, HUBLI-30

HINDI PASSING PAKAGE


Date : 18\01\2023
Class :PUC I Max. Marks : 42

1वाक्य शुद्धि5x1=5

2 कारक – ररक्त स्थान की पूर्तत


5x1=5

3मुहावरे
5x1=5

4 काल पररवततन
3x1=3

5 ललग3x1=3

6.वचन2x1=2
7.पययायवयची / समयनयथीशब्द2x1=2

8.ववपरीतयथाक / ववलोमशब्द2x1=2

9.पत्र-लेखन
5

10.अपठितगद्यांश5x1=5

11. अनुवयद5x1=5

1.वाक्य शुद्धि
5X1=5

द्धनम्नद्धलद्धखत वाक्यों को शुि कीद्धजएः

१) गोद्धवन्द के बद्धहन का नाम सुशीला है।


गोद्धवन्द की बहन का नाम सुशीला है।
२) अप ईसके घर को गए।
अप ईसके घर गए।

३) मेज में पुरतक पडी है।


मेज पर पुस्तक पडी है।

४) वह अपका घर कल अ सके गा।


वह अपके घर कल अ सके गा।

५) मैं स्कू ल जाना चाद्धहए।


मुझे स्कू ल जाना चाद्धहए।

६) हम हमारे देश को प्यार करते हैं।


हम ऄपने देश से प्यार करते हैं।

७) मंददर की चारों ओर दुकानें हैं।


मंददर के चारों ओर दुकानें हैं।

८) तालाब के ऄन्दर छोटी-सी मद्धन्दर है।


तालाब के ऄन्दर छोटा-सा मंददर है।

९) ईसने ऄपने द्धमत्र को एक-सौ रुपया पूछा।


ईसने ऄपने द्धमत्र से एक-सौ रुपये पूछे।

१०) सभी ईसको तारीफ करते हैं।


सभी ईसकी तारीफ करते हैं।
११) वह घर को जा रहा है।
वह घर जा रहा है।

१२) वह प्रातःकाल के समय अया।


वह प्रातःकाल अया।

१३) रोहन ने रोटी खाया।


रोहन ने रोटी खायी।

१४) श्रीकृ ष्ण के ऄनेकों नाम हैं।


श्रीकृ ष्ण के ऄनेक नाम हैं।

१५) मुझे मैसूर जानी पडेगी।


मुझे मैसूर जाना पडेगा।

१६) गुणशीला चलती-चलती थक गए।


गुणशीला चलते-चलते थक गइ।

१७) गोपाल गाना गाया।


गोपाल ने गाना गाया।

१८) श्याम काग दकया।


श्याम ने काम दकया।

१९) मेरे को ईसने बुलाया है।


मुझे ईसने बुलाया है।
२०) सरला ने कहानी पढा।
सरला ने कहानी पढी।

२१) मोहन की द्धपताजी ऄस्वस्थ हैं।


मोहन के द्धपताजी ऄस्वस्थ हैं।

२२) हवा तेज बहने लगा।


हवा तेज बहने लगी।

२३) ईसका हाथ में मामूली चाकू था।


ईसके हाथ में मामूली चाकू था।

२४) ग्यारहवीं शताब्दी का बात है।


ग्यारहवीं शताब्दी की बात है।

२५) वह दरवाजा खोला।


ईसने दरवाजा खोला।

२६) अप अपके घर जाआए।


अप ऄपने घर जाआए।

११) वह घर को जा रहा है।


वह घर जा रहा है।

१२) वह प्रातःकाल के समय अया। .


वह प्रातःकाल अया।
१३) रोहन ने रोटी खाया।
रोहन ने रोटी खायी।

१४) श्रीकृ ष्ण के ऄनेकों नाम हैं।


श्रीकृ ष्ण के ऄनेक नाम हैं।

१५) मुझे मैसूर जानी पडेगी।


मुझे मैसूर जाना पडेगा।

१६) गुणशीला चलती-चलती थक गए।


गुणशीला चलते-चलते थक गइ।

१७) गोपाल गाना गाया।


गोपाल ने गाना गाया।

१८) श्याम काग दकया।


श्याम ने काम दकया।

१९) मेरे को ईसने बुलाया है।


मुझे ईसने बुलाया है।

२०) सरला ने कहानी पढा।


सरला ने कहानी पढी।

२१) मोहन की द्धपताजी ऄस्वस्थ हैं।


मोहन के द्धपताजी ऄस्वस्थ हैं।
२२) हवा तेज बहने लगा।
हवा तेज बहने लगी।

२३) ईसका हाथ में मामूली चाकू था।


ईसके हाथ में मामूली चाकू था।

२४) ग्यारहवीं शताब्दी का बात है।


ग्यारहवीं शताब्दी की बात है।

२५) वह दरवाजा खोला।


ईसने दरवाजा खोला।

२६) अप अपके घर जाआए।


अप ऄपने घर जाआए।

२७) तेरे को क्या हो गया है?


तुझे क्या हो गया है? (तुम्हें क्या हो गया है?)

२८) ईसने बस वाले को पूछा।


ईसने बस वाले से पूछा।

२९) तारकोल का सडक चमक रही थी।


तारकोल की सडक चमक रही थी।

३०) अप कल जरूर अओ।


अप कल जरूर अआए।
३१) अप कहे थे।
अपने कहा था।

३२) यह पाठ का नाम क्या है?


आस पाठ का नाम क्या है?

३३) कइ द्धवद्यालय खुला।


कइ द्धवद्यालय खुले।

३४) साद्धहत्य और जीवन का घोर सम्बन्ध है।


साद्धहत्य और जीवन का ऄटूट (गहरा) सम्बन्ध है।

३५) द्धहन्दी द्धशक्षा का माध्यम बन चुका है।


द्धहन्दी द्धशक्षा का माध्यम बन चुकी है।

३६) सूयत की दकरणें चमक रहे हैं।


सूयत की दकरणें चमक रही हैं।

३७) सुभाष चन्र बोस महान नेता था।


सुभाष चन्र बोस महान नेता थे।

३८) वह पुस्तक लेकर भागता हुअ घर अया।


वह पुस्तक लेकर भागते हुए घर अया।

३९) लडके पढे करते हैं।


लडके पढा करते हैं।
४०) बैल और बकरे चर रही हैं।
बैल और बकरे चर रहे हैं।

४१) बकरी ने बाद्धघन को देखी।


बकरी ने बाद्धघन को देखा।

४२) लता को गीत गानी है।


लता को गीत गाना है।

४३) ईसने परीक्षा ददया।


ईसने परीक्षा दी।

४४) जो जन्म लेती है वह ऄवश्य ही मरती है।


जो जन्म लेता है, वह ऄवश्य ही मरता है।

४५) मैंने को जाना है।


मुझे जाना है।

४६) ईस लडका का क्या नाम है?


ईस लडके का क्या नाम है?

४७) मज़दूरों की सभा हो रहा है।


मजदूरों की सभा हो रही है।

४८) यह दस रुपया का नोट है।


यह दस रुपये का नोट है।
४९) ईनने अपसे क्या कहा?
ईन्होंने अपसे क्या कहा?

५०) अप ऄभी कहााँ जा रहे हो?


अप ऄभी कहााँ जा रहे हैं?

2.कारक ररक्त स्थान की पूर्तत5X1=5

१) कोष्टक में ददए गए कारक द्धचन्हों से ररक्त स्थान भररए:


(ने, को, से, का, की, के , में, पर, के द्धलए, के द्वारा)

१) छात्र कलम ………. द्धलखता है ।


[से]
२) पेड ……. पत्ता द्धगरा।
[से]
३) श्याम ………. पुस्तक पढी।
[ने]
४) ऄध्यापक द्धवद्यार्तथयों ……… पढाते हैं।
[को]
५) ईसकी बहन ……. नाम मालती है।
[का]
६) श्यामा चाकू ……… फल काट रही है।
[से]
७) लडका छत …….. द्धगर पडा।
[से]
८) गीता ……… पुस्तक मेरे पास है।
[की]
९) ऄलमारी …….. कपडे रखे हैं।
[में]
१०) मेज …….. पंखा रखा है।
[पर]
११) युवक ………. कपडे फट गए।
[के ]
१२) वह घर ……… नहीं है।
[में]
१३) ईसने द्धभखारी ………. भीख दी।
[को]
१४) द्धबल्ली……….. चूहे को मारा।
[ने]
१५) दकसान खेत ………. काम करते हैं।
[में]
१६) वह ऄपने माता-द्धपता ………. आज्जत करता है।
[की]
१७) छत ………. उपर मत कू दो।
[के ]
१८) नेता ………. सभा को संबोद्धधत दकया।
[ने]
१९) द्धपताजी ने बच्चों ……… द्धमठाइ दी।
[को]
२०) के नेडा …….. प्रधानमन्त्री ने ऐसा कहा।
[के ]
२१) यह पााँच रुपए ………. नोट है।
[का]
२२) दरवाजे ……… कौन खडा है?
[पर]
२३) साद्धहत्य समाज ………. दपतण है।
[का]
२४) वहााँ लोगों ………. भीड है।
[की]
२५) राजा दशरथ ……… चार पुत्र थे।
[के ]
२६) यह रोहन ……… घर है।
[का]
२७) डादकये ……… पत्र पहुाँचाया गया।
[से]
२८) ईसे पद ……… हटा ददया गया।
[से]
२९) ईसने देश ……… ऄपनी कु बातनी दे दी।
[के द्धलए]
३०) पुत्र ने ऄपने द्धपता ………. नाम रोशन दकया।
[का]

3.मुहावरे 5x1=5

द्धनम्नद्धलद्धखत मुहावरों को ऄथत के साथ जोद्धडए:

ऄ) १) गदतन ईठाना – क) बहुत पररश्रम करना


२) खून-पसीना एक करना – ख) क्रोध से भर जाना
३) कमर कसना – ग) द्धवरोध करना
४) अग बबूला होना – घ) तैयार होना
ईत्तरः१ – ग;२ – क;३ – घ;४ – ख

अ) १) असमान द्धसर पर ईठाना – क) ऄसहनीय दुःख होना


२) कलेजा फटना – ख) बहुत प्यारा
३) गले का हार – ग) बात द्धबगड जाना
४) गुड गोबर करना – घ) बहुत शोर करना
ईत्तरः१ – घ;२ – क;३ – ख;४ – ग।

आ) १) खाक में द्धमलाना क) द्धपछली बातों को व्यथत में याद


करना
२) गडे मुदे ईखाडना – ख) धोखा देना
३) टााँग ऄडाना – ग) नष्ट-भ्रष्ट कर देना
४) चकमा देना – घ) व्यथत में दखल देना
ईत्तरः१ – ग;२ – क;३ – घ;४ – ख।

इ) १) जी चुराना – क) द्धनदोष पर दोष लगाना


२) चााँद पर थूकना – ख) आज्जत बढानेवाला
३) घर का ईजाला – ग) हारकर भागना
४) पीठ ददखाना – घ) मेहनत से बचना
ईत्तरः१ – घ;२ – क;३ – ख;४ – ग।

ई) १) पलकें द्धबछाना – क) जोर की भूख लगना


२) पेट में चूहे कू दना – ख) डर कर भाग जाना
३) दाल न गलना – ग) प्रतीक्षा करना
४) दुम दबाकर भागना – घ) सफल न होना
ईत्तरः१ – ग;२ – क;३ – घ;४ – ख

उ) १) नाम कमाना – क) भेद खुलना


२) मुाँह फे रना – ख) सम्मान प्राप्त करना
३) नौ-दो-ग्यारह होना – ग) ईपेक्षा करना
४) पोल खुलना – घ) भाग जाना
ईत्तरः१ – ख;२ – ग;३ – घ;४ – क।

ऄ) १) ऄंक भरना – क) थकान की पीडा होना।


२) ऄंधे की लाठी – ख) एकमात्र सहारा।
३) ऄंग ऄंग टू टना – ग) प्रसन्नता से रोम-रोम द्धखलना।
४) ऄंग ऄंग मुसकाना – घ) गोद में भर लेना।
ईत्तरः१ – घ;२ – ख;३ – क;४ – ग।

अ) १) ऄंग मोडना – क) मौके पर धोखा देना।


२) ऄाँगूठा ददखाना – ख) लज्जा से देह द्धसकोडना।
३) ऄाँगूठा चूमना – ग) परवाह न करना।
४) ऄाँगूठे पर मारना – घ) खुशामद करना।
ईत्तरः१ – ख;२ – क;३ – घ;४ – ग।

आ) १) अाँखे ऄटकना – क) बोध होना।


२) अाँख अना – ख) ध्यान न देना।
३) अाँख ईठाकर न देखना – ग) अाँख में रोग होना।
४) अाँख खुलना – घ) प्रेम होना।
ईत्तरः१ – घ;२ – ग;३ – ख;४ – क।

इ) १) अाँख गडना – क) रोना।


२) अाँखे चुराना – ख) क्रोध करना।
३) अाँखे डबडबाना – ग) लालच होना।
४) अाँख ददखाना खाना – घ) लद्धज्जत होना।
ईत्तरः१ – घ;२ – ग;३ – क;४ – ख।

ई) १) अाँख मारना – क) पसन्द अना।


२) अाँख सेंकना – ख) बाट जोहना।
३) अाँखें द्धबछाना – ग) दशतन-सुख लूटना।
४) अाँख में चढना – घ) आशारा करना।
ईत्तरः१ – घ;२ – ग;३ – ख;४ – क।

उ) १) अाँखों का कााँटा होना – क) मूखत बनाना।


२) ईल्लू बनाना – ख) ऄत्यंत द्धप्रय।
३) असमान के तारे तोडना – ग) शत्रु होना।
४) अाँखों का तारा – घ) ऄसंभव कायत करना।
ईत्तरः१ – ग;२ – क;३ – घ;४ – ख।

ए) १) अाँख की पुतली होना – क) दुबतलता के कारण मूछात


अना।
२) अाँखों के अगे ऄाँधेरा छाना – ख) प्यारा होना।
३) अाँखें नीली-पीली करना। – ग) लज्जा न होना।
४) अाँख में पानी न होना – घ) नाराज होना।
ईत्तरः१ – ख;२ – क;३ – घ;४ – ग।

ऐ) १) अाँखों पर चबी छाना – क) धोखा देना।


२) अाँखों पर पदात पडना – ख) ऄच्छा न लगना।
३) अाँख में गडना – ग) ऄज्ञान के ऄन्धकार से रहना।
४) अाँख में धूल झोंकना – घ) घमण्ड से ईपेक्षा करना।
ईत्तरः१ – घ;२ – ग;३ – ख;४ – क।

ओ) १) अाँख से ओझल होना – क) नेत्र ज्योद्धत समाप्त होना।


२) अाँखों में रात काटना – ख) कृ पादृद्धष्ट न रखना।
३) अाँख बदल जाना – ग) द्धचन्ता या व्यग्रता में रात
द्धबताना।
४) अाँखें बैठना – घ) नज़र से दूर होना।
ईत्तरः१ – घ;२ – ग;३ – ख;४ – क।
औ) १) अाँखें चार होना – क) सम भाव से देखना।
२) एक अाँख से देखना – ख) देखादेखी होना।
३) ईाँ गली ईठाना – ग) ऄपने काबू में कर लेना।
४) ईाँ गली पर नचाना – घ) बदनाम करना।
ईत्तरः१ – ख;२ – क;३ – घ;४ – ग।

क) १) ईाँ गली रखना – क) थोडा पाकर ऄद्धधक पाने की


आच्छा करना।
२) ईाँ गली पकडकर पहुंचा पकडना – ख) दोष ददखाना।
३) पााँचों ईाँ गद्धलयााँ घी में होना – ग) दृढ द्धनश्चय करना।
४) कमर कसना – घ) मौज-मस्ती में रहना।
ईत्तरः१ – ख;२ – क;३ – ध;४ – ग।

ख) १) कमर सीधी करना – क) द्धनरूत्साह होना।


२) कमर टू टना – ख) द्धवश्राम करना।
३) कलेजा काढना – ग) इष्यात होना।
४) कलेजा फटना – घ) द्धप्रय वस्तु का द्धनकल जाना।
ईत्तरः१ – ख;२ – क;३ – घ;४ – ग।
ग) १) कलेजा ठं डा होना – क) हृदय पर गहरा अधात
पहुाँचना।
२) कलेजा टू क-टू क होना – ख) डाह पूरा होने पर संतोष
होना।
३) कलेजा थामकर रह जाना – ग) हृदय की बात कहना।
४) कलेजा द्धनकालकर रख देना – घ) मन मसोसकर रह
जाना।
ईत्तरः१ – ख;२ – ग;३ – घ;४ – क।

घ) १) कलेजा मुाँह को अना – क) पूणत द्धवश्वास ददलाना।


२) कलेजे पर सााँप लोटना – ख) ददल मजबूत करना।
३) कलेजे पर पत्थर रखना – ग) दकसी की ईन्नद्धत देखकर
जलन होना।
४) कलेजा चीरकर ददखाना – घ) बहुत ऄफसोस होना।
ईत्तरः१. घ;२ – ग;३ – ख;४ – क।

च) १) कान का पदात फटना – क) ध्यान देना।


२) कान देना – ख) चुगली करना।
३) कान खडे होना – ग) बहुत हल्ला होना।
४) कान भरना – घ) सावधान होना।
ईत्तरः१ – ग;२ – क;३ – घ;४ – ख।

१) कान में तेल डालकर बैठना – क) बहुत हल्ला होना।


२) कान का पदात फटना – ख) लापरवाह होना।
३) खून खौलना – ग) भय से पीला पड जाना।
४) खून सूखना – घ) गुस्से से भर जाना।
ईत्तरः१ – ख;२ – क;३ – घ;४ – ग।

ज) १) खून की नदी बहाना – क) भयभीत होना।


२) खून ठं डा होना – ख) बहुत मार-काट करना।
३) खून ईतरना – ग) आच्छा के द्धवरूि कु छ थोप देना।
४) गले मंढना – घ) क्रोध से मुाँह और अाँख लाल होना।
ईत्तरः१ – ख;२ – क;३ – घ;४ – ग।

झ) १) गले लगाना – क) रूठना।


२) गले का हार – ख) डींग हााँकना।
३) गाल फु लाना – ग) प्रेम करना।
४) गाल बजाना – घ) ऄत्यन्त द्धप्रय या शोभा बढानेवाला।
ईत्तरः१ – ग;२ – घ;३ – क;४ – ख।

ट) १) घुटने टेकना – क) आच्छा पूरी होना।


२) छाती जुडाना – ख) हार मानना।
३) जी जलना – ग) ऄद्धभमान करना।
४) छाती फु लाना – घ) डाह होना।
ईत्तरः१ – ख;२ – क;३ – घ;४ – ग।

ठ) १) जबान खोलना – क) वाणी पर द्धनयंत्रण न होना।


२) जबान पर लगाम न होना – ख) बोलना, मााँगना।
३) जबान बन्द होना – ग) दफजूल दखल देना।
४) टााँग ऄडाना – घ) द्धनरुत्तर होना।
ईत्तरः१ – ख;२ – क;३ – घ;४ – ग।

ड) १) टााँग पसारकर सोना – क) खुशामद करना।


२) तलवा चाटना – ख) द्धनद्धश्चन्त होकर सोना।
३) तलवों में अग लगना – ग) करठन दण्ड देना।
४) दााँत ईखाडना – घ) बहुत क्रोध होना।
ईत्तरः१ – ख;२ – क;३ – घ;४ – ग।

ढ) १) दााँत-काटी रोटी होना – क) प्रद्धतष्ठा जाना।


२) दााँत से दााँत बजना – ख) प्रद्धतष्ठा नष्ट करना।
३) नाक कटना – ग) बहुत द्धमत्रता होना।
४) नाक काटना – घ) बहुत जाडा पडना।
ईत्तरः१ – ग;२ – घ;३ – क;४ – ख।

त) १) पलक झपकते – क) कम के बदले ऄद्धधक देना।


२) पसीने-पसीने होना – ख) कडी मेहनत की कमाइ।
३) पसीने की कमाइ – ग) द्धबलकु ल लद्धज्जत होना।
४) पसीने की जगह खून बहाना – घ) क्षण मात्र में।
ईत्तरः१ – घ;२ – ग;३ – ख;४ – क।

थ) १) पााँव (टााँग) ऄडाना – क) पराद्धजत होना।


२) पााँव ईखड जाना – ख) बाधा देना।
३) पीठ ठोकना – ग) सहायक होना।
४) पीठ पर होना – घ) प्रोत्साहन देना।
ईत्तरः१ – ख;२ – क;३ – घ;४ – ग।

द) १) पेट का पानी न पचना – क) ऄल्पायु में ही बुद्धिमान्


होना।
२) पेट में दाढी होना – ख) बात न पचना।
३) बााँह गहना या पकडना – ग) सहारा देना।
४) बााँह देना – घ) ऄपनाना।
ईत्तरः१ – ख;२ – क;३ – ग;४ – छ।

ध) १) मन डोलना – क) ईम्मीद न करना।


२) मन चलना – ख) लज्जावश सामने न अना।
३) मुाँह धोना – ग) लालच होना।
४) मुाँह न ददखाना – घ) आच्छा होना।
ईत्तरः१ – ग;२ – घ;३ – क;४ – ख।
न) १) मुाँह न देखना – क) घृणा प्रकट करना।
२) मुाँह बनाना – ख) घृणा करना।
३) द्धसर पर खेलना – ग) धुन सवार होना।
४) द्धसर पर भूत सवार होना – घ) दकसी के मत्थे कु छ
करना।
ईत्तरः १ – ख; २ – क; ३ – घ; ४ – ग।

प) १) हाथ खींचना – क) अरम्भ करना ।


२) हाथ लगाना – ख) सहायता बंद करना।
३),हाथ खाली होना – ग) झगडा होना।
४) हाथापाइ होना – घ) पैसा न होना।
ईत्तरः१ – ख;२ – क;३ – घ;४ – ग ।

4.काल पररवततन 3X1=3


सूचनानुसार काल बदद्धलए:
१) वह ऄपना काम करता है। (भूतकाल में बदद्धलए)
वह ऄपना काम करता था।

२) ईसने फल खाया। (वततमानकाल में बदद्धलए)


वह फल खाता है।

३) सुधा हाँसती है। (भद्धवष्यत्काल में बदद्धलए)


सुधा हाँसेगी।

४) सूरदास ने ऄनेक पद द्धलखे। (वततमानकाल में बदद्धलए)


सूरदास ऄनेक पद द्धलखते हैं।

५) बालक खा रहा था। (भद्धवष्यत्काल में बदद्धलए)


बालक खाएगा।

६) कल मेहमान अयेंगे। (भूतकाल में बदद्धलए)


कल मेहमान अये थे।

७) माताजी मद्धन्दर जाएाँगी। (वततमानकाल में बदद्धलए)।


माताजी मद्धन्दर जाती हैं।

८) द्धशकारी द्धशकार करे गा। (भूतकाल में बदद्धलए)


द्धशकारी द्धशकार करता था।

९) गोपाल दूध का व्यापार करता था। (वततमानकाल में बदद्धलए)


गोपाल दूध का व्यापार करता है।
१०) द्धपताजी मैसूर जा रहे हैं। (भूतकाल में बदद्धलए)
द्धपताजी मैसूर जा रहे थे।

११) ईसने दरवाज़ा खोला। (भद्धवष्यत्काल में बदद्धलए)


वह दरवाजा खोलेगा।

१२) ईसे सम्माद्धनत दकया जाएगा। (भूतकाल में बदद्धलए)


ईसे सम्माद्धनत दकया गया।

१३) माला गाना गाती है। (भद्धवष्यत्काल में बदद्धलए)


माला गाना गाएगी।

१४) नेताजी भाषण देंगे। (वततमानकाल में बदद्धलए)


नेताजी भाषण देते हैं।

१५) कइ ऄनाथालय भी खुलेंगे। (भूतकाल में बदद्धलए)


कइ ऄनाथालय भी खुले थे।

१६) श्याम काम करे गा। (भूतकाल में बदद्धलए)


श्याम काम करता था।

१७) ईसने करवट बदली। (वततमानकाल में बदद्धलए)


वह करवट बदलता है।

१८) माताजी पत्र द्धलखेंगी। (भूतकाल में बदद्धलए)


माताजी पत्र द्धलखती थीं।
१९) ईसने ऄध्यापक से बात की। (वततमानकाल में बदद्धलए)
वह ऄध्यापक से बात करता है।

२०) वह ऄपने द्धवचार व्यक्त करता है। (भद्धवष्यत्काल में बदद्धलए)


वह ऄपने द्धवचार व्यक्त करे गा।

२१) सैद्धनकों ने देश का नाम रोशन दकया। (वततमानकाल में बदद्धलए)


सैद्धनक देश का नाम रोशन करते हैं।

२२) लडके मैदान में खेल रहे थे। (भद्धवष्यत्काल में बदद्धलए)
लडके मैदान में खेलेंगे।

२३) हमारे द्धशक्षक प्रश्न करते हैं। (भूतकाल में बदद्धलए)


हमारे द्धशक्षक प्रश्न करते थे।

२४) सीता राम के साथ वन गइ थीं। (वततमानकाल में बदद्धलए)


सीता राम के साथ वन जाती हैं।

२५) बूढों को देख युवक हाँसते हैं। (भद्धवष्यत्काल में बदद्धलए)


‘बूढों को देख युवक हाँसेंगे।

5 ललग3x1=3

द्धनम्नद्धलद्धखत शब्दों के स्त्रीललग रूप द्धलद्धखएः


१) देवता – देवी
२) दास – दासी
३) पुत्र – पुत्री
४) राक्षस – राक्षसी
५) बेटा – बेटी
६) मामा – मामी
७) चाचा – चाची
८) दादा – दादी
९) नाना – नानी
१०) द्धपता – माता
११) श्रीमान – श्रीमती
१२) वर – वधू
१३) नर – नारी
१४) लेखक – लेद्धखका
१५) पाठक – पारठका
१६) सुनार – सुनाररन
१७) मोर – मोरनी
१८) लुहार। – लुहाररन
१९) धोबी – धोद्धबन
२०) नौकर – नौकरानी
२१) स्वामी – स्वाद्धमन(नी)
२२) तेजस्वी – तेजद्धस्वनी
२३) सुत – सुता
२४) ऄध्यापक – ऄध्याद्धपका
२५) रूपवान – रूपवती

द्धनम्नद्धलद्धखत स्त्रीललग शब्दों के पुलल्लग रूप द्धलद्धखए:

१) स्त्री – पुरुष
२) भैंस – भैंसा
३) गाय – बैल
४) द्धवदुषी – द्धवद्वान
५) द्धवधवा – द्धवधुर
६) गुणवती – गुणवान
७) पुतली – पुतला
८) गाद्धयका – गायक
९) रानी – राजा
१०) बाद्धलका – बालक
११) बेगम – बादशाह
१२) सम्राज्ञी – सम्राट
१३) बुद्धिमती – बुद्धिमान
१४) दर्तशका – दशतक
१५) द्धनबतला – द्धनबतल
१६) द्धशष्या – द्धशष्य
१७) चौधरानी – चौधरी
१८) संरद्धक्षका – संरक्षक
१९) भगवती – भगवत
२०) देवरानी – देवर
२१) जेठानी – जेठ
२२) द्धडद्धबया – द्धडब्बा
२३) चुद्धहया – चूहा
२४) याद्धचका – याचक
२५) पत्नी – पद्धत

6. वचन 2x1=2
अन्य वचन रूप वलवखए ।
१] आवश्यकतय- आवश्यकतयएँ १०] आँख आँखें

२]लतय – लतयएँ ११] बयत –बयतें

३]मयतय –मयतयएँ १२]गयय –गययें

४] ऋतु-ऋतुएँ १३]भैस –भैसें

५] रयवश –रयवशययँ १४] पुस्तक पुस्तकें

६] बेटय-बेटे १५]सडक –सडकें

७]सवमवत –सवमवतययँ १६]बवहन-बवहनें

८] तलवयर –तलवयरें १७] रयत-रयतें

९] लडकय –लडकें १८]तोप –तोपें


१९]नीवत-नीवतययँ ३०] बुदियय –बुदिययँ

२०]सखी-सवखययँ ३१]वचवडयय-वचवडययँ

२१] नदी-नददययँ ३२] वडवबयय -वडवबययँ

२२] कली-कवलययँ ३३] गुवडयय-गुवडययँ

२३]रयनी-रयवनययँ ३४] वसदि वसदिययँ

२४] सयडी-सयवडययँ ३५] ठरवत-ठरवतययँ

२५] चीतय –चीतयएँ ३६]थयली –थयवलययँ

२६]पांखय-पांखें ३७]परी-पठरययँ

२७]भेवडयय- भेवडययँ ३८]वववध-वववधययँ

२८] के लय-के ले ३९]धेनू-धेनूएँ

२९]लुठटयय-लुठटययँ ४०]बहू-बहूएँ

***********************************

7.पययायवयची/समयनयथी शब्द
2X1=2

१]अांधकयर-अांधेरय, तम

२] अमृत –सुधय पीयूष


३] अश्व- घोडय,वयवज

४]आांख- नयन, नैन

५] आकयश –आसमयन,अम्बर

६] आग –अवि अनल

७] ईश्वर –प्रभू,परमेश्वर

८] कमल-जलज,पांकज

९] घर- भवन,आलय

१०]चयांद –चांद्र, शवश

११] जल –पयनी नीर

१२] तयलयब –तयलय,सरोवर

१३] नयरी-स्त्री,मवहलय

१४] पत्थर –पयहन,पयषयण

१५] पवन – हवय ,सवमर

१६] बयलक- लडकय, बयल

१७] मनुष्य-मयनव,इन्सयन

१८]मयतय-मयां,जननी
१९] रयजय-नरे श,भूप

२०]वृक्ष –पेड, पयदप

२१] समुद्र –सयगर,जलवध

२२]सूरज –सूय,ा ददनकर

२३]सयांप-सपा, भुजांग

२४]हयथ-हस्त, कर

२५] हयथी – गज,गजेन्द्र

8. ववपरीतयथाक/ववलोम शब्द 2X1=2

वनम्नवलवखत शब्दों के ववपरीतयथाक /ववलोम शब्द वलवखएः

१] अांत -आांरभ ८]अनुरवि- ववरि

२]अांतरां ग – बवहरां ग ९]अनुरयग-ववरयग

३]अांदर -बयहर १०]अग्रज - अनुज

४]अांधकयर-उजयलय ११] अवधक-न्यून

५]अच्छय -बुरय १२]आहयर - वनरयहयर

६]अपनय-परययय १३]आदर-अनयदर

७]अमृत-ववष १४]आवस्तक-नयवस्तक
१५]आधयर- वनरयधयर ३१]कपट- वनष्कपट

१६]आशय-वनरयशय ३२]कपूत-सपूत

१७] आज़यदी- गुलयमी ३३]कोमल - किोर

१८]आरम्भ-अांत ३४]क्रोध- शयांत

१९]आस्थय- अनयस्थय ३५]कययर- वनडर

२०] आययत-वनययात ३६]कृ पण- उदयर

२१]इच्छय-अवनच्छय ३७]खुश- नयखुश

२२] इधर-उधर ३८]खयस-सयधयरण

२३]ईश्वर- अनीश्वर ४०]खरय- खोटय

२४] उत्तम - अधम ४१]ग्रीष्म - शरद

२५]उवचत-अनुवचत ४२] घयत-वहत

२६]उत्तीणा-अनुवत्तणा ४३]चर- अचर

२७]एक-अनेक ४४]चल- अचल

२८] एकतय-अनेकतय ४५] जन्म- मृत्यु

२९]औरत- आदमी ४६] जयगनय- सोनय

३०]कटु- मधु ४७] झूि –सच


४८] िां डय – गरम ६४]वनमयाण-नयश

४९] िोस- तरल ६५] वनडर-डरपोक


५०]डर- वनडर ६६]नैवतक- अनैवतक
५१] तरल- िोस
६७]पांवडत-मूखा
५२] तृष्णय-सांतृष्णय
६८] पक्कय-कच्चय
५३] तेज- मांद
६९] पयवन -अपयवन
५४] थोक –परचून
७०] पुरस्कयर-वतरस्कयर
५५]दययलू- वनदाय

५६]दयनी- कृ पण ७१] बलवयन-बलहीन

५७] दुबाल -सबल ७२] बह्त- कम

५८] देव-दयनव ७३]बुविमयन-मूखा


५९]धनी-वनधान
७४] भगवयन-रयक्षस
६०]धमा-अधमा
७५] भूत-भववष्य
६१]नगद-उधयर
७६] भयग्य-दुभयाग्य
६२] नवीन-पुरयनय
७७] महयत्मय दुरयत्मय
६३] न्ययय-अन्ययय
७८]मयनव-दयनव ९१]सगुण-वनगुण

७९] मीिय-कडवय ९२] सयहस-दुस्सयहस

८०] मोक्ष- बांधन ९३] सयक्षर -वनरयक्षर

९४] हषा-शोक
८१] यश-अपयश
९५] हांसनय-रोनय
८२]लघु-गुरु
९६] हयर-जीत
८३] लयभ-हयवन
९७] हयवन-लयभ
८४]लौदकक-अलौदकक
९८] क्षमय-लयभ
८५] ववजय-परयजय
९९]ग्ययनी -अग्ययनी
८६] ववशेष-सयमयन्य
१००]ग्येय-अग्येय
८७]वशखर-मैदयन

८८]शुभ-अशुभ

८९]सदयचयर-दुरयचयर

९०] सरल-कठिण
9. अपठित गद्यांश5x1=5
वनम्नवलवखत अनुच्छेद पढ़कर उस पर आधयठरत प्रश्नों के उत्तर
वलवखएः

१) “ऐवतहयवसक नगरी आगरय के वनकट सतत प्रवयवहनी नीली-


धयरय वयली यमुनय के दयवहने तट पर तयजमहल वस्थत है। बयदशयह
शयहजहयँ ने इसे अपनी बेगम मुमतयज की स्मृवत में बनवययय थय।
अपने पवत से बेगम ने इस सांसयर से वबदय लेते समय वनवेदन दकयय
थय दक, ‘मेरी मृत्यु होने पर एक ऐसय मकबरय बनवयनय जो सांसयर
में सबसे सुांदर एवां स्थययी हो।’ बयदशयह ने अपनी प्रयणेश्वरी की
अांवतम आकयांक्षय की पूर्तत कय भरसक प्रययस दकयय। इसमें उनको
सफलतय भी वमली। तयजमहल सांसयर के सयत आश्चयों में से एक है।
वषों के बयद भी वह अपने यथयवत् रूप में दशाकों के मन को मोह
रहय है। सैकडों कयरीगरों एवां मजदूरों के वनरां तर बीस वषा के
पठरश्रम कय पठरणयम यह तयजमहल है। इसके बनवयने में बयईस
करोड रुपयय खचा हआ थय।”

प्रश्नः
क) तयजमहल दकस नगर में वस्थत है?
तयजमहल आगरय नगर में वस्थत है।
ख) तयजमहल को दकसने बनवययय?
तयजमहल को शयहजहयँ ने बनवययय।

ग) तयजमहल को दकसकी अांवतम आकयांक्षय की पूर्तत के वलए


बनवययय गयय?
तयजमहल को बयदशयह शयहजहयँ ने अपनी बेगम मुमतयज की
आकयांक्षय की पूर्तत के वलए बनवययय थय।

घ) तयजमहल के वनमयाण में दकतने वषा लगे?


तयजमहल के वनमयाण में बीस वषा लगे।

ङ) तयजमहल को बनवयने में दकतने रुपये खचा हए?


तयजमहल को बनवयने के वलए बयइस करोड रुपये खचा हए।

२) ईश्वर ने सांसयर के सयरे रहस्य प्रकृ वत में वछपय कर रख ददये थे।


मनुष्य ने अपने पठरश्रम और प्रयत्न से उन रहस्यों पर से पदया उिय
ददयय। यह कहनय गलत है दक मनुष्य सांसयर में अपनय भयग्य लेकर
आतय है: वयस्तव में वह अपने भयग्य कय स्वयां वनमयातय है जो वह
अपनी मेहनत से बनयतय है। प्रकृ वत मनुष्य के भयग्य से डर कर नहीं
बवकक इसके पठरश्रम से हयर मयनती है। जो लोग भयग्य पर ववश्वयस
करते हैं, वे आलसी हैं। वयस्तव में वीर और पठरश्रमी व्यवि अपनय
भयग्य स्वयां बनयतय है।

प्रश्नः
क) ईश्वर ने सांसयर के सयरे रहस्य दकसमें वछपयकर रख ददये थे
ईश्वर ने सांसयर के सयरे रहस्य प्रकृ वत में वछपयकर रख ददये थे।

ख) दकसने अपने पठरश्रम और प्रयत्न से रहस्यों पर से पदया उिय


ददयय?
मनुष्य ने अपने पठरश्रम और प्रयत्न से रहस्यों से पदया उिय ददयय।

ग) प्रकृ वत दकससे हयर मयनती है?


प्रकृ वत मनुष्य के पठरश्रम से हयर मयनती है।

घ) भयग्य पर ववश्वयस करनेवयले लोग कै से होते हैं?


भयग्य पर ववश्वयस करनेवयले लोग आलसी हैं।

ङ) अपने भयग्य कय वनमयातय कौन है?


पठरश्रमी व्यवि अपने भयग्य कय वनमयातय स
10. पत्र-लेखन5

१) चयर ददन कय अवकयश मयँगते हए अपने प्रधयनयचयया को एक प्रयथानय-पत्र


वलवखए।

प्रेषक :(FROM)
रयम वमया
क्र. 11/बी,
महेश पी यू कॉलेज ,
हब्ब्कली -३०
२0 अगस्त 20२१
सेवय में,(TO)
प्रधयनयचययाजी,
महेश पी यू कॉलेज,
वप्रयदर्तशनी कॉलनी
हब्बकली ३० |
ववषय : चयर ददन के अवकयश हेतू ।
महोदय,
सववनय वनवेदन है दक मैं रयम वमया आपके कॉलेज मे कक्षय प्रथम
पी.यू.सी. ‘कक्षय कय छयत्र हूां । वपछले दो ददनों से मेरय स्वयस््य िीक नहीं है ।
बयर-बयर बुखयर आ रहय है। डॉक्टर ने आरयम करने की सलयह दी है। अतः आपसे
प्रयथानय है दक ददनयांक 21 अगस्त 2०२१ से 24 अगस्त २०२१ तक मुझे अवकयश
प्रदयन करने की कृ पय करें ।
कृ पयय मुझे चयर ददन कय अवकयश प्रदयन करें ।

धन्यवयद।

आपकय आज्ञयकयरीछयत्र
रयम वमया

कक्षय प्रथम पी.यू.सी. ‘बी’


(हस्तयक्षर )

२) अर्तथक सहायता मााँगते हुए ऄपने प्राचायत को एक अवेदन-पत्र द्धलद्धखए।

प्रेषक :(FROM)
रयम वमया
नं. 225, स्टेशन रोड,

धारवाड

ददनांकः 25 जून 2019

सेवा में,
प्राचायत जी,
सरस्वती पी.यू. कॉलेज,
धारवाड।
महोदय,

मैं प्रथम पी.यू.सी. कक्षा ‘बी’ की द्धवद्यार्तथनी हाँ। आस वषत अगे की पढाइ के द्धलए
अपसे छात्रवृद्धत्त मंजूर हो जाएगी, तो बडी कृ पा होगी, क्योंदक हमारी अर्तथक
द्धस्थद्धत ठीक नहीं है।

धन्यवाद।

अपकी द्धवनम्र द्धशष्या


सुजाता कु लकणी
(प्रथम पी.यू.सी. ‘बी’)

३) परीक्षा में सफल होने पर बधाइ देते हुए ऄपने छोटे भाइ को एक पत्र
द्धलद्धखए।
क्र. 475, मेन रोड,
गदग
ददनांकः 11 ददसंबर 2018

द्धप्रय ओंकार,
शुभाशीवातद।

ऄभी-ऄभी द्धपताजी का पत्र द्धमला। पढकर प्रसन्नता हुइ दक तुम द्धहन्दी की ‘भाषा-
भूषण’ परीक्षा में प्रथम श्रेणी में ईत्तीणत हो गये हो और तुम्हें स्वणत-पदक भी
द्धमलने वाला है। ऄतः मैं तुम्हें आस सफलता के द्धलए ढेर-सारी बधाआयााँ देता हाँ।
अशा है, भद्धवष्य में भी तुम आसी प्रकार कामयाब रहोगे। मंगल कामनाओं के
साथ,

तुम्हारा ऄग्रज
रामगोपाल

४) नशीले पदाथों से बचे रहने का द्धनदेश देते हुए ऄपने द्धमत्र को पत्र द्धलद्धखए।

‘द्धशव-सदन’, मेन रोड,


गुलबगात।
ददनांकः 15 ऄप्रैल 2019

द्धप्रय द्धमत्र रुरेश,


नमस्ते।
तुम्हारा पत्र द्धमला। जानकर खुशी हुइ दक तुम्हें परीक्षा में 88% ऄंक प्राप्त हुए हैं।
वास्तव में यह तुम्हारी लगन और मेहनत का फल है। द्धमत्र रुरेश, मैं तुम्हें एक
सलाह देना चाहता हाँ दक अजकल कॉलेजों में द्धवद्यार्तथयों को नशा करने की
बहुत अदतें पडी हैं। गााँजा, शराब, द्धबयर-ब्ााँडी के ऄलावा कु छ द्धवद्याथी चरस
जैसे नशीले पदाथों का सेवन करते हैं। ऄतः तुम आन सभी नशीले पदाथों से दूर
रहना। नशा करने वाले द्धवद्यार्तथयों से दोस्ती भी नहीं करना।

अशा है, तुम मेरी सलाह को गलत नहीं समझोगे। शेष सवत कु शल।

तुम्हारा द्धमत्र,
बसवराज

५) बैंक में खयतय खोलने के वलए प्रबांधक के नयम आवेदन-पत्र वलवखए।

प्रेषक :

श्रीकयन्त शमया

नां. 24, वशक्षक सदन,


बेंगलूर – 02.
ददनयांक: 21 जनवरी 20२२

सेवय में,
शयखय प्रबांधक
ससवडके ट बैंक,
कें पेगौडय सका ल,
बेंगलूरु -02.

ववषय : बैंक में खयतय खोलने हेतु आवेदन ।


महोदय,
सववनय वनवेदन है दक मैं यहयँ के एक स्थयनीय कॉलेज में पढ़ रहय हूँ।
यहयँ दकसी बैंक में मेरय खयतय नहीं है। अतः मैं आपके बैंक में बचत खयतय
खुलवयनय चयहतय हूँ। वनयमयनुसयर पठरचय-पत्र, घर कय पतय, पयसपोटा
सयइज के फोटो इस आवेदन-पत्र के सयथ रखे गए हैं। कृ पयय कर वनयम
और वनयमयवली से मुझे अवगत करययें । सयथ ही अन्य सुववधयएां की
जयनकरी देने कय कष्ट करें ।

कृ पयय आपके बैंक में मेरय खयतय खोलने कय कष्ट करें ।

सधन्यवयद ।

भवदीय
श्रीकयन्त शमया

(हस्तयक्षर )

12. अनुवयद

सहदी मे अनुवयद कीवजए । 5x1=5


******************************************************************************

You might also like