Professional Documents
Culture Documents
GRADE 10 Marking Scheme
GRADE 10 Marking Scheme
गद्यंश-1
1- (घ) तकलीफ़दे ह एवं कठिन 2- (क) ठिसका ठदमाग एकाग्रठित एवं साफ हो
गद्यंश-2
3-(ग) बीमार व्यक्तक्त की से वा के कारि | 4-(घ ) मानव सेवा ही सबसे बडी तपस्या है |
गद्यंश-2
िश्न -3 (4 अंक )
िश्न -4 (4 अं क )
िश्न -5 (4 अंक )
5- (ख ) िक्तक्त के अनुसार
िश्न -6 (4 अंक )
िश्न -7 (4 अं क )
िश्न -8 (5 अंक )
िश्न -9 (5 अंक )
3-(ग ) बडबडाने लगते हैं | 4-(ग ) अठधक काम को कम समय में पूरा करना
5-(ग ) रवीन्द्र केलेकर
1- सआदत अली को अवध के तख्त पर ठबिाने के पीछे कनुल का ठविेष मकसद था। दोस्त होने के
कारि उसे उसपर पूिु ठवश्वास था ठक स्वयं तो वह ऐिो-आराम का िीवन ठबताएगा ही, साथ ही उन्हें भी
अथाु त् कनुल को भी दौलत तथा संपठि दे कर मालामाल कर दे गा |
2-उदार व्यक्तक्त वह है िो इस असीम संसार में आत्मीयता का भाव भरता है । सभी िाठियों के साथ
अपनेपन का व्यवहार करता है , ठनत्य परोपकार के कायु करता है , ठिसके हृदय में दू सरों के िठत
सहानुभूठत और करुिा का भाव होता है ।
3- साहसी , परोपकारी ,दू सरों की सहायता के ठलए हमेिा तत्पर ,ठनडर,मृदुभाषी -------
िस्तुत कठवता उदू ु के िठसद्ध कठव कैफ़ी आज़मी द्वारा रठित है । यह गीत युद्ध की पृष्ठभूठम पर आधाररत
ठफल्म हकीकत के ठलए ठलखा गया है । इस कठवता में कठव ने उन सैठनकों के हृदय की आवाज़ को व्यक्त
ठकया है , ठिन्हें अपने दे ि के िठत ठकए गए हर कायु , हर कदम, हर बठलदान पर गवु है । इसठलए इन्हें
ित्येक दे िवासी से कुछ अपेक्षाएाँ हैं ठक उनके इस संसार से ठवदा होने के पश्चात वे दे ि की आन, बान व
िान पर आाँ ि नहीं आने दें गे, बक्ति समय आने पर अपना बठलदान दे कर दे ि की रक्षा करें गे।
अथवय
पयाँच सयल ----------------- बडे भाई साहब बडे होने के नाते यही िाहते और कोठिि करते थे ठक वे
िो कुछ भी करें , वह छोटे भाई के ठलए एक उदाहरि का काम करे । उन्हें अपने नैठतक कतुव्य का वोध था
ठक स्वयं अनुिाठसत रह कर ही वे भाई को अनुिासन में रख पाएाँ गे। इस आदिु तथा गररमामयी क्तस्थठत
को बनाए रखने के ठलए उन्हें अपने मन की इच्छाएाँ दबानी पडती थीं।
1- हररहर काका के मामले में गााँ व के लोगों के दो वगु बन गए थे। आधे लोग पररवार वालों के पक्ष में थे।
उनका कहना था ठक काका की िमीन पर हक तो उनके पररवार वालों का बनता है । काका को अपनी
ज़मीन-िायदाद अपने भाइयों के नाम ठलख दे नी िाठहए, ऐसा न करना अन्याय होगा। दू सरे पक्ष के लोगों
का मानना था ठक काका को अपनी ज़मीन िाकुरिी के नाम ठलख दे नी िाठहए। इसके पीछे कारि था
उनकी पंद्रह बीघे िमीन |
2- पीटी साहब िीतमिंद बहुत कडक इनसान थे। उन्हें ठकसी ने न हाँ सते दे खा न ठकसी की ििंसा करते।
सभी छात्र उनसे भयभीत रहते थे। वे मार-मारकर बच्ों की िमडी तक उधेड दे ते थे। छोटे -छोटे बच्े यठद
थोडा-सा भी अनुिासन भंग करते तो वे उन्हें किोर सिा दे ते थे। ऐसे किोर स्वभाव वाले पीटी साहब
बच्ों के द्वारा गलती न करने पर अपनी िमकीली आाँ खें हिे से झपकाते हुए उन्हें िाबाि कहते थे।
उनकी यह िाबाि बच्ों को फौज़ के सारे तमगों को िीतने के समान लगती थी।
3- इफ़फन के घर से सीखा , घरवालों के होि उड गए। उनकी परं पराओं की दीवार डोलने लगी। उनका
धमु, संकट में पड गया। सभी की आाँ खें टोपी के िे हरे पर िम गईं ठक उनकी सं स्कृठत के ठवपरीत यह
िब्द घर में कैसे आ गया।
अनुच्छेद
भूठमका ---1 अंक
ठवषय –वस्तु – 4 अं क
भाषा -1 अंक
प्रश्न -14 (5 अं क )
पत्र लेखन
िारूप – 2 अं क
भाषा -1 अंक
ठवषय वस्तु – 2 अं क
प्रश्न 15 (5 अं क )
सूचनय
िारूप – 2 अं क
भाषा -1 अंक
ठवषय वस्तु – 2 अं क
प्रश्न -16 (5 अं क )
ठवज्ञयपन
ि्स्तुठत- 2 अं क
भाषा -1 अंक
ठवषय वस्तु -2 अंक
प्रश्न -17 (5 अं क )
कहयनी लेखन
कथा वस्तु – 3 अंक
भाषा -2 अंक