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CTET

2021 -22
PAPER 1 & 2
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जाएगी।

-
महत्र्पूर्व शब्ि

है अस्ति समह
ू संघाि

क्ट्या ककम ् कक यनि

र्ह सः अगर यदि

जैसे यथा िेरा िर्िे

कैसे कथम ् मेरा मम

र्ैसे िथा उसका ितय

जब यिा कायव कमव

नह ं न रातिा मागवः

नह ं है नास्ति िो िदहं

मैं अहम ् आज अद्य

िू त्र्म ् भी अपप

कौन कः और च

हमेशा सिा प्रयत्न यत्नः


बाि में पश्चाि ननचे दिए गए अिोलिखिि

साथ सेह

उनमे िेषु

Tag word

POSITIVE WORDS NEGATIVE WORDS

 बहुभापषकिा / मािभ
ृ ाषाया: रट

महत्र्पूर्व संसािनम िण्डंन / सजा:

 पर्लभन्न पर्पर्ि गनिपर्धियां समतया / बािा: / बोझ:


 अर्सर: व्याख्यानं
 रचनात्मककक्षायां व्याकरर्म
 प्रोत्साहनम हिोत्सादहि
 छात्रकेंदिि पाठ्यपत
ु िकम / अध्यापकं केंदिि
 त्रदु टनाम महत्र्पर्
ू व केर्िं / ह / मात्र:
 समार्ेशी कक्षा: / लशक्षा: छात्र कोर तिेटें
 हतिपरक अनुभर्ं / करके सीिना सीलमि:
 स्जज्ञासा: िैंधगक असमानिा:
 सकिय: ननस्रिय:
 पर्लभन्न संिभेषु भाषा प्रयोगतय
 तर्ालभव्यस्क्ट्ि

गद्यांशं - श्िोकं

ननिे श : अिोलिखििं श्िोकं पदित्र्ा ििािाररिप्रश्नानां | (प्रश्नसङ्खख्या 1-6)


पर्कल्पात्मकोत्तरे भ्यः समधु चिम ् उत्तरं | धचत्र्ा लििि।

विद्या ददाति विनयम ् विद्या ददाति वित्तम।


विद्या सदा जनानाां विमलां करोति चित्तम ् ।।1।।
विद्या िनोति कीतििम ् विद्या िनोति मानम ्।
विद्या नरां समाजे कुरुिे सदा प्रधानम ् ।।2।।
विद्या तनहन्ति दोषम ् विद्या तनहन्ति भारम ्।
दरू ीकरोति विद्या सकलां मनोविकारम ् ।।3।।
विद्या न राजहायाि विद्या न िोरहायाि।
विद्या कदावि लोके नहह बतधभु भिः विभाज्या।।4।।
विद्या गुणिः प्रधानिः विद्याधनां प्रधानम ्।
दे श िथा विदे शे विद्याबलां प्रधानम ् ।।5।।

1. पद्यांशे कतयाः महत्त्र्म ् कधथिम ् अस्ति?


(a) विद्यायािः (b) दोषस्य (c) ितधूनाां (d) प्रधानस्य

Ans : (a)
उक्ि िद्याांश में विद्या के महत्ि का तनरूिण ककया गया है । विद्या विनय प्रदान करिी है ।
विद्या धन प्रदान करिी है और विद्या सदा लोगों के चित्त को विभक्ि करिी है ।

2. पर्द्या जनानां ककं पर्मिं करोनि?


(a) उदरम ् (b) दतिम ् (c) कणौ (d) चित्तम ्

Ans : (d)
विद्या लोगों के चित्त को विभक्ि करिी है । अथािि मनष्ु य में विद्या शभ
ु वििारों का प्रादभ
ु ािि
करिी है। िदथि िह जनहहि चितिन करिा है । अिने को जो अच्छा नहीां लगिा, िह दस
ू रों िर
कदावि नहीां करिा।

3. बन्िलु भः का न पर्भाज्या?
(a) क्षेत्रम ् (b) धनम ् (c) विद्या (d) भिनम ्

Ans : (c)
विद्या कदावि लोके नहह बतधुभभिः विभाज्या अथािि ् विद्या भाइयों द्िारा बाांटा नहीां जा
सकिा। न इसे राजा हरण कर सकिा है और न िोर िुरा सकिा है । |

4. अिरू ं िरू ं करोनि इनि भार्तय कृिे कः प्रयोगः?


(a) क्षेत्रम ् (b) धनम ् (c) विद्या (d) भिनम ्

Ans : (d)
िद्याांश में हदया है कक 'दरू ी करोति विद्या सकलां मनोविकारां ' अदरू ां दरू करोति यह भाि
भिनम ् के भलए प्रयुक्ि हुआ है ।
5. कीनिवम ्' इनि पितय पर्पर िाथवकः नास्ति
(a) अकीतिििः (b) यशिः (c) अिकीतिििः (d) लोकाििादिः

Ans : (b)
कीतिि का विलोम शब्द अकीतिि है। यश का विलोम अियश है। यश, कीतिि का वििरीिाथिक
नहीां है जबकक अकीतिि, अिकीतिि और लोकायिाद इसके समानाथिक हैं।

6. पर्द्याबिं कुत्र कुत्र प्रिानं भर्नि?


(a) दवू षिे भोजने (b) दे शे िथा विदे शे (c) जलाशयमध्ये (d) ज्िभलिे अग्नौ

Ans : (b)
विद्या गण
ु िः प्रधानिः विद्या धनां प्रधानम ्।
दे शे िथा विदे शे विद्याबलां प्रधानम ् ।।
विद्या बल दे श और विदे श दोनों स्थानों िर प्रधान होिा है । इसीभलए कहा गया है कक
विद्यािान ् सिित्र िूजा जािा है।

ननिे शः अिोलिखििं श्िोकं पदित्र्ा ििािाररिप्रश्नानां( प्रश्नसङ्खख्या 1-6)


पर्कल्पात्मकोत्तरे भ्यः समधु चिम ् उत्तरं धचत्र्ा लििि।

शोको नाशयिे धैय,ि शोको नाशयिे श्रुिम ्।


शोको नाशयिे सिं, नान्स्ि शोकसमो ररिुिः।।
गौरिां प्राप्यिे दानाि ् न िु वित्तस्य सञ्ियाि ्।
न्स्थतिरुच्िैिः ियोदानाां ियोधीनामधिः न्स्थतििः।।
सद्भभस्िु लीलया प्रोक्िां भशलाभलखििमक्षरम ्।
असद्भभिः शिथेनावि जले भलखििमक्षरम ् ।।
भिन्ति नम्रास्िरििः फलोद्गमैिः
निाम्बुभभभरूि रविलन्म्बनो घनािः।
अनुद्धिािः सत्िरु
ु षािः समद्
ृ चधभभिः
स्िभाि एिैष िरोिकाररणाम ्।।
काष्ठादन्ग्नजाियिे मध्यमानाद्
भभू मस्िोयां ितयमाना ददाति।
सोत्साहानाां नास्त्यसाध्यां नराणाां
मागािरब्धािः सिियत्नािः फलन्ति।।

1. िरर्ः केन कारर्ेन नम्ाः भर्स्न्ि?


(a) समद्
ृ चधभभिः (b) िुष्िोद्गमैिः (c) निाम्बुभभिः (d) फ्लोद्गमैिः

Ans : (d)
‘भिन्ति नम्रास्िरििः फलोद्गमैिः' अथािि िक्ष
ृ फलों से लद जाने िर नम्र हो जािे हैं अथािि
झक
ु जािे हैं। इसी प्रकार सत्िरु
ु ष समद्
ृ चध के प्राप्ि हो जाने िर नम्र हो जािे हैं।

2. केषां र्चनं लशिालिखििम ् अक्षरलमर् भर्नि?


(a) ियोधीनाम ् (b) नराणाम ् (c) सिाम ् (d) िरोिकाररणाम ्

Ans : (c)
'सद्भभस्िु लीलया प्रोक्िां भशलाभलखििमक्षरम' अथािि ् सि ्-िरु
ु ष का ििन भशला िर भलखिि
अक्षर की भााँति होिा है। िह जो कहिा है , उसकी िाणी में सत्यिा झलकिी है।

3. कारिाि ् इत्यतय ककं पर्शेषर्मत्र प्रयुक्ट्िम ्?


(a) मथ्यमानाि ् (b) शोकाि ् (c) सञ्ियाि ् (d) दानाि ्

Ans : (a)
काष्ठाि ् अन्ग्नजाियिे मध्यमानाद /अथािि काष्ठ के भलए सम्प्रति िाक्य में विशेषण
मध्यमानाद प्रयुक्ि हुआ है ।

4. र्स््नःइत्यथे ककं पयावयपिमत्र प्रयक्ट्


ु िम ्?
(a) गौरिम ् (b) अन्ग्निः (c) घनािः (d) भभू मिः

Ans : (b)
िन्नन का अथि अन्ग्न से है। िन्नन का ियािय हदये गये विकल्िों में अन्ग्न है। िन्नन के अतय
ियाियिािी िािकिः अनल, आग इत्याहद है ।

5. अिसानाम ् इत्यतय ककं पर्िोमपिमत्र प्रयक्ट्


ु िम ्?
(a) ियोदानाम ् (b) सोत्साहानाम ् (c) नराणाम ् (d) िरोिकाररणाम

Ans : (b)
सोत्साहानाां नास्त्यसाध्यां नराणाां अथािि ् उत्साही व्यन्क्ि के भलए कुछ भी असाध्य नहीां है।
अलसानाम का विलोम शब्द सोत्साहानाम होगा। अथािि आलस्य का विलोम शब्द उत्साह है।

6. जायिे' इनि कियापितय किप


ुव िं ककम ्?
(a) ररििःु (b) शोकिः (c) भभू मिः (d) अन्ग्निः

Ans : (d)
जायिे किया िद का किि
िृ द अन्ग्न होगा। जैसा कक श्लोक में कहा गया है कक काष्ठ
अन्ग्नजाियिे।

ननिे शः अिोलिखििं गद्यांशं पदित्र्ा ििनन्िरं प्रित्तप्रश्नानां( प्रश्नसङ्खख्या


1-9) पर्कल्पात्मकोत्तरे भ्यः समुधचिम ् उत्तरं धचत्र्ा लििि।
इह िलु िञ्िेन्तियाखण, िञ्िेन्तियिव्याखण, िञ्िेन्तियाथाििः ि भिन्ति। ित्र िक्षुिः श्रोत्रां घ्राणां
न्जनिा त्िक् ि इति िञ्िेन्तियाखण। िञ्िेन्तियिव्याखण िां िायुिः ज्योतििः आिो भूिः इति।
िञ्िेन्तियाथाििः शब्दस्िशिरूिरसगतधािः मनिःिुनिः सराखण ि इन्तियाखण अथिसांग्रहसमथाितन
भिन्ति। न इन्तियिशगिः स्याि ्। न िञ्िलां मनिः | अनुभ्रामयेि ्।
गरु
ु -िद्
ृ ध-आिायािन ् अिियेि ्। मध
ू -ि श्रोत्र-घ्राण-िाद-िैलतनत्यिः स्याि ्। अतिथीनाां िज
ू किः
स्याि ्। काले हहि-भमि-मधरु ाथििादी स्याि ्। िश्यात्मा, महोत्साहिः, विनयबद्
ु चधिः तनभीकिः,
क्षमािान ्, सििप्राखणषु बतधभ
ु ि
ू िः स्याि ्।
न अनि
ृ ां ब्रय
ू ाि ्। न अतिब्रय
ू ाि ्। न अतयस्िम ् आहरे ि ्। न िैरां | रोियेि ्। न कुयािि ् िािम ्। न
िािेऽवि िािी स्याि ्। न अतयदोषान ् | ब्रय
ू ाि ्। न अतयरहस्यम ् आगमयेि ्। अधाभमिकैिः न
दष्ु टै िः सह आसीि ्। | न नाभसकाां कुष्णीयाि ्। न दतिान ् विघट्टयेि ्। न भभू म विभलिेि ्। न |
निान ् िादयेि ्। न तछतद्याि ् िण
ृ म ्। न दष्ु टयानातन आरोहे ि ्। न िम
ु म ् |आरोहे ि ्। न
जलोग्रिेगम ् अिगाहे ि ्। ___न अदे शे, न अकाले, न कुत्सयन, न प्रतिकूलोिहहिम ्, न |
ियुवि षिम ् अतनम ् िादे ि ्। न नक्िां दचध भुञ्जीि। न कन्ञ्िद् | अिजानीयाि ् । न िेगान ्
धारयेि ्। न अहांमानी स्याि ्। न तनयम | भभतद्याि ्। ___न कायिकालम ् अतििाियेि ्। न
अिरीक्षक्षिम ् अभभतनविशेि ्। न ि | अतिदीघिसत्र
ू ी स्याि ्। न भसद्धौ उत्सेकां गच्छे ि ् न
अभसद्धौ दै तयम ्।

1. 'असत्यम ्' इत्यथे ककं पिमत्र प्रयक्ट्


ु िम ्?
(a) अनि
ृ म् (b) अतयरहस्यम ् (c) अिरीक्षक्षिम ् (d) िञ्िलम ्

Ans : (a)
असत्य का हदये गये विकल्िों में सही ियािय होगा अनि
ृ म ् । जबकक िञ्िलय, अतयरहस्यम ्
िथा अनि
ृ म ् अतय अथि िाले हैं।

2. किा िधि न भोक्ट्िव्यम ् ?


(a) सायम ् (b) हदवि (c) रात्रौ (d) मध्यानने
Ans : (c)
कदा दचध न भक्िव्यम ् अथािि दही का सेिन कब नहीां करना िाहहए। सम्प्रति प्रश्न का सही
उत्तर है -दही का सेिन रात्रत्र में नहीां करना िाहहए।

3. जनः केषां पज
ू कः तयाि ्?
(a) दष्ु टानाम ् (b) अतिथीनाम ् (c) िश्यात्मनाम ् (d) तनभीकाणाम ्

Ans : (b)
जनिः अतिचथनाम िज
ू किःस्याि ् अथािि लोगों को अतिचथयों की िज
ू ा करनी िाहहए।

4. इस्न्ियाखर् कनि भर्स्न्ि?


(a) िञ्ि (b) त्रीखण (c) षट् (d) ित्िारर

Ans : (a)
िााँि ज्ञानेन्तियों के अतिररक्ि िााँि कमेन्तियााँ भी हैं। िांि इन्तियाखण भिन्ति अथािि िाांि
इन्तिया होिी हैं। ये हैं -शब्द, स्िशि, रूि, रस और गतध। |

5. कं न आरोहे?
(a) अश्िम ् (b) नौकाम ् (c) गजम ् (d) िम
ु म्

Ans : (d)
िम
ु ां न आरोहे ि। अथािि िक्ष
ृ िर नहीां िढ़ना िाहहए

6. केन यक्ट्
ु िेन इस्न्ियाखर् अथवसंग्रहसमथावनन भर्स्न्ि?
(a) शरीरे ण (b) िािा (c) कमिणा (d) मनसा

Ans : (d)
मनसा यक्
ु िेन इन्तियाखण अथिसग्र
ां ह समथाितन भविति। अथािि मन से युक्ि इन्तियाां अथि
सांग्रह में समथि होिी हैं।

7. अहङ्खकारर्ान ्' इत्यथे ककं पिमत्र प्रयक्ट्


ु िम ्?
(a) अहां मानी (b) िश्यात्मा (c) कमिणा (d) मनसा

Ans : (a)
अहां कार के भलए अहांमानी शब्द प्रयुक्ि हुआ है । गद्याांश में हदया गया है कक 'न अहांमानी
स्याि।' यहााँ अहांिानी| 'अहां कारिान' के भलए प्रयक्
ु ि हुआ है ।

8. गरु
ु र्द्
ृ िाचायावन ्' इनि पिे कः समासः?
(a) अव्ययीभाििः (b) द्ितद्ििः (c) ित्िरु
ु षिः (d) बहुव्रीहहिः

Ans : (b)
'गुरुिद्
ृ धािायािन' इस िद में द्ितद्ि समाज है । इसका विग्रह है -गरु
ु श्ि िद्
ृ धश्िआयािन।

9. क्षमार्ान ् ' इत्यत्र कः प्रत्ययः?


(a) िम
ु न
ु ् (b) क्ि (c) मिि
ु ् (d) क्िििु

Ans : (c)
प्रत्यय शब्दों के अति में लगाये जािे हैं। क्षमािान ् में मिुि प्रत्यय है । जो कक यह िद्विि का
प्रत्यय है । प्रातििहदकों( सांज्ञा सििनाम, विशेषण आहद )में न्जन प्रत्ययों को जोड़कर कुछ और
भी तनकाला जािा है , उन प्रत्ययों को िद्चधि प्रत्यय कहिे हैं।

भाषा लशक्षर् शातत्र के लिए दहंि के नोट्स िे िें


Q.1. दिव्याङ्खगानां (Children with special needs) िेिनकौशिर्िवनाथं कतय
आर्श्यकिा भर्नि?
(a) समीिीनशब्दािल्यािः प्रयोगिः
(b) सुतदराखण हस्िाक्षराखण
(c) वििाराणाां मौभलकिा
(d) प्रिीकात्मक-भाषायािः (Symbolic language) प्रयोगिः

Ans : (a)
हदव्याङ्गानाां लेिनकौशलिधिनाथं समीिीनशब्दािल्यािः प्रयोगिः आिश्यकिा भिति।
अथािि - हदव्याङ्गों (विकलाङ्गों) के लेिन कौशल को बढ़ाने के भलए प्रिभलि (समीिीन)
शब्दों के प्रयोग की आिश्यकिा होिी है । न्जससे िे सरलिा से लेिन किया सम्ितन कर सकें।

Q.2. बहुभापषकिा (Multilingualism)


(a) भाषाचधगमे एकां महत्त्ििण
ू ि सांसाधनम ् (b) भाषाचधगमे समस्यासन्ृ ष्टां करोति
(c) भाषाभशक्षणे एका बाधा (d) भाषासांसाधनानाां कृिे प्रमादकारी

Ans : (a)
बहुभावषकिा भाषाचधगमे एकां महत्त्ििूणि सांसाधनम ्।। बहुभावषकिा भाषा को सीिने में एक
महत्त्ििूणि सांसाधन है ।

Q.3. िेिनपरम्परायां अितिनेषु ककं सम्बद्िम ् अस्ति?


(a) कल्िना (b) समीिीन-शब्दािली
(c) कथावििारािः (Story ideas) (d) विरामचिननानाां सम्यकप्रयोगिः

Ans : (d)
लेिनिरम्िरायाां विरामचिननानाां सम्यकप्रयोगिः सम्बद्धम ् अन्स्ि। लेिन किया को सम्ितन
करने के भलए विरामचिननों का ज्ञान होना अत्यति आिश्यक होिा है । शुद्ध लेिन किया
िभी सम्भि हो सकिी है जब हम विरामचिननों का उचिि स्थान िर प्रयोग करें ।

Q.4. डडतिेस्क्ट्सया एकः भाषागिपर्कारः यः प्रभार्यनि


(a) सङ्केिबोधम ् (Comprehending Signages)
(b) कचथिभाषाबोधम ् (Comprehending Spoken Language)
(c) मौखिकभाषाबोधम ् (Comprehending Oral Language)
(d) भलखििभाषाबोधम ् (Comprehending Written Language)

Ans : (c)
डिस्लेन्क्सया एक भाषागि विकार है न्जससे बच्िा िढ़ने से सम्बांचधि कहठनाई का अनभ
ु ि
करिा है।

Q.5. सजवनात्मकिेिनतय अनेकानन प्रयोजनानन सस्न्ि। िेषु प्रमि


ु म ् अस्ति
(a) भािवितनमयिः (b) िििनीशुद्धिा
(c) व्याकरणशुद्धिा (d) स्िाभभव्यन्क्ििः

Ans : (d)
सजिनात्मक लेिन का अनेक प्रयोजन है। उनमें प्रमि
ु है - स्िाभभव्यन्क्ि। क्योंकक अिनी
अभभव्यन्क्ि सबसे महत्ििण
ू ि होिी है ।

Q.6. मक्ट्
ु िप्रश्नानां प्रमुिपर्शेषिा र्िविे
(a) ित्र मल्
ू याङ्कनां कहठनां भिति
(b) िेषाम ् एकमेि उचििम ् उत्तरम ् अन्स्ि
(c) विभभतनप्रकारव्याख्यानाां िैिः अिसरिः दीयिे
(d) ित्र आनिानातन बहूतन सन्ति
Ans : (c)
मक्
ु ि प्रश्नों की प्रमि
ु विशेषिा होिी है कक विभभतन प्रकार के व्याख्यानों िर उतहें अिसर
प्रदान ककया जाये। इससे भाषा की समझ के साथ-साथ सझ
ू -बझ
ू की क्षमिा का भी विकास
होिा है ।

Q.7. रचनात्मककक्षायां (Constructivist Classroom) कपर्िायाः पािनसमये


लशक्षकः
(a) व्याकरणगितनयमानाम ् उिरर अभ्यासोिररां ि ध्यानां दद्याि ्
(b) कवििािठनां कुयािि ् छात्रान ् िुनरािवृ त्तां ि किुं तनहदि शेि ्
(c) िाठगिकहठनशब्दानाम ् अथािन ् कण्ठस्थीकिुं तनहदि शेि ्
(d) समह
ू ेषु ििाि कवििाम ् अचधकृत्य स्िस्िमतिव्यां प्रदािांु छात्रान ् तनहदि शति

Ans : (d)
रिनात्मक कक्षा में कवििा िाठ के समय भशक्षक समूह में ििाि करके कवििा का अचधकरण
कर अिने-अिने वििारों को अभभव्यक्ि करने के भलए प्रेररि करिा है ।

Q.8. भाषायाः कौशिचिरु टयम ् अनिररच्य अिोलिखििेषु अपरं कौशिं ककम ् अस्ति?
(a) सजिनकौशलम ् (b) सम्प्रेषणकौशलम ्
(c) चितिनकौशलम ् (d) अध्ययनकौशलम ्

Ans : (c)
भाषा की कौशल ििुरिा चितिन कौशल में है। चितिन कौशल से ही व्यन्क्ित्ि का बहमुिी
विकास होिा है ।

Q.9. भाषापर्कासे अिोलिखििेषु कतय महत्त्र्ं सर्ावधिकम ्?


(a) िठिाठनसहायकसामग्रीणाम ् अचधकाचधकप्रयोगिः
(b) मल्
ू याङ्कनकृिे विभभतनसाधनानाां कौशलानाां ि प्रयोगिः
(c) िाठगिानाम ् अभ्यासकायािणाां समान्प्ििः
(d) भशक्षाचथिभ्यिः िरस्िरां भािादानप्रदानस्य अचधकाचधकम ् अिसरप्रदानम ्

Ans : (d)
भाषा के विकास में सिािचधक महत्ि है -भशक्षाचथियों के बीि िरस्िर भािों के आदान-प्रदान का
अचधकाचधक अिसर प्रदान करना।

Q.10. सििव्यापकमल्
ू यङ्खकनान्िगविे
(a) छात्रािः सििदा आनतदे न कायितनमग्नािः भिन्ति
(b) छात्रािः शैक्षखणकभारां अचधकां तनििहन्ति
(c) छात्रािः िण
ू ि
ि या अध्यािकानाां तनयतत्रणे सन्ति
(d) छात्राणाां मल्
ू याङ्कनाकलनां तनयभमिरूिेण कियिे

Ans : (d)
सिि ् व्यािक मल्
ू याांकन के अतिगिि छात्रों का मूल्याांकन और आकलन तनयभमि रूि से
ककया जािा है । क्योंकक तनयभमि रूि से मल्
ू याांकन करने से छात्र की व्यािक िरि हो जािी है।

Q.11. भाषालशक्षर्कक्ष्यायां रचनार्ाितय (Constructivism) अथवः भर्नि—


(a) छात्रािः केनचिि ् अध्यािकेन सहकृिािः भिन्ति, विभभतनमाध्यमानाां (Medium) सानयेन
स्िकीयां भसद्धातिां व्यिस्थाियन्ति
(b) छात्रािः स्िकीयाम ् अचधगमसामग्री (Learning aids) स्ियां तनमािय प्रत्यक्षज्ञानां
प्राप्नुिन्ति
(c) छात्रािः विविध-असमानदृष्टातिान ् (Dis-similar samples) िहठत्िा सुदृढां समाधानां
स्ियां प्राप्नुिन्ति
(d) छात्रािः प्रिञ्िविषये स्िकीयम ् अध्ययनां, ज्ञानञ्ि िस्िूनाां प्रतित्रबम्बन अनभ
ु िद्िारा,
भाषाकौशलेन ि प्राप्नि
ु न्ति

Ans : (d)
भाषाभशक्षणकक्ष्यायाां रिनािादस्य अथििः -छात्रािः प्रिञ्िविषये स्िकीयम ् अध्ययनां, ज्ञानञ्ि
िस्िूनाां प्रतित्रबम्बन अनभ
ु िद्िारा, भाषाकौशलेन ि प्राप्नि
ु न्ति इति। अथािि ् भाषा भशक्षण की
कक्षा में रिनािाद का छात्र अिने सम्बन्तधि विषय का अध्ययन, ज्ञान और िस्िुओां का
प्रतित्रबम्ब अिने अनुभि द्िारा और भाषा कौशल के द्िारा प्राप्ि करिा है ।

Q.12. पाठ्यर्तिु समग्रिा इत्यनेनालभप्रायः अस्ति


(a) कन्स्मांन्श्िि ् अनच्
ु छे दे प्रदत्त-सि
ू नानग
ु ण
ु ां प्रस्िि
ु ीकरणम ्
(b) दीघि-अनच्
ु छे दाि ् सि
ू नालेिनम ्
(c) विभभतन-अनुच्छे देषु िाक्येषु िा िरस्िरां सम्बद्धिाां दभशििुां सिेषाां नामिदानाां प्रयोगिः
(d) कथािणिनानुगुणां अनुच्छे दव्यिस्था

Ans : (c)
िाठ्यिस्िओु ां की समग्रिा का अभभप्राय विभभतन अनच्
ु छे द और िाक्यों के बीि िरस्िर
सम्बद्धिा हदिाने के भलए सभी नाम िदों का प्रयोग है ।

Q.13. कतयामपप संतकृिकक्षायां अधिकाधिकं संतकृिप्रयोगेन िाभः भर्नि?


(a) श्रुिलेिनस्य अभ्यासाथिम ् आिश्यक सोिानभमदम ्
(b) छात्रािः शब्दाथािन ् प्राप्नुिन्ति
(c) सहजसांस्कृिप्राप्त्यथि सांस्कृििररिेशस्य तनमािणां भिति
(d) छात्रिः व्याकरण-ज्ञानां सग
ु मियािगच्छन्ति

Ans : (c)
ककसी सांस्कृि कक्षा में अचधकाचधक सांस्कृि के प्रयोग से यह लाभ होिा है कक सहज सांस्कृि
प्राप्ि करने हे िु सांस्कृि िररिेश का तनमािण होिा है ।

Q.14. छात्रार्ां तर्ायत्तिां प्रोन्निीकिुं पररर्ामकाररषु मागेषु एकः


(a) िररप्रश्नां किुं छात्राणाां प्रोत्साहनम ् (b) कठोरानश
ु ासनविचधिः
(c) तनगहदििाठ्यानाां सविस्िरां िाठनम ् (d) िौनिःित
ु येन छात्राणाां िरीक्षणम ्

Ans : (a)
छात्रों से प्रश्नों का िछ
ू ा जाना उनके ज्ञान को प्रोत्साहहि करिा है । इससे उनमें अध्ययन के
प्रति विशेष रुचि बनी रहिी है ।

Q.15. भाषाध्ययने आकिने च पर्भागः (Portfolio) नाम


(a) सािचधकलेितनकिरीक्षा
(b) प्रतिसतनां कियमाणा मौखिकी िरीक्षा
(c) छात्रायािः काभलकिः कायिसांग्रहिः, यिः िस्यािः प्रगतिां दशियेि ्
(d) प्रतिसतनां छात्रव्यिहाराभभलेिनम ्।

Ans : (c)
भाषा अध्ययन और आकलन के विभाग का नाम इस प्रकार है-“ छात्रायािः काभलकिः
कायिसांग्रहिः, यिः िस्यािः प्रगति दशियेि ्” अथािि ् छात्रों का समयानस
ु ार कायों का सांग्रह िथा
उसकी प्रगति को दे िना िाहहए।

Q.16. भाषाकक्ष्यायाम ् आसनव्यर्तथा पररर्िवनसहा तयाि ् यिः


(a) िद् अध्यािकोत्तरदातयत्िम ् अल्िीकरोति।
(b) अनश
ु ासनिालने अध्यािकस्य साहाय्यां करोति
(c) िौनिः िुतयेन स्थानिररिििनाय छात्राणाां साहाय्यां करोति
(d) युगलकियाां समूहकियाां ि प्रोत्साहयति
Ans : (d)
भाषाकक्षा में बैठने की व्यिस्था को िररिििनीय बनाया जाना िाहहए न्जससे यग
ु ल किया
(जोड़े बनाकर) िथा समह
ू किया को प्रोत्साहन भमलिा रहे ।

Q.17. आकिनतय ननकषः (Criteria)


(a) प्रश्निमेण अङ्कानाां विभागिः (b) विद्याचथिना सामथ्यिस्य सामातयज्ञानम ्
(c) अङ्कनमागिदभशिका (d) िरीक्षामागिदशिन-मल्
ू याङ्कनतनदे शिः

Ans : (b)
आकलनस्य तनकषिः (Criteria) – विद्याचथिना सामथ्यिस्य सामातयज्ञानम ्। िात्ियि है -
आकलन तनकलिा है - सामातय ज्ञान से विद्याचथियों के सामथ्यि का आकलन ककया जािा है ।

Q.18. 'उपचारात्मकं लशक्षर्म ्' इत्यनेन अलभप्रायः अस्ति


(a) छात्राणाां, तनयभमिरूिेण, िुनिः िुनिः िरीक्षणम ् ।
(b) "छात्रािः ककमथिम ् अिगतिम
ु ् असमथाििः, असामथ्यि ि दरू ीकिुं के उिायािः इत्यथं करणीयािः
प्रयासािः।
(c) विद्यालयोिरातिां भशक्षणायोजनम ्।
(d) प्रबद्
ु धछात्राणाां सांिधिनाथिम ् अतिररक्िभशक्षणम ्।

Ans : (b)
उििारात्मक भशक्षण का अभभप्राय है - छात्र न्जस अथि को समझने में असमथि है उस
असमथििा को दरू करने का उिाय ककया जािा है। अििः इस प्रकार के भशक्षण में छात्र के
बहुमुिी प्रतिभा िर ध्यान हदया जािा है ।

Q.19. 'छात्रकेस्न्ििा कक्ष्या' इत्यनेन कः अलभप्रायः?


(a) सकियािः छात्रािः तनश्िेष्ट-अध्यािकिः/अध्याविका।
(b) छात्रािः कक्ष्यायािः केतिे उिविशन्ति।
(c) अध्यािकस्य तनदे शनातिगििे केिन छात्रािः एि अतय छात्रान ् िाठयन्ति।
(d) विभभतनगतिविचधभभिः छात्र-िठन-िाठन-प्रकिया।

Ans : (d)
छात्र केन्तिि कक्षा का अभभप्राय है - विभभतन गतिविचधयों में छात्रों के िठन-िाठन की
प्रकिया।।

Q.20. "भाषाजवनम ् अन्िननवदहिमेर्। मनरु यः जन्मना एर् कया अपप भाषाव्यर्तथया


युक्ट्िः। एिया व्यर्तथया एर् सः व्यर्हारं करोनि।" एषः पर्चारः केन उपागमेन
सम्बद्िः?
(a) प्रघटनाशास्त्रीयेण (b) सांज्ञानात्मकेन
(c) प्राकृतिकेन (d) सम्प्रेषणात्मकेन

Ans : (c)
भाषा का अजिन अतिर तनहहि ही होिा है । मनष्ु य जतम से ही ककसी भी भाषा से युक्ि होिा
है । इस व्यिस्था से ही िह व्यिहार करिा है । यह वििार प्राकृतिक उिागम से सम्बद्ध है।

Q.21. पिनसमये अितिनेषु कतय महत्त्र्ं सर्ावधिकम ्?


(a) उच्िस्िरे ण िठनम ् (b) िाठस्य अथिस्य अिगमनम ्
(c) िाठस्य प्रत्येके शब्दस्य िठनम ् (d) धाराप्रिाहे ण िठनम ्

Ans : (b)
िाठन प्रणाली में अथािि ् िढ़ने और िढ़ाने (िठनिाठन) के समय मल
ू रूि से िढ़िे समय ‘िाठ
के अथि को बोचधि करना' महत्त्ििूणि होिा हैं कारण यह है कक यहद छात्र िठन ् कायि कर रहा है
िो सििप्रथम उसे िहठि िस्िु िाठ विशेष का 'अथाििगमन' होना िाहहए।
Q.22. लसंहतय पर्षये एका कथां पदित्र्ा लशक्षक्षका छात्रान ् ननदिव शनि- "भर्ान ् तर्यम ्
अरण्ये लसंहः अस्ति इनि मनलस पर्चायव कथां श्रार्यि ्" इनि। एर्ं सा ककं पर्कलसिुं
प्रयत्नं करोनि?
(a) सजिनात्मकिाां चितिनक्षमिाञ्ि (b) रूिातिरणम ् अनुिादञ्ि
(c) िठनकौशलां लेिनकौशलञ्ि (d) प्रारूिलेिनां िन
ु लेिनञ्ि

Ans : (a)
प्रश्नानुसार भसांह के विषय में एक कथा को िढ़कर भशक्षक्षका छात्रों को तनदे श दे िी है- कक यहद
“आि स्ियां जांगल में शेर हैं, ऐसा मन में वििार करके कथा को सन
ु ो।" इस प्रकार का भशक्षक्षका
का प्रयास तनन्श्िि रूि से छात्रों की सजिनात्मक चितिन क्षमिा का विकास करना ही है।"
क्योंकक भशक्षक्षका छात्रों को िाककिक एिां वििेकशील बनाना िाहिी हैं न्जससे उनके चितिन
शन्क्ि का भी विकास भली भााँति हो सके।

Q.23. प्राथलमकतिरे कपर्िायाः प्रयोजनम ् अस्ति


(a) विभभतनभाषाकौशलानामि
ु रर अचधकारप्रान्प्ििः
(b) प्राथभमकच्छात्रेभ्यिः अलङ्कारिाठनम ्
(c) शब्दािलीज्ञाने विस्िारिः
(d) कवििायािः सङ्गीिस्य िालस्य अनुप्रासस्य ि आनतदानभ
ु ूतििः

Ans : (d)
प्रारन्म्भक स्िर में कवििा का प्रयोजन (उद्दे श्य) कवििा के सांगीि (गान), िाल और अनप्र
ु ास
के आनतद की अनभ
ु तू ि से होिा है । कवििा काव्य का ही सक्ष्
ू म अङ्गी कहलािी है । इसीभलए
कवििा को िढ़िे समय िद्यों के लय, िाल, एिां गति का विशेष ध्यान रिना िाहहए।

Q.24. पर्द्याियलशक्षर्े प्रथमभाषाध्ययनं तयाि ्


(a) मािभ
ृ ाषायािः अथिा प्रातिीयभाषायािः (b) हहतदीभाषयािः
(c) राजकीयभाषायािः (d) सहराजकीयभाषायािः

Ans : (a)
विद्यालय भशक्षण में प्रथम भाषा का अध्ययन उस बच्िे को उसकी 'मािभ
ृ ाषा' के रूि में दे ना
िाहहए। क्योंकक िह बालक िररिार में अिनी मािभ
ृ ाषा में िलिा-बढ़िा है।

Q.25. चिुथक
व क्षायाः सोमया नाम बािा पिनसमये एकम ् अपररधचंि शब्िं पश्यनि। सा
(a) सतदभािनस
ु ारम ् अथिस्य अनम
ु ानां कुयािि ् (b) शब्दस्याथि कन्च्िि ् िच्
ृ छे ि ्
(c) शब्दां दल
ु क्षि क्षि कुयािि ् (d) शब्दकोषे शब्दस्याथं िश्येि ्

Ans : (a)
यहद भशक्षण के समय ऐसा हो कक- िौथी कक्षा की कोई छात्र/छात्रा िढ़िे समय ककसी भी एक
अिररि शब्द को दे ििी है िो िह तनन्श्िि रूि से उस शब्द के अथि को जानने का प्रयास
करे गी। िथा उस अथि को सतदभि के अनस
ु ार अनम
ु ातनि करे गी।

Q.26. अितिनेषु कस्तमन ् पर्िौ मािभ


ृ ाषायाः व्यर्िानं न अपेक्ष्यिे?
(a) द्विभाषीयविधौ (Bilingual method)
(b) श्रव्यभाषीयविधौ (Audio-lingual method)
(c) स्िाभाविकविधौ (Natural method)
(d) प्रत्यक्षविधौ (Direct method)

Ans : (d)
प्रत्यक्ष विचध से कदावि भी मािभ
ृ ाषा का व्यिधान नहीां होगा। बन्ल्क अतय िीनों विकल्िों से
मािभ
ृ ाषा व्यिधान अिेक्षक्षि भसद्ध हो सकिा है । क्योंकक प्रत्यक्ष विचध मािभ
ृ ाषा का
अिबोधक है।

Q.27. ननम्नलिखििेषु ककं छात्र केस्न्िि-अनि


ु े शनम ्?
(a) व्याख्यानम ् (b) िैयन्क्िकम ् अनद
ु े शनम ्
(c) प्रदशिनम ् (d) प्रतिमानात्मकम ्

Ans : (b)
छात्र केन्तिि अनद
ु े शन एक िैयन्क्ि अनद
ु े शन होिा है । जबकक व्याख्यान सामहू हक अनद
ु े शन
होिा है ।

Q.28. छात्रार्ां िेिनकौशितय मल्


ू याङ्खकनाथं ककम ् आर्श्यकम ्?
(a) व्याकरणाथं विभशष्टस्थानम ्
(b) छात्रेभ्यिः मौखिकाभभव्यक्त्यथिम ् औििाररकरूिेण अिसराणाां प्रदानम ्
(c) लेिन-सतदभे प्रतििन्ु ष्टदानम ् अिलोकनां ि
(d) शब्दियन-प्रकरण-सतदभि िररसीभमि-विकल्िािः

Ans : (c)
छात्रों के लेिन कौशल का मल्
ू याांकन लेिन के सतदभि में प्रतििुन्ष्टदान एिां अिलोकन
आिश्यक है ।

Q.29. पररपच्ृ छा-आिाररिम ् अधिगमनम ्


(a) छात्रान ् प्रश्नान ् प्रष्टुां प्रेरयति (b) छात्रेभ्यिः चितिनात्मकां प्रोत्साहनां न प्रयच्छति
(c) केिलां शातिछात्रान ् प्रेरयति (d) छात्रेषु रिनात्मक-चितिनां न िोषयति

Ans : (a)
िररिच्
ृ छा आधाररि अचधगमन यह होिा है कक छात्रों से प्रश्नों को िूछने को प्रेररि ककया जाय।
इससे उनकी मौभलक अभभव्यन्क्ि का ज्ञान होिा है और साथ-ही-साथ िहठि िाठ की
भािगम्यिा भी तनदभशिि होिी है।

Q.30. यस्त्कस्चचत्पाियिे सिै र् एर् अर्गम्यिे यिः


(a) अनौििाररक-िािािलािसमये छात्रािः सािधाना भिन्ति
(b) भशक्षकस्य सामान्जकस्िरिः, आचथिकस्िर; भभतनिः भिति
(c) छात्रािः भभतन-योग्यिा-व्यन्क्ित्ि-सामान्जकिष्ृ ठभूभमयुक्िािः भिन्ति
(d) कोऽवि अध्यािकिः अथिा अचधगतिकिः सांस्कृिविषये िूणि
ि या न तनिुणिः

Ans : (c)
छात्रािः भभतन-योग्यिा-व्यन्क्ित्ि-सामान्जकिष्ृ ठभूभमयक्
ु िािः भिन्ति। िात्ियि-छात्रों की
भभतन-भभतन योग्यिा और व्यन्क्ित्ि सामान्जक िष्ृ ठभूभम से यक्
ु ि होिी है।

Q.31. भार्र्ाच्यात्मककियापितय उिाहरर्मस्ति


(a) भोजनां िादति (b) लेिां भलिति
(c) नत्ृ यां करोति (d) हसति

Ans : (d)
भाििाच्यात्मक किया िद का उदाहरण है -हसति। भाििाच्य का अथि है -केिल ककसी किया का
होना हदिाना। यह सदा प्रथम िरु
ु ष एकििन में होिा है । किाि के अनुसार इसके रूि नहीां
बदलिे, जैसे-िेन भूििे, िैिः भूििे, हसति, भूिाि इत्याहद।

Q.32. पाठ्यचयाव नाम लशक्षर्कायविमो, यत्र र्िवन्िे


(a) अध्यािकािः, कमििाररणिः, मानिसम्ितमल
ू ातन ि
(b) प्रयक्
ु ियोऽभभलेिनातन ि
(c) बोधनोद्दे शािः साचधिा न िेति मौल्याङ्कनोिायािः
(d) िाठ्यिस्ि,ु बोधनयुक्ियिः, अचधगमनात्मकानभ
ु िािः, आकलनप्रतिमानातन ि

Ans : (d)
िाठ्यियाि नामक भशक्षण कायििम न्जसके अतिगिि िाठ्यिस्िु, बोधनयुक्ि (ज्ञानात्मक
विकास), अचधगमनात्मक अनभ
ु ि (अचधगम का अथि सीिने से है) िथा आकलन का प्रतिमान
इत्याहद आिे हैं।

Q.33. व्याकरर्बोिनतयोपयोगः
(a) तनरगिलभाषणशक्त्यभभिधिनम ् (b) साक्षरिाभभिधिनम ्
(c) सांख्यािद्
ृ चधिः (d) यथाथििाभभिधिनम ्

Ans : (d)
व्याकरण के ज्ञान का उियोग शुद्धिा (यथाथििा) में िद्
ृ चध करिा है । व्याकरण के द्िारा
शब्दों का शद्
ु ध एिां िररमान्जिि ज्ञान की प्रान्प्ि होिी है अििः व्याकरण यथाथििा की िद्
ृ चध
करिा है।

Q.34. लशशोः सर्ावङ्खगीर्ालभर्द्


ृ धिः द्योियनि
(a) दै तनक-मानभसक-भािनात्मकसामथ्यािनाां सामरस्येनाभभिद्
ृ चधम ्
(b) छात्रान ् बहुशांमतयान ् किुं विशेषभशक्षणम ्
(c) भशशोिः स्िाभाविकिद्
ृ चधस्िराणाम ् अनस
ु रणम ्
(d) यन्स्मन ् कन्स्मतनवि कायििररसरे कायं किुं छात्रेभ्यिः औद्योचगकभशक्षणप्रदानम ्

Ans : (a)
भशशु के सिािङ्गीण विकास की अभभिद्
ृ चध यह द्योतिि करिी है कक छात्र का शारीररक
विकास मानभसक विकास िथा भािनात्मक विकास ियािप्ि रूि से हुआ है िह शारीररक,
मानभसक ि भािनात्मक रूि से समथि है। िह सामररक िररन्स्थतियों से सामना करने में
समथि है। अििः सिांगीण विकास में इन सबकी िद्
ृ चध होिी है।

Q.35. "एकािाप"- द्र्ारा त्रयार्ां उपकौशिानाम ् आकिनं कियिे


(a) भािभङ्चगमा, िक्त्रानुमानम ् िक्िुिः प्रस्िुतििः (b) ध्ितनगुणिः, शैली, िक्ििःु प्रस्िुतििः
(c) िक्त्रानम
ु ानम ्, स्िरलहरी, सतदभििः (d) स्िरलहरी (Tone), ध्ितनगुणिः, गतििः

Ans : (d)
एक अलाि द्िारा िीन उिकौशलों का आकलन ककया जािा है। िे हैं- िहला स्िर लहरी दस
ू रा
ध्ितन गण
ु और िीसरा गति।

Q.36. पररप्रश्नेन अधिगमनेन अलभप्रायः अस्ति


(a) व्याख्यासमये साथिकध्िनीनाां उच्िारणम ् (b) व्यिन्स्थिरूिेण विषयसामग्रयािः प्रस्ितु ििः
(c) भाषाभशक्षणाथं भसद्धाति-प्रतििादनम ् (d) प्रश्निः समस्यानाां समाधानस्य
प्रयासिः

Ans : (d)
िररप्रश्न से प्रश्न की समस्या का समाधान होिा है । इससे प्रश्नगि कथ्य की मल
ू बािों की
सही जानकारी प्राप्ि होिी है । िररप्रश्न अचधगमन का प्रयोग ही प्रश्नगि समस्या के समाधान
करने के प्रयास के रूि में जाना जािा है ।

Q.37. अधिकृिश्रर्र्ेन अलभप्रायः अस्ति


(a) विभशष्टसि
ू ना प्राप्िम
ु अिधानिि
ू क
ि -श्रिणम ्
(b) सम्भाषणरूिेण अथिा अभभलेिनरूिेण स्िाभाविक सम्भाषण-श्रिणम ्
(c) अध्यािक द्िारा उच्िैिः िहठिसामग्रयािः अथिा सम्भावषि सामग्रया सािधानश्रिणम ्
(d) सा िररन्स्थतििः यदा श्रिणसत्रे सम्िण
ू ि कायि करोति

Ans : (a)
अचधकृि श्रिण का आश्य है - विभशष्ट सूिना प्राप्ि करने हे िु बड़ी सािधानी से श्रिण करना।
अिधानिि
ू क
ि श्रिण ककसी भी सि
ू ना को सम्यक रूि से ग्रहण करने का सबसे उियुक्ि िरीका
है ।
Q.38. छत्रार्ां शब्िार्ि ज्ञानर्िवनाथवम ् अिोलिखििेषु किमा प्रभार्ीिमायोजना तयाि ्?
(a) प्रत्येकनिीनशब्दप्रयोगेण सह िाक्यतनमािणम ्
(b) वििरीिाथिकानाां ियाियिाचिनाां ि शब्दानाां स्मरणम ्
(c) प्रस्िुिसतदभािनस
ु ारां निीनशब्दानाम ् अथािनम
ु ानम ्
(d) प्रत्येकनिीनशब्दाथि शब्दकोषिरामशििः

Ans : (c)
छात्रा के शब्दािली ज्ञानिद्िधन हेिु प्रस्िुि सतदभि के अनस
ु ार निीन शब्दों के अथि का
अनुदान लगाना प्रभािी योजना है।

Q.39. अिोलिखििेषु किमा उस्क्ट्िः उधचिा


(a) कस्यान्श्िि ् भाषायािः ज्ञानां नाम विभभतनिररन्स्थतिषु िस्यािः भाषायािः व्यिहारिः
(b) कस्यान्श्िि ् भाषायािः ज्ञानां नाम िस्यािः भाषायािः सिेषाां शब्दानाां ज्ञानम ्
(c) कस्यान्श्िि ् भाषायािः ज्ञानां नाम िस्यािः भाषायािः शद्
ु धव्याकरणस्य ज्ञानम ्
(d) कस्यान्श्िि ् भाषायािः ज्ञानां नाम िस्याां भाषायाां लेिनस्य ज्ञानम ्

Ans : (b)
ककसी भाषा के ज्ञान से िात्ियि उस भाषा के सभी शब्दों के ज्ञान से है क्योंकक शब्द ज्ञान से ही
उस भाषा का अथिग्रहण या समझ विकभसि होिी है।

Q.40. पर्द्याधथवनः भाषाधिगमकृिे अिोलिखििेषु किमः प्रभार्ीर त्या अधिकं च


समथवयनि?
(a) िुनिः िुनिः िरीक्षायािः (b) सहयोगिूणकि ियाकलािानाम ्
(c) व्यन्क्िगिकायािणाम ् (d) व्यन्क्िगिलेिनस्य

Ans : (a)
छात्रों के भाषा अचधगम सिािचधक प्रभािी िद्धति बार-बार उनकी िरीक्षा लेना है। इससे उनमें
अिने िाठ्य विषय के प्रति बराबर लगन बनी रहेगी और सम्यक अध्ययन होिा रहे गा।

Q.41. लशक्षकः कक्षायां पाठ्यपत ु िकतय सकियबोिनाथव प्रेरनयिम


ु ् इच्छनि। ितय कृिे
एिद् महत्त्र्पर्
ू व यि ् छात्राः
(a) िाठ्यिस्
ु िके उत्तराखण भलितिु (b) भशक्षकेण िष्ृ टान ् प्रश्नान ् ध्यानेन शण्ृ ितिु
(c) िन्ु स्िकायाां उत्तराखण भलितिु (d) स्ियां प्रश्नान ् िच्
ृ छतिु

Ans : (d)
भशक्षक कक्षा में िाठय िस्
ु िकों के सकिय बोधन हे िु प्रेररि करिा है । भशक्षक के भलए िो यह
विशेष आिश्यक है कक छात्र स्ियां प्रश्नों को िछ
ू े । ऐसा करने से छात्रों की विषयगि ग्रानयिा
स्िष्ट होिी है।

Q.42. षरिकक्षाया:छात्राः सद्य एर् कथाम ् एकां पदििर्न्िः। लशक्षकःछात्रान ् प्रश्नतय


उत्तरं पच् ृ ाि ् पिानयिः?" अयं प्रश्नः छात्रार्ां ककं कौशिम ्
ृ छनि, "ककमथवम ् अशोकः गह
अपेक्षिे?
(a) लेिनसमीक्षणस्य (b) सम्बतधस्थािनस्य
(c) अथिसम्भािनस्य (d) िि
ू ािनम
ु ानकरणस्य

Ans : (c)
छठी कक्षा का छात्र शीघ्रिा से एक कथा िढ़िा है। भशक्षक छात्रों से प्रश्न का उत्तर िछ
ू िा है ,
“अशोक घर से ककस कारण भागा? यह प्रश्न छात्रों के अथि सम्भािना के कौशल की अिेक्षा
करिा है।

Q.43. श्रर्र्ं, भाषर्ं, पिनं िेिनचच इत्येिैः सह अपरं भाषाकौशिम ् अस्ति


(a) व्याकरणम ् (b) चितिनम ् (c) अचधगमनम ् (d) सजिनात्मकिा
Ans : (b)
श्रिण, भाषण, िठन और लेिन के साथ चितिन भाषा कौशल भी सांलग्न है ।

Q.44. भारिीयच्छात्रतय कतयाः लशक्षर्ाय महिी आर्श्यकिा अस्ति ?


(a) मािभ
ृ ाषायािः (b) मािभ
ृ ाषा िथा प्रादे भशकभाषयोिः
(c) मािभ
ृ ाषा िथा आङ्ग्लयोिः (d) कािः अवि तिस्रिः भाषािः

Ans : (a)
भारिीयच्छात्रस्य मािभ
ृ ाषायािः भशक्षणाय महिी आिश्यकिा अन्स्ि। अथािि ् भारिीय छात्र के
भाषा के विकास के सतदभि में उसकी मािभ
ृ ाषा के भशक्षण की अत्यचधक आिश्यकिा होिी है।
क्योंकक िररिार छात्र की प्रथम िाठशाला होिी है ।

Q.45. ननम्नलिखििेषु का र्ा पद्िनिः 'लशक्षर्पद्िनिः (Teaching method) उच्यिे?


(a) ियनिद्धतििः (Selection method) (b) रुचििद्धतििः (Interest method)
(c) प्रेरणािद्धतििः (Motivation method) (d) उियक्
ुि िां सििमवि

Ans : (c)
प्रेरणािद्धतििः भशक्षणिद्धतििः उच्यिे अथािि ् प्रेरणािद्धति को भशक्षण िद्धति कहा जािा है ।
जबकक ियनिद्धतििः िथा रुचििद्धतििः भशक्षण िद्धति नहीां है ।

Q.46. ननम्नलिखििेषु किमम ् उत्तरं प्रािे लशकभाषापर्कासाय समतया नास्ति इनि


सूचयनि?
(a) बोधने अस्िष्टिा (b) अनि
ु ादविषयक-समस्यािः
(c) अन्स्मन ् विषये जनानाां िररियाभाििः (d) सवु िधानाम ् अभाििः

Ans : (c)
प्रादे भशकभाषाविकासाय समस्या एित्माध्यमेन नान्स्िअन्स्मन ् विषये जनानाां िररियाभाििः।
अथािि ् प्रादे भशकभाषाविकास के सतदभि में छात्र को समस्या नहीां होिी क्योंकक िह इस विषय
के सतदभि में लोगों से िररिय रहहि रहिा है िह केिल अिने सगे सम्बन्तधयों एिां स्िभमत्रों के
सम्िकि में अचधक रहिा है।

Q.47. उत्पािककौशिम ् अस्ति


(a) सम्भाषणां लेिनां ि (b) श्रिणां िठनां ि
(c) िठनां लेिनां ि (d) श्रिणां सम्भाषणां ि

Ans : (a)
'उत्िादन कौशल' िह कौशल है न्जसके अतिगिि सम्भाषण और लेिन को सांक्षक्षन्प्िि ककया
जािा है । सम्भाषण और लेिन उत्िादन कौशल के आधारस्िम्भ है ।

Q.48. कथाश्रर्र्पर्धिः लशक्षाधथवनां कृिे सहायक भर्नि


(a) श्रिणमात्रस्य कौशलस्य विकासाथिम ् (b) सम्भाषणमात्रस्य कौशलस्य विकासाथिम ्
(c) श्रिणसम्भाषणकौशलविकासाथिम ् (d) िठनलेिनकौशलविकासाथिम ्

Ans : (c)
भशक्षण की कुछ विचधयााँ होिी हैं। न्जनमें से 'कथाश्रिण विचध' भी प्रमुि है । यहद विद्याथी िर
इस विचध का प्रयोग ककया जािा है िो इससे विद्याथी के श्रिणसम्भाषण कौशल का विकास
होिा है ।

Q.49. अितिनेषु किमः सादहत्यतय उिाहरर्म ्?


(a) भमष्टातनस्य तनमािणविचधिः (b) तनबतधिः
(c) शब्दकोषिः (d) ित्त
ृ ित्रे विज्ञािनम ्

Ans : (b)
साहहत्य का उदाहरण 'तनबतध' िद है । क्योंकक साहहत्य का प्राण या इसे साहहत्य का स्रष्टा कह
सकिे हैं।
Q.50. व्याकरर्लशक्षर्-सम्बद्ि-युस्क्ट्ियक्ट्
ु िं पररदृश्यम ् ककम ्?
(a) व्याकरणतनयमानाम ् अिगमनाथिम ् अतिेषणाथं ि छात्रािः प्रेरणीयािः।
(b) व्याकरणात्मक-सांरिना-अभ्यास-कृिे अतिररक्िानामा अभ्यासानाम ् आिश्यकिा अन्स्ि।
(c) व्याकरण-तनयमानाां प्रयोगाथं सम्प्रेषणात्मकातन कौशलातन िररसीभमिातन भिन्ति।
(d) व्याकरण-तनयमानाां भसद्धयथं लेिनकौशलाभ्यासिः एि समीिीनिः उिायिः।

Ans : (a)
व्याकरण भशक्षण से सम्बद्ध युन्क्ियुक्ि िररदृश्य व्याकरण तनयमों का अिगमन एिां
अतिेषण कर छात्रों को प्रेररि करना है । इससे छात्रों में व्याकरण के प्रति रुचि में भी िद्
ृ चध
होिी है ।

Q.51. 'भपर्रयकथनम ्' (Prediction) इनि उपकौशि केन सम्बद्िम ्?


(a) रूिरे िातनमािणेन (b) साराांशलेिनेन (c) हटप्िणलेिनेन (d) िािनेन

Ans : (d)
भविष्यकथनम ् अथािि भविष्यिाणी उिकौशल िाणी से सम्बद्ध होिा है । 'िािन'
भविष्यकथन नामक शैली की प्रमुि विशेषिा है ।

Q.52. ननम्नलिखििेषु ककं शब्िार्ल्याः पािनप्रकियायाः अलभन्नभागः अस्ति?


(a) वितयासिः (b) प्रत्ययािः (c) लोकोक्ियिः (d) उिसगाििः

Ans : (a)
वितयास िाठन प्रकिया का अभभतन भाग होिा है । जबकक प्रत्यय शब्द के अति में और उिसगि
शब्द के प्रारम्भ में आिे हैं।

Q.53. र्ातिर्ीयिात्मकं (Vertual Reality)


(a) दरू दृश्यागोष्ठी (b) सांगणकयतत्रद्िारा प्रगििममेकम ्
(c) िीडियोडिस्क् (d) दरू गोष्ठी

Ans : (b)
िास्ििीयिात्मकां है - सांगणकयतत्र द्िारा प्रगििममेकम ्। िात्ियि - सांगणक यांत्र द्िारा
प्रगति कायि में एक के बाद एक िास्िविकिा को प्रकट करना।

Q.54. धचत्रैः अर्बोिनम ् अत्र पररर्ामकार भर्नि


(a) िाक्कौशलिधिने (b) श्रिणकौशलिधिने
(c) साहहत्यककौशलिधिने (d) कलाकौशलिधिने

Ans : (d)
चित्रों का अिलोकन (अिबोधन) कराने से कलाकौशल की िद्
ृ चध होिी है। कला के ज्ञान का
विकास चित्रों के द्िारा होिा है । चित्रों का अिबोध होने से उसके अभ्यास से कला में कुशलिा
आिी है।

Q.55. लशक्षकाः छात्रार्ं शार ररकं िण्डनं न कुयःुव यिः


(a) सा अिायकाररणी (b) सा छात्रेषु मनोभारां भयां िोत्िादयति
(c) सा केिलां भशक्षकाणाां भािरिना (d) सा मािावििरौ िोधयति

Ans : (b)
भशक्षकों द्िारा शारीररक दण्ि छात्रों को नहीां दे ना िाहहए, क्योंकक इससे छात्रों के मनोभार में
भय उत्ितन हो जािा है । शारीररक दण्ि दे ने से छात्र के मन में हमेशा के भलए भय उत्ितन
होिा है न्जससे भशक्षा िर वििरीि असर िड़िा है ।

Q.56. भाषा-अजन
ुव दृरट्या असम्यक् पररर्ेषेर् अलभप्रायः अस्ति
(a) लक्ष्यभाषायािः प्रयोगिः न कियिे
(b) यदा कदा अनि
ु ादस्य अवि साहाय्यां स्िीकियिे
(c) कक्षायाां छात्रािः अवि सकियािः भिन्ति
(d) लक्ष्यभाषािाठनसमये मािभ
ृ ाषायािः प्रयोगिः यदा कदा कियिे

Ans : (a)
भाषा-अजनुि दृन्ष्ट से असम्यक िररिेश का अभभप्राय हदये गये विकल्िों में सही विकल्ि है -
लक्ष्य भाषा का प्रयोग न करना। क्योंकक लक्ष्य भाषा का प्रयोग यहााँ अनुचिि होिा है।

Q.57. भाषालशक्षर्ाथं महत्त्र्पर्


ू -व अर्तथा अस्ति
(a) यदा विद्याचथिनिः िाककिक-चितिनयुक्िािः भिन्ति
(b) यदा छात्रािः अथिप्राप्त्यथं शब्दकोशान ् िष्टुां समथाििः भिन्ति
(c) यदा छात्रािः प्रश्नान ् प्रष्टुां समथाििः भिन्ति
(d) यदा बालािः भाषाजिने सक्षमािः भिन्ति

Ans : (d)
भाषा भशक्षण की महत्ििूणि अिस्था यह है कक न्जससे बालक भाषा अजिन में िूणि सक्षम हो।
अथािि उनको इस िरह से िढ़ाया जाय कक उतहें भाषागि जानकारी हो जाए ।

Q.58. भाषा-अजवनेन सम्बद्िम ् अस्ति


(a) व्याकरण-सम्बद्ध-अिबोधनम ् विश्लेषणां ि
(b) भाषा-िररिेशतनमािणेन सहजभाषा-अचधग्रहणम ्
(c) व्यिस्थानग
ु ण
ु ां िाठ्यिस्
ु िकिाठनम ् येन छात्रािः स्िप्रयासैिः गहृ कायं किुं समथाििः भिेयिःु
(d) कण्ठस्थीकरणां िश्िाि ् आिश्यकशब्दप्रयोगािः ि

Ans : (b)
भाषा अजिन के भलए भाषा िररिेश तनमािण से सहज भाषा अचधग्रहण आिश्यक होिा है ।
सहजभाषा समझने में सरल होिी है ।
Q.59. िेिनकौशनपर्काससमग्रे लशक्षकः मुख्यिया अर्िारयेि ्
(a) कालमयािदाम ् (b) सुतदहस्िाक्षरम ्
(c) व्याकरणम ् (d) भािाभभव्यन्क्िम ्

Ans : (d)
लेिन कौशल के विकास के समय भशक्षक को मुख्य रूि से भािभभव्यन्क्ि प्रधान होना
िाहहए। लेिन कौशल की िाहि, शब्द ज्ञान के साथ-साथ भािों िर आधाररि होिी है ।

Q.60. सारकथनम ् एकम ्


(a) लेिनातिां कायिम ् (b) िठनिि
ू ं कायिम ्
(c) िठनातिां कायिम ् (d) लिनिि
ू ं कायिम ्

Ans : (c)
कतििय प्रतििाद्य िढ़ने के बाद उस िर अिनी हटप्िणी भलिना एक सार कथन का भाग है ।

Q.61. त्रत्रभाषासत्र
ू ानस
ु ारं प्रथमभाषा भर्ेि ्
(a) आांग्लभाषा (b) आधुतनक भारिीय भाषा
(c) मािभ
ृ ाषा अथिा प्रातिीयभाषा (d) हहतदीभाषा

Ans : (c)
त्रत्रभाषा सत्र
ू के अनस
ु ार प्रथम भाषा मािभ
ृ ाषा अथिा प्रातिीय भाषा होिी है ।

Q.62. षरिकक्षायाः आंग्िपाठ्यपुतिके र्षावजिसंरक्षर्ोपरर एकः पािः अस्ति। पाितय


ू व लशक्षकः छात्रान ् िेखििुं ननदिव शनि यि ् एिस्तमन ् पर्षये िे ककं ककं
आरम्भाि ् पर्
जानस्न्ि ककं ककं च ज्ञािम
ु ् इच्छस्न्ि इनि। अथ पािं पदित्र्ा छात्राः यि ् ज्ञािर्न्िः िि ्
लििस्न्ि। एर्ंप्रकारकः पिनपर्धिः ककं कथ्यिे?
(a) अक्षरशिः बोधिः (Literal Comprehension)
(b) मेटाकॉन्ग्नशन (Metacognition)
(c) के-िब्ल-ू एल विचध (K-W-L Strategy)
(d) प्रतिदानविचधिः (Reciprocal Strategy)

Ans : (c)
छठीां कक्षा के अांग्रेजी िाठ्य िुस्िक में िषाि जल सांरक्षण िर एक िाठ हदया गया है । िाठ के
आरम्भ के िहले भशक्षक छात्रों को भलिने को तनदे भशि करिा है कक सम्प्रति विषय में िे क्या-
क्या जानिे हैं और क्या-क्या जानने की इच्छा रििे हैं। इस प्रकार िाठ िढ़कर छात्र जैसा
समझिे हैं िैसा भलििे हैं। इस प्रकार की िठन विचध के. िब्ल्यू.एल. विचध कही जािी है।
िाठ को िढ़ाने के िश्िाि ् छात्रों को उस िाठ िर लेि भलिने के भलए कहना 'मेटाकॉन्ग्नशन'
कहलािा है। इससे छात्रों के ज्ञान स्िर के विषय में जानकारी प्राप्ि हो जािी है।

Q.63. षरिकक्षायाः एकः छात्रः एकं पािं पिनि यस्तमन ् सः एकतय शब्ितय अथं न
जानानि। ििा िेन
(a) शब्दिः उिेक्षक्षिव्यिः (b) बद्
ु चधमत्तया अनम
ु ेयम ्
(c) शब्दकोषिः िष्टव्यिः (d) भशक्षकिः प्रष्टव्यिः

Ans : (b)
छठी कक्षा का एक छात्र एक िाठ िढ़िा है न्जसमें िह एक शब्द का अथि नहीां जानिा। िब िह
बद्
ु चधमानी से उसका चितिन करिा है ।

Q.64. सप्िमकक्षायाः आंग्िभाषायाः लशक्षक्षका तर्च्छात्रार्ां मौखिकभाषायां िक्षिां


र्िवनयिम
ु ् इच्छनि। एििथं छात्रार्ां कृिे का पद्िनिः श्रेरिा भर्ेि ्?
(a) कक्षायाां िािािलािां किुं प्रोत्साहनम ्
(b) कक्षायाां बोधात्मकप्रश्नानाम ् उत्तरप्रदानम ्
(c) आांग्लभाषायाां िणिनात्मककथािः लेखििुां प्रेरयेि ्
(d) आांग्लभाषायािः दरू दशिनकायििमाणाां प्रदशिनम ्

Ans : (a)
साििीां कक्षा की अांग्रेजी भाषा की भशक्षक्षका अिने छात्रों को मौखिक भाषा में दक्षिा बढ़ाने को
सोििी है । इसभलए िह कक्षा में बच्िो को आिस में बाििीि करने के भलए प्रोत्साहहि करिी
है ।

Q.65. रटनाभ्यासकारर्ेन (Cramming) पर्द्याधथवनां पर्कासे कीदृशक्षनिः (Loss)


भर्नि?
(a) कक्ष्या अध्यािनिमाि ् िे दरू ीकृिािः भिन्ति।
(b) िे अध्ययनोिरर समचु ििां ध्यानां दािम
ु ् अशक्िािः भिन्ति।
(c) िेषाां बद्
ु धिः विकासिः न भिति।
(d) िेषाम ् आत्मविश्िासिः नष्टिः भिति।

Ans : (d)
रटनाभ्यासकारणेन विद्याचथिनाां विकासे क्षतििः िेषाम ् आत्मविश्िासिः नष्टिः भिति अथािि ्
विद्याचथियों के भाषा विकास में रटना प्रकिया के द्िारा उनके आत्मविश्िास को नष्ट करिा
है । न्जस कारण बच्िो के भाषा विकास में बाधा उत्ितन होिी है ।

Q.66. भाषायां ननरन्िर, समग्रमल्याङ्खकनाथं कतयोपरर बिं िे यम ्?


(a) शद्
ु धोच्िारणम ् (Correct pronunciation)
(b) विभभतनसतदभेषु भाषाप्रयोगसामथ्यिम ्
(c) उत्तम-शब्दािली (Correct vocabulary)
(d) िररयोजनाकायिम ् (Project work)

Ans : (b)
भाषायाां तनरतिर, समग्रमूल्याङ्कनाथं विभभतनसतदभेषु भाषाप्रयोगसामथ्यिम ् बलां दे यम ्।
अथािि - भाषा का तनरां िर समग्र मूल्याांकन विभभतन सांदभो में भाषा का उचिि प्रयोग करने िर
बल दे िा है ।

Q.67. ननम्नलिखिितय कतय उद्िे शतय अनस


ु ारं भाषालशक्षर्तय आर्श्यकिा न
भर्नि?
(a) आभ्यतिरस्िरस्य (Inner voice) िािनाथि, श्रिणाथिञ्ि
(b) जीिनस्य विविधािश्यकिानाां िररिरू णाथिम ्
(c) जीिनस्य विविधदशानाां ज्ञानाथिम ्
(d) भाषाबोधस्य (Language comprehension) अध्ययनाथिम ्

Ans : (d)
भाषाबोधस्य अध्ययनाथिम ् उद्दे शस्य अनस
ु ारां भाषाभशक्षणस्य आिश्यकिा न भिति। अथािि ्
- भाषा बोध के अध्ययन के उद्दे श्यानस
ु ार भाषाभशक्षण की आिश्यकिा नहीां होिी है ।

Q.68. भाषाधिगमाधिग्रहर्योः (Language learning and acquisition) मध्ये कः


भेिः?
(a) उभये अचधगमाचधग्रहणे साहन्जके
(b) उभये अचधगमाचधग्रहणे प्रयासजतये
(c) अचधगमिः प्रयासजतयिः अचधग्रहणां साहन्जकम ्
(d) अचधग्रहणां प्रयासजतयम ् अचधगमिः साहन्जकिः

Ans : (c)
भाषा अचधगम और भाषा अचधग्रहण दोनों के बीि भेद हैं। भाषा अचधगम प्रयास का जनक
कहलािी है िथा भाषा अचधग्रहण सहजिा (स्िाभाविकिा) की जनक कहलािी है । भाषा
अचधगम भाषा का मल
ू अध्ययन ज्ञान है िथा भाषा अचधग्रहण भाषा का िाररिाररक िररिेश से
सम्बन्तधि सहज ज्ञान है ।

Q.69. प्रथमकक्षायाः छात्रार्ां कृिे भाषायाः पिनाथवम ् अिोलिखििेषु किमः पर्षयः


योग्यिमः भर्ेि ्?
(a) मम विश्ििः (b) िररिहनम ् (c) मम दे शिः (d) मम िररिारिः

Ans : (d)
प्रथम कक्षा के छात्रों को भाषा िठन कायि में 'मम िररिारिः' (मेरा िररिार) यह विषय सििश्रेष्ठ
एिां उत्तम रहेगा।

Q.70. िेिनतय प्रथमसोपानम ् अस्ति


(a) मागिदभशििलेिनम ् (Guided writing) (b) प्रगिलेिनम ् (Advanced writing)
(c) मुक्िलेिनम ् (Free writing) (d) सांयिलेिनम ् (Controlled writing)

Ans : (a)
लेिन का िहला सोिान विद्याथी को लेिनोद्दे श्य हे िु मागिदशिन रूिी लेिन है

Q.71. 'छात्राः तर्ाध्यायाथं प्रेररिाः भर्ेयःु ' इत्यथं कः उपायः समीचीनं:?


(a) भाषाकौशलानाां सांशोधनाथं प्रायोजनात्मक कायिस्य गह
ृ कायिस्य िा अचधकाचधकम ्
उियोगिः।
(b) 'छात्रािः स्ियमेि तनणियान ् स्िीकुयिःुि ' इत्यथं िे न प्रोत्साहनीयािः।
(c) िरस्िरां िािािलािाथं प्राविचधक-यतत्राणाम ् उियोगिः।
(d) 'छायािः अचधकाचधकां न्जज्ञासििः भिेयुिः' इत्यथं िे प्रोत्साहनीयािः।

Ans : (d)
छात्रों को स्िाध्याय हे िु प्रेररि होना िाहहए। इसका कौन सा उिाय समीिीन है ? इसका
सम्प्रति प्रश्नगि सही उिाय यह है कक छात्रों को अचधकाचधक न्जज्ञासु होना िाहहए।

Q.72. "भाषर्-िेिन-कौशि-सम्बद्ि-ननलमत्तं प्रित्तप्रनिपस्ु रटःप्रभापर्


ू -व लशक्षर्-अधिगम-
प्रकियार्ाम ् आयोजनचच" सम्बद्ि तिः
(a) िावषिकिरीक्षया (b) सत्रीय-िरीक्षया
(c) रिनात्मक-मल्
ू याङ्कनेन (d) योगात्मक-मल्
ू याङ्कनेन

Ans : (c)
भाषण-लेिन-कौशल-सम्बद्ध तनभमत्त प्रदत्त प्रतििन्ु ष्ट प्रभाििूण-ि भशक्षण अचधगम प्रकिया का
आयोजन रिनात्मक मल्
ू याांकन से सम्बद्ध है।

Q.73. ध्र्नन-संज्ञानेन अथावर्बोिन-प्रकिया केन कौशिेन सम्बद्िा?


(a) िठनेन (b) लेिनेन (c) भाषणेन (d) श्रिणेन

Ans : (d)
ध्ितन में सांज्ञान से अथि-अिबोधन प्रकिया श्रिण नामक कौशल से सम्बद्ध है।

Q.74. संतथासु अन्िःशैक्षखर्क संपन्मि


ू पर्ननमयकरर्ं संर्हन िन्त्रज्ञानम ्
(Communicative Technology)
(a) इतरानेट (Intranet) (b) टे ल्नेट (Telnet)
(c) एरनेट् (Ernet) (d) अतिजािलम ् (Internet)

Ans : (d)
सांस्थाओां में अतििःशैक्षखणक - सम्ितनमल
ू वितनमयकरण सांिहन ितत्रज्ञान होिा है -
अतिजािलम ् (Internet) आतिररक शैक्षखणक को सम्ितन करने के भलए वितनमयकरण करिे
हैं। अतिजािलम ् जो िरू े विश्ि के ज्ञान को समाहहि रििा है ।
Q.75. पर्तिि
ृ पिानां प्रिीपिमः
(a) भारि + यूरोिीय-भारोिीय (b) प्रयोजकिः-अप्रयोजकिः
(c) मतत्रिः (सांस्कृिम ्)-मतत्रिः (हहतदी) (d) िोरिः-िुरति

Ans : (b)
विस्िि
ृ िदानाां प्रिीििमिः का प्रयोग प्रयोजक िथा अप्रयोजक के भलए ककया गया है । प्रयोजक
उसे कहिे हैं जो आयोजनकिाि होिा है । ककसी प्रयोजन की ितू िि के भलए जो कायि करिा है उसे
प्रयोजक कहिे हैं।

Q.76. सम्प्रेषर्ात्मकभाषालशक्षर्े उपयोगरूदिशब्िौ यथासंख्यम ् एिि ् सूचयिः


(a) कोशस्योियोगम ् अथं ि (b) अथि रूिां ि
(c) ध्ितनशास्त्रां व्याकरणां ि (d) व्याकरणां ध्ितनविज्ञानां ि

Ans : (c)
सम्प्रेषणात्मक भाषा भशक्षण में उियोगी रुहढ़ शब्द ध्ितन शास्त्र एिां व्याकरण को सूचिि
करिी है। व्याकरण के अभ्यास द्िारा सांस्कृि िढ़ाई जािी है। ध्ितन शास्त्र का ज्ञान कराया
जािा है । ये दोनों रूहढ़ शब्द सम्प्रेषणात्मक भाषा भशक्षण के भलए उियोगी है ।

Q.77. लशक्षासम्बद्ि-मि ू भि
ू ाधिकारःसंपर्िानतयानेन परररकरर्ेन कायावन्र्यी कृिः
(a) सांविधानस्य त्र्यशीतििमेन िररष्करणेन (b) सांविधानस्य षड्शीतििमेन िररष्करणेन
(c) सांविधानस्य त्रत्रनितििमेन िररष्करणेन (d) सांविधानस्य षण्णितििमेन िररष्करणेन

Ans : (c)
भशक्षा से सम्बन्तधि मल
ू भूि अचधकार सांविधान के 93िें सांविधान सांशोधन में स्िीकृि ककया
गया था। अथािि ् 93िें सांविधान सांशोधन में भशक्षा को मल
ू ाचधकार के अतिगिि शाभमल ककया
गया।
Q.78. र्ाक्ट्कौशिं संर्िवनयिम
ु ् उत्तमोपायाः
(a) िास्ििजीिनसतदभेषु सांिहनम ् (b) अध्यािकदत्तप्रतिमानानाां श्रिणम ्
(c) सम्भाषणे सििथा दोषाणाां िररहरणम ् (d) आनिानयक्
ु िन्क्लष्टिरिाठानाां िठनम ्

Ans : (c)
िाक् कौशल को बढ़ाने के भलए (सांिचधिि करने के भलए) सबसे उत्तम उिाय सम्भाषण से होिा
है जो सििथा दोषों का अिहरण करिा है अथािि ् भाषण िाक् कौशल के भलए अत्यति उियोगी
है जो दोषों को दरू करिा है ।

Q.79. सारांशं िेखििम आर्श्यके द्र्े कौशिे तिः।


(a) स्िशब्दै िः िाठ्यिस्िन
ु िः िन
ु लेिनम ् (b) शब्दानाां स्थाने सांकेिानाां प्रयोगिः सम्यक्लेिनम ्
(c) सम्यक् लेिने योजकानाां प्रयोगिः (d) मख्
ु यां सामातयां ि त्रबतद-ु सांज्ञानम ्

Ans : (d)
साराांश लेिन के भलए दो कौशल आिश्यक होिे हैं। िे हैं- सामातय और प्रमुि त्रबतदओ
ु ां का
सांज्ञान। मुख्य सामातय में सांिूणि रूि से बोधगि स्िर िर भलिा जािा है।

Q.80. िेिनं भाषर्ाि ् लभन्नं अस्ति


(a) लेिने गतिविचध-आधाररि-प्रिाहिः अचधकां भिति
(b) लेिने व्याकरणात्मक-सांरिनायािः अचधक-सम्बतधिः न भिति
(c) लेिनां प्रायिः मक्
ु िां भिति
(d) लेिने िन
ु राित्त्ृ या अथिा सांक्षेिीकरणस्य तयन
ू िा भिति

Ans : (d)
लेिन भाषण से िथ
ृ क होिा है । लेिन में िन
ु रािवृ त्त अथिा सांक्षि
े ीकरण की तयूनिा होिी है ।
भाषण में िन
ु रािवृ त्त िथा सांक्षि
े ीकरण दोनों की सांभािना रहिी है ।
Q.81. प्राथलमकतिरे र्ाचनक्षमिायाः आकिनाथं प्रभार्शाि पर्धिः अस्ति
(a) शब्दाथिमचधकृत्य भाषािीिा (b) िहठिसामग्रीमचधकृत्य साक्षात्कारिः
(c) सारलेिन-सम्बद्धां प्रायोजनात्मकां कायिम ् (d) कथाधाररिां भलखििां कायिम ्

Ans : (a)
प्राथभमक स्िर िर िािन क्षमिा के आांकलन के भलए प्रभािशाली विचध शब्दों के अथि को
ग्रहण कर भाषागि िीड़ा करना है ।

Q.82. प्रत्येकभाषायाः लिपपः र्िवि।े इयम ् उस्क्ट्िः


(a) अांशििः असत्यम ् (b) असत्यम ् (c) सत्यम ् (d) अांशििः सत्यम ्

Ans : (c)
प्रत्येक भाषा की अिनी भलवि होिी है । यह उन्क्ि सत्य है जैसे हहतदी की अिनी दे िनागरी
भलवि है ।

Q.83. शालिनी एकतय पुतिकतय परृ िे षु दृस्रटं ननक्षक्षपनि। एर्ं सा ककं करोनि?
(a) चित्राणाम ् अिलोकनां करोति (b) गम्भीरिया अध्ययनां करोति
(c) ियािलोिनां करोति। (d) विशेषसि
ू नाथिम ् अतिेषणां करोति

Ans : (b)
शाभलनी एक िुस्िक के िष्ृ ठ िर अिनी दृन्ष्ट गम्भीरिा से रििी है । इसका आशय यह कक
िह गम्भीरिा से अध्ययन करिी है ।

Q.84. प्रत्येकभाषायाः पर्लशरटध्र्नयः संरचना शब्िार्ि च सस्न्ि। भाषायाः एर्ं पर्िं


र्ैलशरटयं सच
ू यनि यि ्
(a) भाषा प्रजातिविभशष्टा ििििे (b) भाष यादृन्च्छकी ििििे ।
(c) भाषा एकिः कौशलविषयिः ििििे (d) भाषा एका व्यिस्था ििििे
Ans : (d)
प्रत्येक भाषा की विभशष्ट ध्ितनयाां और शब्दािली सांरिना होिी है। यह भाषा की यह
विभशष्टिा सचू िि करिी है कक भाषा एक व्यिस्था है । व्यन्क्ि का भाषा से समचु िि विकास
होिा है ।

Q.85. कक्षायां छात्रार्ां कृिे कपर्िार्ाचनतय प्रमि


ु ं प्रयोजनम ्
(a) कवििा प्रति स्िप्रतिकियाप्रदशिनम ्
(b) साहहन्त्यकवििाराणाम ् अिगमनम ्
(c) त्रबम्बचित्रस्य (imagery) अतत्यानुप्रासस्य (rhyme) अिगमनम ्
(d) किेिः ऐतिहाभसकिष्ृ ठभूमेिः िररज्ञानम ्

Ans : (a)
कक्षा में छात्रों के कवििा िािन का प्रमि
ु प्रयोजन कवििा के प्रति स्ि प्रतिकिया प्रदशिन है ।
इससे छात्रों में कवििा के प्रति रुचि बढ़िी है ।

Q.86. िेिनम ् एका प्रकिया इनि मन्यिे चेि, ककं नास्ति अत्यार्श्यकः भागः?
(a) मल्
ू याङ्कनम ् (b) सम्िादनम ् (c) प्रारूितनमािणम ् (d) िुनरिलोकनम ्

Ans : (a)
लेिन एक प्रकिया है , ऐसा माना जािा है । मल्
ू याांकन इसका अत्यािश्यक भाग नहीां माना
जािा। जबकक सम्िादन, प्रारूितनमािण और िुनरािलोकन लेिन प्रकिया के भाग हैं।

Q.87. चौमतकी-मिानस
ु ारं मनरु याः जन्मगिभाषाग्रहर्सािनं िारयस्न्ि येन िेषु
उत्पद्यिे
(a) जहटलशब्दािः (Complex words)
(b) िणिवििारिः (Phonemes)
(c) अथिवििारिः (Semantics)
(d) साधारणव्याकरणम ् (Universal grammar)

Ans : (d)
िौमस्की के मिानस
ु ार मनष्ु य जतमगि भाषा ग्रहण साधन धारण करिे हैं। न्जससे उनमें
साधारण व्याकरण उत्ितन होिा है और जतमिि ् भाषा ग्रहण ही िास्िविक व्याकरण जानने
का आधार होिी है।

Q.88. अितिनेषु किमम ् उत्तरं मािभ


ृ ाषालशक्षर्ोपयोधग ज्ञानिक्ष्येषु अन्यिमं नास्ति?
(a) उच्िारणस्य ज्ञानाजिनम ् (b) भाषागिविभभतन प्रकारकाणाां लेिानाां ज्ञानाजिनम ्
(c) भाषाित्त्िानाां प्रभूिज्ञानप्रान्प्ििः (d) विषयिस्िुनिः ज्ञानाजिनम ्

Ans : (d)
मािभ
ृ ाषाभशक्षणोियोचग ज्ञानलक्ष्येषु, उच्िारणस्य ज्ञानाजिनम ्, भाषागिविभभतन प्रकारकाणाां
लेिानाां ज्ञानाजिनम ् िथा भाषाित्त्िानाां प्रभूिज्ञानप्रान्प्ििः अन्स्ि। अथािि ् मािभ
ृ ाषा भशक्षण के
उियोगी उिकरण उच्िारण का ज्ञानाजिन, भाषागि अनेक प्रकार के लेिन एिां ज्ञानाजिन िथा
भाषा ित्त्िों का प्रभूि ज्ञान ये सभी ित्त्ि बहुि जरुरी होिे है । जबकक विषयिस्िु का ज्ञानाजिन
आिश्यक नहीां है। अििः विकल्ि (d) भाषा भशक्षण के ज्ञान से सम्बन्तधि नहीां है ।

Q.89. भाषायां मल्


ू याङ्खकनतय मख्
ु य-उद्िे श्यः कः तयाि ् ?
(a) विद्याचथिसाचधि-उिलब्धीनाम ् आकलनम ्
(b) अचधगमे त्रट
ु ीनाां तनरीक्षणां िथा तयनिा िररष्करणम ्
(c) भशक्षाचथिषु त्रट
ु ीनाम ् अतिेषणम ्
(d) विद्याचथिनाां प्रदशिनां दृष्टिा प्रोतनति (Promotion) कृिे तनणियिः

Ans : (b)
भाषायाां मूल्याङ्कनस्य मुख्य उद्दे श्यिः अचधगमे त्रट
ु ीनाां तनरीक्षणां िथा तयूनिा िररष्करणम ्।
भाषा के मूल्याङ्कन का मुख्य उद्दे श्य अचधगम की त्रहु टयों का तनरीक्षण करना और उसका
गहनिा से िरीक्षण करना। भाषा का मूल्याङ्कन िभी समुचिि प्रकार से हो सकिा है। जब
हम उसमें व्याप्ि छोटी-सी छोटी कमी को िोज सकें।

Q.90. यः लशक्षकः छात्रान ् अधिकं बाि सादहत्यं पदििंु प्रेरयनि सः छात्रार्ां


(a) सम्भाषणकौशलां िधितयिम
ु ् इच्छति (b) श्रिणकौशलां िधितयिम
ु ् इच्छति
(c) िठनकौशलां िधितयिुम ् इच्छति (d) लेिनकौशलां िधितयिम
ु ् इच्छति

Ans : (c)
भशक्षक यहद भशक्षण के समय बालसाहहत्य के प्रति बालकों के रूझान को अचधकाचधक प्रेररि
करिा है िो इससे बालक के िठन कौशल का विकास िीव्र होिा है। क्योंकक प्राथभमक स्िर का
बालक बाल साहहत्य में रूचिकर प्रिवृ त्त को हदिािा है ।

Q.91. सििसमग्रमल्
ू याङ्खकनं सङ्खकेियनि
(a) अन्तिममूल्याङ्कनम ् (b) विद्ित्तायािः ित्सम्बन्तधििः िां
(c) सििविद्याविषयाणाां मूल्याङ्कनम ् (d) सहिाठ्यकियाकलािानाां मल्
ू याङ्कनम ्

Ans : (b)
तनरतिर सम्िण
ू ि मल्
ू याांकन व्यन्क्ि के उसकी विद्ििा से सम्बन्तधि ज्ञान ही होिा है । अथािि ्
मल्
ू याांकन किाि ककसी इष्ट का मल्
ू याांकन कायि करिा है और उसमें सफल होिा है िो िह कायि
उस किाि का ज्ञान-विज्ञान (विद्ििा ज्ञान) कहलािा है ।

Q.92. उद्गामीसाक्षरिायाम ् (Emergent literacy) अितिनेषु कतय कियाकिापतय


सस्न्नर्ेशः भर्नि?
(a) िणिमालायािः अक्षरलेिनम ् (Writing letters and alphabet)
(b) िठनां कूटानि
ु ाद; ि (Reading and decoding)
(c) लेिनीघषिणम ् अस्िष्टशब्दोच्िारणां ि (Scribbling and blabbering)
(d) गायनां नत्ृ यच्ि (Singing and dancing)

Ans : (c)
लेिनीघषिणम ् (लेिनी का हहल-िुल कर िलना) अस्िष्ट शब्दोच्िारणम ् इत्याहद उद्गामी
साक्षरिायाम ् को बिािे हैं।

Q.93. येषां बािानां भाषापर्कासः पर्िस्म्बिः भर्नि िेयाम ् अलभप्रेरर्ाथं कः गनिपर्धिः


समीचीनं:?
(a) भाषाचिककत्सकानाां भाषणातन।
(b) अध्यािकैिः िन
ु िः िन
ु िः उियक्
ु ि-उत्तराणाां प्रदानम ्।
(c) छात्राणाां सम्भाषणस्य सङ्ग्रहणां विश्लेषणम ् ि।
(d) िरस्िरां सम्भाषणाथं प्रोत्साहनम ्।

Ans : (d)
ऐसे बालक न्जनका भाषा विकास विलन्म्बि होिा है , उतहें अभभप्रेरणा सम्बतधी िरस्िर
सम्भाषण हे िु प्रोत्साहन की गतिविचध समीिीन है।

Q.94. अत्यधिक-ननयस्न्त्रिायाम ् एर्चच पररसीलमि िक्ष्यकेस्न्ििकक्ष्यायां भाषाभ्यासैः


ककम ् अर्गम्यिे?
(a) सांरिना-केन्तिि-अभ्यासािः, ररक्िस्थानितिि-सम्बद्ध-अभ्यासािः।
(b) भभू मकातनििहण-नाट्य-गतिविचधयक्
ु ि-कक्ष्या।
(c) िररििाि-सांिाद-यक्
ु िा कक्ष्या।
(d) अचधगि-शब्दािल्यािः सहयोगेन स्िाध्ययनम ्।

Ans : (a)
अत्यचधक तनयांत्रण एिां िररसीभमि लक्ष्य केन्तिि कक्षा में भाषा अभ्यास से सांरिना केन्तिि
अभ्यास और ररक्ि स्थान िूतिि सम्बद्ध अभ्यास का अिबोधन होिा है ।

Q.95. अर्गमनसन्िभे िोककथासादहत्य-र्ाचनतय िथ्यात्मक सादहत्य-र्ाचनतय च


मध्ये भेिः अस्ति। िोककथासादहत्यर्ाचनदृरट्या छात्रैः ककम ् अपेक्ष्यिे?
(a) अचधकां बौद्चधकविश्लेषणां तयन
ू ी ि भािात्मक-प्रतिकिया
(b) अचधकां बौद्चधकविश्लेषणम ्
(c) तयूनी-भािात्मक-प्रतिकिया
(d) शैलीगि-प्रशांसा लेिकस्य ि भािमूल्याङ्कनम ्।

Ans : (d)
अिगमन सतदभि में लोककथा साहहत्य, िािन और िथ्यात्मक साहहत्य के बीि भेद है ।
लोककथा साहहत्य में िािन की दृन्ष्ट से छात्रों से शैलीगि प्रशांसा और लेिक के भाि का
मल्
ू याांकन अिेक्षक्षि होिा है ।

Q.96. पिद्र्यु समतयपितय उिाहरर्म ्


(a) रामश्ि कृष्णश्ि (b) िाितनयतत्रणम ्/करदािा
(c) िैलकूििः/मि
ु णकगिजम ् (d) भशरोिेदना/िषाििाििः

Ans : (a)
िदद्िय समस्यिदस्य उदाहरणम ् - रामश्ि कृष्णश्ि। यह द्ितद्ि समास का इिरे िर
द्ितद्ि समास है। न्जस समास में दोनों िदों में 'और' का अथि तनकलिा हो िथा समस्ि िद
में अन्तिम शब्द के भलांग के अनस
ु ार भलांग का प्रयोग हो िो शब्दों की सांख्या के अनुसार अति
में ििन का प्रयोग होिा हो अथािि ् दो िस्िुएाँ हों, द्विििन और अचधक िस्िए
ु ाँ हों, िो
बहुििन। इस समास में विग्रह करने िर प्रत्येक शब्द के बाद ि लगिा है। रामश्ि कृष्णश्ि
का समस्ििद रामकृष्णौ होगा।
Q.97. भाषालशक्षर्े ननयन्त्रर्ं नाम
(a) लक्ष्यभाषायािः तनरगिलोियोगिः (b) िररिीक्षक्षि-भाषाभशक्षणम ्
(c) उिाध्यायतनयन्तत्रि-भाषाभशक्षणम ् (d) यथाथििाां तनधािरतयिांु व्याकरणस्योियोगिः

Ans : (d)
भाषा भशक्षण में तनयतत्रण का नाम इस प्रकार है“यथािथि
ि ाां तनधािरवििुां व्याकरणस्योियोगिः”
अथािि ् यथाथििा तनधािरण करने के भलए व्याकरण का उियोग ककया जािा है।

Q.98. इनिर्त्त
ृ ालभिेिनतयोपयोगः
(a) शैक्षखणकक्षेत्राणाां प्रशस्यिा
(b) जीिनस्य अभभित्त
ृ ीनाां मौल्यानाां जीिनकौशलानाम ् आकलनम ्
(c) छात्राणाां कियात्मकािश्यकिानाां विश्लेषणम ्
(d) भावषकनैिुण्याकलने सहाय्यम ्

Ans : (b)
इतिित्त
ृ अभभलेिन का उियोग मौभलक जीिन में कुशलिा के आांकलन से सम्बन्तधि है।

Q.99. पिनपर्
ू कव ायवतयोद्िे शः
(a) कहठनानाां शब्दानाां िदिञ्
ु जानाां ि अथितनधािरणम ् (b) छात्राणाां िठनकौशलमौल्याङ्कनम ्
(c) िाठे व्याकरणाांशानाां वििरणम ् (d) मुख्यविषयप्रस्िि
ु ौ छात्राणाां प्रेरणम ्

Ans : (d)
िठनिणू ि कायि का उद्दे श्य मख्
ु य विषय को प्रस्िि
ु करना होिा है न्जससे छात्रों को प्रेरणा भमल
सके। अििः िठन से िहले यहद प्रमि
ु विषय का िररिय हो िो इससे छात्रों को प्रेरणा भमलिी
है ।
Q.100. "छात्राः पाठ्यर्तिुननः भार्म ् अर्गन्िुं समथावः सस्न्ि न र्ा, शब्िाथावन ्
अधिगन्िुं समथावः सस्न्ि न र्ा शब्िाथव ज्ञािम
ु ् अन्र्ेषर्ं किुं समथावः असमथावः र्ा"
इत्यथं कृिप्रयासाः केन सम्बद्िाः सस्न्ि।
(a) मल
ू िथ्यां ज्ञािुां श्रिणात्मक-मूल्याङ्कनेन (b) िठन-अिबोधन-मूल्याङ्कनेन
(c) सांिेगात्मक-प्रतिकियात्मक-मल्
ू याङ्कनेन (d) वििारोद्घाटनेन

Ans : (b)
छात्र िाठ्यिस्िु के भािों को जानने में न िो समथि है , न िो शब्दों के अथि को समझने में
समथि है और न ही शब्दाथि को जानने ि अतिेषण करने में समथि अथिा असमथि है। यह भाि
िठन-अिबोधन एिां मल्
ू याांकन से सम्बन्तधि है।

Q.1. नाट्यं पािनयिंु ककम ् उत्कृरटम ्?


(a) कथाां व्याकरणां ि अचधकृत्य विभशष्टप्रश्नािल्यािः द्िारा छात्रिरीक्षणम ्
(b) कथायािः भािम ् अिगतिांु नाटकस्य मौनिािनम ्
(c) छात्रैिः भािानग
ु ण
ु ां नाटकस्य अभभनयनम ्
(d) नाटकम ् अचधकृत्य प्रश्नोत्तरम ्

Ans : (c)
नाटक िढ़िे समय सबसे जरूरी है कक छात्रों द्िारा भाि का अनुगणन होना िाहहए एिां नाटक
का अभभनय भी यथा भाि तनहदि ष्ट सम्यक होना िाहहए।

Q.2. 'द्पर्िीयभाषालशक्षर्सन्िभे छात्राः प्रित्त-ननिे शान ् अनप


ु ािनयिंु सक्षमाः भर्ेयःु
इत्यतय मूल्याङ्खकनाथं ककम ् आर्श्यकम ्?
(a) तनदे शानाां विश्लेषणम ्
(b) अनि
ु ालनीय-तनदे शानुगुणां भविष्यकथनम ् (Prediction)
(c) िररििाियाां भागग्रहणम ्
(d) प्रदत्ततनदे शानाां सांरक्षणां प्रत्यस्मरणम ् ि

Ans : (d)
द्वििीय भाषा भशक्षण के सतदभि में छात्रों को हदये गये आदे श का िालन करने में समथि होना
िाहहए। इस मल्
ू याांकन के भलए आिश्यक है - हदये गये तनदे शों का सांरक्षण करना और उसका
स्मरण करना।

Q.3. भाषायाः प्राथलमकरूपम ् अस्ति


(a) भलखििभाषा (b) मौखिकभाषा
(c) सङ्केिभाषा (Sign language) (d) व्याकरणम ्

Ans : (c)
भाषायािः प्राथभमकरूिम ् सङ्केिभाषा अन्स्ि। भाषा का प्राथभमकरूि साांकेतिक भाषा है ।
व्यन्क्ि जब कुछ सीिना ि जानना िाहिा है िो िहले उसे सांकेि के माध्यम से ही भसिाया
जािा है । और कफर िह बोलने लगिा है और अति में िह भलिना भी सीि जािा है।

Q.4. भाषायाः उपचारात्मकलशक्षर्तय (Remedial teacing) उद्िे श्यः कः?


(a) विद्याचथिनाां प्रारन्म्भकटीनाां तनिारणम ् (b) ज्ञानसम्बन्तधत्रट
ु ीनाां िररष्करणम ्
(c) विद्याचथिषु आत्मविश्िासभािनायािः विकासिः (d) उियक्
ुि िां सििमवि

Ans : (d)
अथािि ् - ये सभी भाषा के उििारात्मकभशक्षण के उद्दे श्य हैं - विद्याचथियों के प्रारन्म्भक
त्रुहटयों का तनिारण करना, ज्ञान सम्बतधी त्रुहटयों का िरीक्षण करना िथा विद्याचथियों में
आत्मविश्िास की भािना को विकभसि करना।
Q.5. एकः लशक्षकः 'बी' कक्षायाः ओडडयाभाषीछात्रान ् आंग्िभाषां लशक्षयनि। ितय कृिे
सः ओडडयाभाषायाः लभन्नलभन्नप्रकारर्ाक्ट्यानाम ् आंग्िभाषायाम ् अनुर्ाि कारयनि। एिेन
मागेर् अिोगिकथनेषु ककम ् उधचिम ्?
(a) एिेन रूढ्यात्मक-प्रयोगे समस्या भिवि (Idiomatic expression)
(b) आांग्लभाषायाां सहजदक्षिा लभ्यिे
(c) एषिः मागििः प्राथभमककक्षाणाां कृिे उचिििः, न िु माध्यभमककक्षाणाां कृिे
(d) एषिः सम्प्रेषणात्मकिः मागििः ििििे

Ans : (c)
एक भशक्षक 'बी' कक्षा में उड़ीसा भाषी छात्रों को अांग्रेजी भशक्षा दे िा है । िह इसके भलए उड़ीसा
भाषा के भभतन-भभतन प्रकार के िाक्यों को अांग्रेजी भाषा में अनि
ु ाद करिा है । ऐसा करना
प्राथभमक कक्षा के छात्रों के भलए उचिि है ।

Q.6. प्राथलमकपर्द्याियतय लशक्षकः छात्रैः तर्पररधचिभाषया पररर्ारतय िथा लमत्रार्ां


पर्षये कथोपकथनाथवम ् अनम
ु नि ििानि। ित्र लशक्षकतय मख्
ु यम ् उद्िे श्यम ् भर्नि
(a) छात्राणाां सामातयज्ञानिधिनम ् (b) बहुभावषकिाां साधनरूिेण प्रयोगिः
(c) छात्राणाां विषये समुचििां ज्ञानम ् (d) छात्राणाां सौविध्यम ्

Ans : (b)
प्राथभमक विद्यालय का भशक्षक छात्रों से भाषा िररिार एिां भमत्रों के विषय में कथोिकथन की
अनम
ु ति दे िा है । उस भशक्षक का प्रमि
ु उद्दे श्य बहुभावषकिा के साधन रूि का प्रयोग करना
है ।

Q.7. छात्रा: गरुडपर्षये एकां कपर्िां पदििम


ु ् आरभन्िे। पिनाि ् पर्
ू व लशक्षकतय
महत्त्र्पर्
ू व कायवम ् अस्ति
(a) छात्रान ् प्रति कहठनशब्दानाम ् अथिज्ञानाय कथनम ्
(b) गरुिविषये छात्रान ् प्रति ििाियािः कृिे कथनम ्
(c) कवििायाां विद्यमानान ् कहठनशब्दान ् रे िाङ्ककिान ् किुं छात्रान ् प्रति कथनम ्
(d) किेिः विषये अचधकां वििरणां छात्रेभ्यिः दािव्यम ्

Ans : (b)
छात्र गरुि विषय िर एक कवििा िढ़ना शुरू करिे हैं। िढ़ने से िि
ू ि भशक्षक का महत्ििूणि कायि
यह होना िाहहए कक िह गरुि विषय की कथा को छात्रों के बीि भलीभाांति समझा दे ।

Q.8. बहुभापषकिायाः उपयोगः सािनरूपेर् अननर्ायविया कियिे, येन


(a) बहुभभिः भाषाभभिः बालािः अचधगमां कुयिःुि
(b) बालािः बहूनाां भाषाणाम ् अचधगमां कुयिःुि
(c) भशक्षक्षका बहूनाां भाषाणाम ् अचधगमां कुयािि ्
(d) प्रत्येकबालिः सौविध्ययि
ु िः स्िीकृििः ि इति अनभ
ु िति

Ans : (d)
बहुभावषकिा का उियोग साधन रूि से अतनिायिििः प्रत्येक बालक सौविध्य रूि से स्िीकृि
भािों का अनभ
ु ि करिा है ।

Q.9. भाषालशक्षर्े नैिाननकपर क्षाया उद्िे श्यम ् अस्ति


(a) भशक्षाचथिनाां बोधे अभािां ज्ञािम
ु ्
(b) अभभभािकेभ्यिः प्रतििुन्ष्ट प्रदािम
ु ्
(c) छात्राणां प्रगतिवििरणित्रां िरु तयिुम ्
(d) अन्तिममल्
ू याङ्कनकृिे प्रश्नित्रतनमािणां योजनाां ि किम
ुि ्

Ans : (a)
भाषा भशक्षण में नैदातनक िरीक्षा का उद्दे श्य भशक्षाचथियों के प्रबोध के अभाि की जानकारी
करना।
Q.10. रचनात्मकिार्ाितय (Consructivism) लसद्िान्िोऽयं चि ् भाषालशक्षाथी र्िविे
(a) ज्ञानस्य िन
ु िः प्रस्ितु िकिाि (b) ज्ञानस्य ग्रहणकिाि
(c) ज्ञानस्य तनमािणकिाि (d) भशक्षकस्य अनस
ु रणकिाि

Ans : (a)
रिनात्मकिािाद भसद्धाति यह है कक भाषा भशक्षाथी ज्ञान का िुनिः प्रस्िुतिकिाि होिा है
न्जससे निीनिा का विकास होिा है ।

Q.11. सज
ृ नात्मकपिनतय उिाहरर्म ्
(a) सम्बद्धसि
ू नाथि अतिजािलदशिनम ्
(b) भभतनदृन्ष्टकोणेन नाटकीकरणां भभू मका तनििहणम ् िन
ु लेिनां ि
(c) अथिप्राप्त्यथं िािनम ्
(d) िरामशिनकायि ग्रतथालये अचधकां करणीयम ्

Ans : (b)
सज
ृ नात्मक िठन का उदाहरण भभतन दृन्ष्टकोण से नाटकीकरण की भूभमका का तनििहन और
िन
ु लेिन है । सज
ृ नात्मक िठन से व्यन्क्ित्ि का बहुमि
ु ी
विकास सम्भि होिा है।

Q.12. श्रर्र्प्रेरकेन अलभप्रायः अस्ति


(a) तनहदि ष्टसूिनानुगुणां छात्रिगीकरणम ्
(b) समीक्षाहटप्िण्यथं श्रिणम ्।
(c) कायिस्य िूणि
ि ायािः प्रस्िुििःे ि कृिे छात्राणाां श्रिणकौशलस्य क्षमिायािः विकासिः
(d) श्रुिसामग्रयािः अिबोधनाथं छात्रिगीकरणम ्

Ans : (c)
श्रिण प्रेरक का अभभप्राय है - कायि की िूणि
ि या प्रस्िुति और छात्रों में श्रिण कौशल की क्षमिा
का विकास। इससे छात्रों में ककसी भी विषय को समझने में सरलिा रहिी है।

Q.13. पर्लशरट-आर्श्यकिा-कक्ष्या इनि सम्बद्िा भर्नि


(a) िथ
ृ क् व्यिन्स्थि-कक्ष्यया (b) सस
ु न्ज्जि-कक्ष्या-व्यिस्थया
(c) अतिररक्ि -अध्यािकयक्
ु ि-व्यिस्थया (d) विभभतनयोग्यिायक्
ु िच्छात्र-कक्ष्यया

Ans : (d)
विभशष्ट आिश्यकिा कक्षा विभभतन योग्यिा युक्ि छात्र की कक्षा से सम्बद्ध होिा है। यह
विहदि है कक ककसी भी कक्षा में छात्रों की योग्यिा भभतन-भभतन होिी है ।

Q.14. उच्चप्राथलमकतिरे पिनकौशिं पर क्षक्षिम


ु ् उत्तमोपायः
(a) तनगहदििाठ्ययिस्
ु िकोियोग:
(b) कहठनिमिाठानुच्छे दानाम ् उियोगिः
(c) उचििकाहठतयस्िरणाां अदृष्टिूिािणाम ् अनुच्छे दानाम ् उियोगिः
(d) अभभजािकाव्यानामेि सांग्रहस्योियोगिः

Ans : (c)
उच्ि प्राथभमक स्िर िर िठनकौशल के िरीक्षण का सबसे उत्तम उिाय है -उचिि एिां कहठन
स्िरों का अदृष्टिण
ू ि एिां अनच्
ु छे दों का उियोग ककया जािा है ।

Q.15. पाठ्यतय सर्ेगपररसपवर्ं नाम


(a) तनहदि ष्टसूिनातिेषणम ्
(b) िाठ्यिस्िन
ु िः प्रमुिोद्दे शां िष्टुां शीघ्रािलोकनम ्
(c) असम्बद्धसूिनात्यजनम ्
(d) मतदां मतदां सािधानां ि िाठ्यस्य िठनम ्
Ans : (c)
िाठ के सांिग
े िररसििण का नाम इस प्रकार है असम्बद्धसूिनात्यजनम ्' अथािि ् िाठ में जो भी
सि
ू नाएां उससे असम्बद्ध हो अथािि ् उस िाठ से सम्बतध न रििी हो उनका िररत्याग कर
दे ना िाहहए। इसे ही िाठ का सिेगिररसििण कहा गया है ।

Q.16. छात्राः भाषाम ् अधिग्ृ र्स्न्ि एर्म ्


(a) भाषासांरिनाविश्लेषणेन
(b) भाषासाहहत्याध्ययनेन
(c) िस्यािः भाषायािः िान्ग्मनाां विषये ज्ञानप्राप्त्या
(d) सहजातििः कियािररसरे भाषोियोगेन

Ans : (b)
छात्र भाषाओां का अचधग्रहण करिे हैं एिां भाषा साहहत्य के अध्ययन के भलए भी भाषाओां का
अचधग्रहण करिे हैं।

Q.17. व्याकरर्लशक्षर्सन्िभे भ्रास्न्िपूर्ाव पूर्ि


व ारर्ा अस्ति
(a) समद्
ृ धिः-साहहन्त्यक-िररिेशे एिञ्ि भावषक-िररिेशे अवि व्याकरणस्य जहटल-तनयमािः
अचधगन
ृ यतिे।
(b) िािनद्िारा अथिा लेिनद्िारा व्याकरणात्मकानाां विकल्िानाां विस्िरणम ् उत्तमरूिेण
भिति।
(c) व्याकरणित्त्िानाां भशक्षणां िथ
ृ क्िेण कृत्िा भाषणां लेिनां िा िाठतयिव्यम ्।
(d) छात्रैिः कृि-त्रट
ु ीनाां सांशोधनात्मक-प्रकियया अवि लाभ: भिति।

Ans : (c)
व्याकरण ित्िों का भशक्षण िथ
ृ क रूि से करके भाषण और लेिन करना िाहहए। तनश्िय ही
व्याकरण भशक्षण के सतदभि में यह भ्रान्तििूणि अिधारणा है।
Q.18. कस्तमन ् अपप पाठ्यर्तिुनःसन्िभे 'मूल्यम ्' इनि शब्िे न कः अलभप्रायः?
(a) शब्दस्य सतदभिगि-अथि-अभभव्यञ्जना (b) विभशष्ट-सतदभे शब्दप्रयोगिः
(c) शब्दस्य विभभतनप्रकारकिः प्रयोगिः (d) शब्दस्य शब्दकोशीयिः अथििः

Ans : (a)
शब्द सतदभिगि और अथि अभभव्यञ्जना ककसी भी िाठ्यिस्िु के सतदभि में सही अभभप्राय
तनदभशिि करिा है ।

Q.19. ननम्नलिखििेषु ककं चिुरटयं लभन्नप्रकारकं र्ाचनम ्?


(a) विहगािलोकनम ्, अिलोकनम ्, अतिेषणम ्, उद्घाटनम ्
(b) प्रसतनिा, सूिना, विस्िि
ृ िणिनम ्, विहगािलोकनम ् (Skimming)
(c) अतिेषणम ्, उद्घाटनम ् अिलोकनम ्, व्यािकम ्,
(d) विहगािलोकनम ्, अिलोकनम ् (Scanning), व्यािकम ्, गहनम ् (intensive)

Ans : (d)
उक्ि िाक्यों में ििष्ु ट्य भभतन प्रकार का िािन विहगािलोकनम ्, अिलोकनम ्, व्यािकम ्
और गहनम ् है। इन सब के िािन में भभतनिा होिी है।

Q.20. लशक्षाधिकाराधिननयमानस
ु ारं (RTE) प्रत्येकं छात्रतय अधिकारः अस्ति
(a) राजकीयभाषामाध्यमेन अचधगतिुम ्
(b) आधुतनकभारिीयभाषामाध्यमेन अचधगतिम
ु ्
(c) मािभ
ृ ाषामाध्यमेन अचधगतिुम ्
(d) आङ्गलभाषाध्यमेन अचधगतिुम ्

Ans : (c)
भशक्षा अचधकाय अचधतनयम (RTE) के अनस
ु ार सभी छात्र को यह अचधकार प्रदान है कक िह
भशक्षाध्ययन अिनी मािभ
ृ ाषा के अनुसार ही करे गा।

Q.21. र्र्वमािायाः अक्षरार्ां िेिनाथं पर्द्याधथवनः समथावन ् किुं लशक्षकः िान ् कथयनि
कथम ् अक्षरननमावर्ाथं रे िाङ्खकनं करर्ीय र्िं करर्ीय पाशं करर्ीयम ् इनि। एिद्
अस्ति
(a) लेिनयतत्रम ् (Mechanics of writing) (b) लेिनप्रकिया (Process of writing)
(c) प्रिाहीलेिनम ् (Cursive writing) (d) रे िालेिनम ् (Stroke writing)

Ans : (b)
बालकों के लेिन प्रकिया के तनमािणाथि भशक्षक बालकों से अक्षर के रे िाङ्कन इत्याहद विचधयों
का िूिप्र
ि योग करिा है । अििः िणिमाला के अक्षरों के तनमािण हे िु उियक्
ुि ि कथनों के अनस
ु ार
यह प्रकिया लेिनप्रकिया के अतिगिि समाहहि एिां सन्तनहहि होनी िाहहए।

Q.22. कपर्िापिनतय उद्िे श्यम ् अस्ति


(a) अनभ
ु ूिीनाां वििाराणाां ि बोधिः (b) धाराप्रिाहस्य शुद्धिायािः ि विकासिः
(c) कवििायािः कण्ठस्थीकरणम ् (d) उच्िारणविकासिः

Ans : (a)
कवििा िठन का उद्दे श्य अनुभि
ू ों और वििारों के उद्दे श्य से है।

Q.23. भाषालशक्षर्सन्िभे आगमनात्मकपद्ििे: (Inductive method) एषः िाभः


अस्ति
(a) कक्ष्यायाम ् अनुशासनां रक्षक्षिां भिति
(b) विद्याथी अल्िे एि समये अचधकां िहठिुां शक्नोति
(c) विद्याचथिभभिः गह
ृ कायि (Homework) करणस्य आिश्यकिा नान्स्ि
(d) विद्याचथिनिः रटनाभ्यास न कुििन्ति

Ans : (d)
भाषाभशक्षणसतदभे आगमनात्मकिद्धिेिः विद्याचथिनिः रटनाभ्यास न कुििन्ति एषिः लाभिः
अन्स्ि अथािि ् भाषा भशक्षण की आगमनिद्धति में विद्याचथियों का रटनाभ्यास नहीां कराया
जािा है ।

Q.24. यिा छात्राः पर्रामादिधच्नपर्षयककौशिर्िवनाथ लशक्षक्षिाः भर्स्न्ि, ििा िे ----


(a) सम्भाषणकौशलां िधितयष्यन्ति
(b) स्िस्य सज
ृ नात्मकिाां िधािितयष्यन्ति
(c) स्िस्य अचधगमकौशलां सदृ
ु ढां कररष्यन्ति
(d) लेिनशुद्धिाां प्राप्स्यन्ति

Ans : (d)
यदा छात्रािः विरामाहदचिननविषयककौशलिधिनाथं भशक्षक्षिािः भिन्ति, िदा िे लेिनशुद्धिाां
प्राप्स्यन्ति। अथािि ् जब छात्र विरामाहदचिननों का प्रयोग भाषाकौशल के विकास हे िु करिे हैं
िब िे अिनी लेिन शुद्धिा को प्राप्ि करिे हैं।

Q.25. प्राथलमक-पर्द्याियतय कतयचन पर्द्याधथवनः श्रर्र् र्ाचनकौशियोः पर्कासनाथं


ननम्नलिखििपद्िनिषु का र्ा पद्िनिः उपयुक्ट्िा भर्नि?
(a) अभभनयिः िथा िािाििािनम ् (News reading)
(b) अभभनयिः िथा सांिादिः (Interaction)
(c) कथा श्रािणां िथा श्रुिलेिनम ् (Dictation)
(d) काव्यिाठिः िथा भाषाप्रयोगशाला (Language laboratory)

Ans : (b)
प्राथभमक -विद्यालयस्य कस्यिन विद्याचथिनिः श्रिणिािनकौशलयोिः विकासनाथं अभभनयिः
िथा सांिादिः िद्धतििः उियुक्िा भिति अथािि ्- प्राथभमक विद्यालय के विद्याचथियों के श्रिण
िािनकौशल के विकास के भलए अभभनय िथा सांिाद िद्धति उियुक्ि होिी है । अभभनय
िथा सांिाद से विद्याचथियों में श्रिण और िािन कौशल का विकास होिा है।

Q.26. सप्िमकक्षायाःछात्रः कथयनि यि ् सः ितय लमत्रेर् सह शब्िर्गवसमतया


(Crossword puzzle) िेि-माध्यमेन आनन्िम ् अनभ
ु र्नि यःककस्चचि ् अधिकः िक्षः,
येन कारर्ेन ितय कौशिज्ञाने र्द्
ृ धिः भर्ेि ्। एिेन कतय लशक्षर्मनोर्ैज्ञाननकतय
(Education psychologist) मन्िव्यं दृश्यिे?
(a) न्स्कनर (Skinner) (b) वियाजे (Piaget)
(c) िायगोत्स्की (Vygotsky) (d) गाििनर (Gardner)

Ans : (c)
साििीां कक्षा का छात्र कहिा है कक िह उसके भमत्र के साथ शब्द िगि समस्या िेल के माध्यम
से आनतद का अनभ
ु ि करिा है जो अचधक कुशल होिा है , न्जसके कारण उसके कौशल ज्ञान
में िद्
ृ चध होिी है । इसमें िायगोत्स्की का भशक्षण मनोिैज्ञातनक मतिव्य हदििा है ।

Q.27. पर्द्याियं प्रनि आगमनेन बािाः तर्मि ू भाषां कक्षायाम ् आनयस्न्ि। बहुभापषके
िे श,े पर्द्याियेन िेषां गह
ृ भाषायाः सम्मानं करर्ीयं यिो दह
(a) बालािः अबाधरीत्या अस्याां िदन्ति
(b) िेषाम ् अभभज्ञानस्य (identity) इदां महत्त्ििूणम
ि ् अङ्गम ्
(c) भारिेऽन्स्मन ् द्विसहस्त्राचधकािः (2000) भाषािः सन्ति
(d) विद्यालयस्यावि इयां भाषा अन्स्ि

Ans : (b)
प्रतिहदन विद्यालय की ओर आने िाली कोई बाभलका जब कक्षा में प्रिेश करिी है िो िह अिने
मूल भाषा में ही प्रिेश करिी है। अथािि ् उस बाभलका को कक्षा में अध्ययन हे िु लाया जािा है ।
हमारे बहुभावषक दे श में विद्यालय के द्िारा उसकी गह
ृ भाषा का सम्मान ककया जािा है। जो
कक- “उसके अभभज्ञान (िहिान) का यह महत्त्ििूणि अांग है ।" अििः विकल्ि दस
ू रा सही है।

Q.28. 'मम मािा' इनि पर्षयम ् अधिकृत्य एकं ननबन्ि िेखििुं लशक्षक्षका छात्रान ्
प्रेरयनि। एिस्तमन ् प्रसङ्खगे सा मुख्िया छात्रेभ्यः ककं ननदिव शेि?

(a) मागिदशिकिस्
ु िकम ् उदाहरणरूिेण व्यिहरतिु
(b) व्यिन्स्थििया शुद्धिया ि भलितिु
(c) स्िानभ
ु िाधारे ण भलितिु
(d) िििनीविषये जागरूकािः भितिु

Ans : (c)
(मेरी मािा-मम मािा) सम्प्रति विषय िर भशक्षक्षका छात्रों को एक तनबतध भलिने को प्रेररि
करिी है । इस प्रसांग में िह छात्रों से कहिी है कक िे इस विषय िर अिने अनभ
ु ि को भलिे।

Q.29. भाषालशक्षकः छात्रार्ां िोषान ् पश्येि ्


(a) छात्रसांशोधनसङ्केिरूिेण (b) अचधगमे समस्यारूिेण
(c) अचधगमस्य बाधकरूिेण (d) अचधगमस्य सङ्केिरूिेण

Ans : (d)
भाषा भशक्षक छात्रों के दोषों को अचधगम के सांकेि रूि से दे ििा है। इससे छात्रों के ज्ञान की
सीमा तनरूविि होिी है। छात्रों के इस कमी को दरू करने के विषय में प्रयास करिा है ।
Q.30. सरु े शः एक भाषालशक्षकः अस्ति। सः छात्रान ् एकस्तमन ् ग्रामे पररभ्रलमिुं
ननदिव शनि। ित्र आपर्ानां सूचनापट्टान ् पदित्र्ा ििप
ु रर पर्र्रर्ं िािुं कथयनि च।
एर्ंपर्िः गनिपर्धिः ककं कथ्यिे?
(a) िररयोजनाकायिम ् (b) िठनम ् (c) लेिनम ् (d) भाषणम ्

Ans : (a)
सरु े श एक भाषा भशक्षक है। िह छात्रों को एक गाांि में िररभ्रमण का तनदे श दे िा है । िहाां बाजार
में सि
ू नािट्ट िढ़कर अनतिर वििरण दे ने को कहिा है । इस प्रकार की गतिविचध िररयोजना
कायि कहलािी है ।

Q.31. भाषािक्षिायाः कृिे अिोलिखििेषु कतय महत्त्र्ं सर्ावधिकम ्?


(a) तयूनमूल्यभशक्षणसहायकसामग्रीणाां प्रयोगिः
(b) शुद्धोच्िारणेन सह िािनम ्
(c) सुतदरहस्िाक्षरै िः अभ्यासकायिलेिनम ्
(d) शद्
ु धिायािः धाराप्रिाहस्य ि विकासिः

Ans : (b)
भाषा दक्षिा के भलए शद्
ु ध उच्िारण के साथ-साथ िािन का सिािचधक महत्ि होिा है ।

Q.32. पर्हङ्खगम-दृरट्या (skimming) पिनेन अलभप्रायःअस्ति


(a) विभशष्टम ् अथिम ् अथिा सूिनाां प्राप्िुां सम्िूणि
ि ाठ्यिस्िुनिः गभीरिया िठनम ्
(b) भलखििसामग्रया साथिकसूिनाां प्राप्िुां िठनम ्
(c) िहठिसामग्रया वििाराथं तनहहिाथं सूिनाथं ि तनणियिः
(d) सामातय-भािाथं वििारम ् अथिा सारां प्राप्िांु िाठ्यिस्िन
ु िः शीघ्रिया िठनम ्

Ans : (a)
विहां गम दृन्ष्ट से िढ़ने का आशय विभशष्ट अथि अथिा सूिना प्राप्ि करने हे िु सम्िूणि िाठ्य
िस्िओ
ु ां का गम्भीरिा िि
ू क
ि िठन से है।

Q.33. भाषा-अधिगमनाथं अलभर्द्


ृ धिननमावर्हे िोः आर्श्यकमस्ति
(a) प्रायोजनात्मकां कायं िदचधकृत्य िररििाि अनभ
ु िानाां ि भमत्रैिः सह आदानां प्रदानां ि
(b) विषमिररन्स्थिीनाां तनमािणां िन्स्मन ् ि सामूहहकां कायिम ्
(c) सांस्कृिकालाांशे प्रधानािायिस्य अनम
ु त्या उद्यानविहारिः
(d) गीिगायनम ् कलात्मकां कायि ि

Ans : (d)
भाषा -अचधगमन के भलए अभभिद्
ृ चध तनमािण हे िु गीि गायन और कलात्मक कायों का
अनुगमन आिश्यक होिा है। गीि गायन िथा अनग
ु मन अभभिद्
ृ चध तनमािण हे िु महत्ििूणि है
क्योंकक इससे भाषागि विकास होिा है।

Q.34. र्ैपर्ध्यपूर्ावनुभर्ानां कृिे कः उत्तमः मागवः?


(a) काल्ितनकिः शब्दिः (b) प्रदशिनफलकां छायाचित्रां ि
(c) अचधकाचधकम ् अतिररक्ि-िठनसामग्री (d) िास्िविकातन िस्िूतन

Ans : (d)
िैविध्यिूणि अनभ
ु ि करने का उत्तम मागि िास्िविक िस्िए
ु ां हैं। िास्िविक िस्िुएां िैविध्यिूणि
अनुभि को जानने का सिोत्तम साधन है ।

Q.35. धचत्राङ्खकने 'पैचाटव (pie-chart) मध्ये च प्रित्तं पर्षयम ् उपयुज्य प्रबन्िं रचनयिुं
यिा छात्राः ननदिव रटाः ििा प्रिानोद्िे शोऽयं भर्नि
(a) विविधितत्रैिः विस्िि
ृ ाध्ययनम ्
(b) प्रशांसाद्िारा सजिनात्मकिायािः िोषणम ्
(c) शब्दािल्यािः िोषणाय साहहन्त्यककौशलानाां प्रिद्
ृ चधिः
(d) चित्राङ्कनििः शब्दरूिेण विषयाणाां िररिििनम ्

Ans : (d)
चित्राङ्कन में विषय से सम्बद्ध 'िैिाटि ' उनके मध्य प्रदान करके िथा उनके उियोग का
प्रबतध या उिाय करके जब छात्रों को तनदे भशि ककया जािा है िब उनका प्रमुि उद्दे श्य
चित्राङ्कन का शब्द के रूि में विषयों का िररिििन होिा है ।

Q.36. यिा अध्यापपका पत्रं िेखििुं गोरिीचचावनन्िरम ् आदिशनि ििा सा


(a) बहुविधभाषा-कौशलातन एकत्रीकरोति (b) िारम्िररकविधानम ् अनुसररि
(c) प्रायिः छात्राणाां भ्रमम ् उत्िादयति (d) भाषाबोधने प्रत्यक्षविधानम ् अनुसरति

Ans : (d)
जब अध्याविका ित्र भलिकर सभा में िािािलाि के बाद आदे श दे िी है िब िह भाषा के ज्ञान के
भलए या समझ के भलए प्रत्यक्ष विधान का अनस
ु रण करिी है।

Q.37. पदििग्रहर्पर क्षायाम ् ईदृशाः प्रश्नाः भर्स्न्ि


(a) ये िाठ्यज्ञानां सामग्रयेण िरीक्षतिे
(b) ये छात्रान ् तनदोषाखण उत्तराखण लेखििुां प्रोत्साहयन्ति
(c) ये अिधारणेन साकम ् अनम
ु ानां व्याख्यानां मौल्याङ्कनां ि िरीक्षतिे
(d) ये िाठ्यगिान ् शब्दान ् सांरिनाश्ि प्रमि
ु िया केतिीकुििन्ति

Ans : (c)
िहठि ग्रहण िरीक्षाओां के प्रश्नों के अतिगिि िे प्रश्न होिे हैं न्जसमें अिधारणा अथािि ् ज्ञान के
साथ अनम
ु ान की व्याख्या का मल्
ू याांकन ककया जािा है।
Q.38. प्रायः केचन छात्राः भाषर्-िेिन-प्रकिया-सन्िभव केषास्चचि ् शब्िानां प्रयोगसन्िभे
अथर्ा अथवभेिं किुं समथावः न भर्स्न्ि। यथा- र्ििु, कथयि,ु तपरट करोिु इत्याियः।
ककं करर्ीयम ्?
(a) भाषण-लेिन-कौशलम ् अचधकृत्य विभशष्ट-कक्ष्याप्रबतधनम ्।
(b) त्रट
ु ीनाां सांशोधनाथं लेिनाभ्यासिः।
(c) आधारभि
ू -भसद्धातिान ् अचधकृत्य विभभतनसतदभेषु शब्दानाां प्रयोगाभ्यासिः
(d) शब्दाथि-स्िष्टीकरण-द्िारा शब्दप्रयोगिः

Ans : (c)
कुछ छात्र भाषण-लेिन-प्रकिया के सतदभि में , कुछ शब्दों के प्रयोग के सतदभि में अथिा अथि
भेद करने में समथि नहीां होिे। जैसे-बोलना, कहना, स्िष्टीकरण करना इत्याहद। इसके भलए
आिश्यक है कक आधारभूि भसद्धातिों को अचधकृत्य कर विभभतन सतदभो में शब्दों के प्रयोग
का अभ्यास करना।

Q.39. गनिबोिक-छात्रार्ां (Kinesthetic learners) मल्


ू याङ्खकनाथं ककम ् अनप
ु यक्ट्
ु िम ्?
(a) भभू मका-तनििहणम ्, सामहू हकां कायिम ् (b) बहुविकल्िात्मकािः प्रश्नािः
(c) दीघि-िरीक्षणां तनबतधिः िा (d) आरे ि-शीषिकदानम ्

Ans : (c)
गतिबोधक छात्रों का दीघि िरीक्षण अथिा तनबतध लेिन द्िारा मल्
ू याांकन अनि
ु यक्
ु ि होिा है ।
जबकक भभू मका तनििहन, बहुविकल्यात्मक और आरे ि-शीषिक िरीक्षण ऐसा छात्रों के भलए
उियक्
ु ि होिा है।

Q.40. 'कोऽपप छात्रः अधिगन्िंु ककस्चचि ् कादिन्यम ् अनभ


ु र्नि। अन्य-सामान्य-छात्रार्ां
कृिे ननलमवि-र्ाचनसामग्रीम ् अधिकृत्य सः अपप ननपर्
ु ः भर्ेि ्' इत्यथं कृिउपचारात्मक-
लशक्षर्तय कृिे ककम ् अत्यधिकम ् आर्श्यकम ् ?
(a) िाठ्यिस्िुनिः सारप्रदानम ् अथिा सरल-िठन-तनिेशप्रदानम ् (Reding inputs)
(b) सङ्गणक-माध्यमेन भशक्षणाथिम ् 'आङ्गुभलक-िाठ्य सामग्री' (Digital Reading
Material)
(c) अिररचििशब्दानाम ् अभभज्ञानम ् एिञ्ि छात्रभेय सहयोगदानां यि ् िे शब्दाथं िष्टुम ्
अिगतिुां ि समथाििः भिेयुिः।
(d) तनधािररि-िाठ्यसामग्रयािः केतिीकरणम ्

Ans : (c)
कुछ छात्र आसानी से समझ जािे हैं और कुछ कहठनिा का अनभ
ु ि करिे हैं। अतय सामातय
छात्र तनभमिि िािन सामग्री को अचधकृत्य कर कुशलिा को प्राप्ि हो इसके भलए उििारात्मक
भशक्षण अत्यचधक आिश्यक है , िह यह कक छात्र अविररचिि शब्दों की जानकारी प्राप्ि करें
और उन शब्दों के अथि को समझ सकने में समथि हों।

Q.41. अिोलिखििेषु कस्तमन ् काये सूक्ष्मपेशीयकौशितय (Fine motor skill)


आर्श्यकिा अस्ति?
(a) आरोहणे (b) लेिने (c) कूदि ने (d) िठने

Ans: (b)
लेिन कायि में सक्ष्
ू मिेशीय कौशल की अति आिश्यकिा होिी है। 'सूक्ष्मिेशीय कौशल' िह
कौशल है जो लेिन की प्रमाखणकिा िथा कुशलिा िर तनभिर करिा हैं इस कौशल में छात्र
अिनी लेिनी के माध्यम से अिने आत्मशन्क्ि कौशल को भी िरििा एिां समझिा है ।
“मनोिैज्ञातनकों ने इस कौशल को 'छात्रिेशीय' कौशल भी बिाया है ।"

Q.42. मल्
ू याङ्खकनसमये अिोलिखििेषु कस्तमन ् पर्षये लशक्षकतय ध्यानं तयाि ्?
(a) धाराप्रिाहीिक्िभृ भिः सह िस्य छात्रस्य विकासस्य िल
ु ना
(b) सजिनात्मकलेिकैिः सह िस्य छात्रस्य विकासस्य िल
ु ना
(c) एकस्य छात्रस्य विकासस्य अतयच्छात्राणाां विकासैिः सह िल
ु ना
(d) एकस्य छात्रस्य विकासस्य िस्य िूिन्ि स्थत्या सह िल
ु ना

Ans : (d)
मूल्याङ्कन के समय िर भशक्षक का आिश्यक ध्यानाकषिण एक छात्र के विकास िथा उसके
िूिि न्स्थि कायि की ित्क्षण िल
ु ना करना अथािि ् कक्षा में भशक्षण मूल्याङ्कन िर भशक्षक प्रति-
प्रति छात्र के हहसाब से एक ही छात्र िर ध्यान को अांककि करे गा िभी 'एकाांगी मल्
ू याङ्कन
भशक्षण प्रणाली िद्धति' िण
ू ि भी होगी साथ ही साथ मल्
ू याङ्कन भी एक छात्र का आसानी से
हो जायेगा।
क्योंकक 'मल्
ू याङ्कन' का िात्ियि यही है कक मल
ू िा का अङ्कन करना।

Q.43. लशक्षक्षका केनापप शब्िे न त्रबना छात्रैः सह सम्प्रेषर्ं करोनि। एर्ं सा उपयोगं
करोनि
(a) शान्ब्दकसम्प्रेषणस्य (b) शब्दे िरसम्प्रेषणस्य
(c) मौखिकसम्प्रेषणस्य (d) भलखििसम्प्रेषणस्य

Ans : (b)
शब्दे िरसम्प्रेषण के त्रबना भशक्षक्षका छात्रों के साथ सम्प्रेषण (िाक्य आदान-प्रदान करिी है और
उसका भशक्षण कायि के समय कक्षा में उियोग भी करिी है। 'शब्दे िरसम्प्रेषण' का िात्ियि
शब्दों के अतिररक्ि सम्प्रेषण से है । न्जसे हम व्यािहाररक ज्ञान भी कह सकिे हैं।

Q.44. भाषा िार्ि ् अलभव्यक्ट्िेः, तर्मिव्यक्ट्िीकरर्तय सर्वश्रेरि -----माध्यमम ् अस्ति।


(a) प्रिार (Propagation) (b) सांग्रह (Collection)
(c) वितनमय (Exchange) (d) उियक्
ुि िां सििमवि

Ans : (c)
भाषा िािि ् अभभव्यक्िेिः, स्िमिव्यक्िीकरणस्य सििश्रेष्ठ वितनमय माध्यमम ् अन्स्ि। अथािि ्
भाषा अभभव्यन्क्ि िथा अिने मि के अभभव्यक्िीकरण के सििश्रेष्ठ वितनमय (आदान-प्रदान)
का माध्यम है।

Q.45. उपचारात्मक-लशक्षर्पद्िनिः (Remedial coaching) इनि


(a) व्यतििमेण समस्यानाां प्रस्ितु िां करोति
(b) समस्यानाां समाधाने साफल्यां प्रति प्राियति
(c) समस्या अभभज्ञानाथिम ् अिेक्षक्षि-काहठतयस्य स्िरां िधियति
(d) समस्यािः प्रति भाषाभसद्धातिज्ञानां प्रददाति

Ans : (b)
उििारात्मक-भशक्षणिद्धतििः समस्यानाां समाधाने साफल्यां प्रति प्राियति। अथािि ्
उििारात्मक भशक्षण िद्धति समस्या समाधान के भलए सफलिा को प्राप्ि करिी है ।

Q.46. भाषायां व्याकरर्लशक्षर्ं कतय समीकरर्ाय सहायकं भर्नि?


(a) सङ्ख्यात्मकिायािः (Numeracy) (b) साक्षरिायािः (Literacy)
(c) शुद्धिायािः (Accuracy) (d) िाक्प्रिाहस्य (Fluency)

Ans : (c)
भाषायाां व्याकरणभशक्षणां शुद्धिायािः समीकरणाय सहायकां भिति। व्याकरण भशक्षण के भलए
शुद्धिा का होना अत्यति आिश्यक है । इसके आभाि में व्याकरण भशक्षण सम्भि नहीां होिा।

Q.47. 'पर क्षर्ं प्रामाखर्कं भर्नि यदि पर क्षर्ीयतय सम्यक् पर क्षर्ं भर्ेि ्। पर क्षर्ं
पर्श्र्सनीयं भर्नि यिा ित्र साित्यं भर्ेि ् । किाधचि ् पर क्षर्ेन पर क्षर्ीयतय सम्यक्
पर क्षर्ं नापप भर्ेि ् िथापप पर क्षर्तय साित्यं मन्यिे।। एिैः र्ाक्ट्यैः िेिकतय
मख्
ु यम ् उद्िे श्यम ्
(a) प्रामाखणकिा विश्िसनीयिा इत्येियोिः भेदस्य िणिनम ्
(b) साम्प्रतिकशोधकायेषु प्रामाखणकिायािः विश्िसनीयिायािः ि िरीक्षणे योगदानम ्।
(c) अस्माभभिः प्रामाखणकां विश्िसनीयम ् इति िदाभ्याम ् िरीक्षणानाां िणिनां करणीयां न िा इति
सतदे होिस्थािनम ् ।
(d) सिेषु िरीक्षणेषु प्रामाखणकिा विश्िसनीयिा ि स्यािाम ् इति आग्रहिः

Ans : (a)
िरीक्षण िभी प्रामाखणक होिा है , यहद िरीक्षण का सम्यक िरीक्षण हो। िरीक्षण विश्िसनीय
होिा है , जब उसमें सत्यिा होिी है । कभी िरीक्षण से िरीक्षण का सम्यक िरीक्षण नहीां होिा
कफर भी िरीक्षण की सत्यिा मानी जािी है । इस िाक्य में लेिक का मख्
ु य उद्दे श्य
प्रामाखणकिा एिां विश्िसनीयिा के बीि विभेद का िणिन है।

Q.48. षरिकक्षायाः लशक्षक्षका तर्च्छात्रान ् उत्तमिेिकान ् किम


ुव ् इच्छनि। सा त्रबन्िन
ू ाम ्
आिारे र् िेिनकायवतय आरम्भं किुं प्रेरयनि। अनन्िरम ् एकम ् असम्पूर्म
व ्
अपररमास्जविं िेिं प्रतिूय ििप
ु रर सहपादिलभः सह चचाव किुं प्रेरयनि। लशक्षक्षका िेिनम ्
एर्ंप्रकारे र् पश्यनि
(a) ििाि (b) िररणामिः (c) प्रकिया (d) तनबतधिः

Ans : (c)
छठी कक्षा की भशक्षक्षका अिने छात्रों को अच्छा लेिन कराने को सोििी हैं िह महत्ििण
ू ि
त्रबतदओ
ु ां को आधार बनाकर लेिन आरम्भ करने को प्रेररि करिी है । अनतिर एक असम्िण
ू ि
और अिररमान्जिि लेि प्रस्िुि कर उस िर अिने भमत्रों के साथ ििाि करने को कहिी है ।
भशक्षक्षका इस प्रकार के लेिन को एक प्रकिया मानिी है।

Q.49. पिनकौशिं नाम


(a) िाठस्य अथिकरणम ्
(b) िाठस्य कण्ठस्थीकरणम ्
(c) िाठस्य अभभज्ञानम ्
(d) अबाधगतिना शुद्धोच्िारणेन सह िाठस्य उच्िैिः िठनम ्

Ans : (a)
िाठ के भािों को स्िष्ट करना (िाठस्य अथिकरणम ्) िठन ् कौशल का नाम है । अििः िठन ्
कौशल द्िारा िाठ के अथि ग्रहण करने का सबसे उियोगी गण
ु है।

Q.50. लशक्षक्षका िाद्यपर्षयकपाितय पिनाथं ननिे शनाि ् पर् ू त


व र्तर्भोजनप्रर्पृ त्तपर्षये
समहू ेषु र्ािाविापं किुं छात्रान ् ननदिव शनि। एर्ं सा ककं करोनि?
(a) िाठस्य बोधिि
ू क
ि ां िठनाथं िान ् समथािन ् करोति
(b) कक्षागिज्ञानेन सह विद्याचथिनाां जीिनानभ
ु िस्य सम्बतधां स्थाियति
(c) िेषाां भाषणकौशलस्य सांिधिनां करोति
(d) िाठस्य उच्िैिः िठनाथं छात्रान ् समथािन ् करोति

Ans : (b)
एक भशक्षक्षका िाद्य विषयक िाठ के िढ़ने हे िु तनदे श से िि
ू ि अिने-अिने भोजन विषयक
प्रिवृ त्त के विषय में छात्रों से समूह में िािाि करने को कहिी है। इस प्रकार िह कथागि ज्ञान के
साथ विद्याचथियों के जीिन अनभ
ु ि से सम्बतध स्थाविि करिी है ।

Q.51. गीिा एकं कथासंग्रहं पिनि। एर्म्प्रकारकं पिनं कथ्यिे


(a) िरीक्षाथं िठनम ् इति (b) आनतदाथं िठनम ् इति
(c) विश्दाथं िठनम ् इति (d) सूिनाप्राप्िीच्छा इति

Ans : (b)
गीिा एक कथा सांग्रह िढ़िी है। इस प्रकार का िठन आनतद हे िु िठन कहा जािा है। क्योंकक
कथा सांग्रह का अध्ययन अत्यचधक रुचिकर होिा है ।

Q.52. यिा छात्राः काितय अर्िारर्ं अर्गन्िं समथावः न भर्स्न्ि ििा उपचारात्मकं
कायं ककं भपर्रयनि?
(a) लकारानग
ु ण
ु ां रूिाणाां िन
ु िः िन
ु िः स्मरणम ् (b) सम्बद्धलकाराणाम ् अभ्यासिः
(c) सतदभािनग
ु ण
ु ां भाषाभ्यासिः (d) सम्बद्धसत्र
ू ाणाां रटनम ्

Ans : (a)
जब छात्र काल को अिधारण करने में समथि नहीां होिे िब उििारात्मक कायि लकार सम्बतधी
रूिों का बार-बार स्मरण कराया जाना उचिि होगा।

Q.53. िेिनकौशितय अभ्यासाथव महत्त्र्पूर्म


व स्ति
(a) िािनाभ्यासिः (b) व्याकरणाभ्यासिः
(c) साराांशलेिनम ् (d) हटप्िणीस्िीकरणम ्

Ans : (c)
लेिन कौशल के अभ्यास के भलए साराांश लेिन महत्ििण
ू ि होिा है। इससे सम्िण
ू ि अनच्
ु छे द
का कम शब्दों में भाि स्िष्ट हो जािा है ।

Q.54. पूर्र्
व ाचनगनिपर्धिः इत्यतय प्रमुिोद्िे शः अस्ति
(a) छात्राणाां ज्ञानिद्
ृ चधिः (b) िाठे रुचििधिनम ्
(c) आनतदप्रदानाम ् अनुभिानाां ज्ञानम ् (d) नूिनशब्दानाां िाठनम ्

Ans : (b)
िूिि
ि ािन गतिविचध का प्रमुि उद्दे श्य िाठ्यातिगिि रुचि िधिन है । िि
ू ि
ि ािन से िाठ के भािों
का स्िष्टीकरण होने लगिा है । और जब अध्यािक िाठ के िथ्य को समझािे हैं िो बड़ी
सहजिा से छात्र उसे समझ लेिा है ।

Q.55. छात्रैः कृिाः सर्े भाषािोषाः अध्यापकेन नैर् शोिनीयाः यिः


(a) िदत्यतिदष्ु करम ्
(b) प्रायो दोषािः भाषािबोधनमां सि
ू यन्ति
(c) दोषशोधनां भाषाबोधनस्य भागो न
(d) छात्रािः भशक्षकान ् िरीक्षक्षिांु सोद्दे शां दोषान ् कुििन्ति

Ans : (b)
छात्रों द्िारा भाषा दोष प्रायिः भाषा के स्िष्टीकरण में विसांगति प्रकट करिा है । अििः इस िर
अध्यािक द्िारा विशेष ध्यान दे ना आिश्यक है ।

Q.56. रचनात्मकाकिनतय प्रिानोद्िे शः


(a) उत्तीणििायािः अनत्त
ु ीणििायाश्ि तनधािरणम ् (b) उिलन्ब्धमािनम ्
(c) बोधनाध्ययनोतनिीकरणम ् (d) छात्रदोषातिेषणम ्

Ans : (c)
रिनात्मक आकलन का प्रधान या प्रमि
ु उद्दे श्य बोधन (ज्ञान) के अध्ययन की उतनति
करना है । अथािि ् ज्ञान के अध्ययन का ज्ञान के आकलन रिनात्मकिा द्िारा ककया जािा है।

Q.57. यस्त्कस्चचत्पाठ्यिे सिै र् एर् अर्गम्यिे यिः?


(a) छात्रािःभभतन-योग्यिा-व्यन्क्ित्ि-सामान्जकिष्ृ ठभभू मयक्
ु िािः भिन्ति
(b) कोऽवि अध्यािकिः अथिा अचधगतिकिः सांस्कृिविषये िण
ू ि
ि या न तनिण
ु िः
(c) अनौििाररक-िािािलािसमये छात्रािः सािधानािः भिन्ति
(d) भशक्षकस्य सामान्जकस्िरिः, आचथिकस्िरिः भभतनिः भिति

Ans : (a)
यहद तनरतिर थोड़ा-थोड़ा अभ्यास करके छात्र िढ़िा है िो िह छात्र अतय छात्रों से भभतन
योग्यिा, व्यन्क्ित्ि िथा सामान्जक िष्ृ ठभूभम युक्ि हो जािा है ।

Q.58. एका लशक्षक्षका तर्लशक्षाधथवभ्यःरे ि-समयसाररर्ीं प्रिाय िान ् निधथ-तथान-


श्रेण्यनुसारम ् आरक्षर्प्रपत्रं पूरनयिुं कथयनि। अतयां गनिपर्िौ र्ाचनतय ककम ् उपकौशिं
ननदहिम ्?
(a) विभभतन-िाठ्यसामग्रयथं विभभतन-युक्िीनाां िररिालनम ्।
(b) मौखिकरूिाि ् रे िाचित्रात्मकरूिेण सूिनायािः िरािििनम ्।
(c) अतयसामग्रया सह सम्बतधद्िारा िाठ्यिस्िुनिः स्िष्टीकरणम ्
(d) अिलोकनेन सूिना कथां प्रािणीया।

Ans : (c)
“एक भशक्षक्षका ने अिने छात्रों से रे ल समय सारणी दे कर उनसे तिचथ, स्थान और श्रेणी के
अनस
ु ार आरक्षण प्रित्र िरू ा करने को कहा” सम्प्रति विधाां में िािना का अतय सामचग्रयों
सहहि िाठ्यिस्िओ
ु ां के स्िष्टीकरण का उिकौशल तनहहि है।

Q.59. अरटमकक्षायाः एकः अध्यापकः एकतय गद्यपाितय पर्भाजनं चिष


ु ुव भागेषु
कृत्र्ा प्रत्येकं छात्राय एकं भाग प्रयच्छनि। छात्राः, चिुषु समह
ू े षु तर्भागतय र्ाचनं
कृत्र्ा गद्याि ् प्राप्िसूचनायाः परतपरम ् आिान-प्रिानं कुर्वस्न्ि। ित्पश्चाि ् िे
सम्पूर्ग
व द्यािाररिाम ् एकां साररर्ी (Table) पूरयस्न्ि। एिया र त्या, या 'Jigsaw
Reading' इनि मन्यिे, छात्रेषु केषां कौशिानां पर्कासतय सम्भार्ना दृश्यिे?
(a) िािन-भाषण-कौशलयोिः (b) िािन-श्रिण-लेिन-कौशलानाम ्
(c) िािन-श्रिण-भाषण-कौशलानाम ् (d) िािन-लेिन-भाषण-कौशलानाम ्
Ans : (b)
आठिीां कक्षा का एक अध्यािक एक गद्य िाठ का विभाजन िार भागों में करके प्रत्येक छात्र
को एक भाग प्रदान करिा है । छात्र िार समूहों में अिने भाग का िािन करके गद्य से प्राप्ि
सूिना का िरस्िर आदान-प्रदान करिे हैं। ित्िश्िाि ् िे सम्िूणि गद्य आधाररि एक सारणी
बनािे हैं। इससे छात्रों के ििन, श्रिण, लेिन, कौशल के विकास की सम्भािना हदििी है ।

Q.60. कक्ष्यायां लशक्षक्षका पर्पर्िान ् उपायान ् प्रकियाश्च एििथवम ् उपयुचजीि


(a) स्ििैदग्ध्यां प्रदशितयिम
ु ्
(b) िररणामकाररिया छात्रान ् आकलतयिुम ्
(c) शीघ्रां िदोतनतिां न्स्थरीकिम
ुि ्
(d) विविधच्छात्रप्रकाराणाम ् आिश्यकिािः िूरतयिम
ु ्

Ans : (d)
कक्षा में भशक्षक्षका अनेक प्रकार के उिायों ि प्रकियाओां का प्रयोग करिी है जो इस प्रकार हैं-
कक्षा में अनेक प्रकार के छात्र रहिे हैं, भशक्षक्षका उन सबकी आिश्यकिाओां को िरू ा करिी है।

Q.61. 'यस्त्कस्चचि ् पाठ्यिे ििे र् िद्नुगुर्ां र्ा अर्गम्यिे इनि आर्श्यकम ् न'। ककं
कारर्म ्?
(a) छात्रािः भभतनक्षमिायुक्िािः भिन्ति। िेषाां व्यन्क्त्िां िष्ृ ठभूभमिः िावि भभतनरूिेण भिति।
(b) कोऽवि अध्यािकिः छात्रिः िा कदावि सम्िूणम
ि ् अिगतिुां| समथाििः न भिन्ति (c) छात्रािः
केिलम ् अनौििाररक-ििाि प्रति एि अिधानयुक्िािः भिन्ति
(d) अध्यािकानाम ्/अध्याविकानाां सामान्जक-आचथिक-स्िरे अत्यचधकिः भेदिः भिति

Ans : (a)
जो भी िाठ कक्षा में िढ़ाया जाय, उसका अनग
ु मन भी उिना ही आिश्यक नहीां है। ऐसा
इसभलए कक छात्रों की क्षमिा िथ
ृ क-िथ
ृ क होिी है। उनके व्यन्क्ित्ि की िष्ृ ठभूभम अलग-
अलग होिी है ।

Q.62. प्रनिपुस्रटः (Feedback) अस्ति


(a) उभयभशक्षकभशक्षाचथिनाां कृिे स्िस्िविकासाय
(b) मािॄणाां वििॄणाां कृिे िेषाां बालानाां गह
ृ कायिकरणाय िरीक्षाप्रस्िुत्यथं ि
(c) भशक्षाचथिनाां कृिे अचधगमविकासाय
(d) भशक्षकाणाां कृिे अध्यािनविकासाय

Ans : (a)
प्रतििन्ु ष्ट को अनेक िैज्ञातनकों ने 'स्िस्थ छात्रस्य ि भशक्षकस्य विकासिः' के रूि में भी
िररभावषि ककया है । क्योंकक प्रतििुन्ष्ट के अतिगिि भशक्षक और भशक्षाथी दोनों के द्िारा स्ि
विकास कायि ककया जािा है।

Q.63. बािानां पिनतय िेिनतय च पर्कासाय आद्यं चरर्ं ककम ् अस्ति?


(a) निसाक्षरिा (Neo-literacy) (b) प्राक्साक्षरिा (Pre-literacy)
(c) साक्षरिा (Literacy) (d) उद्गामी साक्षरिा (Emergent)

Ans : (d)
बालकों के िढ़ने और भलिने के विकास के भलए प्रारम्भ का िरण 'उद्गामी साक्षरिा' ही होिी
है । उद्गामी साक्षरिा का अथि होिा है - स्फुहटि साक्षरिा

Q.64. पर्द्यािये यथाथविया आंग्िभाषायाःलशक्षर्ाथं महत्त्र्पर्


ू मव ् अङ्खगम ् अस्ति
(a) ित्स्थानीयभशक्षकस्य उिन्स्थतििः (b) आनुिूयेण व्याकरणतनयमानाां भशक्षणम ्
(c) शुद्धोच्िारणस्य भशक्षणम ् (d) भाषायािः प्रयोगाथिम ् अिसरिः
Ans : (d)
विद्यालय में यथाथि रूि से अांग्रेजी भाषा के भशक्षण का महत्ििण
ू ि भाग है- भाषा के प्रयोग का
अिसर प्रदान ककया जाये। क्योंकक भाषा का न्जिना अचधक प्रयोग होगा उस विषय में ज्ञान
उिना ही अचधक बढ़िा है ।

Q.65. श्रर्र्बोिे सामथ्यवम ् अस्ति चेि ्


(a) श्रुत्िा शुद्धिया लेखििुां प्रभिति
(b) अिरां जनां शातिचित्तेन शश्ृ याि ्
(c) कचथिे विषये रुचिां स्िवििारां ि प्रकटयति
(d) कचथिां विषयां िुनिः उिस्थाितयिुां समथििः भिति
Ans : (c)
हम भाषा का उियोग भािवितनमय के भलए करिे हैं। भाषा हमारे वििारों के आदान प्रदान का
साधन है। श्रिण बोध में सामथ्यि है कक कहे गये विषय िर अिनी रुचि और वििार को प्रकट
करने का साधन है ।

Q.66. भाषापाठ्यपत
ु िकेषु प्रत्येकं पािान्िे/अध्यायान्िे प्रित्तानां कियाकिापानाम ्
अभ्यासप्रश्नानां च मख्
ु यम ् उद्िे श्यम ् एिद् न तयाि ्
(a) िाठस्य सामातय-अथिकरणे सामथ्यििद्
ृ चधिः (b) कण्ठस्थीकरणस्य सामथ्यििद्
ृ चधिः
(c) चितिनस्य िथा वििारस्य सामथ्यििद्
ृ चधिः (d) चितिनिरक-सम्प्रेषणे सामथ्यििद्
ृ चधिः

Ans : (b)
भाषा िाठ्य िुस्िकों के प्रत्येक िाठ में प्रदत्त कियाकलािों एिां अभ्यास प्रश्नों का मुख्य
उद्दे श्य कण्ठस्थीकरणस्य सामथ्यि िद्
ृ चध अथािि याद करने की सामथ्यि में िद्
ृ चध होिी है ।

Q.67. भाषालशक्षर्ाथवम ् अितिनेषु किमं व्यर्हारर्ाितय लसद्िान्िं न अनस


ु रनि?
(a) भाषाभशक्षणाथिम ् अतितनिहहियतत्रम ् (b) अनक
ु रणां दृढ़ीकरणां ि
(c) कण्ठस्थीकरणम ् अभ्यासश्ि (d) अभ्यासतनमािणप्रकिया
Ans : (a)
भाषा भशक्षण हे िु अतितनिहहि यांत्र व्यिहारिादी भसद्धाति का अनस
ु रण नहीां करिा।
अनुकरण और दृढ़ीकरण, याद करना एिां अभ्यास करना के साथ-साथ अभ्यास तनमािण
प्रकिया भाषा भशक्षण का व्यिहारिादी भसद्धाति है ।

Q.68. अितिनेषु ककं श्रर्र्पर्


ू गव निपर्धिः अस्ति?
(a) िररच्छे दस्य भािम ् आदाय िद्गि-प्रश्नानाम ् उत्तरां भलखिि छात्रान ् तनहदि शति
(b) भशक्षकिः प्रस्िि ु िविषये ि छात्रिः ककां जानन्ति इति प्रश्नां कुयािि ्
ु विषये जीिनानभ
(c) िररच्दे स्य विषये प्रश्नां कुयािि
(d) शब्दान ् िाक्याांशान ् ि सांगन
ृ य िदि
ु रर िूिं ििाि कुयािि ्

Ans : (b)
भशक्षक प्रस्िुि विषय में और जीिन अनभ
ु ि के विषय में छात्र क्या जानिा है , इस प्रकार प्रश्न
करना िाहहए। यह श्रिण िूिि गतिविचध है।

Q.69. सर्ेषां बािानां जन्मन एर् भाषाधिग्रहर्तय अन्िननवदहिशस्क्ट्िः पर्द्यिे।


(a) सािित्रत्रकव्याकरणविभशष्टस्य (b) सािित्रत्रकमागिविभशष्टस्य
(c) सािित्रत्रकमागिविभशष्टस्य (d) सािित्रत्रकशब्दकोषविभशष्टस्य

Ans : (c)
सभी बालकों के जतम से सािित्रत्रकमागि की विभशष्टिा से ही भाषाग्रहण की अतितनिहहि शन्क्ि
है ।

Q.70. छात्रार्ां भाषर्कौशि-पर्कासाथव ध्र्ननिमतय उपयोगः कथं करर्ीयः?


(a) भाषणयुक्ि-श्रुिलेिद्िारा
(b) व्यांग्यचित्राणाां अथिा अतय-दृश्यसामग्रयािः प्रयोगद्िारा
(c) मल
ू ित्त्िाधाररि-कथायािः वििरण-कथा द्िारा
(d) अभभसांचिि-ध्ितन-श्रिण-िश्िाि ् श्रुिसामग्रीमाधारीकृत्य व्याख्याद्िारा अथिा
कथाकथनद्िारा

Ans : (d)
छात्रों के बीि भाषा कौशल के विकास के भलए ध्ितन िम का उियोग अभभसांचिि ध्ितन-श्रिण
के उिराति सन
ु ी गई (श्रि
ू ) सामग्री को आधार बनाकर व्याख्या द्िारा अथिा कथाकथन
द्िारा उियोग करना िाहहए।

Q.71. पाठ्यचयावपर्कासतय सोपानिमः अस्ति


(a) िाठ्यिस्िुियनां, आिश्यकिायािः आकलनम ् लक्ष्यतनधािरणां, मूल्याङ्कनां ि
(b) उद्दे श्यतनधािरणम ्, आिश्यकिायािः आकलनम ्, िाठ्यिस्िि
ु यनां मल्
ू याङ्कनम ् ि
(c) लक्ष्यतनधािरणम ् आिश्यकिायािः आकलनां, मल्
ू याांकनां,िाठ्यिस्िि
ु यनम ्
(d) आिश्यकिाविश्लेषणां, लक्ष्यतनधािरणां, िाठ्यिस्िु ियनम ् आकलनां ि

Ans : (d)
िाठ्यियाि के विकास का सोिान िम है- आिश्यकिा विश्लेषण, लक्ष्य तनधािरण और
िाठ्यिस्िु के ियन का आकलन करना।

Q.72. भिह
वृ रररधचिं र्ाक्ट्यपि यं सम्बद्िमस्ति
(a) अष्टाध्यायी-सत्र
ू व्याख्यया (b) महाभाष्यस्य व्याख्यया
(c) व्याकरणदशिनेन (d) काव्यशास्त्र-भसद्धातिेन

Ans : (c)
भिह
िृ रर रचिि िाक्यिदीय सम्बद्ध है - व्याकरण दशिन से। यह अष्टाध्यायी सत्र
ू व्याख्या या
महाभाष्य व्याख्या से सम्बन्तधि नहीां है ।

Q.73. मानर्िार्ाि उपागमः इत्यनेन अलभप्रायः अस्ति


(a) नूिनसतदभेषु अचधगि-सामग्रीणाां-सांकल्िनानाां-भसद्धातिानाां अनुप्रयोगिः
(b) अतिेषणात्मकी प्रकिया
(c) अचधगि-सांकल्िनानाां प्रस्िुिीकरणम ्
(d) विभशष्टलक्षणयुक्ि-विभभतन-शैक्षक्षक-विषयेषु नैिुण्यम ्

Ans : (a)
मानििािादी उिागम का अभभप्राय है - नूिन सतदभि में अचधगि सामग्री के सांकल्ि के
भसद्धाति का अनप्र
ु योग। इससे सांकल्िों और भसद्धातिों में विभशष्टिा दभशिि हो जािी है।

Q.74. व्याकरर्-बोिनतयोत्तमोपायः
(a) सवििेकां व्याकरणाांशाभ्यासस्योियोगिः (b) अलङ्कारबोधने केतिीकरणम ्
(c) व्याकरणकायािणाम ् एकीकृिोियोगिः (d) व्याकरणसूत्राणाां छात्रैिः कण्ठस्थीकरणम ्

Ans : (c)
व्याकरण के ज्ञान का सबसे उत्तम उिाय है-" व्याकरणकायािणाम ् एकीकृिोियोगिः।” अथािि ्
व्याकरण के ज्ञान के भलए कियात्मक व्याकरण की एकीकृि उियोग अतनिायि है । मािभ
ृ ाषा के
भलए कियात्मक व्याकरण उियक्
ु ि हो सकिा है अथािि ् छात्र को उस भाषा का प्रारन्म्भक ज्ञान
कराना िाहहए।

Q.75. यिा अध्यापपका अर्गमने क्ट्िेशान ् न्यूनिां च ज्ञािुं पर क्षां करोनि, िादृशी
पर क्षा एर्ं भर्नि
(a) भसद्चधिरीक्षा (b) नैिुण्यिरीक्षा
(c) तनदानान्त्मका िरीक्षा (d) उििारात्मकिरीक्षा

Ans : (d)
जब अध्याविका आिी है या आगमन िर कष्ट (क्लेश) और तयूनिा के ज्ञान की िरीक्षा करिी
है िो उसे उििारात्मक िरीक्षा कहा जािा है अथािि ् इसमें छात्रों की कभमयों का उििार ककया
जािा है ।

Q.76. संलमश्रशस्क्ट्िमत्समह
ू ः अस्तमन्नसमानो भर्नि
(a) भलङ्गे ियभस ि (b) सामान्जकस्िरे (c) ज्ञानकौशलयोिः (d) आचथिकस्िरे

Ans : (b)
सांभमचश्रि शन्क्ियों का समह
ू सामान्जक स्िर के समान होिा है । सामान्जक स्िर में समग्र
शन्क्ियों का भमश्रण होिा है । इसमें हर क्षेत्र के विषय का ज्ञान होिा है ।

Q.77. प्रारस्म्भकतिरे पिनं लशक्षनयिम


ु ् अितिनेषु कतय उपाियिा अधिका भर्नि?
(a) िस्
ु िकानाम ् (b) प्रकृििस्िन
ू ाम ् (Realia)
(c) बोधिट्टानाम ् (Flash cards) (d) द्वििाथीयरे िाचित्राणाम ् (Flip charts)

Ans : (c)
तनन्श्िि रूि से भशक्षण कायि में प्रारन्म्भक स्िर को िढ़ाने हे िु भशक्षक को बोधिट्टानाम ्
(फ्लैश कािि) की उिादे यिा अचधक रिनी िाहहए। ‘फ्लैश कािि' एक िाठन सामग्री होिी है ।

Q.78. लशक्षक्षका तर्कक्षायाः बािान ् यगु िेषु पर्भजनि। िान ् युगिान ् तर्तर्पस्ु तिकानां
ु ारं संशोिनं किुं सूचयनि। एर्ं सा ककं किम
पर्ननमयं कृत्र्ा ननिे शानस ुव ् इच्छनि?
(a) समकक्षीयमल्
ू याङ्कनम ् (Peer assessment)
(b) सामहू हकमल्
ू याङ्कनम ् (Group assessment)
(c) सांशोधनम ् (Correction)
(d) स्ियां मल्
ू याङ्कनम ् (Self-assessment)

Ans : (a)
प्रश्नानुसार, कोई भशक्षक्षका/अध्याविका अिनी कक्षा के बालकों को जोड़ों में विभान्जि करिी है
िथा उन युगलों को स्ियां उतहीां की ककिाबों को प्रदत्त (प्रदान) करके भशक्षक्षका जब अिने तनदे श
के अनस
ु ार उन छात्रों को सांशोधन (हट सांशोधन) के भलए सचू िि करिी है। िब इस प्रकार का
भशक्षक्षका का कायि 'समकक्षीयमल्
ू याांकन' (Peer assessment) कहलािा है।

Q.79. र्यं भाषायाः उपयोगं कुमवः


(a) लेिनाथिम ् (b) भािवितनमयाथिम ् (c) श्रिणाथिम ् (d) िठनाथिम ्

Ans : (b)
हम भाषा का उियोग भािवितनमय के भलए करिे हैं। भाषा हमारे वििारों के आदान प्रदान का
साधन है। अििः भाषा भािवितनयम का साधन है ।

Q.80. अधिकांशाः लशक्षकाः छात्रार्ां शब्िज्ञानर्द्


ृ ध्यथं कतय महत्त्र्म ् आमनस्न्ि?
(a) शब्दकोषस्य (b) ििितयािः (c) प्रसङ्गस्य (d) शब्द-सूिीनाम ्

Ans : (c)
प्रायिः अचधकाांश भशक्षक्षका छात्रों के शब्द ज्ञान की िद्
ृ चध हे िु प्रसङ्ग के महत्ि को तनहदि ष्ट करिे
हैं। प्रसङ्ग से कथ्य के सम्िूणि भािों का स्िष्ट तनदशिन हो जािा है।

Q.81. अितिनेषु केन त्रत्रभाषासत्र


ू ं संतिि
ु म ्?
(a) भारिीयभशक्षण-आयोगिः (b) िट्टोिाध्याय-आयोग
(c) कोठारी-आयोगिः (d) हतटर-आयोगिः
Ans : (c)
हदये गये उक्ि विकल्िों में कोठारी आयोग ने त्रत्रभाषा सत्र
ू की सांस्ितु ि की है । त्रत्रभाषासत्र
ू के
अतिगिि िीन भाषायें- हहतदी, अांग्रेजी एिां एक स्थानीय भाषा है ।

Q.82. लशक्षक्षका छात्रेभ्यः कतयास्श्चि ् घटनायाः पर्र्रर्ं किुव ननदिव शानि यतयां िे
आनन्िं प्राप्िर्न्िः, उत्साहम ् अथर्ा आश्चयवम ् अनभ
ु ूिर्न्िः। ितय कृिे सा छात्रेभ्यः
सङ्खकेिान ् ििानि, यथा-केन सह ......, किा घदटिा इत्यादि। एर्ं सा प्रयत्न करोनि
(a) लेिनगतिविकासाय (b) छात्राणाां स्मतृ ििधिनाय
(c) सजिनात्मकलेिनविकासाय (d) सत
ु दरहस्िाक्षरविकासाय

Ans : (b)
भशक्षक्षका छात्रों से ककसी घटना का चित्रण करने को कहिी है न्जसमें उतहें आनतद प्राप्ि हुआ
है । उत्साह अथिा आश्ियि की अनभ
ु तू ि हुई हो। उनके इस कायि में िह भशक्षक्षका छात्रों को कुछ
सांकेि दे िी है । जैसे ककसके साथ छात्रों की स्मतृ ििधिन हुआ है , कोई घटना कब घहटि हुई है
इत्याहद।

Q.83. द्र्न्द्र्समासतय उिाहरर्म ्


(a) िीिाम्बरिः (b) रामकृष्णौ (c) नीलोत्िलम ् (d) राजिरु
ु षिः

Ans : (b)
द्ितद्ि समास का उदाहरण हदये गये विकल्िों में है रामकृष्णौ/ जहाां िर दोनों िद प्रधान हो
िथा उनके मध्य में 'और' शब्द का लोि हो, द्ितद्ि समास होिा है । अतय उदाहरण है -
लाभालाभ, रामलक्ष्मण, लिकुश आहद। िाथे द्ितद्ििः, उभयिदाथि प्रधानों द्ितद्ििः, न्जस
समास में सभी िद प्रधान होिे हैं िथा विग्रह करने िर 'ि' (और) से जुड़िे हैं उसे द्ितद्ि
समास कहिे हैं। इस समास में बाद िाले िद का भलङ्ग होिा है । यहद सांिूणि िद के द्िारा दो
को कहा जािा है िो द्विििन और दो से अचधक का बोध होने िर बहुििन होिे हैं।
Q.84. व्याकरर्िीडासज
ु ागरूकिा-उद्बोिनाथंककमार्श्यकम ् ?
(a) प्रदत्त-गतिविचध-समािनाथं िरस्िरां सहयोगिः
(b) विभभतनसतदभेषु भाषाप्रयोगस्य अिसरिः
(c) तनहदि ष्टलक्ष्यमचधकृत्य सांप्रेषणात्मकां कायिम ्
(d) िहठि-भाषासांरिनासतदभे गहनचितिम ्

Ans : (c)
व्याकरण िीड़ा की जागरूकिा उद्बोधन के भलए तनहदि ष्ट लक्ष्य को अचधकृि कर
सांप्रेषणात्मक कायि आिश्यक है ।

Q.85. पाठ्यचयावयाः "ऊध्र्वगालम प्रनिमानम ्" इत्यनेन अलभप्रायः अस्ति


(a) छात्रािः मक्
ु ििािािरणे िैविध्यिूणग
ि तिविचधषु भागां स्िीकृत्य िठे युिः
(b) छात्रािः भविष्योतमुखि-विषयान ् िठे यिःु
(c) आिश्यकिा-आधाररि-दरू गाभम भशक्षणम ्
(d) छात्रािः मक्
ु ििया आनतदिि
ू क
ि ां ककमवि िठे यिःु

Ans : (a)
िाठ्यियाि के अतिगिि “उध्ििगाभम प्रतिमानम ्' का अभभप्राय है - छात्र मक्
ु ििािािरण में
िैविध्यिण
ू ि गतिविचधयों में भाग लेकर िढ़े ।

Q.86. व्यापकमौल्याङ्खकनं नाम


(a) विद्याविषयाकलनम ्
(b) शैक्षखणक-सहशैक्षखणकक्षेत्रष
े ु आकलनम ्
(c) साराङ्कनद्िारा सांज्ञानकौशलानाम ् आकलनम ्
(d) गह
ृ ाध्ययन-योजनाकायिद्िारा सांसाधनात्मकिायािः आकलनम ्

Ans : (b)
शैक्षखणक एिां सहशैक्षखणक क्षेत्र के आकलन को व्यािक मल्
ू याांकन का नाम हदया जािा है
अथािि ् व्यािक मल्
ू याांकन के अतिगिि भशक्षा िथा उससे जुड़े हुए सहभशक्षा के क्षेत्र का आकलन
ककया जािा है।

Q.1. "बद्
ु धिमिां पर्द्याधथवनाम ् उच्चारर्ं िथा शब्िज्ञानम ् उत्तमं भर्नि"-केनोक्ट्िम ्?
(a) टमिनेन (Terman) (b) कफशरे ण (Fisher)
(c) थाांबया (Thamba) (d) एिैिः सिैरवि

Ans : (d)
“बुद्चधमिाां विद्याचथिनाम ् उच्िारणां िथा शब्दज्ञान ् उत्तमां एिै सिैरवि भिति।" अथािि ्
बुद्चधमान ् विद्याचथियों का उच्िारण िथा शब्द ज्ञान उत्तम होिा है यह उन्क्ि टमिनन
े ,
कफशरे ण िथा थाांबया आहद की है।

Q.2. भाषापर्कासं प्रभार्नयिुं कारकम ् (Factor) अस्ति


(a) स्िास्थ्यम ् (b) बुद्चधिः
(c) िैयन्क्िक-असमानिािः (d) उियक्
ुि िां सििमवि

Ans : (d)
भाषाविकासां प्रभाितयिां कारकम ् उियक्
ुि िां सििमवि। अथािि - भाषा विकास को प्रभाविि करने
िाले कारक स्िास्थ्य, बुद्चध िथा िैयन्क्िक-असमानिा आहद हैं।

Q.3. भाषालशक्षर्े भाषायाः आत्मसाक्षात्कारतय (Internalization) सर्ावधिकमहत्त्र्पर्


ू ःव
अंशः अस्ति
(a) केिलां िठनम ् (b) केिलां लेिनम ्
(c) श्रिणम ् एिां िठनम ् (d) केिलां श्रिणम ्

Ans : (c)
भाषाभशक्षणे भाषायािः आत्मसाक्षात्कारस्य सिािचधकमहत्त्ििूणिःि अांशिः श्रिणम ् एिां िठनम ्
अन्स्ि। अथािि - भाषा भशक्षण में भाषाओां का आत्मसाक्षात्कार करने में सिािचधक महत्त्ििूणि
अांश (भाग) सुनना िथा िढ़ना है ।

Q.4. समुधचिः भाषाकौशि-िमः मन्यिे


(a) श्रिणां िठनां भाषणां लेिनम ् (b) भाषणां श्रिणां िठनां लेिनम ्
(c) श्रिणां भाषणां लेिनां िठनां ि (d) श्रिणां भाषणां िठनां लेिनञ्ि
Ans : (d)
सही भाषा कौशल िम में आिा है- श्रिण →भाषण→िढ़ना → भलिना। िहले हम ककसी बाि
को सन
ु िे हैं, सन
ु कर िब बोलिे हैं उसके बाद िढ़िे हैं और अांि में भलििे है।

Q.5. मानर्तय पर्चारार्ां प्रभापर्-सम्प्रेषर्तय (लिखििमौखिक-रूपेर्) च मध्ये परतपरं


सम्बन्ितय आिारभूिम ् अथर्ा प्रमुिं ित्त्र्ं ककम ्?
(a) व्याकरणात्मक-सांरिना (b) उच्िारणम ्
(c) बह
ृ द्-अक्षरीकरणां लेिन-चिननाङ्कनां ि (d) स्िरीकरणां बलाघाििः ि

Ans : (a)
मनष्ु य के वििार से प्रभािी सम्प्रेषण (भलखिि एिां मौखिक रूि से) के बीि िरस्िर सम्बतध
का आधारभि
ू अथिा प्रमि
ु ित्ि व्याकरणात्मक सांरिना है।

Q.6. कोऽपप छात्रः/कापप छात्रा अधिगिज्ञानं प्रयोक्ट्िम


ु ् असमथवः/असमथाव। यथा,
अनुर्ािप्रकियाथवम ् उपयुक्ट्िशब्िचयन-सन्िभव। ककं समािानम ्?
(a) अचधक-अिचध-दानम ्
(b) अभभप्रेरणाथं सििदा सरल-अभ्यास-कायिम ्
(c) उच्िस्िरीयैिः छात्रैिः सह मेलनम ्
(d) उियक्
ु ि-रूिेण तनभमिि-श्रेखणकृि-अभ्यासित्रैिः अभ्यासकायिम ्

Ans : (d)
कोई भी छात्र अचधगि ज्ञान प्रयोग करने में असमथि हैं जैसे अनि
ु ाद प्रकिया में उियक्
ु ि शब्दों
के ियन में उियक्
ु ि रूि से तनभमिि श्रेणीकृि अभ्यास ित्र से अभ्यास करना इसका समाधान
है ।

Q.7. व्याख्यानात्मकपािने एिच्चयनमन्िभवर्नि


(a) साहहन्त्यककल्िनानाां लोकोक्िीनाम ् अलङ्काराणाां ि द्िारा अभभव्यक्िानामथािनाम ्
(b) िाठ्ये साक्षादक्
ु िानाम ् अथािनाम ्
(c) िास्ििाांशानाां घटनासरणीनाां प्रधानवििाराणाां सामातयीकरणनाम ्
(d) मौखिकसांरिनानाां, चित्रणस्य, समान-रिनाभभिः अथिा समान-शब्दै िः कथालेिनस्य

Ans : (a)
व्याख्यात्मक िाठन में साहहन्त्यक कल्िना, लोकोन्क्ियााँ और अलङ्कारों की अभभव्यन्क्ि
होिी है। व्याख्यात्मक भाषण में भािों के सांिद्िधन हे िु उक्ि विधाओां के प्रतििादन से
भाषागि िारुिा में अभभिद्
ृ चध होिी है ।

Q.8. युर्च्छात्राःभाषाम ् अजवयस्न्ि अनेन पर्िानेन


(a) िास्ििजीिनसतदभेषु िस्याां भाषायाां व्यिहरन्ति
(b) िाठ्यिस्
ु िकिठनां िथा उत्तरलेिनां कुिन्ति
(c) व्याकरणिरीक्षासु उत्तमाङ्काजिनम ्
(d) प्रश्नोत्तरकण्ठस्थीकरणम ्

Ans : (a)
यि
ु ा छात्रों में भाषा को अन्जिि करने के अनेक विधान हैं| न्जसमें िास्िविक जीिन के सांदभि में
उस भाषा का व्यिहार करना। सिोत्तम है। यि
ु ा छात्र भाषा का अजिन जीिन सतदभि में उस
भाषा को व्यिहररि करिे हैं।

Q.9. कण्िशुद्धिःसुरिूच्चारर्ं ियः र्ेगः ननरगवििा चैिे कतयांशाः?


(a) लेिनकौशलस्य (b) िठनकौशलस्य
(c) िािनकौशलस्य (d) कोशोियोगकौशलस्य

Ans : (c)
कण्ठशुद्चध से शुद्ध उच्िारण में लय, िेग की तनरगिलिा िािन कौशल के भलए आिश्यक है।

Q.10. 'अलभप्रेरक-िेिनं' (Persuasive Writing) ननम्नलिखििेषु कुत्र अन्िननवदहिम ्


अस्ति?
(a) कायि-मल्
ू याङ्कनम ्, सम्िादकां प्रति ित्राखण
(b) िररिम ्, आत्मिररिम ्
(c) विश्िकोषिः लेिािः/रे िाचित्राखण
(d) समािारािः, प्रतििेदनातन, िाठ्यिस्
ु िकातन

Ans : (a)
अभभप्रेरक-लेिनां' (Persuasive Writing) कायिमल्
ू याङ्कनम ्, सम्िादकां प्रति ित्राखण
अतितनिहहिम ् अन्स्ि। िात्ियि है - एक ऐसा लेि जो अभभप्रेररि (बल) प्रदान करिा हो
अतितनिहहि है - कायि-मूल्याङ्कन में और सम्िादकीय ित्रों में।

Q.11. 'अर्बोिनात्मक पर क्षर्म ्' इथ्यथं ककं सर्ावधिक महत्र्पूर्म


व ्?
(a) िाठ्यस्य शीषिकम ् (b) सतदभिस्य ज्ञानम ्
(c) िाठे षु उिशीषिकाखण (d) लेिनाभ्यासिः

Ans : (b)
िात्ियि है - िाठ के सतदभि का ज्ञान अिबोधन िरीक्षण के भलए आिश्यक है । न्जससे विद्याथी
िाठ को भली-भााँति समझ सके, िभी अिबोधन िरीक्षण ककया जा सकिा है।

Q.12. प्रनिभािक्षर्ानन प्रमि


ु िया सम्यक् रूपेर् प्रकट कियन्िे
(a) बद्
ु चधिरीक्षणद्िारा (IQ Tests) (b) भािात्मकिरीक्षणद्िारा (EQ Tests)
(c) अध्यािक-अभभभािक द्िारा (d) सन्ञ्िि-विद्यालय-अभभलेि द्िारा
Ans : (a)
प्रतिभालक्षणातन प्रमि
ु िया सम्यक् रूिेण बद्
ु चधिरीक्षणद्िारा (IQ Tests) प्रकटीकियतिे।
िात्ियि है - प्रतिभालक्षण के धनी छात्रों का समान रूि से ज्ञाि ककया जा सकिा है ,
बद्
ु चधिरीक्षण के माध्यम से।

Q.13. र्क्ट्िा -1 िर् मािा गहृ म ् इिानीं पयवन्िम ् आगिर्िी र्ा? र्क्ट्िा -2 आम ्
भाषर्-श्रर्र्कौशिे अत्रकतय िोषः?
(a) प्रथमिक्िा (b) द्वििीयिक्िा (c) द्ियोिः (d) न कस्यावि

Ans : (a)
िक्िा -1-िब मािा गह
ृ म ् इदानीां ियितिम ् आगिििी िा? िक्िा -2 - आम ्। यहााँ िर भाषण-
श्रिण कौशल के कारण प्रथम िक्िा का दोष है ।

Q.14. भाषार्गमने पर क्षर्े च पत्रािारः (portfolio) इिं ननदिव शनि?


(a) प्रति अिधौ भशक्षकेन कृििः विद्याचथि-स्िभािलेि:
(b) कालकाले लेिनिरीक्षा
(c) मौखिकी िरीक्षा
(d) विद्याचथिनाम ्अिगमनाभभिद्
ृ चधसि
ू कांकायिसांग्रहणां तनन्श्ििकाले

Ans : (d)
भाषा के अिगमन (आना) और िरीक्षण का ित्राधार यह तनहदि ष्ट करिा है कक इससे
विद्याचथियों के आगमन में िद्
ृ चध होिी है और तनन्श्िि समय िर कायों का सांग्रहण होिा है

Q.15. अध्ययनसमये पर्शेषर्पिं (Modifier) 'शक्ट्यिे', 'शक्ट्यिे तम', शक्ट्यः, संभार्नम ्


अत्रायं केन्ि करोनि?
(a) िेषाां िाक्यात्मकां स्थानम ् (b) िेषाम ् अयम ्
(c) सतदभािनग
ु ुणमथिम ् (d) िूिि
ि दाथिम ्

Ans : (c)
अध्ययन समये विशेषण िद 'शक्यिे' शक्यिेसम; शक्यिः सांभािनम ् यहााँ िर यह
सतदभािनुगुण अथि को केतिीकृि करिा है ।

Q.16. भाषाकक्षायां प्रर्ाहतय पर्कासः ििै र् भर्नि यिा सम्पर्


ू कव क्षा लमलित्र्ा
तर्िन्त्ररूपेर् कायव करोनि, यिो दह
(a) छात्रािः जानन्ति यि ् अध्यािकिः िान ् शण
ृ ोति।
(b) अध्यािकिः त्रट
ु ीिः ज्ञािुां शुद्धीकिुं ि सन्ज्जििः भिति।
(c) ये छात्रािः आत्मविश्िस्िािः न सन्ति िे मौनां धिुं स्िितत्रािः भिन्ति।
(d) छात्रािः सम्प्रेषणाथि लक्ष्यभाषायािः प्रयोगां किुं प्रिुरमात्रया अिसरान ् प्राप्नि
ु न्ति।

Ans : (d)
भाषाकक्षा के प्रिाह या गति का विकास िभी सम्भि होिा है जब सम्िूणि कक्षा भमलकर
स्िितत्रिािि
ू क
ि कायों का सांिालन करिा है , यथा-छात्रों में सम्प्रेषण के भलए लक्ष्यभाषा का
प्रयोग करने का ियािप्ि मात्रा में अिसर प्राप्ि हो।

Q.17. प्रभापर्-अधिगमनाय छात्राः कीदृशाः भर्ेयःु ?


(a) न्जज्ञासािूणाििः सकियािः ि (b) आज्ञाकाररणिः
(c) िरीक्षाकृिे सन्ज्जिािः (d) मौनव्रिधाररणिः तनन्ष्ियािः ि

Ans : (a)
प्रभािी अचधगमन के भलए छात्रों की न्जज्ञासािूणि कियाओां के साथ होना िाहहए। अथािि ् छात्रों
में सदै ि सीिने के प्रति न्जज्ञासा होनी िाहहए िभी िह प्रभािी अचधगमन प्राप्ि कर सकिा है।
Q.18. एकः आङ्खगि-भाषाध्यापकः प्रथमकक्षायां छात्रान ् जनैः र्तिलु भः च सम्बद्ि-
शब्िानां पररचयं कारयनि। ननम्नलिखििेषु शब्िलशक्षर्-लसद्िान्ि-सन्िभे ककं
पररस्तथत्यनुगुर्म ् असमीचीनम ्?
(a) छात्रािः स्थल
ू िस्ि-ु सम्बद्धशब्दान ् सम्यक िठन्ति
(b) यथाथि-िस्ितू न दृष्ट्िा छात्रािः शब्दाथािन ् स्िष्टरूिेण अिगच्छन्ति।
(c) विभभतन -इन्तियाणाां सहाय्येन अचधगमनां प्रभािात्मकां भिति।
(d) छात्रािः िििनीम ् आचश्रत्य निीनशब्दान ् शीघ्रम ् अचधगच्छन्ति।

Ans : (d)
एक अांग्रेजी भाषा अध्यािक िहली कक्षा के छात्रों को कुछ िस्िओ
ु ां को हदिाकर उनसे बने
अांग्रेजी शब्दों का िररिय करािा है । इससे छात्र उस िस्िु के शब्द को आसानी से समझ जािा
है । िौथा िाक्य असमीिीन है ।

Q.19. पचचम्याः कक्षायाः छात्रार्ाम ् अर्बोिनक्षमिायाः पर्कासाय कः प्रपर्धिः


न्यन
ू िया प्रभार्शाि ?
(a) अध्यािकिः निीन-शब्द-सांरिनाां िररिच्यि छात्रान ् मौनिािनाथं प्रेरयति।
(b) अध्यािकिः गद्याांशस्य शीषिकां विभलख्य िररियााँ ि आयोज्य छात्रान ् मौनिािनाथं
प्रेरयति।
(c) अध्यािकिः छात्रान ् मौनिािनाथिम ् अभभप्रेयि िथ्याधाररिान ् तनणियात्मकान ् ि प्रश्नान ्
िच्
ृ छति।
(d) अध्यािकिः गद्याांशम ् उच्िैिः सम्िठ्य विस्िि
ृ ां व्याख्यानां करोति, अत्यति-कहठन
िङ्क्िीनाां ि मािभ
ृ ाषया अनुिादां करोति।

Ans : (d)
िाांििी कक्षा के छात्र के भलए अिबोधन क्षमिा के विकास के भलए सामातय प्रभािशाली प्रविचध
है कक अध्यािक गद्याांश को ऊाँिे स्िर में िढ़कर उसकी विस्िि
ृ व्यिस्था करे और जो भी
कहठन िांन्क्ियााँ हों उतहें मािभ
ृ ाषा में अनि
ु ाद करे ।

Q.20. ननम्नलिखििेषु अर्बोिनप्रकियासन्िभे र्ाचनकौशितय पर्कासाथं ककं सर्ावधिक-


प्रभार्पूर्म
व ्?
(a) िािनसमये छात्रािः िाठे आगिशब्दान ् कथतयिुां समथाििः भिेयुिः इत्यथं िेषाां साहाय्यम ्।
(b) छात्रािः िाहठििङ्ककिां सङ्केिद्िारा स्िष्टीकिुं समथाििः भिेयिःु इत्यथं भशक्षणम ्।
(c) छात्रािः िाठ्यिस्िु उच्िैिः िहठिुां समथाििः भिेयुिः।
(d) छात्रािः मौनिािने कुशलािः भिेयुिः अिबोधनात्मकप्रश्नान ् अवि िच्
ृ छे युिः।

Ans : (d)
िािन कौशल के विकास के भलए सिािचधक महत्ििूणि है कक छात्रों को मौनिािन में कुशल
होना िाहहए एिां साथ ही साथ अिबोधनात्मक प्रश्नों को भी िछ
ू ा जाना िाहहए।

Q.21. ननिानपर क्षा (Diagnostic test) कियिे ........


(a) रिनात्मकिरीक्षाकृिे (b) सिििरीक्षाकृिे
(c) विद्याचथिनिः स्िरां ज्ञािम
ु ् (d) अन्तिमिरीक्षाकृिे

Ans : (c)
तनदान िरीक्षा के द्िारा विद्याचथियों के स्िर को जाना जािा है । इस प्रणाली से एक िरह से
छात्रों के बुद्चधलब्ध का मूल्याांकन होिा है।

Q.22. डडसग्राकफया र्िविे .......


(a) अिधारणायािः बोधे सांज्ञानात्मकतयूनिा (b) कस्यचिि ् िाठस्य िठने काहठतयम ्
(c) भलखििभाषायािः बोधे भाषागितयूनिा (d) सांख्यानाां बोधे अङ्कगखणिीयतयूनिा
Ans : (c)
डिसग्राकफया भलखिि भाषा के बोध से भाषागि तयूनिा को स्िष्ट करिी है । क्योंकक भाषागि
तयूनिा से भलखिि भाषा की तयन
ू िा होिी है।

Q.23. लशक्षक्षिननरकषव प्राप्िंु पिनाथं चचावथं धचन्िनाथव िकवपर्िकावथं च पर्चारान ् िािंु


छात्राः आहूिाः। ककम ् एिि ् कथनयिुं शक्ट्यिे?
(a) गम्भीरचितिनम ् (Reflection)
(b) आदानप्रदानम ् (Interaction)
(c) नकारात्मकसमीक्षा (Negative Criticism)
(d) समीक्षात्मक-भशक्षणप्रविचधिः (Critical Pedagogy)

Ans : (d)
भशक्षक्षितनकषि, िढ़ने और चितिन, िकि-वििकि और वििार दे ने के भलए छात्र बल
ु ाए गए हैं। यह
समीक्षात्मक भशक्षण प्रविचध है।

Q.24. शब्िार्ि ज्ञानाथवम ् अिोलिखििेषु किमं न आिशवभूिम ्?


(a) समानविषयकशब्दानाम ् एकत्र अचधगमिः
(b) सतदभािनस
ु ारां निीनशब्दानाम ् अथािनम
ु ानम ्
(c) शब्दानाम ् अथिरूिेण कूटाचधगमिः
(d) िथ
ृ क्िया कहठनशब्दानाम ् अचधगमिः

Ans : (d)
शब्दािली (शब्द ज्ञानािली) के तनभमत्त अलग-अलग कहठन शब्दों के अध्ययन से सम्बन्तधि
होिा है। अथािि ् शब्दािली ज्ञान िभी िष्ृ ट होिा है जब कहठन शब्दों के ज्ञान को सांग्रहहि कर
भलया जाये।
Q.25. अितिनेषु किमं व्यापकश्रर्र्तय (Extensive listening) उिारहर्ं तयाि ्?
(a) कस्यान्श्िि ् विभशष्टसि
ू नायािः कृिे दरू दशिनस्य िािाििलीश्रिणम ्
(b) िेिारयतत्रेण प्रसाररिस्य नाटकस्य श्रिणम ्
(c) सािधानां भमत्रमुिाि ् श्रिणम ्
(d) कक्षायाां भशक्षक्षकायािः ध्यानिि
ू क
ि ां श्रिणम ्

Ans : (b)
“िेिारयतत्रेण प्रसाररिस्य नाटकस्य श्रिणम ्" व्यािक श्रिण का उदाहरण है। व्यािक श्रिण
िह स्िकायि िद्धति है जो नाटक के श्रिण के साथ मग्नबद्धिा को भसद्ध करिी है ।

Q.26. भाषालशक्षर्े बिह नपर्द्याधथवनां कृिे अत्यन्िम ् उपयक्ट्


ु िा पद्िनिः का?
(a) व्यन्क्िगिभशक्षणम ् (b) समह ू भशक्षणम ्
(c) युग्मभशक्षणम ् (Peer teaching) (d) उियक्
ुि िां सििमवि

Ans : (a)
भाषाभशक्षणे बलहीनविद्याचथिनाां कृिे अत्यतिम ् उियुक्िा िद्धति व्यन्क्िगि भशक्षणम ्।
अथािि - भाषा भशक्षण में बलहीन विद्याचथियों के भलए अत्यति उियुक्ि िद्धति व्यन्क्िगि
भशक्षण है ।

Q.27. ननम्नलिखििेषु मदु ििपाठ्यपत


ु िकप्रयोगापेक्षया द्पर्िीय भाषाध्ययनाथं सहायकं
ककम ्?
(a) व्याकरणानि
ु ादिद्धतििः
(b) भाषाप्रिाहिः (Language immersion)
(c) प्राकृतिक-अभभगमिः (Natural approach)
(d) सतदभोचिि-अभभगमिः (Situational approach)
Ans : (b)
मुहिििाठ्यिुस्िकप्रयोगािेक्षया द्वििीय भाषाध्ययनाथं सहायकां भाषा प्रिाहिः। अथािि -
मुहिि िाठ्य िस्
ु िक प्रयोग की अिेक्षा द्वििीय भाषा के अध्ययन के अथि में भाषा प्रिाह
सहायक है ।

Q.28. मौखिकप्रतिुिीकरर्ाथं ननम्नलिखििेषु का र्ा पद्िनिः योग्या नास्ति?


(a) मुिामुखिप्रस्िुतििः (Face-to face presentation)
(b) काव्यिाठिः (Poetry recitation)
(c) स्िरप्रस्िुतििः (Voice presentation)
(d) सङ्केिभाषामाध्यमेन प्रस्िुतििः (Presentation through sign language)

Ans : (d)
मौखिकप्रस्िि
ु ीकरणाथं िा िद्धतििः योग्या सङ्केिभाषामाध्यमेन प्रस्ितु ििः नान्स्ि। अथािि -
मौखिकप्रस्िि
ु ीकरण के अथि को अथिा िद्चधति योग्य सङ्केिभाषा के माध्यम से
प्रस्िि
ु ीकरण नहीां की जा सकिी है । जबकक मि
ु प्रतिमि
ु प्रस्िि
ु ी, स्िरप्रस्िि
ु ी के माध्यम से
िथा काव्य िाठ के माध्यम से मौखिक प्रस्िि
ु ीकरण की िद्धति योग्य है।

Q.29. समुधचिं भाषाधिगमनं ििै र् भर्नि यिा


(a) महाविद्यालयां प्रिेष्टुां सांशोचधिया भाषया साहाय्यां प्राप्यिे
(b) भाषाचधगमनां कक्ष्या-तनयन्तत्रि-िररिेशे कायििे
(c) लक्ष्यभाषायािः ध्ितयात्मकिा स्िरूिां ि मािभ
ृ ाषानग
ु ुणां भिििः
(d) जीिन-लक्ष्य-मल्
ू यातन प्राप्िुां भाषा व्यािहाररकी भिति

Ans : (d)
सही भाषा अचधगमन िभी होिा है जब हम जीिन लक्ष्य के मल्
ू यों को प्राप्ि करने में भाषा
व्यिहार का काम करिे हैं। क्योंकक त्रबना इसके समुचिि भाषा अचधगम नहीां हो सकिा है ।

Q.30. छात्रार्ां लिखििकायवसम्बद्ि-त्रदु ट-संशोिनाथव प्रभापर्प्रकिया अस्ति


(a) कृष्णफलके उियुक्ि-उत्तरलेिनम ्
(b) समीिीनातन उत्तराखण प्राप्िुां िुनिः िुनिः लेिनम ्
(c) सङ्केिद्िारा हट-तनदशिनां छात्रेभ्यिः ि सांशोधनाथिम ् अभभप्रेरणादानम ्
(d) अशुद्धीनाां िुनिः िुनिः अिलोकनम ्

Ans : (c)
छात्रों से सम्बन्तधि भलखिि कायि सम्बद्ध त्रुहट सांशोधन की प्रभाविि प्रकिया छात्रों को सांकेि
द्िारा त्रहु टयों को बिाना और सांशोधन के भलए अभभप्रेररि करना है ।

Q.31. "छात्राः सहजिया िक्ष्यभाषया भाषर्ं किुं समथावः भर्ेयुः" इत्यथं ककं
महत्त्र्पूर्म
व ्?
(a) भलखिि-मौखिक-िरीक्षणम ्
(b) दृश्यसाधनानाां प्रयोगिः
(c) छात्रिः यथा इच्छन्ति िथैि कयावि भाषया भाषणां कुयिःुि
(d) सिित्र लक्ष्यभाषया सम्भाषणाथिम ् अभभप्रेरणा नि
ू नेषु ि सतदभेषु भाषाप्रयोग-अिसराणाां
प्रदानम ्

Ans : (d)
छात्र को बड़ी आसानी से लक्ष्य भाषा का सम्भाषण करने में समथि होना िाहहए। इसके भलए
यह महत्ििण
ू ि है कक सिित्र लक्ष्यभाषा का सम्भाषण करने के भलए अभभप्रेरणा एिां नि
ू न
सतदभि में भाषा का प्रयोग अिसर प्रदान करिा है ।
Q.32. भाषालशक्षर्पर्षये व्यर्हारर्ादिपर्चारिारायाम ्
(a) उत्प्रेरणा-प्रत्युत्तरसम्बतधसांिधिनस्य प्राधातयां विद्यिे
(b) बोधनस्य केतिां छात्रो भिति
(c) शाला भशक्षकश्ि प्रधानिात्रां िहििः
(d) अनभ
ु िाय प्रामख्
ु यां प्रदीयिे

Ans : (a)
भाषा भशक्षण विषय के अतिगिि व्यिहारिादी वििारधारा में उत्प्रेरण- प्रत्यत्त
ु र सम्बतध
सांिद्िधन की प्रधानिा होिी है।

Q.33. र्ाक्ट्कौशितय र्िवने पररर्ामकार गनिपर्धिषु अन्यिमः


(a) स्थानािवत्तसाररण्यािः अभ्यासिः (b) िस्िुतनष्ठव्याकरणिरीक्षा
(c) अभभनयिः (d) िािनम ्

Ans : (d)
िाक् कौशल के सांिधिन हे िु िररणामकारी गतिविचधयों में िािन महत्ििण
ू ि है । ककसी विषय का
िािन िाणी की कुशलिा को अभभव्यक्ि करिा है । साथ ही साथ भाषागि ज्ञान का सम्यक
बोध स्िष्ट करिा है।

Q.34. भाषाध्यापकः अप्रत्यत्नं छात्रार्ां लसद्िेः मल्


ू याङ्खकनं सििं करोिीनि कथं र्क्ट्िुं
शक्ट्यिे?
(a) भाषाविषयकित्रत्रकािः प्रायेण दीघाििः दीघिकालािेक्षक्षण्यश्ि भिन्ति
(b) तनरतिर- व्यािकमूल्याङ्कनसूिीित्रत्रकायाां मल्
ू याङ्कनलेििः प्रधानिात्रां िहति
(c) बहिो मल्
ू याङ्कनोिायािः भाषाबोधनोिायाश्ि ििितिे
(d) समयसाररण्याां भाषाकक्ष्यािचधिः अत्यचधकां महत्त्िां कालां ि प्राप्नोति
Ans : (b)
भाषाध्यािक त्रबना प्रयत्न के छात्रों का मल्
ू याांकन तनरां िर करिा रहिा है । िह समय सारणी से
भाषा की कक्षािचध में अत्यचधक महत्ि के समय में छात्रों का मल्
ू याांकन कर सकिा है।

Q.35. शब्िाथवज्ञानाथं ककं समप


ु युक्ट्िम ्?
(a) अलङ्काराणाां िररियिः (b) िणि-वितयासिः
(c) कवििररियिः (d) विविधसतदभेषु शब्दप्रयोगिः

Ans : (d)
शब्दाथिज्ञानाथं विविधसतदभेषु शब्द प्रयोगिः समि
ु यक्
ु िम ्। िात्ियि है - शब्द ज्ञान का
अथिज्ञान विविध सांदभि में शब्द प्रयोग के भलए उियक्
ु ि विकल्ि है।

Q.36. कोऽपप अध्यापकः छात्रतय असमीचीन-प्रनिकियाम ् अपप उत्साहे न तर्ीकरोनि। सः


अध्यापकः
(a) छात्राणाां भािात्मकविकासस्य प्रकियाां सम्यिूिेण अिगच्छति
(b) छात्राणाां भाषाविकासदृष्ट्या िेभ्यिः प्रोत्साहनां यच्छति
(c) भशक्षणकौशलम ् अनि
ु ालयति
(d) सांज्ञानात्मकविकासाय प्रयत्नशीलिः

Ans : (a)
छात्राणाां भािात्मकविकासस्य प्रकियाां सम्यिूिेण अिगच्छति। िात्ियि है - एक अध्यािक को
ककसी भी छात्र को समझने के भलए उस छात्र के भािात्मक विकास को जानना अत्यािश्यक है ,
न्जसके आधार िर िह छात्र के द्िारा ककये गये कायि के प्रति उत्साह प्रकट करिे हैं ि
कायििररणाम की सराहना करिे हैं।

Q.37. 'रचनार्ािः' (Constructivism) इत्यनेन अलभप्रायः अस्ति यि ् छात्राः


(a) स्िानुभिान ् अचधकृत्य ित्िातन िथ्यातन ि अिगच्छन्ति ज्ञानतनमािणे ि सांलग्नािः
भिन्ति
(b) विभभतनातन ित्िातन तनहदि ष्ट-भसद्धातिानस
ु ारम ् अिगच्छन्ति
(c) भशक्षक-सहाय्येन विभभतनमाध्यमैिः िा शोधकायं कुििन्ति
(d) स्िानभ
ु िैिः भशक्षणसामग्री रियन्ति।

Ans : (a)
'रिनािादिः' (Constructivism) इत्यनेन अभभप्रायिः स्िानभ
ु िान ् अचधकृत्य ित्िातन
िथ्यातन ि अिगच्छन्ति ज्ञानतनमािणे ि सांलग्नािः भिन्ति। िात्ियि है रिनािाद (रिना का
तनमािण) का अभभप्राय है-जब छात्र स्ियां के अनभ
ु ि द्िारा ित्िों के िथ्यों को समझने में
सक्षम होिे हैं िथा ज्ञान के तनमािण में सांलग्न (प्रित्त
ृ ) होिे हैं िब िे एक नयी रिना का तनमािण
करिे हैं न्जसे 'रिनािाद' के नाम से जाना जािा है । ऐसे छात्र को Constructive minded
student कहा जािा है ।

Q.38. संभाषर्लमिं पिि ्। अत्र अध्यापकः-अध्यापक:- अथर्ा भर्ान ् कथापत


ु िकमेकं
पदििलु मच्छनि? लशरयः - आम ्। अध्यापकः - आम ् कृपया।
(a) िठनारम्भां किुं विनयेन सि
ू यति (b) भशष्यस्य प्राथिनामनम
ु ोदिे
(c) अतयदे कमभ्यासां ददाति (d) भाषानष्ु ठानिमां विनयेन सम्बद्धयति

Ans : (a)
यह सम्भाषण िढ़ो। यहााँ अध्यािक हैं-अध्यािक कहिा है क्या आिको िस्
ु िक की कथा िढ़ने
की इच्छा होिी है ? भशष्य कहिा है -हााँ, िो अध्यािक कहिा है िढ़ो, िब िढ़ना आरम्भ करना
विनय को सूचिि करना है।

Q.39. NCF 2005 अनस


ु ारं काल्पननक-धचन्िनाथवम ् एर्ं च साक्षरिाद्र्ारा ज्ञानाजवनं
मन्यिे?
(a) शान्स्त्रयभाषा (Classical language) (b) द्वििीयभाषा
(c) मािभ
ृ ाषा (d) िि
ृ ीयभाषा

Ans : (c)
NCF 2005 के अनस
ु ार कल्िना द्िारा चितिन द्िारा एिां साक्षरिा द्िारा ज्ञान का अजिन
करना माि ृ भाषा के अतिगिि समाहहि होिा है ।

Q.40. रचनात्मकलशक्षर्ेन अलभप्रायः अस्ति?


(a) स्ििाठानग
ु ुणां विभभतन-सहायकसामग्रया रियन्ति
(b) छात्रािः िाठ्यासमय्याां विभभतन-उदाहरणातन िठन्ति
(c) छात्रा स्िानभ
ु िानुगुणां िाठ्यसम्बद्ध-शब्दिद-िाक्यादीनाां व्याख्याां कुििन्ति
(d) अध्यािककथनानग
ु ुणां शोधकायं कुििन्ति

Ans : (c)
रिनात्मक भशक्षण का अभभप्राय यह होिा है कक छात्र अिने स्ियां के अनभ
ु ि के द्िारा िाठ से
सम्बन्तधि शब्द िद िथा िाक्य इत्याहद की व्याख्या करिा है । अिने अनभ
ु ि द्िारा छात्र जब
शब्दों की व्याख्या करिा है िो उसे रिनात्मक भशक्षण कहा जािा है ।

Q.41. रूपात्मकं मल्


ू याङ्खकनं (Summative Assessment) मल्
ू याङ्खकनं मन्यिे?
(a) आधगमनाय (b) अचधगमने
(c) अचधगमनमचधकृत्य (At learning) (d) अचधगमनस्य

Ans : (c)
रूिात्मक मल्
ू याांकन उसे कहिे हैं जब सीिने के साथ ही उसका मल्
ू याांकन ककया जािा है
अथािि ् 'अचधगम नमचधकृत्य' यह मूल्याांकन प्रणाली ही रूिात्मक मल्
ू याांकन के रूि में माना
जािा है ।
Q.42. ननम्नलिखििानन िेिनकौशितय सोपानानन सस्न्ि। अत्र ककं सोपनं िप्ु िम ्
अस्ति? संकङ्खकिनम ् रूपरे िा→ सम्पािनम ् → पन
ु रार्पृ त्तः
(a) िगीकरणम ् (b) विश्लेषणम ्
(c) व्यिन्स्थिीकरणम ् (d) मन्स्िष्क-उद्िेलनम ्

Ans : (a)
तनम्नभलखिि में लेिन कौशल के सोिान िखणिि हैं। यहााँ िर िगीकरण नामक सोिान विलुप्ि
है -यथा-सङ्कलनम ् रूिरे िा-सम्िादनम ् - िुनरािवृ त्तिः। यहााँ िर िगीकरण नामक सोिान लप्ु ि
हो गया है ।

ृ ीयकक्षायाःएका छात्रा कथयनि- 'सः कथनि'। इिं ककं प्रिशवयनि?


Q.43. िि
(a) भाविकाले शुद्धिाक्यातन प्रयोक्िम
ु ् िथा शुद्धिाक्यां स्मििव्यम ्
(b) छात्रा िहठिलट्लकारस्य रूिाणाां प्रयोगे समथाि अन्स्ि। सा धािुस्िरूिां विस्मत्ृ य
िहठिभसद्धातिानाम ् अतिसामातयीकरणां करोति।
(c) छात्रा सािधानां कायं न करोति, अििः दण्िनीया
(d) बाभलका समुचििरूिेण व्याकरणां न िहठिििी अििः िस्यािः विभशष्टिाठनां भिेि ्

Ans : (b)
िि
ृ ीय कक्षायािः एका छात्रा कथयति- “सिः कथति” यह िाक्य यह प्रदभशिि करिा है कक छात्र
िहठि लट्लकार के रूि को प्रयोग करने में समथि है ककतिु िह धािु स्िरूि को विस्मि
ृ कर
िढ़े हुए भसद्धातिों का अतिसामातयीकरण करिा है।

Q.44. उत्तमिेिनं किमा प्रकियाम ् अनुसरनि?


(a) प्रारूिलेिनम ् अन्तिमरूिलेिनां ि
(b) सांशोधनां िुनरिलोकनां ि
(c) वििाराणाां लेिनम ्, प्रारूिलेिनां, सांशोधनम ्, िुनरिलोकनम ् अन्तिमलेिनां ि (d)
अन्तिमरूिेण लेिनम ्

Ans : (c)
उत्तम लेिन की प्रकिया इस प्रकार है - वििार लेिन, प्रारूि लेिन, सांशोधन, िुनरािलोकन
और अांतिम लेिन।

Q.45. बहुभापषकिा कक्षायां सािनरूपेर् व्यर्दियेि अथावि लशक्षकः


(a) अनेकभाषाणाम ् अध्यािनां कुयािि ्
(b) मािभ
ृ ाषया अचधगमां कुयािि ्
(c) विद्याचथिनाां सिािसाां भाषाणाां ज्ञानां कुयािि ्
(d) विद्याचथिनाां भाषाणाां उियोगां कुयािि ्

Ans : (d)
बहुभाषा की कक्षा में साधन रूि से व्यिहृि करना िाहहए अथािि भशक्षक को िाहहए कक छात्रों
की ही भाषा का उियोग करे । इससे छात्रों के विषय का ज्ञान समझ में आ जािा है ।

Q.46. षरिकक्षायाः भाषायाः लशक्षक्षका तर्च्छात्रेभ्यः परतपर पुस्तिकानाम ् आिानप्रिानं


किुं ननदिव शनि िथा ित्रत्यत्रट
ु नाम ् अन्र्ेषर्ं किुं सूचयनि। एिेन सा कतय अभ्यासं
कारयनि?
(a) सहाध्ययनस्य (Shared reading)
(b) िठनस्य (Reading)
(c) समकक्षाणां सांशोधस्य (Peer correction)
(d) प्रतििष्ु टे िः प्रदानस्य (Providing feedback)

Ans : (c)
छठी कक्षा की भाषा की भशक्षक्षका अिने छात्रों के बीि आिस में िुन्स्िका के आदान-प्रदान को
तनदे भशि करिी है िथा उनमें व्याप्ि त्रुहटयों को िोजने को कहिी है । इस प्रकार यह प्रकिया
'समकक्षा के सांशोधन' का अभ्यास करािी है।

Q.47. लशक्षाधथवनां त्रदु टसंशोिनाथं लशक्षकः


(a) दोषस्य िुनरािवृ त्तकारणाि ् छात्रां भत्सियेि ्
(b) छात्रान ् प्रोत्साहतयिुां आशाबादीप्रिवृ त्तां धारयेि ्
(c) छात्राणाां दोषान ् अधोरे िाङ्ककिान ् कुयािि ्
(d) छात्रस्य प्रत्येकां दोषस्य सांशोधनां कुयािि ्

Ans : (b)
भशक्षक हमेशा भशक्षाचथियों के त्रुहट सांशोधन हे िु छात्रों को प्रोत्साहहि करिा है और आशािादी
प्रिवृ त्त को भी धारण करिा है ।

Q.48. आिौ ननयमज्ञानम ् अनन्िरं ितय प्रयोगः इनि व्याकरर्म ् अस्ति


(a) अिरोहात्मकव्याकरणम ् (Deductive grammar)
(b) निीनव्याकरणम ् (Newgrammar)
(c) व्याख्यानात्मकां व्याकरणम ् (Descriptive grammar)
(d) आरोहात्मकव्याकरणम ् (Inductive grammar)

Ans : (a)
"प्रारम्भ में तनयम ज्ञान के बाद उसका प्रयोग करना" ऐसा व्याकरण ज्ञान अिरोधात्मक
व्याकरण ज्ञान के अतिगिि आिा है । अथािि ् िहले तनयम बनाना और बाद में उसका प्रयोग
करना ही अिरोहात्मकव्याकरण ज्ञान है ।

Q.49. लशक्षक्षका नर्नर्सन्िभेषु भाषयाः प्रयोगाथं छात्रेभ्यः अर्सरं ििाि ् येन छात्राः
(a) प्रश्नान ् श्रुत्िा उत्तरां दद्युिः
(b) विभभतनगद्यमद्यानाम ् अिगमनां कुयिःुि
(c) कवििानाम ् उच्िारणां कण्ठस्थीकरणां ि कुयिःुि
(d) स्ियम ् अभभव्यन्क्िां कुयिःुि

Ans : (d)
यहद भशक्षण के समय िर अध्यािक द्िारा छात्र को भाषा ज्ञान के नये-नये आयामों या
सतदभों में भाषा प्रयोग हे िु अिसर प्रदान करे िो यह कायि भशक्षक का छात्र के प्रति उसकी
स्ियां की अभभव्यन्क्ि का उत्थान ही कहा जायेगा।

Q.50. ननम्नलिखििेषु ककं भाषालशक्षर्तय उद्िे श्यं नास्ति?


(a) लेिनदक्षिा (Proficiency in writing)
(b) सज
ृ नात्मकिा (Creativity)
(c) वििाराणाम ् अभभव्यन्क्ििः (Publication of thoughts)
(d) भाषायािः अचधगमिः (Understanding language)

Ans : (a)
भाषाभशक्षणस्य उद्दे श्य लेिनदक्षिा नान्स्ि। सज
ृ नात्मकिा, वििाराणाम ् अभभव्यन्क्ििः,
भाषायािः अचधगमश्ि। भाषाभशक्षणस्य उद्दे श्यां अन्स्ि। अथािि - भाषा भशक्षण के उद्दे श्य के
अतिगिि सज
ृ नात्मकिा, वििार अभभव्यन्क्ि िथा भाषा अचधगम आिे हैं िथा लेिन दक्षिा
भाषा भशक्षण का उद्दे श्य नहीां है ।

Q.51. शब्िज्ञानपद्ििेः कृिे लशक्षर्-अधिगमसमतया (Teaching-learning difficulty)


ननम्नलिखििेषु केन ननर्ाररिा भर्नि?
(a) िभमकिाक्यतनमािणाथं साहाय्येन (b) शद्
ु ध-उच्िारणेन
(c) बालािः यथा वििरणात्मकक्लेशस्य सम्मि
ु ां न कुयिःुि , िेन (d) उियक्
ुि िां सििमवि
Ans : (b)
शब्दज्ञानिद्धिेिः कृिे भशक्षण-अचधगमसमस्या शुद्धउच्िारणेन तनिाररिा भिति। अथािि ् -
शब्दज्ञान िद्धति के भलए भशक्षण अचधगम समस्या का तनिारण शुद्धउच्िारण के द्िारा
होिा है।

Q.52. एकतयां समार्ेशी-कक्ष्यायां (Inclusive class) बािाः अस्तमन ् अधिकप्रमािान ्


आचरस्न्ि
(a) िठने (b) लेिने (c) भाषणे (d) सिेष्िवि

Ans : (d)
एकस्याां समािेशी-कक्ष्यायाां बालािः अन्स्मन सिेष्िवि अचधकप्रमादान ् आिरन्ति। अथािि - एक
समािेशी कक्षा में बालक िढ़ने, भलिने िथा भाषण में अचधक प्रमाद करिा है ।

Q.53. छात्राः सहषव र्क्ट्िम


ु ् इच्छस्न्ि। 'गनिपर्धिः अधिकः उद्िे श्यपर्
ू ःव भर्ेि ्' इत्यथं
ककं समीचीनम ् ?
(a) कायि-समाप्त्यथिम ् अभभप्रेरणम ् (b) लेिन-िठन-सम्बद्ध-कायािथं तनदे शनम
(c) समुचिि-उच्िारणाथं तनदे शनम ् (d) शब्दकोशां िष्टुां प्रेरणम ्

Ans : (d)
"छात्र सहषि बोलने की इच्छा करिे हैं। गतिविचध अचधक उद्दे श्यिण
ू ि हो' इसका आशय
शब्दकोश दे िने की प्रेरणा है । क्योंकक इससे छात्र में भाषा के ज्ञानाजिन में अचधक सहायिा
भमलिी है ।

Q.54. लिखििानच्
ु छे ित्य आकिनाथं प्रथम सोपानम ् अस्ति
(a) शब्दसमद्
ृ चधिः (b) व्याकरणम ्
(c) शब्दसीमा (d) विषयिस्िु-साथिक्यां वििाराभभव्यन्क्ििः ि

Ans : (d)
भलखिि अनुच्छे द के आकलन का प्रथम सोिान विषयिस्िु की साथिकिा और वििार
अभभव्यन्क्ि है । क्योंकक इसी के माध्यम से सम्िूणि सार का अनम
ु ान लग जािा है ।

Q.55. "छात्राः श्रुिसामग्रीम ् अधिकृत्य पर्लशरट-दटप्पर्ी िेखििुं समथावः भर्ेयुः" इत्यथं


कृिगनिपर्धिः कथ्यिे
(a) सूिना-स्थानातिरणम ् (b) व्याख्यानम ्
(c) िुनमिरणम ् (d) भाविकथनम ्

Ans : (a)
छात्र श्रुि सामग्री को अचधकृत्य का विभशष्ट हटप्िणी लेिन में समथि होना िाहहए। यह
गतिविचध सूिना स्थानातिरण कहलािी है।

Q.56. उपिब्िसमतिमङ्खकेिोपयोगेन समग्रपाठ्यतय व्यािना एििपेक्षिे


(a) शब्दाथिकौशलनम ् (b) शब्दाथिकौशलम ्
(c) व्याकरणकौशलां सांरिनाकौशलां ि (d) सातदभभिकिाठ्यिस्िुनिः अिबोधनम ्

Ans : (d)
उिलब्ध समस्ि सङ्केिों के उियोग से समग्र िाठ के व्याख्या सतदभभिक िाठ्य िस्िओ
ु ां के
अिबोधन की अिेक्षा करिे हैं।

Q.57. ग्रन्थपािे ननयमानुसारे र् यदृच्छया र्ा अपनीिानां शब्िानां तथाने छात्रैः पिपूरर्ं
यतयां प्रकियायां कियिे सा पर क्षा
(a) ररक्िस्थानिरू णम ् (b) कलोसू (Cloze) विधानम ्
(c) शब्दसमािवत्तिः (d) अिधारणम ्

Ans : (b)
ग्रतथ िाठ के तनयम के अनुसार स्िेच्छा प्रयुक्ि शब्दों के स्थान िर छात्रों द्िारा िाक्यों की
िूतिि की प्रकिया क्लोज विधान के अतिगिि आिी है ।

Q.58. छात्रकेस्न्ििलशक्षाकक्ष्यायाःतर्रूपं ककम ्?


(a) कठोरानश
ु ासनम ् (b) न्स्थरोििेशनव्यिस्था
(c) कियाकलाििैविध्यम ् (d) भसद्चधमािनाय तनयििरीक्षा

Ans : (c)
छात्र केन्तिि भशक्षा कक्षा का स्िरूि किया कलाि की विविधिा है। प्रायिः छात्रों में कायि-कौशल
की विविधिा िाई जािी है। वििारो की िथ
ृ किा के कारण छात्रों में प्रभतृ ि प्रिवृ त्तयाां होिी है ।

Q.59. सादहत्य-लशक्षर्े ककं सर्ावधिक महत्र्पर्


ू मव ्?
(a) शब्दकोषिः (b) छतदिः ज्ञानम ्
(c) सम्यक् उच्िारणम ् (d) िाठस्य सतदभििः

Ans : (d)
साहहत्य-भशक्षणे िाठस्य सतदभििः सिािचधक महत्ििूणम
ि ्। िात्ियि है - साहहत्य भशक्षण िाठ के
सांदभि में सिािचधक महत्ििूणि है।

Q.60. यदि कोऽपप छात्र शार ररक-मानलसक-इत्यादि - कारर्ेभ्यः पर्लभन्न-गनिपर्धिषु


सकियः न भर्नि िदहव आर्श्यकिा अस्ति
(a) उििारात्मककायिस्य (b) नि
ू नप्रकारे ण कक्ष्याव्यािस्थािनस्य
(c) मानिीय-मूल्य-भशक्षायािः (d) विभशष्ट-भशक्षा-भसद्धातिानाम ्
Ans : (d)
िात्ियि है - ऐसे छात्र जो शारीररक-मानभसक इत्याहद कारणों से गतिविचधयों में सकिय नहीां हैं
िो उतहें विभशष्ट भशक्षा भसद्धाति की आिश्यकिा होिी है। इस योजना से छात्र अिने जीिन
की गतिविचधयों को समझने में िण
ू रू
ि ि से सहायक होंगे।

ु ितय कतयापप शब्ितय 'ककं मूल्यम ्' इत्यनेन अलभप्रायः


Q.61. कस्तमश्चि ् पािे प्रयक्ट्
अस्ति
(a) शब्दस्य 'अप्रत्यक्ष-प्रयोग;' (b) शब्दप्रयोगस्य 'भभतनातन रूिाखण'
(c) शब्दस्य 'शब्दकोशीयिः अथििः' (d) शब्दस्य ‘सतदभिगि-प्रयोग-साथिक्यम ्'

Ans : (d)
कन्स्मांन्श्िि ् िाठे प्रयक्
ु िस्य शब्दस्य ‘सतदभिगि-प्रयोगसाथिक्यम ्' मल्
ू यम ् इत्यनेन
अभभप्रायिः अन्स्ि। िात्ियि है → ककसी भी िाठ में प्रयक्
ु ि ककसी भी शब्द का सही अथों में
मूल्य शब्द का सतदभि ज्ञान होिा है , शब्द के सतदभि ज्ञान के द्िारा ही िाठ के विषय का ज्ञान
होिा है , कक िाठ ककस सतदभि में है ?

Q.62. एियोः द्र्न्द्र्योः कः यग्ु मः संज्ञानात्मक – तर्रूपं प्रिशवयनि?


(a) व्याख्यात्मकिः/शान्ब्दकिः (b) भािात्मकिः/औचित्यधीसम्ितनिः
(c) कििरर कमिखण-प्रयोगिः (d) साम्िण्
ू यिम ्/विश्लेषणात्मकिः

Ans : (d)
इन दोनों यग्ु मों में सम्िण
ू ि
ि ा िथा विश्लेषणात्मकिा का स्िरूि सांज्ञानात्मक स्िरूि का
प्रदशिन करिा है । ये दोनों ही यग्ु म सांज्ञा शब्द का प्रतितनचधत्ि करिे हैं।

Q.63. भार्र्ाच्यात्मककियापितय उिाहरर्मस्ति?


(a) नत्ृ यां करोति (b) हसति (c) भोजनां िादति (d) लेिां भलिति
Ans : (b)
भाििाच्यात्मक किया िद का उदाहरण है -हसति। भाििाच्य का अथि है -केिल ककसी किया का
होना हदिाना। यह सदा प्रथम िरु
ु ष एकििन में होिा है। किाि के अनुसार इसके रूि नहीां
बदलिे, जैस-े िेन भूििे, िैिः भूििे, हसति, भूिाि इत्याहद।

Q.64. छात्राः अनुच्छे ि-सङ्खघटनम ् अर्गन्िुं समथावः भर्ेयुः इत्यथवम ् आर्श्यकम ्?


(a) वििार-मौल्यम ् (b) शब्द-िस्िायिम ्
(c) शीषिक-िाक्यां,विस्िार-साहाय्यम ् योजकातन ि (d) वििार-प्रािुयम
ि ्

Ans : (c)
छात्रों को अनुच्छे द का सङ्कटन प्राप्ि करने के भलए। समथि होना िाहहए, इसके भलए छात्रों को
शीषिक िाक्य अथािि ् अनुच्छे द का शीषिक क्या होगा इसका ज्ञान होना िाहहए िथा उसकी
व्याख्या या विस्िार में सहायक योजकों का ज्ञान होना िाहहए।

Q.65. ननम्नलिखििेषु प्रभापर्-भाषालशक्षकतय भूलमकादृरट्या ककं श्रेरिम ्?


(a) व्यिन्स्थि-भशक्षण-अचधगमन-प्रकियाथिम ् अनश
ु ाभसि भभू मका।
(b) लक्ष्यभाषायािः प्रभावि-प्रयोगाथि भशक्षाचथिभ्यिः सहायकरूिेण प्रिुरािसरप्रदानम ्।
(c) प्रत्यादशिरूिस्य ज्ञानस्य ि उद्गमस्थल्योिः स्िरूितनधािरणम ्।
(d) प्रत्येकां त्रबतदम
ु ् अचधकृि िेष्टािूिक
ि ां व्याख्याद्िारा आद्योिातिां भशक्षणम ्।

Ans : (b)
तनम्नभलखिि में प्रभािी-भाषाभशक्षक की दृन्ष्ट िही श्रेष्ठ है जो लक्षक्षि भाषा के प्रभािी प्रयोग
के भलए भशक्षाचथियों के सहायक रूि में ियािप्ि अिसर प्रदान करे अथािि ् विद्याचथियों को जो
सीिने में अचधक अिसर प्रदान करे िही प्रभािी भाषा भशक्षक का लक्ष्य होिा है ।
Q.66. एका अध्यापपका रचनात्मकमल्याङ्खकनकायावथं छात्रेभ्यः
ू याङ्खकनाथं ककं सर्ावधिक
िघुकथािेिनसम्बद्िकायं प्रयच्छनि। अतय कायवतय मल्
महत्त्र्पूर्म
व ्?
(a) मौभलकी रिनान्त्मका ि कथासामग्री, रुचिकराखण िररत्राखण, व्याकरणतनष्ठभाषा ि
(b) सत
ु दरां शीषिकां, समद्
ृ धशब्दािली, शद्
ु धभाषाप्रयोगिः ि
(c) सचित्रां प्रभाियक्
ु िां प्रस्िि
ु ीकरणम ्
(d) सस्
ु िष्ट-स्िच्छ-सत
ु दरिः हस्िलेििः चित्राखण ि

Ans : (a)
एक अध्यािक रिनात्मक मल्
ू याङ्कन हे िु छात्रों को एक लघक
ु था लेिन सम्बतधी कायि प्रदान
करिा है । इसमें छात्रों की मौभलक रिनात्मक अभभिवृ त्त, रुचिकर िररत्र एिां व्याकरण तनष्ठ
भाषा सिािचधक महत्ििूणि है । इससे छात्रों के मौभलकिा, रुचि, िररत्र इत्याहद के बारे में
जानकारी प्राप्ि हो जािी है।

Q.67. व्याकरर्ं कथं पािनीयम ्?


(a) सतदभिगि-अभ्यासेन (b) स्िष्ट-व्याख्यानेन
(c) भलखिििः-कायेण (d) तनयमैिः

Ans : (a)
सतदभभिि अभ्यास द्िारा व्याकरण को िढ़ना िाहहए। क्योंकक तनरतिर अभ्यास से व्याकरण
का ज्ञान बढ़ जािा है।

Q.68. 'अतमाकं छात्राः िथ्यानां संग्रहर्े, व्यर्तथापने, प्रारूपननमावर्,े सम्पािने,


ु िशवने च समथावः भर्ेयःु । इत्यथं िे प्रेरनयिव्याः।' अस्तमन ् कथने ककं भाषाकौशिं
पन
ननदिव रटम ्?
(a) श्रिणम ् (b) लेिनम ् (c) भाषणम ् (d) िािनम ्
Ans : (b)
हमारे छात्र िथ्यों के सांग्रहण में , व्यिस्थािन में , प्रारूि तनमािण में, सम्िादन में और िुनदि शिन
में समथि होना िाहहए। इस प्रकार उतहें प्रेररि ककया जाना िाहहए। इस कथन में भाषा कौशल
की लेिन िवृ त्त तनदे भशि होिी है।

Q.69. काधचि ् बािा यदि मािभ


ृ ाषया सम्यक्ट्िया पिनि, िदहव.....
(a) सा अनेकासु भाषासु िहठिुां लेखििुां ि शक्नोति।
(b) सा सम्यक्िया िहठिुां शक्नोति िरतिु मािभ
ृ ाषया लेखििुां न शक्नोति
(c) सा स्ििठनकौशलस्य प्रयोगां द्वििीयभाषाया अचधगमे किुं शक्नोति
(d) सा स्ििठनकौशलस्य उियोगां द्वििीयभाषायािः अचधगमे किुं न शक्नोति

Ans : (d)
कोई बाला यहद मािभ
ृ ाषा में ठीक से िढ़िी है िो िह स्ििठन कौशल का उियोग द्वििीय
भाषा में अचधगम में करने में समथि नहीां हो सकिी।

Q.70. एकतय शब्ितय ज्ञानं नाम ...........


(a) िस्य मल
ू स्य ज्ञानम ् (b) िस्य रूिस्य ज्ञानम ्
(c) िस्य अथिस्य ज्ञानम ् (d) िस्य िििनीज्ञानम ्

Ans : (c)
एक शब्द के ज्ञान का नाम है उसके अथि को जानना। क्योंकक शब्द के अथिज्ञान से ही उसकी
समझ हो िािी है।

Q.71. यिा पर्द्याधथवनः पुरकपिनसामग्रीषु एकां िघुकथा पिस्न्ि, ििा िे


(a) कहठनशब्दानाां िििनीज्ञानाथं िठे युिः (b) लेिनकौशलस्य विकासाथं िठे यु;
(c) िहठिाांशे प्रत्येकां शब्दस्य अथिज्ञानां कुयिःुि (d) आनतदानम
ु ूत्यथं िठे युिः

Ans : (d)
जब छात्र िूरक िाठ सामग्री के साथ एक लघुकथा को िढ़िे हैं िब िे आनतद की अनभ
ु ूति
होगी- इस अथि में अध्ययन करिे हैं।

Q.72. यात्रार्त्त
ृ म ् एका पर्िा अस्ति
(a) कवििायािः (b) समीक्षायािः (c) असम्बद्धतनबतधस्य (d) साहहत्यस्य

Ans : (d)
'यात्राित्त
ृ ' साहहत्य की एक विधा है । इसी िरह सांस्मरण, स्मतृ ि रे िायें भी इसी के अतिगिि
आिी हैं।

Q.73. सर्ेषां बािानां भाषाधिग्रहर्क्षमिा जन्मजािा एर् अस्ति इनि केन पर्िष
ु ा
उक्ट्िम ्?
(a) िायगोत्स्की (Vygotsky) (b) नोम िॉमस्की (Noam Chomsky)
(c) न्स्टफेन िशन (Stephen Krasben) (d) बी.एफ. न्स्कनर (B.F. Skinner)

Ans : (b)
‘नोम िामस्की' विद्िान के अनस
ु ार भाषा अचधग्रहण के सम्बतध में यह वििार है- “सभी
बालकों की भषा अचधग्रहण की उनकी क्षमिा जतम से ही प्राप्ि होिी है अथिा जतम जाि ही
है ।"

Q.74. भाषालशक्षर्े अधिगमसामग्रयाः (Learning material) अनिमख्


ु या समतया
अस्ति
(a) अचधगमसामग्रयािः कहठनत्रबतदन
ू ाम ् उिरर उचििवििरणम ्
(b) अध्यािने अध्यािकस्य तयन
ू श्रमेण कायिभसद्चधिः
(c) अल्िसमये अचधकविषयस्य उिलन्ब्धिः
(d) िाठां प्रति विद्याचथिनाां श्रद्धािधिनम ्

Ans : (a)
भाषाभशक्षणे अचधगमसामय्यािः अतिमुख्या समस्या 'अचधगमसामग्रयािः कहठनत्रबतदन
ू ाम ्
उिरर उचििवििरणम ्।' अथािि ् भाषा भशक्षण में अचधगम सामचग्रयों की मख्
ु य समस्या है -
अचधगम सामग्री के कहठन त्रबतदओ
ु ां िर उचिि वििरण को उिलब्ध कराना।

Q.75. कौशि-उद्िे श्येषु (Skill objectives) ककं ननम्नलिखििं सम्बद्िं नास्ति?


(a) श्रिणम ् (b) भाषायाम ् आसन्क्ििः (c) िठनम ् (d) लेिनम ्

Ans : (b)
कौशल-उद्दे श्येषु सम्बद्धां भाषायाम ् आसन्क्ििः नान्स्ि। अथािि - कौशल उद्दे श्यों में श्रिण
(सुनना), िढ़ना िथा भलिना आहद का सम्बद्ध कौशल उद्दे श्य के अतिगिि आिे हैं, जबकक
भाषाओां में आसन्क्ि का सम्बद्ध कौशल उद्दे श्य में नहीां है।

Q.76. 'अथवज्ञानद्र्ारा सम्प्रेषर्क्षमिा-पर्कासः' इत्यनेन अलभप्रायः अस्ति


(a) व्याकरणात्मकी सांरिना
(b) शङ्का-तनिारणाथं भशक्षकैिः सह िािाि िाठ्यिमस्य ि स्िष्टीकरणम ्
(c) शब्दाथिन ् प्रयोगान ् ि ज्ञािुां शब्दकोशस्य उियोगिः
(d) अिबोधनाथं सूिनायािः आदानां प्रदानञ्ि, स्िष्टीकरणां िुनरि िना ि

Ans : (d)
अथिज्ञान द्िारा सम्प्रेषण क्षमिा का विकास होिा है । इससे अिबोधन की सूिना के आदान-
प्रदान स्िष्टीकरण एिां िन
ु रि िना का विकास होिा है ।
Q.77. सन्िभवर्ैपर्ध्य-गनिपर्धिप्रयोग-प्रनिपस्ु रट -इत्याि नां दृरटया ककम ् अनि
ु े शनं
छात्रेभ्यः अधिकान ् अर्सरान ् प्रििानि?
(a) प्रत्यक्षम ् (b) दरू स्थम ्
(c) अभभिभमिम ्(Programmed) (d) सङ्गणक-सम्बद्धम ्(Computer-
aided)

Ans : (d)
सतदभि िैविध्य-गतिविचध प्रयोग-प्रतििन्ु ष्ट इत्याहद दृन्ष्ट से सङ्गणक सम्बद्ध अनद
ु े शन
छात्रों को विशेष अिसर प्रदान करिा है।

Q.78. व्याकरर्ात्मकम ् अनुिेशनं ििै र् तर्ाभापर्कं मन्यिे यिा


(a) लेिनाि ् भाषणाि ् िा िि
ू ं व्याकरणाभ्यासाथं प्रयत्नािः कियतिे
(b) अध्यािकैिः अल्िकाभलक-व्याकरणकक्ष्या स्िीकियिे
(c) छात्रािः स्ियमेि लेिन-भाषण-समये सजगािः भूत्िा त्रहु ट सांशोधनम ् अवि कुििन्ति
(d) अध्यािकािः तनरतिरां भसद्धाति-िाठने सांलग्नािः भिन्ति

Ans : (c)
व्याकरणात्मक अनद
ु े शन िभी स्िाभाविक रूि से माना जािा है जब छात्र स्ियां ही लेिन
भाषण के समय सजग होकर त्रहु टयों का सांशोधन भी करिे हैं।

Q.79. मौल्याङ्खकनं नाम


(a) लक्ष्यभसद्चधमािनम ् (b) रिनान्त्मका सांकलनान्त्मका ि िरीक्षा
(c) िावषिकी िरीक्षा (d) कक्ष्यािरीक्षया सह आकलनैकीकरणम ्

Ans : (a)
मूल्याङ्कन का नाम लक्ष्य भसद्चध मािन होिा है। मूल्याङ्कन िद्धति से व्यन्क्ि के गुण-
दोषों का वििेिन होिा हैं इससे व्यन्क्ित्ि में तनिार आिा है।

Q.80. पर्लशरटच्छात्रार्ां बोिनाय


(a) मुख्यधारायामेि प्रिेश्य अतयैिः छात्रैस्सह बोधनां कििव्यम ्
(b) िेभ्यो विभशष्टिाठियाि कल्िनीया
(c) िथ
ृ क् िेषाां िरीक्षा भिेि ्
(d) िे विशेषशालासु अध्यािनीयािः

Ans : (a)
विभशष्ट छात्रों की जानकारी हे िु मुख्य धारा में प्रिेश करके छात्रों के साथ जानकारी प्राप्ि
करना िाहहए। भशक्षा का स्िरूि ही ऐसा होिा है कक उसकी बोधिा समातय से विभशष्ट दोनों ही
छात्रों में समान रूि से होनी िाहहए।

Q.81. छात्रतर्ायत्तिा अनेन प्रोत्सादहिा भर्नि


(a) कक्ष्यायाां सिे च्छात्रािः ियाियेण नायकािः कियतिे इति विधानेन
(b) छात्रेषु अनश
ु ासनस्य उितनक्षेिणेन
(c) स्िमौल्याङ्कने सहाध्याय्याकलने ि छात्राणाां समािेशनेन
(d) असकृि ् गह
ृ ाध्ययने तनयोजनेन

Ans : (c)
छात्र स्िायत्तिा को अनेक प्रकार से प्रोत्साहहि ककया जा सकिा है न्जसमें स्िमल्
ू याांकन करने
में छात्रों को समािेभशि ककया जा सकिा है।

Q.82. व्याकरर्-लशक्षर्ाथं ककं सर्ावधिक महत्र्पर्


ू मव ्?
(a) तनयमानाां स्मरणम ् (b) विभभतनसतदभेषु िाठ्यत्रबतदन
ू ाम ् अभ्यासिः
(c) स्िच्छ-सुतदर-लेििः (d) जीिन-कौशलातन

Ans : (b)
व्याकरण-भशक्षक्षणाथं विभभतनसतदभेषु िाठ्यत्रबतदन
ू ाम ् अभ्यासिः सिािचधक महत्ििूणम
ि ्
अन्स्ि। िात्ियि है - व्याकरण भशक्षण के भलए सिािचधक महत्ििूणि है विभभतन प्रकार के
सतदभो में िाठ्य त्रबतद ु का अभ्यास करना ।

Q.83. पाठ्यर्ति-ु ननदहि पर्लभन्नशब्िानां साहाय्येन नूिनानाम ् अपररधचिानां शब्िानाम ्


अथवज्ञानप्रकिया केन कौशिेन सम्बद्िा?
(a) श्रिणेन (b) भाषणेन (c) िठनेन (d) लेिनेन

Ans : (c)
िात्ियि है - जब विद्याथी िाठ्यिस्िु आधाररि शब्दों के आधार िर नये, अिररचिि शब्दों के
अथि ज्ञान को समझने का प्रयास करिा है , िो िह िठन किया द्िारा शब्दाथि को समझिा है ,
अििः िठन किया नये ि अिररचिि शब्दाथि को समझने के भलए महत्ििूणि है ।

Q.84. भाषर्-कौशि-मल्
ू याङ्खकनाथवम ् अननर्ायवम ्
(a) सम्भाषणम ् (b) तनरतिरां श्रिणम ्
(c) सांिाद-लेिनम ् (d) भािानग
ु ुणां िाठ्यिस्िुनिः विश्लेषणम ्

Ans : (a)
भाषण-कौशल-मल्
ू याङ्कनाथिम ् अतनिायिम ् सम्भाषणम ् अन्स्ि। िात्ियि है - भाषण कौशल
मूल्याङ्कन के भलए सम्भाषण अत्यचधक आिश्यक है । सम्भाषण का अथि है समान रूि से
भाषण करना।
Q.85. िेिः िघुः र्िविे चेि ् िि
ृ ीयपरु
ु षे पूर्य
व िु पर्ना अप्रतिि
ु र्ाचा,
अध्र्न्यात्मकर त्या िथा अिाककवकर त्या पूर्य
व िु
(a) समािारित्रलेिनम ् (b) िगीकृिप्रकटनम ् (c) विज्ञन्प्ििः (d) प्रतििेदनम ्

Ans : (d)
छोटे लेि में विद्यमान िीसरा िरु
ु ष के त्रबना िूणि करना अप्रस्िुििािी, अध्ितयात्मक रीति
िथा अिाककिक रीति को प्रतििेदन िण
ू ि करिा है । इसे प्रतििेदन कहिे हैं।

Q.86. नटानां सूक्ट्िसमूहर्ाचकपिम ्?


(a) िात्रिः (Characters) (b) अध्यािकितृ दिः (c) समूहिः (d) जनिदिः
Ans : (a)
नटानाां सक्
ू िसमह
ू िािक िद िात्र को कहा जािा है। नाटकों में नट िात्र होिे हैं जैसे-सत्र
ू धार,
यह नाटक का प्रारम्भकिाि और रां गमांि का अध्यक्ष होिा है िथा नटी स्त्री-िात्र है जो सत्र
ू धार
की स्त्री होिी है।

Q.87. कः प्रकारात्मकः शब्िः (Functional word)?


(a) ककमवि न (b) रिनात्मक (c) विक्षक्षप्ि (d) सिे

Ans : (b)
रिनात्मक शब्दों को प्रकारात्मक शब्द कहिे हैं। शब्दों को प्रकारात्मक शब्द नहीां कह सकिे हैं
और न ही विक्षक्षप्ि को प्रकारात्मक शब्द कहा जािा है । अििः प्रकारात्मक शब्द रिनात्मक
होिे हैं।

Q.88. 'सिि-व्यापक-मल्
ू याङ्खकनम ्' इत्यनेन सम्बद्िा 'व्यापक' इनि सङ्खकल्पना
छात्रतय र्द्
ृ धिपर्कासान्िगविे .......पक्षं पर्र्र्
ृ ोनि।
(a) सह-शैक्षखणकस्य (b) शैक्षखणक-सहशैक्षखणकयोिः
(c) सम्िूणश
ि ैक्षक्षकस्य (d) शैक्षखणकस्य

Ans : (b)
'सिि-व्यािक-मूल्याङ्कन' इससे सम्बद्ध िद 'व्यािक' इस सांकल्िना से छात्र के िद्
ृ चध एिां
विकास के अतिगिि शैक्षखणक िथा सहशैक्षखणक दोनों िक्षों का होना आिश्यक है ।

Q.89. उपचारात्मकं लशक्षर्ं मन्यिे?


(a) तनदानम ् अचधगमनात्मक-ररन्क्ि-सांज्ञानम ् ि
(b) मेधाविछात्रान ् उद्हदश्य भशक्षणम ्
(c) प्रदत्तिाठ्यिमोत्तर-भशक्षणम ्
(d) अतिररक्ि-भशक्षणम ्

Ans : (a)
तनदान और अचधगमनात्मक-ररन्क्ि-सांज्ञान उििारात्मक भशक्षण माने जािे है।

Q.90. कतयापप जनतय पर्लशरट-क्षमिानां कौशिानां, यथा, सङ्खगीि-पर्ज्ञान-औषि-


इत्याि नां, रचनात्मकिाम ् (Potential) अन्र्ेरटुं मापनयिुं कृिा पर क्षा ककं कथ्यिे?
(a) अभभिवृ त्त-िरीक्षा (Aptitude Test) (b) प्रिवृ त्त-िरीक्षा (Attitude Test)
(c) उिलन्ब्ध-िरीक्षा (Achievement Test) (d) नैिुण्य-िरीक्षा (Proficiency Test)

Ans : (a)
ककसी भी प्रकार के लोगों की विभशष्ट क्षमिाओां, कौशलों यथा-सङ्गीि - विज्ञान - औषध
इत्याहद रिनात्मकिा के िोज के भलए, मािन के भलए इस प्रकार की िरीक्षा (िरीक्षण) को
अभभिवृ त्त - िरीक्षा (Aptitude Test) कहिे हैं।
Q.91. समापर्रट-कक्षाम ् (Inclusive Classroom) आधश्रत्य ननम्नलिखिि-युस्क्ट्िषु
असमीचीना अस्ति
(a) सङ्गणक-आधाररि-उििारात्मककायेण सह सम्प्रेषणात्मक प्रविधीनाम ् अतिररक्ि-
साहाय्यम ्।
(b) सिे छात्रािः सय
ु ोग्यािः भिेयिःु इत्यथं विविध-सांसाधनानाम ् उियोगिः
(c) छात्रािः स्िगत्यनग
ु ण
ु म ् अचधगच्छे यिःु इत्यथं विभभतन-अनद
ु े शन मल्
ू याङ्कन-प्रणालीनाम ्
उियोगिः
(d) विभभतनविषयाणाां सतदभे अनक
ु ू भलि-सांशोचधि-विकल्िात्मक

Ans : (d)
समाविष्ट कक्षा में विभभतन विषयों के सतदभि में अनक
ु ू भलि सांशोचधि विकल्िात्मक
गतिविचधयााँ असमीिीन है ।

Q.92. ननम्नलिखििेषु ककं समापर्रट-कक्षया सम्बद्िं न?


(a) समानभ
ु तू ििः (empathy) (b) सहयोगिः (Co-operation)
(c) सहकायििा (Collaboration) (d) सहानभ
ु तू ििः (Sympathy)

Ans : (d)
समानभु तू ि, सहयोग एिां सहकायििा कक्षा से सम्बद्ध होिी है । सहानभ
ु तू ि का कक्षा से कोई
सम्बतध नहीां होिा। सहानभ
ु तू ि का सम्बतध प्राखणमात्र के बीि भाि जगि में होिी है ।

Q.93. एकः लशक्षकःधचत्रेर् सह गहृ तय दृश्यतय र्र्वने संिग्नः। धचत्रे पपिा पाकशािायां
पाककियायां संिग्नः, मािा सङ्खगर्कतय साहाय्येन काये संिग्ना, पत्र
ु ः च
सीर्नप्रकियायां िग्नः। अध्यापकः धचत्रद्र्ारा ककं तपरट किम
ुव ् इच्छनि?
(a) कायिस्य महत्त्िम ् (b) कायिविभाजनम ्
(c) भलङ्ग-सम्बद्ध-िि
ू ध
ि ारणानाम ् उतमल
ू नम ् (d) कायिम ् एि िज
ू ा
Ans : (c)
एक भशक्षक चित्र के साथ घर (गहृ ) के दृश्य का िणिन करिा है। चित्र में वििा िाकशाला
(रसोई) में िाक किया कर रहा है ; मािा सङ्गणक के साथ कायि में लगी हुई है और ित्रु
सीिन(भसलाई) प्रकिया में लगा हुआ है । यहााँ िर अध्यािक चित्र द्िारा भलङ्ग सम्बतध िूिि
धारणा के उतमूलन को स्िष्ट करिा है

Q.94. रचनात्मकं मूल्याङ्खकनं कियिे


(a) एकैकस्य िाठस्य/िठनिाठनसमये (b) सििमल्
ू याङ्कनरूिेण
(c) सत्रातिे (d) सत्रादौ

Ans : (b)
रिनात्मक मूल्याांकन एक िाठ का अथिा िठन, िाठन के समय ककया जािा है। क्योंकक सिि
मूल्याांकन से िेजी से रिनात्मकिा िर प्रकाश िड़िा है ।

Q.95. पर्लभन्नपर्षयार्ं ज्ञानतय कृिे पर्द्याधथवनः मािभ


ृ ाषायाः उपयोग:
(a) ज्ञानप्राप्िौ साहाय्यां कररष्यति
(b) इिरभाषणाां विषयाणां ि अचधगमे बाधकिः भविष्यति
(c) अतयासाां भाषाणाां ज्ञानाथं विघ्नां जनतयष्यति
(d) सांस्कृिभाषायािः कक्षायाां अनम
ु ोहदििः न स्याि ्

Ans : (a)
विभभतन विषयों का ज्ञान प्राप्ि कर विद्याथी मािभ
ृ ाषा का उियोग ज्ञान प्रान्प्ि में सहायिा
करिा है । क्योंकक मािभ
ृ ाषा का ज्ञान अचधक उियोगी होिा है। इससे समझ विकभसि होिी है।
Q.96. लशक्षक्षका कक्षायां स्तथिानां र्तिूनांक नामानन कगविपट्दटकायां लिखित्र्ा
र्तिूनाम ् उपरर आरोपयनि। एर्ं सा ........
(a) छात्राणां शुद्धिििनीज्ञानां कारयति
(b) कक्षा व्यिन्स्थिाां करोति
(c) कक्षायाां िािािरणां महु िििठनसामग्रीमयां करोति
(d) ियाििरणविज्ञानस्य (EVS) िाठनां करोति

Ans : (c)
भशक्षक्षका कक्षा में न्स्थि िस्िओ
ु ां के नाम को कगेद की िट्हटका िर भलिकर िस्िओ
ु ां को
आरोविि करिा है । इस प्रकार िह कक्षा का िािािरण महु िि िठन सामग्रीमय करिी है ।

Q.97. भाषायाः अधिग्रहर्समये ककं प्रथमम ् आगच्छनिः?


(a) अथििः (b) उभयां रूिम ् अथिश्ि
(c) िणिमालायािः अक्षराखण (d) रूिम ्

Ans : (a)
भाषा अचधग्रहण करिे समय सबसे िहले अथि की भभू मका महत्ििण
ू ि होिी है। अथािि ् सििप्रथम ्
िहले सोिान में भाषा का ज्ञान अथि के ज्ञान िर तनभिर रहिा है।

Q.98. उत्पािकशब्िार्ि (Productive vocabulary) सस्न्नर्ेशयनि


(a) श्रिणसमये अभभज्ञािान ् शब्दान ्
(b) लेिनसमये प्रयुक्िान ् शब्दान ्
(c) सम्भाषणसमये लेिनसमये ि प्रयुक्िान ् शब्दान ्
(d) सम्भाषणसमये प्रयक्
ु िान ् शब्दान ्।

Ans : (c)
सम्भाषण और लेिन के समय प्रयोग ककये गये शब्द या शब्द यक्
ु ि शब्दािली उत्िादक
शब्दािली कहलािी है ।

Q.99. िेिनतय प्रकियातर्रूपानस


ु ारं (Process writing) लशक्षक्षका पर्मशेर्
(Brainstorming) सह प्रारम्भं करोनि। अत्र पर्मशवः (Brainstorming) इत्यतय आशयः
(a) उिन्स्थिविषयोिरर वििाराणाां सङ्ग्रहिः उिस्थािनां ि
(b) स्िस्थबद्
ु धेिः कृिे यौचगकव्यायामिः
(c) उिन्स्थिविषयस्य बोधाथं बद्
ु धौ बलाधाििः
(d) बुद्धौ ज्ञानस्य िििािकरणम ्

Ans : (a)
लेिन की प्रकिया के अनुसार कोई एक भशक्षक्षका िरस्िर विमशि के साथ िाठ का यहद प्रारम्भ
करिी है । िब भशक्षक्षका का यह विमशि उस समय उिन्स्थि विषय के ऊिर वििारों से सग्रहण
की स्थािना को भसद्ध करिा है।

Q.100. केचन छात्राः सधू च-लिखिि-उत्तरे भ्यः शीषवकसदहिं समधु चिम ् उत्तरम ् अन्र्ेरटुं
ननदिव रटाः। पर्
ू मव ् एर् िे सामग्रयाः तर्रूपपर्षये ककस्चचि ् प्ररटुम इच्छस्न्ि। इिं ककम ्?
छात्राः
(a) सि
ू नातिरालां िरू यतििः सन्ति
(b) सकियरूिेण सामग्रयािः सतदभे िि
ू ािनम
ु ानप्रकियायाां सांलग्नािः
(c) िथ्यानाां तनरीक्षणे सांलग्नािः
(d) प्रश्नोत्तरसतदभे ऊहाां (Guess) कुििन्ति

Ans : (b)
यहद ककसी छात्र को सूिी भलखिि उत्तर शीषिक सहहि उत्तर दे ने के भलए तनहदि ष्ट ककया गया है
िो इसका अथि है छात्रों से िि
ू न
ि मान प्रकिया के आधार िर सांलग्न किया के भलए कहा गया है।

Q.1. अध्यापकः/अध्यापपका उिाहरर्ैः व्याकरर्ात्मकसंरचनां पािनयिं दृश्य-श्रव्य-


उपकरर्ानां प्रयोगं करोनि। छात्राः प्रभापर्-सम्प्रेषर्ाथं, िेिनेन भाषर्ेन र्ा, एिेषां
पादिि-ित्त्र्ानां सम्यक् उपयोगं कुर्वस्न्ि। एषा प्रकिया अस्ति
(a) रिनात्मकी (b) िुनरात्मकी
(c) आगमनात्मकी (d) तनगमनात्मकी

Ans : (c)
अध्यािक/अध्याविका उदाहरण के भलए व्याकरणात्मक सांरिना को स्िष्ट करने हे िु दृश्य-
श्रव्य उिकरणों का प्रयोग करिे हैं। छात्रों के प्रभािी सम्प्रेषण, लेिन एिां भाषण इन िहठि-
ित्िों का सम्यक उियोग करिे हैं। यह प्रकिया आगमनात्मक प्रकिया कहलािी है ।

Q.2. अधिगन्िारः प्रायः ज्ञान-ननमाविारःअपप भर्स्न्ि। भाषा-कक्ष्यया इिं सािनयिुं कः


समीचीनः उपायः?
(a) लक्ष्यभाषया सम्बद्ध-िाठ्यिस्िुनिः अचधकाचधकां िठनम ्
(b) िूिति नधािररि-प्रायोजनात्मकां कायि प्रतिन्ष्टिः ि
(c) विभभतनगतिविधीनाां द्िारा नुिनसतदभेष भाषा-प्रयोगाथिम ् अचधकाचधक-अिसरणाां
प्रदानम ्
(d) छात्राणाम ् अचधगम-क्षमिा-विकासाथिम ् अचधगम-सामग्रयािः उिलन्ब्धिः

Ans : (c)
विभभतन गतिविचधयों द्िारा नि
ू न सांदभि से भाषा प्रयोग के अथि में अचधकाचधक अिसर प्रदान
करना भाषा कक्षा को साचधि करने का यह समीिीन उिाय है।
Q.3. पर्चारमन्थनं (Brain storming) सप्रयोजनं भर्नि
(a) यदा सुवििारे भ्यो बहहगितिुभमष्यिे
(b) यदा चितिनविधानातन स्थावििातन
(c) यदा मल
ू भि
ू वििारिः प्रिारतयिुम ् इष्यिे
(d) यदा विषयाभभिीक्षणे सजिनात्मकविधानानाां सांिधिनमिेक्षक्षिम ्

Ans : (d)
सजिनात्मक विधान के सांिद्िधन में वििार मांथन की अिेक्षा होिी है । वििार मांथन के िररणाम
स्िरूि ही नई विधा का प्रतििादन होिा है।

Q.4. भाषाबोिकानाम ् आद्यं किवव्यम ्


(a) छात्राणाां सांिहनकौशलाभभिधिने साहाय्यम ्
(b) छात्राणां भाषादोषशोधनम ्
(c) सवििरणां सम्िूणि
ि ाठबोधनम ्
(d) व्याकरणिररकल्िनानाां वििरणां रूितनष्ित्तौ अभ्यासिगिप्रदानां

Ans : (a)
छात्रों में कौशल अभभिधिन में सहायिा हे िु भाषा बोध की िहली आिश्यकिा है। भाषा की िण
ू ि
जानकारी होना कौशल छात्रों की विषयगि कुशलिा का सही मानदण्ि प्रतिस्थाविि करिी है ।

Q.5. पिनकौशिम ् अनेन प्रभापर्िं भर्नि


(a) छात्रस्य सांज्ञानस्िरिः
(b) िाठ्यिस्
ु िकानाां मल्
ू यां िथा स्िरूिम ्
(c) छात्रस्य सामान्जकी आचथिकी ि िररन्स्थतििः
(d) िाठकस्य उद्दे शिः आसन्क्िश्ि, एिां िाठ्यस्य काहठतयस्िरिः
Ans : (d)
िठन कौशल िाठक के उद्दे श्य आसन्क्ि (रुचि) एिां िाठ के कहठनाई से प्रभाविि होिा है ।
यहद िाठक में भाषागि दरु
ु हिा का बोध होिा है िो िठन कौशल प्रभाविि होिा है ।

ू रूपेर् रचनात्मकं िेिनं लििनि। इिं ककं


Q.6. कोऽपप छात्रः अनुकरर्ापेक्षया मि
कथ्यिे
(a) कथालेिनम ् (b) सांिादलेिनम ्
(c) सज
ृ नात्मकलेिनम ् (d) ित्रलेिनम ्

Ans : (c)
सज
ृ नात्मकलेिनम ् छात्रिः अनक
ु रणािेक्षया मल
ू रूिेण रिनात्मकां लेिनां भलिति। िात्ियि है -
सज
ृ न करने िाला लेि ही छात्र अनक
ु रण की अिेक्षा मल
ू रूि से रिनात्मक लेि में भलििे हैं।
ना कक कथालेि, कथालेि बौद्चधक क्षमिा को बढ़ािा है , ना कक सांिाद लेि, सांिाद लेि
िाककिक क्षमिा को बढ़ािा है , ना कक ित्रलेिन, ित्रलेिन भािनाओां से सम्बन्तधि होिा है ।

Q.7. गहृ कायवतय मुख्योद्िे श्यः अस्ति


(a) छात्रािः गह
ृ े निीनिाठान ् िहठिांु रुचिां प्रदशियेयिःु
(b) अभभभािकािः जीनीयिःु यि ् छात्रािः विद्यालये ककां ककां िठन्ति
(c) िाहठििाठान ् अचधकृत्य अभ्यासां कुयिःुि
(d) िठने छात्ररुचि-िधिनम ्

Ans : (c)
गह
ृ कायिस्य मुख्योद्दे श्यिः िहठिििाठान ् अचधकृत्य अभ्यासां कुयिःुि अन्स्ि। िात्ियि है -
गह
ृ कायि का मख्
ु य उद्दे श्य िढ़े हुए िाठ का अचधक से अचधक अभ्यास करना।

Q.8. श्रर्र्कौशिपर्कासाथं कः उत्तमः मागवः?


(a) विद्यालयस्य विभभतनकायििमेषु भाषाश्रिणस्य अिसरािः
(b) कचथििाक्यानाां िुनरािवृ त्तिः
(c) छात्रकथनानाां सािधानां श्रिणम ्
(d) 'ध्यानेन शण्ृ ितिु' इति छात्रेभ्य िन
ु िः िुनिः तनदे शदानम ्

Ans : (a)
श्रिणकौशलविकासाथं विद्यालयस्य विभभतनकायििमेष भाषाश्रिणस्य अिसरािः उत्तमिः
मागििः। िात्ियि है - श्रिण कौशल के विकास के भलए विद्यालय में विभभतन प्रकार के कायििमों
में प्रयोग ककए जा रहे भाषाओां का श्रिण करना ही उत्तम (सििश्रेष्ठ) मागि है।

Q.9. पर्तिि
ृ पिानां प्रिीपिमः?
(a) मतत्रिः (सांस्कृिम ्)- मतत्रिः (हहतदी) (b) िोरिः - िुरति
(c) भारि + युरोिीय – भारोिीय (d) प्रयोजकिः - अप्रयोजकिः

Ans : (d)
विस्िि
ृ िदानाां प्रिीििमिः का प्रयोग प्रयोजक िथा अप्रयोजक के भलए ककया गया है। प्रयोजक
उसे कहिे हैं जो आयोजनकिाि होिा है । ककसी प्रयोजन की ितू िि के भलए जो कायि करिा है उसे
प्रयोजक कहिे हैं।

Q.10. आकिनतय ननकषः (Criteria)


(a) अङ्कनमागिदभशिका (b) िरीक्षामागिदशिन-मल्
ू याङ्कनतनदे शिः
(c) प्रश्निमेण अङ्कानाां विभाग: (d) विद्याचथिनाां सामथ्यिस्य सामातयज्ञानम ्

Ans : (d)
आकलन की कसौटी िह होिी है जो विद्याचथियों के सामातय जानकारी के सामथ्यि का िरीक्षण
करिी है अथािि ् सामातय ज्ञान के आधार िर विद्याचथियों के ज्ञान का आकलन करना ही
उसकी कसौटी है ।

Q.11. शीषवकतय मख्


ु यसम्बन्िः भर्नि
(a) मुख्यिात्रस्य कथनेन (b) िाठस्य मुख्याांशेन
(c) िाठस्य मुख्यसूक्त्या (d) सम्िूणि
ि ाठे न

Ans : (d)
शीषिक का मख्
ु य सम्बतध सम्िण
ू ि िाठ से होिा है । जब िक सम्िण
ू ि िाठ का िठन नहीां हो
जािा है िब िक शीषिक का तनधािरण करना असांगि होिा है। सम्िण
ू ि िाठ के िढ़ लेने के बाद
जो भाि मल
ू ििः ग्रहण होिा है िही उसका शीषिक होिा है ।

Q.12. ननम्नलिखििेषु ककं मल्


ू यं समापर्रट -कक्षया (Inclusive Classroom) सम्बद्िं
न अस्ति?
(a) सहानभ
ु ूतििः (b) िरस्िरां साहाय्यम (c) सहयोगिः (d) समानभ
ु ूतििः

Ans : (a)
तनम्नभलखिि मूल्यों में सहानभ
ु ूति नामक मल्
ू य समाविष्ट या सामूहहक कक्षा से सम्बद्ध
(सम्बन्तधि) नहीां है जबकक िरस्िर सहायिा, सहयोग िथा समानुभूति समूह कक्षा से
सम्बतध रििे हैं।

Q.13. प्रो.यशपािसलमनिद्र्ारा' भारं पर्ना अधिगमनम ्'


(Learning Without Burden) इति नान्म्न प्रतििेदने कातनचिि ् अनश
ु ांसनातन कृिातन।
तनम्नभलखििेषु ककम ् अनुशांसनां न?
(a) गह
ृ कायिस्य मात्रा तयूनी-भिेि ्
(b) भशक्षण-अचधगम-प्रकिया गतिविचध-आधाररिा मनोरन्ञ्जका ि भिेि ्
(c) िाठ्यिुस्िकेषु प्रतिबतधिः भिेि ्।
(d) छात्रािः भारयुक्िस्यूिां न स्िीकुयिःुि

Ans : (b)
प्रो. यशिाल सभमति द्िारा 'त्रबना भार के अचधगमन' (सीिना) इस भाग से प्रतििेदन हदया है
न्जसमें कुछ अनश
ु ांसायें प्रदान की गई हैं, इनमें से तनम्नभलखिि अनश
ु ांसा नहीां सन्म्मभलि है ,
यथा-भशक्षण - अचधगम - प्रकिया गतिविचध आधाररि और मनोरां जनिण
ू ि होिा है।

Q.14. बािानां ननःशुल्क-आर्श्यक-लशक्षा-अधिकार अधिननयमानुसारं (2009)


लशक्षातर्रूपं कीदृक् भर्ेि ्?
(a) माभसकिरीक्षणद्िारा भशक्षास्िरिधिनम ्
(b) छात्रानक
ु ू ल-गतिविचध-अनस
ु तधान-प्रदशिनद्िारा भशक्षणम ्।
(c) विद्यालयकालातिरम ् अभभभािकैिः अतिररक्िभशक्षणम ् ।
(d) प्रारन्म्भकस्िरे शैक्षक्षकविषयाणाां भशक्षणम ् एि आिश्यकम ्।

Ans : (b)
छात्रों के अनक
ु ू ल गतिविचधयााँ एिां अनस
ु तधान प्रदशिन द्िारा भशक्षा प्रदान करना बाल
तनिःशल्
ु क आिश्यक भशक्षा अचधकार अचधतनयम (2009) का स्िरूि है । इसके द्िारा 6 से 14
िषि के बालकों को तनिःशल्
ु क एिां अतनिायि भशक्षा का प्रािधान ककया गया।

Q.15. ननम्नलिखििं र्ाक्ट्यद्र्यं पिि अध्यापपका बािकं पच्ृ छनि। बािकः अध्यापपकां
ृ छनि। ककं तपरट किम
पच् ुव ् इिं समीचीनम ् उिाहरर्म ्?
(a) यहद विभन्क्ििररिििनां भिति, िाक्यस्य अथििः अवि िररििििे
(b) िाक्यद्ियां कमििाच्यस्िरूिां स्िष्टीकरोति
(c) िाक्यद्ियां सांज्ञा-किया-सम्बतधां प्रतििादयति
(d) उभयोिः िाक्ययोिः कोऽवि भेदिः न अन्स्ि यिो हह उभयोिः िाक्ययोिः समानािः शब्दािः

Ans : (a)
“अध्याविका बालकां िच्
ृ छति। बालकिः अध्याविका िच्
ृ छति।" इन दोनों िाक्यों से यह स्िष्ट
होिा है कक यहद विभन्क्ि िररिििन होिा है िो िाक्य का अथि भी बदल जािा है। क्योंकक
विभन्क्ि कारण, भलांग, काल इत्याहद अथि िररिििन में सहायक होिे हैं।

Q.16. कीदृशाः प्रश्नाः छात्रधचन्िनकौशिं न उन्नयस्न्ि?


(a) िाककिकािः प्रश्नािः। (b) व्याख्यात्मकािः प्रश्नािः।
(c) व्यन्क्िगि-चितिनात्मकािः प्रश्नािः। (d) केिलां िाठ्यिस्ि-ु िठनाधाररिािः प्रश्नािः।

Ans : (d)
ऐसा प्रश्न जो छात्र चितिन की उतनति करिा है , िह है िाककिक प्रश्न, व्याख्यात्मक प्रश्न और
व्यन्क्िगि चितिन से युक्ि प्रश्न, न कक केिल िाठ्यिस्िु िठन िर आधाररि प्रश्न।

Q.17. अनि
ु े शनकािे अधिगमन-प्रगनि-प्रकियायाः ननिे शनं लशक्षाधथवभ्यःच ननरन्िरं
प्रनिपस्ु रटपोषर्ं ककं कथ्यिे?
(a) रिनात्मकां मूल्याङ्कनम ् (Formative assessment)
(b) मानक-िरीक्षणम ् (Standardised test)
(c) मानक-सतदभभिि-िरीक्षणम ् (Norm-referenced test)
(d) तनकष-सतदभभिि-मल्
ू याङ्कनम ् (Criterion-refernced assessment)

Ans : (a)
अनुदेशन काल में अचधगमन प्रगति-प्रकिया का तनदे शन और भशक्षाचथियों द्िारा तनरतिर प्रति
िुन्ष्टिोषण रिनात्मक मल्
ू याांकन कहलािा है ।
Q.18. भाषायाः कक्षायां कथाकथनम ् एकपद्िनिरूपेर् प्रयोक्ट्िुं न शक्ट्यिे
(a) केिलां नैतिकभशक्षणस्य कृिे (b) लेिनस्य अध्यािनकृिे
(c) श्रिण-भाषण-बोधनस्य कृिे (d) िठनकौशलस्य अध्यािनकृिे

Ans : (c)
भाषा की कक्षा में कथाकथन की एक िद्धति श्रिणभाषण एिां बोधन का प्रयोग नहीां ककया जा
सकिा। जबकक नैतिक भशक्षण, लेिन अध्यािन िथा िठन कौशल का अध्यािन होिा है ।

Q.19. कपर्िापािनं कियिे


(a) वििारणाां बोधाथिम ् आनतदानुभूत्यथं ि (b) निीनशब्दाज्ञानाथिम ्
(c) ििितयािः व्याकरणस्य ि ज्ञानाथिम ् (d) छतदोबद्धरिनायािः ज्ञानाथिम ्

Ans : (a)
कवििा िाठन वििारों के बोधनाथि और आनतद अनभ
ु ूति के भलए ककया जािा है िथा यह रुचि
बढ़ाने में भी उियोगी है।

Q.20. चिुथक
व क्षायाः लशक्षक्षका पर्नीिा: छात्रार्ं श्रर्र्कौशितय मूल्याङ्खकनं करोनि।
श्रर्र्कौशिपर क्षर्ाथवम ् अिोलिखििेषु कतय कायवतव्य न्यन
ू िमा उपयोधगिा र्िवि?

(a) एकां गानां श्रुत्िा विषयबोधिः
(b) िेिारयतत्रे िलन्त्िकेटव्याख्यानां श्रुत्िा अिगमनम ्
(c) एकस्यािः कथायािः श्रिणां कृत्िा िस्याां घहटिानाां घटनानाां योग्यिमेण उल्लेििः
(d) िािािलािां श्रुत्िा साराांशग्रहणम ्

Ans : (b)
ििुथि कक्षा की भशक्षक्षका विनीिा नामक छात्रा से श्रिण कौशल का मूल्याांकन करिी है। श्रिण
कौशल के िरीक्षण में एक गाने के श्रिण का विषय बोध, एक कथा का उल्लेि और िािािलाि
को सुनकर उसका साराांश ग्रहण उियोगी होिा है जबकक रे डियो िर किकेट के व्याख्यान को
सुनकर अनग
ु मन करना उिना उियोगी नहीां होिा।

Q.21. अिोलिखििर्ाक्ट्येषु किमं न समीचीनम ्?


(a) इिरविषयाणाम ् अचधगमकाले भाषाचधगमिः भिति
(b) विषयाणाम ् अचधगमिः भाषाद्िारा भिति
(c) भाषाचधगमाथं व्याकरणाचधगमस्य आिश्यकिा अन्स्ि
(d) सिे भाषाचधगमािः विषयाचधगमािः भविति

Ans : (d)
“सिे भाषाचधगमािः विषयाचधगमािः भिन्ति” यह िाक्याांश भाषाचधगम ् िर ठीक नहीां है । अििः
उियक्
ुि ि िार विकल्िों में यह विकल्ि शुद्धिा की दृन्ष्ट से सििििः अशुद्ध एिां अप्रामाखणक है।
क्योंकक ऐसा कभी नहीां हो सकिा कक - "सभी भाषाओां का ज्ञान मात्र विषयगि ज्ञान से िरू ा हो
जाये।”

Q.22. पिनं नाम


(a) अक्षराणाां शब्दानाां ि कूटज्ञानम ् (b) सम्िूणश
ि ब्दािल्यािः अचधगमिः
(c) भाषाचधगमिः (d) अथिकरणम ्

Ans : (d)
िठन (िढ़ने) का प्रथम सोिान भाषा के अतिगिि अथिज्ञान से है ।

Q.23. सन्
ु िर एकतय अभ्यासकायवतय ननयोजनं कृिर्िी यस्तमन ् सा प्रत्येकं
पचचमशब्ितय िोपं कृिर्िी। एिद् अभ्यासकायवम ् अस्ति
(a) व्याकरणिरीक्षा (b) लेिनिरीक्षा
(c) ररक्िस्थानितू िििरीक्षा (d) अनम
ु ानकायिम ्
Ans : (c)
सुतदरी नाम की एक बाभलका अिने अभ्यास कायि को सम्ितन करिी है । न्जसमें प्रत्येक िााँििें
शब्द का लोि िह बाभलका करिी है । ऐसा अभ्यास कायि बाभलका द्िारा ररक्िस्थान िूतिि की
िरीक्षा से सम्बन्तधि है। व्याकरण िरीक्षा, लेिन िरीक्षा, अनम
ु ानकायिम ् इत्याहद विकल्ि
अशुद्ध है ।

Q.24. िोषपूर्प
व िनाभ्यासतय कारर्ेषु अन्यिमं कारर्ं भर्नि
(a) कक्ष्यायाां बहुविद्याचथिनाां सम्मदि िः (Over crowded class)
(b) अङ्गुलीदशिनम ् (Finger pointing) अथिा िठने िक्षुरक्षर-सांयोगाथिम ् अङ्गल
ु ी-दशिनम ्
(c) बहुभाषाज्ञानम ् (Multilingualism)
(d) द्विभाषाज्ञानम ् (Bilingualism)

Ans : (b)
दोषिूणिि ठनाभ्यासस्य कारणेषु अतयिमां कारणां अङ्गलीदशिनम ् अथिा िठने िक्षुरक्षर-
सांयोगाथिम ् अङ्गली दशिनां भिति। अथािि - दोषिण
ू ि िठन अभ्यास के कारणों में अतय कारण
अांगल
ु ी दशिन अथिा िढ़ने में िक्षुरक्षर सांयोगाथि अांगल
ु ी दशिन में होिा है।

Q.25. पर्द्याधथवषु उच्च प्राथलमकतिरे उच्च माध्यलमकतिरे भाषायां रुधचसंर्िवनाथवम ्


अपेक्षक्षिं ककं नाम?
(a) विद्याचथिभ्यिः अचधकां श्रि
ु लेिनां (Dictation) दे यम ्
(b) विद्याचथिनाां व्याकरणज्ञानस्य िधिनां कायिम ्
(c) विद्याचथिनिः िस्
ु िकातन िहठिुां सूचििािः भिेयुिः
(d) विद्याचथिभ्यिः मौखिकरूिेण अचधकाचधकवििरणां दे यम ्

Ans : (d)
विद्याचथिषु उच्िप्राथभमकस्िरे उच्ि माध्यभमकस्िरे भाषायाां| रुचिसांिधिनाथिम ् अिेक्षक्षिां नाम
विद्याचथिभ्यिः मौखिकरूिेण अचधकाचधकवििरणां दे यम ्। अथािि - विद्याचथियों में
उच्िप्राथभमकस्िर िथा उच्ि माध्यभमकस्िर में भाषाओां की रुचिसांिधिनाथि अिेक्षक्षि है
क्योंकक विद्याचथियों के भलए मौखिक रूि से अचधक से अचधक वििरण दे ना िाहहए।

Q.26. र्ाचनप्रकियायां नूिन-अपररधचि-शब्ितय अथं ज्ञािु प्रथमं ककं किवव्यम ्?


(a) सम्िूणस
ि तदभि िररशील्य स्ियमेि अथं ज्ञािां प्रयासिः
(b) सरलिाठ्यिस्िु-ियनम ्
(c) सद्यिः एि शब्दकोशिररशीलनम ्
(d) अध्यािकिः सहिाठी िा प्रष्टव्यिः

Ans : (a)
िािन प्रकिया में नूिन-अिररचिि शब्द का आशय ज्ञाि करने हेिु सबसे िहले सम्िूणि सतदभि
का िररशीलन कर स्ियां ही अथि जानने का प्रयास करना िाहहए।

Q.27. सहजरूपेर् भाषा-अधिगमन-सन्िभे महत्त्र्पूर्म


व ् अस्ति
(a) अचधगि-शब्द-अचधकृत्य िाक्यतनमािणम ्
(b) लेिनम ्
(c) कथनशैल्यािः अिेक्षया अथिस्िष्टीकरणम ्
(d) अभभभािकानाां िाक्यानाां श्रिणम ्

Ans : (c)
सहज रूि से भाषा अचधगमन सतदभि में कथन शैली की अिेक्षा अथि स्िष्टीकरण अति
महत्ििण
ू ि है ।
Q.28. भाषा-लशक्षर्-अधिगम-प्रकिया-सन्िभव समतयानां समािानां प्राप्िम
ु ् अधिगमशैि
महत्त्र्पूर्ाव। भाषालशक्षर्ोपागमाथवम ् अपप अतयाः पर्लशरटं तथानम ्। एिादृशी एका भाषा-
लशक्षर्-अधिगमशैि अस्ति
(a) मुिणोतमि
ु ी शैली (b) केतिीकृिा शैली
(c) उच्िस्िरीया शैली (d) शान्तििण
ू ाि शैली

Ans : (a)
भाषा भशक्षण अचधगम प्रकिया के सतदभि में समस्या के समाधान प्राप्ि करने में अचधगम
शैली महत्ििण
ू ि है । भाषा भशक्षण में भी इसका विभशष्ट स्थान है , इस िरह की एक भाषा
भशक्षण अचधगम शैली मद
ृ णोतमि
ु ी शैली है।

Q.29. लशक्षर्तय आरम्भत्रबन्िं ु प्रर्िवनयिुं छात्रार्ां अर्बोिनिौबवल्यगर्ेषर्ाय कियमार्ं


मौल्याङ्खकनं भर्नि
(a) सजिनात्मकम ् (b) सत्रातिकृिम ् (c) तनदानात्मकम ् (d) सङ्कलनात्मकम ्

Ans : (c)
भशक्षण के प्रारन्म्भक अिस्था के प्रिििन हे िु छात्रों के अिबोधन की दब
ु ल
ि िा के मल्
ू याङ्कन में
तनदानात्मक प्रकिया सहायक होिी है । तनदानात्मक प्रकिया भशक्षण में समग्र रूि से सहायक
होिी है।

Q.30. व्याकरर्तय िक्षर्म ्


(a) भाषाप्रिाहिः (b) भाषायािः प्रस्ितु ििः (c) भाषादशिनम ् (d) भाषाभसद्धातििः

Ans : (d)
व्याकरण का लक्षण भाषा भसद्धाति है । व्याकरण भाषा को िैज्ञातनक िररन्स्थति से जोड़िी है ।
जो िमबद्ध भाषा प्रिाह का प्रतििादन करिी है ।
Q.31. र्ाक्ट्कौशिम ् इनि अतय साहाय्येन सम्यग ् र्िविे
(a) स्थानािवत्तसारखणिः (b) भलखिि-सांभाषणाभ्यासिः
(c) अभभनयो गोष्ठीचितिना ि (d) समद्
ृ धिािनसामग्री

Ans : (c)
अभभनि एिां गोष्ठी से िाणी की कुशलिा में िद्
ृ चध होिी| है । इससे बोलने की प्रिवृ त्त के साथ-
साथ शब्द ज्ञान में भी िद्
ृ चध होिी है । इससे व्यन्क्िगि विकास होिा है ।

Q.32. छात्रार्ां 'बहुपर्ि-ज्ञान-कौशि-पर्कासाथं लशक्षकार्ां कृिे कः मागवः उत्तमः?


(a) िठन-तनदे शनाथं छात्रेभ्यिः केिन प्रश्नािः दािव्यािः
(b) िाठ-अिबोधनाथं छात्रािः नि
ू नशब्दानाम ् अथािन ् स्मरे यिःु
(c) छात्रािः िाठ्याांशम ् अचधकृत्य स्ियां नि
ू न-चितिनशील प्रश्नानाां तनमािणाथं प्रेररयिव्यािः
(d) छात्राणाां कृिे अिबोधनात्मक-कायािथम
ि ् अिसरािः दािव्यािः

Ans : (c)
छात्राणाां 'बहुविध-ज्ञान-कौशल-विकासाथं भशक्षकाणाां कृिे छात्रािः िाठ्याांशम ् अचधकृत्य स्ियां
नूिन-चितिनशील-प्रश्नानाां तनमािणाथं प्रेररयिव्यािः मागििः उत्तमिः।' िात्ियि है - छात्रों के
बहुविध-ज्ञान-कौशल के विकास के भलए भशक्षक का कौन सा मागि उत्तम है - छात्र िाठ्याांश का
अध्ययन कर नये चिांिनशील प्रश्नों का तनमािण करने के भलए प्रेररि करना।

Q.33. र्ाचन-सन्िभव 'सचचय-कौशिेन' (Gathering Skill) अलभप्रायः अस्ति


(a) हटप्िणी-स्िीकरणम ् (note taking) (b) विश्लेषणम ्
(c) व्याख्यानम ् (d) हटप्िण-तनमािणम ् (note making)

Ans : (d)
िािन-सतदभि ‘सञ्िय-कौशलेन' (Gathering Skill) अभभप्रायिः हटप्िण-तनमािणम ्
अभभप्रायिः अन्स्ि। िात्ियि है - िािन सतदभि में अथािि ् बोलने के सतदभि में सञ्िय कौशल का
अभभप्राय है - हटप्िखणयों का तनमािण करना। इससे छात्र विषय ज्ञान को िूणरू
ि ि से समझने के
भलए योग्य होगा और इसके आधार िर िह अिने ज्ञान को और विस्िि
ृ रूि दे ने में सक्षम
होगा। ना कक ककसी दस
ू रे की हटप्िखणयों को स्िीकार करने में , सन्ञ्िि कौशल िह कौशल है
न्जसमें हटप्िखणयों का तनमािण कर सके।

Q.34. सूचना-सम्बद्ि-पर्लभन्न-पक्षेषु श्रुि-ध्र्नन-शब्ि-पि दृरट्या परतपरं


पर्भेि करर्तय गनिपर्धिः केन कौशिेन सम्बद्िः?
(a) िठनेन (b) लेिनेन (c) श्रिणेन (d) भाषणेन

Ans : (c)
िात्ियि है - सूिना सम्बतधी विभभतन प्रकार के िक्ष जैसे-श्रुि, ध्ितन, शब्द, िद की दृन्ष्ट से
िरस्िर एक दस
ू रे में विभेद के कारण श्रिण कौशल गतिविचध अत्यति महत्ििूणि है , न्जससे
छात्रों की मानभसक ि बौद्चधक योग्यिाओां, क्षमिाओां आहद में िद्
ृ चध होिी है।

Q.35. िेिनसमये संिग्नशीििममेकम ्


(a) उिसगििः (b) उन्क्ििः (c) उिित्त
ृ म् (d) विशेषणम ्

Ans : (d)
लेिन के समय सांलग्नशील िम में एक विशेषण होिा है सांस्कृि में विशेष्य के भलङ्ग, ििन
और विभन्क्ि के अनुसार विशेषण का रूि बदलिा है । न्जस भलांग, न्जस ििन और न्जस
विभन्क्ि का विशेष्य होिा है , उसी भलांग उसी ििन और उसी विभन्क्ि का विशेषण भी होिा
है । यथा-अहां सत
ु दोऽन्स्म। (मैं सत
ु दर हूाँ)
Q.36. संतथासु अन्िःशैक्षखर्क-संपन्मि
ू पर्ननमयकरर्ं संर्हन िन्त्रज्ञानम ्
(Communicative Technology)
(a) एरनेट (ERNET) (b) अतिजािलम ् (INTERNET)
(c) इतरानेट (INTRANET) (d) िेल्नेट (DELNET)

Ans : (b)
अतििः शैक्षखणक सांस्थानों में भाषा के आदान-प्रदान का मल
ू कारण एक ऐसा ितत्र या जाल है
न्जसके माध्यम से सभी भाषायी कायि सम्ितन होिे हैं उसे ही हम अतिजािल अथािि ् इतटरनेट
कहिे हैं।

Q.37. नामपिकेन्ि कृि-उपगमः मन्यिे यि ् अधिक-अधिगमनं संघटनात्मकम ्?


(a) शैक्षक्षकितत्रानुगुणम ् (b) विद्याचथिनाां रुचिरनग
ु ुणां कियिे
(c) अध्यािकस्य विषयसामथ्यािनुगुणम ् (d) विषयसामग्रयनग
ु ण
ु म्

Ans : (b)
नामिद को केतिीकृि करके उिगम को माना जािा है । जो कक अचधक अचधगमन एिां
सांघटनात्मक होिा है जैसे-विद्याचथिनाां रुचिरनग
ु ण
ु ां कियिे। विद्याथी सत
ु दरिा का अनग
ु मन
करिे हैं।

Q.38. कक्षायाः लमधश्रि-योग्यिा-समूहः स एर् यत्र


(a) विभभतन-राष्र-सम्बद्धािः छात्रािः भमभलत्िा िठन्ति।
(b) समाजस्य विभभतन-स्िरसम्बद्धािः छात्रािः भमभलत्िा िठन्ति।
(c) मतदगतिभशक्षाचथिनिः (slow learners) उच्ि-उिलन्ब्ध-प्राप्िािः ि भमभलत्िा िठन्ति।
(d) बालकािः बाभलकािः ि भमभलत्िा िठन्ति।

Ans : (c)
कक्षाओां में भमचश्रि (सभी छात्र एक साथ अध्ययन में सन्म्मभलि हों) योग्यिा - समूह िहीां
होिा है जहााँ मतद या कम बुद्चध िाले छात्र उच्ि बद्
ु चध (उिलन्ब्ध) िाले छात्रों के साथ
भमलकर िढ़िे हैं। अथािि ् मतद बद्
ु चध और िीव्र या कुशाग्र बद्
ु चध िाले छात्र एक साथ भमलकर
िढ़ाई करें ।

Q.39. एका लशक्षक्षका अस्न्र्रयनि यि ् ितयाः केचन छात्राः भाषाप्रश्नपत्रतय िेिन-


सम्बद्ि-भागे ननम्नश्रेर्ी प्राप्नर्
ु स्न्ि सा ननम्नश्रेण्याः कारर्ं ज्ञािुम ् एकं पर क्षर्ं
पररकल्पयनि। िि ् पर क्षर्ं ककं कथ्यिे?
(a) नैिुण्य-िरीक्षणम ् (b) तनदानात्मक-िरीक्षणम ्
(c) अभभिवृ त्त-िरीक्षणम ् (d) उिलन्ब्ध-िरीक्षणम ्

Ans : (b)
एक भशक्षक्षका अतिेषण करिी है कक कुछ छात्र भाषा प्रश्न ित्र के लेिन से सम्बद्ध भाग में
तनम्न श्रेणी प्राप्ि करिे हैं। उनके तनम्न श्रेणी के कारण को जानने के भलए एक िरीक्षण की
िररकल्िना करिे हैं, उस िरीक्षण को तनदानात्मक - िरीक्षण कहिे हैं अथािि ् तनम्न श्रेणी को
प्राप्ि करने का तनदान (उििार) करिे हैं।

Q.40. अनम
ु ानम ् (Prediction) एकम ् उपकौशिम ् अस्ति
(a) हटप्िणीकरणस्य (Note making) (b) िठनस्य (Reading)
(c) समूहकरणस्य (Chunking) (d) साराांशकरणस्य (Summarising)

Ans : (b)
भशक्षणाभ्यास में िठन के कौशलों का िणिन भमलिा है। जैसे- लेिन कौशल, श्रुि कौशल,
उच्िरण कौशल इत्याहद। इसी प्रकार अनम
ु ानम ् भी एक कौशल है। लेककन अनम
ु ान का एक
उिकौशल भी है िह है- िठन का कौशल अििः अतय विकल्िों में िठनस्य विकल्ि सही है।
Q.41. प्रत्येकं लशक्षाथी पर्लशरट-अधिगमशैल्या पिनि। केचन पाठ्यपत
ु िकं पदित्र्ा
अर्गच्छस्न्ि, केचन अध्यापकं सार्िानं शण्ृ र्स्न्ि अन्ये च गनिपर्धिषु संिग्नाः भूत्र्ा
अनुभर्ैःलशक्षा प्राप्नुर्स्न्ि। इिम ् अधिकृत्य अध्यापकेन ककं कत्तवव्यम ्?
(a) उियक्
ु ि-तनष्ित्त्यथं तनरतिरां छात्रिरीक्षणम ्।
(b) िैयन्क्िकक्षििाविकासाय छात्रािः कला-नत्ृ य-सङ्गीि गतिविचधषु प्रतिभाचगत्िां स्िीकुयिःुि
इत्यथं िरामशिदानम ्।
(c) छात्राणाां िैविध्यम ् अचधकृत्य विविधभशक्षणविचधभभिः विभभतनिद्धतिद्िारा ि भशक्षणम ्।
(d) प्रत्येकां िाठस्य सम्िण
ू ि
ि ाठनां िहठििाठानाां ि सम्यक् िन
ु रािवृ त्तिः।

Ans : (b)
प्रत्येक भशक्षाथी विभशष्ट अचधगम शैली का िठन करिा है। कुछ िाठ्यिस्
ु िकों का िठन करिे
हैं, कुछ भशक्षकों को सािधानी से श्रिण करिे हैं और अतय कतििय ऐसे होिे हैं जो अतय
गतिविचधयों के अनभ
ु ि से भशक्षा प्राप्ि करिे हैं। इन बािों िर ध्यान दे कर अध्यािकों का
कििव्य होिा है कक िे छात्रों के िैयन्क्िक क्षमिा के विकास के भलए छात्रों को कला, नत्ृ य एिां
सांगीि गतिविचधयों में प्रतिभागी बनाने हे िु िरामशि दे ।

Q.42. 'छात्राः भाषायां सम्प्रेषर्ात्मक-कौशिं सहजिया प्राप्िंु समथाव:भर्ेयःु ' इत्यथवम ्


प्रभार्पर्
ू मव ागवः अस्ति
(a) छात्रैिः विस्िि
ृ -तनबतधन-लेिनम ् िेषाां ि िण
ू रू
ि िेण सांशोधनम ्।
(b) छात्रैिः मानकभाषाश्रिणां िदनुगुणम ् ि अनक
ु रणम ्।
(c) 'भाषा-व्यिहार-द्िारा भाषाकौशलानाां समचु िििः विकासिः भिेि ्' इत्यथिम ् अिसराणाां
प्रदानम ्।
(d) व्याकरणज्ञाननैिुण्याथं भाषाकौशलानाम ् अचधकाचधक अभ्यासिः।

Ans : (c)
भाषा व्यिहार द्िारा भाषा कौशल का समुचिि विकास होिा है । अििः भाषा कौशल में
सम्प्रेषण का विशेष महत्ि है। इससे भाषा कौशल का विकास अचधक होिा है ।

Q.43. पर क्षर्ं महत्त्र्पर्


ू ं भर्नि
(a) प्रतििन्ु ष्टम ् अचधकृत्य उििारात्मककायािथम
ि ् (b) अचग्रमकक्षाथं छात्रोतनत्यथिम ्
(c) भयद्िारा छात्रान ् प्रेरतयिम
ु ् (d) कक्षायाां श्रेष्ठछात्रां सांज्ञािुम ्

Ans : (a)
प्रतििन्ु ष्ट को अचधकृत्यकर उििारात्मक कायि हे िु िरीक्षण महत्ििूणि होिा है ।

Q.44. भाषा मख्


ु यरूपेर् भर्नि
(a) मौखिकी (b) लेिाचित्रान्त्मका (c) भलखििा (d) दृश्या

Ans : (a)
भाषा दस
ू रे के वििारों का साधन है । क्योंकक त्रबना अथि जाने समझ विकभसि नहीां होिी है ।
भाषा मुख्य रूि से मौखिक होिी है ।

Q.45. भाषायाः अधिगमः प्रभार्शाि भर्नि यिा पर्द्याथी


(a) िमबद्धरीत्या व्याकरणगितनयमान ् जानाति (b) रूिज्ञानाि ् प्रयोगां प्रति गच्छति
(c) तनयमाि ् प्रयोगां प्रति गच्छति (d) अथिग्रहणाि ् रूिां प्रति गच्छति

Ans : (d)
भाषा का अचधगम प्रभािशाली होिा है । यहद छात्र कही गई बाि का अथि ग्रहण करने में समथि
हों।
Q.46. सप्िमकक्षायाः छात्रा रू सद्य एर्ं एकां कपर्िां पदित्र्ा अर्गिर्न्िः ।
िेषां लशक्षक्षका िान ् प्रश्नं करोनि "सप्िपङक्ट्िौ कतय काव्यित्त्र्तय अिङ्खकारतय र्ा
प्रयोगः कृिः।" एर्ं सा मल्
ू याङ्खकनं करोनि
(a) तनष्कषिस्य (b) विश्लेषणात्मकचितिनस्य
(c) बोधस्य (d) सि
ू नायािः

Ans : (a)
साििी कक्षा की छात्रा एकाएक एक कवििा िढ़िी हुई आिी है । उसकी भशक्षक्षका उससे प्रश्न
करिी है कक साििीां िांन्क्ि में कौन सा काव्य ित्ि अथिा अलांकार का प्रयोग ककया गया है इस
प्रकार िह तनष्कषि का मूल्याांकन करिी है ।

Q.47. पिनतय लशिरपाििमपद्ििौ (Top-down model) अध्यिे िा


(a) िण
ू ािि ् अियिान ् प्रति गच्छति (b) लम्बमानां (Vertucally) गच्छति
(c) प्रस्यमानां (Horizontally) गच्छति (d) अियिेभ्यिः िण
ू ि प्रति गच्छति

Ans : (a)
िढ़ने की 'भशिरिाद िम' िद्धति का अध्येिा िूणि अियिों (िथ्यों) की ओर जािा है। अथािि ्
भशिरिादिम िद्धति िह िद्धति कहलािी है न्जसमें रूचिकिाि या अध्यनकिाि शब्दशिः िूणि
अियिों को प्राप्ि करिा है ।

Q.48. सन
ु ीिायाः भाषाननयमानां रूपार्ां च ज्ञानम ् अस्ति। एिेन ितयाः पर्कासः अस्ति
(a) भावषकसामथ्यि (b) बहुभावषकसामथ्यि
(c) द्विभावषकसामथ्यि (d) सांप्रेषणसामथ्यि

Ans : (a)
'सुनीिा' नामक एक छात्रा को भाषा तनयमों और रूिों का ज्ञान है । ऐसा ज्ञान विकास भाषा
सामथ्यि के अतिगिि आिा है । अथािि ् भाषा में िकड़ एिां रुचि ही भाषा सामथ्यि का उदाहरण
कहलािा है। अतय िीनों विकल्ि कम उचिि एिां अिूणि हैं।

Q.49. लशक्षक्षका तर्ाध्यापनाि ् पर्द्याधथवनाम ् अधिगमः कथं भर्नि इनि ज्ञािम


ु ् इच्छनि।
सा कथम्प्रकारकं पर क्षर्ं कुयावि ्?
(a) तनदानात्मकिरीक्षा (Diagnostic test)
(b) सत्रातििरीक्षा (Summative test)
(c) रिनात्मकिरीक्षा (Formative test)
(d) िूिति नहदि ष्टमानकानस
ु ारां िरीक्षा (Criterion referenced test)

Ans : (a)
तनदानात्मक िरीक्षा िह िरीक्षा है न्जसके अतिगिि ् भशक्षक या भशक्षक्षका यह वििार करिे हैं कक
छात्रों का अचधगम कैसा है और उनका िरीक्षण ककस िरह से ककया जाये। तनदानात्मक
िरीक्षण िह िरीक्षण है न्जसके अतिगिि अध्यािक छात्र का मल्
ू याङ्कन सहहि अतय िरीक्षण
करिा है ।

Q.50. उच्चतिर य-पिन-अर्बोिन-सन्िभव कानन ित्त्र्ानन प्रमि


ु ानन?
(a) छात्रभाषया िुनलेिनां, ररक्िस्थानिूतिििः िाठ्यिस्ि-ु सम्बद्ध विभभतनथाििः
(b) छात्रभाषया िुनलेिनां, िूणि
ि ाक्यैिः िाठ्यिस्िुसम्बद्ध भािस्िष्टीकरणां, प्रमि
ु शब्दानाां ि
विभभतनेषु सतदभेषु प्रयोगिः
(c) त्रबतदल
ु ेिनां, िाठ्यिस्िु-सम्बद्ध-प्रमि
ु शब्द-ियनम ् िाठ्यिस्ितु नहहिािः विभभतनाथाििः ।
(d) िाठ्यिस्ि-ु सम्बद्ध-प्रमि
ु शब्दानाां छात्रभाषया िन
ु लेिनम ्

Ans : (b)
उच्ि स्िरीय िठन-अिबोधन सतदभि में छात्र भाषा का िुनलेिन, िूणि िाक्य में िाठ्य िस्िु
सम्बतधी भाि स्िष्टीकरण और प्रमुि शब्दों का विभभतन सतदभो में प्रयोग प्रमि
ु ित्ि है।

Q.51. मौखिकी प्रश्नोत्तर कतय कौशितय अभ्यासतय कृिे समीचीना?


(a) िठनस्य (b) शब्दज्ञानस्य (c) भाषणस्य (d) लेिनस्य

Ans : (c)
मौखिकी प्रश्नोत्तरी भाषण कौशल के अभ्यास के भलए समीिीन (उचिि) है ।

Q.52. िथ्यात्मक-गद्य-पाितय काव्यात्मकपाितय च मध्ये भेिः मन्यिे। काव्यपािः


मख्
ु यिः सम्बद्िः अस्ति
(a) प्रदत्त-सि
ू नासतदभे िैयन्क्िक-व्याख्यया
(b) किेिः सतदे शस्य मल्
ू याङ्कनेन
(c) बौद्चधक-व्याख्यानेन
(d) काव्यस्य मुख्यकथ्य-सतदभे भािाभभव्यक्त्या बौद्चधकाभभव्यक्त्या ि

Ans : (d)
िथ्यात्मक गद्य िाठ और काव्यात्मक िाठ के बीि भेद माना जािा है । काव्यिाठ मुख्य रूि
से कवि के सतदे श मल्
ू याांकन से सम्बद्ध है ।

Q.53. प्राथलमतिरे छात्रैः पन


ु ः पन
ु ः कियमार्ाः िोषाः इमे
(a) उच्िारणदोषािः (b) लेिनदोषािः (c) िकिदोषािः (d) व्याख्यानदोषािः

Ans : (a)
प्राथभमक स्िर िर छात्रों में उच्िारण दोष प्रायिः दे िा जािा है। प्रारन्म्भक सीिने की अिस्था
में यह सामातय दोष बच्िों में िाया जािा है ।
Q.54. पिनकौशिं छात्रैः ििा ग्ृ यिे यिा
(a) उच्िेिः िठ्यिे (b) प्रकषेण कहठना िरीक्षा कियिे
(c) अथिग्रहणिुरस्सरां िठ्यिे (d) सिेगां िठनां कियिे

Ans : (c)
िठन कौशल छात्रों द्िारा िभी साथिक हो सकिा है जब िह इसका अथि ग्रहण कर िाठन करिा
है । जब ककसी कथ्य का भाि स्िष्ट होिा है , उसके िाठन में भािगि अभभव्यन्क्ि तनदभशिि
होिी है।

Q.55. 'अन्िर्ैयस्क्ट्िक-प्रज्ञा'-पर्कासाथवम ् अिीर् महत्र्पूर्म


व ् अस्ति
(a) काव्यशास्त्रिठनम ् (b) अतयभाषासु भलखििसाहहत्यस्य िठनम ्
(c) िरस्िरां वििार-विमशििः (d) नूिनविषयान ् अचधकृत्य तनबतधलेिनम ्

Ans : (c)
अतििैयन्क्िक-प्रज्ञा' विकासाथिम ् अिीि महत्ििूणम
ि ् िरस्िरां वििार-विमशििः अन्स्ि। िात्ियि
है - आतिररक विभशष्ट ज्ञान का विकास िभी सम्भि है जब एक छात्र दस
ू रे छात्र से िरस्िर
वििार-विमशि करिा रहे । यही महत्ििण
ू ि विकल्ि है।

Q.56. आकिनतय ननकषः (Criteria) अस्ति


(a) मूल्याङ्कन-सम्बद्ध-तनदे शािः (b) प्रश्नानुगुण-अङ्क-वििरणम
(c) छात्र-दक्षिा-ज्ञानम (d) मल्
ू याङ्क-उिकरणातन

Ans : (a)
आकलनस्य तनकषिः (Criteria) मूल्याङ्क-सम्बद्धतनदे शािः अन्स्ि। िात्ियि है - जब कभी
भशक्षक ककसी विद्याथी का आकलन करिा है िो उसके िहले उसे मूल्याांकन करना िड़िा है ।
अििः विद्याथी का आकलन करने के भलए मल्
ू याांकन सम्बन्तधि तनदे श दे ने िड़िे हैं। अथािि ्
आकलन के भलए मल्
ू याांककि तनदे श दे ने होिे हैं।

Q.57. 'ध्र्नन-अभ्यासाथं' ककं करर्ीयम ्?


(a) ध्ितन-भसद्धातिानाां िाठनम ् (b) सन्तध-युक्ििदानाम ् अभ्यासिः
(c) ध्ितयुच्िारण-सम्बद्ध-विभभतनगतिविधयिः (d) साहहत्यश्रिणम ्

Ans : (c)
'ध्ितन-अभ्यासाथं ध्ितयुच्िारण-सम्बद्ध-विभभतनगतिविचधयिः करणीयम ्। िात्ियि है -
ध्ितन अभ्यास का कारण है ध्ितन सम्बन्तधि विभभतन प्रकार की गतिविचध जो इस प्रकार है-
सांचध, समास, प्रत्यय एिां उिसगि सहहि शब्दों का शुद्ध उच्िारण, अनुकरण विचध, आिवृ त्त
विचध, अिरोध विचध इत्याहद गतिविचध का प्रयोग करके भशक्षक छात्रों से शुद्ध उच्िारण
करिाने का प्रयास करिा है ।

Q.58. सूयग्र
व हर्ं किा भपर्रयनि? अयं प्रश्न:
(a) अनि
ु ििनशीलिििमानकालीयिः (b) भूिकालीयिः
(c) िििमानकालीयिः (d) भविष्यत्कालीयिः

Ans : (d)
सूयग्र
ि हणां कदा भविष्यति? यह प्रश्न भविष्यकालीय होिा है। इसका िात्ियि है कक सूयि ग्रहण
कब होगा अथािि ् यह भविष्य में होने की बाि कर रहा है अि: यहााँ भविष्य काल होगा।

Q.59. भर्ान ् पच्ृ छिु, अतमाकं िक्ष्यं ककम ्? अहं एकेन पिे न उत्तरं र्िालम- "पर्जयः"
एिादृशः प्रश्नः
(a) रीतियक्
ु ििः (b) सहजिः (c) वििरणात्मकिः (d) आलङ्काररकिः
Ans : (b)
भिान ् िच्
ृ छिु अथािि ् आिने िछ
ू ा, हमारा लक्ष्य क्या है ? मैंने एक शब्द या िद में उत्तर हदया
कक, “विजय” अथािि ् हमारा लक्ष्य विजय प्राप्ि करना है। इस प्रकार के प्रश्न सहज प्रश्न होिे
हैं।

Q.60. भाषाजवने आर्श्यकम ्?


(a) मािभ
ृ ाषा ज्ञानािगमनस्यिममेकां विद्याचथिषु
(b) कण्ठस्थीकरणां िथा आिश्यकिदानाां प्रयोगिः
(c) व्याकरणज्ञानस्यव्यिन्स्थिप्रयोगिःिथािदानाां कण्ठस्थीकरणम ्
(d) मािभ
ृ ाषायािःिथाद्वििीयभाषायािःअिगमनिमे मानिमन्स्िष्कस्य अतििःसामथ्यि
तनहदि शति

Ans : (d)
भाषाजिन अथिा भाषा के ज्ञान के भलए यह आिश्यक है कक माि ृ भाषा का ज्ञान हो िथा
द्वििीय भाषा का भी ज्ञान हो जो अिगमन िम से मानि के मन्स्िष्क में सन्तनहहि हो
अथािि ् उसे समझ सकने की मानि मन्स्िष्क के अतििःसामथ्यि को तनहदि ष्ट करिा है।

Q.61. ननम्नलिखििेषु ककं कथनम ् असमीचीनम ् ?


(a) सम्प्रेषणात्मकां भशक्षणां मल
ू ििः उत्िादककौशलयोिः, यथा भाषणस्य लेिनस्य ि समद्
ृ ध्या
सम्बद्धम ्।
(b) सम्प्रेषणात्मकां भशक्षणां मल
ू ििः व्याख्यान-अभभव्यन्क्ि-द्िारा अथिस्िष्टीकरणेन
सम्बद्धम ्।
(c) सम्प्रेषणात्मकां भशक्षणां व्यािहाररकजीिने भाषा-प्रयोगां लक्ष्यीकरोति।
(d) सम्प्रेषणात्मकां भशक्षणां मल
ू ििः ििितयािः भाषायािः ि तनयमानाां द्िारा शब्दािल्यािः
व्याकरणतनयमानाां ि भशक्षणेन सम्बद्धम ्।
Ans : (d)
तनम्नभलखिि में असमीिीन कथन या असांगि कथन यह है कक सम्प्रेषणात्मक भशक्षक
मल
ू रूि से िििनी, भाषा एिां तनयमों द्िारा शब्दािली व्याकरण के तनयमों एिां भशक्षण से
सम्बद्ध है । यह कथन समीिीन है कक सम्प्रेषणात्मक भशक्षण मल
ू ििः उत्िादन कौशल यथा -
भाषण ि लेिन की समद्
ृ चध से सम्बद्ध है ।

Q.62. तर्ाधिगमनतयकृिेछात्रोत्तरिानयत्र्-सन्िभे ननम्नलिखििेषु ककम ् असमीचीनम ्?


(a) अचधकाचधक-प्रश्नान ् प्रष्टुां छात्रेभ्यिः प्रोत्साहनम ्।
(b) सज
ृ नात्मक-अभभव्यक्त्यथं प्रविचध-एकीकरणम ्।
(c) छात्राणाां भाषाकौशलानाां सांशोधनाथिम ् अचधकाचधकगह
ृ कायि प्रायोजनाकायि-
प्रदत्तकायिप्रदानम ्।
(d) िे श्रेष्ठरूिेण कथम ् अिगतिुां समथाििः भिेयुिः इत्यस्य
तनणियाथं छात्रेभ्यिः प्रोत्साहनम ्।।

Ans : (c)
स्िाचधगमन सम्बतधी कायि में छात्रों का उत्तरदातयत्ि से सम्बन्तधि तनम्नभलखिि कथनों में
असांगि कथन यह है कक छात्रों के भाषा कौशल के सांशोधन के भलए अचधक मात्रा में गह
ृ कायि
हदया जाये। प्रयोजना कायि िथा प्रदत्त कायि को प्रदान ककया जाये। जबकक समीिीन यह है कक
छात्रों से अचधकाचधक प्रश्न िछ
ूां कर उतहें प्रोत्साहन दे ना िाहहए। सज
ृ नात्मक ि अभभव्यन्क्ि
का विकास करना िाहहए।

Q.63. प्रारस्म्भकतिरे अधिकाधिक-भाषाभ्यासः कारर्ीयः येन बािा:


िक्ष्यभाषा-व्यर्हारे ननपुर्ाः भर्ेयुः।
(a) सज
ृ नात्मकिया (b) समुचििरूिेण
(c) भय
ू ो भूयिः (d) प्रिाहरूिेण
Ans : (b)
हदये गये िाक्य में ररक्ि स्थान िर उियक्
ु ि शब्द समचु ििरूिेण होगा।

Q.64. बािानाम ् 'आर्श्यक-ननःशुल्क-लशक्षा-अधिकार अधिननयमः (2009)' लशक्षायाः


एकोद्िे श्यरूपेर् 'बािसर्ावङ्खगीर्-पर्कासतय' उल्िेिनं करोनि। अतय अलभप्रायः अस्ति
(a) प्रत्येकां बालकिः एक-शन्क्ियक्
ु ि-प्रौढरूिेण विकभसििः भिेि ् इत्यन्स्मन ् सतदभे िस्य
स्िास्थ्यां प्रति समचु ििम ् अिधानम ् यिो हह सिः भावि-आनिानातन स्िीकिुं समथििः
भविष्यति।
(b) बालकस्य सम्िण
ू वि िकाससतदभे िस्य व्यन्क्ित्िस्य शारीररक मानभसक-भािात्मक-
िक्षाणाां समचु ििां िष्ु टीकरणम ्।
(c) बालकिः समचु ििकाले राष्रस्य आचथिक-विकासे समचु ििां योगदानां दािांु योग्यिः भिेि ्।
(d) प्रत्येक बालकस्य (06-14 आयु-िगि-समूहे) शीघ्रातिशीघ्र िद्
ृ चधिः भिेि ् ।

Ans : (b)
आिश्यक तनिःशुल्क भशक्षा अचधकार अचधतनयम 2009 बालक के सिांगीण विकास का उल्लेि
करिा है । इसका अभभप्राय है - बालक के सम्िूणि विकास के सतदभि में उसके व्यन्क्ित्ि का
शारीररक, और भािात्मक िक्ष का समुचिि िुन्ष्टकरण।

Q.65. छात्रार्ां िेिनपस्ु तिकाः अर्िोक्ट्य लशक्षक्षका िैः कृिानां त्रट


ु नां सङ्खकिनं करोनि।
अनन्िरं कतयापप नाम्नः उल्िेिं न कृत्र्ा ित्त्रट ु नाम ् उपरर कक्षायां चचाव करोनि। एर्ं
सा ककं करोनि?
(a) प्रतििन्ु ष्ट (feedback) प्रदानां करोति (b) लेिनाथं वििारान ् प्रस्िौति
(c) कथां त्रुहटिः न भिेि ् इति िाठयति (d) कथां शुद्धलेिनां भिेि ् इति िाठयति

Ans : (a)
छात्रों की लेिन िन्ु स्िका का अिलोकन कर भशक्षक्षका उनके लेिन की गन्ल्ियों का सांकलन
करिी है । अनतिर ककसी भी छात्र के नाम का उल्लेि न करके उनकी त्रुहटयों को कक्षा में ििाि
करिी है । इस प्रकार यह कायि छात्रों को प्रतििुन्ष्ट प्रदान करिा है।

Q.66. शब्िजाितय उपयोगः कियिे


(a) िैन्श्िक-अतिजािलस्य (World&Wide-Web) प्रयोगज्ञानाथिम ्
(b) सम्यक् िठनज्ञानाथिम ्
(c) प्रभाविरीत्या शब्दािलीज्ञानाथिम ्
(d) सम्यक्िया लेिनस्य ज्ञानाथिम ्

Ans : (c)
शब्द जाल के उियोग शब्दािली के ज्ञान के भलए ककया जािा है। शब्दािली का ज्ञान बढ़ने िर
भाषा समझ का विकास होिा है ।

Q.67. उच्चप्राथलमकतिरे पर्द्याधथवषु सम्भाषर्कौशिपर्कासाथवम ् अिोलिखििेषु किमः


सर्ावधिकप्रभार्कार उपायः भर्ेि ्?
(a) उत्तमिक्िुिः श्रिणम ् (b) नाटकानाां िठनम ्
(c) कक्षायाां िररिाभभनयस्य आयोजनम ् (d) सम्िाठस्य अभ्यासिः

Ans : (c)
उच्ि प्राथभमक स्िर िर विद्याचथियों में सम्भाषण कौशल के विकास के भलए कक्षा में िररि
अभभनय का आयोजन सिािचधक प्रभािकारी होिा है।

Q.68. केचन बािाः कक्षायां अर्रोिनकारर्ाि ् भयाि ् र्ा न र्िस्न्ि। एिद् अस्ति
(a) िररिेशीयबाधा (b) सामान्जकबाधा
(c) शारीररकबाधा (d) मनोिैज्ञातनकबाधा
Ans : (d)
मनोिैज्ञातनक बाधा के अतिगिि यह दे िा जािा है कक छात्र/छात्रायें भशक्षण कायि के समय िर
त्रबल्कुल िुि रहिे हैं जबकक उनके मन्स्िष्क में अनेक प्रश्नगि वििार उत्ितन होिे रहिे हैं
कफर भी िह यह सोंििे हैं कक कहीां मेरे प्रश्न से कक्षा बाचधि न हो जाये। ऐसी बालक बद्
ु चध
धारणायें मनोिैज्ञातनक बाधा का कारण होिी है ।

Q.69. कक्षायां भाषामयर्ािार्रर्ननमावर्ाथं लशक्षकः


(a) कक्षायाां स्िस्िानभ
ु ूतिप्रकटनाथं छात्रान ् अिसरां दद्याि ्
(b) िेषाां सम्भाषणकालां प्रदीघि कुयािि ्
(c) अित्यानाां सम्यक् िालनाथिम ् अभभभािकान ् तनहदि शि
े ्
(d) प्रत्येकां छात्रस्य कृिे समानां लक्ष्यां स्थाियेि ्

Ans : (a)
कक्षा में भाषा से युक्ि िािािरण तनमािण हे िु भशक्षक कक्षा में छात्रों के स्ियां के अिने-अिने
अनभ
ु ि प्रकटन हे िु प्रिीण भशक्षक अिसर प्रदान करिा है । ऐसा करने से भशक्षक का भशक्षण
िो िष्ु ट होिा ही है साथ ही साथ भशक्षाथी उचिि अिसर प्राप्िानस
ु ार स्ियां का तनमािण भी
आसानी से कर लेिा है।

Q.70. अध्ययनाध्यापने सर्वपर्षयव्यापीभाषापररप्रेक्ष्ये अितिनेषु किमं कथनं न


समीचीनम ्?
(a) आङ्गलभाषायािः हहतदीभाषायािः िा भशक्षक्षका छात्रान ् समूहेषु विभज्य एकस्य
ग्रामस्य/नगरस्य स्मारकोिरर प्रकल्िां (Project) कारयति
(b) जङ्गमदरू िाण्यािः (Mobile phones) ििण
ु ाि प्रकाराणाां िल
ु नाां कृत्िा प्रौद्योचगक्यािः
उियोगम ् आधारीकृत्य तनबतधां लेखििांु छात्रािः तनहदि श्यतिे
(c) भाषाभशक्षकिः िाच्यानाां लकाराणाां ि सतदभािनस
ु ारां िाठनां करोति
(d) विज्ञानविषयस्य भशक्षकिः विज्ञानस्य एकां ित्त्िमचधकृत्य शब्दज्ञानस्य अभ्यासां कारयति

Ans : (c)
'सििविषयव्यािीभाषािररप्रेक्ष्य के समय भाषा भशक्षक को िािक शब्दों और लकारों का सतदभि
के अनस
ु ार िाठन नहीां करना िाहहए। क्योंकक यह अनेक विषयगि भाषा िररप्रेक्ष्य में
िकिसम्मि नहीां है । यह िो केिल ककसी एक विशेष भाषा िर ही ठीक रहिा है ।

Q.71. यिा छात्रा:व्याकरर्ाध्ययनतय भाषातर्रूपतय च मध्ये सम्बन्िं प्रिशवयस्न्ि ििा


िे ककं िशवयस्न्ि?
(a) सम्प्रेषणोद्दे श्य विकासप्रकियाां ि
(b) व्याकरणाध्ययनम ् अत्यचधकां महत्त्ििूणम
ि ्
(c) सम्प्रेषणाथं व्याकरणज्ञानम ् अतनिायिम ्
(d) लेिन-शैली व्याकरणज्ञानेन प्रभावििा भिति

Ans : (a)
जब छात्र व्याकरण अध्ययन के और भाषा स्िरूि के मध्य सम्बतध प्रदभशिि करिा है िब िे
सम्प्रेषण उद्दे श्य एिां विकास प्रकिया को प्रदभशिि करिे हैं।

Q.72. भाषा-लशक्षर्-अधिगम-सन्िभे प्रौद्योधगक-उपकरर्ानाम ् एकं पर्लशरटं तथानं


दृश्यिे। उच्चारर्-लशक्षर्-प्रकियासन्िभे ककं समीचीनम ् उिाहरर्ं न?
(a) भूभमका तनििहणम ् उच्िारण-प्रदशिनञ्ि (b) ध्ितन-मुहिका-उियोगिः
(c) श्रव्य-दृश्य-प्रस्िुति-द्िारा िणिनम ् (d) श्िेि-फलकस्य प्रयोगिः

Ans : (d)
भाषा भशक्षण अचधगम के सतदभि में प्रौद्योचगक उिकरण एक विभशष्ट स्थान रििा है ।
उच्िारण भशक्षण प्रकिया के सतदभि में श्िेि फलक का प्रयोग समीिीन होिा है ।
Q.73. कतयास्चचि ् कक्ष्यायां प्रायः सर्े छात्राः मािभ
ृ ाषया एर् व्यर्हरस्न्ि। अिः
अन्यभाषा कक्ष्यायाः सन्िभव इिम ् अर्गन्िव्यं यि ्
(a) छात्रािः सवु िधानस
ु ारां लक्ष्यभाषया िदे यिःु
(b) मािभ
ृ ाषा-प्रयोगिः सििदा तनवषद्धिः
(c) छात्रेभ्यिः लक्ष्यभाषया व्यिहारिः आिश्यकिः न
(d) छात्रािः िरस्िरां लक्ष्यभाषया व्यिहिुं प्रेररिव्यािः

Ans : (d)
ककसी कक्षा में प्रायिः सभी छात्र मािभ
ृ ाषा का ही व्यिहार करिे हैं। ककतिु अतय भाषा कक्षा के
सांदभि में यह व्यिहार आिश्यक है कक छात्र आिस में लक्ष्य भाषा का व्यिहार करें । इसके भलए
उतहें प्रेररि ककया जािा है।

Q.74. व्याकरर्बोिनतय श्रेरिं पर्िानम ्


(a) शब्दरूिसाररणीनाां मुिििः उियोगेन रिनानाम ् अभ्यासिः
(b) उदाहरणद्िारा व्याकरणतनयमानाां िैयन्क्िकीकरणम ्
(c) सत्र
ू ाणाां कण्ठस्थीकरणाय छात्राणाां प्रेरणम ्
(d) दत्ततनयमानस
ु ारे ण अभ्यासिः

Ans : (b)
उदाहरण द्िारा व्याकरण तनयमों को व्यक्ि करना व्याकरण बोध का श्रेष्ठ विधान है ।
उदाहरण के रूि में कोई बाि स्िष्ट करने में सहज बोधिा का प्रतििादन होिा है।

Q.75. श्रर्र्कौशिालभर्िवने अत्यन्िपररर्ामकार खर् किवव्यानन


(a) श्रिणाि ् िूिि छात्रािः स्ियां िठे युिः
(b) ककमथं शण्ृ ितिीति छात्रािः िि
ू म
ि ेि जानीयुिः
(c) सविस्िरां वििरणम ् श्रिणाि ् िूिं भिेि ्
(d) श्रिणाय िररचििानाां िाठ्यानाम ् उियोगिः

Ans : (d)
श्रिण (सुनना) कौशल बढ़ाने में सुनने के भलए िररचिि िाठों का प्रयोग अत्यति िररणामकारी
होिा है। इससे छात्रों में िाठ की श्रिण करने की रुचि बढ़िी है । श्रिण से सि
ु ररचिि िाठों का
उियोग होिा है । श्रिण कौशल, के अभभिधिन से ज्ञानात्मक अभभिद्
ृ चध होिी है ।

Q.76. यः सर्ेषु जनेषु प्रीनिमान ् सः


(a) मानिीयिः (b) मानिकुलप्रेमी (c) मानिद्िेषी (d) सहानभ
ु ूतििरिः

Ans : (b)
जो सभी लोगों में वप्रय होिा है उसे मानिीय कहिे हैं। इसके अतिररक्ि जो मानि से द्िेष
करने िाला होिा है उसे मानिद्िेषी कहिे हैं।

Q.77. अधिगमनात्नगवि-पर्लभन्नक्षेत्रेषु ककं क्षेत्रम ् उच्च-तिर य धचन्िनेन सम्बद्िम ्?


(a) स्मरणात्मकम ् (b) अिबोधनात्मकम ्
(c) मल्
ू याङ्कनात्मकम ् (d) अनव्ु यिहारात्मकम ्

Ans : (c)
अचधगमनात्नगिि-विभभतनक्षेत्रेषु मल्
ू याङ्कनात्मकम ् क्षेत्रम ् उच्ि-स्िरीय-चितिनेन
सम्बद्धम ्। िात्ियि है - अचधगम के अतिगिि विभभतन क्षेत्रों में मल्
ू याङ्कन ऐसा क्षेत्र है
न्जसमें उच्ि-स्िरीय चितिन सम्बद्ध होिी है । स्मरणात्मकम ् का अथि है - स्मरण करना।
अिबोधनात्मकम ् का अथि है - आतिररक अिबोध कराना। अनव्ु यिहारात्मकम ् का अथि है -
आतिररक व्यिहार का अनक
ु रण करना।
Q.78. 'शीषवक-र्ाक्ट्येन' अलभप्रायः अस्ति
(a) तनबतधस्य मुख्यभाििः
(b) काव्यस्य तनबतधस्य िा शीषिकम ्
(c) अनुच्छे दस्य प्रमि
ु िः वििार
(d) कस्यावि तनबतधस्य प्रलेिस्य िा उिशीषिकम ्

Ans : (c)
'शीषिक-िाक्येन' अभभप्रायिः अन्स्ि अनच्
ु छे दस्य प्रमि
ु िः वििारिः। िात्ियि है - शीषिक िाक्य को
िभी समझा जा सकिा है जब अनच्
ु छे द के विषय में ज्ञान हो, इसभलए सििप्रथम अनच्
ु छे द के
विषय िर वििार ककया जािा है , न्जसके माध्यम से शीषिक के विषय में ज्ञाि होिा है।

Q.79. समानाथवक शब्ियुग्मम ् अस्ति


(a) कुलम ् /कूलम ् (b) िसुधा / िसुांधरा
(c) कति / ककयान ् (d) िूरिः / िोधिः

Ans : (b)
समानाथिकां शब्दयग्ु मम ् िसध
ु ा / िसांध
ु रा अन्स्ि। िात्ियि है - िसध
ु ा का अथि िथ्
ृ िी और
िसांध
ु रा का अथि िथ्
ृ िी या धरा। भार को धारण करने िाली िसांध
ु रा। कुल का अथि सम्िण
ू ।ि कुल
एक प्रकार का शब्द है । कति का अथि ककिना, ककयान ् का अथि ककया (सम्ितन), िूर का अथि
तनदि यी, िोध का अथि गस्
ु सा (आगबबल
ू ा) आहद अथि होिे हैं।

Q.80. पिनसमये पर्संज्ञायाः (Decoding) अथव:?


(a) विदे शभाषामिगतिम
ु ् (b) IC.T.मध्ये प्रयक्
ु िकियािः।
(c) न्क्लष्टसमस्यासमाधानां किम
ुि ् (d) विश्लेषणां किुं अिगतिांु ि

Ans : (d)
िठनसमये (िढ़ने के समय) विसांज्ञाया (Decoding) का अथि विश्लेषण करना अथािि ् प्रत्येक
शब्द का अलग-अलग ज्ञान प्राप्ि करना अथािि ् विश्लेषण करके आगमन विचध द्िारा
तनन्श्िि तनष्कषि िर िहुाँिना होिा है ।

Q.81. र्ातिर्ीयिात्मकं (Vertual Reality)?


(a) िीडियोडिस्क् (b) दरू गोष्ठी
(c) दरू दृश्यगोष्ठी (d) सांगणकयतत्रद्िारा प्रगििममेकम ्

Ans : (a)
िीडियोडिस्क को िास्ििीयिात्मक (Vertual Reality) कहा जािा है । िीडियो में िास्िविक
रूि से प्रत्यक्ष िस्िीर या िाटा ले भलया जािा है । इसी के माध्यम से कफल्म का तनमािण ककया
जािा है । अििः िीडियोडिस्क को ही िास्ििीयात्मक कहा जािा है ।

Q.82. पिनसन्िभे भार्ग्रहर्ं पर क्ष्यिे


(a) अिरोधनाथिकप्रकियाद्िारा सम्भाषणिाक्यातन (b) हटप्िखणलेिनद्िारा
(c) हटप्िखणतनमािणद्िारा (d) साराांशेन

Ans : (d)
िठन के सतदभि में भाि को ग्रहण करने में जो िरीक्षण होिा है िह साराांश का ही िरीक्षण होिा
है सम्िूणि िथ्य को िढ़ने के बाद जो भाि मल
ू रूि में ग्रहण होिा है उसे साराांश कहा जािा है ।

Q.83. एकं प्राधिकृि-पाठ्यर्तिु िि ् एर्


(a) यि ् कन्स्मांन्श्िि ् िाठ्यिस्
ु िके समािेष्टां शैल्या असमीिीनम ्।
(b) यि ् व्यािहाररकजीिनस्य प्रकाशनेभ्यिः यथा विज्ञािन-सूिना-लेि-इत्याहदभ्यिः
स्िीकियिे।
(c) यि ् ज्ञानस्य विभशष्टक्षेत्रभ्
े यिः यथा नवृ िज्ञान-िगोलशास्त्र इत्याहदभ्यिः प्राप्यिे।
(d) यि ् विविध-निीन-शब्दािल्या िररिूणम
ि ् अत्यचधकम ् आनिातनकम ्।

Ans : (b)
एक प्राचधकृि - िाठ्यिस्िु िही होिी है जो व्यािहाररक जीिन का प्रकाशन करे (व्यािहाररक
जीिन के भलए उियोगी हो) यथा-विज्ञािन - सूिना - लेि इत्याहद को स्िीकृि करे िही
प्राचधकृि - िाठ्यिस्िु होिी है । अथािि ् न्जसमें व्यािहाररक जीिन का विकास तनहहि हो िही
उियक्
ु ि िाठ्यिम होिा है।

Q.84. ननम्नलिखििेषु ककं कथनम ् असत्यम ्? तर्ायत्त-लशक्षाधथवनः िे एर् ये


(a) स्ि-अचधगमनाय स्ि-उत्तरदातयत्िां स्िीकुििन्ति।
(b) अचधगमनाथि गतिविधीनाम ् आयोजनां कियातियनां ि किम
ुि ् उद्यिािः भिन्ति।
(c) अचधगमनस्य एिस्य ि प्रभावििायािः ि तनरतिरां समीक्षा कुििन्ति।
(d) केिलम ् अनुमोहदि-िस्
ु िकातन एि स्रोिोरूिेण स्िीकृत्य िेषु प्रदत्त-प्रश्नानाम ् उत्तराखण
अचधगच्छन्ति िूणि
ि या ि अभ्यासान ् कुििन्ति।

Ans : (a)
स्िायत्त भशक्षाथी िे होिे हैं जो अिने द्िारा सीिने के भलए स्ियां को उत्तरदायी स्िीकार करिे हैं
अथािि ् जो छात्र स्ियां से सीििे हैं िथा ककसी की सहायिा नहीां लेिे हैं िे स्िायत्त छात्र होिे हैं िे
अिने अचधगमन के भलए स्ियां को उत्तरदायी मानिे हैं।

Q.85. काव्य-कक्षायाम ् एका अध्यापपका छात्रान ् एकं गीिं श्रार्यनि। ित्पश्चाि ् िे


गीिम ् उच्चैः पिस्न्ि। एित्पश्चाि ्, समूहे केचन छात्राः गीिानुसारं नत्ृ यस्न्ि, केचन
गीिं गायस्न्ि। अध्यापपका अपप िि ् गीिम ् अधिकृत्य भार्ानुसारं धचत्राखर् रचनयिुं
प्रेरयनि। अध्यापपका एिादृशीं पद्िनिं ककमथवम ् अनुसरनि?
(a) प्रत्येकां छात्रिः विभशष्टशैल्या िठति। अििः अध्याविका एिैिः विचधभभिः अचधगमने
छात्रसाहाय्यां करोति।
(b) विभभतनविचधभभिः छात्रािः प्रतियोचगिाथं प्रेररिािः भिन्ति। िरीक्षायाां ि िेषाां श्रेणी उतनिा
भिति।
(c) यदा छात्रािः गतिविचधषु व्यस्िािः भिन्ति अध्याविका अवि विश्रामाथिम ् अिकाशां प्राप्नोति।
(d) छात्रािः िठनां न इच्छन्ति अििः गतिविचधद्िारा छात्रान ् व्यस्िीकिुं अध्याविका साहाय्यां
प्राप्नोति।

Ans : (a)
काव्य कक्षा में एक अध्याविका छात्रों से एक गीि सन
ु िी| है । अति में िे उच्ि स्िर में गीि
िढ़िे हैं। ित्िश्िाि ् समह
ू में कुछ छात्र गीि की लय के अनस
ु ार नाििे हैं, कुछ गीि को गािे
हैं। अध्याविका उस गीि को अचधकृत्यकर भाि के अनस
ु ार चित्र बनाने को प्रेररि करिी हैं
अध्याविका इस प्रकार की िद्धति का अनस
ु रण इसभलए करिी है कक प्रत्येक छात्र विभशष्ट
शैली में िढ़िा है। अििः अध्याविका इस विचध के अचधगमन में छात्र की सहायिा करिी है ।

Q.86. उपाचारात्मकं लशक्षर्म ् अस्ति


(a) तनदानम ् अचधगमनात्मक-ररन्क्ि िरू णां ि (b) प्रतिभाशाभलभ्यिः छात्रेभ्यिः भशक्षणम ्
(c) िाठ्यिमोत्तरां भशक्षणम ् (d) अतिररक्ि-भशक्षणम ्

Ans : (a)
उििारात्मक भशक्षण तनदान एिां अचधगमन ररन्क्ि िण
ू ि होिा है। और यह छात्रों के ज्ञानात्मक
िद्
ृ चध में सहायक होिा है।

Q.87. कतय अधिगमतय कृिे सहपर्न्यासः (Collocation) एकः उपायः?


(a) िठनस्य (b) लेिनस्य (c) ििितयािः (d) शब्दािल्यािः

Ans : (d)
शब्दािल्य अचधगम करने में सहवितयास एक उिाय है न्जससे समझ विकभसि होिी है ।
Q.88. उत्तमिेिने एिि ् न आगच्छनि
(a) योग्यिदानाां ियनम ् (b) केिलम ् उत्कृष्टहस्िलेििः
(c) व्याकरणगिशद्
ु धिा (d) वििारािः उिस्थािनञ्ि

Ans : (b)
उत्तम लेिन में केिल उत्कृष्ट हस्िलेि नहीां आिा है जबकक योग्य िदों का लेिन,
व्याकरणगि शुद्धिा और वििारों का उिस्थािन आिा है ।

Q.89. भारितय भाषालशक्षानीनिः ज्ञायिे


(a) त्रत्रभाषासत्र
ू रूिेण (b) मािभ
ृ ाषाभशक्षणरूिेण
(c) भशक्षायािः अचधकाररूिेण (d) बहुभावषकिािादरूिेण

Ans : (a)
भारि की भाषा भशक्षा नीति त्रत्रभाषा सत्र
ू के रूि में जानी जािी है। त्रत्रभाषा के अतिगिि हहतदी
अांग्रेजी और स्थानीय भाषा सन्म्मभलि है ।

Q.90. अितिनेषु किमः भाषापररर्ारः भारिे न पर्राजिे?


(a) िविििः (Dravidian) (b) तिब्बि-बमिन (Tibeto-Burman)
(c) अल्िाईक (Altaic) (d) इांिो-आयिन ् (Indo-Aryan)

Ans : (c)
भारि में दृढ़ एिां िररिक्ि भाषा िररिार का विश्लेषण भमलिा है न्जसे विद्िानों ने अिने ज्ञान
की िोज द्िारा भसद्ध ककया है । न्जसमें से िविििः भाषा िररिार मख्
ु य हैं। प्रश्नानस
ु ार िविि,
तिब्बि, िमिन, इांिो-आयिन ये सभी भारिीय भाषा िररिार के अतिगिि आिे है । जबकक
अल्िाईक भारि के भाषा िररिार के अतिगिि नहीां है ।
Q.91. प्रकियािेिने (Process writing) बहुपर्धिस्तथिीनां िमः
(a) विमशििः हटप्िणां प्रारूिलेिनां सम्िादनम ् अन्तिमलेिनां ि (Brainstorming jotting,
drafting, editing and finalising)
(b) हटप्िणां सम्िादनां प्रारूिलेिनम ् अन्तिमलेिनां ि (jotting, editing, drafting and
finalising)
(c) विमशििः हटप्िणां सम्िादनां प्रारूिलेिनम ् अन्तिमलेिनां ि (Brainstorming, jotting,
editing, drafting and finalising)
(d) हटप्िणां प्रारूिलेिनां सम्िादनम ् अन्तिमलेिनां ि (jotting, drafting, editing and
finalising)

Ans : (a)
अनेक प्रकार की न्स्थतियों में जब प्रकिया लेिन का प्रयोग होिा है , िब उस समय विमशि,
हटप्िणी, प्रारूि लेिन और अन्तिम लेिन का सम्िादन मख्
ु य भभू मका तनभािा है ।

Q.92. अनेकेभ्यः छात्रेभ्यः िेिनकायवम ् अत्यन्िं जदटिकायवम ्। अिः अस्तमन ् सन्िभे


अध्यापकैः/अध्यापपकालभः प्रथम कुत्र अर्िानं िािव्यम ्?
(a) रुचि-िधिनाथं सरलकायि प्रति
(b) स्िष्ट सम्प्रेषण-क्षमिा-विकास-सतदभे आिश्यक-व्याकरण ित्ि-अभ्यासां प्रति
(c) व्याकरण-सम्बद्ध-अभ्यासान ् प्रति
(d) आत्मविश्िासम ् उत्िादतयिांु लक्ष्यभाषा मािभ
ृ ाषा-प्रयोगां प्रति

Ans : (b)
अनेक छात्रों के भलए लेिनकायि अत्यति जहटल होिा है । अििः इस सतदभि में अध्यािक को
िाहहए कक िह छात्रों को स्िष्ट सम्प्रेक्षण क्षमिा के विकास के सतदभि में आिश्यक व्याकरण
ित्ि का अभ्यास कराये।
Q.93. कतयापप िेितय मूल्याङ्खकनसन्िभे िेितय कः सः भागः यत्र सम्पूर्त
व य
िेितय सारांशः पुनरार्पृ त्तं पर्ना प्राप्यिे यत्र च सम्पूर्म
व हत्त्र्पूर्ावः सूचनाः अपप
दृश्यन्िे?
(a) मध्यभागिः (b) भूभमका
(c) तनष्कषििः (d) द्वििीयिः अनच्
ु छे दिः

Ans : (c)
ककसी लेि के मल्
ू याांकन के सतदभि में लेि का तनष्कषि िाला भाग होिा है जहाां सम्िण
ू ि लेि
का साराांश एिां सम्िण
ू ि महत्ििण
ू ि सि
ू ना प्राप्ि होिी है ।

Q.94. सामास्जकसम्पकवतय संतथापनाय संरक्षर्ाय च भाषाया उपयोगः एर्म ्


अलभिीयिे
(a) भाषायािः सांिादान्त्मका किया (b) औििाररकोिगमिः
(c) विश्लेषणात्मकिः उिगमिः (d) प्रत्यक्षोिगमिः

Ans : (a)
सामान्जक सम्िकि की स्थािना और सांरक्षण के भलए भाषा के उियोग को भाषा की
सांिादात्मक किया कहा जािा है। सामान्जक सम्िकि में भाषा सांिहन का कायि करिी है। भाषा
की समझ ही सम्प्रेषिण कौशल है ।

Q.95. 'स-किकिम ् सकि-किम ्' इनि पिद्र्न्द्र्े अतत्ययम ् अिङ्खकारः


(a) श्लेषिः (b) रूिकम ् (c) यमकम (d) अनतियिः

Ans : (c)
'स-कलकलम ् सकल-कलम ्' इस द्ितद्ि िद में यमक अलङ्कार है । यमक शब्द का अथि दो
है । इस अलङ्कार में एक ही आकार के शब्दों का बार-बार प्रयोग होिा है लेककन अथि भभतन
भभतन होिे हैं।

Q.96. ियः बिाघािः तर्रश्च कतय गुर्ाः?


(a) शब्दे िरभाषायािः (b) सम्भाषणभाषायािः
(c) भलखििभाषायािः (d) सङ्गीिस्िराणाम ्

Ans : (d)
स्िर का लय, बलाघाि इत्याहद सांङ्गीि स्िरों में है ।। सम्भाषण भाषा में लय, बलाघाि
इत्याहद िर ध्यान हदया जािा है।

Q.97. 'छात्राः शास्न्िपर्


ू जव ीर्नाय अलभप्रेररिा भर्ेयःु , परतपरं लमलित्र्ा र्सेयःु अन्येषां
कृिे च कायं किुं सस्ज्जिाः भर्ेयुः इनि।' एिैः भार्ैः सम्बद्िा लशक्षा कथ्यिे
(a) मूल्यभशक्षा (b) शैक्षखणकिा
(c) व्यािसातयक भशक्षा (d) दरू स्थभशक्षा

Ans : (a)
िात्ियि है - विद्याचथियों को जब भी कोई कायि करने की अभभप्रेरणा दी जािी है ि िरस्िर
समान रूि से कायि करना, भमलकर रहना, कायि करना ि शान्तििूणि जीिन के भलए अभभप्रेररि
करना, सद्भाि बनाये रिना, इस प्रकार का जीिन नैतिक भशक्षा िर आधाररि होिा है । अथािि ्
मूल्य भशक्षा कहलािी है ।

Q.98. भाषा-लशक्षर्तय कः पर्धिः छात्रान ् िथा भाषया परतपरम ् अन्िः कियाथवम ्


प्रेरयनि
(a) व्याकरण-अनुिाद-विचधिः (b) अनुिादविचधिः
(c) सम्प्रेषणात्मकविचधिः (d) अनौििाररकविचधिः

Ans : (c)
भाषा-भशक्षणस्य सम्प्रेषणात्मकविचधिः छात्रान ् िथा भाषया िरस्िरम ् अतििः कियाथिम
प्रेरयति। िात्ियि है - भाषा भशक्षण विचध भशक्षक द्िारा सूिनाओां, िथ्यों एिां वििारों को छात्रों
िक भाषा की सहायिा से प्रेवषि करिा है । सम्प्रेषण का अथि है सांदेश प्राप्ि करने िाला, सांदेश
को उसी अथि में लें न्जस अथि में िह उसके िास भेजा गया है , इसका ज्ञान िभी सम्भि है जब
िह अिनी प्रतिकिया भी साथ-साथ व्यक्ि करे । इस प्रकार का भसद्धाति अतििःकिया
(अििमन में िलने िाली किया) को महत्ि दे िा है । सम्प्रेषणात्मक विचध आतिररक किया को
प्रेररि करिा है

Q.99. संतकृिपाठ्यिमे संर्ाििेितय मि


ू ोद्िे शः अस्ति?
(a) सज
ृ नात्मकक्षमिा (b) गतिलेिनम ्
(c) व्याकरणिररशुद्धिा (d) सम्प्रेषणकौशलातन

Ans : (a)
सांस्कृि िाठ्यिम में सांिाद लेि का जो मल
ू उद्दे श्य होिा है िह यह होिा है कक इससे
सज
ृ नात्मक क्षमिा का विकास होिा है। सज
ृ नात्मक क्षमिा के विकास के भलए लेिन का
बहुि महत्ि होिा है । अििः सांिाद लेि के माध्यम से सज
ृ नात्मकिा का विकास होिा है ।

Q.100. एकतयां भाषा-कक्ष्यायां 'र्क्ष


ृ ः' इनि पािः पाठ्यिे। छात्राः पर्लभन्नसमूहेषु
पर्भक्ट्िाः। सर्े लभन्न लभन्नं कायं कुर्वस्न्ि। एकः समूहः पाठ्यसामग्रीम ् अधिकृत्य
धचत्राखर् ननमावय िेिन-भाषर्-कौशि-द्र्ारा कृिकायव प्रतिौनि। ितय समूहतय प्रिशवनं
केन सम्बद्िम ्?
(a) अथिग्रहणेन (b) अिबोधनात्मक-अभभव्यक्िात्मक-कौशलेन
(c) चित्र-चित्रण-कौशलेन (d) िथ्य-सङ्ग्रहणेन
Ans : (b)
एक भाषा की कक्षा में 'िक्ष
ृ ' शीषिक नामक िाठ िढ़ाया जािा है । छात्र विभभतन समूहों में
विभक्ि हैं। सभी अलग-अलग कायि करिे हैं। एक समूह िाठ्य सामग्री का अनुगमन कर चित्र
बनाकर लेिन भाषण कौशल द्िारा कृिकायि प्रस्िुि करिा है । उस समूह का प्रदशिन
अिबोधनात्मक अभभव्यक्िात्मक कौशल से सम्बद्ध है।

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