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PAPER - 1
❖ बहुभापषकिा / मािभ
ृ ाषाया: रट
उत्तर:- (2) िन के एक स्थान में मूषक (िूहा ) रहता था । अतः इसका b उतर सही ह
।
उत्तर:- (1) सहसा कोई किया नहीं करनी िादहये ये चित्रगीि नाम के कबूतर ने कबूतरों
से कहा ह।
उत्तर:- (4) इसमें यदा तदा तथा ये सभी अव्यय पद ह लेककन कथ्ययते किया पद हैं ।
(3) समिायो दह दज
ु य
य ः (4) बुदचधः एि बलम ्
उत्तर:- (4) स्िततत्राः पद में प्रथमा विभन्क्त ह अथायत ् इसका d उतर सही ह ।
8. गङ्गातीरे ककं आसीत ् ?
(1) िटिक्ष
ृ : (2) पशि: (3) खगा: (4) जना:
उत्तर:- (3) इस कथा से यह सतदे श ममलता ह कक दहतकारी ममत्रों के परामशय की उपेक्षा नहीं
करनी िादहए।
उत्तर:- (3) कूमय (कछुआ) के दिारा कहा गया उपाय न्जस कारण से असफल हुआ िह यह ह
कक िह (कछुआ) अपने ममत्र (हं स) की बात को भल
ू कर बोला था।
4. ह्रदइत्यमयाथे ननम्नललखितेषु कः अन्यः शब्दः प्रयोततुं शतयते ?
1. समुद्रः 2. िापी 3. कूपः 4. तडागः
उत्तर:- (4) ‘हद' इस अथय में तडाग (तालाब) अतय श्द का प्रयोग ककया जा सकता ह।
उत्तर:- (4) कूमय इस अथय में गदयांश में कच्छप अतय श्द प्रयुक्त हुआ ह।
(3) ल्
ृ लकारः (4) लङ्लकार:
उत्तर:- (4) 'अभित ्' पद में लङ्लकार ह ये लङ्लकार के प्रथमपुरुष एकििन का रूप ह
लङ्लकार (भूतकाल )
पुरुष एकवचन दवववचन बहुवचन
प्रथम प०
ु अभित ् अभिताम ् अभिन ्
उत्तर:- (2) शुकः छात्रः सह ककं अगायत ् - ( शुंक तोता ) छात्रों के साथ िेदमतत्रों का
उच्िारण करता ह ।
उत्तर:- (3) यह पक्षी अनुकरणशील ह ये ऋवषः राजा से कहता ह । अतः c उतर सही ह ।
नी+क्त्िा -- नीत्िा
अतः इसका a उतर सही ह
उत्तर:- (3) राजा ने िोध के साथ ऋवष के मलये शुक (तोता ) को ददया ।
ननिे श : अिोलिखििं श्िोकं पदित्र्ा ििािाररिप्रश्नानां | (प्रश्नसङ्खख्या 1-6)
पर्कल्पात्मकोत्तरे भ्यः समधु चिम ् उत्तरं | धचत्र्ा लििि।
उत्तर:- (1) उक्ि िद्याांश में विद्या के महत्ि का तनरूिण ककया गया है । विद्या विनय
प्रदान करिी है। विद्या धन प्रदान करिी है और विद्या सदा लोगों के चित्त को विभक्ि
करिी है।
उत्तर:- (4) विद्या लोगों के चित्त को विभक्ि करिी है। अथािि मनष्ु य में विद्या शभ
ु
वििारों का प्रादभ
ु ािि करिी है। िदथि िह जनहहि चितिन करिा है। अिने को जो अच्छा
नहीां लगिा, िह दस
ू रों िर कदावि नहीां करिा।
3. बन्िलु भः का न पर्भाज्या?
1. क्षेत्रम ् 2. धनम ् 3. विद्या 4. भिनम ्
उत्तर:- (3) विद्या कदावि लोके नहह बतधुभभिः विभाज्या अथािि ् विद्या भाइयों द्िारा बाांटा
नहीां जा सकिा। न इसे राजा हरण कर सकिा है और न िोर िुरा सकिा है। |
उत्तर:- (4) िद्याांश में हदया है कक 'दरू ी करोति विद्या सकलां मनोविकारां ' अदरू ां दरू करोति
यह भाि भिनम ् के भलए प्रयुक्ि हुआ है ।
उत्तर:- (2) कीतिि का विलोम शब्द अकीतिि है। यश का विलोम अियश है। यश, कीतिि का
वििरीिाथिक नहीां है जबकक अकीतिि, अिकीतिि और लोकायिाद इसके समानाथिक हैं।
उत्तर:- (2)
विद्या गुणिः प्रधानिः विद्या धनां प्रधानम ्।
दे शे िथा विदे शे विद्याबलां प्रधानम ् ।।
विद्या बल दे श और विदे श दोनों स्थानों िर प्रधान होिा है। इसीभलए कहा गया है कक
विद्यािान ् सिित्र िज
ू ा जािा है।
ननिे शः अिोलिखििं श्िोकं पदित्र्ा ििािाररिप्रश्नानां( प्रश्नसङ्खख्या 1-6)
पर्कल्पात्मकोत्तरे भ्यः समुधचिम ् उत्तरं धचत्र्ा लििि।
उत्तर:- (1) काष्ठाि ् अन्ग्नजाियिे मध्यमानाद /अथािि काष्ठ के भलए सम्प्रति िाक्य में
विशेषण मध्यमानाद प्रयुक्ि हुआ है।
उत्तर:- (2) िन्नन का अथि अन्ग्न से है। िन्नन का ियािय हदये गये विकल्िों में अन्ग्न है।
िन्नन के अतय ियाियिािी िािकिः अनल, आग इत्याहद है ।
उत्तर:- (2) सोत्साहानाां नास्त्यसाध्यां नराणाां अथािि ् उत्साही व्यन्क्ि के भलए कुछ भी
असाध्य नहीां है। अलसानाम का विलोम शब्द सोत्साहानाम होगा। अथािि आलस्य का
विलोम शब्द उत्साह है।
उत्तर:- (3) बगुला (बकः) जलिरों को पीठ पर बबठाकर मशला पर रखकर खाता था।
2. बकमय आतङ्कात ् जलचराः केन मोचचता ?
1. व्याधेन 2. कुलीरकेण 3. मसंहेन 4. गजेन
3. मत्मयमांसभक्षिेन कः खिन्नोऽभवत ् ?
1. बकः 2. कुलीरकः 3. मकरः 4. व्याधः
उत्तर:- (4) "तो आज मेरे प्राणों का रक्षण करो" यह कथन केकडे (कुलीरकः) का ह।
उत्तर:- (1) अयम रूप इदम ् श्द के प्रथमा विभन्क्त-एकििन में होता ह।
8. चचस्न्ततवान ् इत्यस्ममन ् शब्दे कः प्रत्ययः ?
1. ितुप 2. क्तितु 3. शानि 4. शत ृ
एकदा ननभत
ृ ं शग
ृ ालो ब्रूते - "सखे | अन्स्मतिनकदे शे सस्यपूणक्ष
य ेत्रमन्स्त । तदहं त्िां
नीत्िा दशययामम ।' तथा कृते सनत मग
ु ः प्रत्यहं तत्र गत्िा सस्यं खादनत | अथ
क्षेत्रपनतना तददृष््िा पाशो योन्जतः | अनततरं पुनरागतो मग
ृ ः पाशबयदधोऽचिततयत ्
- “को माममतः कालपाशाददि व्याधपाशात्त्रातंु ममत्रादतयः समथयः ?' अत्राततरे
जम्बुकस्तत्रागत्योपन्स्थतोऽचिततयत ् - "फमलता तािदस्माकं कपटप्रबतधेन
मनौरथमसदचधः । एतस्योत्कृत्यमानस्य मांसासन्ृ ग्धलपातयस्थीनन मयािश्यं
प्रा्तव्यानन | तानन बाहुल्येन भोजनानन भविष्यन्तत ।' मग
ृ स्तं दृष््बोल्लामसतो ब्रत
ू े
- 'सखे ! नछन्तध ताितमम ् बतधनम,् सत्िरं त्रायस्ि माम ् । यतो दह इदमच्
ु यते लोके -
अपत्सु ममत्रस्य परीक्षा भिनत, युदधेषु िीरस्य, ऋणे जाते सनत शुचितायाः, व्यसनेषु
बातधिानाम ् ि परीक्षा जायते । अतयच्ि य उत्सिे, व्यसने, दमु भयक्षे, राष्रवि्लिे,
राजदिारे , श्मशाने ि सहार्ययं भिनत स एि िास्तविकं ममत्रं भिनत |
जम्बक
ु ो मह
ु ु मह
ुय ु ः पाशं विलोक्याचिततयत ् - “दढ
ु स्तािदयं बतधः ।' ब्रत
ू े ि - सखे |
स्रायुननममयता एते पाशाः | तदध्य भटटारकिारे कथमेतातदततः स्पश
ृ ामम ? ममत्र |
यदद चिते नातयथा मतयसे तदा प्रभाते यत्त्िया िक्तव्यं तत्कतयव्यम ् ।' इत्यक्
ु त्िा
तत्समीप आत्मानमाच्छादय न्स्थतः सः । अनततरं स काकः प्रदोषकाले
मग
ृ मनागतमिलोक्येतस्ततोऽन्तिष्य तथाविधं दृष््िोिाि — सखे ! ककमेतत ् ?' ।
मग
ृ ेणोक्तम ् - "अिधीररतसुहदिाक्यस्य फलमेतत ् | केनावप सत्यमेि भणणतं यदयो
ममत्राणां दहतकामानां सहृ
ु दां भावषतमिहे लयनत तस्य विपत्संननदहता भिनत तथा ि
स नरः शत्रुनतदनो धिनत |
उत्तर:- (4) हमारे कपट के प्रबन्ध से भी कभी -कभी मनोरथ की ससद्धि प्राप्त हो जाती है । ये जम्बुक
का कथन है ।
उत्तर:- (3) उसको रसििार के सिन कैसे अपने िााँ तोों से स्पर्श कर
ाँ गा। यहााँ भट्टारकिार - का अथश
रसििार है ।
उत्तर:- (4) जो अपने समत्र की बात नहीों सुनते उनकी अिहे लना करते है उन्हें सिपसत्त घेर लेती है ।
उत्तर:- (1) मैं प्रसतसिन जाकर फसल को िे खोंगा यहााँ गत्वा पि का अथश है जाकर । यहा गत्वा पि
में गम् धातु+कत्वा प्रत्यय है । गम् + क्त्वा = गत्वा । इस प्रत्यय मे त्वा र्ेष रहता है ।
नम् + क्त्वा = नत्वा
िा + क्त्वा = ित्वा
7. "तदा प्रभाते यत्वया वततव्यं तत्कतयव्यम ् अ् 'कतयव्यम'् इनत पदे को धातःु कश्च प्रत्ययः ?
(1) कृ + क्त्िा (2) कृ + क्यप ्
(3) कृ + तव्य (4) कर + क्त
उत्तर:- (3) तब सुबह के समय जो तुम्हारे द्वारा कहा जायेगा िह करना । यहााँ कतशव्यम् पि में – कृ
धातु + तव्य प्रत्यय है । कृ + तव्य = कतशव्यम्
अतः यहाों 3 उत्तर सही है ।
उत्तर:- (1) छात्रों के दिारा ककसका (ककसी भी ) प्रदत कायय का कक्षा में पाठ्यिम की
समान््त पर ज्ञान कौशल और अमभिवृ त अन्जयत की ह यह कथन "मशक्षण के प्रनतफल
का िणयन करती ह | अतः इसका a उतर सही ह ।
उत्तर:- (3) िाइगोत्सकी महोदय का भाषा विकास मसदधातत भाषा सामान्जक अततकियां
को विकमसत करता ह । अतः इसका c उतर सही ह।
उत्तर:- (4) श्रुनतः घटनानां सूिनाथं पबत्रका पठनत। तस्याः पठन ‘पररिीक्षणम ् (scanning)'
कथ्यते। सुनी घटनाओं की सि
ू ना पबत्रका में पढ़ते ह। और उस पढ़ने को पररिीक्षण
(scanning)
कहते हैं।
विहां गमदृन्ष्टिाििः (skimming) का तात्पयय केिल सामातय या मुख्य वििारों की तलाश करना
ह, और उतहें पढ़ना ह इसमें सबकुछ नहीं पढ़ा जाता ह।
उत्तर:- (4) अध्यापक का कतयव्य ह जो िह त्रदु टयों का विश्लेषण करता ह और उसको जानता
ह तब उसी त्रुदट को स्पष्ट करके पुनः अध्यापन करता ह। यह अध्यापन विचध भाषा मशक्षक के
मलए सियश्रेष्ठ विचध ह।
उत्तर:- (4) भाषा मशक्षण में संरिनात्मक उपागम में मशक्षकों से अपेक्षा की जाती ह कक
छात्र अपने पूिय ज्ञान के माध्यम से नये ज्ञान ननमायण में छात्रों की सहायता कर सके ।
इसका उतर d सही ह ।
18. अमभकथनम ् (A) : उपिारात्मकमशक्षणं एका प्रकिया अन्स्त यस्यां मशक्षक्षका प्रथमं छात्राणां
समस्यायाः ननदानं करोनत तदनततरं उचितपदधतेः प्रयोगं करोनत ।
कारणम ् (R) : उपिारात्मकपदधतेः प्रयोगात ् पि
ू ं अध्यापकः छात्राणाम ् शक्तय: दब
ु ल
य ता: ि
जानीत ् ।
अधस्तनेषचू ितमुतरं चिनत
ु
(1) (A) तथा (R) दिे सत्ये स्त:, (R) ि (A) इत्यस्य कथनस्य उचितव्याख्या अन्स्त ।
(2) (A) तथा (R) दिे सत्ये स्तः, परततु (R), (A) इत्यस्य कथनस्य उचितव्याख्या न अन्स्त ।
(3) (A) सत्यम ् अन्स्त, परततु (R) असत्यम ् अन्स्त ।
(4) (A) असत्यम ् अन्स्त, परततु (R) सत्यम ् अन्स्त ।
उत्तर:- (1) A- उपिारात्मक मशक्षण एक ऐसी प्रकिया ह न्जससे मशक्षक्षका प्रथम छात्रों
की समस्या का ननदान करती ह इसके बाद उचित पदधनत का प्रयोग करती हैं ।
R— उपिारात्मक पदधनत में प्रयोग से पहले अध्यापक छात्रों की शन्क्त और दब
ु ल
य ता
दोनो को जानती ह अतः ये दोनो सही ह ।
अथायत ् a उतर सही ह ।
19. अमभकथनम ् (A) यदा त्िम ् अल्पिय: अमस तदा अतयभाषाया: मशक्षणम ् सरलतरम ् ।
कारणम ् (R) : शुदधउच्िारणस्य विकास: अपेक्षाकृतः अनायासः भिनत यदद अयं आधारभूते
स्तरे मशक्षक्षतः ।
अधस्तनेषूचितमुतरं चिनुत
(1) (A) तथा (R) दिे सत्ये स्त:, (R) ि (A) इत्यस्य कथनस्य उचितव्याख्या अन्स्त ।
(2) (A) तथा (R) दिे सत्ये स्तः, परततु (R), (A) इत्यस्य कथनस्य उचितव्याख्या न अन्स्त ।
(3) (A) सत्यम ् अन्स्त, परततु (R) असत्यम ् अन्स्त ।
(4) (A) असत्यम ् अन्स्त, परततु (R) सत्यम ् अन्स्त ।
उत्तर:- (2) जसा कक बालक मानक व्याकरण की मशक्षा प्रारम्भ करने के मलये ये
सामातय को अनतसामातयीकरण करने की कोमशश कर रहे ह इसका कारण िे मनाते ह
“जो सामातयिाक्यरिना ननयम" सभी जगह उपयुक्त हो जाती ह ।
अतः उतर b सही ह ।
22. पञ्िमकक्षायाः एकः छात्रः कथयनत यत ् यदा मम ममत्रं पञ्जाबी भाषया सम्भाषते तं
अचधगततम
ु ् कदठनं न अन्स्त परततु अस्या: पठनं आयासपूणम
य ् अन्स्त । एतत ् कथनं तम ्
स्िाकलनाय योग्धयं करोनत, यतो दह तेन कृतम ्
(1) मशक्षणस्य आकलनम ् (2) मशक्षणाय आकलनम ्
(3) मशक्षणरूपेण आकलनम ् (4) मशक्षणे आकलनम ्
उत्तर:- (3) पञ्िमकक्षा का एक छात्र कहता ह जब मेरा ममत्र पञ्जाबी भाषा को बोलता
ह उसे सीखने में कदठनाई नही होती ह लेककन इसे पढ़ने के मलये पूरा प्रयास करना
पढ़ता ह यह कथन स्ियं को दक्ष (कुशल) बनाने के मलये योग्धय करती ह यह मशक्षण
रूप में आकलन होगा । अतः उतर c सही ह ।
उत्तर:- (4) भाषा आकलन छात्रों की भाषा की ननपुणता का आकलन करता हैं । अतः
उतर d सही ह ।
उत्तर:- (3) स्टीफन िेशन महोदय का बोधगम्य ननिेश मसदधातत छात्र को अपनी भाषा
के स्तर से कुछ उच्ि स्तर की भाषा का खोज करना ह । अत: d उतर सही ह ।
25. व्याकरणगिकायािखण -
1. सतदभािनुसाराखण भिेयुिः। 2. जीिनानुकूलातन भिेयुिः ।
3. िूणि
ि या रूिानुसारीखण भिेयुिः । 4. स्मतृ िकेन्तििातन भिेयुिः।
उत्तर:- (1) 'मशक्षा का अचधकार अचधननयम, 2009' के अनुसार आठिीं कक्षा तक मशक्षा के
माध्यम के संबंध में जहां तक संभि हो आठिीं कक्षा तक मशक्षा का माध्यम मातभ
ृ ाषा होनी
िादहए।
उत्तर:- (1) आदशय भाषा पाठ्यिम में उददे श्य, अततःिस्तु, प्रकिया, भाषाध्यापन अचधगम
और मूल्यांकन होता ह।
29. यहद छात्रा : कन्स्मांन्श्िि ् गतिविधौ लग्ना: सन्ति िदा भशक्षकस्य िैिः सह िारम्िररक
व्यिहार: _______
1. सतदभािनुसारां भाषायािः सम्प्रेषणस्य ि विकासे सहायकिः भिति ।
2. बालानाां िीडासमये भाषाचधगमां भारयुक्िां करोति ।
3. ज्ञानस्य प्रामाखणक स्रोि: ददाति ।
4. भाषया सह िीडाद्िारा बालानाां गह
ृ भाषायािः अचधगमाथि सहायकिः भिति ।
उत्तर:- (1) यदद छात्राएाँ ककसी गनतविचध में संलग्धन ह। उस समय मशक्षक के दिारा ककया गया
पारम्पररक व्यिहार सतदभायनुसार भाषा के सम्प्रेषण के विकास में सहायक होता ह।
30. लेिनभशक्षणे बालानाां स्िच्छतदारे िनम ् एकां महत्त्ििूणि िरणम ् अन्स्ि, यि: िदा बाला:
प्रयासां कुििन्ति -
1. अक्षराखण शब्दान ् ि तनमाििुां, यदा प्रभतृ ि िै: लेिनी, अङ्कनी िा धायििे ।
2. िेभ्य: चिननभ्यिः िेषाां कृिे अथि बोधतयिुम ् ।
3. िठने लेिने अङ्कगखणिे ि ककन्ञ्िि ् कालां याितयिम
ु ्।
4. ियस्कान ् अनुकिम
ुि ्।
उत्तर:- (2) लेखन मशक्षण में बालकों का स्िच्छतद लेखन एक महत्िपूणय िरण ह लेखन के
माध्यम से बालक अपने वििारों तथा भािों को सम्प्रेवषत कर सकता ह और अपनी सजयनात्मक
प्रनतभा को विकमसत कर सकता ह।
उत्तर:- (1) विदयालय में प्राथममक स्तर पर मशक्षाचथययों को उनकी घरे लू भाषा में पढ़ाया जाना
िादहए क्योंकक यह उतहें सीखने और मसखाने की प्रकिया में शाममल करे गा।
उत्तर:- (3) मशक्षक बच्िों को रे त से भरी थाली में अपनी उं गमलयों को घुमाकर िणयमाला के
अक्षर मलखने का ननदे श दे ता हैं - इस गनतविचध का उददे श्य छात्रों के सूक्ष्म िालन कौशल को
दृढ़ करना ह।
उत्तर:- (1) बहुभावषक कक्षा में मशक्षाथी अपनी प्रथम भाषा बहु को विविधता पि
ू क
य ा (अलग-
अलग भाषा) भाषा में बोलते हैं।
36. मशक्षाचथयनः व्याकरणणकान्तनयमान ् शनः शनः पौनः पुण्येन ि मशक्षतते । सिायन ्
व्याकरणणकननयमानाम ् एकदि ज्ञानस्य अपेक्षया शनः शनः व्याकरणननयमाः ज्ञातव्याः ।
एतत ् मशक्षणं कथ्यते
(1) पाररन्स्थनतक मशक्षणम ् (2) ितल
ुय कार - मशक्षणम ्
(3) संरिनात्मक-मशक्षणम ् (4) स्थाननक-मशक्षणम ्
उत्तर:- (2) मशक्षाथी व्याकरणननयमो को धीरे -धीरे समय - समय पर ग्रहण करते हैं। सभी को
व्याकरखणक तनयमो का एक बाद एक ज्ञान की 'अपेक्षा' धीरे - धीरे व्याकरणननयमों को जानना
िादहये। इस मशक्षण को 'ितुल
य कार मशक्षण कहते ह
37. पाठ्यपुस्तकस्य अिबोधनक्षमता तस्मात ् सूिनानां आहरणं तस्य व्याख्यानं ि एतत ् सिं
ककम ् अन्स्त ?
(1) प्रिाहे ण-पठनम ् (2) ननष्कूटनम ् (Decoding)
(3) श्रुतलेखः (4) अिबोधपूिक
य ं पठनम ्
38. येन िाक् विकारे ण एकमेि श्दमसकृदच्ु िारणेन भाषणप्रिाह बाचधतो भिनत । तदन्स्त
(1) स्िननम (2) रुवपम
(3) गनतसमतिय-िकल्य (Dyspraxia) (4) िाग्धिकल्यम ् (Stuttering)
उत्तर:- (4) जहााँ पर िाणी के विकार से कोई भी श्द का उच्िारण करने में या भाषा के प्रिाह
में बाधा होती ह उसे " िाग्िैकल्यम ् " (STUTTERING) / िाणी दोष कहिे है ।
उत्तर:- (3) श्द का ननमायण ियन्क्तक ध्िनन के दिारा होता ह कफर भी श्दों का विश्लेषण,
अक्षर का ध्िनन का ननमायण (स्तर) ननरततर दे खकर के ध्िनन कक पररिार को समझना िादहये।
यह अिधारणा स्िननममक अिधारणा कहलाती ह
उत्तर:- (3) पाठ्य पुस्तक के प्रत्येक श्दों को अथयबोधन (अथय जानकर) के साथ पढ़ना गहन
अध्ययन के साथ सम्बतध रखता ह।
अतः इसका उतर 3 सही ह।
उत्तर:- (2) (A) उपिारात्मक मशक्षण मशक्षण -अचधगम प्रकित का अमभतन अंग ह।
(R) सही से जानने के मलने विषयों को पुन: िढ़ने क भलए उपिारात्मक मशक्षण सम्भि होता ह।
अतः इसका 2 उतर सहीं ह। A ि R दोनों सही ह लेककन R A की उचित व्याख्या नहीं करता ह।
उत्तर:- (1) स्कूली मशक्षा में 'एक नीनत के रूप में बहुभाषािाद' का अथय ह कक सभी बच्िे अपनी
मातभ
ृ ाषा और घरे लू भाषा में स्कूली मशक्षा शुरू करते हैं। जब िे प्रगनत करते हैं, तो िे अतय
भाषाओं को जोड़ते हैं।
उत्तर:- (1) ककसी अध्यावपका ने अपनी कक्षा को िार समूहों में विभान्जत ककया।
वििारोतेजक विमशय उसने छात्रों के मलए भू-दृश्यों के, भिनों के, व्यन्क्तयों के वििारों को प्रदान
ककया। उसने प्रश्नों के माध्यम से वििारों को एकत्र करने के मलए आदे श ददया। इस कायय को
प्रयोजना कायय कहा जाता ह। प्रायोजना कायय छात्रों दिारा मशक्षक के आदे शानुसार समूह में या
व्यन्क्तगत रूप से ककया जाता ह।
उत्तर:- (3) िॉम्सकी के वििार से सभी मानि भाषा अचधग्रहण यतत्र (Language
Acquisition Device) के साथ उत्पतन होते हैं और ये भाषा के अचधगम में सहायक होते हैं।
उत्तर:- (1) अथय-मापन-प्रकिया के अततगयत छात्र िगों में श्द संग्रह बढ़ाने का सशक्त
माध्यम ह।
उत्तर:- (1) ननन्ष्िय श्दािली िे श्द हैं न्जनका उपयोग हम तभी करते हैं जब हम उतहें
सुनते हैं, या पढ़ते हैं।
50. काचिद् अध्याविका िञ्िमीकक्षायाां स्िछात्रान ् षड्िाक्यानाां लघु-िररच्छे दां द्वििारां श्रोिुां
कथयति । िदा सा िान ् ििुणाि समूहेषु िम ् िररच्छे दां िुनिः लेखििुां कथयति । सा कथयति यि ्
िे िां िररच्छे दां यथासम्भिां तनकटिम लेखििांु शक्नि
ु न्ति । िररच्छे दस्य िाक्यातन मल
ू रूिे
भितिु, इति न आिश्यकम ् । इदम ् कायि ककां कथ्यिे -
1. रिनात्मकां लेिनम ् 2. श्रिणम ् भाषणम ् ि
3. िररच्छे दस्य श्रुिलेिनम ् 4. िाक्यानाां श्रुिलेिनम ्
उत्तर:- (3) कोई अध्यावपका पााँििीं कक्षा के छात्रों को छः िाक्यों के छोटे पराग्राफ को दो बार
सुनने के मलए कहती ह, कफर उतहें िार के समूहों में उस पराग्राफ को कफर से मलखने के मलए
कहती ह। यह कायय पररच्छे द का श्रुत लेखन ह। श्रुत लेखन का अथय ह 'सुने हुए को मलखना' या
सन
ु कर मलखना।
51. कन्श्िद् अध्यािकिः अधं िाठ्यम ् उच्िस्िरे ण िठति । िदा स समहू बद्धान ् छात्रान ् स्ियां
समाितयिुम ् कथयति । एषिः कीदृशिः प्रयोगिः ?
1. अनभ
ु िात्मकप्रयोगिः 2. समह
ू कायिम ्
3. लेिनप्रयोगिः 4. अतिग्रािहीप्रयोगिः (Intake Activity)
उत्तर:- (1) कोई अध्यापक आधे पाठ को उच्ि स्िर में पढ़ता ह, उसके बाद िह समहू बदध
छात्रों को स्ियं पाठ को पूरा करने के मलए कहता ह। इस प्रकार का प्रयोग मशक्षण विचध का
अनुभिात्मक प्रयोग कहलाता ह।
53. भशक्षकिः िि
ृ ीयाकक्षायािः छात्रान ् तनहदिशति, एिां िे प्रदत्तकायािखण अनस
ु रन्ति। अध्यािकिः
अङ्गीकरोति
1. सांरिनात्मक-उिागमिः
2. समग्र-शारीररकप्रतिकिया-उिागमिः
3. ग्रहणशील-भशक्षण-उिागमिः
4. रिनािाहदउिागमिः(Constructivist approach)
उत्तर:- (1) 'ददल मांगे मोर यह िाक्य कोड-व्यत्यय (Code-switching) का उदाहरण ह। जहााँ
एक िाक्य को अतय भाषा में रूपाततररत या स्थानातररत कर उसका प्रिार ककया जाता ह।
55. अंशु इनत नाम्नः दवितीयकक्षाया अध्यापकः स्िकीयां भाषाकक्षायां "पश्यततु ज्ञापयततु
ि" इनत गनतविध्यथं कनतपयानन िस्तूनन आनयनत । भाषा मशक्षण-अचधगमे इमानन िस्तूनन
केन नाम्ना ज्ञायतते ?
(1) प्रदशयय-ज्ञापय ि इनत पदाथायः (2) सामातय प्रदशयायणण िस्तूनन (Realia)
(3) भाषा सामग्री (4) स्मनृ तप्रितयकम ्
उत्तर:- (2) अंशु नाम का दवितीया कक्षा का अध्यापक ह अपनी भाषा की कक्षा में दे खो, जानो
इस गनतविचध की कई प्रकार की िस्तुओं को लाता ह। भाषा मशक्षण अचधगम में यह िस्तए
ु
'सामातय प्रदशयन की िस्तुओं के नाम से जानी जाती ह।
उत्तर:- (3) मशक्षक के दिारा प्रारन्म्भक िरण में चित्रात्मक पाठ्य पुस्तक में ध्यान रखना
िादहये ये विदयाचथययों के चित्रों को समझने में ि विश्लेवषत करने में सहायक होता ह।
57. एका अध्यावपका बालानां कायं यथा लेखनप्रनतमानानन चित्राणण कथाः इत्यादीनन पत्रािरके
स्थापयनत । सा तेषामुपयोग आकलने करोनत । इदमन्स्त
(1) उपाख्यानात्मकमध्ययनम ् (Anecdotal Record )
(2) पत्राधानम ् (Portfolio)
(3) अिलोकनपरकमुपकरणम ् (Observation Tool)
(4) पाठ्यियाय मानचित्रणम ् (Curriculum Mapping)
उत्तर:- (2) एक अध्यावपका बालकों के कायय को मलखने के मलये कहती ह तथा चित्र के दिारा
ि कथा आदद को पत्र में स्थावपत (उतारने) के मलये कहती ह। िह उसका उपयोग आकलन में
“पत्राधनम ्” (Portfolio) करती ह।
उत्तर:- (1) यह सुननन्श्ित ककया जाये कक कक्षा में सभी मशक्षाथी स्िीकार ककये जाये
आत्मसम्मान के साथ कायय करे गें ककसी भी प्रकार भाषा - समान्जक पष्ृ ठभूमम बनी रहे यह
*भाषा मशक्षण में श्लाघनीय (अच्छी ह)।
उत्तर:- (2) ध्िनन के दिारा श्द- पद- उपिाक्य आदद मशक्षण अनततर सतदे शननष्ट ह ये
ऊध्ियगामी उपागम पर आधाररत ह ।
उत्तर:- (3) िज्ञाननक कहते हैं कक मशशुओं से बात करना महत्िपूणय ह क्योकक यह मशशुओं को
भाषा की ध्िननयों को सीखाना शरू
ु कर दे ता ह।
उत्तर:- (1) भाषा अचधग्रहण के बारे में ये बात सत्य ह कक यह स्िाभाविक रूप से ग्रहण होता
ह।
उत्तर:- (2) न्जस अिस्था में दो या तीन माह का बच्िा मुक्त ध्िनन को जानने लगता ह, उसे
अनुकूजन (Cooing) कहते हैं। अनुकूजन का अथय होता ह 'कोमल या मतद स्िर में बोलना'।
उत्तर:- (2) सद्वतीया कक्षा की अध्यासपका बड़े आकार की पुस्तक ऊपर उठाती है परी कक्षा उस
पुस्तक से पढ़ती है । उस पुस्तक में बड़े -बड़े अक्षर है सित्र है और सरल सामग्री है सजसे सभी बालक
पढ़ने में सद्धिसलत हो िह अनुसरण करती है -“सहयोगात्मक पठन का “ ।
उत्तर:- (1) सद्वतीय कक्षा का छात्र जसतन सुनने में कसठनाई का अनुभि करती है उसकी सहायता
के सलये अध्याक रप द्वारा उसित रणनीसत - उसके सहपाठी को प्रेररत सकया जायेगा सक िह
उसको भािभङ्चगमा (हाि-भाि) के द्वारा िाताश लाप करने में सहायता करें और उसके व्यिहार में
सहायक हो।
उत्तर:- (3) (A) बालक पठन लेखन से पिश पठन लेखन सिषय में जो जानते है िह
प्रारद्धिकसाक्षारता कहलाती है ।
(R) प्रारद्धिक साक्षरता तब प्रारि होती है जब प्रारि बाल्यिस्था " में लालन पालन सर्क्षा समय
में ही बालक सिद्यालय में पठन और लेखन सर्क्षा सीखता है ।
अतः A उसित है R अनुसित इस प्रकार यहााँ 3 उत्तर सही है ।
उत्तर:- (2) जो सिषय र्ब्द बोध िक्षता के साथ, लय बोध िक्षता के साथ और र्ब्दान्तगशत जसत
बोध िक्षता के साथ सर्क्षासथशयोों को उद्दे श्यपणश भाषा के साथ समायोसजत करती है , िह स्वसनसमक-
असभज्ञा कहलाती है ।
70. कतमा पदधनतः, मशक्षाचथयनः सोददे श्य॑ िातायलापाय प्रनतभाचगनो भवितुं सुअिसरप्रदानाय
बलं ददानत, यास्तान ् जीिनस्य िास्तविकानां पररन्स्थतीनां सामुख्यं कतुं प्रोत्साहयनत ?
(1) सम्प्रेषणात्मकभाषायाः मशश्षणपदधनतः (2) व्याकरणानि
ु ादपदधनतः
(3) दविभाषीपदधनतः (4) श्रव्यभावषकपदधनतः
उत्तर:- (1) " सम्प्रेषणात्मक भाषा सर्क्षण पिसत "सर्क्षासथशयोों को उद्दे श्य पणश िाताश लाप में
प्रसतभाग करने के सलये सुअिसर प्रिान करती है बल िे ती है सजससे उसके जीिन की िास्तसिक
पररद्धस्थसत का सामना कर प्रोत्सासहत कर सके ।
अतः इसका पररक्षण का 1उत्तर सही है ।
उत्तर:- (3) पररक्षण का (Scanning) उद्दे श्य है िस्तुसिर्ेष अथिा सिना का अोंग ।
अतः इसका 3 उत्तर सही है ।
उत्तर:- (2) भाषा सर्क्षण को व्याकारण अनुिाि पिसतः बलाघात में रप केद्धित सर्क्षण को
केद्धित करती है ।
अतः इसका 2 उत्तर सही है ।
उत्तर:- (4) सनधाश ररत मानक के अनुसार सर्क्षासथशयोों के असधगम का मल्याों कन कराना ये
उपिारात्मक पिसत की सिर्ेषता नहीों है ।
(1) इसका प्रयोग भाषा कौर्ल को बढ़ाने में कर सकते हैं ।
(2) सिर्ेष समस्या समाधान में इसका प्रयोग कर सकते हैं ।
(3) छात्र सजस समस्या को सुनते और अनुभि करते है उसको जानने के सलये इसका प्रयोग कर
सकते है ।
अतः इसका 4 उत्तर सही है ।
उत्तर:- (2) भाषा सर्क्षण समय में कथा का श्रिण करना महत्वपणश होता है । कथा के कथन
सम्बन्ध में “इसमें भाषा का पणश रप प्रस्तुत होता है " ये कथन सिाश सधक महत्वपणश है ।
उत्तर:- (1) प्रथम कक्षा के छात्रोों को पढ़ाने के सलये हमें मौद्धखक भाषा सिकास में असधक ध्यान
िे ना िासहये। इसमें "भसमका - सनिाश ह " कक्षा अभ्यास के मौद्धखक भाषासिकास में प्रथम कक्षा के
छात्रोों के सलये उपयोगी होती है ।
अतः इसका 1 उत्तर सही है ।
उत्तर:- (2) अथयपूणय अततकिया (बातिीत) के माध्यम के दिारा दवितीय भाषा के मलए भाषा
शास्त्रीय प्रयोग में संरिनाओं को सही तरीके से शाममल ककया जाता ह।
79. तनम्नभलखििेषु किमां कथनां िेशनमहोदयस्य प्राकृतिक-िम-िररकल्िना (Natural
order) व्याख्यायति -
1. भाषायािः अियिािः अनम
ु ेयिमेण अचधगन
ृ यतिे ।
2. अध्यािकैिः स्िाभाविक-मौखिकभाषायािः प्रयोगिः कत्तिव्यिः।
3. िाठ्य-सामग्री-प्रामाखणका भवििव्या।
4. अध्यािनां प्रत्येकां छात्रस्य अचधगम-प्रकियानुसारां भवििव्यम ् ।
80. कीदृशिः उिागमिः सािधानिया चििानाां ि िगीकृिानाां विषयाणाां सम्यग ् उियोगां करोति ?
1. योग्यिाचश्रि- उिागमिः 2. तनमािणात्मकिा- उिागमिः
3. सांरिनात्मक- उिागमिः 4. सम्प्रेषणात्मक- उिागमिः
81. कन्श्िि ् ििुथीकक्षायािः छात्रिः स्िमािुिः सहायिया िाठां िहठिुां िदाधाररिां कायं ि किुं
समथोऽन्स्ि । िायगोत्सकी महोदयस्य भसद्धातिानुसारां मािा ककां कायं करोति ?
1. सोिानीकरणम ् (scaffolding) 2. भशक्षणम ् (coaching)
3. उिभशक्षणम ् (tutoring) 4. प्रभशक्षणम ् (training)
उत्तर:- (1) कोई िौथी कक्षा का छात्र अपनी माता की सहायता से पाठ पढ़ने के मलए उस पर
आधाररत कायय को करने के मलए समथय हो पाता ह। िायगोत्सकी महोदय के मसदधातत के
अनुसार माता 'सोपानीकरण' का कायय करती ह।
82. कक्षायाां मुहििसमद्ृ धिररिेशविषये अधोभलखििेषु ककां असमीिीनम ् ?
1. साथिकां प्रमोदिूणरि ीत्या भाषाभशक्षणाय बालकान ् साहाय्यां करोति ।
2. महु ििसामग्रेिः बहुविधरुिैिः विद्याचथिनाां िररियिः भिति ।
3. िाठकौशलविकासाथं साहायां करोति ।
4. स्िच्छतदिीडारुिेण मद
ृ ाकृतितनमाििुम ् छात्रान ् प्रोत्साहनां करोति
उत्तर:- (4) स्िच्छतद्र िीडा रूप से मम्टी के आकृनत का ननमायण के मलए छात्रों को प्रोत्सादहत
करता ह। यह कथन असत्य ह। शेष कथन सत्य ह।
उत्तर:- (1) पाठ पढ़ने के विषय में तेज गनत से पढ़ना पाठ के सामातय अिधारणा को ग्रहण
करता ह।
84. प्रायेण भाषामशक्षकः युग्धमे यदिा समूहे करणीयानन कायायणण ददानत । यदा मशक्षाचथयन:
कायं कुियन्तत, तदा मशक्षकेण ककं कतयव्यम ् ?
(1) मशक्षको व्यथय न नतष्ठे त ् । तेन ककमवप पठनीयम ् यतो दह तस्य ज्ञानं िधयताम ् |
(2) मशक्षक: सुननमशतं कुयायत ् यत ् प्रत्येकं छात्र: काये प्रनतभागी भिेत;् तेभ्यश्ि मूलभूतां
सुविधाम ् ददयात ् ।
(3) छात्राणां स्िायतताया ध्यानं कुियन ् तान ् मुञ्िताम ् |
(4) इदमिधेयं यच्छात्राः कक्षायां कोलाहलं न कुयःुय |
उत्तर:- (2) प्राय: भाषा सर्क्षक समह में सजस कायश को करने के सलये िे ता है , तब सर्क्षाथी कायश
करते है तब सर्सक्षक का कतशव्य है - सर्सक्षक सुसनसित करे जो प्रत्येक छात्र कायश में प्रसतभाग करे
उन्हें मलभत सुसिधा िी जाये।
अतः इसका 2 उत्तर सही है ।
85. प्रारन्म्भकस्तरे प्रायेण मशक्षकः चित्राङ्कनाय (Drawing) अमभप्रेरयनत | यतो दह
(1) बालाः चित्राङ्कनाय स्पह
ृ यन्तत |
(2) इदं सहजकौशलानन विकासयनत |
(3) िुतनए कलाकारान ् ननमायपनयतुं साहार्ययो भिनत |
(4) इदं तमू लकायाः ग्रहण-सञ्िालन-क्षमताश्ि िधययनत |
उत्तर:- (4) प्रारद्धिक स्तर में सर्क्षक प्राय: सित्राङ् ्कन के सलये असभप्रेररत करता है जो यह
तुसलका (पेन/ पेद्धिल) ग्रहण करने की सञ्चालन क्षमता को बढ़ाता है ।
उत्तर:- (2) राष्रीय मशक्षा नीनत, 2020 छात्रों को बनु नयादी साक्षरता और अंकज्ञान दे ने पर
केंदद्रत ह ।
88. यहद बाला: स्ििररिेशे द्ियोिः भाषयोिः श्रिणां कुििन्ति, िहहि एिां भाषाद्ियां प्रति
उद्भासनम ्-
1. बालेभ्यिः प्रतिकूलां भविष्यति । 2. बालेभ्य: अनुकूलां भविष्यति ।
3. कमवि भेदां न जनतयष्यति । 4. िरस्िरां बाधकां भविष्यति ।
उत्तर:- (2) यदद बामलकायें अपने पररिेश में दो भाषाएाँ सुनती हैं, तो दोनों भाषाओं से उनका
पररिय होना उनके मलए अनुकूल होगा।
उत्तर:- (4) विदयालय के प्रारन्म्भक समय में बालकों के गहृ भाषा (मातभ
ृ ाषा) का उपयोग घर
से विदयालय के प्रनत सहजता को प्रोत्सादहत करता ह क्योंकक प्राथममक स्तर पर मशक्षा का
माध्यम बालक की मातभ
ृ ाषा होनी िादहए ।
उत्तर:- (3) नॉम िॉमस्की महोदय के अनुसार- मनुष्य में भाषा ग्रहण करने की स्िाभाविक
क्षमता होती ह। उनके अनुसार बालक में भाषा को सीखने की क्षमता जतमजात होती ह।
उत्तर:- (3) भाषा सीखने के बारे में ये कथन सत्य ह कक पढ़ना और मलखना साथ-साथ िलते
हैं।
उत्तर:- (3) भाषा सीखने के प्रारं मभक िषों में, एक मशक्षक्षका अपनी कक्षा 'सकयल टाइम' की
गनतविचध से शरू
ु करती ह। इस गनतविचध में , िह प्रत्येक छात्र को एक विमशष्ट विषय पर
बोलने का अिसर दे ती ह। यह प्रकिया आकन्स्मक साक्षरता के मलए महत्िपूणय ह।
उत्तर:- (3) कठोर अभ्यास व्याकरण अनुिाद विचध की मुख्य पदधनत ह। व्याकरण अनुिाद
विचध में व्याकरण पहले पढ़ाया जाता ह। बोलने की अपेक्षा मलखने और पढ़ने पर बल ददया
जाता ह। इसमें मातभ
ृ ाषा के अितरणों का दवितीय भाषा में अनि
ु ाद कराया जाता ह।
उत्तर:- (3) समािार विज्ञन््त मौणखक सम्प्रेषण को बढ़ािा नहीं दे ती ह। मौणखक सम्प्रेषण का
अथय ह कक आमने-सामने मौणखक बातिीत करके सूिनाओं का आदान-प्रदान करना।
98. तनम्नभलखििेषु ककम ् उत्तमिाठ्यिुस्िकस्य ित्त्ििूणिःि मानदण्डिः नान्स्ि ?
1. भाषा शब्दसङ्ग्रहश्ि 2. विषयिस्िु
3. शैली ि योजना ि 4. मि
ु णम ् ि बतधनम ् ि (Binding)
उत्तर:- (4) उतमपाठ्य-पुस्तक का तत्त्िपूणय मानदण्ड मुद्रण और बतधन नहीं ह जबकक भाषा
में श्दों का संग्रह करना, विषयिस्तु शली भाषा में योजना बनाना, उतम पाठ्य-पुस्तक के
तत्िपूणय मानदण्ड कहलाते हैं।
99. कन्श्िद् अध्यािकिः कान्ञ्िद् शब्दान ् स्िष्टिया श्यामिटले भलिति, छात्राश्ि िान ्
स्िलेिनिुन्स्िकायाम ् भलिन्ति । िििनी-भशक्षणप्रविचधषु तनम्नभलखििेषु किः प्रविचधिः
सिोत्तमोऽन्स्ि ?
1. िीडाप्रविचधिः (Play-method)
2. अभ्यासप्रविचधिः (Drill Method)
3. प्रतिलेिनप्रविचधिः (Transcription Method)
4. श्रि
ु लेिप्रविचधिः
उत्तर:- (3) कोई अध्यापक ककसी श्द को स्पष्ट रूप से श्यामप्ट में मलखता ह, छात्र-छात्राएं
उस लेख को अपनी पुन्स्तका में मलखते हैं ितयनी मशक्षण-प्रविचधयों में प्रनतलेखन की प्रविचध
(Transcription Method) सिोतम विचध ह। विषयिस्तु के प्रस्तुतीकरण को रोिक, प्रभािी
तथा उददे श्यपरक बनाने के मलए न्जन उपायों को काम में लाया जाता ह, िह मशक्षण प्रविचध ह।
प्रनतलेखन प्रविचध का अथय 'प्रनतमलवप या नकल' होता ह।
उत्तर:- (3) कथनम ् (A) मूल्याङ्कनस्य सह-योग्धयता (Sub-Skill) पक्षे सहायताक्षेत्रं ज्ञातुं
अध्यापकस्य अततज्ञायनं पररलक्ष्यते।
तकयः (R) लेखनस्य तथा श्रिणस्य परीक्षणं सह-योग्धयतास विभाजनयत तथा
संयुक्तभाषापरीक्षणः अनुपूरनयतुं शक्यते।
'संयुतत भाषापरीक्षि:-संयुक्त भाषा परीक्षण के मलए मूल्याङ्कन के दिारा योग्धयता के पक्ष में
सहायता क्षेत्र को ज्ञात करने के मलए अध्यापक का अततज्ञायन पररलक्षक्षत होता ह। लेखन तथा
श्रिण के परीक्षण के दिारा योग्धयता का विभाजन तथा संयक्
ु तभाषा परीक्षण अनुपरू क होता ह।
शक्षणणक विचध से कथन (A) और (R) दोनों सत्य हैं परततु (R) (A) की समीिीन व्याख्या नहीं
ह।
उत्तर:- (1) सस्स्िर-पठन किया (जोर से पढ़ना) मुख्य रूप से छोटे छात्रों दिारा ककया जाना
िादहए। स्िर सदहत पढ़ते हुए अथय ग्रहण करने को सस्स्िर पठन कहा जाता ह। यह पठन की
प्रारन्म्भक अिस्था होती ह।
उत्तर:- (2) ईशामहोदया दवितीयकक्षा के छात्रों को िस्तुओं के नाम को चित्रों दिारा प्रदमशयत
करती हैं, तत्पश्िात ् िह स्पष्टरूप से उच्िस्िर दिारा उनके (िस्तुओं के) नामों का उच्िारण
करती हैं। इस विचध के दिारा िह छात्रों में निीनश्दों का ज्ञानिधयन करती ह।
उत्तर:- (2) भाषा मशक्षण के समग्र प्रदशयन के मलए प्रकियाबदध योजना 'विचध ह। संस्कृत
मशक्षण में विमभतन विधाओं का मशक्षण अलग-अलग विचधयों ि प्रविचधयों से ककया जाता ह|
उत्तर:- (1) भाषा विकास के वपयाजे के मसदधांत के अनुसार, भाषा आत्मसात और अनुकूलन
के दिारा सीखी जाती ह।
उत्तर:- (4) मशक्षक दिारा बताई गई कहानी को दोबारा पढ़ना छात्रों के सुनने के कौशल का
आकलन करने के मलए सबसे उपयक्
ु त आकलन गनतविचध ह।
उत्तर:- (1) भाषा व्याकरण के साथ एक स्िाभाविक भाषा ह। भाषा और व्याकरण का घननष्ठ
सम्बतध ह ।
उत्तर:- (3) मलखने और बोलने में प्रयुक्त श्द को सकिय श्दािली कहते हैं।
115. भाषायािः भशक्षणे िररक्षणे िा कन्स्मन्ञ्िि ् िाठे यहद प्रत्येकां षष्ठिः शब्दिः लप्ु यिे । एिि ्
कायि ककां कथ्यिे ?
1. श्रि
ु लेिकायिम ् 2. शब्दलोििः(cloze)
3. व्याकरणस्य अतििःप्रविन्ष्ट 4. ररक्िस्थानिूतिििः
उत्तर:- (2) भाषा मशक्षण के परीक्षण में ककसी पाठ में यदद प्रत्येक छठााँ श्द लु्त ह तो यह
कायय श्दलोप (cloze) कहा जाता ह।
उत्तर:- (1) भाषा मशक्षण की अिेतन प्रकिया को भाषा अचधग्रहण कहते हैं।
उत्तर:- (1) पाठ कसे पढ़ना िादहए यह अध्यापन विचध ननदे मशत करती हैं।
उत्तर:- (2) भाषा कक्षाओं में हमारी िार एकीकृत योग्धयताएाँ हैं ।
उत्तर:- (3) प्राथममक स्तर पर पठन सामथ्यय के मूल्याङ्कन के मलए पाठ अिबोध का प्रश्न
उपयुक्त ह।
उत्तर:- (4) सञ्ियनी आकलन विषय में छात्रों में ज्ञान के अजयन के मलए एककामलक आकलन
का कथन समीिीन नहीं ह।
122. भाषा भशक्षकरूिे अस्माभभिः साफल्येन शब्दकोषस्य प्रयोगिः कििव्यिः। शब्दकोशस्य प्रयोगां
प्रोत्साहतयिुां तनम्नभलखििेषु किः विचधिः न समीिीना अन्स्ि ?
1. भाषायािः अङ्गानाां अतिेषणम ् । 2. सांदभािनुकूलां शब्दाथिस्य ियनम ् ।
3. शब्दस्य उच्िारणज्ञानम ् । 4. प्रत्येकां निीनशब्दाय अध्यािकम ् उिगमनम ् ।
उत्तर:- (4) भाषा मशक्षक के रूप में हमारे सफलता के मलए श्दकोश का प्रयोग करना हमारा
कतयव्य ह। श्दकोश के प्रयोग को प्रोत्सादहत करने के मलए “प्रत्येक नये श्दों के मलए
अध्यापक के पास जाना" यह विचध सही नहीं ह। जब कक अतय तीनों विकल्प सही हैं-
उत्तर:- (3) व्याकरणअनुिाद प्रविचध छात्रों में संिाद कौशल को नहीं बढ़ाती ह, बन्ल्क
व्याकरण अनि
ु ाद प्रविचध मातभ
ृ ाषा में मशक्षण कायय को बढ़ािा दे ना, व्याकरण के महत्त्ि को
प्रदान करना तथा छात्रों में धाराप्रिाह के माध्यम से भाषा प्रयोग में सामथ्ययिान कराने का कायय
करती ह।
उत्तर:- (2) भारतीय संविधान में दहतदी को राजभाषा का स्थान प्रा्त ह। हर साल 14
मसतम्बर को दहतदी ददिस के रूप में मनाया जाता ह।
उत्तर:- (1) बच्िों के भाषा विकास का सबसे महत्िपूणय अंग ह उस भाषा का पयाय्त अिसर
ममलना। जब बच्िे को भाषा को बोलने या सन
ु ने के अचधक अिसर ममलेंगे तो बच्िे का भाषा
विकास तेजी से होगा।
129. योगात्मकस्य (Summative) आकलनस्य मुख्यम ् उद्दे श्यां ककम ् अन्स्ि ?
1. उिलन्ब्धिधिनम ् (Improving achievement)
2. िाठ्यैककस्य (Unit of study) प्रारम्भे छात्राणाां बोधसम्बन्तधिथ्यानाम ् आहरणम ् ।
3. अध्यािनस्य छात्राणाम ् अचधग्रहणस्य ि स्िरां िधितयिुां छात्राणाां बोधस्य िििमानस्िरस्य
समीक्षणम ् ।
4. छात्राणाां उिलब्ध: मािनम ् अथिा अङ्केक्षणां िथा ि गुणित्तास्थािनम ् ।
उत्तर:- (4) योगात्मक आकलन का मुख्य उददे श्य छात्रों के उपलन््ध मापन अथिा अिकेक्षण
तथा गुणिता की स्थापना करने से ह। योगात्मक आकलन अचधगम के आकलन के रूप में
ककया जाता ह, यह एक ननन्श्ित अिचध में मशक्षक ि छात्रों की सम्पूणय गनतविचधयों के बारे में
बताता ह।
उत्तर:- (4) जब छात्र दो या तीन भाषा सीखता ह, तो उसे भाषाचधगम कहते हैं। भाषा को
सीखना भाषा अचधगम ह।
उत्तर:- (3) भाषा कक्षा में कहाननयों का उपयोग करने के मलए प्रविचध (Strategy) के रूप में
कहाननयां सुनना उपयुक्त प्रकिया ह।
उत्तर:- (1) लेखन प्रकिया के अिस्था में समचु ित िम वििारोतेजना, रूपरे खा ननमायण, प्रारूप
लेखन, पुनरिलोकन, त्रुदट-शोधन और समापन ह।
136. एका मशक्षक्षका छात्रान ् पाठन्स्थतान ् संकेतान ् (चित्राणण शीषयक: उपशीषयकाः, इत्यादयः)
आदाय पाठस्य अचग्रमिस्तु ककं भिेत ् एतदविषयेपूिक
य थनाय तान ् प्रेरयनत । सा अधोमलणखतेषु
कस्य उपकौशलस्य प्रयोगः करोनत ?
(1) श्रिणम ् (2) सम्भाषणम ् (3) पठनम ् (4) लेखनम ्
उत्तर:- (3) एक भशक्षक्षका िाठ मे न्स्थति सांकेिो' को (चित्र द्िारा शीषिक उिशीषिक
आहद) दे िी है िाठ की अचग्रम िस्िु क्या होनी िाहहए। इस विषय िर िि
ू ि कथन के
भलये छात्रों को प्रेररि करिी है । िह इसके भलये ‘िठन उिकौशल’ का प्रयोग करिी है ।
137. बालकेभ्यः चित्रप्रेक्षणं रोिते, ते स्िमत्या तेषां िणयनं ि कुियन्तत । अध्यापकरूपेण भिता
चित्रपुस्तकानन प्रयोज्यानन, यतो दह
(1) अनेन भितः छात्राः संलग्धनाः भविष्यन्तत ।
(2) अनेन छात्राः एतदविधचित्रान ् चित्रनयतुं प्रेररताः भविष्यन्तत ।
(3) अनेन छात्राः चित्राणाम ् अिबोधे समीक्षायां ि समथायः भविष्यन्तत ।
(4) अनेन छात्राणाम ् विविध िणायनाम ् ज्ञानिधयनं भविष्यनत ।
उत्तर:- (2) प्रथम कक्षा की के भभवत्त चित्र छात्रों के कायि को दशाििा है (अांककि चित्र)
को नाम चिननों को एिां समािार ित्र को स्थाविि करिा है । इसका प्रकार सहायक
सामग्री छात्रों के भलये मुिण िररिेश को प्रदान करिी है ।
अि: इसका 2 उत्तर सही है ।
उत्तर:- (3) भाषा भशक्षण बढ़ना िाहहए यहद अध्यािक कक्षा में िास्िविक जीिन की
िररन्स्थति को उिन्स्थि करिा है न्जससे छात्रों में िरस्िर सांिाद (बाि-िीि' /
सम्भाषण) करना िाहहए ।
अििः इसका 3 उत्तर सही है ।
142. ितुथक
य क्षायाः एका अध्यावपका भूममकाननिायह (Role play) अचधकृत्य एकं कायय
यच्छनत यन्स्मन ् छात्राः एकस्याम ् प्रदतन्स्थत्यां स्िवििारविननमयाथं ननददयष्टाः । सा के
कौशलम्िधयनयतुं प्रयतते ?
(1) अमभनयः (2) श्दािमलः (3) सम्भाषणम ् (4) पठनम ्
उत्तर:- (3) एक भशक्षक्षका स्िीकृि सहायक िुस्िकों द्िारा एक लघु कथा को अथिा अतय
आख्यानों को िढ़ने के भलये छात्रों को प्रेररि करिी है । सहायक िस्
ु िकों द्िारा िढ़ने के भलये
िथा छात्रों के उत्साहिधिन का विस्िारिूिक
ि िठन 'किया द्िारा विकास करना' लघु कथा का
प्रमुि उद्दे श्ये है ।
उत्तर:- (4) एक भशक्षक्षका ििुथि श्रेणी के छात्रों को एक कवििा को 'हमारे त्यौहार ' इस िाठ को
िढ़ािी है । कवििा िाठ के अनतिर कवििा की कक्षा में कवििा में 'व्याकरणात्मक विषय’ की
ििाि नहीां करनी िाहहये ।
जबकक कवििा के भाि विषय िथा अतय समानाथिक शब्दों का प्रयोग एिां सतदभि ि प्रसङ्ग का
िणिन प्रासाङ्चगक है ।
अििः इसका 4- उत्तर सही है ।
147. पञ्िमकक्षायाः एका मशक्षक्षका पश्यनत यत ् तस्याः कक्षायाः छात्राः तया पाठ्यमानया
दवितीयभाषया सह स्िभाषायाः श्दानाम ् िाक्यनाम ् ि प्रयोगं कुियन्तत । एतत ् कथ्यते
(1) निपीढीछात्राः
(2) सामान्जकभावषकः व्यिहारः (Socio-linguistic behaviour)
(3) कूटपररितयनम ् कूटसन्म्मश्रणम ् ि (Code switching and Code mixing)
(4) भाषासञ्िरणम ् (Language transmission)
उत्तर:- (3) िााँििी कक्षा की एक भशक्षक्षका दे ििी है कक उसकी कक्षा के छात्रों के िाठ्यिम के
मानकानुसार द्वििीय भाषा के साथ अिनी मािभ
ृ ाषा के शब्दों िथा िाक्यों का प्रयोग करिे है ।
इस प्रकार का कूट िररिििन कूट सन्म्मश्रण कहलािा है ।
अििः इसका 3 उत्तर सही है ।
उत्तर:- (1) एक भशक्षक्षका अध्यािन कक्षा में कोविड-19 के कतििय विज्ञािित्रों को हदिािी
है । इस प्रकार िह कक्षा में उसके उियोग िथा भाषागिविचध को बिािी है । इस: प्रकार विज्ञािन
ित्र भाषा अध्ययन की प्रमाखणक सामग्री है । अििः इसका 1 उत्तर सही है ।
उत्तर:- (3) द्वििीय श्रेणी की एक भशक्षक्षका अिने अध्यािन ि अध्ययन की प्रकिया में अिने
छात्रों को मूल्याांकन करने की इच्छा करिी है । छात्रों के अिबोध का आकलन ि मूल्याांकन का
अथि िथा बहुमुिी किया कलाि छात्रों के तनरीक्षण की उियुक्ि िद्धति होिी है ।
अििः इसका 3 उत्तर सही है ।
150. काचिद् अध्याविका िश्यति यि ् केिन ् छात्रािः भाषायािः अनुच्छे दानाां विस्िि
ृ व्याख्याम ्
िथा िाक्यसांरिनाम ् अिगतिुां काहठतयम ् अनुभिन्ति । िदा सा िेभ्यिः उत्तमशब्दसङ्ग्रहां ददाति
एिां िाक्यरिनायािः कौशलिि
ू क
ि म ् अभ्यासां कारयति । कन्ञ्ित्कालां िश्िाि ् सा छात्राणाां
काहठतयम ् दरू ीकिुं सक्षमा आसीि ् ।
सा कीदृशीां मूल्याङ्कनिद्धतिां प्रयक्
ु िििी ?
1. तनदानात्मकिद्धतिम ् (Diagnostic)
2. तनमािणात्मकिद्धतिम ् (Formative)
3. सांकलनात्मकिद्धतिम ् (Summative)
4. स्थािनात्मकिद्धतिम ् (Placement)
उत्तर:- (1) कोई अध्यावपका दे खती ह कक कुछ छात्र भाषा के अनुच्छे दों की विस्तत
ृ व्याख्या
तथा िाक्य संरिना में कदठनाइयों का अनुभि करते ह तब िह उन छात्रों को उतमश्दों का
संग्रह प्रदान करती ह तथा िाक्य संरिना का कुशलता पि
ू क
य अभ्यास करिाती ह। कुछ समय
पश्िात ् िह छात्रों की कदठनाइयों को दरू करने में सक्षम हुई। इस प्रकार िह अध्यावपका
ननदानात्मक पदधनत का प्रयोग करती ह।
1. तनम्नभलखििेषु मक
ू िठनस्य किः लाभिः नान्स्ि ?
1. इदम ् छात्राणाां सङ्कोिां लज्जाशीलिाां ि दरू ीकरोति ।
2. इदम ् छात्राणाां शन्क्िां सांरक्षति ।
3. छात्रािः अथोद्बोधेन चितिनेन ि अथिज्ञानां कुििन्ति ।
4. इदम ् छात्रेषु स्िाध्यायस्य प्रिवृ त्तां प्रोत्साहयति ।
उत्तर:- (1) मौन पढ़ने से छात्रों के संकोि और शमीलेपन को दरू नहीं ककया जाता।
उत्तर:- (3) बहुभाषीयता एक संसाधन के रूप में प्रयुक्त ह जो प्रत्येक बालक को सुरक्षक्षत
स्िीकार करने की मातयता दे ता ह।
उत्तर:- (2) सध
ु ा महोदया अपने छात्रों को एक अनच्
ु छे द को मलखने के मलए प्रकरण दे ती ह।
यह लेखन गनतविचध की स्िततत्र रिना का उदाहरण ह।
उत्तर:- (3) स्िराघात के कारण आिाज का उतार िढ़ाि आरोहण और अिरोहण कहलाता ह।
बोलते समय िाक्यों में जो सुर का उतार-िढ़ाि होता ह उसे अनुतान कहते हैं।
5. NIPUN भारि-भमशन इति कायििमस्य उद्दे श्यिः ििििे यि ् बालेन लेिनाय िठनाय ि
अिश्यमेि नैिुण्यां सांधायििः यदा बालिः
1. विद्यालयां प्रविशति 2. िि
ृ ीयकक्षाां प्रविशति
3. षष्ठकक्षाां प्रविशति 4. अष्टमकक्षाां प्रविशति
उत्तर:- (2) NIPUN भारत ममशन काययिम का उददे श्य बालक को मलखने-पढ़ने और
आिश्यक ननपुणता के क्षेत्र में बढ़ने के मलए तीसरे कक्षा में प्रिेश करता ह। NIPUN योजना के
माध्यम से सन ् 2026-27 तक प्रत्येक बच्िे को तीसरी कक्षा के अतत तक पढ़ने, मलखने
अंकगणणत को सीखने की क्षमता प्रदान की जायेगी।
उत्तर:- (2) ्याजे महोदय के अनुसार बालक के सिायङ्गीण बौदचधक विकास के मलए भाषा
सिायचधक महत्िपूणय पक्ष ह।
उत्तर:- (2) भाषा अचधगम का एक ही प्रनतमान सभी संस्कृनतयों में मौजूद ह इस कथन का
नोम िॉम्स्की समथयन करते हैं।
8. व्याकरण-अनुिादविचधिः कथ्यिे -
1. प्रािीनविचधिः 2. प्रािीनदृन्ष्टकोणम ्
3. रिनात्मकविचधिः 4. समीक्षात्मक-भशक्षाशास्त्रविचधिः
उत्तर:- (2) कायय-आधाररत गनतविचधयों में भाग लेकर ककसी विदयाथी की भाषा क्षमता को
ठीक से सुधारा जा सकता ह।
उत्तर:- (1) अधोभलिि में िाठ का तनष्कूटन छात्रों के मध्य िठन विकास का एक उद्दे श्य
नहीां हैं।
जबकक िाठ का अथितनमािण, िाठ से तनष्कषि का ग्रहण और ककसी भी व्यन्क्ि के िूिज्ञ
ि ान के
साथ िाठ का सम्बतध छात्रों के मध्य िठन विकास के उद्दे श्य है ।
12. षष्ठकक्षायाः एका मशक्षक्षका स्िछात्रान ् एकां कथां पदठतंु कथयनत । सा अचग्रमे ददने तां
कथां पाठनयतुं तदविषये वििारान ् गदृ हतुम ् ि इच्छनत । अत्र सा ककं अनुभवितुं प्रयतते ?
(1) इदं एकं पि
ू प
य ठनकाययम ् अन्स्त
(2) छात्राणाम ् पूिज्ञ
य ानेन सह सम्बतधः
(3) कक्षायां प्रभाविरूपेण पठनाथं मशक्षणाथं ि सामान्जकगनतविचधः
(4) छात्रान ् स्िलेखनकाये संलग्धनीकतुं पदधतेः अङ्गीकरणम ्
उत्तर:- (2) छठ ां कक्षा की एक भशक्षक्षका अिने छात्रों को एक कथा िढ़ने के भलये कहिी है । िह
अगले हदन उस कथा को कथा को िढ़ाने के भलये और उस विषय में वििारों को ग्रहण करने के
भलये इच्छा करिी है । यहााँ िह भशक्षक्षका छात्रों का िूिज्ञ
ि ान के साथ सम्बतध अनुभि करने के
भलये यत्न करिी करिी है ।
उत्तर:- (1) राष्रीय भशक्षानीति 2020 इसके अनुसार प्रारन्म्भक स्िर के विषय में द्वििीय
कक्षा िक भशक्षण के प्रथम िााँि िषि होिे हैं।
14. बालकाः मभवतषु भूतले ि ककमवप अस्पष्टं ( Scribble) मलखन्तत । एतत ् तेषां कस्य भागः
अन्स्त ?
(1) उदीयमानासाक्षरतायाः (Emergent literacy)
(2) प्राकायायत्मकसाक्षरतायाः (Functional literacy)
(3) एषा पश्िपठनसाक्षरतागनतविचधः अन्स्त (Post-reading literacy activity)
(4) एषा पठनकालसाक्षरतागनतविचधः अन्स्त (While reading literacy activity)
उत्तर:- (1) बालक दीिारों िर और िथ्ृ िी िर कुछ भी स्िष्ट भलििे हैं। यह उनकी उदीयमान
साक्षरिा का भाग है ।
अि: इसका 1 उत्तर सही है ।
16. एका मशक्षक्षका कक्षायां एकं युग्धमकायं (Pair work) समािरनत । सा छात्रेभ्यः एकं
ष्िाक्यसंयुतं कायं ददानत । युग्धमे प्रत्येकं छात्रं सा िकन्ल्पकिाक्यं पदठतुम ् कथयनत । अतयः
छात्रः तेन पदठतानन िाक्यानन मलखनत । ते ष्िाक्यानन पूणं कुियन्तत तथा एककशः तानन
पठन्तत । काययमेतत ् कथ्यते
(1) ितयनीमशक्षणम ् (Teaching spelling) (2) लेखनकाययम ् (Writing task )
(3) पठनकाययम ् (Reading task) (4) पारस्पररक श्रुतलेख (Mutual Dictation)
उत्तर:- (4) एक भशक्षक्षका कक्षा में एक सामूहहक कायि करिािी है । िह छात्रों के भलये एक छिः
िाक्यों से युक्ि कायि दे िी है । यग्ु म में प्रत्येक छात्र को िह िैकन्ल्िक िाक्य को िढ़ने के भलये
कहिी है । अतय छात्र उस िढे हुये िाक्य को भलििे हैं। िे छिः िाक्यों को िूणि करिे हैं । िथा
एक-एक करके उसको िढ़िे है । इस कायि को 'िारस्िररक श्रुिलेि' कहिे है ।
उत्तर:- (4) भाषा भशक्षण के विषय में अधोभलखिि में भाषा प्रयोग माध्यम से और इसका
सांलग्नीकरण से भशक्षक्षि होना सत्य है ।
उत्तर:- (2) एक प्रकिया के रूप में मलखने के बारे में लेखन आिििकां (पुनरािती) सही ह।
उत्तर:- (1) मशक्षा शास्त्रीय उपकरण में कथा िािन विषय के मलए कथा का ननतक विषय में
सहायक होती हैं। पाठ को ठीक से समझाने के मलए मशक्षक न्जन-न्जन सामचग्रयों का प्रयोग
करता ह। िह मशक्षण सामग्री या 'मशक्षणअचधगम सहायक सामग्री कहलाती ह।
उत्तर:- (1) पररयोजना कायय और दतकायय ये दोनों कायय सीखने का मूल्यांकन करने में
सहायक होते ह ।
उत्तर:- (2) भाषा मशक्षण में 'त्रुदटयों के प्रनत असदहष्णुता' सहायक नहीं होती ह ।
25. भाषायािः अध्यािने, अभभनयिः, प्रहे भलकािः, समस्यािः, प्रश्नोत्तरम ्, इत्यादयिः कथ्यतिे -
1. विचधिः 2. िक्षािः 3. अध्यािनप्रविधयिः 4. योजना
उत्तर:- (3) भाषा के अध्यापन में अमभनय पहे मलयों, समस्या, प्रश्नोतर इत्यादद को अध्यापन
प्रविचधयााँ कहते हैं।
उत्तर:- (3) विदयाचथययों के सम्प्रेषण को सामथ्यय प्रदान करना, सम्प्रेषणात्मक भाषा मशक्षण
का मख्
ु य उददे श्य होना िादहए।
उत्तर:- (2) पूिय में ककया गया अनुमान का उपयोग पूिय पठन विचध में सहायक होता ह।
उत्तर:- (4) न्जस परीक्षण पाठ्यिम में विदयाचथययों को कदठनाई होती ह उसके ज्ञानस्तर और
कौशल की कमी के स्तर के अंतराल को पहिानने के मलए नदाननक परीक्षा आयोन्जत की जाती
ह। इसमें बच्िे की मशक्षण से सम्बंचधत कममयों को पहिाना जाता ह। और उसके बाद उन
कममयों को दरू करने के मलए उपिारात्मक विचध का प्रयोग ककया जाता ह।
30. भाषाभशक्षणस्य कक्षायाां छात्रिः आत्मनिः प्रथमभाषायािः अचधगमे काहठतयम ् अनुभिति
यििः -
1. स्िभाषाां विद्यालये िठनां रुचिकरां न भिति ।
2. विद्यालयस्य भाषा गह
ृ स्य भाषायािः िुलनायाम ् औििाररकी भिति ।
3. छात्र: स्िभाषाां जानाति अििः िस्यािः विद्यालये िठनां औचित्यिण
ू ं न प्रिीयिे ।
4. स विद्यालये स्िभाषाां कहठनाां मतयिे ।
उत्तर:- (2) भाषा मशक्षण की कक्षा में एक छात्र को अपनी पहली भाषा प्रा्त करने में कदठनाई
का अनुभि होता ह क्योंकक घर की भाषा की तुलना में स्कूल की भाषा अचधक औपिाररक होती
ह।
उत्तर:- (2) पि
ू य अनम
ु ान कायय का उपयोग पि
ू -य पठन गनतविचध में मदद करता ह ।
उत्तर:- (1) भाषा मशक्षण में केंद्रीयता का तात्पयय ह अतय विषयों को सीखने में भाषा
महत्िपूणय भूममका ननभाती ह।
33. काचिद् अध्याविका मासातिराले लेिनकाये छात्रैिः कृिािः त्रुटी: अशुद्धीिः ि एकत्रीकरोति ।
िदा सा छात्राणाां नामग्रहणां विना त्रुटीनाां प्रकाराणाां वििरणां करोति । अयां प्रयोगिः ककां कथ्यिे -
1. त्रुहट-विश्लेषणम ् 2. िुनतनििेश-प्रदानम ्
3. लेिन-मूल्याङ्कनम ् 4. सम्िूण-ि कक्षा-वििेिनम ्
उत्तर:- (2) कोई अध्यावपका महीने के बीि में लेखन कायय के मलए छात्रों के दिारा ककये गये
त्रुदट एिं अशुदचध एकबत्रत करती ह। इसके बाद िह छात्रों का नाम मलए बबना त्रुदट के प्रकारों का
वििरण करती ह। यह प्रयोग पुनननयिेश-प्रदान कहा जाता ह।
उत्तर:- (2) भािों की अमभव्यन्क्त ही लेखन ह। लेखन भािों एिं वििारों की कलात्मक
अमभव्यन्क्त ह।
36. आगमनात्मकविधौ -
1. गुरुिस्िु लघुिस्िु प्रति गच्छति । 2. कहठनां िस्िु भभतन प्रति गच्छति ।
3. िररचिििस्िु अिररचििां प्रति गच्छति । 4. अमूििःि मूिि प्रति गच्छति ।
उत्तर:- (2) पााँििीं कक्षा की मशक्षक्षका अपने विदयाचथययों से समहू ों में ििाय करने के मलए
कहती ह कक उतहें क्या पसंद ह और क्या नापसंद। ििाय के बाद, िह उतहें कुछ िाक्यों में अपने
वििार मलखने का ननदे श दे ती ह। छात्रों ने अपने वििारों को संक्षेप में मलखा, कफर एक रूपरे खा
तयार की और एक अनच्
ु छे द मलखा। लेखन के संदभय में इस पदधनत को लेखनसतदभय
प्रकियापदधनतः (Process Approach) कहें गे।
उत्तर:- (2) ‘Daffodils' कविता सुनाने से पहले, एक अध्याविका तीसरी कक्षा के छात्रों से
फुटपाथ या स्कूल की सड़क पर उगने िाले फूलों और घासों के बारे में वििारों का आदान-प्रदान
करने के मलए कहती ह। िह वपछले ज्ञान को कक्षा मशक्षण और ज्ञान के साथ जोड़ रही ह।
39. बालकान ् निशब्दानाां अथं ज्ञािुां ‘प्रेरणाां' न दत्त्िा सतदभािनुसारां निीनशब्दानाां व्याख्यानम ् -
-------------
1. प्रायिः बालकान ् भ्रभमिान ् करोति । 2. शब्दस्य सुष्ठु बोधने सहायिाां करोति ।
3. कण्ठस्थीकरणे सहायिाां करोति । 4. समयां तनरथिकां करोति ।
उत्तर:- (2) बालकों को नये श्दों के अथय जानने की प्रेरणा न दे कर, सतदभय के अनस
ु ार नये
श्दों की व्याख्या तथा अच्छी तरह से श्द ज्ञान कराना सहायक होता ह।
40. बालकिः प्रयोगाचश्रििरीक्षाविचधना (Trial and Error Method) भशक्षति' इत्येिि ् ---- ---
भाषाभशक्षणस्य सैद्धान्तिकिररप्रेक्ष्याि ् स्िष्टम ् अन्स्ि।
1. सांज्ञानात्मक (Cognitive) 2. व्यिहाराचश्रि (Behaviouristic)
3. सामान्जक-साांस्कृतिक (Socio-Cultural) 4. जतमाचश्रि (Nativist)
उत्तर:- (2) बालक को प्रयोग पर आचश्रत परीक्षा विचध से मशक्षा दे नी िादहए। इस प्रकार
व्यिहाराचश्रत भाषा मशक्षण के सदधान्ततक पररप्रेक्ष्य को स्पष्ट करती ह। 'प्रयोगाचश्रत परीक्षा
विचध' की विशेषता यह ह कक इसमें 'सम्भावित हल' को तब तक बदल-बदल कर बार-बार
प्रयत्न ककया जाता ह कक जब तक सफलता न ममले।
44. ितुथक
य क्षायाः छात्राः स्िवपतभ्
ृ यां प्रवपतभ्
ृ यां ि सह तेषां बाल्यकालविषये सामान्जक
जीिनविषये ि ििाय कतुं ननददयष्टाः । छात्रः कक्षायां स्ििातायलापं अचधकृत्य एका
मौणखकप्रस्तुनतः कतयव्या । अनततरं ते मभवतषु स्थापनयतुं ििायधाररतं एकं मभवतपत्रं (Poster)
रियन्तत । अयं गनतविचधः ककं कथ्यते ?
(1) सम्भाषणगनतविचधः (2) लेखनगनतविचधः
(3) पररयोजनाकाययम ् (4) मौणखकविकासकायायणण
उत्तर:- (3) िौथी कक्षा की छात्रायें अिने वििा और दादा के साथ उनके बाल्यकाल के
विषय में और सामान्जक जीिन के विषय में ििाि करने के भलये तनदे श करिी है ।
छात्रों के द्िारा कक्षा में अिनी िािािलाि को आधार बनाकर एक मौखिक प्रस्िुति की
जािी है । इसके िश्िाि ् िे दीिारों िर स्थाविि करने के भलये ििािधाररि एक
भभवत्तित्र (िोस्टर) बनािे है । ये गतिविचध िररयोजनाकायि कहलािी है ।
45. तत
ृ ीयकक्षायाः एका मशक्षक्षका प्रत्येकछात्रसमूहाय एकं श्दं ददानत । सा स्िछात्रान ्
निश्दान ् अतिेष्टुं कथयनत येषां प्रयोगः दतश्दस्य पूिं अनततरं ि कृत्िा निश्दस्य
ननमायणं भिेत ् । अयं ककं कथ्यते ?
(1) संन्स्थनतः (Collocation) (2) श्दअततजायलः (Word Web )
(3) श्दािमलः (Vocabulary) (4) विषयपरकश्दाः (Thematic Words)
उत्तर:- (1) िि
ृ ीय कक्षा की एक भशक्षक्षका प्रत्येक छात्र समह
ू के भलये एक शब्द दे िी
है । िह अिने छात्रों को निीन शब्दों को ढूाँढने के भलये कहिी है न्जसका प्रयोग हदये
गये शब्द के िूिि और िश्िाि ् करके निीन शब्द का तनमािण होिा है । इसे सांन्स्थति
कहिे हैं।
46. अधोमलणखतेषु कथनेषु ककं सत्यम ् ?
(1) पठनेन सह लेखनविकासः भिनत ।
(2) प्रथमं पठनस्य विकासः भिनत, अनततरं लेखनम ् ।
(3) लेखनविकासः कालं अपेक्षते ।
(4) लेखनं पठनात ् पूिं विकसनत ।
उत्तर:- (1) अधोभलखिि कथनों में यह सत्य है कक िठन कायि के साथ लेिन कायि
का विकास होिा है ।
48. एका मशक्षक्षका छात्रः कृताः ितयनीत्रुटीः व्याकरणात्मक त्रुटीः ि एकत्रीकरोनत । तदा सा
प्रनतस्ताहं छात्रः सह पररििाय करोनत ककततु त्रुदटकतःुय उल्लेखः न करोनत । अयं ज्ञायते
(1) उपिारात्मकअध्यापनम ् (Remedial teaching)
(2) पररपुन्ष्टप्रदानम ् (Providing feedback)
(3) छात्रान ् सूियनत यत ् तेषां त्रुटयः गम्भीराः सन्तत
(4) छात्रान ् सूियनत यत ् त्रुटयः भाषामशक्षणे बाधकाः सन्तत
उत्तर:- (2) एक भशक्षक्षका छात्रों के द्िारा की गयी िििनी त्रुहट और व्याकरण त्रुहट
एकत्र करिी है '। िब िह प्रतिसप्िाह छात्रों के साथ िररििाि करिी है ककतिु की गयी
त्रहु ट का उल्लेि नहीां करिी है । यह िररिन्ु ष्ट’ प्रदान (Providing Feedback) होने
का बोध करािी है ।
उत्तर:- (2) आधार ननमायण की अिस्था में 'नई मशक्षा नीनत, 2020' साक्षरता और
संख्यात्मकता पर केंदद्रत ह।
उत्तर:- (2) आशा महोदया, कक्षा में ननषेधात्मक िाक्य अभ्यास कराती हैं, िह छात्रों को एक
िाक्य दे ती हैं और छात्रों से अपेक्षा करती ह कक इसका िाक्य ननषेधात्मक रूप होना िादहए। इस
प्रकार आशा महोदया अपनी कक्षा में रूपाततरण अभ्यास का अङ्गीकरण करती ह।
54. गुरमीिमहोदया स्िछात्रान ् कोविड-19 इति आिदा विषये कथतयिुम ् इच्छति यथा छात्रािः
िाां आधत्ृ य कातनचिद् िाक्यातन लेखििुम ् शक्नय
ु िःु । गुरमीिमहोदयया करणीया-
1. स्िछात्रान ् प्रतिलेिनाय िठनाय ि कथयेि ् यन्त्कन्ञ्िि ् िया श्यामिट्सटे भलखििम ्
2. श्रि
ु लेिनाय छात्रान ् कथयेि ्
3. छात्रान ् तनदे शां दद्याि ् यि ् िे गह
ृ े स्िाभभभािकानाां साहायेन कायं कुिितिु
4. छात्रान ् महाआिदाकालस्य अनुभिातन अभभव्यक्िुम ् कथयेि ् , प्रमुिाभभव्यक्िीन ्
श्यामिट्सटे लेखििुम ् कथयेि ्
उत्तर:- (4) गुरमीत महोदया अपने छात्रों को COVID-19 की आपदा के बारे में बताना िाहती
हैं ताकक छात्र इसके आधार पर कुछ िाक्य मलख सकें। गुरमीत को छात्रों को महा आपदाकाल के
दौरान अपने अनुभि व्यक्त करने और ्लकबोडय पर मुख्य भाि मलखने के मलए कहना िादहए ।
उत्तर:- (3) ककसी भाषा या बोली में स्िननम (Phoneme) उच्िाररत ध्िनन की सबसे छोटी
इकाई ह। स्िननम के मलए ध्िननग्राम, स्िनग्राम आदद श्द प्रयक्
ु त होते हैं।
उत्तर:- (1) ‘भाषा अचधग्रहण युन्क्त' (Language acquisition Device) िॉमस्की महोदय
की सहजात-योग्धयता प्रकार की पदािली ह।
59. प्रत्येकां भाषायािः शब्दश्रिणां शब्दािल्याां िद्ृ चधां करोति। भसद्धातिोऽयां कथयति –
1. यान ् शब्दान ् छात्रािः सिािचधकां शण्ृ िन्ति िान ् िे भशक्षतिे ।
2. छात्रािः स्िरुच्यानुरूिां भशक्षतिे ।
3. िरस्िरां सम्िकाित्मकगतिविचधभभिः बालकािः तनन्ष्ियगतिविधीनाां िुलनायाां अचधकां भशक्षतिे l
4. साथिकसांदभेषु बालकािः सिािचधकां भशक्षतिे ।
उत्तर:- (1) प्रत्येक भाषा में श्दों को सुनने से श्दािली बढ़ती ह। ये मसदधांत कहता ह कक
छात्र िे श्द सीखते हैं जो छात्र सबसे अचधक सुनते हैं।
उत्तर:- (2) भाषा मशक्षण में 'अिबोध्य ननविष्ट' इस अिधारणा का प्रनतपादन स्टीफन िेशन
ने ककया।
िेशन का भाषा अजयन मसदधातत पााँि केतद्रीय प्राक्कल्पनाओं पर आधाररत ह।
(1) भाषा अजयन अचधगम प्राकल्पना
(2) भाषा प्राकृनतक-िम प्राकल्पना
(3) भाषा ननरीक्षण प्राकल्पना
(4) भाषा ननिेश प्राकल्पना
(5) भाषा भािनात्मक ननष्पादन प्राकल्पना।
उत्तर:- (2) भाषा कक्षा में, मशक्षक छात्रों के मलए घरे लू भाषा से अिधारणाओं और कौशल का
स्कूल में उपयोग की जाने िाली भाषा में अनुिाद करना आसान बनाता ह और उतहें प्रोत्सादहत
करता ह। यह तरीका भाषा सीखने को बढ़ािा दे ता ह।
63. भाषाभशक्षायाां िीडकाधाररि-भशक्षाशास्त्रस्य(Toy-based pedagogy) सांयोजनम ् केन
सम्भिति ?
1. िीडकां प्रयुज्य अभभनय-िीडा
2. कक्षायािः एकन्स्मन ् प्रातिरे िीडक-प्रकोष्ठ-स्थािना
3. नैतिकमल्
ू यान ् भशक्षणाय िीडकानाां प्रयोगिः
4. वप्रयिीडकानाां रे िाङ्कनम ् ।
उत्तर:- (4) भाषा मशक्षा में िीडाधाररत-मशक्षाशास्त्र को सन्म्ममलत करना अच्छे खेल को
रे खाङ्ककत करना होता ह।
उत्तर:- (4) छात्र एक समािार पत्र में एक लेख मलखते हैं जो प्रकिया का पालन करता ह। ये
भाषा सीखने के मलए उत्पादन-आधाररत गनतविचध ह।
66. कन्स्मन ् िक्षे छात्रिः स्िानुभिम ् आचश्रत्य निीनज्ञानम ् तनमािति ?
1. तनमािणात्मकिक्षे 2. बहुविधयोग्यिािक्षे
3. सांरिनात्मकिक्षे 4. सम्प्रेषणात्मकिक्षे
उत्तर:- (1) ननमायणात्मक पक्ष में छात्र अपने अनुभि से आचश्रत होकर निीन ज्ञान का ननमायण
करता ह। योगात्मक आकलन का उपयोग एक छात्र का अतय छात्रों के समक्ष तुलना करने के
मलए ककया जाता ह, जबकक ननमायणात्मक आकलन का उपयोग सीखने की प्रगनत के मलए ककया
जाता ह।
उत्तर:- (1) समेककत मूल्यांकन विशेष समय अिचध में छात्र के योग्धयता का ननणयय करता ह।
उत्तर:- (2) जो पदधनत भाषा के संयोजन में शारीररक कियाओं पर आधाररत होती ह, सम्पूणय
शारीररक प्रनतकिया कही जाती ह। शारीररक भाषा एक प्रकार का संिार ह न्जसमें शारीररक
व्यिहार में िेहरे के भाि, शरीर की मुद्रा, हािभाि, आंखों की गनत और स्पशय शाममल ह।
70. िररच्छे दलेिने तनबतधलेिने िा छात्रािः विभभतनासु अिस्थासु गच्छन्ति, यासु िे वििारान ्
सङ्कलयन्ति, रूिरे िाां तनमािन्ति, प्रथम प्रारूिां (Draft) भलिन्ति, एिद् वििधितिे अन्तिमां
प्रारूिां लेखििुां ि सांशोधनां कुििन्ति । लेिनस्य इयां प्रकिया का कथ्यिे ?
1. लेिनस्य उत्िादन-(Product) प्रकिया 2. लेिनस्य कियातियन-(Process) प्रकिया
3. लेिनस्य चितिन-प्रकिया 4. लेिनस्य छात्र-केन्तिि-प्रकिया
उत्तर:- (2) एक पराग्राफ या ननबंध मलखने में, छात्र विमभतन िरणों से गुजरते हैं न्जसमें िे
वििारों को इक्ठा करते हैं, एक रूपरे खा बनाते हैं, एक पहला प्रारूप (Draft) मलखते हैं, इसे
बढ़ाते हैं और अंनतम प्रारूप (Draft) मलखने के मलए संशोचधत करते हैं। मलखने की इस प्रकिया
को लेखन-प्रकिया का कायायतियन कहते हैं।
उत्तर:- (3) सातिीं कक्षा की भाषा की मशक्षक्षका कीनतय ने अपने छात्रों से अपनी भाषा में िही
कविताएाँ और गीत खोजने को कहा, जो उनकी पाठ्यपुस्तकों में कविताएाँ और गीत हैं। कफर
उसने उनसे कविताओं के अथय और वििारों का विश्लेषण करने को कहा। उसने उनसे आम भाषा
में उनकी तुलना करने को भी कहा। कफर छात्रों ने उन कविताओं को एक कागज पर अपनी भाषा
में मलखा और कफर उतहें पूरी कक्षा में प्रदमशयत ककया। यहााँ भाषा के महत्ि को समझने के मलए
मशक्षक्षका ने बहुभाषािाद विचध का प्रयोग ककया।
72. काचिद् अध्याविका छात्रान ् युग्मेषु िररच्छे दाि ् िाक्यातिराखण िारिमाि ् िहठिुां कथयति
। एकिः छात्रिः िाक्यातन भलिति िस्य सहभागी ि िठति । िदा सा भलखििातन िाक्यातन मुहििैिः
िाक्यैिः सह मेलतयिांु कथयति । एषा किया का कथ्यिे ?
1. अतयोऽतयैिः श्रि
ु लेिनम ् । 2. समह
ू कायिम ्।
3. युग्मकायिम ्। 4. योग्यिानाां सांयोजनम ् ।
उत्तर:- (1) एक मशक्षक छात्रों से पराग्राफ से िाक्यों को जोड़े में पढ़ने के मलए कहता ह। एक
छात्र िाक्य मलखता ह और उसका साथी उतहें पढ़ता ह। कफर िह उसे मलणखत िाक्यों को मदु द्रत
िाक्यों से ममलाने के मलए कहती ह। इस किया को दस
ू रों के दिारा सुना गया लेखन कहते हैं।
उत्तर:- (3) गहन अध्ययन गूढ अथय (नछपे हुए अथय) को समझने का संकेत दे ता ह।
उत्तर:- (3) भाषा मशक्षण के मलए रिनािादी दृन्ष्टकोण में शाममल ह पूछताछ आधाररत मशक्षा।
80. कबीरिः षड्भाषासु तनिुणिःअन्स्ि। अनेन नैिुण्येन सिः ककां भवििुम ् अहिति?
1. द्विभाषीिक्िा 2. बहुभाषाविद्
3. एकभाषीिक्िा 4. भाषाशास्त्री
उत्तर:- (2) कबीर छ: भाषाओं में ननपुण हैं। िह इस प्रकार के ननपुणता के दिारा बहुत सारी
भाषाओं को जानने के मलए योग्धय ह। िह व्यन्क्त न्जसको अनेक भाषाओं का ज्ञान हो और जो
बहुत सी भाषाएाँ बोलता हो उसे बहुभाषाविद कहा जाता ह।
उत्तर:- (2) भाषा से जुड़ाि का अथय ह कक छात्र उददे श्य सदहत भाषा के कायय करते हैं।
उत्तर:- (4) प्रकिया पदधनत छात्रों को उत्कृष्ट लेखन विकमसत करने के मलए कई िरणों से
गुजरने में सक्षम बनाता ह।
उत्तर:- (4) सहपाठी प्रनतपुन्ष्ट का प्रयोग पाठ्यपुस्तक लेखन में ननयममत रूप से ककया जाना
िादहए। सहपाठी आकलन का अथय एक मशक्षाथी या मशक्षाचथययों के समह
ू दिारा अतय
मशक्षाचथययों का आकलन करना ह तथा मशक्षाथी के अच्छे गुणिता पर प्रनतपुन्ष्ट दे ना होता ह।
उत्तर:- (2) छात्र के मूल्याङ्कन में भाषा मशक्षक छात्रों के विषय में सूिना को एकबत्रत करके
विदयालयीय और सहविदयालयीय आयामों में , अनेक उपकरणों, तकनीकी और कौशलों का
प्रयोग करता ह।
उत्तर:- (1) कविता पढ़ाते समय मशक्षक को कविता के रसास्िादन और मूल्यांकन पर ध्यान
दे ना िादहए ।
उत्तर:- (4) भाषा मशक्षण के बारे में ये सि नहीं ह कक छात्रों कक गलनतयों को तुरंत और उसी
समय सही ककया जाए जब गलती हुई हो।
उत्तर:- (2) एक मशक्षक्षका प्रकरण अनुसार श्दािली मसखाने के मलए अपने घर से व्यंजन और
णखलौने लाई। ऐसे पदाथों को यथाथय सम्पदा (Realia) कहते हैं ।
उत्तर:- (1) बालकों के दिारा पढ़ने और मलखने में ककया गया त्रदु ट कायय को भाषा मशक्षण का
सोपान कहा जाता
उत्तर:- (2) छात्रों में श्दसंग्रह के विकास के मलए ददये गये प्रकरण में निीन श्दों के अथय का
अनम
ु ान करना उपयक्
ु त पदधनत कहलाती ह।
94. कथनां िठि- “यािि ् छात्रािः प्रािुयेण न िठन्ति, िे धाराप्रिाहिाठकिः भवििुां न अहिन्तिI
एिि ् िठनस्य ककां प्रकारां तनहदिशति ?
1. िि
ु िठनम ् (Skimming) एिम ् िठनम ्
2. िि
ु िीक्षणम ् (Scanning) एिम ् िठनम ्
3. सघन-िठनम ्
4. विस्िि
ृ -िठनम ्
उत्तर:- (4) जब तक छात्र प्रिुरता से नहीं पढ़ते हैं तब तक िे छात्र धारा प्रिाह पाठक के योग्धय
नहीं होते हैं। इस प्रकार का पठन विस्तत
ृ पठन की ओर ननदे मशत करता ह। विस्तत
ृ पठन भाषा
सीखने के मलए एक दृन्ष्टकोण ह न्जसमें छात्रों दिारा सामातय समझ के मलए लम्बे पाठ और
बड़ी मात्रा में सामग्री पढ़ी जाती ह।
95. यदा एकमेि कचथिवििारां औििाररक-िाक् -माध्यमििः अनौििाररक-िाक् -माध्यमे
उत्िभमिुम ् एकभावषकिक्िा प्रयासिः करोति, इयां कथ्यिे-
1. सामान्जक-भाषाविज्ञानिः 2. कोड-व्यत्ययिः(Code-switching)
3. कोड-सन्म्मलनम ्(Code-mixing) 4. बोली इति भाषाप्रकारिः
उत्तर:- (3) गलनतयााँ छात्रों के मलए और मशक्षकों के मलए भशक्षण के क्षेत्र और ननिेश हैं।
उत्तर:- (1) प्रमाणणत कायय के मलए छात्र उददे श्य सदहत भाषा का प्रयोग करते ह।
उत्तर:- (2) पढ़ने की योग्धयताओं में विहं गम दृन्ष्टपात (skimming) विचध पाठ में मुख्य या
सामातय वििार का पता लगाने के मलए इस्तेमाल की जाने िाली विचध ह। स्कीममंग एक
रणनीनतक ियनात्मक पठन विचध ह न्जसमें ककसी पाठ के मख्
ु य वििारों पर ध्यान केन्तद्रत
ककया जाता हैं।
100. यदा कन्श्िद् अध्यािकिः भशक्षणे दोषान ् अिहिुं आिश्यकातन सांशोधनातन करोति, इदां
कथ्यिे -
1. सांशोधनात्मकां िठनम ् 2. सक्षमिा-िरीक्षा
3. समूह-अध्यािनम ् 4. तनदानात्मक-िरीक्षा
उत्तर:- (4) जब एक मशक्षक मशक्षण में त्रदु टयों को दरू करने के मलए आिश्यक सध
ु ार करता ह,
तो इसे ननदानात्मक-परीक्षा कहा जाता ह। ननदानात्मक परीक्षण िह परीक्षण ह न्जसके दिारा
छात्रों की समस्याओं का ियन ककया जाता ह।
101. व्याकरणभशक्षणाय यिू कातनिन ् कायािखण छात्रेभ्यिः प्रदे यातन िेषाां अधोभलखििेषु ककम ्
उियुक्ििमम ्
1. अथििूणि भवििव्यम ् 2. अतिज्ञानिधिकां भवििव्यम ्
3. सोद्दे श्य भवििव्यम ् । 4. समाजप्रकायिस्य अभाििः भवििव्यम ्
उत्तर:- (1) व्याकरण मशक्षण के मलए जो कुछ कायय छात्रों को ददया जाता ह उसे अथय पूणय होना
िादहए यह कथन उपयक्
ु त ह।
102. यहद बाला: स्ििररिेशे द्ियोिः भाषयो: श्रिणां कुििन्ति, िहहि एिां भाषाद्ियां प्रति
उद्भासनम ् -
1. बालेभ्य: प्रतिकूलां भविष्यति । 2. बालेभ्य: अनुकूलां भविष्यति ।
3. कमवि भेदां न जनतयष्यति । 4. िरस्िरां बाधकां भविष्यति ।
उत्तर:- (2) यदद बच्िे अपने पररिेश में दो भाषाएाँ सुनते हैं, तो दोनों भाषाओं से उनका पररिय
उपयक्
ु त रहे गा।