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HindiA Add PQ2
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सामान्य तिदे श :
1. इस प्रश्नपत्र में दो खंड हैं - खंड 'क' और ‘ख’। खंड क में वस्तु परक / बहुववकल्पीय और
खंड-ख में वस्तुविष्ठ वर्णिात्मक प्रश्न वदए गए हैं ।
2. प्रश्नपत्र के दोिों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अविवायण हैं ।
3. यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमािुसार विखखए।
4. खंड 'क' में कुि 10 प्रश्न हैं , वििमें उपप्रश्नों की संख्या 44 हैं । वदए गए विदे शों का पािि
करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर दे िा अविवायण है ।
5. खंड 'ख' में कुि 7 प्रश्न हैं , सभी प्रश्नों के साथ उिके ववकल्प भी वदए गए हैं । विदे शािुसार
ववकल्प का ध्याि रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीविए।
यही विह है वक स्वाधीिता सं ग्राम के दौराि ‘आल्हा’ अपिे असाधारर् प्रभाव के कारर् िोक के बीच स्थाि बिा पाए। आल्हा
िोक की िीविी शखि और ऊिाण का महाकाव्य है । यद्यवप आल्हा की मूि गायकी बिाफरी बुंदेिी में है िेवकि बुं दे िों में
उसकी कई वर्ण ि शैवियाँ हैं । यही िही ं बै सवाड़ी, कन्नौिी, अवधी, भोिपुरी, बघेिी, ब्रिी, कौरवी आवद िोक भाषाओं में भी
अिग-अिग वर्ण ि शैवियों की शं खिा है वििमें उस ििपद की भाषाएँ , मुहावरे और वमिाि व िोक सं स्कृवत और िोक
चेतिा इतिी घुिवमि गई है वक वह उस िोक की अपिी कथा बि गई है । यह परं परा िोक कवव िगविक के आल्हा गायि
से प्रारम्भ हुई।
{ स्रोत : िोकगीतों में दिण है अिाम योद्धाओं के बविदाि की कथाएँ , पवत्रका:सबिोग (मई - 2021) िेखखका : ववभा ठाकुर}
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A. सभ्यता और वशष्टता के कृवत्रम आवरर् से ढके वबिा सहि अवभव्यि करिा।
B. भारतीय स्वतन्त्रता-सं ग्राम के बहुआयामी पिों का ववश्लेषर् करिा।
C. िोक-स्मृवतयों को कथाओं और गीतों के माध्यम से अवभव्यि करिा।
D. ववववध ििपदों की भाषा, मुहावरे -वमिाि, िोक सं स्कृवत और िोक चेतिा की मौिूदगी।
1. ववववध ििपदों की िोक सं स्कृवत और िोक चेतिा के मेि से वववशष्ट रूप ववकवसत ।
2. आल्हा की गायकी मूितः बै सवाड़ी, कन्नौिी, अवधी, बघेिी आवद िोक भाषाओं में है ।
3. भारतीय िोकगीतों में आल्हा गायि परं परा कवव िगविक से पूवण से ववद्यमाि है ।
B. 2 और 3 सही हैं ।
C. 3 और 4 सही हैं ।
D. 1 और 4 सही हैं ।
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प्रश्न 2. तिम्नतिखखि काव्ाींश पि आर्ारिि बहुतवकल्पीय /वस्तुपिक प्रश्नोीं के उत्ति सवाा तर्क
उपयुक्त तवकल्प चुिकि तिखखए। (1×5=5)
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D. ऊषा िाग उठी प्राची में / आवाहि यह िूति वदि का
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प्रश्न 3. तिदे शािुसाि िचिा के आर्ाि पि वाक् र्ेद पि आर्ारिि पााँच बहुतवकल्पीय प्रश्नोीं में से
तकन्ही ीं चाि के उत्ति दीतिए। (1×4 =4)
क. मैं र्ी युवा थी औि शीिा अग्रवाि की िोशीिी बािोीं िे िगोीं में ब िे खूि को िावे
में बदि तदया था। तमश्र वाक् में बदतिए:
A. मैं युवा थी और शीिा अग्रवाि की िोशीिी बातों िे रगों में बहते खूि को िावे में
बदि वदया था।
B. युवावस्था में शीिा अग्रवाि की िोशीिी बातों िे मेरी रगों में बहते खूि को िावे में
बदि वदया था।
C. शीिा अग्रवाि की बातें िोशीिी थीं अतः उसिे युवावस्था में मेरी रगों में बहते खू ि
को िावे में बदि वदया था।
D. मैं िब युवा थी तब शीिा अग्रवाि की िोशीिी बातों िे रगों में बहते खूि को िावे में
बदि वदया था।
ख. 'एक चश्मेवािा ै तिसका िाम कैप्टि ै।' सिि वाक् में बदतिए।
A. चश्मेवािे का िाम कैप्टि है ।
B. एक चश्मे वािा है और उसका िाम कैप्टि है ।
C. िो चश्मा वािा है उसका िाम कैप्टि है ।
D. विसका िाम कैप्टि है वह चश्मेवािा है ।
ग. ‘ ड़िाि िो हुई पिीं िु उसका कोई ििीिा ि ी ीं तिकिा।‘____________का
उदा िर् ै :
A. संयुि वाक्
B. वमश्र वाक्
C. सरि वाक्
D. संज्ञा वाक्
घ. तिम्नतिखखि वाक्ोीं में तमश्र वाक् प चािकि िीचे तदए गए तवकल्पोीं में से सवाातर्क
स ी तवकल्प चुतिए।
1. िो व्खक्त परिश्रम कििा ै व सफि ोिा ै।
2. मैं कि बािाि िाऊाँगा औि कोट खिीदू ाँ गा ।
3. िैसे ी पदाा उठा िोग मींत्रमुग्ध ो गए।
4. गींगटोक मे ििकश बादशा ोीं का श ि क ा िािा ै ।
A. 1 और 2 सही है ।
B. 2 और 3 सही है ।
C. 1 और 3 सही है ।
D. 2 और 4 सही है ।
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सूची 1 सूची 2
1.मज़दू र खूब मेहित करता है परं तु उसे िाभ िहीं वमिता है । i. वमश्र वाक्
2.िो वबिा भेदभाव सभी के कल्यार् हे तु िीवि उत्सगण कर दे ता है ii. सरि वाक्
वही सच्चा िेता होता है ।
3. खाँ साहब िे शहिाई को हमेशा इबादत की तरह बिाया । iii. संयुि वाक्
प्रश्न 4. तिदे शािुसाि ‘वाच्य’ पि आर्ारिि पााँच बहुतवकल्पीय प्रश्नोीं में से तकन्ही ीं चाि के उत्ति
दीतिए।
(1×4 =4)
क. िवाब सा ब िे सींगति के तिए उत्सा ि ी ीं तदखाया। (कमा वाच्य में बदतिए)
A. िवाब साहब द्वारा संगवत के विए उत्साह िहीं वदखाया गया।
B. िवाब साहब सं गवत के विए उत्सावहत िहीं थे।
C. क्ोंवक िवाब साहब सं गवत िहीं करिा चाहते थे , अतः उन्ोंिे उत्साह िहीं वदखाया।
D. िवाब साहब द्वारा संगवत के विए उत्साह वदखाया िाता है ।
ख. म ात्मा गाींर्ी िे तवश्व को शाींति का सींदेश तदया। उपयुाक्त वाक् में वाच्य ै —
A. कमण वाच्य
B. भाव वाच्य
C. कतृण वाच्य
D. कतृण और कमण वाच्य दोिों
ग. ' म इस खुिे मैदाि में दौड़ सकिे ैं।' उपयुाक्त वाक् को र्ाव वाच्य में बदतिए।
A. हम दौड़ सकते हैं इस खुिे मैदाि में।
B. हम इस खुिे मैदाि में दौड़ सकेंगे।
C. हमसे इस खुिे मैदाि में दौड़ा िाएगा।
D. हमसे इस खुिे मैदाि में दौड़ा िा सकता है ।
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सूची 1 सूची 2
1. फूिों से सुगंध आती है । I. भाव वाच्य
2. दादा िी प्रवतवदि योग करते हैं । II. कतृण वाच्य
3. पवथक को अवश्य िािा होगा। III. कमण वाच्य
तवकल्प
A. 1. i , 2. ii , 3. iii
B. 1.ii , 2. iii , 3. i
C. 1. i , 2. iii, 3.ii
D. 1. ii, 2. i , 3. Iii
प्रश्न 5. तिदे शािुसाि ‘पद परिचय’ पि आर्ारिि पााँच बहुतवकल्पीय प्रश्नोीं में से तकन्ही ीं चाि के
उत्ति दीतिए।
(1×4 =4)
क. ‘र्ाििीय वैज्ञातिकोीं िे चींद्रयाि 3 का सफि प्रक्षेपर् तकया।‘ --िे खाींतकि पद
का परिचय ै -
A. िावतवाचक संज्ञा, बहुवचि, स्त्रीविंग, कताण कारक
B. िावतवाचक संज्ञा, बहुवचि, पुखलंग, कमण कारक
C. िावतवाचक संज्ञा, बहुवचि, पुखलंग, कताण कारक
D. िावतवाचक संज्ञा, बहुवचि, स्त्रीविंग, कमण कारक
ख. ‘िे खा तित्य दौड़िे िािी ै।‘--िे खाींतकि पद का परिचय ै -
A. गुर्वाचक ववशेषर्, एकवचि, पुखलंग, 'दौड़िे िाता है ' वक्रया की ववशेषता
B. रीवतवाचक वक्रया ववशेषर्, एकवचि, पुखलं ग, 'दौड़िे िाता है ' वक्रया की
ववशेषता
C. अव्यय, स्थािवाचक वक्रया ववशेषर्, 'दौड़िे िाती है ' वक्रया की ववशेषता
D. अव्यय, कािवाचक वक्रया ववशेषर्, 'दौड़िे िाती है ' वक्रया की ववशेषता
ग. ‘अ ा! बाग़ में कैसे मीठे फि िगे ैं।‘--िे खाींतकि पद का परिचय ै -
A. िावतवाचक संज्ञा, स्त्रीविंग, पुखलंग, एकवचि
B. िावतवाचक संज्ञा, पुखलंग, एकवचि, अवधकरर् कारक
C. व्यखिवाचक संज्ञा, पुखलंग, एकवचि, अवधकरर् कारक
D. भाववाचक संज्ञा, पुखलंग, एकवचि, करर्कारक
घ. ‘ म आि र्ी दे श पि प्रार् न्यौछावि कििे ेिु िैयाि ि िे ैं। '--िे खाींतकि पद का
परिचय ै -
A. पुरुषवाचक सवणिाम, मध्यम पुरुष, एकवचि, स्त्रीविंग, कमणकारक
B. पुरुषवाचक सवणिाम, अन्य पुरुष, बहुवचि, पुखलग, कताण कारक
C. पुरुषवाचक सवणिाम, उत्तम पुरुष, बहुवचि, पुखलग, कताण कारक
D. पुरुषवाचक सवणिाम, उत्तम पुरुष, एकवचि, स्त्रीविंग, कताण कारक
ङ. ‘चींचि बच्ोीं को दे खकि मि खुश ो गया।'-- िे खाींतकि पद का परिचय ै -
A. संख्यावाचक ववशेषर्, बहुवचि, पुखलंग, बच्चे (ववशेष्य) का ववशेषर्
B. गुर्वाचक ववशेषर्, बहुवचि, पुखलंग, बच्चे (ववशेष्य) का ववशेषर्
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C. पररमार्वाचक ववशेषर्, एकवचि, पुखलंग, बच्चे (ववशेष्य) का ववशेषर्
D. गुर्वाचक ववशेषर्, बहुवचि, स्त्रीविंग, बच्चे (ववशेष्य) का ववशेषर्
प्रश्न 6. तिदे शािुसाि ‘अिींकाि’ पि आर्ारिि पााँच बहुतवकल्पीय प्रश्नोीं में से तकन्ही ीं चाि के
उत्ति दीतिए।
(1×4 =4)
क. ‘सूरदास अबिा हम भोरी, गुर चाँ टी ज्ों पागी ' में अिींकाि ै --
A. उत्प्रेिा अिंकार
B. श्लेष अिंकार
C. यमक अिंकार
D. अिुप्रास अिंकार
ख. ‘सुिकर क्ा तु म भिा करोगे मेरी भोिी आत्म-कथा? िे खाींतकि में अिींकाि ै -
-
A. उत्प्रेिा अिंकार
B. श्लेष अिंकार
C. यमक अिंकार
D. मािवीकरर् अिंकार
ग. तिम्नतिखखि में से कौि-सा तवकल्प गिि सुमेतिि ै ?
A. सुित िोग िागत है ऐसौ, ज्ौं करुई ककरी— उत्प्रेिा अिंकार
B. पािी परात को हाथ छु यो िवहं , िैिि के िि सों पग धोए। — अवतशयोखि अिंकार
C. मिका मिका डार दे मि का मिका फेर — श्लेष अिंकार
D. िो रहीम गवत दीप की, कुि कपूत गवत सोय / बारे उवियारे करै , ब़िे अँधेरो
होय॥— श्लेष अिंकार
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C. मािवीकरर्
D. अवतशयोखि
प्रश्न 7. तिम्नतिखखि पतठि गद्ाींश पि आर्ारिि बहुतवकल्पीय प्रश्नोीं के सवाातर्क उपयुक्त तवकल्प
चुिकि तिखखए-
(1×5 =5)
अपिे से दो साि बड़ी बवहि सुशीिा और मैंिे घर के बड़े से आँ गि में बचपि के सारे खेि खेिे -
सतोविया, िँगड़ी-टाँ ग, पकड़म-पकड़ाई, कािी-टीिो...तो कमरों में गुड्डे-गुवड़यों के ब्याह भी
रचाए, पास-पड़ोस की सहे वियों के साथ। यों खेििे को हमिे भाइयों के साथ वगली-डं डा भी खेिा
और पतंग उड़ािे , काँ च पीसकर माँ िा सू तिे का काम भी वकया, िेवकि उिकी गवतवववधयों का
दायरा घर के बाहर ही अवधक रहता था और हमारी सीमा थी घर। हाँ , इतिा ज़रूर था वक उस ज़मािे
में घर की दीवारें घर तक ही समाप्त िहीं हो िाती थीं बखि पूरे मोहले तक फैिी रहती थीं इसविए
मोहले के वकसी भी घर में िािे पर कोई पाबंदी िहीं थी, बखि कुछ घर तो पररवार का वहस्सा ही थे।
आि तो मुझे बड़ी वशद्दत के साथ यह महसूस होता है वक अपिी विदगी खुद िीिे के इस आधुविक
दबाव िे महािगरों के फ्लैट में रहिे वािों को हमारे इस परं परागत ‘पड़ोस-कल्चर’ से ववखिन्न करके
हमें वकतिा सं कुवचत, असहाय और असुरवित बिा वदया है । मेरी कम-से-कम एक दिणि आरं वभक
कहावियों के पात्र इसी मोहले के हैं िहाँ मैंिे अपिी वकशोरावस्था गुज़ार अपिी युवावस्था का आरं भ
वकया था।
क. िेखखका औि उसकी ब ि सुशीिा का बचपि अपिे र्ाइयोीं से कैसे अिग था?
A. वे िंगड़ी-टां ग, सतोविया आवद खेितीं िबवक उिके भाई वगली-डं डा, पतंग
आवद।
B. वे घर के काम-काि करती थी और उन्ें खेि खेििे की अिुमवत िहीं थी।
C. उन्ें खेििे के विए घर से बाहर िािे की अिु मवत िहीं थी।
D. उिके और उिके भाइयों के बचपि में कोई अंतर िहीं था।
ख. उपयुाक्त गद्ाींश में िेखखका तकस ज़मािे (समय) की ििफ सींकेि कि ि ी ै ?
A. 1960 के बाद के दशक की
B. वतणमाि समय की
C. आज़ादी (1947) के ठीक पूवण के दशक की
D. आज़ादी (1947) के पश्चात् के दशक की
ग. पिीं पिागि पड़ोस कल्चि की क्ा तवशेर्िाएाँ थी ीं?
A. िोग रुव़िवादी और अंधववश्वासी थे ।
B. मोहले भर को घर-पररवार िैसा ही समझा िाता था।
C. िोगों में व्यखिगत स्वतंत्रता की प्रबि चाह थी।
D. िोगों के घरों की दीवारें एक दू सरे से सटी रहती थीं।
घ. आर्ुतिक म ािगिोीं के फ्लैट में ि िे वािोीं का िीवि ____________ ो गया ै।
A. सुखी और समृद्ध
B. असहाय और असुरवित
C. अशां त और प्रदू वषत
D. मैत्रीपूर्ण और ववकवसत
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ङ.िेखखका की आिीं तर्क क ातियोीं के अतर्किि पात्रोीं का सींबींर् उिके मो ल्ले से ै।
क्ोींतक-
A. वकशोर मि पर उिकी गहरी छाप थी।
B. मोहले के िोग बहुत वप्रय थे।
C. अन्य िोगों के ववषय में सीवमत िािकारी थी।
D. मोहले के िोग एक पररवार की तरह रहते थे।
प्रश्न 9. तिम्नतिखखि पतठि पद्ाींश पि आर्ारिि बहुतवकल्पीय प्रश्नोीं के सवाातर्क उपयुक्त तवकल्प
चुिकि तिखखए—
(1×5 =5)
िािसप्तक में िब बैठिे िगिा ै उसका गिा
प्रेिर्ा साथ छोड़िी हुई उत्सा अस्त ोिा हुआ
आवाज़ से िाख िैसा कुछ तगििा हुआ
िर्ी मुख्य गायक को ढााँ़िस बाँर्ािा
क ी ीं से चिा आिा ै सींगिकाि का स्वि
कर्ी-कर्ी व योीं ी दे दे िा ै उसका साथ
य बिािे के तिए तक व अकेिा ि ी ीं ै
औि य तक तफि से गाया िा सकिा ै
गाया िा चुका िाग
औि उसकी आवाज़ में िो एक त चक साफ़ सुिाई दे िी ै
या अपिे स्वि को ऊाँचा ि उठािे की िो कोतशश ै
उसे तवफििा ि ी ीं
उसकी मिुष्यिा समझा िािा चात ए।
क. 'आवाज़ से िाख िैसा कुछ तगििा हुआ' से कतव का आशय ै िब आवाज़
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A. में उत्साह और खिक आिे िगती है
B. िड़खड़ािे और मंद पड़िे िगती है ।
C. विकििा अवरुद्ध हो िाता है ।
D. द्रुत और तीव्रतर हो िाती है ।
ख. तिम्नतिखखि पींखक्तयोीं में से तकस पींखक्त से गायक के िोत्सात ि ोिे का पिा
चििा ै :
A. स्वर को ऊँचा ि उठािे की िो कोवशश है
B. तारसप्तक में िब बैठिे िगता है उसका गिा
C. कहीं से चिा आता है संगतकार का स्वर
D. यह वक वफर से गाया िा सकता है
ग. तिम्नतिखखि कथिोीं में से कौि सा/से सींगिकाि के तवर्य में स ी ि ी ीं ै ?
A. उत्साहहीि मुख्य गायक को ढा़िस बँधाता है ।
B. कभी-कभी यूँ ही मुख्य गायक का साथ दे दे ता है ।
C. उसकी आवाि में कभी कोई वहचक िहीं सुिाई दे ती है ।
D. वह कभी मुख्य गायक को अकेिा िहीं होिे दे ता है ।
प्रश्न 10. पाठ्यपुस्तक में तिर्ाारिि कतविाओीं के आर्ाि पि तिम्नतिखखि दो प्रश्नोीं के सवाातर्क
उपयुक्त तवकल्प चुिकि तिखखए —
(1×2=2)
क. तिम्नतिखखि में से तकस पद में गोतपयोीं की व्ींग्य तवदग्धिा के दशाि ि ी ीं ोिे ैं ?
A. उद्धव, तुम हो अवत बड़भागी।
B. मि क्रम बचि िंद-िंदि उर, यह दृ़ि करर पकरी।
C. सु तौ ब्यावध हमकौं िै आए, दे खी सुिी ि करी।
D. इक अवत चतुर हुते पवहिैं ही, अब गुरु ग्रंथ प़िाए।
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ख. 'य दीं िुरिि मुस्काि' कतविा में कतव िे स्वयीं को 'प्रवासी' औि 'अन्य' क ा ै,
क्ोींतक व
A. एक िंबे अंतराि के बाद घर आया है ।
B. ववदे श में स्थायी रूप से रहिे िगा है ।
C. उसका उस घर से कोई सं बंध िहीं है
D. वशशु और उसकी माँ से अपररवचत है ।
प्रश्न 11. गद् पाठोीं के आर्ाि पि तिम्नतिखखि 4 प्रश्नोीं में से तकन्ही ीं िीि प्रश्नोीं के उत्ति िगर्ग
25-30 शब्ोीं में तिखखए:
(2×3=6)
क. ‘वबिा ववचार, घटिा और पात्रों के, िेखक की इिा मात्र से कहािी बि सकती
है ।‘ इस पंखि में विवहत व्यंग्य स्पष्ट कीविए।
ख. क्ा आपकी दृवष्ट में बािगोवबि भगत का अपिी पतोहू से वकया गया व्यवहार उवचत
था? क्ों?
ग. 'सभ्यता और संस्कृवत' की सही समझ के ववकास के विए क्ा वकया िािा चावहए? कोई दो
उपाय बताइए।
घ. िेतािी की मूवतण की आँ खों पर सरकंडे से बिे चश्मे का होिा आपके अिुसार वकस बात का
पररचायक है ?
प्रश्न 12. तिर्ाारिि कतविाओीं के आर्ाि पि तिम्नतिखखि 4 प्रश्नोीं में से तकन्ही ीं िीि प्रश्नोीं के उत्ति
िगर्ग 25-30 शब्ोीं में तिखखए:
(2×3=6)
क. फाल्गुि में प्रकृवत में होिे वािे बदिाव मािव िीवि पर क्ा प्रभाव डािते हैं ?
ख. कवव ियशंकर प्रसाद िे अपिी आत्मकथा के विए 'भोिी' ववशेषर् का प्रयोग क्ों
वकया है ?
ग. कवव िागािुणि फसि को वकि तत्त्ों का पररर्ाम मािते हैं ?
घ. िक्ष्मर् िे वीर योद्धा की क्ा-क्ा ववशेषताएँ बताई हैं ?
प्रश्न 13. पूिक पाठ्यपुस्तक के पाठोीं पि आर्ारिि तिम्नतिखखि 3 प्रश्नोीं में से तकन्ही ीं दो के उत्ति
िगर्ग 50-60 शब्ोीं में तिखखए—
(4×2=8)
क. 'माता के अंचि' पाठ में भोिािाथ और उसके सावथयों द्वारा मूसि वतवारी और खेत
में दािा चुगती वचवड़यों के प्रवत वकया गया व्यवहार कहाँ तक उवचत है ? तकण सवहत अपिे
ववचार व्यि कीविए।
ख. एक विम्मेदार युवा िागररक के रूप में अंतररि ववज्ञाि के प्रवत अपिे सावथयों को
प्रोत्सावहत करिे में आपकी भूवमका क्ा और क्ों होिी चावहए? 'मैं क्ों विखता हूँ ' पाठ के
आिोक में स्पष्ट कीविए।
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ग. 'कटाओ' पर वकसी भी दु काि का ि होिा उसके विए वरदाि है ।' दे श के पयण टि स्थिों की
दु दणशा के संदभण में 'सािा-सािा हाथ िोवड़' पाठ में आए इस विव्य की समीिा कीविए।
प्रश्न 14. तिम्नतिखखि िीि तवर्योीं में से तकसी एक तवर्य पि 120 शब्ोीं में एक अिुच्छेद तिखखए
—
(6×1=6)
क. र्ूमींडिीय िापि (ग्लोबि वातमांग) : कािर् औि तिवािर्
भू-मंडिीय तापि का अथण , इससे होिे वािे खतरे , इसके कारर्, ििवायु पर प्रभाव,
रोकथाम के उपाय
ख. योग औि छात्र िीवि
योग का वास्तववक अथण , छात्र िीवि में स्वास्थ्य और अिुशासि का महत्त्, योग स्वास्थ्य और
एकाग्रता का उत्तम माध्यम
ग. अींिरिक्ष में र्ािि के ब़ििे कदम: चीं द्रयाि-3
इसरो और उसका महत्त्, भारत की प्रमुख अंतररि पररयोििाएँ िैसे-चंद्रयाि, मंगियाि
आवद, इि पररयोििाओं से िाभ, वतणमाि चुिौवतयाँ , भववष्य की कायण -योििा
प्रश्न 15. तकसी एक तवर्य पि िगर्ग 100 शब्ोीं में पत्र तिखखए:
(5×1=5)
आपकी वमत्र कृवतका िे राष्टरीय स्तर पर भािा फेंक प्रवतयोवगता में प्रथम स्थाि प्राप्त वकया है ।
अब वह अंतराण ष्टरीय स्तर पर दे श का प्रवतविवधत्व करिे िा रही है । अपिे वमत्र को उसकी सफि-सुखद
यात्रा हे तु मंगिकामिा व्यि करते हुए िगभग 100 शब्ों में पत्र विखखए।
अथवा
वकसी प्रवसद्ध समाचार पत्र के संपादक को 100 शब्ों में पत्र विखखए विसमें ब़िती टर ै वफक दु व्यणवस्था
के बारे में ििता और प्रशासि को उिके दावयत्व का विवाण ह करिे के विए प्रेररत वकया गया हो।
प्रश्न 16. वकसी प्रवसद्ध समाचार पत्र के कायाण िय में पत्रकार पद के विए आवेदि करिे हे तु 80 शब्ों
में अपिा स्ववृत्त िेख प्रस्तु त कीविए।
(5×1=5)
अथवा
बैंक ऑफ बड़ौदा की स्थािीय शाखा में िॉकर की सुववधा प्राप्त करिे हे तु शाखा प्रबंधक को एक ईमेि
80 शब्ों में भेविए।
प्रश्न 17. आप 'ववहग' िामक स्वयंसेवी सं स्था के सदस्य हैं । आपकी सं स्था आपके मोहले में एक
वृिारोपर् कायणक्रम चिािे िा रही है । िोगों को िागरूक करते हुए और कायण क्रम में आमंवत्रत करते
हुए 40 शब्ों में एक ववज्ञापि विखखए।
(4×1=4)
अथवा
आप ऋषभ / ऋवषका हैं । आपके बड़े भाई पत्रकार हैं । उन्ोंिे हाि ही में िई वदली में हुए िी- 20
समारोह की बहुत अिी ररपोवटिं ग की। उन्ें उिकी इस सफिता के विए िगभग 40 शब्ों में बधाई
संदेश विखखए।
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