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समधन्य निर्दे श
1. इस प्रश्िपत्र में चधि खंड हैं – क, ख, ग औि घ
2. चधिों खंडो के प्रश्िों के उत्ति र्दे िध अनिवधया है
3. यथधसंभव प्रत्येक खंड के प्रश्िों के उत्ति क्रमशः र्दीजिए
खंड क
१. निम्िलिखखत गदयधंश को पढ़कि िीचे दर्दए गए प्रश्िों के उत्ति के सही ववकल्प छधंटकि
लिखखए
भधित एक स्वतंत्र र्मानििपेक्ष िधष्ट्र है । इस िधष्ट्र में र्दक्षक्षण में जस्थत कन्यधकुमधिी से िेकि
mRrj में d'ehj तक ववस्तत
ृ भू भधग है । यह भू भधग अिेक िधज्यों के मध्य बंटध हुआ है । यहधं
अिेक र्मधािय
ु धयी तथध भधषध भधषी िोग िहते हैं। संपण
ू ा िधष्ट्र कध एक ध्वि, एक िोकसभध,
एक िधष्ट्रधचन्ह तथध एक ही संववर्धि है। भधित की सवधाधर्क उल्िेखिीय ववशेषतध ववववर्तध में
एकतध है । यहधं पि ववलभन्ि र्मा, िधनत तथध संप्रर्दधय के िोग िहते हैं। सभी िोग के jhfr
fjoktksa, बोिी, भधषध व िहि सहि लभन्ि लभन्ि हैं। भौगोलिक दृजष्ट्ट से र्दे खें तो यहधं पि ऊंचे
ऊंचे पहधड gSa तो कही समति है । कही उपिधऊ भलू म तो dहीं िे धगस्तधि। र्दक्षक्षण में दहंर्द
महधसधगि िहिहधतध है । आर्नु िक कधि में एक से एक nzqतगधमी यधतधयधत के सधर्ि बि चक
ु े है
जिससे र्दे श की यह भौगोलिक सीमध लसकुड गई है । अब एक भधग से र्दस
ू िे भधग में हम शीघ्र ही
पहुंच सकते है । सधंस्कृनतक दृजष्ट्ट से र्दे खें तो संपूणा र्दे श में एक अर्दभुत समधितध दर्दखधई पM+ती
है । ववलभन्ि र्मो के र्मधाविंबी संपूणा र्दे श में पधए िधते हैं। इसके बधविूर्द सधिध र्दे श वस्तुतः एक
ही सत्र
ू मे बंर्ध है । भधितीय संस्कृनत में ढिे प्रत्येक व्यजतत की अपिी पहचधि है । इस पहचधि
के कधिण इस र्दे श के िोग एक र्दस
ू िे से अपिध लभन्ि अजस्तत्व िखते gSa। यह सधंस्कृनतक एकतध
ही वस्तुतः इस र्दे श की यह शजतत है जिससे इतिध बडध र्दे श एक सूत्र मे बंर्ध हुआ है ।ववववर्तध
में एकतध की इसी ववशेषतध पि सभी भधितीय गवा किते है तथध इस पि संसधि र्दं ग है । ऱधष्ट्रीय
एकतध को अक्षुण्ण बिधए िखिे के लिए अिेक प्रयत्ि ककए गए है । िितध में िधगनृ त भी आई
ककंतु स्थधयी िहीं िह पधती। चधहे fLFkfr में बहुत बM+k परिवताि िही आयध पिं तु शिै: शिै:
भधविधत्मक एकतध कध ववकधस हुआ। इस समय dgha&dgha पथ
ृ कतधवधर्दी ववचधिर्धिध पिप िही है
औि हमें ऐसी जस्थनत में प्रत्येक भधितीय को संकीणा ववचधिर्धिध कध परित्यधग कि व्यधपक
दृजष्ट्टकोण अपिधिध चधदहए। तभी हमधिी िधष्ट्रीय एकतध अक्षुण्ण बिी िह सकती है , िो आि की
एक महत्वपण
ू ा अपेक्षध है ।
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जिस जिससे पथ पि स्िेह लमिध उस-उस िधही को र्न्यवधर्द। िीवि अजस्थि, अििधिे ही हो
िधतध पथ पि मेि कहीं, सीलमत पग पग िंबी मंजिि तय कि िेिध कुछ खेि िहीं, र्दधंए बधंए
सुख-र्दख
ु चिते सम्मुख सम्मुख चितध पथ कध izekn] जिस जिससे पथ पि स्िेह लमिध उस-उस
िधही को र्न्यवधर्द।
िो सधथ ि मेिध र्दे पधए, उिसे कब सूिी हुई डगि, मै भी ि चिूं यदर्द तो भी तयध िधही मि
िेककि िधह अगि इस पथ पि वे ही चिते हैं, िो चििे कध पध गए स्वधर्द जिस जिससे पथ पि
स्िेह लमिध उस उस िधही को र्न्यवधर्द।
खंड ख
प्र. 3
प्र. 4 क) निम्िलिखखत शब्र्दों कध समधस ववग्रह किते हुए समधस कध िधम लिखखए
(i) शभ
ु धगमि 1
(ii) वीणधपधखण 1
ख) निम्िलिखखत शब्र्दों को समस्त पर्द रूप में लिखकि समधस कध िधम लिखखए
प्र. 5
खंड – ग
ककस्सध तयध हुआ थध उसको पर्द ls हटधिे के बधर्द हमिे विीि अिी को बिधिस पहुंचध दर्दयध औि
तीि िधख रूपयध सधिधिध विीफध मुकिा ि कि दर्दयध। कुछ महीिे बधर्द गविाि िििि िे उसे
किकतध (कोिकतध) तिब ककयध। विीि अिी कंपिी के पधस गयध िो बिधिस में िहतध थध औि
उससे लशकधयत की कक गविाि िििि उसे किकतध में तयों तिब कितध है । वकीि िे उसकी
लशकधयत की पिवधह िहीं की, उिटध उसे भिध बुिध सुिध दर्दयध। विीि अिी के fny में तो
अंग्रेिो के खखिधफ कूट कूटकि भिी िफित को उसिे अपिे खंिि से वकीि कध कधम तमधम
djds fd;k।
ख) पीिे वस्त्र में सुशोलभत कृष्ट्ण के रूप में सौंर्दया कध वणाि कीजिए 2
प्र. 10. कि चिे हम कफर्दध गीत के मधध्यम से कवव तयध संर्देश र्दे िध चधहते हैं? 5
अथवध
प्र. 11. टोपी शुतिध पधठ के आर्धि पि बच्चो dh मिोवनृ त पि ककस प्रकधि प्रकधश डधिध गयध
है ? 5
अथवध
सपिों के से दर्दि पधठ के आर्धि पि आिकि स्कूिी लशक्षध प्रणधिी में तयध परिवताि आए हैं?
खंड ?k
सवासमधि
लिंग के आर्धि पि अंति गित
बधलिकध से परिवधि कध आर्धि
उज्िवि भववष्ट्य
ख) वव'वशधंनत
शब्र्द कध अथा
आव'यकतध
संभधववत उपधय
िधभ
भूलमकध
इनतहधस
वतामधि fLFkfr
भववष्ट्य
प्र. 13. अपिे ?kि में चोिी हो िधिे की सूचिध र्दे ते हुए पुलिस थधिध अधर्कधिी को पत्र लिखखए
अथवध
टी. वी. पि प्रसधरित होिे वधिे ऐनतहधलसक र्धिधवधदहकों की प्रशंसध किते हुए सच
ू िध मंत्रधिय को
पत्र लिखखए।
प्र. 14. आप ववदयधिय में ‘ितत र्दधि’ लशववि कध आयोिि कििध चधहते हैं। इसी से संबधर्त
सूचिध ववदयधिय के सूचिध पट्ट के लिए लिखखए। 5
प्र. 15. वषधा के पश्चधत अपिे आस पधस के इिधके की सफधई के प्रनत िधगरूकतध फैिधिे के
संबर् मे र्दो लमत्रों के बीच संवधर्द िगभग 50 शब्र्दों में लिखखए। 5
प्र. 16. आप अपिी सधइककि बेचिध चधहते हैं उससे संबधर्त ववज्ञधपि तैयधि कीजिए। 5