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HindiCourseA PQ
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ह दिं ी – अ (कोड-002)
कक्षा – दसवीं
प्रथम सत्र
1. नीचे दो गद्ािंश हदए गए ैं। हकसी एक गद्ािंश को पढ़कर उसपर आधाररत प्रश्नों के उत्तर दीहिए।
न िंदा, क्रोध और घृणा, ये सभी दर्ु णु हैं। लेनि मा व जीव में से अर्र इ दर्ु णु ों िो न िाल दीनजए, तो
सिंसार रि हो जाएर्ा। यह न िंदा िा ही भय है, जो दरु ाचाररयों पर अि िं ु श िा िाम िरता है। यह क्रोध ही है,
जो न्याय और सत्य िी रक्षा िरता है और यह घृणा ही है जो पाखडिं और धतू ुता िा दम िरती है। इ िा जब
हम दरुु पयोर् िरते हैं, तभी ये दर्ु णु हो जाते हैं। दया, िरुणा, प्रशसिं ा और भनि िा भी दरुु पयोर् निया जाए,
तो वे दर्ु णु हो जाएँर्े।
आत्मरक्षा प्राणी िा सबसे बडा धमु है और हमारी सभी म ोवृनियाँ इसी उद्देश्य िी पनू तु िरती हैं। वही नवष,
जो प्राणों िा ाश िर सिता है, प्राणों िा सिंिट भी दरू िर सिता है। म ष्ु य िो र्दिं र्ी से, दर्ु न्ु ध से, क्यों
स्वाभानवि घृणा होती है? िे वल इसनलए नि र्दिं र्ी से बचे रह ा उसिी आत्मरक्षा िे नलए आवश्यि है।
म ष्ु य नविास-क्षेत्र में उन् नत िरते-िरते इस पद िो पहचँ र्या है नि उसे हान िारि वस्तओु िं से अप े आप
घृणा हो जाती है। घृणा िा ही उग्र रूप भय है और पररष्िृ त रूप नववेि। ये ती ों एि ही वस्तु िे ाम हैं, उ में
िे वल मात्रा िा अतिं र है।
घृणा आत्मरक्षा िा ही एि रूप है। नजस वस्तु िा जीव में इत ा मल्ू य है, उसे नशनिल हो े दे ा, अप े पाँव
पर िुल्हाडी मार ा है। हममें अर्र भय हो तो साहस िा उदय िहाँ से हो? बनल्ि नजस तरह घृणा िा उग्र
रूप भय है, उसी तरह भय िा प्रचडिं रूप ही साहस है। ज़रूरत िे वल इस बात िी है नि हम व्यनियों से घृणा
िरिे उ िे बरु े आचरण से घृणा िरें । घृणा िा उद्देश्य ही यह है नि उससे बरु ाइयों िा पररष्िार हो।
जीव में जब घृणा िा इत ा महत्त्व है, तो सानहत्य िै से उसिी उपेक्षा िर सिता है, जो जीव िा ही प्रनतनबबिं
है? सानहत्य िी सृनि ही इसनलए हई नि ससिं ार में जो 'स'ु या सदिंु र है और इसनलए िल्याणिर है, उसिे प्रनत
म ष्ु य में प्रेम उत्पन् हो, तिा जो 'िु' या असदिंु र है और इसनलए असत्य है, उसिे प्रनत घृणा हो। सानहत्य और
िला िा यही मख्ु य उद्देश्य है। 'िु' और 'स'ु िा सग्रिं ाम ही सानहत्य िा इनतहास है।
- प्रेमचंद
(i) जिस वस्तु का िीवन में इतना मल्ू य है, उसे जिजिल होने देना, अपने पााँव पर कुल्हाडी मारना है।
नदए र्ए वाक्य में 'नजस वस्तु' निस चीज़ िे नलए प्रयि
ु हआ है?
(ि) भय
(ख) घृणा
(र्) साहस
(घ) आत्मरक्षा
(ii) 'पाप से घृणा करें , पापी से नहीं।'
र्द्ािंश िे िौ -से अ च्ु छे द में यह नवचार साम े आता है?
(ि) अ च्ु छे द 1
(ख) अ च्ु छे द 2
(र्) अ च्ु छे द 3
(घ) अ च्ु छे द 4
- जवश्वनाि सचदेव
(iii) लेखि िे अ ुसार िौ -सी बात हमें धक्िा पहचँ ा सिती है?
(ि) नि भाषा हमारी सिंस्िृ नत िी पहचा है
(ख) नि भाषा हमारे िारण ख़त्म हो सिती है
(र्) नि भाषा िे मर े से मा व जानत ख़त्म हो सिती है
(घ) नि मातृभाषा बोल ा अपमा ज ि भी लर् सिता है
(iv) र्द्ािंश िे अ सु ार, भाषा िे स्वयिं नमट े और उसे नमटा दे े में क्या अतिं र है?
(ि) भाषा प्रािृ नति िारणों से नमट सिती है, परन्तु उसिा नमटाया जा ा मा वीय िारणों से होता है।
(ख) बहत-सी भाषाएँ रोज़ नमटती रहती हैं, पर उन्हें नमटा ा एि दीघुिानलि प्रनक्रया है।
(र्) भाषा िे स्वयिं नमट े से िोई ख़तरा हीं है पर उसे नमटा ा बहत ख़तर ाि है।
(घ) ऐसे निसी अतिं र िे बारे में िोई जा िारी हीं दी र्ई है।
(v) पहले अ च्ु छे द में मख्ु य रूप से क्या बताया र्या है?
(ि) भाषा िा सिंपणू ु इनतहास
(ख) दैन ि जीव में भाषा िा प्रयोर्
(र्) म ष्ु य और भाषा िा अ ोखा सिंबिंध
(घ) भाषा िे भनवष्य िो सधु ार े िे सझु ाव
(ख) नीचे दो कावयािंश हदए गए ैं। हकसी एक कावयािंश को ध्यानपूववक पढ़कर उस पर आधाररत प्रश्नों के
उत्तर दीहिए।
(i) िनव े वषाु िे जा े िे बाद प्रिृ नत में निस बदलाव िा वणु हीं निया है?
(ि) नद -रात बाररश हो े से राहत नमल ा
(ख) खेतों िी िाली नमट्टी से पौधों िा हरा-भरा हो ा
(र्) वषाु िे पा ी में डूबे टीलों िा निर से नदखाई दे ा
(घ) जाडे िे आर्म से धरती पर वातावरण िा सहु ाव ा हो ा
(iii) बादलों के जघरने और आसमान से बाररि के रूप में पानी जिरने का रहस्य अचानक समाप्त हो िया है।
यह भाव निस पनिं ि में स्पि हो रहा है?
(ि) ीचे से ऊपर उठ े िी हररयाली पु ः लौट आई
(ख) पहले उदार िी र्र् वृनि अब तो उदार हो उठे खेत
(र्) आ े लर् र्ई धरा पर भी मौसमी हवा छनव प्यारी िी
(घ) नघर े नर्र े िे तरल रहस्यों िा सहसा अवसा हआ
(v) वषाु ऋतु और शरद ऋतु िा आपस में क्या सिंबिंध है?
(ि) शरद ऋतु में र्मी और वषाु ऋतु में मौसम सहु ाव ा रहता है।
(ख) वषाु और शरद ऋतु दो ों साि-साि आती हैं।
(र्) वषाु ऋतु जा े िे बाद शरद ऋतु आती है।
(घ) वषाु ऋतु से पहले शरद ऋतु आती है।
अथवा
हनम्नहिहखत कावयािंश को पढ़कर उस पर आधाररत प्रश्नों के उत्तर दीहिए।
र्र् -र्र् तेरा यश िहरा
पव -पव तेरा बल र्हरा
नक्षनत-जल- भ पर डाल नहडिं ोले
चरण-चरण सिंचरण सु हरा
ओ ऋनषयों िे त्वेष
प्यारे भारत देश।। [1]
शब्दािु:
नक्षनत - पृनवव
सच िं रण - चल ा, िै ल ा
त्वेष - प्रिानशत
बनल-महमा ों - बनल राजा और उसिी प्रजा
न वेश - लाभ हेतु निसी व्यापार या ििंप ी में ध लर्ा ा
(iv) नदए र्ए नमनश्रत वाक्य िा अिु बदले नब ा सरल वाक्य में पररवतु िै से होर्ा?
िैसे ही मैंने चीख सनु ी, मैं दौडकर बाहर िई।
(v) सरकार ने जकसानों की मााँि परू ी करने के जलए िेहाँ की कीमत बढ़ाने की घोषणा की।
इस वाक्य िा अिु बदले नब ा सयिं ि ु वाक्य में रूपातिं रण निस प्रिार होर्ा?
(iii) न म् नलनखत वाक्य में 'िक्षा में' पद िा सही पद-पररचय क्या होर्ा?
िसप्रीत दसवीं कक्षा में पढ़ती है।
(ि) जानतवाचि सज्ञिं ा, एिवच , पनु ल्लर्िं , िमु िारि, ‘पढ़ती’ नक्रया से सबिं धिं
(ख) जानतवाचि सज्ञिं ा, पनु ल्लर्िं , एिवच , वतुमा िाल, ‘पढ़ती’ नक्रया से सबिं धिं
(र्) जानतवाचि सज्ञिं ा, स्त्रीनलर्िं , एिवच , अनधिरण िारि, ‘पढ़ती’ नक्रया से सबिं धिं
(घ) व्यनिवाचि सज्ञिं ा, स्त्रीनलर्िं , एिवच , अनधिरण िारि, ‘पढ़ती’ नक्रया से सबिं धिं
(ि) िे वल वच
(ख) िे वल नक्रया
(र्) िे वल वच और नलिंर्
(घ) ती ों - नक्रया, वच और नलिंर्
(ii) न म् नलनखत वाक्य िे आलिंब नवभाव में आश्रय और नवषय क्या है?
बाजार में नए जखलौनों को देखकर लाव्या खि
ु ी से कूदने लिी।
(ि) रौि
(ख) शातिं
(र्) िरुण
(घ) वीभत्स
(ि) उत्साह
(ख) न वेद
(र्) हास
(घ) रनत
(i) अग्रिं ेज़ी िे बारे में बडे भाई साहब िे क्या नवचार हैं?
(ि) यह भाषा अत्यतिं रोचि है।
(ख) यह भाषा बहत ही ीरस है।
(र्) यह भाषा नहदिं ी से नमलती-जल ु ती है।
(घ) यह भाषा सीख े में बहत ही िनठ है।
(ii) बडे भाई साहब े लेखि िो घर वापस चले जा े िी सलाह क्यों दी?
(ि) क्योंनि घर पर दादा िो रुपयों िी आवश्यिता िी।
(ख) क्योंनि लेखि िो घर पर र्ल्ु ली-डिंडा खेल ा पसदिं िा।
(र्) क्योंनि लेखि िई वषों से एि ही िक्षा में पढ़ रहा िा।
(घ) क्योंनि उ िे अ सु ार लेखि अप ा समय बबाुद िर रहा िा।
(iii) बडे भाई साहब नक्रिे ट और हॉिी िे मैच देख े क्यों हीं जाते?
(ि) क्योंनि उन्हें मेले-तमाशे देख ा ज़्यादा पसिंद है।
(ख) क्योंनि वे पढ़ाई िर ा ज़्यादा ज़रूरी समझते हैं।
(र्) क्योंनि पढ़ाई िे बाद उ िे पास समय हीं बचता।
(घ) क्योंनि उन्हें नक्रिे ट और हॉिी में नदलचस्पी हीं है।
(iv) बडे भाई साहब छोटे भाई से िठोरता से क्यों पेश आते िे?
(ि) क्योंनि वे छोटे भाई िी भलाई चाहते िे।
(ख) क्योंनि वे छोटे भाई से र्रत िरते िे।
(र्) क्योंनि वे छोटे भाई से ईष्याु िरते िे।
(घ) क्योंनि वे बडे र्स्ु सैल स्वभाव िे िे।
(v) 'और मैं कहता ह,ाँ तमु जकतने घोंघा हो जक मझु े देखकर भी सबक नही लेते।'
रे खािंनित महु ावरे िा क्या अिु है?
(ि) अधिं ा हो ा
(ख) आलसी हो ा
(र्) शरारती हो ा
(घ) बेविूर् हो ा
(ii) शेख अयाज़ िे नपता, सोलोमे और लेखि िी माँ में क्या समा ता िी?
(ि) वे बहत साहसी िे।
(ख) वे पश-ु पनक्षयों िी भाषा समझते िे।
(र्) वे पश-ु पनक्षयों िी भाव ाओ िं िो समझते िे।
(घ) वे र्लती िो मार् िर े िी प्रािु ा िरते िे।
(ii) िनव िे अ सु ार, मृर् जर्िं ल में निसिी खोज में घमू ता रहता है?
(ि) पा ी िी
(ख) खा े िी
(र्) ईश्वर िे दशु िी
(घ) सर्ु धिं िे स्रोत िी
(iii) पहले दोहे में 'घनट घनट राँम है' िा अिु है नि भर्वा राम ________ नवद्मा हैं।
(ि) हर घर में
(ख) हर मनिं दर में
(र्) सबिे अतिं मु में
(घ) पहाडों िी घानटयों में