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सत्र 2022 – 23
कक्षा – 12व ीं
ववषय – विन्द
1
2
3
कक्षा – 12व
ववषय – विन्द
अनु क्रमवणका
सरल क्रमाींक इकाई क्रमाींक इकाई का नाम
02 2 काव्य बोध
04 4 िाषा बोध
05 5 ववतान िाग – 2
06 6 अविव्यक्ति और माध्यम
07 7 अपवित गद्याींि
08 8 पत्र - लेखन
09 9 वनबन्ध लेखन
4
इकाई-1
आरोि िाग-2
काव्य खण्ड
क्र इकाई एवीं ववषय वस्तु इकाई पर वस्तु अीं कवार प्रश्नोीं क सींख्या कुल
आवीं वित वनष्ठ प्रश्न
अीं क प्रश्न
1 2 3 4 अीं क 5
अीं क अीं क अीं क अीं क
इ आरोि िाग -2, काव्य खींड 17 06 02 01 01 --- 04
का पद्य साहित्य का इहििास एवं प्रवृहियााँ
ई कहव परिचय
1 भावार्थ : (संदभथ , प्रसंग , भावार्थ ,
काव्य सौन्दयथ)
सौंदयथ बोध िर्ा भाव एवं हवषय वस्तु
आधारिि प्रश्न
5
11. ‘िो न जाए पर् में िाि किीं’ सोच-सोच कि जल्दी-जल्दी कौन चलिा िै?
(अ) कुिा (ब) पंर्ी (स) कहव (द) बाज
12. हकसका ध्यान किके हचहियों के पिों में चंचलिा आ जािी िै ?
(अ) बाज का (ब) सााँ प का (स) कौवे का (द) अपने बच्चों का
13. बच्चों की याद आने पि हचहियााँ क्या कििी िै ?
(अ) िोिी िै (ब) सोिी िैं (स) िेजी से उििी िैं (द) इनमें से कोई निी
14. ‘हदन जल्दी–जल्दी ढलिा िै ’ कहविा में कहव ििाश व दु :खी क्यों िै ?
(अ) आहर्थ क िाहन के कािण (ब) अपिाध के कािण
(स) परिवाि से हबछु िनें के कािण (द) इनमें से कोई निीं
15. कहव आलोक धन्वा हकस दशक कहव िैं -
(अ) िीसिे -चौर्े दशक के (ब)चौर्े -पॉचवें दशक के
(स) छठवें-सािवें दशक के (द) सािवें-आठवें दशक के
16. कहव आलोक धन्वा की पिली कहविा िै -
(अ) भीगी हुई लिहकयााँ (ब) जनिा का आदमी
(स) ब्रूनो की बेहियााँ (द) इनमें से कोई निीं
17. कहव आलोक धन्वा का एममात्र कहविा संग्रि िै -
(अ) भागी हुई लिहकयााँ (ब) जनिा का आदमी
(स) ब्रूनो की बेहियााँ (द) दु हनया िोज बनिी िै
18. छि से हगिने औि बचने के बाद बच्चे बन जािे िैं -
(अ) ििपोक (ब) हनिि (स) ईमानदाि (द) क्रोधी
19. पिंग कहविा हकसके हलए प्रहसद्ध् िै ?
(अ) प्रिीकों के हलए (ब) हचत्र हवधान के हलए
(स) हबम्ब हवधान के हलए (द) व्यं ग्यार्थ के हलए
20. पिंग उिािे बच्चे हकसके सिािे स्वयं भी उििे से िैं ?
(अ) फेंफिो के (ब) िं ध्ों के (स) सािस के (द) शक्ति
21. ‘सुनिले सूिज’ में कौन-सा अलं काि िै ?
(अ) उपमा (ब) रूपक (स) अनु प्रास (द) श् लेष
22. ‘खिगोश की आाँ खों जै सा लाल’ में कौन-सा अलं काि िै ?
(अ) अनु प्रास (ब) उपमा (स) रूपक (द) उि्प्रेक्षा
23. सबसे िेज बौछािों का माि िोिा िै -
(अ) आषाढ (ब) श्रावण (स) भादों (द) काहिथक
24. सबेिे की िुलना की गई िै-
(अ) खिगोश की आाँ ख से (ब) शे ि की आाँ ख से
(स) हवल् ली की आाँ ख से (द) कुिे की आाँ ख से
25. शिद क्या चलािा हुआ आया?
(अ) िार् (ब) पैि (स) जीभ (द) साइहकल
26. हचहिया अपने पंखों के सिािे उििी िै औि कहविा हकसके सिािे उििी िै ?
(अ) शब्द के (ब) कल्पना के (स) िवा के (द) पंख के
27. कहविा के पंख लगा उिने से क्या िात्पयथ िै?
(अ) उिना (ब) कल्पना किना (स) चलना (द) िाँ सना
6
28. 'कहविा हबना मु िझाए सहदयों िक मिकिी िििी िै '- इसका आशय क्या िै ?
(अ) कहविा कालजयी िै (ब) कहविा का प्रभाव सहदयों िक बना िििा िै ।
(स) कहविा का सौन् दयथ कभी समाप्त निी िोिा। (द) उपयुथि सभी
29. ‘कहविा के बिाने ’ कहविा में हकनके सार् समानिा व असमानिा दशाथ ई गई िै?
(अ) बच्चे औि फूल (ब) बच्चे, फूल औि हचहिया
(स) फूल औि हचहिया (द) हचहिया औि बच्चे
7
(अ) निलािी िै (ब) बाल में कंघी कििी िै
(स) कपिे पिनािी िै (द) प्याि से दे खिी िै
47. ‘छोिा मे िा खे ि’ कहविा का हिन्दी में रूपान्तिण हकसने हकया िै ?
(अ) भोला भाई पिे ल (ब) उमाशं कि जोशी (स) आलोक धन्वा (द) केशू भाई पिे ल
48. आकाश में कौन उि ििे िैं ?
(अ) कौए (ब) कबूिि (स) बगुले (द) हगद्ध
49. हकसके अंकुि फूििे िै ?
(अ) शब्द के (ब) हवचाि के (स) काव्य-कृहि के (द) कल्पना के
50. समन्वयवादी कहव किा जािा िै -
(अ) सूिदास (ब) िुलसीदास (स) कबीिदास (द) केशवदास
51. हफिाक गोिखपुिी का वास्तहवक नाम िै -
(अ) िघुवीि सिाय (ब) हशवपूजन सिाय (स) िघुपहि सिाय (द) िमापहि सिाय
52. हफिाक गोिखपुिी को हकस कृहि के हलए ज्ञानपीठ पुिस्काि प्राप्त हुआ िै ?
(अ) िं गे-शायिी (ब) गुले-नग्मा (स) बज् मे हजन् दगी (द) उदथ गजलगोई
53. ‘जन्म से िी वे अपने सार् लािे िै कपास’ में कपास शब्द से क्या अहभप्राय िै ?
(अ) चंचलिा (ब) कोमलिा (स) कायििा (द) रूई
54. कहव कुाँवि नािायण की कहविा ’बाि सीधी र्ी पि‘ उनके हकस काव्य संग्रि से ली गई िै ?
(अ) कोई दू सिा निीं (ब) इन हदनों (स) अपने सामने (द) परिवेश: िम िुम
55. िीहिकालीन कहव िैं -
(अ) हदनकि (ब) पन्त (स) भू षण (द) िरिऔध
56. हिं दी पद्य साहित्य को बााँ िा गया िै -
(अ) चाि कालों में (ब) पााँ च कालों में (स) िीन कालों में (द) छ: कालों में
ररि स्थान में सि ववकल्प चुनकर वलक्तखए –
1. मैं ………………………..मौजों पि मस्त बिा कििा हाँ । (भव/भय)
2. मैं मादकिा…………….. हलए हफििा हाँ । (हन:शेष /हवशे ष)
3. ‘मैं बना-बना हकिने जग िोज हमिािा हाँ ’ में ……………..अलं काि िै ।(यमक/पुनरूक्ति प्रकाश)
4. कहव बच्चन …………….. का ध्यान निीं कििे । (जग/पग)
5. संसाि कहव के ……………..को गाना कििा िै । (िाँ सने /िोने )
6. दु हनया की सबसे िं गीन औि िल् की चीज…………….. िै । (स्वप्/पिंग)
7. पिंग की पिली कमानी…………….. की बनी िोिी िै । (लोिे की /बााँ स की )
8. बच्चे ……………..को निम बनािे हुए दौििे िै । (छिों को /सिक को)
9. कहविा के पंख लगा उिने के माने ……………..क्या जाने । (हचहिया /बच्चे )
10. हबना मु िझाए मिकने के माने …………….. क्या जाने । (फूल/कहविा)
11. िुमने ……………..को सहहलयि से बििना कभी निीं सीखा । (भाषा/व्यविाि)
12. आपको…………….. िोकि कैसा लगिा िै । (अपाहिज /हभखािी)
13. पिदे पि हदखलाई जाएगी अपाहिज की ……………..की बिी िस्वीि।(िोिा हुआ चेििा/फूली
हुई आाँ ख)
14. पिदे पि ……………..की कीमि िै । (वि /हचत्र)
15. प्राि: नभ नीले ……………..जै सा र्ा । (शं ख/मोिी)
8
16. लीपा हुआ चौका अभी ……………..पिा िै । (गीला/नीला)
17. हसल पि लाल …………….. पीसी गई र्ी । (हमचथ /केसि)
18. ‘बादल िाग’कहविा में सुखों को ……………..बिाया गया िै । (क्तथर्ि/अक्तथर्ि)
19. ……………..िोने पि हनम्न वगथ को सदै व लाभ िोिा िै । (क्रां हि/सभा)
20. क्राक्तन्त रूपी बादलों का आह्वान ……………..अधीििा के सार् कििा िै । (कृषक /धहनक)
21. वेदों औि पुिाणों में किा गया िै हक संकि के समय……………सभी पि कृपा कििे िैं ।
(प्रभु िाम/मजदू ि)
22. िुलसीदास ने ……………..में सोने की बाि किी िै । (मं हदि /मक्तिद)
23. लक्ष् मण ……………..द्वािा छोिी गई शक्ति से मू हछथ ि िो गए र्े । (मे घनाद/िावण)
24. मााँ बच्चे को िवा में ……………..दे िी िै । (लोका/हलिा)
25. बच्चा ……………..को पाने की हजद कि ििा िै । (चााँ द /पिंग)
26. कहव उमाशं कि जोशी ने कहव-कमथ को……………..के समान बिाया िै ।(पूजा कमथ /कृहष कमथ )
27. खे ि की िुलना ……………..से की गई िै । (कागज के भि /पीपल के पिे )
28. आकाश में …………….. पंक्तिबद्ध िोकि उि ििे िैं । (िं स/बगुले)
29. भक्तिकाल की प्रेममागी शाखा के प्रमुख कहव.............िैं | ( जायसी /कबीि)
30. नागाजुथ न ...........के कहव िैं | (भक्तिकाल/आधुहनक काल)
i. मैं स्नेि-सुिा का पान हकया कििा हाँ क) अनु प्रास अलं काि
ii. शीिल वाणी में आग हलए हफििा हाँ ख) रूपक अलं काि
iii. हजसको सुनकि जग झूम झुके लििाए ग) पुनरूक्ति प्रकाश अलंकाि
iv. हदन जल्दी –जल्दी ढलिा िै घ) मानवीकिण अलं काि
v. फूल िाँ से, कहलयााँ मु सकाई ि.) हविोधाभास अलं काि
(2)
अ ब
i. आत्म परिचय क) आलोक धन्वा
ii. पिंग ख) कुाँवि नािायण
iii. कहविा के बिाने ग) िघुवीि सिाय
iv. कैमिे में बंद अपाहिज घ) िीहिकाल
v. शं गाि काल ि.) िरिवंशिाय बच्चन
(3)
अ ब
i. बादल िाग क) िरिवंश िाय बच्चन
ii. मधुशाला ख) शमशे ि बिादु ि हसंि
iii. कहविावली ग) सूयथकान्त हत्रपाठी हनिाला
9
iv. रुबाइयााँ घ) िुलसीदास
v. ऊषा ि.) हफिाक गोिखपुिी
vi. हिं दी साहित्य का स्वणथयुग च ) भक्तिकाल
(4)
अ ब
i. मस्ती का संदेश क) हचहिया के बिाने
ii. हदन का पंर्ी भी ख) िरिवंश िाय बच्चन
iii. हदशाएाँ ग) अपाहिज
iv. कैमिे के सामने घ) जल्दी –जल्दी चलिा िै
v. कहविा एक उिान िै ि.) मृ दंग
(5)
अ ब
i. हगिने से बचािा िै क) बच्चों के बिाने
ii. पेंच को खोलने की बजाए ख) दू िदशथ न पि
iii. कहविा एक खे ल िै ग) िोमां हचि शिीि
iv. अपाहिज की बेबसी का हचत्रण घ) िाख से लीपा हुआ चौका
v. भोि का नभ ि.) बेििि कसना
(6)
अ ब
i. हसल का िं ग क) घोसला
ii. हवप्लव-िव से ख) उमाशं कि जोशी
iii. दसकंधि ग) छोिे िी शोभा पािे िै
iv. नीि घ) िावण
v. बगुलों के पंख ि.) काला
(7)
अ ब
i. जीणथ-शीणथ शिीि क) किाई अनं ििा की
ii. िोपाई क्षण की ख) कृषक
iii. हझलहमल दे ि ग) हबजली की चमक
iv. िाम को हचंिा र्ी घ) नील जल में
v. िाखी के लच्छे ि.) अपयश की
(8)
अ ब
i. सूयथकान्त हत्रपाठी हनिाला क) भक्तिकाल
ii. िरिवंश िाय बच्चन ख ) छायावाद
iii . िुलसीदास ग ) नई कहविा
iv. आलोक धन्वा घ ) िालावाद
10
एक वाक्य में उत्तर वलक्तखए-
1. बच्चे हकसकी प्रत्याशा में िोंगे?
2. कहव हकसका गान कििा िै ?
3. ‘भव-सागि’ में कौन सा अलं काि िै ?
4. कहव हकसका उन्माद हलए हफििा िै ?
5. कपास कौन लािा िै ?
6. बच्चे हनिििा के सार् हकसके सामने आिे िैं ?
7. पिंगों के सार्-सार् कौन उि ििा िै ?
8. कहविा का क्तखलना कौन निीं जानिा?
9. कहविा का उिना कौन निीं जानिा?
10. बाि बािि हनकलने के बजाए कैसी िो गई?
11. पिदे पि हकसकी कीमि िै ?
12. अपाहिज क्या निीं बिा पाएगा?
13. दू िदशथ न वाले कैमिे के सामने बैठे अपाहिज से बाि-बाि प्रश् न क्यों पूछिे िैं ?
14. स्लेि पि क्या मलने की बाि किी गई िै ?
15. उषा का जादू कब िू ििा िै ?
16. कहव ने नील जल में हझलहमलािी दे ि की िुलना हकससे की िै ?
17. धनी वगथ के लोग हकसकी आशं का से भयभीि िििे िैं ?
18. हवप्लव का वीि हकसे किा गया िै ?
19. जल सदै व हकसमें से छलकिा िै ?
20. लोग पेि की आग बुझाने के हलए हकन-हकन िक को बेच दे िे िैं ?
21. िुलसीदास स्वयं को क्या किलवाना पसंद कििे िैं ?
22. िावण नें हकसके समक्ष िनु मान एवं अन् य वानिाहद की वीििा का वणथन हकया िै ?
23. कहव ने दरिद्रिा की िुलना हकससे की िै ?
24. हनमथ ल जल से निलाने के बाद मॉं बच्चे का क्या कििी िै ?
25. िक्षाबंधन की सुबि आसमान कैसा िै ?
26. छोिा मे िा खे ि कहविा में कहव ने हकस खे ि की बाि की िै ?
27. कहव ने अपने खे ि में कौन-सा बीज बोया?
28. िघुवीि सिाय अज्ञे य द्वािा संपाहदि हकस ‘सप्तक’ के कहव िैं ?
29. 'आत्मजयी' हकसकी िचना िै ?
30. 'िाम की शक्तिपूजा' कहविा के िचनाकाि कौन िैं?
31. 'बादलिाग' कहविा में अद् िाहलका को क्या किा गया िै ?
32. िुलसीदास कृि ‘कहविावली’ हकस भाषा में हलखी गई िै
33. कुाँवि नािायण की िचना ‘कहविा के बिाने ’ उनके हकस काव्य संग्रि से ली गई िै ?
34. िुलसी अपने हकस रूप पि गवथ कििे िैं ?
35. िुलसीदास जी नें िावण की िुलना हकससे की िै ?
36. बच्चा मााँ की गोद में कैसी प्रहिहक्रया कििा िै ?
37. दीवाली के हदन मािा बच्चे के हलए क्या ले कि आिी िै ?
38. ‘िस की पुिली’ हकसे किा गया िै ?
39. हिं दी साहित्य के आधुहनक काल के जनक का नाम हलक्तखए |
40. कहठन गद्य का प्रेि हकसे किा गया िै ?
11
सत्य /असत्य कथन वलक्तखए-
12
लघु उत्तर य प्रश्न (02अीं क)
पद्य सावित्य का इवतिास
1. पद्य साहित्य से आप क्या समझिे िैं ? हलक्तखए।
2. हिन्दी पद्य साहित्य को हकिने कालों में बााँ िा गया िै? नाम हलखिे हुए समयावहध भी हलक्तखएl
3. भक्तिकाल की प्रमु ख प्रवृहियााँ हलक्तखए |
4. िीहिकाल को शं गाि काल क्यों किा गया िै ? हलक्तखए।
5. िीहिकालीन दो कहवयों के नाम एवं प्रत्येक की एक-एक िचना हलक्तखए।
6. छायावादी काव्य की प्रमुख हवशे षिाएाँ हलक्तखए |
7. प्रयोगवाद की कोई दो हवशे षिाएाँ / प्रवृहियााँ हलक्तखए।
8. प्रयोगवादी दो कहवयों के नाम एवं प्रत्येक की एक-एक िचना का नाम हलक्तखए।
9. प्रगहिवादी दो कहवयों के नाम एवं प्रत्येक की एक -एक िचना का नाम हलक्तखए।
10. प्रगहिवाद की कोई दो हवशे षिाएाँ /प्रवृहियााँ हलक्तखए।
11. नई कहविा की कोई दो हवशे षिाएाँ /प्रवृहियााँ हलक्तखए।
12. नई कहविा के दो कहव एवं उनकी एक-एक िचना का नाम हलक्तखए।
पाि आधाररत प्रश्न
1. स्नेि- सुिा से क्या आशय िै ?
2. जग-जीवन के भाि से कहव का क्या आशय िै ?
3. कहव संसाि को अपूणथ क्यों मानिा िै ?
4. शीिल वाणी में आग िोने का क्या अहभप्राय िै ?
5. हदन जल्दी-जल्दी ढलिा िै –की आवृहि से कहविा की हकस हवशे षिा का पिा चलिा िै ?
6. ‘कैमिे में बंद अपाहिज ‘करुणा के मु खौिे में हछपी क्रूििा की कहविा िै –हवचाि कि हलक्तखए
|
7. ‘पदे पि वि की कीमि िै ’किकि कहव िघुवीि सिाय ने पूिे साक्षात्काि के प्रहि अपना नजरिया
हकस रूप में िखा िै ?
8. स्वप्ों के संसाि से कहव का क्या आशय िै ?
9. कहव उि का उद्गाि व उपिाि क्या िै ?
10. कहव जग का ध्यान क्यों निीं किना चाििा िै ?
11. बच्चे हकस बाि की आशा में नीिो से झााँ क ििे िोंगे?
12. कहव हकस कािण अवसाद से ग्रस्ि िै ?
13. कहव हकस प्रकाि के ज्ञान को भू लना चाि ििा िै ?
14. बिे -बिे िाजा हकस पि न् यौछावि िोिे िैं ?
15. र्का हुआ पंर्ी हकस कािण जल्दी -जल्दी चलिा िै ?
16. कहव के मन में हकस चीज की आशं का िै ?
17. हचहियों के पिों में चंचलिा हकस कािण आ जािी िै ?
18. कहव के उि में कैसी हवह्लिा जन्म ले िी िै ?
19. कहव हकसहलए चंचलिा त्याग दे िा िै ?
20. हदशाओं को मृ दंग की ििि बजाने से क्या िात्पयथ िै ?
21. ‘उिने ’ औि ‘क्तखलने ’ का कहविा से क्या संबंध बनिा िै ?
13
22. कहविा के संदभथ में ‘हबना मु िझाए मिकने के माने ’ क्या िोिे िैं ?
23. ‘भाषा को सहहलयि’ से बििने से क्या अहभप्राय िै ?
24. िम समर्थ शक्तिवान औि िम एक दु बथल को लाएाँ गे पंक्ति के माध्यम से कहव नें क्या व्यंग्य
हकया िै ?
25. उषा का जादू क्या िै , औि क्यों िू ि ििा िै ?
26. कहव ने प्राि:कालीन वािाविण की समानिा नीले शंख से क्यों की िै ?
27. ‘काली हसल’ औि ‘स्लेि’ हकस दृश्य को हचहत्रि कििे िैं ?
28. कहव ने बादलों को ‘हवप्लव के बादल’ क्यों किा िै ?
29. िणििी हकसे किा गया िै ? वि हकन आकां क्षाओं से भिी िै ?
30. अक्तथर्ि सुख पि दु ख की छाया पंक्ति में दु ख की छाया हकसे किा गया िै औि क्यों?
31. ‘अशहन-पाि से शाहपि उन्नि शि-शि वीि’पंक्ति में हकसकी ओि संकेि हकया गया िै ?
32. शोकग्रस्त मािौल में िनु मानजी के अवििण को करूण िस के बीच वीि िस का आहवभाथ व क्यों
किा गया िै ?
33. िनु मान ने भिि के हकन गुणों की प्रशं सा की िै ?
34. िाम ने भािृ-प्रेम की िुलना में हकसको िीन माना िै ?
35. शायि िाखी के लच्छे को हबजली की चमक की ििि किकि क्या भाव व्यं हजि किना चाििा
िै ?
36. छोिे चौकोि खे ि को कागज का पन्ना किने में क्या अर्थ हनहिि िै ?
37. मे िा छोिा खे ि कहविा के संदभथ में अंधि औि बीज क्या िै ?
14
2‘मैं हनज िोदन में िाग हलए हफििा हाँ ,
शीिल वाणी में आग हलए हफििा हाँ ;
िो हजस पि भू पों के प्रासाद हनछावि,
मैं वि खं ििि का भाग हलए हफििा हाँ ।‘
6' धूि किौ, अवधूि किौ, िजपूिु किौ, जोलिा किौ कोऊ।
काह की बेिी सों बेिा न बयािब , काहहक जाहि हबगाि न सोऊ।
िुलसी सिनाम गुलामु िै िाम को, जाको रूचै सो किै कछु ओऊ।
मााँ गी कै खै बो, मसीि को सोइबो, लै बोको एकु न दै बको दोऊ।‘
15
9 ' कल्पना के िसायनों को पी
बीज गल गया हन:शे ष,
शब्द के अंकुि फूिे
-पुष्ों से नहमि हुआ हवशे ष।‘
--------------xxxxx--------------
16
इकाई – 2
काव्य बोध
क्र इकाई एवीं ववषय वस्तु इकाई वस्तु अीं कवार प्रश्नोीं क सींख्या कुल
पर वनष्ठ प्रश्न
आवीं वित प्रश्न
अीं क
1 2 3 4 5
अीं क अीं क अीं क अीं क अीं क
इ काव्य बोध
का काव्य के भे द (प्रबन्ध एवं 09 05 02 --- --- --- 02
ई मु िक काव्य के भे द एवं
2 उदाििण)
िस: परिचय (परिभाषा,
अंग, प्रकाि एवं
उदाििण)
अलं काि : परिचय एवं
प्रकाि(संदेि, सां गरूपक,
भ्रां हिमान,हविोधाभास एवं
व्यहििे क )
छन्द: परिचय एवं
प्रकाि(सोिठा,कहवि,सवैया
एवं रुबाइयााँ )
17
5. कौन सा भाव सुषुप्तावथर्ा में हवद्यमान िििा िै?
(अ) थर्ाई (ब) अथर्ाई (स) हवभाव (द) संचािी भाव
6. 'िघुपहि िाघव िाजा िाम पहिि पावन सीिािाम'
उपयुथि पंक्ति में हकस िस की अनु भूहि िोिी िै ?
(अ) शां ि िस (ब) शं गाि िस (स) भक्ति िस (द) भयानक िस
7. आिंकवादी नाम मात्र से उत्पन्न भय हकसके अंिगथि आएगा?
(अ) हवभाव (ब) अनु भाव (स) संचािी भाव (द) इनमें से कोई निीं
8. मािा की मृत्यु के वणथन में कौन सा िस िििा िै ?
(अ) िास्य (ब) भयानक (स) करुण (द) वीि
9. िामचरििमानस के 'िाम-लक्ष्मण-पिशुिाम- संवाद' में िुलसी ने हकस िस का प्रयोग हकया िै?
(अ) शां ि िस (ब) शं गाि िस (स) वीि िस (द) भक्ति िस
10. िरिश्चंद्र नािक के 'शमशान -वणथन' में हकस िस की अनुभूहि िोिी िै?
(अ) करुण िस (ब) वीभत्स िस (स) भयानक िस (द) शां ि िस
11. मिाकाव्य में जीवन का हचत्रण िोिा िै-
(अ) खं ि हचत्रण (ब) समग्र हचत्रण (स) हचत्रण निीं िोिा (द) इनमें से कोई निीं
12. खिी बोली का प्रर्म मिाकाव्य िै -
(अ) कामायनी (ब) हप्रयप्रवास (स) साकेि (द) िामचरिि मानस
13. पावथिी मंगल िर्ा पहर्क िै-
(अ) मिाकाव्य (ब) खं िकाव्य (स) मु िक काव्य (द) प्रबंध काव्य
14. हजसमें जीवन की हकसी एक घिना का वणथन िो; किलािा िै -
(अ) मिाकाव्य (ब) खं िकाव्य (स) पाठ्य मु िक (द) गेय मु िक
15. ऐसी पद बंध िचना हजसमें एक लघु (आख्यान) कर्ा वहणथि िोिी िै िर्ा हजसके छं दों में गेयिा
िोिी िै किलािा िै -
(अ) पाठ्य मु िक (ब) मु िक काव्य (स) मिाकाव्य (द) आख्यान क गीि
16. कबीि, िुलसी एवं ििीम के नीहि संबंधी दोिे उदाििण िैं -
(अ) पाठ्य मु िक (ब) गेयमु िक (स) आख्यानक गीि (द) इनमें से कोई निीं।
17. 'वक्रोक्ति काव्यस्य जीहविम् ' परिभाषा िै।
(अ) आचायथ हवश्वनार् (ब) कुंिक (स) जगन्नार् (द) आनं द वधथन
18. सवाथ हधक लोकहप्रय मिाकाव्य िै -
(अ) िामचरििमानस (ब) कामायनी (स) साकेि (द) पद्मावि
19. काव्य की शोभा बढाने वाले शब्द किलािे िैं-
(अ) अलं काि (ब) आलोचना (स) आलं बन (द) पात्र
20. जिााँ शब्द चयन द्वािा कर्न में सौंदयथ आिा िै विााँ िोिा िै -
(अ) शब्दालं काि (ब) अर्ाथ लंकाि (स) उभया अलं काि (द) इनमें से कोई निीं
21. काव्य के अर्थ औि भाव को चमत्काि पूणथ बनाने वाले अलं काि किलािे िैं -
(अ) अर्ाथ लंकाि (ब) शब्दालं काि (स) अनु प्रास अलं काि (द) उपमा अलं काि
22. "लक्ष्मी र्ी या दु गाथ र्ी वि स्वयं वीििा का अविाि" में अलंकाि िै-
18
(अ) भ्रां हिमान अलं काि (ब) संदेि अलं काि (स) हविोधाभास (द) इनमें से कोई निीं
23. " चंद के भिम िोि, मोद िै कुमोहदनी को"। उदाििण िै -
(अ) उपमा अलं काि (ब) संदेि अलं काि(स) भ्रां हिमान अलं काि (द) हविोधाभास अलं काि
24. "मोिब्बि एक मीठा जिि िै"इस वाक्य में अलंकाि िै -
(अ) हवभावना (ब) हविोधाभास (स) हवशे षोक्ति (द) व्यहििे क
25. उपमेय के अंगों अर्वा अवयवों पि उपमान के अंगों अर्वा अवयवों का आिोप किलािा िै।
(अ) सां ग रूपक (ब) उपमा (स) उत्प्रेक्षा (द) अनु प्रास
26. कहविा के शाक्तब्दक अनुशासन को कििे िैं-
(अ) िस (ब) छन्द (स) अलं काि (द) वाक्य
27. छन्द के प्रकाि िैं-
(अ) 2 (ब) 3 (स) 4 (द) 5
28. मात्रा की गणना के आधाि पि हजस छन्द की िचना िोिी िै, उसे कििे िैं-
(अ) वहणथक छन्द (ब) माहत्रक छन्द (स) घनाक्षिी छन्द (द) दोिा छन्द
29. कहविा के प्रत्येक चिण में वणथ िोिे िैं -
(अ) 36 (ब) 33 (स) 31 (द) 28
30. हिंदी काव्य में मुि छन्द के प्रविथक िैं-
(अ) सुहमत्रानं दन पंि (ब) सूयथकां ि हत्रपाठी 'हनिाला'
(स) मिादे वी वमाथ (द) जयशं कि प्रसाद।
31. दु हमथल में वणों की संख्या िोिी िै -
(अ) 26 (ब) 28 (स) 32 (द) 24
32. दोिा छन्द का उल्टा िोिा िै-
(अ) सोिठा (ब) सवैया (स) कहवि (द) छप्पय
33. 'यहि 'का छन्द में अर्थ िै-
(अ) हविाम (ब) लय (स) गहि (द) िुक
34. उदू थ औि फािसी की छन्द शैली किलािी िै-
(अ) गजल (ब) रुबाई (स) चौपाई (द) इनमें से कोई निीं
35. माहत्रक छन्द का उदाििण िै-
(अ) कहवि (ब)सवैया (स)सोिठा (द) इनमें से कोई निीं।
36. माधुयथ काव्य गुण हकन िसों में पाया जािा िै?
(अ) वीि िस (ब) शं गाि िस (स) करुण िस (द) िास्य िस
37. काव्य गुणों की संख्या हकिनी मानी गई िै?
(अ) 2 (ब) 3 (स) 4 (द) 5
38. हजस काव्य गुण हवशेष के कािण सहृदय का हचि व्याप्त िो जािा िै ,अर्ाथ ि सहृदय के हचि
में अर्थ पूिे का पूिा िम जािा िै उसे कििे िैं -
(अ) माधुयथ गुण (ब) ओज गुण (स) प्रसाद गुण (द) कोई गुण निीं
ररि स्थान में सि ववकल्प चुनकर वलक्तखए –
1. आचायथ भिि ने ..............काव्य की आत्मा माना िै ।( िस को/ अलं काि को)
19
2. आश्रय के हचत्र में उत्पन्न िोने वाले अथर्ाई मनोहवकािों को..............कििे िैं ।( संचािी
भाव/ थर्ाई भाव)
3. भाव पक्ष में ..............प्रधान िोिा िै ।( िस/ अलं काि)
4. संचािी भाव की संख्या..............मानी गई िै ।(11/ 33)
5. थर्ाई भाव की संख्या..............मानी गई िै।(10/12)
6. प्रत्येक िस का एक..............हनयि िोिा िै ।( थर्ाई भाव/ संचािी भाव)
7. िस के प्रमु ख भे द..............िोिे िैं ।(10/ 12)
8. िस के प्रमु ख अंग..............िोिे िैं ।(4/5)
9. वीभत्स िस का थर्ाई भाव..............िोिा िै ।( हवस्मय/जु गुप्सा)
10. हवभाव के..............प्रकाि िोिे िैं ।(2/4)
11. अनु भाव के भे द..............िोिे िैं ।(4/5)
12. आश्रय की बाह्य शािीरिक चेष्टाएाँ ..............किलािी िै ।( अनु भाव /हवभाव)
13. थर्ाई भाव को जागृि किने वाले कािण..............किलािे िैं ।( आलं बन /उद्दीपन)
14. क्रोध थर्ाई भाव जागृि िोकि..............िस के रूप में परिहणि िोिा िै ।( िोद्र/
िास्य)
15. व्यं ग्योक्ति को पढकि, दे ख कि अर्वा सुनकि........िस की हनष्हि िोिी िै ।( िास्य
/अद् भु ि)
16. काव्य के भे द..............िोिे िैं (2/3)
17. " िमणीयार्थ प्रहिपादक:शब्द : काव्य म"..............किा िै ।( जगन्नार्/ हवश्वनार्)
18. खं िकाव्य सगथ बद्ध िोना आवश्यक..............माना जािा िै ।( सिी/ निीं)
19. कुरुक्षे त्र..............िैं ।( खं िकाव्य / मिाकाव्य )
20. मिाकाव्य में ..............सगथ िोिे िै । (4/8)
21. िामचरिि मानस मिाकाव्य ..............का िै ( िुलसीदास/ सूिदास)
22. मु िक काव्य ..............िोिे िैं ।( स्विंत्र /क्रमबद्ध)
23. मधुशाला..............काव्य िै ।( मुिक/ प्रबंध)
24. हबिािी सिसई िचना..............की िै ।( हबिािी /घनानं द)
25. मु िक काव्य में प्रत्येक..............का स्विंत्र अर्थ िोिा िै ।( छन्द/ िस)
26. सूिदास के पद..............किलािे िैं ।( मुि/ प्रबंध)
27. .............. के दो भे द मिाकाव्य औि खंिकाव्य िै ।(प्रबंध काव्य/मुिक काव्य )
28. िागात्मकिा की प्रधानिा वाले मुिक को.............कििे िैं -(पाठ्य मुिक/गेय मु िक
29. शब्द औि अर्थ की शोभा बढाने वाले अलं किण को............कििे िैं ।( छन्द/ अलं काि)
30. ..............अलं काि में अहनश्चय की क्तथर्हि बनी िििी िै ।( संदेि/ भ्रां हिमान)
31. जिााँ कर्न में शब्द गि औि अर्थ गि दोनों िी प्रकाि का चमत्काि औि सौंदयथ िो
विााँ ..............िोिा िै ( शब्दालं काि/ उभया अलं काि)
32. हकसी हवशे ष समानिा के कािण हकसी दू सिी वस्तु का भ्रम िो जाए
विााँ .........................िोिा िै ।( भ्रां हिमान /संदेि)
33. काव्य का शिीि..............किा जािा िै ।( छन्द /अलं काि)
20
34. उपमान की अपेक्षा उपमे य को काफी बढा चढाकि वणथन हकया जािा िैं ।
वि..............किलािा िै ।( हवभावना/ व्यहििे क अलं काि)
35. छन्द शास्त्र में 'पाद' का अर्थ छन्द का..............भाग िोिा िै ।( चिुर्थ /िृिीय)
36. एक छन्द में ..............से अहधक चिण िो सकिे िैं ।(4/2)
37. ..............सवैया के प्रत्येक चिण में 7 सगन औि दो गुरु िोिे िैं ।( माहत्रक/ मिगयंद)
38. ..............वणों का एक गण िोिा िै ।( 2/3)
39. छन्द में िस्व को लघु दीघथ को..............कििे िैं ।( गुरु /बिा)
40. सोिठा में ..............मात्राएं िोिी िै ।(24/26)
41. मिगयंद में चाि चिण िोिे िैं । प्रत्येक चिण में ..............वणथ िोिे िैं ।(23/28)
42. हजनके चािों चिणों में समान मात्राएं िो...........किलािा िै ( सम माहत्रक छन्द/ हवषम
माहत्रक छन्द)
43. 22 से 26 मात्रा वाले छन्द को ............ किा जािा िै ( कहवि/सवैया)।
44. शब्द के अर्थ का बोध किाने वाली शक्ति या व्यापाि...........को कििे िैं ( शब्द गुण
/शब्द शक्ति)
45. शब्द शक्ति...........प्रकाि की िोिी िै (3/4)
46. शब्द औि अर्थ का साक्षाि संबंध...........किलािा िै ( अहभधा/ व्यंजना)
47. हजस शब्द शक्ति से प्रचहलि अर्थ का बोध न िोकि इससे संबंहधि अन्य अर्थ का बोध िो
उसे ...........कििे िैं ।( लक्षणा /व्यं जना)
48. शब्द की हजस शक्ति से प्रचहलि अर्थ एवं लक्ष्यार्थ से हभन्न हकसी िीसिे अर्थ का बोध िो उसे
...........कििे िैं ?( अहभधा/ व्यं जना)
49. हकसी शब्द का गूढ या सूक्ष्म अर्थ .........शब्द शक्ति से प्रकि िोिा िै ?( लक्षणा /व्यंजना)
50. जो गुण काव्य में जोश औि ओज उत्पन्न कििा िै, वि...........किलािा िै ।( प्रसाद
गुण /ओज गुण)
51. शं गाि शां ि, करुण िस में हवशे ष रूप से.........पाया जािा िै ।( प्रसाद गुण/ माधुयथ गुण)
52. ' िे प्रभु आनं द दािा! ज्ञान िमको दीहजए' में ...........गुण िै ( प्रसाद /ओज)
53. ...........में ि वणथ का िर्ा संयुि वणों का अहधक प्रयोग हकया गया िै ( ओज गुण
/प्रसाद गुण)
54. िोद्र ,वीि ,औि वीभत्स िसों में ...........पाया जािा िै ( माधुयथ गुण/ ओज गुण)
55. काव्य में हबम्ब को...........माना जािा िै । ( शब्द हचत्र / हबम्ब हचत्र )
56. हबम्ब के भे द...........िोिे िैं । ( 2 / 3 )
57. हवधान हिं दी साहित्य में कहविा की...........िैं । ( एक हवधा / एक शै ली )
58. हबम्ब शब्द अंग्रेजी के...........का हिं दी रूपां िि िै ।( इमे ज / पेज )
59. काव्य में कायथ की मू हिथ किण के हलए सिीक...........िोिी िै । ( वाक्य योजना /
हबम्ब योजना )
60. पाश्चात्य काव्य शास्त्र में ...........कहविा का अहनवायथ अंग माना िै ।( हबम्ब को / गुण
को )
61. उमाशं कि जोशी ने अपनी कहविा 'बगुलो के पंख' में ...........का सुंदि प्रयोग हकया
िै ।( चाक्षु ष हबम्ब / सिल हबम्ब )
21
सि जोड़ बनाकर वलक्तखए-
(1)
अ ब
i मिाकाव्य क) झां सी की िानी
ii खं िकाव्य ख) हबिािी सिसई
iii आख्यानक गीहियां ग) पंचविी
iv मु िक काव्य घ) कामायनी
v िक्तििर्ी ि.) िामधािी हसंि हदनकि
(2)
अ ब
i आचायथ िामचंद्र शु क्ल क) सां ग रूपक
ii उपमे य में उपमान का आिोप ख) अलं काि काव्य की आत्मा
iii उपमे य को उपमान से श्रे ष्ट ग) संदेि अलं काि
iv इसमें भ्रम दू ि किना संभव निीं घ) व्यहििे क अलं काि
v इसमें अहनश्चय की क्तथर्हि बनी िििी िै ि.) भ्रां हिमानअलं काि
(3)
अ ब
i छन्द के प्रकाि क) वहणथक छन्द
ii वणों की गणना वाला छन्द ख) लघु एवं दीघथ
iii मात्राओं की गणना वाला छन्द ग) मात्रा
iv वणथ घ) दो
v वणथ के बोलने में लगा समय ि.) माहत्रक छन्द
(4)
अ ब
i चारु चंद्र की चंचल हकिणें क) माधुयथ गुण
ii खे ल ििी िै जल र्ल में
बुंदेले ििबोलों के मुं ि ख) प्रसाद गुण
िमने सुनी किानी र्ी
iii यिी आिा िै इस मन में , ग) ओज गुण
छोि धन- धाम जाकि,
मैं भी िहं उसी वन में ।
iv माधुयथ गुण घ) वीि िस
v प्रसाद गुण ि.) शं गाि िस
vi ओज गुण च) शां ि िस
22
3. अब मैं नाच्यो बहुि गोपाला। में कौन सा िस िै ।
4. िस क्या िै? हलक्तखए ।
5. भयानक िस का थर्ाई भाव बिाइए ।
6. अनुभाव के प्रकाि बिाइए।
7. संचािी भाव की संख्या हकिनी मानी गई िै?
8. प्रमुख संचािी भाव के नाम हलक्तखए।
9. िस के अंगों के नाम हलक्तखए।
10. आधुहनक काल के दो मिाकाव्य के नाम हलक्तखए।
11. खंिकाव्य का एक उदाििण हलक्तखए।
12. मुिक काव्य का एक उदाििण हलक्तखए।
13. प्रबंध काव्य के प्रकाि हलक्तखए।
14. मुिक काव्य के प्रकाि हलक्तखए।
15. हवस्तृि कलेवि वाले काव्य को क्या कििे िैं ?
16. आधुहनक युग के गेय मुिक (प्रगीि) कहवयों के नाम हलक्तखए।
17. मुिक काव्य से आप क्या समझिे िैं?
18. प्रबंध काव्य हकसे कििे िैं?
19. हजस काव्य के छन्दों पि पूवाथ पि संबंध ना िो उसे क्या कििे िैं?
20. काव्य का सौंदयथ बढाने वाले धमथ अलंकाि किलािे िैं। हकसकी परिभाषा िै?
21. शब्द औि अर्थ के आधाि पि अलंकाि के हकिने प्रकाि िोिे िैं?
22. जिााँ काव्य की शोभा वृक्तद्ध का आधाि शब्द िो विााँ कौन सा अलंकाि िोिा िै?
23. जिााँ उपमेय को उपमान से श्रेष्ट बिाया जाए विााँ कौन सा अलंकाि िोिा िै?
24. सािी बीच नािी िै हक नािी बीच सािी िै हकस अलंकाि का उदाििण िै?
25. "जान श्याम घनश्याम को नाच उठे वन मोि"। हकस अलंकाि का उदाििण िै?
26.कहविा में रुकने औि आगे बढने के हनयम को क्या कििे िैं?
27. छन्द के प्रकाि हलक्तखए।
28. दु हमथल सवैया का दू सिा नाम क्या िै?
29. प्रत्येक पंक्ति में 31 वणथ वाली िचना क्या किलािी िै?
30. इसमें चाि पंक्तियााँ िोिी िै । पिली, दू सिी, औि चौर्ी पंक्ति में िुक हमलाया
जािा िै िीसिी पंक्ति स्वच्छं द िोिी िै ।यि उदू थ औि फािसी की एक शैली िै क्या
किलािी िै ?
31."काव्य हबम्ब शब्दार्थ के माध्यम से कल्पना द्वािा हनहमथि एक ऐसी मानस छहव िै
हजसके मू ल में भाव की प्रेिणा िििी िै "। हकसकी परिभाषा िै ?
32. हबम्ब के भे द के नाम बिाइए।
33. हबम्ब का शाक्तब्दक अर्थ बिाइए।
34. हबम्ब का प्रयोग साहित्य में कब से िोिा ििा िै ?
35. हकस कहव की पिचान एक हबम्ब धमी कहव के रूप में िै ?
36. एं हद्रय हबम्ब के प्रकाि हलक्तखए।
37. प्रेिक अनु भूहि के आधाि पि हबम्ब के प्रकाि बिाइए।
23
38. शमशेि बिादु ि हसंि की अप्रहिम सफलिा के प्रमुख साधन क्या िै ?
24
37.छन्द के दो प्रकाि माहत्रक औि वहणथक िोिे िैं।
38.वणथ,मात्रा, यहि,चिण, िुक एवं गण छन्द के अंग िोिे िैं।
39.ओज गुण शां ि िस की कहविाओं में पाया जािा िै।
40.माधुयथ गुण में कोमल वणों की प्रधानिा िोिी िै।
41.प्रसाद गुण प्राय सभी िसों में पाया जािा िै।
42.हजस ििि वीििा, उदाििा, दया आहद मनुष्य की आत्मा के धमथ िै उसी ििि
माधुयथ, ओज औि प्रसाद िस के धमथ िै ।
43.शब्द गुण को काव्य गुण भी कििे िैं।
44.हबम्ब हकसी पदार्थ का मानहचत्र या मानसी हचत्र िोिा िै।
45.स्मृहि हबम्ब औि कक्तल्पि हबम्ब काल्पहनक हबम्ब के प्रकाि िैं।
46.हबम्ब से मक्तस्तष्क में हकसी सादृश्य का हचत्र निीं उभििा िै।
47.हबम्ब हवधान में भावनाओं को उिेहजि किने की शक्ति िोिी िै।
48.हबम्ब हकसी पदार्थ की प्रहिकृहि के हलए प्रयुि निीं िोिा िै।
49.हबम्ब सावथभौहमक िोिे िैं।
50. हबम्ब में नवीनिा औि िाजगी िोिी िै।
51. मुक्तिबोध ने अपनी िचनाओं में ध्वहन स्पशथ प्राकृहिक वैज्ञाहनक आहद अनेक हबंबों का
सजीव हचत्रण हकया िै ।
52. हफिाक गोिखपुिी की शायिी में आवश्यकिानुसाि हबंबों का प्रभावी प्रयोग हकया िै।
53. हबम्ब कल्पना द्वािा इं हद्रय अनुभव के आधाि पि हनहमथि निीं िोिा िै।
25
18. प्रबंध काव्य का अर्थ बिािे हुए उसके भे द हलक्तखए।
19. खं ि काव्य हकसे कििे िैं ? हलक्तखए।
20. मिाकाव्य की हवशे षिाएाँ हलक्तखए।
21. खं ि काव्य की हवशेषिाएाँ हलक्तखए।
22. दो मिाकाव्य औि उनके िचनाकािों के नाम हलक्तखए।
23. दो खं िकाव्य औि उनके िचनाकािों के नाम हलक्तखए।
24. आख्यान गीि हकसे कििे िैं उदाििण हलक्तखए।
25. प्रबंध काव्य मु िक काव्य में अंिि हलक्तखए।
26. मिाकाव्य औि खं िकाव्य में अंिि हलक्तखए।
27. पाठ्य मु िक एवं गेय मुिक में अंिि हलक्तखए।
28. मु िक काव्य के रूप हलक्तखए िर्ा उसके प्रमु ख लक्षण भी हलक्तखए।
29. मिाकाव्य हकसे कििे िैं ? पााँ च मिाकाव्य के नाम औि िचनाकािों के नाम हलक्तखए।
30. अलं काि की परिभाषा एवं भे द हलक्तखए।
31. अलं कािों के प्रकाि पि प्रकाश हलक्तखए।
32. सां गरूपक अलं काि की परिभाषा हलक्तखए।
33. सां गरूपक अलं काि के प्रकाि हलक्तखए।
34. सां गरूपक अलं काि की परिभाषा हलक्तखए।
35. संदेि अलं काि की परिभाषा हलक्तखए।
36. भ्रां हिमान अलं काि की परिभाषा हलक्तखए।
37. हविोधाभास अलं काि की परिभाषा हलक्तखए।
38. व्यहििे क अलं काि की परिभाषा हलक्तखए।
39. छन्द हकसे कििे िैं ?
40. छन्द हकिने प्रकाि के िोिे िैं ?
41. वहणथक ओि माहत्रक छन्द में अंिि हलक्तखए।
42. सोिठा के लक्षण हलक्तखए।
43. कहवि छन्द की परिभाषा हलक्तखए।
44. सवैया छन्द की परिभाषा एवं प्रकाि हलक्तखए।
45. रूबाई छन्द की हवशे षिाएाँ हलक्तखए।
46. कहवि छन्द का उदाििण हलक्तखए।
47. सवैया छन्द का उदाििण एवं प्रकाि हलक्तखए।
48. मिगयंद सवैया के लक्षण औि उदाििण हलक्तखए।
49. दु हमथ ल सवैया के लक्षण औि उदाििण हलक्तखए।
50. दोिा औि सोिठा में अंिि हलक्तखए।
51. शब्द शक्ति हकसे कििे िैं ? उसके भे दों के नाम हलक्तखए।
52. शब्द शक्ति के भे द उदाििण सहिि हलक्तखए।
53. अहभधा शब्द शक्ति की परिभाषा हलक्तखए।
54. लक्षणा शब्द शक्ति उदाििण सहिि हलक्तखए।
55. व्यं जना शब्द शक्ति हकसे कििे िैं ? उदाििण हलक्तखए।
26
56. अहभधा औि लक्षणा शब्द शक्ति में अंिि हलक्तखए।
57. लक्षणा औि व्यं जना शब्द शक्ति में अंिि हलक्तखए।
58. शब्द गुण या काव्य गुण की परिभाषा औि प्रकाि हलक्तखए।
59. प्रसाद गुण संपन्न कहविाओं की क्या हवशे षिा िै ? हलक्तखए।
60. ओज गुण का एक उदाििण हलक्तखए।
61. माधुयथ गुण की परिभाषा उदाििण सहिि हलक्तखए।
62. माधुयथ औि प्रसाद गुण में अंिि हलक्तखए।
63. ओज औि माधुयथ गुण में अंिि हलक्तखए।
64. हबम्ब क्या िै ? उदाििण के माध्यम से हलक्तखए।
65. हबम्ब के भे द हलक्तखए।
66. प्रेिक अनु भूहि के आधाि पि हबम्ब के प्रकाि हलक्तखए।
67. हबम्ब हकिने प्रकाि के िोिे िैं ?
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इकाई – 3
आरोि िाग – 2 गद्य खण्ड
इकाई एवीं ववषय वस्तु इकाई वस्तु अीं कवार प्रश्नोीं क सींख्या कुल
पर वनष्ठ प्रश्न
आवीं वित प्रश्न
अीं क
1 2 अीं क 3 4 5
अीं क अीं क अीं क अीं क
आरोि िाग 2 , गद्य खण्ड
गदय साहित्य का इहििास,
17 06 02 01 01 --- 04
हवकासक्रम,प्रवृहियााँ एवं गद्य
की हवधाएाँ
ले खक परिचय
व्याख्या (सन्दभथ , प्रसंग,
व्याख्या, हवशे ष)
हवषयवस्तु एवं हवचाि बोध पि
आधारिि प्रश्न
27
अ बिा भाई ब. ससुि का पुत्र स. जे ठ का पुत्र द. दे वि का पुत्र
3. भक्तिन का वास्तहवक नाम र्ा-
अ मीिा ब. िाधा स. लछहमन द. सिस्विी
4. भक्तिन गले में पिनिी र्ी-
अ महणमाला ब. कंठी माला स. मोिी माला द. सोने की माला
5. मिादे वी वमाथ का जन्म वषथ िै -
अ 1905 ब. 1906 स. 1907 द. 1908
6. ‘यामा’ काव्य–संग्रि िै -
अ मीिाबाई का ब. मिादे वी वमाथ का
स. सुमद्रा कुमािी चौिान का द. जयशं कि प्रसाद का
7. बाजाि दशथ न पाठ के लेखक िैं -
अ. धमथ वीि भाििी ब. जै नेन्द्र कुमाि
स. हवष्णु खिे द. मिादे वी वमाथ
8. ‘पिख’ उपन्यास के ले खक िैं -
अ िजािी प्रसाद हद्ववेदी ब. प्रेमचंद
स. यशपाल द. जै नेन्द्र कुमाि
9. बाजाि दशथ न पाठ िै -
अ हनबंध ब. किानी स.िे खाहचत्र द.संस्मिण
10. पचेहजं ग पावि का अर्थ िै -
अ सामान ब. खिीदने की शक्ति स.अहग्रम िाहश द. इच्छा
11. बाजाि का जादू चढने का अर्थ िै -
अ आकषथ क वस्तु एाँ ब. उपिाि की वस्तु एाँ
स.उधाि की वस्तु एाँ द. उपिाि की वस्तु एाँ
12. बाजाि दशथ न पाठ का केंद्रीय भाव िै -
अ बाजािवाद ब. िाजनीहि स.धमथ द. समाज
13. ‘काले मे घा पानी दे ’ पाठ के ले खक िैं ।
अ मिादे वी वमाथ ब. िजािी प्रसाद हद्ववेदी स. धमथ वीि भाििी द. हवष्णु खिे
28
19. ‘पिलवान की ढोलक’ पाठ के ले खक िैं -
अ जै नेन्द्र कुमाि ब. मिादे वी वमाथ स. धमथ वीि भाििी द. फणीश् विनार्िे णु
20. ‘मै ला आं चाल’ उपन्यास के ले खक िैं -
अ फणीश् विनार्िे णु ब. प्रेमचंद स. वृंदावनलाल वमाथ द. िां गेय िाघव
21. ‘पिलवान की ढोलक’ पाठ की हवधा िै -
अ एकां की ब. किानी स. हनबंध द. िे खाहचत्र
22. ‘चि् -हगि-धा’ का अर्थ िै-
अ. मि ििना ब. वाि पट्ठे स. वाि! बिादु ि द. दााँ व कािो
23. लु ट्टन हसंि र्ा
अ िीिं दाज ब. पिलवान स. मदािी द. हवदू षक
24. ‘शे ि के बच्चे ’ का असल नाम र्ा-
अ. बाबू हसंि ब. दीवान हसंि स. चााँ द हसंि द. सूिज भान
25. ‘हशिीष के फूल’ पाठ के ले खक िैं -
अ मिावीि प्रसाद हद्ववेदी ब. धमथ वीि भाििी
स. िजािी प्रसाद हद्ववेदी द. िामचंद्र शु क्ल
26 ‘बाणभट्ट की आत्मकर्ा ’ उपन्यास के लेखक िैं
अ िजािी प्रसाद हद्ववेदी ब. प्रेमचंद स. यशपाल द. मिावीि प्रसाद हद्ववेदी
27 ईक्षु का अर्थ िै -
अ मख्खी ब. लाठी स. आम का पेि द. गन्ने का िना
28 ‘अशोक के फूल’ के िचहयिा िैं -
अ िां गेय िाघव ब. मुंशी प्रेमचंद स. िजािी प्रसाद हद्ववेदी द. िामचंद्र शु क्ल
29 नीचे से ऊपि िक फूलों से लदा र्ा-
अ आम का पेि ब. अमरूद का पेि स. हशिीष का पेि द. जामु न का पेि
30 हशिीष के वृक्ष िोिे िैं -
अ कां िेदाि ब. छायादाि स. मीठे फलदाि द. नु कीले
29
स. समाज हवभाजन को द. अर्थ हवभाजन को
38 उत्पीिन का अर्थ िै
अ शोषण ब. मदद स. उलािना द. पेशा
39 समिा व भ्रािृिा वास्तहवक रूप क्या िै -
अ लोकिंत्र ब. िाजिंत्र स. नीहििंत्र द. लोकिंत्र औि िाजिंत्र
40 खिी बोली गद्य की प्रर्म िचना िै –
अ इं दुमिी ब. अष्टयाम स. पिीक्षागुरु द. गौिा बादल की कर्ा
30
29. ‘कुिज’ िचना ................की िै । (िजािी प्रसाद हद्ववेदी/मिावीि प्रसाद हद्ववेदी)
30. धरित्री का अर्थ ................ िोिा िै । (पृथ्वी /आकाश)
31. मैं साहित्य को मनु ष्य की दृहष्ट से दे खेने का ................ हाँ । (पक्षपािी/आदी)
32. िजािी प्रसाद हद्ववेदी का जन्म थर्ान ................ िै । (छपिा/सिािनपुि)
33. हशिीष के वृक्ष बिे औि ................ िोिे िैं । (छायादाि/बदबूदाि)
34. जिा औि मृ त्यु ये दोनों िी जगि के अहिपरिहचि औि अहिप्रामाहणक ........ िैं ।
(सत्य /हनत्य )
35. िॉ. अम्बेिकि ने भाईचािे को ............... हमश्रण किा िै ।(दू ध-चीनी/दू ध-पानी)
36. जाहि प्रर्ा का दू सिा रूप ............... िै । (श्रम हवभाजन/समाज हवभाजन)
37. जाहि प्रर्ा ............... से िाहनकािक िै । (आहर्थ क पिलू /िाजनीहिक पिलू )
38. मे िा आदशथ समाज स्विंत्रिा ,समिा औि ............... पि आधारिि
िोगा।(भ्रािृिा/सियोग)
39. ‘समिा’ यघहप काल्पहनक ............... की िै । (जगि/हमथ्या )
40. िॉ आं बेिकि जाहि प्रर्ा के ............... र्े । (समर्थ क/हविोधी)
(2)
अ ब
i. असबाब क सीहमि
ii. दिकाि ख अहग्रम िाहश
iii. परिहमि ग सामान
iv. पेशगी घ जरूिि
v. दारुण ि. मित्त्विीन
vi. नाचीज च भयंकि
(3)
अ ब
i.दसिपा क पंद्रि हदन की अवहध
ii.पखवािा ख िपिे दस हदन
iii.िे ििे ग पशु
iv.ढोि-ढं गि घ पुकािने
v.अर्घ्थ ि. भु ना हुआ अन् न
vi.भू जा च जल चढाना
31
(4)
अ ब
I. भयाि्थि क हवलाप
II. रुदन ख भय से पीहिि
III. पट्ठा ग यश
IV. कीहिथ घ पिलवान
V. गद्गद िोना ि. सम्मान बचाना
VI. लाज िखना च खु श िोना
(5)
अ ब
i. भक्तिन क िजािी प्रसाद द्ववेदी
ii. बाज़ाि दशथ न ख बाबा सािे ब भीमिाव आम्बे िकि
iii. काले मे घा पानी दे ग फणीश्वि नार् िे णु
iv. पिलवान की ढोलक घ धमथ वीि भाििी
v. हशिीष के फूल ि. जै नेन्द्र कुमाि
vi. मे िी कल्पना का आदशथ समाज च मिादे वी वमाथ
(6)
अ ब
i. पलाश क पूाँछ वाले
ii. दु मदाि ख हबना पूाँछ के
iii. लाँ िूिे ग ढाक
iv. हिल् लोल घ झूला
v. दोला ि. बुढापा
vi. जिा च लिि
(7)
अ ब
i. हविम्बना क. बाँिवािा
ii. पोषक ख. दु भाथ ग्य
iii. हवभाजन ग. बढाने वाला
iv. हवपिीि घ. दोषपूणथ
v. दू हषि ि. भाईचािा
vi. भ्रािृिा च. उल्टा
32
6. भक्तिन औि ले क्तखका के बीच कैसा संबंध िै ?
7. जे ठ का पुत्र क्या किलािा िै ?
8. ‘बाजाि दशथ न’ हकस हवधा में हलखा गया िै ।
9. ‘खे ल’ किानी के िचहयिा कौन िैं ?
10. जै नेन्द्र कुमाि का जन्म हकस सन में हुआ र्ा?
11. चूिन बेचने का काम कौन कििा र्ा?
12. पचेहजं ग पावि से क्या आशय िै ?
13. ‘बाजाि दशथ न’ पाठ के लेखक कौन िै ?
14. अहकंहचिकि का क्या अर्थ िै ?
15. काले मे घा पानी दे ’ हकस हवधा में हलखा गया िै ?
16. ‘गुनािों का दे विा’ उपन्यास के ले खक कौन िैं ।
17. धमथ वीि भाििी का जन्म वषथ क्या िै ?
18. बच्चों की सेना का क्या नाम र्ा?
19. गुिधानी का क्या अर्थ िै ?
20. लिकों की िोली को क्या नाम हदया गया?
21. ‘काले मे घा पानी दे ’ पाठ के ले खक कौन िै ?
22. ‘पिलवान की ढोलक’ पाठ हकस हवधा में हलखा गया िै ?
23. ‘मै ला आं चल’ उपन्यास के ले खक कौन िैं ?
24. फणीश् वि नार् िे णु का जन्मवषथ क्या िै ?
25. ‘पिलवान की ढोलक’ किानी का मु ख्य पात्र कौन िै ?
26. ‘शे ि के बच्चे’ का असल नाम क्या र्ा?
27. लु ट्टन हसंि पिलवान की कीहिथ किााँ िक फैली र्ी?
28. हशिीष का फूल कब लिकिा िै ?
29. जगि के सत्य क्या िैं ?
30. अवधूि हकसे किा गया िै ?
31. िामायण हकसकी िचना िै ?
32. अनासि का क्या अर्थ िै ?
33. हशिीष के फूल कैसे िोिे िैं ।
34. हशिीष के वृक्ष कैसे िोिे िैं ।
35. िॉ. भीमिाव आं बेिकि का जन्म कब औि किां हुआ र्ा?
36. ‘बुद्धा एं ि हिज धम् मा’ के िचहयिा कौन िैं ?
37. िॉ. आं बेिकि ने उच्च हशक्षा हकसके प्रोत्सािन से प्राप्त की?
38. िॉ. आं बेिकि पढ-हलखकि क्या बनना चाििे र्े ।
39. िॉ. आं बेिकि के हचंिन के िीन प्रेिक व्यक्ति कौन र्े ?
40. िॉ. आं बेिकि हकस मि के अनु यायी र्े ।
41. भािि के संहवधान हनमाथ िा हकसे किा जािा िै ।
33
सत्य /असत्य कथन वलक्तखए-
1. भक्तिन दे िाहिन र्ी।
2. भक्तिन का कद लम्बा र्ा।
3. मिादे वी वमाथ छायावादी कवहयत्री िैं ।
4. ‘अिीि के चलहचत्र’ मिादे वी वमाथ की िचना िै।
5. ‘भक्तिन’ मिादे वी का संस्मिणानात्मक िे खाहचत्र िै ।
6. भक्तिन का जीवन संघषथ शील ििा िै ।
7. बाजाि दशथ न पाठ की ले खक मिादे वी वमाथ िैं ।
8. जै नेन्द्र कुमाि उपन्यास काि िैं ।
9. खिीदने की शक्ति को िी ले खक ने पचेहजं ग पावि किा िै ।
10. ‘त्याग पत्र’ मनोवैज्ञाहनक उपन्यास िै ।
11. जै नेन्द्र कुमाि का जन्म सन 1905 में हुआ र्ा।
12. ‘अपना-अपना किानी के िचहयिा प्रेमचंद िैं ।
13. धमथ वीि भाििी प्रहसद्ध नािककाि िैं ।
14. ‘गुनािों’ को दे विा’ उपन्यास के लेखक प्रेमचंद िैं ।
15. ‘कनु हप्रया’ धमथ वीि भाििी का कहविा संग्रि िै ।
16. धमथ वीि भाििी का जन्म सन् 1926 में हुआ र्ा।
17. इं दि सेना सबसे पिले गंगा मै या की जय बोलिी िै।
18. लिकों की िोली को मे ढक मं िली नाम हदया गया िै ।
19. ‘पिलवान की ढोलक’ पाठ हनबंध हवधा में हलखा गया िै ।
20. ‘मै ला आं चल’ उपन्यास के ले खक फणीश् विनार् िे णु िैं ।
21. चााँ द हसंि को िार्ी का बच्चा किा जािा र्ा।
22. क्रंदन का अर्थ हवलाप किना िै ।
23. लु ट्टन बचपन में गाय चिािा र्ा।
24. कीहिथ शब्द का पयाथ य यश िै ।
25. हशिीष को अवधूि किा गया िै ।
26. हशिीष के वृक्ष कााँ िेदाि िोिे िैं ।
27. बसंि के अगमन के सार् हशिीष का फूल लिकिा िै ।
28. गन्ने का िना को ईक्षु दण्ड कििे िैं ।
29. ‘अशोक के फूल’ मिावीि प्रसाद हद्ववेदी की िचना िै ।
30. हशिीष का फूल अत्यंि कठोि िोिा िै ।
31. िॉ.आं बेिकि को संहवधान हनमाथ िा किा जािा िै ।
32. िॉ.आं बेिकि बौद्ध मिानु यायी बने ।
33. िॉ.आं बेिकि पढ-हलखकि वैज्ञाहनक बनना चाििे र्े ।
34. िॉ.आं बेिकि बिौदा निे श के प्रोत्सािन से उच्च हशक्षा प्राप्त की।
35. िॉ.आं बेिकि का जन्म 15 अप्रैल को मह में हुआ र्ा।
36. िॉ.आं बेिकि ने उच्च हशक्षा अमे रिका औि लं दन से प्राप्त की।
34
लघु उत्तर य प्रश्न (02अीं क)
गद्य क ववधाएँ
1. किानी औि उपन्यास में कोई दो अंिि हलक्तखए |
2. िे खाहचत्र औि संस्मिण में कोई दो अंिि हलक्तखए |
3. जीवनी औि आत्मकर्ा में कोई दो अंिि हलक्तखए |
4. नािक औि एकां की में कोई दो अंिि हलक्तखए |
5. हनबंध को गद्य की कसौिी क्यों किा जािा िै ?
6. शु क्लयुग के गद्य की प्रमु ख हवशे षिाएाँ हलक्तखए |
7. हद्ववेदीयुग के गद्य की प्रमुख हवशे षिाएाँ हलक्तखए |
8. गद्य की हवधाओं को प्रमु ख एवं गौण हवधाओं में वगीकृि किके हलक्तखए |
9. हनबंध हकसे कििे िै ? हकन्हीं दो हनबंधकािों एवं उनके दो-दो हनबंधों के नाम हलक्तखए|
पाि आधाररत
1. भक्तिन का वास्तहवक नाम क्या र्ा? वि अपने इस नाम को क्यो छु पािी ििी?
2. नौकिी की खोज में आईं भक्तिन ने अपने वास्तहवक नाम लछहमन का उपयोग
न किने की बाि ले क्तखका से क्यों किी?
3. लगान न चुकाने पि जमीद
ं ाि ने भक्तिन को क्या सजा दी?
4. ले क्तखका मिादे वी वमाथ के अनु साि भक्तिन के जीवन का पिम किथव्य क्या र्ा?
5. ले क्तखका मिादे वी वमाथ की मनोदशा समझने में क्या भक्तिन प्रवीण र्ी?
6. ‘भक्तिन औि मे िे बीच में सेवक-स्वामी का सं बंध िै , यि किना कहठन िै ।ʼ ले क्तखका
मिादे वी वमाथ ने ऐसा क्यों किा?
7. भक्तिन के आ जाने से मिादे वी दे िािी कैसे िो गई?
8. ‘भक्तिन की किानी अधूिी िै ा’ ले क्तखका मिादे वी ने ऐसा क्यों किा?
9. माया कौन जोििा िै ? बाजाि दशथ न पाठ के आधाि पि बिाइये?
10. ‘पचेहजं ग पावि’ से ले खक का क्या आशय िै ?
11. बाजाि का जादू क्या िै ? वि कैसे काम कििा िै ?
12. ले खक जै नेन्द्र कुमाि के पिोस में ििले वाले भगि जी क्या काम कििे िैं ?
13. बाजाि एक जादू िै ? लेखक जै नेन्द्र कुमाि ने ऐसा क्यों किा?
14. बाजाि का जादू चढने औि उििने पि मनुष्य पि क्या प्रभाव पििा िै ?
15. ले खक जैनेन्द्र कुमाि के अनु साि ‘बाजारूपन’ से क्या िात्पयथ िै ?
16. ‘बाजाि हकसी का हलं ग, जाहि, धमथ या क्षेत्र निीं दे खिा ‘बाजाि दशथ न’ पाठ के
आधाि पि बिाइये?
17. ‘क्तस्त्रयों द्वािा माया जोिना प्रकृहि प्रदि निीं, बक्ति पिक्तथर्हिवश िै ’ पहठि पाठ
के आधाि पि हसद्ध कीहजए?
18. नकली सामान के क्तखलाफ जागरूकिा फैलाने के हलए आप क्या कि सकिे िैं ?
19. ‘काले मे घा पानी दे ’ से ले खक का क्या िात्पयथ िै ?
20. ‘गगिी फूिी बैल हपयासा’ का आशय क्या िै ?
21. ‘पानी दे गुिधानी दे ’ से ले खक क्या किना चाििा िै ?
35
22. ‘पानी दे मै या, इं दि सेना आई िै ।‘ यि कर्न हकसका िै ?
23. बारिश के न िोने पि गााँ व की िालि कैसी र्ी?
24. िीज-त्यौिािों पि कौन-कौन से पकवान बनिे िैं ?
25. त्याग से क्या आशय िै ? पहठि पाठ ‘काले मे घा पानी दे ’ के आधाि पि बिाइये।
26. ‘यर्ा िाजा िर्ा प्रजा’ से ले खक का क्या आशय िै ।
27. लिकों की िोली को ‘मे ढक-मं िली’ नाम क्यों हदया गया?
28. इं दि सेना पि पानी फेंके जाने को सिी क्यों ठििाया गया?
29. लु ट्टन का बचपन कैसा र्ा?
30. ‘शे ि के बच्चे ’ का असली नाम क्या र्ा? उसके गुरू का क्या नाम र्ा?
31. लु ट्टन ने श्यामनगि मेले में हकसे औि क्यों चुनौिी दी?
32. ‘धाक हधना, हििकि हिना, धाक हधना, हििकि हिना’ से क्या आशय िै ?
33. ‘जीिे ििो बिादु ि! िुमने हमट्टी की लाज िख ली।‘ यि कर्न हकसने , हकस संदभथ में
किा?
34. काला खााँ के संबंध में क्या बाि मशहि र्ी?
35. लु ट्टन पिलवान की मेलों में कया वेशभू षा िििी र्ी?
36. पिलवान के हकिने बेिे र्े? लोगों की उनके प्रहि क्या िाय र्ी?
37. लु ट्टन पिलवान का गुरू कौन र्ा? ढोलक से उसका क्या नािा र्ा?
38. हशिीष के फूलों की क्या हवशे षिा िै ?
39. हशिीष को कालजयी अवधूि क्यों किा गया िै ?
40. ले खक िजािी प्रसाद हद्ववेदी ने हशिीष के अलावा औि कौन-कौन से वृक्षों को मं गल
जनक वृक्ष माना िै ?
41. हशिीष वृक्ष के बािे में संहक्षप जानकािी दीहजए?
42. हशिीष के फूल को लेखक ने ‘शीि पुष् ’ की संज्ञा हकस आधाि पि दी िै ?
43. हशिीष के फूल को बहुि कोमल क्यों माना गया िै?
44. हशिीष के अलावा लेखक ने कौन-कौन से वृक्षों का उल्ले ख हकया िै ?
45. कोमल औि कठोि दोनों भाव हकस प्रकाि गां धी जी के व्यक्तित्व की हवशे षिा बन
गए?
46. ‘हशिीष के फूल’ पाठ के आधाि पि हसद्ध कीहजए हक िजािी प्रसाद हद्ववेदी को
वनस्पहियों के प्रहि रुहच िै ?
47. अशोक वृक्ष की कोई दो हवशे षिाएाँ हलक्तखये?
48. ‘जाहि प्रर्ा भाििीय समाज में बेिोजगािी का कािण िै ’ क्या इस कर्न से आप
सिमि िैं , अपना िकथ दीहजए?
49. ‘दासिा’ की परिभाषा क्या िै ? पहठि पाठ के आधाि पि हलक्तखए?
50. ‘िॉ॰ अम्बेिकि ने भावनात्मक समत्व को मानवीय दृहष्ट के ििि जाहिवाद का
उन्मू लन चािा िै ।ʼ इससे आप किााँ िक सिमि िैं ?
51. िॉ॰ अम्बेिकि की दृहष्ट में आदशथ समाज की कल्पना क्या िै ?
52. ‘भाईचािे का दू सिा नाम लोकिंत्र िै । िॉ॰ अम्बेिकि जी ने ऐसा क्यों किा?
36
53. मनु ष्य की क्षमिा हकन िीन बािों पि हनभथ ि कििी िै ?
54. न्याय का िकाज़ा क्या िै ?
55. िॉ॰ अम्बेिकि की दृहष्ट में ‘समिा’ से क्या आशय िै ?
2 सेवक-धमथ में िनु मान जी से स्पद्धाथ किने वाली भक्तिन हकसी अंजना की पुत्री न िोकि एक
अनामधन्या गोपाहलका की कन्या िै -नाम िै लछहमन अर्ाथ ि लक्ष्मी। पि जै से मे िे नाम की हवशालिा
मे िे हलए दु वथि िै , वैसे िी लक्ष्मी की समृ क्तद्ध भक्तिन के कपाल की कुंहचि िे खाओं में निीं बाँध
सकी। वैसे िो जीवन में प्राय: सभी को अपने -अपने नाम का हविोधाभास लेकि जीना पििा
िै ; पि भक्तिन बहुि समझदाि िै , क्योंहक वि अपना समृ क्तद्ध-सूचक नाम हकसी को बिािी
निीं। केवल जब नौकिी की खोज में आई र्ी, िब ईमानदािी का परिचय दे ने के हलए उसने
शे ष इहिवृि के सार् यि भी बिा हदया; पि इस प्रार्थ ना के सार् हक मैं कभी नाम का उपयोग
न करू
ाँ । उपनाम िखने की प्रहिभा िोिी, िो मैं सबसे पिले उसका प्रयोग अपने ऊपि कििी,
इस िथ्य को वि दे िाहिन क्या जाने , इसी से जब मैंने कंठी माला दे खकि उसका नया नामकिण
हकया िब वि भक्तिन-जै से कहवत्विीन नाम को पाकि भी गद्गद िो उठी।
3. बाजाि में एक जादू िै। वि जादू आाँ ख की िाि काम कििा िै । वि रूप का जादू िै जै से
चुंबक का जादू लोिे पि िी चलिा िै , वैसे िी इस जादू की भी मयाथ दा िै । जेब भिी िो, औि
मन खाली िो , ऐसी िालि में जादू का असि खू ब िोिा िै । जे ब खाली पि मन भिा न िो,
िो भी जादू चल जाएगा। मन खाली िै िो बाजाि की अने काने क चीजों का हनमन्त्रण उस िक
पहुाँ च जाएगा। किीं उस वि जे ब भिी िो, िब िो हफि वि मन हकसकी मानने वाला िै ।
37
4. यिााँ मु झे ज्ञाि िोिा िै हक बाजाि को सार्थ किा भी विी मनु ष्य दे िा िै जो जानिा िै हक वि
क्या चाििा िै । औि जो निीं जानिे हक वे क्या चाििे िैं , अपनी 'पचेहजं ग पावि' के गवथ में
अपने पैसे से केवल एक हवनाशक शक्ति-शै िानी शक्ति, व्यंग्य की शक्ति िी बाजाि को दे िे िैं ।
न िो वे बाजाि से लाभ उठा सकिे िैं न उस बाजाि को सच्चा लाभ दे सकिे िैं । वे लोग
बाजाि का बाजारूपन बढािे िैं । हजसका मिलब िै हक कपि बढािे िैं । कपि की बढिी का
अर्थ पिस्पि में सद्भाव की घिी ।
5. जािे का हदन। अमावस्या की िाि-ठं िी औि काली। मले रिया औि िै जे से पीहिि गााँ व भयानं
हशशु की ििि र्ि-र्ि कााँ प ििा र्ा। पुिानी औि उजिी बााँ स-फूस की झोंपहियों में अंधकाि
औि सन्नािे का सक्तम्महलि साम्राज्य! अंधेिा औि हनस्तििा! अंधेिी िाि चुपचाप आाँ सू बिा ििी
र्ी। हनस्तििा करुण हससहकयों औि आिों को बलपूवथक अपने हृदय में िी दबाने की चेष्टा कि
ििी र्ी। आकाश में िािे चमक ििे र्े । पृथ्वी पि किीं प्रकाश का नाम निीं। आकाश से िू िकि
यहद कोई भावुक िािा पृथ्वी पि जाना भी चाििा िो उसकी ज्योहि औि शक्ति िास्ते में िी शे ष
िो जािी र्ी। अन्य िािे उसकी भावुकिा अर्वा असफलिा पि क्तखलक्तखलाकि िाँ स पििे र्े ।
6. िाहत्र की हवभीहषका को हसफथ पिलवान की ढोलक िी ललकािकि चुनौिी दे िी िििी र्ी। पिलवान
संध्या से सुबि िक, चािे हजस खयाल से ढोलक बजािा िो, हकंिु गााँ व के अद्धमृ ि, औषहध
उपचाि- पथ्य-हविीन प्राहणयों में वि संजीवनी शक्ति िी भििी र्ी। बूढे- बच्चे जवानों की शक्तििीन
आाँ खों के आगे दं गल का दृश्य नाचने लगिा र्ा। स्पदन-शक्तिशू न्य स्नायुओं में भी हबजली दौि
जािी र्ी। अवश्य िी ढोलक की आवाज में न िो बुखाि ििाने का कोई गुण औि न मिामािी
की सवथनाश शक्ति को िोकने की शक्ति िी, पि इसमें संदेि निीं हक मििे हुए प्राहणयों को
आाँ ख मूं दिे समय कोई िकली एक-एक बाि मु झे मालू म िोिा िै हक यि हसफथ एक अद् भु ि
अवधूि िै । दु ुः ख िो या सुख, वि िाि निीं मानिा। न ऊधो का ले ना, न माधो का दे ना। जब
धििी औि आसमान जलिे िििे िैं , िब भी यि िज़िि ना जाने किााँ से अपना िस खींचिे िििे
िैं । मौज में आठों याम मस्त िििे िैं । एक वनस्पहि शास्त्री ने मु झे बिाया हक यि उस श्रे णी का
पेि िै जो वायुमंिल से अपना िस खींचिा िै । जरूि खींचिा िोगा। निीं, िो भयंकि लू के
समय इिने कोमल िंिु जाल औि ऐसे सुकुमाि केसि को कैसे िोगा सकिा र्ा?
38
8. अवधूिों के मुाँ ि से िी संसाि की सबसे सिस िचनाएाँ हनकली िैं । कबीि बहुि कुछ हशिीष
केसमान िी र्े , मस्त औि बेपिवा, पि सिस औि मादक। काहलदास भी ज़रूि अनासि योगी
ििे िोंगे। हशिीष के फूल फक्किाना मस्ती से िी उपज सकिे िैं औि 'मे घदू ि' का काव्य उसी
प्रकाि के अनासि अनाहवल उन्मुि हृदय में उमि सकिा िै ।
10. फूलों की कोमलिा दे खकि पिविी कहवयों ने समझा हक उसका सब-कुछ कोमल िै ! यि भू ल
िै । इसके फल इिने मजबूि िोिे िैं हक नए फूलों के हनकल आने पि भी थर्ान निीं छोििे िैं ।
जब िक नए फल-पिे हमलकि, धहकयाकि उन्हें बािि निीं कि दे िे िब िक वे ििे िििे िैं ।
वसंि के आगमन के समय जब सािी वनथर्ली पुष्-पत्र से ममथ रिि िोिी िििी िै , हशिीष के
पुिाने फल बुिी ििि खिखिािे िििे िैं। मु झे इनको दे खकि उन ने िाओं की बाि याद आिी
िै , जो हकसी प्रकाि जमाने का रुख निीं पिचानिे औि जब िक नयी पौध के लोग उन्हें धक्का
मािकि हनकाल निीं दे िे िब िक जमे िििे िैं ।
11. जाहि प्रर्ा को यहद श्रम हवभाजन मान हलया जाए, िो यि स्वाभाहवक हवभाजन निीं िै , क्योंहक
यि मनु ष्य की रुहच पि आधारिि निीं िै । कुशल व्यक्ति या सक्षम-श्रहमक-समाज का हनमाथ ण
किने के हलए यि आवश्यक िै हक िम व्यक्तियों की क्षमिा इस सीमा िक हवकहसि किें ,
हजससे वि अपना पेशा या कायथ का चुनाव स्वयं कि सके। इस हसद्धां ि के हवपिीि जाहि-प्रर्ा
का दू हषि हसद्धां ि यि िै हक इससे मनु ष्य के प्रहशक्षण अर्वा उसकी हनजी क्षमिा का हवचाि
हकए हबना, दू सिे िी दृक्तष्कोण जै से मािा-हपिा के सामाहजक स्ति के अनु साि, पिले से िी अर्ाथ ि्
गभथ धािण के समय से िी मनु ष्य का पेशा हनधाथ रिि कि हदया जािा िै ।
------xxxxxx----
39
इकाई - 4
िाषा बोध
क्र इकाई एवीं ववषय वस्तु इकाई पर वस्तु अीं कवार प्रश्नोीं क सींख्या कुल
आवीं वित वनष्ठ प्रश्न
अीं क प्रश्न
1 2 3 4 5
अीं क अीं क अीं क अीं क अीं क
इ िाषा बोध
का शब्द(क्षेत्रीय, िकनीकी एवं
12 05 02 01 ___ ___ 03
ई हनपाि शब्द)
4 शब्द युग्म एवं उनके प्रकाि
वाक्य परिचय एवं प्रकाि(अर्थ
एवं िचना के आधाि पि)
वाक्य शु क्तद्धकिण एवं वाक्य
परिविथन
मु िाविे एवं लोकोक्तियां
िाजभाषा एवं िाष्टरभाषा
भाव पल्लवन,साि
संक्षेपण,हवज्ञापन लेखन,
संवाद ले खन एवं अनु च्छेद
ले खन
40
6.िाष्टरभाषा के हलए प्रयुि हकए जाने वाला शब्द िै --
(अ) िाज्य भाषा (ब) संपकथ भाषा (स) मािृभाषा (द) हवभाषा
7. िाजभाषा को अंग्रेजी में कििे िैं --
(अ) ने शनल लैं ग्वेज (ब) ऑहफहशयल लैंग्वेज
(स) वहकिंग लैं ग्वेज (द) कॉमन लैंग्वेज
8.िाज्य हवशे ष में कामकाज की भाषा किलािी िै -
(अ) मािृभाषा (ब) िाष्टरभाषा (स) िाजभाषा (द) हवभाषा
9.शब्दों के अर्थ पूणथ समू ि को किा जािा िै -
(अ) वणथ (ब) शब्द (स) वाक्य (द) पद
10. अर्थ की दृहष्ट से वाक्य के भे द िोिे िैं -
(अ) 4 (ब) 6 ( स) 8 (द) 10
11. िचना के अनु साि वाक्य के भे द िोिे िैं -
(अ) 2 (ब) 3 (स)4 (द) 5
12 हजस वाक्य में एक िी संज्ञा औि हक्रया का प्रयोग िोिा िै उस कििे िैं -
(अ) सिल वाक्य (ब) संयुि वाक्य
(स) हमश्र वाक्य (द) इनमें से कोई निीं
13 ऐसे वाक्य हजनमें प्रार्थ ना ,इच्छाएं ,आशीष प्रकि िोिा िै , किलािे िैं -
(अ) प्रश्नवाचक (ब) इच्छा वाचक (स) आज्ञा वाचक (द) संदेि वाचक।
14 मानव के हवचािों को प्रकि किने वाला सार्थ क शब्दों का व्यवक्तथर्ि समू ि किलािा िै -
(अ) वाक्य (ब) वाक्यां श (स) मु िाविा (द) लोकोक्ति
15 'वि अच्छा खे ला,पिं िु िाि गया' ये वाक्य िै एक -
(अ) संयुि वाक्य (ब) सिल वाक्य (स) प्रश्नवाचक वाक्य (द) नकािात्मक वाक्य।
16 अंगाि उगलना का अर्थ िै -
(अ) आग लगाना (ब) भयंकि गमी (स) गाली दे ना (द) कठोि वचन किना
17 आं खों पि चबी छाना का अर्थ िै -
(अ) धोखा खाना (ब) कुछ समझ ना आन (स) अहभमान किना (द) हनलथ ज्ज िोना।
18 आं धी के आम का अर्थ िै -
(अ) सस्ती वस्तु (ब) उपिाि में प्राप्त वस्तु
(स) कहठनाई से प्राप्त वस्तु (द) दु लथभ वस्तु
19 मं त्र फूंकना का अर्थ िै -
(अ) पहवत्र बनना (ब)भलाई का ढोंग किना (स) प्रेिणा दे ना (द) बिगलाना
20 मक्खी पि मक्खी मािना का अर्थ िै -
(अ) छोिी बाि को बढा दे ना (ब) ज्यों की त्यों नकल किना
(स) समय व्यर्थ खो दे ना (द) हनिर्थ क काम को लगािाि हकए जाना
21 खु लेआम खु ले खजाने का अर्थ िै -
(अ) मुं िफि िोना (ब) व्यर्थ की बािें किना
(स) बेशमथ िोना (द) सबके सामने प्रकि रूप में
41
22 काठ की िां िी बाि-बाि निीं चढिी का अर्थ िै -
(अ) बुिे हदन िमे शा निीं िििे (ब) दु भाथ ग्य की माि बाि-बाि निीं िोिी
(स) लकिी का बिथन अहि से जल सकिा िै (द) छल कपि का व्यविाि िमे शा निीं
चलिा
23 अपने मिे हबना स्वगथ निीं हदखिा का अर्थ िै -
(अ) स्वयं प्रयत्न किने पि िी काम बनिा िै
(ब) हवपहि में पढे हबना अच्छा फल निीं हमलिा
(स) प्रयत्न हकए हबना वास्तहवकिा सामने निीं आिी
(द) स्वयं िी सब कायथ किना पििा िै
24 आए र्े िरि भजन को ओिन लगे कपास का अर्थ िै -
(अ) िरि भक्ति का मागथ कहठन िोिा िै
(ब) उद्दे श्य की प्राक्तप्त में असफल िोना
(स) हकसी कायथ हवशे ष की उपेक्षा कि हकसी अन्य कायथ में लग जाना
(द) ईश्वि भक्ति छोि व्यापाि में लग जाना
25 ढाक के विी िीन पाि िोनाका अर्थ िै -
(अ) यत्न पूवथक िखना (ब) सदा एक सा
(स) उिपिां ग काम किना (द) अनु रूप बनाना
42
15. जब मू ल वाक्य के सार् एक या अहधक वाक्य औि भी हमले िोिे िैं ,िब वि ------
किलािा िै ।
संयुि वाक्य /हमश्र वाक्य)
16. िाय! मैं लु ि गया। वाक्य-----िैं ।( हवस्मयाहदबोधक वाक्य/ संकेिवाचक वाक्य)
17. एक ऐसा वाक्यां श हजसका अर्थ सामान्य अर्थ से हभन्न िर्ा चमत्कारिक एवं हवलक्षण
िोिा िै ,------किलािा िै ।(मु िाविा / लोकोक्ति)
18. लोक प्रहसद्ध उक्ति ----- किलािी िै ।(मु िाविा / लोकोक्ति)
19. दाल न गलना मु िाविे का अर्थ ----- िैं ।(सफल न िोना / दाल न पकना)
20. ' एक पर्-------' प्रहसद्ध मु िाविा िै ।(दो काज / दो िाज)
21. 'िन पि निीं लिा पान खाए कलकिा 'का अर्थ ------ िैं ।(झूिा हदखावा/सच किना )
22. 'धोबी का कुिा घि का ना घाि का 'एक -------िै ।(मु िाविा / लोकोक्ति)
23. ऊंि के मुं ि में जीिा मु िाविे का अर्थ ------- िै ।(आवश्यकिा से कम वस्तु/आवश्यकिा
से ज्यादा वस्तु )
24. जै सी किनी वैसी भिनी का अर्थ ----िै ।(कमथ के अनु साि फल/भाग्य के अनु साि फल)
25. लक्षणा शब्द शक्ति का प्रयोग ------- में िोिा िै ।(मु िाविा / लोकोक्ति)
43
3
ब अ
4
अ ब
i. संप्रेषण का सशि माध्यम क संवाद
ii. स्पष्टिा औि प्रवाि ख छोिा किना
iii. भाव- हवस्ताि ग हवज्ञापन
iv. दो व्यक्तियों के बीच वािाथ लाप घ संक्षेपण
v. संक्षेपण का सामान्य अर्थ ि. पल्लवन
44
19. श्याम जा ििा िै वाक्य हकस प्रकाि का िै ।
20. हमहश्रि वाक्य का एक उदाििण दीहजए।
21. जब कई सिल औि हमहश्रि वाक्य समू ि अवयवों के द्वािा एक िी वाक्य में जु िे िििे िैं ,िब
वि वाक्य किलािा िै ।
22. वाक्यों का वगीकिण मु ख्यिुः हकिनी दृहष्टयों से हकया जािा िै ?
23. 'िाम घि पि िै 'का संदेिवाचक रूप क्या िोगा?
24. उल्टी गंगा बिाना का क्या अर्थ िै ?
25. छोिे -छोिे वाक्यां श क्या किलािे िैं ?
26. 'अंधे की लाठी' का अर्थ स्पष्ट कीहजए।
27. 'गागि में सागि भिना 'का क्या अर्थ िै ?
28. लोकोक्ति को अन्य हकस नाम से जानिे िैं ?
29. कान दे ना मु िाविे का अर्थ वाक्य प्रयोग द्वािा स्पष्ट कीहजए।
30. आगे नार् न पीछे पगिा लोकोक्ति का अर्थ वाक्य प्रयोग द्वािा स्पष्ट कीहजए।
31. 'चां दी का जू िा मािना 'लोकोक्ति का सिी अर्थ बिाइए।
32. आम के आम गुठहलयों के दाम का अर्थ हलक्तखए।
33. अंधा पीसे कुिा खाए का अर्थ बिाइए।
34. लोकोक्ति में क्या छु पा िोिा िै ?
45
20. लोिा लेना मु िाविे का अर्थ युद्ध किना िै ।
46
26. हनम्नहलक्तखि कर्न का साि संक्षेपण में हलक्तखए।
" हजस व्यक्ति को अपने दे श की भाषा का ज्ञान निीं िै , अपने िीहि-रिवाजों औि पिं पिाओं का
परिचय निीं, अपने दे श की कला के प्रहि आदि निीं िै औि जो अपनी धाहमथ क,आध्याक्तत्मक,
हनहध से गौिवाक्तन्वि निीं िै,वि हनहश्चि िौि पि नि निीं, नि पशु िै "।
27. कंप्यूिि हशक्षकों की आवश्यकिा िे िु एक हवज्ञापन बनाइए।
28. स्वास्थ्य लाभ कि ििे िोगी औि उनके िॉक्टि के बीच संवाद हलक्तखए।
29. हवलं ब से कक्षा में पहुं चने पि हशक्षक -छात्र -संवाद हलक्तखए।
47
इकाई – 5
ववतान िाग-2
क्र इकाई एवीं ववषय वस्तु इकाई वस्तु अीं कवार प्रश्नोीं क सींख्या कुल
पर वनष्ठ प्रश्न
आवीं वित प्रश्न
अीं क
1 2 अीं क 3 4 5
अीं क अीं क अीं क अीं क
इकाई हविान भाग-2
6 पाठ्य पुस्तक पि आधारिि प्रश्न 07 05 01 -- -- -- 01
48
12. किानी का शीषथ क 'जू झ' का अर्थ िै -
(अ) संघषथ (ब) चालाकी (स) मे िनि (द) कहठनाई
13. 'जू झ' िचना हकस भाषा में हलखी गई िै ?
(अ) मिाठी (ब) गुजिािी (स) ब्रज (द) अवधी
14. ले खक पढना क्यों चाििा िै ?
(अ) ज्ञान के हलए (ब) नौकिी के हलए (स) हवद्वान बनने के हलए(द) कहव बनने के हलए
15. 'जू झ' किानी से ले खक की हकस प्रवृहि का उद् घािन हुआ?
(अ) पढने की प्रवृहि का (ब) कहविा किने की प्रवृहि का
(स) ले खन प्रवृहि का (द) संघषथ मयी प्रवृहि का
16. 'अिीि में दबे पां व' पाठ के आधाि पि कोठाि हकसके काम आिा िोगा?
(अ) सुिक्षा के हलए (ब) धन जमा किने के हलए
(स) आनाज जमा किने के हलए (द) पानी जमा किने के हलए
17. मु अनजो-दिो ििप्पा से प्राप्त निथकी की मू हिथ हकस संग्रिालय में िखी गई िै ?
(अ) इस्लामाबाद संग्रिालय में (ब) लािौि संग्रिालय में
(स) हदल्ली संग्रिालय में (द) लं दन संग्रिालय में
18. मु अनजो-दिो के घिों में ििलिे हुए ले खक ओम र्ानवी को याद आई -
(अ) कुलधिा गााँ व की(ब) नागौि गााँ व की(स) भीनासाि गााँ व की(द) धौलपुि गााँ व की
19. हसंधु सभ्यिा की क्या हवशे षिा िै ?
(अ) सौंदयथ बोध (ब) संस्कृहि बोध (स) सभ्यिा बोध (द) नागि बोध
20. मु अनजो-दिो अपने समय में हकसका केन्द्र ििा िोगा?
(अ) सभ्यिा का (ब) िाजनीहि का (स) व्यापाि का (द) धमथ का
21. हसंधु सभ्यिा के सौंदयथ बोध को क्या नाम हदया िै ?
(अ) िाज पोहषि (ब) समाज पोहषि (स) धमथ पोहषि (द) व्यापाि पोहषि
22. हसंधु घािी सभ्यिा में कपास उगाए जािे र्े। इसका क्या प्रमाण िै ?
(अ) कपास के बीज (ब) ऊन (स) सूिी कपिा (द) गमथ कपिा
23. ले खक के अनु साि मु अनजो-दिो का नगि हकिने िजाि साल पूवथ का िै ?
(अ) 1000 साल (ब) 2000 साल (स) 3000 साल (द) 5000 साल
24. िखालदास बनजी मु अनजो-दिो पि हकस वषथ आए र्े ?
(अ) सन् 1922 में (ब) सन् 1923 में (स) सन् 1924 में (द) सन् 1925 में
ररि स्थान में सि िब्द चुनकर वलक्तखए-
1. आप लोगों की दे खा-दे खी सेक्शन की घिी भी ..............िो गई िै ।(सुस्त/गहिशील)
2. 'हसल्वि वैंहिं ग' के कर्ानायक.......... को अपना आदशथ मानिे र्े ।(हकशनदा/हगिीश)
3. मनोिि श्याम जोशी का जन्म ................ में हुआ। (9 अगस्त, सन् 1933 को
िाजथर्ान के अजमे ि/15 अगस्त, सन् 1940 को िाजथर्ान के अजमे ि)
4. हकशन दा ने यशोधि बाबू को ................उधाि भी हदए।(सौ रुपए/पचास रुपए)
5. 'हसल्वि बैंहिं ग' में भू षण ने अपने हपिा को उपिाि में ............. हदया। (ऊनी िरेहसंग
गाउन/ ऊनी स्वेिि)
49
6. 'हसल्वि बैंहिं ग' किानी में प्रमु ख पात्र यशोधि पंि (वाई.िी.पंि) की शादी के.............
का वणथन िै ।(पच्चीसवीं सालहगिि/ पैंिालीसवीं सालहगिि)
7. यशोधि बाबू ने दफ्ति से लौििे हुए िोज............. जाने की िीहि अपनाई। (हबिला
मं हदि/सां ई मं हदि)
8. यशोधि बाबू मू ल रूप से............... के ििने वाले र्े। (गोिखपुि/ कुमाऊं)
9. हदनमान सप्ताहिक हिं दुस्तान पहत्रका के संपादक जोशी जी का हनधन............ को हृदय
गहि रुक जाने से हुआ। (30 माचथ, सन् 2006/ 15 माचथ, सन 2008)
10. यशोधि बाबू का िीसिा बेिा स्कॉलिहशप ले कि............ चला गया। (अमे रिका/इं ग्लैंि)
11. ले खक आनं द यादव की मां धूप में ........... र्ाप ििी र्ी।(कंिे /ईंि)
12. सौंदलगेकि ...............भाषा के हशक्षक र्े। (अंग्रेजी/ मिाठी)
13. आनं द यादव का पूिा नाम............ र्ा। (आनं द ििन यादव/अजय िघु यादव)
14. 'जू झ' किानी लििे-जू झिे हकसान मजदू िों के................की झां की िै ।(संघषथ /हमलाप)
15. 'जू झ' किानी में ले खक के घि कोल्हह............ के बाद शु रू िोिा र्ा।(दशििे / हदवाली)
16. दे साई के बािे का बुलावा दादा के हलए............ की बाि र्ी।(सम्मान/अपमान)
17. 'जू झ' किानी में लेखक अध्यापक.............. की प्रेिणा से कहव बन गए।
(सौंदलगेकि/आनं द कुमाि यादव)
18. 'जू झ' .........गद्य की हवधा के अंिगथि आिी िै । (किानी/ जीवनी)
19. मं त्री मास्टि............ पढािे र्े । (गहणि/मिाठी)
20. शिथ के अनु साि पाठशाला जाने से पिले आनं दा को सवेिे..... िक खे ि में काम किना िोिा
र्ा। (11 बजे /12 बजे )
21. किानी 'जू झ' एक ..... ........की झां की िै । (एक ग्रामीण हकसान की हशक्षा प्राक्तप्त के
हलए लालाहयि पुत्र के संघषथ / एक हशक्षक के हशक्षा प्राक्तप्त के हलए लालाहयि पुत्र के संघषथ )
22. आनं दा के कक्षा अध्यापक का नाम ..............र्ा। (मंत्री/ वी पंि)
23. मु अनजो-दिो में पच्चीस फुि ऊंचे चबूििे पि........... िै ।(एक बौद्ध स्तू प/ एक मं हदि)
24. मु अनजो-दिो में लगभग............ कुंए र्े ।(साि सौ/साि िजाि)
25. ओम र्ानवी ने िाजथर्ान के जयपुि से हनकलने वाले पहत्रका समू ि के साप्ताहिक पत्र...........
से अपने पत्रकाि जीवन की शु रुआि की। (इिवािी/ मं गलवािी)
26. मु अनजो-दिो के वास्तु कला की िुलना ............... नगि के सार् की गई िै । (चंिीगढ/
बीकाने ि)
सि जोड़ बनाकर वलक्तखए :
1
अ ब
i. आनं द यादव क बिा बौद्ध स्तू प
ii. हकशनदा ख जू झ
iii. मं त्री नामक मास्टि ग कुंवािे
iv. सबसे ऊंचा चबूििा घ कक्षा अध्यापक
50
2
अ ब
i. हसल्वि वैंहिं ग क मिाठी साहित्यकाि
ii. जू झ ख यात्रा वृिां ि
iii. अिीि में दबे पां व ग लं बी किानी
iv. िॉ. आनं द यादव` घ उपन्यास के अंश
3
अ ब
i. मनोिि श्याम जोशी क बैठने लगा
ii. पुिानी दीवाि घिी ख औि ििप्पा
iii. पां चवी में ग हसल्वि वैंहिं ग
iv. मु अनजो-दिो घ 5 बजकि पच्चीस हमनि
4
अ ब
i. ओम र्ानवी क शिीि से दु बला-पिला
ii. हमलकि लाओ ख खे हििि औि पशु पालक
iii. वसंि पाहिल ग पकाओ-खाओ
iv. हसंधु घािी सभ्यिा घ अिीि में दबे पां व
51
19. मु अनजो-दिो नगि हकिने िजाि साल पुिाना िै ?
20. मु अनजो-दिो से प्राप्त मिाकुंि की लं बाई, चौिाई व गििाई हकिनी िै ?
21. मु अनजो-दिो की गहलयों िर्ा घिों को दे खकि लेखक को हकस प्रदे श का ख्याल आया?
22. अजायबघि में िैनाि व्यक्ति का क्या नाम र्ा?
52
लघु उत्तर य प्रश्न (02अीं क)
---------xxxxxxxx------------
53
इकाई – 6
अविव्यक्ति और माध्यम
क्र इकाई एवीं ववषय वस्तु इकाई वस्तु अीं कवार प्रश्नोीं क सींख्या कुल
पर वनष्ठ प्रश्न
आवीं वित प्रश्न
अीं क
1 2 3 4 5
अीं क अीं क अीं क अीं क अीं क
इकाई पाठ्य पुस्तक पि आधारिि प्रश्न
6 07 05 01 --- --- --- 01
54
स.पात्रों की संख्या सीहमि न िो द. उपयुथि सभी
12.िे हियो नािक में हनम्न में से क्या अहनवायथ िै ?
अ.अहभनय ब.दृश्य स.संवाद द.इनमें से कोई निीं
55
6. उल्टा हपिाहमि शै ली को िीन भागों में बााँ िा गया िै ।
7. िे हियो औि िी वी की भाषा में कहठन शब्दों की बहुलिा िोिी िै ।
8. भािि में कंप्यूिि हशक्षा बढ ििी िै ।
9. BBC, CNN औि वाहशं गिन पोस्ट हवश्व के प्रमु ख शििों के नाम िैं ।
10. पत्रकािों के पां च प्रकाि िोिे िैं ।
11. पत्रकािीय लेखन की भाषा सिल िोिी िै ।
12. समाचाि लेखन के साि प्रकाि िोिे िैं ।
13. नािक की मू ल हवशे षिा समय का बंधन िै ।
14. नािक के आं दोलनो के हवकास में िे हियो नािक की कोई भू हमका निीं ििी िै ।
लघु उत्तर य प्रश्न (02अीं क)
1. समाचाि के ले खन औि प्रस्तु हि में क्या अंिि िै ?
2. जनसंचाि माध्यम की प्रमु ख हवशेषिाएाँ हलक्तखए।
3. जनसंचाि माध्यम के प्रमु ख दोष हलक्तखए।
4. जनसंचाि माध्यम के प्रमु ख प्रकाि हलक्तखए।
5. हप्रंि माध्यम क्या िै ?
6. हप्रंि माध्यम की प्रमु ख हवशे षिाएाँ हलक्तखए।
7. हप्रंि माध्यम की प्रमु ख सीमाएाँ हलक्तखए।
8. िे ि लाइन हकसे कििे िैं ?
9. िे हियो की प्रमु ख हवशे षिाएाँ हलक्तखए।
10. िे हियो के प्रमु ख दोष अर्वा सीमाएाँ हलक्तखए।
11. उल्टा हपिाहमि शै ली क्या िै ?
12. िे हियो के समाचाि लेखन की बुहनयादी बािें हलक्तखए।
13. िे लीहवजन की खबिों के हवहभन्न चिणों के नाम हलक्तखए।
14. फ्लै श या ब्रेहकंग न्यूज क्या िै ?
15. एं कि बाईि क्या िै ? हलक्तखए |
16. लाइव के बािे में हलक्तखए।
17. िे हियो औि िीवी की भाषा में कौन कौन सी सावधानी िखनी चाहिए?
18. इं ििने ि की प्रमु ख हवशेषिाएाँ हलक्तखए।
19. इं ििने ि की प्रमु ख सीमाएं अर्वा दोष हलक्तखए।
20. इं ििने ि पत्रकारििा क्या िै?
21. एक अच्छे ले खन के हलए ध्यान दे ने योग्य कौन कौन सी बािें िैं ?
22. पत्रकािीय लेखन क्या िै ?
23. पत्रकािीय लेखन की भाषा कैसी िोनी चाहिए?
24. समाचाि लेखन के छि ककाि कौन कौन से िैं ?
25. फीचि कैसे हलखा जािा िै ? हलक्तखए ।
26. हवशे ष रिपोिथ हकसे कििे िैं ? हलक्तखए ।
27. संपादकीय ले खन क्या िै ? हलक्तखए ।
28. स्तं भ लेखन क्या िै ? हलक्तखए ।
29. संपादक के नाम पत्र क्या िै ? समझाईए।
30. एक सफल साक्षात्काि किाथ के कौन कौन से गुण िोिे िैं ?
31. हवशे ष लेखन क्या िै ?
32. बीि रिपोहििं ग औि हवशे षीकृि रिपोहििं ग में क्या अंिि िै ?
33. हवशे ष लेखन के प्रमुख क्षे त्र कौन कौन से िैं ?
34. हवशे ष लेखन की सूचनाओं के क्षे त्र कौन-कौन से िैं ?
56
इकाई – 7
अपवित बोध
क्र इकाई एवीं ववषय वस्तु इकाई वस्तु अीं कवार प्रश्नोीं क सींख्या कुल
पर वनष्ठ प्रश्न
आवीं वित प्रश्न
अीं क
1 2 अीं क 3 4 5
अीं क अीं क अीं क अीं क
इकाई अपहठि बोध -
7 03 ___ __ 01 __ 01
अपहठि काव्यां श / गद्यां श
(1) दे वी अर्वा प्रािुः स्मिणीय जै से अलं काि अहिल्याबाई को छोिकि इहििास के अन्य शासक के
नाम के सार् निीं लगाए गए। मालवा की िोलकि रियासि में मालवाहधपहि दे वी श्री अहिल्याबाई
िोलकि जै सी एकमात्र सामं ि हुई जो सामान्य परिवाि में हुई मगि दे श की मित्वपूणथ रियासि
की स्वाहमनी बनने का हजन्हें सौभाग्य प्राप्त हुआ।बावजू द इसके वे आक्तखि िक सामान्य िी बनी
ििीं। िोलकि िाजवंश के आिं हभक वषों में िोलकि की गद्दी पि बैठकि िोलकि िाज्य के शासन
सूत्र को अत्यंि कुशलिा क्षमिा हनस्पृििा औि िषथ भाव से चलाने वाली दे वी अहिल्याबाई िोिि
का थर्ान भािि के शासकों में अहद्विीय ििा िै । उन्होंने हजस उदाि भू हमका से शासन सूत्र
संभाला औि धीििा वीििा सािस औि पिु िा के सार् उस समय के िाजनीहिक सामाहजक औि
युद्ध क्षे त्रों पि अहद्विीय ििीके से शासन हकया वि भािि के इहििास में पहवत्र धिोिि के रूप
में थर्ाहपि िै । आज भी पुण्य श्लोका लोकमािा दे वी श्री अहिल्याबाई िोलकि के धमथ मय औि
लोक सेवा पिायण जीवन िर्ा कायों की पुण्य स्मृहि िमें अहभभू ि औि प्रेरिि कििी िििी िै ।
प्रश्न -
1. उपयुथि गद्यां श का उपयुि शीषथ क दीहजए।
2. दे वी अहिल्याबाई का शासन इहििास की धिोिि क्यों किा गया िै ?
3. 'हनस्पृििा' का समानार्ी हलक्तखए।
4. 'धैयथ' का हवशे षण रूप हलक्तखए।
(2) समय का पयाथ य काल िीन भागों में बां िा गया िै भूि, विथमान एवं भहवष्य काल ।आज अर्ाथ ि
विथमान जो िै वि आने वाले समय के हलए भू ि की संज्ञा प्राप्त कििा िै औि जो भहवष्य के
नाम से जाना जा ििा िै औि वि अपने आने वाले कल के हलए विथमान का रूप ले ले गा
।समय या वि को पकिा या िोका निीं जा सकिा िै । मानव को हनधाथ रिि समय पि अपना
काम कि ले ना चाहिए विना वि बीि जाने के बाद हसफथ पछिावा किने के अलावा िार् में
कुछ निीं िििा।यि हवद्याहर्थ यों के हलए अत्यहधक मित्वपूणथ िै प्रत्येक सत्र में एक हनहश्चि कक्षा
की पिीक्षाएं हनधाथ रिि िोिी िै उस पिीक्षा में प्रवेश किने की िैयािी पिले से आिं भ कि ले नी
चाहिए औि उस पिीक्षा को हनधाथ रिि समय पि दे ना चाहिए। यहद हवद्यार्ी पिीक्षा दे ने से वंहचि
िो जाए िो वि अगली कक्षा में प्रवेश निीं कि पाएगा औि अब पछिाए िोि क्या जब हचहिया
57
चुग गई खे ि की किावि चरििार्थ िो जाएगी ।जीवन में अच्छे अवसि बाि-बाि निीं आिे िैं
।अवसि को िार् से जाने निीं दे ना िी बुक्तद्धमानी िै औि यि समय की पाबंदी से िी संभव िै ।
मानव मात्र को वि से पिले िी अपने लक्ष्य या कमथ को योजना बनाकि संपन्न कि ले ना
चाहिए।
प्रश्न -
1. उपयुथि गद्यां श का उपयुि शीषथ क दीहजए।
2. गद्यां श में प्रयुि किावि हलक्तखए।
3. गद्यां श के अनु साि बुक्तद्धमानी क्या िै ?
4. गद्यां श में प्रयुि एक शब्द युग्म हलक्तखए।
(3) विथमान दौि में हकसी भी आयु वगथ को असफलिा सिज स्वीकायथ निीं िोिी,हकंिु यि क्तथर्हि
हकशोिावथर्ा औि युवावथर्ा में बेिद संवेदनशील िोिी िै जब हकसी युवा को लगिा िै हक वि
अपने अहभभावकों के स्वप् को साकाि निीं कि पाएगा िो वि नकािात्मक सोच में िूब जािा
िै ।इस ििि की परिक्तथर्हि उसे किीं न किीं कोई नकािात्मक कदम उठाने के हलए हववश
कििी िै ।ये सच िै हक युवावथर्ा उम्र का संक्रमण काल िै ।इस समय उन्हे कई समस्याओं का
सामना किना पििा िै खासिौि से करियि ,जॉब ,रिश्ते , व्यक्तिगि समस्याएाँ आहद। िि युवा
को चाहिए हक यहद उसकी हजं दगी में हकसी प्रकाि की पिे शानी िै जो बेचैन कििी िै िो उसे
अपने दोस्तों, परिवाि वालों के सार् शे यि किें । यहद समस्या िै िो समाधान भी िै । कभी कोई
घािक कदम उठाने की कोहशश न किें ।याद िक्तखए हक िमािी हजं दगी हसफथ िमािी निीं िै
उसके सार् कई लोगों की उम्मीदें औि भावनाएं जुिी हुई िैं । कहठनाई का सामना किके उसे
िल हकया जािा िै । पलायन हकसी समस्या का समाधान निीं िै ।
प्रश्न -
1. उपयुथि गद्यां श का उपयुि शीषथ क दीहजए।
2. युवाओं पि सामान्य िौि से क्या दबाव िोिा िै ।
3. 'िक्षक' शब्द का हवलोम गद्यां श से हलक्तखए।
4. पलायन का समानार्ी हलक्तखए।
(4) भािि की भौगोहलक संिचना के कािण यिां की जलवायु में हवहवधिा दे खने को हमलिी िै ।भािि
जो िीन ओि पूवथ पहश्चम व दहक्षण में क्रमशुः बंगाल की खािी, अिब सागि औि हिं द मिासागि
से हघिा िै विी उिि में हिमालय की बफीली पवथि चोहियााँ मस्तक उठाए िैं फलस्वरुप किीं
अहधक ग्रीष्म िो किीं अहधक शीि िो किीं अहधक वषाथ ऋिु िोिी िै ।जलवायु की हवहवधिा
के कािण यिां के लोगों की जीवनशै ली, भाषा भी प्रभाहवि िोिी िै। प्रत्येक िाज्य की अपनी
अलग भाषा मिाठी, गुजिािी, िहमल ,कन्नि आहद िै । उनकी संस्कृहि हभन्न िै । प्रािं भ में
हवदे शी आक्रमणों के कािण यिााँ अने क धमथ सनािन धमथ के अहिरिि इस्लाम, यहदी ,जै न
पािसी, बौद्ध आहद िैं । इन हवहवधिाओं के बावजू द भािि में िाष्टरीय एकिा प्रत्येक िाज्य में
दृहष्टगोचि िोिी िै । भािि भू हम को मािा की संज्ञा दी गई िै । किा भी गया िै हक जन्मभू हम
स्वगथ से भी मिान िै । भािि के प्रत्येक िाज्य हवहभन्न हवहवधिाओं के कािण उत्पन्न समस्याओं में
मदद के हलए पिस्पि िैयाि िैयाि िििे िैं । सभी धमथ भाषा व जाहि के लोग एक दू सिे का
सम्मान कििे िैं औि िाष्टर की िक्षा- सुिक्षा के हलए एकजु ि िोकि आगे आिे िैं ।
58
प्रश्न -
1. उपयुथि गद्यां श का उपयुि शीषथ क दीहजए।
2. जलवायु हवहवधिा का क्या परिणाम िोिा िै ?
3. सनािन का समानार्ी हलक्तखए।
(5) भाििीय संस्कृहि में पवथ का अत्यहधक मित्व िै । पवथ हकसी संस्कृहि के वि अंग िै हजनके हबना
वि संस्कृहि अधूिी िि जािी िै । पवथ िमें ऐसा अवकाश प्रदान कििे िैं हक िम अपने जीवन
के हवषय में अच्छा सोच सकिे िैं ।हजं दगी की भाग दौि के बीच ये िमें ऐसे पल प्रदान कििे
िैं जब िम अपने हवषय में कुछ अच्छा सोच सकिे िैं । जीवन प्रवाि को सिी हदशा दे ने वाले
पवथ िी िोिे िैं । जीवन व्यविाि की समस्त किु िाएाँ भी पवथ के द्वािा िी समाप्त िो जािीं िैं ।ये
जीवन में ऊजाथ प्रदीप्त कििे िैं रिश्तो में मधुि िस घोलिे िैं प्रेम सद्भावना जीवन में हनयोहजि
कििे िैं िर्ा ज्ञान, आचिण, हवश्वास को परिमाहजथ ि किने का प्रयास कििे िैं अिुः सभी धाहमथ क
िाष्टरीय पवों को उल्लास के सार् मयाथ दा में ििकि मनाना चाहिए।यि सदै व ध्यान िखना चाहिए
हक िमािे आनं द के कािण हकसी औि को हकसी भी ििि की िकलीफ न पहुाँ चे। अपने आनं द
में अहधक से अहधक लोगों को शाहमल किना अपने आनं द को बां िना िी हकसी भी पवथ का
असली उद्दे श्य िोना चाहिए।
प्रश्न -
1. उपयुथि गद्यां श का शीषथ क हलक्तखए।
2. पवथ का असली उद्दे श्य क्या िै ? हलक्तखए।
3 .'परिमाहजथ ि' का समानार्ी हलक्तखए।
(6) स्वच्छिा िमािी हदनचयाथ का मित्वपूणथ अंग िै स्वच्छ शिीि में स्वच्छ आत्मा का हनवास िोिा िै
।स्वच्छिा का संबंध स्वथर् ििने से भी िै। िमािा नािा िै - स्वच्छ भािि स्वथर् भािि। स्वच्छिा घि की
िी निीं विन आसपास के परिवेश की भी आवश्यक िोिी िै । अक्सि िम अपना घि िो साफ िखिे िैं
पि बाििी परिवेश की गंदगी के हलए सािा दोष सिकाि पि लगािे िैं । जबहक वि गंदगी भी िमािे
द्वािा फैलाई गई िोिी िै ।अिुः स्वच्छिा अहभयान के जरिए साफ सुर्िा मािौल बनाना िी इस अहभयान
का मू ल मकसद िै ।स्वच्छिा अहभयान भािि सिकाि द्वािा वृिद पैमाने पि चलाया जा ििा िै दू िदशथन
आकाशवाणी के द्वािा इसका प्रचाि हकया जा ििा िै। अहभयान का हक्रयान्वयन एक चुनौिी िै पिं िु यहद
िमािा जनमानस औि छात्र भी एकजु ि िोकि इस अहभयान में जु ि जाए िो इस अहभयान को
कामयाब िोने से कोई निीं िोक सकिा।
प्रश्न
59
परिवाि का चलन कम िो गया िै हजससे कई समस्याएं पैदा िो ििी िैं । इस पूिे संदभथ में एक
बाि बहुि अच्छी िै हक युवा पीढी का ध्यान इसके समाधान की ओि गया िै । उसे लगिा िै
हक संयुि परिवािों का िू िना अच्छे संस्कािों पि ग्रिण लगने के समान िै । अिुः इस पिं पिा
को पुनजीहवि किना जरूिी िै िाहक समस्याओं का समाधान िो सके उन्हें अकेले पन से मु क्ति
हमल सके िर्ा बच्चों को स्वथर् औि आनं दमयी वािाविण हमल सके।
प्रश्न -
1. उपयुथि गद्यां श का शीषथ क हलक्तखए।
2. आधुहनक युवा पीढी कीअब संयुि परिवाि के बािे में क्या सोच िै ?
3. संयुि परिवाि को कैसे परिभाहषि हकया जा सकिा िै ?
(8) एक संस्कृि व्यक्ति हकसी नयी वस्तु की खोज कििा िै हकंिु उसकी संिान को वि अपने पूवथज
से अनायास िी प्राप्त िो जािी िै । हजस व्यक्ति की बुक्तद्ध ने अर्वा उसके हववेक ने हकसी भी
हकसी भी नए िथ्य का दशथ न हकया वि व्यक्ति िी वास्तहवक संस्कृि िै । वास्तहवक संस्कृि
व्यक्ति िै औि उसकी संिान हजसे वि वस्तु अनायास िी प्राप्त िो गई वि पूवथज की भां हि सभ्य
भले िी बन जाए संस्कृि निीं किला सकिा। एक आधुहनक उदाििण लें। न्यू िन ने गुरूत्वाकषथ ण
के हसद्धां ि का आहवष्काि हकया ।वि संस्कृि मानव र्ा आज के युग का आज के युग का
भौहिक हवज्ञान का हवद्यार्ी न्यू िन के गुरूत्वाकषथ ण से िो परिहचि िै िी; ले हकन उसके सार्
उसे औि भी अहधक बािों का ज्ञान प्राप्त िै हजनसे शायद न्यू िन अपरिहचि िी ििा। ऐसा िोने
पि भी िम आज के भौहिक हवज्ञान के हवद्यार्ी को न्यू िन की अपेक्षा अहधक सभ्य भले िी
कि सकें; पि न्यू िन हजिना संस्कृि निीं कि सकिे ।
प्रश्न -
1. उपयुथि गद्यां श का शीषथ क हलक्तखए।
2. संस्कृि व्यक्ति हकसे किा गया िै ?
3. 'ज्ञान' शब्द का हवशेषण हलक्तखए।
(9) जीवन औि जगि को सुखी औि शां ि बनाने के हलए माधुयथ से अहधक लाभदायक वस्तु औि
क्या िो सकिी िै ।श्रोिा औि विा दोनों को आनंद हवभोि कि दे ने वाला यि मधुि भाषण
समाज की पािस्परिक मान- मयाथ दा, प्रेम- प्रहिष्ठा औि श्रद्धा- हवश्वास का आधाि स्तं भ िै इनके
अभाव में समाज कलि, ईष्याथ - द्वे ष औि वैमनस्य का घि बन जािा िै ।मधुि बोलने वाले
मनु ष्य का समाज मैं आदि िोिा ि मधुिभाषी के मु ख से हनकला हुआ एक- एक शब्द सुनने
वाले का जी लुभािा िै । ऐसा लगिा िै मानो उसके मुं ि से फूल झि ििे िों। मीठे वचन सुनने
वाले को िी आनं द निीं आिा बक्ति विा भी आत्मा का आनं द अनु भव कििा िै । विा
को एक हवशे ष लाभ यि िै हक उसके मन की अंिकािी ,दं भपूणथ औि गौिवपूणथ भावनाएाँ
अपने आप िी समाप्त िो जािी िैं । अिं कािी व्यक्ति मधुि भाषी िो सकिा िै । मधुि वाणी से
मनु ष्य में नम्रिा, हशष्टिा ,सहृदयिा आहद गुणों का उदय िोिा िै । हजनसे जीवन प्रकाशपूणथ औि
शां ि बन जािा िै । क्रोध उसके पास निीं आिा । मधुि वाणी एक अनमोल विदान िै ।
प्रश्न -
1. उपयुथि गद्यां श का शीषथ क हलक्तखए।
2. मधुि बोलने से क्या लाभ िै ?
3. गद्यां श में प्रयुि कौन सा शब्द कठोििा का हवलोम िै ?
60
(10) स्वामी हववेकानं द जी का हचंिन भाििीय जीवन-ित्वों के सािभू ि ित्वों को प्रस्तु ि किने वाला िै।
उनकी प्रासंहगकिा इस समय इसहलए अहधक मित्वपूणथ िै हक वि िमािी आज की हजज्ञासाओं
का समीचीन समाधान प्रस्तुि कििे िैं ।उन्होंने हशकागो के सुप्रहसद्ध हवश्व धमथ सम्मेलन में जो
व्याख्यान हदए र्े वि आज िमािे हलए एक ग्रंर् का काम कििा िै । वे सां प्रदाहयकिा िठधहमथ िा
औि वीभत्स धमािं धिा का हविोध कििे िैं। उन्होंने एक ऐसे सुखद भहवष्य के प्रहि अपनी
आशावाहदिा को प्रकि हकया िै हजसमें मनुष्य की पािस्परिक किु िाओं से मुि िोकि यि संसाि
एक समु न्नि मानवीय चेिना से परिपूणथ िोगा। उनके हवचािों की स्पष्टिा औि उनकी वाणी के
ओज ने उन्हें संपूणथ हवश्व के युवाओं का चिे िा बना हदया। िि युवा उन्हें पढना उन्हें जानना
चाििा िै । उनका मानना र्ा आलस्य की िमािे जीवन में कोई जगि िी निीं िोनी चाहिए
।अिं काि औि ईष्याथ को सदा के हलए नष्ट कि दो। काम,काम औि हसफथ काम िी एकमात्र
मू लमं त्र िोना चाहिए।
प्रश्न -
1. उपयुथि गद्यां श का शीषथ क दीहजए।
2. हववेकानं द जी का हविोध हकसके प्रहि र्ा ?
3. गद्यां श में प्रयुि शब्द 'समीचीन' का समानार्ी हलक्तखए।
अपवित काव्याींि -
61
प्रश्न -
i उि काव्यां श का शीषथ क हलक्तखए।
ii कहव अपने आपको अहनकेिन क्यों कििा िै ?
iii उि पंक्तियों का भावार्थ स्पष्ट कीहजए।
62
जी िॉं हुजू ि में गीि बेंचिा हाँ "
प्रश्न -
i उपयुथि काव्यां श का शीषथक हलक्तखए।
ii कहव को गीि बेचने में शमथ क्यों निीं आिी?
iii उपयुथि काव्यां श का सािां श हलक्तखए।
--------xxxxxxxxx----
63
इकाई – 8
पत्र - ले खन
क्र इकाई एवीं ववषय वस्तु इकाई वस्तु अीं कवार प्रश्नोीं क सींख्या कुल
पर वनष्ठ प्रश्न
आवीं वि प्रश्न
त अीं क
1 2 अीं क 3 4 5
अीं क अीं क अीं क अीं क
इकाई पत्र ले खन –
8 04 --- --- --- 01 --- 01
औपचारिक/अनौपचारिक
पत्र
1. हजला हशक्षा अहधकािी को उनके अधीन सिायक हशक्षक के रिि पद पि हनयुि हकए जाने िे िु
आवेदन पत्र हलक्तखए।
2. अपने हमत्र को िायि सेकेंििी पिीक्षा में प्रर्म श्रे णी में उिीणथ िोने पि बधाई पत्र हलक्तखए।
3. थर्ानीय समाचाि पत्र के संपादक को िचना के प्रकाशन िे िु हनवेदन का पत्र हलक्तखए।
4. अपने हमत्र को वाद हववाद प्रहियोहगिा में प्रर्म आने पि एक बधाई पत्र हलक्तखए।
5. अपने हजले के हजला अहधकािी को अपने क्षे त्र की हसंचाई सुहवधाओं के हवस्ताि की आवश्यकिा
प्रहिपाहदि कििे हुए एक आवेदन पत्र हलक्तखए।
6. अपने हमत्र को हवद्यालय की वाहषथ क पहत्रका में िचना के प्रकाशन की बधाई दे िे हुए पत्र हलक्तखए।
7. आपके क्षे त्र के पोस्ट मास्टि सािब को हनयहमि िाक हवििण न िोने का हशकायिी पत्र हलक्तखए।
8. छात्रावास से अपने हपिाजी को पत्र हलखिे हुए पिीक्षा िे िु अपनी संिोषजनक िैयािी की जानकािी
दीहजए।
9. नगि पाहलका अध्यक्ष को जल की अहनयहमि आपूहिथ के संबंध में हशकायिी पत्र हलक्तखए।
10. अपने नाना जी को गां व से वापस आने पि अपनी मधुि स्मृहियों का एक पत्र हलक्तखए।
11. हवद्यालय के प्राचायथ को हवद्यालय के बुकबैंक से पुस्तकें प्राप्त किने िे िु आवेदन हलक्तखए।
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64
इकाई – 9
वनबन्ध ले खन
क्र इकाई एवीं ववषय वस्तु इकाई वस्तु अीं कवार प्रश्नोीं क सींख्या कुल
पर वनष्ठ प्रश्न
आवीं वि प्रश्न
त अीं क
1 2 अीं क 3 4 5
अीं क अीं क अीं क अीं क
इकाई
9 हनबन्ध ले खन (रूपिे खा 04 ---- ---- --- 01 --- 01
सहिि)
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65
कक्षा – 12व
ववषय – विन्द
उत्तरमाला
इकाई-1
उत्तरमाला
सि ववकल्प -
ररि स्थान -
66
(6) i. ि. ii. ग iii. घ iv. क v. ख
सत्य /असत्य
36. सत्य
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67
इकाई -2 उत्तरमाला
सि ववकल्प -
ररि स्थान–
सि जोड़ -
68
एक वाक्य में उत्तर -
1) सूिदास 2) हनवेद 3) संचािी भाव 4) शां ििस 5) हजसका आस्वादन हकया जा सके विी िस िै
6) भय 7) चाि प्रकाि (काहयक, मानहसक, आिायथ, साक्तत्वक) 8) 33 9) िषथ , जििा,
चपलिा, उत्सु किा 10) 4 अंग (हवभाव, अनु भाव,संचािी भाव,थर्ायी भाव) 11) हप्रयप्रवास, साकेि
12) पंचविी 13) मीिापदावली 14) मिाकाव्य,खंिकाव्य,आख्यानक गीि 15) पाठ्य मु िक, गेय
मु िक 16) मिाकाव्य 17) हनिाला, प्रसाद, पंि 18) गीि कहविा दोिा औि पद िर्ा मु ि छन्द
मु िक काव्य किलािा िै 19) जो िचना कर्ा सूत्रों या छं दों की िाििम्यिा में अच्छी ििि हनबंध िो
उसे प्रबंध काव्य कििे िैं । 20) मु िककाव्य 21) आचायथ दं िी 22) 3 23) शब्दालं काि 24)
व्यहििे क अलं काि 25) संदेि अलं काि 26) भ्रां हिमान अलं काि 27) लय 28) दो (माहत्रक औि
वहणथक) 29) चंद्रकला 30) कहवि 31) रुबाई 32) िॉ नगेंद्र 33) एं द्रीय हबंब, काल्पहनक
हबंब, प्रेिक अनु भूहि के आधाि पि हबम्ब 34) मू िथरूप प्रदान किना 35) आिं भ से 36) शमशे ि
बिादु ि हसंि 37) चाक्षुष हबंब,स्पश्यथ हबंब, आस्वाद्य हबंब, श्रव्ययानादािम्क हबंब, धािव्य हबंब । 38)
सिल हबंब, हमहश्रि हबंब, िात्काहलक हबंब, संकुल हबंब, भावािीि हबंब, हवकीणथ हबम्ब 39)
उनके हबंब
सत्य / असत्य -
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इकाई -3 उत्तरमाला
सि ववकल्प -
1. िे खाहचत्र 2.जे ठ का पुत्र 3.लछहमन 4.कंठी माला 5. 1907 6. मिादे वी वमाथ 7.जैनेन्द्र
कुमाि 8.जै नेंद्र कुमाि 9. हनबन्ध 10. खिीदने की शक्ति 11. आकषथ क वस्तु एाँ 12.बाज़ािवाद
13. धमथ वीि भाििी 14. धमथ वीि भाििी 15.संस्मिण 16. पंद्रि हदन की अवहध 17. काले
मे घा पानी दे 18. इं दि सेना 19. फनीश्विनार् िे णु 20. फनीश्विनार् िे णु 21. किानी
22. मि ििना 23.पिलवान 24.चााँ द हसंि 25. िज़ािी प्रसाद हद्ववेदी 26. िज़ािी प्रसाद हद्ववेदी
27. गन्ने 28. िज़ािी प्रसाद हद्ववेदी 29. हशिीष का पेि 30. छायादाि 31. अत्यंि कोमल 32.
14अप्रैल 33. अमे रिका 34. स्विंत्रिा, समानिा व भ्रािृिा 35. लोकिंत्र 36. भाई –चािा 37.
श्रम हवभाजन को 38.शोषण 39. लोकिंत्र 40. गौिा बादल की कर्ा
69
ररि स्थान -
1.छोिा 2.मिादे वी वमाथ 3.दु ख 4. खिी 5.भक्तिन 6. रुपया 7. सेवक-स्वामी 8.जै नेन्द्र कुमाि
9. सीहमि 10.जादू 11.चौक 12.भगिजी 13.स्पृिा 14.लाभ 15.धमथ वीि भाििी 16.जल चढाना
17.संस्मिण 18. बैल 19.सहिया 20. पुकाििे 21.खे ल गीि 22. फणीश्विनार् िे णु 23.किानी
24. वाि पट्ठे 25. शे ि के बच्चे 26. गाय 27. बाज 28. आाँ सू 29. िजािी प्रसाद हद्ववेदी 30.
पृथ्वी 31.पक्षपािी 32. छपिा 33. छायादाि 34. सत्य 35. दू ध –पानी 36. श्रम हवभाजन
37. आहर्थ क पिलू 38. भ्रािृिा 39.जगि 40. हविोधी
सि जोड़ –
सत्य /असत्य
70
22. सत्य 23. सत्य 24. सत्य 25. सत्य 26. असत्य 27. सत्य 28. सत्य
29. असत्य 30. असत्य 31. सत्य 32. सत्य 33. असत्य 34 .सत्य 35. असत्य
36. सत्य
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इकाई 4 उत्तरमाला
सि ववकल्प -
ररि स्थान -
1- क्षे त्रीय शब्द 2- िकनीकी शब्द 3- हनपाि शब्द 4- िकनीकी शब्द 5- हनपाि शब्द 6-
प्रवाि 7- क्षहि 8- मद्य 9- संकि 10- 4 11- पुनरुि शब्द युग्म 12- सार्थ क शब्द समू ि 13-
प्रश्नवाचक वाक्य 14- हवहधवाचक वाक्य 15- हमश्रवाक्य 16- हवस्मयाहदबोधक वाक्य 17- मु िाविा
18- लोकोक्ति 19- सफल न िोना 20- दो काज 21- झूठा हदखावा 22- लोकोक्ति 23- आवश्यकिा
से कम वस्तु 24- कमथ के अनु साि फल 25- मुिाविे
सि जोड़ -
1- िकनीकी शब्द 2- िे क्तिकल 3- गुरुत्वाकषथ ण, आवृहि, त्विण 4- यज्ञ, जप, आसन, कमथ ,
संकल्प, 5-लोिा, झािू, अंगोछा, हिहबया, लुहिया 6- िक 7- मात्र, भि, से, िक, िी 8-
पारिभाहषक शब्द 9- जोिा अर्ाथ ि दो का सिअक्तस्तत्व 10- पुनरुि शब्दयुग्म, अनु किणात्मक
शब्दयुग्म, अनु सिणात्मक शब्दयुग्म, हभन्नउच्चािण औि हभन्न विथनी वाले शब्दयुग्म 11- अभी-अभी,
कभी-कभी, आिे -जािे, हलखिे–हलखिे 12- चाय- वाय, दाल -िोिी, पानी-वानी, ऐसा -वैसा,जै से
–िैसे 13- अनु किणात्मक शब्दयुग्म 14- इस श्रे णी में दोनों िी शब्द एक दू सिे पि हनभथ ि िोिे िैं
71
ले हकन संयोग सार्थ क िोिा िै उदाििण: फिा-फि, िना-िन, िि -िि, आहद 15- अस्त्र-शास्त्र,
अहभमान –अिं काि ,रिक्तद्ध- हसक्तद्ध, हदन –िाि 16- संदेिवाचक 17- िुम समय से पढो 18-
संकेिवाचक वाक्य 19- सिल वाक्य 20- वि कौन सा मनु ष्य िै , हजसने मिात्मा गां धी का नाम ना
सुना िो 21- संयुि वाक्य 22- 3 23-शायद िाम घि पि िै , 24- पिं पिा के हवरुद्ध कायथ किना
25- मु िाविे 26- एकमात्र सिािा 27- एकमात्र सिािा 28- किावि 29- हशक्षकों की बािों पि कान
दे ना आवश्यक िै 30- िुहािे िो आगे नार् न पीछे पगिा िै , इसहलए घूमिे िििे िो 31- पैसे के
बल पि काम किाना 32- लोकोक्ति 33- मू खथ का धन चालाक के िार् में आना 34- लोक अनु भव।
सत्य / असत्य -
1- असत्य 2- असत्य 3- सत्य 4- सत्य 5- सत्य 6- सत्य 7- असत्य 8- सत्य 9- असत्य 10-
असत्य 11- सत्य 12- सत्य 13- सत्य 14- सत्य 15- सत्य 16- असत्य 17- सत्य 18-
असत्य 19- असत्य 20- असत्य।
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इकाई: 5 उत्तरमाला
सि ववकल्प -
1- (ब) मनोिि श्याम जोशी, 2- (द) हकशनदा को, 3- (स) कुमाऊं, 4- (अ) बॉयसहवथस, 5-
(स) वाई.िी.पंि, 6- (अ) मानस पुत्र, 7- (द) सादगीपूणथ, 8- (ब) 25वीं, 9- (ब) सम्मान,
10- (स) केशव प्रर्म वीि ने , 11- (स) न.व. सौंदलगेकि, 12- (अ) संघषथ , 13-(अ) मिाठी,
14- (ब) नौकिी के हलए, 15- (द) संघषथ मयी प्रवृहि, 16- (स) अनाज जमा किने के हलए, 17-
(स) हदल्ली संग्रिालय में , 18- (अ) कुलधिा गां व की, 19- (अ) सौंदयथबोध, 20-(अ) सभ्यिा
का, 21- (ब) समाजपोहषि, 22- (स) सूिी कपिा, 23- (द) 5000 साल, 24- (अ) सन्
1922,
ररि स्थान -
सि जोड़ -
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3. (i) घ (ii) ग (iii) क (iv) ख
1- कृष्णानं द पां िेय, 2- िे म्जे स्कूल अल्मोिा, 3- हकशनदा, 4- सम्मान, 5- भाऊ, 6- केशव
प्रर्म वीि, 7- पाठशाला जाने के हलए, 8- दिाजी िाव सिकाि, 9- मां से, 10- आनं दा, 11-
संघषथ , 12- ईख को दे ि िक खे ि में खिे ििने दे िे र्े , 13- लकिी के छोिे िु किे से भैं स की
पीठ पि या पत्थि की हशला पि कंकि से, 14- 1:2:4, 15- काला, 16- हदल्ली के िाष्टरीय
संग्रिालय में , 17- चंिीगढ से, 18- खजू ि औि अंगूि, 19- 5000 साल पुिाना, 20- लं बाई 40
फुि, चौिाई 25 फुि, गििाई 7 फुि, 21- िाजथर्ान, 22- अलीनवाज,
सत्य / असत्य
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इकाई– 6 उत्तरमाला
सि ववकल्प -
ररिस्थान -
1. गोवा, 2. चीन, 3. गुिेनवगथ, 4.िीन, 5.छि, 6. उल्टा, 7.जनमि, 8.पयाथ प्त ज्ञान, 9.
हवचािपिक, 10.अखबाि 11.शब्द 12.कर्ानक
सि जोड़ -
1- ख, 2- क, 3- घ, 4- ग, 5- ङ
1.उल्टा हपिाहमि शैली, 2. िाइपि िै क्सि माक्िअप लैं ग्वेज़, 3. शब्दों का थर्ाहयत्व 4.अखबाि या
पहत्रका में समाचािों या रिपोिथ को प्रकाशन के हलए स्वीकाि किने की एक हनहश्चि समय सीमा िोिी िै ,
उसे िे िलाइन कििे िैं । , 5. इं िरो, बॉिी औि समापन 6. लाइव याहन हकसी खबि को घिना
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थर्ल से सीधा प्रसािण 7. छि, 8. पूणथकाहलक, अंशकाहलक, फ्रीलां सि 9. संपादक के नाम पत्र
10. संपादकों के बीच काम का हवभाजन बीि किलािा िै 11. आििे न ने 12. सुहमत्रानं दन पंि ने
सत्य / असत्य
वविेष ि प –
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