Professional Documents
Culture Documents
Document From Geeta
Document From Geeta
सत्र - 2022-23
कक्षा – 10वीं
ववषय – विन्दी
अनुक्रमविका
2. 02 काव्य बोध
4. 04 भाषा बोध
5. 05 कृविका भाग-2
6. 06 अपविि बोध
7. 07 पत्र - लेखन
8. 08 वनबन्ध - लेखन
इकाई - 1
वक्षविज भाग-2 काव्यखण्ड
क्र इकाई एवां ववषय वस्तु इकाई वस्तुवनष्ठ अांकवार प्रश्नोां की सांख्या कुल
पर प्रश्न प्रश्न
आवांविि
अांक
1 अांक 2 3 4 5
अांक अांक अांक अांक
इकाई वक्षविज भाग -2, काव्य 17 06 04 01 --- --- 05
1 खांड
• पद्य साहित्य का
इहििास एवं काल
हवभाजन,
रीहिकाल,
आधुहनक काल
(प्रयोगवाद,
प्रगहिवाद, नई
कहविा )
• कहव पररचय
• भावार्थ : (संदभथ,
प्रसंग , भावार्थ,
काव्य सौन्दयथ)
• सौंदयथ बोध िर्ा
भाव एवं हवषय
वस्तु आधाररि प्रश्न
12. रघुकुल में दे विा ब्राह्मण, ईश्वर भक्त और. .. .. .. .का वध निीं हकया जािा र्ा। (गाय/ पहियों )
13. . .. .. .. .. .. .व्यक्तक्त अपनी प्रशंसा स्वयं िी करिे िैं। (हनडर / कायर)
18. हनराला ने बादलों को .. .. .. .के समान सुन्दर बिाया िै। (केशों/आाँ खों)
19. उत्साि कहविा की भाषा. .. .. .. .. .. . िै। (संस्कृिहनष्ठ खड़ी बोली/ बघेली)
20. हनराला की अहधकांश रचनाएाँ . .. .. .. . छन्द में हमलिी िैं । (गीहिका /मुक्तक)
21. दु हवधािि सािस का शाक्तिक अर्थ. .. .. .. .. .िै। (सािस िोिे हुए दु हवधाग्रस्त रिना / हबना
दु हवधा के रिना)
22. िर चंहिका में हछपी एक राि. .. .. .. . िै। (कृष्णा / सुंदर)
सिी जोडी बनाकर वलखखए -
i (अ) (ब)
1. सूर के पद i. हनराला
2. उत्साि ii. सूरदास
3. हनराला iii. अट निीं रिी िै
4. राम-लक्ष्मण परशुराम संवाद iv. जयशंकर प्रसाद
5. 'आत्मकथ्य' v. िुलसीदास
ii (अ) (ब)
1. "हवनयपहत्रका i. मंगलेश डबराल
2. कामायनी ii. िुलसीदास
3. साहित्य लिरी iii. जयशंकर प्रसाद
4. युगधारा iv. सूरदास
5. पिाड़ पर लालटे न v. नागाजुथन
iii (अ) (ब)
1. िुम्हारी यि i. गरज में
2. र्के पहर्क की ii. दं िुररि मुसकान
3. मुख्य गायक की iii. पंर्ा की
4. मन की मन िी iv. सट निीं रिी िै
5. आभा फागुन की िन v. मााँ झ रिी
iv (अ) (ब)
1. सूरदास का जन्म एवं मृत्यु i. सन् 1889, सन् 1937
2. िुलसीदास का जन्म एवं मृत्यु ii. सन् 1478, सन् 1583
3. जयशंकर प्रसाद का जन्म एवं मृत्यु iii. सन् 1532, सन् 1623
4. हनराला का जन्म एवं मृत्यु iv. सन् 1918, सन् 1994
5. नागाजुथन का जन्म एवं मृत्यु v. सन् 1948
6. मंगलेश डबराल का जन्म vi. सन् 1899, सन् 1961
एक वाक्य में उत्तर वलखखए
1. सूरदास भक्तक्तकाल की हकस शाखा के कहव िैं ?
2. गोहपयों के अनुसार राजा का धमथ क्या िै ?
3. सूर-सारावली के कहव का क्या नाम िै ?
4. हिहिज भाग 2 में संग्रहिि सूर के 4 पद किााँ से हलए गए िैं ?
5. गोहपयों ने भ्रमण के बिाने हकस पर व्यंग्य बाण छोड़े िैं ।
6. राम लक्ष्मण परशुराम संवाद रामचररिमानस के हकस कांड से हलया गया िैं ?
7. गोस्वामी िुलसीदास की मृत्यु किााँ हुई ?
8. सीिा स्वयंवर में राम-लक्ष्मण हकसके सार् आए र्े ?
9. बालकु बोहल बधी निीं िोिी में कौन सा अलंकार िै ?
10. ऊाँगली हदखाने से कौन मुरझा जािा िै ?
11. कहव प्रसाद जी अपने हकस स्वभाव को दोष निीं दे ना चाििे ?
12. मुरझाकर हगर रिी पहियााँ हकसका प्रिीक िैं ?
13. आत्मकथ्य कहविा में हकस पि की अहभव्यक्तक्त हुई ?
14. प्रेयसी के कपोलों की लाहलमा की िुलना हकससे की गई िै ?
15. प्रसाद जी के आहलंगन में आिे-आिे क्या भाग गया ?
16. बादल के हृदय में कौन छु पा िै ?
17. हवश्व के सकल जन कैसे िो रिे िैं ?
18. घेर-घेर घोर गगन में कौन सा अलंकार िै ?
19. बादल हकस हदशा से आिे िैं ?
20. िृप्त धरा का सां केहिक अर्थ क्या िै ?
सत्य-असत्य वलखखए-
1. गोहपयााँ कृष्ण द्वारा चुराए गए अपने मन को वापस मााँग रिी िैं।
2. अच्छे लोग परहिि के हलए दौड़े चले आिे िैं ।
3. उद्धव का संदेश गोहपयों को गुड़ की िरि मीठा लगा।
4. योग संदेश सुनकर गोहपयों की हवरि अहि बि रिी िै।
5. राजा का धमथ िै हक प्रजा को न सिाए ।
6. हशव धनुष राम ने िोड़ा।
7. कुछ िहत्रय राजाओं को िराकर परशुराम राम लक्ष्मण को िराने के सपने दे ख रिे र्े।
8. वीर व्यक्तक्त अपनी प्रशंसा स्वयं करिे िैं।
9. हशव धनुष को खंहडि दे खकर परशुराम क्रोहधि िो उठे ।
10. परशुराम के फरसे को दे खकर लक्ष्मण भयभीि िो गए।
11. जयशंकर प्रसाद का जन्म वाराणसी में हुआ।
12. 'आत्मकथ्य कहविा पिली बार 1932 में िंस पत्रिका के आत्मकर्ा हवशेषांक में प्रकाहशि हुई
र्ी।
13. जयशंकर प्रसाद मौन रिकर औरों की कर्ा सुनने के इच्छु क र्े।
14. कहव जयशंकर प्रसाद अपने जीवन के हनजी अनुभवों को सबसे बांटना चाििे िैं।
15. कहव प्रसाद ने अपने मन को भाँवरे का रूप हदया िै।
16. 'अट निीं रिी' कहविा फागुन की मादकिा को प्रकट करिी िै।
17. छायावादी कहवयों में हनराला ने सबसे पिले मुक्तक छन्द का प्रयोग हकया।
18. हनराला पूंजीवाद के समर्थक िर्ा पोषक र्े।
19. हनराला को आधुहनक कहव भी किा जािा िै।
20. हनराला प्रगहिवादी कहव िैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न (02अांक)
भावार्थ:-
वनम्नवलखखि पद्याांशोां का सांदभथ-प्रसांग सविि भावार्थ वलखखए- (03 अांक)
5. बादल, गरजो!
घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
लहलि लहलि, काले घुाँघराले,
बाल कल्पना के से पाहल,
वज हछपा, नूिन कहविा,
हफर भर दो-
बादल, गरजो!
6. बादल, गरजो!
8 . एक के निीं,
दो के नहिं ,
ढे र सारी नहदयों के पानी का जादू :
एक के निीं,
दो के नहिं
लाख-लाख कोहट-कोहट िार्ों के स्पशथ की गररमा:
एक की निीं,
दो के निीं,
िज़ार-िज़ार खेिों की हमट्टी का गुण धमथ:
9. अट निीं रिीं िै ,
आभा फागुन की िन
सट निीं रिीं िै |
---------xxxx------
इकाई – 2
काव्य – बोध
क्र इकाई एवम् ववषय वस्तु इकाई वस्तुवनष्ठ अांकवार प्रश्नोां की सांख्या कुल
पर प्रश्न प्रश्न
आवांविि
अांक
1 अांक 2 3 4 5
अांक अांक अांक अांक
इकाई काव्य बोध 10 06 02 --- --- --- 02
2 1. काव्य की पररभाषा
एवं भेद (प्रबन्ध
काव्य के भेद)
2. रस: अंग एवं प्रकार
उदािरण सहिि
3. छन्द : दोिा एवं
चौपाई
4. अलंकार :
मानवीकरण
,पुनरुक्तक्त प्रकाश,
अहिशयोक्तक्त,
अन्योक्तक्त अलंकार
• नायक के जीवन की हकसी एक घटना अर्वा हृदयस्पशी अंश का पूणथिा के सार् अंकन
.................... काव्य में हकया जािा िै। (मिाकाव्य / खण्ड काव्य)
• अहभनय ित्व की प्रधानिा .................... काव्य में िोिी िै । (दृश्यकाव्य / श्रृव्यकाव्य)
• काव्य में रस का अर्थ .................... स्वीकार हकया गया िै। (आनंद / अलंकार)
• नायक - नाहयका के संयोग या हवयोग का वणथन .................... रस में िोिा िै। (िास / श्रृंगार)
• कहविा के रचना हवधान को .................... कििे िै। (छन्द / रस)
• चौपाई के प्रत्येक चरण में .................... मात्राएाँ िोिी िै। (16-16 /24-24)
• छन्द .................... प्रकार के िोिे िैं। (आठ / दो)
• जिााँ लोक की मयाथदा को पार करके हकसी वस्तु का अत्यंि बिा चिाकर वणथन हकया जािा िै
विााँ .................... अलंकार िोिा िै। (अन्योक्तक्त / अहिशयोक्तक्त)
• वीर रस का स्र्ाई भाव .................... िै। (उत्साि / क्रोध)
• ‘‘बार-बार मोहि लाहग बोलाबा’’पक्तक्त में अलंकार िै। (पुनरूक्तक्तप्रकाश / उपमा)
i अ ब
1. कामायनी - क. छन्द
2. दोिा - ख. खण्ड काव्य
3. सुदामाचररत्र - ग. मिाकाव्य
4. नाटक - घ. हनवेद
5. शांि रस - ड. दृश्यकाव्य
ii अ ब
1. कात्य की आत्मा - क. माहत्रक छन्द
2. छन्द के प्रकार - ख. रस
3. चौपाई - ग. दो
4. िीन वणो का मेल - घ. श्रृंगार परक
5. हबिारी सिसई - ड. गण
iii. अ ब
1. अलंकार - क. अन्योक्तक्त
2. जिााँ अप्रस्तुि कर्न से - ख. मानवीकरण
प्रस्तुि का बोध िो
3. प्रकृहि में मानवीय - ग. आभूषण
हक्रयाओं का आरोपण
4. लोक मयाथदा की सीमा - घ. पुररूक्तक्त प्रकाश
लााँघ कर वणथन
5. जिााँ एक िी शि दो - ड. अहिश्योक्तक्त
बार आए और उसका
अर्थ भी न बदले
एक वाक्य में उत्तर वलखखए –
क्र इकाई एवां ववषय वस्तु इकाई वस्तुवनष्ठ अांकवार प्रश्नोां की सांख्या कुल
पर प्रश्न प्रश्न
आवांविि
अांक
1 अांक 2 3 4 5
अांक अांक अांक अांक
इकाई वक्षविज भाग 2, गद्य खण्ड
3 • गदय की प्रमुख एवं
गौण हवधाएाँ 17 06 04 01 --- --- 05
• लेखक पररचय
• व्याख्या (सन्दभथ,
प्रसंग, व्याख्या,
हवशेष)
• हवषयवस्तु एवं
हवचार बोध पर
आधाररि प्रश्न
4‘कैप्टन’नाम र्ा -
(अ) पान वाले का (ब) सैहनक का
(स) िालदार सािब का (द) चश्मे वाले का
5‘नेिा जी का चश्मा’किानी का मूलभाव िै -
(अ) हशिा का हवकास (ब) समाजसुधार
(स) प्रेम सम्बन्ध (द) दे श भक्तक्त की भावना
21 मन्नू भंडारी के हकस व्यविार से िंग आकर हप्रंहसपल ने उनके हपिा को बुलाया?
(अ) अहशष्ट (ब) हवनम्र
(स) दु ष्ट (द) आं दोलनकारी
(1) बार-बार सोचिे, क्या िोगा उस कौम का जो अपने दे श की खाहिर घर-गृिस्र्ी-जवानी-हजंदगी सब कुछ
िोम दे ने वालों पर भी िाँ सिी िै और अपने हलए हबकने के मौके ढू ाँ ढिी िै । दु ः खी िो गए।
(2) वि गृिस्र् र्े, लेहकन उनकी सब चीज ‘सािब’की र्ीं । जो कुछ खेि में पैदा िोिा, हसर पर लादकर पिले
उसे सािब के दरबार में ले जािे जो उनके घर से चार कोस दू र र्ा - एक कबीरपंर्ी मठ से मिलब! वि
दरबार में भेंट रूप रख हदया जाकर प्रसाद रूप में जो उन्हें हमलिा, उसे घर लािे और उसी से गुजर
चलािे ।
(3) भादों की वि अंधेरी अधरहिया । अभी र्ोड़ी िी दे र पिले मूसलाधार वषाथ खत्म हुई िै । बादलों की गरज,
हबजली की िड़प् में आपने कुछ निीं सुना िो, हकन्तु अब हझल्ली की झंकार या दादु रों की टरथ -टरथ
बालगोहबन भगि के संगीि को अपने कोलािल में डु बों निीं सकिी ।
(4) यि हपिृ गार्ा मैं इसहलए निीं गा रिी हक मुझे उनका गौरव-गान करना िै , बक्ति मैं िो यि दे खना चाििी
हाँ हक उनके व्यक्तक्तत्व की कौन सी खूबी और खाहमयााँ मेरे व्यक्तक्तत्व के िाने-बाने में गुाँर्ी हुई िैं या हक
अनजाने-अनचािे हकए उनके व्यविार ने मेरे भीिर हकन ग्रक्तियो को जन्म दे हदया।
(5) केवल बािरी हभन्निा के आधार पर अपनी परम्परा और पीहियों को नकारने वालों को क्या सचमुच इस
बाि का हबिुल एिसास निीं िोिा हक उनका आसन्न अिीि हकस कदर उनके भीिर जड़ जमाए बैठा
रििा िै । समय का प्रवाि भले िी िमें दू सरी हदशाओं में बिाकर ले जाएक्तस्र्हियों का दबाव भले िी
िमारा रूप बदल दे , िमें पूरी िरि उससे मुक्त िो निीं िी कर सकिा।
(6 ) काशी आज भी संगीि के स्वर पर जगिी और उसी के र्ापों पर सोिी िै । काशी में मरण भी मंगल माना
जािा िै । काशी आनंदकानन िै । सबसे बड़ी बाि यि िै हक काशी के पास उस्ताद हबक्तस्मल्ला खााँ जैसा
लय और सुर की िमीज हसखाने वाला नायाब िीरा रिा िै जो िमेशा से दो कौमो को एक िोने व आपस
में भाईचारे के सार् रिने की प्रेरणा दे िा रिा िै ।
(7) एक संस्कृि व्यक्तक्त हकसी नयी चीज की खोज करिा िै , हकन्तु उसकी संिान को वि अपने पूवथज से
अनायास िी प्राप्त िो जािी िै । हजस व्यक्तक्त की बुक्तद्ध ने अर्वा उसके हववके ने हकसी भी नए िथ्य का
दशथन हकया, वि व्यक्तक्त िी वास्तहवक संस्कृि व्यक्तक्त िै और उसकी संिान हजसे अपने पूवथज से वि वस्तु
अनायास िी प्राप्त िो गई िै , वि अपने पूवथज की भााँ हि सभ्य भले िी बन जाए, संस्कृि निीं किला सकिा
।
इकाई - 4
भाषा बोध
क्र इकाई एवां ववषय वस्तु इकाई पर वस्तुवनष्ठ अांकवार प्रश्नोां की सांख्या कुल
आवांविि प्रश्न प्रश्न
अांक
1 अांक 2 3 4 5
अांक अांक अांक अांक
इकाई भाषा बोध
4 • संहध एवं
समास(भेद एवं 08 06 01 ___ ___ ___ 01
उदािरण), वाच्य,
हक्रया के भेद एवं
हक्रया हवशेषण
• मुिावरे एवं
लोकोक्तक्तयााँ ,
अनेकार्ी शि,
वाक्यांश के हलए
एक शि
• वाक्य के भेद(अर्थ
के आधार पर)
• शि शक्तक्त एवं
शि गुण का
सामान्य पररचय
ii अ ब
1. शिों का सार्थक समूि - क. प्रश्नवाचक
2. दो या दो अहधक शिों का समूि - ख. दावानल
3. लोकोक्तक्त को कििे िैं - ग. समास
4. क्या राम चला गया? वाक्य क्या िै? - घ. लोगों द्वारा किा गया कर्न
5. जंगल में लगने वाली आग - ड. वाक्य
एक वाक्य में उत्तर वलखखए -
1. वाच्य क्या िै ?
2. ऐसी बाि जो लोगों द्वारा बोली जािी िै और जुबान पर चि जािी िै।क्या किलािी िै ?
3. ‘हबजली गुल िो गयी’यि वाक्य वाच्य का कौन- सा प्रकार िै ?
4. समुि मंर्न करना का अर्थ हलक्तखए।
5. हवरोध करना के हलए सिी मुिावरा हलक्तखए।
6. शि की प्रर्म शक्तक्त को क्या किााँ जािा िै ?
7. हजसका कोई शत्रु न िो।उसे क्या किा जािा िै ?
8. ‘टे िी खीर’मुिावरे का अर्थ क्या िै ?
9. ‘प्रहिहदन’में कौन सी समास िै?
10. समुच्च्च्यबोधक शि का अहभप्राय हलक्तखए।
क्र इकाई एवां ववषय वस्तु इकाई वस्तुवनष्ठ अांकवार प्रश्नोां की सांख्या कुल
पर प्रश्न प्रश्न
आवांविि
अांक
1 अांक 2 3 4 5
अांक अांक अांक अांक
इकाई कृहिका भाग – 2
5 पूरक पाठ्य पुस्तक से --- --- ---
हवहवध पाठों पर आधाररि 08 06 01 01
प्रश्न
(ii) अ ब
1.हशवपूजन सिाय का जन्म क सच्चीदानंद हीरानंद िात्सयायन
2 . दे हाती दु त्रनया ख सन् 1893
3 . सलाम आखखरी ग त्रशिपूजन सहाय
4 . अज्ञेय घ मधु कांकररया
5 . अज्ञेय का जन्म ड़ सन् 1911
(iii) अ ब
1. त्रशिपूजन रचनािली क काव्य संग्रह
2 . पत्ाखोर ख ‘रूद्र’
3 . त्रशिप्रसाद त्रमश्र ग त्रनबन्ध
4 . त्रिशंकु घ उपन्यास
5 . भग्नदू त ड़ चार खण्ड
(iv) अ ब
1. परीक्षा पच्चीसी क छोटा शात्रमयाना
2 . चैरिेत्रत - चैरिेत्रत ख आम का उगता हुआ पौधा
3 . रफ़्ता-रफ़्ता ग धीरे – धीरे
4 . अमोले घ चलते रहो -चलते रहो
5 . चाँदोआ ड़ गीत एिं व्यंग्य गीत संग्रह
(v) अ ब
1. मतिाला क पीठ के बल लेटना
2 . त्रशिप्रसाद त्रमश्र ‘रूद्र’ ख कोलकाता में जन्म
3 . तारसप्तक ग अज्ञेय
4 . मधु कांकररया घ काशी
5 . उतान ड़ प्रत्रतत्रित पत्रिका
एक वाक्य में उत्तर वलखखए-
1. हिंदी का स्मरणहशल्प में हलखा गया पिला उपन्यास कौन सा माना जािा िै ?
2. बरखा के बंद िोिे िी बाग में क्या -क्या नजर आए?
3. हवपदा के समय भोलानार् हकसकी शरण में जािा िै ?
4. भोलानार् का असल नाम क्या र्ा?
5. भोलानार् अपने हपिाजी को क्या किकर बुलािे र्े?
6. भोलानार् और उनके सार्ी टू टी चूिेदानी से क्या बनािे र्े?
7. हनम्नहलक्तखि शिों का अर्थ हलक्तखए-
अ. आबरवााँ ब. अमहनया
8. सामने िी रकम रकम के रं ग-हबरं गे इिने सारे फूल हदखाई पड़े हक लगा फूलों के बाग में
आ गई हाँ। रे खााँहकि शि का अर्थ हलक्तखए|
9. ‘डोको’क्या िै?
10. अज्ञेय ने मानव हनहमथि सूरज हकसे किा िै ?
11. लेखक ने अपने आप को हिरोहशमा के हवस्फोट का भोक्ता कब मिसूस हकया?
12. पत्थर की दे वी िक अपने भक्तों द्वारा दी गई भेंट को निीं ठु करािी
यि कर्न हकसका िै?
सत्य / असत्य वलखखए -
1. िारकेश्वरनार् िी भोलानार् र्े|
2. भोलानार् को मइयााँ के गोद से हनकलकर बाबूजी की गोद में शांहि हमली|
3. गणेश जी के चूिे की रिा के हलए हशव का नंदी हनकल आया|
4. िमारे हपिाजी िड़के उठ कर हनपट निा कर पूजा करने बैठ जािे र्े|
5. कभी-कभी बाबूजी िमसे कुश्ती भी लड़के र्े|
6. िम कन्है या बनकर बाबूजी की गोद में िंसिे-िंसिे बािर आिे र्े|
7. चार लड़के बैल बनकर मोट खींचने लग जािे र्े |
8. गंगटोक मेिनिकश बादशािों का शिर िै |
9. जब हकसी बुक्तद्धस्ट की मृत्यु िोिी िै िो रं गीन पिाकाएाँ लगा दी जािी िैं |
10. सेवेन हसस्टसथ वाटरफॉल असम में िै |
11. चाय के िरे भरे बागानों में कई युवहियां बोकू पिले चाय की पहियााँ िोड़ रिी र्ी|
मंगलेश डबराल मंगलेश डबराल मंगलेश डबराल मंगलेश डबराल मंगलेश डबराल
लघु उत्तरीय प्रश्न (02 अांक)
1. बाल मनोभावों की अहभव्यक्तक्त करिे-करिे लेखक ने ित्कालीन समाज के पाररवाररक पररवेश
का हचत्रण भी हकया िै |”मािा का अाँचल ’पाठ के आधार पर इस कर्न की हववेचना कीहजए|
2. भोलानार् अपने साहर्यों को दे खकर हससकना क्यों भूल जािा िै ?
3. बच्चे मािा- हपिा के प्रहि अपने प्रेम को कैसे अहभव्यक्त करिे िैं ?
4. मािा का अाँचल शीषथक की उपयुक्तिा बिाइ|
5. भोलानार् का अपने हपिा से अहधक जुड़ाव र्ा हफर भी हवपदा के समय मााँ की शरण लेिा िै | इसकी
क्या वजि िो सकिी िै?
6. गंिोक को मेिनिकश बादशािों का शिर क्यों किा गया ?
7. कभी श्वेि िो कभी रं गीन पिाकाओं का लगाना हकन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेि करिा
िै?
8. लॉन्ग स्टॉक में घूमिे हुए चक्र को दे खकर लेक्तखका को पूरे भारि की आत्मा एक िी क्यों हदखाई
दी?
9. प्रकृहि के अनंि और हवराट स्वरूप को दे खकर लेक्तखका को कैसी अनुभूहि िोिी िै ? हलक्तखए|
10. ‘ कटाओ पर हकसी भी दु कान का ना िोना उसके हलए वरदान िै |’ इस कर्न के पि में अपना
िकथ हलक्तखए|
11. प्रकृहि ने जल संचय की व्यवस्र्ा हकस प्रकार की िै ? साना साना िार् जोहड़ पाठ के आधार पर
हलक्तखए|
12. लेखक के अनुसार प्रत्यि अनुभव की अपेिा अनुभूहि उनके लेखन में किीं अहधक मदद करिी िै।
इसका कारण हलक्तखए?
13. मैं क्यों हलखिा हाँ ?पाठ के आधार पर बिाइए हक लेखक को कौन सी बािें हलखने के हलए प्रेररि
करिी िैं?
14. कुछ रचनाकारों के हलए आत्मानुभूहि के सार्-सार् बािरी दबाव भी मित्वपूणथ िोिा िै | यि बािरी
दबाव कौन-कौन से िो सकिे िैं ?
15. हिरोहशमा पर हलखी कहविा लेखक के अंिः और बािरी दोनों दबाव का पररणाम िै |कैसे? पाठ के
आधार पर हलक्तखए|
16. अनुभव और अनुभूहि में क्या अंिर िै?
17. ‘मािृत्व और श्रम साधना सार् सार्’पाठ के आधार पर पिाड़ी महिलाओं की क्तस्र्हि को स्पष्ट कीहजए|
इकाई - 6
अपविि-बोध
क्र इकाई एवां ववषय वस्तु इकाई वस्तुवनष्ठ अांकवार प्रश्नोां की सांख्या कुल
पर प्रश्न प्रश्न
आवांविि
अांक
1 अांक 2 3 4 5
अांक अांक अांक अांक
इकाई अपहठि बोध -
6 अपहठि काव्यांश / 04 ___ __ __ 01 __ 01
गद्यांश
अपविि गद्याांश
1. मानव का अकारण िी मानव के प्रहि अनुदार िो उठना न केवल मानविा के हलए लज्जाजनक िै
,अनुहचि भी िै। वस्तुिः यर्ार्थ मनुष्य विी िै जो मानविा का आदर करना जानिा िै , कर
सकिा िै केवल इसहलए हक कोई मनुष्य बुक्तद्धिीन िै अर्वा दररि। वि घृणा का िो दू र रिा
उपेिा का भी पात्र निीं िोना चाहिए । मानव िो इसहलए सम्मान के योग्य िै हक मानव िै ,भगवान
की सवथश्रेष्ठ रचना िै।
प्रश्न-
(i) उपयुथक्त गद्यां श का शीषथक हलक्तखए।
(ii) यर्ार्थ मनुष्य हकसे कििे िैं ?
(iii) उपयुथक्त गद्यां श का सारांश हलक्तखए।
2. आप िमेशा अच्छी हजंदगी जीिे जा रिे िैं । आप िमेशा बहिया कपड़े बहिया जूिे व मोबाईल
जैसे हदखावों पर बहुि खचथ करिे िैं। आप अपने शरीर पर हकिना खचथ करिे िैं ? इसका
मूल्यांकन जरूरी िै। यि शरीर अनमोल िै। अगर शरीर स्वस्र् निीं िोगा िो आप ये सारे
सामान हकस पर टांगेंगे? अि: स्वयं का स्वस्र् रिना सबसे जरूरी िै एवं स्वस्र् रिने में िमारे
खान-पान का सबसे मित्त्वपूणथ योगदान िै।
प्रश्न-
(i) उपयुथक्त गद्यां श का उहचि शीषथक हलक्तखए।
(ii) अनमोल क्या िै ?
(III) शुद्ध असली शिों के हवलोम शि हलक्तखए।
3. आदशथ व्यक्तक्त कमथशीलिा में िी अपने जीवन की सफलिा समझिा िै जीवन का प्रत्येक िण वि
चामथ में लगािा िै। हवश्राम और हवनोद के हलए उसके पास हनहिि समय रििा िै। शेष समय जन
सेवा में व्यिीि िोिा िै। िार् पर िार् रख कर बैठने को वि मृत्यु के समान समझिा िै। काम
करने की उसमें लगन िोिी िै ,उत्साि िोिा िै। हवपहियों में भी वि अपने चररत्र का पररचय दे िा
िै। धैयथ की कुदाली से वि बड़े बड़े संकट पवथिों को ढिा दे िा िै उसकी कायथकुशलिा दे खकर
लोग दां िों िले ऊाँगली दबािे िैं। संिोष उसका धन िै। वि पररक्तस्र्हियों का दास निीं िै।
\पररक्तस्र्हियााँ उसकी दासी िैं।
प्रश्न-
(i) उपयुथक्त गद्यां श का उहचि शीषथक हलक्तखए।
(ii) उपयुथक्त गद्यांश में वहणथि व्यक्तक्त के गुणों का वणथन अपने शिों में कीहजए ।
(iii) उपयुथक्त गद्यां श का सारांश हलक्तखए।
4 दे श प्रेम में आत्म हवस्तार का भाव हनहिि िै। हजस भाव के अंिगथि व्यक्तक्त पररवार और समाज
की पररहध से भी आगे अपने दे श के प्रहि अपना लगाव अनुभव करने लगिा िै , उस भाव को दे श
प्रेम के अंिगथि पररगहणि हकया जािा िै। दे श प्रेम में दे श की रिा और दे श के हवकास को मित्व
हदए जाने के सार् दे श के प्रहि पूज् भाव का संचार भी सहन्नहिि िोिा िै। जब िक व्यक्तक्त दे श
को अपना आराध्य निीं बनािा, िब िक दे श के प्रहि समपथण का भाव भी उसमें जाग्रि निीं
िोिा।
प्रश्न -
(i) उपयुथक्त गद्यांश का उहचि शीषथक हलक्तखए।
(ii) दे श के प्रहि समपथण का भाव कब जाग्रि िोिा िै ?
(iii) उपयुथक्त गद्यां श का सारांश हलक्तखए।
5. राष्टरीय भावना में शौयथभाव का अपना हवहशष्ट स्र्ान िै। राष्टर गौरव का बखान और उसकी रिा
का प्रबल भाव हजस कहविा में व्यक्त िोिा िै , उस वीर भाव को शौयथ के अन्तगथि हगना जािा िै।
शौयथ का भाव आत्मगौरव से पररपूणथ िोिा िै। हिन्दी कहविा के सुदीघथ इहििास में इस भाव की
प्रहिष्ठा प्राय: सभी युगों में िोिी रिी िै। आहदकाल से आधुहनक युग िक हकसी न हकसी रूप में
शौयथ और दे शप्रेम का भाव जाग्रि रिा िै ।
प्रश्न-
(i) उपयुथक्त गदयांश का उहचि शीषथक हलक्तखए।
(ii) शौयथ भाव क्या िै?
(iii) उपयुथक्त गद्यां श का सारांश हलक्तखए।
6. िमारी जीवन शैली में कम्यूटर और इं टरनेट का दखल इस कदर बििा जा रिा िै हक संभव िै
हक आने वाले समय में इं सान कम्यूटर और कम्यूटर इं सान बन जाएगा। कम्यूटर हवशेषज्ञ और
लेखक कहव ‘रे कुजथवील’ने भहवष्यवाणी की िै हक सन 2029 िक कम्यूटर और इं सान में िमीज
कर पाना मुक्तिल िो जाएगा और सदी के अंि िक िो वे सवथर्ा एक रूप िो जाएाँ गे।
प्रश्न-
(i) उपयुथक्त गद्यां श का शीषथक हलक्तखए।
(ii) इं सान के कंयूटर बन जाने से समाज को क्या खिरे िैं ?
(iii) उपयुथक्त गद्यां श का सारांश हलक्तखए।
7. लोक साहित्य में लोकगीिों का हवशेष स्र्ान िै ये गीि व्यक्तक्त हवशेष के न िोकर समूि के िोिे
िैं। इनका रचहयिा अज्ञाि िोिा िै और ये प्राय: मौक्तखक रूप में एक पीिी से दू सरी पीिी या एक
स्र्ान से दू सरे स्र्ान में स्र्ानान्तररि िोिे रििे िैं। लोकगीि, लोकजीवन का दपथण िोिे िैं। हजनमें
लोक संस्कृहि के समस्त पिों का वणथन िोिा िै। लोकगीि धमथ, सामाहजक रीहि-ररवाज, दशथन,
ज्ोहिष , वैद्यक, सदाचार, उपदे श, लोक व्यविार ,मनोरं जन िर्ा जीवन के समस्त पिों का
संहचि कोष िोिे िैं।
(i) उपयुथक्त गद्यां श का शीषथक हलक्तखए।
(ii) लोकगीिों की कोई दो हवशेषिाएाँ हलक्तखए।
अपविि पद्याांश
• मााँ िुम्हारा ऋण बहुि िै मैं अहकंचन,
हकन्तु इिना कर रिा हफर भी हनवेदन,
र्ाल में लाऊाँ सजाकर भाल जब भी,
कर दया स्वीकार लेना वि समपथण,
ज्ञान अहपथि प्राण अहपथि,
रक्त का कण-कण समहपथि,
चाििा हाँ दे श की धरिी िुझे कुछ और भी दू ाँ ।।
प्रश्न -
(i) उपयुथक्त काव्यां श का शीषथक हलक्तखए।
(ii) कहव भारि मााँ को क्या अहपथि करना चाििा िै ?
(iii) दे श की धरिी का िम पर क्या ऋण िैं ?
क्र इकाई एवां ववषय वस्तु इकाई वस्तुवनष्ठ अांकवार प्रश्नोां की सांख्या कुल
पर प्रश्न प्रश्न
आवांविि
अांक
1 अांक 2 3 4 5
अांक अांक अांक अांक
इकाई पत्र लेखन -
7 औपचाररक पत्र/ 04 __ __ __ 01 __ 01
अनौपचाररक पत्र
1- आप किा दसवीं- ‘अ’के छात्र िैं , आपकी किा में छात्रों के मान से मेज-कुसी की कमी िै ।
अपने प्राचायथ को इस समस्या से अवगि कराने िेिु एक आवेदन-पत्र हलक्तखए।
2- अपने हवद्यालय में हनयहमि खेल प्रहशिक की व्यवस्र्ा करने िेिु अपने प्राचायथ को एक
आवेदन-पत्र हलक्तखए।
3- आप अपनी किा के नायक िैं ,आप अपनी किा के समस्त छात्रों के सार् अपने गांव/शिर
की सड़कों के हकनारे वृिारोपण करना चाििे िैं इस संबंध में अनुमहि प्राप्त करने िेिु अपने
प्राचायथ को पत्र हलक्तखए।
4- अपने हवद्यालय में अंिहवथद्यालयीन हक्रकेट प्रहियोहगिा का आयोजन कराने िे िु अपने
हवद्यालय के प्राचायथ को आवेदन- पत्र हलक्तखए।
5 आपको हपछले वषथ की छात्रवृहि प्राप्त निीं हुई िैं ,इस बाि की जानकारी दे ने िेिु अपने
प्राचायथ को एक आवेदन- पत्र हलक्तखए।
6- वाहषथक परीिा की िैयारी की जानकारी दे िे हुए अपनी मािाजी को एक पत्र हलक्तखए।
7- अपने वृद्ध दादा-दादी के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के हलए अपने हपिाजी को एक पत्र
हलक्तखए।
8- आपका पड़ोसी दे र राि िक ध्वहन-हवस्तारक यंत्रों का प्रयोग करिा िै , हजससे आपके
अध्ययन में व्यवधान उत्पन्न िोिा िै। इस बाि की हशकायि करने िेिु अपने शिर के र्ाना-
प्रभारी को पत्र हलक्तखए।
9- आपके गांव में हकसी कन्या का हववाि 18 वषथ की आयु के पूवथ िो रिा िै। इसकी सूचना दे ने
के हलए अपने र्ाना प्रभारी को एक पत्र हलक्तखए।
10- आप वाडथ क्रमांक 3 आनंद नगर रिली के हनवासी िैं । अपने वाडथ में नाहलयों के हनमाथण िे िु
अपने वाडथ के पाषथद मिोदय को एक पत्र हलक्तखए।
11- अपने बैंक खािा नं. को अपने आधार नंबर से संलि (हलंक) करने िे िु बैंक प्रबंधक को एक
पत्र हलक्तखए।
12- राज् की हक्रकेट टीम में चयन िोने पर अपने हमत्र को एक बधाई पत्र हलक्तखए।
13- िाईस्कूल परीिा में अनुिीणथ िोने पर हनराश अपने हमत्र को सांत्वना दे िे हुए एक पत्र हलक्तखए।
14- मोबाइल गेम के दु ष्प्रभाव को समझािे हुए अपने छोटे भाई को एक पत्र हलक्तखए।
15- हवद्यालय के प्राचायथ को शाला शुि से मुक्तक्त िेिु आवेदन- पत्र हलक्तखए ।
16- हवद्यालय के प्राचायथ को स्र्ानांिरण प्रमाण-पत्र प्राप्त करने िेिु आवेदन पत्र हलक्तखए।
17- सहचव माध्यहमक हशिा मंडल भोपाल को किा 10वीं की अंकसूची की हद्विीय प्रहि मंगवाने
िेिु आवेदन-पत्र हलक्तखए ।
18- वाहषथक परीिा की िैयारी के संबंध में अपने हपिाजी को एक पत्र हलक्तखए।
19- परीिा में प्रर्म स्र्ान प्राप्त करने पर अपने हमत्र को एक बधाई-पत्र हलक्तखए।
20- हवद्यालय के बुक-बैंक से पुस्तकें प्राप्त करने िेिु अपने हवद्यालय के प्राचायथ को एक
आवेदन- पत्र हलक्तखए।
21- बड़े भाई के हववाि में आमंहत्रि करने िेिु हमत्र को आमंत्रण- पत्र हलक्तखए।
---------xxxx----------
इकाई - 8
वनबन्ध-लेखन
क्र इकाई एवां ववषय वस्तु इकाई वस्तुवनष्ठ अांकवार प्रश्नोां की सांख्या कुल
पर प्रश्न प्रश्न
आवांविि
अांक
1 अांक 2 3 4 5
अांक अांक अांक अांक
इकाई • अनुच्छेद लेखन
8 /संवाद लेखन 07 ---- ----- 01 01 ---- 02
/हवज्ञापन लेखन
• हनबन्ध लेखन
(रूपरे खा सहिि)
अनुच्छेद लेखन
हनम्नहलक्तखि हवषयों पर अनुच्छेद हलक्तखए–
• मेरे जीवन का लक्ष्य
• कोरोना काल में लॉकडाउन का दृश्य
• िमारा राष्टरीय ध्वज
• योग भगाए रोग
• भारिीय संहवधान में वहणथि िमारे मूल किथव्य
• यहद मैं प्राचायथ िोिा
• मेरा भारि मिान
• दू र के ढोल सुिावने िोिे िैं
• हवद्यालय में मेरा पिला हदन
• बाल मजदू री
• अनेकिा में एकिा
• पुस्तकें: िमारी प्रर्म हमत्र
• मोबाइल गेम से िोने वाली िाहनयााँ
• ऑनलाइन हशिा
• भारिीय संस्कृहि पर अमेररकी संस्कृहि का प्रभाव
• िमारा सौर मंडल
• उपभोक्तावादी संस्कृहि
• व्यावसाहयक हशिा की आवश्यकिा
• जब मैं हशिक बन जाऊाँगा
सांवाद लेखन/ववज्ञापन लेखन/सूचना लेखन
• दो हमत्रों के बीच परीिा की िैयारी पर संवाद हलक्तखए।
• श्री राम के द्वारा धनुष िोड़े जाने पर परशुराम क्रोहधि िोिे िैं ,लक्ष्मण भी उनसे बािचीि
करिे िैं। परशुराम व लक्ष्मण के बीच हुई बािचीि या संवाद को अपने शिों में हलक्तखए।
• सूरदास के पद में गोहपयों व उद्धव के मध्य हुई बािचीि या संवाद को अपने शिों में
हलक्तखए।
• नानी के घर से लौटने के पिाि अपनी मािा के सार् संवाद हलक्तखए।
• हवज्ञापन लेखन से क्या आशय िै ?
• सूचना लेखन क्या िै ? हलक्तखए।
• अपने हकसी पसंदीदा हवषय पर हवज्ञापन बनाइए।
वनबन्ध लेखन
वनम्नवलखखि ववषयोां पर वनबन्ध वलखखए–
• दै हनक जीवन पर माँिगाई का असर
• पिला सुख-हनरोगी काया
• हशिा के िेत्र में इं टरनेट की उपयोहगिा
• शराबबंदी की आवश्यकिा एवं लाभ
• राष्टरीय हशिा नीहि 2020
• युद्ध और हवज्ञान
• प्रर्म स्विंत्रिा संग्राम
• शिर में हुए चुनाव का एक दृश्य
• आिंकवाद : कारण एवं समाधान
• महिला सशक्तक्तकरण के उपाय
• स्वच्छ भारि अहभयान
• ग्रामीण जीवन
• हवद्यार्ी जीवन में खेलों का मित्त्व
• प्रदू षण हनयंत्रण में िमारी व्यक्तक्तगि भूहमका
• भारि में जैव हवहवधिा
• भारिीय सेना: दे श का गौरव
• वैहश्वक गमाथिट (ग्लोबल वाहमिंग) के खिरे
• हसनेमा का समाज पर प्रभाव
• हशहिि बेरोजगारी: कारण एवं समाधान
• मेरी स्मरणीय यात्रा
• मेरे बचपन के हदन
---------xxxx----------