Professional Documents
Culture Documents
Hindi QB
Hindi QB
Hindi QB
सत्र 2022 – 23
कक्षा – 11वी
ववषय – विन्दी
1
2
3
कक्षा-11वी
ववषय – विन्दी
अनुक्रमवणका
- खण्ड
02 2 काव्य बोध
खण्ड
04 4 िाषा बोध
05 5 ववतान िाग – 1
06 6 अविव्यक्ति और माध्यम
07 7 अपवित गद्यांि
08 8 पत्र - लेखन
09 9 वनबन्ध लेखन
4
इकाई - 1
क्र इकाई एवं ववषय वस्तु इका वस्तु अं कवार प्रश्नों की संख्या कुल
ई वनष्ठ प्रश्न
पर प्रश्न
आवं
वित
अं क
1 2 3 अंक 4 अंक 5 अंक
अंक अंक
इकाई आरोि िाग -1, काव्य खंड 17 06 02 01 01 --- 04
1 पद्य साहित्य का इहििास एवं
प्रवृहियााँ
कहव परिचय
भावार्थ : (संदभथ , प्रसंग ,
भावार्थ , काव्य सौन्दयथ )
सौंदयथ बोध िर्ा भाव एवं
हवषय वस्तु आधारिि प्रश्न
6
9. कहव ................ से पेट ढकने की बाि कििा िै ।(िार्ों से /पैिों से )
10. दु ष्यंि कुमाि के अनुसाि............. में धूप िगिी िै ।(दिख़्ों के साए में/हपिा के साए में )
11. िे भूख मि ...............! (मचि/सिा)
12. अक्क का अर्थ ……………… िोिा िै । (बिन/मािा)
13. मिहसया का अर्थ ................. िोिा िै । (िोकगीि/िोक गीि)
14. िड़प का न .................... िोना िोिा िै । (खििनाक/सबसे खििनाक)
15. कवहयिी नाचने के हिए ........... बचाना चाििी िै । (आाँ गन/मैदान)
16. बक्तस्तयों को ............... बचाने की बाि की गई िै । (प्रदू षण से /ििि के आवो िवा से )
17. जयिंकि प्रसाद ……………… कहव िै |(छायावादी /प्रयोगवादी)
18. हनगुथण काव्यधािा के प्रमुख कहव................... िैं | (जापसी/ कबीि)
19. िीहिकाि का प्रमुख िस.................... िै | (शंगाि/ वीि)
20. संवि 1950 के बाद की कहविा को.............किा जािा िै (नई कहविा/छायावादी कहविा)
21. छायावाद के प्रमुख स्तंभ..................... िै | (चाि/पां च)
सिी जोडी बनाकर वलक्तखए-
I
अ ब
1. िम िौ एक एक करि जां नां अ. अत्यहधक दु ख
2. मेिे िो हगिधि गोपाि दू सिा न कोई नभ में ब. चंपा
3. परििाप स. कबीि
4. सोने पि सुिागा द. मीिाबाई
5. मुिमइन इ. आश्वस्त
फ. भवानी प्रसाद हमश्र
II अ ब
1. चंपा कािे अिि निीं चीन्हिी अ. अक्कमिादे वी
2. किां िो िय र्ा हचिां गा िि एक घि के हिए ब. पाि
3. िे भूख मि मचि स. दु ष्यंि कुमाि
4. सबसे खििनाक द. हििोचन
5. आओ हमिकि बचाएं इ. भवानी प्रसाद हमश्र
फ. हनमथिा पुिुि
III अ ब
1. हनिभै भया कछू नहिं ब्यापै अ. भवानी प्रसाद हमश्र
2. कहविा का गां धी ब. चंपा कािे अिि निीं चीन्हिी
3. प्राण मन हघििा ििा िै स. अक्कमिादे वी
4. किकािे पि नजि हगिे द. कबीि
5. िे मेिे जूिी के फूि जै से ईश्वि इ. घि की याद
7
IV अ ब
1. मीिा के प्रभु अ. परिवाि की मयाथ दा
2. ििनाकि ने हनहमथि कि दी ब. आहदवाहसयों की हदिचस्पी के प्रिीक
3. कुि की काहन स . हगिधि नागि
4. धनुष िीि औि कुल्हाड़ी द . स्वणथ सड़क
V अ ब
1. हिं दी कहविा का जागिण काि अ.सूिदास
2. कृष्ण भक्ति िाखा के प्रमुख कहव ब.वीिगार्ा काि
3. हिवे दी यु ग के प्रविथ क स.प्रयोगवाद
4. आहदकाि का अन्य नाम द.जयिंकि प्रसाद
5. िाि सप्तक इ.मिावीि प्रसाद हिवेदी
फ.भाििेंदु युग
एक वाक्य में उत्तर वलक्तखए-
1. कबीि की दृहि में ईश्वि एक िै । इसके समर्थन में उन्होंने क्या िकथ हदए िैं ?
2. कबीि ने अपने आपको दीवाना क्यों किा िै ?
3. मीिा कृष्ण की उपासना हकस रूप में कििी िैं ? वि रूप कैसा िै ?
4. मायके आई बिन के हिए कहव ने घि को परििाप का घि क्यों किा िै ?
5. हपिा के व्यक्तित्व हकसी के हविेषिाओं को उकेिा गया िै ?
6. चंपा को हकस बाि पि अचिज िोिा िै ? औि क्यों?
7. उम्र भि के हिए पिायन क्यों किना चाििा िै ?
8. अपना घि से क्या िात्पयथ िै ? इसे भूिने की बाि क्यों किी गई िै ?
9. कहव ने हकस आिय से मेिनि की िूट पुहिस की माि गद्दािी िोग को सबसे खििनाक निीं माना?
10. बक्तस्तयों को ििि की आबोिवा से बचाने की आवश्यकिा िै ?
11. भाषा में झािखाड़ीपन से क्या अहभप्राय िै ?
12. भक्ति काि को हिं दी साहित्य का स्वणथ युग क्यों किा गया िै ?
13. हनगुथण भक्ति धािा की दो हविेषिाएाँ बिािे हुए दो कहवयों के नाम हिक्तखए।
14. सगुण भक्ति धािा की दो हविेषिाएाँ बिािे हुए दो कहवयों के नाम हिक्तखए।
15. िीहिकाि की प्रमुख हविेषिाएाँ हिक्तखए।
16. छायावादी कहविा की हविेषिाएाँ हिक्तखए।
17. प्रगहिवादी कहविा की हविेषिाएाँ हिक्तखए।
18. प्रयोगवादी कहविाओं की हविेषिाएाँ हिक्तखए।
19. नई कहविा की हविेषिाएाँ हिक्तखए।
20. ििस्यवाद कहविा की हविेषिाएाँ हिक्तखए।
21. िीहिकाि को श्रृंगाि काि क्यों किा गया िै ?
7. िे भूख ! मि मचि
प्यास, िड़प मि
िे नींद ! मि सिा
क्रोध, मचा मि उर्ि - पुर्ि
िे मोि ! पाि अपने ढीि
िोभ, मि ििचा
िे मद ! मि कि मदिोि
ईष्या, जिा मि
ओ चिाचि ! मि चूक अवसि
आई हाँ संदेि िेकि चन्नमहिकाजुथन का
10
8. सबसे खििनाक िोिा िै
मुदाथ िां हि से भि जाना
न िोना िड़प का सब सिन कि जाना
9. अपनी बक्तस्तयों को
नंगी िोने से
ििि की आबो-िवा से बचाएाँ उसे
बचाएाँ डूबने से
पूिी बस्ती को
िहड़या में
---------xxxx--------
11
इकाई - 2
काव्य बोध
क्र इकाई एवं ववषय वस्तु इकाई वस्तु अं कवार प्रश्नों की संख्या कुल
पर वनष्ठ प्रश्न
आवं वित प्रश्न
अं क
1 2 3 4 5
अंक अंक अंक अंक अंक
इ काव्य बोध 09 05 02 --- --- --- 02
का काव्य के भेद (प्रबन्ध एवं
ई मुिक काव्य के भेद एवं
2 उदाििण)
िस: परिचय (परिभाषा,
अंग, प्रकाि एवं
उदाििण)
अिंकाि : परिचय एवं
प्रकाि(वक्रोक्ति, दृिां ि,
उदाििण, हविेषोक्ति)
छन्द :परिचय एवं
प्रकाि(िोिा एवं मुिक
छन्द )
गजि
िब्द िक्ति: परिचय एवं
प्रकाि
िब्द गुण: परिचय एवं
प्रकाि
हबम्ब हवधान
वस्तु वनष्ठ प्रश्न (01 अंक )
सिी ववकल्प चुनकर वलक्तखए-
1. िमणीयार्थ प्रहिपादक: िब्द: काव्यम परिभाषा िै -
(अ) आचायथ हवश्वनार् (ब) आचायथ िामचंद्र िु क्ल (स) पंहडि जगन्नार् (द) मम्मट्ट
12
5. शंगाि, िां ि व करुण िस की प्रधानिा िोिी िै -
(अ) माधुयथ (ब) ओज (स) प्रसाद (द) िब्द गुण
6. हनम्न में से कौनसा खण्डकाव्य निीं िै -
(अ) सुदामाचरिि ( ब) पंचवटी (स) िक्तििर्ी (द) पद्मावि
9. "यिोदा िरि पािने झुिाबै िििावै दु ििावै जोई सोई कछु गावै "
उपयुथि पंक्ति में आश्रय की चेिा को हदए गए हवकल्ों में से चयन कि हिक्तखए-
(अ) पुि के प्रहि स्नेि (ब) प्रश्न का पािना (स) मािायिोदा (द) कृष्णा को पािने में झुिाना
10. श्रीकृष्ण के सुन वचन अजुथन क्रोध से जािने िगे। िोक अपना भूिकि कििि युगि मिने िगे ।
उपयुथि पंक्तियों में अनुभाव पिचाहनए-
(अ) श्रीकृष्ण के वचन (ब) कििि यु गि (स) अजुथन का िोक (द) अजुथन का क्रोध
13
ररि स्थान में सिी िब्द चुनकर वलक्तखए-
2
3. जिां िस िोिा िै ग-मिाकाव्य
4. सगथ के में बंधी िचना घ-िब्द िक्ति
5. गजि की पंक्ति ड.-उदू थ साहित्य हवधा
एक वाक्य में उत्तर वलक्तखए-
1. खण्डकाव्य की परिभाषा हिक्तखए।
2. मिाकाव्य की परिभाषा हिक्तखए ।
3. दो मिाकाव्यों के नाम िर्ा एक-एक िचना का नाम हिक्तखए ।
4. दो खण्डकाव्य कािों के नाम व एक-2 िचना का नाम हिक्तखए ।
5. वीभत्स िस का उदाििण हिक्तखए ।
6. वीि िस की परिभाषा हिक्तखए ।
7. अनुभाव हकिने प्रकाि के िोिे िैं ।
8. अिंकाि की परिभाषा हिक्तखए ।
9. अर्ाथ अिंकाि का उदाििण हिक्तखए ।
10. संदेि अिंकािका उदाििण हिक्तखए।
11. िस की हनष्पिी में सिायक ित्वों के नाम हिक्तखए |
12. हबंब- हवधान का एक उदाििण हिक्तखए।
13. प्रसाद गुण का उदाििण हिक्तखए।
14. िोिा छं द की परिभाषा हिक्तखए।
15. ििणा िब्दिक्ति हकसे कििे िैं ? उदाििण सहिि हिक्तखए।
16. व्यंजना िब्द िक्ति हकसे कििे िै ?
17. िास्य िस परिभाषा हिक्तखए।
18. छं द की परिभाषा हिक्तखए।
सत्य / असत्य वलक्तखए-
1. कठोि वणों की आवृिी माधुयथ गुण में िोिी िै ।
2. िंबे-िंबे सामाहसक पदों का प्रयोग ओज गुण में िोिा िै ।
3. छं द में गणों की संख्या 9 िोिी िै ।
4. मोिन बैि िै मेंअहभधा िब्दिक्ति िै ।
5. दहध महर् घि् काहढ हियो में उपमा अिंकाि िै ।
6. िुम बिस िो वे ना बिसे में यमक अिंकाि िै ।
7. हचि् में उिेजना का सं चाि ओजगुण में िोिा िै ।
8. साकेि 'िरिओध का प्रमुख मिाकाव्य िै ।
9. एक िब्द की आवृिी िो औि अर्थ भी एकसे िो विााँ यमक अिंकाि िोिा िै ।
10. जिााँ िस िोिा िै विााँ गुण िोिे िैं ।
11. पााँ वो से पेट ढकना माहमथक हवम्व योजना का प्रयोग दु ष्यंि कुमाि जी ने हकया िै ।
12. गजि में सभी िेि आपने आप में मुकम्बि वि स्विंि िोिेिैं।
13. वक्रोक्ति अर्थ टे ढी उक्ति' से िै ।
14. दोिा औि िोिा छं द को हमिा कि कुंडहियां छं द बनिा िै ।
15. रुबाइयााँ उदू थ फािसी की िेखन िैिी िै ।
16. दोिा को उल्टा किने पि िोिा छं द बनिा िै ।
17. जि हबच मीन प्यासी मे हविेषोि अिंकाि िै
18. मोि औि जडिा संचािी भाव में आििै
19. हवभाव दो प्रकाि के िोिे िैं
3
20. हजन छं दों में मािाओं की गणना िो उसे वहणथक छं द कििे िैं ।
21. िस के 10 अंग िै ।
लघु उत्तरीय प्रश्न – (02 अंक)
4
इकाई 3
आरोि िाग 1, गद्य खण्ड
क्र इकाई एवं ववषय वस्तु इकाई वस्तु अंकवार प्रश्नों की संख्या कुल प्रश्न
पर वन
आवं ष्ठ
वित प्र
अंक श्न
1 2 3 4 5
अं अं अं अं अं
क क क क क
इका आरोि िाग 1, गद्य
ई खण्ड
3 गदय साहित्य का 17 06 02 01 01 --- 04
इहििास,
हवकासक्रम,प्रवृहियााँ एवं
गद्य की हवधाएाँ (किानी,
संस्मिण, व्यं ग्यात्मक
हनबन्ध, एकां की)
िेखक परिचय
व्याख्या (सन्दभथ , प्रसंग,
व्याख्या, हविेष)
हवषयवस्तु एवं हवचाि
बोध पि आधारिि प्रश्न
5
6. हमयााँ नसीरुद्दीन िब्द हचि कृष्णा सोबिी के हकस संग्रि से हिया गया िै -
(अ) हदिोदाहनि (ब) हजंदगीनामा (स) िम ििमि (द) बादिों के घेिे
7. हमयााँ नसीरुद्दीन कैसे इं सान का प्रहिहनहधत्व कििे र्े ?
(अ) चिुि इं सान का (ब) त्याग िीि इं सान का (स) जो अपने पेिे को किा का
दजाथ दे िे िैं (द)जो अपने खानदान को बदनाम कििे िैं
8. हमयााँ नसीरुद्दीन हकिने प्रकाि की िोहटयां बनाने के हिए मिहि र्े ?
(अ) छिीस (ब) हछयािीस (स) छप्पन (द) हछयासठ
9. 'काम किने से आिा िै , नसीििों से निीं ' यि कर्न हकसका िै ?
(अ) िेक्तखका का (ब) हमयााँ कल्लन का (स) मीि साहिब का (द) हमयााँ
नसीरुद्दीन का
10. हमयााँ नसीरुद्दीन के दादा जी का क्या नाम र्ा?
(अ) हमयााँ कल्लन (ब) हमयां ििमि (स) मीि साहिब (द) बिादु ि िाि
11. 'अपू के सार् ढाई साि' पाठ गद्य की हवधा िै -
(अ) किानी (ब) हनबंध (स) िे खाहचि (द) संस्मिण
12. 'पर्ेि पां चािी' हफल्म की िूहटं ग का काम हकिने साि िक चिा?
(अ) एक साि (ब) डे ढ साि (स) दो साि (द) ढाई साि
13. िे िवे िाइन के समीप वािा मैदान कौन -से फूिों से भिा हुआ र्ा?
(अ) गुिाब (ब) कािफूि (स) गेंदे (द) कमि
14. 'अपू के सार् ढाई साि' नामक संस्मिण हकस हफल्म से संबंहधि िै ?
(अ) अपिाहजिा (ब) पर्ेि पां चािी (स) दे वी चारुििा (द) सद्गहि
15. 'सोने का हकिा' हकसकी िचना िै ?
(अ) सत्यजीि िाय (ब) मुंिी प्रेमचंद (स) कृष्णा सोबिी (द) मन्नू भं डािी
16. 'हवदाई संभाषण' हकस हवधा की िचना िै ?
(अ) हनबंध (ब) व्यंग्य (स) किानी (द) भाषण
17. 'हवदाई संभाषण' के िेखक िैं -
(अ) प्रेमचंद (ब) बािमुकुंद गुप्त (स) िाडथ कजथन (द) मिावीि प्रसाद हिवेदी
18. हनम्न में से िेखि जोिी की िचना िै -
(अ) हचट्ठे औि खि (ब) कोसी का घटवाि (स) अपिाहजिा (द) कफ़न
19. िेखि जोिी की िचना निीं िै -
(अ) सार् के िोग (ब) दाज्यू (स) हदिो दाहनि (द) नौिं गी बीमाि िै
20. मास्टि हििोक हसं ि ने धनिाम को हकिने का पिाड़ा याद किने के हिए हदया
र्ा?
(अ) 12 (ब) 13 (स) 14 (द) 19
21. िेखि जोिी का जन्म कब हुआ र्ा?
(अ) 1930 (ब) 1931 (स) 1932 (द) 1933
22. िेखि जोिी को कौन सा सम्मान हमिा र्ा?
(अ) पद्मश्री (ब) पिि सम्मान (स) ज्ञानपीठ (द) साहित्य अकादमी
23. िमेि, मोिन को क्या समझिा र्ा?
(अ) भाई (ब) नौकि (स) हमि (द) भिीजा
24. 'िेिे हदमाग में िो िोिा भिा िै िे !हवद्या का िाप किां िगेगा इसमें?'यि
कर्न हकसका िै ?
(अ) वंिीधि का (ब) धनिाज का (स) हििोक हसंि का (द) िमेि का
6
25. 'उसकी आाँ खों में एक सजथक की चमक र्ी' यि कर्न हकसके हिए किा
गया िै ?
(अ) धनिाम के हिए (ब) मोिन के हिए (स) िमेि के हिए (द) वंिीधि के
हिए
26. गििा िोिा किानी में गोपाि हसंि कौन िै ?
(अ) दु कानदाि (ब) सब्जीवािा (स) गीिकाि (द) अध्यापक
27. 'िुम्हािी फाइि पू णथ िो गई िै ' में फाइि िब्द हकस अर्थ में व्यि हुआ
िै ?
(अ) हचहकत्सा की फाइि (ब) जीवन की फाइि (स) कायाथ ियीन फाइि (द)
पसथनि फाइि
28. िजनी ने अहमि के मुद्दे को गंभीििा से हिया, क्योंहक-----
(अ) वि अहमि से बहुि स्नेि कििी र्ी (ब) अहमि उसकी हमि िीिा का बेटा
र्ा (स) वि अन्याय के हवरुद्ध आवाज उठाने की सामर्थ्थ िखिी र्ी (द) उसे
अखबाि की सुक्तखथयों में आने का िौक र्ा
29. अन्याय का डटकि मुकाबिा किने की बाि कििी िै -
(अ) िीिा (ब) िजनी (स) पाठक (द) िीिा
30. मन्नू भंडािी िािा िहचि 'िजनी' मूििः क्या िै ?
(अ) कर्ा (ब) पटकर्ा (स) एकां की (द) नाटक
31. जामुन के पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति को सवथप्रर्म हकसने दे खा?
(अ) मािी (ब) चपिासी (स) सेक्रेटर ी (द) ज्वाइं ट सेक्रेटर ी
32. 'जामुन का पेड़' कैसी कर्ा िै ?
(अ) गंभीि (ब) िास्य व्यंग्य (स) वीििा पूणथ (द) इनमें से कोई निीं
33. िेखक की नव प्रकाहिि िचना का नाम क्या र्ा?
(अ) ओस के फूि (ब) कमि के फूि (स) बूंद के फूि (द) धूप के फूि
34. जामुन के पेड़ के नीचे दबा हुआ व्यक्ति पेिे से क्या र्ा?
(अ) अध्यापक (ब) कहव (स) दु कानदाि (द) मािी
35. दबा हुआ आदमी कहव िै ,इसहिए फ़ाइि का संबंध हकस हवभाग से माना
गया?
(अ) एग्रीकल्चि (ब) िॉहटथ कल्चि (स) कल्चिि (द) प्रोफेिनि
36. पंचिीि के हसद्धां ि का प्रचाि हकया र्ा_
(अ) प्रेमचंद (ब) जवािििाि नेिरू (स) सै यद िै दि िजा (द) बािमुकुंद गुप्त
37. भािि मािा पाठ 'हिं दुस्तान की किानी' का अध्याय िै _
(अ) दू सिा (ब) िीसिा (स) चौर्ा (द)पां चवां
38. इस काि को जागिणसुधाि काि भी किा गया िै -
(अ) भाििेंदु युग (ब) हिवेदी युग (स) िुक्ल युग (द) िुक्लोिि युग
39. "यहद गद्य कहवयों या िेखकों की कसौटी िै िो हनबंध गद्य की कसौटी
िै ।"यि कर्न िै _
(अ) बाबू गुिाब िाय (ब) आचायथ िामचंद्र िु क्ल (स) मिावीि प्रसाद हिवेदी (द)
डॉ नगेंद्र
40. सामान्यिः किानी के ित्व स्वीकाि हकए जािे िैं --
(अ) 4 (ब) 5 (स) 6 (द) 7
41. "घटनात्मक इकििे हचिण का नाम किानी िै ।" किानी की परिभाषा दी िै -
7
(अ) श्री चंद्रगुप्त हवद्यािंकि (ब) मुंिी प्रेमचंद (स) िवीद्र नार् टै गोि (द) चंद्रधि
िमाथ गुिेिी
8
30. 'खैबि दिाथ ' ___हदिा में िै ।(उिि -पहश्चम /दहिण -पूवथ)
31. नेिरू जी का जन्म___ में हुआ ।(1988 /1989)
32. चाचा नेिरू का जन्म हदवस ___के रूप में मनाया जािा िै ।( हििक हदवस/
बाि हदवस)
33. अिीि के अनुभवों औि प्रभावों को िब्द के माध्यम से जब अहभव्यक्ति हमििी
िै िो उसे -----किा जािा िै । (िे खाहचि/संस्मिण)
34. िे खाहचि की हवधा ----से हमििी -जुििी िै ।(आत्मकर्ा /संस्मिण)
35. किानी हिं दी गद्य की--- हवधा िै ।(मुख्य /गौण)
36. नाटक एवं एकां की--- हवधा िै ।(श्रव्य /दृश्य)
37. संकिन िय ----हवधा में आवश्यक िै ।(उपन्यास/ एकां की)
9
20 . िजनी पटकर्ा का पाि अहमि सक्सेना कौन- सी किा में पढिा िै ?
21 . जामुन का पेड़ किां हगिा र्ा?
22 . भािि की चचाथ नेिरू जी कब औि हकससे कििे र्े ?
23 . उपन्यास एवं किानी सम्राट के नाम से कौन प्रहसद्ध िैं ?
24 . मिावीि प्रसाद हिवेदी जी ने सिस्विी पहिका का संपादन कायथ कब से प्रािं भ
हकया?
25 . हिवेदी युग के प्रविथक का नाम हिक्तखए।
26 . भाििेंदु युग के प्रविथक का पूिा नाम हिक्तखए।
27 . आधुहनक हिं दी गद्य साहित्य का प्रािं भ हकस युग से माना जािा िै ?
28 . 'हिं दी साहित्य की भूहमका 'ग्रंर् के िेखक कौन िैं ?
29 . हिं दी साहित्य के इहििास का प्रर्म िेखक कौन र्ा?
30 . हिं दी का प्रर्म मौहिक उपन्यास कौन सा िै ?
31 . 'किम का हसपािी' िचना हकस हवधा में हिखी गई।
32 . हचंिामहण हकसका हनबंध संग्रि िै ?
10
22. काव्यात्मक िोमाहनयि औि िैिी की हवहवधिा िेखक कृश्नचंदि की िोकहप्रयिा
के मुख्य कािण िैं ।
23. हकसान सामान्यिः भािि मािा का अर्थ धििी से िेिे र्े।
24. नेिरू जी के आिेख 'भािि मािा'का अंग्रेजी भाषां िि िरिभाऊ उपाध्याय ने
हकया।
25. संस्मिण स्मृहि पि आधारिि िोिा िै ।
26. जयिंकि प्रसाद को हिं दी में हिं दी में नाटक सम्राट किा जािा िै ।
27. पि साहित्य का हिल् िेखक की अपनी हनजी िमिा, संवेदना औि किा पि
हनभथि कििा िै ।
28. सन 1900 में सिस्विी पहिका में प्रकाहिि श्री हकिोिी िाि गोस्वामी की
'इं दुमिी' किानी को प्रर्म किानी माना गया िै ।
29. िरििंकि पिसाई, ििद जोिी, एवं ज्ञान चिुवेदी व्यंग्य हनबंधकाि िैं ।
30. गद्य का परिमाहजथि रूप 1920 के बाद गंभीििा िर्ा हवहिि िैिी के सार्
प्रस्तुि हुआ।
31. पंहडि प्रिाप नािायण हमश्र िुक्लोिि युग के हनबंधकाि िैं ।
11
21. िुक्ल युग के दो प्रमुख हनबंधकाि एवं उनकी िचना हिक्तखए।
22. पटकर्ा हकसे कििे िैं ?
23. िजनी पटकर्ा पढकि आपको क्या सं देि हमििा िै ?
24. संवेदनिीि मामिों में बड़े अफसिों की िाय िेना किााँ िक ठीक िै ?हिक्तखए।
25. मनचिे क्लकथ हकस समस्या को स्वयं िि किना चाििे र्े?
26. कृहष- हवभाग वािों ने मामिे को िॉहटथ कल्चि हवभाग को सौंपने के पीछे क्या
िकथ हदए?
27. दबा हुआ आदमी एक कहव भी िै ,यि बाि कैसे पिा चिी?
28. नेिरू जी भािि के सभी हकसानों से कौन सा प्रश्न बाि-बाि कििे र्े?
29. भाििमािा के प्रहि नेिरू जी की क्या अवधािणा र्ी?
30. भाििेंदु युग की दो हविेषिाएं हिक्तखए।
31. हिवेदी युग की दो हविेषिाएं हिक्तखए।
32. िुक्ल युग को हनबंध काि का स्वणथ युग क्यों किा जािा िै ?
33. भाििेंदु युग के दो प्रमुख हनबंधकाि एवं उनके हनबंध हिक्तखए।
34. िे खाहचि से आप क्या समझिे िैं ?
35. िे खाहचि एवं संस्मिण में अंिि हिक्तखए।
36. जीवनी िर्ा आत्मकर्ा में अंिि हिक्तखए।
37. किानी िर्ा उपन्यास में अंिि हिक्तखए।
38. नाटक एवं एकां की में अंिि हिक्तखए
3. मन्नू भंडािी एवं िेखि जोिी का साहिक्तत्यक परिचय हनम्नहिक्तखि हबंदुओं के आधाि
पि हिक्तखए-
(i) दो िचनाएाँ (ii) भाषा- िैिी (iii) साहित्य में स्र्ान।
12
यर्ार्थ िी र्ा। न्याय औि नीहि सब िक्ष्मी के िी क्तखिौने िैं , इन्हें वि जै से चाििी िैं ,
नचािी िैं ।
3. दु हनया सोिी र्ी, दु हनया की जीभ जागिी र्ी। सवेिे दे क्तखए िो बािक- वृद्ध सब
के मुंि से यिी बाि सुनाई दे िी र्ी। हजसे दे क्तखए विी पंहडि जी के इस व्यविाि पि
टीका -हटप्पणी कि ििा र्ा, हनंदा की बौछािें िो ििी र्ीं, मानो संसाि से अब पापी
का पाप कट गया।
4. हमयााँ नसीरुद्दीन िमािी ओि कुछ ऐसे दे खा हक उन्हें िमसे जवाब पाना िो। हफि
बड़े िी मंजे अंदाज में किा 'किने का मििब साहिब यि हक िािीम की िािीम
भी बड़ी चीज िोिी िै ।' आक्तखि एक हदन हुआ भी वैसा िी। ििद ऋिु में भी
आसमान में बादि छा गए औि धुआंधाि बारिि िुरू हुई।उसी बारिि में भीगकि
दु गाथ भागिी हुई आई औि उसने पेड़ के नीचे भाई के पास आसिा हिया। भाई -
बिन एक -दू सिे से हचपक कि बैठे।
5. हबछड़न -समय बड़ा करुणोत्पादक िोिा िै । आपको हबछड़िे दे खकि आज हृदय
में बड़ा दु ख िै । माइ िाडथ ! आपके दू सिी बाि इस दे ि में आने से भाििवासी
हकसी प्रकाि प्रसन्न न र्े । वे यिी चाििे र्े हक आप हफि ना आवें। पि आप आए
औि उससे यिां के िोग बहुि िी दु क्तखि हुए। वे हदन -िाि यिी मनािे र्े हक जल्द
श्रीमान यिां से पधािे ।
6. आप बहुि धीि -गंभीि प्रहसद्ध र्े। उस सािी धीििा- गंभीििा का आपने इस बाि
कौंहसि में बेकानूनी कानून पास कििे औि कन्वोकेिन विृिा दे िे समय हदवािा
हनकाि हदया। यि दीवािा िो इस दे ि में हुआ। उधि हविायि में आपके बाि-बाि
इस्तीफ़ा दे ने की धमकी ने प्रकाि कि हदया हक जड़ हिि गई िै ।
7. पीहढयों से चिे आिे पैिृक धंधे ने उन्हें हनिाि कि हदया र्ा। दान -दहिणा के बूिे
पि वे हकसी ििि परिवाि का आधा पेट भि पािे र्े। मोिन पढ -हिख कि वंि
का दारिद्र्य हमटा दे यि उनकी िाहदथ क इच्छा र्ी। िेहकन इच्छा िोने भि से िी सब
-कुछ निीं िो जािा।
9. िाम के पां च बजे स्वयं सुपरिं टें डेंट कहव की फ़ाइि िेकि उसके पास आया,"सुनिे
िो!"आिे िी वि खुिी से फ़ाइि को हििािे हुए हचल्लाया,"प्रधानमंिी ने इस पेड़
को काटने का हुक्म दे हदया, औि इस घटना की िायिी अंििाथ िरीय हजम्मे दािी अपने
हसि िे िी िै । कि यि पेड़ काट हदया जाएगा, औि िुम इस संकट से छु टकािा
िाहसि कि िोगे।
10. कभी ऐसा भी िोिा हक जब मैं हकसी जिसे में पहुं चिा, िो मेिा स्वागि "भािि
मािा की जय!"इस नािे से जोि के सार् हकया जािा। मैं िोगों से अचानक पूछ
बैठिा हक इस नािे से उनका क्या मििब िै ? यि भािि मािा कौन िै, हजसकी वे
जय चाििे िैं ।
13
इकाई - 4
िाषा बोध
क्र इकाई एवं ववषय वस्तु इकाई पर वस्तु अंकवार प्रश्नों की संख्या कुल
आवंवित वनष्ठ प्रश्न
अंक प्रश्न
1 2 3 4 5
अंक अंक अंक अंक अंक
इ िाषा बोध
का िब्द(िेिीय िकनीकी एवं
12 05 02 01 ___ ___ 03
ई हनपाि िब्द)
4 िब्द युग्म एवं उनके
प्रकाि
वाक्य परिचय एवं
प्रकाि(अर्थ एवं िचना के
आधाि पि)
वाक्य िुक्तद्धकिण एवं
वाक्य परिविथन
मुिाविे एवं िोकोक्तियां
िाजभाषा एवं िािरभाषा
भाव पल्लवन,साि
संिेपण,हवज्ञापन िेखन,
संवाद िेखन एवं अनुच्छेद
िेखन
14
(स) अंधों में काना िाजा (द) नाम बड़े औि दिथन छोटे
(अ) दो प्रकाि (ब) िीन प्रकाि (स) पां च प्रकाि (द) आठ प्रकाि
(अ) हनपाि (ब) ित्सम िब्द (स) िद्भव िब्द (द) हक्रया
(अ) समानार्थक िब्द युग्म (ब) सजािीय िब्द युग्म (स) हवपिीिार्थक िब्द
युग्म (द) हनिर्थक िब्द युग्म
(अ) हनिर्थक िब्द युग्म (ब) सजािीय िब्द युग्म (स) हवपिीिार्थक िब्द युग्म
(द) पुनरुि िब्द युग्म
13. "िम इस मामिे को िॉहटथ कल्चि हडपाटथ मेंट के िवािे कि ििे िैं क्योंहक यि एक
फिदाि पेड़ का मामिा िै " -वाक्य िै -
(अ) संयुि वाक्य (ब) सिि वाक्य (स) हमहश्रि वाक्य (द) सिि औि
हमहश्रि वाक्य
14. ऐसे वाक्य हजनमें हकसी का या हकसी की अक्तस्तत्व का पिा चििा िै । वि-
15
(अ) हवहध वाचक वाक्य (ब) इच्छा वाचक वाक्य (स) संकेिवाचक वाक्य (द)
हनषेधवाचक वाक्य
16. 'िुम्हािा घि किां िै ' वाक्य के अंि में कौन सा हविाम हचन्ह िगेगा-
1. संस्कृि भाषा से हिं दी में हबना परिविथन के आये िब्द----- कििािे िैं ।(ित्सम
/िद्भव)
3. बेचािा सेक्रेटिी उसी समय अपनी गाड़ी से से सवाि िोकि सेक्रेहटर एट पहुं चा औि
दवे हुए आदमी से इं टिव्यू िेने िगा- - - वाक्य िै ।(संयुि वाक्य /सिि
वाक्य)
5. एक हक्रया से दू सिी हक्रया पि हनभथि ििने वािे वाक्यों को- - - वाक्य कििे
िैं ।(संदेिवाचक/ हवहध वाचक)
7. जो वाक्य एक दू सिे पि आहश्रि निीं िोिे िैं औि संयोजक अव्यय से जुड़े िोिे िैं
- - - वाक्य कििे िैं । (संयुि वाक्य/ हमहश्रि वाक्य)
13. साि-संिेपण में हवषय को- - - िब्दों में व्यि हकया जािा िै ।( एक
हििाई/ दो हििाई )
16
16. 'मुिमइन' का अर्थ- - - िै ।( आश्वस्त /हनिस्त)
i- अ ब
1. मुख क-मुिाविा
2. काष्ठ ख-हनपाि
3. िेि ग-खेि
4. िुम भी आ गए घ-मुंि
5. छािी पटना ड.-काठ
ii- अ ब
1. िार् मिना क-पुनरुि िब्द युग्म
2. बाि की खाि हनकािना ख- सम वगीय िब्द यु ग्म
3. आं खों में घूमना ग- बिाबि याद आना
4. पिु पिी घ-पश्चािाप किना
5. ढे ि के ढे ि ड- व्यर्थ का दोष हनकािना
iii- अ ब
1. िुभकामनाएाँ ,आिीवाथ द क- हनपाि
2. सिकािी कामकाज की भाषा ख- इच्छा वाचक
3. बहुसंख्यक के िोगों की भाषा ग- सिि वाक्य
4. एक हक्रया औि एक किाथ घ-िाजभाषा
5. जो िब्द के अर्थ पि बि दे ने के ड- िािरभाषा
हिए प्रयोग हकया जािा िै
iv- अ ब
1. बहुि छोटे िेि में बोिी जाने वािी बोिी क- दे िज
2. हजन िब्दों की मूि का पिा ना िो िेहकन
प्रचहिि िोिे िैं । ख- हनमाड़ी
3. खण्डवा खिगोन। ग- बोिी
4. जिद। घ-कमि
5. जिज ड-बादि
17
v- अ ब
1 संस्कृि से हिं दी में परिविथन के सार् प्रयु ि िब्द क मुिाविा
2 िीवा सीधी सिना ख- भाषा
3 ध्वहनयों के समूि को ग- हवभाषा
4 बोिी का अधथ हवकहसि रूप। घ- िद्भव
5 िक्ष्यार्थ। ड- बघेिी
एक वाक्य में उत्तर वलक्तखए-
1. नमक का दिोगा किानी में प्रयुि एक मुिाविा हिक्तखए।
2. िकनीकी िब्द से क्या िात्पयथ िै हिक्तखए।
3. िब्द युग्म की परिभाषा हिक्तखए।
4. पुनरुि िब्द युग्म का एक उदाििण हिक्तखए।
5. वाक्य हकसे कििे िैं ?हिक्तखए।
6. इच्छा वाचक वाक्य का एक उदाििण हिक्तखए।
7. हवज्ञापन िेखन में ध्यान दे ने योग्य एक बाि हिक्तखए।
8. िाजभाषा की परिभाषा हिक्तखए।
9. िािरभाषा की परिभाषा हिक्तखए।
10. 'सीधे मुंि बाि ना किना' मुिाविे का अर्थ हिक्तखए।
11. 'कौहडयों पि ईमान बेच दे ना' मुिाविे का अर्थ हिक्तखए।
12. समुद्र के िीन पयाथ यवाची हिक्तखए।
13. साि - संिेपण का अर्थ हिक्तखए।
14. हक्रया हविेषण हकसे कििे िैं ? हिक्तखए।
15. बोिी हकसे कििे िैं ?हिक्तखए ।
16. हवभाषा हकसे कििे िैं ? हिक्तखए।
17. हनपाि हकसे कििे िैं ?हिक्तखए।
18. उपसगथ औि प्रत्यय में अं िि हिक्तखए।
19. मुिाविे औि िोकोक्ति में अंिि हिक्तखए। 20-हनपाि का एक उदाििण हिक्तखए।
सत्य - असत्य वलक्तखए-
1. िचना के आधाि पि वाक्य िीन प्रकाि के िोिे िैं ।
2. हजन िब्दों का हिक्तखि स्रोि निीं िोिा िै दे िज िब्द कििे िैं ।
3. प्रस्ति का िद्भव प्रर्म िोिा िै ।
4. हकसी िब्द पि हविेष बि दे ने के हिए हनपाि का प्रयोग हकया जािा िै ।
5. गां व-गां व में अधथ- पुनरुि िब्द -युग्म िै ।
6. अर्थ के आधाि पि वाक्य 8 प्रकाि के िोिे ।
7. सदासच बोिो यि आज्ञावाचक वाक्य िै ।
8. िािरभाषा संहवधान िािा मान्यिा प्राप्त िोना आवश्यक िै ।
9. ऑफीहसयििेग्वेज को िािरभाषा कििे िै ।
10. िोकोक्ति के पीछे कोई घटना या किानी अवश्य िोिी िै ।
18
11. उपसगथ हकसी िब्द या िब्दां ि में पििे प्रयोग िोिा िै ।
12. उन्मुि िद्भव िब्द िै ।
13. सपनों का मि जाना मुिाविे का अर्थ नींद निीं आना िै ।
14. भाषा िमेिा कहठन सा से सिििा उन्मुख िोिी िै ।
15. बोिी में साहित्य हिहपबद्ध िोिा िै ।
16. मच्छी का ित्सम मछिी िोिा िै ।
17. जुगनू की िौ में पढना मुिाविे का अर्थ कम िोिनी में पढना िै ।
18. मन का मैि िट जाना मुिाविे का अर्थ हिकायि किना िै ।
19. 'हजसका कोई ििु न' िो के हिए अनजान ििु का कििे िैं ।
20. बोिी का हवकास मान रूप हजसमें साहित्य िचा जािा िै उसे हवभाषा कििे िैं ।
21. :-आदे ि हविामहचन्ह िै ।
22. " " उद्धिण या "हचन्ह कििे िैं ।
लघुउत्तरीय प्रश्न (02 अंक)
1. िब्द युग्म हकसे कििे िैं ? यि हकिने प्रकाि के िोिे िैं ? उदाििण सहििहिक्तखए।
2. हवज्ञापन िेखन में हकन हकन बािों का ध्यान िखना आवश्यक िोिा िै हिक्तखए।
3. िाजभाषा औि िािरभाषा में कोई िीन अंिि हिक्तखए।
4. हक्रया हविेषण हकसे कििे िैं ? एक उदाििण हिक्तखए।
5. वनदे िानुसार वाक्य पररववतभत करके वलक्तखए -
i. िुट्टन ढोिक को अपना गुरु मानिा िै । (हनषेधवाचक )
ii. गहणि का प्रश्न पि बहुि कहठन िै । (हबना अर्थ बदिे नकािात्मक)
iii. ईमानदाि व्यक्ति कभी झूठ निीं बोििा । (सं केिवाचक )
iv. ढोिक की आवाज उसे उत्साहिि कििी िै । (प्रश्नवाचक)
v. गोपाि आज इं दौि गया (संदेि वाचक)
19
िाव पल्लवन/संवाद ले खन/अनुच्छेद लेखन/ववज्ञापन ले खन(03 अंक)
20
इकाई - 5
ववतान िाग – 1
क्र इकाई एवं ववषय वस्तु इकाई वस्तु अं कवार प्रश्नों की संख्या कुल
पर वनष्ठ प्रश्न
आवं वित प्रश्न
अं क
1 अंक 2 अंक 3 4 5
अंक अंक अंक
इ हविान भाग - 1
का पूिक पाठ्य पुस्तक से हवहवध पाठों
07 05 01 --- --- --- 01
ई पि आधारिि प्रश्न
5
21
ररि स्थान में सिी ववकल्प चुनकर वलक्तखए –
22
14. भैिविाग ढ दोपिि
15. दीपक औि श्रीिाग ण हगरिजा दे वी
सत्य/असत्य वलक्तखए –
23
लघु उत्तरीय प्रश्न - (02 अंक)
24
इकाई – 6
अविव्यक्ति और माध्यम
क्र इकाई एवं ववषय वस्तु इकाई वस्तु अं कवार प्रश्नों की संख्या कुल
पर वनष्ठ प्रश्न
आवं वित प्रश्न
अं क
1 अंक 2 अंक 3 4 5
अंक अंक अंक
इकाई पाठ्य पुस्तक पि आधारिि प्रश्न
6 07 05 01 --- --- --- 01
25
(अ) हब्रहटि अत्याचाि के (ब) ग्रीक अत्याचाि
(स) नाहजयों के अत्याचाि के (द) िेंच अत्याचाि के
9.पुिाने समय में मनोिं जन के सार्-सार् संदेि पहुं चाने का कायथ कििे र्े -
(अ) िावणी (ब) िमािा (स) नौटं की (द) उपयुथि
सभी
10. सन 1894 में बनी हफल्म “द अिाइवि ऑफ टर े न” हकस दे ि में बनी-
(अ) िां स (ब) जमथनी (स) यूिोप (द) इं हडया
26
2.हसनेमा के आहवष्काि का श्रेय हकसे हदया जािा िै ?
3.भािि की पििी मूक हफल्म कौन सी र्ी?
4.भािि की पििी बोििी हफल्म कौन सी र्ी?
5.पार्ेि पंचािी हफल्म के हनदे िक का नाम बिाइए।
6.क्तस्टंग ऑपिे िन से आप क्या समझिे िैं ?
7.आनुषंहगक हटप्पण क्या िै ?
8.अनुस्मािक को औि क्या किा जािा िै ।
9.िामवृि बेनीपुिी की डायिी का नाम क्या िै ।
10.हटप्पणी का हिं दी पयाथ य क्या िै ?
सत्य या असत्य वलक्तखए -
1.जनसंचाि माध्यमों का िोगों पि केवि सकािात्मक प्रभाव पड़िा िै ।
2.ऐनी िैंक जमथनी में पैदा हुई एक यहदी िड़की र्ी।
3.डायिी परिष्कृि औि मानक भाषा में हिखी जानी चाहिए।
4. डायिी हनिां ि वैयक्तिक िचना िै ।
5. पटकर्ा को अंग्रेजी में स्क्रीनप्ले किा जािा िै ।
6.हटप्पणी िेखन सदै व अन्य पुरुष में हकया जािा िै ।
7.स्ववृि अर्ाथ ि बायोडाटा की भाषा अिंकारिक िोिी िै ।
8.िब्दकोि में ि अिि क वगथ के सार् में िी आिा िै ।
9. इं टिनेट संचाि का अंिि हक्रयात्मक माध्यम िै ।
10.सिकािी पि अनौपचारिक पि की श्रेणी में आिे िैं ?
लघु उत्तरीय प्रश्न - (02अंक)
27
15.फ्लैिबैक िकनीक के कोई दो हबंदु हिक्तखए।
16.स्ववृि की दो हविेषिाएं हिक्तखए।
17िब्दकोि में हकसी एक वणथ की मािाओं को क्रम से बिाइए।
18.अनुस्मािक हकसे कििे िैं ?
19.अधथ सिकािी पि औि औपचारिक पि में क्या अंिि िै ?
20. हटप्पणी हकसे कििे िैं ?
---------xxxx--------
28
इकाई – 7
अपवित बोध
क्र इकाई एवं ववषय वस्तु इकाई वस्तु अं कवार प्रश्नों की संख्या कुल
पर वनष्ठ प्रश्न
आवं वित प्रश्न
अं क
1 अंक 2 अंक 3 4 5
अंक अंक अंक
इकाई अपहठि बोध -
7 03 ___ __ 01 __ 01
अपहठि काव्यां ि / गद्यां ि
अपवित गद्यांि
(1) अहधकाि का संसाि बड़ा मधुि िोिा िै , वे बड़े सुंदि औि आकषथक िोिे
िैं । पिं िु अहधकािों की िोभा किथव्य पािन से िै । अहधकाि प्राप्त किके जो अपने
किथव्य का पािन निीं कििा उससे अहधकाि छीन िे जािे िैं । नागरिक जीवन में
अहधकािों के सार्-सार् किथव्य भी िगे हुए िैं । अहधकािों के बदिे में िमें समाज के
प्रहि भी पढिे िैं । हबना किथव्य के नागरिक के अहधकाि सुिहिि निीं िि सकिे।
िमािा सवथश्रेष्ठ किथव्य िािरभि ििना िै । जो िासन िमािी सुख समृक्तद्ध के हिए
हनिं िि प्रयत्निीि िै , उसकी ििा के हिए सदै व सन्नद्ध ििना चाहिए। िमािा यि
किथव्य िै हक िम दे ि में िां हि औि अव्यवस्र्ा न फैिने दें । िाज्य िमािी उन्नहि के
हिए जो कुछ कििा िै ,उन कायों के हिए धन की आवश्यकिा िोिी िै । िमें िाज्य
िािा िगाए गए किों को प्रसन्निा पूवथक दे ना चाहिए। हजससे िाज्य की आहर्थक क्तस्र्हि
हबगड़ने न पाए।
प्रश्न –
1. उपयुथि गद्यां ि का उहचि िीषथक दीहजए।
2. अहधकािों की िोभा हकससे िै ?
3. सन्नद्ध का हविोम हिक्तखए।
(2) सफििा प्राक्तप्त का मूि मंि िै अपने समय का सदु पयोग किना। सदु पयोग
का अर्थ िै सिी उपयोग। कायथ को समझ कि िुिंि कायथ में िग जाना। जीवन में
अनेक दबाव आिे िैं अनेक व्यस्तिाएाँ आिी िैं । व्यस्तिाओं से अहधक मन का
आिस घेििा िै । व्यवस्र्ाओं का बिाना बनाकि या आिस्य में हघिकि कायों को टाि
दे िा िै उसकी सफििा भी टि जािी िै । इसके हवपिीि जो व्यक्ति सोच समझकि
योजना पूवथक कायों की ओि हनिं िि कदम बढािा िै एक न एक हदन ममिा उसके
चिण चूम िेिी िै आज के काम को कि पि डािने की प्रवृहि सबसे घािक िै इस
29
प्रवृहि के कािण मन में असंिोष बना िििा िै अनेक कायों का बोझ बना िििा िै
औि काम को टािने की ऐसी आदि बन जािी िै हक िुभ कायथ किने की घड़ी
आिी िी निीं।
प्रश्न -
1. उपयुथि गद्यां ि का उपयुि िीषथक दीहजए।
2.कौनसी प्रवृहि सबसे घािक िै ?
3.हनिं िि का हविोम िब्द हिक्तखए।
(3) हकसी भी काि का समाज साहित्य के प्रभाव से अछूिा निीं िि सकिा।
समाज की अपनी आवश्यकिाओं की पूहिथ के हिए साहित्य पि आहश्रि ििना पड़िा िै
। िाश्वि साहित्य समाज के स्वरूप में परिविथन कि दे िा िै ।साहित्य में जो िक्ति
हछपी िै वि िोप ििवाि औि बम के गोिे में भी निीं पाई जािी।हिं दी साहित्य कई
दौि से िोकि गुजिा िहद िम वीिगार्ा काि की बाि किें िो इसका वािाविण युद्ध
औि अिां हि का र्ा वीििा प्रदिथन िी जीवन का मित्व र्ा इसकी प्रधान प्रकृहि वीि
औि श्रृंगाि की र्ी इसहिए इस साहित्य की िचना हुई। भक्ति काि के आिे -आिे
हवदे हियों का िासन स्र्ाहपि िो गया र्ा। हनिािा के वािाविण में िमािे दे ि के
जनमानस को भक्ति आं दोिनों की सिि िििों ने जीवनदाहयनी िीिििा प्रदान की।
इस समय की साहित्य धािा ज्ञान औि प्रेम के रूप में प्रवाहिि हुई।
प्रश्न -
1. उपयुथि गद्यां ि का उपयुि िीषथक दीहजए।
2. हनिािा के वािाविण में भक्ति आं दोिनों ने क्या हकया?
3. 'िाश्वि' िब्द का एक पयाथ यवाची हिक्तखए।
(4) खेि जीवन की चेिना िक्ति िै । संसाि में खेिों का प्रावधान निीं िोिा िो
मानव जीवन चेिना िून्य िोिा। खेि िमें जीवन में संघषथ किने औि सफििा प्राक्तप्त
की हििा दे िे िैं । कहठनाइयों पि िं सिे -िं सिे हवजय प्राप्त किने का गुण उत्पन्न कििे
िैं । जीवन में अनुिासन की हििा खेिों से िी प्राप्त िोिी िै । अनुिासन में ििकि
किने का भाव खेिों से िी आिा िै क्योंहक अनु िासन औि सियोग के हबना खेि
चि िी निीं सकिे। भी खेिों से िी मनुष्य में पूणथ िन्मयिा से कायथ किने की िगन
उत्पन्न िोिी िै । खेि भावना का हवकास िोिा िै इससे सिनिीििा भी आिी िै । छोटे
बच्े खेि खेि में जीवन के हवकास औि हििा की कई बािें सीख जािे िैं । खेि
औि हििा का चोिी दामन का सार् िै । खुक्तददि बने ििना िो , स्वस्र् औि
िक्तििािी बने ििना िो, जीवन के प्रहि सकािात्मक नजरिया िखना िो िो हदन में
कम से कम एक खेि अवश्य खेिें।
प्रश्न -
1. स्वस्र् ििने के अिावा खेिों से औि कौन से फायदे िैं ?
2. उपयुथि गद्यां ि का उपयुि िीषथक दीहजए।
3.'दृहिकोण' का पयाथ यवाची उपयुथि गद्यां ि में से हिक्तखए।
30
(5) जनसाधािण में प्रचहिि साहित्य िोक साहित्य कििािा िै । यि साहित्य दोन
दोनों रूपों हिक्तखि औि मौक्तखक में हमििा िै ।यि एक पीढी से दू सिी पीढी को
पिं पिागि रूप से िस्तां िरिि िो जािा िै । यि जनसाधािण की स्मृहि के माध्यम से
आगे बढिा जािा िै । िोक साहित्य में िोक का आचिण, सुख- दु ख आहद समाहिि
िििा िै ।इसमें जन्म- मिण पूजा- हववाि िादी में गाने जाने वािे गीि, िोक कर्ाएं
,िोक नाट्य , िोकोक्तियााँ आहद सक्तम्महिि िैं । िोक साहित्य की दृहि से मध्य प्रदे ि
बहुि संपन्न प्रदे ि िै यिां पि िोक साहित्य दो रूपों में पाया जािा िै आं चहिक
िोक साहित्य एवं जनजािीय िोक साहित्य। आं चहिक िेिों औि आहदवासी टोिों में
िोक साहित्य हबखिा पड़ा िै । उस िेि की सभ्यिा औि संस्कृहि का आईना िोक
साहित्य िै िो इसमें कोई अहिियोक्ति न िोगी। िोक साहित्य िी िै जो विााँ के
जनजीवन की सिज अहभव्यक्ति कििा िै । जिां िक िोकगीिों का सवाि िै यि
गििी संवेदनाओं से भिे िोिे िैं , इसमें उस िेि हविेष की खुहियााँ , आनंद ,ददथ
,संघषथ सब कुछ बड़ी मधुििा से गाया जािा िै ।
प्रश्न –
(7) छािों को अपने जीवन में योग के मित्व से भिीभां हि परिहचि िोना चाहिए।
वैसै िो िि उम्र के व्यक्ति को इसकी जरूिि िै । योग िब्द संस्कृि के 'युज्' धािु
से बना िै हजसका अर्थ िै जोड़ना। अर्ाथ ि हकसी कायथ में स्वयं को िगाना। मिहषथ
पिंजहि के अनुसाि हचि की वृहियों का सवथर्ा अभाव िी योग िै । छाि जीवन में
31
िािीरिक औि मानहसक स्वास्थ्य बेिद जरूिी िै । योग साधना की िािीरिक स्वास्थ्य में
मित्वपूणथ भूहमका िै इससे अंग' प्रत्यंग की कायथ िमिा में वृक्तद्ध िोिी िै , ििीि
हनिोगी बनिा िै । आसन व योग से अभी अंग सुचारू रूप से कायथ कििे िैं । इसके
िािा िािीरिक के सार्-सार् मानहसक स्वास्थ्य भी प्राप्त हकया जा सकिा िै । मन की
चंचििा को कम कि मानहसक एकाग्रिा प्राप्त की जा सकिी िै इसकी छाि जीवन में
मििी आवश्यकिा िै । प्राणायाम िािा छािों की स्मिण िक्ति बढिी िै , िनाव कम
िोिा िै ,कुहवचाि समाप्त िोकि सुहवचािों का उदय िोिा िै । योग वास्तव में जीवन
जीने की किा िै जो हक वैज्ञाहनक िै जो नैहिक औि चारिहिक पि पि भी
सकािात्मक प्रभाव छोड़िी िै ।
प्रश्न -
1. उपयुथि गद्यां ि का उपयुि िीषथक दीहजए।
2. 'िि ििि से' के हिए गद्यां ि में कौनसा िब्द प्रयुि हुआ िै ।
3. गद्यां ि में प्रयुि 'मििी' िब्द का समानार्ी हिक्तखए।
(8) श्रम साधना किने वािे को यि प्राप्त िोिा िै औि सार् िी सार् वैभव भी।
श्रम किके एक हनधथन परिवाि का बािक भी उच् िो जािा िै औि अपने परिवाि की
आहर्थक क्तस्र्हि बदि दे िा िै श्रम एक ऐसी चीज िै जो िमें अिौहकक आनंद की
प्राक्तप्त किवािी िर्ा उससे िमें पिम संिोष का अनुभव िोिा िै श्रम किने से िमािा
ििीि स्वस्र् िििा िै सामान्य िौि पि दे खा जािा िै हक िािीरिक श्रम किने वािे
दीघथजीवी िोिे िैं । श्रम किने वािा हवकट परिक्तस्र्हियों में भी निीं घबिािा िै ।
आत्महवश्वास उनका ििक बन जािा िै । परिश्रम िी सफििा का मूि मंि िै हबना
परिश्रम हकए हकसी को भी सफििा निीं हमििी िै हमि भी जािी िै िो वि स्र्ाई
निीं िोिी। परिश्रम व्यक्ति में आत्म संिोष औि आत्महनभथििा की भावना िािा िै । एक
आिसी व्यक्ति भी आिसी व्यक्ति को पसंद निीं कििा िै । इस दु हनया में परिश्रम का
कोई हवकल् निीं ।अिः परिश्रमी बनो।
प्रश्न -
1. उपयुथि गद्यां ि का उपयुि िीषथक दीहजए।
2. परिश्रमी का ििक कौन िोिा ?
3. 'कहठन' िब्द गद्यां ि में आए हकस िब्द का अर्थ िो सकिा िै ।
(9) जीवन का अर्थ िै जोि ,उत्साि, सािस ,हिम्मि औि हजंदाहदिी। कििे िैं
हजंदगी हजंदाहदिी का नाम िै मुदाथ हदि खाक हजया कििे िैं । ििचि हिम्मि सािस
जीवन की हनिानी िै । जो िोग िि िण उत्साि की ििं ग में िििे िैं उनके जीवन
जीने की िैिी मनोिम िोिी िै ,जो जीवन के िि खििे को चुनौिी समझ कि झेििे
िैं । उनका जीवन उत्सव जैसा बन जािा िै उन्हें िि िण नया काम हमिा िििा िै वे
अपने मन में औि नवीनिा का अनुभव कििे िैं वे कभी मन में हनिािा औि ग्लाहन
मिसूस निी कििे। बक्ति उन्हें खििों से जूझिे हुए भी िषथ औि आक्तत्मक संिोष का
अनुभव िोिा िै । इसके हवपिीि कायि औि आिसी िोग िि िोज कई बाि मििे
िैं । उन्हें पग-पग पि अपमान सिना पड़िा िै । यहद मनुष्य सोच िे हक उसे जीवन
32
सािस हिम्मि औि हजंदाहदिी से जीना िै िो हफि जीवन इिना सुिावना िोिा िै हक
जीवन से मृत्यु का भय भी हनकि जािा िै ।
प्रश्न -
1. मनुष्य के हिए जीवन उत्सव कब बनिा िै ?
2. उपयुथि गद्यां ि का िीषथ क हिक्तखए।
3.'संिोष' िब्द का हविेषण हिक्तखए।
अपवित काव्यांि
1)बादि, गिजो!
घेि घेि घोि गगन, धािाधि ओ!
िहिि िहिि, कािे घुाँघिािे,
बाि कल्ना के से पाहि,
वज हछपा, नूिन कहविा,
हफि भि दो-बादि, गिजो!
प्रश्न-
33
2)अट निीं ििीं िै ,
आभा फागुन की
िन सट निीं ििीं िै ।
प्रश्न-
34
इकाई – 8
पत्र - लेखन
क्र इकाई एवं ववषय वस्तु इकाई वस्तु अंकवार प्रश्नों की संख्या कुल
पर वनष्ठ प्रश्न
आवंवि प्रश्न
त
अंक
1 2 3 4 5
अंक अंक अंक अंक अंक
इका पि िेखन –
ई 8 04 --- ---- --- 01 --- 01
औपचारिक/अनौपचारिक
पि
1. पिीिा काि में ध्वहन हवस्तािक यंिों के बजाने पि िोक िगाने िे िु जो हजिाधीि
को प्रार्थना पि हिक्तखए।
2. बड़ी बिन के हववाि में आमंहिि किने िे िु हमि को पि हिक्तखए।
3. नगि हनगम नगि पाहिका अध्यि को हनयहमि सफाई ना िोने पि एक हिकायिी
पि हिक्तखए।
4. अपने हमि को गमी की छु हट्टयों में पचमढी भ्रमण िे िु सार् आने हिए पि हिक्तखए।
6. आवास में ििने वािे छोटे भाई को प्रहिहदन व्यायाम किने की सिाि दे िे हुए योग
योग मित्व बिािे हुए एक पि हिक्तखए।
8. िाईस्कूि पिीिा में मेरिट में स्र्ान बनाने के हिए अपने हमि को बधाई पि
हिक्तखए।
35
इकाई – 9
वनबन्ध लेखन –
क्र इकाई एवं ववषय वस्तु इकाई वस्तु अंकवार प्रश्नों की संख्या कुल
पर वनष्ठ प्रश्न
आवंवि प्रश्न
त
अंक
1 2 3 4 5
अंक अं क अंक अंक अंक
इका
ई 9 हनबन्ध िेखन (रूपिे खा 04 --- ---- --- 01 --- 01
सहिि)
---------xxxx--------
36
कक्षा – 11वी
उत्तर माला
इकाई - 1
सिी ववकल्प
1 कबीि
4 आं सुओं का जि 15 आाँ गन
6 वषाथ 17 छायावादी
9 पैिों से 20 नई कहविा
11 बिन
12 मचि
37
सिी जोडी -
(i)
1. कबीि
2. मीिाबाई
3. अत्यहधक दु ः ख
5. आश्वस्त
(ii)
1. हििोचन
2. दु ष्यंि कुमाि
3. अक्क मिादे वी
4. पाि
5. हनमथ िा पुिुि
(iii)
1. कबीि
3. घि की याद
5. अक्कमिादे वी
(iv)
1. हगिधि नागि
2. स्वणथ सड़क
3. परिवाि की मयाथ दा
1. भाििेंदु युग
2. सू िदास
38
4. वीिगार्ा काि
5. प्रयोगवाद
इकाई – 2,
काव्य बोध
सिी ववकल्प-
2. आठ या आठ से अहधक 4. हविोधाभास
39
5. माधुयथ 10. कििि युगि
ररि स्थान -
1-साकेि 2.- मिाकाव्य 3-ििणा 4-मुिक 5- दृश्य 6 - व्यं जना 7 - प्रसाद 8 - ििणा 9 -
हमसिा 10 - सवैया 11 -33 12 - यहि 13 - अधथसममाहिक 14 - अनु भाव 15 - हविेषोक्ति
16 - स्र्ायी भाव 17 - खण्डकाव्य – 18 दृिां ि
सिी जोडी-
i.
1. पुनरुक्ति प्रकाि
2. अनु प्रास
3. ओज गुण
4. मिाकाव्य
5. माधुयथ
ii.
1. छ:चिण कुंडहिया छं द
2. 24 मािा
3. कुंडहिया
4. 8-8-8-8 पि यहि
5. 11-13 के हविाम
iii.
2. िब्द िक्ति
3. गुण
4. मिाकाव्य
5. हमसिा
40
2- मिाकाव्य में नायक के सम्पू णथ जीवन की घटनाओं का वणथन िोिा िै ।
6.सह्रदय के हृदय में जब उत्साि नामक स्र्ायी भाव का अनु भाव हवभाव संचािी भाव से संयोग
15 - िक्ष्यार्थ (हविे ष अर्थ ) प्रकट किने वािी िक्ति को ििणा िब्द िक्ति कििे िैं ।
16-अहभधा औि ििणा से िटकि हवहभन्न अर्थ का बोध किाने वािी िक्ति को व्यं जना िब्दिक्ति
कििे िै ।
17- सहृदय के हृदय में िास नामक स्र्ाई भाव का जब अनु भाव हवभाव व संचािी भाव से
संयोग िोिा िै विााँ िास्य िस िोिा िै ।
सत्य/ असत्य-
1-असत्य 2-सत्य 3-असत्य 4-असत्य5- असत्य6- सत्य 7-सत्य 8-असत्य 9 - असत्य 10- सत्य
11-सत्य 12-सत्य 13-सत्य 14-सत्य 15-सत्य 16- सत्य 17- सत्य 18-सत्य 19-सत्य 20-
असत्य 21- असत्य
इकाई -3
बहुववकल्पीय प्रश्न
1. प्रेमचंद 4. कानपुि
2. 1914 5. हजदगीनामा
3. प्रेमचंद 6. िम ििमि
41
7. जो अपने पेिे को किा का दजाथ दे िे िैं 25. मोिन के हिए
ररि स्थान
2. िक्ष्मी 12. छः
42
21. िोिाि 30. उिि -पहश्चम
29. संस्कृि
1 भाििेंदु िरिश्चं द्र 2 मन्नू भं डािी 3 प्रिाप नािायण हमश्र 4 कायाकल् 5 सूयथकां ि हिपाठी 'हनिािा'
6 माखन िाि चिुवेदी 7 कृष्णा सोबिी
43
31.जीवनी
सत्य /असत्य
1. असत्य 17 . सत्य
5. सत्य 21.असत्य
6. असत्य 22.सत्य
16. सत्य
इकाई – 4
िाषा – बोध
सिी ववकल्प-
44
11-अ समानार्थ क िब्द यु ग्म 14- अ हवहध वाचक वाक्य
ररि स्थान -
सिी जोडी-
2-हकसी हवषय से सम्बक्तन्धि िब्द हजनका प्रयोग मुख्य रूप से उस हवषय की चचाथ में िोिा िै ।
4-घि-घि
9-िािरीय स्ति पि स्वीकाि हवहभन्न िाज्यों में अपनाई जाने समृद्ध भाषा िािर भाषा कििािी िै ।इसमें
िािर की संस्कृहि साहित्य िर्ा ऐहििाहसक ित्वों का समावेि िोिा िै । 12- नीिहध, पयोहध,
अणथव,
16 - बोिी का अधथ हवकहसि रूप हजसमे साहित्य िचा जाने िगे उसे हवभाषा कििे िैं ।
45
17- जो िब्द के अर्थ पि बि दे ने के हिए प्रयोग िो उसे हनपाि कििे िैं ।
18- उपसगथ आगे िगकि िब्द का अर्थ बदि जािािै औि प्रत्यय िब्द के पीछे िगने से िब्द
का अर्थ बदि जािा िै।
19- मु िाविे का प्रयोग बीच में िोिा िे िोकोक्ति िो पूणथ वाक्यां ि िोिा िै ।
20- आप भी आ गये ।
सत्य / असत्य -1- सत्य 2-सत्य 3-असत्य 4-सत्य 5-सत्य 6-सत्य 7-असत्य8-सत्य 9- असत्य
10-सत्य 11-सत्य 12-असत्य 13-असत्य 14-सत्य 15-असत्य 16-असत्य 17-सत्य 18-असत्य
19 -असत्य 20- सत्य 21- सत्य 22- सत्य
इकाई - 5
ववतान िाग - 1
सिी ववकल्प
3. बसोिी से 8. जयदे व
4. चेजािो 9. हििक
ररि स्थान
1. िीन 6. सुनीि
3. चंचििा 8. गुप्त
सिी जोडी
46
15. दोपिि
3. धिािि से नीचे उििा िेहकन पािाि में न हमि पाया पानी िे जानी पानी िै।
15. कौहिक औि हिं डोिा िाग़ िाहि में गाए जािे िैं।
सत्य - असत्य
1. सत्य
2. सत्य
3. असत्य
4. असत्य
5. सत्य
6. सत्य
7. सत्य
8. असत्य
9. सत्य
10. असत्य
11. असत्य
47
12. सत्य
13. असत्य
14. असत्य
15. सत्य
उििमािा -
सिी ववकल्प -
ररि स्थान -
उिि- 1.चि 2.िोि 3. मास कॉम्यु हनकेिन 4.दे वहषथ नािद 5.उदं ि मािंड 6. पंहडि जु गि
हकिोि िु क्ल 7.िििचंद्र चट्टोपाध्याय 8.फ्लै िबैक 9. फीडबैक 10. बाद
उिि - 1.1 अप्रेि 1976 2. र्ॉमस अल्वा एडीसन 3.िाजा िरिश्चं द्र 4.
आिम आिा 5. सत्यहजि िाय 6.खोजी पिकारििा का नया रूप 7. हकसी हटप्पणी
की अनु िंसा किना अर्ाथ ि अपनी सिमहि या असिमहि दे ना 8.स्मिण पि 9. पैिों में
पंख बां धकि 10. नोहटं ग
सत्य या असत्य -
वविेष िीप –
ववषय विक्षक द्वारा काव्यबोध एवं िाषा बोध इकाइयों में प्रश्नबैं क में वदए
प्रश्नों एवं उदािरणों के अवतररि अन्य प्रश्नों एवं उदािरणों का िी अभ्यास
कराया जाए |
48
49