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अभ्यास पत्र यूनिट टे स्ट 2 (2023-24)

कक्षा – 9
निषय-न िंदी
पद- परिचय
निदे शािुसाि उत्ति दें -

1. नपताजी 1947 से य ााँ ि ते थे।' िाक्य में 'य ााँ' का पद परिचय ै


(क) कालवाचक क्रियाक्रवशेषण, 'खेलते थे' की क्रवशेषता बता रहा है।
(ख) स्थानवाचक क्रियाक्रवशेषण, 'खेलते थे' की क्रवशेषता बता रहा है।
(ग) रीक्रतवाचक क्रियाक्रवशेषण, 'खेलते थे' की क्रवशेषता बता रहा है।
(घ) इनमें से कोई नहीीं।
2. शाबाश! तुमिे तो आज के आयोजि की शोभा ी बढ़ा दी।' िे खािंनकत पद का पद-परिचय ै-
(क) क्रवस्मयाक्रिबोधक अव्यय, ग्लाक्रन का भाव (ख) क्रवस्मयाक्रिबोधक अव्यय, हषष का भाव
(ग) क्रवस्मयाक्रिबोधक अव्यय, प्रशींसा का भाव (घ) इनमें से कोई नहीीं।
3 उल्टा काम क्योिं किते ो। तुम उल्टा सोचते ो। दोिोिं िाक्योिं में उल्टा के पद परिचय का स ी निकल्प ै
क) पहला उल्टा क्रिया क्रवशेषण िू सरा उल्टा क्रवशेषण है ख) पहला उल्टा क्रवशेषण िू सरा उल्टा क्रिया क्रवशेषण है
ग) पहला उल्टा सींज्ञा िू सरा उल्टा क्रिया क्रवशेषण है घ) पहला उल्टा क्रवशेषण िू सरा उल्टा सींज्ञा है
4) परिश्रम ी सफलता का मूल मत्रिं ै। िे खािंनकत अिंश का पद परिचय ोगा
(क) जाक्रतवाचक सींज्ञा (ख) भाववाचक सींज्ञा
(ग) व्यक्तिवाचक सींज्ञा (घ) व्यक्तिवाचक सींज्ञा
(5) नपिंजिे में बैठकि तोता गा ि ा ै। िे खािंनकत अिंश का पद परिचय ोगा
(क) व्यक्तिवाचक सींज्ञा, कमष कारक, एकवचन, पुक्तिग, कमष कारक, है क्रिया का कताष
(ख) व्यक्तिवाचक सींज्ञा, कताष कारक, एकवचन, स्त्रीक्रलींग, गा रहा है क्रिया का कताष
(ग) जाक्रतवाचक सींज्ञा, कताष कारक, एकवचन, पुक्तिग, गा रहा है क्रिया का कताष
(घ) व्यक्तिवाचक सींज्ञा, कमष कारक, एकवचन, पुक्तिग, कमष कारक, गा रहा है क्रिया का कताष
(6) मैंिे तो सािा समाि स ी जग पहाँचा नदया था। िे खािंनकत अिंश का पद परिचय ोगा
(क) पुरुषवाचक सवषनाम, एकवचन, कताष कारक, पहुँचा क्रिया था क्रिया का कताष
(ख) क्रनजवाचक सवषनाम, एकवचन, कताष कारक, पहुँचा क्रिया था क्रिया का कताष
(ग) क्रनश्वाचक सवषनाम, एकवचन, कताष कारक, पहुँचा क्रिया था क्रिया का कताष
(घ) पुरुषवाचक सवषनाम, बहवचन, कताष कारक, पहुँचा क्रिया था क्रिया का कताष
(7) अब आप भी समािो में जािे की तैयािी किें । िे खािंनकत पद ै-
(क) मध्यम पुरुषवाचक सवषनाम (ख) उत्तम पुरुषवाचक सवषनाम
(ग) अन्य पुरुषवाचक सवषनाम (घ) इनमें से कोई नहीीं
(8) इस धिती पि अिेक म ापुरुषोिं िे जन्म नलया। िे खािंनकत पद ै -
(क) सवषनाम, एकवचन, स्त्रीक्रलींग, धरती क्रवशेष्य (ख) सावषनाक्रमक क्रवशेषण, एकवचन, स्त्रीक्रलींग, धरती क्रवशेष्य
(ग) सावषनाक्रमक क्रवशेषण, बहवचन, स्त्रीक्रलींग, धरती क्रवशेष्य (घ) सवषनाम, बहवचन, स्त्रीक्रलींग, धरती क्रवशेष्य
(9) कोई समस्या ी ि ी िं आई िििा मैं आपकी ी स ायता लेता। िे खािंनकत पद का परिचय ै –
(क) समानाक्रधकरण समुच्चयबोधक अव्यय, िो पिोीं को जोड़ रहा है।
(ख) व्याक्रधकरण समुच्चयबोधक अव्यय, िो वाक्ोीं को जोड़ रहा है।
(ग) समानाक्रधकरण समुच्चयबोधक अव्यय, िो वाक्ोीं को जोड़ रहा है।
(घ) सींबींधबोधक अव्यय िो पिोीं को जोड़ रहा है।
(10) भाित में G20 सनमट का आयोजि ि भाितीय के नलए गौिि का निषय ै। िे खािंनकत पद का परिचय ै -
(क) सींज्ञा, भाववाचक, स्त्रीक्रलींग , एकवचन, सींबींध कारक (ख) सींज्ञा, भाववाचक, पुक्तिींग, बहवचन, सींबींध कारक
(ग) सींज्ञा, भाववाचक, पुक्तिींग, एकवचन, सींबींध कारक (घ) सींज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुक्तिींग, एकवचन, सींबींध कारक
(11) सदी से ____________________लोग पिे शाि ैं। (रिक्त स्थाि ेतु अनिनित सिंख्यािाचक निशेषण का
निकल्प चुिें –
(क) लाखोीं (ख) एक लाख (ग) एक िजषन (घ) थोड़ा
(12)अिुनचत निकल्प चुनिये –
(क) कुछ → सवषनाम (ख) के क्रवरुद्ध → सींबींधवाचक
(ग) मात्र → समुच्चयबोधक (घ) शमीला→ क्रवशेषण
(13) निम्न िाक्योिं में सिंबिंध िाचक सिविाम िाला िाक्य ै –
(क) क्रजसने योजना बनाई उसे उपहारअवश्य क्रमलेगा। (ख) कौन आया है?
(ग) आप बड़े जी मज़ाक्रकया स्वभाव के हैं। (घ) अध्यक्ष के साथ मैं भी मीक्र ीं ग में था।
(14) ि मेिा नगटाि ै। ि का परिचय ै -
(क) मध्यम पुरुषवाचक सवषनाम (ख) सावषनाक्रमक क्रवशेषण
(ग) अन्य पुरुषवाचक सवषनाम (घ) क्रनश्चय वाचक सवषनाम
(15) मेिी मेज पि बहत सािे गुलाबी कागज पड़े ैं। िे खािंनकत पद का परिचय ै-
(क) सकमषक क्रिया, बहवचन, पु क्तिींग (ख) अकमषक क्रिया, बहवचन, पु क्तिींग
(ग) सकमष क क्रिया, ekवचन, पुक्तिींग (घ) सकमष क क्रिया, बहवचन, स्त्रीक्रलींग

अलिंकाि
1-'प्रेम-सनलल से द्वे ष का सािा मल धुल गया' में प्रयु क्त अलिंकाि ै -
(क) मानवीकरण (ख) श्लेष (ग) रूपक (घ) उपमा
2-स्ने भिा जलता ै निल-नमल मेिा य दीपक-मि िे ' िे खािंनकत अिंश में अलिं काि ै -
क) मानवीकरण (ख) श्लेष (ग) रूपक (घ) उपमा
3-मृदु मिंद-मिंद-मिंथि, लघु तिनण नसिी-सी सुिं दि' में एक साथ दो अलिंकाि ैं-
(क) उपमा-अनुप्रास (ग) उपमा, श्लेष
(ख) रूपक, यमक (घ) मानवीकरण, श्लेष
4-'कमल-पत्र से चारु ये िाधा जी के िैि' में उपमेय ै -
(क) कमल-पत्र (ख) चारु (ग) राधा जी के नैन (घ) से
5 ज ािं जुगल जोड़ी ि ती ै – पिंक्तक्त में अलिंकाि ै
क) मानवीकरण (ख) अनुप्रास (ग) रूपक (घ) उपमा
6- नकस काव्य पिंक्तक्त में श्लेष अलिंकाि ै
(क) मन का मनका फेर (ख) पायो जी मै ने राम रतन धन पायो
(ग) सुबरन को खोजत क्रफरत कक्रव व्यक्रभचारी चोर (घ) पीपर पात सररस मन डोला
(7) निमवल तेिा िीि अमृत के सम उत्तम ै। पिंक्तक्त में उपमाि का स ी निकल्प ै –
(क) नीर (ख) क्रनमषल (ग) उत्तम (घ) अमृत
(8) अिुनचत निकल्प चुनिये –
(क) उपमेय उपमान का एक हो जाना → रूपक (ख) उपमेय की उपमान से तुलनाया समानता →उपमा
(ग) उपमेय में उपमान की सींभावना → उत्प्रे क्षा (घ) जड़ पिाथष पर मानवीय क्रिया का आरोप →रूपक
9 - क ती हई योिं उत्तिा के िेत्र जल जल से भि गए न म कणोिं से पूणव मािो ो गए पिंकज िए । ' में प्रयुक्त
अलिंकाि ै-
(क) मानवीकरण (ख) श्लेष (ग) उत्प्रे क्षा (घ) उपमा
10 - बिंदउाँ कोमल कमल से जग जििी के पााँि।अिुनचत निकल्प चुनिये
(क) उपमेय – जगजननी ` (ख) उपमान – कमल
(ग) साधारण धमष – कोमल होना (ग) वाचक शब्द – से
11- सेस म ेस गिेस नदिेस सिे सह जा ी निििं ति गाि ी िं में प्रयुक्त अलिंकाि ै-
(क) मानवीकरण (ख) अनुप्रास (ग) यमक (घ) उपमा
12- शनश मुख पि घूाँघट डाले अिंचल में दीप निपाये – पिंक्तक्त के नकस भाग में रूपक ै -
(क) घूुँघ (ख) अीं चल (ग) िीप (घ) शक्रश मुख

13- निम्ननलक्तखत में यमक अलिंकाि का उदा िण ै -

(क) तरक्रन तनूजा त तमाल तरुवर बह छाये (ख) बाल क्रबलोक्रक बहत मैं बाचा।

(ग) कोमल कलाप कोक्रकल कमनीय कूकती थी। (घ) पास ही रे ! हीरे की खान उसे खोजता कहाुँ नािान?

14 य दे क्तखये अिनििंद से नशशु िृिंद कैसे सो ि े। –

(क) अरक्रवींि उपमेय क्रशशु वृींि उपमान से वाचक शब्द (ख) क्रशशु वृींि उपमेय अरक्रवींि उपमान से वाचक शब्द

(ग) अरक्रवींि उपमेय क्रशशु उपमान वृींि वाचक शब्द (घ) अरक्रवींि उपमेय क्रशशु उपमान यह वाचक शब्द

15-पािी पिात को िु यो ि ी िं , िैिि के जल सोिं पग धोए। में प्रयुक्त अलिंकाि ै-

(क) मानवीकरण (ख) श्लेष (ग) यमक (घ) अक्रतशयोक्ति

सान त्य

प्र1 निम्न काव्यान्श को पढ़कि प्रश्ोिं के उत्ति के नलए उनचत निकल्प चुनिये -
काली तू , रजनी भी काली, पहरे की हुँ कृक्रत की ब्याली,
ोपी काली, कमली काली, क्रतस पर है गाली, ऐ आली!
शासन की करनी भी काली, इस काले सींक सागर पर
मेरी लौह–श्रींखला काली, मरने की मिमाती!
काली लहर कल्पना काली, कोक्रकल बोलो तो!
मेरी काल कोठरी काली,
(क) कथि- कनि िे निनटश शासि की तुलिा अिंधकािपूणव शासि से की ै।

कािण- क्योिंनक निनटश शासि में स्वतिंत्रता सेिानियोिं को दे शद्रो ी समिा जाता था औि उिको जेलोिं में
डालकि प्रतानड़त नकया जाता था।

I. कथन सही है क्रकींतु कारण गलत है।

II. कथन गलत है क्रकींतु कारण सही है

III. कथन और कारण िोनोीं सही है क्रकींतु कारण कथन की सही व्याख्या नहीीं करता।
IV. कथन और कारण िोनोीं सही है और कारण कथन की सही व्याख्या करता है

(ख) “काली तू, िजिी भी काली, टोपी काली, कमली काली, शासि की कििी भी काली,” पिंक्तक्त में अलिंकाि
ै–

I. श्लेष II. यमक III. मानवीकरण IV. उत्प्रेक्षा

(ग) हाँकृनत’ का अथव ै –

I. जींगल की आग II. हुँकार III. पक्रक्षयोीं का बोलना IV. चींद्रमा

(घ) कनिता के आधाि पि काली निशेषण के नलए प्रयुक्त उनचत शब्द समू चुनिए–

I. रजनी, शासन, लहर, कल्पना, काल-कोठरी, ोपी, कमली

II. रजनी, शासन, लहर, कल्पना, काल-कोठरी, ोपी, गीत

III. रजनी, शहर, लहर, कल्पना, काल-कोठरी, ोपी, कमली

IV. क्रिवस, कोयल, लहर, कल्पना, काल-कोठरी, ोपी, कमली

प्र2 निम्न काव्यान्श को पढ़कि प्रश्ोिं के उत्ति के नलए उनचत निकल्प चुनिये
फैली खेतोीं में िू र तलक क्रतनकोीं के हरे हरे तन पर

मखमल की कोमल हररयाली, क्रहल हररत रुक्रधर है रहा झलक,

क्रलप ी क्रजससे रक्रव की क्रकरणें श्यामल भू तल पर झुका हआ

चाींिी की सी उजली जाली! नभ का क्रचर क्रनमष ल नील फलक!

(क) ‘चााँदी की सी उजली जाली’ में कौि-सा अलिंकाि ै?

I. यमक अलीं कार II. उपमा अलींकार III. रुपक अलींकार IV. अनुप्रास अलींकार

(ख) अिुपयुक्त कथि का चुिाि कीनजए-

I. काव्यान्श में गाुँव के मनोरम सौन्दयष व हररयाली का क्रचत्रण है।

II. सूयष की क्रकरणें हररयाली पर चाुँिी की जाली जैसी प्रतीत हो रहीीं हैं

III. खेतोीं में िू र-िू र तक काक्रलमा छाई हई है।

IV. सूयष के प्रकाश से क्रतनकोीं के तन पर हररत रुक्रधर जैसा झलक रहा है

(ग) काव्यान्श में रियाली की क्या निशेषता बताई गई ै ?

I. हररयाली अत्यक्रधक कोमल है II.हररयाली मखमल के समान है

III. उपयुषि िोनोीं IV. कोई नहीीं


प्र4 निम्न गद्यान्श को पढ़कि प्रश्ोिं के उत्ति के नलए उनचत निकल्प चुनिये -

क्रमथकोीं की िु क्रनया में इस सवाल का जवाब तलाश करने से पहले एक नज़र कमज़ोर काया वाले उस व्यक्ति पर
डाली जाए क्रजसे हम साक्रलम अली के नाम से जानते हैं। उम्र को शती तक पहुँचने में थोड़े ही क्रिन तो बच रहे थे।
सींभव है, लींबी यात्राओीं की थकान ने उनके शरीर को कमज़ोर कर क्रिया हो, और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी
उनकी मौत का कारण बनी हो। लेक्रकन अीं क्रतम समय तक मौत – उनकी आुँ खोीं से वह रोशनी छीनने में सफल
नहीीं हई जो पक्रक्षयोीं की तलाश और उनकी क्रहफाज़त के प्रक्रत समक्रपषत थी। साक्रलम अली की आुँ खोीं पर चढी
िू रबीन मौत के बाि ही तो उतरी थी।

(क) गद्यान्श के आधाि पि सानलम अली के िे खानचत्र से सिं बक्तित निकल्प ै

I. वे कमजोर शरीर वाले थे


II. साुँवले सपनोीं की याि एक सींस्मरण है
III. साुँवले सपनोीं की याि के लेखक जाक्रबर हसैन हैं।
IV. उपयुषि सभी

(ख) कौि सी चीज जीिि के अिंनतम समय तक सानलम अली के साथ थी

I. िू रबीन III. उपयुषि िोनोीं


II. पक्रक्षयोीं के प्रक्रत प्रेम IV. कोई नहीीं

(ग) शती का अथव ै

I. सोना III. क्रनद्रा


II. सौ वषष का समय IV. एक ग्रिंथ

(घ) निम्न में से आगत शब्द ै –

I. क्रहफाजत III. व्यक्ति


II. समक्रपषत IV. पक्रक्षयोीं

प्र4 निम्न गद्यान्श को पढ़कि प्रश्ोिं के उत्ति के नलए उनचत निकल्प चुनिये -

तुम फ ा जूता बड़े ठाठ से पहने हो। मैं ऐसे नहीीं पहन सकता। फो ो तो क्रजींिगी भर इस तरह नहीीं क्तखचाऊुँ , चाहे
कोई जीवनी क्रबना फो ो के ही छाप िे । तुम्हारी यह व्यींग्य-मुसकान मेरे हौसले पस्त कर िे ती है। क्ा मतलब
इसका? कौन सी मुसकान है यह? क्ा होरी का गोिान हो गया? क्ा पूस की रात में नीलगाय हलकू का खेत चर
गई? क्ा सुजान भगत का लड़का मर गया; क्ोींक्रक डॉक्टर क्लब छोड़कर नहीीं सकते ? नहीीं, मुझे लगता है माधो
औरत के कफन के चींिे की शराब पी गया। व मुसकान मालूम होती है। मैं तु म्हारा जू ता क्रफर िे खता हुँ। कैसे फ
गया यह, मे री जनता के लेखक ?

(क) लेखक औि प्रेमचिंद की निचािधािा में अिंति के सिं बिंध में उपयुक्त निकल्प चुनिये –
I. प्रेमचींि फ ा जूता बड़े ठाठ से पहने है पर लेखक नहीीं पहन सकता।
II. प्रेमचींि के क्रलए क्रिखावे का कोई महत्व नहीीं परीं तु लेखक के क्रलए है
III. उपयुषि िोनोीं
IV. कोई नहीीं

(ख) गोदाि ै –

I. हररशींकर परसाई की रचना III. कहानी


II. उपन्यास IV. ना क

(ग) नकसके चे िे की नकस मु स्काि का लेखक पि क्या प्रभाि पड़ता ै। (उपयुक्त निकल्प चुनिये)

I. प्रेमचींि की चेहरे की व्यींग्य मु स्कान से लेखक के हौसले पस्त पड़ते हैं।


II. लेखक के चेहरे की व्यींग्य मुस्कान से लेखक के हौसले पस्त पड़ते हैं ।
III. प्रेमचींि की चेहरे की मधुर मु स्कान से लेखक के हौसले पस्त पड़ते हैं ।
IV. प्रेमचींि की चेहरे की व्यींग्य मु स्कान से लेखक के हौसले बढते हैं।

(घ) ‘मेिी जिता के लेखक’ िाक्य में जिता के लेखक क ा गया ै

I. होरी को III. प्रेमचींि को


II. हररशींकर परसाई को IV. उपयुषि में से कोई नहीीं

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