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Class Notes

Class: VIII Topic: कार्यपत्रक 2


वसंत-जहााँ पहहर्ा है ,अकबरी लोटा,सरू दास के पद,पानी की
Subject: हहन्दी
कहानी,बाज और सााँप,टोपी,
व्र्ाकरण-वाच्र्, ववज्ञापन लेखन, पत्र, अनच्
ु छे द लेखन

13. जहााँ पहहर्ा है


प्रश्न [1] सही ववकल्प चुननए :

{i}. पड
ु ु कोट्टई जजले में साइककल चलाने का कैसा आंदोलन चला ?
(अ) राष्ट्रीर् आंदोलन (ब) सामाजजक आंदोलन (स) धार्मयक आंदोलन (द) प्रादे र्िक आंदोलन
{ii}. साइककल चलाने वाली महहलाओं ने साइककल चलाने को क्र्ा बतार्ा ?
(अ) व्र्जक्तगत आज़ादी (ब) अच्छा अनभ
ु व (स) नवसाक्षर होना (द) सभी के साथ सीधा संबध

{iii}. साइककल प्रर्िक्षण से महहलाओं में क्र्ा बदलाव आर्ा ?
(अ) आत्मननभयरता बढ़ गई (ब) आत्मसम्मान की भावना का ववकास
(स) वे स्वर्ं को स्वच्छं द समझने लगीं (द) उपर्क्
ुय त सभी
{iv}. साइककल चलाना सीखते ही कैसे कार्यक्रमों का आर्ोजन हुआ ?
(अ) अधधक से अधधक साइककल चलाने की होड़ (ब) प्रदियन एवं प्रनतर्ोधगता
(स) परु
ु षों के साथ बराबरी का होड़ (द) स्वावलंबन की तरफ बढ़ना
{v}. पड
ु ु कोट्टई जजले के लोग हक्के-बक्के क्र्ों थे ?
(अ) महहलाओं की साइककल चलाने में ननपण
ु ता दे खकर (ब) बेिम
ु ार साइककल बबकने पर
(स) महहलाओं की जागरूकता दे खकर (द) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न [2] प्रश्नों के उत्तर र्लखखए :
{क} पड
ु ु कोट्टई में कोई महहला अगर चुनाव लड़ती, तो अपना पाटी-धचन्ह क्र्ा बनाती और क्र्ों ?
{ख} पड
ु ु कोट्टई जजला भारत के ककस राज्र् में जस्थत है ?
{ग} पड
ु ु कोट्टई जजले की लगभग ककतनी ग्रामीण महहलाओं ने साइककल चलाना सीख र्लर्ा है और उनमें
अधधकांि कौन हैं ?
{घ} साइककल चलाने वाली महहलाओं को प्रारं भ में ककस प्रकार की समस्र्ाओं का सामना करना पड़ा ?

{ड.} फानतमा कौन है ? वह साइककल ककराए पर क्र्ों लेती है ?

14. अकबरी लोटा


प्रश्न [1] सही ववकल्प चुननए :

{i}. “लेककन मझ
ु े इसी जजंदगी में चाहहए |”
“अजी इसी सप्ताह में ले लेना |”
“सप्ताह से आपका तात्पर्य सात हदन से है र्ा सात वषय से ?”
झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच की इस बातचीत से क्र्ा पता चलता है ?
(अ) लाला झाऊलाल बहुत अमीर आदमी न थे (ब) पत्नी को उन पर ववश्वास न था
(स) पत्नी लाला जी की तल
ु ना में ज्र्ादा तेज-तरायर थी (द) सभी कथन सत्र् है
{ii}. लोटा ककस वेग से आाँखों से ओझल हो गर्ा ?
(अ) तीव्र गनत से (ब) उल्का के वेग से (स) हवाई जहाज की गनत से (द) मंद गनत से

{iii}. “जब पत्नी ने एक हदन एकाएक ढाई सौ रुपर्े की मााँग पेि की, तब उनका जी एक बार ज़ोर से
सनसनार्ा और कफर बैठ गर्ा |”
उक्त वाक्र् में ‘सनसनार्ा’ िब्द का अथय है -
(अ) सनसन की आवाज़ (ब) गरमाना (स) घबरा जाना (द) ललचा गर्ा
{iv}. “ककसी ज़माने में न्र्ट
ू न नाम के ककसी खुराफाती ने पथ्
ृ वी की आकषयण िजक्त नाम की एक चीज़ ईजाद
की थी | कहना न होगा कक र्ह सारी िजक्त इस समर् लोटे के पक्ष में थी |”
न्र्ट
ू न ने ककसकी खोज की थी ?
(अ) लोटे की (ब) धरती की ( स) धरती के गरु
ु त्वाकषयण िजक्त की (द) उल्का वपंड की
{v}. अकबर अकबरी लोटे को कब इस्तेमाल करता था ?
(अ) पानी पीने (ब) पौधे सींचने (स) लोगों पर रौब ज़माने (द) वजू करते समर्
प्रश्न [2] प्रश्नों के उत्तर र्लखखए :

{क} अंग्रज
े लोटा न खरीदता तो क्र्ा होता ?

{ख} लाला झाऊलाल कहााँ रहते थे और उनकी आमदनी का मख्


ु र् साधन क्र्ा था ?
{ग} मेजर डगलस ने हदल्ली से क्र्ा और ककतने में क्र्ा ख़रीदा था ?
{घ} लाला जी को बबलवासी जी पर गस्
ु सा क्र्ों आ रहा था ?
{ड.} ‘अकबरी लोटा’ िीषयक की साथयकता पर अपने ववचार व्र्क्त कीजजए |
15. सरू दास के पद

प्रश्न [1] सही ववकल्प चुननए :

{i}. माता र्िोदा के अनस


ु ार दध
ू पीने से चोटी पर क्र्ा प्रभाव पड़ता ?
(अ) बलराम की चोटी की तरह लम्बी और मोटी हो जाएगी (ब) चोटी छोटी हो जाएगी
(स) कंघी करते,गाँथ
ू ते व नहाते समर् जमीन पर नाधगन के समान लोटने लगेगी (द) अ और स दोनों सही

{ii}. “नाधगन-सी भइ
ु ाँ लोटी’ में कौन-सा अलंकार है ?
(अ) अनप्र
ु ास (ब) र्मक (स) उपमा (द) रूपक
{iii}. कृष्ट्ण जी र्मत्रों के साथ ककस समर् गोवपर्ों के घर में जा घस
ु े ?
(अ) दोपहर के समर् घर को सन
ू ा समझकर (ब) िाम के समर् घर को सन
ू ा समझकर
(स) रात में घर को सन
ू ा समझकर (द) सब
ु ह के समर् घर को सन
ू ा समझकर
{iv}. गोवपर्ााँ र्िोदा माता को क्र्ा उलाहना दे ती हैं ?
(अ) मक्खन तम
ु ने खखलार्ा होगा (ब) तम्
ु हारा कन्है र्ा मक्खन नहीं खाता
(स) तम
ु कन्है र्ा को मक्खन खाने नहीं दे ती (द) कृष्ट्ण को डााँटकर रखती नहीं, लगता है तम
ु ने अनोखे पत्र

को जन्म हदर्ा है
{v}. ‘कााँचौ दध
ू वपर्ावत पधच-पधच’ वाक्र् में पधच-पधच का क्र्ा अथय है ?
(अ) पचाकर (ब) रोज-रोज (स) कच्चा दध
ू (द) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न [2] प्रश्नों के उत्तर र्लखखए :

{क} ‘हरर-हलधर की जोटी’ वाक्र् में ‘हरर-हलधर’ ककसके र्लए प्रर्क्


ु त हुआ है ?
{ख} ‘गोरस’ िब्द से क्र्ा अर्भप्रार् है ? स्पष्ट्ट कीजजए |
{ग} ‘अनभावत भइ
ु ाँ मैं ढरकार्ौ’ पंजक्त के माध्र्म से गोपी क्र्ा कहती हैं ?
{घ} बालक कृष्ट्ण कच्चा दध
ू पीने के र्लए क्र्ों मान जाते थे ?
{ड.} गोपी ‘अनोखा पत
ू ’ िब्द का प्रर्ोग ककसके र्लए करती है और क्र्ों ?
16. पानी की कहानी
प्रश्न [1] सही ववकल्प चुननए :

{i}. र्सतार के तारों-सी झंकार कहााँ-से उत्पन्न हुई थी ?


(अ) र्सतार से (ब) पानी से (स) ओस की बाँद ू से (द) बादल से
{ii}. ओस की बाँद
ू क्रोध और घण
ृ ा से क्र्ों कााँप उठी ?
(अ) पेड़ों की ननदय र्ी प्रवजृ त्त का स्मरण कर (ब) सर्
ू ायस्त हो जाने के कारण
(स) चन्रमा के उदर् हो जाने के कारण (द) इनमें से कोई नहीं
{iii}.“मैं लगभग तीन हदन तक र्ह सााँसत भोगती रही |” वाक्र् में सााँसत िब्द से लेखक का क्र्ा तात्पर्य है ?
(अ) सााँस न ले पाना (ब) पेड़ की पजत्तर्ों से (स) दुःु ख (द) वार्म
ु ड
ं ल में फाँसकर
{iv}. ओस की बाँद
ू लेखक के हाथ पर क्र्ों कूदी ?
(अ) सब
ु ह तक सहारा पाना चाहती थी (ब) लेखक ने स्वर्ं उसे अपने हाथ में र्लर्ा
(स) पत्ते पर हटकने का सहारा न था (द) उपर्क्
ुय त सभी
{v}. “मैं अपने दस
ू रे भाइर्ों के पीछे -पीछे चट्टान में घस
ु गई |” वाक्र् में भाई कौन है ?
(अ) जीव (ब) चट्टानें (स) अन्र् बद
ाँू ें (द) कोई नहीं
प्रश्न [2] ननम्नर्लखखत ग्र्ांि को पढ़कर उन पर आधाररत प्रश्नों के उत्तर दीजजए :
मैं कई मास समर
ु में इधर-उधर घम
ू ती रही | कफर एक हदन गमय-धारा से भें ट हो गई | धारा के जलते
अजस्तत्व को ठं डक पहुाँचाने के र्लए हमने उसकी गरमी सोखनी प्रारं भ कर दी और इसके फलस्वरूप मैं वपघल
पड़ी और पानी बनकर समर ु में र्मल गई | समर
ु का भाग बनकर मैंने जो दृश्र् दे खा वह वणयनातीत है | मैं
अभी तक समझती थी कक समर ु में केवल मेरे बंध-ु बांधवों का ही राज्र् है , परन्तु अब ज्ञात हुआ कक समरु में
चहल-पहल वास्तव में दस
ू रे ही जीवों की है और उसमें ननरा नमक भरा है | पहले-पहल समर ु का खारापन मझ
ु े
बबलकुल नहीं भार्ा, जी मचलाने लगा, पर धीरे -धीरे सब सहन हो चला |
{क} गमय धारा के अजस्तत्व को ठं डक पहुाँचाने के र्लए बाँद
ू ने क्र्ा ककर्ा ?
{ख} बद
ाँू ्वारा गमी सोखने का पररणाम क्र्ा ननकला ?
{ग} समर
ु में चहल-पहल ककसकी है ?
{घ} समर
ु में क्र्ा भरा पड़ा है ?
{ड.} बाँद
ू ने धीरे -धीरे क्र्ा सहन कर र्लर्ा ?
17. बाज और सााँप

प्रश्न [1] सही ववकल्प चुननए :


{i}. “आकाि की असीम िन्ू र्ता में क्र्ा ऐसा आकषयण नछपा है जजसके र्लए बाज ने अपने प्राण गाँवा हदए ?
वह खुद तो मर गर्ा लेककन मेरे हदल का चैन अपने साथ ले गर्ा |”
कौन ककससे कह रहा है ?
(अ) आकाि, बाज से (ब) सााँप अपने आप से (स) बाज, सााँप से (द) सााँप, बाज से
{ii}. बाज ने ककसके र्लए अपने प्राण का बर्लदान हदर्ा ?
(अ) लहरों के र्लए (ब) हवा के र्लए (स) स्वच्छं दता के र्लए (द) आकाि की िन्
ू र्ता के र्लए
{iii}. बाज की मत्ृ र्ु से सााँप क्र्ों बेचैन हो गर्ा ?
(अ) र्मत्र के बबछड़ने के कारण (ब) उड़ने की आकांक्षा पैदा होने के कारण
(स) बाज ्वारा उड़ न पाने से (द) बाज के नदी में धगर जाने से
{iv}. बाज की मत्ृ र्ु से सााँप में कौन-से गण
ु पैदा हुए ?
(अ) आत्मववश्वास की भावना का ववकास (ब) उड़ान भरने का साहस (स) लड़ने की हहम्मत (द) कोई नहीं
{v}. बाज के र्लए लहरों ने गीत गार्ा होगा, क्र्ोंकक..........| वाक्र् परू ा करो |
(अ) बाज को गीत पसंद थे (ब) गीत गाना लहरों का फजय था
(स) गीत गाना लहरों का िौक था (द) बाज साहसी, प्राणों की बाजी लगाने वाला बहादरु , ननडर था
प्रश्न [2] ननम्नर्लखखत ग्र्ांि को पढ़कर उन पर आधाररत प्रश्नों के उत्तर दीजजए :
बाज में एक नई आिा जाग उठी | वह दग ु ने उत्साह से अपने घार्ल िरीर को घसीटता हुआ
चट्टान के ककनारे तक खींच लार्ा | खल
ु े आकाि को दे खकर उसकी आाँखें चमक उठीं | उसने एक गहरी, लम्बी
सााँस ली और अपने पंख फैलाकर हवा में कूद पड़ा | ककं तु उसके टूटे पंखों में इतनी िजक्त नहीं थी कक उसके
िरीर का बोझ साँभाल सकें | पत्थर-सा उसका िरीर लढ़ ु कता हुआ नदी में जा धगरा |एक लहर ने उठकर उसके
थके-मााँदे िरीर को सफ़ेद फेन से ढक हदर्ा, कफर अपनी गोद में समेटकर उसे अपने साथ सागर की ओर ले
चली |
लहरें चट्टानों पर र्सर धुनने लगीं मानो बाज की मत्ृ र्ु पर आाँसू बहा रही हों | धीरे -धीरे समर
ु के
असीम ववस्तार में बाज आाँखों से ओझल हो गर्ा | चट्टान की खोखल में बैठा हुआ सााँप बड़ी दे र तक बाज की
मत्ृ र्ु और आकाि के र्लए उसके प्रेम के ववषर् में सोचता रहा |

{क} एक नई आिा जगने पर बाज ने क्र्ा ककर्ा ?


{ख} लहरें बाज को कहााँ लेकर चली गईं ?

{ग} लहरें चट्टानों पर र्सर क्र्ों धन


ु ने लगीं ?
{घ} बाज का िरीर कहााँ धगर गर्ा ?

{ड.} ‘आाँखें चमकना’ मह


ु ावरे का र्हााँ ककस अथय में प्रर्ोग हुआ है ?
18. टोपी
प्रश्न [1] सही ववकल्प चुननए :

{i}. ‘टोपी’ ककसका प्रतीक है ?


(अ) सत्ता का (ब) सफ़ेद कपड़े का (स) नेताओं का (द) र्सर ढाँ कने वाले वस्त्र का
{ii}. सही जोड़ी का चर्न कीजजए—
(अ) टोपी – सज
ं ृ र् (ब) सद
ु ामा चररत – सरू दास (स) जहााँ पहहर्ा है – रामचंर नतवारी (द) कामचोर – रहीम
{iii}. गवरइर्ा कोरी के पास क्र्ों गई ?
(अ) टोपी बनवाने (ब) रुई धन
ु वाने (स) उससे र्मत्रता करने (द) सत
ू कतवाने
{iv}. ‘घरय -चों, घरय -चों’ उसकी तााँती बज उठी | ‘तााँती’ क्र्ा है ?
(अ) एक वा्र् र्ंत्र (ब) तौलने की मिीन (स) रुई साफ़ करने का एक दे िी उपकरण (द) बेतार का तार
{v}. लोग दस
ू रों को मख
ू य बनाते है , खुिामद करते है , क्र्ों ?
(अ) बड़ा आदमी बनने के र्लए (ब) मान पाने के र्लए
(स) अपना काम ननकालने के र्लए (द) टोपी बचाए रखने के र्लए
प्रश्न [2] ननम्नर्लखखत ग्र्ांि को पढ़कर उन पर आधाररत प्रश्नों के उत्तर दीजजए :
“राजा तो वाकई अकबका गर्ा था | एक तो तमाम कारीगरों ने उसकी मदद की थी | दस
ू रे , इस
टोपी के सामने अपनी टोपी की कमसरू ती | तीसरे , खजाने की खुलती पोल | इस पाखी को कैसे पता चला कक
धन घट गर्ा है ? तमाम बेगार करवाने, बहुत सख्ती से लगान वसल
ू ने के बावजूद राजा का खजाना खाली ही
रहता था | इतना ऐिोआराम, इतनी लिकरी, इतने लवाजजमे का बोझ खजाना साँभाले भी तो कैसे !”
{क} राजा की जस्थनत कैसी थी ?

{ख} गवरइर्ा की टोपी के सामने राजा की टोपी कैसी थी ?

{ग} खज़ाना भरने के र्लए राजा क्र्ा-क्र्ा करवाता था ?

{घ} सभी कारीगरों ने ककसकी मदद की थी ?


{ड.} राजा के खज़ाने में धन घटने का पता ककसे चल गर्ा था ?

वाच्र्

प्रश्न [1] सही ववकल्प चुननए :

1. इनमें से कौन-कौन से वाच्र् के भेद हैं ?


(अ) कतव
यृ ाच्र्,कमयवाच्र्,भाववाच्र् (ब) संज्ञा, सवयनाम (स) कारक,वचन (द) कताय,कक्रर्ा
2. वाच्र् क्र्ा कहलाते हैं ?
(अ) संज्ञा के भेद (ब) सवयनाम के भेद (स) वविेषण के भेद (द) कक्रर्ाओं के ववधान
3. कतव
यृ ाच्र् ककसे कहते हैं ?
(अ)जहााँ कक्रर्ा का प्रर्ोग कताय के र्लंग व वचन के अनस
ु ार ककर्ा जाता है(ब) जजन कक्रर्ा में भाव प्रधान है
(स)जजन कक्रर्ाओं में िब्द प्रधान होता है (द)जहााँ कक्रर्ा का प्रर्ोग कमय के र्लंग,वचन के अनस
ु ार ककर्ा
जाता है
4. ‘अर्मत से दौड़ा नहीं जाता’ वाक्र् में वाच्र् होगा-
(अ) कतव
यृ ाच्र् (ब) कमयवाच्र् (स) भाववाच्र् (द) उपर्क्
ुय त में से कोई नहीं
5. ‘उसने भोजन कर र्लर्ा’ वाक्र् का कमयवाच्र् होगा-
(अ) उसने भोजन ककर्ा (ब) उसके ्वारा भोजन नहीं ककर्ा गर्ा
(स) उसके ्वारा भोजन कर र्लर्ा गर्ा (द) उपर्क्
ुय त में से कोई नहीं
प्रश्न [2] ननम्नर्लखखत वाक्र्ों में ननदे िानस
ु ार पररवतयन कीजजए :
{क} वव्र्ाधथयर्ों ने परीक्षा दी | ( कमयवाच्र्)

{ख} बालक रो रहा है | ( भाववाच्र् )


{ग} उससे बैठा नहीं जाता | (कतव
यृ ाच्र्)

ववज्ञापन लेखन

[1] ‘केिव’ छाता बनाने वाली कंपनी के र्लए ववज्ञापन तैर्ार कीजजए |
[2] बालों का झड़ना रोकने वाले केि-तेल के र्लए एक ववज्ञापन तैर्ार कीजजए |

[3] त्र्ोहारों के अवसर पर ककसी नामी वस्त्र कंपनी के र्लए ववज्ञापन बनाइए |

पत्र
[1] अपने र्मत्र/सहे ली को एक पत्र र्लखकर बताइए कक आपके वव्र्ालर् में गणतंत्र हदवस कैसे मनार्ा गर्ा |

[2] बबजली का अधधक बबल आने के कारण बबजली ववभाग को आवेदन पत्र र्लखखए |

[3] आपके वपताजी का तबादला पन


ु ुः रार्गढ़ िहर में हो गर्ा है | अपने परु ाने वव्र्ालर् के प्राचार्य को पन
ु ुः
वव्र्ालर् में प्रवेि दे ने के र्लए एक आवेदन पत्र र्लखखए |

[4] अपने वपता जी को अपने वव्र्ालर् के वावषयकोत्सव के ववषर् में बताने के र्लए पत्र र्लखखए |

अनच्
ु छे द लेखन
ककसी एक ववषर् पर लगभग 125 िब्दों में अनच्
ु छे द र्लखखए :
[1] कंप्र्ट
ू र : ववज्ञान का अद्भत
ु वरदान
[2] मधुर वचन है औषधध, कटु वचन है तीर

[3] खेलों का महत्त्व

[4] दरू दियन पर हदखाए जाने वाले ररएल्टी िो – ककतने सच्चे, ककतने झूठे

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