You are on page 1of 3

मु य परी ा पा म

वैक पक वषय - हद सा ह य | 13 Sep 2018 | मु य परी ा

प -1

खंड : ‘क’ ( ह द भाषा और नागरी ल प का इ तहास)

i. अप ंश, अवह और ारं भक ह द का ाकर णक तथा अनु यु व प।


ii. म यकाल म ज और अवधी का सा ह यक भाषा के प म वकास।
iii. स एवं नाथ सा ह य, खुसरो, संत सा ह य, रहीम आ द क वय और द खनी ह द म खड़ी बोली का ारं भक व प।
iv. उ ीसव शता द म खड़ी बोली और नागरी ल प का वकास।
v. ह द भाषा और नागरी ल प का मानक करण।
vi. वतं ता आ दोलन के दौरान रा भाषा के प म ह द का वकास।
vii. भारतीय संघ क राजभाषा के प म ह द का वकास।
viii. ह द भाषा का वै ा नक और तकनीक वकास।
ix. ह द क मुख बो लयाँ और उनका पर पर संबंध।
x. नागरी ल प क मुख वशेषताएँ और उसके सुधार के यास तथा मानक ह द का व प।
xi. मानक ह द क ाकर णक संरचना।

खंड : ‘ख’ ( ह द सा ह य का इ तहास)


i. ह द सा ह य क ासं गकता और मह व तथा ह द सा ह य के इ तहास-लेखन क पर परा।
ii. ह द सा ह य के इ तहास के न न ल खत चार काल क सा ह यक वृ याँ
(क) आ दकालः   स , नाथ और रासो सा ह य।
मुख क वः चंदबरदाई, खुसरो, हेमच , व ाप त।
(ख) भ कालः  संत का धारा, सूफ का धारा, कृ ण भ धारा और राम भ धारा। मुख क व : कबीर, जायसी,
सूर और तुलसी।
(ग) री तकालः  री तका , री तब का , री तमु का
मुख क व : केशव, बहारी, पदमाकर और घनानंद।
(घ) आधु नक कालः (क) नवजागरण, ग का वकास, भारते मंडल (ख) मुख लेखक : भारते , बाल कृ ण भ और
ताप नारायण म ।
(ड.) आधु नक ह द क वता क मु य वृ याँ। छायावाद, ग तवाद, योगवाद, नई क वता, नवगीत, समकालीन क वता
और जनवाद क वता।
मुख क व :  मै थलीशरण गु त, जयशंकर साद, सूयका त पाठ ‘ नराला’, महादे वी वमा, रामधारी सह ‘ दनकर’,
स चदानंद हीरानंद वा यायन ‘अ ेय’, गजानन माधव मु बोध, नागाजुन।
iii. कथा सा ह यः
(क) उप यास और यथाथवाद 
(ख) ह द उप यास का उ व और वकास
(ग) मुख उप यासकार : ेमच द, जैने , यशपाल, रेणु और भी म साहनी।
(घ) ह द कहानी का उ व और वकास।  
(ड़) मुख कहानीकार : ेमच द, जयशंकर साद, स चदानंद हीरानंद वा यायन ‘अ ेय’, मोहन राकेश और कृ णा सोबती।
iv. नाटक और रंगमंच :
(क) ह द नाटक का उ व और वकास
(ख) मुख नाटककार : भारते , जयशंकर साद, जगद श चं माथुर, रामकुमार वमा, मोहन राकेश।
(ग) ह द रंगमंच का वकास।
v. आलोचना :
(क) ह द आलोचना का उ व और वकास- सै ां तक, ावहा रक, ग तवाद , मनो व ेषणवाद आलोचना और नई
समी ा।
(ख) मुख आलोचक - रामच शु ल, हजारी साद वेद , राम वलास शमा और नगे ।
vi. ह द ग क अ य वधाएँ: ल लत नबंध, रेखा च , सं मरण, या ा वृ ा त।

प -2

इस प म नधा रत मूल पा पु तक को पढ़ना अपे त होगा और ऐसे पूछे जाएंगे जनसे अ यथ क आलोचना मक
मता क परी ा हो सके।

खंड : ‘क’ (प सा ह य)

i. कबीर  :  कबीर ंथावली (आरं भक 100 पद) सं. याम सु दर दास 


ii. सूरदास  :   मरगीत सार (आरं भक 100 पद) सं. रामचं शु ल 
iii. तुलसीदास  :  रामच रत मानस (सुंदर का ड), क वतावली (उ र का ड)
iv. जायसी  :  पदमावत ( सहल प खंड और नागमती वयोग खंड) सं. याम सु दर दास
v. बहारी  :   बहारी र नाकर (आरं भक 100 दोहे) सं. जग ाथ दास र नाकर
vi. मै थलीशरण गु त  :  भारत भारती
vii. जयशंकर साद  :  कामायनी ( चता और ा सग)
viii. सूयकांत पाठ ' नराला’  :  राग- वराग (राम क श पूजा और कुकुरमु ा) सं. राम वलास शमा
ix. रामधारी सह ‘ दनकर’  :  कु े
x. अ ेय  :  आंगन के पार ार (असा यवीणा)
xi. मु बोध  :   रा स
xii. नागाजुन  :  बादल को घरते दे खा है, अकाल और उसके बाद, ह रजन गाथा।

खंड : ‘ख’ (ग सा ह य)

i. भारते   :  भारत दशा


ii. मोहन राकेश  :  आषाढ़ का एक दन
iii. रामचं शु ल  :   चताम ण (भाग-1), (क वता या है, ा-भ )।
iv. नबंध नलय  :  संपादक : डॉ. स ये । बाल कृ ण भ , ेमच द, गुलाब राय, हजारी साद वेद , राम वलास शमा, अ ेय,
कुबेरनाथ राय।
v. ेमचंद  :  गोदान, ‘ ेमचंद’ क सव े कहा नयाँ (संपादक : अमृत राय)
vi. साद  :   कंदगु त
vii. यशपाल  :   द ा
viii. फणी रनाथ रेण ु  :  मैला आंचल
ix. म ू भ डारी  :  महाभोज
x. राजे यादव (सं.)  :  एक नया समाना तर (सभी कहा नयाँ)

You might also like