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लिंग
लिंग
िं (gender)
दस
ू रे शब्दों में-संज्ञा शब्दों के जिस रूप से उसके परु
ु ष या स्री िाति
होने का पिा च िा है , उसे ल ग ं कहिे है ।
हहंदी में ल ग
ं दो प्रकार के होिे हैं |
(1) पलु ग
िं (Masculine Gender)
(2) स्त्रील ग
िं ( Feminine Gender)
fcltf
जैसे-
सजीव- कुत्ता, बा क, खटम , पपिा, रािा, घोडा, बन्दर, हं स,
बकरा, डका इत्याहद।
जैसे-
सजीव- मािा, रानी, घोडी, कुतिया, बंदररया, हं लसनी, डकी,
बकरी,िूँ ।ू
निजीव पदार्थ- सई
ू , कुसी, गदथ न इत्याहद।
(2)समह
ू वाचक सिंज्ञा- मण्ड , समाि, द , समह
ू , वगथ आहद।
(9) धातओ
ु -िं सोना, िांबा, पीि , ोहा, आहद।
(10) वक्ष
ृ ों, फ ो के िाम- अमरुद, के ा, शीशम, पीप ,
दे वदार, चचनार, बरगद, अशोक, प ाश, आम आहद।
स्त्रील ग
िं की पहचाि
(1) स्रील ग
ं शब्दों के अंिगथि नक्षर, नदी, बो ी, भाषा, तिचर्,
भोिन आहद के नाम आिे हैं|
जैसे-
(i) कुछ सिंज्ञाएँ हमेशा स्त्रील ग
िं रहती है - मतखी ,कोय ,
मछ ी, तिि ी, मैना आहद।
(ix) पस्त्
ु तकों के िाम- कुरान, रामायण, गीिा आहद।
जैसे-
आ- भाषा, कपविा, प्रिा, दया, पव्या आहद।
ता- गीिा, ममिा, िा, संगीिा, मािा, संद ु रिा, मधरु िा आहद।
आई- सगाई, लमठाई, धन ु ाई, पपटाई, धु ाई आहद।
आवट- सिावट, बनावट, ल खावट, र्कावट आहद।
इया- कुहटया, बहु ढ़या, चचड़डया, बबंहदया, ड़डबबया आहद।
आहट- चचल्प ाहट, घबराहट, चचकनाहट, कडवाहट आहद।
या- छाया, माया, काया आहद।
आस- खटास, लमठास, ्यास आहद
(3) शरीर के कुछ अिंगों के िाम भी स्त्रील ग
िं होते हैं|
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जैसे-
आूँख, नाक, िीभ, प कें, ठोडी आहद।
जैसे-
(1) राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंरी, मुख्यमंरी, चचरकार,
परकार, प्रबंधक, सभापति, वकी , डॉतटर, सेक्रेटरी, गवनथर,
ेतचर, प्रोफेसर आहद।
(v) दख
ु में सार् दे ने वा ा ही सच्चा दोस्ि कह ािा है ।
जैसे-
पवकार, पवस्िार, संसार, अध्याय, उपाय, समद ु ाय, उल्प ास,
पवकास, ह्रास इत्याहद।
अपवाद- सहाय (उभयल ग ं ), आय (स्रील ग
ं )।
जैसे-
क्रोध, मोह, पाक, त्याग, दोष, स्पशथ इत्याहद।
अपवाद- िय (स्रील ग ं ), पवनय (उभयल ग ं ) आहद।
(ऋ) 'त'-प्रत्ययान्त सिंज्ञाएँ।
जैसे-
चररि, गणणि, फल ि, मि, गीि, स्वागि इत्याहद।
जैसे-
न्रमिा, घुिा, सुन्दरिा, प्रभुिा, िडिा इत्याहद।
तद्भव स्त्रील ग
िं शब्द
ईकारान्त-
एसेम्ब ी, कम्पनी, केि ी, कॉपी, गै री, डायरी, ड़डग्री, टाई,
ट्रे िेडी, ट्रे िरी, म्युतनलसपैल टी, युतनवलसथटी, पाटी, ैबोरे टरी।
(1)अकारान्त तर्ा आकारान्त पुल ग िं शब्दों को ईकारान्त
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कर दे िे से वे स्त्रील ग
िं हो जाते है ।
िैसे-
डका- डकी
गूँग
ू ा- गूँग
ू ी
दे व- दे वी
नर- नारी
गधा- गधी
ना ा- ना ी
मोटा- मोटी
बन्दर- बन्दरी
(2) 'आ' या 'वा' प्रत्ययान्त पलु ग
िं शब्दों में 'आ' या
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स्त्रील ग
िं करिे में यदद शब्द का अन्य स्त्वर दीर्थ है ,
तो उसे ह्सस्त्व करते हुए िी प्रत्यय का भी प्रयोग होता
है ।
जैसे-
स्यार- स्यारनी
हहन्द-ू हहन्दन ु ी
ऊूँट- ऊूँटनी
शेर- शेरनी
भी - भी नी
हं स- हं सनी
मोर- मोरनी
ऊूँट- ऊूँटनी
चोर- चोरनी
हार्ी- हचर्नी
(6) कुछ शब्द स्त्वतन्ररूप से स्त्री-परु ु ष के जोड़े
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