Professional Documents
Culture Documents
901 Hindi
901 Hindi
आदश प
िवषय-िह दी
क ा-9
(ख ड-अ)
ब िवक पी -
1- भारते दु युग के िनब धकार ह- 1
क- बालकृ ण भ ख- बाबू गुलाबराय
ग- यामसु दर दास घ-रामच शु ल।
2- ‘गोदान’ कस िवधा क रचना है? 1
क- कहानी ख-उप यास
ग-िनब ध घ-नाटक।
3- सेठ गोिव द दास ारा रिचत ‘ वहार’ एकांक म कु ल कतने पा ह- 1
क-कु ल पाँच पा ह ख- कु ल चार पा ह
ग- कु ल बारह पा ह घ- कु ल दस पा ह ।
4- भारते दु के पूव िह दी ग के मुख लेखक थे- 1
क-राधाकृ ण दास ख-राजा िशव साद ‘िसतारे िह द’
ग-बालमुकु द गु घ- ताप नारायण िम ।
5- आ दकाल को अ य कस नाम से जाना जाता है- 1
क-म यकाल ख- ृंगार काल
ग-वीरगाथा काल घ-यु काल।
6- ‘पृ वीराजरासो’ कसक रचना है? 1
क-नरपित ना ह ख-च दबरदाई
ग-दलपित िवजय घ-िव ापित।
7- सगुणोपासना क दूसरी शाखा कहलाती है- 1
क-सूफ का धारा ख-कृ णा यी शाखा
ग- ाना यी शाखा घ- ेमा यी शाखा ।
8- साखी, सबद, रमैनी कसक रचना है- 1
क-धमदास ख-कबीरदास
ग-सु दरदास घ-मलूकदास।
9- “देिख प लोचन ललचाने। हरषे जनु िनज िनिध पिहचाने”। म िन िलिखत रस है-1
क- ृंगार रस ख-वीर रस
ग-शा त रस घ-क ण रस।
10- बंदऊँ गु -पद पदुम परागा। सु िच सुबास सरस अनुरागा’ के येक चरण
म कतनी मा ाएँ है? बताइए- 1
क- यारह मा ाएँ ख-सोलह मा ाएँ
ग-बीस मा ाएँ घ-तेरह मा ाएँ।
11- तरिन तनुजा तट तमाल-त वर ब छाए’। म अलंकार है- 1
क-उपमा अलंकार ख-अनु ास अलंकार
ग- ेष अलंकार घ- पक अलंकार।
12- यथाशि ’ का समास –िव ह है- 1
क-शि +अनुसार ख-यथ+श
ग-यथा+शि घ-यथ+नुसार।
13- माता-िपता, दन-रात आ द के बीच कस िवराम िच ह का योग आ है? 1
क-समतासूचक ख-योजक
ग-सं प
े िच न घ-अ पिवराम।
14- अि थ’ श द का त व बताइए- 1
क-कलश ख-ह ी
ग-अ ु घ-अ ।
15- अ ान’ का िवलोम है- 1
क- खर ख- ान
ग- ानी घ-तेज।
16- कमल,राजीव,जलज,निलन आ द कहलाते है- 1
क-िवलोम ख-पयायवाची
ग-उपसग घ- यय।
17- महाशयः’ का सि ध-िव छेद बताइए- 1
क-महान+आशयः ख-महा+आशयः
ग-महा+शयः घ-महा+आलयः
18- रामैः’ प है राम का- 1
क- स मी िवभि ,ि वचन ख-तृतीया िवभि , ब वचन
ग-तृतीय िवभि , एकवचन घ-तृतीया िवभि , ि वचन।
19- ग छि त’ प है ‘गम्’ धातु का- 1
क- लृटलकार,म यम पु ष,एकवचन ख-ल लकार, थम पु ष,ब वचन
ग-लृटलकार,उ मपु ष,एकवचन घ-लड् .लकार, थम पु ष,ब वचन।
20- कृ ’ धातु िविधिलड् . लकार,म यम पु ष, ि वचन का प बताइए- 1
क- करोतु ख-कु यातम्
ग-कु त घ-अकरोत्।
ख ड-ब
-21िन िलिखत ग ांश पर आधा रत के उ र दिजए।
क- मोटर चली गयी।बूढ़ा कई िमनट तक मू त क भाँित िन ल खड़ा रहा। संसार म ऐसे मनु य भी
होते, जो अपने आमोद- मोद के आगे कसी क जान क भी परवाह नह करते, शायद इसका उसे
अब भी िव ास न आता था। स य संसार इतना िनमम, इतना कठोर है, इसका ऐसा ममभेदी
अनुभव अब तक न आ था। वह उन पुराने जमाने के जीव म था, जो लगी ई आग को बुझाने,
मुद को क धा देने, कसी के छ पर को उठाने और कसी कलह को शा त करने के िलए सदैव तैयार
रहते थे। 3x2=6
-i-भगत को कस बात पर िव ास नह हो रहा था?
ii- भगत के अनुसार स य संसार कै सा है?
iii-पुराने जमाने के जीव का वहार कै सा था?
अथवा
ख- दुिनया म दो अमोघ शि य है-श द और कृ ित। इसम कोई शक नह क ‘श द ’ ने सारी पृ वी को
िहला दया है। क तु अि तम शि तो ‘कृ ित’ क है। महा मा जी ने इन दोन शि य म से अिधक
े उपासना क है। क तूरबा ने इन दोन शि य म से अिधक े शि कृ ित क न ता के साथ
उपासना करके स तोष माना और जीवनािसि ा क।