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स -2021-22

आदश प
िवषय-िह दी
क ा-9

समय- 3 घ ट 15 िमनट पूणाक-70


नोट- i- ार भ के 15 िमनट परी ा थय को पढ़ने के िलए िनधा रत है।
ii- प दो ख ड म िवभािजत है। ख ड-अ एवं ख ड ब।
iii-ख ड-अ म 20 अंक के ब िवक पीय दये गये है।
iv-ख ड-ब म50 अंक के वणना मक दये गये है। येक के स मुख िनधा रत अंक अं कत है।

(ख ड-अ)
ब िवक पी -
1- भारते दु युग के िनब धकार ह- 1
क- बालकृ ण भ ख- बाबू गुलाबराय
ग- यामसु दर दास घ-रामच शु ल।
2- ‘गोदान’ कस िवधा क रचना है? 1
क- कहानी ख-उप यास
ग-िनब ध घ-नाटक।
3- सेठ गोिव द दास ारा रिचत ‘ वहार’ एकांक म कु ल कतने पा ह- 1
क-कु ल पाँच पा ह ख- कु ल चार पा ह
ग- कु ल बारह पा ह घ- कु ल दस पा ह ।
4- भारते दु के पूव िह दी ग के मुख लेखक थे- 1
क-राधाकृ ण दास ख-राजा िशव साद ‘िसतारे िह द’
ग-बालमुकु द गु घ- ताप नारायण िम ।
5- आ दकाल को अ य कस नाम से जाना जाता है- 1
क-म यकाल ख- ृंगार काल
ग-वीरगाथा काल घ-यु काल।
6- ‘पृ वीराजरासो’ कसक रचना है? 1
क-नरपित ना ह ख-च दबरदाई
ग-दलपित िवजय घ-िव ापित।
7- सगुणोपासना क दूसरी शाखा कहलाती है- 1
क-सूफ का धारा ख-कृ णा यी शाखा
ग- ाना यी शाखा घ- ेमा यी शाखा ।
8- साखी, सबद, रमैनी कसक रचना है- 1
क-धमदास ख-कबीरदास
ग-सु दरदास घ-मलूकदास।
9- “देिख प लोचन ललचाने। हरषे जनु िनज िनिध पिहचाने”। म िन िलिखत रस है-1
क- ृंगार रस ख-वीर रस
ग-शा त रस घ-क ण रस।
10- बंदऊँ गु -पद पदुम परागा। सु िच सुबास सरस अनुरागा’ के येक चरण
म कतनी मा ाएँ है? बताइए- 1
क- यारह मा ाएँ ख-सोलह मा ाएँ
ग-बीस मा ाएँ घ-तेरह मा ाएँ।
11- तरिन तनुजा तट तमाल-त वर ब छाए’। म अलंकार है- 1
क-उपमा अलंकार ख-अनु ास अलंकार
ग- ेष अलंकार घ- पक अलंकार।
12- यथाशि ’ का समास –िव ह है- 1
क-शि +अनुसार ख-यथ+श
ग-यथा+शि घ-यथ+नुसार।
13- माता-िपता, दन-रात आ द के बीच कस िवराम िच ह का योग आ है? 1
क-समतासूचक ख-योजक
ग-सं प
े िच न घ-अ पिवराम।
14- अि थ’ श द का त व बताइए- 1
क-कलश ख-ह ी
ग-अ ु घ-अ ।
15- अ ान’ का िवलोम है- 1
क- खर ख- ान
ग- ानी घ-तेज।
16- कमल,राजीव,जलज,निलन आ द कहलाते है- 1
क-िवलोम ख-पयायवाची
ग-उपसग घ- यय।
17- महाशयः’ का सि ध-िव छेद बताइए- 1
क-महान+आशयः ख-महा+आशयः
ग-महा+शयः घ-महा+आलयः
18- रामैः’ प है राम का- 1
क- स मी िवभि ,ि वचन ख-तृतीया िवभि , ब वचन
ग-तृतीय िवभि , एकवचन घ-तृतीया िवभि , ि वचन।
19- ग छि त’ प है ‘गम्’ धातु का- 1
क- लृटलकार,म यम पु ष,एकवचन ख-ल लकार, थम पु ष,ब वचन
ग-लृटलकार,उ मपु ष,एकवचन घ-लड् .लकार, थम पु ष,ब वचन।
20- कृ ’ धातु िविधिलड् . लकार,म यम पु ष, ि वचन का प बताइए- 1
क- करोतु ख-कु यातम्
ग-कु त घ-अकरोत्।
ख ड-ब
-21िन िलिखत ग ांश पर आधा रत के उ र दिजए।
क- मोटर चली गयी।बूढ़ा कई िमनट तक मू त क भाँित िन ल खड़ा रहा। संसार म ऐसे मनु य भी
होते, जो अपने आमोद- मोद के आगे कसी क जान क भी परवाह नह करते, शायद इसका उसे
अब भी िव ास न आता था। स य संसार इतना िनमम, इतना कठोर है, इसका ऐसा ममभेदी
अनुभव अब तक न आ था। वह उन पुराने जमाने के जीव म था, जो लगी ई आग को बुझाने,
मुद को क धा देने, कसी के छ पर को उठाने और कसी कलह को शा त करने के िलए सदैव तैयार
रहते थे। 3x2=6
-i-भगत को कस बात पर िव ास नह हो रहा था?
ii- भगत के अनुसार स य संसार कै सा है?
iii-पुराने जमाने के जीव का वहार कै सा था?
अथवा
ख- दुिनया म दो अमोघ शि य है-श द और कृ ित। इसम कोई शक नह क ‘श द ’ ने सारी पृ वी को
िहला दया है। क तु अि तम शि तो ‘कृ ित’ क है। महा मा जी ने इन दोन शि य म से अिधक
े उपासना क है। क तूरबा ने इन दोन शि य म से अिधक े शि कृ ित क न ता के साथ
उपासना करके स तोष माना और जीवनािसि ा क।

- i-श द और कृ ित से लेखक का या ता पय है?


ii-गांधीजी ने कसक उपासना क ?
iii-क तूरबा कै सी मिहला थ ?

-22 िन ां कत प ांश पर आधा रत के उ र दीिजए- 3x2=6


क- भु जी तुम च दन हम पानी। जाक अंग-अंग बास समानी।।
भु जी तुम घन बन हम मोरा। जैसे िचतवत चंद चकोरा।।
भु जी तुम दीपक हम बाती। जाक जोित बरै दन राित।।
भु जी तुम मोती हम धागा। जैसे सोन ह िमलत सोहागा।।
भु जी तुम वामी हम दासा।। ऐसी भि करै रै दासा।।
-iराती, सोन ह, मोतीश द के त सम प िलिखए।
ii‘जैसे िचतवत चंद चकोरा’ म कौन सा अलंकार है?
Iii ‘जाक जोित बरै दन राित’ का आशय प क िजए।
अथवा
ख- मने झुक नीचे को देखा,
तो झलक आशा क रे खा
िव वर ान कर चढ़ा सिलल
िशव पर दूवादल, त डु ल, ितल
लेकर झोली आए ऊपर,
देखकर चले त पर वानर।
-i किव ने नीचे झुककर या देखा?
ii‘दान’ किवता म किव ारा कये गये ं य को िलिखए।
iii‘िशव’ पर कसने या चढ़ाया?
-23 (क) िन िलिखत सं कृ त ग ांश म से कसी एक का संदभ सिहत िह दी अनुवाद अपने श द
मक िजए- 3+1=4
(i)अन तरं ीकृ णः गोपालैः सह वनं ग वा गाः चारयित, त च वेणुं वादयित, अनेन सवाः गावः
गोपाला सवािण कायिण िवहाय त य वेणुवादनं ृ वि त।महाकिवः ासः सं कृ तभाषायां,
भ किवः सूरदासः िह दी भाषायां त य बाललीलायाः अितसु दरं वणनम् अकरोत्।
अथवा
(ii)-िव िव ुतः वामी िववेकान दः अ यैव महाभाग य िश यः आसीत्। तेन न के वलं
भारतवषअिपतु पा ा यदेशे विप ापक य मानवधम य िडि डमघोषः कृ तः। तेन अ यै
िश यैः जनानां क याणाथ स थाने- थाने रामकृ णसेवा माः थािपताः। ई रानुभवः
दुःिखतानां जनानां सेवया पु यित, इित रामकृ ण य महान् स देशः।

(ख)-िन िलिखत सं कृ त प ांश म से कसी एक का संदभ सिहत िह दी अनुवाद क िजएः 3+1=4


(i)बुि मान् नीितमान् वा मी ीमा छ ुिनवहणः।
िवपुलांसो महाबा ः क बु ीवो महाहनुः।।
अथवा
(ii) मनिस वचािस काये पु यपीयूषपूणा
ि भुवनमुपकार ेिणिभः ीणय तः।
परगुण-परमाणून् पवतीकृ य िन यं,
िनज द िवकस तः सि त स तः कय तः।।
-24 ‘दीपदान’ एकांक अथवा ‘ल मी का वागत’ एकांक के कथासंगठन पर अपने िवचार
कट क िजए। 05
अथवा
‘ल मी का वागत’ एकांक के मुख ा का च र िच ण क िजए।

-25(क) िन िलिखत लेखक म से कसी एक का जीवन प रचय देते ए उनक क ह दो रचना का


नाम िलिखएः 3+1=4
i- ेमच
ii-महादेवी वमा
iii-रवी नाथ टैगोर।
(ख) िन िलिखत किवय म से कसी एक का जीवन प रचय देते ए उनक क ह दो रचना का
उ लेख क िजएः 3+1=4
i-जयशंकर साद
ii-कबीरदास
iii-ह रवंश राय ब न।
-26 अपनी पा -पु तक से क ठ थ कया ए कोई एक ोक िलिखए जो इस प मन
आया हो।
-27 िन िलिखत म से क ह दो के उ र सं कृ त म दीिजएः 2+2=4
(अ) ोध के न जयेत?
(ब)िवनयः क मात् उ वित?
(स)रामः कि मन् वंशे उ प ः आसीत्?
(द) वामी िववेकान दः क य िश यः आसीत?
-28िन िलिखत मुहावरे एवं लोकोि म से कसी एक का अथ बताते ए वा य
योग क िजए। 1+1=2
i. ऊँट के मुँह म जीरा।
ii. ईद का चाँद होना।
iii. अ ल बड़ी या भस।
iv. अ धे क लकड़ी होना।
-29 िन िलिखत म से क ह दो वा य का सं कृ त म अनुवाद क िजएः 2+2=4
(अ) वह गंगा का जल है।
(ब) राम घर म नही है।
(स) सूय उदय होता है।
(द) वह जाता है।
(य)बािलका पढ़ती है।
-30 शु क-मुि हेतु अपने धानाचाय को एक प िलिखए। 5
अथवा
अपने धानाचाय को स बोिधत करते ए एक ाथना-प िलिखए िजसम अ व थ होने के कारण
एक दन का आकि मक अवकाश माँगा गया हो।

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