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Disha Online Classes 10th

EXAM - 2024
Director – Sanjay Sir

38. 'श्वेताश्र पकनषद्' में ककसके बारे में कहा गया है?,उत्तर -परमात्मा
यह Notes सं जय सर के द्वारा बनाया है |यह Notes के वल सं स्कृ त Bookका
2. पाटललपुत्र
है व्याकरर् का नह ं | आपके मैकटिक ब डश पर क्षा में सं स्कृ त कवषय में 100
Objectives प्रश्न रहेंगे लजसमें से 50 का उत्तर देना है | इन 100 में से 45 39. पाटललपुत्र पटना के नाम से कब प्रलसद् हुआ?,उत्तर -मध्यकाल में
प्रश्न Book से एवं 55 प्रश्न व्याकरर् से रहेंगे |यकद आप इन प्रश्न ं क 100% 40. ककसने कहा पटना की नगर र् भा देखने में कप्रय था?,उत्तर- मेगास्थन ज ने
याद कर लेंगें त आपका 45 अंक यहााँ से कनलिन्त आएं गे |बेहतर तैयार के ललए 41. पटना का पुराना नाम क्या था?,उत्तर -पाटललपुत्र या पुष्पपुर
Disha Online Classes से YouTube पर अवश्य जुड़ें रहें ,धन्यवाद 42. मध्यकाल में पटना लगभग ककतने वषों तक ज र्श- र् र्श रहा?
(सं जय सर ) उत्तर -1000
YouTube Link :- https://youtube.com/@DishaOnlineClasses 43. पटना के उत्तर कदर्ा में कौन स नद है ?,उत्तर -गं गा
44. पाटललपुत्र में कौन बार-बार आए थे ?,उत्तर- भगवान बुद्
1.मं गलम पाठ
45. पटना नगर की पाललका देव कौन है ?,उत्तर-पटनदेव
1. मं गलम पाठ में कु ल ककतने मं त्र हैं ?उत्तर- 5 46. पटना ककस नद के ककनारे अवस्थस्थत है?,उत्तर -गं गा
2. मं गलम पाठ के मन्त्र ककतने उपकनषद ं से ललए गए हैं?उत्तर – चार 47. पटना में कौमुद मह त्सव कब मनाया जाता था?,उत्तर- गुि वं र् में
3. मं गलम पाठ में मं त्र ककस रूप में है?उत्तर -पद्यात्मक रूप में 48. मेगास्थन ज पटना ककसके समय आए थे?,उत्तर- चं द्रगुि मौयश के समय
4. उपकनषद् के रचनाकार कौन हैं ?उत्तर- वेदव्यास 49. पाटल पुष्प ं की रचना के आधार पर पटना का कौन सा नाम है ?
5. उपकनषद् ककसका अंकतम भाग है ?,उत्तर- वैकदक साकहत्य का उत्तर -पाटललपुत्र
6. उपकनषद् ककस का लसद्ांत प्रकट करता है ?उत्तर- दर्शन का 50. कबहार की राजधान है?,उत्तर -पटना
7. ईर्ावस्य उपकनषद् में ककस के कवषय में कहा गया है ?उत्तर- आत्मा 51. कौमुकद मह त्सव ककस अवसर पर कदखाई पड़त है?,उत्तर -दुगाश पूजा
8. श्वेताश्वर उपकनषद् में ककसके बारे में कहा गया है?उत्तर -परमात्मा 52. ककस नद पर गांध सड़क मागश बना है ?,उत्तर- गं गा
9. कठ पकनषद् में ककसके बारे में कहा गया है?उत्तर -म क्ष 53. र्रद काल में कौन-सा मह त्सव मनाया जाता था ?उत्तर- कौम द
10. सूक्ष्म से सूक्ष्म क्या है ?उत्तर- आत्मा मह त्सव
11. मं गलम पाठ के रचनाकार कौन हैं ?उत्तर- वेदव्यास 54. एलर्या महादेर् का सबसे लं बा पुल कहां है?,उत्तर- पटना में
12. ककसे बस में नह ं ककया जा सकता ?उत्तर -आत्मा क 55. ग लघर कहां है ?,उत्तर- पटना में
13. कवद्वान र्ौक रकहत ह कर ककसे देखता है?,उत्तर- परमात्मा क 56. ग लघर का कनमाशर् कब हुआ था ?,उत्तर- 1786 में
14. सत्य से ककस का रास्ता प्रर्स्त ह ता है?उत्तर- देवल क का 57. ग लघर का कनमाशर् ककस ललए हुआ था ?,उत्तर -अनाज रखने के ललए
15. यह सं पूर्श सं सार ककसके द्वारा अनुर्ालसत है ?उत्तर – परमात्मा द्वारा 58. ग कवंद लसंह का जन्म कहां हुआ था ?,उत्तर -पटना में
16. नकदया नाम और रूप क छ ड़कर ककस में कमलत हैं?उत्तर - समुद्र में 59. मुगल काल में ककस का उद्ार हुआ था?,उत्तर -पटना का
17. ककसकी कवजय नह ं ह त ?,उत्तर -असत्य की 60. ग कवंद लसंह सं प्रदाय के कौन से गुरु थे ?,उत्तर -10वें
18. सबसे बड़ा खजाना क्या है ?,उत्तर – सत्य 61. कु टन तम काव्य के ककव कौन हैं?,उत्तर- दाम दर गुि
19. ईश्वर क्या है?,उत्तर – सत्य 62. काव्यव मांसा के ककव कौन हैं?,उत्तर- राजर्ेखर
20. ककसके प्रभाव से कवद्वान र्ौक रकहत ह ते हैं?,उत्तर- इंकद्रय ं से 63. प्राच न काल में लर्क्षा का कें द्र था ?,उत्तर -पाटललपुत्र
21. सत्यल क से कवद्वान कहां जाते हैं ?,उत्तर- देवल क 64. ककस काल का र्ासन उत्कषश काल माना जाता है ?,उत्तर -अर् क
22. साधक ककस क पार करते हैं ?,उत्तर- मृत्यु क 65. कवद्वान ं ने पृथ्व का कतलक ककसे कहा है ?,उत्तर -पाटललपुत्र
23. सत्य का मुं ह ककस पात्र से ढका है?,उत्तर -कहरर्मय पात्र से 66. इंद्रल क ककस नगर क कहा गया है ?,उत्तर- पाटललपुत्र क
24. प्रालर्य ं के हृदय रूप गुफा में कौन बं द है ?,उत्तर -आत्मा 67. गौतम बुध के समय पटना का नाम क्या था ?,उत्तर -पाटल ग्राम
25. नकदयां कहां जाकर कमलत हैं?,उत्तर- समुद्र में 68. भगवान ने भकवष्य में ककस नगर क महानगर बनेगा ऐसा कहा था ?
26. ककसका मुख स ने के पात्र से ढका है ?,उत्तर- सत्य का उत्तर- पाटललपुत्र क
27. कवद्वान अपना नाम छ ड़कर ककसमें कमल जाते हैं ?,उत्तर -परमात्मा में 69. सरस्वत का कु लगृहम कौन सा नगर है?,उत्तर- पाटललपुत्र
28. सत्यमेव जयते ककस उपकनषद का मूल मं त्र है?,उत्तर -मुं डक पकनषद 70. मुद्राराक्षस ग्रंथ में ककस र्हर की प्राच नता का सं के त है ?,उत्तर-पाटललपुत्र
29. ककसकी गुफा में आत्मा कनकहत है ?,उत्तर- ज व के र्र र रूप गुफा में 71. पटना का इकतहास ककतना वषश पुराना है?,उत्तर -2500 वषश
30. मं गलम पाठ का प्रथम मं त्र ककस उपकनषद से ललया गया है ? 72. सं जय गांध जैकवक उद्यान कहां स्थस्थत है ?,उत्तर- पटना में
उत्तर -ईर्ावस्य उपकनषद से
3.अलसकथा
31. वेद रूप र्ास्त्र क्या है ?,उत्तर- कनत्य
32. उपकनषद् की सं ख्या ककतन है ?,उत्तर – 108 73. अलस कथा पाठ के लेखक कौन है ?,उत्तर -कवद्यापकत
33. सत्य धमश की प्राकि के ललए ककसे हटा दें ?,उत्तर - स्वर्शमय पात्र क 74. कवद्यापकत ककस भाषा के ककव हैं ?,उत्तर- मैलथल भाषा के
34. 'वेदा हमेतं पुरुषं महान्तम् .........कवद्यतेऽयनाय।' मं त्र ककस उपकनषद् से 75. अलसकथा पाठ कहां से ललया गया है?उत्तर -पुरुष पर क्षा नामक ग्रंथ से
ललया गया है?,उत्तर - श्वेताश्वेतर पकनषद् से 76. अलसकथा पाठ में ककस के द ष क दर्ाशया गया है? उत्तर- मानव के

35. अर् रर् यान् महत मकहमानमात्मनः ।। मन्त्र ककस उपकनषद् से सं गृह त 77. न कतकार आलस्य क मानते हैं?,उत्तर- र्त्रु
78. ल ककप्रय मैलथल ककव कौन हैं?,उत्तर- कवद्यापकत
है?,उत्तर - कठ पकनषद् से
79. आलस कथा पाठ में ककस द ष का वर्शन है?,उत्तर -आलस्य का
36. ईर्ावास्य पकनषद् में ककसके कवषय में कहा गया है ?,उत्तर – सत्य का
80. कमलथला के मं त्र कौन थे ?उत्तर-व रेश्वर
37. कठ पकनषद् में ककसके बारे में कहा गया है?,उत्तर – म क्ष
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81. गर ब ं क इच्छा भ जन कौन देता था?,उत्तर -व रेश्वर 124. कवजयर्का क दांड ने क्या कहा?,उत्तर -सवशर्ुक्ला सरस्वत
82. असल आलस ककतने थे ?उत्तर- 4 125. सवशर्ुक्ला सरस्वत ककसे कहा गया है?,उत्तर-कवजयर्का क
83. भ जन ग्रहर् करने के ललए बनावट आलस्य का रूप ककसने धारर् ककया 126. सं स्कृ त साकहत्य लेलखका ककस प्रकार का पाठ है ?,उत्तर -कनबं ध
था? उत्तर- धूतश ल ग ं ने 127. कवजयांका ककस र्ताब्द में थ ?,उत्तर -आठव ं र्ताब्द
84. अलसर्ाला में आग ककसने लगाई?,उत्तर- कनय ग पुरुष ं ने 128. कवजय नगर के राजा ने ककस भाषा के सं रक्षर् का प्रयास ककया ?
85. अलसर्ाला में आग कब लगाई गई?,उत्तर -जब सब स रहे थे उत्तर -सं स्कृ त का
86. अलसर्ाला में आग क्य ं लगाई गई?,उत्तर- आललसय ं की पर क्षा के ललए 129. ‘न ल त्पलश्यामा’ ककसे कहा गया ?,उत्तर -कवजयर्का
87. अलसर्ाला में आग लगने पर भ ककतने ल ग नह ं भागे?,उत्तर- 4 130. दार्शकनक के रूप में कौन वलर्शत है?,उत्तर -मैत्र य
88. अलसर्ाला में आग लगने पर आललसय ं क कै से कनकाला गया? 131. अच्युत राय कहां के राजा थे?,उत्तर -कवजयनगर के
उत्तर -के स पकड़कर 5. भारत मकहमा
89. लस्त्रय ं का रक्षक कौन ह ते हैं ?,उत्तर -पकत
90. बच् ं का रक्षक कौन ह त है ?,उत्तर -माता 132. भारत मकहमा पाठ ककस रूप में है? ,उत्तर-पद्यात्मक रूप में
91. आललसय ं का रक्षक कौन ह ते हैं?,उत्तर -कारुलर्क या दयावान ल ग 133. भारत मकहमा पाठ में कु ल ककतने पद हैं ?उत्तर-5 पद हैं
92. अरे हल्ला कै सा ककसने ब ला ?उत्तर -प्रथम पुरुष ने 134. भारत मकहमा पाठ के ककतने पद पुरार् ं से ललए गए हैं?
93. लगता है घर में आग लग ऐसा ककसने ब ला ?उत्तर -कद्वत य पुरुष ने उत्तर- द
94. क ई आसपास धाकमशक पुरुष नह ं है ज हमारे ऊपर कं बल डाल दे ऐसा 135. भारत मकहमा पाठ का प्रथम पद ककस पुरार् से ललया गया है
ककसने ब ला ?उत्तर -त सरे पुरुष ने उत्तर-कवष्णु पुरार् से
95. अरे वाचाल तुमल ग चुप ह जाओ ऐसा ककसने ब ला 136. भारत मकहमा पाठ का कद्वत य पद ककस पुरार् से ललया गया है
उत्तर- चौथे पुरुष ने उत्तर-भागवत पुरार् से
96. पुरुष पर क्षा ककस भाषा में लललखत है?,उत्तर- मैलथल भाषा में 137. गायस्थन्त देवा: ककल ग तकान ककस पुरार् से ललया गया है
97. पुरुष पर क्षा क्या लर्क्षा देत है?,उत्तर- द ष कनराकरर् का उत्तर-कवष्णु पुरार् से
98. कौन पररश्रम करना नह ं चाहते हैं?,उत्तर- आलस ल ग 138. ‘अह अम षा ककमकारर र् भनम’ ककस उपकनषद से ललया गया है?
99. भूखा रहना कौन पसं द करते हैं?,उत्तर -आलस उत्तर-भागवत पुरार् से
100. सारे सुख ं का मूल क्या है?,उत्तर -सं गठन 139. ककस देर् में देवता बार-बार जन्म लेना चाहते हैं ,उत्तर-भारत में
101. घर में आग लगने पर भ कौन नह ं भागा ?,उत्तर -आलस 140. ककस देर् के ग त देवता गर् गाते हैं?,उत्तर-भारत के
141. ककस की मकहमा सवशत्र गाई जात है ?,उत्तर-भारत की
4.सं स्कृ त साकहत्य लेलखका
142. नकदया नाम और रूप छ ड़कर ककस में कमलना चाहत हैं
102. समाज रूप गाड़ कै से चलत है?,उत्तर- पुरुष और नार द न ं से उत्तर-समुद्र में बराबर
103. अथशव वेद में ककतन मकहला ककवत्र य ं का वर्शन है ?उत्तर -5 143. सागर से र् लभत देर् कौन सा है?,उत्तर-भारत
104. ऋग्वेद में ककतने ऋकषकाओं का वर्शन है ?,उत्तर -24 144. भारत मकहमा पाठ के रचनाकार कौन हैं?,उत्तर-वेदव्यास
105. लौककक सं स्कृ त में ककतने ऋकषकाओं का वर्शन है? उत्तर -40 145. भारत की मकहमा कहां गाई जात है?उत्तर-सवशत्र
106. लौककक सं स्कृ त में ऋकषकाओं के ककतने पद कमलते हैं ?उत्तर -150 146. भारत के उत्तर में कौन प्रहर की तरह कवराजमान है?
107. याज्ञवलक्य की पत्न का नाम क्या था?,उत्तर -मैत्र य उत्तर-कहमालय
108. याज्ञ वलक्य ने अपन पत्न मैत्र य क ककस की लर्क्षा द थ ? 147. भारत में जन्म लेने वाला ककन की सेवा करते हैं?,उत्तर-श्र हरर
उत्तर -आत्म तत्व की 148. म क्ष प्रदान करने वाल भूकम कौन है ?,उत्तर-भारत
109. महाभारत में ककसका वर्शन है ?,उत्तर -र्ुलभा का 149. हम सब ं का अपने देर् के प्रकत क्या कतशव्य है?,उत्तर-देर्भकि
110. जनक की सभा में सबसे कवदुष कौन थ ?,उत्तर- गागी 150. आधुकनक ग त के रचनाकार कौन हैं?,उत्तर-उमार्ं कर
111. चं द्राकदत्य ककस वं र् के थे ?,उत्तर -चालुक्य वं र् के 151. भारत के ल ग ककस भाव से रहते हैं ?,उत्तर-एकता के भाव से
112. चं द्राकदत्य की रान का नाम क्या था?,उत्तर- कवजयभटाररका 152. ककतने पुरार् हैं ?उत्तर -18
113. कम्पनराय का काल था?उत्तर -14व ं र्ताब्द 153. हम-ल ग ं की देर्भकि कै स ह न चाकहए ?उत्तर-आदर्श
114. कं पन राय की पत्न का नाम क्या था?,उत्तर -गं गा देव 154. भारत की र् भा में कौन प्रसन्न ह ते हैं? उत्तर-ईश्वर
115. मधुराकवजयम काव्य की रचना ककसने की थ ?,उत्तर- गं गा देव ने
6.भारत य सं स्कार (कनबं ध)
116. अच्युत राय का का र्ासन काल था ?,उत्तर-ष डस र्ताब्द
117. अच्युत राय की पत्न का नाम था ?,उत्तर -कतरुलाम्बा ने 155. कु ल सं स्कार ं की सं ख्या ककतन है ?,उत्तर-16
118. कतरुलाम्बा ने ककसकी रचना की थ ?,उत्तर- चम्पुकाव्य की 156. सं स्कार ं के कु ल ककतने प्रकार हैं ?,उत्तर-5
119. आधुकनक ऋकषका में सबसे प्रलसद् है ?,उत्तर -पं कडता क्षमाराव 157. जन्म पूवश सं स्कार ककतने हैं ?,उत्तर-3
120. र्ं कर चररत्रम की रचना ककसने की?,उत्तर- पं कडता क्षमाराव 158. र्ैर्व सं स्कार ककतने हैं ?उत्तर- 6
121. सत्याग्रह ग ता की रचना ककसने की?उत्तर- पं कडता क्षमा राव ने 159. लर्क्षा सं स्कार ककतने हैं ?,उत्तर-5
122. सत्याग्रह ग ता की रचना पं कडत क्षमा राम ने ककस के दर्शन से प्रभाकवत 160. गृहस्त सं स्कार ककतने हैं ?,उत्तर-एक
ह कर की?,उत्तर- महात्मा गांध 161. मरर् परांत सं स्कार ककतने हैं?, उत्तर-एक
123. वनमाला भवालकर ,कमलथलेर् कु मार कमश्र, इत्याकद ककस काल की 162. गभशधानम,पुष्पवनम. स मं त न्नयनम, ककस प्रकार का सं स्कार है
ककवत्र है ?,उत्तर- वतशमान काल की उत्तर-जन्म पूवश सं स्कार
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163. अक्षरारंभ, उपनयनम,वेदारम्भ,के र्ांत, समावतशन इत्याकद ककस प्रकार का 210. धृष्टराष्टि के प्रश्न ं का उत्तर कौन देता है ?,उत्तर- कवदुर
सं स्कार है ?उत्तर- लर्क्षा सं स्कार 211. प्रश्न-उत्तर के रूप में कौन सा ग्रंथ है?,उत्तर-कवदुर न कत
164. जातकमश,नामकरर्, कनष्क्रमर्, अन्नप्रार्न,चूड़ाकमश इत्याकद 212. उत्तम र्ांकत क्या है ? उत्तर-क्षमा
ककस प्रकार का सं स्कार है ?उत्तर-लर्क्षा सं स्कार 213. नराधम ककस पर कवश्वास करता है ?,उत्तर- अकवश्वास पर
165. के र्ांत सं स्कार ककस के अंतगशत ह ता है ?,उत्तर-लर्क्षा काल 214. कवद्या की रक्षा ककस से ह त है?,उत्तर-य ग से
166. चूड़ाकमश सं स्कार ककसके अंतगशत ह ते हैं ?-उत्तर-र्ैर्वावस्था 215. सभ प्रालर्य ं क जाने वाला कौन है ?,उत्तर-पं कडत
167. मं डप का कनमाशर् ककस सं स्कार में ह ता है ?-उत्तर- कववाह 216. क्षमा ककस क मारता है ?,उत्तर ि ध क
168. कन्यादान ककस सं स्कार में ह ता है ?,उत्तर- कववाह सं स्कार में 217. कनकतश्ल का पाठ के आधार पर अकवश्वास पर कवश्वास कौन करता है?
169. मरने के बाद कौन सा सं स्कार ह ता है?उत्तर-दाह सं स्कार उत्तर – नराधम
170. नामकरर् सं स्कार ककस प्रकार का सं स्कार है?उत्तर- र्ैर्व सं स्कार 218. सुखावह क्या है ?,उत्तर अकहंसा
171. सिपद किया ककस प्रकार के सं स्कार में ह ता है ?उत्तर-कववाह 219. परम तृकि देने वाल क्या है ?उत्तर कवद्या
172. बचपन में ककतने सं स्कार ह ते हैं?,उत्तर-6 220.अपन उन्नकत चाहने वाले क ककतने द स्त ं क त्याग देना चाकहए
173. भारत य दर्शन का महत्वपूर्श उपादान क्या है ?उत्तर-सं स्कार उत्तर- 6
174. प्राच न सं स्कृ कत की पहचान ककससे ह त है?उत्तर-सं स्कार ं से
8.कमशव र कथा
175. प्राच न काल में लस्त्रय ं क क्या कहा जाता था?,उत्तर -ब्रह्मचार
176. गुरु लर्ष्य क कहां ले जाते थे? ,उत्तर-वन में 221. कमशव र कथा में ककस पुरुष की कथा है ?,उत्तर - रामप्रवेर् राम की
177. लर्क्षा कनयम ं का पालन कौन करते थे ?,उत्तर-लर्ष्य 222. कमशव र कौन था ?,उत्तर- रामप्रवेर् राम
178. गुरु लर्ष्य क क्या देकर घर भेजते थे? उत्तर-उपदेर् 223. रामप्रवेर् राम का जन्म कहां हुआ था?,उत्तर कबहार के भ खन ट ला में
179. प्राच न काल में लर्ष्य वेदारंभ कहां करते थे? उत्तर-गुरु के घर में 224. कमशव र कथा कै स कथा है ?,उत्तर लघु कथा
180. भारत य सं स्कृ कत का पररचय ककस में कदखाई पड़ता है ?,उत्तर-सं स्कार में 225. कमशव र रामप्रवेर् के पररवार में सदस्य ं की कु ल सं ख्या ककतन थ
181. अंकतम लर्क्षा सं स्कार का नाम क्या है? उत्तर-समावतशन उत्तर -चार
182. पान ग्रहर् सं स्कार में ह ता है?,उत्तर-कववाह 226. कमशव र उत्साह से क्या प्राि करता है? उत्तर -महत्तम पद
183. सं स्कार में कब गुरु लर्ष्य ं क उपदेर् देकर घर भेजते थे ? 227. रामप्रवेर् राम ने कहां के पुस्तकालय ं में पुस्तक ं क आत्मसात ककया
उत्तर-लर्क्षा के अवसान में उत्तर- महाकवद्यालय के
184. लर्ष्य का पहला क्षौर कमश कहााँ ह ता है ?,उत्तर-गुरु के घर में 228. ‘उद्य कगनं पुरुषलसंहमुपैकत लक्ष्म :’ यह उकि ककस पाठ से सं कललत है?
185. आचरर् का कनमाशर् ककससे ह ता है? उत्तर-सं स्कार ं से उत्तर- कमशव र कथा से
186. ग दान ककस प्रकार का मुख्य सं स्कार है?उत्तर -के र्ांत सं स्कार 229. भ खनट ला से ककतन दूर पर प्राथकमक कवद्यालय था?,उत्तर -एक क र्
230. कवश्वकवद्यालय में कमशव र ने ककस पर क्षा में प्रथम स्थान प्राि ककया?
7.न कतश्ल का पाठ :
उत्तर- स्नातक पर क्षा में
187. न कतश्ल क का पाठ ककस से सं कललत है ?उत्तर- कवदुर न कत से 231. लर्क्षक दललत बालक क कहां ले गए?
188. न कतश्ल क का पाठ ककस ग्रंथ से ललया गया है ?उत्तर-महाभारत से उत्तर -कवद्यालय
189. न कतश्ल क का पाठ के रचनाकार कौन है?उत्तर- कवदुर 232. रामप्रवेर् राम के गांव का नाम क्या था?,उत्तर- भ खन ट ला
190. न कतश्ल क का पाठ में कु ल ककतने श्ल क हैं?,उत्तर-10 233. स्नातक की पर क्षा में ककसने प्रथम स्थान प्राि ककया ,उत्तर- रामप्रवेर्
191. कवदुर ककसके प्रश्न ं का उत्तर देता है ?उत्तर-धृष्टराष्टि 234. भ खनट ला गांव क देखने कौन आए थे?,उत्तर- लर्क्षक
192. कवदुर कौन था ?उत्तर- मं त्र 235. पररश्रम पुरुष क्या प्राि करता है ?,उत्तर लक्ष्म
193. न कतश्ल का के रचनाकार कौन हैं ?उत्तर-महात्मा कवदुर 236. दललत पुरुष का नाम क्या था ?,उत्तर रामप्रवेर् राम
194. कवदुर न कत ककस ग्रंथ का अंर् है ?उत्तर-महाभारत का 237. ककस गांव में कनधशन ल ग रहते थे?,उत्तर भ खन ट ला
195. कवनय क कौन मारता है ?,उत्तर-अकीकतश 238. बालक ककस की लर्क्षर् र्ैल से आकृ ष्ट हुआ?,उत्तर लर्क्षक के
196. कै से पुरुष सभ जगह सुलभ ह ते हैं ?उत्तर-कप्रयवाद 239. रामप्रवेर् राम की प्रकतष्ठा कहां थ ?
197. कबना बुलाए कौन आता है?,उत्तर-मूखश उत्तर-अपने राज्य और कें द्र के प्रर्ासन में
198. सभ ज व के सत्य क जानने वाला कौन है ?उत्तर-पं कडत 240.रामप्रवेर् राम क्या कर रहा था जब लर्क्षक पहल बार उसक भ खन
199. कबना पूछे ब लने वाला कहलाता है ?,उत्तर-मूखश ट ला देखने आए थे ?,उत्तर- खेल रहे थे
200. काम ,ि ध और ल भ ककसके द्वार है? उत्तर-नकश के 241. रामप्रवेर् राम ने स्नातक पर क्षा में प्रथम स्थान प्राि कर ककस की ख्याकत
201. नकश के कु ल ककतने द्वार हैं ?,उत्तर-3 क बढाया? उत्तर -अपने महाकवद्यालय की
202.धमश की रक्षा ककस से ह त है ?उत्तर-सत्य है 242. लक्ष्म ककसका वरन करत है?,उत्तर- उद्य ग पुरुष की
203. रूप की रक्षा ककस से ह त है ,उत्तर-मृतजा से 243. भ खनट ला गांव कहां है?,उत्तर-कबहार में
204.सुख ककसे कहा गया है ?,उत्तर-अकहंसा क 244. दललत ग्रामवास की कथा कौन है?,उत्तर- कमशव र कथा
205. कु ल की रक्षा ककस से ह त है ?उत्तर-चररत्र से 245. रामप्रवेर् उच् कवद्यालय में कौन सा स्थान प्राि ककया?,उत्तर प्रथम
206.घर की लक्ष्म कौन है ?उत्तर-लस्त्रयां
9.स्वाम दयानं द
207.परािम से ककस का कवनार् ह ता है ?उत्तर-अनथश का
208.सुं दर आचरर् में ककस का नार् ह ता है ?,उत्तर-कु लक्षर् का 246. स्वाम दयानं द सरस्वत का जन्म कहााँ हुआ था ?
209.ककस की रक्षा कवर्ेष रूप से ह न चाकहए ?,उत्तर-लस्त्रय ं की उत्तर -गुजरात प्रदेर् स्थस्थत टंकारा ग्राम में
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247. स्वाम दयानं द का जन्म कब हुआ था?,उत्तर 1824 में उत्तर लचत्रकू ट पवशत
248. स्वाम दयानं द की मृत्यु कब हुई ?उत्तर- 1883 में 289. राम ककसे सं ब लधत करते हुए मं दाककन नद का वर्शन करते हैं ?
249. स्वाम दयानं द ने ककस समाज की स्थापना की?,उत्तर-आयश समाज की उत्तर-स ता क
250. स्वाम दयानं द ने आयश समाज की स्थापना कब की ?उत्तर 1875में 290.जटा और मृगचमश में कौन धारर् ककए हुए हैं?,उत्तर-मुकन
251. स्वाम दयानं द कौन थे ?,उत्तर- समाज सुधारक 291. स ता रामचं द्र की कौन हैं?,उत्तर- पत्न
252. स्वाम दयानं द के गुरु कौन थे? उत्तर- कवररजानन्द 292. पक्ष का पयाशयवाच र्ब्द क्या है? उत्तर-कद्वज
253. दयानं द ककस र्ताब्द में जन्म ललए थे ?उत्तर 19व ं र्ताब्द में 293. द न ं भुजाओं क ऊपर करके कौन उपासना करते हैं
254. स्वाम दयानं द की लर्क्षा ककस भाषा से आरंभ हुई ?,उत्तर सं स्कृ त उत्तर- मुकन ल ग क
255. स्वाम दयानं द क उपदेर् ककसने कदए थे ?,उत्तर कवरजानं द 294. नृत्य के समान प्रत त ह ता है?,उत्तर पवशत
256. स्वाम दयानं द ककस प्रकार का पाठ है ?उत्तर कनबं ध है 295. रंग कबरंगे तट ं वाल कौन नद है?,उत्तर-मं दाककन
257. स्वाम दयानं द ककसके सं स्थापक है? उत्तर-आयश समाज के 296. रघुवंर् महाकाव्य के रचनाकार कौन हैं ?,उत्तर- काललदास
258. स्वाम दयानं द ने ककसकी रचना की है?,उत्तर सत्याथशप्रकार् 297. कवर्ाल नेत्र ं वाल कौन है?,उत्तर -स ता
259. मूल र्ं कर ककसका नाम था ?,उत्तर -स्वाम दयानं द का 298. मुकन ल ग ककसकी उपासना करते हैं ?,उत्तर-सूयश की
260.स्वाम दयानद का जन्म ककस प्रकार के पररवार में हुआ था? 299. कौन नद के द न ं ओर से घेरे हुए हैं?,उत्तर-पवशत
उत्तर- कमशकांड पररवार में 300. कौन नद में स्नान करते हैं?,उत्तर-ऋकष
261. स्वाम दयानं द के पररवार ककस भगवान के उपासक थे ? 301. काललदास ने ककस नद का वर्शन ककया है?,उत्तर-मं दाककन
उत्तर- भगवान् लर्व के 302. बाल्म कक रामायर् से कौन सा पाठ सं कललत है?,उत्तर-मं दाककन वर्शम
262. मूकतश पूजा छ ड़कर स्वाम दयानं द कहां चले गए?,उत्तर- घर 303. मं दाककन वर्शम पाठ में ककस नद का वर्शन है?,उत्तर-गं गा
263. दयानं द क उनके गुरु कवरजानं द कहां कमले ?,उत्तर मथुरा में
11.व्याघ्रपलथक कथा
264. कौन कहंदू समाज से कतरस्कृ त ह कर धमश पररवतशन कर रहे थे?
304. व्याघ्रपलथक कथा कहां से ललया गया है?,उत्तर-कहत पदेर् से
उत्तर- दललत ल ग
305. व्याघ्र पलथक कथा के लेखक कौन हैं?,उत्तर-नारायर् पं कडत
265. आयश समाज की स्थापना ककस नगर में हुई ?,उत्तर मुं बई में
306. व्याघ्र पलथक कथा में ककस द ष का वर्शन है?,उत्तर-ल भ का
266. ककस काल में कहन्दू समाज दूकषत ह गया था?,उत्तर-मध्य काल में
307. कहत पदेर् के रचकयता कौन हैं? उत्तर-नारायर् पं कडत
267. ककसकी स्थापना 1875 ई० में हुई ?,उत्तर-आयश समाज की
308. कहत पदेर् में कहाकनयां ककससे सं बं लधत हैं? ,उत्तर- पर्ु-पक्ष
268. ककसका प्रचार स्वाम दयानं द ने ककया?,उत्तर-र्ुद् तत्वज्ञान का
309. बाग हाथ फै ला कर क्या कदखाता है?,उत्तर- कं गन
269. समाज और लर्क्षा के उद्ारक कौन थे?,उत्तर-स्वाम दयानं द
310. स ने का कं गन ग्रहर् कर ऐसा कौन ब ल रहा था?,उत्तर-बाघ
270.मध्य काल में ककसका आडंबर था? ,उत्तर धाकमशक कायश का
311. कौन कीचड़ में फं स गया?,उत्तर-पलथक
271. कौन मेधाव थे ?उत्तर -स्वाम दयानं द
312. व्याघ्र पलथक क क्या देना चाहता था?,उत्तर-स्वर्श
272. ककसकी र्ाखा देर्-कवदेर् में है?,उत्तर आयश समाज की
313. पलथक कहां फस गया था ?,उत्तर-कीचड़ में
273. मूल र्ं कर क ककसके प्रकत आस्था ह ग ?,उत्तर मूकतश पूजा
314. बाघ ककसके द्वारा पकड़ा और खाया गया?,उत्तर-व्याघ्र के द्वारा
274. कौन प्रसाद क खा रहा था?,उत्तर- चूहा
315. “ मैं वं र्ह न हं ” ऐसा ककसने कहा ?,उत्तर- बाघ ने
275. सत्याथशप्रकार् के रचनाकार कौन है? उत्तर -स्वाम दयानं द
316. ककसके कबना ज्ञान भार स्वरूप है ?,उत्तर- किया के कबना
276. स्वाम एदयानं द के लल कौन सा पवश उद्ब धक हुआ ?,उत्तर लर्वराकत्र
317. भाग्य से ह सं भव है ऐसा ककसने स चा?,उत्तर -पलथक ने
277. ड ०ए०व ० कवद्यालय की स्थापना ककसने की?
318. कवष के सं पकश में अमृत ककस का कारर् बन जाता है
उत्तर- स्वाम दयानं द के अनुयाकयय ं ने
उत्तर- मृत्यु का
278. मूल र्ं कर क मूकतश पूजा के प्रकत अनास्था ह ने के दूसरे वषश में ककसका
319. युवावस्था में दुराचार कौन था ?,उत्तर-व्याघ्र
कनधन ह गया?,उत्तर- मूल र्ं कर की बहन का
320. दान ककसे देना चाकहए ?,उत्तर गर ब क
10.मं दाककन वर्शन 321. दवा ककसका कमत्र है?,उत्तर र ग का
322. कबना कवश्वास पर कवश्वास करने से क्या ह ता है?,उत्तर-हाकन
279. ककस छं द में मं दाककन वर्शम पाठ हैं ?,उत्तर-अनुष्टुप छं द में
323. बूढे बाघ के हाथ में क्या था? ,उत्तर-स ने का कं गन
280.मं दाककन वर्शम पाठ के रचनाकार कौन हैं?,उत्तर -महकषश बाल्म कक
324. व्याघ्र पलथक कथा पाठ में ककस के दुष्पररर्ाम का वर्शन ककया गया है ?
281. मं दाककन वर्शम पाठ रामायर् के ककस कांड से ललया गया है
उत्तर-ल भ
उत्तर -आय ध्या काण्ड से
325. ‘कौन्तेय’ र्ब्द का प्रय ग ककया गया है?,उत्तर-अजुशन के ललए
282. मं दाककन नद ककस लाके ताब के समान कदखाई पड़ता है?
326. व्याघ्रपलथक कथा कहत पदेर् के ककस भाग से सं कललत है ?
उत्तर - कु बेर के
उत्तर-कमत्रलाभ खण्ड से
283. मं दाककन नद ककस पवशत के कनकट बहत है? उत्तर-लचत्रकू ट पवशत
284. मं दाककन नद का जल ककस के प ने से गं दा ह गया है ?
12. कर्शस्य दानव रता (नाटक)
उत्तर- कहरर्
327. कर्शस्य दानव रता पाठ के रचनाकार कौन हैं? ,उत्तर- महकषश बाल्म कक
285. रामायर् के रचनाकार कौन हैं ?,उत्तर -बाल्म कक
328. दानव रता पाठ ककस प्रकार का पाठ है ?,उत्तर -नाटक
286. काललदास की कौन स रचना है,उत्तर -रघुवंर्म
329. कर्शस्य दानव रता पाठ कहां से ललया गया है ?,उत्तर -कर्शभार से
287. राम ककसक मं दाककन नद कदखा रहे हैं?,उत्तर स ता क
330. सूयश पुत्र कौन है ?,उत्तर-कर्श
288. वनवास प्रसं ग में राम स ता लक्ष्मर् के साथ कहां पहुंचे?
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331. कर्श ने ककसे कवच और कुं डल दे कदया है?,उत्तर इंद्र क 367. देर् ं के ब च कौन सा युद् चल रहा है ?,उत्तर -र् त युद्
332. कर्श ककस देर् का राजा था?,उत्तर-अंगदेर् का 368. र्त्रु राज्य ं में क्या बढ गया है ?,उत्तर -क लाहल
333. कर्श ककस क नमस्कार करता है ?,उत्तर इंद्र क 369. दुख का कवषय क्या है ?,उत्तर – सावशभौकमक अर्ांकत
334. कुं त पुत्र कौन था?,उत्तर कर्श 370. कवध्वं स के ललए ककस का कनमाशर् ह रहा है?,उत्तर अस्त्र ं का
335. कर्श ककसके पक्ष से युद् लड़ता था?,उत्तर-कौरव ं के पक्ष से 371. दूसर ं क दुख में देखने से ककस का नार् ह ता है?,उत्तर- अपना
336. कर्शस्य दानव रता नाटक के रचनाकार कौन है?,उत्तर-भारत 372. सं कट के समय एक देर् दूसरे देर् क क्या करते हैं ?,उत्तर- सहायता
337. ‘महतराम लभक्षा याचे’यह ककसकी उठत है ?-उत्तर-र्ि की 373. कवश्व क नष्ट करने के ललए ककस का कनमाशर् ह रहा है ?,उत्तर-अस्त्र ं का
338. क्या हमेर्ा स्थस्थर रहता है ?,उत्तर-दान 374. एक देर् दूसरे देर् की उन्नकत क देखकर क्या करते हैं ?,उत्तर -ईष्याश
339. इंद्र ककस वेर् में प्रवेर् करता है ?,उत्तर- ब्राह्मर् 375. उदार चररत्र वाले सं सार क क्या मानते हैं ?,उत्तर- पररवार का
340. मजबूत जड़ वाले कौन कगर जाते हैं ?,उत्तर वृक्ष 376. यह मेरा, यह तुम्हारा ऐसा कौन मानता है ?,उत्तर- लघु बुकद् वाले ल ग
341. ककस ने छल पूवशक दान में कवच और कुं डल ले ललया?,उत्तर इंद्र ने 377. हमें ककसका त्याग करना चाकहए ?,उत्तर-स्वाथश का
342. देवता और असुर ं द्वारा कौन भेदना य ग्य नह ं था ?,उत्तर -कवच कवच 378. व्याकरर् के रचनाकार कौन हैं ?,उत्तर -पालर्कन
343. कवच और कुं डल के साथ ककसका जन्म हुआ था ?,उत्तर – कर्श का
344. महकषश भासः के ककतने नाटक उपलब्ध हैं ?,उत्तर- 13
345. ब्राह्मर् वेर्धार कौन था ?,उत्तर -इंद्र 14. र्ास्त्रकारा:

346. इंद्र ककसका मदद करना चाहता था?,उत्तर- अजुशन 379. र्ास्त्रकारा ककस प्रकार का पाठ है ?,उत्तर- वाताशलाप
347. ककसका धन सांप के ज व के समान चं चल ह ता है ?,उत्तर -राजा का 380. र्ास्त्र मानव क ककस का ब ध कराता है ?,उत्तर-कतशव्य और अकतशव्य का
348. सवशप्रथम कर्श दान में क्या देता है ?,उत्तर -ग सहस्त्र 381. वेद रूप र्ास्त्र क्या ह ता है ?,उत्तर -कनत्य
349. समय आने पर ककस का नार् ह जाता है?,उत्तर- लर्क्षा का 382. र्ास्त्र ककसके ललए कतशव्य और और कतशव्य का कवधान है ?
350. नादात्यम,नादात्यम उकि ककसकी है ?,उत्तर-र्ल्य की उत्तर- मानव ं के ललए
351. र्र र के नष्ट ह ने के बाद भ ककस का नार् नह ं ह ता है ? 383. र्ास्त्र ककसके द्वारा रलचत है ?, उत्तर -ऋकषय ं के
उत्तर -गुर् का 384. द्वारा र्ास्त्र ककसक कतशव्य कतशव्य का ब ध कराता है ?
352. ब्राह्मर् के रूप में कौन प्रवेर् करता है ?,उत्तर-र्ि(इंद्र) उत्तर-मानव क
353. नेच्छाकम ,कनच्छाकम ककसने बार-बार कहा ?,उत्तर- र्ि ने 385. कृ कष कवज्ञान के प्रवतशक कौन हैं ?,उत्तर-महकषश परार्र
354. कर्श र्ि क चौथ बार क्या देना चाहता था?उत्तर-स ना 386. म मांसा दर्शन के प्रवतशक कौन हैं ?,उत्तर- महकषश जैकमन
387. चरक सं कहता की रचना ककसने की है ?,उत्तर महकषश चरक ने
13. कवश्वर्ांकत
388. “आयशभट्टयनामा” ग्रंथ ककसने ललखा है ?,उत्तर -आयशभट्ट ने
355. कवश्व र्ांकत पाठ में ककस वातावरर् का वर्शन है ?,उत्तर-अर्ांकत का 389. य ग दर्शन के प्रवतशक कौन हैं?,उत्तर-महकषश पतं जलल
356. कवश्व र्ांकत ककस प्रकार का पाठ है?-उत्तर - कनबं ध 390. कनरुि के रचकयता कौन हैं?,उत्तर-महकषश यास्क
357. अर्ांकत रूप सागर के ककनारे कौन है ?,उत्तर- मानव 391. न्याय दर्शन के प्रवतशक कौन हैं ?,उत्तर- महकषश गौतम
358. अर्ांकत ककस के कवनार् का कारर् है ?,उत्तर-मानवता का 392. वराहकमकहर द्वारा रलचत कौन सा ग्रंथ है?,उत्तर - वृहत्सं कहता क
359. अर्ांकत के ककतने कारर् हैं ?,उत्तर -द 393. ऋकष गौतम ने ककस दर्शन की रचना की ?,उत्तर-न्याय दर्शन का
360. देर् में अर्ांकत के प्रेरक कौन हैं ?,उत्तर- राजनेता 394. कनरुि क्या अथश है ?,उत्तर- यथाथश ब ध का
361. र्ांकत का कारर् क्या है ?,उत्तर -परमाथश 395. महकषश यास्क द्वारा रलचत ग्रंथ का नाम क्या है ?,उत्तर -कनरुिं
362. वैर से वैर का र्मन क्या है ?,उत्तर-असं भव 396. सभ छात्र ककसका अलभवादन करते हैं ?,उत्तर -लर्क्षक का
363. परप ड़न के ललए ह ता है?,उत्तर -पाप के ललए 397. सांख्यदर्शन के प्रवतशक कौन हैं ?,उत्तर -महकषश ककपल
364. एक देर् दूसरे का क्या देखकर जलते हैं ?,उत्तर-उत्कषश 398. कक्षा में कौन प्रवेर् करते हैं ? उत्तर -लर्क्षक
365. वस्तुतः इस समय सं सार ककस महासागर के कु ल मध्य स्थस्थत खरा है ? 399. छात्र ककसेक र्ास्त्र ं से अवगत ह गा?,उत्तर -सं स्कृ त के
उत्तर -अर्ांकत 400. ज्ञान का र्ासक कौन है ?,उत्तर -र्ास्त्र
366. “वैरेन वैरेस्य र्मनम असं भवम “यह उकि ककसकी है ?उत्तर-महात्मा बुद् 401. कल्प ककस प्रकार का ग्रंथ है ?,उत्तर कमशकांड
की 402.वृहत्सं कहता के रचनाकार कौन हैं ?,उत्तर -वाराह्म कहर

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9. नद और कवद्वान में क्या समानता है ?


उत्तर- लजस प्रकार बहत हुई नकदयााँ अपने नाम और रूप क त्यागकर समुद्र में कमल
ह जात है, उस प्रकार कवद्वान भ अपने नाम और रूप के प्रवाह ककए कबना ईश्वर
यह Notes सं जय सर के द्वारा तैयार ककया गया है | इसमें सं स्कृ त कवषय के
में कमल जाते है |
Book के 2 अंकीय प्रश्न -उत्तर हैं |आपके ब डश पर क्षा में कु ल 16 प्रश्न आते हैं
लजनमें से आपक ककन् ं 8 प्रश्न ं का उत्तर दे ना ह ता है |यकद आप इस Notes 2.पाटललपुत्रवैभवम् ( पाटललपुत्र का वैभव )
क अच्छे से पढकर याद कर लेते हैं ,त मुझे पूरा भर सा है की आपका 16 में 1. पटना के मुख्य दर्शन य स्थल ं का उल्लेख करें।
16 अंक यहााँ से आ जाएं गें |आपक ब डश पर क्षा की अकग्रम र्ुभकामनाएं उत्तर- पटना के मुख्य दर्शन य स्थल- सं ग्रहालय, उच्न्यायालय, सलचवालय,
(सं जय सर ,ककटहार ) ग लघर, तारामण्डल, जैकवक उद्यान, मौयशकाललक अवर्ेष, महाव र मलन्दर, गुरुद्वारा
इत्याकद हैं।

1. मं गलम ( पाठ ) 2.पाटललपुत्र र्ब्द कै से बना ?


उत्तर- पाटललपुत्र र्ब्द पाटल पुष्प ं के नाम के आधार पर रखा गया, ऐसा पुत्तललका
1.‘सत्य का मुाँ ह ‘ककस पात्र से ढंका है?
रचना में वलर्शत है। पाटललग्राम ह आगे चलकर पाटललपुत्र नाम से प्रलसद् हुआ।
उत्तर- सत्य का मुाँ ह कहरर्मेय पात्र से ढंका हुआ है।
कु छ प्राच न सं स्कृ त ग्रंथ ं एवं पुरार् ं में पाटललपुत्र का दूसरा नाम पुष्पपुर या
कु सुमपुर कमलता है।
2.नकदयााँ क्या छ ड़कर समुद्र में कमलत हैं?
उत्तर- नकदयााँ अपने नाम और रूप क छ ड़कर समुद्र में कमलत हैं।
3. लसख सं प्रदाय के ल ग ं के ललए पटना नगर क्य ं महत्त्वपूर्श है ?
अथवा, पटना का गुरुद्वारा ककसके ललए और क्य ं प्रलसद् है ?त न वाक्य ं में उत्तर दें।
3.मङ्गलम् पाठ के आधार पर सत्य की महत्ता पर प्रकार् डालें।
उत्तर- लसख सं प्रदाय के ल ग ं के ललए पटना नगर महत्वपूर्श है क्य ककं यहााँ उनके
उत्तर- मं गलम पाठ में महकषश वेदव्यास सत्य की महत्ता का वर्शन करते हुए कहते हैं
दसवें गुरु ग कवंद लसंह का जन्म हुआ था। यह स्थल गुरुद्वारा के नाम से जाना जाता
कक हमेर्ा सत्य की ज त ह त है असत्य की नह ं । सत्य से ह देवल क का रास्ता
है।
प्रसस्थ ह ता है। ऋकषगर् देवल क क प्राि करने के ललए सत्य का ह मागश
अपनाते हैं |
4. प्राच न ग्रंथ ं में पटना के कौन-कौन से नाम कमलते हैं?
उत्तर- प्राच नग्रंथ ं में पटना के नाम पुष्पपुर, कु सुमपुर, पाटललपुत्र आकद कमलते हैं।
4. मङ्गलम् पाठ के आधार पर आत्मा की कवर्ेषताएाँ बतलाएाँ ।
उत्तर- मङ्गलम् पाठ में सं कललत कठ पकनषद् के मं त्र में महकषश वेदव्यास कहते हैं कक
5. ककवदाम दर गुि के अनुसार पाटललपुत्र कै सा नगर है?
प्रालर्य ं के हृदयरूप गुफा में आत्मा बं द रहत है । आत्मा सूक्ष्म से सूक्ष्म और
अथवा, दाम दर गुि ने पटना के सं बं ध में क्या ललखा है ?
महान-से-महान है । इस आत्मा क वर् में नह ं ककया जा सकता है।
उत्तर- ककव दाम दर गुि के अनुसार पाटललपुत्र पृथ्व का कतलक है |यहााँ कवद्वान
ल ग बसते हैं। ककव ने इस महानगर की तुलना इन्द्रल क से की है। इसे सरस्वत
5. आत्मा का स्वरूप क्या है ? पकठत पाठ के आधार पर स्पष्ट करें।
का कु लगृहम भ कहा है।
उत्तर- कठ पकनषद में आत्मा के स्वरूप का बड़ा ह अच्छा कवश्लेषर् ककया गया है ।
आत्मा मनुष्य की हृदय रूप गुफा में अवस्थस्थत है। यह अर्ु से भ सूक्ष्म और
6. कौन-कौन से कवदेर् यात्र पटना आये थे?
महान् से भ महान् है। इसका रहस्य समझने वाला सत्य की ख ज करता है।
उत्तर- मेगास्थन ज, फाह्यान, ह्वेनसांग और इस्थत्संग आकद कवदेर् यात्र पटना आये
थे।
6. महान ल ग सं साररूप सागर क कै से पार करते हैं ?
उत्तर- श्वेताश्वतर उपकनषद् में ज्ञान ल ग और अज्ञान ल ग में अंतर स्पष्ट करते हुए
7. चं द्रगुिमौयश तथा अर् क के समय पाटललपुत्र कै सा नगर था ?
महकषश वेदव्यास कहते हैं कक ईश्वर ह प्रकार् का पुं ज (समुह) है। उन् ं के भव्य
उत्तर- चन्द्रगुिमौयश के समय पाटललपुत्र की रक्षा-व्यवस्था काफी मजबूत (उत्कृ ष्ट)
दर्शन से सारा सं सार आल ककत ह ता है। ज्ञान ल ग उस ईश्वर क जानकर
थ ।अर् क के र्ासन काल में इस नगर का वैभव और अलधक समृद् था।
सांसाररक कवषय-वासनाओं (म ह-माया) से मुकि पाते हैं। इसके अलावा दूसरा
क ई रास्ता नह ं है।
8. पाटललपुत्र के प्राच न मह त्सव का वर्शन करें।
उत्तर- पाटललपुत्र में र्रतकाल में कौमुद मह त्सव बड़ धूम -धाम से मनाया जाता
7. कवद्वान पुरुष ब्रह्म क ककस प्रकार प्राि करता है?
था। सभ नगरवास आनं दमग्न ह जाते थे। इस समार ह का कवर्ेष प्रचलन गुिवं र्
उत्तर- मुण्डक पकनषद् में महकषश वेद-व्यास का कहना है कक लजस प्रकार बहत हुई
के र्ासनकाल में था। आजकल, लजस तरह दुगाशपूजा मनाई जात है, उस प्रकार
नकदयााँ अपने नाम और रूप अथाशत् व्यकित्व क त्यागकर समुद्र में कमल जात हैं
प्राच नकाल में कौमुद मह त्सव मनाया जाता था।
उस प्रकार महान पुरुष अपने नाम और रूप, अथाशत् अपने व्यकित्व क त्यागकर
ब्रह्म (ईश्वर) क प्राि कर लेता है।
9. राजर्ेखर ने पटना के सम्बन्ध में क्या ललखा है ?
उत्तर- राजर्ेखर ने अपने काव्यम मांसा में ललखा है कक पाटललपुत्र लर्क्षा का एक
8. उपकनषद् क आध्यालत्मक ग्रंथ क्य ं कहा गया है?
प्राच न के न्द्र था। यहााँ अनेक सं स्कृ त कवद्वान हुए हैं। यहााँ से पालर्न , कपंगल,
उत्तर-उपकनषद् क आध्यालत्मक ग्रंथ कहा जाता है, क्य कं क यह आत्मा और परमात्मा
व्याकड, वररूलच, पतञ्जलल आकद ख्याकत पाई थ ।
के सं बं ध के बारे में कवस्तृत व्याख्या करता है।परमात्मा सं पूर्श सं सार में र्ांकत
स्थाकपत करते हैं। सभ तपस्थस्वय ं का परम लक्ष्य परमात्मा क प्राि करना ह है।
10. भगवान् बुद् ने पाटललग्राम के बारे में क्या कहा था ?

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उत्तर- भगवान बुद् प्राच न काल में अनेक बार पाटललग्राम आये थे। में ग्रन्थ-रचना की थ । पुरुषपर क्षा में धमश, अथश, काम इत्याकद कवषय ं से सम्बद्
यहााँ आकर इस गााँ व के महत्त्व क बढाया था और उस समय उन् नं े कहा था— अनेक मन रंजक कथाएाँ द गय हैं। अलसकथा में आलस्य के कनवारर् की प्रेरर्ा
यह गााँ व एक कदन महानगर ह गा, परन्तु यह नगर आग, जल और कलह से हमेर्ा द गय है। इस पाठ से सं सार की कवलचत्र गकतकवलध का भ पररचय कमलता है।
भयभ त रहेगा।
8.चार ं आललसय ं के वाताशलाप क अपने र्ब्द ं में ललखें।
11. पटना में कौमद मह त्सव कब मनाया जाता था? उत्तर- चार ं आलस कनिय ह अपने आलसपन क लसद् कर रहे थे। एक ने मुं ह
उत्तर- पाटललपुत्र में र्रत्काल में कौमुद मह त्सव मनाया जाता था। ढंककर कहा-अरे हल्ला कै सा? दूसरे ने कहा-लगता है इस घर में आग लग गई है।
यह मह त्सव गुप्त वं र् के काल में ह ता था। उस समय सभ ल ग आनं द मग्न ह ते त सरे ने कहा-क ई धाकमशक व्यकि नह ं है, ज पान से भ गं े वस्त्र ं से ढंक दे। चौथे
थे। ने कहा-अरे वाचाल !ं ककतन बातें करते ह ? चुपचाप क्य ं नह ं रहते ह |
3.अलसकथा

1. अलसकथा’ से क्या लर्क्षा कमलत है ? 8. कवद्यापकत कौन थे? उन् नं े ककस ग्रन्थ की रचना की तथा ’अलसकथा’ में
उत्तर- मैलथल ककव कवद्यापकत द्वारा रलचत पाठ’अलसकथा’ में आललसय ं के माध्यम ककसकी कहान है ? छः वाक्य ं में ललखें।
से लर्क्षा द गय है कक उनका भरर्-प षर् करुर्ार् ल ं अथाशत दयावान ं के कबना उत्तर- कवद्यापकत एक महान मैथल ककव एवं लेखक थे। इन् नं े पुरुष पर क्षा नामक
सं भव नह ं है। आलस काम नह ं करते, ऐस स्थस्थकत में क ई दयावान् ह उनकी ग्रंथ की रचना की। सं स्कृ त भाषा में लललखत पुरुष पर क्षा में कथारूप में अनेक
व्यवस्था करते हैं | मानव य गुर् ं के महत्व का वर्शन है। द ष के कनराकरर् के ललए लर्क्षा द गय है।
कवद्यापकत एक ल ककप्रय मैलथलककव थे। ये सं स्कृ त ग्रंथ ं के रचकयता थे। उनकी
2. अलसर्ाला के ककमशय ं ने आललसय ं की पर क्षा कय ं ल ? ख्याकत सं स्कृ त कवषय ं में अत्यलधक थ ।
उत्तर- अलसर्ाला में बहुत सारे बनावट आलस ग्रहर् कर अन्न और वस्त्र प्राप्त
4. सं स्कृ तसाकहत्ये
करने लगे, लजससे अलसर्ाला का खचश बढ गया । अलधक खचश क देखकर वहााँ के
ककमशय ं ने आललसय ं की पर क्षा ल । 1.उपकनषद् में मकहलाओं के य गदान का उल्लेख करें।
उत्तर- वृहदारण्यक पकनषद् में याज्ञवल्क्य की पत्न मैत्रेय की दार्शकनकरुलच का वर्शन
3. अलसर्ला के ककमशय ं ने आललसय ं क आग से कै से और कय ं कनकाला ?
है। जनक की सभा में गागी प्रलसद् थ ।महाभारत में सुलभा का वर्शन है |लौककक
उत्तर- अलसर्ाला में बनावट आलस ग्रहर् कर ल ग अन्न और वस्त्र ग्रहर् करने
सं स्कृ त में मकहलाओं के 150 पद देखने क कमलते हैं |
लगे। तब वहााँ के ककमशय ं ने अलसर्ाला में आग लगा कदया। वहााँ लगे आग क
देखकर कृ कत्रम आलस भाग गये, लेककन चार आलस वह ं स ये रह गये। र् रगुल 2. सं स्कृ तसाकहत्ये लेलखकाः पाठ से हमें क्या सं देर् कमलता है ?
के बाद भ चार ं आलस स ये अवस्था में बातच त कर रहे थे। वहााँ के ककमशय ं ने उत्तर- इस पाठ से हमें यह सन्देर् कमलता है की सं स्कृ त के साकहत्य के कवकास में
स चा कक अगर इन्हें नह ं कनकाला जायेगा, त ये जल जायेंगे। इसललए अलसर्ाला मकहलाओं का क्या य गदान है | सं स्कृ त भाषा के समृकद् में पुरुष ं के समान
के ककमशय ं ने चार ं आललसय ं क उनके के र् पकड़कर उन्ें बाहर कनकाला। मकहलाएाँ भ चलत रह हैं।वैकदक युग से आधुकनक समय तक ऋकषकाएाँ , कवकयत्र ,
लेलखकाएाँ आकद में काफी य गदान कदया है |
4. अलसर्ाला में आग लगने पर क्या हुआ?
उत्तर- अलसर्ाला में आग लगने पर सभ धूतश आलस तथा कृ कत्रम आलस वाले
3. कवजयनगर राज्य में सं स्कृ त भाषा की क्या स्थस्थकत थ ? त न वाक्य ं में उत्तर
भाग गए। लेककन चार आलस स ये हुए रह गए और आपस में बातें कर रहे थे।
दें। उत्तर- कवजयनगर के सम्राट् सं स्कृ त भाषा के सं रक्षर् के ललए ककए गए प्रयास
फै ल आग क देखकर कनय ग पुरुष क दया आ गया। उन ल ग ं ने स चा कक
बहुत ह सराहन य है। उनके अन्तः पुर में भ सं स्कृ त रचना में कु र्ल राकनयााँ थ ।ं
अगर इन्हें नह ं कनकाला जाएगा त जल जाऐंगे। तब उनल ग ं ने चार ं आललसय ं के
महारान कवजयभट्टाररका ने बहुत सारे सं स्कृ त साकहत्य की रचना की।
बाल पकड़कर ख च
ं ते हुए बाहर कनकाला।

4. सं स्कृ त में पस्थण्डता क्षमाराव के य गदान का वर्शन करें।


5. कवद्यापकत कौन थे ? उन् नं े ककस ग्रंथ की रचना की? पकठत पाठ के आधार पर
उत्तर- सं स्कृ तसाकहत्य में आधुकनक समय की लेलखकाओं पस्थण्डता क्षमाराव अकत
ललखें।
प्रलसद् हैं। र्ं करचररतम् उनकी अनुपम रचना है। गााँ ध दर्शन से प्रभाकवत ह कर
उत्तर- कवद्यापकत एक महान मैथल ककव एवं लेखक थे। इन् नं े पुरुष पर क्षा नामक
उन् नं े सत्याग्रहग ता, म रालहर , कथामुिावल , ग्रामज्य कत, कवलचत्रपररषद् यात्रा
ग्रंथ की रचना की। सं स्कृ त भाषा में लललखत पुरुष पर क्षा में कथारूप में अनेक
आकद रचनाएाँ की हैं।
मानव य गुर् ं के महत्व का वर्शन है तथा द ष के कनराकरर् के ललए लर्क्षा द गय
है। कवद्यापकत ल ककप्रय मैलथलककव थे। ये सं स्कृ त ग्रंथ ं के रचकयता भ थे। इनकी
5. सं स्कृ तसाकहत्य में दलक्षर् भारत य मकहलाओं के य गदान ं का वर्शन करें।
ख्याकत मैथल कवषय ं के साथ-साथ सं स्कृ त कवषय ं में अत्यलधक थ ।
उत्तर- चालुक्यवं र् की महारान कवजयभट्टाररका ने लौककक सं स्कृ तसाकहत्य में
6. अलसकथा’ का क्या सं देर् है? महत्त्वपूर्श य गदान कदया। लगभग चाल स दलक्षर् भारत य मकहलाओं ने एक सौ
अथवा, ’अलसकथा’ पाठ में ककस पर चचाश की गय है? पचास सं स्कृ त-काव्य ं की रचना की है। इन मकहलाओं में गं गादेव , कतरुमलाम्बा,
उत्तर- अलसकथा का सं देर् है कक आलस्य एक महान र ग है। ज वन में कवकास के र् लाभट्टाररका, देवकु माररका, रामभद्राम्बा आकद प्रमुख हैं।
ललए व्यकि का कमशठ ह ना अत्यावश्यक है। आलस्य र्र र में रहनेवाला महान र्त्रु
5. भारतमकहमा
है लजससे अपना, पररवार का और समाज का कवनार् अवश्य ह ह ता है।
1. भारत भूकम कै स है तथा यहााँ ककस प्रकार के ल ग रहते हैं ?
7. अलसकथा पाठ का पााँ च वाक्य ं में पररचय दें। अथवा, ‘भारतमकहमा’ पाठ के आधार पर भारतभूकम कै स है?
उत्तर- यह पाठ कवद्यापकत द्वारा रलचत पुरुषपर क्षा नामक कथाग्रन्थ से सं कललत एक उत्तर-भारतवषश अकत प्रलसद् देर् है तथा यहााँ की भूकम सदैव पकवत्र और ममतामय
उपदेर्ात्मक लघु कथा है। कवद्यापकत ने मैलथल , अवहट्ट तथा सं स्कृ त त न ं भाषाओं है। यहााँ कवलभन्न जाकतय ं और धमों के ल ग एकता के भाव में रहते हैं।

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2. देवगर् भारत के ग त क्य ं गाते हैं? पकठत-पाठ के आधार पर उत्तर त न से पााँ च 3. सं स्कार ककसे कहते हैं ? कववाह सं स्कार का वर्शन करें। पााँ च वाक्य ं में उत्तर दें।
वाक्य ं में ललखे। उत्तर- व्यकि में गुर् ं के धारर् क सं स्कार कहते हैं। सं स्कापर का वास्तकवक अथश
उत्तर-देवगर् भारत देर् का गुर्गान करते हैं। क्य कं क, भारत य भूकम स्वगश और ‘र्ुद् ह ना’ है। वैसे कु ल स लह सं स्कार माने गए हैं। कववाह सं स्कार ह ने पर ह
म क्ष प्राि करने का साधन है। मनुष्य भारत भूकम पर जन्म लेकर भगवान हरर की वस्तुतः मनुष्य गृहस्थज वन में प्रवेर् करता है। कववाह एक पकवत्र सं स्कार है लजसमें
सेवा के य ग्य बन जाते हैं। अनेक प्रकार के कमशकाण्ड ह ते हैं। उनमें वचन देना, मं डप बनाना, वधू के घर
वरपक्ष का स्वागत, वर-वधू का एक-दूसरे क देखना, कन्यादान, अकग्नस्थापना,
3. देवता ल ग ककस देर् का गुर्गान करते हैं और क्य ं? पालर्ग्रहर्, लाजाह म, सिपद , लसन्दूरदान आकद मुख्य हैं।
उत्तर-देवता ल ग भारत देर् का गुर्गान करते हैं, क्य कं क भारत य भूकम स्वगश और
म क्ष प्राि करने का साधन है। मनुष्य भारत भूकम पर जन्म लेकर भगवान हरर की 4. ‘भारत यसं स्कारा:’ पाठ में लेखक क्या लर्क्षा देना चाहता है ?
सेवा के य ग्य बन जाते हैं। उत्तर-लेखक इस पाठ से हमें यह लर्क्षा देना चाहता है कक सं स्कार ं के पालन से ह
व्यकित्व का कनमाशर् ह ता है। सं स्कार ं का उलचत समय पर पालन करने से गुर्
4. भारत य ं की कवर्ेषताओं का वर्शन करें। बढते हैं और द ष ं का नार् ह ता है। भारत य सं स्कृ कत की कवर्ेषता सं स्कार ं के
उत्तर-भारत में जन्म लेकर ल ग धन्य ह ते हैं और हरर की सेवा करते हैं। उन्ें स्वगश कारर् ह है। लेखक हमें सं स्कार ं का पालन करने का सं देर् देते हैं।
और म क्ष प्राि ह ता है। भारत य धमश और जाकत के भेदभाव ं क न मानते हुए
एकता के भाव से रहते हैं। सभ भारत य ं की देर्भकि आकषशक है और दूसर ं के 5. भारत य ज वन में सं स्कार का क्या महत्व है?
ललए आदर्श स्वरूप है। उत्तर-भारत य ज वन में प्राच न काल से ह सं स्कार ने अपने महत्व क सं ज ये रखा
है। यहााँ ऋकषय ं की कल्पना थ कक ज वन के सभ मुख्य अवसर ं में वेदमं त्र ं का
5.भारतमकहमा पाठ से हमें क्या सं देर् कमलताहै? पाठ, बड़ ं का आर् वाशद, हवन एवं पररवार के सदस्य ं का सम्मेलन ह ना चाकहए।
अथवा,‘भारतमकहमा’ पाठ से क्या लर्क्षा कमलत है ?पााँ च वाक्य ं में उत्तर दें। सं स्कार द ष ं क दूर करता है। भारत यज वन दर्शन का महत्वपूर्श स्र त स्वरूप
उत्तर-भारतमकहमा पाठ से यह सं देर् कमलता है कक हमें भारत य ह ने पर गवश ह ना सं स्कार है।
चाकहए। हम भारत य ं क हरर की सेवा करने का मौका कमला है , और म क्ष की
प्राकि का भ अवसर कमला है। हमें देर्भि ह ना चाकहए और अन्य भारत य ं से 6 के र्ान्त सं स्कार क ग दान सं स्कार भ कहा जाता है , क्य ?ं
कमल-जुलकर रहना चाकहए। उत्तर- के र्ान्त सं स्कार में गुरु के घर में ह लर्ष्य का प्रथम क्षौरकमश (हजामत) ह ता
था। इसमें छात्र के घर वाले गुरु के यहााँ गाय दान में देते हैं | इसललए के र्ांत
6. भारतमकहमा पाठ का क्या उद्दे श्य है? सं स्कार क ग दान सं स्कार कहा जाता है |
उत्तर-भारतमकहमा पाठ में पौरालर्क और आधुकनक पद्य सं कललत हैं , इन सभ पद्य ं
का उद्दे श्य भारत और भारत य ं की कवर्ेषताओं का वर्शन करना है। 7. ‘भारत यसं स्काराः ’पाठ का पााँ च वाक्य ं में पररचय दें।
उत्तर- ‘भारत य सं स्काराः ’पाठ भारत य सं स्कार ं का महत्व बताता है। भारत य
7. भारत मकहमा पाठ का पााँ च वाक्य ं में पररचय दें। ज वन-दर्शन में क्षौरकमश (मुण्डन), उपनयन, कववाह आकदसं स्कार ं की प्रलसकद् है।
उत्तर-इस पाठ में भारत के महत्त्व के वर्शन से सम्बद् पुरार् ं के द पद्य तथा त न छात्रगर् सं स्कार ं का अथश तथा उनके महत्त्व क जान सकें , इसललए इस स्वतं त्र पाठ
आधुकनक पद्य कदए गए हैं। हमारे देर् भारतवषश क प्राच न काल से इतना महत्त्व क रखा गया है। इससे द ष दूर ह ता है तथा गुर् प्राि ह ता है।
कदया गया है कक देवगर् भ यहााँ जन्म लेने के ललए तरसते हैं। इसकी प्राकृ कतक
सुं दरता अनेक प्रदूषर्कार तथा कवध्वं सक कियाओं के बाद भ अनुपम है। इसका 8. ‘भारत यसं स्कारा; पाठ के आधार पर बताएं कक सं स्कार ककतने हैं। तथा जन्मपूवश
कनरूपर् इन पद्य ं में प्रस्तुत है। सं स्कार ं का नाम ललखें।
उत्तर- भारत यसं स्कारः पाठ के आधार पर कु ल सं स्कार 16 हैं। जन्मपूवश सं स्कार त न
6 भारत यसं स्काराः
हैं- गभाशधान, पुं सवन और स मान्त नयन।
1. र्ैक्षलर्क सं स्कार कौन-कौन से हैं?
उत्तर- र्ैक्षलर्कसं स्कार में अक्षरारंभ, उपनयन, वेदारंभ, मुं डन, समावत्तशनसं स्कार 9. ‘भारत यसं स्काराः ’ पाठ में लेखक का क्या कवचार है?
आकद ह ते हैं। उत्तर- भारत यसं स्कारा: पाठ में लेखक का कवचार है कक मनुष्य के व्यकित्व का
कनमाशर् सुसंस्कार से ह ह ता है। इसललए कवदेर् ं में भ सुसंस्कार ं के प्रकत उन्मुख
2. ‘भारत यसं स्काराः ‘.पाठ के आधार स्पष्ट करें कक सं स्कार ककतने हैं तथा उनके और लजज्ञासु हैं।
नाम क्या है ? 7. कनकतश्ल कः
अथवा, सं स्कार ककतने प्रकार के हैं और कौन-कौन ?
उत्तर- सं स्कार कु ल स लह हैं । जन्म से पूवश त न हैं- गभाशधान, पुं सवन और 1.अपन प्रगकत चाहनेवाले क क्या करना चाकहए?
स मन्त नयन सं स्कार ह ते हैं। र्ैर्वावस्था में छः सं स्कार ह ते हैं - जातकमश, उत्तर- अपन प्रगकत चाहनेवाले क कनद्रा, तं द्रा, भय, ि ध, आलस और देर से काम
नामकरर्, कनष्क्रमर्, अन्नप्रार्न, चूडाकमश और कर्शबेध । पााँ च र्ैक्षलर्क सं स्कारहैं- करने की आदत क त्याग देना चाकहए ।
अक्षरारम्भ, उपनयन, वेदारम्भ, के र्ान्त और समावतशन । यौवनावस्था में कववाह
सं स्कार ह ता है तथा व्यकि की मृत्यु के बाद उसका अन्त्येकष्ट सं स्कार ककया जाता
है।

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2.न कतश्ल काः पाठ के आधार पर मुखश का लक्षर् ललखें।


उत्तर-‘न कतश्ल काः ’ पाठ में महात्मा कवदुर ने मूखश मनुष्य के त न लक्षर् बतलाए 2.स्वाम दयानं द कब से मूकतश पूजा की कवर ध ह गए और क्य ?ं
हैं। ऐसा व्यकि ज कबना बुलाए आता है तथा कबना पूछे ह अलधक ब लता है और उत्तर- लर्वराकत्र के रात स्वाम दयानं द ने एक मूषक क भगवान के चढाए गए
अकवश्वास पर कवश्वास करता है। प्रसाद क खाते हुए देख ललया लजससे उसके मन में मूकतश पूजा की आस्था समाि
ह गई और वह उस रात उसने घर का त्याग कर कदए |
3.‘न कतश्ल काः ‘पाठ में नरक के ककतने द्वार हैं? उसका नाम ललखें।
उत्तर-‘न कतश्ल का:’ पाठ के आधार पर नरक के त न द्वार हैं –
3.स्वाम दयानं द ने समाज के ललए क्या-क्या ककया ?
काम, ि ध और ल भ
उत्तर - स्वाम दयानं द ने समाज के ललए कनम्न कायश ककए –
स्त्र लर्क्षा पर बल ,कवधवा पुन:कववाह , मूकतश पूजा और कमशकांड क बं द, छु आछू त
4. न च मनुष्य कौन है? पकठत पाठ के आधार पर स्पष्ट करें।
क समाि और बालकववाह प्रथा क अंत ककया |
उत्तर-ज कबना बुलाये हुए प्रवेर् करता है, कबना पूछे हुए बहुत ब लता है,
अकवश्वा्स पर कवश्वास करता है ऐसा पुरुष ह न च श्रेर् में आता है।
4.स्वाम दयानं द का जन्म कब और कहां हुआ था ?
5. ‘न कतश्ल काः ‘ पाठ के आधार पर लस्त्रय ं की क्या कवर्ेषताएाँ हैं ? उत्तर - स्वाम दयानं द का जन्म 1824 ई० में गुजरात के टंकारा ग्राम में हुआ था|
उत्तर- लस्त्रयााँ घर की लक्ष्म हैं। ये पूजन य तथा महाभाग्यर्ाल हैं। ये महापुरूष ं
क जन्म देनव
े ाल ह त है। इसललए लस्त्रयााँ कवर्ेष रूप से रक्षा करने य ग्य ह त हैं। 5.आयशसमाज की स्थापना कब और ककसने की ?
उत्तर -आयश समाज की स्थापना 1875 ई० में स्वाम दयानं द ने की थ |
6. ‘न कतश्ल काः ‘ पाठ से हमें क्या लर्क्षा कमलत है?
उत्तर- कवदुर-न कत से न कतश्ल काः पाठ उद्ृत है। इसमें महात्मा कवदुर ने मन क
6. स्वाम दयानन्द समाज के महान् उद्ारक थे, कै से?
र्ांत करने के ललए कु छ श्ल क हैं। ललखे इन श्ल क ं से हमें यह लर्क्षा कमलत है
उत्तर- उन्न सव ं र्ताब्द ईस्व में मुख्य समाज सुधारक ं में स्वाम दयानन्द अत
कक सांसाररक सुख थ ड़ देर के ललए है, लेककन आध्यालत्मक सुख स्थाय है। सुं दर
प्रलसद् हैं। इन् नं े रूढ ग्रस्तसमाज और कवकृ त धाकमशक व्यवस्था पर कठ र प्रहार
आचरर् से हम बुरे आचरर् क समाि कर सकते हैं। काम, ि ध, ल भ और म ह
करके आयश समाज की स्थापना की। लजसकी र्ाखाएाँ देर्-कवदेर् में लर्क्षा सुधार के
क नष्ट करके नरक जाने से बच सकते हैं।
ललए भ प्रयत्नर् ल रह है।
8.कमशव रकथा
7. वैकदक धमश के प्रचार के ललए स्वाम दयानन्द ने क्या ककया?
1.रामप्रवेर् राम या कमशव र कौन था ? उत्तर- वैकदकधमश और सत्य के प्रचार के ललए स्वाम दयानन्द ने अपना पूरा ज वन
उत्तर -रामप्रवेर् राम कमशव र कथा का एक प्रमुख पात्र है | इसका जन्म कबहार के समकपशत कर कदया । वेद ं के प्रकत सभ अनुयाकयय ं का ध्यान आककषशत करने के
भ खन ट ला के एक दललत पररवार में हुआ था| कभ खेल के प छे मग्न रहने वाला ललए उन् नं े वेद ं के उपदेर् ं क सं स्कृ त एवं कहंद में ललखा
बच्ा अध्यापक के सं पकश में आकर मेहनत के दम पर अपने ज वन में सफलता की
स कढयां बनाता गया| रामप्रवेर् राम प्राथकमक कवद्यालय से लेकर ल कसेवा पर क्षा 8.मध्यकाल में भारत य समाज में फै ल कु र कतय ं का वर्शन अपने र्ब्द ं में करें।
तक प्रथम स्थान से उत र्श ह ता गया | उत्तर- मध्यकाल में अनेक गलत र कत-ररवाज ं से भारत य समाज दूकषत ह गया था
। जाकतवाद, छू आछू त, अलर्क्षा, कवधवाओं की दुगशकत आकद अनेक उदाहरर् थे, ज
2.रामप्रवेर् राम का जन्म कहां हुआ था ? उन् नं े देर् की सेवा में कै सा यस पाया?
भारत य समाज क अंधेरा की ओर ले जा रहे थे। दललत कहन्दुओं ने समाज में
उत्तर- रामप्रवेर् राम का जन्म कबहार के भ खन ट ला नामक गांव में हुआ था|
अपमाकनत ह कर धमशपररवतशन र्ुरू कर कदये थे।
उन् नं े अपने प्रर्ासन क्षमता तथा सं कट के समय फै सले लेने की सामथश से देर् की
सेवा कर यस अलजशत ककया था |
9. स्वाम दयानन्द ने समाज के उद्वार के ललए क्या ककया?
3.कमशव र कथा से हमें क्या लर्क्षा कमलत है ? उत्तर- स्वाम दयानन्द ने समाज के उद्ार के ललए स्त्र लर्क्षा पर बल कदया और
उत्तर -कमशव र कथा से हमें यह लर्क्षा कमलत है कक व्यकि अपने सच्े कमश से उच् कवधवा कववाह हेतु समाज क प्र त्साकहत ककया। उन् नं े बाल कववाह समाि करवाने ,
स्थान क प्राि कर सकता है| हमें पढने के ललए ज वन में ज्यादा ध्यान की जरूरत मूकतशपूजा का कवर ध और छु आछू त समाि कराने का प्रयत्न ककया।
नह ं बस्थि उत्साह और लगन की जरूरत ह त है क्य कं क कमशव र रामप्रवेर् राम
धनह न एवं दललत पररवार के ह ने के बावजूद भ सफलता की ऊंचाई तक पहुंच 9. महालर्वराकत्र पवश स्वाम दयानन्द के ज वन का उदब धक कै से बना?
गया था | उत्तर-एक बार महालर्वराकत्र के कदन लर्व-उपासना के समय इन् नं े देखा कक एक
चूहा भगवान र्ं करकी मूकतश के ऊपर चढकर उनपर चढाए हुए प्रसाद क खा रहा
4. रामप्रवेर् राम ककस प्रकार कें द्र य प्रर्ासकनक सेवा की पर क्षा में सफल हुआ?
है। इससे उन्ें कवश्वास ह गया कक मूकतश में भगवान नह ं ह ते । इस प्रकार वे
उत्तर- रामप्रवेर्राम कमशव र एवं कनधशन छात्र था। वह कष्टकारक ज वन ज ते हुए
मूकतशपूजा के कवर ध ह गए और वेद ं का अध्ययन कर सत्य का प्रचार करने लगे।
अध्ययनर् ल था। वह पुस्तकालय ं में अध्ययन ककया करता था। कें द्र य प्रर्ासकनक
इस प्रकार लर्वराकत्र पवश उनके ज वन का उद्ब धक बना
सेवा की पर क्षा में सवोच् स्थान प्राि करने में सफल रहा।
10. मन्दाककन वर्शन
9. स्वाम दयानं द

1.स्वाम दयानं द कौन थे ? सं क्षेप में ललखें | 1.मं दाककन वर्शन पाठ का वर्शन अपने र्ब्द ं में करें |
उत्तर- स्वाम दयानं द आधुकनक भारत य समाज के महाउद्ारक थे |उसने स्त्र उत्तर- यह पाठ महकषश वाल्म कक द्वारा रलचत रामायर् के अय ध्याकांड से कदया गया
लर्क्षा कवभाग कवभाग मूकतश पूजा खं डन छु आछू त एवं बाल कववाह जैसे कायों में है|इस पाठ में लचत्रकू ट पवशत से कनकलने वाल मं दाककन नद का वर्शन है |इस
महत्वपूर्श य गदान कदया पाठ में भगवान् श्र राम अपन पत्न स ता क मं दाककन नद के बारे में बता रहे हैं

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7.व्याघ्रलथककथा पाठ का पांच वाक्य ं में पररचय दें।


2.मं दाककन वर्शन पाठ में राम स ता क ककन-ककन रूप ं में सं ब लधत करते हैं? उत्तर- यह कथा नारायर् पं कडत द्वारा रलचत प्रलसद् न कत कथाग्रन्थ ‘कहत पदेर्’ के
उत्तर- इस पाठ में श्र राम स ता क हे ! र् भने, हे! स ते,है ! कप्रय, हे ! कवर्ालाक्ष प्रथम भाग ‘कमत्रलाभ’ से ललया गया है। इस कथा में ल भाकवष्ट व्यकि की दुदशर्ा
है! तनु आकद कहकर सं ब लधत करते हैं | का कनरूपर् है। आज के समाज में छल-कपट का वातावरर् कवद्यमान है, जहााँ
3. मनुष्य क प्रकृ कत से क्य ं लगाव रखना चाकहए? अल्प वस्तु के ल भ से आकृ ष्ट ह कर ल ग अपने प्रार् और सम्मान से वं लचत ह
उत्तर- प्रकृ कत ह मनुष्य क पालत है, अतएव प्रकृ कत क र्ुद् ह ना चाकहए। यहााँ जाते हैं। एक बाघ की चाल में फं सकर एक ल भ पलथक मारा गया ।
महकषश वाल्म कक प्रकृ कत के यथाथश रूप का वर्शन करके मनुष्य क लगाव रखने का
8.वृद्बाघ ने पलथक ं क फं साने के ललए ककस तरह का भेष रचाया ?
सं देर् देते हैं। इससे हमारा ज वन सुखमय एवं आनं दमय ह गा ।
उत्तर- वृद्बाघ ने पलथक ं क फं साने के ललए एक धाकमशक का भेष रचाया । उसने
स्नान कर और हाथ में कु र् लेकर तालाब के ककनारे पलथक ं से बात कर उन्ें
4.मं दाककन वर्शनम् से हमें क्या सं देर् कमलताहै?
दानस्वरूप स ने का कं गन पाने का लालच कदया ।
उत्तर- इस पाठ से हमें यह सं देर् कमलता है कक प्रकृ कत हमारे लचत्त क हर लेत है
तथा इससे पयाशवरर् सुरलक्षत रहता है। अत: प्रकृ कत की र्ुद्ता के प्रकत हमें हमेर्ा 12. कर्शस्य दानव रता
ध्यान देना चाकहए ।
1. ‘कर्शस्य दानव रता’में कर्श के कवच और कु ण्डल की कवर्ेषताएाँ क्या थ ?ं
11. व्याघ्रपलथककथा उत्तर-कर्श के कवच और कुं डल की कवर्ेषता यह थ की जब तक यह उसके रहता,
दुकनया की क ई र्कि उसे मार नह ं सकत थ ।
1. ‘व्याघ्रपलथककथा’ के आधार पर बताए कक दान ककसक देना चाकहए ?
2. दानव र कर्श के चररत्र पर प्रकार् डालें ?
उत्तर- इस पाठ में बताया गया है की हमें दान गर ब ं क करना चाकहए ना की
उत्तर- दानव र कर्श एक साहस और महादान पुरुष था । वह सत्यवाद और कमत्र
धकनक ल ग ं क । लजससे क ई उपकार नह ं कराना ह , उसे दान देना चाकहए।
का कवश्वास पात्र था। दुयोधन द्वारा ककए गए उपकार क वह कभ नह ं भूला।
स्थान, समय और उपयुिर् व्य कि क ध्यान में रखकर दान देना चाकहए।
उसका कवच-कु ण्डल अभेद्य था भ कफर उसने इंद्र क दानस्वरूप दे कदया।
2. स ने के कं गन क देखकर पलथक ने क्या स चा? कु रुक्षेत्र में व रगकत क पाकर वह भारत य इकतहास में अमर ह गया।
उत्तर- पलथक ने स ने के कं गन क देखकर स चा कक ऐसा की ऐसा मौका भाग्य से
3. कर्श कौन था एवं उसके ज वन से हमें क्या लर्क्षा कमलत है?
ह कमल सकता है, ककन्तु लजस कायश में खतरा ह , उसे नह ं करना चाकहए। कफर
उत्तर- कर्श सूयश और कुं त का पुत्र था। महाभारत के युद् में उसने कौरव पक्ष से
ल भवर् उसने स चा कक धन कमाने के कायश में खतरा त ह ता ह है। इस तरह
लड़ाई की । इस पाठ से हमें यह लर्क्षा कमलत है कक दान ह मनुष्य का सवशश्रेष्ठ
वह ल भ से वर् भूत ह कर बाघ की बात ं में आ गया।
गुर् है, क्य कं क के वल दान ह स्थस्थर रहता है। लर्क्षा समय-पररवतशन के साथ समाि
3. धन और दवा ककसे देना उलचत है ? ह जात है। वृक्ष भ समय के साथ नष्ट ह ह जाता है। इतना नह ,ं जलार्य भ
उत्तर- व्याघ्रपलथककथा पाठ के माध्यम से बताया गया है कक धन उसे देना उलचत सूखकर समाि ह जाता है। इसललए क ई म ह ककए कबना दान अवश्य करना
है, ज कनधशन ह तथा दवा उसे देना उलचत है, ज र ग ह अथाशत् धनवान क धन चाकहए।
देना और कनर ग क दवा देना उलचत नह ं है।
4. दानव र कर्श ने इन्द्र क दान में क्या कदया ? त न वाक्य ं में उत्तर दें।
अथवा, ‘कर्शस्य दानव रता’ पाठ के आधार पर दान की महत्ता क बताएं ।
4. ‘व्याघ्रपलथककथा’ कहााँ से ललया गया है? इसके लेखक कौन हैं तथा इससे क्या
उत्तर-दानव र कर्श ने इन्द्र क अपना कवच और कु ण्डल दान में कदया । कर्श क
लर्क्षा कमलत है?
ज्ञात था कक यह कवच और कण्डल उसका प्रार्-रक्षक है। लेककन दान स्वभाव
उत्तर- ‘व्याघ्रपलथककथा’ कहत पदेर् ग्रंथ के कमत्रलाभ खण्ड से ल गई है। इसके
ह ने के कारर् उसने इन्द्ररूप याचक क खाल लौटने नह ं कदया ।
लेखक ‘नारायर् पं कडत’ ज हैं। इस कथा के द्वारा नारायर्पं कडत हमें यह लर्क्षा देते
हैं कक दुष्ट ं की बात ं पर ल भ में आकर कवश्वास नह ं करना चाकहए । स च समझकर 5. ‘कर्शस्यदानव रता’ पाठ के नाटककार कौन हैं ? कर्श ककनका पुत्र था तथा
ह काम करना चाकहए। इस कथा का उद्दे श्य मन रंजन के साथ व्यावहाररक ज्ञान उन् नं े इन्द्र क दान में क्या कदया?
देना है। उत्तर—’कर्शस्य दानव रता’ पाठ के नाटककार ‘भास’ हैं। कर्श कु न्त का पुत्र था
तथा उन् नं े इन्द्र क दान में अपना कवच और कु ण्डल कदया।
5. नारायर्पं कडत रलचत व्याघ्रपलथककथा पाठ का मूल उद्दे श्य क्या है ? 6. ‘कर्शस्य दानव रता’ पाठ के आधार पर दान की मकहमा का वर्शन करें।
उत्तर- व्याघ्रपलथककथा का मूल उद्दे श्य यह है कक कहंसक ज व अपने स्वभाव क अथवा, ‘कर्शस्य दानव रता’ पाठ के आधार पर दान के महत्व का वर्शन करें।
नह ं छ ड़ सकता है। इस कथा के द्वारा नारायर् पं कडत हमें यह लर्क्षा देते हैं कक दुष्ट उत्तर– कर्श जब कवच और कुं डल इन्द्र क देने लगतेहैं तब र्ल्य उन्ें र कते हैं।
की बात ं पर ल भ में आकर कवश्वास नह ं करना चाकहए । स च-समझकर ह काम इस पर कर्श दान की मकहमा बतलाते हुए कहते हैं कक समय के पररवतशन से लर्क्षा
करना चाकहए। इस कथा का उद्दे श्य मन रंजन के साथ व्यावहाररक ज्ञान देना है । नष्ट ह जात है, बड़े-बड़े वृक्ष उखड़ जाते हैं, जलार्य सूख जाते हैं, परंतु कदया गया
दान सदैव स्थस्थर रहता है, अथाशत दान कदाकप नष्ट नह ं ह ता है।
6.व्याघ्रपलथककथा से क्या लर्क्षा कमलत है?
अथवा, व्याघ्रपलथककथा में मूल सं देर् क्या है? 7. कर्श के प्रर्ाम करने पर इन्द्र ने उसे द घाशयु ह ने का आर् वाशद क्य ं नह ं कहा?
उत्तर- इस कथा के द्वारा नारायर् पं कडत हमें यह लर्क्षा देते हैं कक दुष्ट की बात ं पर उत्तर-इन्द्र जानते थे कक कर्श क युद् में मरना है। कर्श क यकद द घाशयु ह ने का
ल भ में आकर कवश्वास नह ं करना चाकहए। स च-समझकर ह काम करना चाकहए। आर् वाशद दे देते, त कर्श की मृत्यु युद् में सं भव नह ं ह त । वह द घाशयु ह जाता।
कु छ नह ं ब लने पर कर्श उन्ें मूखश समझता। इसललए इन्द्र ने उसे द घाशयु ह ने का
आर् वाशद न देकर सूयश, चं द्रमा, कहमालय और समुद्र की तरह यर्स्व ह ने का
आर् वाशद दे कदया।

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8. कर्श ने कवच और कं डल देने के पूवश इन्द्र से ककन-ककन च ज ं क दानस्वरूपलेने 7. कवश्वर्ास्थन्तः पाठ का पााँ च वाक्य ं में पररचय दें।
के ललए आग्रह ककया? उत्तर—आज कवश्वभर में कवलभन्न प्रकार के कववाद लछड़े हुए हैं। देर् ं में आं तररक और
उत्तर-इन्द्र कर्श से बड़ लभक्षा चाहते थे। कर्श समझ नह ं सका कक इन्द्र लभक्षा के बाह्य अर्ांकत फै ल हुई है। स मा, नद -जल, धमश, दल इत्याकद क लेकर ल ग
रूप में उनका कवच और कुं डल चाहते हैं। इसललए कवच और कं डल देने से पूवश स्वाथशप्रेररत ह कर असकहष्णु ह गये हैं। इससे अर्ांकत का वातावरर् बना हआ है।
कर्श ने इन्द्र से अनुर ध ककया कक वे सहस्र गायें, हजार ं घ डें, हाथ , अपयाशि स्वर्श इस समस्या क उठाकर इसके कनवारर् के ललए पाठ में वतशमान स्थस्थकत का कनरूपर्
मुद्राएाँ और पृथ्व (भूकम), अकग्नष्ट म फल या उसका लसर ग्रहर् करें। ककया गया है।

9. इन्द्र ने कर्श से कौन-स बड़ लभक्षा मााँ ग और क्य ?ं


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8. कवश्व में र्ांकत कै से स्थाकपत ह सकत है?
उत्तर-इन्द्र ने कर्श से बड़ लभक्षा के रूप में कवच और कुं डल मााँ ग । अजुशन की
उत्तर-कवश्व में र्ांकत का आधार एकमात्र पर पकार है। पर पकार की भावना मानव य
सहायता करने के ललए क्य कं क जबतक कर्श के पास कवच और कुं डल रहता उसे
गुर् है। सं कटकाल में सहय ग की भावना रखना ह लक्ष्य ह , तभ हम कनवैर,
मारना असं भव था |
सकहष्णुता और पर पकार से र्ांकत स्थाकपत कर सकते हैं।
13. कवश्वर्ांकत पाठ

1.कवश्व र्ांकत पाठ से हमें क्या लर्क्षा कमलत है ? 9. अर्ांकत के मूल कारर् क्या हैं ?
उत्तर -इस पाठ से हमें यह लर्क्षा कमलत है कक वतशमान समय में पूरे कवश्व में अथवा, कवश्व अर्ास्थन्त का क्या कारर् है? त न वाक्य ं में उत्तर दें।
अर्ांकत फै ल हुई है द राज्य ं के ब च एक दूसरे क न चा कदखाने के ललए र् त युद् उत्तर– वास्तव में अर्ांकत के द मूल कारर् हैं- द्वेष और असकहष्णुता । एक देर्
ह रहे हैं |इस अर्ांकत का मुख्य कारर् द्वेष और असकहष्णुता है | दुसरे देर् की उन्नकत देख जलते हैं, और इससे असकहष्णुता पैदा ह त है। ये द न ं
द ष आपस वैर और अर्ांकत के मूल कारर् हैं।
2.अर्ांकत क कै से कमटाया जा सकता है ?
उत्तर - एक दूसरे के प्रकत करुर्ा का भाव रखकर और कमत्रता का हाथ बढाकर 14. र्ास्त्रकारा
अर्ांकत क कमटाया जा सकता है | 1.र्ास्त्र हमें ककस च ज का ब ध कराता है ?
उत्तर- र्ास्त्र हमें कतशव्य और और कतशव्य का ब ध कराता है |
3.अर्ांकत के मूल कारर् क्या है ?
उत्तर -अर्ांकत के मूल कारर् द ह हैं- आपस द्वेष और सकहष्णुता है | एक देर्
2. वेदांग ककतने हैं सभ के नाम ललखें|
दूसरे देर् की उन्नकत क देख कर जलते हैं लजससे द्वेष और सकहष्णुता का जन्म ह ता
उत्तर -वेदांत 6 हैं लजनके नाम कनम्नलललखत है – लर्क्षा, कल्प, कनरुि ,व्याकरर्
है |लजसके कारर् पूरे सं सार में अर्ांकत फै ल हुई है |
छं द और ज्य कतष |

4.कवश्व र्ांकत के ललए हमें क्या करना चाकहए ?


3.वेद ं की सं ख्या ककतन है ? सभ के नाम ललखें
उत्तर- कवश्व र्ांकत के ललए कवश्व के प्रत्येक मनुष्य क एक दूसरे के साथ अच्छे सं बं ध
उत्तर - वेद ं की सं ख्या 4 हैं लजनके नाम कनम्नलललखत हैं-
रखने ह ग
ं े देर् कवदेर् में लजतने भ बड़े-बड़े नेतागर् हैं, उन्ें भ एक दूसरे के अच्छे
ऋग्वेद ,यजुवेद, मवेदसा और अथवशवेद
सं बं ध रखने ह ग
ं े ककस भ राज्य का एक दूसरे राज्य की बुराई नह ं करन चाकहए |

4.कब र्ांकत का सूरज लखलेगा ? 4. भारत य दर्शनर्ास्त्र और उनके प्रवत्तशक ं की चचाश करें।
उत्तर- लजस कदन एक देर् दूसरे देर् क बुरे समय में सहायता करने के ललए हाथ उत्तर- भारत य दर्शनर्ास्त्र छः हैं । सांख्य-दर्शन के प्रवतशक ककपल, य ग-दर्शन के
बढाएगा उस कदन र्ांकत का सूरज लखलेगा | प्रवतशक पतञ्जलल, न्याय-दर्शन के प्रवतशक गौतम, वैर्के षक दर्शन के प्रवतशक कर्ाद,
म मांसा-दर्शन के प्रवतशक जैकमन तथा वेदांत-दर्शन के प्रवतशक बादरायर् ऋकष हैं।
5. राष्टि्सं घ की स्थापना का उद्दे स्थश्य स्पं ष्ट करें
उत्तर- राष्ट्ि सं घ की स्था्पना का उद्दे श्यर द देर् ं के ब च सं भाकवत कवश्व युद् क 5. र्ास्त्रकाराः पाठ में ककस कवषय पर चचाश की गई है?
र कना है। यह समय-समय पर द देर् ं के तनाव क र कता है। उत्तर-र्ास्त्रकारा: पाठ में र्ास्त्र ं के माध्यम से सदगुर् ं क ग्रहर् करने की प्रेरर्ा है
इससे हमें अच्छे सं स्कार और यर् प्राि करने की लर्क्षा कमलत है |
6. ‘कवश्वर्ास्थन्तः ’ पाठ के आधार पर उदार-हृदयपुरुष का लक्षर् बतावें।
उत्तर- ‘कवश्वर्ास्थन्तः ’ पाठ के अनुसार उदार-हृदय पुरुष का लक्षर् है कक वह ककस 6. र्ास्त्रकाराः ’ पाठ के आधार पर सं स्कृ त की कवर्ेषता बताएाँ ।
क पराया नह ं समझता, जबककउसके ललए सार धरत ह अपन है। उदार-हृदय उत्तर- ‘र्ास्त्रकाराः ’ पाठ के अनुसार भारत य ज्ञान-कवज्ञान सं स्कृ त र्ास्त्र ं में वलर्शत
वाले के ललए सारा सं सार कु टुम्ब के सामान है। है। सं स्कृ त भाषा में ह वेद, वेदांग, उपकनषद् तथा दर्शनर्ास्त्र रलचत हैं। इस प्रकार
सं स्कृ त ल ग ं क कतशव्य-अकतशव्य, सं स्कार, अनुर्ासन आकद की लर्क्षा देता है

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