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REVISION PRACTICE PAPER TERM - 2 (2023-24)

Subject: HINDI
Grade: VIII

खंड: ‘क’ [पठन]


प्रश्न:१ क) ननम्ननिनखत अपनठत गद्यंश को ध्ययनपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर निनखए-
संस्कृ ति का सामान्य अर्थ है, मानव जीवन के दैतनक आचार-व्यवहार, रहन-सहन िर्ा तिया-कलाप आतद। वास्िव
में संस्कृ ति का तनमाथण एक लंबी परम्परा के बाद होिा है। संस्कृ ति तवचार व आचरण के वे तनयम और मूल्य हैं तजन्हें
कोई अपने अिीि से प्राप्त करिा है। इसतलए कहा जािा है तक इसे हम अिीि से अपनी तवरासि के रूप में प्राप्त करिे
हैं। दसू रे शब्दों में कहें िो सस्ं कृ ति एक तवतशष्ट जीवन-शैली का नाम है। यह एक सामातजक तवरासि है जो परंपरा से
चली आ रही होिी है। प्रायः सभ्यिा और संस्कृ ति को एक ही मान तलया जािा है, परंिु इनमें भेद हैं। सभ्यिा में
मनष्ु य के जीवन का भौतिक पक्ष प्रधान है अर्ाथि् सभ्यिा का अनमु ान भौतिक सख ु -सुतवधाओ ं से लगाया जा सकिा
है। इसके तलए तवपरीि सस्ं कृ ति को आत्मा माना जा सकिा है। इसतलए इन दोनों को अलग-अलग करके नहीं देखा
जा सकिा। वास्िव में दोनों एक-दसू रे के परू क हैं। इनका तवकास भी सार्-सार् होिा है। अंिर के वल इिना है तक
सभ्यिा समय के बाद बदलिी रहिी है, तकंिु संस्कृ ति शाश्वि रहिी है |
प्रश्न: (क) संस्कृ ति का क्या अर्थ है?
(ख) संस्कृ ति को तवरासि का स्वरूप क्यों कहा जािा है?
(ग) सभ्यिा और सस्ं कृ ति में क्या भेद है?
(घ) सभ्यिा और संस्कृ ति का क्या अर्थ है?
(ङ) गद्ांश को उतचि शीर्थक दीतजए।
प्रश्न:1.ख) ननम्ननिनखत पनठत गद्यंश को ध्ययनपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर निनखए-
NOTE: इस प्रश्न-उत्तर के निए ‘रथचक्र’ पयठ कय अध्ययन करें |
प्रश्न:2.ननम्ननिनखत कयव्य पंनिययाँ पूर्व कीनिए-
सनु ो, ...........................................................................
...................................................................कहीं अटकी हूँ ,
पर न जाने क्यों .................................................................................
.....................................................................................................
..................................................................................नहीं यति दी |”
लगा मझु को ..................................................................................
...........................................................................आज पहली बार |

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खडं : ‘ख’ [व्ययकरर्]

प्रश्न: ३. (क) ननम्ननिनखत शब्दों के र्र्व-नर्च्छे द कीनिए-


१. स्विंत्र- २.परातजि- ३ . हर्थ-तवर्ाद ४.संस्कृ ि - ५. शीिल-
प्रश्न:३. (ख) ननम्ननिनखत मुहयर्रो के अथव निखकर उसकय र्यक्य में प्रयोग कीनिए-
१. जान हर्ेली पर रखना- २.ख़ाक छानना-
३. घर फूँू क िमाशा देखना- ४. गजु र बसर करना-
प्रश्न: ३. (ग) नदए गए शब्दों के अनेकयथी रूप निनखए-
१.कल- २. अक्षर- ३.पक्ष- ४. र्ान-
प्रश्न: ३. (घ) ननम्ननिनखत र्यक्ययंशों के निए एक शब्द निनखए-
१. जो बाद में अतधकारी बने - २. जो तबना वेिन के काम करे -
३. जो ईश्वर में तवश्वास रखिा हो- ४.जो काननू के अनसु ार हो-
५. तशष्टाचारवश तकया गया कायथ- ६. जो अतहसं ा में तवश्वास रखे -
प्रश्न:३. (ङ) ननम्ननिनखत शब्दों के दो-दो पययवयर्यचक शब्द निनखए-
१. दररध्र- २.तकरण- ३.चंद्रमा ४. दतु नया- ५.दशा- ६.तिरस्कार
प्रश्न:३. (च)ननम्ननिनखत शब्दों के नर्िोम शब्द निनखए-
१. िरल x २. उत्र्ान x ३. उदार x ४.धृणा x ५. जन्म x ६.कोमल x
प्रश्न:३. (छ) नदए गए समयसो के नर्ग्रह कीनिए -
१. श्वेिाम्बरी २.आना-जाना ३. पीिाम्बर- ४. दशानान- ५. तगररधर-
प्रश्न:३. (ि) ननम्ननिनखत समयस के उनचत भेद पहचयनकर निनखए-
१.अठन्नी- २. राधा-कृ ष्ण - ३. दोपहर- ४. अपना-पराया ५. नीलकंठ- ६.तत्रनेत्र-
प्रश्न:३. (झ) ननम्ननिनखत कयि के उनचत भेद पहचयनकर उसके भेद निनखए-
१.अध्यापक कक्षा में ‘रर्चि’ पाठ पढ़ाएूँगे |
२. सोना और मोना सार् बैठकर खाना खा रही हैं |
३.आज पाठशाला में कक्षाएूँ अपने समय से चलेगी |
४ . कल की मैच में हमारी टीम ने अच्छा प्रदशथन तकया |
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५.तपिाजी उपन्यास पढ़ रहे र्े |
५. हमारी बस आ चक
ु ी होगी |
६.माूँ कपड़े सख
ु ा रही हैं |
खंड: ‘ग’[सयनहत्य]
प्रश्न:४. (अ) ननम्ननिनखत प्रश्नों के उत्तर नर्कल्पों में से चुनकर निनखए-
१. ‘रर्चि’ पाठ का सातहत्य प्रकार क्या है?
२. कतव तकस बाि से दख ु ी र्ा ?
३. वानर तशशु कै से खेल रहे र्े?
४. हमें जीवन पर् पर कै से आगे बढ़ना चातहए?
५.हमें जीवन पर् पर कै से आगे बढ़ना चातहए?
६. हमें जीवन पर् पर कै से आगे बढ़ना चातहए?
७ हमें तकससे घबराना नहीं चातहए ?
८. लोग बंदरों को गड़ु और चना क्यों तखलािे र्े?
९. बड़े भैया की मृत्यु कै से हुई?
१०. कतव तकस बाि से दख
ु ी र्ा
प्रश्न:४. (ब) प्रश्नों के उत्तर दो-तीन र्यक्यों में निनखए-
१. लेखक वानर जीवन से क्यों प्रभातवि हुआ?
२. हवा की तकस बाि ने कतव को प्रभातवि तकया ?
३. बड़े भैया ने जीिू से क्या कह?
४. ‘रर्चि’ से लेखक का क्या िात्पयथ है?
५. हवा की बाि का कतव पर क्या प्रभाव पड़ा और उसने क्या तसखा?
प्रश्न:४. (क) प्रश्नों के उत्तर निनखए-
१. ‘प्यार में हार भी जीि है, जीि भी हार है’ इस कर्न को पाठ के आधार पर समझाइए |
२. बाग़ के बदं रों और गाड़ी के बदं रों के व्यवहार में अिं र क्यों र्ा?
३.‘तजन पर पौधे अब मझु े रोपने हैं’- इन शब्दों द्वारा लेखक क्या कहना चाहिे हैं ?

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खंड: ‘घ’[रचनयत्मक-िेखन]
प्रश्न:५. (अ) नदए गए नर्षय पर ५०-६० शब्दों में अनुच्छे द-िेखन कीनिए-
१. सवथतशक्षा अतभयान
प्रश्न:५. (ब) पत्र-िेखन कीनिए
१.64 दयानंद तवहार, सबु ोध कॉलोनी, तदल्ली- 110092 से अंशमु न अपने तमत्र सदु शथन को परीक्षा में
असफल होने पर उसे प्रोत्सातहि करिे हुए पत्र तलखिा है |
प्रश्न:५. (क) िघुकथय -िेखन कीनिए-
(क) ‘मेहनत की कमयई’
संकेत: आलसी लड़का, पैसों से भरा एक र्ैला, तबना प्रयास के ही इिने सारे पैसे, व्यर्थ खचथ, कायथ
करने की कोई आवश्यकिा ही नहीं, कद्र और उपयोतगिा

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