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General Studies Paper – I (सामान्य अध्ययन पेपर – I)

NAME

Q. No. Marks महत्त्वपूर्ण ननर्दे श (IMPORTANT INSTRUCTIONS)


1. • Please fill up all desired details properly on Cover Sheet of Question-Answer
Booklet with Blue Ball Point Pen before answering. प्रश्नोत्तर पुस्तिका में प्रश्न हल
2. करने से पूर्व कर्र पष्ृ ठ पर सभी र्ाांछिि वर्र्रण नीले बॉल पर्ाांइट पेन से सार्धानीपूर्क

3. भरें ।
4. • The question paper is divided into different units and parts. The number of
questions to be attempted and their marks are indicated in each unit and
5. parts. प्रश्न-पत्र वर्भभन्न यूछनट एर्ां भागों में वर्भास्िि है । प्रत्येक यूछनट एर्ां भाग में
6. हल ककये िाने र्ाले प्रश्नों की सांख्या और उनके अांक उस यूछनट एर्ां भाग में अांककि
7. ककये गए हैं।
8. • Candidates are directed to write answers only in the prescribed space of
booklet. They should not write answer outside. the border line. Answer
9. written outside the border line will not be checked. अभ्यर्थवयों को छनर्दे भिि ककया
10. िािा है कक ककसी भी प्रश्न का उत्तर प्रश्नोत्तर पुस्तिका में छनधावररि तथान पर ही भलखें।
बॉर्वर लाईन से बाहर प्रत्युत्तर नहीां भलखें बॉर्वर लाईन के बाहर भलखे गये उत्तर को िााँचा
नहीां िायेगा।
• The candidates should not write the answers beyond the prescribed limit of
words, failing this, marks may be deducted. अभ्यर्थवयों को उत्तर छनधावररि िब्र्द
सीमा से अर्धक नहीां भलखना चाहहए, इसका उल्लांघन करने पर अांक काटे िा सकिे हैं।

मापदडं रेट ंग (RATING) ट प्पणी (REMARK)

िद्
ु धिा
लय और िारिम्यिा
प्रतिुछिकरण
वर्षयर्तिु ज्ञान
तपष्टिा
छनबांध (Intro and conclusion)
छनबांध (Body)
2

Unit -1 (यूननट -1)


Part – A(भाग – अ)
Note: Attempt all questions. Answer the following questions in 15 words each. Each
question carries 2 marks.
नोट : सभी प्रश्ोों के उत्तर र्दें । ननम्न प्रश्ोों का उत्तर 15-15 शब्ोों में र्दें । प्रत्येक प्रश् के 2 अोंक ननर्ाणररत हैं।

Q1. डबरा नकसान आों र्दोलन


Dabra Peasant Movement.
Ans. डबरा किसान आं दोलन भारत िे उत्तर प्रदे श राज्य िे बुलंदशहर किले में डबरा गां व में हुआ एि किसान आं दोलन था। यह
आं दोलन 2012 में शुरू हुआ और 2013 में समाप्त हुआ।
इस आों र्दोलन के मूल कारर् थे :
• सरिार द्वारा किसानों से भूकम अकिग्रहण: सरिार ने डबरा गां व में एि औद्योकगि क्षेत्र कविकसत िरने िे कलए भूकम
अकिग्रहण िी योिना बनाई थी।
• भूकम अकिग्रहण िे कलए किसानों िो िम मुआविा: सरिार द्वारा किसानों िो भूकम अकिग्रहण िे कलए िम मुआविा कदया
िा रहा था।
• इस आं दोलन में डबरा गां व िे किसानों िे अलावा, अन्य गां वों िे किसानों ने भी भाग कलया। किसानों ने आं दोलन में शाकमल
होने िे कलए डबरा गां व में एि कशकवर लगाया।

Q2. वीर बाला रा नाटक


Veer bala ra drama
Ans.
• वीर बाला रा नाटि एि रािस्थानी लोि नाटि है िो वीरता और साहस िी िहानी िहता है । इस नाटि िा मुख्य पात्र
एि छोटा लड़िा है िो अपने गां व िो एि खलनायि से बचाता है ।
• नाटि िी शुरुआत में , एि खलनायि एि छोटे से गां व पर हमला िरता है । वह गां व िे लोगों िो परे शान िरता है और
उनिा माल लू टता है । गां व िे लोग खलनायि से बहुत डरते हैं ।
• एि कदन, एि छोटा लड़िा, किसिा नाम बाला है , खलनायि से लड़ने िा फैसला िरता है । बाला बहुत साहसी और वीर
है । वह खलनायि से लड़ता है और उसे हरा दे ता है ।
• गां व िे लोग बाला िी वीरता से बहुत खुश होते हैं । वे बाला िो अपना नायि मानते हैं । बाला गां व िे लोगों िी रक्षा िरता है
और उन्हें खुशी से रहने में मदद िरता है ।
• नाटि िा नायि, बाला, एि आदशश वीरता िा प्रतीि है । वह साहसी, दयालु, और न्यायकप्रय है । वह अपने गां व िे लोगों िी
रक्षा िरने िे कलए हमेशा तैयार रहता है ।
• नाटि िी िहानी सरल है , लेकिन यह बहुत ही प्रेरणादायि है । यह हमें कसखाती है कि वीरता और साहस से सब िुछ
हाकसल किया िा सिता है ।

Q3. मुद्राराक्षस
Mudrārākṣasa
Ans. मुद्राराक्षस एि संस्कृत ऐकतहाकसि नाटि है , किसिा लेखन कवशाखदत्त ने किया था। इसिी रचना चौथी शताब्दी में हुई थी।
इसमें चाणक्य और चन्द्रगुप्त मौयश संबंिी ख्यात वृत्त िे आिार पर चाणक्य िी रािनीकति सफलताओं िा अपूवश कवश्लेषण
कमलता है ।
मुद्राराक्षस की कुछ प्रमुख नवशेषताएों ननम्ननलखखत हैं:
• यह एि ऐकतहाकसि नाटि है , िो चन्द्रगुप्त मौयश और चाणक्य िे िीवन पर आिाररत है ।
• यह एि रािनीकति रहस्य-रोमां च भी है , किसमें चाणक्य और राक्षस िे बीच िी रािनीकति चालबाकियों िा िीवंत कचत्रण
किया गया है ।
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• नाटििार ने चाणक्य िी रािनीकति बुद्धिमत्ता और राक्षस िे रािनीकति िुशलता िा अद् भुत कचत्रण किया है ।
• नाटि िी भाषा संस्कृत िी सुंदर और प्रभावी है ।
• नाटि ने भारतीय साकहत्य और संस्कृकत पर गहरा प्रभाव डाला है ।

Q4. मसनवी-ए-अकबर
Masnavi-e-Akbar
Ans. मसनवी-ए-अिबर अिबर िे दरबारी िकव और दाशशकनि फैजी द्वारा कलखी गई एि मसनवी है । यह एि िाकमशि और
दाशशकनि रचना है , िो इस्लाम िे कसिां तों और आदशों िा वणशन िरती है । इसे अिबर िे शासनिाल िे दौरान फारसी
साकहत्य िे कविास में एि महत्वपूणश योगदान माना िाता है ।
रचना में, फैजी ने ईश्वर, पैगंबर, िमश और मुसलमानों िे ितशव्ों पर चचाश िी है । उन्होंने इस्लाम िे कसिां तों िो एि ऐसे
दृकििोण से प्रस्तुत किया है िो सभी िमों िे लोगों िे कलए अपील िर सिता है ।

Q5. चौरी चौरा काोंड


Chauri Chaura incident
Ans. चौरी चौरा िां ड 4 फरवरी 1922 िो किकटश भारत िे संयुक्त प्रां त (अब उत्तर प्रदे श) िे गोरखपुर किले िे चौरी चौरा गां व में
हुआ था। यह घटना महात्मा गां िी िे नेतृत्व में चल रहे असहयोग आं दोलन िे कलए एि महत्वपूणश मोड़ थी।
4 फरवरी िो, असहयोग आं दोलन में भाग ले ने वाले एि समूह ने चौरी चौरा में पुकलस से कभड़ं त िी। पुकलस ने गोलीबारी िी,
किसमें तीन नागररि मारे गए। बदले में , प्रदशशनिाररयों ने पुकलस स्टे शन पर हमला किया और आग लगा दी, किसमें 22
पुकलसिमी मारे गए।
चौरी चौरा में कहं सा से महात्मा गांिी बहुत व्कथत थे। उनिा मानना था कि यह घटना अकहं सा िे कसिां तों िा उल्लंघन िरती
है और पूरे असहयोग आं दोलन िो खतरे में डाल सिती है । इसिे पररणामस्वरूप, गां िी ने 12 फरवरी 1922 िो असहयोग
आं दोलन िो वापस ले कलया।

Part – B
भाग – ब
Note: Attempt all questions- Answer the following questions in 50 words each- Each question
carries 5 marks
नोटः सभी प्रश्ोों के उत्तर र्दें । ननम्न प्रश्ोों का उत्तर 50-50 शब्ोों में र्दे । प्रत्येक प्रश् के 5 अोंक है ।

Q6. राजस्थान के इनतहास में पुराताखिक नसक्के पर लेख नलखखए ।


Write an article on archaeological coins in the history of Rajasthan.
Ans. रािस्थान िे इकतहास में पुराताद्धत्वि कसक्ों िा महत्वपूणश स्थान है । यहााँ पर िई प्राचीन कसक्ों िे उदाहरण हैं ,
किनिे अकद्वतीय कचह्न और लेखनी कवशेष िारणा िरते हैं ।
1. गुप्त रािवंश: रािस्थान क्षेत्र में गुप्त रािवंश िे कसक्े पाए गए हैं , िो मैंती और अचलपुर में कमले हैं ।
2. मॆवाड़: महाराणा िुम्भ िे समय िे कसक्े मेवाड़ िे पुराताद्धत्वि िरोहर िे महत्वपूणश कहस्से हैं ।
3. अमेर: अमेर क्षेत्र िे पुराताद्धत्वि खिाने में अिबर िे शासनिाल िे कसक्े भी कमले हैं , किनमें उसिे िमश कनरपेक्ष
दरबार िा प्रकति दशाश या गया है।
4. मोहनिोदड़ो: रािस्थान िे कसंिु-सरस्वती सभ्यता िे कसक्े, िैसे कि मोहनिोदड़ो िे कसक्े, इस क्षेत्र िे पुराताद्धत्वि
िरोहर िे महत्वपूणश कहस्से हैं ।
इन कसक्ों िे माध्यम से , हम रािस्थान िे पुराताद्धत्वि िरोहर िी िरोहर और इकतहास िा मध्यकनवाश चन िर सिते हैं ,
िो हमारे पूवशिों िी सां स्कृकति िरोहर िो प्रिट िरते हैं ।
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Q7. आहड़ सभ्यता पर सोंनक्षप्त नटप्पर्ी नलखखए ।


Write a short note on Ahad civilization
Ans. रािस्थान िी आहड़ सभ्यता भारतीय उपमहाद्वीप िे पकिमी भूभाग में द्धस्थत एि महत्वपूणश प्राचीन सभ्यता थी। यह
सभ्यता लगभग 3000 ईसा पूवश से 1400 ईसा ति कविकसत हुई थी और इसिा मुख्य क्षेत्र आहड़ प्रदे श (आििल िे
झालावाड़ और नागौर किले) में था।
• आहड़ सभ्यता िे लोग उनिे कवशेष ग्राम्य कविास, िृकष, ग्रामीण िीवन, और िला-संस्कृकत िे कलए प्रकसि थे। इन्होंने
चब्बा, कभणवरी, और िुलदे वता िे मंकदर कनमाश ण किए, िो वास्तुिला में उनिी उच्चतम शंगाररि शैली िा प्रतीि हैं ।
• इनिी भाषा आहड़ी थी, किसिे शंगाररि शैली िा कविास हुआ था, और इनिी कलकप महािनपद सां थवाड़, किसिा
कहन्दी िे बगीचा संग्रह है , िे कलए अत्यंत महत्वपूणश है ।
• आहड़ सभ्यता ने अपने सामाकिि संरचना और सां स्कृकति िरोहर िे माध्यम से भारतीय सभ्यता िो योगदान किया,
और इसिा अध्ययन हमें भारतीय इकतहास और संस्कृकत िी महत्वपूणश पहलुओं िे बारे में िानिारी प्रदान िरता है ।
Q8. कन्है यालाल सेनिया की सानहखत्यक उपलखियाों नलखखए ।
Write the literary achievements of Kanhaiyalal Sethia.
Ans. िन्है यालाल सेकिया रािस्थानी भाषा िे महान िकव थे। उन्हें स्वतं त्रता संग्राम िे दौरान अपनी रािरवादी िाव् िे कलए
युग-चारण िी भूकमिा कनभाने िे कलए िाना िाता है । उन्हें 2004 में पद्मश्री, साकहत्य अिादमी पुरस्कार तथा 1988 में
ज्ञानपीि िे मूकतशदेवी साकहत्य पुरस्कार से भी सम्माकनत किया गया था।
कन्है यालाल सेनिया की सानहखत्यक उपलखियाों ननम्ननलखखत हैं:
• रािस्थानी भाषा िे कविास में योगदान: िन्है यालाल सेकिया ने रािस्थानी भाषा िो एि आिुकनि स्वरूप प्रदान किया।
उन्होंने रािस्थानी भाषा में िकवता, नाटि, िहानी, कनबंि, आलोचना आकद सभी कविाओं में कलखा। उनिे द्वारा रकचत
साकहत्य ने रािस्थानी भाषा िो रािरीय और अंतराश िरीय स्तर पर पहचान कदलाई।
• रािरवादी िाव्: िन्है यालाल सेकिया स्वतंत्रता संग्राम िे दौरान सकिय रहे । उन्होंने अपनी िकवताओं िे माध्यम से
दे शभद्धक्त और स्वतंत्रता िी भावना िो प्रसाररत किया। उनिी िकवताएं आि भी लोगों िो प्रेररत िरती हैं ।
• लोिकप्रयता: िन्है यालाल सेकिया िी िकवताएं आम लोगों िे बीच बहुत लोिकप्रय हैं । उनिी िकवताएं सरल भाषा में
कलखी गई हैं , किनमें रािस्थानी सं स्कृकत और परं पराओं िी झलि कमलती है ।
कन्है यालाल सेनिया की कुछ प्रमुख रचनाएों ननम्ननलखखत हैं:
• िाव् संग्रह: िरती िोरा री, पाथल और पीथल, सुिानगढ़, गीता, रामायण
• नाटि: रतनमल, प्रे मलता, वीर कशरोमकण महाराणा प्रताप
• िहानी संग्रह: ढुं ढवा, वनवास
• कनबंि संग्रह: रािस्थानी साकहत्य िा इकतहास, रािस्थानी भाषा और साकहत्य
• आलोचना: रािस्थानी साकहत्य िा कववेचन
िन्है यालाल सेकिया रािस्थानी भाषा िे एि महान िकव थे। उन्होंने रािस्थानी भाषा और साकहत्य िो समृि बनाने में
महत्वपूणश योगदान कदया। उनिी रचनाएं आि भी लोगों िो प्रेररत िरती हैं ।

Q9. पुनजाणगरर् के प्रमुख कारर्ोों का वर्णन करें ।


Describe the main causes of Renaissance.
Ans. पुनिाश गरण एि सां स्कृकति और बौद्धिि आं दोलन था किसने यूरोपीय संस्कृकत और िला में एि नई चेतना िो िन्म
कदया। इस आं दोलन ने प्राचीन ग्रीस और रोम िे संस्कृकत और िला िो पुनिीकवत िरने पर िोर कदया। पुनिाश गरण ने
मानवतावाद, िमशकनरपेक्षता और वैज्ञाकनि प्रगकत िो बढ़ावा कदया।
पुनजाणगरर् के प्रमुख कारर्ोों में शानमल हैं:
• मध्ययुगीन युग िे अंत और आिुकनि युग िी शुरुआत: पुनिाश गरण मध्ययुगीन युग िे अंत और आिुकनि युग िी
शुरुआत िा प्रतीि था। इस अवकि िे दौरान, यूरोपीय समाि और संस्कृकत में िई महत्वपूणश बदलाव हुए।
• प्राचीन ग्रीस और रोम िे संस्कृकत और िला िा पुनिाश गरण: पुनिाश गरण ने प्राचीन ग्रीस और रोम िे संस्कृकत और िला
िो पुनिीकवत िरने पर िोर कदया। इस अवकि िे दौरान, िई कवद्वानों और िलािारों ने प्राचीन ग्रीि और रोमन ग्रंथों
और िलािृकतयों िा अध्ययन किया।
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• मुद्रण प्रौद्योकगिी िा कविास: मुद्रण प्रौद्योकगिी िे कविास ने ज्ञान िो व्ापि रूप से फैलाने में मदद िी। इसने
पुनिाश गरण िे कवचारों और कवचारों िे प्रसार िो भी सक्षम बनाया।
• व्ापार और वाकणज्य िा कविास: व्ापार और वाकणज्य िे कविास ने यूरोपीय लोगों िो दु कनया िे अन्य कहस्सों से संपिश
िरने िी अनुमकत दी। इसने नए कवचारों और कवचारों िे प्रसार िो भी सक्षम बनाया।

Q10. नकन उद्दे श्ोों को लेकर महात्मा गाोंर्ी ने असहयोग आों र्दोलन प्रारम्भ नकया?
With what objectives did Mahatma Gandhi launch the Non-Cooperation Movement?
Ans. असहयोग आं दोलन एि अकहं सि आं दोलन था किसिी शुरुआत महात्मा गां िी ने 1 अगस्त 1920 िो िी थी। इस
आं दोलन िा मुख्य उद्दे श्य भारत िो किकटश शासन से मुक्त िराना था। असहयोग आं दोलन भारतीय रािरीय आन्दोलन
िा एि महत्वपूणश चरण था, किसने भारत िो स्वतंत्रता िे िरीब पहुं चाया।
महात्मा गाोंर्ी ने असहयोग आों र्दोलन को ननम्ननलखखत उद्दे श्ोों को लेकर प्रारम्भ नकया:
• भारत िो किकटश शासन से मुक्त िराना: असहयोग आं दोलन िा मुख्य उद्दे श्य भारत िो किकटश शासन से मुक्त िराना
था। गां िी िी िा मानना था कि अकहं सा और सत्याग्रह िे माध्यम से भारत किकटश शासन से स्वतंत्र हो सिता है ।
• भारतीय समाि में सामाकिि और रािनीकति पररवतशन लाना: असहयोग आं दोलन ने भारतीय समाि में भी िई
महत्वपूणश पररवतशन किए। इस आं दोलन ने भारतीय िनता िो िागरूि बनाया और उन्हें सामाकिि और रािनीकति
अकििारों िे कलए संघषश िरने िे कलए प्रेररत किया।
• भारतीय रािरीय आन्दोलन िो एि नई कदशा दे ना: असहयोग आं दोलन ने भारतीय रािरीय आन्दोलन िो एि नई कदशा
दी। इस आं दोलन ने भारतीय रािरीय आन्दोलन िो अकिि व्ापि और िनव्ापी रूप कदया।
असहयोग आों र्दोलन के प्रमुख कायणक्रम ननम्ननलखखत थे :
• सरिारी स्कूलों, िॉलेिों और अदालतों िा बकहष्कार: इस िायशिम िे तहत, भारतीय िनता ने सरिारी स्कूलों,
िॉलेिों और अदालतों िा बकहष्कार किया।
• कवदे शी वस्तुओं िा बकहष्कार: इस िायशिम िे तहत, भारतीय िनता ने कवदे शी वस्तुओं िा बकहष्कार किया।
• स्वदे शी वस्तुओं िा प्रयोग: इस िायशिम िे तहत, भारतीय िनता ने स्वदे शी वस्तुओं िा प्रयोग किया।
• हररिनों िे उत्थान िे कलए िायश: इस िायशिम िे तहत, भारतीय रािरीय िां ग्रेस ने अछूतों िे उत्थान िे कलए िायश
किया।
असहयोग आं दोलन ने भारत में किकटश शासन िे द्धखलाफ एि व्ापि आं दोलन िो िन्म कदया। इस आं दोलन ने
भारतीय िनता में स्वतंत्रता िी भावना िो प्रज्वकलत किया और उन्हें किकटश शासन िे द्धखलाफ सं गकित िरने में मदद
िी। हालां कि, चौरी चौरा िां ड िे िारण गां िी िी ने असहयोग आं दोलन िो वापस ले कलया।

PART - C
भाग - स
Note: Attempt all questions- Answer the following questions in 100 words each- Each
question carries 10 marks
नोटः सभी प्रश्ोों के उत्तर र्दें । ननम्न प्रश्ोों का उत्तर 100-100 शब्ोों में र्दे । प्रत्येक प्रश् के 10 अोंक है ।

Q11. प्रजामोंडल आों र्दोलन के सामानजक एवों राजनीनतक प्रभावोों की नववेचना कीनजए ।
Discuss the social and political effects of Prajamandal movement
Ans. प्रिामंडल आं दोलन िे सामाकिि एवं रािनीकति प्रभाव
प्रिामंडल आं दोलन ने रािस्थान िे सामाकिि एवं रािनीकति िीवन में महत्वपूणश प्रभाव डाले। सामाकिि रूप से , इस
आं दोलन ने लोगों में रािनीकति चेतना और िागरूिता िो बढ़ावा कदया। इसने लोगों िो उनिे अकििारों िे बारे में
िागरूि किया और उन्हें रािनीकति भागीदारी िे कलए प्रेररत किया।
रािनीकति रूप से , इस आं दोलन ने रािस्थान में लोितंत्र िी स्थापना में महत्वपूणश भूकमिा कनभाई। इस आं दोलन ने
ररयासतों में उत्तरदायी शासन िी मां ग िो मिबूत किया। इसने ररयासतों में संकविान सभाओं िे गिन और कविान
सभाओं िी स्थापना में मदद िी।
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प्रमुख सामानजक प्रभाव:


• लोगों में रािनीकति चेतना और िागरूिता में वृद्धि
• लोगों में अपने अकििारों िे प्रकत िागरूिता में वृद्धि
• मकहलाओं और दकलतों िी रािनीकति भागीदारी में वृद्धि
• सामाकिि सुिारों िी मांग में वृद्धि
प्रमुख राजनीनतक प्रभाव:
• ररयासतों में उत्तरदायी शासन िी मां ग िो मिबूत िरना
• ररयासतों में संकविान सभाओं िे गिन में मदद िरना
• ररयासतों में कविान सभाओं िी स्थापना में मदद िरना
• भारत िे स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
ननष्कषण:
प्रिामंडल आं दोलन रािस्थान िे इकतहास में एि महत्वपूणश आं दोलन था। इस आं दोलन ने रािस्थान िो एि
लोितां कत्रि राज्य बनने में महत्वपूणश भूकमिा कनभाई।

Q12. राजस्थानी सानहत्य में लोक सानहत्य का एक महिपूर्ण स्थान है। समझाइए
Folk literature has an important place in Rajasthani literature. Explain.
Ans. रािस्थानी साकहत्य में लोि साकहत्य िा एि महत्वपूणश स्थान है । लोि साकहत्य रािस्थान िी संस्कृकत और लोििीवन
िा दपशण है । यह रािस्थानी समाि िे कवकभन्न वगों और समुदायों िी भावनाओं , कवचारों और आिांक्षाओं िो अकभव्क्त
िरता है ।
राजस्थानी सानहत्य में लोक सानहत्य का महि ननम्ननलखखत है:
• संस्कृकत और लोििीवन िा दपशण: लोि साकहत्य रािस्थानी संस्कृकत और लोििीवन िा एि महत्वपूणश दस्तावेि है ।
यह रािस्थानी समाि िे कवकभन्न वगों और समुदायों िे िीवन, रीकत-ररवािों, परं पराओं और मान्यताओं िो दशाश ता है ।
• भाषा और साकहत्य िे कविास में योगदान: लोि साकहत्य रािस्थानी भाषा और साकहत्य िे कविास में महत्वपूणश योगदान
दे ता है । यह रािस्थानी भाषा िो समृि और कविकसत िरता है ।
• सामाकिि चेतना िा प्रसार: लोि साकहत्य सामाकिि चेतना िा प्रसार िरने में महत्वपूणश भूकमिा कनभाता है । यह लोगों
में सामाकिि न्याय, समानता और भाईचारे िी भावना िो िागृत िरता है ।
• आनंद और मनोरं िन िा सािन: लोि साकहत्य रािस्थानी लोगों िे कलए आनंद और मनोरं िन िा एि महत्वपूणश सािन
है । यह लोगों िो उनिे दै कनि िीवन िी िकिनाइयों से राहत कदलाता है ।
राजस्थानी लोक सानहत्य में नवनभन्न नवर्ाएों शानमल हैं , नजनमें लोकगीत, लोककथाएँ , लोक नाटक, लोकोखि,
कहावतें और मुहावरे आनर्द शानमल हैं। राजस्थानी लोक सानहत्य की कुछ प्रमुख रचनाएँ ननम्ननलखखत हैं:
• लोिगीत: ढोला मारू रा दू हा, वीर हम्मीर रा छं द, वीर रािौड़ रा छं द, मेवाड़ी पनघकटयााँ , गराकसया गीते , आकदवासी गीते ,
आकद।
• लोििथाएाँ : पृथ्वीराि रासो, हम्मीर रा सोरिा, बेकल िृष्ण रुिमणी री, वीर कशरोमकण महाराणा प्रताप, आकद।
• लोि नाटि: वीर हम्मीर रा नाटि, वीर बाला रा नाटि, आकद।
• लोिोद्धक्त, िहावतें और मुहावरे : सााँ झ ढले पौिा न रोकपयो, अन्नदान से भगवान प्रसन्न होते हैं , आकद।
रािस्थानी लोि साकहत्य रािस्थानी संस्कृकत और साकहत्य िा एि अमूल्य खिाना है । यह रािस्थानी लोगों िे कलए एि
महत्वपूणश कवरासत है ।

Q13. भारत के पुनजाणगरर् में स्वामी नववेकानन्द का नवनशष्ट योगर्दान क्या था?
What was the special contribution of Swami Vivekananda in the awakening of India?
Ans. स्वामी कववेिानन्द ने भारत िे पुनिाश गरण में महत्वपूणश भूकमिा कनभाई। उन्होंने भारत िो एि नई कदशा दी और
भारतीयों िो एि नई आशा दी। उनिे कवचार और प्रेरणा आि भी भारत िे लोगों िो प्रेररत िर रही हैं ।
स्वामी नववेकानन्द ने भारत के पुनजाणगरर् में ननम्ननलखखत नवनशष्ट योगर्दान नर्दए:
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• भारतीय संस्कृकत और िमश िा वैकश्वि स्तर पर प्रचार किया। स्वामी कववेिानन्द ने कशिागो िी कवश्व िमश संसद में कदए
अपने भाषण में भारतीय संस्कृकत और िमश िो कवश्व िे सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने भारतीय संस्कृकत और िमश िी
प्राचीनता, महानता और आिुकनिता िो दु कनया िे सामने पेश किया।
• भारतीय युवाओं में दे शभद्धक्त और आत्मकवश्वास िी भावना िागृत िी। स्वामी कववेिानन्द ने भारतीय युवाओं िो
िागरूि किया कि भारत एि महान दे श है और भारतीयों में अपार क्षमता है । उन्होंने युवाओं िो दे श िे कलए िाम
िरने और दे श िो महान बनाने िे कलए प्रेररत किया।
• सामाकिि सुिारों िो बढ़ावा कदया। स्वामी कववेिानन्द ने िाकत, िमश और कलंग िे आिार पर भेदभाव िे द्धखलाफ
आवाि उिाई। उन्होंने मकहलाओं िे अकििारों िो बढ़ावा कदया और सामाकिि िुरीकतयों िो दू र िरने िे कलए िाम
किया।
स्वामी नववेकानन्द के योगर्दान की कुछ प्रमुख नवशेषताएों ननम्ननलखखत हैं:
• उन्होंने भारतीय संस्कृकत और िमश िो कवश्व िे सामने प्रस्तुत किया।
• उन्होंने भारतीय युवाओं में दे शभद्धक्त और आत्मकवश्वास िी भावना िागृत िी।
• उन्होंने सामाकिि सुिारों िो बढ़ावा कदया।
स्वामी नववेकानन्द के योगर्दान से भारत में ननम्ननलखखत पररवतणन आए:
• भारतीयों में दे शभद्धक्त और आत्मकवश्वास िी भावना बढ़ी।
• सामाकिि िुरीकतयों िो दू र िरने िे कलए प्रयास किए गए।
• भारतीय संस्कृकत और िमश िो कवश्व िे सामने प्रस्तुत किया गया।
स्वामी कववेिानन्द िे योगदान िो भारत िे इकतहास में एि महत्वपूणश मील िा पत्थर माना िाता है।

Q14. फ्ाोंसीसी क्राोंनत से आप क्या समझते हैं , उन कारर्ोों और घटनाओों के बारे में बात करें नजनके कारर् फ्ाोंस में
महिपूर्ण नवकास हुआ।
What do you understand about the French Revolution, talk about the causes and events that
led to important developments in France.
Ans. फ्ां सीसी िां कत 1789 से 1799 िे बीच फ्ां स में हुई एि रािनीकति और सामाकिि िां कत थी। िां कत ने फ्ां स में एि
कनरं िुश रािशाही िो समाप्त िर कदया और एि गणतंत्र िी स्थापना िी। िां कत ने दु कनया भर में लोितंत्र और
स्वतंत्रता िी भावना िो बढ़ावा कदया।
क्राोंनत के प्रमुख कारर् थे :
• रािनीकति िारण: फ्ां स में रािशाही एि कनरं िुश व्वस्था थी। रािा िे पास असीकमत शद्धक्त थी, और वह िनता िे
कहतों िी परवाह नही ं िरता था
• फ्ां सीसी िां कत िे दौरान रािा लुई XVI
• आकथशि िारण: फ्ां स में आकथशि असमानता बहुत अकिि थी। िुलीन वगश और चचश िे पास अकििां श िन और संपकत्त
थी, िबकि आम लोग गरीबी में िी रहे थे।
• सामाकिि िारण: फ्ां स में सामाकिि असमानता भी बहुत अकिि थी। िुलीन वगश और चचश िो कवशेषाकििार प्राप्त थे ,
िबकि आम लोग उन्हें प्राप्त नही ं थे।
सां स्कृकति िारण: फ्ां स में प्रबुिता िे युग िे कवचारों िा प्रसार हो रहा था। इन कवचारों ने लोगों िो स्वतंत्रता, समानता
और बंिुत्व िे अकििारों िे कलए प्रेररत किया।
क्राोंनत के प्रमुख घटनाक्रमोों में शानमल हैं:
• 1789: तीसरे एस्टे ट ने नेशनल असेंबली िा गिन किया।
• 1789: बास्टील िी घेराबंदी और कविय।
• 1791: संकविान िी घोषणा।
• 1792: फ्ां स गणतंत्र घोकषत किया गया।
• 1793: लुई XVI िो मार डाला गया।
• 1793-94: फ्ां सीसी िांकतिारी शासन िा दमनिारी चरण, किसे "द टे रर" िहा िाता है ।
• 1794: नेपोकलयन बोनापाटश िी सत्ता में वापसी।
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क्राोंनत ने फ्ाोंस में कई महिपू र्ण पररवतण न नकए, नजनमें शानमल हैं:
• रािशाही िो समाप्त िर कदया गया और एि गणतंत्र िी स्थापना िी गई।
• मानवाकििारों िी घोषणा िारी िी गई, किसमें सभी मनुष्ों िो समान अकििारों िे कलए प्रकतबिता व्क्त िी गई।
• सामाकिि और आकथशि सुिार किए गए, किसमें चचश िी संपकत्त िो िब्त िरना और किसानों िो भूकम िा अकििार
दे ना शाकमल है ।
• फ्ां सीसी िां कत ने दु कनया भर में लोितंत्र और स्वतंत्रता िी भावना िो बढ़ावा कदया।
िां कत िा दु कनया भर िे इकतहास पर गहरा प्रभाव पड़ा। इसने यूरोप में कनरं िुश रािशाही िे पतन िो तेि किया और लोितंत्र
और स्वतंत्रता िी भावना िो बढ़ावा कदया। िां कत ने िई अन्य दे शों में िां कत और कवद्रोह िो भी प्रेररत किया।

Unit -II (यूननट - II)


Part – A (भाग – अ)
Note: Attempt all questions. Answer the following questions in 15 words each. Each question carries
2 marks.
नोट : सभी प्रश्ोों के उत्तर र्दें । ननम्न प्रश्ोों का उत्तर 15-15 शब्ोों में र्दें । प्रत्येक प्रश् के 2 अोंक ननर्ाणररत हैं ।

Q1. उभरती अथणव्यवस्था की अवर्ारर्ा को समझाइये।


Explain the concept of emerging economy.
Ans. उभरती अथशव्वस्थाएं वे अथशव्वस्थाएं हैं िो तेिी से बढ़ रही हैं और औद्योगीिरण िी प्रकिया से गुिर रही हैं । इन
अथशव्वस्थाओं में आमतौर पर उच्च आकथशि कविास दर, िम आय स्तर और बढ़ता मध्यम वगश होता है । उभरती अथशव्वस्थाएं
अक्सर कविासशील दे शों में पाई िाती हैं , लेकिन िुछ कविकसत दे शों, िैसे कि आयरलैंड और दकक्षण िोररया,
उभरती अथणव्यवस्थाओों की कुछ प्रमुख नवशेषताएों ननम्ननलखखत हैं:
• तेिी आकथशि कविास दर: उभरती अथशव्वस्थाओं में आमतौर पर उच्च आकथशि कविास दर होती है , िो 5% से 10% ति हो
सिती है । यह कविास दर औद्योगीिरण, बढ़ती िनसंख्या और बढ़ते मध्यम वगश िे िारण होती है।
• िम आय स्तर: उभरती अथशव्वस्थाओं में आमतौर पर िम आय स्तर होता है । हालां कि, इन अथशव्वस्थाओं में आय स्तर तेिी
से बढ़ रहा है ।
• बढ़ता मध्यम वगश: उभरती अथशव्वस्थाओं में बढ़ता मध्यम वगश है । यह मध्यम वगश िा कवस्तार उपभोक्ता मां ग िो बढ़ा रहा है
और आकथशि कविास िो बढ़ावा दे रहा है ।

Q2. भारतीय अथणव्यवस्था में असोंगनित क्षेत्र के महि को समझाइये।


Explain the importance of the unorganized sector in the Indian economy.
Ans. भारतीय अथशव्वस्था में असंगकित क्षेत्र िा बहुत महत्व है । यह क्षेत्र भारत िी अथशव्वस्था में लगभग 40% िा योगदान दे ता
है और इसमें लगभग 90% श्रकमि िायशरत हैं । असंगकित क्षेत्र में छोटे और सीमां त किसान, भूकमहीन खेकतहर मिदू र,
पशुपालि, बीड़ी बनाने वाले श्रकमि, कनमाश ण और आिारभूत संरचनाओं में िायशरत श्रकमि, बुनिर आकद शाकमल हैं ।
असोंगनित क्षेत्र के महि को ननम्ननलखखत नबोंर्दुओ ों से समझा जा सकता है:
• रोिगार सृिन: असंगकित क्षेत्र रोिगार िा एि प्रमुख स्रोत है । यह क्षेत्र भारत में रोिगार िे लगभग 90% अवसर प्रदान िरता
है ।
• आय िा स्रोत: असंगकित क्षेत्र भारत िी गरीब आबादी िे कलए आय िा एि प्रमुख स्रोत है । यह क्षेत्र ग्रामीण और शहरी दोनों
क्षेत्रों में गरीबों िो रोिगार और आय प्रदान िरता है ।
• मूलभूत आवश्यिताओं िी पूकतश: असंगकित क्षेत्र भारत िी मूलभूत आवश्यिताओं िी पूकतश में महत्वपूणश भूकमिा कनभाता है ।
यह क्षेत्र िृकष, कनमाश ण, पररवहन, कवतरण, खुदरा, सेवाओं आकद क्षेत्रों में िायशरत है ।
• आकथशि कविास में योगदान: असंगकित क्षेत्र भारतीय अथशव्वस्था में महत्वपूणश योगदान दे ता है । यह क्षेत्र आकथशि कविास िो
बढ़ावा दे ने में मदद िरता है ।
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Q3. शुद्ध के नलए युद्ध अनभयान


Shuddh ke liye Yuddh campaign
Ans. शुि िे कलए यु ि' अकभयान रािस्थान सरिार द्वारा चलाया िा रहा एि अकभयान है किसिा उद्दे श्य खाद्य पदाथों में कमलावट िो
रोिना और लोगों िो िागरूि िरना है । यह अकभयान 2020 में शुरू किया गया था और यह राज्य भर में चलाया िा रहा है ।
अकभयान िे तहत, सरिार खाद्य पदाथों िी गुणवत्ता िी िां च िे कलए कवशेष टीमों िा गिन िरती है । इन टीमों िो कमलावट
िे द्धखलाफ िारश वाई िरने िे कलए अकििृत किया िाता है । अकभयान िे तहत, सरिार लोगों िो िागरूि िरने िे कलए भी
िायशिम आयोकित िरती है । इन िायशिमों में , लोगों िो खाद्य पदाथों में कमलावट िे हाकनिारि प्रभावों िे बारे में बताया
िाता है ।
अनभयान के कुछ प्रमुख उद्दे श्ोों में शानमल हैं:
• खाद्य पदाथों में कमलावट िो रोिना
• खाद्य पदाथों में कमलावट िे हाकनिारि प्रभावों िे बारे में िागरूिता बढ़ाना
• खाद्य सुरक्षा सुकनकित िरना

Q4. जीवन रक्षक योजना


Jeevan Rakshak Yojana
Ans. िीवन रक्षि योिना भारत में िीवन बीमा िा एि लोिकप्रय प्रिार है । यह एि गैर -कलंि सहभाकगता योिना है िो सुरक्षा और
बचत िा समायोिन प्रदान िरती है । यह योिना पररपक्वता से पहले पॉकलसीिारि िी किसी भी समय दु :खद मृ त्यु हो िाने पर
पररवार िो कवत्तीय सहायता प्रदान िरता है और िीकवत पॉकलसीिारि िो पररपक्वता िे समय एिमुश्त राकश प्रदान िरता है ।
जीवन रक्षक योजना के लाभ
• सुरक्षा: यह योिना पॉकलसीिारि िी मृत्यु पर पररवार िो कवत्तीय सहायता प्रदान िरती है ।
• बचत: यह योिना िीकवत पॉकलसीिारि िो पररपक्वता िे समय एिमुश्त राकश प्रदान िरती है ।
• लचीलापन: यह योिना कवकभन्न प्रीकमयम भुगतान आवृकत्तयों और बीमा राकश कविल्ों िी पेशिश िरती है ।
जीवन रक्षक योजना के नलए पात्रता
• आयु: पॉकलसीिारि िी न्यूनतम आयु 8 वषश और अकिितम आयु 55 वषश है ।
• स्वास्थ्य: पॉकलसीिारि िो अच्छे स्वास्थ्य िी घोषणा िरनी होगी।

Part – B
भाग – ब
Note: Attempt all questions- Answer the following questions in 50 words each- Each question
carries 5 marks
नोटः सभी प्रश्ोों के उत्तर र्दें । ननम्न प्रश्ोों का उत्तर 50-50 शब्ोों में र्दे । प्रत्येक प्रश् के 5 अोंक है ।

Q6. बीज स्वावलोंबन योजना का उद्दे श्


Objective of Mukhyamantri Beej Swavalamban Yojana
Ans. मुख्यमंत्री बीि स्वावलंबन योिना िा उद्दे श्य किसानों िो उन्नत और गुणवत्तायुक्त बीि उपलब्ध िराना है । यह योिना
किसानों िो बीि िी लागत में िमी िरने और उनिी उपि में वृद्धि िरने में मदद िरती है ।
योजना के प्रमुख उद्दे श् ननम्ननलखखत हैं:
• किसानों िो उन्नत और गुणवत्तायुक्त बीि उपलब्ध िराना।
• किसानों िो बीि िी लागत में िमी िरना।
• किसानों िी उपि में वृद्धि िरना।
• किसानों िी आय में वृद्धि िरना।
• िृकष क्षेत्र में आत्मकनभशरता प्राप्त िरना।
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योिना िे तहत, राज्य सरिार किसानों िो कनशुल्क या िम िीमत पर उन्नत और गुणवत्तायुक्त बीि उपलब्ध िराती है ।
योिना िे तहत, किसानों िो बीि उत्पादन िे कलए भी प्रकशक्षण प्रदान किया िाता है ।
Q7. नवशेष आनथणक क्षेत्रोों से आप क्या समझते हैं ? इन क्षेत्रोों का आनथणक दृनष्ट से क्या महत्त्व है ?
What do you understand about Special Economic Zones? What significance do they have from
the economic point of view?
Ans. कवशेष आकथशि क्षेत्र (SEZ) ऐसे क्षेत्र हैं िो कवदे शी कनवेश िो आिकषशत िरने और आकथशि कविास िो बढ़ावा दे ने िे कलए
कवशेष रूप से कवकनयकमत होते हैं । वे आमतौर पर कनम्नकलद्धखत कवशेषाकििारों और छूटों िे साथ आते हैं :
• िर छूट: SEZ में द्धस्थत िंपकनयों िो आमतौर पर आयिर, उत्पादन िर, सीमा शुल्क और अन्य िरों में छूट दी िाती है ।
• लघु अवकि िे कलए भूकम पट्टे : SEZ में द्धस्थत िंपकनयों िो आमतौर पर 30 से 50 वषों िे कलए भूकम पट्टे कदए िाते हैं ।
• कवशेष व्ापार सुकविाएं : SEZ में द्धस्थत िंपकनयों िो आयात और कनयाश त िे कलए कवशेष व्ापार सुकविाएं प्रदान िी िाती हैं ।
• सरिारी सहायता: SEZ में द्धस्थत िंपकनयों िो अक्सर सरिारी सहायता, िैसे कि बुकनयादी ढां चे िे कविास और प्रकशक्षण
िायशिम, प्रदान िी िाती है ।

Q8. राजस्थान राज्य में तीव्र औद्योनगक नवकास के नलए क्या उपाय नकये जाने चानहए? अपने सु झाव र्दीनजये.
What measures should be taken for rapid industrial development in the state of Rajasthan?
Give your suggestions.
Ans. राजस्थान राज्य में तीव्र औद्योनगक नवकास के नलए ननम्ननलखखत उपाय नकए जाने चानहए:
• बुकनयादी ढां चे िा कविास: रािस्थान में औद्योकगि कविास िे कलए बुकनयादी ढां चे िा कविास आवश्यि है । इसमें सड़ि,
रे ल, हवाई, और िल पररवहन िे साथ-साथ कबिली, पानी, और संचार िैसी बुकनयादी सुकविाओं िा कविास शाकमल है ।
• पयाश वरण संरक्षण: रािस्थान में औद्योकगि कविास िे साथ-साथ पयाश वरण संरक्षण पर भी ध्यान दे ना आवश्यि है । राज्य
सरिार िो उद्योगों से होने वाले प्रदू षण िो कनयंकत्रत िरने िे कलए िदम उिाने चाकहए।
• श्रकमि िौशल कविास: रािस्थान में औद्योकगि कविास िे कलए श्रकमि िौशल कविास भी आवश्यि है । राज्य सरिार
िो श्रकमिों िो आिुकनि तिनीिों और िौशलों में प्रकशकक्षत िरने िे कलए िायशिम शुरू िरने चाकहए।
• कनवेश प्रोत्साहन: रािस्थान में कनवेश िो आिकषशत िरने िे कलए सरिार िो कनवेश प्रोत्साहन प्रदान िरने चाकहए। इसमें
िर छूट, भूकम पट्टे , और अन्य सुकविाएं शाकमल हो सिती हैं ।
इन उपायोों के अलावा, राजस्थान सरकार को ननम्ननलखखत क्षेत्रोों पर भी ध्यान र्दे ना चानहए:
• सूचना प्रौद्योकगिी: रािस्थान िो सूचना प्रौद्योकगिी (आईटी) क्षेत्र में कनवेश िो आिकषशत िरने िे कलए प्रयास िरने चाकहए।
आईटी क्षेत्र रोिगार सृिन और आकथशि कविास में महत्वपूणश भूकमिा कनभा सिता है ।
• पयशटन: रािस्थान एि पयशटन स्थल िे रूप में प्रकसि है । सरिार िो पयशटन क्षेत्र में कनवेश िो बढ़ावा दे ने िे कलए प्रयास
िरने चाकहए।
• उत्पादिता में वृद्धि: रािस्थान सरिार िो उद्योगों िी उत्पादिता में वृद्धि िे कलए िदम उिाने चाकहए। इसमें अनुसंिान
और कविास (R&D) पर कनवेश और नवीन प्रौद्योकगकियों िो अपनाना शाकमल है ।
इन उपायों िो लागू िरने से रािस्थान राज्य में तीव्र औद्योकगि कविास संभव होगा। इससे राज्य िी अथशव्वस्था मिबूत
होगी और रोिगार िे अवसर बढ़ें गे।

Q9. नमनित फसल एवों सघन फसल कृनष को समझाइये


Explain Mixed Cropping and Intensive Cropping Agriculture
Ans. कमकश्रत फसल िृकष में एि ही खे त में एि ही समय में दो या दो से अकिि फसलों िो उगाया िाता है । इस प्रणाली में ,
फसलों िो आमतौर पर उनिी िल, पोषि तत्वों और अन्य आवश्यिताओं िे आिार पर चुना िाता है । कमकश्रत फसल
िृकष िई लाभ प्रदान िरती है , किनमें शाकमल हैं :
• उपि में वृद्धि: कमकश्रत फसल िृकष में फसलों िे बीच परस्पर किया िे िारण उपि में वृद्धि हो सिती है । उदाहरण िे
कलए, िुछ फसलें, िैसे मक्ा और सोयाबीन, एि दू सरे िे कविास िो बढ़ावा दे सिती हैं ।
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• भूकम िी उवशरता में सुिार: कमकश्रत फसल िृकष भूकम िी उवशरता में सुिार िर सिती है । कवकभन्न फसलें कवकभन्न पोषि
तत्वों िी आवश्यिता होती हैं , िो कमट्टी में पोषि तत्वों िे संतुलन िो बनाए रखने में मदद िरती है ।
• पोषि तत्वों िी वापसी: कमकश्रत फसल िृकष में , फसलों िे अवशे ष कमट्टी में पोषि तत्वों िो वापस िरने में मदद िरते
हैं । यह कमट्टी िी उवशरता िो बनाए रखने में मदद िरता है ।
• खरपतवार, िीटों और रोगों िी रोिथाम: कमकश्रत फसल िृकष खरपतवार, िीटों और रोगों िी रोिथाम में मदद िर
सिती है । कवकभन्न फसलें कवकभन्न खरपतवारों, िीटों और रोगों िे कलए आिषशि होती हैं । यह एि फसल िो किसी कवशेष
समस्या से प्रभाकवत होने से बचा सिता है ।
सघन फसल िृकष में , एि ही खे त में एि ही समय में अकिि फसलों िो उगाया िाता है । इस प्रणाली में , फसलों िो
आमतौर पर उन फसलों िो चु ना िाता है किनिी िल, पोषि तत्वों और अन्य आवश्यिताएं समान होती हैं । सघन फसल
िृकष िई लाभ प्रदान िरती है , किनमें शाकमल हैं :
• भूकम उपयोग में दक्षता: सघन फसल िृकष भूकम उपयोग में दक्षता िो बढ़ा सिती है । इससे भोिन उत्पादन में वृद्धि होती है ।
• आकथशि लाभ: सघन फसल िृकष किसानों िो आकथशि लाभ प्रदान िर सिती है । इससे किसानों िी आय में वृद्धि होती है ।
• रोिगार सृिन: सघन फसल िृकष रोिगार सृिन में मदद िर सिती है । इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोिगार िे अवसर बढ़ते हैं ।
हालां कि, कमकश्रत फसल िृकष और सघन फसल िृकष दोनों में िुछ चुनौकतयााँ भी हैं । कमकश्रत फसल िृकष िे कलए अकिि
श्रम और प्रबंिन िी आवश्यिता होती है । सघन फसल िृकष िे कलए अकिि पोषि तत्वों और पानी िी आवश्यिता
होती है ।
भारत में, कमकश्रत फसल िृकष और सघन फसल िृकष दोनों िा अभ्यास किया िाता है । कमकश्रत फसल िृकष िा अभ्यास
मुख्य रूप से छोटे और मध्यम किसानों द्वारा किया िाता है । सघन फसल िृकष िा अभ्यास मुख्य रूप से बड़े किसानों
और व्वसायों द्वारा किया िाता है ।

Q10. राजस्थान में स्टाटण अप क्षेत्र को गनत र्दे ने के नलए नकए गए प्रयासोों को नलखखए।
Write down the Efforts made to give momentum to the startup sector in Rajasthan.
Ans. राजस्थान सरकार ने स्टाटण अप क्षेत्र को गनत र्दे ने के नलए कई प्रयास नकए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख प्रयास
ननम्ननलखखत हैं:
• रािस्थान स्टाटश अप नीकत: रािस्थान सरिार ने वषश 2021 में रािस्थान स्टाटश अप नीकत िी घोषणा िी। इस नीकत िे तहत,
सरिार स्टाटश अप िो कवकभन्न प्रिार िी सहायता प्रदान िरती है , किसमें िर छूट, भूकम पट्टे , और प्रकशक्षण शाकमल है ।
• रािस्थान स्टाटश अप हब: रािस्थान सरिार ने राज्य में चार स्टाटश अप हब स्थाकपत किए हैं । ये स्टाटश अप हब स्टाटश अप िो
एि िगह पर कवकभन्न प्रिार िी सुकविाएं प्रदान िरते हैं , किनमें िायाश लय स्थान, ने टवकििंग अवसर, और सहायता सेवाएं
शाकमल हैं ।
• रािस्थान स्टाटश अप एक्से लेरेटर: रािस्थान सरिार ने राज्य में दो स्टाटश अप एक्सेलेरेटर िायशिम शुरू किए हैं । ये िायशिम
स्टाटश अप िो अपने व्वसाय िो कविकसत िरने में मदद िरते हैं ।
इन प्रयासों िे पररणामस्वरूप, रािस्थान में स्टाटश अप क्षेत्र में ते िी से कविास हुआ है । वषश 2022 में , रािस्थान में 3,500
से अकिि स्टाटश अप थे। इन स्टाटश अप ने राज्य में लगभग 10,000 लोगों िो रोिगार कदया है ।
राजस्थान सरकार ने स्टाटण अप क्षेत्र को गनत र्दे ने के नलए ननम्ननलखखत क्षेत्रोों पर भी ध्यान केंनद्रत नकया है:
• कशक्षा और प्रकशक्षण: रािस्थान सरिार स्टाटश अप िे कलए आवश्यि िौशलों िो कविकसत िरने िे कलए कशक्षा और
प्रकशक्षण िायशिमों िो बढ़ावा दे रही है ।
• इनक्यूबेशन और एक्सेलेरेशन: रािस्थान सरिार स्टाटश अप िो इनक्यूबेशन और एक्से लेरेशन िायश िमों ति पहुं च प्रदान
िर रही है ।
• कवत्तपोषण: रािस्थान सरिार स्टाटश अप िो कवत्तपोषण प्रदान िरने िे कलए कवकभन्न योिनाएं चला रही है ।
इन प्रयासों िे तहत, रािस्थान सरिार िा लक्ष्य रािस्थान िो स्टाटश अप िे कलए एि प्रमुख िेंद्र बनाना है ।
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PART - C
भाग - स
Note: Attempt all questions- Answer the following questions in 100 words each- Each question
carries 10 marks
नोटः सभी प्रश्ोों के उत्तर र्दें । ननम्न प्रश्ोों का उत्तर 100-100 शब्ोों में र्दे । प्रत्येक प्रश् के 10 अोंक है ।

Q11. नवशेष आनथणक क्षेत्रोों के पक्ष और नवपक्ष में तकों को उजागर करें ।
Expose the arguments in favour and against the Special Economic Zones.
Ans. कवशेष आकथशि क्षेत्र (SEZ) ऐसे क्षेत्र हैं िो कवदे शी कनवेश िो आिकषशत िरने और आकथशि कविास िो बढ़ावा दे ने िे कलए
कवशेष रूप से कवकनयकमत होते हैं । वे आमतौर पर कनम्नकलद्धखत कवशेषाकििारों और छूटों िे साथ आते हैं :
• िर छूट: SEZ में द्धस्थत िंपकनयों िो आमतौर पर आयिर, उत्पादन िर, सीमा शुल्क और अन्य िरों में छूट दी िाती है ।
• लघु अवकि िे कलए भूकम पट्टे : SEZ में द्धस्थत िंपकनयों िो आमतौर पर 30 से 50 वषों िे कलए भूकम पट्टे कदए िाते हैं ।
• कवशेष व्ापार सुकविाएं : SEZ में द्धस्थत िंपकनयों िो आयात और कनयाश त िे कलए कवशेष व्ापार सुकविाएं प्रदान िी िाती
हैं ।
• सरिारी सहायता: SEZ में द्धस्थत िंपकनयों िो अक्सर सरिारी सहायता, िैसे कि बुकनयादी ढां चे िे कविास और प्रकशक्षण
िायशिम, प्रदान िी िाती है ।
SEZ के पक्ष में तकण ननम्ननलखखत हैं:
• कनवेश आिकषशत िरना: SEZ कवदे शी कनवेश िो आिकषशत िरने में मदद िरते हैं । वे कवदे शी िंपकनयों िो िर छूट, लघु
अवकि िे कलए भूकम पट्टे और अन्य कवशेषाकििारों िी पेशिश िरिे उन्हें भारत में कनवेश िरने िे कलए प्रोत्साकहत िरते
हैं ।
• रोिगार सृिन: SEZ रोिगार सृिन में मदद िरते हैं । वे कवदे शी िंपकनयों िो भारत में नए व्वसाय स्थाकपत िरने िे कलए
प्रोत्साकहत िरते हैं , िो नए रोिगार िे अवसर पैदा िरता है ।
• आकथशि कविास िो बढ़ावा दे ना: SEZ आकथशि कविास िो बढ़ावा दे ने में मदद िरते हैं । वे कवदे शी कनवेश और रोिगार
सृिन िो बढ़ावा दे ते हैं , िो अथशव्वस्था िो बढ़ावा दे ता है ।
SEZ के नवपक्ष में तकण ननम्ननलखखत हैं:
• अथशव्वस्था से अलगाव: SEZ अथशव्वस्था से अलगाव पैदा िर सिते हैं । वे कवदे शी िंपकनयों िो भारतीय अथशव्वस्था से
अलगाव में िाम िरने िी अनुमकत दे ते हैं , किससे भारतीय िंपकनयों िो प्रकतस्पिाश िरने में मुद्धिल हो सिती है ।
• अकनयमन: SEZ अकनयमन िे कलए खु ले हो सिते हैं । वे अक्सर पारदकशशता और िवाबदे ही िी िमी से ग्रस्त होते हैं ,
किससे भ्रिाचार और अन्य अकनयकमतताओं िा खतरा बढ़ िाता है।
• पयाश वरणीय नुिसान: SEZ पयाश वरणीय नुिसान िा िारण बन सिते हैं । वे अक्सर बड़े पैमाने पर औद्योकगि कविास िो
आिकषशत िरते हैं , िो प्रदू षण और अन्य पयाश वरणीय समस्याओं िा िारण बन सिता है ।
िुल कमलािर, SEZ िे पक्ष और कवपक्ष में तिश हैं । SEZ कवदे शी कनवेश और रोिगार सृिन िो बढ़ावा दे ने में मदद िर सिते हैं ,
लेकिन वे अथशव्वस्था से अलगाव, अकनयमन और पयाश वरणीय नु िसान िा भी िारण बन सिते हैं । SEZ िी सफलता सरिार
द्वारा उनिे प्रभावी कवकनयमन और प्रबंिन पर कनभशर िरती है ।
भारत में, SEZ िो 2000 िे दशि िी शुरुआत में शुरू किया गया था। वतशमान में , भारत में 373 SEZ हैं , िो िुल 72,000 हे क्टेयर
क्षेत्र में फैले हुए हैं । SEZ में कनवेश िा िुल मूल्य लगभग 1.5 कटर कलयन डॉलर है । SEZ ने भारत में कवदे शी कनवेश िो आिकषशत िरने
और आकथशि कविास िो बढ़ावा दे ने में महत्वपूणश भूकमिा कनभाई है ।

Q12. राजस्थान के आनथण क नवकास में मुख्य बार्ाएँ क्या हैं ? राज्य के तीव्र नवकास के नलए उपाय सुझाएों ।
What are the main obstacles in the economic development of Rajasthan? Suggest measures
for the rapid development of the state.
Ans. राजस्थान के आनथण क नवकास में मुख्य बार्ाएँ ननम्ननलखखत हैं:
• िल संिट: रािस्थान एि शुष्क राज्य है और िल संिट राज्य िे आकथशि कविास में एि प्रमुख बािा है । राज्य में कसंचाई
िे कलए पयाश प्त पानी उपलब्ध नही ं है , किससे िृकष उत्पादन में िमी आ रही है । इसिे अलावा, िल संिट औद्योकगि
कविास िो भी प्रभाकवत िर रहा है ।
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• बुकनयादी ढां चे िी िमी: रािस्थान में बुकनयादी ढां चे िी िमी एि अन्य प्रमुख बािा है । राज्य में सड़ि, रे ल, हवाई, और
िल पररवहन िे साथ-साथ कबिली, पानी, और संचार िैसी बुकनयादी सुकविाओं िी िमी है । इससे उद्योगों और व्वसायों
िो नुिसान हो रहा है ।
• बेरोिगारी: रािस्थान में बेरोिगारी एि गंभीर समस्या है । राज्य में युवाओं िी आबादी अकिि है , लेकिन रोिगार िे
अवसर सीकमत हैं । इससे सामाकिि और आकथशि अशां कत पैदा हो रही है ।
• भ्रिाचार: भ्रिाचार रािस्थान िे आकथशि कविास में एि अन्य बािा है । भ्रिाचार से कनवे श में िमी आ रही है और सरिारी
नीकतयों िा प्रभाव िम हो रहा है।
राजस्थान के तीव्र नवकास के नलए ननम्ननलखखत उपाय सुझाए जा सकते हैं :
• िल संिट िो हल िरना: राज्य सरिार िो िल संिट िो हल िरने िे कलए तत्काल िदम उिाने चाकहए। इसमें िल
संरक्षण, िल संविशन, और िल प्रबंिन िे उपायों िो अपनाना शाकमल है ।
• बुकनयादी ढां चे िा कविास िरना: राज्य सरिार िो बुकनयादी ढां चे िे कविास पर ध्यान िेंकद्रत िरना चाकहए। इसमें
सड़ि, रे ल, हवाई, और िल पररवहन िे साथ-साथ कबिली, पानी, और संचार िैसी बुकनयादी सुकविाओं िा कविास
शाकमल है ।
• बेरोिगारी िो िम िरना: राज्य सरिार िो बेरोिगारी िो िम िरने िे कलए िायशिमों िो शुरू िरना चाकहए। इसमें
िौशल कविास, उद्यकमता कविास, और रोिगार सृिन िायशिम शाकमल हैं ।
• भ्रिाचार िो रोिना: राज्य सरिार िो भ्रिाचार िो रोिने िे कलए ििोर िानू नों और कनयमों िो लागू िरना चाकहए।
इसमें भ्रिाचार िे द्धखलाफ िागरूिता बढ़ाने और भ्रिाचाररयों िो िड़ी सिा दे ने िे उपाय शाकमल हैं ।
इन उपायों िो लागू िरने से रािस्थान िे आकथशि कविास में तेिी आएगी और राज्य िी िनता िो बेहतर िीवन कमलेगा।

Q13. आत्मननभण र भारत के प्रमुख स्तों भोों की चचाण करते हुए इस अनभयान की प्रमुख चुनौनतयोों का वर्णन करें ।
By discussing the main pillars of self reliant India, describe the main challenges of this
campaign.
Ans. आत्मकनभशर भारत अकभयान भारत सरिार द्वारा शुरू किया गया एि महत्वािां क्षी िायशिम है किसिा उद्दे श्य भारत िो
एि आकथशि महाशद्धक्त िे रूप में कविकसत िरना है ।
इस अनभयान के प्रमुख स्तों भ ननम्ननलखखत हैं:
• आकथशि कविास: आत्मकनभशर भारत अकभयान िा मुख्य लक्ष्य भारत िी अथशव्वस्था िो मिबूत िरना है । इसिे कलए
सरिार कवकभन्न उपाय िर रही है , किनमें बुकनयादी ढां चे िा कविास, कनवेश आिषशण, और नवाचार िो बढ़ावा दे ना
शाकमल है ।
• तिनीिी आत्मकनभशरता: आत्मकनभशर भारत अकभयान िा एि अन्य लक्ष्य भारत िो तिनीिी रूप से आत्मकनभशर बनाना
है । इसिे कलए सरिार अनुसंिान और कविास (R&D) पर कनवेश िर रही है और स्थानीय उद्योगों िो बढ़ावा दे रही है ।
• स्वदे शी उत्पादों िो बढ़ावा दे ना: आत्मकनभशर भारत अकभयान िा उद्दे श्य स्वदे शी उत्पादों िो बढ़ावा दे ना है । इसिे कलए
सरिार स्थानीय उत्पादों पर टै ररफ में िमी िर रही है और स्वदे शी उत्पादों िे कलए कवपणन अकभयान चला रही है ।
• ग्रामीण कविास: आत्मकनभशर भारत अकभयान िा उद्दे श्य ग्रामीण भारत िे कविास िो बढ़ावा दे ना है। इसिे कलए सरिार
िृकष, ग्रामीण उद्योग, और कशक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में कनवेश िर रही है ।
आत्मननभण र भारत अनभयान एक महिाकाोंक्षी लक्ष्य है , लेनकन इसके सामने कई चुनौनतयाँ भी हैं। इन चुनौनतयोों
में ननम्ननलखखत शानमल हैं:
• बुकनयादी ढां चे िी िमी: भारत में बुकनयादी ढां चे िी िमी एि प्रमुख चुनौती है । इसिे िारण, उद्योगों और व्वसायों िो
नुिसान हो रहा है ।
• बेरोिगारी: भारत में बेरोिगारी एि गंभीर समस्या है । इससे सामाकिि और आकथशि अशां कत पैदा हो रही है ।
• भ्रिाचार: भ्रिाचार आत्मकनभशर भारत अकभयान िो बाकित िर सिता है ।
• वैकश्वि प्रकतस्पिाश : भारत िो वैकश्वि प्रकतस्पिाश िा सामना िरना पड़ रहा है । इसिे कलए भारत िो अपने उत्पादों और
सेवाओं िी गुणवत्ता में सुिार िरने िी आवश्यिता है ।
इन चुनौनतयोों को र्दूर करने के नलए सरकार को कड़े उपाय करने होोंगे। इन उपायोों में ननम्ननलखखत शानमल हैं:
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• बुकनयादी ढां चे िे कविास पर ध्यान िेंकद्रत िरना: सरिार िो बुकनयादी ढां चे िे कविास पर ध्यान िेंकद्रत िरना चाकहए।
इसमें सड़ि, रे ल, हवाई, और िल पररवहन िे साथ-साथ कबिली, पानी, और संचार िैसी बुकनयादी सुकविाओं िा कविास
शाकमल है ।
• बेरोिगारी िो िम िरने िे कलए िदम उिाना: सरिार िो बेरोिगारी िो िम िरने िे कलए िदम उिाने चाकहए।
इसमें िौशल कविास, उद्यकमता कविास, और रोिगार सृिन िायशिम शाकमल हैं ।
• भ्रिाचार िो रोिने िे कलए ििोर िानूनों और कनयमों िो लागू िरना: सरिार िो भ्रिाचार िो रोिने िे कलए ििोर
िानूनों और कनयमों िो लागू िरना चाकहए। इसमें भ्रिाचार िे द्धखलाफ िागरूिता बढ़ाने और भ्रिाचाररयों िो िड़ी
सिा दे ने िे उपाय शाकमल हैं ।
• भारतीय उत्पादों और सेवाओं िी गुणवत्ता में सुिार िरना: सरिार िो भारतीय उत्पादों और सेवाओं िी गुणवत्ता में
सुिार िरने िे कलए िदम उिाने चाकहए। इसमें अनुसंिान और कविास (R&D) पर कनवेश और नवाचार िो बढ़ावा दे ना
शाकमल है ।
इन उपायों िो लागू िरने से आत्मकनभशर भारत अकभयान िो सफल बनाने में मदद कमलेगी और भारत िो एि आकथशि महाशद्धक्त
िे रूप में कविकसत िरने में मदद कमलेगी।

Unit -III (यूननट - III)


Section- A (सेक्शन - A)
Part – A (भाग – अ)
Note: Attempt all questions. Answer the following questions in 15 words each. Each question carries
2 marks.
नोट : सभी प्रश्ोों के उत्तर र्दें । ननम्न प्रश्ोों का उत्तर 15-15 शब्ोों में र्दें । प्रत्येक प्रश् के 2 अोंक ननर्ाणररत हैं ।

Q1. मैक्स वेबर के अनुसार वगण को पररभानषत करें ।


Define class according to Max Weber.
Ans. वेबर िी वगश िी अविारणा उन व्द्धक्तयों िो शाकमल िरती है िो समान बािार द्धस्थकत साझा िरते हैं , कवशेष रूप से उत्पादन
िे सािनों िे साथ उनिे संबंि और आकथशि अवसरों ति उनिी पहुं च। यह बाजार द्धस्थकत उनिी वगश द्धस्थकत कनिाश ररत िरती
है , किससे उनिे िीवन िी संभावनाएाँ , िैसे आय, कशक्षा और व्ावसाकयि अवसर प्रभाकवत होते हैं।
वेबर के वगण नसद्धाोंत के प्रमुख ति:
• वगश द्धस्थकत: किसी व्द्धक्त िी वगश द्धस्थकत उत्पादन िे सािनों िे साथ उनिे संबंि से कनिाश ररत होती है । उत्पादन िे सािनों पर
स्वाकमत्व, कनयंत्रण या उसिा अभाव उनिी वगीय द्धस्थकत िो पररभाकषत िरता है ।
• बाजार िी द्धस्थकत: वगश िेवल िन या आय से पररभाकषत नही ं होता है । इसमें बािार अथशव्वस्था में किसी व्द्धक्त िी द्धस्थकत भी
शाकमल है , किसमें श्रम बािार, ऋण और अन्य आकथशि संसािनों ति उनिी पहुं च शाकमल है ।
• िीवन िी संभावनाएाँ : वगश िी द्धस्थकत किसी व्द्धक्त िे िीवन िी संभावनाओं िो महत्वपूणश रूप से प्रभाकवत िरती है , कशक्षा,
रोिगार, आय स्तर और िीवन िी समग्र गुणवत्ता िे कलए उनिे अवसरों िो आिार दे ती है ।

Q2. भारत में गरीबी मापन से सोंबोंनर्त सनमनतयोों के नाम बताइये .


Name the committees related to poverty measurement in India.
Ans. स्वतोंत्रता-पूवण गरीबी का आकलन
• दादाभाई नौरोिी ने कनवाश ह या न्यू नतम बुकनयादी आहार िी लागत िे आिार पर गरीबी रे खा (₹16 से ₹35 प्रकत व्द्धक्त प्रकत
वषश) िा सबसे पहला अनुमान लगाया।
• रािरीय योिना सकमकत (1938) िी गरीबी रे खा (प्रकत व्द्धक्त प्रकत माह ₹15 से ₹20 ति) न्यू नतम िीवन स्तर िे पररप्रेक्ष्य पर
आिाररत थी किसमें पोषण संबंिी आवश्यिताएं कनकहत थी।ं
• बॉम्बे प्लान (1944) िे समथशिों ने प्रकत व्द्धक्त प्रकत वषश ₹75 िी गरीबी रे खा िा सुझाव कदया था।
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स्वतोंत्रता के बार्द गरीबी का आकलन


• योिना आयोग कवशेषज्ञ समूह (1962), योिना आयोग द्वारा गकित िायश समूह ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों िे कलए अलग-अलग
गरीबी रे खाएं (िमशः ₹20 और ₹25 प्रकत व्द्धक्त प्रकत वषश) तैयार िीं।
• वीएम दां डेिर और एन रथ (1971) ने रािरीय नमूना सवेक्षण (एनएसएस) िे आं िड़ों िे आिार पर भारत में गरीबी िा पहला
व्वद्धस्थत मूल्यां िन किया।
o यह उस व्य से प्राप्त हुआ था िो ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में प्रकतकदन 2250 िैलोरी िा उपभोग िरने में सक्षम
होने िे कलए पयाश प्त था।
• अलघ सकमकत (1979): योिना आयोग द्वारा गकित टास्क फोसश ने पोषण संबंिी आवश्यिताओं और संबंकित उपभोग व्य िे
आिार पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों िे कलए गरीबी रे खा िा कनमाश ण किया।
• लिड़ावाला सकमकत (1993): उपभोक्ता मूल्य सूचिां ि-औद्योकगि श्रकमि (सीपीआई-आईडब्ल्यू) और उपभोक्ता मूल्य
सूचिां ि-िृकष श्रकमि (सीपीआई-एएल) िी गणना िे आिार पर गरीबी िी गणना िी गई।
• तेंदुलिर सकमकत (2009): योिना आयोग द्वारा गकित कवशेषज्ञ समूह ने 2004-05 िे कलए िय शद्धक्त समता (पीपीपी) िे संदभश
में 33 रुपये प्रकत कदन िे स्तर पर गरीबी रे खा िी गणना िी और कसफाररश िी कि:
o िैलोरी उपभोग आिाररत गरीबी आिलन से बदलाव
o एि समान गरीबी रे खा
▪ ग्रामीण क्षेत्रों में प्रकत व्द्धक्त प्रकत माह ₹446.68
▪ शहरी क्षेत्रों में प्रकत व्द्धक्त प्रकत माह ₹578.80
o स्वास्थ्य और कशक्षा पर कनिी व्य िा समावेश
o िीमतों में पररवतशन और उपभोग िे पैटनश िे आिार पर मूल्य समायोिन
o कमकश्रत सन्दभश अवकि आिाररत अनुमान
• रं गरािन सकमकत (2012): योिना आयोग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों िे कलए प्रकतकदन ₹22 िी गरीबी रे खा सुझाए िाने पर रािरीय
आिोश िी पृष्ठभूकम में स्थाकपत िी गई और इसने कसफाररश िी कि:
o गरीबी रे खा कनम्न पर आिाररत होनी चाकहए:
▪ पयाश प्त पोषण िा मानि स्तर
▪ पोषण संबंिी आवश्यिता
• िैलोरी: शहरी क्षेत्रों में 2090 किलो िैलोरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 2155 किलो िैलोरी।
• प्रोटीन: ग्रामीण क्षेत्रों िे कलए 48 ग्राम और शहरी क्षेत्रों िे कलए 50 ग्राम।
• वसा: शहरी क्षेत्रों िे कलए 28 ग्राम और ग्रामीण क्षेत्रों िे कलए 26 ग्राम।
o शहरों में दै कनि खचश ₹47 और गां वों में ₹32 से िम होने पर गरीब माना िायेगा।

Q3. र्मणननरपे क्षता की कोई चार नवशेषताएँ नलखखए।


Write any four features of secularism.
Ans. िमशकनरपेक्षता एि ऐसी नीकत है िो राज्य िो िमश से अलग रखती है । यह सुकनकित िरती है कि राज्य किसी भी िमश िा पक्ष न ले
और सभी िमों िे लोगों िो समान अकििार और अवसर प्रदान िरे । िमशकनरपेक्षता िी िुछ प्रमु ख कवशेषताएाँ कनम्नकलद्धखत हैं :
• िमशकनरपेक्ष राज्य में राज्य और िमश िो अलग रखा िाता है । इसिा अथश है कि राज्य किसी भी िमश िा समथशन या कवरोि नही ं
िरता है ।
• िमशकनरपेक्ष राज्य में सभी िमों िे लोगों िो समान अकििार और अवसर प्राप्त होते हैं । राज्य किसी भी िमश िे आिार पर
भेदभाव नही ं िरता है ।
• िमशकनरपेक्ष राज्य में सभी िमों िी स्वतंत्रता िा सम्मान किया िाता है । राज्य किसी भी िमश िे लोगों िो अपने िमश िा पालन
िरने और प्रचार िरने िी स्वतंत्रता प्रदान िरता है ।
• िमशकनरपेक्ष राज्य में िाकमशि सकहष्णुता िा प्रचार किया िाता है । राज्य सभी िमों िे लोगों िे बीच शां कत और सद्भाव बनाए
रखने िा प्रयास िरता है ।
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भारत एि िमशकनरपेक्ष राज्य है । भारतीय संकविान में िमशकनरपेक्षता िी भावना िो िई प्राविानों िे माध्यम से प्रकतकबंकबत किया गया है ।
उदाहरण िे कलए, संकविान िे अनुच्छेद 14 में सभी नागररिों िे कलए समानता िे अकििार िी गारं टी दी गई है , किसमें िमश िे आिार
पर भेदभाव से मुद्धक्त भी शाकमल है । इसी प्रिार, संकविान िे अनुच्छेद 25 में सभी नागररिों िो अपने िमश िो मानने , आचरण िरने
और प्रचार िरने िी स्वतंत्रता प्रदान िी गई है ।

Q4. गरानसया जनजानत में नववाह के प्रकारोों का उल्लेख करें ।


Mention the types of marriages in Garasiya tribe.
Ans. गरानसया जनजानत में नववाह के तीन प्रकार प्रचनलत हैं:
• मोर बाकिया कववाह: यह कववाह सबसे आम प्रिार िा कववाह है । इस कववाह में , वर पक्ष िी ओर से एि दू त िन्या पक्ष िे घर
िाता है और िन्या िे माता-कपता से कववाह िा प्रस्ताव रखता है । यकद िन्या पक्ष सहमत हो िाता है , तो दोनों पक्षों िे बीच
एि संकि होती है । इस संकि में , वर पक्ष िन्या पक्ष िो िुछ िनराकश दे ता है । कववाह िे बाद, वर िन्या िे घर िाता है और
वहां रहने लगता है ।
• पहरावाना कववाह: इस कववाह में , वर पक्ष िन्या पक्ष िे घर िाता है और वहां िुछ कदनों ति रहता है । इस दौरान, वह िन्या
िे साथ रहिर उसे िानता है । यकद दोनों एि-दू सरे िो पसंद िरते हैं , तो वे कववाह िरने िा फैसला िरते हैं । इस कववाह में ,
वर पक्ष िन्या पक्ष िो िोई िनराकश नही ं दे ता है ।
• ताणना कववाह: इस कववाह में , वर पक्ष िन्या पक्ष िो िन्या िा मू ल्य चुिाता है । िन्या िा मूल्य वर पक्ष िी आकथशि द्धस्थकत पर
कनभशर िरता है । इस कववाह में , वर िन्या िे घर नही ं िाता है , बद्धल्क िन्या वर िे घर चली िाती है ।
गराकसया िनिाकत में कववाह िे समय, वर पक्ष िन्या पक्ष िो िुछ उपहार भी दे ता है । इन उपहारों में िपड़े , गहने, और भोिन शाकमल
हो सिते हैं ।
गराकसया िनिाकत में कववाह एि महत्वपूणश समारोह होता है । इस समारोह में , दोनों पक्षों िे पररवार और दोस्त शाकमल होते हैं । समारोह
में, वर और िन्या एि-दू सरे िो वरमाला पहनाते हैं और फेरे लेते हैं । समारोह िे बाद, वर और िन्या अपने नए िीवन िी शुरुआत
िरते हैं ।

Q5. भील पुरुषोों द्वारा पहने जाने वाले प्रमुख वस्त्ोों के नाम बताइये ।
Name the main clothes worn by Bhil men.
Ans. भील पुरुषोों द्वारा पहने जाने वाले वस्त् -
(1) फेंटा - कसर पर बां िा िाने वाला लाल / पीला / िेसररया साफा
(2) खोयतू भीलों द्वारा िमर में पहने िाने वाली लंगोटी
(3) ढे पाड़ा िमर से घुटनों ति पहने िाने वाली तंग िोती
(4) पोत्या - कसर पर पहना िाने वाला सफेद साफा

Part – B
भाग – ब
Note: Attempt all questions- Answer the following questions in 50 words each- Each question
carries 5 marks
नोटः सभी प्रश्ोों के उत्तर र्दें । ननम्न प्रश्ोों का उत्तर 50-50 शब्ोों में र्दे । प्रत्येक प्रश् के 5 अोंक है ।

Q6. साोंस्कृनतक वै श्वीकरर् से आप क्या समझते हैं ?


What do you understand by the term “Cultural globalisation”?
Ans. सां स्कृकति वैश्वीिरण एि ऐसी प्रकिया है किसमें कवकभन्न संस्कृकतयों िे बीच कवचारों, मूल्यों, और प्रथाओं िा आदान-प्रदान
होता है । यह प्रकिया आिुकनि संचार और प्रौद्योकगिी िे कविास िे िारण तेिी से हो रही है ।
सां स्कृकति वैश्वीिरण िे िई पहलू हैं । एि पहलू यह है कि कवकभन्न संस्कृकतयों िे बीच संपिश बढ़ रहा है । यह संपिश
यात्रा, व्ापार, और प्रवास िे माध्यम से हो रहा है । दू सरे पहलू यह है कि संचार और प्रौद्योकगिी िे माध्यम से कवकभन्न
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संस्कृकतयों िे कवचार और मूल्य अकिि व्ापि रूप से फैल रहे हैं । तीसरे पहलू यह है कि बहुरािरीय िंपकनयां और संगिन
दु कनया भर में अपने उत्पादों और सेवाओं िो बढ़ावा दे रही हैं , किससे कवकभन्न संस्कृकतयों िे लोगों िे बीच संपिश और
अकिि होता है ।
साोंस्कृनतक वै श्वीकरर् के कई सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव हैं। सकारात्मक प्रभावोों में शानमल हैं:
• अंतराश िरीय समझ और सकहष्णुता िा बढ़ावा।
• नए कवचारों और नवाचारों िा प्रसार।
• अथशव्वस्था और व्ापार िा कविास।
नकारात्मक प्रभावोों में शानमल हैं:
• स्थानीय संस्कृकतयों िा नुिसान।
• सां स्कृकति एिरूपता।
• सामाकिि और रािनीकति तनाव।
सां स्कृकति वैश्वीिरण एि िकटल प्रकिया है किसिा दु कनया भर िे लोगों िे िीवन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है । यह प्रकिया अभी
भी िारी है , और यह दे खना बािी है कि भकवष् में इसिे क्या पररणाम होंगे।

Q7. जानत और वगण में अों तर बताएों ?


Differentiate between caste and class?
Ans. िाकत और वगश दो अलग-अलग सामाकिि संरचनाएं हैं िो समाि में लोगों िी द्धस्थकत िो कनिाश ररत िरती हैं । िाकत एि
िन्मिात सामाकिि व्वस्था है िो लोगों िो िन्म से ही एि कवशेष समूह में कवभाकित िरती है । वगश , दू सरी ओर, एि
अकिशत सामाकिि व्वस्था है िो लोगों िो उनिी आय, कशक्षा, और व्वसाय िे आिार पर कवभाकित िरती है ।
जानत और वगण में कुछ प्रमुख अोंतर ननम्ननलखखत हैं:
• िाकत एि िन्मिात व्वस्था है , िबकि वगश एि अकिशत व्वस्था है । िाकत व्वस्था में , लोगों िो िन्म से ही एि कवशेष
समूह में कवभाकित किया िाता है । यह कवभािन अक्सर िाकमशि या सां स्कृकति मान्यताओं पर आिाररत होता है । वगश
व्वस्था में, लोगों िो उनिी आय, कशक्षा, और व्वसाय िे आिार पर कवभाकित किया िाता है । यह कवभािन अक्सर
आकथशि िारिों पर आिाररत होता है ।
• िाकत एि बंद व्वस्था है , िबकि वगश एि खुली व्वस्था है । िाकत व्वस्था में , लोगों िो एि बार किसी कवशेष समूह में
शाकमल होने िे बाद उस समूह िो छोड़ने िी अनुमकत नही ं होती है । वगश व्वस्था में , लोग अपने िीवनिाल में एि वगश
से दू सरे वगश में िा सिते हैं ।
• िाकत सामाकिि गकतशीलता िो प्रकतबंकित िरती है , िबकि वगश सामाकिि गकतशीलता िो बढ़ावा दे ती है । िाकत व्वस्था
में, लोगों िे कलए अपने िन्म से कनिाश ररत समूह से ऊपर उिना मु द्धिल होता है । वगश व्वस्था में , लोगों िे कलए अपने
िीवनिाल में अपनी सामाकिि द्धस्थकत में सुिार िरना अकिि संभव होता है ।
• िाकत सामाकिि असमानता िो बढ़ावा दे ती है , िबकि वगश सामाकिि असमानता िो िम िरने में मदद िर सिती है ।
िाकत व्वस्था में, उच्च िाकत िे लोग आमतौर पर कनम्न िाकत िे लोगों िी तुलना में अकिि अकििार और कवशेषाकििार
प्राप्त िरते हैं । वगश व्वस्था में , उच्च वगश िे लोग आमतौर पर कनम्न वगश िे लोगों िी तुलना में अकिि िन और संपकत्त
प्राप्त िरते हैं । हालां कि, कशक्षा और रोिगार िे अवसरों ति अकिि समान पहुं च िे माध्यम से , वगश व्वस्था सामाकिि
असमानता िो िम िरने में मदद िर सिती है ।
भारत में, िाकत और वगश दोनों ही महत्वपूणश सामाकिि संरचनाएं हैं । िाकत व्वस्था भारत िी सामाकिि संरचना िा एि मूलभूत
कहस्सा है , और यह अभी भी समाि में असमानता और भेदभाव िा एि प्रमुख स्रोत है । वगश व्वस्था भी भारत में महत्वपूणश है , और
यह सामाकिि गकतशीलता और सामाकिि पररवतशन िे कलए एि शद्धक्तशाली िारि है ।
18

Unit -III (यूननट - III)


Section- B (सेक्शन - ब)
Part – A (भाग – अ)
Note: Attempt all questions. Answer the following questions in 15 words each. Each question carries
2 marks.
नोट : सभी प्रश्ोों के उत्तर र्दें । ननम्न प्रश्ोों का उत्तर 15-15 शब्ोों में र्दें । प्रत्येक प्रश् के 2 अोंक ननर्ाणररत हैं ।

Q1. अपवार्द प्रबोंर्न से आप क्या समझते हैं?


What do you understand by Management by Exception
Ans. अपवाद द्वारा प्रबंिन (एमबीई) व्वसाय प्रबंिन िी एि शैली है िो आदशश से भटिने वाले मामलों िी पहचान िरने और
उन्हें सं भालने पर िेंकद्रत है ।
यह एि सकिय दृकििोण है िो प्रबंििों िो सबसे महत्वपूणश मुद्दों पर अपना ध्यान िेंकद्रत िरने और बािी िो अपने अिीनस्थों
िो सौंपने िी अनुमकत दे ता है ।
एमबीई के प्रमुख नसद्धाोंत:
• स्पष्ट मानक और अपे क्षाएँ स्थानपत करें : प्रबंििों िो स्पि रूप से पररभाकषत िरना चाकहए कि "सामान्य" प्रदशशन क्या माना
िाता है और अपवाद क्या है । इससे िमशचाररयों िो यह समझने में मदद कमलती है कि उनसे क्या अपेक्षा िी िाती है और
उन्हें अपने प्रबंिि से मागशदशशन लेने िी आवश्यिता िब होती है।
• प्रर्दशणन की ननगरानी करें : प्रबंििों िो मानि से किसी भी कवचलन िी पहचान िरने िे कलए कनयकमत रूप से प्रदशशन डे टा
िी कनगरानी िरनी चाकहए। यह ररपोटश , डै शबोडश या िमशचाररयों िे साथ कनयकमत बैििों िे माध्यम से किया िा सिता है ।
• अपवार्दोों की जाोंच करें : िब किसी अपवाद िी पहचान िी िाती है , तो प्रबंििों िो मूल समस्या िा कनिाश रण िरने िे कलए
िारण िी िां च िरनी चाकहए। इसमें िमशचाररयों से बात िरना, प्रकियाओं िी समीक्षा िरना या डे टा िा कवश्लेषण िरना
शाकमल हो सिता है ।
• सुर्ारात्मक कारण वाई करें : यकद अपवाद महत्वपूणश है , तो प्रबंििों िो मूल समस्या िे समािान िे कलए सुिारात्मि िारश वाई
िरनी चाकहए। इसमें िमशचाररयों िो पुनः प्रकशकक्षत िरना, प्रकियाएाँ बदलना या मानिों िो अद्यतन िरना शाकमल हो सिता है ।

Q2. नकन्ही ों तीन भारतीय समाजशाखस्त्योों और उनकी प्रनसद्ध पु स्तकोों के नाम नलखखए।
Write the names of any 3 Indian sociologists and their famous books.
Ans. एम.एन. िीननवास भारतीय समाजशास्त्ी
• "दकक्षण भारत िे िूगों िे बीच िमश और समाि" (1952) यह पुस्ति भारतीय समािशास्त्र में एि मौकलि िायश है िो
"संस्कृतीिरण" िी अविारणा िी िां च िरती है , एि प्रकिया किसिे द्वारा कनचली िाकत िे समूह उच्च िाकत िे समूहों िी
सां स्कृकति प्रथाओं िो अपनाते हैं । उनिी सामाकिि द्धस्थकत में सुिार लाने िा प्रयास।
• दकक्षण भारत िे िूगों िे बीच िमश और समाि, एम.एन. द्वारा श्रीकनवास पुस्ति
एस.सी. र्दु बे भारतीय समाजशास्त्ी
• "इं कडयन कवलेि" (1955) यह पुस्ति उत्तरी भारत िे एि गााँ व िी क्लाकसि नृवंशकवज्ञान है िो गााँ व िे िीवन, सामाकिि
संरचना और सां स्कृकति प्रथाओं िा कवस्तृत कववरण प्रदान िरती है ।
घुये, गोनवोंर्द सर्दानशव भारतीय समाजशास्त्ी
• "भारत में िाकत और नस्ल" (1957) यह पुस्ति भारत में िाकत व्वस्था िा एि अग्रणी अध्ययन है िो इसिी उत्पकत्त, कविास
और सामाकिि कनकहताथों िी िांच िरती है ।

Q3. लाईसेज़ फेयर ने तृि शैली क्या है ?


Laissez Faire leadership style.
Ans. लाईसेज फेयर नेतृत्व शै ली एि ऐसी नेतृत्व शैली है किसमें नेता अपने अनुयाकययों िो अकिि स्वतंत्रता और स्व-कनयंत्रण दे ता
है । इस शै ली में , नेता स्पि लक्ष्य और कदशाकनदे श प्रदान िरते हैं , लेकिन अनुयाकययों िो उन लक्ष्यों िो प्राप्त िरने िे कलए
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अपने स्वयं िे तरीिे खोिने िी अनुमकत दे ते हैं । लाईसेज फेयर नेतृत्व शैली िो अक्सर "स्व-प्रबंिन नेतृत्व" या "कनदे शात्मि
नेतृत्व" िे रूप में भी िाना िाता है ।
लाईसेज़ फेयर ने तृि शैली के कुछ प्रमुख नसद्धाोंतोों में शानमल हैं:
• नेता अपने अनुयाकययों में कवश्वास िरते हैं । वे मानते हैं कि अनुयायी अपने स्वयं िे कनणशय ले ने और अपनी किम्मेदाररयों िो पूरा
िरने में सक्षम हैं ।
• नेता अपने अनुयाकययों िो किम्मेदारी और स्वायत्तता दे ते हैं । वे अनुयाकययों िो अपने िायों िे कलए िवाबदे ह बनाते हैं और
उन्हें अपने स्वयं िे कनणशय ले ने िी अनुमकत दे ते हैं ।
• नेता अपने अनुयाकययों िो समथशन और मागशदशशन प्रदान िरते हैं। वे अनुयाकययों िो चुनौकतयों िा सामना िरने और सफल
होने में मदद िरने िे कलए उपलब्ध रहते हैं ।

Q4. जनरनलस्ट और स्पे शनलस्ट के बीच सोंघषण के र्दो मुख्य कारर् बताएों ।
State the two main reasons behind conflict between Generalist and Specialist.
Ans. जनरनलस्ट और स्पे शनलस्ट के बीच सोंघषण के र्दो मुख्य कारर् ननम्ननलखखत हैं:
1. दृनष्टकोर् का अोंतर: िनरकलस्ट और स्पेशकलस्ट िे पास अपने िायों िे बारे में अलग-अलग दृकििोण होते हैं । िनरकलस्ट
व्ापि दृकििोण रखते हैं और कवकभन्न कवषयों िो िवर िरते हैं । स्पेशकलस्ट एि कवकशि कवषय में कवशेषज्ञ होते हैं और उस
कवषय पर गहराई से िानिारी रखते हैं । इस अंतर िे िारण दोनों िे बीच समझ और सहयोग िी िमी हो सिती है ।
2. प्रनतस्पर्ाण: िनरकलस्ट और स्पेशकलस्ट िे बीच प्रकतस्पिाश भी हो सिती है । दोनों ही अपने क्षेत्र में सवशश्रेष्ठ बनने िी इच्छा रखते
हैं । इस प्रकतस्पिाश िे िारण दोनों िे बीच तनाव और संघषश पैदा हो सिता है ।
इन र्दो कारर्ोों के अलावा, जनरनलस्ट और स्पे शनलस्ट के बीच सोंघषण के अन्य कारर् भी हो सकते हैं , जैसे नक:
• कायणस्थल की राजनीनत: िायशस्थल िी रािनीकत भी िनरकलस्ट और स्पेशकलस्ट िे बीच संघषश िा िारण बन सिती है ।
• व्यखिगत मतभेर्द: व्द्धक्तगत मतभेद भी िनरकलस्ट और स्पेशकलस्ट िे बीच संघषश िा िारण बन सिते हैं ।
िनरकलस्ट और स्पे शकलस्ट िे बीच संघषश िो िम िरने िे कलए, दोनों िो एि-दू सरे िे दृकििोण और कवशेषज्ञता िो समझने िी
िोकशश िरनी चाकहए। उन्हें एि-दू सरे िे साथ सहयोग िरने और एि-दू सरे िी ताित िा लाभ उिाने िे तरीिों िी तलाश िरनी
चाकहए।

Q5. ई-माकेनटों ग से क्या तात्पयण है ?


What is meant by e-marketing?
Ans. ई-मािेकटं ग या कडकिटल मािेकटं ग, मािेकटं ग िा वह रूप है िो इं टरनेट और अन्य कडकिटल माध्यमों िा उपयोग िरिे किया
िाता है । ई-मािेकटं ग िे माध्यम से , व्वसाय अपने उत्पादों या सेवाओं िो बढ़ावा दे ने, ग्राहिों से िुड़ने और कबिी बढ़ाने िे
कलए इं टरने ट, मोबाइल फोन, और अन्य कडकिटल प्लेटफॉमश िा उपयोग िरते हैं ।
ई-मािेकटं ग िे िई अलग-अलग प्रिार हैं , किनमें शाकमल हैं :
• वेबसाइट मािेकटं ग: वेबसाइट मािेकटं ग में वेबसाइट िी सामग्री, कडजाइन, और ऑकिमाइजेशन शाकमल है । वेबसाइट मािेकटं ग
िे माध्यम से, व्वसाय अपने उत्पादों या सेवाओं िे बारे में िानिारी प्रदान िर सिते हैं , ग्राहिों से िु ड़ सिते हैं , और कबिी
बढ़ा सिते हैं ।
• सोशल मीकडया मािेकटं ग: सोशल मीकडया मािेकटं ग में सोशल मीकडया प्लेटफॉमश , िैसे कि फेसबुि, किटर, और इं स्टाग्राम िा
उपयोग िरिे किया िाता है । सोशल मीकडया मािेकटं ग िे माध्यम से , व्वसाय अपने उत्पादों या सेवाओं िे बारे में िागरूिता
बढ़ा सिते हैं , ग्राहिों से िुड़ सिते हैं , और कबिी बढ़ा सिते हैं ।
• ईमेल मािेकटं ग: ईमे ल मािेकटं ग में ईमेल िा उपयोग िरिे किया िाता है । ईमेल मािेकटं ग िे माध्यम से , व्वसाय अपने
उत्पादों या सेवाओं िे बारे में िानिारी प्रदान िर सिते हैं , ग्राहिों िो अपडे ट रख सिते हैं , और कबिी बढ़ा सिते हैं ।
• ऑनलाइन कवज्ञापन: ऑनलाइन कवज्ञापन में इं टरने ट पर कवज्ञापनों िा उपयोग िरिे किया िाता है । ऑनलाइन कवज्ञापन िे
माध्यम से, व्वसाय अपने उत्पादों या सेवाओं िे बारे में िागरूिता बढ़ा सिते हैं , ग्राहिों िो आिकषशत िर सिते हैं , और
कबिी बढ़ा सिते हैं ।
20

Part – B
भाग – ब
Note: Attempt all questions- Answer the following questions in 50 words each- Each question
carries 5 marks
नोटः सभी प्रश्ोों के उत्तर र्दें । ननम्न प्रश्ोों का उत्तर 50-50 शब्ोों में र्दे । प्रत्येक प्रश् के 5 अोंक है ।

Q6. सरकारी सों गिन में 'पररवतणन प्रबोंर्न' की अवर्ारर्ा पर एक नटप्पर्ी करें ।
Do a comment on the concept of 'Change Management' in government organisation.
Ans. सरिारी संगिनों में पररवतशन प्रबंिन एि महत्वपूणश अविारणा है । सरिारी संगिनों िो अक्सर बदलती पररद्धस्थकतयों
और मां गों िे अनुिूल होने िी आवश्यिता होती है । पररवतशन प्रबंिन एि ऐसी प्रकिया है िो संगिनों िो सफलतापूवशि
बदलाव िो प्रबंकित िरने में मदद िरती है ।
सरकारी सों गिनोों में पररवतणन प्रबोंर्न के कुछ प्रमुख लाभोों में शानमल हैं:
• िायशक्षमता में सुिार: पररवतशन प्रबंिन संगिनों िो अपने िायों िो अकिि िुशलतापूवशि और प्रभावी ढं ग से िरने में
मदद िर सिता है ।
• नवीनता िो बढ़ावा दे ना: पररवतशन प्रबंिन संगिनों िो नए कवचारों और प्रथाओं िो अपनाने में मदद िर सिता है ।
• प्रकतस्पिाश त्मिता में सुिार: पररवतशन प्रबंिन संगिनों िो प्रकतस्पिी बािार में अकिि सफल होने में मदद िर सिता है ।
सरकारी सों गिनोों में पररवतणन प्रबोंर्न की कुछ चुनौनतयोों में शानमल हैं:
• प्रकतरोि: पररवतशन अक्सर प्रकतरोि िा सामना िरता है , खासिर िब यह मौिूदा प्रथाओं या प्रकियाओं में महत्वपूणश
बदलाव िरता है ।
• संसािनों िी िमी: पररवतशन अक्सर अकतररक्त संसािनों िी आवश्यिता होती है , िैसे कि समय, िन, और मानव शद्धक्त।
• अकनकितता: पररवतशन अक्सर अकनकितता िी द्धस्थकत पैदा िरता है , किससे िमशचाररयों और अन्य कहतिारिों में कचंता और
अशां कत हो सिती है ।

Q8. व्हील, चेन और सकणल सोंचार नेटवकण की व्याख्या करें ।


Explain wheel, chain and circle communication network.
Ans. व्हील नेटवकण
• व्हील ने टविश एि िेंद्रीिृत संचार नेटविश है किसमें सभी संचार एि िेंद्रीय हब या लीडर िे माध्यम से प्रवाकहत होते हैं ।
िेंद्रीय िेंद्र सभी कनणशय लेने और सूचना प्रसार िे कलए किम्मेदार है । नेटविश िे अन्य सभी सदस्य सेंटरल हब िे साथ
संचार िरते हैं , और वे एि दू सरे िे साथ सीिे संवाद नही ं िरते हैं।
चेन नेटवकण
• चेन नेटविश एि रै द्धखि संचार ने टविश है किसमें सूचना िमां ड िी श्रृंखला िे ऊपर और नीचे प्रवाकहत होती है । श्रृंखला
िे शीषश पर मौिूद व्द्धक्त सभी कनणशय लेने िे कलए किम्मेदार है , और िानिारी श्रृंखला िे माध्यम से नेटविश िे अन्य
सदस्यों ति प्रवाकहत होती है । श्रृंखला िा प्रत्येि सदस्य अपने ऊपर वाले व्द्धक्त और अपने नीचे वाले व्द्धक्त िे साथ
संचार िरने िे कलए किम्मेदार है ।
सनकणल नेटवकण
• सिशल नेटविश एि कविेन्द्रीिृत संचार नेटविश है किसमें नेटविश िे सभी सदस्य एि दू सरे से सीिे संवाद िरते हैं । िोई
िेंद्रीय िेंद्र या नेता नही ं है , और नेटविश िे सभी सदस्यों िे पास समान शद्धक्त और अकििार हैं ।

नेटवकण लाभ हाननयाँ


व्हील कनणशय लेने में िुशल, प्राकििार िी स्पि रे खाएाँ अत्यकिि बोझ वाला िेंद्रीय िेंद्र, रचनात्मिता और नवीनता िी
िमी
चेन अकििार िी स्पि रे खाएाँ , बनाए रखना आसान संचार िी िीमी गकत, लचीलेपन िी िमी
सकणल उच्च स्तर िी भागीदारी, रचनात्मिता और सवशसम्मकत ति पहुाँ चने में िकिनाई, कनणशय लेने में िीमी गकत
नवीनता
21

Unit -III (यूननट - III)


Section- C (सेक्शन - C)
Part – A (भाग – अ)
Note: Attempt all questions. Answer the following questions in 15 words each. Each question carries
2 marks.
नोट : सभी प्रश्ोों के उत्तर र्दें । ननम्न प्रश्ोों का उत्तर 15-15 शब्ोों में र्दें । प्रत्येक प्रश् के 2 अोंक ननर्ाणररत हैं ।

Q1. सामानजक लेखाोंकन की कोई र्दो नवशेषताएँ नलखखए?


Write any two attributes of Social Accounting?
Ans. सामानजक लेखाोंकन की र्दो प्रमुख नवशेषताएँ ननम्ननलखखत हैं:
1. व्यापक दृनष्टकोर्: सामाकिि ले खां िन िेवल एि संगिन िे कवत्तीय प्रदशशन िो मापने पर ध्यान िेंकद्रत नही ं िरता है , बद्धल्क
इसिे सामाकिि और पयाश वरणीय प्रभावों िो भी मापता है । इसमें एि संगिन िे िमशचाररयों, ग्राहिों, आपूकतशिताश ओ,ं और
समुदायों पर इसिे प्रभाव शाकमल हैं ।
2. पारर्दशी प्रनक्रया: सामाकिि ले खां िन एि पारदशी प्रकिया है किसमें सभी कहतिारिों िो शाकमल किया िाता है । एि संगिन
अपने सामाकिि और पयाश वरणीय प्रभावों िे बारे में िानिारी साझा िरने िे कलए एि पारदशी प्रणाली िा उपयोग िरता
है ।

Q2. नकसी सोंगिन में ऑनडट क्योों आवश्क है ?


Why is audit necessary in an organization ?
Ans. नकसी सोंगिन में ऑनडट आवश्क है क्योोंनक यह ननम्ननलखखत उद्दे श्ोों को प्राप्त करने में मर्दर्द करता है:
• नवत्तीय नववरर्ोों की सटीकता और ननष्पक्षता सुनननित करना: ऑकडट िा प्राथकमि उद्दे श्य कवत्तीय कववरणों िी सटीिता
और कनष्पक्षता सुकनकित िरना है । यह सुकनकित िरने िे कलए कि कवत्तीय कववरण सही हैं और उनमें किसी भी प्रिार िी
गड़बड़ी या हे राफेरी नही ं है ।
• सोंगिन की नवत्तीय खस्थनत का आकलन करना: ऑकडट संगिन िी कवत्तीय द्धस्थकत िा आिलन िरने में भी मदद िरता है ।
यह संगिन िी संपकत्त, दे नदाररयों, और आय िी द्धस्थकत िो समझने में मदद िरता है ।
• सोंगिन की र्दक्षता और प्रभावशीलता का मू ल्ाोंकन करना: ऑकडट संगिन िी दक्षता और प्रभावशीलता िा मूल्यां िन
िरने में भी मदद िरता है । यह संगिन िे संसािनों िे उपयोग िी िां च िरने में मदद िरता है और यह सुकनकित िरता है
कि वे िुशलतापूवशि और प्रभावी ढं ग से उपयोग किए िा रहे हैं ।
• सोंगिन की जवाबर्दे ही को बढावा र्दे ना: ऑकडट संगिन िी िवाबदे ही िो बढ़ावा दे ने में भी मदद िरता है । यह सुकनकित
िरने िे कलए कि संगिन अपने कवत्तीय मामलों िे कलए िनता िे प्रकत िवाबदे ह है ।

Q3. ननजी कोंपनी से क्या तात्पयण है ?


What is meant by a private company?
Ans. कनिी िंपनी एि ऐसी िंपनी है किसिा दाकयत्व सीकमत है और किसिा शेयरों िा अंतरण इसिे सदस्यों ति सीकमत है ।
ननजी कोंपनी नवशेषताएों
• र्दानयि सीनमत: कनिी िंपनी िे सदस्यों िा दाकयत्व िंपनी िी दे नदाररयों िे कलए सीकमत है । इसिा अथश है कि यकद िंपनी
कदवाकलया हो िाती है , तो सदस्यों िो िेवल अपने द्वारा कनवेश िी गई राकश ति ही किम्मेदार होना होगा।
• शेयरोों का अोंतरर्: कनिी िंपनी िे शेयरों िा अंतरण इसिे सदस्यों ति सीकमत है । इसिा अथश है कि सावशिकनि रूप से
कनवेशिों िो कनिी िंपनी िे शेयर खरीदने िी अनुमकत नही ं है ।

Q4. सरकारी ऑनडनटों ग की आवश्कता बताएों ।


State the need of government auditing.
Ans. सरिारी ऑकडकटं ग पारदकशशता, िवाबदे ही और सुशासन सुकनकित िरने में महत्वपूणश भूकमिा कनभाती है । यहां िुछ प्रमुख
िारण बताए गए हैं कि सरिारी ऑकडकटं ग क्यों आवश्यि है :
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1. पारदकशशता िो बढ़ावा दे ना:


2. िवाबदे ही सुकनकित िरना:
3. दक्षता और प्रभावशीलता में सुिार:
4. िोखािड़ी और भ्रिाचार िो रोिना:
5. सुशासन िा समथशन:
सुशासन िे कलए सरिारी ऑकडकटं ग आवश्यि है । यह पारदकशशता िो बढ़ावा दे ता है , िुल कमलािर, सरिारी ऑकडकटं ग किम्मेदार और
प्रभावी शासन सुकनकित िरने में महत्वपूणश भूकमिा कनभाती है । यह एि अकिि पारदशी, िवाबदे ह और िुशल सरिार में योगदान दे ता
है िो अपने नागररिों िे सवोत्तम कहतों िी सेवा िरती है ।

Q5. सामानजक लेखाोंकन की कोई र्दो नवशेषताएँ नलखखए?


Write any two attributes of Social Accounting?
Ans. सामानजक लेखाोंकन की र्दो नवशेषताएँ :
1. बहु-आयामीता: पारं पररि लेखां िन मुख्य रूप से किसी व्वसाय िे कवत्तीय पहलुओं पर िेंकद्रत होता है । दू सरी ओर,
सामाकिि लेखां िन, किसी व्वसाय िे कवत्तीय प्रदशशन िे साथ-साथ उसिे सामाकिि और पयाशवरणीय प्रभावों पर कवचार
िरते हुए एि व्ापि दृकििोण अपनाता है । इसिा मतलब सामुदाकयि सहभाकगता, संसािन उपयोग, िमशचारी िल्याण और
पयाश वरणीय द्धस्थरता िैसे िारिों िा मूल्यां िन िरना है ।
2. नहतर्ारक अनभनवन्यास: पारं पररि लेखां िन िे कवपरीत, िो मुख्य रूप से शेयरिारिों पर िेंकद्रत है , सामाकिि लेखां िन
िमशचाररयों, ग्राहिों, आपूकतशिताशओं, स्थानीय समुदाय और पयाश वरण सकहत सभी कहतिारिों िे कहतों पर कवचार िरता है । यह
किसी व्वसाय िी उसिे सामाकिि और पयाश वरणीय संदभश िे साथ अंतसिंबंि पर िोर दे ता है , और किम्मेदार प्रथाओं िो
प्रोत्साकहत िरता है िो न िेवल शेयरिारिों िो बद्धल्क सभी कहतिारिों िो लाभ पहुं चाते हैं ।

Part – B
भाग – ब
Note: Attempt all questions- Answer the following questions in 50 words each- Each question
carries 5 marks
नोटः सभी प्रश्ोों के उत्तर र्दें । ननम्न प्रश्ोों का उत्तर 50-50 शब्ोों में र्दे । प्रत्येक प्रश् के 5 अोंक है ।

Q6. नवत्तीय नववरर् के उद्दे श् बताएों ?


State the objectives of financial statements?
Ans. कवत्तीय कववरण कवकभन्न कहतिारिों िे कलए बहुमूल्य िानिारी प्रदान िरते हुए िई प्रमुख उद्दे श्यों िो पूरा िरते हैं :
1. नवत्तीय प्रर्दशणन और खस्थनत का सच्चा और ननष्पक्ष दृनष्टकोर्: यह प्राथकमि उद्दे श्य है , यह सुकनकित िरना कि कववरण
िंपनी िे कवत्तीय स्वास्थ्य और संचालन िे पररणामों िो सटीि रूप से दशाश ते हैं ।
2. ननर्ण य लेने में सहायता: लाभप्रदता, शोिन क्षमता और तरलता में अंतदृशकि प्रदान िरिे, कवत्तीय कववरण कनवेशिों, ले नदारों
और प्रबंिन िो संसािन आवं टन, कनवेश और भकवष् िी योिनाओं िे बारे में सूकचत कनणशय ले ने में मदद िरते हैं ।
3. नेतृि और जवाबर्दे ही का आकलन: कवत्तीय कववरण कहतिारिों िो यह आिलन िरने िी अनु मकत दे ते हैं कि प्रबंिन
ने अपने संसािनों िा उपयोग िैसे किया है और शेयरिारिों और अन्य कहतिारिों िे प्रकत अपनी किम्मेदाररयों िो िैसे
पूरा किया है ।
4. कानू नी और ननयामक आवश्कताओों के अनुपालन का माप: िंपकनयों िो कवकशि लेखां िन मानिों और कवत्तीय
ररपोकटिं ग कनयमों िा पालन िरना होगा। कवत्तीय कववरण ऐसे अनुपालन िा प्रमाण प्रदान िरते हैं ।
5. कोंपननयोों और उद्योगोों के बीच तुलना की सुनवर्ा: मानिीिृत कवत्तीय कववरण कनवेशिों और कवश्लेषिों िो एि ही
उद्योग िे भीतर या कवकभन्न उद्योगों में कवकभन्न िंपकनयों िे प्रदशश न और कवत्तीय स्वास्थ्य िी तुलना िरने में सक्षम बनाते हैं ।
6. नवत्तीय पारर्दनशणता बढाएँ : कवत्तीय िानिारी आसानी से उपलब्ध िरािर, िंपकनयााँ पारदकशशता और िवाबदे ही िो
बढ़ावा दे ती हैं , कनवेशिों, लेनदारों और अन्य कहतिारिों िे बीच कवश्वास िो बढ़ावा दे ती हैं ।
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ये उद्दे श्य कवत्तीय पाररद्धस्थकतिी तंत्र में कवत्तीय कववरणों िी महत्वपूणश भूकमिा िो उिागर िरते हैं , िो सूकचत कनणशय लेने, संसािन
आवंटन और पारदकशशता और िवाबदे ही िो बढ़ावा दे ने िे कलए महत्वपूणश िानिारी प्रदान िरते हैं ।

Q7. तुलनात्मक और सामान्य आकार के नवत्तीय नववरर् नवश्लेषर् के बीच अोंतर बताएों ?
Explain the difference between comparative and common size financial statement analysis?
Ans. तुलनात्मि और सामान्य आिार िे कवत्तीय कववरण कवश्लेषण दो अलग-अलग प्रिार िे कवत्तीय कवश्लेषण हैं िो कवत्तीय
कववरणों िा उपयोग िरिे एि िंपनी िे प्रदशशन िा आिलन िरते हैं ।
तुलनात्मि कवश्लेषण में , एि िंपनी िे कवत्तीय कववरणों िो समय िे साथ एि दू सरे िे साथ तुलना िी िाती है । यह
कवश्लेषण िंपनी िे प्रदशशन में समय िे साथ हुए पररवतशनों िो पहचानने में मदद िरता है ।
सामान्य आिार िे कवश्लेषण में , एि िंपनी िे कवत्तीय कववरणों िो किसी मानि या तुलना िे साथ तुलना िी िाती है ।
यह कवश्लेषण िंपनी िे प्रदशशन िो अन्य िंपकनयों या उद्योग िे औसत िे साथ तुलना िरने में मदद िरता है ।
तुलनात्मक नवश्लेषर् और सामान्य आकार के नवश्लेषर् के बीच के मुख्य अोंतर ननम्ननलखखत हैं:

नवशेषता तुलनात्मक नवश्लेषर् सामान्य आकार का नवश्लेषर्

तुलना का समय िे साथ एि ही िंपनी िे कवत्तीय कववरण एि िंपनी िे कवत्तीय कववरण और किसी मानि या
आर्ार तुलना िे साथ

उद्दे श् िंपनी िे प्रदशशन में समय िे साथ हुए पररवतशनों िो िंपनी िे प्रदशशन िो अन्य िंपकनयों या उद्योग िे
पहचानना औसत िे साथ तुलना िरना

उपयोनगता िंपनी िी कवत्तीय द्धस्थकत और प्रदशशन िा दीघशिाकलि िंपनी िी कवत्तीय द्धस्थकत और प्रदशशन िा अल्िाकलि
कवश्लेषण िरने िे कलए उपयुक्त कवश्लेषण िरने िे कलए उपयुक्त

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