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NAME
िद्
ु धिा
लय और िारिम्यिा
प्रतिुछिकरण
वर्षयर्तिु ज्ञान
तपष्टिा
छनबांध (Intro and conclusion)
छनबांध (Body)
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Q3. मुद्राराक्षस
Mudrārākṣasa
Ans. मुद्राराक्षस एि संस्कृत ऐकतहाकसि नाटि है , किसिा लेखन कवशाखदत्त ने किया था। इसिी रचना चौथी शताब्दी में हुई थी।
इसमें चाणक्य और चन्द्रगुप्त मौयश संबंिी ख्यात वृत्त िे आिार पर चाणक्य िी रािनीकति सफलताओं िा अपूवश कवश्लेषण
कमलता है ।
मुद्राराक्षस की कुछ प्रमुख नवशेषताएों ननम्ननलखखत हैं:
• यह एि ऐकतहाकसि नाटि है , िो चन्द्रगुप्त मौयश और चाणक्य िे िीवन पर आिाररत है ।
• यह एि रािनीकति रहस्य-रोमां च भी है , किसमें चाणक्य और राक्षस िे बीच िी रािनीकति चालबाकियों िा िीवंत कचत्रण
किया गया है ।
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• नाटििार ने चाणक्य िी रािनीकति बुद्धिमत्ता और राक्षस िे रािनीकति िुशलता िा अद् भुत कचत्रण किया है ।
• नाटि िी भाषा संस्कृत िी सुंदर और प्रभावी है ।
• नाटि ने भारतीय साकहत्य और संस्कृकत पर गहरा प्रभाव डाला है ।
Q4. मसनवी-ए-अकबर
Masnavi-e-Akbar
Ans. मसनवी-ए-अिबर अिबर िे दरबारी िकव और दाशशकनि फैजी द्वारा कलखी गई एि मसनवी है । यह एि िाकमशि और
दाशशकनि रचना है , िो इस्लाम िे कसिां तों और आदशों िा वणशन िरती है । इसे अिबर िे शासनिाल िे दौरान फारसी
साकहत्य िे कविास में एि महत्वपूणश योगदान माना िाता है ।
रचना में, फैजी ने ईश्वर, पैगंबर, िमश और मुसलमानों िे ितशव्ों पर चचाश िी है । उन्होंने इस्लाम िे कसिां तों िो एि ऐसे
दृकििोण से प्रस्तुत किया है िो सभी िमों िे लोगों िे कलए अपील िर सिता है ।
Part – B
भाग – ब
Note: Attempt all questions- Answer the following questions in 50 words each- Each question
carries 5 marks
नोटः सभी प्रश्ोों के उत्तर र्दें । ननम्न प्रश्ोों का उत्तर 50-50 शब्ोों में र्दे । प्रत्येक प्रश् के 5 अोंक है ।
• मुद्रण प्रौद्योकगिी िा कविास: मुद्रण प्रौद्योकगिी िे कविास ने ज्ञान िो व्ापि रूप से फैलाने में मदद िी। इसने
पुनिाश गरण िे कवचारों और कवचारों िे प्रसार िो भी सक्षम बनाया।
• व्ापार और वाकणज्य िा कविास: व्ापार और वाकणज्य िे कविास ने यूरोपीय लोगों िो दु कनया िे अन्य कहस्सों से संपिश
िरने िी अनुमकत दी। इसने नए कवचारों और कवचारों िे प्रसार िो भी सक्षम बनाया।
Q10. नकन उद्दे श्ोों को लेकर महात्मा गाोंर्ी ने असहयोग आों र्दोलन प्रारम्भ नकया?
With what objectives did Mahatma Gandhi launch the Non-Cooperation Movement?
Ans. असहयोग आं दोलन एि अकहं सि आं दोलन था किसिी शुरुआत महात्मा गां िी ने 1 अगस्त 1920 िो िी थी। इस
आं दोलन िा मुख्य उद्दे श्य भारत िो किकटश शासन से मुक्त िराना था। असहयोग आं दोलन भारतीय रािरीय आन्दोलन
िा एि महत्वपूणश चरण था, किसने भारत िो स्वतंत्रता िे िरीब पहुं चाया।
महात्मा गाोंर्ी ने असहयोग आों र्दोलन को ननम्ननलखखत उद्दे श्ोों को लेकर प्रारम्भ नकया:
• भारत िो किकटश शासन से मुक्त िराना: असहयोग आं दोलन िा मुख्य उद्दे श्य भारत िो किकटश शासन से मुक्त िराना
था। गां िी िी िा मानना था कि अकहं सा और सत्याग्रह िे माध्यम से भारत किकटश शासन से स्वतंत्र हो सिता है ।
• भारतीय समाि में सामाकिि और रािनीकति पररवतशन लाना: असहयोग आं दोलन ने भारतीय समाि में भी िई
महत्वपूणश पररवतशन किए। इस आं दोलन ने भारतीय िनता िो िागरूि बनाया और उन्हें सामाकिि और रािनीकति
अकििारों िे कलए संघषश िरने िे कलए प्रेररत किया।
• भारतीय रािरीय आन्दोलन िो एि नई कदशा दे ना: असहयोग आं दोलन ने भारतीय रािरीय आन्दोलन िो एि नई कदशा
दी। इस आं दोलन ने भारतीय रािरीय आन्दोलन िो अकिि व्ापि और िनव्ापी रूप कदया।
असहयोग आों र्दोलन के प्रमुख कायणक्रम ननम्ननलखखत थे :
• सरिारी स्कूलों, िॉलेिों और अदालतों िा बकहष्कार: इस िायशिम िे तहत, भारतीय िनता ने सरिारी स्कूलों,
िॉलेिों और अदालतों िा बकहष्कार किया।
• कवदे शी वस्तुओं िा बकहष्कार: इस िायशिम िे तहत, भारतीय िनता ने कवदे शी वस्तुओं िा बकहष्कार किया।
• स्वदे शी वस्तुओं िा प्रयोग: इस िायशिम िे तहत, भारतीय िनता ने स्वदे शी वस्तुओं िा प्रयोग किया।
• हररिनों िे उत्थान िे कलए िायश: इस िायशिम िे तहत, भारतीय रािरीय िां ग्रेस ने अछूतों िे उत्थान िे कलए िायश
किया।
असहयोग आं दोलन ने भारत में किकटश शासन िे द्धखलाफ एि व्ापि आं दोलन िो िन्म कदया। इस आं दोलन ने
भारतीय िनता में स्वतंत्रता िी भावना िो प्रज्वकलत किया और उन्हें किकटश शासन िे द्धखलाफ सं गकित िरने में मदद
िी। हालां कि, चौरी चौरा िां ड िे िारण गां िी िी ने असहयोग आं दोलन िो वापस ले कलया।
PART - C
भाग - स
Note: Attempt all questions- Answer the following questions in 100 words each- Each
question carries 10 marks
नोटः सभी प्रश्ोों के उत्तर र्दें । ननम्न प्रश्ोों का उत्तर 100-100 शब्ोों में र्दे । प्रत्येक प्रश् के 10 अोंक है ।
Q11. प्रजामोंडल आों र्दोलन के सामानजक एवों राजनीनतक प्रभावोों की नववेचना कीनजए ।
Discuss the social and political effects of Prajamandal movement
Ans. प्रिामंडल आं दोलन िे सामाकिि एवं रािनीकति प्रभाव
प्रिामंडल आं दोलन ने रािस्थान िे सामाकिि एवं रािनीकति िीवन में महत्वपूणश प्रभाव डाले। सामाकिि रूप से , इस
आं दोलन ने लोगों में रािनीकति चेतना और िागरूिता िो बढ़ावा कदया। इसने लोगों िो उनिे अकििारों िे बारे में
िागरूि किया और उन्हें रािनीकति भागीदारी िे कलए प्रेररत किया।
रािनीकति रूप से , इस आं दोलन ने रािस्थान में लोितंत्र िी स्थापना में महत्वपूणश भूकमिा कनभाई। इस आं दोलन ने
ररयासतों में उत्तरदायी शासन िी मां ग िो मिबूत किया। इसने ररयासतों में संकविान सभाओं िे गिन और कविान
सभाओं िी स्थापना में मदद िी।
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Q12. राजस्थानी सानहत्य में लोक सानहत्य का एक महिपूर्ण स्थान है। समझाइए
Folk literature has an important place in Rajasthani literature. Explain.
Ans. रािस्थानी साकहत्य में लोि साकहत्य िा एि महत्वपूणश स्थान है । लोि साकहत्य रािस्थान िी संस्कृकत और लोििीवन
िा दपशण है । यह रािस्थानी समाि िे कवकभन्न वगों और समुदायों िी भावनाओं , कवचारों और आिांक्षाओं िो अकभव्क्त
िरता है ।
राजस्थानी सानहत्य में लोक सानहत्य का महि ननम्ननलखखत है:
• संस्कृकत और लोििीवन िा दपशण: लोि साकहत्य रािस्थानी संस्कृकत और लोििीवन िा एि महत्वपूणश दस्तावेि है ।
यह रािस्थानी समाि िे कवकभन्न वगों और समुदायों िे िीवन, रीकत-ररवािों, परं पराओं और मान्यताओं िो दशाश ता है ।
• भाषा और साकहत्य िे कविास में योगदान: लोि साकहत्य रािस्थानी भाषा और साकहत्य िे कविास में महत्वपूणश योगदान
दे ता है । यह रािस्थानी भाषा िो समृि और कविकसत िरता है ।
• सामाकिि चेतना िा प्रसार: लोि साकहत्य सामाकिि चेतना िा प्रसार िरने में महत्वपूणश भूकमिा कनभाता है । यह लोगों
में सामाकिि न्याय, समानता और भाईचारे िी भावना िो िागृत िरता है ।
• आनंद और मनोरं िन िा सािन: लोि साकहत्य रािस्थानी लोगों िे कलए आनंद और मनोरं िन िा एि महत्वपूणश सािन
है । यह लोगों िो उनिे दै कनि िीवन िी िकिनाइयों से राहत कदलाता है ।
राजस्थानी लोक सानहत्य में नवनभन्न नवर्ाएों शानमल हैं , नजनमें लोकगीत, लोककथाएँ , लोक नाटक, लोकोखि,
कहावतें और मुहावरे आनर्द शानमल हैं। राजस्थानी लोक सानहत्य की कुछ प्रमुख रचनाएँ ननम्ननलखखत हैं:
• लोिगीत: ढोला मारू रा दू हा, वीर हम्मीर रा छं द, वीर रािौड़ रा छं द, मेवाड़ी पनघकटयााँ , गराकसया गीते , आकदवासी गीते ,
आकद।
• लोििथाएाँ : पृथ्वीराि रासो, हम्मीर रा सोरिा, बेकल िृष्ण रुिमणी री, वीर कशरोमकण महाराणा प्रताप, आकद।
• लोि नाटि: वीर हम्मीर रा नाटि, वीर बाला रा नाटि, आकद।
• लोिोद्धक्त, िहावतें और मुहावरे : सााँ झ ढले पौिा न रोकपयो, अन्नदान से भगवान प्रसन्न होते हैं , आकद।
रािस्थानी लोि साकहत्य रािस्थानी संस्कृकत और साकहत्य िा एि अमूल्य खिाना है । यह रािस्थानी लोगों िे कलए एि
महत्वपूणश कवरासत है ।
Q13. भारत के पुनजाणगरर् में स्वामी नववेकानन्द का नवनशष्ट योगर्दान क्या था?
What was the special contribution of Swami Vivekananda in the awakening of India?
Ans. स्वामी कववेिानन्द ने भारत िे पुनिाश गरण में महत्वपूणश भूकमिा कनभाई। उन्होंने भारत िो एि नई कदशा दी और
भारतीयों िो एि नई आशा दी। उनिे कवचार और प्रेरणा आि भी भारत िे लोगों िो प्रेररत िर रही हैं ।
स्वामी नववेकानन्द ने भारत के पुनजाणगरर् में ननम्ननलखखत नवनशष्ट योगर्दान नर्दए:
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• भारतीय संस्कृकत और िमश िा वैकश्वि स्तर पर प्रचार किया। स्वामी कववेिानन्द ने कशिागो िी कवश्व िमश संसद में कदए
अपने भाषण में भारतीय संस्कृकत और िमश िो कवश्व िे सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने भारतीय संस्कृकत और िमश िी
प्राचीनता, महानता और आिुकनिता िो दु कनया िे सामने पेश किया।
• भारतीय युवाओं में दे शभद्धक्त और आत्मकवश्वास िी भावना िागृत िी। स्वामी कववेिानन्द ने भारतीय युवाओं िो
िागरूि किया कि भारत एि महान दे श है और भारतीयों में अपार क्षमता है । उन्होंने युवाओं िो दे श िे कलए िाम
िरने और दे श िो महान बनाने िे कलए प्रेररत किया।
• सामाकिि सुिारों िो बढ़ावा कदया। स्वामी कववेिानन्द ने िाकत, िमश और कलंग िे आिार पर भेदभाव िे द्धखलाफ
आवाि उिाई। उन्होंने मकहलाओं िे अकििारों िो बढ़ावा कदया और सामाकिि िुरीकतयों िो दू र िरने िे कलए िाम
किया।
स्वामी नववेकानन्द के योगर्दान की कुछ प्रमुख नवशेषताएों ननम्ननलखखत हैं:
• उन्होंने भारतीय संस्कृकत और िमश िो कवश्व िे सामने प्रस्तुत किया।
• उन्होंने भारतीय युवाओं में दे शभद्धक्त और आत्मकवश्वास िी भावना िागृत िी।
• उन्होंने सामाकिि सुिारों िो बढ़ावा कदया।
स्वामी नववेकानन्द के योगर्दान से भारत में ननम्ननलखखत पररवतणन आए:
• भारतीयों में दे शभद्धक्त और आत्मकवश्वास िी भावना बढ़ी।
• सामाकिि िुरीकतयों िो दू र िरने िे कलए प्रयास किए गए।
• भारतीय संस्कृकत और िमश िो कवश्व िे सामने प्रस्तुत किया गया।
स्वामी कववेिानन्द िे योगदान िो भारत िे इकतहास में एि महत्वपूणश मील िा पत्थर माना िाता है।
Q14. फ्ाोंसीसी क्राोंनत से आप क्या समझते हैं , उन कारर्ोों और घटनाओों के बारे में बात करें नजनके कारर् फ्ाोंस में
महिपूर्ण नवकास हुआ।
What do you understand about the French Revolution, talk about the causes and events that
led to important developments in France.
Ans. फ्ां सीसी िां कत 1789 से 1799 िे बीच फ्ां स में हुई एि रािनीकति और सामाकिि िां कत थी। िां कत ने फ्ां स में एि
कनरं िुश रािशाही िो समाप्त िर कदया और एि गणतंत्र िी स्थापना िी। िां कत ने दु कनया भर में लोितंत्र और
स्वतंत्रता िी भावना िो बढ़ावा कदया।
क्राोंनत के प्रमुख कारर् थे :
• रािनीकति िारण: फ्ां स में रािशाही एि कनरं िुश व्वस्था थी। रािा िे पास असीकमत शद्धक्त थी, और वह िनता िे
कहतों िी परवाह नही ं िरता था
• फ्ां सीसी िां कत िे दौरान रािा लुई XVI
• आकथशि िारण: फ्ां स में आकथशि असमानता बहुत अकिि थी। िुलीन वगश और चचश िे पास अकििां श िन और संपकत्त
थी, िबकि आम लोग गरीबी में िी रहे थे।
• सामाकिि िारण: फ्ां स में सामाकिि असमानता भी बहुत अकिि थी। िुलीन वगश और चचश िो कवशेषाकििार प्राप्त थे ,
िबकि आम लोग उन्हें प्राप्त नही ं थे।
सां स्कृकति िारण: फ्ां स में प्रबुिता िे युग िे कवचारों िा प्रसार हो रहा था। इन कवचारों ने लोगों िो स्वतंत्रता, समानता
और बंिुत्व िे अकििारों िे कलए प्रेररत किया।
क्राोंनत के प्रमुख घटनाक्रमोों में शानमल हैं:
• 1789: तीसरे एस्टे ट ने नेशनल असेंबली िा गिन किया।
• 1789: बास्टील िी घेराबंदी और कविय।
• 1791: संकविान िी घोषणा।
• 1792: फ्ां स गणतंत्र घोकषत किया गया।
• 1793: लुई XVI िो मार डाला गया।
• 1793-94: फ्ां सीसी िांकतिारी शासन िा दमनिारी चरण, किसे "द टे रर" िहा िाता है ।
• 1794: नेपोकलयन बोनापाटश िी सत्ता में वापसी।
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क्राोंनत ने फ्ाोंस में कई महिपू र्ण पररवतण न नकए, नजनमें शानमल हैं:
• रािशाही िो समाप्त िर कदया गया और एि गणतंत्र िी स्थापना िी गई।
• मानवाकििारों िी घोषणा िारी िी गई, किसमें सभी मनुष्ों िो समान अकििारों िे कलए प्रकतबिता व्क्त िी गई।
• सामाकिि और आकथशि सुिार किए गए, किसमें चचश िी संपकत्त िो िब्त िरना और किसानों िो भूकम िा अकििार
दे ना शाकमल है ।
• फ्ां सीसी िां कत ने दु कनया भर में लोितंत्र और स्वतंत्रता िी भावना िो बढ़ावा कदया।
िां कत िा दु कनया भर िे इकतहास पर गहरा प्रभाव पड़ा। इसने यूरोप में कनरं िुश रािशाही िे पतन िो तेि किया और लोितंत्र
और स्वतंत्रता िी भावना िो बढ़ावा कदया। िां कत ने िई अन्य दे शों में िां कत और कवद्रोह िो भी प्रेररत किया।
Part – B
भाग – ब
Note: Attempt all questions- Answer the following questions in 50 words each- Each question
carries 5 marks
नोटः सभी प्रश्ोों के उत्तर र्दें । ननम्न प्रश्ोों का उत्तर 50-50 शब्ोों में र्दे । प्रत्येक प्रश् के 5 अोंक है ।
योिना िे तहत, राज्य सरिार किसानों िो कनशुल्क या िम िीमत पर उन्नत और गुणवत्तायुक्त बीि उपलब्ध िराती है ।
योिना िे तहत, किसानों िो बीि उत्पादन िे कलए भी प्रकशक्षण प्रदान किया िाता है ।
Q7. नवशेष आनथणक क्षेत्रोों से आप क्या समझते हैं ? इन क्षेत्रोों का आनथणक दृनष्ट से क्या महत्त्व है ?
What do you understand about Special Economic Zones? What significance do they have from
the economic point of view?
Ans. कवशेष आकथशि क्षेत्र (SEZ) ऐसे क्षेत्र हैं िो कवदे शी कनवेश िो आिकषशत िरने और आकथशि कविास िो बढ़ावा दे ने िे कलए
कवशेष रूप से कवकनयकमत होते हैं । वे आमतौर पर कनम्नकलद्धखत कवशेषाकििारों और छूटों िे साथ आते हैं :
• िर छूट: SEZ में द्धस्थत िंपकनयों िो आमतौर पर आयिर, उत्पादन िर, सीमा शुल्क और अन्य िरों में छूट दी िाती है ।
• लघु अवकि िे कलए भूकम पट्टे : SEZ में द्धस्थत िंपकनयों िो आमतौर पर 30 से 50 वषों िे कलए भूकम पट्टे कदए िाते हैं ।
• कवशेष व्ापार सुकविाएं : SEZ में द्धस्थत िंपकनयों िो आयात और कनयाश त िे कलए कवशेष व्ापार सुकविाएं प्रदान िी िाती हैं ।
• सरिारी सहायता: SEZ में द्धस्थत िंपकनयों िो अक्सर सरिारी सहायता, िैसे कि बुकनयादी ढां चे िे कविास और प्रकशक्षण
िायशिम, प्रदान िी िाती है ।
Q8. राजस्थान राज्य में तीव्र औद्योनगक नवकास के नलए क्या उपाय नकये जाने चानहए? अपने सु झाव र्दीनजये.
What measures should be taken for rapid industrial development in the state of Rajasthan?
Give your suggestions.
Ans. राजस्थान राज्य में तीव्र औद्योनगक नवकास के नलए ननम्ननलखखत उपाय नकए जाने चानहए:
• बुकनयादी ढां चे िा कविास: रािस्थान में औद्योकगि कविास िे कलए बुकनयादी ढां चे िा कविास आवश्यि है । इसमें सड़ि,
रे ल, हवाई, और िल पररवहन िे साथ-साथ कबिली, पानी, और संचार िैसी बुकनयादी सुकविाओं िा कविास शाकमल है ।
• पयाश वरण संरक्षण: रािस्थान में औद्योकगि कविास िे साथ-साथ पयाश वरण संरक्षण पर भी ध्यान दे ना आवश्यि है । राज्य
सरिार िो उद्योगों से होने वाले प्रदू षण िो कनयंकत्रत िरने िे कलए िदम उिाने चाकहए।
• श्रकमि िौशल कविास: रािस्थान में औद्योकगि कविास िे कलए श्रकमि िौशल कविास भी आवश्यि है । राज्य सरिार
िो श्रकमिों िो आिुकनि तिनीिों और िौशलों में प्रकशकक्षत िरने िे कलए िायशिम शुरू िरने चाकहए।
• कनवेश प्रोत्साहन: रािस्थान में कनवेश िो आिकषशत िरने िे कलए सरिार िो कनवेश प्रोत्साहन प्रदान िरने चाकहए। इसमें
िर छूट, भूकम पट्टे , और अन्य सुकविाएं शाकमल हो सिती हैं ।
इन उपायोों के अलावा, राजस्थान सरकार को ननम्ननलखखत क्षेत्रोों पर भी ध्यान र्दे ना चानहए:
• सूचना प्रौद्योकगिी: रािस्थान िो सूचना प्रौद्योकगिी (आईटी) क्षेत्र में कनवेश िो आिकषशत िरने िे कलए प्रयास िरने चाकहए।
आईटी क्षेत्र रोिगार सृिन और आकथशि कविास में महत्वपूणश भूकमिा कनभा सिता है ।
• पयशटन: रािस्थान एि पयशटन स्थल िे रूप में प्रकसि है । सरिार िो पयशटन क्षेत्र में कनवेश िो बढ़ावा दे ने िे कलए प्रयास
िरने चाकहए।
• उत्पादिता में वृद्धि: रािस्थान सरिार िो उद्योगों िी उत्पादिता में वृद्धि िे कलए िदम उिाने चाकहए। इसमें अनुसंिान
और कविास (R&D) पर कनवेश और नवीन प्रौद्योकगकियों िो अपनाना शाकमल है ।
इन उपायों िो लागू िरने से रािस्थान राज्य में तीव्र औद्योकगि कविास संभव होगा। इससे राज्य िी अथशव्वस्था मिबूत
होगी और रोिगार िे अवसर बढ़ें गे।
• भूकम िी उवशरता में सुिार: कमकश्रत फसल िृकष भूकम िी उवशरता में सुिार िर सिती है । कवकभन्न फसलें कवकभन्न पोषि
तत्वों िी आवश्यिता होती हैं , िो कमट्टी में पोषि तत्वों िे संतुलन िो बनाए रखने में मदद िरती है ।
• पोषि तत्वों िी वापसी: कमकश्रत फसल िृकष में , फसलों िे अवशे ष कमट्टी में पोषि तत्वों िो वापस िरने में मदद िरते
हैं । यह कमट्टी िी उवशरता िो बनाए रखने में मदद िरता है ।
• खरपतवार, िीटों और रोगों िी रोिथाम: कमकश्रत फसल िृकष खरपतवार, िीटों और रोगों िी रोिथाम में मदद िर
सिती है । कवकभन्न फसलें कवकभन्न खरपतवारों, िीटों और रोगों िे कलए आिषशि होती हैं । यह एि फसल िो किसी कवशेष
समस्या से प्रभाकवत होने से बचा सिता है ।
सघन फसल िृकष में , एि ही खे त में एि ही समय में अकिि फसलों िो उगाया िाता है । इस प्रणाली में , फसलों िो
आमतौर पर उन फसलों िो चु ना िाता है किनिी िल, पोषि तत्वों और अन्य आवश्यिताएं समान होती हैं । सघन फसल
िृकष िई लाभ प्रदान िरती है , किनमें शाकमल हैं :
• भूकम उपयोग में दक्षता: सघन फसल िृकष भूकम उपयोग में दक्षता िो बढ़ा सिती है । इससे भोिन उत्पादन में वृद्धि होती है ।
• आकथशि लाभ: सघन फसल िृकष किसानों िो आकथशि लाभ प्रदान िर सिती है । इससे किसानों िी आय में वृद्धि होती है ।
• रोिगार सृिन: सघन फसल िृकष रोिगार सृिन में मदद िर सिती है । इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोिगार िे अवसर बढ़ते हैं ।
हालां कि, कमकश्रत फसल िृकष और सघन फसल िृकष दोनों में िुछ चुनौकतयााँ भी हैं । कमकश्रत फसल िृकष िे कलए अकिि
श्रम और प्रबंिन िी आवश्यिता होती है । सघन फसल िृकष िे कलए अकिि पोषि तत्वों और पानी िी आवश्यिता
होती है ।
भारत में, कमकश्रत फसल िृकष और सघन फसल िृकष दोनों िा अभ्यास किया िाता है । कमकश्रत फसल िृकष िा अभ्यास
मुख्य रूप से छोटे और मध्यम किसानों द्वारा किया िाता है । सघन फसल िृकष िा अभ्यास मुख्य रूप से बड़े किसानों
और व्वसायों द्वारा किया िाता है ।
Q10. राजस्थान में स्टाटण अप क्षेत्र को गनत र्दे ने के नलए नकए गए प्रयासोों को नलखखए।
Write down the Efforts made to give momentum to the startup sector in Rajasthan.
Ans. राजस्थान सरकार ने स्टाटण अप क्षेत्र को गनत र्दे ने के नलए कई प्रयास नकए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख प्रयास
ननम्ननलखखत हैं:
• रािस्थान स्टाटश अप नीकत: रािस्थान सरिार ने वषश 2021 में रािस्थान स्टाटश अप नीकत िी घोषणा िी। इस नीकत िे तहत,
सरिार स्टाटश अप िो कवकभन्न प्रिार िी सहायता प्रदान िरती है , किसमें िर छूट, भूकम पट्टे , और प्रकशक्षण शाकमल है ।
• रािस्थान स्टाटश अप हब: रािस्थान सरिार ने राज्य में चार स्टाटश अप हब स्थाकपत किए हैं । ये स्टाटश अप हब स्टाटश अप िो
एि िगह पर कवकभन्न प्रिार िी सुकविाएं प्रदान िरते हैं , किनमें िायाश लय स्थान, ने टवकििंग अवसर, और सहायता सेवाएं
शाकमल हैं ।
• रािस्थान स्टाटश अप एक्से लेरेटर: रािस्थान सरिार ने राज्य में दो स्टाटश अप एक्सेलेरेटर िायशिम शुरू किए हैं । ये िायशिम
स्टाटश अप िो अपने व्वसाय िो कविकसत िरने में मदद िरते हैं ।
इन प्रयासों िे पररणामस्वरूप, रािस्थान में स्टाटश अप क्षेत्र में ते िी से कविास हुआ है । वषश 2022 में , रािस्थान में 3,500
से अकिि स्टाटश अप थे। इन स्टाटश अप ने राज्य में लगभग 10,000 लोगों िो रोिगार कदया है ।
राजस्थान सरकार ने स्टाटण अप क्षेत्र को गनत र्दे ने के नलए ननम्ननलखखत क्षेत्रोों पर भी ध्यान केंनद्रत नकया है:
• कशक्षा और प्रकशक्षण: रािस्थान सरिार स्टाटश अप िे कलए आवश्यि िौशलों िो कविकसत िरने िे कलए कशक्षा और
प्रकशक्षण िायशिमों िो बढ़ावा दे रही है ।
• इनक्यूबेशन और एक्सेलेरेशन: रािस्थान सरिार स्टाटश अप िो इनक्यूबेशन और एक्से लेरेशन िायश िमों ति पहुं च प्रदान
िर रही है ।
• कवत्तपोषण: रािस्थान सरिार स्टाटश अप िो कवत्तपोषण प्रदान िरने िे कलए कवकभन्न योिनाएं चला रही है ।
इन प्रयासों िे तहत, रािस्थान सरिार िा लक्ष्य रािस्थान िो स्टाटश अप िे कलए एि प्रमुख िेंद्र बनाना है ।
12
PART - C
भाग - स
Note: Attempt all questions- Answer the following questions in 100 words each- Each question
carries 10 marks
नोटः सभी प्रश्ोों के उत्तर र्दें । ननम्न प्रश्ोों का उत्तर 100-100 शब्ोों में र्दे । प्रत्येक प्रश् के 10 अोंक है ।
Q11. नवशेष आनथणक क्षेत्रोों के पक्ष और नवपक्ष में तकों को उजागर करें ।
Expose the arguments in favour and against the Special Economic Zones.
Ans. कवशेष आकथशि क्षेत्र (SEZ) ऐसे क्षेत्र हैं िो कवदे शी कनवेश िो आिकषशत िरने और आकथशि कविास िो बढ़ावा दे ने िे कलए
कवशेष रूप से कवकनयकमत होते हैं । वे आमतौर पर कनम्नकलद्धखत कवशेषाकििारों और छूटों िे साथ आते हैं :
• िर छूट: SEZ में द्धस्थत िंपकनयों िो आमतौर पर आयिर, उत्पादन िर, सीमा शुल्क और अन्य िरों में छूट दी िाती है ।
• लघु अवकि िे कलए भूकम पट्टे : SEZ में द्धस्थत िंपकनयों िो आमतौर पर 30 से 50 वषों िे कलए भूकम पट्टे कदए िाते हैं ।
• कवशेष व्ापार सुकविाएं : SEZ में द्धस्थत िंपकनयों िो आयात और कनयाश त िे कलए कवशेष व्ापार सुकविाएं प्रदान िी िाती
हैं ।
• सरिारी सहायता: SEZ में द्धस्थत िंपकनयों िो अक्सर सरिारी सहायता, िैसे कि बुकनयादी ढां चे िे कविास और प्रकशक्षण
िायशिम, प्रदान िी िाती है ।
SEZ के पक्ष में तकण ननम्ननलखखत हैं:
• कनवेश आिकषशत िरना: SEZ कवदे शी कनवेश िो आिकषशत िरने में मदद िरते हैं । वे कवदे शी िंपकनयों िो िर छूट, लघु
अवकि िे कलए भूकम पट्टे और अन्य कवशेषाकििारों िी पेशिश िरिे उन्हें भारत में कनवेश िरने िे कलए प्रोत्साकहत िरते
हैं ।
• रोिगार सृिन: SEZ रोिगार सृिन में मदद िरते हैं । वे कवदे शी िंपकनयों िो भारत में नए व्वसाय स्थाकपत िरने िे कलए
प्रोत्साकहत िरते हैं , िो नए रोिगार िे अवसर पैदा िरता है ।
• आकथशि कविास िो बढ़ावा दे ना: SEZ आकथशि कविास िो बढ़ावा दे ने में मदद िरते हैं । वे कवदे शी कनवेश और रोिगार
सृिन िो बढ़ावा दे ते हैं , िो अथशव्वस्था िो बढ़ावा दे ता है ।
SEZ के नवपक्ष में तकण ननम्ननलखखत हैं:
• अथशव्वस्था से अलगाव: SEZ अथशव्वस्था से अलगाव पैदा िर सिते हैं । वे कवदे शी िंपकनयों िो भारतीय अथशव्वस्था से
अलगाव में िाम िरने िी अनुमकत दे ते हैं , किससे भारतीय िंपकनयों िो प्रकतस्पिाश िरने में मुद्धिल हो सिती है ।
• अकनयमन: SEZ अकनयमन िे कलए खु ले हो सिते हैं । वे अक्सर पारदकशशता और िवाबदे ही िी िमी से ग्रस्त होते हैं ,
किससे भ्रिाचार और अन्य अकनयकमतताओं िा खतरा बढ़ िाता है।
• पयाश वरणीय नुिसान: SEZ पयाश वरणीय नुिसान िा िारण बन सिते हैं । वे अक्सर बड़े पैमाने पर औद्योकगि कविास िो
आिकषशत िरते हैं , िो प्रदू षण और अन्य पयाश वरणीय समस्याओं िा िारण बन सिता है ।
िुल कमलािर, SEZ िे पक्ष और कवपक्ष में तिश हैं । SEZ कवदे शी कनवेश और रोिगार सृिन िो बढ़ावा दे ने में मदद िर सिते हैं ,
लेकिन वे अथशव्वस्था से अलगाव, अकनयमन और पयाश वरणीय नु िसान िा भी िारण बन सिते हैं । SEZ िी सफलता सरिार
द्वारा उनिे प्रभावी कवकनयमन और प्रबंिन पर कनभशर िरती है ।
भारत में, SEZ िो 2000 िे दशि िी शुरुआत में शुरू किया गया था। वतशमान में , भारत में 373 SEZ हैं , िो िुल 72,000 हे क्टेयर
क्षेत्र में फैले हुए हैं । SEZ में कनवेश िा िुल मूल्य लगभग 1.5 कटर कलयन डॉलर है । SEZ ने भारत में कवदे शी कनवेश िो आिकषशत िरने
और आकथशि कविास िो बढ़ावा दे ने में महत्वपूणश भूकमिा कनभाई है ।
Q12. राजस्थान के आनथण क नवकास में मुख्य बार्ाएँ क्या हैं ? राज्य के तीव्र नवकास के नलए उपाय सुझाएों ।
What are the main obstacles in the economic development of Rajasthan? Suggest measures
for the rapid development of the state.
Ans. राजस्थान के आनथण क नवकास में मुख्य बार्ाएँ ननम्ननलखखत हैं:
• िल संिट: रािस्थान एि शुष्क राज्य है और िल संिट राज्य िे आकथशि कविास में एि प्रमुख बािा है । राज्य में कसंचाई
िे कलए पयाश प्त पानी उपलब्ध नही ं है , किससे िृकष उत्पादन में िमी आ रही है । इसिे अलावा, िल संिट औद्योकगि
कविास िो भी प्रभाकवत िर रहा है ।
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• बुकनयादी ढां चे िी िमी: रािस्थान में बुकनयादी ढां चे िी िमी एि अन्य प्रमुख बािा है । राज्य में सड़ि, रे ल, हवाई, और
िल पररवहन िे साथ-साथ कबिली, पानी, और संचार िैसी बुकनयादी सुकविाओं िी िमी है । इससे उद्योगों और व्वसायों
िो नुिसान हो रहा है ।
• बेरोिगारी: रािस्थान में बेरोिगारी एि गंभीर समस्या है । राज्य में युवाओं िी आबादी अकिि है , लेकिन रोिगार िे
अवसर सीकमत हैं । इससे सामाकिि और आकथशि अशां कत पैदा हो रही है ।
• भ्रिाचार: भ्रिाचार रािस्थान िे आकथशि कविास में एि अन्य बािा है । भ्रिाचार से कनवे श में िमी आ रही है और सरिारी
नीकतयों िा प्रभाव िम हो रहा है।
राजस्थान के तीव्र नवकास के नलए ननम्ननलखखत उपाय सुझाए जा सकते हैं :
• िल संिट िो हल िरना: राज्य सरिार िो िल संिट िो हल िरने िे कलए तत्काल िदम उिाने चाकहए। इसमें िल
संरक्षण, िल संविशन, और िल प्रबंिन िे उपायों िो अपनाना शाकमल है ।
• बुकनयादी ढां चे िा कविास िरना: राज्य सरिार िो बुकनयादी ढां चे िे कविास पर ध्यान िेंकद्रत िरना चाकहए। इसमें
सड़ि, रे ल, हवाई, और िल पररवहन िे साथ-साथ कबिली, पानी, और संचार िैसी बुकनयादी सुकविाओं िा कविास
शाकमल है ।
• बेरोिगारी िो िम िरना: राज्य सरिार िो बेरोिगारी िो िम िरने िे कलए िायशिमों िो शुरू िरना चाकहए। इसमें
िौशल कविास, उद्यकमता कविास, और रोिगार सृिन िायशिम शाकमल हैं ।
• भ्रिाचार िो रोिना: राज्य सरिार िो भ्रिाचार िो रोिने िे कलए ििोर िानू नों और कनयमों िो लागू िरना चाकहए।
इसमें भ्रिाचार िे द्धखलाफ िागरूिता बढ़ाने और भ्रिाचाररयों िो िड़ी सिा दे ने िे उपाय शाकमल हैं ।
इन उपायों िो लागू िरने से रािस्थान िे आकथशि कविास में तेिी आएगी और राज्य िी िनता िो बेहतर िीवन कमलेगा।
Q13. आत्मननभण र भारत के प्रमुख स्तों भोों की चचाण करते हुए इस अनभयान की प्रमुख चुनौनतयोों का वर्णन करें ।
By discussing the main pillars of self reliant India, describe the main challenges of this
campaign.
Ans. आत्मकनभशर भारत अकभयान भारत सरिार द्वारा शुरू किया गया एि महत्वािां क्षी िायशिम है किसिा उद्दे श्य भारत िो
एि आकथशि महाशद्धक्त िे रूप में कविकसत िरना है ।
इस अनभयान के प्रमुख स्तों भ ननम्ननलखखत हैं:
• आकथशि कविास: आत्मकनभशर भारत अकभयान िा मुख्य लक्ष्य भारत िी अथशव्वस्था िो मिबूत िरना है । इसिे कलए
सरिार कवकभन्न उपाय िर रही है , किनमें बुकनयादी ढां चे िा कविास, कनवेश आिषशण, और नवाचार िो बढ़ावा दे ना
शाकमल है ।
• तिनीिी आत्मकनभशरता: आत्मकनभशर भारत अकभयान िा एि अन्य लक्ष्य भारत िो तिनीिी रूप से आत्मकनभशर बनाना
है । इसिे कलए सरिार अनुसंिान और कविास (R&D) पर कनवेश िर रही है और स्थानीय उद्योगों िो बढ़ावा दे रही है ।
• स्वदे शी उत्पादों िो बढ़ावा दे ना: आत्मकनभशर भारत अकभयान िा उद्दे श्य स्वदे शी उत्पादों िो बढ़ावा दे ना है । इसिे कलए
सरिार स्थानीय उत्पादों पर टै ररफ में िमी िर रही है और स्वदे शी उत्पादों िे कलए कवपणन अकभयान चला रही है ।
• ग्रामीण कविास: आत्मकनभशर भारत अकभयान िा उद्दे श्य ग्रामीण भारत िे कविास िो बढ़ावा दे ना है। इसिे कलए सरिार
िृकष, ग्रामीण उद्योग, और कशक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में कनवेश िर रही है ।
आत्मननभण र भारत अनभयान एक महिाकाोंक्षी लक्ष्य है , लेनकन इसके सामने कई चुनौनतयाँ भी हैं। इन चुनौनतयोों
में ननम्ननलखखत शानमल हैं:
• बुकनयादी ढां चे िी िमी: भारत में बुकनयादी ढां चे िी िमी एि प्रमुख चुनौती है । इसिे िारण, उद्योगों और व्वसायों िो
नुिसान हो रहा है ।
• बेरोिगारी: भारत में बेरोिगारी एि गंभीर समस्या है । इससे सामाकिि और आकथशि अशां कत पैदा हो रही है ।
• भ्रिाचार: भ्रिाचार आत्मकनभशर भारत अकभयान िो बाकित िर सिता है ।
• वैकश्वि प्रकतस्पिाश : भारत िो वैकश्वि प्रकतस्पिाश िा सामना िरना पड़ रहा है । इसिे कलए भारत िो अपने उत्पादों और
सेवाओं िी गुणवत्ता में सुिार िरने िी आवश्यिता है ।
इन चुनौनतयोों को र्दूर करने के नलए सरकार को कड़े उपाय करने होोंगे। इन उपायोों में ननम्ननलखखत शानमल हैं:
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• बुकनयादी ढां चे िे कविास पर ध्यान िेंकद्रत िरना: सरिार िो बुकनयादी ढां चे िे कविास पर ध्यान िेंकद्रत िरना चाकहए।
इसमें सड़ि, रे ल, हवाई, और िल पररवहन िे साथ-साथ कबिली, पानी, और संचार िैसी बुकनयादी सुकविाओं िा कविास
शाकमल है ।
• बेरोिगारी िो िम िरने िे कलए िदम उिाना: सरिार िो बेरोिगारी िो िम िरने िे कलए िदम उिाने चाकहए।
इसमें िौशल कविास, उद्यकमता कविास, और रोिगार सृिन िायशिम शाकमल हैं ।
• भ्रिाचार िो रोिने िे कलए ििोर िानूनों और कनयमों िो लागू िरना: सरिार िो भ्रिाचार िो रोिने िे कलए ििोर
िानूनों और कनयमों िो लागू िरना चाकहए। इसमें भ्रिाचार िे द्धखलाफ िागरूिता बढ़ाने और भ्रिाचाररयों िो िड़ी
सिा दे ने िे उपाय शाकमल हैं ।
• भारतीय उत्पादों और सेवाओं िी गुणवत्ता में सुिार िरना: सरिार िो भारतीय उत्पादों और सेवाओं िी गुणवत्ता में
सुिार िरने िे कलए िदम उिाने चाकहए। इसमें अनुसंिान और कविास (R&D) पर कनवेश और नवाचार िो बढ़ावा दे ना
शाकमल है ।
इन उपायों िो लागू िरने से आत्मकनभशर भारत अकभयान िो सफल बनाने में मदद कमलेगी और भारत िो एि आकथशि महाशद्धक्त
िे रूप में कविकसत िरने में मदद कमलेगी।
भारत एि िमशकनरपेक्ष राज्य है । भारतीय संकविान में िमशकनरपेक्षता िी भावना िो िई प्राविानों िे माध्यम से प्रकतकबंकबत किया गया है ।
उदाहरण िे कलए, संकविान िे अनुच्छेद 14 में सभी नागररिों िे कलए समानता िे अकििार िी गारं टी दी गई है , किसमें िमश िे आिार
पर भेदभाव से मुद्धक्त भी शाकमल है । इसी प्रिार, संकविान िे अनुच्छेद 25 में सभी नागररिों िो अपने िमश िो मानने , आचरण िरने
और प्रचार िरने िी स्वतंत्रता प्रदान िी गई है ।
Q5. भील पुरुषोों द्वारा पहने जाने वाले प्रमुख वस्त्ोों के नाम बताइये ।
Name the main clothes worn by Bhil men.
Ans. भील पुरुषोों द्वारा पहने जाने वाले वस्त् -
(1) फेंटा - कसर पर बां िा िाने वाला लाल / पीला / िेसररया साफा
(2) खोयतू भीलों द्वारा िमर में पहने िाने वाली लंगोटी
(3) ढे पाड़ा िमर से घुटनों ति पहने िाने वाली तंग िोती
(4) पोत्या - कसर पर पहना िाने वाला सफेद साफा
Part – B
भाग – ब
Note: Attempt all questions- Answer the following questions in 50 words each- Each question
carries 5 marks
नोटः सभी प्रश्ोों के उत्तर र्दें । ननम्न प्रश्ोों का उत्तर 50-50 शब्ोों में र्दे । प्रत्येक प्रश् के 5 अोंक है ।
संस्कृकतयों िे कवचार और मूल्य अकिि व्ापि रूप से फैल रहे हैं । तीसरे पहलू यह है कि बहुरािरीय िंपकनयां और संगिन
दु कनया भर में अपने उत्पादों और सेवाओं िो बढ़ावा दे रही हैं , किससे कवकभन्न संस्कृकतयों िे लोगों िे बीच संपिश और
अकिि होता है ।
साोंस्कृनतक वै श्वीकरर् के कई सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव हैं। सकारात्मक प्रभावोों में शानमल हैं:
• अंतराश िरीय समझ और सकहष्णुता िा बढ़ावा।
• नए कवचारों और नवाचारों िा प्रसार।
• अथशव्वस्था और व्ापार िा कविास।
नकारात्मक प्रभावोों में शानमल हैं:
• स्थानीय संस्कृकतयों िा नुिसान।
• सां स्कृकति एिरूपता।
• सामाकिि और रािनीकति तनाव।
सां स्कृकति वैश्वीिरण एि िकटल प्रकिया है किसिा दु कनया भर िे लोगों िे िीवन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है । यह प्रकिया अभी
भी िारी है , और यह दे खना बािी है कि भकवष् में इसिे क्या पररणाम होंगे।
Q2. नकन्ही ों तीन भारतीय समाजशाखस्त्योों और उनकी प्रनसद्ध पु स्तकोों के नाम नलखखए।
Write the names of any 3 Indian sociologists and their famous books.
Ans. एम.एन. िीननवास भारतीय समाजशास्त्ी
• "दकक्षण भारत िे िूगों िे बीच िमश और समाि" (1952) यह पुस्ति भारतीय समािशास्त्र में एि मौकलि िायश है िो
"संस्कृतीिरण" िी अविारणा िी िां च िरती है , एि प्रकिया किसिे द्वारा कनचली िाकत िे समूह उच्च िाकत िे समूहों िी
सां स्कृकति प्रथाओं िो अपनाते हैं । उनिी सामाकिि द्धस्थकत में सुिार लाने िा प्रयास।
• दकक्षण भारत िे िूगों िे बीच िमश और समाि, एम.एन. द्वारा श्रीकनवास पुस्ति
एस.सी. र्दु बे भारतीय समाजशास्त्ी
• "इं कडयन कवलेि" (1955) यह पुस्ति उत्तरी भारत िे एि गााँ व िी क्लाकसि नृवंशकवज्ञान है िो गााँ व िे िीवन, सामाकिि
संरचना और सां स्कृकति प्रथाओं िा कवस्तृत कववरण प्रदान िरती है ।
घुये, गोनवोंर्द सर्दानशव भारतीय समाजशास्त्ी
• "भारत में िाकत और नस्ल" (1957) यह पुस्ति भारत में िाकत व्वस्था िा एि अग्रणी अध्ययन है िो इसिी उत्पकत्त, कविास
और सामाकिि कनकहताथों िी िांच िरती है ।
अपने स्वयं िे तरीिे खोिने िी अनुमकत दे ते हैं । लाईसेज फेयर नेतृत्व शैली िो अक्सर "स्व-प्रबंिन नेतृत्व" या "कनदे शात्मि
नेतृत्व" िे रूप में भी िाना िाता है ।
लाईसेज़ फेयर ने तृि शैली के कुछ प्रमुख नसद्धाोंतोों में शानमल हैं:
• नेता अपने अनुयाकययों में कवश्वास िरते हैं । वे मानते हैं कि अनुयायी अपने स्वयं िे कनणशय ले ने और अपनी किम्मेदाररयों िो पूरा
िरने में सक्षम हैं ।
• नेता अपने अनुयाकययों िो किम्मेदारी और स्वायत्तता दे ते हैं । वे अनुयाकययों िो अपने िायों िे कलए िवाबदे ह बनाते हैं और
उन्हें अपने स्वयं िे कनणशय ले ने िी अनुमकत दे ते हैं ।
• नेता अपने अनुयाकययों िो समथशन और मागशदशशन प्रदान िरते हैं। वे अनुयाकययों िो चुनौकतयों िा सामना िरने और सफल
होने में मदद िरने िे कलए उपलब्ध रहते हैं ।
Q4. जनरनलस्ट और स्पे शनलस्ट के बीच सोंघषण के र्दो मुख्य कारर् बताएों ।
State the two main reasons behind conflict between Generalist and Specialist.
Ans. जनरनलस्ट और स्पे शनलस्ट के बीच सोंघषण के र्दो मुख्य कारर् ननम्ननलखखत हैं:
1. दृनष्टकोर् का अोंतर: िनरकलस्ट और स्पेशकलस्ट िे पास अपने िायों िे बारे में अलग-अलग दृकििोण होते हैं । िनरकलस्ट
व्ापि दृकििोण रखते हैं और कवकभन्न कवषयों िो िवर िरते हैं । स्पेशकलस्ट एि कवकशि कवषय में कवशेषज्ञ होते हैं और उस
कवषय पर गहराई से िानिारी रखते हैं । इस अंतर िे िारण दोनों िे बीच समझ और सहयोग िी िमी हो सिती है ।
2. प्रनतस्पर्ाण: िनरकलस्ट और स्पेशकलस्ट िे बीच प्रकतस्पिाश भी हो सिती है । दोनों ही अपने क्षेत्र में सवशश्रेष्ठ बनने िी इच्छा रखते
हैं । इस प्रकतस्पिाश िे िारण दोनों िे बीच तनाव और संघषश पैदा हो सिता है ।
इन र्दो कारर्ोों के अलावा, जनरनलस्ट और स्पे शनलस्ट के बीच सोंघषण के अन्य कारर् भी हो सकते हैं , जैसे नक:
• कायणस्थल की राजनीनत: िायशस्थल िी रािनीकत भी िनरकलस्ट और स्पेशकलस्ट िे बीच संघषश िा िारण बन सिती है ।
• व्यखिगत मतभेर्द: व्द्धक्तगत मतभेद भी िनरकलस्ट और स्पेशकलस्ट िे बीच संघषश िा िारण बन सिते हैं ।
िनरकलस्ट और स्पे शकलस्ट िे बीच संघषश िो िम िरने िे कलए, दोनों िो एि-दू सरे िे दृकििोण और कवशेषज्ञता िो समझने िी
िोकशश िरनी चाकहए। उन्हें एि-दू सरे िे साथ सहयोग िरने और एि-दू सरे िी ताित िा लाभ उिाने िे तरीिों िी तलाश िरनी
चाकहए।
Part – B
भाग – ब
Note: Attempt all questions- Answer the following questions in 50 words each- Each question
carries 5 marks
नोटः सभी प्रश्ोों के उत्तर र्दें । ननम्न प्रश्ोों का उत्तर 50-50 शब्ोों में र्दे । प्रत्येक प्रश् के 5 अोंक है ।
Q6. सरकारी सों गिन में 'पररवतणन प्रबोंर्न' की अवर्ारर्ा पर एक नटप्पर्ी करें ।
Do a comment on the concept of 'Change Management' in government organisation.
Ans. सरिारी संगिनों में पररवतशन प्रबंिन एि महत्वपूणश अविारणा है । सरिारी संगिनों िो अक्सर बदलती पररद्धस्थकतयों
और मां गों िे अनुिूल होने िी आवश्यिता होती है । पररवतशन प्रबंिन एि ऐसी प्रकिया है िो संगिनों िो सफलतापूवशि
बदलाव िो प्रबंकित िरने में मदद िरती है ।
सरकारी सों गिनोों में पररवतणन प्रबोंर्न के कुछ प्रमुख लाभोों में शानमल हैं:
• िायशक्षमता में सुिार: पररवतशन प्रबंिन संगिनों िो अपने िायों िो अकिि िुशलतापूवशि और प्रभावी ढं ग से िरने में
मदद िर सिता है ।
• नवीनता िो बढ़ावा दे ना: पररवतशन प्रबंिन संगिनों िो नए कवचारों और प्रथाओं िो अपनाने में मदद िर सिता है ।
• प्रकतस्पिाश त्मिता में सुिार: पररवतशन प्रबंिन संगिनों िो प्रकतस्पिी बािार में अकिि सफल होने में मदद िर सिता है ।
सरकारी सों गिनोों में पररवतणन प्रबोंर्न की कुछ चुनौनतयोों में शानमल हैं:
• प्रकतरोि: पररवतशन अक्सर प्रकतरोि िा सामना िरता है , खासिर िब यह मौिूदा प्रथाओं या प्रकियाओं में महत्वपूणश
बदलाव िरता है ।
• संसािनों िी िमी: पररवतशन अक्सर अकतररक्त संसािनों िी आवश्यिता होती है , िैसे कि समय, िन, और मानव शद्धक्त।
• अकनकितता: पररवतशन अक्सर अकनकितता िी द्धस्थकत पैदा िरता है , किससे िमशचाररयों और अन्य कहतिारिों में कचंता और
अशां कत हो सिती है ।
Part – B
भाग – ब
Note: Attempt all questions- Answer the following questions in 50 words each- Each question
carries 5 marks
नोटः सभी प्रश्ोों के उत्तर र्दें । ननम्न प्रश्ोों का उत्तर 50-50 शब्ोों में र्दे । प्रत्येक प्रश् के 5 अोंक है ।
ये उद्दे श्य कवत्तीय पाररद्धस्थकतिी तंत्र में कवत्तीय कववरणों िी महत्वपूणश भूकमिा िो उिागर िरते हैं , िो सूकचत कनणशय लेने, संसािन
आवंटन और पारदकशशता और िवाबदे ही िो बढ़ावा दे ने िे कलए महत्वपूणश िानिारी प्रदान िरते हैं ।
Q7. तुलनात्मक और सामान्य आकार के नवत्तीय नववरर् नवश्लेषर् के बीच अोंतर बताएों ?
Explain the difference between comparative and common size financial statement analysis?
Ans. तुलनात्मि और सामान्य आिार िे कवत्तीय कववरण कवश्लेषण दो अलग-अलग प्रिार िे कवत्तीय कवश्लेषण हैं िो कवत्तीय
कववरणों िा उपयोग िरिे एि िंपनी िे प्रदशशन िा आिलन िरते हैं ।
तुलनात्मि कवश्लेषण में , एि िंपनी िे कवत्तीय कववरणों िो समय िे साथ एि दू सरे िे साथ तुलना िी िाती है । यह
कवश्लेषण िंपनी िे प्रदशशन में समय िे साथ हुए पररवतशनों िो पहचानने में मदद िरता है ।
सामान्य आिार िे कवश्लेषण में , एि िंपनी िे कवत्तीय कववरणों िो किसी मानि या तुलना िे साथ तुलना िी िाती है ।
यह कवश्लेषण िंपनी िे प्रदशशन िो अन्य िंपकनयों या उद्योग िे औसत िे साथ तुलना िरने में मदद िरता है ।
तुलनात्मक नवश्लेषर् और सामान्य आकार के नवश्लेषर् के बीच के मुख्य अोंतर ननम्ननलखखत हैं:
तुलना का समय िे साथ एि ही िंपनी िे कवत्तीय कववरण एि िंपनी िे कवत्तीय कववरण और किसी मानि या
आर्ार तुलना िे साथ
उद्दे श् िंपनी िे प्रदशशन में समय िे साथ हुए पररवतशनों िो िंपनी िे प्रदशशन िो अन्य िंपकनयों या उद्योग िे
पहचानना औसत िे साथ तुलना िरना
उपयोनगता िंपनी िी कवत्तीय द्धस्थकत और प्रदशशन िा दीघशिाकलि िंपनी िी कवत्तीय द्धस्थकत और प्रदशशन िा अल्िाकलि
कवश्लेषण िरने िे कलए उपयुक्त कवश्लेषण िरने िे कलए उपयुक्त