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Kabir 9
Kabir 9
शब्दार्थ -
मनिषा - मनुष्य, मानव, नर
दुर्लभ - जो मिलना मुश्किल हो, लागै - लगना
देह - शरीर , बारम्बार - बार बार
तरवर - पेड़, तरु, श्रेष्ठ पेड़
डार - डाली, शाखा
प्रश्न और अभ्यास -1
शब्दार्थ =
सोना - सुवर्ण, कुं दन, सज्जन - सतजन, साधुजन - साधना करने
वाला, टू टै - भंग होना या टू टना, जुरै - जोड़ना, सौ -100, बार -
दफा, दुर्जन - बुरे जन, असाधु, कुं भ - घड़ा, कु म्हार - मिटटी का
काम करनेवाला, एकै - एक, धक्का - धके लना, दरार - टू टना
प्रश्न और अभ्यास -2
• लाल - पुत्र
• ढूँढ़ि-ढँढ़ोरि - खोज खाजकर
• खायो – खाना
• किवार – दरवाजा
• छींके – शिक्या
• ढरकायो – गिरादेना
• ढोटा – पुत्र
प्रश्न और अभ्यास
1) लाल (कृ ष्ण )किसका माखन खाता है ?
2) किस समय कृ ष्ण माखन ढूंढ़ने या चुराने जाते
हैं ?
3) कृ ष्ण अपने सखाओं को क्या खिलाते हैं ?
4) कृ ष्ण कहाँ पर चढ़जाते हैं ?
5) कृ ष्ण थोड़ा दूध, दही खाते हैं और थोड़ो क्या
करते हैं ?
6) प्रतिदिन किस चीज की हानि होती है ?
7) ब्रजनारी किसे अनोखा कहती हैं ?
भाषा कार्य
1) संज्ञा
2) पर्यायवाची शब्द लिखिए
लाल, माखन, दिवस, किवार, पूत, अनोखा
3) तुक मिलाइए
मेरी...........
खायो............
गोरस.............