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बचेंद्रि पाल- एवरेस्ट मेरी शिखर यात्रा

प्रश्न अभ्यास
मौखिक
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए -

1. अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था?


उत्तर अग्रिम दल का नेतृत्व प्रेमचंद कर रहा था।

2. लेखिका को सागरमाथा नाम क्यों अच्छा लगा?


उत्तर लेखिका को सागरमाथा नाम अच्छा लगा क्योंकि सागर के पैर नदियाँ हैं तो सबसे ऊँ ची चोटी उसका माथा है और यह एक
फू ल की तरह दिखाई देता है, जैसे माथा हो।

3. लेखिका को ध्वज जैसा क्या लगा?


उत्तर लेखिका को एक बड़े भारी बर्फ़ का बड़ा फू ल (प्लूम) पर्वत शिखर पर लहराता हुआ ध्वज जैसा लगा।

4. हिमस्खलन से कितने लोगो की मृत्यु हुई और कितने लोग घायल हुए?


उत्तर हिमस्खलन से एक की मृत्यु हुई और चार लोग घायल हुए।

5. मृत्यु के अवसाद देखकर कर्नल खुल्लर ने क्या कहा?


उत्तर मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने कहा कि एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी
आदमी को सहज भाव से स्वीकार करना चाहिए।

6. सहायक की मृत्यु कै से हुई?


उत्तर जलवायु अनुकू ल न होने के कारण रसोई सहायक की मृत्यु हुई।

7. कैं प- चार कहाँ और कब लगाया गया?


उत्तर कैं प-चार 29 अप्रैल, 1984 को 7900 मीटर पर साउथ कोल में लगाया गया था।

8. लेखिका ने शेरपा कु ली को अपना परिचय किस तरह दिया?


उत्तर लेखिका ने शेरपा कु ली को अपना परिचय यह कह कर दिया कि वह बिल्कु ल ही नौसिखिया है और एवरेस्ट उसका पहला
अभियान है।
9. लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने उसे किन शब्दों में बधाई दी?
उत्तर लेखिका की सफलता पर बधाई देते हुए कर्नल खुल्लर ने कहा, "मैं तुम्हारी इस अनूठी उपलब्धि के लिए तुम्हारे माता-पिता को
बधाई देना चाहूँगा देश को तुम पर गर्व है और अब तुम ऐसे संसार में जाओगी जो तुम्हारे अपने पीछे छोड़े हुए संसार से एकदम भिन्न
होगा। "

लिखित
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए -

1. नजदीक से एवेरेस्ट को देखकर लेखिका को कै सा लगा?


उत्तर नजदीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका भौंचक्की रही गई। वह एवरेस्ट ल्होत्से और नुत्से की ऊँ चाइयों से घिरी बर्फ़ीली ढेढ़ी-मेढ़ी
नदी को निहारती रही।

2. डॉ मीनू मेहता ने क्या जानकारियां दीं?


उत्तर डॉ मीनू मेहता अल्मुनियम सीढ़ियों से अस्थाई पुलों का निर्माण, लट्ठों और रस्सियों का उपयोग, बर्फ की आड़ी -तिरछी दीवारों
पर रस्सियों को बाँधना और अग्रिम दाल के अभियांत्रिक कार्यो के बारे में जानकारी दी।

3. तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ़ में क्या कहा?


उत्तर तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ़ में कहा कि वह एक पर्वतीय लड़की है। उसे तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना
चाहिए।

4. लेखिका को किनके चढ़ाई करनी थी?


उत्तर लेखिका को अपने दल के साथ तथा जय और मीनू के साथ चढ़ाई करनी थी। परन्तु वे लोग पीछे रह गए थे। उनके पास भारी
बोझ था और वे बिना ऑक्सीजन के आ रहे थे। इस कारण उनकी गति कम हो गई थी। उनकी स्थिति देखकर लेखिका चिंतित थी।

5. लोपसांग ने तंबू का रास्ता कै से साफ़ किया?


उत्तर लोपसांगने अपनी स्विस छु री की सहायता से तंबू का रास्ता साफ़ किया क्योंकि तंबू के रास्ते एक बड़ा बर्फ़ पिंड गिरने से
हिमपुंज बन गया था और इससे कैं प नष्ट हो गया था, लेखिका भी उसमें दब गई थीं। इसलिए लोपसांग ने छु री से बर्फ़ काटकर
लेखिका को बाहर निकाला।

6. साउथ कोल कैं प पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी कै से शुरु की?
उत्तर साउथ कोल कैं प पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी करने के लिए खाना, कु किं ग गैस, कु छ
ऑक्सीजन सिलिंडर इकट्ठे किए, दूसरे सदस्यों की मदद के लिए, थरमसों को जूस व गरम चाय से भरने के लिए नीचे जाने का
निश्चय किया।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नो का उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -

1. उपनेता प्रेमचंद ने किन स्थितियों से अवगत कराया?


उत्तर उपनेता प्रेमचंद ने अभियान दल के सदस्यों को पहली बड़ी बाधा खुंभु हिमपात की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने यह भी
बताया कि उनके दल ने कैं प-एक (6000 मीटर),जो हिमपात के ठीक ऊपर है, वहाँ तक का रास्ता साफ़ कर दिया। उन्होंने यह
भी बताया कि पुल बना दिया गया है, रस्सियाँ बाँध दी गई हैं तथा झंडियों से रास्ते को चिह्नित कर दिया गया है। इसके साथ-साथ
बड़ी कठिनाइयों का जायजा ले लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि ग्लेशियर बर्फ़ की नदी है और बर्फ़ का गिरना जारी है। यदि
हिमपात अधिक हो गया तो अभी तक किए गए सारे काम व्यर्थ हो सकते हैं।

2. हिमपात किस तरह होता है और उससे क्या-क्या परिवर्तन आते हैं?


उत्तर बर्फ़ के खंडो का अव्यवस्थित ढंग से गिरने को हिमपात कहा जाता है। हिमपात बर्फ़ (ग्लेशियर) की नदी होती है। ग्लेशियर के
बहने से अक्सर बर्फ़ में हलचल मच जाती है। इससे बर्फ़ की बड़ी-बड़ी च़ट्टाने तत्काल गिर जाया करती हैं। अन्य कारणों से भी
अचानक खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इससे धरातल पर बड़ी चौड़ी दरारें पड़ जाती हैं।

3. लेखिका के तम्बू में गिरे बर्फ़ पिंड का वर्णन किस तरह किया गया?
उत्तर लेखिका रात 12.30 बजे अपने तम्बू में गहरी नींद में सो रही थीं तभी एक सख्त चीज़ लेखिका के सिर के पिछले हिस्से से
टकराई और वह जाग गई। एक लंबा बर्फ़ पिंड ल्होत्से ग्लेशियर से टू टकर कैं प के ऊपर आ गिरा था। उसमें अनेक हिमखंडो का पुंज
था। वह अत्यंत तेज़ गति के साथ और गर्जना के साथ गिरा था। इसने लेखिका के कैं प को नष्ट कर दिया था। इससे चोट तो सभी
को लगी पर मृत्यु किसी की भी नहीं हुई।

. How is the snow body described in the writer's tent described?

Answer: The writer was sleeping deeply in her tent at 12.30 pm when a hard
thing hit the back of the writer's head and she woke up. A long ice body
broke from the Lhotse glacier and fell on the camp. There was a pool of
many icebergs in it. He dropped with great speed and roar. This destroyed the
writer's camp. Everyone was hurt by this, but no one died.
4. लेखिका को देखकर 'की' हक्का-बक्का क्यों रह गया?
उत्तर लेखिका को देखकर 'की'हक्का बक्का रह गया क्योंकि इतनी बर्फ़ीली हवा में नीचे उतरना जोखिम भरा था फिर भी लेखिका सबके
लिए चाय व जूस लेने नीचे उतर रही थी और उसे 'की' से भी मिलना था।

5. एवेरेस्ट पर चढ़ने के लिए कितने कैं प बनाये गए? उनका वर्णन कीजिए।
उत्तर एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कु ल 6 कैं प बनाए गए थे।

1. बेस कैं प- यह मुख्य कैं प था।


2. कैं प-1 −यह कैं प 6000 मीटर की ऊँ चाई पर बनाया गया। यह हिमपात के ठीक ऊपर था। इसमें सामान जमा था।
3. कैं प-2 −यह चढ़ाई के रास्ते में था।
4. कैं प-3 −इसे ल्होत्से की बर्फ़ीली सीधी ढ़लान पर लगाया गया था। यह रंगीन नायलॉन से बना था। यहीं ल्होत्से ग्लेशियर से
टू टकर बर्फ़ पिंड कैं प पर आ गिरा था।
5. कैं प-4 −यह समुद्र तट से 7900 मीटर की ऊँ चाई पर था। साउथ कोल स्थान पर लगने के कारण साउथ कोल कैं प
कहलाया।
6. शिखर कैं प − यह अंतिम कैं प था। यह एवरेस्ट के ठीक नीचे स्थित था।

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6. चढ़ाई के समय एवरेस्ट की चोटी की स्थिति कै सी थी?


उत्तर जब लेखिका एवरेस्ट की चोटी पर पहुँची तब वहाँ तेज़ हवा के कारण बर्फ़ उड़ रही थी। एवरेस्ट की चोटी शंकु के आकार की
थी। वहाँ इतनी भी जगह नहीं थी कि दो व्यक्ति एक साथ खड़े हो सकें । चारों ओर हज़ारों मीटर लंबी सीधी ढलान थी। लेखिका के
सामने सुरक्षा का प्रश्न था। वहाँ फावड़े से बर्फ़ की खुदाई की गई ताकि स्वयं को सुरक्षित कर स्थिर किया जा सके ।

7. सम्मिलित अभियान में सहयोग एवं सहायता की भावना का परिचय बचेंद्री के किस कार्य से मिलता है।
उत्तर जब बचेंद्री अपने दल के सदस्यों के साथ साउथकोल कैं प पहुँची तो के वल वह अपने लिए नहीं सोच रही थी बल्कि अपने दल
के प्रत्येक सदस्य के लिए सोच रही थी। लेखिका ने अपने साथियों के लिए जूस और चाय लेने के लिए तेज़ बर्फ़ीली हवा में भी नीचे
उतरकर जोखिम भरा काम किया। इस व्यवहार से कार्य में उसके सहयोग और सहायता की भावना का परिचय मिलता है।

निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए -

1. एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए।
उत्तर यह कथन अभियान दल के नेता कर्नल खुल्लर का है। इन शब्दों का उल्लेख उन्होंने शेरपा कु ली की मृत्यु के समाचार के बाद
कहा था। उन्होंने सदस्यों के उत्साहवर्धन करते हुए अभियान के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को वास्तविकता से परिचित करना चाहा।
एवरेस्ट की चढ़ाई कोई आसान काम नहीं है, यह जोखिम भरा अभियान होता है। यहाँ इतने खतरे हैं कि कभी कभी मृत्यु भी हो
सकती है। इसके लिए तैयार रहना चाहिए विचलित नहीं होना चाहिए।

2. सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे-चौड़े हिम-विदर में बदल जाने का मात्र खयाल ही बहुत
डरावना था। इससे भी ज़्यादा भयानक इस बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रयास के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन
आरोहियों और कु लियों को प्रतिदिन छू ता रहेगा।
उत्तर इस कथन का आशय है कि हिमपात के कारण बर्फ़ के खंडो के दबाव से कई बार धरती के धरातल पर दरार पड़ जाती है।
यह दरार गहरी और चौड़ी होती चली जाती है और हिम विदर में बदल जाती है यह बहुत खतरनाक होते हैं और भी ज़्यादा
खतरनाक बात तब होती है जब पता रहे कि पूरे प्रयासों के बाद यह भयंकर हिमपात पर्वतारोहियों व कु लियों को परेशान करता
रहेगा ।

3. बिना उठे ही मैंने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। मैंने इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े में
लपेटा, छोटी-सी पूजा-अर्चना की और इनको बर्फ़ में दबा दिया। आनंद के इस क्षण में मुझे अपने माता-पिता का ध्यान आया।
उत्तर लेखिका एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचकर घुटनों के बल बैठ कर बर्फ़ पर अपना माथा लगाया और चुंबन किया। उसके बाद एक
लाल कपड़े में माँ दुर्गा का चित्र और हनुमान चालीसा को लपेटा और छोटी से पूजा करके बर्फ़ में दबा दिया। इस रोमांचक यात्रा के
सफलता पर वह बहुत खुश थी और सुख के क्षणों में उसने अपने माता पिता को याद किया। ।

भाषा अध्यन
1. इस पाठ में प्रयुक्त निम्नलिखित शब्दों की व्याख्या पाठ का संदर्भ देकर कीजिए −निहारा है, धसकना, खिसकना, सागरमाथा,
जायज़ा लेना, नौसिखिया
उत्तर
1. निहारा है − यह पाठ एवरेस्ट की चोटी को बचेंद्री पाल ने निहारा है।
2. धसकना-खिसकना − ये दोनों शब्द हिम-खंडो के गिरने के संदर्भ में आए हैं।
3. सागरमाथा − नेपाली एवरेस्ट चोटी को सागरमाथा कहते हैं।
4. जायज़ा लेना − यह शब्द प्रेमचंद ने कैं प के परीक्षण निरीक्षण कर स्थिति के बारे में प्रयुक्त हुआ है।
5. नौसिखिया − बचेंद्री पाल ने तेनजिंग को अपना परिचय देते हुए यह शब्द प्रयुक्त किया है।

2. निम्नलिखित पंक्तियों में उचित विराम चिह्नों का प्रयोग कीजिए −


(क) उन्होंने कहा तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए
(ख) क्या तुम भयभीत थीं
(ग) तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली बचेंद्री
उत्तर (क) उन्होंने कहा "तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए"।
(ख) क्या तुम भयभीत थीं?
(ग) तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली, बचेंद्री?

3. नीचे दिए उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्द-युग्मों का वाक्य में प्रयोग कीजिए −
उदाहरण : हमारे पास एक वॉकी-टॉकी था।
टेढ़ी-मेढ़ी
गहरे-चौड़े
आस-पास
हक्का-बक्का
इधर-उधर
लंबे-चौड़े

उत्तर
टेढ़ी-मेढ़ी − यह पगडंडी बहुत टेढ़ी-मेढ़ी है।
गहरे-चौड़े − वहाँ गहरे-चौड़े गड्ढे थे।
आस-पास − गाँव के आस-पास खेत हैं।
हक्का-बक्का −उसको वहाँ देखकर मैं हक्का-बक्का रह गया।
इधर-उधर − इधर-उधर की बातें करना बंद करो।
लंबे-चौड़े − यहाँ बहुत लंबे-चौड़े मैदान हैं।

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4. उदाहरण के अनुसार विलोम शब्द बनाइए −


उदाहरण : अनुकू ल − प्रतिकू ल
नियमित − ...................

आरोही − ...................

सुंदर − ...................

विख्यात ...................

निश्चित − ...................

उत्तर
नियमित अनियमित

आरोही − अवरोही

सुंदर − असुंदर

विख्यात अविख्यात

निश्चित − अनिश्चित

5. निम्नलिखित शब्दों में उपयुक्त उपसर्ग लगाइए −


जैसे : पुत्र − सुपुत्र
वास व्यवस्थित कू ल गति रोहण रक्षित

वास − प्रवास

व्यवस्थित − अव्यवस्थित

कू ल − प्रतिकू ल

गति − प्रगति

रोहण − आरोहण

रक्षित − आरक्षित

6. निम्नलिखित क्रिया विशेषणों का उचित प्रयोग करते हुए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए −
अगले दिन, कम समय में, कु छ देर बाद, सुबह तक
(क) मैं .............. यह कार्य कर लूँगा।
(ख) बादल घिरने के .............. ही वर्षा हो गई।
(ग) उसने बहुत ............... इतनी तरक्की कर ली।
(घ) नाङके सा को .............. गाँव जाना था।

उत्तर

(क) मैं अगले दिन यह कार्य कर लूँगा।


(ख) बादल घिरने के कु छ देर बाद ही वर्षा हो गई।
(ग) उसने बहुत कम समय में इतनी तरक्की कर ली।
(घ) नाङके सा को सुबह तक गाँव जाना था।
एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा - पठन सामग्री और सार

Class 9th: पाठ 2 - दुःख का अधिकार स्पर्श भाग-1 हिंदी


यशपाल
प्रश्न अभ्यास
मौखिक
निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए -

. किसी पोशाक देखकर हमें क्या पता चलता है?


उत्तर किसी की पोशाक को देखकर हमें समाज में उसके अधिकार और दर्जे का पता चलता है।

2. खरबूजे बेचने वाली स्त्री से कोई ख़रबूज़े क्यों नही खरीद रहा था?
उत्तर ख़रबूज़े बेचने वाली स्त्री से कोई ख़रबूज़े इसलिए नही खरीद रहा था क्योंकि वह मुँह छिपाए
सिर को घुटनो पर रख फफक-फफककर रो रही थी।

3. उस स्त्री को देखकर लेखक को कै सा लगा?


उत्तर उस स्त्री को देखकर लेखक लेखक के मन में एक व्यथा सी उठी और वो उसके रोने का कारण
जानने का उपाय सोचने लगा।

4. उस स्त्री के लड़के की मृत्यु का कारण क्या था?


उत्तर उस स्त्री के लड़के की मृत्यु खेत में पके खरबूज चुनते समय साँप के काटने से हुई ।
5. बुढ़िया को कोई भी क्यों उधार नही देता?
उत्तर बुढ़िया के परिवार में एकमात्र कमाने वाला बेटा मर गया था। ऐसे में पैसे वापस न मिलने के डर
के कारण कोई उसे उधार नही देता।

लिखित

(क) निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में ) लिखिए -

1. मनुष्य के जीवन में पोशाक का क्या महत्व है ?


उत्तर: मनुष्य के जीवन में पोशाक मात्र एक शरीर ढकने का साधन नही है बल्कि समाज में उसका
दर्जा निश्चित करती है। पोशाक से मनुष्य की हैसियत, पद तथा समाज में उसके स्थान का पता
चलता है। पोशाक मनुष्य के व्यक्तित्व को निखारती है। जब हम किसी से मिलते हैं, तो पहले उसकी
पोशाक से प्रभावित होते हैं तथा उसके व्यक्तित्व का अंदाज़ा लगाते हैं। पोशाक जितनी प्रभावशाली
होगी, उतने अधिक लोग प्रभावित होगें।

2. पोशाक हमारे हमारे लिए कब बंधन और अड़चन बन जाती है ?


उत्तर :पोशाक हमारे लिए बंधन और अड़चन तब बन जाती है जब हम अपने से कम दर्ज़े या कम पैसे
वाले व्यक्ति के साथ उसके दुख बाँटने की इच्छा रखते हैं। लेकिन उसे छोटा समझकर उससे बात करने
में संकोच करते हैं और उसके साथ सहानुभूति तक प्रकट नहीं कर पाते हैं।

3. लेखक उस स्त्री के रोने का कारण क्यों नही जान पाया?


उत्तर: लेखक की पोशाक रोने का कारण जान पाने की बीच अड़चन थी। वह फु टपाथ पर बैठकर उससे
पूछ नही सकता था। इससे उसके प्रतिष्ठा को ठे स पहुँचती। इस वजह से वह उस स्त्री के रोने का कारण
नही जान पाया।

4. भगवाना अपने परिवार का निर्वाह कै से करता था?


उत्तर :भगवाना शहर के पास डेढ़ बीघा ज़मीन में कछियारी करके परिवार का निर्वाह करता था।

5. लड़के के मृत्यु के दूसरे ही दिन बुढ़िया खरबूजे बेचने क्यों चल पड़ी?


उत्तर: बुढ़िया बहुत गरीब थी। लड़के की मृत्यु पर घर में जो कु छ था सब कु छ खर्च हो गया। लड़के के
छोटे -छोटे बच्चे भूख से परेशान थे, बहू को तेज़ बुखार था। ईलाज के लिए भी पैसा नहीं था। इन्हीं सब
कारणों से वह दूसरे ही दिन खरबूज़े बेचने चल दी।
6. बुढ़िया के दुःख को देखकर लेखक को अपने पड़ोस की संभ्रांत महिला की याद क्यों आई?
उत्तर: लेखक को बुढ़िया के दुःख को देखकर अपने पड़ोस की संभ्रांत महिला की याद इसलिए आई
क्योंकि उसके बेटे का भी देहांत हुआ था। वह दोनों के दुखों के तुलना करना चाहता था। दोनों के शोक
मानाने का ढंग अलग था। धनी परिवार के होने की वजह से वह उसके पास शोक मनाने को असीमित
समय था और बुढ़िया के पास शोक का अधिकार नही था।

(ख) निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों में ) लिखिए -

1. बाजार के लोग खरबूजे बेचने वाली स्त्री के बारे में क्या-क्या कह रहे थे? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: बाज़ार के लोग खरबूज़ेबेचने वाली स्त्री के बारे में तरह-तरह की बातें कह रहे थे। कोई घृणा से
थूककर बेहया कह रहा था, कोई उसकी नीयत को दोष दे रहा था, कोई कमीनी, कोई रोटी के टु कड़े पर
जान देने वाली कहता, कोई कहता इसके लिए रिश्तों का कोई मतलब नहीं है , परचून वाला लाला कह
रहा था, इनके लिए अगर मरने-जीने का कोई मतलब नही है तो दुसरो का धर्म ईमान क्यों ख़राब कर
रही है।

2. पास पड़ोस की दूकान से पूछने पर लेखक को क्या पता चला?


उत्तर: पास पड़ोस की दूकान से पूछने पर लेखक को पता चला कि बुढ़िया का जवान बेटा सांप के काटने
से मर गया है। वह परिवार में एकमात्र कमाने वाला था। उसके घर का सारा सामान बेटे को बचाने में
खर्च हो गया। घर में दो पोते भूख से बिलख रहे थे। इसलिए वो खरबूजे बेचने बाजार आई है।

3. लड़के को बचाने के लिए बुढ़िया ने क्या- क्या उपाय किए ?


उत्तर: लड़के के मृत्यु होने पर बुढ़िया पागल सी हो गयी। वह जो कर सकती थी उसने किया। वह ओझा
को बुला लायी झाड़ना-फूं कना हुआ। नागदेवता की पूजा भी हुई। घर में जितना अनाज था दान दक्षिणा
में समाप्त हो गया। परन्तु उसका बेटा बच न सका।

4. लेखक ने बुढ़िया के दुःख का अंदाजा कै से लगाया?


उत्तर :लेखक उस पुत्र-वियोगिनी के दु:ख का अंदाज़ा लगाने के लिए पिछले साल अपने पड़ोस में पुत्र की
मृत्यु से दु:खी माता की बात सोचने लगा जिसके पास दु:ख प्रकट करने का अधिकार तथा अवसर दोनों
था परन्तु यह बुढ़िया तो इतनी असहाय थी कि वह ठीक से अपने पुत्र की मृत्यु का शोक भी नहीं मना
सकती थी।
5. इस पाठ का शीर्षक 'दु:ख का अधिकार' कहाँ तक सार्थक है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: इस पाठ का शीर्षक 'दु:ख का अधिकार' पूरी तरह से सार्थक सिद्ध होता है क्योंकि यह अभिव्यक्त
करता है कि दु:ख प्रकट करने का अधिकार व्यक्ति की परिस्थिति के अनुसार होता है। यद्यपि दु:ख का
अधिकार सभी को है। गरीब बुढ़िया और संभ्रांत महिला दोनों का दुख एक समान ही था। दोनों के पुत्रों की
मृत्यु हो गई थी परन्तु संभ्रांत महिला के पास सहूलियतें थीं, समय था। इसलिए वह दु:ख मना सकी
परन्तु बुढ़िया गरीब थी, भूख से बिलखते बच्चों के लिए पैसा कमाने के लिए निकलना था। उसके पास
न सहूलियतें थीं न समय। वह दु:ख न मना सकी। उसे दु:ख मनाने का अधिकार नहीं था। इसलिए
शीर्षक पूरी तरह सार्थक प्रतीत होता है।

पृष्ठ संख्या: 18
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए -
1.जैसे वायु की लहरें कटी हुई पतंग को सहसा भूमि पर नहीं गिर जाने देतीं उसी तरह खास
परिस्थितियों में हमारी पोशाक हमें झुक सकने से रोके रहती है।
उत्तर :यहाँ लेखक ने पोशाक की तुलना वायु की लहरों से की है। जिस प्रकार पतंग के कट जाने पर
वायु की लहरें उसे कु छ समय के लिए उड़ाती रहती हैं, एकाएक धरती से टकराने नही देतीं ठीक उसी
प्रकार किन्हीं ख़ास परिस्थतियों में पोशाक हमें नीचे झुकने से रोकती हैं।

2. इनके लिए बेटा-बेटी, खसम-लुगाई,धर्म-ईमान सब रोटी का टु कड़ा है।


उत्तर: इस वाक्य में गरीबी पर चोट की गयी है। गरीबों को कमाने के लिए रोज घर से निकलना पड़ता
है । परन्तु लोग कहते हैं उनके लिए रिश्ते-नाते कोई मायने नही रखते हैं। वे सिर्फ पैसों के गुलाम होते हैं।
रोटी कमाना उनके लिए सबसे बड़ी बात होती है।

3. शोक करने, गम मनाने के लिए भी सहूलियत चाहिए और… दुखी होने का भी एक अधिकार होता है।
उत्तर: शोक करने, गम मनाने के लिए सहूलियत चाहिए। यह व्यंग्य अमीरी पर है क्योंकि अमीर लोगों
के पास दुख मनाने का समय और सुविधा दोनों होती हैं। इसके लिए वह दु:ख मनाने का दिखावा भी कर
पाता है और उसे अपना अधिकार समझता है। जबकि गरीब विवश होता है। वह रोज़ी रोटी कमाने की
उलझन में ही लगा रहता है। उसके पास दु:ख मनाने का न तो समय होता है और न ही सुविधा होती है।
इसलिए उसे दु:ख का अधिकार भी नहीं होता है।

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