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COSMOS CASTLE INTERNATIONAL SCHOOL GREEN CAMPUS

WORKSHEET
Class : IX SUB : HINDI (B) (सॊचमन)CHAPTER : 1
गगल्ऱू _ महादे वी दे वी

1. सोनजुही में ऱगी ऩीऱी कऱी को दे ख ऱेखखका के मन में कौन-से ववचार उमड़ने ऱगे?
उत्तर:- सोनजह
ु ी की भनभोहक ऩीरी को दे खकय रेखखका को विचाय आमा कक िह छोटा जीि गगल्रू की माद आई जो रता
रता की सघन हयीततभा भें तछऩकय फैठ जाता था। उनके कॊधे ऩय कूदकय उन्हें चौका दे ता था I इस सभम रेखखका
सोनजूही की कलर को खोजती थी औय आज उस रघप्र
ु ाण गगल्रू को खीजती हैं I

2. ऩाठ के आधार ऩर कौए को एक साथ समादररत और अनादररत प्राणी क्यों कहा गया है ?
उत्तर:- कौआ फड़ा विगचत्र प्राणी है । इसका कबी आदय ककमा जाता है तो कबी अनादय। श्राद्ध भें रोग कौए को आदय से
फर
ु ाते हैं। ऐसा भाना जाता है कक वऩत ृ ऩऺ भें हभाये ऩयु खे हभसे कुछ ऩाने के लरए कौए फनकय ही आते हैं। इसका
अनादय इसलरए ककमा जाता है , क्मोंकक काॉि-काॉि कयके हभाया लसय खा जाते हैं। इसकी कककश िाणी ककसी को नहीॊ बाती।

3. गगऱहरी के घायऱ बच्चे का उऩचार ककस प्रकार ककया गया?


उत्तर:- रेखखका गगरहयी के घामर फच्चे को उठाकय अऩने कभये भें रे गई। रुई से उसका खून ऩोंछकय उसके घािों ऩय
भयहभ रगामा। उसकी बख
ू लभटाने के लरए रुई की फत्ती से उसे दध
ू वऩराने की कोलशश की गई I कई घॊटे के उऩचाय के
फाद िह उसके भॉह
ु भें ऩानी टऩकाने भें सपर हुई। तीन ददन भें िह स्िस्थ हो गमा।

4. ऱेखखका का ध्यान आकवषित करने के लऱए गगल्ऱू क्या करता था?


उत्तर:- रेखखका का ध्मान आकवषकत कयने के लरए गगल्रू उनके ऩैयों के ऩास आकय खेरता कपय सयक से ऩयदे ऩय चढ़ जाता
औय कपय उसी तेजी से उतयता। उसका मह दौड़ने का क्रभ तफ तक चरता जफ तक रेखखका उसे ऩकड़ने के लरए न
दौड़ती।

5. गगल्ऱू को मक्
ु त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लऱए ऱेखखका ने क्या उऩाय ककया?

उत्तर:- गगल्रू को भक्


ु त कयने की आिश्मकता इसलरए ऩड़ी क्मोंकक िह उसका ऩहरा फसॊत था। फाहय की गगरहरयमाॉ
खखड़की की जारी के ऩास आकय गचक-गचक कयती । उस सभम गगल्रू जारी के ऩास आकय फैठ जाता था औय उन्हें
तनहायता यहता था। तफ रेखखका ने उसकी बािना को सभझा कक िह अऩने सागथमों से लभरना चाहता है I इसलरए उसे
भक्
ु त कयने की आिश्मकता को सभझकय रेखखका ने जारी का कोना खोर ददमा ताकक इस भागक से गगल्रू आ-जा सके।

6. गगल्ऱू ककन अथों में ऩररचाररका की भलू मका ननभा रहा था?
उत्तर:- एक फाय रेखखका भोटय-दघ
ु ट
क ना भें घामर होकय कुछ ददन तक अस्ऩतार भें यही। अस्ऩतार से घय आने ऩय गगल्रू
ने उनकी सेिा की। िह रेखखका के तककए के लसयहाने फैठकय अऩने नन्हे -नन्हे ऩॊजों से उनके लसय औय फारों को इतने
हौरे-हौरे सहराता यहता कक उसका िहाॉ से हटना रेखखका को ककसी ऩरयचारयका के हटने के सभान रगता। इस प्रकाय
रेखखका की अस्िस्थता भें गगल्रू ने ऩरयचारयका की बलू भका तनबाई।

7. गगल्ऱू को ककन चेष्टाओं से यह आभास लमऱने ऱगा था कक अब उसका अंत समय समीऩ है ?
उत्तर:- जफ गगल्रू का अॊत सभम आमा तो उसने खाना-ऩीना छोड़ ददमा। िह घय से फाहय बी नहीॊ गमा। गगल्रू अऩने
अॊततभ सभम भें झूरे से उतयकय रेखखका के बफस्तय ऩय तनश्चेष्ट रेट गमा। उसके ऩॊजे ऩयू ी तयह ठॊ डे ऩड़ चुके थे। िह यात
बय रेखखका की ऊॉगरी ऩकड़ें यहा इसकी इन चेष्टाओॊ को दे खकय आबास हुआ कक उसका अॊत सभम सभीऩ है ।
8. ‘प्रभात की प्रथम ककरण के स्ऩर्ि के साथ ही वह ककसी और जीवन में जागने के लऱए सो गया’ – का आर्य स्ऩष्ट
कीजजए।
उत्तर:- इस कथन का आशम है कक प्रात् कारीन सम
ू क की ककयणों के साथ ही गगल्रू ने अऩना शयीय त्माग ददमा। ककसी
अन्म जीिन भें जन्भ रेने के लरए उसने अऩने प्राण छोड़ ददए।

9. सोनजुही की ऱता के नीचे बनी गगल्ऱू की समागध से ऱेखखका के मन में ककस ववश्वास का जन्म होता है ?
उत्तर:- सोनजुही की रता गगल्रू को फहुत ऩसॊद थी इसा कायन गगल्रू की सभागध िहाॉ फनाई गई I इस सभागध को दे खकय
रेखखका के भन भें इस विश्िास का जन्भ होता था कक एक ददन गगल्रू जूही के छोटे से ऩत्ते के प ऩ भें अिश्म खखरेगा
औय िह कपय से उसे अऩने आस-ऩास अनब
ु ि कय ऩाएगी। मह विश्िास उन्हें सॊतोष दे ता था।

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